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रायपुर, 13 सितम्बर। छत्तीसगढ़ व्यापमं की 18 सितम्बर को ली जाने वाली छत्तीगसढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET-22) के लिए अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी एडमिट कार्ड 3 लिंकों के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।
इनमें लिंक http://slcm.cgstate.gov.in/VyapamAdmit/ तथा http://online.cgstate.gov.in/VyapamAdmit/ और http://exam.cgstate.gov.in/VyapamAdmit/ हैं। ये लिंक मुख्य कार्यपालन अधिकारी छत्तीसगढ़ इनफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स), जनसंपर्क संचालनालय तथा संचालक एन.सी.ई.आर.टी. शंकर नगर रायपुर के वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इस परीक्षा में करीब 4.5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है।
रायपुर, 13 सितंबर। सीएम बघेल ने अपने पूर्वजों को आदिवासी कहे जाने पर कहा कि कोई न कोई पूर्वज रहा होगा, अच्छी बात है। इससे पहले मंत्री कवासी लखमा ने मंगलवार को सुबह राजधानी में बघेल के पूर्वजों के आदिवासी होने की बात कही थी।
सीएम ने रायगढ़ में शाम को कहा कि सभी के पूर्वज कभी न कभी आदिवासी थे। अच्छी बात है।
रायपुर, 13 सितंबर। प्रदेश में भारी वर्षा का क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन देखा जा रहा है। अब तक बस्तर संभाग में भारी बारिश होती रही है। कल बुधवार से इसके उत्तर छत्तीसगढ़ में रहने की संभावना है। यह बदलाव मानसून द्रोणिका के कारण होना बताया गया है।
वेदर बुलेटिन के मुताबिक चिन्हित निम्न दाब का क्षेत्र मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, निम्न दाब के केंद्र, पेंड्रा रोड, जमशेदपुर, दीघा, और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक मध्य समुद्र तल पर स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर- पश्चिम अरब सागर से उत्तर बांग्लादेश तक उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए 4.5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। इससे प्रदेश में कल 14 सितंबर को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने और एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा भी होने की संभावना है।
प्रदेश में भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे.
हाल ही में कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मंज़ूर हुई थी, और उनकी रिहाई होने वाली थी लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जेल विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें अभी भी जेल में ही रहना होगा.
डीजी जेल पीआरओ संतोष वर्मा ने पीटीआई को बताया, "कप्पन जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनसे जुड़ा एक मामला अभी भी लंबित है और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच कर रहा है."
बीबीसी संवाददाता अनंत झणाणे ने सिद्दीक कप्पन के वकील मोहम्मद धनीश से बात की.
धनीश का कहना है कि कप्पन के ख़िलाफ पीएमएलए से जुड़े इस मामले में उन्होंने पहले ही बेल के लिए अर्ज़ी डाल दी थी. इसकी सुनवाई 19 सितंबर को होनी तय थी लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत के बाद उन्होंने सुनवाई की तारीख़ पहले करने की अपील की गई.
आज ही इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी.
सोमवार को लखनऊ की कोर्ट ने कप्पन की रिहाई का आदेश जारी किया था. कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ़्तार किया था, जब वो हाथरस में एक दलित लड़की के कथित बलात्कार और हत्या को कवर करने के लिए जा रहे थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस का आरोप है कि सिद्दीक़ कप्पन को पाँच अक्तूबर, 2020 को पॉपुलर फ़्रंट ऑफ इंडिया (पीएफ़आई) के तीन सदस्यों के साथ गिरफ़्तार किया गया था, जो उनके साथ यात्रा कर रहे थे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अनुरोध मिश्रा ने कप्पन की रिहाई का आदेश देते हुए उन्हें एक-एक लाख रुपये की ज़मानत और इतनी ही राशि का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया था.
कपन्न पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), ग़ैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. (bbc.com/hindi)
बीजेपी के नबान्न मार्च के दौरान कई जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई है.
पुलिस की गाड़ी में भी आग लगाने की घटना सामने आई है. वहीं दूसरी ओर अभियान के खिलाफ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.
बीजेपी के नबान्न चलो मार्च के दौरान हुए हंगामे पर सवाल उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने पूछा है कि ये बीजेपी कार्यकर्ता हैं या कोई हुड़दंगी?
सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्विटर पर मार्च का एक वीडियो शेयर करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने लिखा, ''सरकारी संपत्ति को नष्ट करना और नुकसान पहुंचाना, पुलिस कर्मियों पर हमला करना, अराजकता पैदा करना और राज्य भर में शांति भंग करना - बीजेपी की आज की गतिविधियां, जिसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया.''
''हम इस तरह के अपमानजनक व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं!''
नबान्न मार्च क्यों था?
वहीं बंगाल बीजेपी ने वाटर कैनन और पुलिस की कार्रवाई को बर्बर बताते हुए लिखा, '' पुलिस की बर्बरता और वाटर कैनन को नज़रअंदाज़ करते हुए बीजेपी भ्रष्टाचार के विरोध में कोलकाता की सड़कों पर उतरी है.''
सड़क पर बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को अलग-थलग करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और टियर गैस के गोलों का इस्तेमाल किया था.
प्रदर्शनकारियों पर मार्च के दौरान पत्थरबाज़ी और हंगामा करने के आरोप हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और लॉकेट चटर्जी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है.
बीजेपी का नबान्न अभियान
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मंगलवार को भाजपा के नवान्न यानी राज्य सचिवालय अभियान को ध्यान में रखते हुए सचिवालय और उसके आसपास पांच किलोमीटर का दायरा पुलिस छावनी में बदल गया है. (bbc.com/hindi)
बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
वीडियो में नीतीश सरकार के मंत्री अपने विभाग के अधिकारियों को चोर और खुद को उनका सरदार बता रहे हैं.
कैमूर में एक सभा में उन्होंने किसानों के बीच यह बात कही.
सुधाकर सिंह ने कहा, ‘‘डेढ़ दो सौ करोड़ रुपये खा जाता है बीज निगम वाला. कोई ऐसा हमारे (कृषि) विभाग में अंग नहीं है जो चोरी न करता हो. तो इन चोरों का मैं सरदार हूं. अब सरदार ही तो कहलाऊंगा. जब चोरी हो रही है तो हम उसके सरदार हुए. तो आप कम से कम पुतला फूंकते रहेंगे तो मुझे याद रहेगा कि किसान नाराज़ हैं मुझसे. अगर खोखले बन जाएंगे तो लगेगा सब ठीक चल रहा है.’’
