सामान्य ज्ञान

विभीषण
18-Dec-2021 10:45 AM
विभीषण

कैकसी के गर्भ से विश्रवा ऋषि के तीन पुत्र उत्पन्न हुए- रावण, कुंभकर्ण और विभीषण। रावण और कुंभकर्ण तो बड़े दुष्टकर्मा राक्षस थे, किंतु विभीषण बड़ा धार्मिक और न्यायप्रिय था। उसने रावण के हर अनुचित कार्य का विरोध किया। सीता-हरण के बाद सीता राम को लौटा देने की सलाह इसने अनेक बार दी। रावण हनुमान का वध करना चाहता था। दूत का वध नहीं किया जाता, यह परामर्श भी विभीषण ने ही दिया था। राम के संबंध में अन्य राक्षसों से भिन्न मत रखने के कारण रावण ने भरी सभा में उसे अपमानित किया और लात मारी। इस पर विभीषण लंका छोडक़र राम की शरण में आ गए। राम-रावण युद्घ में विभीषण ही राम का प्रमुख परामर्शदाता था। उसके दूत रावण की सेना के गुप्त समाचार लाया करते थे। रावण की मृत्यु के बाद राम के समझाने पर विभीषण ने रावण का अंतिम संस्कार किया। राम ने अयोध्या पहुंचने पर विभीषण का राज्याभिषेक करने के लिए लक्ष्मण को लंका भेजा था। उसके बाद लंका के अधिपति के रूप में विभीषण ने सपरिवार अयोध्या आकर राम के राज्याभिषेक में भाग लिया।

विभीषण यद्यपि राम-भक्त था, किंतु लंका पर आए संकट के समय उसने अपने देश का साथ नहीं दिया। इसलिए साहित्य में और बोलचाल में भी विभीषण शब्द अच्छे के लिए प्रयुक्त नहीं होता। इस बारे में एक कहावत भी है- घर का भेदी लंका ढाये।


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