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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 सितंबर। नयनाभिराम झांकियों के लिए मशहूर राजनंादगांव शहर में आज देर शाम अद्भुत झांकियों की छंटा नजर आएगी। कोरोना की पाबंदी हटने से तीन साल बाद शहर की सडक़ों में दर्जनों झांकियां भक्तों को आकर्षित करेगी। अलौकिक गाथाओं और ज्वलंत मुद्दों पर आधारित झांकियों के लिए समितियों ने काफी खर्च किए हैं। एक जानकारी के मुताबिक 2 से ढ़ाई करोड़ रुपए झांकियों में समितियों द्वारा खर्च किया गया है।
डीजे की धुन और भक्ति आधारित गीतों में युवाओं की टोलियां थिरकती नजर आएगी। शहर में पुलिस ने झांकियों की बेहतर आवाजाही के लिए काफी तैयारी की है। आला अफसरों ने बकायदा निर्धारित रूटों का मुआयना किया। इसी के चलते आज शाम 4 बजे से दो पहिया और चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाएगा। प्रशासन ने शहर के अलग-अलग स्थानों में पार्किंग तय गया किया है। इधर तीन साल बाद सडक़ों में जनसैलाब नजर आएगा। झांकियों को देखने के लिए सालों से हजारों लोग रतजगा करते हैं। वहीं युवा गीत-संगीत के जरिये रातभर नृत्य और अन्य आयोजन कर लोगों का मनोरंजन करते हैं।
प्रशासन के मंच से अफसरों की रहेगी निगाह शुक्रवार देर शाम को नयनाभिराम झांकियां शहर के मुख्य मार्गों में निकलेगी। वहीं प्रशासन भी लोगों की सुरक्षा और व्यवस्था को सम्हालने के लिए अलग-अलग रूटों में मंच का निर्माण करा रही है। प्रशासन के अफसर अपने-अपने मंच से हुडदंगियों और बदमाशों पर निगरानी करते कार्रवाई करेंगे। विसर्जन झांकी के दौरान एक हजार से अधिक जवानों की ड्यूटी रहेगी। सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरे की भी व्यवस्था की गई है। जिसके माध्यम से विसर्जन झांकियों पर नजर रखी जाएगी।
पार्किंग के लिए जगह निर्धारित
आम जनता की सुविधा एवं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते गणेशोत्सव एवं झांकी प्रदर्शनी-भ्रमण के दौरान गुरूद्वारा चौक, महावीर चौक, भगत सिंह चौक, पोस्ट ऑफिस चौक, महापौर निवास के पास रामाधीन मार्ग, अग्रवाल ट्रांसपोर्ट, कुआं चौक, हीरामोती लाईन, दुर्गा चौक के पास वाहनों को शाम 4 बजे से प्रतिबंधित किया गया है। वहीं चार पहिया और दोपहिया वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल फ्लाईओवर के नीचे, म्युनिसिपल स्कूल, स्टेट स्कूल, बख्शी स्कूल, गुजराती स्कूल, साइंस कालेज में पार्क करें। जिससे आम जनता को असुविधा न हों।
दर्जनों निकलेगी झांकियां
आज देर शाम शहर की दो दर्जन से अधिक गणेश समितियां नयनाभिराम झांकियां निकालेगी। इन झांकियों को देखने के लिए राजनांदगांव जिले के अलावा अन्य जिलों के लोग भी झांकियों को देखने पहुंचते हैं। शहर के युवा मित्र मंडल मोतीपुर, महाकाल मित्र मंडल तुलसीपुर, केदारनाथ मंडल प्यारेलाल चौक, बजरंग चौक मंडल शंकरपुर, छत्तीसगढ़ युवा मंडल शंकरपुर, भीम मंडल गणेश उत्सव समिति जयस्तंभ चौक, नवीन आदर्श गणेश उत्सव समिति दीवानपारा, निशंक कृष्ण मंडल ब्राम्हणपारा, दुर्गा मंडल दुर्गा चौक, मित्र मंडल सदर बाजार, महावीर मंडल सदर बाजार, गंज गणेश उत्सव समिति तिरंगा चौक, अष्ट विनायक गणेश उत्सव समिति, नवरत्न मंडल, तिरंगा मंडल गणेश उत्सव समिति बस स्टैंड, बाल समाज गणेश उत्सव समिति, बाल मित्र मंडल लखोली, बोल बम मंडल लखोली चौक, राम मंडल पावर हाउस रोड, आजाद चौक गणेश उत्सव समिति सहित अन्य समितियों द्वारा नयनाभिराम झांकियां निकाली जाएगी।
नई दिल्ली, 9 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को ज़मानत दे दी है.
ये ज़मानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है.
कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ़्तार किया था, जब वो हाथरस में एक दलित लड़की के कथित बलात्कार और हत्या को कवर करने के लिए जा रहे थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस का आरोप है कि सिद्दीक़ कप्पन को पाँच अक्तूबर, 2020 को पॉपुलर फ़्रंट ऑफ इंडिया (पीएफ़आई) के तीन सदस्यों के साथ गिरफ़्तार किया गया था, जो उनके साथ यात्रा कर रहे थे.
हालाँकि कप्पन ने पीएफ़आई से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है.
ज़मानत की शर्तें
अदालत ने कहा है कि कप्पन को तीन दिन के भीतर ट्रायल कोर्ट में ले जाया जाएगा और उसके बाद ज़मानत पर रिहा किया जाएगा.
अदालत ने ज़मानत में ये शर्त लगाई है कि सिद्दीक़ कप्पन दिल्ली के जंगपुरा इलाक़े में ही रहेंगे. और वे बिना ट्रायल कोर्ट की अनुमति के दिल्ली नहीं छोड़ेंगे.
उन्हें हर हफ्ते सोमवार को स्थानीय थाने में पेश होना होगा. कप्पन को ये सारी शर्तें पहले पहले छह हफ्तों तक माननी होंगी.
उसके बाद वे केरल में अपने परिवार के पास जा सकते हैं.
लेकिन वहाँ भी उन्हें पुलिस स्टेशन में हर सोमवार को हाज़िरी लगानी होगी. इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट भी जांच एजेसियों के हवाले करना होगा.
पुलिस ने इन्हें 'प्रिवेंटिव पावर' के तहत हिरासत में लिया था. सीआरपीसी की धारा 151 के तहत पुलिस किसी अपराध की आशंका के कारण किसी को हिरासत में ले सकती है.
