ताजा खबर
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । पाकिस्तान की सरकार के ट्विटर हैंडल पर भारत में रोक लगा दी गई है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में ये ऐसी दूसरी घटना है.
इससे पहले जुलाई में भी पाकिस्तान सरकार के ट्विटर हैंडल पर भारत में रोक लगाई गई थी लेकिन बाद में इसे रीएक्टिवेट कर दिया गया था.
आज इसके हैंडल पर जाने पर ये मैसेज दिख रहा था कि ये एकाउंट भारत में रोक दिया गया है.
ये मैसेज कुछ इस तरह से था, '@GovtofPakistan का एकाउंट एक क़ानूनी नोटिस के जवाब में भारत में रोक दिया गया है.'
ट्विटर की गाइडलाइंस के अनुसार, ऐसी कार्रवाई किसी लीगल नोटिस या कोर्ट के आदेश की तामील में की जाती है. फिलहाल भारत से ट्विटर का कोई यूजन पाकिस्तान सरकार के हैंडल का फीड नहीं देख सकता है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है.
शुक्रवार को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक़ 23 सितंबर को ख़त्म हुए हफ़्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 8.134 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.
अब ये घटकर 537.518 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार पिछले हफ़्ते 5.2 अरब डॉलर गिरकर 545.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए रुपये को संभालने के लिए रिज़र्व बैंक ने इसका इस्तेमाल किया था जिस वजह से ये गिरावट आई है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के चार नए इलाकों पर रूस के कब्ज़े और वहां जनमत संग्रह के ख़िलाफ़ पेश किए गए निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत ने दूरी बनाई है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा की. इसके बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य देशों ने इसकी कड़ी निंदा की.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के चार इलाक़ों में कब्ज़े को लेकर रूस की निंदा के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसे उसने वीटो कर दिया.
पंद्रह देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद के दस देशों ने रूस के कब्ज़े के ख़िलाफ़ लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग की लेकिन चीन, गेबन, भारत और ब्राज़ील इससे दूर रहे. (bbc.com/hindi)
-ब्रजेश मिश्र
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान से 5जी सेवा और मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे संस्करण की शुरुआत की.
आज से देश आठ शहरों में 5जी सेवा उपलब्ध होगी. इनमें दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, वाराणसी का नाम शामिल है. 5जी लॉन्च के मौके पर जियो, एयरटेल और वोडाफ़ोन-आइडिया, तीनों कंपनियों के मालिकों ने अपनी राय रखी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस मौके पर कहा कि 5जी डिजिटल कामधेनु जैसा है.
उन्होंने कहा, "5जी के आने से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, मेटावर्स जैसी चीज़ों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर में आधुनिकीकरण होगा."
अंबानी ने कहा कि भारत ने भले ही देर से शुरुआत की है लेकिन देशभर में बेहद तेज़ी से 5जी की सेवाओं का विस्तार होगा.
भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि 5जी के आने से देश के नागरिकों के लिए नए मौके खुलेंगे और ग्रामीण भारत को तकनीक से जोड़ने में मदद मिलेगी.
सुनील मित्तल ने कहा कि एक वक्त था जब उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि इस देश में कभी मैनुफैक्चरिंग हो सकती है. लेकिन मेक इन इंडिया ने देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया.
उन्होंने कहा, "मार्च 2023 तक देश के अधिकतर शहरों में और मार्च 2024 तक देश के गावों में 5जी सुविधा पहुंचेगी. आज से दिल्ली वाराणसी मुंबई और बंगलुरु समेत आठ शहरों में एयरटेल का 5जी नेटवर्क चालू होगा."
बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि 5जी युग में कदम रखने के साथ आधुनिकी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे.
उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में हम धीरे-दीरे 4जी से 5जी सर्विस की ओर बढ़ेंगे और ग्रामीण भारत में भी 5जी नेटवर्क पहुंचेगा." (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 1 अक्टूबर। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के न्यू सीलमपुर इलाके में 10 साल के लड़के से उसके तीन दोस्तों ने कथित तौर पर मारपीट और कुकर्म किया। शनिवार को अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित लड़के की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भी ट्वीट कर लड़के की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पीड़ित लड़के ने काफी कुछ सहा। मालीवाल ने आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की।
इससे पहले, डीसीडब्ल्यू ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया और उन्हें किशोर न्याय बोर्ड (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) के समक्ष पेश किया।
पुलिस ने बताया था कि पीड़ित और आरोपी पड़ोसी हैं तथा वे एक ही आयु वर्ग और एक ही समुदाय के हैं। यह घटना 18 सितंबर हो हुई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पांच नेताओं को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। यह फैसला उन पर हमले के संभावित खतरे के मद्देनजर लिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ हाल ही में की गई छापेमारी की कार्रवाई के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनसे संकेत मिले हैं कि ये नेता पीएफआई के निशाने पर हैं।
केंद्र सरकार ने पीएफआई को आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी के अधार पर आरएसएस के पांच नेताओं को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्ति) सुरक्षा इकाई को आरएसएस के इन पांच नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, ‘वाई’ श्रेणी के तहत प्रत्येक नेता को दो से तीन सशस्त्र कमांडो सुरक्षा के लिए दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि इसी तरह की सुरक्षा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष एवं पश्चिमी चंपारण से लोकसभा सदस्य संजय जायसवाल को मुहैया कराई गई है।
जायसवाल को सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा के बाद उनके और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर यह सुरक्षा दी गई है।
हालांकि, बाद में जायसवाल से यह सुरक्षा वापस ले ली गई थी, लेकिन एक बार फिर उनकी सुरक्षा बहाल कर दी गई है।
आरएसएस के पांच नेताओं और जायसवाल के शामिल होने से सीआरपीएफ के वीआईपी सुरक्षा घेरे के तहत कम से कम 125 लोग आ गए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 अक्टूबर। जेट ईंधन (एटीएफ) के मूल्य में शनिवार को 4.5 फीसदी तक की गिरावट आयी और होटलों तथा रेस्तरां में इस्तेमाल किए जाने वाले वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में 19 किलोग्राम प्रति सिलेंडर 25.5 रुपये की कमी आयी।
सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं द्वारा मूल्य के संबंध में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 19 किग्रा. के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,885 रुपये से कम होकर 1,859.50 रुपये हो गयी है।
जून के बाद से वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में छठी बार कटौती की गयी है।
बहरहाल, घरेलू रसोई गैस की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ और घरेलू एलपीजी के 14.2 किग्रा. प्रति सिलेंडर की कीमत 1,053 रुपये है।
उद्योग के सूत्रों ने बताया कि इसका कारण यह है कि घरेलू रसोई गैस की कीमत लागत से पहले ही बहुत कम है।
इसके साथ ही विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमत में 4.5 प्रतिशत की मामूली कमी दर्ज की गयी है। (भाषा)
जम्मू, 1 अक्टूबर। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद को उनकी नवगठित डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) का अध्यक्ष चुनाव गया है। डीएपी के एक नेता ने शनिवार को यह जानकारी दी।
नेता के मुताबिक, इस आशय से जुड़ा एक प्रस्ताव संस्थापक सदस्यों के सत्र में सर्वसम्मति से पारित किया गया, जो जम्मू और श्रीनगर, दोनों ही जगहों पर आयोजित किया गया था।
आजाद (73) ने 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने 26 सिंतबर को उन दर्जनों पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और अन्य प्रमुख नेताओं के सहयोग से डीएपी का गठन किया था, जिन्होंने उनके समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद, ताज मोहिउद्दीन, जी एम सरूरी, आर एस छिब, जुगल किशोर, माजिद वानी और मनोहर लाल शर्मा शामिल हैं।
जम्मू लौटने से पहले आजाद ने 27 से 30 सितंबर के बीच चार दिन कश्मीर घाटी में बिताए थे। (भाषा)
नागपुर (महाराष्ट्र), 1 अक्टूबर। कांग्रेस सांसद शशि थरूर शनिवार को यहां दीक्षाभूमि स्मारक का दौरा करने के साथ ही पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे।
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता आशीष देशमुख ने बताया कि थरूर दीक्षाभूमि जाकर श्रद्धांजलि देंगे, जहां डॉ. बी आर आंबेडकर ने 1956 में अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था।
देशमुख ने तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर के यहां के दौरे की व्यवस्था की है।
थरूर (66) ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था।
उनकी यात्रा के कार्यक्रम के अनुसार, थरूर शनिवार शाम चार बजकर 50 मिनट पर नागपुर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और वहां से दीक्षाभूमि के लिए रवाना होंगे जहां वह डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे तथा बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
रविवार को थरूर सुबह नौ बजे वर्धा में महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम जाएंगे और बाद में पवनार में विनोबा भावे के आश्रम जाएंगे। वह दोपहर 12 बजे के आसपास नागपुर लौटेंगे तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, पार्टी की प्रदेश इकाई के सदस्यों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे।
देशमुख ने कहा, ‘‘थरूर लोकप्रिय कांग्रेस सांसद हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए उल्लेखनीय काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी में विकेंद्रीकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम है।’’
देशमुख ने यह भी दावा किया कि 12 राज्यों में कांग्रेस प्रतिनिधियों (डेलिगेट्स) ने थरूर का खुलकर समर्थन किया है और उन्हें देशभर के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का समर्थन मिल रहा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और के. एन. त्रिपाठी आगे आये हैं। इन तीनों ने शुक्रवार को अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए।(भाषा)
