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नई दिल्ली, 2 फरवरी | कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए विपक्ष ने हंगामा कर मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही दूसरी बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया। राज्यसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 10.30 बजे फिर से शुरू होने के बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को पूर्वाह्न 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
संसद में स्थगन नोटिस खारिज होने के बाद विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया और बाद में सदन में लौटने के बाद सभापति के आसन के पास नारेबाजी की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "विपक्ष को सभापति के फैसले को मानना चाहिए।" इसके बाद सदन को पूर्वाह्न 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कृषि कानूनों पर विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज कर दिया।
सभापति ने कहा, "कल (बुधवार) राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच चल रही बातचीत पर चर्चा की जा सकती है।"
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, द्रमुक के टी. शिवा, बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्दार्थ, माकपा के ई. करीम ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष ने राज्यसभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए। यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही।"
विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की है। इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था।
शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया था। (आईएएनएस)