उन्होंने कहा, लोहियाजी ठीक कहकर गए थे कि जब संसद आवारा हो जाए तो जनता को सड़कों पर उतरना चाहिए. आप भी सड़कों पर उतरा कीजिए.
उन्होंने किसानों से कहा, ‘‘आप बाकायदा टाइम-टाइम पर सड़क पर उतरते रहेंगे तो... मैं ही अकेले सरकार नहीं हूं, मेरे ऊपर भी बहुत लोग हैं, तो जब आप सब मिलकर बोलेंगे तभी उन लोगों के कान में आवाज़ जाएगी, जो कान में तेल डालकर बैठे हुए हैं.’’ (bbc.com/hindi)
भाजपा के नबान्न अभियान के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और लॉकेट चटर्जी समेत कई बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए हैं. उन्हें पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. ये सभी लोग रैली में हिस्सा लेने जा रहे थे.
रैली स्थल पर पहुँचने से पहले इन सभी लोगों को हुगली ब्रिज पर ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
भाजपा कार्यकर्ताओं की कई जगह पुलिस वालों के साथ झड़प हुई है, फ़िलहाल किसी के घायल होने की सूचना नहीं.
शुभेंदु अधिकारी ने धमकी दी है कि वे सरकार के रवैया के ख़िलाफ़ अदालत जाएंगे. कोलकाता में आज एक तरफ़ बारिश हो रही है और दूसरी तरफ़ बीजेपी का ये अभियान चल रहा है. इससे शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
बीजेपी का नबान्न अभियान
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मंगलवार को भाजपा के नवान्न यानी राज्य सचिवालय अभियान को ध्यान में रखते हुए सचिवालय और उसके आसपास पांच किलोमीटर का दायरा पुलिस छावनी में बदल गया है.
सुरक्षा के लिए दूसरे जिलों से अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाए गए हैं. हावड़ा और कोलकाता से सचिवालय की ओर जाने वाले तमाम रास्तों पर बैरिकेड लगा दिए गए हैं. हावड़ा और विद्यासागर सेतु पर भी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के अहमदाबाद में बीजेपी की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी डर के मारे अपने विरोधियों को झूठे मामलों में फंसा रही है और उन्हें छापेमारी की धमकी देती है.
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो राज्य को भ्रष्टाचार और भयमुक्त सरकार देंगे.
अहमदाबाद में केजरीवाल ने क्या-क्या कहा-
- हमारा सीएम, हमारा कोई मंत्री, हमारा या किसी और पार्टी का विधायक सांसद हो, किसी को भ्रष्टाचार नहीं करने देंगे.
- अगर कोई भ्रष्टाचार करेगा तो सीधा जेल जाएगा, बख्शेंगे नहीं, सीधे जेल भेजेंगे. चाहे वो हमारी पार्टी से हों या दूसरी पार्टी के.
- सरकार का एक-एक पैसा जनता के ऊपर खर्च किया जाएगा. जनता के पैसों की चोरी बंद की होगी. गुजरात का कोई पैसा स्विस बैंकों और अरबपतियों के खातों में नहीं जाएगा.
- आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हर व्यक्ति का हर काम बिना रिश्वत दिए होगा. ऐसी व्यवस्था करेंगे कि आपको दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
- दिल्ली में सरकारी काम कराने के लिए किसी को पैसे नहीं देने पड़ते. डोर स्टेप डिलीवरी सर्विस चलती है. सरकारी ऑफिस से एक आदमी आप के घर आकर आपका काम करके जाता है. जो दिल्ली में किया वही गुजरात में लागू करेंगे.
- नेताओं मंत्रियों के जो काले धंधे चल रहे हैं गुजरात में वो सारे काले धंधे बंद किए जाएंगे.
- गुजरात में बिक रही जहरीली शराब और ड्रग्स की तस्करी बंद होगी.
- पेपर लीक होने का सिलसिला बंद करेंगे. बीते 10 साल में जितने पेपर लीक हुए हैं, उनके जितने मास्टरमाइंड सरकार में और बाहर बैठे हैं उन्हें पकड़कर जेल में डालेंगे, किसी को छोड़ेंगे नहीं.
- गुजरात में जितने घोटाले पिछली सरकार में हुए हैं उसका सारा पैसा उनसे वसूला जाएगा. घोटालों की जांच की जाएगी.
- अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है. दो महीने बाद चुनाव होंगे, जिसमें भाजपा सरकार जा रही और आम आदमी पार्टी सत्ता में आ रही है.''(bbc.com/hindi)
मुंबई, 13 सितम्बर | विदेशी निवेशकों के मजबूत प्रवाह और मैक्रो मापदंडों में सुधार के कारण बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों क्रमश: 60,000 और 18,000 के ऊपर बंद हुए।
बंद होने पर सेंसेक्स 455.95 अंक या 0.76 प्रतिशत ऊपर 60,572.08 पर और निफ्टी 133.70 अंक या 0.75 प्रतिशत ऊपर 18,070.05 पर बंद हुआ। लगभग 1,865 शेयरों में तेजी आई, 1,632 शेयरों में गिरावट आई और 103 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स पर बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, टाइटन और बजाज फाइनेंस प्रमुख लाभ में रहे। बीएसई लार्जकैप 0.70 फीसदी, बीएसई मिडकैप 0.32 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप 0.24 फीसदी ऊपर बंद हुआ।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा, "मजबूत वैश्विक संकेतों और एफआईआई लिवाली की गति के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। पिछले एक या दो महीने में स्थानीय शेयरों में एफआईआई की वापसी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट ने जोश बढ़ाया है। यदि अमेरिकी मुद्रास्फीति के स्तर में कुछ नरमी दिखाई देती है, तो बाजार को और मजबूती मिल सकती है।"
सेक्टरों में मेटल, बैंक, कैपिटल गुड्स और एफएमसीजी इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी आई, जबकि ऑयल एंड गैस और रियल्टी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
अटकलों के बीच एशियाई इक्विटी ने जोखिम वाली संपत्तियों में वैश्विक रैली को बढ़ाया मंगलवार का अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य डेटा उन दांवों का समर्थन करेगा कि मुद्रास्फीति चरम पर है। (आईएएनएस)|
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को रायगढ़ जिले के ग्राम नंदेली में शहीद नंदकुमार पटेल एवं दिनेश पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। बघेल ने समाधि स्थल शांति बगिया में श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
तेलंगाना के सिंकदराबाद में मंगलवार की सुबह एक भीषण हादसा हो गया. यहां पर इलेक्ट्रिक स्कूटर शोरूम में लगी आग में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी यह सबसे घातक घटना है. सिंकदराबाद के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर शोरूम में स्कूटर चार्ज करते समय शॉट सर्किट होने से आग लग गई और धीरे-धीरे पूरी इमारत लपटों में घिर गई. आग शोरूम से शुरू हो कर ऊपर की मंजिलों की ओर फैल गई. शोरूम के ऊपर एक होटल है जहां करीब 25 मेहमान रुके हुए थे. कई मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि लोग आग से बचने के लिए बिल्डिंग से कूद गए.