हैदराबाद, 1 अक्टूबर। तेलंगाना सरकार ने शनिवार को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जनजातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का आदेश जारी किया।
मौजूदा समय में राज्य में अजजा समुदाय से जुड़े लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में छह प्रतिशत आरक्षण हासिल है।
हाल ही में एक जनसभा में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की सीमा को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का आदेश जारी करेगी।
अप्रैल 2017 में तेलंगाना विधानसभा में अजजा समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित किया गया था। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया था।
सरकारी आदेश में कहा गया है, “बीते करीब छह वर्षों में राज्य सरकार ने इस संबंध में कई अभ्यावेदन भेजे, लेकिन मामला अभी भी लंबित है। लिहाजा इन परिस्थितियों में बिना और समय गंवाए अनुसूचित जनजातियों को प्राप्त आरक्षण की सीमा में वृद्धि करना उचित है।”
आदेश में कहा गया है, “तेलंगाना सरकार उपरोक्त विशेष परिस्थितियों पर विचार करने के बाद शिक्षण संस्थानों में दाखिले और राज्य सरकार की नौकरियों में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की सीमा को छह प्रतिशत से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का आदेश देती है।” (भाषा)
गुंडलुपेट (कर्नाटक), 1 अक्टूबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जा रही ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ इन दिनों कर्नाटक में है और बारिश के कारण शनिवार को इस यात्रा में विलंब हुआ।
कर्नाटक में आज यात्रा का दूसरा दिन है और गुंडलूपेट में मूसलाधार बारिश की वजह से यात्रा बाधित हुई।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, यात्रा शनिवार को चामराजनगर जिले के तोंडावाड़ी से सुबह साढ़े छह बजे आगे बढ़नी थी।
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा अपने 24वें दिन बेगुर से सुबह साढ़े छह बजे शुरू होनी थी लेकिन बारिश के कारण इसमें विलंब हो गया है। 15 दिनों के अंतराल के बाद बारिश हुई और इससे किसानों को फायदा होगा। यह निश्चित रूप से वही है जिसके लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से यात्रा निकाली जा रही है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को सुबह तमिलनाडु के गुडलुर से कर्नाटक के गुंडलूपेट पहुंचे।
कर्नाटक में यात्रा 21 दिन में 511 किलोमीटर का सफर तय करेगी। कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई यह यात्रा 30 जनवरी 2023 को जम्मू में संपन्न होगी।(भाषा)
-श्रवण गर्ग
असली कांग्रेस किसे माना जाना चाहिए ? क्या उसे जो इस समय राहुल गांधी के नेतृत्व में मल्लिकार्जुन खड़गे के राज्य कर्नाटक में लाखों लोगों के स्वागत के बीच सड़कों से गुज़र रही है या फिर उसे जो नए अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद नई दिल्ली में प्रकट होने वाली है ? या दोनों को ही ? कांग्रेस के असली चेहरे को लेकर देश की जनता को भ्रम में डाल दिया गया है। लोग इसी प्रतीक्षा में थे कि नई कांग्रेस का जन्म तो पाँच महीने की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद जनता के बीच से होने वाला है।
वर्ष 1998 में सीताराम केसरी की जगह सोनिया गांधी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था ।तभी से यह पद बिना किसी चुनाव के सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच बंटता रहा है। ख़ुशियाँ मनाई जा सकतीं हैं कि चौबीस सालों के बाद पहली बार कोई ग़ैर-गांधी अध्यक्ष चुनावों के ज़रिए पार्टी को प्राप्त होने जा रहा है।
गर्व के साथ प्रचार किया गया है कि ‘गांधी परिवार’ के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप के बिना होने जा रहे चुनाव में खड़गे द्वारा नामांकन दाखिल करते समय पार्टी के सारे वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इनमें मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा सहित गांधी परिवार को चुनौती देने वाले जी-23 के विद्रोही नेता भी शामिल थे। दावा किया जा रहा है कि 19 अक्टूबर को दिल्ली में एक नई और प्रजातांत्रिक कांग्रेस का जन्म हो रहा है। पहले एक ही कांग्रेस थी । चुनावों के बाद दो हो जाएँगी। एक राहुल की और दूसरी खड़गे के नेतृत्व में ‘परिवार’ के नियंत्रण की। बताया जा रहा है कि आंदोलन चलाने का काम राहुल करेंगे और गांधी परिवार तथा कार्यकर्ताओं के बीच सेतु की भूमिका खड़गे निभाएँगे।
अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर मचे घमासान से बात साफ़ हो गई थी कि ‘परिवार’ पार्टी संगठन पर अपनी पकड़ को ढीली नहीं पड़ने देना चाहता है। अस्सी-वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री के बाद चीजों को लेकर ज़्यादा स्पष्टता आ गई है कि 17 अक्टूबर को मुक़ाबला परिवार के प्रति ‘वफ़ादारी’ और विद्रोहियों द्वारा की जा रही पार्टी के ‘सामूहिक नेतृत्व’ की माँग के बीच होना है। सभी मानकर चल रहे हैं कि जीत अंत में ‘वफ़ादारों’ की ही होती है।
कांग्रेस के ताज़ा घटनाक्रम के बाद भाजपा भी राहत की साँस ले सकती है कि नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर उसे ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। कांग्रेस में कुछ भी बदलने नहीं जा रहा है। चुनाव-प्रचार के लिए उसका यह आरोप भी क़ायम रह सकेगा कि ‘नए’ अध्यक्ष के बाद भी कांग्रेस पार्टी पर ‘पुराने’ परिवार का ही नियंत्रण क़ायम है।
दिग्विजय सिंह ने तैयार स्क्रिप्ट के मुताबिक़, नामांकन पत्र तो प्राप्त कर लिए थे पर अपने आप को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार नहीं घोषित किया। उन्हें जानकारी थी कि वे डमी कैंडिडेट हैं, ‘परिवार’ की अंतिम पसंद नहीं । गांधी परिवार द्वारा खड़गे को अधिकृत उम्मीदवार बनने के लिए तैयार किया जा रहा है। खड़गे के चुनावी मैदान में प्रवेश के साथ ही ज़ाहिर हो गया कि गहलोत के बाद ‘परिवार’ का सबसे ज़्यादा विश्वास किस उम्मीदवार को हासिल है।
दिग्विजय ही अगर अंतिम रूप से भी मैदान में बने रहते तो वे निश्चित ही डमी अध्यक्ष की तरह काम करने को तैयार नहीं होते। परिवार को इस बात का अंदेशा रहा होगा। इसलिए खड़गे को राज़ी किया जाना ज़रूरी था। एक मीडिया साक्षात्कार में दिग्विजय सिंह को कथित तौर पर यह कह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि किसी भी नेता को तानाशाह नहीं बल्कि बराबरी वालों के बीच पहला होना चाहिए (the first among equals).
