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रायपुर, 28 अप्रैल। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन कल अयोध्या के प्रवास पर रहेंगे। जहां हरिचंदन दंपत्ति प्रभु श्रीराम के दर्शन पूजा करेंगे। उसके बाद राज्यपाल 30 का वहां से भुवनेश्वर जाएंगे।
करीब पांच दिन के प्रवास पर आज शाम दिल्ली जा रहे हैं।
सिलहट (बांग्लादेश), 28 अप्रैल। तेज गेंदबाज रेणुका सिंह और पूजा वस्त्राकर की जोड़ी ने मिलकर बांग्लादेश के पांच विकेट झटक लिये जिससे भारतीय महिला टीम ने रविवार को यहां पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मेजबान टीम को 44 रन से शिकस्त दी।
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए कप्तान हरमनप्रीत कौर और यास्तिका भाटिया के मध्यक्रम में तेजी से रन जुटाये लेकिन अंत में रफ्तार नहीं पकड़ने से सात विकेट पर 145 रन ही बना सकी।
इसके बाद रेणुका की अगुआई में गेंदबाजों ने बांग्लादेश को आठ विकेट पर 101 रन ही बनाने दिये।
कप्तान निगार सुल्ताना ने 48 गेंद में 51 रन की अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर साथ नहीं मिला।
भारत के लिए रेणुका ने 18 रन देकर तीन विकेट और पूजा वस्त्राकर ने 25 रन देकर दो विकेट प्राप्त किये। रेणुका ने दिलारा अख्तर (04) को अपनी तीसरी ही गेंद पर पगबाधा आउट किया और फिर पांचवें ओवर में सोभना मोस्त्री (06) को बोल्ड किया।
अनुभवी स्पिनर दीप्ति शर्मा ने फिर मुर्शिदा खातून (13) को पगबाधा आउट किया। फाहिमा खातून (01) सातवें ओवर में पूजा वस्त्राकर की गेंद पर पैड लगाकर पगबाधा आउट हुईं जिससे बांग्लादेश का स्कोर चार विकेट पर 30 रन था।
राधा यादव ने शोर्णा अख्तर (11) को जबकि रेणुका ने राबिया खान (02) को आउट किया। श्रेयंका पाटिल ने नाहिदा अख्तर (09) को पवेलियन की राह दिखायी।
अंतिम ओवर में पूजा वस्त्राकर ने सुल्ताना की पारी समाप्त की।
इससे पहले भारत शुरूआती ओवरों में तेज गति से रन नहीं बन सका जिसमें करिश्माई सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना महज नौ रन बनाकर आउट हो गयीं।
लेकिन शेफाली वर्मा ने 22 गेंद में 31 रन का योगदान दिया जिसके बाद यास्तिका भाटिया (29 गेंद में 36 रन) और हरमनप्रीत (22 गेंद में 30 रन) ने मिलकर 45 रन की साझेदारी निभायी। इससे भारतीय बल्लेबाज धीमी विकेट की चुनौती से निपटी।
बांग्लादेश की लेग स्पिनर राबिया खान मेजबान टीम के लिए सबसे सफल गेंदबाज रहीं जिन्होंने चार ओवर में 23 रन देकर तीन विकेट झटके।
मंधाना ने सुल्ताना खातून पर दूसरे ओवर में लगातार दो चौके जड़े। लेकिन भारतीय उप कप्तान फरीहा तृष्णा (23 रन देकर एक विकेट) की गेंद पर शॉट लगाने के प्रयास में बोल्ड हो गयीं।
इस झटके के बाद शेफाली ने खातून की गेंद पर लांग ऑन में बड़ा छक्का जड़कर अपने तेवर दिखाये।
शेफाली और यास्तिका ने मिलकर अच्छी रन गति से रन जुटाये जिसमें वे फरीहा और नाहिदा अख्तर की लूज गेंदों पर बाउंड्री लगाती रहीं।
लेकिन नौवें ओवर में राबिया खान की गेंद पर शेफाली एक्स्ट्रा कवर में फहीमा को आसान कैच देकर पवेलियन पहुंच गयी।
अब हरमनप्रीत क्रीज पर उतरीं जिन्होंने यास्तिका के साथ मिलकर टीम की रन गति बढ़ायी। हरमनप्रीत ने 11वें ओवर में राबिया पर दो चौकों की मदद से 13 रन जुटाये।
यास्तिका ने भी बेहतर तकनीक और टाइमिंग से खेलते हुए 13वें ओवर में बायें हाथ की तेज गेंदबाज फरीहा पर दो चौके जड़कर भारत को 100 रन के पार कराया।
लेकिन क्रीज पर जमी दोनों ही बल्लेबाज एक के बाद एक आउट हो गयीं। हरमनप्रीत 14वें ओवर में फहीमा की गेंद पर पगबाधा आउट हुई जबकि राबिया ने यास्तिका का अहम विकेट झटका।
इससे पहले हरमप्रीत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पांच मैच की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला इस साल के अंत में बांग्लादेश में होने वाले आगामी टी20 अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के लिए ‘ड्रेस रिहर्सल’ का काम करेगी।
बांग्लादेश :
दिलारा अख्तर पगबाधा बो रेणुका 04
मुर्शिदा खातून पगबाधा बो दीप्ति 13
सोभना मोस्त्री बो रेणुका 06
निगार सुल्तान बो वस्त्राकर 51
फहीमा खातून पगबाधा बो वस्त्राकर 01
शोर्णा अख्तर का सजना बो यादव 11
राबिया खान का सब बो रेणुका 02
नाहिदा अख्तर बो पाटिल 09
सुल्ताना खातून नाबाद 00
मरूफा अख्तर नाबाद 01
अतिरिक्त : 03
कुल योग : 20 ओवर में आठ विकेट पर 101 रन
विकेट पतन : 1-4, 2-23, 3-29, 4-30, 5-62, 6-78, 7-99, 8-99
गेंदबाजी :
रेणुका सिंह 4-0-18-3
पूजा वस्त्राकर 4-0-25-2
श्रेयंका पाटिल 4-0-24-1
दीप्ति शर्मा 4-0-15-1
राधा यादव 4-0-19-1
(भाषा)
छत्तीसगढ़ में भी वंचित वर्ग का आरक्षण भाजपा ने रोका है
रायपुर, 28 अप्रैल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य है - संविधान बदल कर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना।
उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना। लेकिन संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह भाजपा की राह में खड़ी है। जब तक कांग्रेस है - वंचितों से उनका आरक्षण दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती। केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस सामाजिक रूप से वंचित लोगों के लिये हिस्सेदारी न्याय लागू करेगी।
बैज ने कहा है कि कांग्रेस के न्याय पत्र में हिस्सेदारी न्याय भारत के सामाजिक संरचना में क्रांतिकारी परिवर्तन लायेगा। कांग्रेस पार्टी पिछले सात दशकों से समाज के पिछड़े, वंचित, पीड़ित और शोषित वर्गों एवं जातियों के हक और अधिकार के लिए सबसे अधिक मुखरता के साथ आवाज़ उठाती रही है। कांग्रेस लगातार उनकी प्रगति के लिए प्रयास करती रही है। लेकिन जाति के आधार पर होने वाला भेदभाव आज भी हमारे समाज की हकीकत है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग देश की आबादी के लगभग 70 प्रतिशत हैं, लेकिन अच्छी नौकरियों, अच्छे व्यवसायों और ऊँचे पदों पर उनकी भागीदारी काफी कम है। किसी भी आधुनिक समाज में जन्म के आधार पर इस तरह की असमानता, भेदभाव और अवसर की कमी बर्दाश्त नहीं होनी चाहिये।
विधायक पुरंदर मिश्रा का किया अभिवादन
रायपुर, 28 अप्रैल। राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर सभागृह में विधायक पुरन्दर मिश्रा ने सिंधी समाज के लोगों को भगवान जगन्नाथ जी के महाप्रसाद ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया था। मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा पाठ के उपरांत सिंधी समाज के लोगों ने भगवान जगन्नाथ जी का महाप्रसाद ग्रहण किया। मिश्रा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ जी के प्रसाद ग्रहण करने के लिए वार्ड स्तर पर लोगों आमन्त्रित किया जा रहा है, इसी तरह आगे भी हर समाज के लोगों आमंत्रित किया जाएगा जिससे हम सब भाई-चारा और एकता बना रहे यह विगत कई वर्षो से चला आ रहा है जो हमारी संस्कृति और एकता को संजोता है।
इस दौरान सिंधु महिला मण्डल ने विधायक पुरन्दर मिश्रा का अभिवादन किया।