इन चारों को छह अक्तूबर 2020 के दिन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
सात अक्तूबर को पुलिस ने इस मामले में पहली एफ़आईआर दर्ज की. इस एफ़आईआर में यूएपीए के सेक्शन 17 और 18, भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 124A (राजद्रोह), 153A (दो समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाने), 295A (धार्मिक भावनाएं आहत करने) और आईटी एक्ट के सेक्शन 62, 72, 76 लगाए गए थे. (bbc.com/hindi)
सोनाली फोगाट मामले में गोवा सरकार ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में सरकार की ओर से आज सुबह विवादास्पद कर्लीज क्लब को ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। इस रेस्तरां को सीआरजेड नियमों के उल्लंघन के लिए ढहाने का आदेश दिया गया था। यह वही क्लब है जहां सोनाली फोगाट का पार्टी करते हुए वीडियो सामने आया था। इसी क्लब में फोगाट को ड्रग्स दी गई थी, जिसके कुछ घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई थी।
रेस्तरां के मालिक एडविन नून्स को भी सोनाली फोगाट की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई थी। इस मामले में कुल चार गिरफ्तारियां हुईं थीं। अधिकारियों का कहना है कि रेस्तरां को ढहाने का पहला आदेश जीसीजेडएमए द्वारा 2016 में जारी किया गया था, जिसे ‘कर्लीज’ के प्रबंधन ने एनजीटी के समक्ष चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई छह सितंबर को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी पीठ ने की थी। पीठ ने जीसीजेडएमए के आदेश को बरकरार रखा था और रेस्तरां प्रबंधन द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया था।
कर्लीज क्लब एडविन की बहन के नाम पर
गोवा पुलिस की जांच में सामने आया है कि जिस क्लब में सोनाली फोगाट को जबरन ड्रग दी थी वह क्लब एडविन नहीं बल्कि उनकी बहन लिनेट के नाम पर है। एडविन रूटीन में क्लब को संभालता था। गोवा पुलिस की जांच लिनेट तक पहुंच सकती है।
सुधीर और सुखविंद्र की रिमांड बढ़ी
भाजपा नेता सोनाली फोगाट की मौत मामले में आरोपी सुधीर सांगवान और सुखविंद्र को दो दिन के रिमांड के बाद गुरुवार को मासूपा अदालत में पेश किया। अदालत के आदेश पर गोवा पुलिस ने दोबारा से दोनों आरोपियों को दो दिन के रिमांड पर लिया है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि भाजपा नेता सोनाली फोगाट को सुधीर सांगवान और सुखविंद्र ने ही ड्रग दी थी। (amarujala.com)
दिल्ली के आजाद मार्केट के शीश महल में बन रही एक बिल्डिंग गिरने से बड़ा हादसा हो गया. बिल्डिंग के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. वहीं अबतक 5 लोगों को निकाला जा चुका है. मलबे में कई अन्य मजदूरों के दबे होने की आशंका है. राहत और बचाव के लिए दमकल और प्रशासन की टीम मौके पर है. दो मजदूर घायल बताए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त बिल्डिंग में 7-8 मजदूर मौजूद थे. हादसा सुबह 8 बजे हुआ है ऐसे में बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ स्कूली बच्चे भी यहां से गुजर रहे थे. एक चशमदीद का कहना है कि कुछ बच्चे भी मलबे में दबे हो सकते हैं.
हादसे की जानकारी मिलने के बाद दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची. प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य जारी है. जिस इलाके में यह हादसा हुआ वह रिहायशी इलाका है. ऐसे में रेस्क्यू टीम के लिए राहत और बचाव कार्य मुश्किल माना जा रहा है. हादस प्लॉट नंबर 754 में हुआ है.
घायलों को भेजा गया हिंदू राव अस्पताल
वहीं हादसे पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी रविंदर सिंह ने बताया कि 6-7 लोगों के फंसे होने की संभावना है. 5 घायलों को हिंदू राव अस्पताल भेजा गया है. NDRF की टीम भी मौके पर मौजूद है. बताया जा रहा है कि आजाद मार्केट इलाके के शीश महल में इमारत के निर्माण का काम चल रहा था. संतोष यादव, अमर और दिलखुश ने बताया कि ये 7 लोग बिल्डिंग में काम कर रहे थे. इनके तीन साथी अमरजीत, नीतीश यादव, कांग्रेस यादव अस्पताल में भर्ती हैं. इनके सातवें साथी का नाम अंग्रेज़ यादव है. वो भी सुरक्षित हैं. ये सभी इस बिल्डिंग में पिछले 2 ढाई महीने से काम कर रहे थे. पांचवी मंजिल पर माल ढो कर लेजा रहे थे.
हादसे के वक्त 7 लोग कर रहे थे काम
ये मजदूर पांचवी मंजिल पर ही थे जब बिल्डिंग भरभराकर ढह गई. किसी तरह 7 में से 4 मजदूर निकलने में कामयाब हो गए. लेकिन इनके 3 साथी फंसे रह गए. जिन्हें ये खुद निकालकर अस्पताल लाये. मजदूरों का कहना है कि इस बिल्डिंग में ये 7 लोग ही उस समय काम कर रहे थे.. अधिकारियों के अनुसार, सुबह करीब साढ़े आठ बजे इमारत के गिरने की खबर मिली. बताया गया कि शीश महल इलाके में हाउस नंबर 754 गिर गया है. सूचना के तुरंत बाद दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. इसके बाद राहत और बचाव काम शुरू किया गया. (tv9hindi.com)
नई दिल्ली: ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारत ने आज से ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड संतोष कुमार सारंगी की ओर से जारी नोटिफिकेशन में इस बात की जानकारी दी गई है. नोटिफिकेशन में बताया गया है कि आज आनी 9 सितंबर 2022 से ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लागू हो गया है.
माना जा रहा है कि देश के कई इलाकों में कम बारिश की वजह से इस साल चावल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. इसी स्थिति के मद्देनजर भारत में अब खाद्य सुरक्षा की रक्षा के लिए गेहूं और चीनी के बाद ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात को भी प्रतिबंधित किया गया है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक दक्षिण एशियाई देश भारत में चावल का कुल रकबा इस सीजन में अब तक 12% गिर गया है.
बता दें कि भारत का वैश्विक चावल व्यापार का लगभग 40% हिस्सा है. भारत ने इसी साल मई में गेहूं के शिपमेंट पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में है, क्योंकि कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की वजह से गेहूं की पैदावार कम हुई थी. भारत ने अपनी खाद्य आपूर्ति की सुरक्षा के लिए चीनी निर्यात पर भी रोक लगा दी थी.
कृषि मंत्रालय ने कहा था कि धान का रकबा 12 अगस्त तक गिरकर 30.98 मिलियन हेक्टेयर (76.55 मिलियन एकड़) रह गया है, जो एक साल पहले 35.36 मिलियन हेक्टेयर था. हालांकि, गन्ने के लिए आवंटित क्षेत्र 5.45 मिलियन से बढ़कर 5.52 मिलियन हेक्टेयर हो गया. बता दें कि भारत से होने वाले चावल के कुल एक्सपोर्ट यानी निर्यात में टूटे चावल की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है और दुनिया के कुल चावल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. (news18.com)
गुजरात के अहमदाबाद शहर के निवासी शहीद लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया के माता पिता ने कूरियर के जरिए पहुंचाए गए शौर्य चक्र को लौटा दिया है। उन्होंने कहा कि शहादत के सम्मान को कूरियर से भेजकर आपने हमारे शहीद बेटे का अपमान किया है इसलिए हम इसे वापस लौटा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परिवार वाले अब राष्ट्रपति भवन जाएंगे और सबके सामने राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित करने की मांग करेंगे। परिवार वालों का कहना है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी और सरकार ने उसकी शहादत का ये सिला दिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई गुप्त रखने की चीज थोड़ी है जो आप इसे चुपचाप दे रहे हैं। मेरे बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया है इसलिए उसे देश के सामने ही सम्मान मिलना चाहिए। बता दें कि गोपाल सिंह को मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों में उनकी बहादुरी के लिए 'विशिष्ट सेवा पदक' से भी सम्मानित किया गया था। बता दें कि साल 2017 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान राष्ट्रीय राइफल्स के लांस नायक गोपाल सिंह शहीद हो गए थे।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, लांस नायक गोपाल सिंह की शादी 2007 में हुई थी लेकिन किसी मतभेद के चलते वे अपनी पत्नी से 2011 में अलग रह रहे थे। दोनों के व्यस्त रहने के कारण साल 2013 में अदालत ने शादी तोड़ने की याचिका भी खारिज कर दी थी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि सैनिक के माता-पिता और उसकी पत्नी के बीच कई वर्षों तक कोई संपर्क नहीं था। वहीं भदौरिया ने पत्नी को किसी भी सेवा लाभ के अनुदान पर आपत्ति जताई थी और शहर की एक सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि जब 2017 में गोपाल सिंह शहीद हो गए तो 2018 में उन्हें शौर्य चक्र के लिए चुना गया। फिर 2018 के बाद दोनों परिवारों के बीच सुलह कराने की कोशिश की गई जो कि 2020 तक नहीं सुलझ पाया।