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक, "ऐसा प्रतीत होता है कि होटल की चारों मंजिलों में 23 कमरे हैं. धुंआ नीचे से ऊपर की मंजिल तक सीढ़ियों से होकर गया. कुछ लोग जो पहली और दूसरी मंजिल पर सो रहे थे, घने धुएं के कारण गलियारे में आ गए और दम घुटने के कारण उनकी मृत्यु हो गई."
आनंद ने बताया कि घायलों को शहर के गांधी अस्पताल और आसपास के अन्य निजी अस्पतालों में ले जाया गया. पुलिस के मुताबिक होटल में रुके मेहमान दूसरे शहरों के रहने वाले थे और वे बिजनेस के सिलसिले में शहर आए थे.
प्रधानमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
हादसे के बाद तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने कहा है कि दमकल विभाग की टीमों ने होटल से लोगों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश की लेकिन भारी धुएं के कारण लोगों की मौत हो गई. राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.
जानलेवा क्यों बन रहे ई-स्कूटर्स
इसी साल देश के अलग-अलग हिस्सों से इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की छिटपुट घटनाएं सामने आई थी. लेकिन सिंकदराबाद में जिस तरह की घटना हुई है उतनी बड़ी घटना अब तक नहीं हुई थी.
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की इच्छुक है और वह इसे प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में शामिल करना चाहती है. हाल की घटनाओं के लिए दोषपूर्ण बैटरी सेल और बैटरी मॉड्यूल को मुख्य कारण माना गया था.
इसी साल मार्च में भारत सरकार ने ई-स्कूटर में आग लगने के बाद सुरक्षा चिंताओं पर एक जांच शुरू की थी.
आग की घटनाएं बढ़ीं
ई-स्कूटर में आग लगने की घटना तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी हो चुकी है. 21 साल के व्यक्ति जब दफ्तर से ई-स्कूटर पर सवार हो कर घर लौट रहे थे तब उन्होंने अपनी गाड़ी से धुआं निकलता देखा. उन्होंने तुरंत ही गाड़ी रोक दी और वह देखते ही देखते जलने लगी.
इसके कुछ दिनों बाद पुणे में भी एक ई-स्कूटर में आग लगने का मामला सामने आया था. वहां ओला के ई-स्कूटर में आग लग गई थी. पार्क किए गए ओला एस1 प्रो स्कूटर में बाहरी हस्तक्षेप के बिना आग लग गई थी. जिससे ग्राहकों के मन में ई-स्कूटरों की सुरक्षा को लेकर शंकाएं पैदा हो गई. ओला के इस स्कूटर में आग लगने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.
ई-स्कूटर में बार-बार आग लगने की घटनाओं पर जानकार सबसे पहले इसके लिए बैट्री को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैट्री ही ऐसा हिस्सा है जहां आग लग सकती है. इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है. वे सुझाव देते हैं कि लीथियम आयन बैट्री वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की इजाजत होने चाहिए. साथ ही जानकार कहते हैं कि गाड़ी चलाने के तुरंत बाद उसे चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए.
भारत सरकार चाहती है कि 2030 तक कुल दोपहिया वाहनों का हिस्सा ई-स्कूटर और ई-बाइक 80 फीसदी बने जो फिल्हाल लगभग दो प्रतिशत ही है. (dw.com)
ज्ञानवापी मामले में अदालत ने हिंदू पक्ष की अपील सुनने के लिए हामी भरी है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति इतनी गर्मा गई है जिससे कहा जा रहा है कि यह मामला भी बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद की दिशा में बढ़ता नजर आ रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
ज्ञानवापी मामले में सोमवार 12 सितंबर को बनारस की एक निचली अदालत का जो फैसला आया वो सिर्फ इस सवाल पर था कि हिंदू पक्ष द्वारा दायर की गई अपील सुनवाई के लायक है या नहीं. हिंदू पक्ष की अपील है कि उसे मस्जिद के परिसर में श्रृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति दी जाए.
अदालत का इस अपील को सुनवाई के लायक बताना इस पर सुनवाई करने के लिए हामी भरने तक ही सीमित है. अपील मानी या जाएगी या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं आया है. इस सवाल पर अब सुनवाई और जिरह होगी और उसके बाद फैसला आएगा.
हिंदू पक्ष की अन्य मांगें
लेकिन सोमवार के फैसले के बाद मामले पर राजनीति गर्मा गई है. हिंदू पक्ष ने इसके बाद मस्जिद परिसर में और भी बड़े स्तर पर पूजा करने के लिए अदालत से अनुमति मांगने की बात कही है तो मुस्लिम नेता इस मामले में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद के हश्र की आहट देख रहे हैं.
फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने पत्रकारों को बताया कि इसके बाद वो मस्जिद के वजुखाने में मिले कथित शिवलिंग की आराधना करने की भी अदालत से अनुमति मांगेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में छपे जैन के बयान के मुताबिक, "वजुखाने में मिला शिवलिंग अदालत द्वारा कराए गए सर्वेक्षण से पहले अदृश्य था. लेकिन अब जब वह दिखाई दे रहा है तो हम उसकी आराधना करने के अधिकार की भी मांग करेंगे."
जैन ने यह भी कहा कि यह 'शिवलिंग' उन देवी-देवताओं में से है जिनका जिक्र हिंदू पक्ष ने अपनी अपील में अदृश्य देवी-देवताओं के रूप में किया था. अप्रैल 2022 में सिविल न्यायाधीश ने मस्जिद के अंदर एक वीडियो सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और उसी में वजुखाने के पानी के नीचे एक फव्वारा-नुमा चीज दिखाई दी थी जिसे हिंदू पक्ष तब से शिवलिंग बताता आया है.
बाबरी की राह पर?
