सामान्य ज्ञान

वैश्विक धरोहर समिति , संयुक्त राष्टï्र का हिस्सा है, जो यह तय करती है कि यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज यानी विश्व विरासत की श्रेणी में दुनिया के किन देशों के स्थलों को शामिल किया जाए। इन स्थलों में प्राकृतिक स्थलों के अलावा स्थापत्य कला, अभयारण्य, लोकप्रिय स्थल जिनमें पौराणिक स्थल भी शामिल हैं, आदि शामिल होते हैं।
इस साल यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज की सूची में शामिल करने के लिए विभिन्न देशों द्वारा मुहैया कराए गए 32 स्थलों के नामों पर ब्राजील में 25 जुलाई से तीन अगस्त तक विचार करेगी। समिति के 34वें सत्र में वैश्विक धरोहर सम्मेलन में 35 देशों के प्रस्तुतिकरण को देखा जाएगा। इस वर्ष विश्व धरोहर की सूची में 32 नए स्थलों के अभिलेख शामिल किए गए हैं।
वैश्विक धरोहर समिति संयुक्त राष्ट्र के 1972 के सम्मेलन का एक हिस्सा है। इसके सदस्य 21 देशों के प्रतिनिधि होते हैं, जो छह साल के लिए चुने जाते हैं।
ईशावास्योपनिषद
ईशावास्योपनिषद शुक्ल यजुर्वेद का चालीसवां अध्याय है। ईशावास्योपनिषद को उपनिषद श्रृंखला में इसे प्रथम स्थान प्राप्त है। इस उपनिषद में ईश्वर के गुणों का वर्णन है, अधर्म त्याग का उपदेश है। सभी कालों में सत्कार्मों को करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। परमेश्वर के अतिसूक्ष्म स्वरूप का वर्णन इस उपनिषद में दिया गया है। सभी प्राणियों में आत्मा को परमात्मा का अंश जानकर अंहिसा की शिक्षा दी गयी है। समाधि द्वारा परमेश्वर को अपने अन्त:करण में जानने और शरीर की नश्वरता का उल्लेख किया गया है।