भाजपा नेता सतीश छुगानी ने समाज के पदाधिकारियों का परिचय कराया। इस अवसर पर सभी ने जगन्नाथ भगवान का प्रसाद पाया। बैठक में मुखी मन्नूमल, अमर पारवानी, रामू जगदीश रोहड़ा, श्रीचंद सुंदरानी, भारतीय सिंधू सभा प्रदेश अध्यक्ष अशोक नैनवानी, शंकर नगर, शांति नगर पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष मुरली केवलानी, महेश रोहड़ा, ललित जयसिंह, अमर गिदवानी, तेज कुमार बजाज, मुखी मोटूमल अडवाणी, शंकर बजाज, अशोक बजाज, अशोक माखीजा, अशोक मालानी, अशोक पंजवानी, राजेश वाधवानी, मुरली शादीजा, बी डी थाडलानी, चंदर विधानी, भजन दास तलरेजा, नंदलाल साहिता, डिम्पल शर्मा, रेखा वाधवानी, सिमरन हिंदूजा, प्रकाश अडवाणी, बंटी जुमनानी, प्रताप पोपटानी, मोहन तेजवानी और सतीश छुगानी सहित बड़ी संख्या समाज के लोग मौजूद रहे।
रायपुर, 28 अप्रैल। महादेव एप पर फिल्म अभिनेता साहिल खान की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के संरक्षण में महादेव एप आज भी चल रहा। भाजपा की सरकारें महादेव एप को बंद नहीं करना चाहती।
हकीकत यह है कि आज भी उसको केन्द्र, राज्य का संरक्षण मिला हुआ है। सरकार को चार महीने हो गये महादेव एप क्यों बंद नहीं किया जा रहा है? क्यों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर और शुभम सोनी को गिरफ्तार करके हिन्दुस्तान नही लाया जा रहा है। शुभम सोनी का वीडियो भाजपा ने अपने ऑफिशियल हैंडल से अपने प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता करके जारी किया था। भाजपा बताएं कि उसके पास यह वीडियो कहां से आया था?
भाजपा बताये :-
- केन्द्र सरकार महादेव एप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही?
- असीम दास की फोटो भाजपा नेताओं के साथ आई है तो ईडी, ईओडब्लू ने उन दोनों का नाम एफआईआर में क्यों दर्ज नहीं किया?
- शुभम सोनी की विडियो बाईट भाजपा ने जारी किया था। शुभम सोनी के भाजपा से क्या संबंध है? ईडी ने इसकी जांच क्यों नहीं किया?
- सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के फोटो भाजपा नेताओं के साथ भी सार्वजनिक है उन दोनो से पूछताछ क्यों नहीं की गई?
- शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को ईडी गिरफ्तार करके दुबई से वापस क्यों नहीं ला रही है?
- ईडी ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में जो पत्र लिखा था उसमें कुछ आईपीएस एवं अन्य अधिकारियों के भी नाम है ईओडब्ल्यू ने उन अधिकारियो के नाम एफआईआर में क्यों छोड़ा?
- असीम दास की गिरफ्तारी के समय जिस इनोवा गाड़ी से रूपये जप्त हुये थे उसके मालिक भाजपा विधायक अमर अग्रवाल के भाई के है, उनसे ईडी ने कब पूछताछ किया है?
- शुभम सोनी के जब दुबई में काउंसलर के समक्ष बयान देने गया था तब उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
अहमदाबाद , 28 अप्रैल। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी20 मैच में रविवार को यहां गुजरात टाइटंस को नौ विकेट से हराया।
गुजरात की टीम को तीन विकेट पर 200 रन पर रोकने के बाद आरसीबी ने महज 16 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया।
आरसीबी के लिए विल जैक्स ने 41 गेंद में नाबाद 100 और विराट कोहली ने 44 गेंद में नाबाद 70 रन का योगदान दिया।
आरसीबी पारी :
विराट कोहली नाबाद 70
फाफ डुप्लेसी का स्थानाप्पन (शंकर) बो साई किशोर 24
विल जैक्स नाबाद 100
अतिरिक्त: 12
कुल योग: (16 ओवर में एक विकेट पर) 206 रन
विकेट पतन: 1-40
गेंदबाजी:
उमरजाई 2-0-18-0
वॉरियर 1-0-15-0
साई किशोर 3-0-30-1
राशिद 4-0-51-0
नूर 4-0-43-0
मोहित 2-0-41-0
(भाषा)
रायपुर, 28 अप्रैल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री राजेश मूणत आज 61 वर्ष के हो गए। रविवार को उनके निवास पर जन्मदिन पर दिनभर उन्हें बधाई मिलतीं रहीं। विधायक राजेश मूणत को सीएम विष्णुदेव साय, स्पीकर रमन सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने जन्मदिन पर अपनी बधाई भेजी है। वहीं कैबिनेट मंत्री और रायपुर लोकसभा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने भी मूणत के निवास पहुंचकर उन्हें शुभकामनाएं दी।
लोकसभा चुनाव अभियान की व्यस्तता के बीच मूणत अपने प्रशसंकों से शुभकामनायें स्वीकार कर रहे हैं। 28 अप्रैल 1963 को जन्मे मूणत रायपुर जिले की रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए है। भाजयुमो से अपने राजनीति की शुरुआत करने वाले राजेश मूणत शहर अध्यक्ष रहने के अलावा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने के साथ ही वह मंत्री बन गए थे। 2008 और 2013 में भी चुनाव जीत कर वह मंत्री बने थे।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में 15 वर्ष तक कई महत्त्वपूर्ण विभागों का मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के विकास में अपना योगदान दिया है।
मूणत ने छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए शहरी इलाकों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए हरसम्भव प्रयास किये थे। पश्चिम विधानसभा को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक विकसित और अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त विधानसभा होने का गौरव प्राप्त है। यहाँ अंतराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, अंतराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल, नालंदा परिसर, विश्वस्तरीय लाईब्रेरी, छत्तीसगढ़ का सबसे विकसित एजुकेशन हब समेत कलाकारों को समर्पित विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार और कई फ्लाई ओवर, अंडरब्रिज और चमचमाती सड़के हैं।
बहरहाल मूणत को कुशल संगठनकर्ता होने की वजह से पार्टी में लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के लिए रायपुर,राजनादगांव समेत कई अन्य लोकसभाओं की जिम्मेदारी सौंपी हैं।
कोरबा/रायगढ़, 28 अप्रैल । निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के कोरबा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार को एक धार्मिक कार्यक्रम के पोस्टर और बैनर पर उनकी तस्वीर को लेकर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस की शिकायत के बाद कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने शुक्रवार को भाजपा उम्मीदवार सरोज पांडे को नोटिस जारी कर उनसे 29 अप्रैल तक जवाब मांगा।
उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार, भाजपा ने शुक्रवार को मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चिरमिरी शहर में धीरेंद्र गिरि शास्त्री के एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए पांडे और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के मंत्रियों की तस्वीरों वाले बैनर और पोस्टर लगाए थे।
मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि भाजपा उम्मीदवार ने चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक कार्यक्रम का दुरुपयोग किया और मांग की कि कार्यक्रम के खर्च को उनके चुनाव खर्च में शामिल किया जाना चाहिए।
इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के चुनाव व्यय पर्यवेक्षक ने शनिवार को भाजपा उम्मीदवार राधेशयाम राठिया को उनके चुनाव खर्च में विसंगतियों पर नोटिस दिया।
इसमें कहा गया है कि राठिया ने अब तक अपने चुनाव खर्च के रूप में 7.09 लाख रुपये घोषित किए हैं, जबकि पाया गया है कि उन्होंने 13.83 लाख रुपये खर्च किए हैं। (भाषा)
कराची/चेन्नई, 28 अप्रैल। भारत में सफल हृदय प्रत्यारोपण के बाद 19 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की को नया जीवन मिलने की दिल छू लेने वाली कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि मानवीय उद्देश्यों के लिए सीमाओं पर आवागमन को कैसे आसान बनाया जा सकता है और पड़ोसी देश में हृदय रोगियों के सामने क्या चुनौतियां हैं।
