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चंडीगढ़, 18 अप्रैल । पंजाब में लुधियाना की एक अदालत ने गुरुवार को ढाई साल की बच्ची को जिंदा दफनाकर उसकी हत्या करने के आरोप में एक महिला को मौत की सजा सुनाई।
सत्र न्यायाधीश मुनीष सिंगल ने पिछले सप्ताह शिमलापुरी इलाके की रहने वाली 35 वर्षीय नीलम को बच्चे की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। 28 नवंबर, 2021 को अपहरण कर बच्ची की हत्या कर दी गई थी। महिला ने बच्ची को जिंदा दफना दिया था और दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक, नीलम ने 28 नवंबर, 2021 को बच्ची को सलेम टाबरी इलाके में एक गड्ढे में दफना दिया था।
वारदात का कारण पीड़ित परिवार से महिला की पुरानी दुश्मनी बताई गई है।
वारदात सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। पूछताछ में महिला ने हत्या की बात भी कबूल की।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को गड्ढे में दफनाने से पहले उसे दो बार पीटा था। बच्ची के सिर पर चोट के दो निशान थे।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 अप्रैल। दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान से पूछताछ कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
वित्तीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि खान गुरुवार सुबह 11 बजे ईडी के कार्यालय पहुंचे।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आज (18 अप्रैल) जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।"
इससे पहले, ईडी ने समन का पालन न करने पर खान के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया था और आरोप लगाया था कि खान, जो पहले एक गवाह था, बाद में मामले में आरोपी बन गया, वह जांच से बच रहा है।
ईडी ने मामले में आरोपी जीशान हैदर, उसकी पार्टनरशिप फर्म स्काईपावर, जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर और कौसर इमाम सिद्दीकी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
मामला ओखला में अवैध धन से अर्जित की गई 36 करोड़ रुपये की कथित संपत्ति से जुड़ा है, जिसमें माना जा रहा है कि खान ने आठ करोड़ रुपये नकद दिए थे।
जांच के दौरान, ईडी ने सीबीआई, एसीबी और दिल्ली पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर को भी ध्यान में रखा।
ईडी ने कहा कि संपत्ति खान के कहने पर खरीदी गई थी। उसने 27 करोड़ रुपये नकद लेनदेन के सबूत पेश किए।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 अप्रैल । विश्व लिवर दिवस से पहले गुरुवार को डॉक्टरों ने बताया कि शराब को लिवर के स्वास्थ्य के लिए खराब माना जाता है, लेकिन चीनी और तेल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन लिवर के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही खतरनाक हो सकता है।
लिवर हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है। इसके महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है 'सतर्क रहें, नियमित लिवर जांच कराएं और फैटी लिवर रोगों को रोकें'।
लिवर शरीर के वेयरहाउस के रूप में काम करता है, जो व्यक्ति द्वारा खाए (उपभोग की) जाने वाली हर चीज को संसाधित करता है। अधिक कैलोरी खाने से लिवर में वसा जमा हो सकती है, जिससे फैटी लीवर रोग हो सकता है जो मधुमेह और अन्य चयापचय (मेटाबोलिक) संबंधी विकारों को ट्रिगर कर सकता है।
अपोलो प्रोहेल्थ की चिकित्सा निदेशक डॉ. श्रीविद्या ने आईएएनएस को बताया, "जबकि शराब से संबंधित लीवर रोग के खतरे सर्वविदित हैं, शर्करा (चीनी) और वसा जैसे उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से होने वाले गैर-अल्कोहल यकृत रोग पर चिंता बढ़ रही है। यह स्थिति लिवर सिरोसिस समेत अल्कोहलिक लिवर रोग जैसी ही गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिसके लिए अंततः लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है।"
पीडी हिंदुजा अस्पताल के डॉ. पवन ढोबले ने कहा, "ज्यादा चीनी और तेल का सेवन, शराब की तरह लिवर के ऊतकों के माध्यम से बिखरे हुए वसा की बूंदों को जन्म देता है, जिससे सूजन के कारण लिवर को नुकसान होता है।
ज्यादा चीनी और तेल के सेवन से मोटापा बढ़ता है, जिससे गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) सहित लीवर के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
डेटा से पता चलता है कि हर चार में से लगभग एक भारतीय वयस्क या तो अधिक वजन वाला है या मोटापे से ग्रस्त है, जिससे फैटी लीवर रोग का खतरा है। शराब का उपयोग भी बढ़ रहा है।
भारत में एनएएफएलडी पर रिपोर्टों का विश्लेषण करते हुए एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। एक तिहाई से ज्यादा (38 प्रतिशत) भारतीयों को फैटी लीवर या एनएएफएलडी है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी के अनुसार, यह घटना लगभग 35 प्रतिशत बच्चों को भी प्रभावित करती है और कम उम्र से ही लाइफस्टाइल से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने का आह्वान करती है।
हावड़ा के आरएन टैगोर अस्पताल और नारायण अस्पताल के डॉ. राहुल रॉय ने आईएएनएस को बताया, "भारत में लिवर की बीमारियां गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभरी हैं। एनएएफएलडी अक्सर प्रारंभिक चरण में अज्ञात रहता है क्योंकि इसमें लक्षण सामने नहीं आते हैं। हालांकि, यह गंभीर लिवर रोगों में बदल सकता है।"
उन्होंने कहा, "आहार का पश्चिमीकरण, जिसमें फास्ट फूड की बढ़ती खपत और फलों और सब्जियों की कमी शामिल है, फैटी लीवर रोगों के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल । बहुचर्चित तीन हजार करोड़ के आबकारी घोटाले मामले में गिरफ्तार आरोपियों की छह दिन की रिमांड खत्म होने के बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने आज पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। इनमें अनवर ढेबर, अरविंद सिंह समेत अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं। इसके पूर्व एसीबी ने तीनों से आमने सामने पूछताछ पूरी कर ली है। समझा जा रहा है कि एसीबी त्रिपाठी की रिमांड मांग सकती है जबकि शेष दो को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जाएगा। ईओडब्लू ने रिमांड बढ़ाने का आवेदन लगाया है।
इससे पहले ईओडब्लू ने ईडी की रिपोर्ट पर जिन 71 लोगों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर की है, उसमें आबकारी अफसर, बड़े और छोटे शराब कारोबारी, होलोग्राम व्यवसायी, एनजीओ, सिक्योरिटी कंपनियां तथा कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली एजेंसियां तथा शराब बोतल में भरनेवाली और ट्रांसपोर्ट करनेवाली एजेंसियां हैं। इनमें से ईओडब्लू,काफी अफसरों के यहां छापे मारकर और 6 घंटे तक पूछताछ कर काफी जानकारी जुटा चुकी हैं।
बताते हैं कि अब ईओडब्लू का फोकस छत्तीसगढ़ के तीन बड़ी शराब कंपनियों छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज, भाटिया वाइन एंड मर्चेंट्स तथा वेलकम डिस्टलरीज पर है। शराब बनाना और इनका सरकारी शराब गोदामों को वितरण करने में इनका बड़ा रोल है। मोटे तौर पर यह भी माना जाता है कि बड़े शराब कारोबारियों का इस बिजनेस के सरकारी सिस्टम पर भी खासा प्रभाव रहता है। ईओडब्लू अब इसी का असेसमेंट करेगी। इस मामले में एसीबी-ईओडब्लू चीफ आईजी अमरेश मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वे इस केस की जांच में व्यस्तता के कारण उपलब्ध नहीं हुए।