अध्यक्ष पद के चुनावों को लेकर निकले लम्बे चल-समारोह में गहलोत ही सबसे ज़्यादा समझदार साबित हुए। गहलोत ने दिल्ली पहुँचकर गुलाबी नगरी में हुए कठपुतलियों के प्रदर्शन के लिए सोनिया गांधी से माफ़ी भी माँग ली और सचिन के भविष्य को आलाकमान की झोली में डालकर शांत भाव से जयपुर वापस लौट गए। सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बाद गहलोत ने इस बात का कोई खुलासा नहीं किया कि क्या उन्होंने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की सिफ़ारिश की है और वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।( केरल के प्रसिद्ध अख़बार ‘मलयाला मनोरमा’ ने अपने कुशल फ़ोटोग्राफ़र द्वारा ली गई उस कथित नोट-शीट का चित्र उजागर किया है जिसे सोनिया गांधी से चर्चा के लिए गहलोत बिंदुवार तैयार करके दस जनपथ के अंदर ले गए थे। नोट शीट पर लिखे बिंदु गहलोत द्वारा सोनिया गांधी से हुई चर्चा के बाद पत्रकारों को दिए गए ब्यौरे से अलग कहानी कहते हैं।)
लोगों की रुचि अब इस बात को जानने में है कि क्या अध्यक्ष के चुनाव के बाद कांग्रेस में सब कुछ ठीक हो जाएगा या पार्टी के लिए अंदरूनी और बाहरी चुनौतियाँ बढ़ने वाली हैं ? क्या कांग्रेस एक सशक्त विपक्षी दल के तौर पर भाजपा का मुक़ाबला करने के लिए सक्षम हो सकेगी ? राहुल गांधी अगले महीने के अंत में इक्कीस दिनों के लिए राजस्थान में प्रवेश करने वाले हैं और इस दौरान उनका कोटा की सड़कों से गुजरना भी प्रस्तावित है जहां के एक विधायक गहलोत के कट्टर समर्थक और जयपुर एपिसोड के शिल्पकार शांतिलाल धारीवाल हैं।
खड़गे आलाकमान के पर्यवेक्षक के तौर पर अजय माकन के साथ जयपुर गए थे। उनकी उपस्थिति में ही विद्रोही विधायकों का सारा ड्रामा हुआ था। अब पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में खड़गे की आगामी भूमिका इस बात से तय होगी कि वे गहलोत के मुख्यमंत्री पद ,सचिन पायलट के भविष्य और विद्रोही विधायकों के बारे में क्या फ़ैसला लेते हैं। कहा यही गया था कि गहलोत को लेकर कोई निर्णय एक-दो दिन में हो जाएगा । राजस्थान में नेतृत्व को लेकर लिया जाने वाला कोई आक्रामक फ़ैसला ही अब तय करेगा कि कांग्रेस का संकट ख़त्म हो गया है या और बढ़ने वाला है। उम्मीद यही की जानी चाहिए कि नई दिल्ली में लिए जा रहे फ़ैसलों से राहुल गांधी पूरी तरह से अवगत और सहमत हैं और अपनी यात्रा की समाप्ति पर पाँच महीनों के बाद जब वे दिल्ली लौटेंगे कांग्रेस उन्हें पूरी तरह बदली हुई मिलेगी।
बिलासपुर, 1 अक्टूबर। राज्य सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना को रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने हाल ही में ली गई मुख्य परीक्षा के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है और न्यायालय को आश्वस्त किया है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार साक्षात्कार के लिए नई चयन सूची जारी की जाएगी।
ज्ञात हो कि पिछले 20 सितंबर से शुरू की गई चयन की प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की सूची राज्य सरकार के पूर्व की अधिसूचना के आधार पर तैयार की गई थी, जिसमें आरक्षण का प्रतिशत 58 था। इसी के आधार पर अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए बुलाए गए थे। हाईकोर्ट में बिलासपुर के अभ्यर्थी सत्येंद्र सिंह ने इस प्रक्रिया को अधिवक्ता अभ्युदय सिंह के माध्यम से चुनौती दी। इसमें कहा गया कि आयोग पुरानी अधिसूचना के आधार पर चयन की प्रक्रिया कर रहा है, जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवैधानिक है।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में आयोग की ओर से जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच को बताया गया आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमने शासन से 23 सितंबर को दिशा निर्देश मांगा था जो अभी नहीं मिला है। आयोग हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करेगा। बेंच ने आयोग से पूछा कि वर्तमान में जो इंटरव्यू की प्रक्रिया निर्धारित की गई है उसको लेकर क्या स्थिति होगी। इस पर आयोग ने हाई कोर्ट को जवाब दिया है इस साक्षात्कार की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से निलंबित की जा रही है। इसके अलावा आयोग ने यह भी आश्वस्त किया है कि एक नई चयन सूची जारी की जाएगी जिसमें हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का पालन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सीजीपीएससी ने विभिन्न विभागों के 171 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के नतीजे आने के बाद 20 सितंबर से साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस प्रक्रिया को चुनौती दिए जाने के पूर्व ही आयोग की ओर से एक केविएट दायर कर दिया गया था जिसमें याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई निर्णय देने से पहले अपना पक्ष सुनने का अवसर देने की मांग की थी।