पाकिस्तान के कराची शहर की रहने वाली आयशा रशन की चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में सफल हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी हुई है।
एक उपयुक्त 'ब्रेन-डेड डोनर' उपलब्ध होने के बाद 31 जनवरी, 2024 को आयशा का हृदय प्रत्यारोपण किया गया। कुछ औपचारिक प्रक्रियाओं के बाद आयशा को इस महीने अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
हृदय और फेफड़े प्रत्यारोपण एवं मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट संस्थान के हृदय विज्ञान निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. के आर बालाकृष्णन ने कहा कि आयशा पहली बार 2019 में उनके पास आई थी जब वह 14 साल की थी और उसका हृदय बेहद खराब स्थिति में था।
डॉ. के आर बालाकृष्णन ने 'पीटीआई-वीडियो' से कहा, ‘‘ इसके बाद वह बहुत ही बीमार हो गई और उसे हृदयघात हुआ तथा उसे सीपीआर तकनीक से पुनर्जीवित करना पड़ा और खून के प्रवाह को बनाए रखने के लिए ईसीएमओ नामक मशीन लगानी पड़ी, फिर हमने उस समय एक कृत्रिम हृदय पंप डाला और अंततः वह ठीक हो गई और अपने देश वापस चली गई। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगले कुछ वर्षों में, वह फिर से बीमार हो गई क्योंकि उसका एक वाल्व लीक होने लगा... और उसके हृदय का दाहिना हिस्सा गंभीर रूप से निष्क्रिय होने लगा तथा संक्रमण हो गया । उस देश में उसका इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया। आयशा के लिए वीजा प्राप्त करना बहुत कठिन था। उनकी मां अकेली हैं, उनके पास कोई पैसा या संसाधन नहीं था। हमें आयशा के बार-बार अस्पताल में भर्ती होने सहित सभी खर्चों का ख्याल रखना पड़ा। ’’
उन्होंने बताया कि चेन्नई स्थित गैर सरकारी संगठन ऐश्वर्या ट्रस्ट और अन्य प्रत्यारोपण रोगियों के योगदान से आयशा की सर्जरी हुई। यह प्रत्यारोपण दिल्ली के दिमागी रूप से मृत एक बुजुर्ग व्यक्ति से हृदय प्राप्त करने के बाद किया गया था। आयशा के इलाज में करीब 30 से 40 लाख रुपये का खर्च आना था।
फैशन डिजाइनर बनने की चाहत रखने वाली आयशा ने इलाज के लिए देश आने का वीजा देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। आयशा की मां ने कहा कि समस्या यह है कि पाकिस्तान में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। (भाषा)
पायलट खफा, दिए निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अप्रैल। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट रायपुर लोकसभा में प्रचार सही तरीके से नहीं होने पर खफा हैं। उन्होंने निगम पार्षदों की बैठक में कहा बताते हैं कि रायपुर शहर में तो चुनाव का माहौल ही नहीं दिख रहा है। पायलट ने सभी दस जोन में कार्यक्रम करने के निर्देश दिए हैं। इनमें वो खुद भी मौजूद रहेंगे।
पायलट ने शनिवार को पार्षदों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि यहां चुनाव प्रचार का माहौल ही नहीं दिख रहा है। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि सभी जोन में कार्यक्रम करने के लिए कहा और इस कार्यक्रम में वो खुद भी जाएंगे।
प्रदेश प्रभारी ने पार्षदों को घोषणा पत्र को घर-घर पहुंचाने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि गरीब महिलाओं को एक-एक लाख रुपये देने की योजना का अच्छा असर पड़ेगा। दूसरे राज्यों में इसका असर देखने को मिल रहा है। पायलट के साथ बैठक में मेयर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, सहित तमाम पार्षद मौजूद थे।
सिलहट (बांग्लादेश), 28 अप्रैल। भारतीय महिला टीम ने कप्तान हरमनप्रीत कौर और यास्तिका भाटिया के मध्यक्रम में रन जुटाने से रविवार को यहां बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में सात विकेट पर 145 रन बनाये।
भारत शुरूआती ओवरों में तेज गति से रन नहीं बन सका जिसमें करिश्माई सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना महज नौ रन बनाकर आउट हो गयीं।
लेकिन शेफाली वर्मा ने 22 गेंद में 31 रन का योगदान दिया जिसके बाद यास्तिका भाटिया (29 गेंद में 36 रन) और हरमनप्रीत (22 गेंद में 30 रन) ने मिलकर 45 रन की साझेदारी निभायी। इससे भारतीय बल्लेबाज धीमी विकेट की चुनौती से निपटी।
बांग्लादेश की लेग स्पिनर राबिया खान मेजबान टीम के लिए सबसे सफल गेंदबाज रहीं जिन्होंने चार ओवर में 23 रन देकर तीन विकेट झटके।
मंधाना ने सुल्ताना खातून पर दूसरे ओवर में लगातार दो चौके जड़े। लेकिन भारतीय उप कप्तान फरीहा तृष्णा (23 रन देकर एक विकेट) की गेंद पर शॉट लगाने के प्रयास में बोल्ड हो गयीं।
इस झटके के बाद शेफाली ने खातून की गेंद पर लांग ऑन में बड़ा छक्का जड़कर अपने तेवर दिखाये।
शेफाली और यास्तिका ने मिलकर अच्छी रन गति से रन जुटाये जिसमें वे फरीहा और नाहिदा अख्तर की लूज गेंदों पर बाउंड्री लगाती रहीं।
लेकिन नौवें ओवर में राबिया खान की गेंद पर शेफाली एक्स्ट्रा कवर में फहीमा को आसान कैच देकर पवेलियन पहुंच गयी।
अब हरमनप्रीत क्रीज पर उतरीं जिन्होंने यास्तिका के साथ मिलकर टीम की रन गति बढ़ायी। हरमनप्रीत ने 11वें ओवर में राबिया पर दो चौकों की मदद से 13 रन जुटाये।
यास्तिका ने भी बेहतर तकनीक और टाइमिंग से खेलते हुए 13वें ओवर में बायें हाथ की तेज गेंदबाज फरीहा पर दो चौके जड़कर भारत को 100 रन के पार कराया।
लेकिन क्रीज पर जमी दोनों ही बल्लेबाज एक के बाद एक आउट हो गयीं। हरमनप्रीत 14वें ओवर में फहीमा की गेंद पर पगबाधा आउट हुई जबकि राबिया ने यास्तिका का अहम विकेट झटका।
इससे पहले हरमप्रीत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। (भाषा)
अहमदाबाद, 28 अप्रैल। गुजरात टाइटंस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी20 मैच में रविवार को यहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ तीन विकेट पर 200 रन बनाये।
गुजरात की टीम के लिए साई सुदर्शन 49 गेंद में 84 रन का योगदान दिया। शाहरुख खान ने 30 गेंद में 58 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली।
गुजरात टाइटंस पारी:
ऋद्धिमान साहा का कर्ण बो स्वप्निल 05
शुभमन गिल का ग्रीन बो मैक्सवेल 16
साई सुदर्शन नाबाद 84
शाहरुख खान बो सिराज 58
डेविड मिलर नाबाद 26
अतिरिक्त: 11
कुल योग: (20 ओवर में तीन विकेट पर ) 200 रन
विकेट पतन: 1-6, 2-45, 3-131
गेंदबाजी:
स्वप्निल 3-0-23-1
सिराज 4-0-34-1
दयाल 4-0-34-0
मैक्सवेल 3-0-28-1
कर्ण 3-0-38-0
ग्रीन 3-0-42-0
जारी (भाषा)
इंफाल, 28 अप्रैल । मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। इंफाल पश्चिम जिले में रविवार सुबह जातीय संघर्ष से जूझ रहे दो समुदायों के बीच फायरिंग हुई।
पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई, जब कई हथियारबंद लोगों ने कांगपोकपी जिले में निकटवर्ती पहाड़ियों से इंफाल घाटी में स्थित कौत्रू गांव पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस पर प्रतिद्वंद्वी जातीय समूहों के सदस्यों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
फायरिंग के कारण महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सहित ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फायरिंग में 'पम्पी' नामक देसी मोर्टार गोले का भी इस्तेमाल किया गया। इससे लोगों में दहशत व्याप्त हो गया।
कथित तौर पर कुछ गोले ग्रामीणों के घरों की दीवारों में घुस गए, इससे दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक एक टुकड़ी क्षेत्र में पहुंच गई है। घटना में अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की खबर नहीं है।
