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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर इस बार स्वतंत्रता दिवस से पहले मोदी सरकार का रुख स्पष्ट हो सकता है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर 14 अगस्त को केंद्र सरकार जवाब दाखिल करेगी। देश मे लंबे समय से उठ रही जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के मद्देनजर सरकार के रुख पर अब सभी की निगाहें हैं। पिछले वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने भी जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे अनेक संकट पैदा होते हैं। सीमित परिवार रखने को उन्होंने देशभक्ति से जोड़ा था। ऐसे में एक बार फिर 15 अगस्त से पहले इस मुद्दे पर हो रही सुनवाई को लेकर हलचल है।
दरअसल, भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की दाखिल याचिका पर बीते 10 जनवरी को ही सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय के साथ विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। मगर, छह महीने तक केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दाखिल किया तो याचिकाकर्ता ने सवाल उठाए। याचिकाकर्ता ने साइलेंस इज ऐक्सेप्टेंस की बात कहते हुए कहा कि सरकार के जवाब न दाखिल करने का मतलब है कि वह इसे स्वीकार कर रही है।
बीते 13 जुलाई को सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट ने फिर केंद्र सरकार से इस मसले पर जवाब-तलब किया तो सरकार ने कहा है कि उसे चार हफ्ते का वक्त चाहिए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त तक समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए यह तिथि तय की है।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने आईएएनएसस से कहा, "14 अगस्त तक केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जवाब दाखिल करना है। जवाब से ही पता चल जाएगा कि सरकार इस कानून पर क्या सोचती है? हम दो हमारे दो कानून के जरिए देश की करीब 50 फीसदी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।"
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक, वाजपेयी सरकार में जस्टिस वेंकट चलैया की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय संविधान समीक्षा आयोग गठित हुआ था। दो साल तक संविधान की समीक्षा के बाद वेंकटचलैया कमीशन ने संविधान में अनुच्छेद 47 ए जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था। कमीशन ने यह भी कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कानून मानवाधिकार या किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं करता।
अश्विनी उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, "वेंकटचलैया कमीशन ने केंद्र सरकार को 31 मार्च 2002 को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर आरटीआई, राईट टू फूड और राईट टू एजुकेशन, जैसे अहम कानून देश में आगे चलकर बने। मगर, जनसंख्या नियंत्रण कानून की सिफारिशों पर सरकारों ने ध्यान नहीं दिया।"
बीजिंग, 20 जुलाई। चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी वीवो की तरफ से एक ऐसे स्मार्टफोन पर काम किया जा रहा है, जो फुल स्क्रीन डिस्प्ले के साथ उपलब्ध होगा और इसके नीचे का हिस्सा घूम जाएगा। इस फोन का पेटेंट डिजाइन सामने आया है जिसमें यह दिखता है कि इसके निचले हिस्से को 180 डिग्री तक घुमाया जा सकता है।
गिज्मोचाइना की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पेंटेट डिजाइन के डायग्राम के आधार पर पता चलता है कि फोन में दो अलग-अलग स्क्रीन होगी - एक बड़ा हिस्सा होगा और एक निचला घुमावदार हिस्सा मौजूद होगा।
डायग्राम से यह भी पता चलता है कि स्क्रीन के बिल्कुल पीछे घूम जाने के बाद भी इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा।
फोन के निचले हिस्से के घुमावदार होने के अलावा इसके बाकी के फीचर्स अन्य सामान्य एंड्रॉयड फोन के समान ही होंगे।
फोन के सामने वाले हिस्से में ऊपर बिल्कुल बीचोंबीच एक पंच-होल कैमरा मॉड्यूल होगा। वॉल्यूम बटन दाहिने किनारे पर स्थित होंगे और वायएचई पावर बटन बाईं ओर होगी।
डायग्राम में फिंगरप्रिंट स्कैनर नहीं दिखाई पड़ी है जिसका मतलब यह है कि इसमें संभावना इन-डिस्प्ले सेंसर दिए जाने की ही है।
फोन में पीछे की ओर तीन बड़े कैमरा सेंसर हॉरिजॉन्टल मॉड्यूल में दिए जाएंगे। (IANS)
मुंबई, 20 जुलाई। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास ने अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी पॉप स्टार पति निक जोनास के लिए इंस्टाग्राम पर एक मजेदार संदेश लिखा है। अभिनेत्री ने निक का शुक्रिया अदा किया कि वह हमेशा उन्हें सोचते रहते हैं। अभिनेत्री ने खुद को दुनिया की 'सबसे भाग्यशाली लड़की' कहा। संदेश के साथ ही प्रियंका ने निक के साथ की अपने जन्मदिन के जश्न की तस्वीर साझा की। तस्वीर में प्रियंका और निक एक दर्पण के सामने किस कर रहे हैं ।