इतना ही नहीं, अखबार के मुताबिक जैन ने यह भी कहा है कि वो इस 'शिवलिंग' के अर्घ को खोजने के लिए मस्जिद की दीवार गिराने की भी अदालत से अनुमति मांगेंगे. इसके अलावा 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग की भी अनुमति मांगी जाएगी जिससे उसकी उम्र का पता लगाया जा सके.
मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. विश्व हिंदू परिषद् ने अदालत के फैसले को "संतोषजनक" बताते हुए कहा है कि इससे "ज्ञानवापी मंदिर मुक्ति की पहली बाधा पार" हो गई है.
हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में रिव्यू याचिका दायर करेगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले को निराशाजनक बताया.
बोर्ड के महासचिव खालिद सैफुल्ला रहमानी ने एक बयान जारी कर फैसले को "निराशाजनक और दुखदायी" बताया और कहा है कि इससे "देश की एकता प्रभावित" होगी.
सांसद और एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस फैसले पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह मामला भी उसी दिशा में बढ़ रहा है जिसमें बाबरी मामला बढ़ा था. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम पक्ष फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जरूर जाएगा. (dw.com)
इस माह 160 करोड़ अधिक देने होंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 सितंबर। एनटीपीसी के आयातित कोयले के प्रयोग के कारण विद्युत की खरीदी में डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है। इससे आने वाले दिनों में वेरिएबल कॉस्ट के तहत घरेलू बिजली भी महंगी हो सकती है। इसके लिए विद्युत कंपनी को नियामक आयोग से अनुमति लेनी होगी।
छत्तीसगढ़ पावर वितरण कंपनी के एमडी मनोज खरे ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ को एनटीपीसी के पॉवर प्लांट से मिलने वाली बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी हुई है। आमतौर पर हर महीने चार सौ से साढ़े चार सौ करोड़ रुपये बिल आता था, लेकिन इस बार 610 करोड़ रुपये बिल आया है। यह राशि बिजली की खपत पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की बिजली दरों में वृद्धि की एक प्रमुख वजह आयातित कोयले का उपयोग करना भी है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी एनटीपीसी की बिजली महंगी हुई है।
एक आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि ताप विद्युत केन्द्रों को पर्याप्त मात्रा में घरेलू कोयला उपलब्ध नहीं होने के कारण, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिकतम 15 प्रतिशत की मात्रा तक विदेश से आयात कोयले का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, और अपेक्षा की गई है कि कुल जरूरत का 9 प्रतिशत कोयला आयात किया जाए।
बताया गया है कि माह जून 2022 से एनटीपीसी द्वारा कुछ पावर प्लान्टों में 10 से 15 प्रतिशत तक आयातित कोयला का उपयोग किया जा रहा है। आयातित कोयले की दर घरेलू कोयले की दर के मुकाबले 4 से 6 गुना अधिक है। इस कारण आयातित कोयले से उत्पादित विद्युत की दर भी 4 से 6 गुणा अधिक होती है।
एनटीपीसी द्वारा कोरबा में स्थित ताप विद्युत संयंत्रों की अपेक्षा नॉन पिटहेड संयंत्र जैसे मौदा, खरगोन, गाडरवारा, सोलापुर इत्यादि में आयातित कोयले के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।
माह जनवरी से मार्च तक एनटीपीसी संयंत्रों से क्रय जा रही विद्युत की केवल उर्जा प्रभार की औसत दर 1.97 रूपये प्रति यूनिट थी जो जून से अगस्त के मध्य औसत 2.78 रूपये प्रति यूनिट हो गयी है। इस प्रकार 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
बताया गया है कि दर में वृद्धि के फलस्वरूप एनटीपीसी को प्रति माह लगभग 120 करोड़ रूपये न्यूनतम अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। इसके फलस्वरूप उपभोक्ताओं पर लगभग 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से व्हीसीएस चार्जेस अधिरोपित हो रहे है।
चाय बागान इलाकों की आदिवासी युवतियों को बेहतर जीवन के सपने दिखा कर उनको दिल्ली और मुंबई समेत तमाम महानगरों में ले जाकर बंधुआ मजदूर बनाने या फिर कई मामलों में उनको बेच देने के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
पूर्वोत्तर राज्य असम मानव तस्करी के लिए कुख्यात रहा है. खासकर चाय बागान इलाकों की आदिवासी युवतियों को बेहतर जीवन के सपने दिखा कर उनको दिल्ली और मुंबई समेत तमाम महानगरों में ले जाकर बंधुआ मजदूर बनाने या फिर कई मामलों में उनको बेच देने के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं. बीते दो साल यानी कोरोना के दौर में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, असम में बीते साल मानव तस्करी के 203 मामले दर्ज किए थे. इस मामले में राज्य महाराष्ट्र और तेलंगाना के बाद तीसरे नंबर पर रहा. बीते साल राज्य में कुल 460 लोग मानव तस्करी के शिकार हुए. राज्य में बीते साल मई से इस साल अगस्त के दौरान मानव तस्करी के 174 मामले दर्ज किए गए हैं.
मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार अब एक नया कानून बनाने पर विचार कर रही है.
यहां इस बात का जिक्र जरूरी है कि पड़ोसी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने मानव तस्करी रोकने और घरेलू सहायक या सहायिकाओं को शोषण से बचाने के लिए चार साल पहले उनको ट्रेड यूनियन का अधिकार दिया था. बंगाल भी महिलाओं और बच्चों की तस्करी से काफी हद तक प्रभावित है.
प्रस्तावित कानून
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विधानसभा में कहा, "घरेलू सहायक या सहायिका के रूप में काम करने वालों की सुरक्षा के लिए नया कानून लाया जाएगा. इससे उन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और मानव तस्करी के मामलों में कमी आएगी. उनका कहना था कि इस कानून के अमल में आने के बाद एक बार जब कानून विधानसभा में पेश किया जाएगा, तो राज्य में घरेलू नौकरों को रोजगार देने वाले परिवारों को पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे परिवारों को क्या करें और क्या नहीं करें, की एक सूची का भी पालन करना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, "लोगों में आम धारणा है कि मानव तस्करी तभी होती है जब एक बच्चे, किशोर या किशोरी को दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है. लेकिन किसी को को उसके घर से दूर ले जाने की स्थिति में भी उसके मानव तस्करी की चपेट में आने का अंदेशा हो सकता है भले ही वह जगह राज्य की सीमा के भीतर ही क्यों नहीं हो. लेकिन ऐसे मामलों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता."
सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित कानून के मुताबिक, घरेलू नौकर के नियोक्ता उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होंगे. लोगों के लिए स्थानीय पुलिस में ऐसे घरेलू सहायकों का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा ताकि ऐसे लोगों के हितों पर पर निगाह रखी जा सके.
तेजी से बढ़ते मामले
मानव तस्करी के लिए बदनाम रहे असम में कोरोना के दौर में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, असम में वर्ष 2018 में मानव तस्करी के 308 मामले दर्ज किए गए. तब यह राज्य महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर था. वर्ष 2019 में यह संख्या घट कर 201 हो गई. लेकिन तब भी असम देश में तीसरे नंबर पर रहा था. वर्ष 2020 में असम में मानव तस्करी के 124 मामले दर्ज किए गए थे जिनमें 177 लोग मानव तस्करी के शिकार हुए. उसी वर्ष 157 व्यक्तियों को बचाया गया.
लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक, असम में बीते साल मानव तस्करी के 203 मामले दर्ज किए थे. इस मामले में राज्य महाराष्ट्र और तेलंगाना के बाद तीसरे नंबर पर रहा. बीते साल राज्य में कुल 460 लोग मानव तस्करी के शिकार हुए. आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश पीड़ितों को घरेलू काम और बेहतर जिंदगी का लालच देकर तस्करी का शिकार बनाया गया.
कम उम्र के शिकार
मार्च 2013 में कैलाश सत्यार्थी के गैर-सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अकेले असम के लखीमपुर जिले से ही चार सौ से ज्यादा किशोरियां मानव तस्करी के शिकार हो चुकी हैं. तब संसद में इस रिपोर्ट पर भारी हंगामा हुआ था.
असम के कोकराझार में मानव तस्करी रोकने की दिशा में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन निदान फाउंडेशन अध्यक्ष दिगंबर नारजरी बताते हैं, "खासकर किशोरों की मानव तस्करी के मामले वर्ष 2020 की राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान भी जारी रही. हमने उस वर्ष के दौरान कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ी के सिर्फ चार जिलों में बाल तस्करी के 144 मामले दर्ज किए थे. बीते साल यानी वर्ष 2021 में अकेले बोडोलैंड इलाके के चार जिलों में बाल तस्करी के कुल 156 मामले दर्ज किए गए. अगर पूरे राज्य के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो भयावह तस्वीर उभरेगी."
उनके मुताबिक, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के दौरान काम के लिए राज्य से बाहर रहने वाले हजारों लोगों की वापसी, महामारी के कारण स्कूलों का लंबे समय तक बंद रहना और दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेजों में सीटों की कमी भी इस मामले में वृद्धि की वजह हो सकती है.
कलकत्ता विश्वविद्यालय की महिला अध्ययन शोध केंद्र की निदेशक रहीं डा. ईशिता मुखर्जी कहती हैं, "पश्चिम बंगाल मानव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय रूट पर स्थित है. यहां कई घरेलू व अंतरराष्ट्रीय गिरोह इस धंधे में सक्रिय हैं. इसके अलावा पड़ोसी देशों की सीमा से सटा होना भी इसकी एक प्रमुख वजह है. बंगाल से सटे होने की वजह से पूर्वोत्तर राज्य भी खासकर महिलाओं की तस्करी से परेशान हैं." उनके मुताबिक, असम सरकार के प्रस्तावित कानून को अगर ठोस तरीके से लागू किया जा सके तो इससे ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है. (dw.com)
24 गांवों के आदिवासियों ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रक्रिया निरस्त करने की रखी मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 13 सितंबर। तमनार ब्लॉक के 24 गांव के ग्रामीणों ने रायगढ़ जिले के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कोयला खदानों की स्वीकृति निरस्त करने की मांग करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा।
प्रभावित ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा है कि इस क्षेत्र में पहले से ही जिंदल, ईसीसीएल, हिंडालको, अंबुजा, छत्तीसगढ़ पावर कारपोरेशन, रायगढ़ एलाइंस आदि की खदानें चालू हैं, जिसके कारण व्यापक स्तर पर प्रदूषण है और सडक़ दुर्घटनाओं से मौत हो रही है। साथ ही लोगों में विभिन्न बीमारियां फैल रही है। इसे लेकर एनजीटी में याचिका भी दायर की गई है। इसके बाद भी महाराष्ट्र पावर जनरेशन गारे सेक्टर 2 ईसीसीएल पेल्मा कोयला खदान शुरु करने की प्रक्रिया चालू की गई है। इसके लिए प्रभावित 24 गांवों की ग्राम सभा से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है, न ही कोई सूचना दी गई है। इससे प्रभावित ग्रामीणों में आक्रोश है। वे अपनी भूमि पर कृषि पशुपालन और वनोपज संग्रह कर जीवन-यापन करना चाहते हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन ग्रामीणों पर बार-बार दबाव बना रहा है कि वे ग्राम सभा से खदान को संचालित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करें।
ग्रामीणों का आरोप है कि महाराष्ट्र पावर जनरेशन कंपनी ने केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा किया है। यह क्षेत्र ओडिशा के झारसुगुड़ा और सुंदरगढ़ जिले से लगा हुआ है। यहां हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। साथ ही काला चीतल, कोटरी, हिरण व अन्य जंगली जानवरों का भी विचरण होता है। क्षेत्र में आदिवासियों की आस्था के कई केंद्र हैं जिनकी वे पूजा करते हैं। कोयला खदान खोलने से वे खत्म हो जाएंगे और इससे आदिवासियों की संस्कृति भी नष्ट हो जाएगी।