ज्ञात हो कि बिष्णुपुर जिले में शनिवार तड़के सुरक्षा बलों के एक शिविर पर सशस्त्र समूहों के हमले में एक उप-निरीक्षक सहित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान शहीद हो गए थे। हमले दो अन्य घायल हो गए थे। इस हमले के 24 घंटे के भीतर रविवार की फायरिंग हुई। (आईएएनएस)
पटना, 28 अप्रैल । बिहार के गोपालगंज जिले में एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक की एक खड़ी बस से टक्कर हो गई। हादसे में दो पुलिस कर्मी मारे गये और 12 अन्य घायल हो गये।
दुर्घटना के शिकार सभी पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी के लिए सुपौल जा रहे थे।
घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनमें से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मृतकों की पहचान पवन महतो और अशोक उरांव के रूप में हुई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "पुलिस लाइन गोपालगंज के लगभग 45 सिपाही चुनाव ड्यूटी के लिए सुपौल की ओर जाने वाली बस में यात्रा कर रहे थे। जब बस सिधवलिया थाने के बरहिमा मोड़ पर पहुंची, तो चालक ने नाश्ते के लिए सड़क किनारे ढाबे पर बस रोक दी। अधिकांश सिपाही बस से उतरकर नाश्ता करने चले गये जबकि कुछ लोग बस के अंदर ही बैठे रहे। इसी बीच एक कंटेनर ट्रक ने बस में टक्कर मार दी।"
उन्होंने कहा, "इस दुर्घटना में दो सिपाहियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 12 सिपाही घायल हो गए। हमने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया है।"
अधिकारी ने बताया, "हमने ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और कंटेनर ट्रक को जब्त कर लिया है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 अप्रैल । दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ़्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित विवरण के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ 29 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगी।
पिछले हफ्ते, आप सुप्रीमो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति खन्ना की अगुवाई वाली पीठ को बताया था कि केजरीवाल की याचिका 6 मई को सुनवाई के लिए लगाई हुई है। जवाब में, जस्टिस खन्ना ने वरिष्ठ वकील से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए एक ईमेल भेजने को कहा था। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय हुई।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपने नए हलफनामे में, आप सुप्रीमो ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की है और कहा है कि यह चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी को अनुचित रूप से फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
इस बीच, ईडी के जवाबी हलफनामे में कहा गया कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और उनके 'असहयोगात्मक रवैये' के कारण उनकी गिरफ्तारी जरूरी हो गई थी।
हलफनामे में कहा गया कि केजरीवाल नौ बार तलब किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए और पूछताछ से बचते रहे।
पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने ईडी को नोटिस जारी किया था, जिसमें एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी को 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। (आईएएनएस)
उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फार्मेसी के चार छात्रों ने इम्तिहान की उत्तर पुस्तिका में बस जय श्रीराम लिख दिया था, और उन्हें 56 फीसदी अंक देकर पास किया गया। जब सूचना के अधिकार के तहत किसी और ने ये उत्तरपुस्तिकाएं मांगीं, तो इसका भांडाफोड़ हुआ। इसके बाद विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी बनाई, और इन उत्तर पुस्तिकाओं का पुर्नमूल्यांकन करवाया, तो उन्हें शून्य नंबर मिले। विश्वविद्यालय की जांच में दो शिक्षकों को इस काम के लिए दोषी ठहराया है। एक पूर्व छात्र ने आरटीआई से कॉपियां निकलवाईं, और राजभवन शिकायत की तब जाकर पिछली दिसंबर में जांच का आदेश हुआ था। इस मामले में रिश्वत भी एक वजह हो सकती है, लेकिन जिस तरह से धर्म के नाम का इस्तेमाल किया गया है, उससे तो पक्के धर्मालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचनी चाहिए थी, लेकिन जिस तरह छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टेबाजी ऐप के नाम से किसी की धार्मिक भावना को आज तक ठेस नहीं पहुंची है, उसी तरह जय श्रीराम लिखकर फेल को पास करवाने के कारोबार से भी भक्तों पर असर पड़ा नहीं दिखता है।
हिन्दुस्तान में ऐसा लगता है कि धार्मिक भावनाएं अब सहूलियत का सामान हो गई हैं, जब किसी से हिसाब चुकता करना हो तब इन भावनाओं को भडक़ाया जाता है, पुलिस या अदालत तक रिपोर्ट लिखाई जाती है, गले काटने के फतवे दिए जाते हैं, और बाकी वक्त लोगों का भक्तिभाव अन्ना हजारे के अंदाज में सोए रहता है। जिस तरह महाराष्ट्र के तथाकथित खादीधारी-गांधीवादी अन्ना हजारे कुछ चुनिंदा और नापसंद नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ छांट-छांटकर आंदोलन करते हैं, और बाकी भ्रष्ट लोगों के हाथ मजबूत करते हैं, आज हिन्दुस्तान में धार्मिक भावनाओं का हाल कुछ वैसा ही हो गया है। देश की तीन चौथाई से अधिक आबादी मांसाहारी है, लेकिन कौन कब मांस खाए, और कब न खाए, यह एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया है, तेजस्वी यादव के मछली खाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक मंच से चुनावी सभा में इस पर हमला किया। दूसरी तरफ गोवा और केरल से लेकर उत्तर-पूर्व तक के भाजपा नेता गोमांस की खुली वकालत करते हैं, लेकिन उनसे देश के हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होने दी जातीं, ऐसे राज्यों में वोटरों को साधने के लिए गोमांस की गारंटी दी जाती है, और देश में बाकी जगह सरकारें तय करती हैं कि कब किसे क्या खाना चाहिए।
हिन्दुस्तान में जिंदगी के असल मुद्दों को हाशिए पर धकेल दिया गया है, और पन्नों के बीच में इतनी गैरजरूरी बातें लिख दी गई हैं कि असल मुद्दों के लिए कुछ शब्दों की जगह भी न बचें। और हैरानी यह है कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा सतही और गैरजरूरी मुद्दों में इस कदर मगन हो गया है कि उसे अपनी खुद की असली दिक्कतों से लेना-देना नहीं रह गया है। पौराणिक कहानियों में जिस तरह से त्यागियों को बताया जाता है, हिन्दुस्तान में आज वोटरों का एक बड़ा हिस्सा वैसा ही त्यागी हो गया है, और वह शेर पालने का खर्च उठाने के लिए पांच सौ लीटर भी पेट्रोल-डीजल लेने की अपनी हिम्मत बताता है। असल जिंदगी में शेर पाने से क्या हासिल होगा इसकी कोई चर्चा नहीं होती है। लोगों की आर्थिक स्थिति अपने बच्चों के दूध के लिए गाय-बकरी पालने की भी नहीं है, लेकिन उनका उन्माद उन्हें शेर पालने का हौसला देता है। यह एक अभूतपूर्व और असाधारण दर्जे की समझ है, जिसकी पूरी दुनिया में शायद ही कोई मिसाल मिले। अपनी राजनीतिक पसंद के लिए लोग अगर हर तकलीफ को अनदेखा करने के लिए, हर तकलीफ को उठाने के लिए तैयार हैं, तो फिर लोकतंत्र के लिए तकलीफ के अलावा इसमें और क्या है? और जब वोटर-आबादी का एक तिहाई हिस्सा ऐसा समर्पित हो जाए, तो इस समर्पण से चुनावी मुकाबला भला क्या हो सकता है?