तस्वीर के साथ प्रियंका ने लिखा, "मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी के लिए। 2 साल पहले इस दिन आपने मुझसे शादी करने के लिए कहा था! मैं तब अवाक रह गई थी, लेकिन मैं तब से हर रोज हां कहती हूं। सबसे असाधारण समय में आपने इस सप्ताहांत को इतने बेहतरीन तरीके से यादगार बना दिया।"
इस तस्वीर पर अब तक 16 लाख लाइक्स मिल चुके हैं।
उन्होंने आगे लिखा, "मुझे हर वक्त सोचने के लिए शुक्रिया। मैं दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की हूं। मैं आपसे बेहद प्यार करती हूं।"
निक और प्रियंका ने साल 2018 के दिसंबर में भारत में शादी की थी। उन्होंने बाद में दोस्तों और परिवार के लिए कई रिसेप्शन आयोजित किए। (ians)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी ओप्पो ने सोमवार को ऐलान किया है कि कंपनी कव्र्ड 3 डी बॉर्डरलेस सेंस स्क्रीन के साथ 31 जुलाई को भारत में अगले रेनो डिवाइस रेनो 4 प्रो को लॉन्च करने के लिए बिल्कुल तैयार है। इस स्मार्टफोन को हाल ही में चीन में 3,799 रेनमिनबी में लॉन्च किया गया जो रुपये के हिसाब से लगभग 40,500 के आसपास है ।
डिवाइस के स्पेसिफिकेशन की बात करें, तो स्मार्टफोन में 6.5 इंच का कव्र्ड एमोलेड डिस्प्ले 90 हट्र्ज रिफ्रेश रेट के साथ है।
यह स्मार्टफोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765जी सिस्टम-ऑन-चिप द्वारा संचालित है, जिसमें 12जीबी रैम और 256जीबी इंटरनल स्टोरेज है। इसे एंड्रॉइड 10 ऑपरेटिंग सिस्टम-आधारित कलरओएस 7.2 यूजर इंटरफेस के साथ उपलब्ध कराया जाएगा।
डिवाइस में पीछे की तरफ एक ट्रिपल कैमरा सेट-अप है, जिसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन के साथ 48एमपी का प्राइमरी सेंसर, 12एमपी का अल्ट्रा वाइड सेंसर और 13एमपी का टेलीफोटो सेंसर मौजूद है। फोन में आगे की तरफ 32एमपी का सेल्फी कैमरा है।
स्मार्टफोन में 2000 एमएएच क्षमता वाली दो बैटरी (कुल 4000एमएएच) दी गई है, जिसमें ओप्पो की 65 वॉट के सुपर वीओओसी चाजिर्ंग की सुविधा मिलती है और इसके साथ बॉक्स में एक चार्जर भी दी जाएगी। (IANS)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह इस बात से चकित है कि गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ इतने सारे मामले दर्ज होने के बावजूद वह जमानत पर रिहा कर दिया गया था। कोर्ट ने आगे कहा कि इससे उसके (विकास) जैसे किसी व्यक्ति को सलाखों के पीछे रखने में 'संस्थागत विफलता' जाहिर होती है। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा, "हम सभी आदेशों पर एक सही रिपोर्ट चाहते हैं। दांव पर सिर्फ उत्तर प्रदेश में घटी एक घटना भर नहीं है। पूरा सिस्टम दांव पर है। इसे याद रखिए ।"
अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को विकास दुबे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके डिप्टी द्वारा दिए गए बयानों पर गौर करने का भी निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "यदि उन्होंने खास बयान दिए हैं और उसके बाद कुछ हुआ है, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए।"
शीर्ष अदालत अब बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगी, और उस दौरान राज्य सरकार न्यायिक जांच पर जारी की गई अधिसूचना के मसौदा को प्रस्तुत करेगी, जिसमें उसने तीन जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और उसके बाद के घटनाक्रम के विभिन्न पहलुओं की जांच के आदेश दिए थे।
जब उत्तर प्रदेश पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि "हम पुलिस फोर्स का मनोबल नहीं गिरा सकते" तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कानून के शासन को मजबूत कीजिए, पुलिस बल का मनोबल कभी नहीं गिरेगा।" (IANS)
भोपाल, 20 जुलाई। देश में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों को लेकर हलचल तेज हो गई है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल हो सकते हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "हर कोई चाहता है कि भव्य राम मंदिर बने। लेकिन उन्होंने (केंद्र) न्यास में शंकराचार्यों को जगह नहीं दी, इसके बजाय वीएचपी और बीजेपी नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया है। हमें इस पर आपत्ति है।"
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर पीएम मोदी 5 अगस्त को मंदिर का शिलान्यास करते हैं, तो रामनंदी संप्रदाय के सभी शंकराचार्य और स्वामी रामनरेशाचार्य जी को समारोह में आमंत्रित किया जाना चाहिए और न्यास का सदस्य बनाना चाहिए।
मोदी आएंगे क्या?
