अटलांटिक सागर में 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज़ के मलबे को दिखाने गई पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है.
इस पनडुब्बी पर सवार पाँच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद की मौत के बाद उनके परिवार ने कहा है कि वह पिता-पुत्र के प्रति दुनिया भर के लोगों की भावनाओं और समर्थन से अभिभूत हैं.
टाइटन में सवार पांच लोगों में से पिता-पुत्र शहज़ादा और सुलेमान दाऊद के परिवार वालों ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है.
शहजादा दाऊद की उम्र 48 साल थी, जबकि बेटे सुलेमान की उम्र 19 साल.
ब्रितानी अरबपति व्यवसायी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव स्टॉकटन रश भी इस टाइटन में सवार थे.
शहज़ादा दाऊद एक बड़े पाकिस्तानी कारोबारी परिवार के सदस्य थे. वो ब्रिटेन में प्रिंस ट्रस्ट चैरिटी के बोर्ड के सदस्य भी थे. उनके बेटे सुलेमान भी लापता पनडुब्बी पर सवार थे.
पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद मीर पर प्रतिबंध का प्रस्ताव चीन ने यूएन सुरक्षा परिषद में रोक दिया. भारत ने इसकी तीखी आलोचना की है.
पढ़ें डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर पर प्रतिबंध लगाने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में चीन ने रोक दिया. भारत ने चीन के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि छोटे-मोटे भू-राजनीतिक हितों के कारण आतंकवाद से लड़ने की ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.
मंगलवार को भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति में एक प्रस्ताव पेश किया था. इसमें साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव को पिछले साल सितंबर में चीन ने यह कहते हुए लंबित करवा दिया था कि वह मामले पर और विचार करना चाहता है. मंगलवार को चीन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने से इनकार कर दिया.
चीन की आलोचना में भारत के राजनयिक प्रकाश गुप्ता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के ढांचे में कुछ बड़ी खामी है कि यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. गुप्ता ने कहा, "जिन लोगों को पूरी दुनिया ने आतंकवादी मान लिया है और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित किया है, अगर उन्हें भी छिटपुट भू-राजनीतिक हितों के कारण हम यूएन में बैन नहीं कर सकते, तब सच में यह हमारे अंदर आतंकवाद की चुनौती से लड़ने के लिए ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है.”
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी
साजिद मीर पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है. उन सिलसिलेवार हमलों में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी और 20 अन्य विदेशी नागरिक शामिल थे. इनके अलावा 308 लोग घायल भी हुए थे. साजिद मीर पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया था, जबकि भारत में भी वह मोस्ट-वॉन्टेड की सूची में है.
जून 2022 में खबरें आई थीं कि मीर को पाकिस्तान में हिरासत में ले लिया गया है. हालांकि, उसे पाकिस्तान द्वारा फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश के रूप में देखा गया था. FATF अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो आतंकवादी संगठनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखती है.
ऐसी खबरें भी थीं कि पाकिस्तान की एक आतंक-रोधी अदालत ने मीर को 15 साल की सजा सुनाई थी. लेकिन इस सजा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं की गई. बल्कि 2022 तक ऐसी भी खबरें आती रहीं कि मीर की मौत हो गयी है, लेकिन इसका सुबूत कभी सामने नहीं आया.
पिछले साल भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर छापी थी कि भारत को मीर की गिरफ्तारी की सूचना मीडिया में खबरें आने से दो महीने पहले ही दे दी गई थी. लेकिन तब भी भारत को निष्पक्ष सूत्रों से इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं मिल पाई थी.
कौन है साजिद मीर?
26/11 के आतंकवादी हमलों में साजिद मीर का नाम मुख्य साजिशकर्ता और भारत पहुंचे आतंकवादियों के हैंडलर के रूप में जाना जाता है. 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हमला शुरू होने के बाद से तीन दिन तक वह पाकिस्तान के एक कमरे में बैठकर हमलावर आतंकवादियों को दिशा-निर्देश दे रहा था.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक मीर ने हमलावर आतंकवादियों से फोन पर बात भी की और उन्हें कदम दर कदम बताया कि आगे क्या करना है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साजिद मीर को साजिद माजिद के नाम से भी जाना जाता है. उसका जन्म 1978 में हुआ था, लेकिन इसके बारे में अलग-अलग तरह की बातें सामने आती रही हैं. लाहौर में एक व्यापारी परिवार में जन्मे मीर ने 16 साल की उम्र में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्यता ली थी.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)
पेरिस, 22 जून | मध्य पेरिस में एक बड़े विस्फोट में 37 लोग घायल हो गए हैं। इनमें से चार की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह विस्फोट बुधवार को फ्रांस की राजधानी के रुए सेंट-जैक्स में एक स्कूल और कैथोलिक शिक्षा प्रणाली मुख्यालय वाली इमारत में हुआ। आपातकालीन कर्मचारी इमारत के मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं, कम से कम दो के लापता होने की सूचना है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट से पहले गैस की तेज गंध आ रही थी।
पेरिस के अभियोजक लॉर बेकुआउ ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद कहा कि कैमरा फुटेज की शुरुआती जांच से पता चलता है कि विस्फोट इमारत के भीतर हुआ था, जो वैल डे ग्रेस चर्च के बगल में थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि विस्फोट का कारण अभी तक पता नहीं चला है।
पेरिस पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज ने कहा कि इमारत आग की चपेट में आ गई थी, लेकिन इस पर काबू पा लिया गया।
इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन घटनास्थल पर हैं।
जिस क्षेत्र में विस्फोट हुआ, वह पेरिस के लेफ्ट बैंक क्षेत्र में लैटिन क्वार्टर से दक्षिण की ओर है, जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है और अपनी छात्र आबादी के लिए जाना जाता है।
बुलेवार्ड सेंट-मिशेल पर इकोले डेस माइंस के एक छात्र ने ले पेरिसियन को बताया, मैं वैल डे ग्रेस के सामने था, मैंने एक बड़ा धमाका सुना और 20 या 30 मीटर ऊंची आग की लपटें देखी। इमारत एक विशाल विस्फोट के साथ ढह गई शोर। मुझे गैस की गंध आई, लेकिन होश में आने में कई मिनट लग गए।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी एंटोनी ब्रोचोट ने बीबीसी को बताया कि वह घर पर थे जब उन्होंने एक भयंकर विस्फोट सुना।
मैंने अपना सिर खिड़की से बाहर निकाला और े धुएं का एक बड़ा बादल देखा और जैसे ही मैं करीब गया, वहां एक इमारत ढह गई थी और वहां आग लगी थी। (आईएएनएस)|
लंदन, 22 जून | लंदन के एक प्राथमिक विद्यालय के पूर्व उप प्रधान शिक्षक ने भारत में छोटे बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण की बात स्वीकार कर ली है। उसने बच्चों की 120,000 से अधिक अश्लील तस्वीरों के लिए भुगतान करने की बात स्वीकार की है। राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) ने कहा कि ईस्ट डुलविच के 34 वर्षीय मैथ्यू स्मिथ पर मंगलवार को 13 साल से कम उम्र के बच्चे का यौन शोषण करने सहित पांच अपराधों में हिरासत में भेज दिया गया।
स्मिथ को 4 अगस्त को साउथवार्क क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी। उसे पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। जांच के बाद पता चला कि वह डार्क वेब पर सामग्री साझा कर रहा था।
एनसीए के अनुसार, गिरफ्तारी के समय वह ऑनलाइन था, भारत में रहने वाले एक किशोर लड़के से बात कर रहा था और पैसे के बदले में उससे एक छोटे बच्चे की यौन तस्वीरें भेजने के लिए कह रहा था। उसके पास डार्क वेब साइट्स और फोरम भी खुले थे।
जांच में एनसीए को पता चला कि स्मिथ ने पांच साल में भारत में रहने वाल दो किशोरों छोटे बच्चों के ऑनलाइन यौनशोषण के लिए 65,398 जीबीपी का भुगतान किया था।
अधिकारियों ने आरोपी से बच्चों की 120,000 से अधिक अश्लील तस्वीरें बरामद कीं, जिन्हें स्मिथ ने लैपटॉप, एसडी कार्ड और अपने फोन पर रखा था।
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ऑर्गेनाइज्ड चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज यूनिट में विशेषज्ञ अभियोजक क्लेयर ब्रिंटन ने कहा,स्मिथ के उपकरणों से बच्चों के यौन शोषण की हजारों तस्वीरें और वीडियो बरामद किए गए। स्मिथ ने अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए अश्लील तस्वीरों के लिए भुगतान भी किया।
स्मिथ उस समय नेपाल में रह रहा था और एक स्कूल में काम कर रहा था। इससे पहले, उसने 2007-2014 के बीच भारत में अनाथालयों और गैर सरकारी संगठनों के साथ काम किया था।