साल 2021 में शहीद की पूर्व पत्नी और माता-पिता के बीच करवाया गया समझौता
फिर साल 2021 में शहीद की पत्नी और माता-पिता के बीच कोर्ट के जरिए एक समझौता करवाया गया। इसके बाद अदालत ने आदेश दिया कि शहीद गोपाल सिंह को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार और माता-पिता को पुरस्कार से जुड़े सभी लाभ प्रदान किए जाएं। अदालत यह भी कहा कि पेंशन, अनुग्रह भुगतान और केंद्र या राज्य सरकार या सेना से प्राप्त होने वाली सहायता सहित अन्य सभी सेवा लाभों को दोनों पक्षों के बीच 50-50 विभाजित किया जाना चाहिए। (amarujala.com)
सीएम का आत्मीय स्वागत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 सितंबर। सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नया जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कलेक्टोरेट दफ्तर का शुभारंभ किया। इस मौके पर लोगों ने भारी उत्साह देखने को मिला।
शंखों की समवेत ध्वनि और पुष्प वर्षा से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत किया गया। कलेक्टोरेट के बोर्ड का अनावरण और फीता काटकर शुभारंभ किया। 11 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार और शंखों की ध्वनि के बीच कलेक्टोरेट का उद्घाटन हुआ।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और कोरबा की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत एवं कोरिया जिले के तीनों विधायक भी उपस्थित हैं।
मनेन्द्रगढ़ के विवेकानंद चौक में मुख्यमंत्री के स्वागत में उत्साहित लोग दिखे। चारों ओर हर्ष का माहौल रहा। ढोल-नगाड़ों की धुन पर छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के सदस्य थिरकते नजर आए।
दुबई, 9 सितम्बर लम्बे इंतजार के बाद अपना शतक सूखा समाप्त करने वाले भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने अपने प्रशंसकों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। विराट ने गुरूवार को एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मैच में अपना पहला टी 20 शतक बनाया।
कोहली का अंतर्राष्ट्रीय शतक लगभग तीन साल के अंतराल के बाद बना है। उन्होंने अपना 70वां शतक नवम्बर 2019 में बनाया था। विराट ने अफगानिस्तान के खिलाफ 100 रनों का आंकड़ा 53 गेंदों में पार कर लिया। वह शानदार छक्का उड़ाकर इस मंजिल पर पहुंचे। कोहली ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का 71वां शतक जड़ा। इस शतक की खासियत यह है कि यह कारनामा उन्होंने 1019 दिनों के इंतजार के बाद दोहराया।
स्टार क्रिकेटर ने अपने प्रशंसकों और समर्थकों को उनके प्यार के लिए धन्यवाद दिया। कोहली ने कू एप पर कहा, "जब हम अगली बार लौटेंगे तो मजबूत और बेहतर होकर लौटेंगे।"
शतक पूरा करने के बाद कोहली ने अपने गले में बंधी चेन के साथ लगी अपनी शादी की अंगूठी को चूमकर जश्न मनाया। उनके चेहरे पर मुस्कान थी और उन्होंने राहत की सांस ली। कोहली ने कहा, "मैं जानता हूं कि बाहर बहुत कुछ चल रहा था। मैं यहां खड़ा हूं क्योंकि एक, सिर्फ़ और सिर्फ़ एक व्यक्ति मेरे साथ खड़ा था - अनुष्का। इसलिए मैंने अपनी अंगूठी को चूमा। यह शतक उनको और हमारी प्यारी बिटिया वामिका को समर्पित है।"
कोहली के शतक की क्रिकेटरों और पूर्व खिलाड़ियों ने जमकर सराहना की है। रोबिन उथप्पा ने कोहली की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने स्ट्रोकप्ले से प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उथप्पा ने कू एप पर कहा, "मैं बस यही कहूंगा कि गोरिल्ला वापस आ गया है। क्या पारी खेली है। शतक पूरा करने के बाद जश्न का क्या अंदाज था।"
इस शतक के साथ कोहली ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग की बराबरी कर ली है। अब केवल भारत के सचिन तेंदुलकर 100 शतकों के साथ उनसे आगे हैं।
कोहली ने पुरुष टी20 में 3500 रन पूरे कर लिए हैं और हमवतन कप्तान रोहित शर्मा के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं।
कोहली ने नाबाद 122 रन बनाये जो टी20 में किसी भारतीय खिलाड़ी का सर्वाधिक स्कोर है। यह यूएई में टी20 में भी सर्वाधिक स्कोर है।
भारत ने अफगानिस्तान को 101 रन से हराकर एशिया कप में अपना अभियान शानदार ढंग से समाप्त किया।
पाकिस्तान और श्रीलंका रविवार को होने वाले फाइनल में पहले ही पहुंच चुके हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 सितंबर | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में फिट इंडिया फ्रीडम राइडर बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम से इस रैली में 75 बाइक पर 120 राइडर सवार होकर निकले हैं। इनमें 10 महिलाएं भी शामिल हैं। ये बाइक रैली 75 दिन का भ्रमण करेगी और 6 अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं सहित 34 राज्य को छुएगी। इस मौके पर अमित शाह ने बताया कि यह रैली 250 से ज्यादा जि़लों का भ्रमण करेगी। रैली 75 दिनों में 18,000 किलोमीटर का सफर तय करके देश के 75 महत्वपूर्ण स्थान पर आजादी के अमृत महोत्सव का प्रचार करेगी और फिर वापस दिल्ली लौटेगी।
अमित शाह ने कहा कि कल ही पीएम मोदी ने गुलामी के प्रतीक राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ का लोकार्पण किया। इसी के साथ ये पथ हर नागरिक को कर्तव्य की याद दिलाएगा। नए भारत का निर्माण 130 करोड़ नागरिकों के कर्तव्य पालन से होगा। उन्होंने कहा कि अधिकार कर्तव्य के साथ ही हो सकता है। जब कोई कर्तव्य निभाएगा, तो वो दूसरे के अधिकारों का भी निर्वहन करेगा। मोदी सरकार के 8 साल में देश की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वीं से 5वीं अर्थव्यस्था बन गई है, जो बेहद प्रशंसनीय है।
अमित शाह ने कहा, पूरे देश में एक ही भाव से 75 साल में जो भी सिद्धियां हासिल की उसका गौरव है। देश जब आजादी की शताब्दी मनाएगा, तो आजादी के अमृतकाल में लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। अमित शाह ने ये भी कहा कि मैंने आजादी के 25 साल भी देखे हैं और 50 साल भी देखे हैं और अब 75 साल भी देख लिए, लेकिन इतना ज्यादा देशभक्ति का ज्वार मैंने आज से पहले नहीं देखा। हर घर में, गाड़ी में तिरंगा लहराया था। ये लोगों का राष्ट्र प्रेम दिखाता है। (आईएएनएस)
शिमला, 9 सितंबर | हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ट्रैकिंग के दौरान दो दिन पहले लापता हुए पश्चिम बंगाल के चार ट्रेकर्स का शुक्रवार को भी पता नहीं चल पाया और उनकी तलाश अभी भी जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने आईएएनएस को बताया कि कुल्लू इलाके में लापता हुए छह में से दो ट्रेकर्स और एक रसोइया गुरुवार को मलाणा के पास वाकेम पहुंचे और घटना की जानकारी दी, जबकि चार लापता हैं।
वे माउंट अली रत्नी टिब्बा (5458 मीटर) पर चढ़ने के रास्ते में थे।
उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान की एक टीम को तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया है।"