शराब घोटाले की जांच तेज करने के तथा अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और बाद में अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी से ही एसीबी-ईओडब्लू के तेलीबांधा चौक स्थित मुख्यालय का गेट दिन-रात लाक है। अफसरों-कर्मचारियों के अलावा किसी को भीतर जाने की इजाजत नहीं है। मुख्यालय में केवल उन्हीं को प्रवेश दिया जा रहा है, जिन्हें एजेंसी की तरफ से बुलाया गया हो।
नई दिल्ली, 18 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है। पहले चरण में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी शामिल हैं। इस चरण में कुल 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। सुरक्षित और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मियों की हेलीड्रॉपिंग कराई जा रही है।
सुरक्षा कर्मियों की हेलीड्रॉपिंग में वायु सेना के हेलीकॉप्टर्स की मदद ली गई है। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक गढ़चिरौली में मतदान के लिए शुक्रवार को 15 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती रहेगी। यहां निष्पक्ष चुनाव व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 40 सीएपीएफ की कंपनियां हैं। इसके अलावा यहां सीआरपीएफ की 30 और एसआरपीएफ की 17 कंपनियां भी तैनात हैं। केंद्रीय बलों की कुल 87 कंपनियां चुनाव ड्यूटी पर लगाई गई हैं।
गढ़चिरौली के 206 बूथों पर 2 दिनों से हेलीड्रॉपिंग कराई जा रही है। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर्स की सेवा ली जा रही है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है। पहले चरण के मतदान में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण में जम्मू कश्मीर की उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग होनी है। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक यहां 654 पोलिंग स्टेशन हैं। 11 मतदान दल बुधवार 17 अप्रैल को ही रवाना कर दिए गए थे। गुरुवार को 643 मतदान दल रवाना किए जा रहे हैं। चुनाव अधिकारियों का कहना है कि मौसम के मद्देनजर भी मतदान दलों और मतदाताओं के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। इनके अलावा पहले चरण में जिन महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें नागपुर, कन्याकुमारी, चेन्नई सेंट्रल, मुज्जफरनगर, सहारनपुर, कैराना, पीलीभीत, डिबरूगढ़, जोरहाट, जयपुर, छिंदवाड़ा, जमुई, बस्तर, नैनीताल व लक्षद्वीप आदि शामिल हैं।
धर्म नगरी कही जाने वाली हरिद्वार सीट पर भी पहले चरण में लोकसभा चुनाव होना है। निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक 18 अप्रैल को हरिद्वार की 1,714 पोलिंग पार्टियां केंद्रीय विद्यालय से रवाना हुई हैं। यह सभी पोलिंग पार्टियों 18 अप्रैल की शाम तक अपने केद्रों पर पहुंच रही हैं। इस पूरे क्षेत्र में करीब 14 लाख मतदाता हैं। धर्म नगरी हरिद्वार में मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए लगभग 161 केंद्रीय मजिस्ट्रेट और 33 जोनल मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर रहेंगे।
पहले चरण में असम की पांच सीटों पर चुनाव है, जिसके लिए यहां 10,001 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से लगभग 219 मतदान केंद्र गंभीर हैं। यहां कुल मिलाकर लगभग 5,500 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है और 11,000 कैमरे लगाए गए हैं।
चुनाव अधिकारियों के मुताबिक मुरादाबाद के 929 बूथों पर वेबकास्टिंग कराई जा रही है। मुरादाबाद क्षेत्र में 4 विधानसभाओं को 16 जोन और 138 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। यहां 1,728 बूथ हैं। 205 बूथ गंभीर हैं जहां अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है।
(आईएएनएस)
विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), 18 अप्रैल (एजेंसी)। प्रकाशम जिले के सिंगरायकोंडा मंडल के उल्लापालेम गांव से आने वाले उदय रेड्डी ने आईएएस की चाह रखने वालों के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि किसी को इतना बड़ा सपना देखने, और उसे हासिल करने के बीच व्यक्तिगत दुर्घटना को आने नहीं देना चाहिए।
उन्होंने जीवन के शुरुआती दिनों में परेशानियों का सामना किया, जब उनके माता-पिता को कम आयु में ही खो दिया। उसके बाद उनके दादी ने पाला पोसा और उदय ने जिला परिषद स्कूल और फिर सरकारी कॉलेज में पढ़ाई की। वह एक पुलिस कांस्टेबल बन गए लेकिन उन्होंने तब काम छोड़ दिया जब उनके वरिष्ठ अफ़सर ने उन्हें उनके सहकर्मियों की मौजूदगी में नीचा दिखाया। 2019 में लगभग 60 कांस्टेबलों के सामने उन्हें उनके सर्किल इंस्पेक्टर ने बेइज़्ज़त किया।
अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध, उन्होंने अपना ध्यान सिविल सर्विसेज की ओर स्थिर किया। हाल ही में घोषित पीएससी 2023 सिविल सेवा परिणामों में, उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की। उनकी दृढ़ता और समर्पण उन्हें दूसरों से आगे रखते रहे। उन्होंने अखिल भारतीय रैंक 780 हासिल की। उनकी कमजोर शुरुआत से लेकर उत्कृष्ट परिणाम हासिल करने की उनकी यात्रा कई लोगों के लिए प्रेरणास्पद है।
उदय को जब वह साढ़े चार साल के थे, तब उनकी मां जयम्मा का निधन हो गया था, और जब वह 15 वर्ष के थे, तब उनके पिता श्रीनिवासुला रेड्डी का निधन हो गया था। उन्हें उनकी दादी रमानम्मा, एक दैनिक मजदूर, ने पाला। उदय ने उल्लापालेम गांव में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर जेडीपी स्कूल में उनकी उच्च शिक्षा पूरी की। उन्होंने एक व्यावसायिक कोर्स, लैब टेक्नीशियन शाखा में किया और जवाहर भारती डिग्री कॉलेज में अपना बीए किया। अब वह एमए राजनीति विज्ञान को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कर रहे हैं। उनकी पीएससी परीक्षा में वैकल्पिक विषय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध था। वह अपने अध्ययन के लिए प्रतिदिन आठ से दस घंटे का समय देते थे। वह मुख्य और साक्षात्कार के लिए एक आईएएस अकादमी में प्रशिक्षण लेते थे।
अपने अध्ययन के दौरान उन्होंने एक निजी मधुमेह केंद्र में एक लैब तकनीशियन के रूप में पार्ट-टाइम काम किया और 2012 में कांस्टेबल पद के लिए चयनित हुए। उन्होंने 2013 में गुडलुरु में ड्यूटी शुरू की, जो पहले प्रकासम जिले में स्थित था और अब पुन: संगठन के बाद नेल्लोर में है, बाद में मरीन पुलिस स्टेशन में काम किया।
उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, एक बार हमारे सर्किल इंस्पेक्टर ने मुझे लगभग 60 सहकर्मियों के सामने नीचा दिखाया जब उन्हें व्यक्तिगत दुर्घटना के विरुद्ध एक्सट्रा ड्रिल का आदेश दिया गया। यह मुझे बहुत चोट पहुंचाई, और मैंने 2018 में नौकरी छोड़ दी।
चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को टूटने का सपना पूरा किया। प्रकाशम जिले के तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ कौशल के समर्थन से उन्होंने बाधाओं को पार किया और सफल हुए।
2019, 2021, और 2022 में असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने अंतत: 2023 में अपना सपना पूरा किया।
उदय कृष्ण रेड्डी ने आने वाले पीएससी उम्मीदवारों के लिए अनुशासन, संघर्ष, और उत्कृष्टता के महत्व को जोरदार बताया। उदय का उद्देश्य सडक़ के पशुओं के लिए 109 (108 की तरह) सेवा और पुनर्वास केंद्र स्थापित करना और लोगों के लिए प्रजा दरबार का आयोजन करना है।
भोपाल, 18 अप्रैल । मध्य प्रदेश के छह संसदीय क्षेत्र में पहले चरण में शुक्रवार को मतदान होने हैं। इन क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है, यह चुनाव हमारे वर्तमान और उज्जवल भविष्य के निर्माण का एक सुनहरा अवसर है।