आयोग के इस जवाब के बाद अब साक्षात्कार के लिए भी बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों की सूची ने परिवर्तन होगा और आरक्षण प्रतिशत बढ़ने के कारण वंचित कई सामान्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में मौका मिलेगा।
बिलासपुर, 1 अक्टूबर। त्यौहारों के बीच रेलवे ने दुर्ग -हटिया-दुर्ग -साप्ताहिक सुपरफास्ट पूजा स्पेशल की सुविधा का विस्तार 27 जनवरी 2023 तक किया है। यह ट्रेन पूर्व में 28 सितम्बर तक चलाने का निर्णय लिया गया था।
यह गाड़ी दुर्ग से हटिया के लिये प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को यह गाड़ी 5 अक्टूबर, 2022 से 27 जनवरी, 2023 तक 08186 नंबर के साथ चलेगी। इसी प्रकार विपरीत दिशा मे भी यह ट्रेन-हटिया से दुर्ग के लिए प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को 4 अक्टूबर से 26 जनवरी, 2023 तक 08185 नंबर के साथ चलेगी । इस ट्रेन में 2 एसएलआर, 5 सामान्य, 1 एसी टू एवं 4 स्लीपर सहित कुल 12 कोच रहेंगे।
बिलासपुर, 1 अक्टूबर। रद्द ट्रेनों के कारण सामान्य श्रेणी के यात्रियों को हो रही परेशानी को देखते हुए रेलवे ने गोंदिया-छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनस एक्सप्रेस, बिलासपुर-इतवारी-बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, अम्बिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस तथा दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस में अनारक्षित टिकटों से यात्रा करने की सुविधा तत्काल प्रभाव से शुरू करने की घोषणा की है।
गाड़ी संख्या 11040 गोंदिया-छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनस एक्सप्रेस के एस-2 एवं एस -7 में, गाड़ी संख्या 12855/12856 बिलासपुर-इतवारी-बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के एस-10 एवं एस-11 में, गाड़ी संख्या 18242 अम्बिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस के एस-6 तथा गाड़ी संख्या 18207 दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस के एस-13 को सामान्य कोच घोषित किया गया है। इन डिब्बों में यात्री अनारक्षित टिकट के साथ यात्रा कर सकेंगे।
बिलासपुर, 1 अक्टूबर। रेलवे ने रीवा-चिरिमिरी-रीवा त्रि-साप्ताहिक मेल एक्सप्रेस तथा चिरिमिरी-अनूपपुर-चिरिमिरी त्रि-साप्ताहिक पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का परिचालन फिर प्रारम्भ करने की घोषणा की है। गाड़ी संख्या 11751 रीवा-चिरिमिरी मेल एक्सप्रेस रीवा से प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को रवाना होगी। यह सुविधा 5 अक्टूबर से शुरू होगी। गाड़ी संख्या 11752 चिरिमिरी-रीवा मेल एक्सप्रेस चिरिमिरी से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को 6 अक्टूबर से अगले आदेश तक चलेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 05755 चिरिमिरी-अनूपपुर पैसेंजर स्पेशल, चिरिमिरी से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को 6 अक्टूबर से तथा गाड़ी संख्या 05756 अनूपपुर-चिरिमिरी पैसेंजर स्पेशल, अनूपपुर से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को अगले आदेश तक चलेगी। इन गाड़ियों में 5 शयनयान श्रेणी, 6 सामान्य श्रेणी एवं 2 एसएलआरडी कोच सहित कुल 13 कोच की सुविधा रहेगी।
रायपुर, 1 अक्टूबर। जन संस्कृति मंच(जसंमं) के 16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन 8 अक्टूबर को रायपुर में होने जा रहा है। इसमें कोरस पटना की ओर से मात्सी शरण के निर्देशन में नाटक नमक की प्रस्तुति होगी. कोरस के साथी समता, मात्सी, रुनझुन, रिया और अविनाश यह नाटक प्रस्तुत करेंगे।
कविता का तीसरा संसार, समाजवाद का संकट और मार्क्सवाद, यह किसानों के अस्तित्व का संघर्ष है। जैसी चर्चित कृतियों के लेखक सियाराम शर्मा की गिनती देश के नामचीन आलोचकों में की जाती है। वे जन संस्कृति मंच छत्तीसगढ़ के संयोजक भी है।
हजारीबाग, 1 अक्टूबर। झारखंड के हजारी बाग में नमकीन और लड्डू बनाने की एक फैक्ट्री में बुधवार एवं बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि को खौलते तेल की कड़ाही में गिरने से तीन बाल मजदूर बुरी तरह झुलस गये।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि पुलिस इस घटना की जांच कर रही है और पता लगा रही है कि बाल मजदूरी प्रतिबंधित होने के बावजूद फैक्ट्री में बाल मजदूर काम कैसे कर रहे थे?