उनके साथ कुछ स्थानीय ट्रेकर और कुली भी थे। उन्होंने कहा कि मनाली के एसडीएम ने स्थानीय बचाव दल का समन्वय किया है।
लापता लोगों की पहचान अभिजीत बानिक, चिन्मय मंडल, दिबाश दास और बिनॉय दास के रूप में हुई है।
क्षेत्र के पर्यटक गाइड ने कहा, कुल्लू पर्वतमाला भव्य हैं, लेकिन वे ऊबड़-खाबड़, ठंडी और दुर्गम भी हैं और एक अनुभवहीन ट्रेकर के लिए काफी मुश्किल है।
राज्य में दर्शनीय पहाड़ियां पर्वतारोहण, स्कीइंग, ट्रेकिंग, राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी कई गतिविधियों के लिए हजारों विदेशियों को आकर्षित करती हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 सितंबर | केंद्र ने सभी राज्य परिवहन मंत्रियों और अधिकारियों से 2024 के अंत तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए और इससे निपटने के उपाय किए जाने चाहिए।
मंत्री ने इंजीनियरिंग छात्रों को सड़कों की सुरक्षा ऑडिट करने के लिए ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव रखा, जिसके आधार पर मंत्रालय द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।
गुरुवार को बेंगलुरु में राज्य परिवहन मंत्रियों के साथ एक संवाद सत्र में, राज्य परिवहन और पीडब्ल्यूडी मंत्रियों ने राजमार्ग बुनियादी ढांचे से संबंधित अपने मुद्दों को उठाया और अपनी समस्याओं को साझा किया और केंद्र सरकार से उनका समाधान करने का आग्रह किया।
सत्र में भाग लेने वाले राज्य मंत्रियों में गोविंददास कोंथुजम (मणिपुर), प्रफुल्ल कुमार मलिक (ओडिशा), सतपाल महाराज (उत्तराखंड), हरभजन सिंह (पंजाब), भजन लाल जाटव (राजस्थान), समदुप लप्चा (सिक्किम), ए.वी. वेलु (तमिलनाडु), नीलेश काबरा (गोवा), अरविंद चौहान (महाराष्ट्र) शामिल थे।
मणिपुर के कौंथुजम ने कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत क्षेत्र पहाड़ी है और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के संबंध में भूमि अधिग्रहण में समस्याएं हैं। लेकिन हम इन समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही हमें जमीन मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अन्य राज्यों की तरह हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना चाहते हैं।
सिक्किम के मुद्दों के बारे में बात करते हुए, समदुप लपचा ने कहा कि राज्य संसाधनों की कमी का सामना कर रहा है और पर्यटन ही अर्थव्यवस्था का एकमात्र स्रोत है। उन्होंने कहा, हम पर्यटन पर टिके हैं। बांकुरा से सिक्किम के लिए वैकल्पिक सड़क मिल जाए तो अच्छा होगा।
तमिलनाडु के मंत्री वेलू ने राज्य को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 300 से अधिक इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया गया है। हमने राज्य में स्कूली छात्रों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम भी शुरू किया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 सितंबर | उत्तरी दिल्ली के आजाद मार्केट इलाके में एक मकान गिरने से पांच लोग घायल हो गए। दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि अब तक किसी की मौत की खबर नहीं है, जबकि बचाव अभियान जारी है। घायलों का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दमकल अधिकारी रविंदर सिंह ने कहा, "रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। करीब छह से सात मजदूर फंसे हुए थे, जिनमें से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए लाइव डिटेक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। संकरी गलियां होने के कारण मौके पर जेसीबी मशीन नहीं पहुंच पाई है।"
दमकल विभाग के अनुसार, घटना के संबंध में सुबह करीब 8.30 बजे एक कॉल आई, जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
इस बीच स्थानीय पुलिस भी दमकल अधिकारियों की मदद के लिए मौके पर पहुंच गई। (आईएएनएस)
रांची, 9 सितंबर | झारखंड के पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज के दो नंबर टाउन स्थित बाइक की शोरूम में बीती रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में करीब 300 बाइक्स जलकर खाक हो गई, वहीं दम घुटने से शोरूम के मालिक की मां की मौत हो गई है। आधा दर्जन लोग जख्मी भी हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। आग की लपटें शुक्रवार दिन 11 बजे तक उठ रही थीं। बताया गया कि आग बीती रात करीब 11 बजे के आसपास लगी। आशंका है कि इसकी वजह शॉर्ट सर्किट है। शोरूम के पीछे ही इसके मालिक का आवास है। आग शोरूम से शुरू हुई और इसका गुबार पूरे घर में भी फैल गया। धुएं से दम घुटने से शोरूम मालिक सतीश कुमार साहू की वृद्ध मां की मौत ही गई। शोरूम के ही पीछे गाड़ियों का गोदाम एवं सर्विस सेंटर था। 3 तल्ले में बना गोदाम और सर्विस सेंटर बुरी तरह तबाह हो गया है।
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि अगलगी की घटना की जानकारी देने जैसे ही वृद्ध महिला ऊपर गई, जहरीले धुएं की चपेट में आ गई। आग इतनी भयावह थी कि पांच दमकल की टीमों को लगना पड़ा। (आईएएनएस)
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया है. 96 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली महारानी एलिजाबेथ 70 साल तक सिंहासन पर रहीं.
ब्रिटेन के शाही परिवार ने उनके निधन की जानकारी दी है. बकिंघम पैलेस ने स्थानीय समय के अनुसार शाम साढ़े छह बजे बताया, "महारानी का आज दोपहर शांति से निधन हो गया."
वह कुछ समय से चिकित्सा निगरानी में थीं. उन्होंने स्कॉटलैंड में अपने निवास बालमोराल कासल में अंतिम सांस ली. सबसे लंबे समय तक ब्रिटेन की गद्दी पर बैठने वाली महारानी की तबियत गुरुवार को खराब हो गई. उनके निधन के समय शाही परिवार के जो सदस्य बालमोराल में नहीं थे, वे वहां पहुंच रहे हैं.
बकिंघम पैलेस के बयान में कहा गया है कि अब महारानी के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स राजा हैं और उनकी पत्नी कैमिला पार्कर रानी हैं. वे अभी बालमोराल में ही हैं और सुबह लंदन लौटेंगे.
एलिजाबेथ भाग्यवश बनीं महारानी
एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को यॉर्क के ड्यूक परिवार में हुआ था. जन्म के समय उनके राजगद्दी पर आने की कोई संभावना नहीं थी. एलिजाबेथ के जन्म के दस साल बाद उनके चाचा एडवर्ड ने राजगद्दी को प्यार के लिए ठुकरा दिया और एलिजाबेथ के पिता जॉर्ज ने गद्दी संभाली. इसके बाद उनकी बड़ी बेटी एलिजाबेथ क्राउन प्रिंसेस बनी.
भारत की आजादी के कुछ ही महीनों बाद 20 नवंबर 1947 को एलिजाबेथ ने ग्रीस के प्रिंस फिलिप से शादी की. एक साल बाद बेटे चार्ल्स का जन्म हुआ, अगस्त 1950 में बेटी ऐन का, 1960 में एंड्र्यू और 1964 में बेटे एडवर्ड का.
महारानी ने किया 16 प्रधानमंत्रियों के साथ काम
1952 में एलिजाबेथ कॉमनवेल्थ देशों की यात्रा पर थीं, जब उन्हें पिता किंग जॉर्ज VI के निधन की खबर मिली और 25 साल की उम्र में राजगद्दी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. एक साल के शोक के बाद 2 जून 1953 को उनकी ताजपोशी हुई.
महारानी एलिजाबेथ यूनाइटेड किंगडम के अलावा ऑस्ट्रेलिया समेत 15 देशों की राष्ट्र प्रमुख थीं. संवैधानिक राजशाही में महारानी के रूप में उनकी जिम्मेदारी सांकेतिक थी. शुरू में अनुभवहीन महारानी अपनी शासन के शुरुआती दिनों से ही हर हफ्ते प्रधानमंत्री से मिलती और देश दुनिया की स्थिति पर चर्चा करतीं. 70 साल के कार्यकाल में उन्होंने 16 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया जिनमें तीन महिला प्रधान मंत्री शामिल हैं.
पिछले साल ही हुआ था पति प्रिंस फिलिप का निधन
आम तौर पर महारानी को बहुत रिजर्व और कम संवेदनशील माना जाता था, लेकिन फिर भी वह जनता के बीच बहुत लोकप्रिय थी. संचार और लोगों से संपर्क के मामले में वह हमेशा समय के साथ रहीं और हाल में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया.