मणिराम छावनी मठ के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि अब मंदिर निर्माण जल्द शुरू होगा। महंत नृत्यगोपाल दास ने पीएम को मंदिर की आधारशिला रखने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा है। संतों की मांग है कि वे जल्द यहां आकर मंदिर का निर्माण शुरू करवाएं। पीएम पहले ही आने वाले थे लेकिन कोरोना संकट से मामला टल गया। अब प्रधानमंत्री के 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने की संभावना जताई जा रही है लेकिन ट्रस्ट की ओर से इस तिथि को अभी फाइनल नहीं किया गया है।
भूमि पूजन में पीएम को बुलाने की थी डिमांड
ट्रस्टी नृत्यगोपाल दास ने पीएम मोदी से भूमि पूजन में शामिल होने का निवेदन किया था। रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास मांग करते रहे थे कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं। दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं। (NBT)
जयपुर, 20 जुलाई। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से जारी आयोग्यता के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस के बागी सचिन पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों द्वारा दाखिल एक याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि पायलट खेमे की याचिका प्री-मेच्योर है और इसलिए उसे खारिज किया जाना चाहिए ।
सचिन पायलट खेमे की याचिका की सुनवाई राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह मोहंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ कर रही है।
सिंघवी ने मामले पर बहस करते हुए कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने मात्र नोटिस दिया है, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को मात्र सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है, पायलट खेमे द्वारा दायर याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है।"
सिंघवी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी के अपने फैसले में कहा था कि कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, फिर ये बहस क्यों हो रही?"
सिंघवी ने आगे कहा, "विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। नोटिस बोलने की आजादी के खिलाफ नहीं है। पार्टी विरोधी गतिविधियां राजनीतिक पाप है और कानूनी रूप से भी गलत है।"
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नोटिस भेजे जाने के खिलाफ पायलट खेमे द्वारा दायर एक याचिका पर गुरुवार से सुनवाई चल रही है।
बागियों ने गुरुवार को अदालत में कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि खुलकर बोलने को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं माना जा सकता।
याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी किए गए नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया गया है और राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दाखिल शिकायत को प्रेरित बताया गया है।
पायलट खेमे का नेतृत्व देश के दो बड़े वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे कर रहे हैं, दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं।
बागियों का कहना है कि उन्हें इस तरह का नोटिस नहीं दिया जा सकता, क्योंकि राजस्थान विधानसभा सत्र में नहीं है।
वकील हरीश साल्वे ने शुक्रवार को कहा था कि असंतुष्ट विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची में मौजूद दल बदल कानून को चुनौती देना चाहते हैं।
इसके बाद सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी और विधानसभा अध्यक्ष से कहा गया था कि वह मंगलवार तक कोई कार्रवाई न करें। (IANS)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। देश भर के एक दर्जन से अधिक छात्रों ने 6 जुलाई को जारी किए गए यूजीसी दिशानिर्देशों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यूजीसी के दिशानिर्देशों में, सभी विश्वविद्यालयों / कॉलेजों को 30 सितंबर, 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। याचिकाकर्ताओं, जिनमें एक COVID पॉजिटिव छात्र भी शामिल है, ने कहा है कि ऐसे कई अंतिम वर्ष के छात्र हैं, जो या तो खुद या उनके परिवार के सदस्य COVID पॉजिटिव हैं।
उनकी दलील है, "ऐसे छात्रों को 30 सितंबर, 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करना, अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है।" केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 जुलाई, 2020 को एक अधिसूचना के जरिए विश्वविद्यालयों और संस्थानों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी थी, और विश्वविद्यालयों को यूजीसी के दिशानिर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से आयोजित करने का आदेश दिया था।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद, यूजीसी ने अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें विश्वविद्यालयों को ऑफलाइन (पेन और पेपर) / ऑनलाइन / मिश्रित (ऑफलाइन + ऑनलाइन) मोड में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। एडवाकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से दायर, याचिका में दावा किया गया है कि आमतौर पर 31 जुलाई तक छात्रों को मार्कशीट/ डिग्री प्रदान की जाती है, हालांकि वर्तमान मामले में, परीक्षाएं 30 सितंबर तक समाप्त होंगी।
याचिका में कहा गया है, "मार्कशीट/ डिग्री के विलंब अवार्ड होने के कारण, याचिकाकर्ता और कई अन्य अंतिम वर्ष के छात्र उच्च पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने और / या नौकरी पाने के बहुमूल्य अवसरों से वंचित हों जाएंगे, जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।" याचिका में दलील दी गई है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को भी CBSE, ICSE, ISC, NIOS आदि के छात्रों के बराबर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने 10 वीं / 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया और छात्रों के "पिछले प्रदर्शन/ आंतरिक मूल्यांकन" के आधार पर परिणाम घोषित किया।