ज्ञापन में कहा गया कि पांचवी अनुसूची का पालन करते हुए ग्राम सभा के निर्णय का सरकार सम्मान करे और विधिवत कार्रवाई सुनिश्चित कर कोयला खदान को निरस्त करे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 सितंबर। विधायक शैलेश पांडे ने नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया से मुलाकात कर आज सीवरेज परियोजना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। मंत्री ने विभाग के सचिव को इस बाबत निर्देश दिया है।
मंत्री को लिखे पत्र में विधायक शैलेश पांडे ने कहा है कि बिलासपुर नगर निगम ने सन् 2008 में सीवरेज परियोजना की शुरुआत की थी। शुरू में यह परियोजना 211 करोड़ की थी जो अब बढक़र 423 करोड़ हो गई है। परियोजना में शुरू से ही भ्रष्टाचार किया गया। इसकी ड्राइंग डिजाइन में ढेरों कमियां हैं।पूरे शहर में सिर्फ सिर्फ 6 इंच की पाइप डाली गई, जिससे पानी का बहाव संभव नहीं है। लगभग 60त्न कार्य जब पहले हुआ तो पाइप लाइन की फीलिंग मिट्टी से की गई थी, जिससे सडक़ लगातार धंसने लगी। इसके बाद रेत से फीलिंग की जाने लगी लेकिन अमानक रेत और मिट्टी से फीलिंग करने के कारण सडक़ों का धंसना लगातार जारी है। इस बार ज्यादा बारिश होने के कारण कई जगह सडक़ें धंसी हैं। सभी सडक़ों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जिसका मूल कारण सीवरेज परियोजना ही है।
विधायक ने कहा कि पूर्व मंत्री ने यह परियोजना लाई थी और इसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी ठेका कंपनी सिंपलेक्स है। इसकी सुपरविजन कंपनी पहले मैन हॉर्ट सिंगापुर थी। वह कंपनी काम बीच में छोडक़र भाग गई। उसके बाद किसी दूसरी कंपनी को सुपर विजन का कार्य दिया गया। उस कंपनी का कोई भी इंजीनियर नजर नहीं आता है जिसकी वजह से इस परियोजना के पूरी होने की कोई संभावना नहीं रह गई है। इस परियोजना के कारण बिलासपुर की सडक़ों की स्थिति जर्जर होती जा रही है। कई बार सडक़ों की मरम्मत के बाद भी धंसना जारी है। अतएव, परियोजना की उच्च स्तरीय जांच की जाए तथा परियोजना में जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
मंत्री डहरिया ने विधायक के पत्र पर कार्रवाई करते हुए विभाग के सचिव को जांच कर कार्रवाई करने और रिपोर्ट से अवगत कराने का निर्देश दिया है।
लोग सफर रद्द कर रहे और खाली डिब्बों को दौड़ाया जा रहा...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 सितंबर। मुंबई, पुणे, अहमदाबाद की लंबी दूरी की ट्रेन हों या नागपुर, रायपुर और रायगढ़ के बीच चलने वाली कम दूरी की यात्री ट्रेन, महीनों से इनकी लेटलतीफी से यात्री त्रस्त हो गए हैं। हालत यह है कि दुरंतो जैसी महंगी टिकट वाली ट्रेन भी लेट चल रही है। रायगढ़ और नागपुर के बीच चलने वाली ट्रेन दूसरे दिन छोड़ी जा रही है। कई ट्रेनों को इतने विलंब से चलाया जा रहा है कि यात्रियों ने सफर कैंसिल कर दिया और रेलवे खाली डिब्बों को दौड़ाकर अपना ही भारी नुकसान कर रहा है।
मंगलवार दोपहर 2.30 की स्थिति में यह दिखाई दे रहा है कि हावड़ा की ओर मेल तो समय पर चल रही है लेकिन आजाद हिंद एक्सप्रेस करीब 4 घंटे विलंब से है। इसी तरह मुंबई की ओर जाने वाली पुरी लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट सप्ताहिक एक्सप्रेस और बिलासपुर से छूटने वाली भगत की कोठी एक्सप्रेस समय पर है लेकिन अन्य ट्रेनें काफी देर से चल रही है। दोपहर 2.30 बजे की स्थिति के अनुसार हावड़ा अहमदाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस करीब 3 घंटे की देरी से चल रही है। हावड़ा से पुणे जाने वाली आजाद हिंद एक्सप्रेस पौने 6 घंटे देर से चल रही है। बहुत कम स्टापेज वाली दुरंतो एक्सप्रेस भी एक घंटे की देरी से चल रही है।
कोरबा से रायपुर के लिए छूटने वाली हसदेव एक्सप्रेस बहुत छोटी दूरी तय करती है लेकिन यह ट्रेन कभी एक घंटे तो कभी दो घंटे दोनों ओर से विलंब चलती है। कोरबा से छूटकर यह ट्रेन सोमवार को 45 मिनट लेट चलने लगी। 12 सितंबर को तो कोरबा इतवारी शिवनाथ एक्सप्रेस रात 8:45 बजे की जगह दूसरे दिन सोमवार को सुबह 4:00 बजे छूटी। दोपहर में नागपुर के लिए रवाना होने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस बिलासपुर से 3.55 की जगह अगले दिन सुबह 5 बजे रवाना की गई। इंटरसिटी एक्सप्रेस को बीते शुक्रवार के दिन रद्द इसलिये कर दिया गया था ताकि शनिवार को समय पर चलाया जा सके लेकिन व्यवस्था नहीं सुधर पाई है। पहले की ही तरह फिर से यह ट्रेन लगातार विलंब से ही चल रही है। 10 सितंबर को जिस जनशताब्दी एक्सप्रेस को गोंदिया से शाम 7:40 पर बिलासपुर पहुंच जाना था वह रात को 12 बजे पहुंची। लगभग पूरी खाली ट्रेन रायगढ़ रवाना की गई। उल्लेखनीय है कि बिलासपुर रेलवे जोन मुख्यालय है और बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर इसके अधीन रेलवे मंडल है। अपने ही जोन में चलने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी को रेलवे पिछले 5 माह से दुरुस्त नहीं कर पाया है।
रायगढ़-नागपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों के विलंब से व्यापारिक और सरकारी दफ्तरों में काम के लिए सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। दूसरी तरफ लंबी दूरी की ट्रेनों के विलंब होने के कारण भी लोगों का शेड्यूल बिगड़ रहा है, कनेक्टिंग ट्रेन छूट रही है।
रेलवे की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि राजनांदगांव और गोंदिया के बीच विकास कार्यों के चलते ट्रेनों का परिचालन बाधित हो रहा है, लेकिन यह स्थिति कई महीनों से बनी हुई है। केवल निर्माण कार्यों के चलते महीनों से यात्री ट्रेनों का विलंब चलना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। खासकर ऐसी स्थिति में जबकि आए दिन रेलवे के उच्चाधिकारी जोन का दौरा करते हैं और रिकॉर्ड कोयला लदान के लिए अधिकारियों को शाबाशी देकर जाते हैं।
आज ऐन मौके पर रद्द की गई इंटरसिटी...