उन्होंने राज्य के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा के विवेक बंटी साहू, बालाघाट की भारती पारधी, मंडला के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते, जबलपुर के उम्मीदवार आशीष दुबे, सीधी के डॉ. राजेश मिश्रा और शहडोल की हिमाद्री सिंह को अलग-अलग पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने एक-एक उम्मीदवार के राजनीतिक, सामाजिक जीवन का भी जिक्र किया है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुझे विश्वास है कि संसद में आप जनता जनार्दन का भरपूर आशीर्वाद लेकर आएंगे और नई सरकार में हम सब एक साथ मिलकर देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का हर संभव प्रयास करेंगे। आपके लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है। यह चुनाव हमारे वर्तमान और उज्जवल भविष्य के निर्माण का एक सुनहरा अवसर है। यह चुनाव पांच-छह दशकों के कांग्रेस के शासनकाल में हमारे परिवार और परिवार के बुजुर्गों ने जो कष्ट सहे हैं, उनसे मुक्ति पाने का अहम क्षण है।
पिछले एक दशक के दौरान समाज के हर वर्ग के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हुए देशवासियों की अनेक कठिनाइयों को दूर किया गया है। इस बार हमें मिलने वाला आपका हर एक वोट, एक मजबूत सरकार बनाने और वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने के प्रयासों को गति देने वाला मत है।
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि चुनाव के पहले के अंतिम घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए कार्यकर्ता अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें, वहीं, मतदाता गर्मी और दूसरी असुविधाओं को बर्दाश्त करते हुए भी राष्ट्र निर्माण का यह मौका न गवाएं, संभव हो तो सुबह-सुबह ही मतदान करें।
उन्होंने उम्मीदवारों को चुनाव जीतने की शुभकामनाएं दी है और कहा है कि मेरी ओर से सभी मतदाताओं को आप गारंटी देना कि मोदी का एक-एक पल देशवासियों के नाम है।
(आईएएनएस)
कांग्रेस नेताओं के बयानों से स्पष्ट है कि नक्सलियों को संरक्षण देने का काम किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दो टूक लहजे में कहा है कि नक्सलियों को शहीद बताने वाले, 29 नक्सलियों के मुठभेड़ में मारे जाने को फर्जी एनकाउंटर बताने वाले और मुठभेड़ की जाँच की मांग करने वाले कांग्रेसी अब यह साफ-साफ जान लें कि बस्तर की जनता विकास की समर्थक है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया कि नक्सलियों के खात्मे के लिए कांग्रेस का खात्मा जरूरी है और इसकी शुरुआत बस्तर की जनता कल 19 अप्रैल को करने जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि काँकेर मुठभेड़ को लेकर जिस तरह के बयान कांग्रेस नेताओं ने दिए हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सलियों को पाल-पोसकर संरक्षण देने का काम कांग्रेस हमेशा करती रही है जो अब बस्तर की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ महतारी के निर्दोष बेटों के खून से बस्तर की धरती को लाल किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लोकसभा के इस चुनाव में कांग्रेस के सफाए के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने जा रही है। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बहुत जल्द छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद से मुक्त कराएगी। श्री साय ने कहा कि नक्सलियों के सबसे सुरक्षित किले में घुसकर एक साथ 29 नक्सलियों को मार गिराना ऐतिहासिक सफलता है। नक्सलियों पर की गई यह सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल । छत्तीसगढ़ समेत देशभर के सभी मेडिकल कॉलेज/मेडिकल संस्थानों द्वारा यूजी इंटर्न, पोस्ट-ग्रेजुएट रेजीडेंट और सीनियर रेजीडेंट या सुपर स्पेशियलिटी में पीजी को दिए जाने वाले वजीफे (स्टाइपेंड) का विवरण 23अप्रैल तक प्रस्तुत करने कहा है । एन एम सी ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के आधार पर यह निर्देश जारी किया है। एनएमसी को मेडिकल इंटर्न और रेजीडेंट को दिए जाने वाले वजीफे का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।और तदनुसार, सभी स्वास्थ्य संस्थानों/मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया जाता है कि वे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने यूजी इंटर्न, पोस्ट-ग्रेजुएट रेजीडेंट और सीनियर रेजीडेंट या सुपर स्पेशियलिटी में पीजी को दिए जाने वाले वजीफे का ब्यौरा एनएमसी को ई-मेल आईडी:[email protected] पर 23 अप्रैल 2024 तक अवश्य प्रस्तुत करें।
इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2024-25 से आगे के लिए इन विवरणों को संबंधित मेडिकल कॉलेज/मेडिकल संस्थानों की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए और अनुबंध 2 के अनुसार मासिक आधार पर (इसके बाद हर महीने की 5 तारीख तक) अपडेट किया जाना चाहिए और प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में पूरा विवरण एनएमसी को ई-मेल आईडी: [email protected] पर प्रस्तुत किया जाए।
दो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने स्विटजरलैंड की एक कंपनी, नेस्ले, के भारत में बेचे जा रहे बच्चों के दो उत्पादों में शक्कर की मात्रा अधिक पाई है। खुद स्विटजरलैंड में इस कंपनी के सेरेलॅक और दूध पावडर बिना शक्कर के बेचे जा रहे हैं। इन दो संस्थानों ने एशिया, अफ्रीका, और लैटिन अमरीका में इस कंपनी के प्रोडक्ट बाजार से लिए और बेल्जियम की एक प्रयोगशाला में उनका परीक्षण करवाया। नेस्ले कम कमाई वाले, गरीबी वाले देशों के बच्चों में उन चीजों से मीठे के स्वाद की लत पैदा करता है। इससे मोटापे की बीमारी का खतरा रहता है। छोटे बच्चों के लिए सामानों में शक्कर नहीं रहनी चाहिए, और 2022 से संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी छोटे बच्चों के इस्तेमाल के सामानों में शक्कर पर प्रतिबंध की मांग कर रहा है। यह तो दो अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यह जांच-पड़ताल की तो यह गड़बड़ी समझ आई। वरना यह कंपनी छोटे बच्चों के खाद्य पदार्थों के बाजार में खासा हिस्सा रखती है, और भारत जैसे कमजोर सरकारी इंतजाम वाले देश में देसी-विदेशी कंपनियां मनमानी करती हैं, और उन पर कोई रोक-टोक नहीं रहती।
पूरा का पूरा बाजार बच्चों के स्वाद को बिगाडऩे, उन्हें चीजों की लत लगाने का तो है ही, और बच्चों को आकर्षित करने के लिए इश्तहारों ने भी बच्चों का ऐसा इस्तेमाल किया जाता है जो कि किसी विकसित देश में नहीं किया जा सकता। कहने के लिए हिन्दुस्तान अपने आपको विकसित देश कहता है, लेकिन हकीकत यह है कि अपने नागरिकों के लिए जितने ग्राहक-हक का ख्याल उसे रखना चाहिए, उसका कोई ठिकाना ही नहीं है, बल्कि सरकार पूरी तरह से कारोबारियों के नाजायज हक की फिक्र में लगी दिखती है। भारत में उपभोक्ता सुरक्षा कानून जरूर बना हुआ है, लेकिन उस पर अमल का हाल यह है कि देसी त्यौहारों पर मिठाइयां और दूसरे सामानों के नमूने बाजार से लिए जाते हैं, और फिर उनकी प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने पर एक-एक साल लग जाता है। नतीजा यह होता है कि बाजार में आए हुए सभी सामान जब खत्म हो जाते हैं तब उनमें से कुछ सामानों को लेकर सरकार की कार्रवाई होती है, जो कि घटिया, या मिलावटी सामान खा-पी लेने के महीनों बाद शुरू होती है।