याचिका में उन्होंने यूजीसी को आंतरिक मूल्यांकन पूरा कराने का निर्देश देने की मांग की है और 31 जुलाई, 2020 को या उससे पहले अंतिम वर्ष के सफल छात्रों को रिजल्ट/ डिग्री अवार्ड करने का निर्देश देने को कहा है।
याचिका में निम्न शिकायतों को शामिल किया गया है-
-उत्तरदाताओं द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कराने का लिया गया निर्णय, पूरी तरह मनमाना और सनक भरा है। अन्य हितधारकों, जैसे डॉक्टरों, शिक्षकों, छात्रों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों आदि से परामर्श भी नहीं किया गया है। इस प्रकार के निर्णय की पूरी उत्पत्ति त्रुटिपूर्ण और गलत है।
-उत्तरदाताओं ने बिहार, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों के लाखों छात्रों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर दिया है, जो वर्तमान में लगातार बाढ़ का सामना कर रहे हैं।
-रेलवे की आवाजाही नहीं हो रही है और मात्र कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही चल रही हैं। ऐसी स्थिति में, एक छात्र, जिसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर जाना है, उसे भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
-COVID-19 के प्रकोप के कारण, पूरे भारत में किराए पर/ पीजी आवास प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मकान मालिक आवास देने के लिए तैयार नहीं हैं।
-COVID-19 संकट के कारण वित्तीय अवसरों में कमी आई है और प्रभावित छात्रों के माता-पिता अत्यधिक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में, उन पर, परीक्षा में उपस्थित होने के लिए, संतानों के परिवहन, आवास और चिकित्सा उपचार का बोझ डालना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, अनुचित और अनपेक्षित है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में COVID-19 के कारण अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए कानून के छात्र की ओर से दायर जनहित याचिका पर महाराष्ट्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था। (livelaw)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 20 जुलाई। आज दोपहर बांसगांव में मुरुम खुदाई के बाद बने गड्ढे में दो मासूम बच्चों समेत मां की डूबने से मौत हो गई है।
जानकारी अनुसार सिटी कोतवाली कोण्डागांव के बांसगांव निवासी फरसू सोढ़ी का 5 वर्षीय पुत्र सोहन अपने 2 वर्षीय भाई मोहन के साथ घर के पास खेल रहा था। खेलते हुए दोनों भाई घर के पास ही मुरुम खुदाई के बाद बने गड्ढे में चले गए। बारिश के कारण गड्ढे में पानी भरा हुआ था। दोनों बच्चे पानी में डूबने लगे, जिसे पास में मौजूद उनकी मां अनिता सोढ़ी (27) ने देख लिया। अपने दोनों मासूम बच्चों को डूबता देख अनिता उन्हें बचाने की कोशिश करने लगी, लेकिन दलदली पानी होने के कारण तीनों की मौके पर डूबने से मौत हो गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए रायपुर और बीरगांव नगर निगम को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां 22 से 28 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान सुबह 10 बजे के बाद किसी को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान किराना दुकानें भी बंद रहेंगी।
बताया गया कि रायपुर में 2 सौ से ज्यादा और बीरगांव में 40 से ज्यादा इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां 21 जुलाई की रात 12 बजे से 28 जुलाई की रात 12 बजे तक लॉकडाउन आदेश लागू रहेगा। सुबह 10 बजे तक ही फल-सब्जी दुकानों तक संचालन की अनुमति रहेगी।
नगर पालिक निगम रायपुर और बिरगांव क्षेत्र के समस्त शासकीय, अर्धशासकीय, अशासकीय कार्यालयों को तत्काल प्रभाव से इस अवधि में बंद किया जाना है। सभी पदाधिकारी तथा कर्मी अपने घर से शासकीय कार्य का निष्पादन करेंगे।आवश्यकता पडऩे पर कार्यालय प्रमुख उन्हें कार्यालय में बुला सकेंगे।
जिले के नगरीय क्षेत्रों में समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, जिसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा,बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा इत्यादि भी शामिल हैं, के परिचालन को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाता है। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रहे हो, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालिक आवश्यकताओं को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी। दोनों निगम क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन को छोडक़र दोनों नगर निगमों की सभी सीमाओं को सील किया गया है।
सिर्फ वाणिज्यिक कार्गो परिवहन की अनुमति ही इस प्रतिबंधित क्षेत्र में होगी। दोनों नगर निगम के अंतर्गत सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, गोदाम,साप्ताहिक हॉट बाजार आदि अपनी संपूर्ण गतिविधियों को बंद रखेंंगे। इसी तरह दोनों नगर निगम क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले फैक्ट्री, निर्माण एवं श्रम कार्य संचालित करने वाली इकाइयों को विभिन्न शर्तों के अधीन छूट दी गई है। जिसमें श्रमिकों के रहने की व्यवस्था फैक्ट्रियों और इकाइयों के अंदर करनी होगी। आवश्यकता पडऩे पर कर्मचारियों के परिवहन की व्यवस्था फैक्ट्री या इकाइयों को स्वयं करनी होगी।
संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु जारी समस्त निर्देशों का अक्षरश पालन सुनिश्चित करना होगा। इन इकाइयों से धनात्मक मरीजों की पहचान होने पर इलाज पर होने वाले समस्त व्ययों का वाहन इन इकाइयों को ही करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत स्थित फैक्ट्री,निर्माण एवं श्रम कार्य संचालित करने वाले संस्थान अथवा इकाइयों को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णत बंद रहेंगे।
सभी नागरिक अपने घर में ही रहेंगे बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का पालन करेंंगे।किसी भी स्थिति में एक से अधिक व्यक्तियों को घर से बाहर जाने से प्रतिबंधित किया गया है। घर से बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अपना पहचान पत्र साथ में रखना होगा। फेस मास्क के उपयोग तथा सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग रखने के संबंध में समय-समय पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की शर्त पर आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय अथवा प्रतिष्ठान को प्रतिबंधों के बाहर रखा गया है।
कलेक्टर डॉ भारतीदासन ने भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने के लिए लोगों से शासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि राशन दुकान, मेडिकल स्टोर और जनरल शॉप निर्धारित अवधि तक खुलेंगे, ताकि लोगों को दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। इस परिस्थिति में कालाबाज़ारी करने वाले दुकान संचालकों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर कार्रवाई करने दल का गठन किया गया है।इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत टोल फ्री नंबर 0771-2882113 पर किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 79 बांग्लादेशी और 42 किर्गिस्तानी नागरिकों पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाया। इन विदेशी नागरिकों ने मार्च में तबलीगी जमात में भाग लेने के दौरान विभिन्न उल्लंघनों से जुड़े अपने आरोप कबूल कर लिए थे। विदेशी नागरिकों ने भारत में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लिया। साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी वीजा मानदंडों और दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन किया था ।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जितेन्द्र प्रताप सिंह और रोहित गुलिया ने बांग्लादेशी और किर्गिस्तान के नागरिकों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
हालांकि, तीन बांग्लादेशी और आठ किर्गिस्तानी नागरिकों ने मामले में आरोपों को स्वीकार नहीं किया है।
वहीं दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों को नामजद किया है। बता दें कि तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद कांधलवी और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन भी आरोप लगाए गए हैं।(IANS)
रायपुर जिले से 20, जांजगीर-चांपा से 18 संक्रमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। प्रदेश में आज शाम करीब साढ़े 5 बजे 72 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें अकेले रायपुर जिले से 20, जांजगीर-चांपा से 18, नांदगांव से 13, जशपुर से 7, बिलासपुर से 6, दुर्ग से 3, रायगढ़-सरगुजा से 2-2 एवं कोरिया से 1 मरीज शामिल हैं। ये सभी मरीज आसपास अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इन मरीजों के संपर्क में आने वालों की जांच-पहचान की जा रही है। फिलहाल इन मरीजों के संपर्क में कितने लोग आए होंगे, यह पता नहीं चल पाया है। उनका मानना है कि कोरोना मरीजों के प्रायमरी और सेकंडरी कॉन्टेक्ट में आने वालों की जांच प्राथमिकता के साथ चल रही है। इन जगहों पर विशेष शिविर लगाकर जांच की जा रही है। ऐसे में कोरोना मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है।
रायपुर में शाम को मिले 29 नए पॉजिटिव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। राजधानी रायपुर में आज शाम करीब साढ़े 5 बजे 29 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें अकेले भाठागांव से 14 पॉजिटिव शामिल हैं और ये सभी कल कोरोना से मृत एक महिला के प्रायमरी कॉन्टेक्ट वाले बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच जारी है।
राजधानी रायपुर के मंगलबाजार, स्वीपर कॉलोनी समेत कई जगहों पर कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। आज शाम भी भाठागांव समेत कई जगहों पर यहां कोरोना मरीज मिले हैं। इसमें भाठागांव में कोरोना से मृत महिला के संपर्क वाले ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग ने कल महिला की मौत के बाद उसके संपर्क में आने वालों की एक मोबाइल वेन भेजकर कोरोना जांच की थी। जांच में आज 14 लोग पॉजिटिव मिले हैं।
जिला स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि उनकी टीम शहर के अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाकर जांच में लगी है। कहीं-कहीं भीड़ वाली जगहों या बाजारों से रेंडम जांच भी किए जा रहे हैं। इसी जांच में आज 29 पॉजिटिव सामने आए हैं। भाठागांव को छोडक़र बाकी पॉजिटिव कहां-कहां से हैं, यह जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। दूसरी तरफ पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कराने की तैयारी चल रही है।
भुवनेश्वर, 20 जुलाई। ओडिशा के बालासोर जिले में एक दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के कछुए को देखा गया। स्थानीय लोगों ने उसे सुरक्षित बचाकर वन विभाग के हवाले कर दिया। इसकी जानकारी सोमवार को एक अधिकारी ने दी। सोरो ब्लॉक के सुजानपुर गांव के स्थानीय लोगों ने रविवार को अनोखे पीले रंग के कछुए को बचाया।