इस रिपोर्ट को तैयार करने के दौरान ही रेलवे की ओर से खबर दी गई है कि पेयरिंग रैक के विलंब से चलने के कारण आज 13 सितम्बर को बिलासपुर से चलने वाली गाड़ी संख्या 12855 बिलासपुर-इतवारी इंटरसिटी एक्सप्रेस को रद्द किया गया है 7 इसी प्रकार आज इतवारी से चलने वाली गाड़ी संख्या 18240 इतवारी-बिलासपुर शिवनाथ एक्सप्रेस भी रद्द रहेगी।
उल्लेखनीय है कि इस ट्रेन का बिलासपुर से छूटने का समय 3.55 बजे दोपहर है। ट्रेन रद्द करने की जानकारी रेलवे ने 3.08 मिनट पर दी है।
मुख्यमंत्री ने बच्चियों संग खिंचवाई फोटो, गिफ्ट देकर उन्हें किया सम्मानित
रायपुर, 13 सितंबर। रायगढ़ के सोनबरसा की रहने वाली कोमल चौहान दूसरी कक्षा में पढ़ती है। बार बार बीमार रहने से कोमल के घरवाले परेशान रहते थे। इसी तरह से चपले गांव की रहने वाली पायल पटेल भी बीमारी की वजह से हंसना मुस्कुराना भूल गई थी। इन दोनों मासूमें के परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें।
दरअसल पायल और कोमल को दिल की बीमारी थी जिसे डॉक्टर समझ नहीं पा रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम स्कूलों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच करती है, इसी जांच में ये पता चला कि दोनों बच्चियों के दिल में छेद है जिससे उनका विकास नहीं हो पा रहा है और वो बीमार रहती हैं। इसके बाद कोमल और पायल को डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत रायपुर के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया और दोनें का नि:शुल्क इलाज कराया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा शुरू की गई डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना की वजह से ही आज कोमल और पायल जैसी बच्चों की जान बच रही है और वो अपना नया जीवन शुरू कर पा रहे हैं।
आज जब बच्चों के परिजनों को पता चला कि मुख्यमंत्री खरसिया के चपले गांव में आ रहे हैं तो दोनों बच्चियां भी परिजनों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचीं। मुख्यमंत्री ने न सिर्फ इन बच्चियों के साथ फोटो खिंचवाई बल्कि इन्हें गिफ्ट देकर सम्मानित भी किया।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 13 सितम्बर। सीएम भूपेश बघेल ने आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के कौशल्या मंदिर दर्शन पर ट्वीट कर कहा, कि उन्हें शांति का अनुभव हुआ होगा । उन्होंने गौठान देखने की नसीहत भी दी है ।
कार्यशैली में सुधार लाएं, अन्यथा...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़/रायपुर, 13 सितंबर। सीएम भूपेश बघेल ने मंगलवार को लैलूंगा में समीक्षा बैठक में अफसरों के दफ्तर में गैरहाजिरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने चेताया कि कार्यशैली में सुधार लाएं, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए अनेक सुविधाएं दी जा रही है। हफ्ते में 5 कार्य दिवस कर दिया गया है। एक अतिरिक्त दिवस की छुट्टी दी जा रही है। पुराने पेंशन लागू कर बुढ़ापे का सहारा दिया जा रहा है। जब सीएम आए तभी काम करना है यह धारणा हटानी होगी।
सीएम ने कहा कि आम नागरिकों, जनता का काम समय पर होना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को कार्यालय में समय पर उपस्थित सुनिश्चित करने और बेहतर ढंग से काम करते हुए शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन कर जरूरतमंदों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
सडक़ों की हालत खराब, ठीक करिए
सीएम ने जिले में कई सडक़ो की हालत जर्जर होने की बात कहते हुए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को सडक़ के मरम्मत के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने उन्हें बताया कि स्वीकृत सभी सडक़ो में बारिश के बाद कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
खुद को सुधारिए,नहीं तो कार्यवाही होगी
सीएम श्री बघेल ने लैलूंगा में आमनागरिको और जनप्रतिनिधियों से मिली शिकायत के आधार पर क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार और सीएमओ से सवाल किया कि आप लोग आम नागरिको और जनप्रतिनिधियों के कार्यों को समय करें। आप लोगों की शिकायत है कि समय पर कार्यालय भी नहीं पहुंचते। सीएम के सवाल का जवाब देते हुए एसडीएम सहित अधिकारियों ने अपने कार्यों में सुधार लाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। कार्यशैली में सभी सुधार लाए, नहीं तो कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा का स्तर बढ़ाइये
मुख्यमंत्री ने जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का नियमितीकरण के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है। लगातार शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति, अध्यापन, मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। इसलिए इसे बेहतर बनाइये।
सीएम श्री बघेल ने लैलूंगा क्षेत्र में जाति प्रमाणपत्र वितरण की जानकारी ली और समय पर वितरण के निर्देश एसडीएम, तहसीलदार को दिए। उन्होंने जिले में गौठान संचालन, गोबर खरीदी, स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने किए जा रहे कार्यों, सब्जी उत्पादन, नरवा, वन अधिकार पत्र वितरण, हाथी विचरण, धान खरीदी और पटवारियों की मुख्यालय में समय पर उपस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने यहाँ विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 13 सितंबर। आज अनियंत्रित ट्रक ने नर्स को चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश देने की प्रयास कर रही है।
सारंगढ़ थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम कोतरी के पार एक ट्रक वाहन क्रमांक सीजी 04 जेडी 8444 ने एक नर्स को कुचल दिया। नर्स का नाम प्रियंका रात्रे पिता नारायण रात्रे ग्राम बासीन बहरा निवासी बताया जा रहा है तथा वहीं आसपास के गुस्साए ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रक तेज रफ्तार में था और युवती को अपने चपेट में ले लिया, जिससे दुर्घटना घटित हुई हैं।
ग्रामीणों की सूचना पर सारंगढ़ पुलिस मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाइश देने की प्रयास कर रही है।
नयी दिल्ली, 13 सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोगों से रूस की पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट के हेज कोष में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने आशीष मलिक को 10 सितंबर को तिहाड़ जेल से हिरासत में लिया। मलिक दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की जा रही जांच के सिलसिले में पहले से इस मामले में जेल में बंद है।