तीनों बच्चों को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इन बच्चों में 14 वर्षीय पिंटू कुमार, 12 वर्षीय रंजन कुमार और 15 वर्षीय नीतेश कुमार मांझी शामिल हैं। तीनों बिहार के रहने वाले हैं। (भाषा)
प्रयागराज, 1 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से शुक्रवार को राहत मिली जबकि दूसरे मामले में उन्हें झटका लगा।
उच्च न्यायालय ने रामपुर नगरपालिका से गायब हुई मशीनों के विश्वविद्यालय से कथित रूप से बरामद होने के मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, लेकिन विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन हड़पने के आरोप में दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने से इनकार कर दिया।
रामपुर नगरपालिका की लापता मशीनों के विश्वविद्यालय परिसर से बरामद होने के मामले को लेकर आजम खान और अन्य द्वारा दायर एक रिट याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की पीठ ने सुनवाई की।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने रामपुर के कोतवाली थाने में 19 फरवरी, 2022 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409, 120-बी और लोक संपत्ति क्षति रोधी अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी।
याचिका में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी गुहार लगाई गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 के तहत कोई मामला नहीं बनता क्योंकि कथित घटना 2017 की है और उस दौरान याचिकाकर्ता जनसेवक नहीं थे, बल्कि जौहर विश्वविद्यालय के महज कुलाधिपति थे। उन्होंने दावा किया कि दूसरे याचिकाकर्ता को प्रथम याचिकाकर्ता का बेटा होने की वजह से फंसाया गया है।
संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, “इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए अंतरिम उपाय के तौर पर सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में सहयोग करें।”
विश्वविद्यालय के पक्ष में किसानों से कथित तौर पर जबरदस्ती बिक्री अभिलेख लिखवाने और फिर उनकी जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने के मामले में दर्ज आपराधिक मुकदमों को रद्द करने के अनुरोध वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई न्यायमूर्ति समित गोपाल ने की और उन्होंने याचिकाओं को खारिज कर दिया।
रिकॉर्ड और दलीलों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति समित गोपाल ने कहा, “ प्राथमिकियों में लगाए गए आरोपों से पता चलता है कि कैसे प्रथम शिकायतकर्ता का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की गई, उसे धमकी दी गई और उसकी जमीन हड़प ली गई।”
अदालत ने कहा, “इस मामले के तथ्यों, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोपों और तय कानून को देखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता।”
बारह सितंबर 2019 को रामपुर की सदर तहसील के खौद क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार ने आजम खान और अन्य के खिलाफ अजीम नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 506, 447 और 342 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस प्राथमिकी के बाद कई भू-स्वामियों ने आजम खान एवं अन्य के खिलाफ बलपूर्वक जमीन हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया था। (भाषा)
देहरादून, 1 अक्टूबर। उत्तराखंड में अब लाभार्थी से निशुल्क इलाज का सत्यापन प्रमाण-पत्र लेने के बाद ही आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के दावों का भुगतान किया जाएगा ।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सत्यापन प्रमाणपत्र में उल्लेख होगा कि उपचार हेतु चिकित्सालय द्वारा कोई भी धनराशि नहीं ली गयी है तथा उसका उपचार पूर्णत निशुल्क किया गया है।
सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी यह भी प्रमाणित करेगा कि यह प्रपत्र उसके स्वयं या परिवार के सदस्य द्वारा ही भरा गया है न कि चिकित्सालय के किसी कर्मचारी द्वारा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में सभी चिकित्सालयों को आदेश जारी कर दिए है।
प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में आयुष्मान योजना के चार वर्ष की अवधि में 5. 75 लाख से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है। हालांकि, कुछ लाभार्थियों ने समय-समय पर यह शिकायत की कि चिकित्सालयों द्वारा पूरी तरह से निशुल्क उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया तथा उन्होंने लाभार्थी से धनराशि ली। ऐसे कई मामलों में प्राधिकरण ने लाभार्थियों से ली गयी धनराशि को चिकित्सालय से वापस कराया। (भाषा)
पतनमतिट्टा (केरल), 1 अक्टूबर। यहां की एक स्थानीय अदालत ने एक नाबालिग लड़की से दो साल तक बलात्कार करने के मामले में 41 वर्षीय एक व्यक्ति को शुक्रवार को 142 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
जिला पुलिस द्वारा शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि पतनमतिट्टा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जयकुमार जॉन ने आनंदन पी आर को 142 साल जेल की सजा सुनाई और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिले में यह पॉक्सो मामले के किसी आरोपी को दी गई अधिकतम सजा है।