कछुआ साजनपुर गांव के वासुदेव महापात्र नामक किसान की खेत में पाया गया है। रविवार को वासुदेव ने अपने खेत में काम करते हुए यह कछुआ देखा था। कछुए को पकड़कर वह अपने घर ले आया। बाद में उसने कछुए को वन अधिकारियों को सौंप दिया।
बालासोर के वरिष्ठ आईएफएस और चिल्का डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशांत नंदा ने अपने ट्विटर हैंडल से कछुए का वीडियो साझा किया।
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पीले रंग का एक कछुआ बालासोर में देखा गया और उसे रेस्क्यू कर लाया गया है। यह संभवत: अल्बिनो है। इस तरह का एक और कछुआ कुछ साल पहले सिंध में पाया गया था। कछुए की आंखें गुलाबी रंग की दिखाई दे रही हैं। (IANS)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 20 जुलाई। रविवार शाम एक बाइक में 5 युवक सवार होकर बरघाट पुलिया पार कर रहे थे। तभी पानी के तेज बहाव में दो युवक बह गए। जिसमें एक ने पेड़ पर चढक़र अपनी जान बचाई वहीं एक युवक की आज लाश मिली है। सभी बलार बांध देखकर वापस लौट रहे थे। मृतक कसडोल में पदस्थ पटवारी का पति है।
पुलिस के अनुसार के अनुसार पटवारी विशाल मिहिर संतोषी नगर रायपुर अपने अन्य चार दोस्तों के साथ कसडोल से 20 किलोमीटर दूर बलार बांध देखने गए थे। जो घूमकर वापस आ रहे थे। बताया गया कि जाते वक्त पुलिया आसानी से पार कर गए थे लेकिन वापसी में बारिश होने से बरघाट स्थित उक्त नाला में 3 से 4 फीट पानी ऊपर से बह रहा था। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि एक बाइक में वजन होने से निकल जाने की उम्मीद में, 5 लोग मिलकर 1 बाइक को पानी से निकाल रहे थे।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार बीच में आने से बहाव तेज होने से संतुलन बिगड़ा और तेज बहाव में महिला पटवारी पति विशाल मिहिर समेत दो लोग बह गए। वहीं 3 युवक बाइक छोड़ निकल गए। एक अन्य युवक झाड़ में चढक़र अपनी जान बचाया। रातभर चला सर्च ऑपरेशन जारी था। सूचना पर पुलिस बल भी पहुंची हुई थी। रात बीतने के बाद आज सुबह 9 बजे नाला से 500 मीटर दूर पत्थरों के बीच विशाल का शव मिल गया। मृतक की पत्नी नेहा धाकड़े कसडोल तहसील के हल्के 8 में पटवारी है। मौके पर कसडोल पुलिस बल के अलावा तहसीलदार एस एल सिन्हा सहित अन्य कर्मचारी तथा असनीद हटौद खर्री बिलारी कुर्रहा बैगनडबरी नगर कसडोल के काफी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे।
मौतें-24, एक्टिव-1626, डिस्चार्ज-3775
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज 54 सौ पार हो गए हैं। बीती रात एक साथ पहले 159 नए पॉजिटिव मिले। इसके बाद देर रात 18 और नए पॉजिटिव पाए गए। इस तरह बीती रात तक 177 नए पॉजिटिव के साथ इनकी संख्या बढक़र 54 सौ 7 हो गई है। इसमें 24 लोगों की जान जा चुकी हैं। 16 सौ 26 एक्टिव हैं, जिनका इलाज जारी है। 37 सौ 75 मरीज ठीक होने पर डिस्चार्ज हो गए हैं।
प्रदेश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं और रायपुर समेत अधिकांश जिलों में इसके मरीज मिलने लगे हैं। जारी बुलेटिन के मुताबिक रायपुर जिले में सबसे ज्यादा 11 सौ 96 कोरोना मरीज हैं। इसमें 6 की मौत हो चुकी है। 635 एक्टिव हैं और 545 डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसी तरह बीती रात तक मिले नए पॉजिटिव को मिलाकर दुर्ग जिले में 316, नांदगांव में 440, बलौदाबाजार में 310, बिलासपुर में 436, कोरबा में 364, जांजगीर-चांपा में 339 कोरोना मरीज हो गए हैं। हालांकि इन जिलों में भी भर्ती के साथ कई मरीज ठीक होकर अपने घर लौट रहे हैं।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि प्रदेश में कोरोना जांच का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है और यह प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो सके। फिलहाल प्रदेश में 2 लाख 44 हजार के आसपास सैंपलों की जांच पूरी कर ली गई है और आगे जांच जारी है। उनका कहना है कि जांच दायरा बढ़ाने से नए-नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। इसमें प्रायमरी और सेकंडरी कांटेक्ट वाले ज्यादा हैं। जांच दायरा और बढऩे से आसपास या संपर्क में आने वालों की तेजी से पहचान होगी और उनका समय पर इलाज हो सकेगा।
पंजीयन दफ्तर चालू रहेगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। जिन इलाकों में लॉकडाउन होगा वहां आवश्यक सेवाओं को छोडक़र बाकी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। अलबत्ता, पंजीयन दफ्तर खुले रहेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने कोरोना नियंत्रण के लिए प्रतिबंधात्मक आदेशों से प्रभावित क्षेत्र में शासकीय कार्यालयों के संचालन के लिए संशोधित निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रायपुर और बीरगांव नगर निगम इलाके में 22 से 28 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा। इसमें पूर्व में जारी आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए सरकार ने प्रतिबंधात्मक आदेश से प्रभावित क्षेत्र में स्थित शासकीय कार्यालयों का संचालन प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रभावी रहने की अवधि तक नहीं करने के निर्देश दिए हैं। मगर मंत्रालय और विभागाध्यक्ष भवन में कामकाज चालू रहेगा। ये दोनों दफ्तर नगर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर हैं। इन क्षेत्रों में कोरोना वायरस से निपटने में शामिल तथा विभिन्न आवश्यक सेवाओं जैसे पुलिस, स्वास्थ्य सेवाएं, अस्पताल, फायर ब्रिगेड, साफ-सफाई एवं स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बिजली व्यवस्था, जेल, पेयजल आपूर्ति तथा अन्य आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाएं पूर्वानुसार संचालित रहेंगी।