वह जुलाई 2022 में यूके वापस चला गया और सितंबर में लंदन के प्राथमिक विद्यालय में काम करना शुरू किया।
राष्ट्रीय अपराध एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी हेलेन डोर ने कहा, स्मिथ ने उस पर विश्वास करने वालों के साथ विश्वासघात किया।
चैट लॉग से पता चला कि स्मिथ नवयुवकों को लड़कों के साथ यौन क्रियाएं करने का निर्देश देता था और उसकी तस्वीरें व वीडियो मंगवाता था।
जांचकर्ताओं को भारत में काम करने के दौरान स्मिथ द्वारा बच्चों के साथ अपराध के सबूत भी मिले।
एनसीए के डोरे ने कहा,मैथ्यू स्मिथ एक उच्च जोखिम वाला व्यक्ति है और हम उसका पता लगाने, गिरफ्तार करने और रिमांड पर लेने के लिए तेजी से आगे बढ़े, ताकि वह अब बच्चों के लिए खतरा पैदा न कर सके।
स्मिथ को नवंबर 2022 में प्रारंभिक अपराधों के लिए दोषी ठहराया। इसके बाद स्कूल से उसकी सेवा समाप्त कर दी गई। (आईएएनएस)|
सीतापुर, 22 जून | गुम हुई बाइक की जांच के दौरान पुलिस उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक ऐसे दंपति तक पहुंच गई, जिन्होंने एक युवक के साथ रिश्ते को लेकर अपनी 18 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी थी। पिछले सप्ताह संदना थाना क्षेत्र के अंतर्गत सहोली गांव में तालाब के पास एक अज्ञात लड़की का नग्न शव मिला था, जिसका गला कटा हुआ था। पुलिस लगभग तीन दिनों तक मृतका की पहचान सुनिश्चित करने में विफल रही, लेकिन पास के पकरनारायणपुर गांव के राम अवतार द्वारा लापता बाइक की शिकायत से उन्हें हत्या के मामले में सफलता मिली।
एएसपी (सीतापुर) एन.पी. सिंह ने कहा कि पुलिस को यह जानकारी मिलने के बाद संदेह हुआ कि राम अवतार से मोटरसाइकिल उधार लेने के बाद पंकज कुमार अपनी पत्नी, बेटी और दो बेटों के साथ चार दिनों से लापता है।
शिकायतकर्ता राम अवतार ने बताया कि उसी गांव के रहने वाले पंकज कुमार ने 16 जून को अपने ससुराल जाने के लिए उसकी बाइक ली थी और तब से वह लापता है।
जांच में मृत लड़की की पहचान पंकज की बेटी के रूप में होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस पास के बेगुरावा गांव में उसके ससुराल पहुंची और पंकज और उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में दंपति ने बेटी की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
अधिकारी ने बताया, दंपति ने कबूल किया कि वे अपनी बेटी से तंग आ चुके थे, जिसका दूसरी जाति के एक युवक के साथ संबंध था। परिवार दिल्ली में रहता था। दंपति एक सप्ताह पहले अपने पैतृक गांव सीतापुर गया था, लेकिन उनकी बेटी इस रिश्ते को खत्म करने पर सहमत नहीं हुई, तो उन्होंने उसे खत्म करने की योजना बनाई।''
योजना के अनुसार, 16 जून को पंकज अपने गांव से लोगों को यह कहकर निकला कि वह ससुराल जा रहा है। सहोली गांव के पास एक सुनसान जगह पर रुकने के बाद उसने अपनी पत्नी की मदद से बेटी का गला घोंटकर काट दिया। सदाना पुलिस स्टेशन के प्रभारी ओ.पी. तिवारी ने कहा, लड़की का गला काट दिया और शव को ठिकाने लगाने के बाद भाग गए। घटना के समय दंपति के दो नाबालिग बेटे भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने लड़की के कपड़े उतार दिए, ताकि उसकी पहचान न हो सके।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी और दुपट्टा भी बरामद कर लिया गया है। उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। (आईएएनएस)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 22 जून | बाजरा, मोटा अनाज जिसे मिलेट्स के रूप में जाना जाता है, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के गुरुवार को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए जाने वाले भोज में मुख्य व्यंजन होगा।
व्हाइट हाउस के मेनू के अनुसार, पहले कोर्स में ग्रिल्ड कॉर्न कर्नेल सलाद और कंप्रेस्ड तरबूज के साथ मैरीनेट किया हुआ बाजरा शामिल होगा। रात्रिभोज को शेफ नीना कर्टिस ने तैयार किया है।
भारत सरकार के सुझाव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा वर्ष घोषित किया है। मोटा अनाज, जो एशिया और अफ्रीका में मुख्य रूप से उगाया जाता है, स्वास्थ्यवर्धक, पौष्टिक और सूखा-प्रतिरोधी है, ऐसे गुण जो इसे टिकाऊ खेती और खाद्य सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ बनाते हैं।
बाइडेन ने कहा, इस आधिकारिक राजकीय यात्रा के साथ हम दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को एक साथ ला रहे हैं। अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी और व्यापक है। हम संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों से निपटते हैं। लेकिन हमारा रिश्ता केवल सरकारों तक था। अब हम उन परिवारों और दोस्ती का जश्न मना रहे हैं जो दुनिया भर में फैले उन लोगों के लिए है जो हमारे दोनों देशों में बंधन को महसूस करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, जैसा कि आप में से कुछ लोग जानते होंगे, प्रधानमंत्री मोदी शाकाहारी हैं। इसलिए हमने शेफ नीना कर्टिस से एक शानदार शाकाहारी मेनू बनाने के लिए कहा है।
पहली बार जब मोदी ने सितंबर 2014 में व्हाइट हाउस में रात्रिभोज किया था, तो उन्होंने सिर्फ एक गिलास गर्म पानी पीया था। उस समय नवरात्र था और वह उपवास पर थे। तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रात्रिभोज का आयोजन किया था।
मैरिनेटेड बाजरा और ग्रिल्ड कॉर्न सलाद के साथ, मेहमानों को कंप्रेस्ड तरबूज और तीखी एवोकैडो सॉस परोसी जाएगी।
मेन कोर्स में पोटोर्बेलो मशरूम और केसर युक्त मलाईदार रिसोट्टो होगा।
बाइडेन ने संवाददाताओं से कहा, मेहमान गहरे हरे रंग में लिपटे साउथ लॉन के मंडप में जाएंगे और हर मेज पर केसरिया फूल होंगे।
रात्रिभोज में परोसी जाने वाली वाइन में पटेल रेड ब्लेंड 2019 शामिल है, जो राज पटेल के स्वामित्व वाली नापा वैली वाइनरी की वाइन है, जो गुजरात से अमेरिका आए थे। वाइनरी की वेबसाइट के अनुसार, यह वाइन 75 डॉलर प्रति बोतल पर बिकती है। परोसी जाने वाली अन्य वाइन में क्रिस्टी 2021 और डोमेन कानेर्रोस ब्रूट रोज होंगी।
एंटरटेनमेंट में पेन मसाला शामिल होगा, जो दुनिया का पहला दक्षिण एशियाई कैपेला ग्रुप है। वे पहले भी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए व्हाइट हाउस में प्रदर्शन कर चुके हैं।
कैपेला एक संगीत शैली है जिसमें एक गायक या समूह संगीत वाद्ययंत्रों की सहायता के बिना प्रदर्शन करता है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 22 जून | चीन के यिनचुआन शहर में एक बारबेक्यू रेस्तरां में गैस टैंक के रिसाव के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। यह धमाका रात करीब 8.40 बजे हुआ। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार रात को शहर के जि़ंगकिंग जिले में यह घटना हुई।
अधिकारियों के मुताबिक सात घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को घायलों के हर संभव बचाव और उपचार का निर्देश दिया।
शी ने दुर्घटना के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाने और संबंधित लोगों को कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को सभी प्रकार के जोखिमों और छिपे खतरों की जांच करनी चाहिए और उन्हें ठीक करना चाहिए।
शी के निर्देश के तहत, बचाव प्रयासों के लिए सरकार का एक कार्य समूह घटनास्थल पर भेजा गया है। (आईएएनएस)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 22 जून | अमेरिका ने भारत में जीई के एफ 414ए जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन को मंजूरी दे दी है। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी। यह बात व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आयोजित राजकीय रात्रि भोज की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कही।
अधिकारी ने कहा, भारत 16 एमक्यू 9बी सशस्त्र सी गार्डियंस की खरीद की घोषणा करेगा, इससे लगभग सात वर्षों तक चली लंबी बातचीत समाप्त हो जाएगी।
राष्ट्रपति बाइडेन के निमंत्रण पर प्रधान मंत्री मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के विस्तृत परिणाम गुरुवार को दोनों नेताओं की बैठक के बाद ही उपलब्ध होंगे।
दोनों पक्षों द्वारा जारी किए जाने वाले एक संयुक्त बयान में सामान्यीकृत प्राथमिकता प्रणाली नामक योजना के तहत अमेरिका में भारतीय निर्यात के लिए तरजीही व्यापारिक लाभों की बहाली भी शामिल होने की संभावना है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा 2018 निलंबित कर दिया गया था।
उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार सुबह बाइडेन की मोदी के साथ बैठक के बाद दोनों पक्ष कई संयुक्त पहलों और समझौतों की घोषणा करेंगे, इससे दोनों पक्षों के बीच सहयोग की एक नई भावना पैदा होगी। (आईएएनएस)
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा है कि दुनिया भर में मानवाधिकार रक्षकों को चुप कराया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि दुनिया के कई देशों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के सदस्यों को चुप कराया जा रहा है.
मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि हिंसक टकराव, जलवायु आपदाओं और विकास पथ पर मिली विफलताओं से जूझती दुनिया के लिए मानवाधिकारों के मुद्दे पर सहयोग अहम है, और मानवाधिकारों को राजनीति से ऊपर रखना होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग समस्याओं और दबाव का सामना कर रहे हैं उनमें वे लोग भी शामिल हैं जो उनके कार्यालय की मदद करते हैं.
टर्क ने संयुक्त राष्ट्र सहायता समाज के महत्वपूर्ण सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग देशों में हिंसक घटनाओं पर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से वे संगठन और व्यक्ति जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का समर्थन करते हैं, जांच के दायरे में हैं.
"लोग मर रहे हैं, सरकार सो रही है"
टर्क ने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद के कई सदस्य देश भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा "संयुक्त राष्ट्र के योगदानकर्ताओं के खिलाफ हमलों का सिविल स्पेस पर असाधारण प्रभाव हो सकता है."
हाल ही में माली ने सुरक्षा परिषद में अनुरोध किया कि देश में संयुक्त राष्ट्र शान्ति रक्षा मिशन को तत्काल वापिस बुला लिया जाए. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यूएन मिशन को माली से जाने में कितना वक्त लगेगा लेकिन वे अगर वहां से जाते हैं तो अल कायदा समर्थित इस्लामिक उग्रवादियों से लड़ने के लिए माली की सेना के पास वागनर के एक हजार सैनिकों के अलावा कोई मदद नहीं होगी. ये उग्रवादी देश में हजारों लोगों की जान ले चुके हैं और उत्तर व मध्य में बड़े हिस्से पर काबिज हैं.
मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सतर्क रहता है यूएन
टर्क ने माली में अपने कार्यालय का कामकाज का जारी रखने का संकल्प जाहिर किया और कहा कि जब भी मानवाधिकार हनन के गंभीर मामलों को अंजाम दिया जाता है, तो यूएन कार्यालय द्वारा उनकी निगरानी की जाती है, तथ्यों को जुटाया जाता है और जानकारी प्रदान की जाती है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने भी ऐसी 13 रिपोर्टें जारी की हैं, जिनमें 77 देशों में मानवाधिकार रक्षकों के खिलाफ धमकाने और हिंसा के 700 से अधिक मामले सामने आए हैं.
पिछले साल ऐसी गतिविधियों में 42 देशों के शामिल होने की सूचना मिली थी. इस लिस्ट में रूस, चीन और बेलारूस भी शामिल थे, जबकि मानवाधिकार परिषद ने खुद बताया है कि ऐसे मामलों में 12 सदस्य देश शामिल हैं.
वोल्कर टर्क ने रूस से आग्रह किया है कि यूक्रेन पर मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांच आयोग के साथ सहयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवाधिकार की निगरानी करने वालों की रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी इलाकों और रूस तक पहुंच की इजाजत दी जानी चाहिए. साथ ही, हिरासत में रखे गए आम लोगों, युद्धबंदियों, यूक्रेनी बच्चों और विकलांग लोगों तक भी जिन्हें इन इलाकों में लाया गया है.
एए/वीके (एएफपी)
चीन के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के निंगशिया शहर में बुधवार रात एक बड़ा गैस धमाका हुआ है जिसमें अब तक कम से कम 31 लोगों के मारे जाने की ख़बर आ रही है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चीनी सरकारी मीडिया एजेंसी शिन्हुआ न्यूज़ के हवाले से बताया है कि इस धमाके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
ये धमाका निंगशिया शहर में स्थित एक रेस्तरां में हुआ है. और इस धमाके की वजह एलपीजी गैस के टैंक में रिसाव होना बताई जा रही है. इस धमाके में सात लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है.
चीनी स्टेट टेलीविज़न के मुताबिक़, शी जिनपिंग ने कहा है कि इस हादसे में घायल होने वालों की हर संभव मदद की जाए और अहम उद्योगों और सेक्टर्स में सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को पुख़्ता किया जाना चाहिए.
चीन में इससे पहले भी गैस और कैमिकल धमाके की घटनाएं हुई हैं. साल 2015 में हुए सिलसिलेवार धमाकों में 173 लोगों की मौत हुई थी. (bbc.com/hindi)
दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए गहरे समुद्र में ले जाने वाली पनडुब्बी में अब संभवत: दस घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है.
बीते रविवार लापता हुई इस पनडुब्बी की तलाश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
लेकिन अब तक इसकी लोकेशन और इसमें सवार लोगों की स्थिति के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है.
माना जा रहा है कि इस पनडुब्बी में अब सिर्फ़ 10 घंटे से कम की ऑक्सीज़न बची है. इस वजह से हर बीतते पल के साथ बचाव अभियान में लगे लोगों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.
कनाडा की मेमोरियल यूनिवर्सिटी से जुड़े हायपरबेरिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ केन लेडेज़ ने बीबीसी को बताया है कि पनडुब्बी में सवार लोगों के लिए तेजी से ख़त्म होती ऑक्सीज़न ही एक मात्र संकट नहीं है.
इस बात की आशंका जताई जा रही हैं कि इस पनडुब्बी में बिजली जा सकती है. ये माना जा रहा है कि पनडुब्बी के अंदर बिजली से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है.
यही बात जोख़िम को बढ़ा रही है, क्योंकि जैसे जैसे ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जाएगी, वैसे वैसे पनडुब्बी में सवार लोगों की ओर से हर सांस के साथ छोड़ी जाती कार्बन डाइ ऑक्साइड पनडुब्बी में पहले से मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाती जाएगी.
और इससे उनकी ज़िंदगियों के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है.
वह कहते हैं, “जैसे-जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाएगी, वैसे वैसे यह एक नशीली गैस जैसी होती जाएगी, यह एक एनेस्थेटिक गैस की तरह काम करेगी और आप सो जाएंगे.”
किसी व्यक्ति के खून में इस गैस की अधिक मात्रा होने की स्थिति को हायपरकेप्निया बताया जाता है. ऐसे में अगर उनका इलाज़ न किया जाए तो उनकी मौत हो सकती है.