कोई भी देश अपने आपको सिर्फ विकसित कह दे, उससे वह विकसित नहीं हो जाता। वहां पर जनता के हक का सरकार कितना ख्याल रखती है, सबसे कमजोर तबके के बुनियादी हकों की कितनी फिक्र होती है, और खासकर बच्चों के सामान, और खानपान को लेकर सरकार कितनी कड़ाई बरतती है, इससे साबित होता है कि देश कितना विकसित है। भारत में अभी पता चलता है कि पीढिय़ों से यहां इस्तेमाल हो रहे कपड़े और दीवार रंगने के रंग बच्चों के खानपान के रूई जैसे दिखने वाले, और बुड्ढी के बाल कहे जाने वाले सामानों में इस्तेमाल हो रहे हैं जिनसे कैंसर का खतरा अभी घोषित किया गया है।
देश की सबसे बड़ी पर्यावरण-संस्था सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में बार-बार यह बताया है कि किस तरह भारतीय बाजार में खानपान के जो सामान है, उनमें नमक, शक्कर, और फैट किस तरह स्वीकृत सीमा से बहुत अधिक रहते हैं, और किस तरह बाजार के पैकेट और डिब्बाबंद सामानों के पोषण तत्वों की जानकारी देते हुए चीजों को छुपाकर लिखा जाता है, या नहीं लिखा जाता है। ऐसी बहुत सी रिपोर्ट बतलाती हैं कि खाने-पीने के सामानों पर जो चेतावनी यही कंपनियां विकसित देशों में अपने पैकेट पर लिखती हैं, उन्हें हिन्दुस्तान में नहीं लिखतीं। मतलब साफ है कि अगर सरकार किसी नियम को लागू करने में कमजोर है, या नियम बने ही नहीं हैं, तो बड़ी कंपनियां जनता की सेहत के लिए किसी भी तरह से जवाबदेह नहीं रहती, और बाजार में ग्राहक से खतरों को छुपाकर, गलत तरीके से इश्तहार करके, उन्हें सामान बेचने और खिलाने-पिलाने तक उसकी दिलचस्पी रहती है। बाजार की हालत देखें तो यह समझ पड़ता है कि खानपान का बाजार, सेहत और इलाज के बाजार को ग्राहक सप्लाई करता है। हम इस बात को सोशल मीडिया पर और इस जगह बार-बार लिखते हैं कि लोगों को बाजार के बने हुए डिब्बाबंद या पैकेटबंद प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लोग अपने घर आने वाले मेहमानों के लिए ऐसे सामान लाकर रख देते हैं क्योंकि इन्हें परोसना आसान रहता है, लेकिन मेहमानों के साथ-साथ घर के बच्चों की लत भी पड़ जाती है, और घर में मौजूद ऐसे पैकेट छुपाना मुमकिन नहीं हो पाता। नतीजा यह होता है कि भारत में पैसेवालों के बच्चों से परे भी, मजदूरों के बच्चों के बीच भी पैकेटबंद प्रोसेस्ड फूड का चलन बढ़ रहा है क्योंकि कामकाजी मां-बाप इन बच्चों के लिए समय पर कुछ पकाने के बजाय पास की दुकान से ऐसे एक-दो पैकेट लेकर उन्हें थमा देना अधिक सहूलियत का काम पाते हैं। नतीजा यह है कि हर आय वर्ग के लोगों में बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी ऐसे खानपान का चलन बहुत बढ़ चुका है।
लोगों को याद होगा कि जब अर्जुन सिंह मानव संसाधन मंत्री थे, उस वक्त उनके मंत्रालय की एक रिपोर्ट हमने इस अखबार में छापी थी कि उनकी बेटी भारत के बिस्किट निर्माताओं के संघ के साथ जाकर देश के स्कूल शिक्षा सचिव से मिली थीं, और इस बात के लिए भरपूर लॉबिंग की थी कि स्कूलों में दोपहर के भोजन की जगह बिस्किट के पैकेट दे दिए जाएं। यह तो उस वक्त सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच काम कर रहे कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समय रहते दखल दिया, और दलाली के ऐसे धंधे को रोक दिया था। बाद में जाकर अर्जुन सिंह को फाइल पर यह लिखना पड़ा था कि बिस्किट निर्माताओं के साथ आकर शिक्षा सचिव से मिलने वाली महिला उनकी बेटी थीं, और मंत्रालय के अफसर उनके परिवार के किसी व्यक्ति की बात न सुनें। अब यह सोचने की बात है कि अगर देश के 12 करोड़ से अधिक बच्चे स्कूलों में दोपहर को गर्म ताजा पका हुआ खाना पाते हैं, और वे कारखानों के बिस्किट को रोज दोपहर खाने से बचे हैं, तो यह सरकारों के बचाए नहीं हुआ, उस वक्त सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल से हुआ।
भारत में जनता के अधिकारों का हाल बहुत खराब है। उपभोक्ताओं के हक के लिए काम करने वाले संगठनों को अदालतों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के महंगे वकीलों का सामना करना पड़ता है, और वे किसी मुकदमे को बड़ी मुश्किल से ही जीत पाते हैं। सरकार से लेकर अदालत तक ग्राहक के हकों की कोई जगह नहीं है। लेकिन ग्राहक की जागरूकता और नागरिक के चौकन्नेपन से ही बाजार की साजिशों का भांडाफोड़ हो सकता है, इसलिए इसकी कोशिश कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। यह हाल सिर्फ बच्चों के खाद्य पदार्थों का नहीं है, बाजार में बड़ों के बीच लोकप्रिय किए गए कोल्ड ड्रिंक का भी यही हाल है जिनमें भारत में तो शक्कर भर दी जाती है, लेकिन दुनिया के जागरूक देशों में इसे बहुत घटाना पड़ा है।
नई दिल्ली, 18 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग से केरल के कासरगोड में मॉक पोलिंग के दौरान ईवीएम में खराबी और भाजपा के पक्ष में गलत तरीके से वोट दर्ज करने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से वकील प्रशांत भूषण द्वारा उठाए गए मुद्दे पर गौर करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम के माध्यम से डाले गए प्रत्येक वोट का वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों से मिलान करने के लिए चुनाव निकाय को निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने मंगलवार को प्रकाशित एक समाचार लेख की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के उम्मीदवारों के एजेंटों ने आरोप लगाया कि मतदान के लिए मशीनों के चालू होने के दौरान भाजपा को अतिरिक्त वोट मिल रहे थे।
इस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के वकील से कहा, "मनिंदर सिंह, कृपया इसकी जांच करें।"
सुप्रीम कोर्ट ने उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें चुनाव आयोग को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच बेतरतीब ढंग से चुने गए मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मौजूदा प्रथा के विपरीत, वीवीपैट के साथ ईवीएम में डाले गए वोटों को अनिवार्य रूप से सत्यापित करने का आदेश देने की मांग की गई।
(आईएएनएस)
रांची, 18 अप्रैल । ईडी ने रांची के जमीन घोटाले के आरोपियों के ठिकानों से 1.25 करोड़ रुपए नकद जब्त किए हैं। इसके अलावा आरोपियों के बैंक खातों में जमा 3.56 करोड़ की रकम को फ्रीज करा दिया गया है। यह जानकारी एजेंसी की ओर से आधिकारिक तौर पर दी गई है।
ईडी ने झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय, इरशाद अख्तर, बिपिन सिंह के ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की थी। इसके बाद इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
एजेंसी ने झारखंड के मनरेगा घोटाले में भी दो आरोपियों शशि प्रकाश और जय किशोर चौधरी की 22.47 लाख रुपए की कीमत वाली चार अचल संपत्तियों को प्रोविजनल तौर पर अटैच किया है। बताया गया है कि इस घोटाले में अब तक 106.86 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है।
(आईएएनएस)
रामविचार का कमाल
आखिरकार पूर्व संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। सोरी कांकेर सीट से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। वो प्रदेश कांग्रेस के अजजा विभाग के चेयरमैन भी रह चुके हैं। सोरी की विधानसभा टिकट काट दी गई थी। इसके बाद वो कांकेर सीट से लोकसभा की टिकट चाहते थे। मगर पार्टी ने उन्हें महत्व नहीं दिया।
चर्चा है कि सोरी को भाजपा में लाने में कृषि मंत्री रामविचार नेताम की अहम भूमिका रही है। सोरी आईएएस अफसर रह चुके हैं, और जब रामविचार नेताम गृहमंत्री थे तब वो गृह विभाग में पदस्थ थे। दोनों के बीच बेहतर रिश्ते रहे हैं।
सोरी ने रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की। वजह यह थी कि रामविचार वर्ष-2013 के विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यद्यपि उन्हें बाद में राज्यसभा में भेजा गया था, लेकिन पार्टी के भीतर ज्यादा ताकतवर नहीं रहे। अब प्रदेश में आदिवासी सीएम हैं, और रामविचार नेताम भी मजबूत हैं। ऐसे में उन्होंने भाजपा का दामन थामना उचित समझा। देखना है कि सोरी को भाजपा में क्या कुछ मिलता है।