पंजीयन कार्यालयों के संचालन की अनुमति रहेगी। इस सिलसिले में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग द्वारा पृथक से आदेश जारी किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि ये निर्देश केवल प्रतिबंधात्मक आदेश से प्रभावित क्षेत्र की सीमा में स्थित शासकीय कार्यालयों और विभिन्न विभागों के अंतर्गत निगम, मंडल, आयोग एवं अन्य प्रशासकीय इकाईयों पर लागू होंगे। ये निर्देश केवल प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रभावी रहने की अवधि तक ही प्रभावी रहेंगे।
विभाग ने सभी विभागों के सचिवों, सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों और विभागाध्यक्षों को संशोधित परिपत्र जारी करते हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को घर से शासकीय कार्य संपादित करने और पूरे समय मोबाइल, टेलीफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संपर्क में रहने तथा अत्यंत आवश्यक होने पर कार्यालय में उपस्थित होने के लिए निर्देशित करने कहा है। उन्हें आवश्यक नस्तियों व डाक लाने-ले जाने एवं इसके संचालन के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी संबंधितों को नए निर्देशों के बारे में सूचित कर इनका पालन सुनिश्चित करने कहा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में जारी शेष निर्देश यथावत लागू रहेंगे।
जयपुर, 20 जुलाई (आईएएनएस)। राजस्थान के विधायक राजेंद्र गुडा ने रविवार को यहां कहा कि खरीद-फरोख्त मामले के आरोपी संजय जैन ने उनसे कुछ महीने पहले संपर्क किया था और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलाने के लिए भी कहा था।
गुडा बसपा के पांच अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। गुडा ने कहा, जैन मुझे भाजपा विधायकों से मिलाना चाहता था। उसने मुझसे यह भी कहा कि मैं वसुंधरा राजे से मिलूं। उस समय हम कांग्रेस में शामिल नहीं हुए थे और हम बसपा विधायक के रूप में थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश एक लंबे समय से शुरू कर दी थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने दो दिन पहले तीन आडियो क्लिप जारी किए थे, जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जैन के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित बातचीत शामिल थी।
गुडा ने पुष्टि की कि वह गहलोत सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार सदन में बहुमत साबित करेगी, क्योंकि इसके पास संख्या है। सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद से कांग्रेस सरकार एक बड़े संकट का सामना कर रही है। पायलट ने घोषणा की थी कि गहलोत सरकार अल्पमत में है, क्योंकि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है।
उसके बाद से ही गहलोत खेमे के विधायक एक पांच सितारा होटल में डेरा जमाए हुए हैं, जबकि पायलट खेमे के विधायक मानेसर के एक होटल से निकलने के बाद कथित तौर पर दिल्ली में विभिन्न होटलों में ठहरे हुए हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को गहलोत सरकार पर बसपा के छह विधायकों को तोडऩे का आरोप लगाया था और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि गहलोत ने बसपा के साथ धोखा किया और कुछ महीने पहले इसके छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करा लिया।
मायावती ने कहा, गहलोत भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह उनके विधायकों को तोड़ रही है, लेकिन उन्होंने खुद राजस्थान में बसपा के छह विधायकों को तोडक़र यही काम किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने खुलेआम दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है और बसपा के साथ दूसरी बार धोखा किया है। उन्होंने बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करा लिया। उन्होंने मांग की, राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का संज्ञान लेना चाहिए और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए।
तिरुपति (आंध्र प्रदेश), 20 जुलाई (भाषा)। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व प्रमुख पुजारी का कोरोना वायरस संक्रमण से सोमवार तडक़े यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे।
टीटीपी आंध्र प्रदेश के तिरुमला में तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर का प्रबंधन करता है।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि टीटीडी के पूर्व प्रधान अर्चक श्रीनिवास मूर्ति दीक्षितुलु का आज तडक़े कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। उन्होंने तीन दशक से अधिक समय तक टीटीडी में सेवाएं दी।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने इस बात पर हैरानी जताई कि विकास दुबे के खिलाफ ढेर सारे मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत पर रिहा कैसे कर दिया गया था।
विजयपुरा, 20 जुलाई। कर्नाटक के विजयपुरा में एक दलित और उसके परिवार के सदस्यों की भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने की खबर है। शनिवार को यहां गुस्साई भीड़ ने इस शख्स को निर्वस्त्र कर दिया और उसके परिवार वालों को भी पीटा।
पुलिस ने बताया कि भीड़ को गुस्सा इसलिए आया था क्योंकि इस शख्स ने कथित तौर ऊंची जाति से आने वाले एक शख्स की बाइक को छू दिया था। घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि पीडि़त को कुछ लोगों ने जमीन पर दबोच रखा है और उसकी डंडों और जूतों से पिटाई कर रहे हैं।
यह घटना बेंगलुरु से 530 किलोमीटर दूर विजयपुरा की है। जानकारी है कि पिटाई के बाद पीडि़त पुलिस स्टेशन पहुंचा और पुलिस के अपने ऊपर हुए हमले की घटना बताई। सीनियर पुलिस अफसर अनुपम अग्रवाल ने बताया, तालीकोट में कल एक मीनाजी गांव के दलित शख्स की कू्ररता से पिटाई की खबर आई थी। आरोप था कि उसने गलती से किसी ऊंची जाति वाले शख्स की बाइक को छू दिया था। जिसके बाद कुछ 13 लोगों ने उसकी और उसके परिवारवालों की पिटाई कर दी।