महारानी ने ग्रीस के कुमार प्रिंस फिलिप से शादी की. दोनों का साथ 73 साल तक रहा. 99 की उम्र में प्रिंस फिलिप का पिछले साल ही निधन हुआ था.
रिपोर्ट: एके/एडी (एपी/रॉयटर्स/एएफपी)
बड़े पैमाने पर हुए एक शोध के बाद कुछ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कृत्रिम मीठा दिल के रोगों की वजह बन सकता है. हालांकि वैज्ञानिकों का एक अन्य समूह इन निष्कर्षों से बहुत संतुष्ट नहीं है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
चीनी की जगह तेजी से ले रहे आर्टिफिशियल स्वीटनर रोजाना करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं. डायट सोडा से लेकर चाय-कॉफी तक में लोग इनका प्रयोग करते हैं. शुगर-फ्री होने के कारण इन्हें चीनी का बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि कई वैज्ञानिक शोध यह कह चुके हैं कि चीनी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. लेकिन इस कृत्रिम मीठे के सेहतमंद होने को लेकर भी खासा विवाद है.
फ्रांस के इनसर्म (INSERM) इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की है कि ये स्वीटनर दिल के रोगों से किस तरह जुड़े हैं. उन्होंने फ्रांस में रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों द्वारा अपने खान-पान के बारे में दी गई जानकारी का विश्लेषण किया है. यहां यह बात उल्लेखनीय है कि यह जानकारी लोगों ने अपने आप दी थी. 2009 से 2021 के बीच इन लोगों अपने खान-पान, लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य की जानकारी वैज्ञानिकों के साथ साझा की.
विश्लेषण में वैज्ञानिकों ने पाया कि 37 प्रतिशत लोग आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग कर रहे थे. वे औसतन 42 मिलीग्राम स्वीटनर ले रहे थे जो इसका एक पैकेट या फिर एक डायट सोडा की एक तिहाई कैन के बराबर है. वैज्ञानिकों ने नौ साल तक तक इन लोगों के खान-पान की निगरानी की. उसके बाद पता चला कि 1,502 लोगों को हृदय संबंधी समस्याएं हो गई थीं जिनमें दिल का दौरा पड़ने से लेकर स्ट्रोक तक शामिल हैं.
क्या कहता है शोध?
बीएमजे पत्रिका में छपे शोध में यह संकेत दिया गया है कि एक लाख में से उन 346 लोगों को हृदय रोग हुआ जो भारी मात्रा में कृत्रिम मीठे का इस्तेमाल कर रहे थे. ये स्वीटनर ना खाने वालों में हृदय रोग की संख्या 314 रही.
इनसर्म की मैटील्डे टूविएर कहती हैं कि ये नतीजे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट को पुष्ट करते हैं. डबल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संगठन स्वीटनर को शुगर का सुरक्षित विकल्प नहीं मानता.
अप्रैल में आई एक रिपोर्ट में डबल्यूएचओ ने कहा था कि "इस बात पर स्पष्ट सहमति नहीं है कि शुगरफ्री स्वीटनर लंबे समय में वजन कम करने में लाभदायक हैं या वे अन्य किसी तरह से सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं.”
इसी साल न्यूट्री-नेट आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले एक और शोध में कहा गया था कि स्वीटनर में पाए जाने वाले तत्व जैसे कि एसपार्टेम, पोटैशियम और सूकरलोस कैंसर से संबंधित हो सकते हैं. लेकिन ये जितने भी शोध हुए हैं, उन्हें तीखी आलोचना झोलनी पड़ी है क्योंकि वे अपने निष्कर्षों की कोई स्पष्ट वजह नहीं दे पाए हैं.
ग्लासगो यूनिवर्सिटी में मेटाबॉलिक मेडिसिन पढ़ाने वाले नावीद सत्तार कहते हैं कि यह शोध सवालों के जवाब नहीं देता. सत्तार इस अध्ययन में शामिल नहीं थे. उन्होंने बताया, "जो सवाल पूछा गया, उसका जवाब नहीं मिला. ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वीटनर का प्रयोग करने वाले और ना करने वाले शोध में शामिल लोग एक-दूसरे से बहुत ज्यादा अलग थे.” सत्तार कहते हैं कि सरकारों को एक ज्यादा बड़े पैमाने पर लंबी अवधि का शोध कराना चाहिए ताकि सच्चाई के और करीब पहुंचा जा सके.
क्या चीनी नुकसानदायक है?
शोध संस्थान ‘जॉन हॉपकिंस मेडिसिन' के मुताबिक चीनी को अपने खान-पान से पूरी तरह हटाने से जरूरी पोषक तत्व भी हट जाते हैं जो कि फलों, डेयरी उत्पादों और अनाजों में पाए जाते हैं. विशेषज्ञ जेसिका सीजल लिखती हैं, "मूल रूप से तो चीनी बुरी नहीं है बल्कि जरूरी है. हमारा शरीर शुगर पर ही चलता है. हम जो खाना खाते हैं उसमें से हम कार्बोहाइड्रेट लेते हैं और उसे ग्लूकोस (शुगर) में परिवर्तित करते हैं. उस ग्लूकोस को हमारी कोशिकाएं रक्त में से सोखती हैं और ऊर्जा या ईंधन के रूप में प्रयोग करती हैं.”
सीजल स्पष्ट करती हैं कि कुदरती और प्रोसेस्ड शुगर में काफी फर्क है और प्रोसेस्ड शुगर में कोई पोषक तत्व नहीं होते बल्कि जरूरत से ज्यादा मात्रा में यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है. वह कहती हैं कि जूस, शहद और मेपल सिरप जैसी चीजों में कुदरती शुगर होती है जिसके कुछ फायदे हो सकते हैं. वह बताती हैं, "कच्चे शहद और मेपल सिरप में भी एंटीऑक्सिडेंट हो सकते हैं और आयरन, जिंक, कैल्शिय व पोटैशियम जैसे तत्व भी.”
क्या होते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर?
ज्यादातर आर्टिफिशियल स्वीटनर, जिन्हें नॉन-न्यूट्रिटिव स्वीटनर भी कहा जाता है, प्रयोगशालाओं में केमिकल्स से तैयार किए जाते हैं. कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें कुदरती जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है. ये स्वीटनर आमतौर पर प्रयोग होने वाली चीनी से 200 से 700 गुना ज्यादा मीठे हो सकते हैं.
जेसिका सीजल कहती हैं कि इस कृत्रिम मिठाई में कोई कैलरी या मीठा तो नहीं होता लेकिन इनमें विटामिन, फाइबर या एंटीऑक्सिडेंट जैसे फायदे भी नहीं होते. वह भी कहती हैं कि इनके सेहतमंद होने को लेकर फिलहाल शोध जारी हैं और किसी एक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता.
सीजल कहती हैं कि मीठा खाना ही है तो स्टेविया जैसे कुदरती स्वीटनर का इस्तेमाल करना चाहिए. वह साफ तौर पर कहती हैं कि सोडा, एनर्जी ड्रिंक, स्वीट टी और जूस आदि का प्रयोग करने से बचा जाना ही बेहतर है. (dw.com)
भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. गुरुवार को सरकार ने ऐलान किया कि चावल की अन्य विभिन्न किस्मों के निर्यात पर 20 प्रतिशत निर्यात कर लगेगा.
दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है और अन्य किस्मों पर निर्यात कर 20 प्रतिशत कर दिया है. औसत से कम मॉनसून बारिश के कारण स्थानीय बाजारों में चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए यह फैसला किया गया है. इसका असर दुनियाभर के बाजारों में महंगाई के रूप में देखने को मिल सकता है.
भारत दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को चावल का निर्यात करता है और उसकी तरफ से निर्यात में आने वाली जरा सी भी कमी उन देशों में कीमतों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. पहले से खाने के सामान की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि झेल रही दुनिया के लिए यह एक बड़ी समस्या हो सकती है. यूरोप और अमेरिका के कई इलाके ऐतिहासिक सूखे से जूझ रहे हैं और यूक्रेन युद्ध का असर भी विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ाए हुए है.