कोरबा और कोयला
कोरबा का नाम भी कोयले के को से ही पड़ा होगा। सो हाल के वर्षों में दोनों का प्रदेश की राजनीति में गहरा गठजोड़ रहा है। इस चुनाव में भी कोरबा के कोयले की कालिख फिर चर्चा में है। इस बार कोरबा के स्थानीय और बाहरी नेताओं के बीच कोयला बंट गया है। पक्ष विपक्ष दोनों के अंदरखाने इस बंटवारे की चर्चा होने लगी है। और उसी के अनुरूप दोनों ही रोज नई बिसात बिछा रहे हैं। कोरबा वासी, कोयले के छोटे से छोटे काम से लेकर बड़े बड़े ठेके में इन्वॉल्व हैं। ऐसे में उन्हे लगता है कि कहीं आने वाले दिनों में यह काम दुर्ग भिलाई ,हरियाणा के लोगों के हाथ न चले जाए। इन दिनों यहीं लोगों की सक्रियता भी पूरे क्षेत्र में बढ़ गई है। अब देखना यह है कि इसका तोड़ स्थानीय कैसे निकालते हैं।
पेड़ से लिपटने की कीमत
जापान में शिनरिन योकू यानि वन स्नान बहुत पुरानी प्रथा है, जिसमें जंगल के शांत माहौल में सैर किया जाता है और घंटों पेड़ों से लिपटकर मानसिक शांति का अनुभव लिया जाता है और प्रकृति प्रेम को दर्शाया जाता है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में भी पिछले 10 साल से फरवरी के दूसरे सप्ताह में ट्री फेस्टिवल नेरालू मनाया जाता है। नेरालू उत्सव क्राउड फंडिंग से होता है। इसमें लोगों को क्लाइमेंट चेंज के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें हर साल लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। इस सफलता से कुछ लोगों के दिमाग में बिजनेस का आइडिया आ गया। बेंगलुरु के कब्बन पार्क में पेड़ों से लिपटने का अनुभव लेने के लिए एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर जारी किया गया है। विज्ञापन देने वाली कंपनी ट्रोव एक्सपेरियंस ने कहा है कि 2.5 घंटे तक आप पेड़ों से लिपटकर रह सकते हैं, इसके लिए 1500 रुपये चार्ज किए जाएंगे।
इस पेशकश को लाखों लोग देख चुके हैं और बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। बहुत से यूजर्स ने इसकी आलोचना और उपहास में प्रतिक्रिया दी है। जैसे एक ने कहा है कि आप कब्बन पार्क जाकर घास से लिपट सकते हैं, क्योंकि अभी वह मुफ्त है। कई लोगों ने इसे नए तरह का स्कैम करार दिया है।
दूसरी तरफ ट्रोव एक्सपेरियंस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि जैसे-जैसे हमारे शहरों का विस्तार हो रहा है, हम मनोरंजन के लिए दोहराव वाली चीजें करने लगते हैं। ट्रोव के जरिये आपको अपनी एकरसता को तोडऩे और अपने शहर में नई गतिविधियों का पता लगाने में सहायता मिलेगी। हम उन ठिकानों के बारे में बताते हैं, जहां कोई कलाकार, रचनाकार या कहानीकार अपने अनुभव के खजाने को समृद्ध कर सकेगा।
अपने छत्तीसगढ़ में पेड़ों को बचाने का संघर्ष थोड़ा बड़ा है। हसदेव के पेड़ों को बचाने के लिए 300 किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती है। 6 अप्रैल 2023 को जब भूपेश बघेल की सरकार के दौरान पेड़ों की कटाई शुरू हो गई थी तो चिपको आंदोलन की तर्ज पर महिलाएं पेड़ों से लिपट गई थीं। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के अस्तित्व में आने के पहले ही हजारों पेड़ काट दिए गए। शेष जंगल को बचाने के लिए अब भी अनिश्चितकालीन आंदोलन चल रहा है।
मांग नहीं सुनेंगे, जेल भेज देंगे
समय रहते समस्या नहीं सुलझने पर यदि नागरिक सडक़ पर उतरकर रोष जताते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती है, पर समस्या लटका कर रखने के लिए प्रशासन खुद को जवाबदेह नहीं मानता। पिछले कई सालों से बालकोनगर से कोरबा और दर्री की ओर जाने वाली सडक़ डेंजर जोन बन चुकी है। परसाभाठा चौक से बजरंग चौक के बीच बालको की राखड़ भरी भारी गाडिय़ों का आना जाना होता है और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बीते शनिवार को एक भारी वाहन की चपेट में आने से एक ऑटो चालक की मौत हो गई और उसमें सवार पांच लोग घायल हो गए। नागरिकों और ऑटो चालक संघ ने चक्काजाम कर दिया । पुलिस ने इस मामले में 40 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। वीडियो फुटेज से लोगों की पहचान की जाएगी।
दूसरी ओर, बालको के लिए वैकल्पिक सडक़ बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। मौजूदा मंत्री लखन लाल देवांगन भी मांग करने वालों में शामिल थे। विकल्प मौजूद है, पर इसका सर्वेक्षण भी अब तक नहीं किया गया। चक्काजाम लगातार दुर्घटनाओं के कारण आक्रोशित लोगों ने किया, पर जिनकी लापरवाही से अब तक भारी गाडिय़ां दौड़ रही हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन ने अभी भी भारी गाडिय़ों की आवाजाही इसी घनी आबादी वाले इलाके से चालू रखने का निर्णय लिया है। दुर्घटना के बाद सडक़ चौड़ी करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। लोग इसका भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सडक़ चौड़ी करने की जरूरत तो है, पर इसलिये नहीं कि भारी गाडिय़ों को छूट मिले। मंत्री ने आचार संहिता लागू होने के कारण अपने हाथ बंधे होने की बात कही है। कह रहे हैं कि चुनाव खत्म होने के बाद कड़ी कार्रवाई होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 अप्रैल। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र ने कहा है कि यदि मशीन में हेराफेरी नहीं हुई तो इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झोला उठाकर जाना होगा। इस बार भाजपा का 180 पार होना भी मुश्किल है। लगातार उनकी सीटों की गिनती कम हो रही है। 150-160 में अटक सकते हैं।
बिलासपुर में लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव की नामांकन रैली में शामिल होने के लिए पहुंची श्री नेत्र ने कहा कि हमारा देश युवाओं का है, जिन्हें रोजगार चाहिए। पर आज युवाओं और रोजगार की बात नहीं हो रही है। बिलासपुर में एसईसीएल, एनटीपीसी है पर यहां के युवकों को रोजगार नहीं मिल रहा है। मोदी से कुछ नहीं हो रहा है। युवाओं को राहुल गांधी से उम्मीद है। नरेंद्र मोदी किसी से कांपते हैं, तो वह राहुल गांधी हैं।
श्रीनेत्र ने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो केंद्र के 30 लाख खाली पद भरे जाएंगे। 50 प्रतिशत सरकारी नौकरी महिलाओं को दी जाएगी। सेना को ठेके पर देने का काम चल रहा है। हम अग्निवीर भर्ती को खत्म करेंगे। खेती को जीएसटी से मुक्त करेंगे, किसानों का कर्जा माफ करेंगे और फसलों के समर्थन मूल्य पर कानून बनाएंगे। मोदी जब अमीरों के 16 लाख करोड़ माफ कर सकते हैं तो हम भी किसानों का 2 लाख करोड़ माफ कर सकते हैं। मनरेगा में कम से कम 400 रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस युवाओं, किसानों, महिलाओं के लिए घोषित 5 न्याय की चर्चा की। गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपये हर साल पूरी ईमानदारी से देंगे। भाजपा भ्रम फैला रही है कि यह रकम केंद्र के मौजूदा बजट से ज्यादा होगा। नक्सल समस्या पर भी छत्तीसगढ़ में हमारे बयान को तोड़ मरोडक़र बताया जा रहा है। झीरम घाटी में हमने ही अपने पूरे नेतृत्व को इन नक्सलियों के हाथ खोया था।
एक निजी होटल में रखी गई पत्रकार वार्ता में प्रत्याशी देवेंद्र यादव, जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष विजय केशरवानी, जिला शहर अध्यक्ष विजय पांडेय व अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
साल 2023 की सिविल सेवा परीक्षा के नतीज़ों ने हर बार की तरह इस बार भी कामयाबी और संघर्ष की कई कहानियों को लोगों से रूबरू कराया है.