इसमें बताया गया कि बहरहाल, दोषी को कुल 60 साल जेल की सजा काटनी होगी।
दोषी 10 वर्षीय पीड़िता का रिश्तेदार है। उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी ने 2019-2021 के दौरान बच्ची का यौन शोषण किया। (भाषा)
पटना, 1 अक्टूबर। बिहार की राजधानी में शुक्रवार को छापेमारी के दौरान तीन व्यक्ति पुलिस दल पर गोलीबारी करते हुए फरार हो गए। उन्हें फरार कराने में मदद करने के आरोप में उनकी पत्नियों को गिरफ्तार किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जे एस गंगवार ने बताया कि 29 सितंबर को पटना जिले के बिहटा थाना अन्तर्गत अमनाबाद में (अवैध बालू खनन को लेकर) दो पक्षों के बीच गोलीबारी की घटना होने की सूचना प्राप्त हुई थी । उक्त सूचना पर अमनाबाद में पुलिस द्वारा घटनास्थल पर तलाशी अभियान चलाया गया ।
उन्होंने बताया कि इस कांड में चिन्हित दोनों गुटों के सदस्यों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी और आज बिहटा थाना अंतर्गत अमनाबाद में पुलिस अधीक्षक (पटना पश्चिमी) के नेतृत्व में श्री राय के घर पर छापेमारी की गयी जिस दौरान उसके दो पुत्र प्रवीण कुमार एवं नवीन कुमार, चचेरे भाई गोपाल राय व उनके सहयोगियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी कर दी और फरार हो गए।
गंगवार ने बताया कि राय के घर से एक देसी कटटा, पांच कारतूस व कुछ नकद राशि बरामद की गई है।
बिहार पुलिस (मुख्यालय) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पुलिस ने व्यक्तियों को भगाने में मदद करने के आरोप में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है।
बयान के मुताबिक, राय की पत्नी लक्ष्मीणीया देवी, उनकी दो बहुओं विनीता देवी एवं मुन्नी कुमारी को गिरफ्तार किया गया है।
गंगवार ने बताया कि इस संबंध में बिहटा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और आरोपियों की तलाश जारी है। (भाषा)
-चंदन कुमार जजवाड़े
भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष के लिए तीन उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाख़िल किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के अलावा झारखंड के कांग्रेस नेता कृष्णा नंद त्रिपाठी इस रेस में तीसरे उम्मीदवार हैं.
के एन त्रिपाठी झारखंड के डाल्टनगंज से कांग्रेस विधायक रहे हैं. त्रिपाठी झारखंड सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में के एन त्रिपाठी अपना चुनाव हार गए थे.
इस पद के लिए सबसे पहले अशोक गहलोत, फिर दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने का एलान किया था. लेकिन राजनीतिक उठापटक के बीच अब दोनों ही चुनाव मैदान से बाहर हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, ए के एंटनी, पवन कुमार बंसल और मुकुल वासनिक जैसे कई बड़े कांग्रेसी नेताओं ने किया है.
इस चुनाव के लिए अपना नाम वापस लेने की आख़िरी तारीख़ 8 अक्टूबर है. तब तक किसी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो मुक़ाबला मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और के एन त्रिपाठी के बीच होगा.
पर्चा भरने के बाद क्या कहा खड़गे ने
यदि 8 अक्टूबर के बाद एक से अधिक उम्मीदवार रह जाते हैं तो 17 अक्टूबर को इसके लिए वोट डाले जाएंगे और 19 अगस्त को वोटों की गिनती के साथ ही विजेता का एलान हो जाएगा.
दिलचस्प बात यह भी है कि इनमें से दो नेता दक्षिण भारत से आते हैं. शशि थरूर का संबंध केरल राज्य से है जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से आते हैं. इसके अलावा दोनों ही केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे फ़िलहाल राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं .
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना नामांकन भरने के बाद कहा, "मैं एक बड़े बदलाव के लिए लड़ रहा हूं." उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपने लिए वोट करने की भी अपील की है.
वहीं शशि थरूर कांग्रेस के अंदर चर्चित बाग़ियों के खेमे जी-23 से भी ताल्लुक रखते हैं. दरअसल जी-23 कांग्रेस के उन नेताओं का ग्रुप है जिन्होंने पार्टी में कई ज़रूरी बदलाव के लिए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी.
जी-23 में से एक नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद भी थे. वो अब कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बना चुके हैं. अगस्त महीने में पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी कांग्रेस के लिए एक धमाके की तरह थी.
इस चिट्ठी में पार्टी नेता राहुल गांधी के ऊपर भी कई तरह के आरोप लगाए गए थे. आज़ाद ने लिखा था, "पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को किनारे कर दिया गया है और अब अनुभवहीन चाटुकारों की मंडली पार्टी चला रही है."
अशोक गहलोत की दावेदारी
इन चुनौतियों के बीच कांग्रेस के अगले अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. इस चुनाव कई बार दिलचस्प मोड़ आ चुका है. कई बार-अलग अलग नेताओं के नाम सामने आए जिनके इस चुनाव से लिए उम्मीदवार बनने की संभावना जताई जा रही थी.