इसके साथ ही सर्दी ज़्यादा होने की वजह से पनडुब्बी में सवार लोगों पर हाइपोथर्मिया का शिकार होने का ख़तरा मंडरा रहा है.
इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी अरबपति शहज़ादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान, ब्रितानी व्यवसायी हामिश हार्डिंग समेत पांच लोग सवार हैं. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र, 22 जून। अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र की दूत रोजा ओटुनबायेवा ने बुधवार को देश के तालिबान शासकों को आगाह किया कि महिलाओं और लड़कियों के शिक्षा हासिल करने तथा उनके काम करने पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाए बिना उनका देश की वैध सरकार के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाना ‘लगभग असंभव’ है।
ओटुनबायेवा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को बताया कि तालिबान शासकों ने संयुक्त राष्ट्र और उसके 192 अन्य सदस्य देशों से उनकी सरकार को मान्यता देने के लिए कहा है, ‘‘लेकिन साथ ही वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर में व्यक्त प्रमुख मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खासकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ जारी फरमानों और प्रतिबंधों से तालिबान शासकों ने अपने लिए जो बाधाएं खड़ीं की हैं, उनके बारे में, मैं स्पष्ट हूं।’’
अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान ने अगस्त 2021 में देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। लड़कियों और महिलाओं की भागीदारी को सीमित करने वाले तालिबान के फरमानों ने देश को मिलने वाली विदेशी सहायता को प्रभावित किया है। उसके नागरिक दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं।
तालिबान सार्वजनिक रूप से फांसी देने सहित इस्लामी कानून के अन्य कड़े नियमों पर भी लौट आया है।
ओटुनबायेवा ने कहा कि सुयंक्त राष्ट्र के कई बार अपील किए जाने के बाद प्रतिबंधों में कोई बदलाव नहीं किए गए। इसमें संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली अफगानिस्तान की महिलाओं पर अप्रैल में लगाया प्रतिबंध भी शामिल है।
उन्होंने इन प्रतिबंधों को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्र के रूप में अफगानिस्तान द्वारा ‘‘संस्था और उसके अधिकारियों के विशेषाधिकारों का सम्मान करने’’ के दायित्व का उल्लंघन करार दिया।
किर्गिस्तान की पूर्व राष्ट्रपति ओटुनबायेवा ने बताया कि सभी गैर-जरूरी (नॉन एसेंशियल) अफगान कर्मचारी, दोनों महिलाएं और पुरुष अब भी घर पर हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस बात को लेकर ‘दृढ़’ है कि वह महिला राष्ट्रीय कर्मचारियों की जगह पुरुष कर्मचारियों को नियुक्त नहीं करेगा ‘जैसा कि कुछ तालिबान अधिकारियों ने सुझाव दिया है।’
एपी निहारिका पारुल पारुल 2206 1023 संयुक्तराष्ट्र (एपी)
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 22 जून। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने कहा कि वर्षों तक संबंधों को मजबूत करने के बाद अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी तथा व्यापक हुई है क्योंकि दोनों देश संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों से निपटते हैं।
जिल बाइडन ने बुधवार को कहा, ‘‘इस आधिकारिक राजकीय यात्रा के साथ हम दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों को एक साथ ला रहे हैं।’’
राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21-24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर हैं।
जिल बाइडन ने कहा ‘‘वर्षों संबंधों को मजबूत करने के बाद अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी और व्यापक हुई है क्योंकि हम संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों से निपटते हैं, लेकिन हमारा रिश्ता केवल सरकारों तक सीमित नहीं है।’’
उन्होंने रात्रिभोज के ‘मेन्यू’ का पूर्वावलोकन करते हुए कहा, ‘‘ हम उन परिवारों तथा दोस्ती का जश्न मना रहे हैं जो दुनिया भर में बसे हैं और जो दोनों देशों के बीच संबंधों को महसूस करते हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए व्हाइट हाउस में आयोजित रात्रिभोज में आमंत्रित 400 मेहमानों के लिए ‘मेन्यू’ में मैरीनेट किया हुआ बाजरा, मकई का सलाद और भरवां मशरूम शामिल हैं।
जिल बाइडन ने बताया प्रधानमंत्री मोदी शाकाहारी हैं, इसलिए उन्होंने शाकाहारी व्यंजनों में माहिर शेफ नीना कर्टिस को व्हाइट हाउस के कर्मचारियों के साथ काम करने और एक शानदार शाकाहारी ‘मेन्य’ तैयार करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मेहमानों के लिए भोजन में मछली का विकल्प भी रखा गया है।
प्रथम महिला ने कहा, ‘‘ कल रात मेहमान साउथ लॉन में आएंगे, जहां हर मेज पर हरे और केसरिया रंग के फूल लगाए जाएंगे, जो भारत के झंडे के रंग हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर शानदार और विशिष्ट इंतजाम होंगे। हमें उम्मीद है कि अतिथि भी यह महसूस कर पाएंगे कि मेज खास उन्हीं के लिए सजाई गई है। रात्रिभोज के बाद ग्रैमी पुरस्कार विजेता जोशुआ बेल प्रस्तुति देंगे। ’’
जिल बाइडन ने कहा कि उनकी प्रस्तुति के बाद पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय का समूह ‘पेन मसाला’ भारतीय संगीत से प्रेरित गीतों पर प्रस्तुति देगा।
राजकीय रात्रिभोज में पहले नाश्ते के रूप में मैरीनेटेड बाजरा, ग्रिल्ड मकई के दाने का सलाद, तरबूज और एक तीखा एवोकैडो सॉस परोसा जाएगा। मुख्य भोजन में भरवां पोर्टोबेलो मशरूम और एक मलाईदार केसर-युक्त रिसोट्टो शामिल है। मीठे में गुलाब और इलायची वाले स्ट्रॉबेरी शॉर्टकेक और अन्य व्यंजन शामिल हैं।
कैलिफोर्निया की शेफ कर्टिस ने कहा, ‘‘प्रथम महिला के साथ काम करना और उनकी पाक कला को समझना व उसके अनुरूप व्यंजन तैयार करना वास्तव में खुशी की बात है... हमने एक ऐसा ‘मेन्यू’ तैयार किया है जो वास्तव में अमेरिकी व्यंजनों का दर्शाता है, जिसमें भारतीय स्वाग का तड़का लगाया गया है।’’
शेफ ने कहा, ‘‘ हम इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि भारत अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। हमने अपने ‘मेन्यू’ में मैरीनेटेड बाजरा और भारतीय व्यंजन से जुड़़े तत्वों को शामिल किया है।’’ (भाषा)
बीजिंग, 22 जून। उत्तर-पश्चिमी चीन में एक ‘बारबेक्यू’ रेस्तरां के रसोई गैस में हुए भीषण विस्फोट में 31 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हुए हैं। चीन के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, निंग्जिया हुई स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी यिनचुआन में बुधवार को एक व्यस्त सड़क पर लोग ड्रैगन बोट फेस्टिवल की छुट्टियों की पूर्व संध्या पर इकट्ठा हुए थे। इस त्योहार पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। तभी रात करीब आठ बजकर 40 मिनट पर विस्फोट होने से वहां हड़कंप मच गया।
ऑनलाइन समाचार साइट ‘द पेपर’ ने चेन नामक महिला के हवाले से बताया कि जब उसने विस्फोट की आवाज सुनी तो वह रेस्तरां से करीब 50 मीटर की दूरी पर थी। महिला ने बताया कि इसके बाद उसने दो कर्मचारियों (वेटर) को रेस्तरां से बाहर निकलते देखा जिनमें से एक गिर गया। रेस्तरां से धुआं निकल रहा था और रसोई गैस की तेज गंध पूरे क्षेत्र में फैल गई।
केंद्र सरकार के आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया पर रेस्तरां में खोज तथा बचाव कार्य बृहस्पतिवार सुबह पूरा होने की जानकारी दी।
मंत्रालय ने बताया कि विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए जांच अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है।
एपी सुरभि निहारिका निहारिका 2206 0854 बीजिंग (एपी)
भारत ने पाकिस्तान में रहने वाले चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित कराए जाने से रोकने के लिए चीन पर निशाना साधा है.