इस परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया है, अनिमेष प्रधान दूसरे नंबर पर रहे हैं और डी अनन्या रेड्डी ने थर्ड रैंक हासिल किया है.
सफल होने वाले 1,016 उम्मीदवारों में एक शख़्स ऐसे भी हैं जो मज़दूर के बेटे हैं, आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़े लोग भी हैं.
दूसरे स्थान पर रहे सफल अभ्यर्थी जब सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे तो उस महीने उनकी मां की कैंसर के कारण मौत हो गई थी.
ये बात भी है कि हरेक उम्मीदवार को कामयाबी के रास्ते में अपने-अपने हिस्से का संघर्ष करना होता है और किसी का संघर्ष, किसी दूसरे के संघर्ष से छोटा या बड़ा नहीं होता.
सोशल मीडिया पर ऐसी कई कहानियां अब ट्रेंड कर रही हैं. इस लेख में हमने सफल होने वाले कुछ अभ्यर्थियों की कहानी उनकी जुबानी समझने की कोशिश की है.
आदित्य श्रीवास्तव, ऑल इंडिया टॉपर
सिविल सेवा परीक्षा में नंबर एक की रैंकिंग हासिल करने वाले आदित्य श्रीवास्तव इस समय सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं.
आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक करने वाले आदित्य लखनऊ के रहने वाले हैं.
उन्होंने अपनी कामयाबी पर बताया, "मैं और मेरा परिवार बहुत खुश हैं. ये मेरा तीसरा प्रयास था. मेहनत करनी पड़ी, लगातार अपनी खामियों को पहचानना और सुधारना, उसके कारण सफर थोड़ा चुनौतीपूर्ण था. मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि मुझे 70 के अंदर रैंक दिलवा दें ताकि में आईएएस बन पाऊं."
यूपीएससी एस्पिरेंट्स को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, "दृढ़ संकल्प, साथ में आपका हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क, ये दोनों आप मिलाकर करें तो इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है."
अनिमेष प्रधान, ऑल इंडिया सेकेंड रैंकिंग
यूपीएससी सिविल सेवा में इस बार दूसरी रैंक अनिमेष प्रधान ने हासिल की है. अनिमेष ने ये सफलता अपने पहले प्रयास में हासिल की है.
अनिमेष जब यूपीएससी इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे, उस महीने उनकी मां की कैंसर के कारण मौत हो गई थी. 24 साल के अनिमेष ओडिशा से हैं. अनिमेष ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी राउरकेला) से बीटेक की पढ़ाई की है.
अनिमेष ने इंडिया एक्सप्रेस अख़बार को बताया, "सब्र और दृढ़ता से उन्हें मुश्किल हालात से निपटने में मदद मिली. मेरी तैयारी में मां ने सबसे ज़्यादा साथ दिया, मैं यूपीएससी अपनी मां के लिए निकालना चाहता था. मुझे मालूम था कि उनके पास अब कुछ दिन ही बचे हैं. वो लास्ट स्टेज के कैंसर से जूझ रही थीं. मैं यूपीएससी में जल्द से जल्द पास होना चाहता था ताकि मेरी मां को मुझ पर गर्व हो सके."
सिविल सेवा परीक्षा में अनिमेष का वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र था.
उन्होंने बताया, "मेरी समाज और समाज शास्त्र के मुद्दों में हमेशा रुचि रही है. बीटेक की पढ़ाई के दौरान हमारा सामाजिक विज्ञान का एक पेपर होता था, इसी के ज़रिए मुझे इस विषय के बारे में पता चला."
अनिमेष ने कहा कि उन्होंने यूपीएससी के लिए किसी तरह की कोचिंग क्लास नहीं ली है. अनिमेष ने ओडिशा कैडर को अपनी पहली प्राथमिकता बताया है.
अनन्या रेड्डी, ऑल इंडिया थर्ड रैंकिंग
तेलंगाना के महबूबनगर ज़िले की अनन्या रेड्डी ने सिविल सेवा परीक्षा में थर्ड रैंक हासिल की है.
उन्होंने साल 2021 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से जियोग्राफी में ग्रेजुएशन किया है.
अनन्या ने अपनी जर्नी के बारे में बताया, "मैंने पूरे दो साल यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. ये मेरा पहला प्रयास था. मैं बेहद खुश हूं कि पहले ही प्रयास में मैं ये उपलब्धि हासिल कर सकी."
इस कामयाबी को हासिल करने के पीछे उनके प्रेरणास्रोत कौन थे? इस सवाल के जवाब में अनन्या ने कहा, "ऐसा कोई व्यक्ति विशेष नहीं है बस मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं."
वर्धा ख़ान, ऑल इंडिया रैंकिंग 18
नोएडा की वर्धा ख़ान ने इस परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की है. वर्धा को ये कामयाबी अपने दूसरे प्रयास में मिली है. वो इस परीक्षा के लिए 2021 से तैयारी कर रही थीं.
उन्होंने बताया, "मैंने ये तो कभी नहीं सोचा था कि टॉप 20 में आऊंगी. हर एस्पिरेंट की तरह बस यही आशा था कि बस लिस्ट में नाम आ जाए. ये बहुत ही बड़ा मूमेंट है, मेरे लिए भी और मेरी फैमिली के लिए भी. इसमें कोई शक नहीं कि ये रास्ता बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है. इसमें अकेले रहना होता है, सोशल लाइफ़ की कुर्बानी देनी होती है. लेकिन इसके बावजूद मैं समझती हूं कि फैमिली और फ्रेंड्स ने मुझे काफी सपोर्ट किया."
