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अदानी मामला: निर्मला सीतारमण ने कहा- भारत की छवि पर नहीं पड़ेगा असर
05-Feb-2023 12:34 PM
अदानी मामला: निर्मला सीतारमण ने कहा- भारत की छवि पर नहीं पड़ेगा असर

नई दिल्ली, 5 फरवरी ।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अदानी मामले पर शेयर बाज़ार में मची हलचल को देखते हुए निवेशकों को भरोसा दिलाने की फिर कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्र' नियामक अपना काम कर रहे हैं उन पर सरकार का कोई दबाव नहीं है और इस मामले से भारत की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि बाज़ार अच्छी तरह से रेगुलेट हों, इसके लिए नियामकों को जो उचित लगे उन्हें वो करने के लिए कहा गया है.

निर्मला सीतारमण ने ये बातें शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहीं जिसे लगभग हर अख़बार में प्रमुखता से जगह दी गई है. ये प्रेस कांफ्रेंस बजट के बाद की चर्चा को लेकर रखी गई थी.

अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ वित्त मंत्री से अदानी मामले के भारत की छवि पर संभावित प्रभाव को लेकर सवाल पूछा गया था.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले दो दिनों में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर बढ़ा है. उन्होंने कहा, "ऐसे में आर्थिक बुनियाद और देश की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एफ़पीओ और विदेशी निवेश आते और चले जाते हैं. ये उतार-चढ़ाव हर बाज़ार में होते रहते हैं."

"हक़ीकत ये है कि पिछले कुछ दिनों में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर बढ़ा है. भारत की अंदरूनी मजबूती को लेकर बनी धारणा पर इस मामले का कोई असर नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "नियामक अपना काम करेंगे. आरबीआई ने पहले ही बयान दे दिया है. इससे पहले बैंक और एलआईसी भी सामने आये थे और बताया था कि अदानी समूह में उनका कितना कर्ज़ और निवेश है. पिछले हफ़्ते एक व्यापार समहू (अदानी समूह) के स्टॉक्स में असामान्य बदलाव देखा गया है. ऐसे में सेबी मार्केट के कुशल और व्यवस्थित संचालन को बनाए रखना चाहता है और इसके लिए अच्छी तरह से परिभाषित सार्वजनिक निगरानी का तरीक़ा अपनाया जा रहा है."

अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अदानी समूह के शेयर में काफ़ी गिरावट आई है. इस रिपोर्ट में अदानी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक से छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए थे.

अदानी समूह को भारतीय बैंकों से मिले कर्ज़ को लेकर भी चिंता जताई जा रही है. हालांकि, आरबीआई और स्टेट बैंक ने आश्वस्त किया है कि कर्ज़ निर्धारित सीमा के तहत ही दिया गया है.

वहीं, विपक्ष इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की लगातार मांग कर रहा है. इस बीच वित्त मंत्री ने दो बार इस मामले पर बयान दिया है. (bbc.com/hindi)


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