लोगों के मन में राजनीतिक प्रतिबद्धता रहे यह तो अच्छी बात है, लेकिन यह प्रतिबद्धता उनसे सही और गलत में फर्क करने की ताकत अगर छीन ले, तो यह प्रतिबद्धता आत्मघाती होती है। भारतीय लोकतंत्र आज ऐसे ही दौर से गुजर रहा है। आज तकनीकी रूप से चुनाव कराना कामयाब होने को लोकतंत्र मान लिया गया है, और थोक में दल-बदल को संवैधानिक। इन दोनों मकसदों को पाने के लिए कितना जायज, और कितना नाजायज किया जा रहा है, यह बात अगर लोगों के लिए मायने नहीं रखती है, तो फिर ऐसा चुनाव लोकतंत्र के लिए भला क्या मायने रख सकता है? यह नौबत भयानक है। हिन्दुस्तान सहित बहुत से देश ऐसे रहे हैं जहां पर कुछ बड़े नेताओं का व्यक्तिवाद बड़ा लोकप्रिय रहा है। उन्हें तर्कों से परे समर्थन मिलते रहा है, लेकिन जब इसके साथ-साथ धर्मान्धता और साम्प्रदायिकता का एक घोल बन जाता है, तो फिर उसके नशे का न तो कोई जवाब हो सकता, न ही कोई तोड़ हो सकता। भारत आज ऐसे ही दौर से गुजर रहा है। इसके साथ-साथ जब न सिर्फ चुनावी राजनीति, बल्कि तमाम पांच बरसों की राजनीति, और जनधारणा प्रबंधन जैसे काम एक बहुत ही अनोखे पेशेवर अंदाज में किए जाने लगे हैं, तो हिन्दुस्तान के अधिकतर राजनीतिक दलों को इस बदले हुए माहौल में टिके रहने की तरकीब समझ नहीं आ रही है। और लोकतंत्र को कानून के दायरे में कई किस्म की राजनीतिक और चुनावी तरकीबों की इजाजत देता है, और देश में आज वही हो रहा है।
यह बात शुरू हुई थी फार्मेसी के इम्तिहान में विज्ञान की बातें लिखने के बजाय जय श्रीराम लिखकर आने वालों को पास करने से। जब खालिस विज्ञान की जगह खालिस धर्म ले ले, तो आज के वक्त को कुछ हजार साल पहले चले जाना चाहिए, और इन बरसों के विज्ञान को अछूत मानकर उसकी सहूलियतों से परहेज करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में भाजपा के एक विधायक रिकेश सेन ने एक हिन्दू धार्मिक कार्यक्रम में कल भाषण देते हुए कहा कि देश के अंदर धर्म परिवर्तन कराने की कोई कोशिश करे तो उसकी गर्दन काटकर रख देना। एक तरफ जब सुप्रीम कोर्ट देश में नफरती-जहरीली बातों पर रोक लगा रहा है, कड़ाई बरत रहा है, तब गला या सिर काट देने की बातें पचाने की ताकत इस देश का चुनाव आयोग ही रखता है। और चुनाव आयोग की असाधारण पाचन क्षमता की डॉक्टरी जांच सुप्रीम कोर्ट को भी करवाना चाहिए क्योंकि आयोग की यह पाचन शक्ति लोकतंत्र को ही पचाकर खत्म कर रही है, और चुनाव को उसने महज एक मशीनी काम बनाकर रख दिया है। आज यहां पर हमने कुछ कतरा-कतरा बातों को जोडऩे की कोशिश की है, इसे पढऩे वाले लोग भी इससे जुड़ी हुई कुछ और बातों को जोडक़र देख सकते हैं।
मेरे एक पुराने अखबारनवीस सहयोगी ने हमारे बड़े लंबे साथ की वजह से सम्मान जताते हुए एक बार एक बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जब किसी खबर को लेकर मन में बहुत बड़ी दुविधा रहती है कि क्या किया जाए, क्या करना चाहिए, तो वे यह कल्पना करते हैं कि वैसी दुविधा अगर मेरे सामने होती, तो मैंने क्या किया होता? और कुछ पल में उन्हें सही राह दिख जाती है। अब यह बात एक बहुत ऊंचे दर्जे के सम्मान की है, जिसे पचाना भी मेरे लिए आसान नहीं है। और वैसे तो आज इस जिक्र का भी कोई खास मकसद नहीं है, सिवाय एक बात के कि जब मेरे सामने लिखने को किसी मुद्दे की कमी रहती है, और पिछले एक बरस से यूट्यूब के लिए कैमरे के सामने बोलने को जब कोई मुद्दा नहीं सूझता है, तो मैं सुप्रीम कोर्ट की तरफ देखता हूं। सुप्रीम कोर्ट से जजों के किसी फैसले से ही मुद्दा नहीं सूझता, बल्कि वहां पहुंचे हुए मामलों से, दोनों तरफ के वकीलों के तर्कों से, कई चीजों से कोई विषय सूझता है। आज इस कॉलम को लिखने के लिए कुछ ऐसा ही हुआ है। बीच में कई हफ्ते यह कॉलम लिखना नहीं हो पाता, क्योंकि सोचने-विचारने की कोई बात नहीं सूझती।
सुप्रीम कोर्ट में अभी एक मामला पहुंचा है जिसमें निचली अदालत, और हाईकोर्ट, दोनों का फैसला एक सरीखा था, और उसके खिलाफ मुकदमा हारने वाले ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। पति-पत्नी के बीच झगड़े और घरेलू हिंसा की बात है, और पत्नी ने पुलिस में शिकायत की, निचली अदालत में मामला चला, वहां से पति को एक बड़ा जुर्माना सुनाया गया, और यह जुर्माना हर्जाने-मुआवजे की शक्ल में पत्नी को मिलना था। लेकिन पति के वकीलों का तर्क था कि यह जुर्माना पति की आर्थिक हैसियत के आधार पर नहीं लगना चाहिए, यह घरेलू हिंसा किस दर्जे की थी, उस आधार पर लगना चाहिए। न तो निचली अदालत ने यह तर्क माना, और न हाईकोर्ट ने, अब सुप्रीम कोर्ट के दो जज इस मामले को सुन रहे हैं, और यह तय होगा कि शादीशुदा जोड़े में जो हिंसक साथी है, उसकी आर्थिक क्षमता के आधार पर फैसला दिया जाए, या हिंसा की शिकार साथी को हुए नुकसान के आधार पर?