भारत ने कहा कि चीन का ये कदम आतंकवाद से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दिखाता है.
इससे पहले चीन ने मंगलवार को अमेरिका और भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र परिषद में साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने की मांग वाले प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी.
साजिद मीर 2008 में हुए मुंबई हमलों के मुख्य अभियुक्तों में से एक है और भारत में मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा, "अगर 'तुच्छ भू-राजनीतिक हितों' के कारण आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें विफल होती हैं, तो आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने को लेकर हमारे पास सचमुच राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है."
उन्होंने कहा, "हमें दोहरे मापदंडों और इस अच्छे आतंकवादी बनाम बुरे आतंकवादी वाली आत्म विनाशकारी दलील से बचना चाहिए. आतंकी कृत्य आतंकी कृत्य ही है, ये बिलकुल साफ़ और सरल है. से कृत्य को किसी भी तरह से जायज़ ठहराए जाने को कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए."
प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जवाबदेही और पारदर्शिता के इस युग में क्या बिना कोई कारण बताए सबूतों पर आधारित प्रस्तावों को रोका जा सकता है.
प्रकाश गुप्ता ने इस दौरान एक ऑडियो क्लिप भी चलाया जिसमें साजिद मीर को 26/11 मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान से चरमपंथियों को निर्देश देते सुना जा सकता है.
मुंबई हमले में कुल 166 लोगों की जान गई थी, जिनमें से 26 विदेशी नागरिक थे. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 21 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रमुख अमेरिकी अर्थशास्त्री प्रोफेसर पॉल रोमर और निवेशक एवं हेज फंड ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स के सह-संस्थापक रे डेलियो समेत विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों से मुलाकात के दौरान विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें अपनी सरकार द्वारा आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी दी।
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को यहां पहुंचे।
मोदी और प्रो. रोमर ने भारत की डिजिटल यात्रा पर चर्चा की, जिसमें आधार का उपयोग और डिजिलॉकर जैसे नवोन्मेषी माध्यम शामिल हैं। उन्होंने शहरी विकास के लिए भारत द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर भी चर्चा की। मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, "प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल रोमर से मिलकर खुशी हुई। हमने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर बातचीत की। हमने अपने शहरों को अधिक टिकाऊ और लोगों के अनुकूल बनाने के बारे में भी बात की।" डेलियो के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए सुधारों का उल्लेख किया। इनमें अनुपालन में कमी और बड़ी संख्या में कानूनी प्रावधानों को कम करने जैसी चीजें शामिल हैं। मोदी ने डेलियो को भारत में निवेश बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।
मोदी ने ट्वीट किया, "अपने मित्र, प्रतिष्ठित लेखक और निवेशक रे डेलियो से मिला। उनसे भारत में निवेश को और बढ़ाने का आग्रह किया।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने खगोल वैज्ञानिक एवं लेखक नील डि ग्रास टायसन से भी मुलाकात की और युवाओं में वैज्ञानिक रुझान पैदा करने पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस मुलाकात में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई जिसमें भारत द्वारा किए जा रहे विभिन्न अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री और टायसन ने भारत की नई राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति के तहत निजी क्षेत्र और शैक्षणिक सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने अमेरिकी के चर्चित गणितज्ञ सांख्यिकीविद प्रो. नासिम निकोलस तालेब से भी मुलाकात की। तालेब के साथ बातचीत में मोदी ने उन्हें भारत के युवा उद्यमियों की जोखिम लेने की क्षमता और देश में बढ़ते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में बताया।
मोदी ने भारतीय मूल की अमेरिकी गायिका, संगीतकार और ग्रैमी पुरस्कार विजेता फाल्गुनी शाह से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने शाह के गीत ‘एबन्डेंस इन मिलेट्स’ के लिए उनकी सराहना की, जो स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल मोटे अनाजों (मिलेट्स) के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। साथ ही, प्रधानमंत्री ने अपने संगीत के माध्यम से भारत और अमेरिका के लोगों को एक साथ लाने के लिए उनकी सराहना की।
इसके अलावा मोदी ने अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के समूह के साथ हुई बैठक में गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर चर्चा की।
उन्होंने न्यूयॉर्क में प्रतिष्ठित अमेरिकी शिक्षाविदों के एक समूह से भी मुलाकात की। ये शिक्षाविद कृषि, विपणन, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों से जुड़े हैं।
उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान सहयोग और पारस्परिक अकादमिक आदान-प्रदान बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की। शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी विशेषज्ञता से संबंधित क्षेत्रों पर दृष्टिकोण और अनुभव साझा किए। (भाषा)
मास्को, 21 जून। मास्को क्षेत्र के गवर्नर आंदरेई वोरोबयोव ने बुधवार को कहा कि एक स्थानीय सैन्य इकाई के गोदाम की ओर बढ़ रहे दो ड्रोन को शहर के बाहरी इलाके में मार गिराया गया।
इस घटनाक्रम को कीव के जवाबी हमले के शुरूआती चरणों के दौरान रूस के अंदर लक्ष्यों को निशान बनाने की यूक्रेन की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
रूसी मीडिया में आई खबर के अनुसार, तीसरे ड्रोन का मलबा उस स्थान से करीब 20 किमी (12 मील) की दूरी पर पाया गया। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि मास्को क्षेत्र में उसके प्रतिष्ठानों पर यह यूक्रेनी शासन का एक असफल हमला था।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन, रूसी क्षेत्र में हमले की जिम्मेदारी आमतौर पर नहीं लेता है। उसने मार गिराये गये ड्रोन के बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। पूर्व में, यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी आक्रमण के जवाब में हमले करने की बात कही थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 में शुरु हुआ था। (एपी)
अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 21 जून | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के पहले दिन मंगलवार को यहां बुद्धिजीवियों, दिग्गज कारोबारियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मुलाकात की और उन्होंने भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। बैठक में आर्थिक विकास और अंतरिक्ष अन्वेषण से लेकर बौद्ध धर्म और वैज्ञानिक स्वभाव तक कई विषयों पर चर्चा हुई।
इन सबके बीच टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ बैठक ने सबसे ज्यादा ध्यान खिंचा।
मस्क ने, जो ट्विटर के भी मालिक हैं, बैठक के बाद कहा कि वह मोदी के प्रशंसक हैं और उनकी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला जल्द से जल्द भारत में अपना संयंत्र स्थापित करेगी।
मोदी ने ट्वीट किया, आपके साथ आज की मुलाकात शानदार रही, एलन मस्क। हमने ऊर्जा से लेकर आध्यात्मिकता तक के मुद्दों पर बहुआयामी बातचीत की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि हेज फंड के संस्थापक, निवेशक और लेखक रे डेलियो के साथ अपनी बैठक में मोदी ने सरकार द्वारा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला, जिसमें अनुपालन की शर्तो में कमी और बड़ी संख्या में कानूनी प्रावधानों को कम करना शामिल है, और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