रैंकिंग के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं जब तैयारी कर रही थी तो मैंने कभी ये सोच कर नहीं चली कि मुझे इतनी ही रैंक चाहिए या इतनी ही रैंक पानी है. मैं हमेशा इस चीज़ पर यकीन करती हूं कि हम सिर्फ़ हार्ड वर्क कर सकते हैं बाक़ी रिजल्ट्स ऊपर वाले के हाथ में होता है. पढ़ाई के दौरान मुझे हर तरफ़ से सपोर्ट मिला. मेरी मां ने इस जर्नी में मेरी काफी मदद की. मुझ पर करियर में किसी भी तरह का प्रेशर नहीं था. ईश्वर की कृपा से कोई फाइनैंशियल इशू नहीं रहा."
पवन कुमार, ऑल इंडिया रैंकिंग 239
बुलंदशहर के पवन कुमार के पिता मजदूरी करते हैं. लोग उनके संघर्ष की सराहना कर रहे हैं. उनके घर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं.
पवन कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "ये मेरा थर्ड अटेम्पट और सेकेंड मेंस था. मेरी सफलता में मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है. इसमें विशेष तौर पर मेरी मम्मी, मेरे पापा और मेरी बहनों का बहुत बड़ा योगदान है."
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के एस्पिरेंट्स (आकांक्षियों) को संदेश देते हुए पवन कुमार ने कहा, "एग्जाम टफ है. सिलेबस बहुत वास्ट है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये नामुमकिन है. ज़रूरी नहीं है कि आप कोचिंग करेंगे तभी आप एग्जाम निकालेंगे. चूंकि मैं इस कंडीशन में नहीं रहा कि मैं इतनी महंगी कोचिंग कर पाऊं. मैंने ज़्यादातर सेल्फ स्टडी ही की थी. सिर्फ़ ऑप्शनल के लिए मैंने कोचिंग ली थी. मेरा मैसेज यही है कि आप अपनी सेल्फ स्टडी पर भरोसा कर सकते हैं. इंटरनेट पर काफी सोर्सेज हैं, आप उसकी हेल्प ले सकते हैं. अपनी मेहनत में ईमानदारी रखें." (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 अप्रैल। बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी तोखन राम साहू ने आज जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण के समक्ष नामांकन का एक और सेट जमा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक पुन्नूलाल मोहले व धरमलाल कौशिक उनके साथ उपस्थित थे। इसके पहले भी तोखन साहू नामांकन का एक सेट जमा कर चुके हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 अप्रैल। रिटायर्ड डीजीपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ की जा रही लोक आयोग की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। आयोग को उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही शिकायतकर्ता माणिक मेहता को छूट दी है कि वे नए सिरे से विधिवत शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
गुप्ता के खिलाफ मेहता ने सन् 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने मिक्की मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नाम पर राज्य शासन से तीन करोड़ रुपये का अनुदान लिया। अनुदान की राशि से गरीबों को मोतियाबिंद के मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करानी थी लेकिन गुप्ता ने इसका इस्तेमाल अपना लोन पटाने के लिए किया।
ट्रस्ट ने एमजीएम नेत्र संस्थान भवन के लिए एसबीआई बैरन बाजार, रायपुर शाखा से तीन करोड़ 10 लाख रुपये का लोन लिया था। लोक आयोग के अलावा माणिक मेहता ने ईओडब्ल्यू में भी शिकायत की थी, जिस पर मुकेश गुप्ता उनके ट्रस्टी पिता जयदेव गुप्ता तथा डायरेक्टर डॉ. दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 तथा 120 (बी) के तहत अपराध दर्ज किया था। लोक आयोग में दर्ज शिकायत की वैधानिकता को लेकर गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद लोक आयोग को उनका प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया है।
अमेठी, 18 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को अमेठी में एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के प्रदेश सह समन्वयक और राहुल गांधी के करीबी विकास अग्रहरि गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए।
भाजपा जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्र ने विकास अग्रहरि को पार्टी में शामिल कराया।
जानकारी के अनुसार, विकास अग्रहरि जगदीशपुर के रहने वाले हैं और कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश सह-समन्यवक बनाया था। विकास अग्रहरि की गिनती राहुल गांधी के करीबी लोगों में होती थी। वे अमेठी में राहुल गांधी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभालते थे।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र के रानीगंज निवासी विकास अग्रहरि को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सह समन्वयक बनाया था। लेकिन, उन्होंने दीदी स्मृति व भाजपा में अपना विश्वास जताते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
विकास ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा कि दीदी स्मृति की अगुवाई में अमेठी हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रही है।
ज्ञात हो अमेठी में 26 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। भाजपा की स्मृति जुबिन ईरानी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन उनके सामने कांग्रेस से कौन होगा, यह अभी तक तय नहीं हो सका है।
अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल पर बुधवार को गाजियाबाद में राहुल गांधी ने एक बार फिर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, सिर्फ यह कहा कि मुझे जो भी आदेश मिलेगा मैं उसका पालन करूंगा। हमारी पार्टी में ये सभी (उम्मीदवारों के चयन) निर्णय सीईसी द्वारा लिए जाते हैं। इस जवाब ने एक बार फिर अमेठी की सियासत को उलझा दिया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है। इस बीच राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया है। अपने संदेश में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप हमारी पार्टी की रीढ़ की हड्डी हैं।
राहुल गांधी ने अपने संदेश में कहा है कि ये आम चुनाव नहीं है। ये संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है, जिसमें आप जैसे 'बब्बर शेर' कार्यकर्ताओं के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी की सोच और विचारधारा आपके अंदर है, आपकी रगों में है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो एक बेहतरीन मेनिफेस्टो है। इसमें हमारी कुछ महत्वपूर्ण गारंटियां हैं। कांग्रेस की गारंटियों के तहत गरीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए, अप्रेंटिसशिप का अधिकार, सभी ग्रैजुएट्स और डिप्लोमा होल्डर्स को 1 साल की अप्रेंटिसशिप और 1 लाख रुपए, किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी, मनरेगा श्रमिकों का मेहनताना कम से कम 400 रुपए, कॉन्ट्रैक्ट मजदूरी को खत्म करेंगे, 30 लाख सरकारी नौकरियां देंगे और अग्निवीर को खत्म करेंगे व जीएसटी व्यवस्था को ठीक करेंगे।
राहुल गांधी का कहना है कि जनता की बात सुनकर यह मेनिफेस्टो तैयार किया गया है। आप इसके बारे में देश की जनता को बताइए।
उन्होंने लोगों को यह बताने की अपील कि हिंदुस्तान की विचारधारा को खत्म किया जा रहा है। संविधान को मिटाने की कोशिश की जा रही है।
(आईएएनएस)