मैं बरसों से इस बात को लिखते चले आ रहा हूं कि किसी भी जुर्म में सजा या जुर्माना तय करते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मुजरिम, और जुर्म के शिकार के बीच दर्जे का क्या फर्क है। हिन्दुस्तान जैसी स्थितियों में देखें तो यह दर्जा औरत और मर्द के फर्क का सबसे पहले होता है जो कि इस मामले में भी दिख रहा है। शादीशुदा जोड़ों में आमतौर पर महिला हिंसा की शिकार होती है, और समाज और परिवार में अपनी कमजोर स्थिति की वजह से, शारीरिक रूप से पुरूष से कमजोर होने की वजह से वह मार खाती ही है, महिला पुरूष को मारे, ऐसा कम ही होता है। इसलिए औरत और मर्द एक पैमाना है दर्जे के फर्क का। दर्जे के फर्क का दूसरा पैमाना भारत में जाति व्यवस्था है, सवर्ण कही जाने वाली जातियां, दलित-आदिवासी समुदायों पर जुल्म करने की अधिक ताकत रखती हैं, और इसीलिए देश में एक बड़ा जायज कानून बनाया गया है जिससे एससी-एसटी समुदाय पर गैर एससी-एसटी के जुल्म होने पर अधिक कड़ी सजा का प्रावधान है। आज के भारत को देखें तो धार्मिक अल्पसंख्यक लोग भी धार्मिक बहुसंख्यक लोगों की हिंसा के शिकार होने का खतरा उठाते हैं, और जगह-जगह जहां भी भीड़त्या होती है, उनमें दलित-आदिवासी, या अल्पसंख्यक ही आमतौर पर शिकार होते हैं। अब भेदभाव के एक और बड़े पैमाने की चर्चा कर ली जाए, संपन्न और विपन्न के बीच ताकत का बहुत बड़ा फासला रहता है। एक दौलतमंद जब किसी गरीब पर जुल्म करते हैं, तो गरीब को इंसाफ मिलने की गुंजाइश बड़ी कम रहती है।
हमने बार-बार इस बात को लिखा है, और इस कॉलम में भी मैंने कई बार यह लिखा है कि पैसेवाले किसी गरीब के खिलाफ कोई जुर्म करें, जुल्म करें, या ऊंचे ओहदे पर बैठे हुए लोग किसी कमजोर के खिलाफ कुछ करें, तो उसके लिए अलग से कड़ी सजा का इंतजाम होना चाहिए, अलग से मोटे जुर्माने का भी। अभी इसी हफ्ते हमने अपने अखबार या यूट्यूब चैनल पर इस बात को दोहराया भी है कि बलात्कार की शिकार अगर कोई गरीब लडक़ी या महिला रहती है, तो उसमें बलात्कारी की दौलत का एक हिस्सा उसे मिलना चाहिए, जो कि बलात्कारी की बीवी, या उसके बच्चों के हिस्से के बराबर का रहे। ऐसा होने पर ही उस बलात्कारी को अपने परिवार के भीतर भी सजा मिलेगी, जब पारिवारिक सदस्यों के संभावित हिस्से से कुछ दौलत कम हो जाएगी। और ऐसा पर्याप्त मुआवजा बलात्कार की शिकार को मिलने से उसकी कुछ हद तक आर्थिक भरपाई हो सकेगी।
हमारा यह ख्याल है कि विदेश में बसा हुआ यह पति अपनी बड़ी दौलत के दम पर सुप्रीम कोर्ट गया जरूर है, लेकिन वहां भी उसकी हार होगी। घरेलू हिंसा में हिंसा कितनी हुई है, इसके साथ-साथ यह बात अनिवार्य रूप से मायने रखती है कि हिंसा करने वाले व्यक्ति की मुआवजा देने और भरपाई करने की ताकत कितनी है। ऐसे में किसी व्यक्ति पर लगाए जाने वाले जुर्माने की रकम अगर कानून में तय कर ली जाएगी, तो वह बड़ा ही नाजायज होगा। किसी के ओहदे, उसकी ताकत, और उसकी आर्थिक संपन्नता, इन सभी चीजों को देखकर इसके हिसाब से ही उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। एक मजदूर अपनी बीवी को पीटने पर शायद कुछ हजार रूपए जुर्माने को भुगते, लेकिन एक करोड़पति अपनी बीवी को पीटने पर कुछ हजार देने लायक नहीं रहता, उस पर जुर्माना उसकी संपन्नता के अनुपात में रहना चाहिए। इसी तरह हमने पहले भी कई बार इस बात पर लिखा है कि अगर कोई अरबपति भूमाफिया किसी गरीब दलित की जमीन पर कब्जा करे, तो भारत की जाति व्यवस्था के हिसाब से भी जुर्माना तय होना चाहिए, और संपन्नता के फासले के आधार पर भी। बहुत संपन्न के खिलाफ तो किसी मामले के खड़े होने की गुंजाइश भी भारतीय लोकतंत्र में कम रहती है, इसलिए किसी तरह अगर मामला अदालती फैसले तक पहुंचे, तो उस पर जुर्माना तगड़ा लगना चाहिए, करोड़पति-अरबपति को सस्ते में छोडऩा उनकी शान के भी खिलाफ होगा, इसलिए गरीब को इंसाफ दिलाने के लिए न सही, दौलतमंद की सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए जुर्माना तो मोटा ही लगना चाहिए।
देखते हैं अदालत में इस मामले पर क्या फैसला होता है, प्राकृतिक न्याय की हमारी साधारण समझ हिंसा के दर्जे से ऊपर, संपन्नता के आधार पर जुर्माने की वकालत करती है।
बेंगलुरु, 28 अप्रैल। कर्नाटक सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते एवं हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की संलिप्तता वाले कथित ‘सेक्स स्कैंडल’ की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया है।
प्रज्वल रेवन्ना ने लोकसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा है जिस पर 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हो गया। जद(एस) पिछले साल सितंबर में राजग में शामिल हो गई थी।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ सरकार ने प्रज्वल रेवन्ना के आपत्तिजनक वीडियो मामले में एक विशेष जांच दल गठित करने का फैसला किया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हासन जिले में वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जिनमें यह प्रतीत होता है कि वहां महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘ इस पृष्ठभूमि में महिला आयोग की अध्यक्ष (डॉ. नागलक्ष्मी चौधरी) ने एसआईटी जांच कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा था। उनके अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया है।’’ (भाषा)
शंघाई, 28 अप्रैल । भारतीय पुरुष रिकर्व टीम के धीरज बोम्मदेवरा, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव ने मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया को पछाड़ते हुए रविवार को यहां 14 साल बाद तीरंदाजी विश्व कप में ऐतिहासिक जीत हासिल की।
यह विश्व कप के अंतिम मुकाबले में भारतीय पुरुष रिकर्व टीम की पहली जीत है और इससे आगामी पेरिस ओलंपिक में जगह पक्की करने की उनकी संभावनाओं को बल मिलेगा।
धीरज, तरूणदीप और प्रवीण की तिकड़ी ने शानदार धैर्य दिखाते हुए एक भी सेट गंवाए बिना बेहद मजबूत कोरियाई खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन किया।
सेना के 40 साल के तरूणदीप अगस्त 2010 में शंघाई विश्व कप के चौथे चरण में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। तब राहुल बनर्जी, तरूणदीप और जयंत की रिकर्व टीम ने जापान को हराया था।
स्पर्धा की शीर्ष दो वरीयता प्राप्त टीमों के मुकाबले में भारत ने 5-1 (57-57, 57-55, 55-53) से जीत हासिल की। मौजूदा विश्व कप में भारत का यह पांचवां स्वर्ण पदक है।
इस शानदार सफलता के बाद अंकिता भकत और धीरज की रिकर्व मिश्रित टीम ने भी कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल की खुशी में इजाफा किया। भारतीय जोड़ी ने मेक्सिको की एलेजांद्रा वेलेंशिया और मटियास ग्रांडे की जोड़ी को 6-0 (35-31, 38-35, 39-37) से शिकस्त दी।
मां बनने के बाद खेल से दूर रही अनुभवी दीपिका कुमारी महिला रिकर्व के व्यक्तिगत फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी। उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
विश्व रैंकिंग की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ने 30वीं वरीयता प्राप्त होने के बाद प्रतियोगिता में काफी नीचे से शुरुआत की थी। उन्होंने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में दो कोरियाई खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया लेकिन फाइनल में दीपिका हांग्झोउ एशियाई खेलों की चैंपियन लिम सिह्योन से सीधे सेटों में 6-0 (26-27, 27-29, 27-28) से हार गईं।
खिताबी दौर में दीपिका की शुरुआत खराब रही और उनका दूसरा तीर सात-अंक वाले रिंग में लगा।
उभरती हुई 20 साल की तीरंदाज लिम ने सिर्फ एक अंक गवां कर दूसरा सेट जीता और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
भारत ने इस वैश्विक आयोजन से आठ पदक (पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य) जीते।
पुरुष टीम के फाइनल में भारत का मुकाबला उस कोरियाई टीम से था जिसके दो खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य थे। कोरियाई टीम में स्वर्ण पदक विजेता किम वूजिन और किम जे डेओक के अलावा ली वू सियोक तीसरे सदस्य थे।
भारतीय तिकड़ी ने धैर्यपूर्ण प्रदर्शन किया और शुरुआती सेट में तीन बार 10 अंक वाले निशाने के साथ के साथ कोरिया की बराबरी की। इसमें से दो एक्स (निशाने के क्रेंद के करीब) के साथ नौ अंक वाले तीन निशाने शामिल थे। इस सेट में दोनों टीमों ने 57-57 अंक बनाये।