ऐतिहासिक विचित्रताओं के मानव जाति पर प्रभाव की व्याख्या करने वाले विचारक निकोलस नसीम तालिब से मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि उनके पास कई मुद्दों पर दिलचस्प ²ष्टिकोण हैं और मुझे उनमें से कुछ विषयों पर उन्हें सुनने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा, उन्हें भारत के विकास के कदमों में काफी दिलचस्पी थी। मैंने इस बात पर जोर दिया कि हम अपने युवाओं में उद्यम और जोखिम लेने की भावना को कैसे पोषित कर रहे हैं।
तालेब ने ट्वीट किया कि उन्होंने जोखिमों, कोविद की प्रतिक्रिया, वायरस को नियंत्रित करने जैसे सफल हस्तक्षेपों और छोटे-छोटे सीमित नुकसान बनाम एक बार के बड़े जोखिम पर चर्चा की।
बागची के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री पॉल रोमर के साथ मोदी की बैठक बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली 'आधार' और डिजिलॉकर के उपयोग सहित भारत की डिजिटल यात्रा पर केंद्रित रही जो सरकारी दस्तावेजों तक सार्वभौमिक पेपरलेस पहुंच को सक्षम बनाती है।
उन्होंने कहा, बातचीत में शहरी विकास के लिए भारत द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों को भी शामिल किया गया।
बागची ने ट्वीट किया, विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले खगोल वैज्ञानिक नील डेग्रसे टायसन के साथ मोदी ने युवाओं के बीच वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने और भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन पर चर्चा की।
बागची के अनुसार, मोदी और बौद्ध विद्वान रॉबर्ट थुरमैन ने कैसे बौद्ध मूल्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य कर सकते हैं और उस धर्म की विरासत को संरक्षित करने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की।
मोदी ने ट्वीट किया कि वह बौद्ध धर्म पर अनुसंधान और विद्वता के प्रति उनके जुनून की प्रशंसा करते हैं।
बागची ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री ने ग्रैमी विजेता संगीतकार ए. फाल्गुनी शाह से मुलाकात की, जिन्हें फालू शाह के नाम से जाना जाता है, जिनका गीत, एबंडेंस इन मिलेट्स स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल बाजरा के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि मोदी ने उनके संगीत के माध्यम से भारत और अमेरिका के लोगों को एक साथ लाने के लिए उनकी सराहना की।
उन्होंने ट्वीट किया कि यह गीत मोदी के संयुक्त राष्ट्र को 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के प्रस्ताव से प्रेरित था।
द्विपक्षीय बैठकों के अलावा मोदी ने कृषि, विपणन, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अमेरिकी शिक्षाविदों के एक समूह के साथ मुलाकात की।
बागची ने कहा, भारत की नई शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान सहयोग और दो-तरफा अकादमिक आदान-प्रदान बढ़ाने की संभावनाओं पर वार्ता का फोकस रहा। शिक्षाविदों ने विशेषज्ञता के अपने संबंधित क्षेत्रों से ²ष्टिकोण और अनुभव भी साझा किए।
ऐसी ही एक और बैठक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह के साथ हुई थी।
बागची के अनुसार, उन्होंने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए डिजिटल तकनीकों के उपयोग, एकीकृत चिकित्सा पर अधिक ध्यान देने और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल तैयारियों पर चर्चा की।
मोदी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी और उप महासचिव अमीना मोहम्मद के साथ करेंगे।
बाद में वह राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के लिए वॉशिंगटन जाएंगे।
व्हाइट हाउस में गुरुवार को एक समारोह में उनकी अमेरिका की राजकीय यात्रा औपचारिक रूप से शुरू होगी।
कांग्रेस ने उन्हें संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है।
इससे पहले पीएम मोदी मंगलवार को जब वीवीआईपी बोइंग 777 विमान इंडिया 1 से न्यूयॉर्क सिटी के जेएफके हवाई अड्डे पर पहुंचे तो संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज और वाशिंगटन में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और समर्थकों की भीड़ ने उनका स्वागत किया।
जब वह मिडटाउन मैनहटन में लोटे पैलेस होटल में आए तो उन्होंने सुरक्षा कायदा तोड़ते हुए समर्थकों का अभिनंदन किया जो उनके नाम की नारेबाजी करते हुए और नाचते हुए अभिवादन कर रहे थे।
इससे कहीं अधिक समर्थक होटल की लॉबी में उनका इंतजार कर रहे थे, जहां उन्होंने अपनी तस्वीरों पर ऑटोग्राफ दिए। (आईएएनएस)
टाइटैनिक के मलबे को दिखाने निकली एक पर्यटक पनडुब्बी अब तक लापता है. इस पनडुब्बी में एक चालक और चार यात्री सवार थे.
टाइटैनिक का मलबा समुद्र में 3,800 मीटर की गहराई में है. यह पनडुब्बी ऐसे पर्यटकों को इस डूबे हुए टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले जाती थी जो 1912 में एक ग्लेशियर से टकराने के बाद डूब गया था.
रविवार को यह पनडुब्बी पांच लोगों को लेकर निकली थी लेकिन उत्तरी अटलांटिक सागर में यह लापता हो गई. पर्यटक पनडुब्बी से संपर्क टूटने के बाद अमेरिकी कोस्ट गार्ड इसे खोजने के लिए अभियान चला रहा है.
पनडुब्बी में कौन-कौन सवार थे
टाइटैनिक की सैर कराने निकली पनडुब्बी में कुल पांच लोग सवार थे, जिनमें चार पर्यटक थे और एक पायलट था. इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी सबमरीन ऑपरेटर जिन्हें "मिस्टर टाइटैनिक" के नाम से भी जाना जाता है और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश भी शामिल हैं.
इस बीच सोमवार को यूएस कोस्ट गार्ड ने कहा कि टाइटैनिक का मलबा दिखाने निकली पनडुब्बी की तलाश असफल रही है. उसने कहा कि पांच लापता व्यक्तियों का पता लगाने का अभियान अभी भी जारी है. यूएस कोस्ट गार्ड ने यह भी कहा कि उसने सुदूर उत्तरी अटलांटिक महासागर का सर्वेक्षण करने के लिए दो विमान भेजे हैं, जबकि कनाडाई तट रक्षक ने भी एक विमान और एक जहाज भेजा है.
पनडुब्बी का संचालन करने वाली निजी कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशंस ने कहा है कि उसका पूरा ध्यान चालक दल के सदस्य और उनके परिवारों पर है.
कैसे गायब हो गई पनडुब्बी
18 जून की दोपहर को पनडुब्बी के पानी में उतरने के एक घंटे 45 मिनट बाद ही वह रडार से गायब हो गई. इस पनडुब्बी में पांच लोग जा सकते हैं और इसमें पांच यात्रियों के लिए 96 घंटे तक की ऑक्सीजन होती है. इसकी लंबाई करीब 6.7 मीटर है और यह समुद्र में करीब चार हजार मीटर की गहराई तक जा सकती है.
बचाव अभियान की देखरेख करने वाले यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने कहा, "सुदूर इलाके में खोज करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हम पनडुब्बी और उसमें सवार लोगों का पता लगाने के लिए सभी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं."
निया का सबसे मशहूर जहाज टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 की रात एक हिमखंड से टकराकर अटलांटिक में समा गया था. उस हादसे पर एक फिल्म भी बनी. लेकिन टाइटैनिक को लेकर दुनिया में आज भी दिलचस्पी है, यही वजह है कि लोग लाखों रुपये खर्च कर इस पनडुब्बी की यात्रा पर जाते हैं.
टाइटैनिक के मलबे का पता पहली बार 1985 में चला. उत्तरी अटलांटिक में 3,800 मीटर की गहराई पर टाइटैनिक के टुकड़े 1912 से पड़े हैं. पानी के भारी दबाव के चलते इतनी गहराई पर खास पनडुब्बियां ही जा सकती हैं.
पर्यटक इस खास पनडुब्बी से दो घंटे का सफर कर टाइटैनिक के मलबे तक पहुंच पाते हैं. इस अभियान की लागत प्रति व्यक्ति ढाई लाख डॉलर बताई जाती है.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)
दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ रहे टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए अटलांटिक महासागर में गई पनडुब्बी को खोजने के क्रम में एक सफलता हाथ लगी है.
यूएस कोस्ट गार्ड ने ट्वीट कर पुष्टि की है कि जिस क्षेत्र में खोज अभियान चलाया जा रहा है उस क्षेत्र से एक कनाडाई पी-3 विमान ने पानी के नीचे शोर का पता लगाया है.
शोर का पता लगने पर एक अतिरिक्त सोनार को चार घंटे बाद उस क्षेत्र में तैनात किया गया है.
सोनार एक तकनीक है जो पानी के अंदर या सतह पर चीजों का पता करने के लिए ध्वनि का इस्तेमाल करती है.
वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की तरफ से भी ऐसी जानकारी आई है कि पनडुब्बी जहां गायब हुई है वहां से एक ज़ोरदार आवाज़ सुनी गई है जो कई घंटों तक आई.
न्यूज चैनल सीएनएन मंगलवार रात भेजे गए एक अपडेटेड मेमो की भी रिपोर्ट कर रहा है, जिसमें बताया गया है कि पानी के अंदर से कई आवाजें सुनाई दी हैं.