दुनिया में महंगाई बढ़ेगी
भारत द्वारा लगाया गया नया निर्यात कर खरीददारों को ज्यादा चावल खरीदने से हतोत्साहित करेगा और वे थाईलैंड व वियतनाम जैसे अन्य वैकल्पिक बाजारों का रुख कर सकते हैं. उन देशों के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है क्योंकि वियतनाम और थाईलैंड अपना निर्यात बढ़ाने को कोशिशों में जुटे हैं.
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीवी कृष्णाराव ने बताया कि निर्यात कर का असर भूरे और सफेद चावल पर होगा जो निर्यात का कुल 60 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, "इस कर के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत का निर्यात महंगा हो जाएगा. फिर खरीददार थाईलैंड और वियतनाम की ओर जाएंगे.”
वैसे भारत सरकार ने उबले चावल और बासमती को इस निर्यात कर से बाहर रखा है. नया कर 9 सितंबर यानी शुक्रवार से लागू हो गया है. इसके साथ ही टूटे चावल के निर्यात पर पूर्ण रोक भी अमल में आ गई है. टूटा चावल आमतौर पर गरीब अफ्रीकी मुल्कों को जाता है जहां इंसानों के अलावा इसे मवेशियों को भी खिलाया जाता है.
व्यापारियों में चिंता
दुनिया के कुल चावल निर्यात का 40 फीसदी भारत से होता है. उसका मुकाबला थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार से होता है. लेकिन भारत में यह मॉनसून कमजोर रहा है और बारिश सामान्य से कम हुई है. पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में हुई कम बारिश के कारण धान की बुआई या तो कम हुई है या फिर देर से हो रही है. इस कारण चावल के उत्पादन को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं. हाल ही में भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोग लगा दी थी और चीनी के निर्यात को भी नियंत्रित कर दिया था.
भारत के सबसे बड़े चावल निर्यातक सत्यम बालाजी के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर हिमांशु अग्रवाल कहते हैं कि बढ़े हुए कर के कारण आने वाले महीनों में भारत का निर्यात 25 फीसदी तक गिर सकता है. वह कहते हैं कि सरकार को कम से कम उन समझौतों के लिए राहत देनी चाहिए जो आज से पहले हो चुके हैं और बंदरगाहों पर चावल लादा जा रहा है.
अग्रवाल ने कहा, "खरीददार पहले से तय कीमत पर 20 प्रतिशत ज्यादा नहीं दे सकते और विक्रेता भी 20 प्रतिशत कर वहन नहीं कर सकते. सरकार को पहले से हो चुके समझौतों को राहत देनी चाहिए.”
भारत का रिकॉर्ड निर्यात
2021 में भारत का चावल निर्यात रिकॉर्ड 2.15 करोड़ टन पर पहुंच गया था जो दुनिया के बाकी चार सबसे बड़े निर्यातकों थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और अमेरिका के कुल निर्यात से भी ज्यादा है. भारत को सबसे बड़ा फायदा उसकी कीमत से ही होता है क्योंकि वह सबसे सस्ता सप्लायर है.
मुंबई स्थित ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म में काम करने वाले एक ट्रेडर के मुताबिक इस सस्ते चावल के कारण ही नाईजीरिया, बेनिन और कैमरून जैसे देश गेहूं और मकई की महंगाई से बच पाए. इस ट्रेडर के मुताबिक चावल को छोड़कर बाकी सभी अनाज महंगे हो गए थे और अब चावल भी उसी राह चल निकला है. वह कहते हैं कि टूटे चावल के निर्यात पर रोक से चीन को भी नुकसान होगा क्योंकि वह मवेशियों को खिलाने के लिए इसे खरीदता है.
चीन 2021 में टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीददार था. उसने 11 लाख टन चावल खरीदा था. अफ्रीकी देशों जैसे सेनेगल और जिबूती ने इंसानी उपभोग के लिए इसे खरीदा था.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एपी)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 सितंबर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को यहां पहुंचे। माना विमानतल पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत के दौरान पार्टी के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे।
नड्डा के एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही उत्साही कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित तमाम छोटे-बड़े नेता मौजूद थे।
रायपुर, 8 सितम्बर। मनेंद्रगढ़ निवासी रमा शंकर गुप्ता का कहना है कि उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक जिला नहीं बनाया जाएगा वे अपनी दाढ़ी नहीं बनाएंगे और जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला बनाने की घोषणा की तभी उन्होंने दाढ़ी कटाई । जिला बनाने के लिए हम सभी मनेन्द्रगढ़वासी मुख्यमंत्री के आभारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सिखों के पगड़ी पहनने की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती है.
शैक्षणिक संस्थाओं के परिसर में हिजाब पहनने पर लगाए गए प्रतिबंध के फ़ैसले को कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा बरकरार रखने के ख़िलाफ़ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही.
जस्टिस हेमंत गुप्ता की अगुवाई वाली पांच जजों की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि पगड़ी और कृपाण सिखों के लिए अनिवार्य हैं. इसलिए सिखों के पगड़ी पहनने की हिजाब से तुलना अनुचित है क्योंकि सिख धर्म में पंचक अनिवार्य है.
याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील निज़ामुद्दीन पाशा ने अपनी दलीलों में कृपाण और पगड़ी की तुलना हिजाब से करने की कोशिश की थी.
एडवोकेट पाशा ने कहा कि हिजाब पहनना मुस्लिम लड़कियों की धार्मिक रीति रिवाजों का हिस्सा है. उन्होंने ये भी पूछा कि क्या हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूल आने से रोका जा सकता है? उन्होंने ये दलील भी दी कि सिख छात्रों को पगड़ी पहनने की इजाजत है.
निज़ामुद्दीन पाशा ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सांस्कृतिक रीति रिवाज़ों का भी संरक्षण किया जाना चाहिए.
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि कृपाण को संविधानिक संरक्षण मिला हुआ है इसलिए दोनों धर्मों के रीति-रिवाज़ों की तुलना न की जाए.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
"अगर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत कपड़े पहनना पूर्ण मौलिक अधिकार है तो फिर कपड़े न पहनना भी इस अनुच्छेद के तहत अधिकार बन जाता है."
कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध बरकरार रखने वाले हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ अर्ज़ियों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के कई कड़े सवाल और टिप्पणियां कीं.
इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ये भी कहा कि कर्नाटक हिजाब बैन मामले में सवाल सिर्फ़ स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध का है क्योंकि इसके अलावा कहीं भी हिजाब पहनने की मनाही नहीं है.
इस साल जनवरी महीने में जब भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड थी, उस समय कर्नाटक में छिड़ा हिजाब विवाद पूरे देश में ताप बढ़ाने का काम कर रहा था. तबसे ये विवाद जारी है.
मार्च महीने में सरकारी शैक्षिक संस्थानों में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. इसी फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
शीर्ष न्यायालय में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले को पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए.
उन्होंने दलील दी कि अगर कोई लड़की संविधान के अनुच्छेद 19, 21 या 25 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए हिजाब पहनने का फैसला करती है, तो क्या सरकार उस पर ऐसा प्रतिबंध लगा सकती है जो उसके अधिकारों का उल्लंघन करे.
न्यायमूर्ति गुप्ता ने इसपर कहा, "हम इस बहस को अतार्किक अंत तक नहीं ले जा सकते...अगर आप कहते हैं कि कपड़े पहनने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है तो कपड़े न पहनने का अधिकार भी मौलिक अधिकार बन जाता है." इस पर अधिवक्ता कामत ने कहा कि स्कूल में कोई भी कपड़े नहीं उतार रहा है.