भारत के शानदार खेल से कोरियाई टीम दबाव में आ गयी और उसके तीरंदाजों ने दो बार आठ अंक वाले निशाने लगाये। इसके उलट भारतीयों ने छह तीरों से तीन एक्स सहित 10 अंक वाले चार निशाने लगाये और दूसरा सेट 57-55 से जीत कर 3-1 की बढ़त ले ली।
तीसरे सेट में कोरिया के प्रदर्शन में और गिरावट आयी और टीम सिर्फ 53 अंक ही बना सकी। भारतीय तीरंदाजों ने धैर्यपूर्ण खेल के साथ 55 अंक बनाये और 2010 के बाद पहली बार पुरूष वर्ग का टीम खिताब जीता।
इस जीत से पहले महिला टीम ने 2013 विश्व कप में दो बार जुलाई में मेडेलिन तीसरे चरण और अगस्त में व्रोकला चौथे चरण में कोरियाई टीमों को हराया था।
राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता और शंघाई 2010 की जीत के सदस्य राहुल बनर्जी ने कहा, ‘‘जब कोरिया फाइनल में होता है तो घबराहट हमेशा होती है। लेकिन अब कोई भी उन्हें हराने की हमारी क्षमता पर संदेह नहीं कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे क्वालीफाइंग दौर से ही सही लय दिखा रहे हैं और यह निश्चित रूप से तीरंदाजी में सबसे बड़ी जीत में से एक है। उन्हें अब पेरिस तक इस लय को बरकरार रखना होगा।’’
भारत ने तीरंदाजी में पेरिस ओलंपिक के लिए अभी तक सिर्फ कोटा हासिल किया है। यह कोटा धीरज ने पुरुष व्यक्तिगत वर्ग में अर्जित किया है।
ओलंपिक के लिए आखिरी ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा 18 से 23 जून तक तुर्की के अंताल्या में विश्व कप का तीसरा चरण है, जिसके बाद टीम रैंकिंग के आधार पर दो अतिरिक्त कोटा मिलेगा। यह पहली बार है जब टीम रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक कोटा मिलेगा।
क्वालीफायर से पेरिस का टिकट कटाने में नाकाम रही टीमों में से दो सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग की टीमों को ओलंपिक जाने का मौका मिलेगा।
भारत (231 अंक) अब विश्व रैंकिंग में चीन (241) और शीर्ष पर काबिज दक्षिण कोरिया (340) के बाद तीसरे स्थान पर है और पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने के लिए अच्छी स्थिति में है।
इससे पहले शनिवार को भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों ने टीम स्पर्धाओं में पुरुष, महिला और मिश्रित टीम में स्वर्ण पदक जीते थे।
मौजूदा एशियाई खेलों की चैंपियन ज्योति सुरेखा वेन्नम ने महिलाओं के कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में चौथा स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रियांश ने पुरुषों के व्यक्तिगत कंपाउंड वर्ग में पहला विश्व कप रजत पदक जीता। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अप्रैल। राजनांदगांव में दो दिन पहले हुए मतदान के बाद पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने आज राजभवन में राज्यपाल हरिचंदन से मुलाकात की।
दिसंबर में हार के बाद इस्तीफा देने के लिए हुई मुलाकात के बाद बघेल पहली बार राजभवन गए। उन्होंने मुलाकात से कुछ देर पहले ही राज्यपाल से समय मांगा था। इस दौरान बघेल और हरिचंदन के बीच वन टू वन ही चर्चा हुई। चर्चा का विषय पता नहीं चल पाया है।
नांदगांव के रिद्धी-सिद्धी कालोनी के लोगों ने की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 अप्रैल। शहर के रिहायशी कालोनी रिद्धी-सिद्धी के लोगों ने मंतातरणकरने के आरोप में कथित मिशनरियों के खिलाफ रविवार को बसंतपुर थाना में पहुंचकर हंगामा खड़ाकर दिया। वहीं पुलिस ने कालोनी के लोगों की शिकायत के आधार पर पूछताछ के लिए दो लोगों को थाना तलब किया।
बताया जा रहा है कि रविवार को कॉलोनी के एक मकान में प्रार्थना सभा चल रही थी। इस बात की जानकारी मिलने के बाद हिन्दू संगठन मौके पर पहुंचे। धार्मिक सभा को लेकर जहां आपत्ति जताते एक महिला और एक पुरूष को पकड़ लिया। हिन्दू संगठन के लोग सीधे बसंतपुर थाना पहुंच गए। वहां हिन्दू संगठन के अलग-अलग लोगों ने कार्रवाई के लिए दबाव बनाया। रिद्धी-सिद्धी कॉलोनी के लोगों का कहना है कि केरला भवन में ईसाइ समाज के लोगों द्वारा अंधविश्वास फैलाकर हिन्दुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसके अलावा लंबे समय से धर्मांतरण के लिए प्रयास किए जा रहे थे।
इस संबंध में एएसपी राहुल देव शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि शिकायत की जांच की जा रही है। आगे की कार्रवाई जारी रहेगी।
तबादलों के पहले की खामोशी
राजधानी में कलेक्टोरेट को छोड़ दें तो बाकी प्रशासनिक दफ्तरों में खामोशी है। महानदी भवन से लेकर इंद्रावती भवन तक रूटीन की ही फाइलें दौड़ रही हैं। इसमें भी स्टाफ ज्यादा रुचि नहीं ले रहा है। आचार संहिता का बहाना बनाकर ज्यादा से ज्यादा काम को टालने की कोशिश हो रही है। अफसर भी इसलिए रुचि नहीं ले रहे हैं, क्योंकि दो माह बाद एक बार फिर फील्ड से लेकर मुख्यालयों में बदलाव होना है।
जो फील्ड पर हैं, वे अपनी पोस्टिंग बचाने या बेहतर पाने की आस में हैं और जो लूप लाइन में हैं, वे फील्ड पोस्टिंग की उम्मीद से हैं। इस बार तबादले परफार्मेंस बेस्ड होंगे। यानी 11 सीटों के नतीजों का नफा नुकसान देखा जाएगा। जहां हार होगी वहां के कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, एसपी-एडिशनल एसपी को नवा रायपुर लौटना पड़ सकता है। सभी सीटें आने पर भी जिलेवार समीक्षा होगी, और कमजोर प्रदर्शन होने पर संबंधित जिला प्रशासन पर गाज गिरना तय है।
मे-डे, बदल जाएगी थाली
तीन दिन बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस मे-डे मनेगा। यह दिन छत्तीसगढ़ में पिछले चार वर्षों तक नए अंदाज में मनता रहा है। अघोषित रूप से इसे बोरे बासी दिवस कहा जाने लगा था। यह नाम भी 2018 में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने दिया था।
चार वर्ष तक गांव जंगल, महल झोपड़ी तक में अफसर-नेता ने सरकार को दिखाने के लिए बासी की थाली सजाते रहे। इसकी तैयारी महीने भर पहले से करते थे।
यह बासी मानो अफसरों के सीआर का हिस्सा जैसी रही। सबने खाया और सेल्फी सरकार तक पहुंचाया। अब यह बीते दिनों की बात हो गई। सरकार जो बदल गई है। परंपरा के दिखावे के चोचले से नई सरकार दूर है। वह असल में श्रम के सम्मान, कल्याण के लिए नई योजना लाने जा रही है। जिसका खुलासा आचार संहिता खत्म होने के बाद होगा।
दोनों उम्मीद से हैं
प्रदेश में पहले और दूसरे चरण की कुल 4 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। बाकी 7 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। दिल्ली में कांग्रेस के रणनीतिकार मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में कम से कम 4 सीट पर जीत हासिल होगी।
ये बात अलग है कि राज्य बनने के बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष-2019 में रहा है। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, और 11 में से मात्र 2 सीटें जीत पाई थी। वह भी तब जब कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था। किसानों को बोनस और 25 सौ रुपए क्विंटल में धान खरीद हुई थी।
दूसरी तरफ, भाजपा के लोग मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में सभी सीटों पर कमल खिलेगा। मगर यह भी सच है कि वर्ष-2014 में मोदी की लोकप्रियता चरम पर थी, तब भी कांग्रेस एक सीट झटकने में सफल रही थी। इस बार क्या होता है, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।
कामचलाऊ हिफाजत
वैसे तो दुपहियों पर बच्चों को किसी भी तरह से लेकर जाना कुछ हद तक खतरनाक होता ही है, लेकिन मध्यम वर्ग या निम्न-मध्यम वर्ग की मजबूरी रहती है कि बच्चों को कहीं साथ ले जाना है, तो या स्कूटर पर सामने खड़ा किया जाए, या मोटरसाइकिल की टंकी पर बिठाया जाए, या पीछे बिठाकर अपना बड़ा सा पेट उनकी छोटी बांहों के घेरे में कुछ हद तक थमा दिया जाए। लोग अपने-अपने हिसाब से तय करते हैं कि कम खतरनाक क्या है। कई मामलों में तो आगे या पीछे बिठाए गए बच्चे हवा लगने से सो भी जाते हैं, और उन पर बहुत बड़ा खतरा रहता है। ऐसे में आज रायपुर के जयस्तंभ चौक पर दिखा यह नजारा थोड़ी सी सावधानी बताने वाला है कि पीछे बिठाए बच्चे को चुन्नी या गमछे सरीखे किसी कपड़े से दुपहिया चला रहे व्यक्ति ने अपने पेट से बांध रखा है। अब यह कानूनी रूप से सबसे महफूज बात तो नहीं है लेकिन कुछ हद तक सुरक्षा तो इससे मिली ही है। तस्वीर/ ‘छत्तीसगढ़’
बस्तर भी कोई छिपने की जगह है?
