सामान्य ज्ञान

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस
08-Sep-2020 12:27 PM
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण (एनएलएमए) देश भर में हर वर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (आईएलडी) मनाता है।  निरक्षरता उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों ने यूनेस्को सहित पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित करना शुरु कर दिया है। इस समस्या पर विचार करने के लिए 8 सितंबर 1965 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर शिक्षा मंत्रियों की वल्र्ड कांग्रेस का आयोजन किया गया था। तब से यूनेस्को ने नवंबर 1966 में हुए अपने 14वें सत्र में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रुप में मनाने का ऐलान किया।

पिछले 40 वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के जरिए यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है कि साक्षरता मानवाधिकार और हर प्रकार से सीखने का आधार है। अशिक्षा के खिलाफ किए जा रहे प्रयासों के बारे में लोगों का नजरिया बदलने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के आयोजन की आवश्यकता है। यूएनडीपी की मानव विकास रिपोर्ट-2003 के मुताबिक दुनियाभर में 879 मिलियन वयस्कों के अशिक्षित होने का अनुमान है और इनमें से एक तिहाई महिलाएं हैं।

आजादी के बाद से ही अशिक्षा उन्मूलन भारत सरकार  का राष्ट्रीय चिंता का विषय रहा है। शिक्षित समाज सामाजिक और आर्थिक विकास का जरूरी आधार है। पिछले दशक के दौरान अशिक्षितों की संख्या में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है। हालांकि आजादी के बाद से ही अशिक्षा उनमूलन के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए फिर भी देश में अशिक्षतों की तादाद बहुत ज्यादा है और लोगों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए चिंता का विषय है। 
 


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