30 घंटों की ऑक्सीजन बची
रविवार से लापता इस पनडुब्बी में पांच यात्री सवार हैं. इनमें पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रितानी अरबपति व्यवसायी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के चीफ़ एग्जीक्यूटिव स्टॉकटन रश भी शामिल हैं.
20 हज़ार वर्ग किलोमीटर से बड़े महासागर के क्षेत्र में यूएस कोस्ट गार्ड का सर्च ऑपरेशन जारी है. इसमें कनाडा की नौसेना, वायु सेना और कोस्ट गार्ड के साथ-साथ न्यूयॉर्क एयर नेशनल गार्ड भी मदद कर रहे हैं.
यूएस कोस्ट गार्ड के अनुमान के अनुसार, पनडुब्बी में लगभग 30 घंटे की ऑक्सीजन बची है.
रविवार को यात्रा शुरू होने के एक घंटे 45 मिनट बाद पनडुब्बी से संपर्क टूट गया. तलाशी अभियान में दो सी-130 विमान और सोनार की मदद ली जा रही है.
टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए कितने रुपयों की ज़रूरत
आठ दिन की इस यात्रा के लिए ढाई लाख डॉलर यानी 2 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि की टिकट खरीदी जाती है. इस यात्रा के ज़रिए टाइटैनिक के मलबे को समुद्र में 3800 मीटर नीचे जाकर देखा जा सकता है.
ओशनगेट कंपनी के विज्ञापन के अनुसार, ये आठ दिनों की यात्रा साधारण ज़िंदगी से निकलने और कुछ असाधारण खोजने का मौका है.
इस छोटी पनडुब्बी में एक पायलट और तीन टिकट खरीदने वाले मेहमान यात्री होते हैं. उनके अलावा कंपनी के मुताबिक पनडुब्बी में एक एक्सपर्ट भी सवार होते हैं.
ये मिशन न्यूफ़ाउंडलैंड में सेंट जॉन्स से शुरू होता है.
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास तीन पनडुब्बी हैं, जिनमें से केवल लापता होने वाले टाइटन में ही इतनी गहराई तक जाने की क्षमता है.
इस पनडुब्बी का वज़न 10 हज़ार 432 किलोग्राम है और वेबसाइट की मानें तो ये 13 हज़ार 100 फ़ुट की गहराई तक जा सकती है. पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन सपोर्ट बचा है.
टाइटैनिक जहाज़ साल 1912 में न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा के दौरान डूब गया था. ये अपने समय में सबसे बड़ा ज़हाज़ था. इसमें मौजूद 2200 यात्रियों और क्रू के सदस्यों में से 1500 से अधिक मारे गए थे. इस जहाज़ का मलबा पहली बार 1985 में खोजा गया था. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कैलिफोर्निया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 'तानाशाह' बताया है.
एक दिन पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. इस मुलाकात का मक़सद दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना था.
मुलाकात के बाद ब्लिंकन ने कहा था कि दोनों देश बातचीत के लिए तैयार हैं.
मंगलवार की रात एक फंडरेजर कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के जासूसी गुब्बारे को लेकर जारी तनाव से शी जिनपिंग शर्मिंदा थे जिसे अमेरिका ने गिरा दिया था.
उन्होंने कहा, "यही कारण था कि शी जिनपिंग बहुत परेशान हो गए, जब मैंने जासूसी उपकरणों से भरे गुब्बारे को मार गिराया था. क्या उन्हें नहीं पता था कि वो वहां है."
जो बाइडन ने कहा, "तानाशाहों के लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है. जब उन्हें नहीं पता होता कि क्या हुआ है."
चीन और अमेरिका में लंबे वक्त से जारी तनाव के बीच रविवार, 18 जून को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन पहुंचे हैं. दो दिवसीय इस दौरे में दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर बात की.
बीते पांच सालों में अमेरिका के किसी वरिष्ठ नेता का ये पहला चीन दौरा था. वहीं ब्लिंकन 2021 में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं जो चीन पहुंचे थे.
ब्लिंकन इस साल फरवरी में चीन का दौरा करने वाले थे लेकिन उनके दौरे से पहले अमेरिका के वायु क्षेत्र में चीनी ग़ुब्बारा देखे जाने के बाद दोनों मुल्कों के बीच तनाव बढ़ गया.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक आने और चीन के साथ तनाव एक राजनीतिक मुद्दे की तरह बड़ा हो रहा है. कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने चीन पर 'नरम' होने के लिए बाइडन प्रशासन पर हमला भी किया है. (bbc.com/hindi)
(योषिता सिंह और कुमार राकेश)
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 21 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख अमेरिकी हस्तियों से मुलाकात की, जिसमें टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मस्क ने कहा कि किसी भी अन्य बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं।
मोदी से मुलाकात के बाद पत्रकारों ने जब सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के मालिक मस्क से कंपनी के पूर्व मालिक तथा सीईओ जैक डोर्सी के भारत सरकार के खिलाफ हाल ही में लगाए आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ट्विटर के पास स्थानीय सरकार की बात मानने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है अन्यथा वह बंद हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम केवल किसी भी देश में कानूनों का पालन कर सकते हैं। हम इससे अधिक और कुछ नहीं कर सकते।’’
मस्क ने कहा कि अलग-अलग सरकारों के अलग-अलग नियम प कानून हैं और ‘‘कानून के तहत जो संभव होगा हम उसके अनुसार अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या टेस्ला (वाहन कंपनी) भारतीय बाजार में प्रवेश करेगी, इस पर मस्क ने कहा कि वह अगले साल देश की यात्रा की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि टेस्ला भारत में होगी।’’
मस्क ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और उम्मीद है कि हम निकट भविष्य में साथ काम करने में सक्षम होंगे।’’
एक अलग वीडियो बयान में मस्क ने मोदी की सराहना करते हुए कहा, ‘‘वह वास्तव में भारत की परवाह करते हैं क्योंकि वह भारत में उल्लेखनीय निवेश करने के लिए हमसे बात कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी का प्रशंसक हूं।’’
मस्क ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत को बेहतरीन बताते हुए कहा कि भारत सौर ऊर्जा निवेश के मामले में बेहतरीन काम कर रहा है।
मस्क के साथ मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘आज आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा एलन मस्क। हमने ऊर्जा से लेकर आध्यात्मिकता तक के कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की।’’
इस पर मस्क ने जवाब दिया, ‘‘आपसे एक बार फिर मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21-24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर मोदी नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अर्थशास्त्रियों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, विद्वानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के 12 से अधिक विचारकों, उद्यमी, शिक्षाविद और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों से मुलाकात कर रहे हैं। (भाषा)
मस्क के अलावा इस सूची में एस्ट्रोफिजिसिस्ट एवं लेखक नील डेग्रसे टायसन, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री पॉल रोमर, लेखक निकोलस नसीम तालेब और निवेशक रे डेलियो शामिल हैं।
पर्यटकों को लेकर दुनिया के सबसे चर्चित जहाज़ टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए निकली पनडुब्बी के पास अब महज़ 30 घंटे की ऑक्सीजन बची है.
रविवार से लापता इस पनडुब्बी में पांच यात्री सवार हैं. इनमें पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रितानी अरबपति व्यवसायी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव स्टॉकटन रश भी शामिल हैं.
20 हज़ार वर्ग किलोमीटर से बड़े महासागर के क्षेत्र में यूएस कोस्ट गार्ड का सर्च ऑपरेशन जारी है. इसमें कनाडा की नौसेना, वायु सेना और कोस्ट गार्ड के साथ-साथ न्यूयॉर्क एयर नेशनल गार्ड भी मदद कर रहे हैं.
यूएस कोस्ट गार्ड के अनुमान के अनुसार, पनडुब्बी में लगभग 30 घंटे की ऑक्सीजन बची है.
रविवार को यात्रा शुरू होने के एक घंटे 45 मिनट बाद पनडुब्बी से संपर्क टूट गया. तलाशी अभियान में दो सी-130 विमान और सोनार की मदद ली जा रही है.
टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए कितने रुपयों की ज़रूरत
आठ दिन की इस यात्रा के लिए ढाई लाख डॉलर यानी 2 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि की टिकट खरीदी जाती है. इस यात्रा के ज़रिए टाइटैनिक के मलबे को समुद्र में 3800 मीटर नीचे जाकर देखा जा सकता है.