इस पद के लिए सबसे पहले चुनाव लड़ने का एलान करने वालों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे.
लेकिन इस एलान के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर उठा-पटक शुरू हो गई. इसमें कांग्रेस का एक गुट खुलकर अशोक गहलोत के समर्थन में आ गया जबकि दूसरा गुट सचिन पायलट के समर्थन में खड़ा हो गया. इसे कांग्रेस आलाकमान ने गंभीर अनुशासनहीनता माना.
रुवार को अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात की और ख़ुद को इस चुनावी रेस से अलग कर लिया. गहलोत ने राजस्थान में हुई घटना को लेकर ख़ेद भी जताया.
राजस्थान में हुए सियासी घमासान के बाद अब मुख्यमंत्री गहलोत की कुर्सी को लेकर भी सस्पेंस खड़ा हो गया है. कांग्रेस पार्टी इस पर भी जल्द ही अपना फ़ैसला करेगी.
बात सरहद पार
वहीं गहलोत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में गुरुवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अचानक एंट्री हुई. इस रेस में मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, पवन बंसल और मीरा कुमार के नाम भी ख़बरों में आए थे, लेकिन इनमें से कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ रहा है.
गुरुवार को दिग्विजय सिंह ने पार्टी दफ़्तर से अध्यक्ष पद के नामांकन का फ़ॉर्म लिया था और कहा था कि वो शुक्रवार को नामांकन करेंगे. लेकिन शुक्रवार सुबह मल्लिकार्जुन खड़के का नाम सामने आने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपना फ़ैसला बदल लिया. दिग्विजय सिंह ने चुनाव न लड़ने का फ़ैसला करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने वो चुनाव नहीं लड़ेंगे.
इससे पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति होना चाहिए. फ़िलहाल राहुल गांधी इन चुनावों से दूर 'भारत जोड़ो यात्रा' पर हैं.
नामांकन प्रक्रिया ख़त्म होने के बाद पार्टी की चुनाव समिति के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने पत्रकारों को बताया, "इनमें से कोई भी गांधी परिवार का उम्मीदवार नहीं है और सारे उम्मीदवार ख़ुद अपने लिए चुनाव प्रचार करेंगे और वोट मांगेंगे."
कैसे होता है कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव
कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक़, अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी का कोई भी सदस्य लड़ सकता है जिसके पास प्रदेश कांग्रेस कमिटी के 10 सदस्यों का समर्थन हो, जिन्हें प्रस्तावक कहा जाता है.
कांग्रेस संविधान के मुताबिक़, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सबसे पहले एक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया जाता है. केंद्रीय चुनाव समिति का चेयरमैन ही रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया जाता है.
किसी प्रदेश कांग्रेस कमिटी के 10 सदस्य मिल कर किसी कांग्रेस नेता का नाम अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित कर सकते हैं. भारत भर में कुल 30 प्रदेश कांग्रेस कमिटी हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में पांच कमिटियां हैं जिनमें 9000 से ज़्यादा सदस्य हैं.
साल 1947 यानी आज़ादी के बाद अब तक कांग्रेस पार्टी की कमान 16 लोग संभाल चुके हैं जिनमें गांधी परिवार के पांच अध्यक्ष रहे हैं. वर्तमान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और वह कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष पद पर रहने वाली महिला नेता हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव साल 2000 में भी हुआ था. उस समय सोनिया गांधी के सामने उत्तर प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेता जितेंद्र प्रसाद खड़े हुए थे.
रायपुर, 1 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने युवाओं के साथ जिस तरह छल किया है उससे उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय लगने लगा है। प्रदेश के युवा खुद को विवश और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने एकात्म परिसर में हुई पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजयुमो छत्तीसगढ़ के युवाओं की आवाज को बुलंद करेगा।
भगत ने पिछले माह अपनी नियुक्ति के बाद शुक्रवार को अपना पद सम्हाला था।
भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का कथित जन घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है। उसमें हर घर रोजगार घर घर रोजगार का वादा किया गया था। संविदा और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने का वादा भी शायद यह सरकार भूल चुकी है। आज पौने चार साल बाद भी प्रदेश का हर घर बेरोजगार घर-घर बेरोजगार की स्थिति में है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य में 500000 नौकरियां देने का वादा किया था जबकि मुख्यमंत्री को यह स्वीकार करना पड़ा कि महज 21000 ही नौकरी दे पाए हैं।प्रदेश में चपरासी के 90 पदों के लिए दो लाख 25 हजार आवेदन आना और आवेदकों में स्नातक स्नातकोत्तर और इंजीनियर तक का शामिल होना प्रदेश में बेरोजगारी की हालत का सच उजागर कर रहा है। श्री रवि भगत ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सरकार आने पर 10 लाख युवाओं को 25-25 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। अब इसका भी दूर-दूर तक कहीं कोई पता नहीं चल रहा है
इसी तरह भगत ने प्रदेश में नशे के कारोबार के पनपने,बड़ी संख्या में युवाओं के द्वारा आत्महत्या करने सरीखी अनेक बातों का जिक्र करते हुए कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।