ईडी ने कहा कि मलिक को मई में 1,000 से अधिक लोगों को रूस की कंपनी रोसनेफ्ट में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने कहा, ‘‘आशीष मलिक और दो अन्य लोगों.....सुनील सिंह और संदीप कोशिक ने रोसनेफ्ट हेज फंड में निवेश के नाम पर 20 प्रतिशत का मासिक रिटर्न देने का वादा किया था। इन लोगों ने दो क्रिप्टो कॉइन ‘आरएचएफ कॉइन’ और ‘आरएचएफ गोल्ड’ भी शुरू किए थे।
ईडी ने कहा कि इन लोगों ने देशभर में लोगों से करोड़ों रुपये जुटाए और इस पैसे का क्रिप्टो करेंसी मुख्य रूप से बिटकॉइन में निवेश किया। यह मामला करीब 52 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है। ईडी ने कहा कि मामले में शामिल सही राशि का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है। (भाषा)
कोयंबटूर/चेन्नई, 13 सितंबर सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी निदेशालय (डीवीएसी) के अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में शहर में कई जगह राज्य के दो पूर्व मंत्रियों के परिसरों पर छापेमारी की।
ग्रामीण इलाकों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के मामले में अन्नाद्रमुक के कद्दावर नेता एस.पी. वेणुमणि से संबंधित 26 स्थानों पर छामेपारी की गई है।
डीवीएसी ने एलईडी लाइटें लगाने के लिए अपनी करीबी सहयोगी कंपनियों को अनुचित तरीके से निविदाएं देकर सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोप में वेलुमणि के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था।
डीवीएसी सूत्रों ने कहा कि इससे सरकारी राजस्व को लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी के आधार पर कोयंबटूर, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली में 26 स्थानों पर छापेमारी की गई।
छापेमारी की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ता और नेता शहर के पलक्कड़ मेन रोड पर वेलुमणि के घर के सामने जमा हो गए, जिससे तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।
इसी तरह, डीवीएसी ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियमों के खिलाफ जाकर एक निजी मेडिकल कॉलेज को प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में अन्नाद्रमुक सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सी. विजयभास्कर के खिलाफ भी छापेमारी की।
सूत्रों ने बताया कि प्राथमिकी के आधार पर उनके पैतृक स्थान पुदुकोट्टई, थेनी और चेन्नई समेत अन्य जगहों पर छापेमारी की गई है।
दोनों नेता मौजूदा विधायक हैं और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में पहले से ही डीवीएसी जांच के दायरे में हैं। (भाषा)
सियोल, 13 सितंबर दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को उत्तर कोरिया को चेतावनी दी कि अगर उसने अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो वह ‘‘आत्म-विनाश के रास्ते’’ पर आ जाएगा। दक्षिण कोरिया का यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा एक नया कानून बनाए जाने के कुछ दिनों बाद आया है जो हमले की स्थिति में उसे अपने परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।
हालांकि दक्षिण कोरिया का यह कड़ा रुख उत्तर कोरिया को संभवतः नाराज कर सकता है क्योंकि सियोल आमतौर पर कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव बढ़ने से बचने के लिए इस तरह के कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचता है।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कानून केवल उत्तर कोरिया को अलग थलग करेगा और सियोल और वाशिंगटन को ‘‘अपनी प्रतिरोध और प्रतिक्रिया क्षमताओं को और मजबूत करने’’ के लिए प्रेरित करेगा।
मंत्रालय ने उत्तर कोरिया को अपने परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करने की हिदायत दी और दक्षिण कोरिया ने अपने सहयोगी अमेरिका से अधिक सहयोग की मांग करते हुए कहा कि वह भी अपनी पहले हमला करने की नीति, मिसाइल रक्षा और बड़े पैमाने पर जवाबी क्षमता को बढ़ावा देगा।
मंत्रालय के एक कार्यवाहक प्रवक्ता मून होंग सिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चेतावनी देते हैं कि उत्तर कोरिया की सरकार को दक्षिण कोरिया-अमेरिकी सैन्य गठबंधन की भारी जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा और अगर वह परमाणु हथियारों का उपयोग करने का प्रयास करती है, तो वह आत्म-विनाश के रास्ते पर चली जाएगी।’’ (एपी)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 13 सितंबर जलते खाकी निक्कर की तस्वीर कांग्रेस के ट्विटर खाते पर साझा किए जाने के बाद से बवाल मचा है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निक्कर मामले को बेवजह तूल दे रही है क्योंकि वह राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ की सफलता से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए यह सवाल भी किया कि क्या उसके सभी कार्यकर्ता निक्कर पहनते हैं?
जलते खाकी निक्कर की विवादास्पद तस्वीर पर कमलनाथ ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘भाजपा खुद को निक्कर से क्यों जोड़ती है? अगर कोई व्यक्ति निक्कर पहन ले, तो क्या वह भाजपा का हो गया? क्या भाजपा के सब लोग निक्कर पहनते हैं?’’
उन्होंने अपनी बात में जोड़ा कि राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जा रही "भारत जोड़ो यात्रा" की सफलता से बौखलाई भाजपा जनता का ध्यान मोड़ना चाहती है। कमलनाथ ने कहा,‘‘इस यात्रा से भाजपा के पेट में क्यों दर्द हो रहा है?"
उन्होंने कहा कि भाजपा कभी इस यात्रा में राहुल के पहने जूतों की बात कर रही है, तो कभी उनकी टी-शर्ट की, लेकिन सत्तारूढ़ दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित तौर पर 10 लाख रुपये कीमत वाले सूट की बात नहीं कर रहा है। कमलनाथ ने यह दावा भी किया कि मोदी दिन में तीन बार कपड़े बदलते हैं।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मंगलवार से विधानसभा के पांच दिवसीय मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई है, लेकिन राज्य के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ इसमें शामिल न होकर इंदौर और आगर-मालवा के एक दिवसीय दौरे पर चले गए।
सत्र के पहले दिन विधानसभा में अपनी गैर मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें तय कार्यक्रम के तहत सोमवार को आगर-मालवा जाना था, लेकिन द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के कारण वह इस कार्यक्रम में बदलाव करते हुए अंतिम दर्शन के लिए उनके झोतेश्वर स्थित आश्रम चले गए और इंदौर तथा आगर-मालवा का दौरा सोमवार के बजाय मंगलवार को करना उचित समझा।
कमलनाथ ने कहा, ‘‘विधानसभा में (आज) हमारे अन्य सदस्य होंगे। वहां मेरी आवश्यकता नहीं है।’’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश सरकार किसानों और बेरोजगारों की समस्याओं के निवारण के लिए नहीं, बल्कि बड़ी परियोजनाओं के ठेके देकर भ्रष्टाचार के जरिये ‘‘कमीशन’’ लेने के लिए धड़ल्ले से कर्ज ले रही है। (भाषा)