रांची, 18 अप्रैल । रांची स्थित स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित चार अभियुक्तों से पूछताछ के लिए उनकी पांच दिन के ईडी रिमांड की मंजूरी दी है।
ईडी ने मंगलवार को इन अभियुक्तों के ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी ली थी और देर रात उन्हें गिरफ्तार किया था।
बुधवार को अदालत में पेशी के बाद चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
गुरुवार को ईडी ने अदालत में दरख्वास्त देकर इन अभियुक्तों से पूछताछ के लिए सात दिन के रिमांड की मांग की। इसपर बहस के बाद अदालत ने अंतु तिर्की के अलावा प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद की पांच दिनों की रिमांड मंजूर की।
इन सभी के ठिकानों पर छापेमारी में ईडी को कई दस्तावेज और साक्ष्य हाथ लगे हैं। एजेंसी ने अदालत को बताया कि जमीन घोटाले की जांच के दौरान लगातार साक्ष्य मिले हैं और यह मामला बड़ा हो गया है।
बता दें कि जमीन घोटाले के इसी मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सहित डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 अप्रैल। ग्रीष्मकालीन अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते रेलवे ने पुरी-निजामुद्दीन के बीच 10 फेरों के लिए साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन की सुविधा दी है।
यह गाड़ी पुरी से प्रत्येक शुक्रवार 19 अप्रैल को 03, 10, 17, 24 एवं 31 मई को 07, 14, 21 एवं 28 जून को 08475 नंबर के साथ निजामुद्दीन के लिए रवाना होगी। इसी प्रकार निज़ामुद्दीन से प्रत्येक शनिवार 20 अप्रैल को, 04, 11, 18 एवं 25 मई को तथा 01, 08, 15, 22 एवं 29 जून को 08476 नंबर के साथ पुरी के लिए रवाना होगी।
इस गाड़ी में 02 एसएलआर, 05 सामान्य, 07 स्लीपर, 06 एसी थ्री तथा 02 एसी-2 सहित कुल 22 कोच होंगे। समर स्पेशल ट्रेन पुरी से प्रत्येक शुक्रवार को 04.50 बजे रवाना होकर खुर्दा रोड 05.30/05.35 बजे, भुवनेश्वर 06.15/06.20 बजे, नराज मार्थापुर 06.55/07.00 बजे, ढेंकानल 07.45/07.50 बजे, अंगुल 08.45/08.50 बजे, रेढ़ाखोल 10.10/10.12 बजे, सम्बलपुर सिटी 11.25/11.30 बजे, झारसुगुड़ा रोड 12.15/12.20 बजे, बिलासपुर 16.50/17.00 बजे, कटनी मुरवारा 23.30/23.40 बजे, दमोह 01.00/ 01.02 बजे, सागर 07.05/02.10 बजे, वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन (झांसी) 08.10/08.15 बजे, ग्वालियर 10.15/10.10 बजे, आगरा कैंट 13.00/13.05 बजे, मथुरा 14.30/14.15 बजे तथा निजामुद्दीन शाम 17.40 बजे पहुंचेगी।
विपरीत दिशा में निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से प्रत्येक शनिवार को रात 23.35 बजे रवाना होकर मथुरा 02.10/02.12 बजे, आगरा 03.03/03.05 बजे, ग्वालियर 04.55/05.00 बजे, वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन (झांसी) 06.00/06.10 बजे, सागर 10.20/10.25 बजे, दमोह 11.25/11.27 बजे, कटनी मुरवारा 12.50/13.00 बजे, बिलासपुर 18.20/18.30 बजे, झारसुगुड़ा रोड 22.05/22.10 बजे, सम्बलपुर सिटी 22.45/22.50 बजे, रेढ़ाखोल 23.40/23.42 बजे, अंगुल 01.52/01.57 बजे, ढेंकानल 03.20/03.22 बजे, नराज मार्थापुर 04.12/04.14 बजे, भुवनेश्वर 04.55/05.00 बजे, खुर्दा रोड 05.20/05.25 बजे तथा पुरी सुबह 05.55 बजे पहुंचेगी ।
वन टाईम प्रमोशन इंस्पेक्टर रामेश्वर देशमुख ने दूसरे छोर से मुस्तैद रहकर मारे नामी नक्सली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 अप्रैल। एक ही झटके में कांकेर के कलपर के जंगल में नक्सलियों के एक बड़े कैडर का सफाया करने वाले ऑपरेशन में राजनांदगांव शहर से सटे दुर्ग जिले के तिरगा के रहने वाले पुलिस निरीक्षक रामेश्वर देशमुख के साहस को लोग सलाम कर रहे हैं।
वन टाईम प्रमोशन से निरीक्षक बने रामेश्वर ने दूसरे छोर से सुरक्षा बलों के साथ कलपर के जंगल में स्थित तीन पहाड़ों को लांघकर नक्सलियों को घेरा। दो छोर से पुलिस की ओर से हुए गोलीबारी में 29 नक्सली मारे गए। छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह सफलता इतिहास बनाने वाली रही।
रामेश्वर देशमुख के गांव में भी नक्सली सफलता से खुशी का माहौल है। तिरगा जैसे छोटे गांव से निकले रामेश्वर ने अपनी सर्विस का एक बड़ा वक्त बस्तर के बीजापुर के अलावा कांकेर में गुजारा है। नक्सलियों को ठिकाने लगाने की मुहिम में रामेश्वर अक्सर आगे रहे हैं। राजनंादगांव जिले में वह गातापार जैसे चुनौतीपूर्ण वाले नक्सल थाने की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि दूसरे छोर से रामेश्वर देशमुख ने सर्चिंग अभियान के दौरान आधा-आधा किमी की तीन पहाडिय़ों की चढ़ाई की। उस दौरान चूभती धूप और गर्म हवाएं जवानों पर भारी पड़ रही थी।
सर्चिंग के दौरान नक्सलियों की खोज में सफलता नहीं मिलने पर कांकेर एसपी आईके एलेसेला ने वापस लौटने के लिए भी जवानों को कहा। काफी तलाश के बाद नक्सली तीसरे पहाड़ में डेरा जमाए नजर आए। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में नक्सली जवानों के गोली के शिकार बने।
वर्तमान में बांदे में पदस्थ रामेश्वर देशमुख ने नक्सलियों के बड़े कैडर को मार गिराया। देशमुख को पूर्व में दो बार नक्सल मोर्चे में कामयाबी के लिए वीरता पुरस्कार मिला है। नक्सलियों के साथ लड़ते हुए रामेश्वर देशमुख ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया।
बताया जा रहा है कि नक्सल ऑपरेशन की सफलता से छत्तीसगढ़ पुलिस की ताकत जाहिर हुई है। ऐसे में नक्सली अभियान में शामिल अफसर और जवानों को ईनाम भी महकमे की ओर से दिया जा सकता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल । भूमिगत टंकी (गटर) की सफाई करने उतरे मजदूर की मौत की खबर है। लाभांडी के अशोका बिरयानी रेस्टारेंट के गटर टैंक की सफाई के लिए मालिक ने वहीं के दो कर्मचारियों को गटर में उतारा था। जो अज्ञात कारणों से गटर में फंस गए। उन्हे काफी प्रयास करके निकाला गया और वी केयर हॉस्पिटल भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित किया ।
इनके नाम मृतक डेविड साहू पिता यशवंत राम 19 साल निवासी खामहरिया धमतरी और नीलकुमार पटेल पिता जगदीश पटेल 30 साल निवासी खुटादरहा जांजगीर - जिला जांजगीर बताया गया है । मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है ।
यहां बता दें कि मैन्यूल गटर साफ करने पर प्रतिबंध है। उसके बाद भी मजदूरों से सफाई कराना बिरयानी सेंटर के प्रबंधन की लापरवाही और रोक का उल्लंघन है। समझा जा रहा है कि दोनों मजदूरों का गटर के भीतर प्रदूषित गैस और आक्सीजन न मिलने की वजह से दम घुटा और पहले बेहोश फिर मौत हो गई। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गटर में शौचालय का था या मटन आदि की गंदगी फेंकने वाला। तेलीबांधा पुलिस मामले की सूचना पर जांच कर रही है ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल । कांग्रेस से पूर्व विधायक प्रदेश प्रवक्ता शिशुपाल शोरी आज भाजपा की सदस्यता लेने जा रहे।वे रायपुर में सीएम विष्णुदेव साय की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन करेंगे। शिशुपाल शोरी ने कांग्रेस की खराब नीति और अनदेखी से आहत होकर भाजपा प्रवेश की बात कही । शिशुपाल का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को आदिवासी सीएम देकर आदिवासियों का मान बढ़ाया। पूर्व आईएएस सोरी ने पिछला चुनाव कांग्रेस से लड़ा और विधायक चुने गए। इस बार उनकी टिकट काट दी गई थी।