कामत की ओर से क्रॉस, रुद्राक्ष और जनेऊ धारण करने के उदाहरणों के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सब कपड़े के ऊपर नहीं पहने जाते, किसी को दिखाई नहीं देते. कोर्ट ने तर्क दिया कि कोई भी छात्रों की यूनिफ़ॉर्म उतरवाकर ये जांच करने नहीं जा रहा कि उन्होंने कौन सा धार्मिक प्रतीकचिह्न पहना है.
पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, "सवाल यह है कि कोई भी आपको हिजाब पहनने से नहीं रोक रहा है. आप इसे जहां चाहें पहन सकते हैं. प्रतिबंध सिर्फ़ स्कूल में है. हमारी चिंता केवल इसको लेकर है."
"दक्षिण अफ़्रीका के बारे में भूलिए, भारत लौटिए"
बहस के दौरान, कामत ने दक्षिण भारत की एक हिंदू लड़की के मामले में दक्षिण अफ्रीका की संवैधानिक अदालत के एक फैसले का भी उल्लेख किया, जो स्कूल में नोज़ पिन पहनना चाहती थी.
वेबसाइट लाइव लॉ के अनुसार लड़की दक्षिण अफ़्रीका के स्कूल कोड के तहत नोज़ पिन को कुछ समय के लिए उतारने के लिए तैयार हो गई थी. उस समय दक्षिण अफ़्रीका की अदालत ने माना था कि लड़की को थोड़े समय के लिए भी नोज़ पिन निकालने के लिए कहने से ये संदेश जाएगा कि उसका और उसके धर्म का स्वागत नहीं किया जा रहा.
इस पर जस्टिस गुप्ता ने कहा कि नोज़ पिन पहनना धार्मिक प्रतीक नहीं है. जस्टिस गुप्ता ने तर्क दिया कि पूरी दुनिया में महिलाएं झुमके पहनती हैं, लेकिन यह कोई धार्मिक प्रथा नहीं है. हालांकि, कामत ने ज़ोर देकर कहा कि कुछ अनुष्ठानों के दौरान 'बिंदी' और 'नोज़ पिन' पहनने का धार्मिक महत्व है.
जस्टिस गुप्ता ने तब बताया कि ये फ़ैसला दक्षिण अफ़्रीका के संदर्भ में है, जिसकी आबादी भारत की तरह विविध नहीं है. उन्होंने कहा, "बाकी सभी देशों में अपने नाग़रिकों के लिए एक समान कानून है...दक्षिण अफ़्रीका के बारे में भूल जाएँ, भारत आएँ."
लाइव लॉ के अनुसार जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले पर पिछली सुनवाई में मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि एक "पगड़ी" एक "हिजाब" के बराबर नहीं है और दोनों की तुलना नहीं की जा सकती.
जब कामत ने अमेरिका के फैसलों का हवाला दिया, तो पीठ ने कहा, "हम अपने देश के साथ अमेरिका और कनाडा की तुलना कैसे कर सकते हैं."
पीठ ने कहा, "हम बहुत रूढ़िवादी हैं…." पीठ ने कहा कि ये फैसले उनके समाज के संदर्भ में दिए गए हैं.
कर्नाटक हाई कोर्ट के 15 मार्च के उस फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें कहा गया है कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम के अनुसार अनिवार्य नहीं है.
हाइकोर्ट की फुल बेंच ने अपने 129 पन्ने के फ़ैसले में कुरआन की आयतों और कई इस्लामी ग्रंथों का हवाला दिया. अदालत ने 11 दिन की सुनवाई के बाद यह फ़ैसला दिया था.
अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा, "इस्लामी धर्म ग्रंथों के आधार पर कहा जा सकता है कि हिजाब पहनना अधिक से अधिक एक सुझाव हो सकता है. जो चीज़ धार्मिक आधार पर अनिवार्य नहीं है, उसे विरोध प्रदर्शनों या अदालत में भावनात्मक दलीलों से धर्म का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता."
मुंबई हाइकोर्ट की डिविज़न बेंच के एक पुराने फ़ैसले का हवाला देते हुए कर्नाटक हाइकोर्ट ने कहा था, "यह मानना ठीक नहीं होगा कि किसी को स्कूल में हिजाब पहनने से मना किया जाना इस्लाम की मान्यताओं में हस्तक्षेप करना है."
उस समय उच्च न्यायालय ने तर्क दिया था कि यह नहीं कहा जा सकता कि हिजाब पहनने के चलन को न मानने पर व्यक्ति पाप का भागी होगा.
एक याचिकाकर्ता की दलील थी कि केंद्रीय विद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति है तो फिर इस मामले में क्यों नहीं. इस पर अदालत ने कहा था, "अगर इस दलील को मान लिया जाए तो स्कूली यूनिफ़ॉर्म, यूनिफॉर्म ही नहीं रह जाएगी. छात्राओं की दो श्रेणियां बन जाएंगी, एक वो जिसमें लड़कियां हिजाब के साथ यूनिफ़ॉर्म पहनेंगी, और दूसरी वो जो बिना हिजाब के. इससे सामाजिक अलगाव का माहौल तैयार होगा, जो हम नहीं चाहते हैं. इसके अलावा ऐसा करना यूनिफॉर्म की मूल भावना के खिलाफ़ होगा जिसका उद्देश्य एकरूपता स्थापित करना है, ऐसी एकरूपता जिसमें छात्र के धर्म की कोई भूमिका न हो."
कैसे बढ़ा था विवाद
इस विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडुपि से हुई थी जहाँ एक कॉलेज में कुछ मुसलमान लड़कियों के हिजाब पहनने पर हंगामा हुआ था और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए थे जिनमें केसरिया पटका पहनकर हिजाब के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले लोगों को दिखाया गया था.
इसके बाद हिंदू और मुसलमान, दोनों तरफ़ से छात्रों के बीच सोशल मीडिया पर अपने धार्मिक चिन्हों को दिखाने की होड़ लग गई थी, इसकी वजह से तनाव पैदा हुआ और कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएँ भी हुईं.
हिजाब पहनने से रोके जाने पर छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है. लिहाज़ा उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता.
पहले इस मामले की हाईकोर्ट की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही थी लेकिन फिर इसे तीन सदस्यीय बेंच के पास भेज दिया गया.
इस बीच हिजाब विवाद का मामला उडुपी से निकलकर दूसरे स्कूलों तक भी पहुंच गया. यहां भी छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आने लगीं.
देश में कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन होने लगे. कर्नाटक में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 8 सितम्बर। माना एयरपोर्ट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के आगमन की प्रतीक्षा में बड़ी भीड़ जुटी है। स्वागत मे नृत्य दल मनमोहक प्रस्तुति कर रहे हैं।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर/ भिलाई, 9 सितंबर। बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले भिलाई इस्पात संयंत्र ने जी ई रोड स्थित पांच कंपनियों को सील कर दिया है। भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवा विभाग की इंफोर्समेंट यूनिट ने भारी भरकम अमले के साथ सुबह 5:00 बजे डीजीएम के.के. यादव के नेतृत्व में भारी भरकम पुलिस टीम के साथ पहुँच कर तेलहा नाला के पास खुर्शीपार में बंसल ब्रदर्स दुर्गा धर्म कांटा बंसल कमर्शियल कंपनी लक्ष्मी चंद अग्रवाल इंटरप्राइजेज करुणा बंसल को सील कर दिया गया ।इन कंपनियों पर भिलाई इस्पात संयंत्र के 22 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स बकाया था। बताया जाता है कि लगभग 50 करोड़ से अधिक की भूमि पर इन कंपनियों का कब्जा था। सेल के इतिहास की सबसे बड़ी कारवाई की है ।इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र ओए के अध्यक्ष एन. के. बंछोर महासचिव परविंदर सिंह भी ट्रेड यूनियन के नेताओं के साथ मौजूद थे*.
