राष्ट्रीय
.jpg)
-संजय कुमार
पटना. दिल्ली से दो दिवसीय दौरे के बाद पटना लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार विधान परिषद के लिए 12 सदस्यों के जल्द ही मनोनयन के बयान दिए जाने के बाद बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि उन्हें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि परिषद की जिस कोटे की सीट हो उसी कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य मनोनीत किए जाने चाहिए. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि अगर कोई कृषि सलाहकार है तो उसे कृषि क्षेत्र से जो वैज्ञानिक सलाहकार है उसे विज्ञान के क्षेत्र से और कला के पारखी को कला के क्षेत्र से मनोनीत किया जाना चाहिए.
इस मामले में केवल और केवल राजनीति कर रही है
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो कि दूसरे कैटेगरी के लोगों में किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि का मनोनयन हो. प्रेमचन्द मिश्र ने कहा कि न्यस्यालय ने कर्नाटक के संदर्भ में हाल ही में यह आदेश दिया है कि मनोनीत सदस्यों को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए. कांग्रेस के राज्यपाल से इस अनुरोध के बाद जदयू ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि बिहार विधान परिषद में मनोनयन को लेकर सरकार उचित फैसला लेगी. लेकिन कांग्रेस इस मामले में केवल और केवल राजनीति कर रही है.
किन लोगों का मनोनयन होता था
राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस को अपना इतिहास याद रखना चाहिए, क्योंकि उसके शासनकाल में ही बड़े पैमाने पर इस तरह के नियमों की अवहेलना की गई है. भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि इस तरह का सवाल खड़े करने वाले लोगों को अपनी पृष्ठभूमि को नहीं भूलना चाहिए कि उनके शासनकाल में किस आधार पर और किन लोगों का मनोनयन होता था.