बस्तर को लेकर बाकी लंबे समय से धारणा रही है कि यह अबूझ इलाका है। पर्यटन के अनेक ठिकाने हैं, पर नक्सलियों का हर तरफ खौफ है। बाकी देश दुनिया से यह कटा हुआ इलाका है। मुंबई के अभिनेता साहिल खान ने जब मुंबई पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए जगदलपुर में छिपने का इरादा बनाया तो शायद उसके दिमाग में यही बात रही होगी। कहा जा रहा है कि मुंबई एसटीएफ टीम ने उसे कथित रूप से महादेव सट्टा ऐप में संलिप्त होने की वजह से गिरफ्तार किया। जिस छत्तीसगढ़ की गली-गली में महादेव सट्टा ऐप जाना पहचाना नाम हो चुका हो, वहां की कोई भी जगह सुरक्षित कैसे रहेगी? छत्तीसगढ़ से तो इससे जुड़े आरोपी फरार हैं। कुछ दिन पहले कोलकाता से छत्तीसगढ़ पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। छत्तीसगढ़ के लिए वे वहीं से सट्टा ऑपरेट कर रहे थे। एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया के बाद हाल के दिनों में यह मुंबई पुलिस की दूसरी गिरफ्तारी है। हालांकि इसके सरगना बताये जाने वाले मुकेश चंद्राकर की दुबई में हुई शादी में बॉलीवुड के एक से एक नामी सितारों ने परफॉर्मेंस दिया था। इन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अपनी फीस हवाला के जरिये भारत में नगदी में हासिल की। इनमें से कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है पर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। शायद, जांच एजेंसियां मान रही हो कि सट्टा के कारोबार से उनका सीधा संबंध नहीं है। जबकि तमन्ना भाटिया की तरह साहिल खान पर भी आरोप लगा है कि उन्होंने महादेव बेटिंग ऐप को प्रमोट किया।
कितनी चर्चा चाहिए विधायक को?
विधायक रिकेश सेन सैलून में बाल काटते हुए दिखे थे तब चर्चा हुई। फिर, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के मोदी के खिलाफ दिए गए बयान पर कंह दिया कि कोई भी उनके परिवार के बाल नहीं काटेगा। (बाद में उनकी इस चेतावनी को समाज के दूसरे नेताओं ने खारिज कर दिया।) इसके बाद वे एक गार्डन में पहुंच गए, जहां युवक-युवतियों को साथ बैठकर समय बिताने पर उन्होंने ऐतराज किया। मगर, ऐसा लगता है कि वे इतनी चर्चा और विवादों से संतुष्ट नहीं हैं। बीते हनुमान जयंती के दिन कथित रूप से उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों के बारे में कहा कि उनका सिर काट देना चाहिए। उनके इस बयान की कांग्रेस ने निंदा की है, पर भाजपा में चुप्पी है। बस, इतना ही है कि पहले के बयान और गतिविधि उकसाने वाले नहीं थे। कांग्रेस ने तो चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है, पर असल मुद्दा यह है कि उनकी पार्टी इस मामले को किस तरह लेती है।
संतुलन के साथ सफर
तरबूज इन दिनों बाजार में खूब आ रहे हैं। इसे हाथ में पकड़े-पकड़े कैसे ले जाना मुश्किल काम है। पर, ऐसा नहीं सोचेंगे यदि आप सचमुच सिर पर बोझ उठाने के लिए तैयार हो जाएं। पेंड्रा से अमरकंटक की ओर जाते हुए यह तस्वीर प्रिया महाडिक ने ली है। ([email protected])
मंत्री, विधायकों और सरगुजा, कोरबा, बिलासपुर के पार्टी पदाधिकारियों की सह संगठन मंत्री ने ली बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने लोकसभा चुनाव संचालन समिति की बैठक में बूथ प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने भाजपा के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान के लिए मार्गदर्शन दिया।
जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित इस बैठक में डिप्टी सीएम अरुण साव, मंत्री केदार कश्यप, दयाल दास बघेल, लखन देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, विधायक अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, रेणुका सिंह, पूर्व विधायक ननकीराम कंवर, रजनीश सिंह, रामसेवक पैकरा, पूर्व सांसद लखन लाल साहू, अनुराग सिंहदेव, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत सहित सरगुजा, बिलासपुर और कोरबा के चुनाव संचालक उपस्थित थे।
बैठक में शिव प्रकाश ने कहा कि हमारी रणनीति स्पष्ट होनी चाहिए कि कैसे बूथों में बढ़त हासिल करें। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उसे अपील को ध्यान में रखना चाहिए जिसमें प्रत्येक बूथ में भाजपा के पक्ष में 370 वोट जोडऩे कहा गया है। कश्मीर से धारा 370 के खात्मे के बाद डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शिव प्रकाश ने यह भी कहा कि विपक्ष के पास मुद्दों का अभाव है। वह चुनाव में अपने प्रदर्शन को लेकर निराश है, इसलिए वह भ्रम फैला रही है। कांग्रेस ने संविधान का मजाक उड़ाया है और बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है और उन्हें हराने के लिए प्रपंच करती रही है। इन बातों को देश की जनता के सामने रखना होगा।
दमकल गाडिय़ां पहुंचीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 28 अप्रैल। आज सुबह पावर हाउस के नंदिनी रोड स्थित एक इलेक्ट्रिक बाइक के शोरूम में भीषण आग लग गई। दोपहर साढ़े 12 बजे समाचार लिखे जाने तक आग पर काबू नहीं पाया गया था।
सूर्या मोटर्स नाम की दुकान में रविवार सुबह करीब 11 बजे धुआं निकलने लगा और देखते ही देखते आग फैलने लगी। मौके पर पहुंचे शोरूम संचालक ने शटर तो उठाया लेकिन दुकान के अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर सका।
फायर ब्रिगेड को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची दमकल गाडिय़ों से आग बुझाई जा रही है। फिलहाल मौके पर छावनी थाने की पुलिस भी पहुंच गई है।
आग कैसे लगी इसका कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। जांच के बाद कारण स्पष्ट किए जाने की बात कही जा रही है।