इस मामले में शिकायत दर्ज की गई है और इसमें 13 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। कुछ आरोपियों से पूछताछ चल रही है। वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कोरोनावायरस के वक्त में-जब लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू हैं, गुस्साई भीड़ इस परिवार को पीटने में जुटी पड़ी है। ये सभी आरोपी एक दूसरे के करीब खड़े हैं- इनमें से कुछ ने पीडि़त को जमीनपर पकडक़र दबा रखा है, वहीं कुछ लोग उसे पीट रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के बीच ये आरोपी इसका उल्लंघन तो कर ही रहे हैं, उनमें से अधिकतर ने मास्क भी नहीं पहन रखा है।
अयोध्या, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साहित है। उन्होंने बताया कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे। जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशाी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है, जो कभी राममंदिर के पक्ष में दबे स्वर में ही बोलते रहे हो।
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया है।
मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।
वाशिंगटन, 20 जुलाई (आईएएनएस)। वाशिंगटन डीसी में गोलीबारी की एक घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस ने दी।
गोलीबारी की घटना रविवार को 14 स्ट्रीट और स्प्रिंग रोड पर हुई। डीसी पुलिस प्रमुख पीटर न्यूजहैम ने एक प्रेस ब्रीफ में यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि तीन लोगों में से दो लंबी बंदूकों के साथ और एक व्यक्ति पिस्तौल के साथ था, जिन्होंने लोगों के एक समूह पर निशाना बनाकर गोलीबारी को अंजाम दिया।
न्यूज हैम के अनुसार, कुल नौ लोगों को अस्पताल भेजा गया है, जिसमें आठ पुरुष और एक महिला शामिल है। घायलों में से ही एक को मृत घोषित किया जा चुका है, जबकि दो गंभीर हालत में हैं। वहीं बाकी घायल खतरे से बाहर हैं। डीसी पुलिस विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि घटना की जांच की जा रही है।
पटना, 20 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि हुई है। राज्य के कई नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे आठ जिलों की करीब तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। इधर, विपक्ष का आरोप है कि बाढ़ के नाम पर राहत रामभरोसे और प्रभावित लोग भगवान भरोसे हो गए हैं। बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, सोमवार को बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार तथा कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर के रोसरा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, कमला बलान झंझारपुर में तथा महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
कोसी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार सुबह छह बजे 1.39 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढक़र 1.41 लाख क्यूसेक हो गया। गंडक नदी का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज के पास सुबह आठ बजे 2.06 लाख क्यूसेक था तथा इसके और बढऩे का अनुमान है।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 72 घंटे में राज्य की लगभग सभी प्रमुख नदियां राइजिंग ट्रेंड में रहेंगी, नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
उन्होंने कहा, बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सभी सुरक्षित हैं और जहां-जहां जमींदारी बांध या रिंग बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होती है, तत्काल उनका मरम्मत किया जाता है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों का जलस्तर बढऩे से अभी बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 31 प्रखंडों की 153 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। सुपौल व दरभंगा में दो-दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गोपालगंज व पूर्वी चंपारण में नौ-नौ, सुपौल में दो और दरभंगा में सात सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 21,000 लोग भोजन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 153 ग्राम पंचायतों की 2.92 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बिहार सरकार को कोरोना और बाढ़ दोनों में असफल बताया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के नाम पर राहत रामभरोसे और प्रभावित लोग भगवान भरोसे हो गए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में इच्छाशक्ति का अभाव होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जोड़तोड़ कर बनी सरकार में ना इच्छाशक्ति है और ना ही काम करने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार बाढ़ प्रभावितों को राहत देने की बात कर रही हो, लेकिन बाढ़ पीडि़त परेशान हैं और दाने-दाने को मोहताज हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं सचेत हुई तो अभी और बदतर हालत होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 20 जुलाई। जिले के सिमगा में रविवार देर रात अज्ञात चोरों ने एसबीआई एटीएम काटकर लाखों रूपए पार कर दिए। सोमवार सुबह लोगों को इसकी जानकारी हुई। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर पहुंच गई है।
एएसपी निवेदिता पाल ने बताया कि थाना सिमगा के पुराने बस स्टैंड के पास स्थित एसबीआई के एटीएम को गैस कटर से काटकर उसमें रखे लगभग 5 लाख रुपए अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया है। घटना लगभग रात के 3.45 बजे की है। अज्ञात आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।