-बादल सरोज
बाबा टॉलस्टॉय की सालगिरह पर उनकी जीवन संगिनी सोफिया की याद जरूरी है ।
???? कहते हैं वे अपनी भरीपूरी डायरी और एक या दो उपन्यासनुमा वृतांत लिखकर छोड़ गयी हैं जो कोई 120 साल बाद छपने वाले हैं या छप रहे हैं । सोफिया के साथ टॉलस्टॉय के रिश्ते समस्यापूर्ण रहे । क्योंकि हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी !! टॉलस्टॉय तो बड़े आदमी थे ।
???? बहरहाल इतनी समस्यापूर्णता के बावजूद टॉलस्टॉय सोफिया के तेरह-13 - बच्चों के बाप भी बने, और बकौल टॉलस्टॉय वॉर एंड पीस और अन्ना कारेनीना में सोफिया ही उनकी मॉडल थी । हालाँकि इसके बावजूद अपनी आख़िरी गोपनीय वसीयत में भी उन्होंने इनके साथ न्याय नहीं किया ।
???? इस महान लेखक की पहली पाठक, उनके लिखे की पहली सुधारक और उनके लिखे को प्रेस के लिए अपने सुलेख में फिर से लिखने वाली, और उनकी बिक्री का हिसाबकिताब रखने वाली सोफिया ही थी । बाद में जाकर मालूम पड़ा कि वे लेखिका भी थी।
???? अपने वृतांतों में सोफिया ने उन तोहमतों के बारे में अपना पक्ष रखा है जो टॉलस्टॉय के जीवनकाल में ही उनके तथा उनके करीबी लोगो द्वारा सोफिया पर मढ़ी गयी थी ।
???? इतने वर्ष बाद, सो भी किसी के निहायत निजी जीवन के मामले में जजमेंटल नहीं हुआ जा सकता ; वहीं निजी प्रसंग के आधार पर टॉलस्टॉय की अमर साहित्यिक कृतियों के महत्त्व को खारिज नहीं किया जा सकता । सोफिया के लिखे-कहे को जस का तस सच भी नहीं माना जा सकता।
यही बात सोफिया के बारे में टॉलस्टॉय के लिखे कहे पर भी लागू होती है ।
???? मगर यह बेधड़क कहा जा सकता है कि औरत को बड़ी मुश्किल लड़ाई लड़नी होती है, यह तब और कठिन हो जाती है जब सामने उसका सबसे प्रिय होता है, सहायक और सहयोगी के बजाय उसकी रचनात्मकता के सबसे बड़े स्पीड ब्रेकर के रूप में । कबीर बाबा जैसे निर्भीक बन्दे सहित ज्यादातर पुरुष रचनाकारों के बारे में यह सच है ।
???? ठीक है, सच बदला नही जा सकता किन्तु उसका दोहराव उसकी पुनरावृत्ति को रोका तो जा सकता है ।
???? विडम्बना यह है कि समाज इस तरह के पुरुष को माफ़ कर देता है...खुद औरतें भी उसके गुनाह भुला देती हैं । सजा उसे मिलती है जो जरूरी नहीं कि खतावार भी हो ।
#statutory_warning : विद दिस, विदआउट दिस, इंस्पाइट ऑफ दिस, इस सबके बावजूद लियो टॉलस्टॉय विश्व साहित्य के घने, फल और छायादार वटवृक्ष थे, हैं और रहेंगे ।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 8 सितंबर। सरिया कंपनी से नौकरी छोड़ने के बाद भी स्वयं को मैनेजर बता कर महिला ने 4.41करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की।
मोवा पंडरी पुलिस के अनुसार माही बत्रा पति मिंसू बत्रा मोवा रेलवे लाइन के पास स्थित नाकोड़ा इस्पात कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। जहां से उसने इस्तीफा देने के बाद अपनी पहचान कंपनी के ही परचेस मैनेजर के रूप बनाए रखा। और 1-जून -20 से 15 फरवरी 21 के मध्य नौ महीने के दौरान माही ने अनाधिकृत रूप से कम्पनी के मेल आईडी का उपयोग कर गलत ई मेल की जरिए माल बेचने के नाम पर लेनदेन करती रही।इस दौरान उसने कम्पनी को 5 करोड 41 लाख 88,211 रू की चपत लगाई। कंपनी प्रबंधन ने इंटर्नल जांच के बाद गुरुवार को मोवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। कंपनी के अजय कुमार दुबे की रिपोर्ट पर पुलिस ने माही के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66,सी,डी और आईपीसी की धारा 419,467,469,120बी लगाया है। आरोपी महिला अभी पकड़ से बाहर है।
कोल इंडिया के अधिकारी मेगा परियोजनाओं के दौरे पर पहुंचे
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर 9 सितंबर। कोल इंडिया ने वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें एक चौथाई से अधिक एसईसीएल की हिस्सेदारी हो इसकी रणनीति बनाई जा रही है।
इसी सिलसिले में कोयला मंत्रालय की संयुक्त सचिव विस्मिता तेज और निदेशक सीपीडी मुकेश चौधरी ने एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं का भ्रमण किया। ज्ञात हो कि कंपनी की गेवरा, दीपिका व कुसमुंडा मेगा परियोजनाएं देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यहां 100 मिलियन से अधिक कोयला बिजली घरों और उद्योगों को जाता है। एक अनुमान के अनुसार अकेले गेवरा फील्ड से 10 सालों की बिजली की आवश्यकता पूरी हो सकती है। केंद्र के दोनों अधिकारी गुरुवार को इन परियोजनाओं के दौरे पर पहुंचे। दोपहर में उन्होंने ओवर बर्डन के निष्कासन का दीपका खदान में मुआयना किया। उन्होंने कोल्ड डिस्पैच तथा सुआभुंडी पैच का भी अवलोकन किया शाम को उस मुंडा परियोजना के टीम से मुलाकात की। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन और डिस्पैच में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि की है।
उल्लेखनीय है कि मुकेश चौधरी का चयन कोल इंडिया के निदेशक मार्केटिंग के रूप में हो चुका है और वे जल्द ही प्रभार ले सकते हैं।
कन्याकुमारी से सीधे बिलासपुर पहुंचकर रात्रि विश्राम किया सीएम ने
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर 9 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से रथयात्रा और हिंसा की राजनीति करने वाली भाजपा में खलबली मच गई है।
कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल होने के बाद सीधे बिलासपुर पहुंचे मुख्यमंत्री बघेल कहा कि आज मूल समस्या बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी और किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम नहीं मिलना है। इसकी जगह समाज में हिंसा और घृणा फैलाई जा रही है। यह पदयात्रा उसके खिलाफ है। इस यात्रा से देश और समाज में जबरदस्त बदलाव दिखेगा।
बघेल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा चुनाव को लेकर नहीं है। देश में चुनाव होते रहेंगे लेकिन सामाजिक समरसता, भाईचारा और सभी धर्मों के बीच सद्भाव जरूरी है, जिसके बिना देश आगे नहीं बढ़ सकेगा। देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए यह यात्रा हो रही है।
प्रदेश में आयकर छापों को लेकर बघेल ने कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि जल्द ही ऐसा होने वाला है। वे लोग लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हैं। कोई उनके खिलाफ खड़ा होगा या सहयोग देगा तो वे इसी प्रकार के हथकंडे अपनाएंगे। कांग्रेस की पदयात्रा शुरू होने के बाद पूरे देश में 500 जगह छापे पड़े हैं। आईटी, ईडी और सीबीआई सभी अभी छापे मारेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा के रायपुर प्रवास पर सीएम ने कहा कि उन दोनों को मेरा निमंत्रण है। वे कौशल्या माता के मंदिर जाएं, गोठान देखें और आत्मानंद स्कूलों का भ्रमण करें।
मुख्यमंत्री बघेल कन्याकुमारी में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद गुरुवार की शाम विमान से सीधे बिलासपुर पहुंचे। उनका 2 घंटे का समय निजी तौर पर आरक्षित किया गया था। इस दौरान उन्होंने केके श्रीवास्तव के निवास पर उसलापुर में पूजा पाठ की। बघेल ने बिलासपुर में रात्रि विश्राम किया।