ओशनगेट कंपनी के विज्ञापन के अनुसार, ये आठ दिनों की यात्रा साधारण ज़िंदगी से निकलने और कुछ असाधारण खोजने का मौका है.
इस छोटी पनडुब्बी में एक पायलट और तीन टिकट खरीदने वाले मेहमान यात्री होते हैं. उनके अलावा कंपनी के मुताबिक पनडुब्बी में एक एक्सपर्ट भी सवार होते हैं.
ये मिशन न्यूफ़ाउंडलैंड में सेंट जॉन्स से शुरू होता है.
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास तीन पनडुब्बी हैं, जिनमें से केवल लापता होने वाले टाइटन में ही इतनी गहराई तक जाने की क्षमता है.
इस पनडुब्बी का वज़न 10 हज़ार 432 किलोग्राम है और वेबसाइट की मानें तो ये 13 हज़ार 100 फ़ुट की गहराई तक जा सकती है. पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन सपोर्ट बचा है.
टाइटैनिक जहाज़ साल 1912 में न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा के दौरान डूब गया था. ये अपने समय में सबसे बड़ा ज़हाज़ था. इसमें मौजूद 2200 यात्रियों और क्रू के सदस्यों में से 1500 से अधिक मारे गए थे. इस जहाज़ का मलबा पहली बार 1985 में खोजा गया था.
शहज़ादा दाऊद कौन हैं?
शहज़ादा दाऊद एक बड़े पाकिस्तानी कारोबारी परिवार के सदस्य हैं. वो ब्रिटेन में प्रिंस ट्रस्ट चैरिटी के बोर्ड के सदस्य भी हैं. उनके बेटे सुलेमान भी लापता पनडुब्बी पर सवार हैं.
दाऊद परिवार पाकिस्तान के सबसे धनी परिवारों में से एक है, लेकिन इनका ब्रिटेन से भी गहरा नाता है.
शहज़ादा दाऊद एंग्रो कॉर्पोरेशन के वाइस चेयरमैन हैं. ये कंपनी उर्वरक, खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों में काम करती है.
ब्रितानी मीडिया के अनुसार, शहज़ादा दाऊद का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन बाद में वो यूके चले गए.
वहां उन्होंने बकिंघम यूनिवर्सिटी से कानून विषय की पढ़ाई की. इसके बाद फिलाडेल्फिया विश्वविद्यालय से ग्लोबल टेक्सटाइल मार्केटिंग में एमएससी भी किया.
शहज़ादा दाऊद एक अंतरिक्ष अनुसंधान कंपनी 'सेटी' संस्थान के ट्रस्टी भी हैं.
जानकारी के मुताबिक, शहज़ादा दाऊद अपनी पत्नी क्रिस्टीन और अपने बच्चों सुलेमान और अलीना के साथ ब्रिटेन में रह रहे हैं. (bbc.com/hindi)
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों की अगुआई में दुनिया भर के 50 से ज्यादा नेता पेरिस में चर्चा करेंगे कि कैसे गरीबी, ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु संकट से जुड़े मसलों के वित्तीय पहलुओं पर एक नई व्यवस्था तैयार की जाए.
बारबाडोस, केन्या, घाना समेत अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सेदारी भाग ले रहे हैं. इस तरह की बैठक का सुझाव मैक्रों ने पिछले साल मिस्र में संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट कॉफ्रेंस- कॉप27 के दौरान दिया था.
गुरूवार को शुरू होने वाली इस बातचीत के केन्द्र में हैं जलवायु संकट से जूझ रही दुनिया में औद्योगिक विकास और वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में सुधार के नए उपाय. इस चर्चा में निगाहें टिकी रहेंगी विकासशील देशों के एक समूह के सुझावों की उस सूची पर जिसे ‘ब्रिजटाउन इनिशिएटिव‘ कहा जाता है.
कॉप27 के दौरान ही ये सुझाव पेश किए गए थे जिन पर इस बैठक में विस्तृत चर्चा होने और कुछ ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है. विकासशील देश लंब समय से इस बात की मांग कर रहे हैं कि पर्यावरण संकट का वित्तीय बोझ उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर नहीं डाला जा सकता.
तेल के गढ़ में होगी इस बार पर्यावरण की बात
ऐसे उपायों की जरूरत है जो इन देशों के विकास की जरूरत और जलवायु संकट से जूझने के लिए जरूरी धन मुहैया करा सकें. इस साल नवंबर में होने वाली अगली कॉप बैठक से पहले हो रही इस पेरिस मीटिंग को कुछ नए रास्ते निकालने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
क्या है ब्रिजटाउन इनिशिएटिव
जलवायु संकट की मार झेलने वाले देशों की कतार में सबसे आगे खड़े कैरेबियाई देश बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोत्ले ने पिछले साल कॉप27 के दौरान दुनिया के नेताओं का ध्यान इस ओर खींचा कि जलवायु आपदाओं से निपटने का बोझ विकासशील देशों पर ना पड़े इसके लिए वैश्विक संगठनों की ऋण व्यवस्था को दुरूस्त करने और जरूरतमंद देशों को आसान शर्तों पर उधार देने के उपाय ढूंढना बेहद जरूरी है.
मोत्ले के ये सुझाव ब्रिजटाउन इनिशिएटिव या ब्रिजटाउन पहल कहलाते हैं जो बारबाडोस के शहर ब्रिजटाउन के नाम पर पड़ा है. जरूरी सुधारों के दायरे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र की ढांचागत व्यवस्थाओं को रखा गया.
इसमें सुझाया गया कि वैश्विक संस्थाओं को इस तरह काम करना चाहिए कि गरीब और विकासशील देश पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए वित्तीय तौर पर तैयार हो सकें, उन्हें जरूरी पैसा मिले और उधार के बोझ में दबकर उनकी अर्थव्यवस्थाएं चरमराए नहीं.
आधी रह गई कश्मीर की वुलर झील
इसका तरीका ये सुझाया गया है कि कुछ वक्त के लिए कर्ज ना चुकाना पड़े ताकि प्रभावित देश के पास स्थिति से जूझने के लिए पर्याप्त पैसा हो. एक अहम मांग ये भी है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थाएं जैसे आईएमएफ या विकास बैंक जैसे विश्व बैंक, पर्यावरण लक्ष्यों को पूरा करने में मदद के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि जुटाएं.
मुख्य मांगें
पर्यावरण को बचाने और विकास की जरूरतों के दो पाटों के बीच से रास्ता निकालने के इरादे से ब्रिजटाउन इनिशिएटिव में कुछ खास मांगे रखी गई हैं. जैसे प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे किसी देश को कर्ज देने और वसूली की वर्तमान व्यवस्था को बदला जाए ताकि विकासशील देश कर्ज के चक्रव्यूह में ही ना फंस कर रह जाएं.
इसके अलावा ये इनिशिएटिव मांग करता है कि जलवायु संकटों से निपटने और आपदा के बाद पुनिर्माण की जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाए और इसके लिए ग्लोबर क्लाइमेट मिटिगेशन ट्रस्ट बनाया जाए.
साथ ही सबसे ज्यादा खतरा झेल रहे देशों के लिए कर्ज लेने की व्यवस्था को उदार बनाते हुए बाजार से कम दर पर कर्ज लेना मुमकिन बनाया जाए ताकि ऐसे देश पर्यावरण को बचाने की दिशा में कदम उठाने लायक बन सकें. इसके साथ ही किसी भयंकर आपदा की स्थिति में मदद देने के लिए एक नया फंड बनाने की मांग भी ब्रिजटाउन इनिशिएटिव में है.
कुल मिलाकर इन सारी मांगों का उद्देश्य पर्यावरण को बचाने के लिए वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के ऐसे ढांचे का खाका तैयार करना है जो पर्यावरण के संकट को सुलझाने के लिए दुनिया के पिछड़े और विकासशील देशों को बलि का बकरा बनने से बचा सके.
एसबी/सीके (रॉयटर्स)
चीन ने एक बार फिर से लश्कर-ए-तैयबा के चरमपंथी साजिद मीर का नाम 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों' की सूची में डालने के लिए अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को रोक दिया है.
साजिद मीर साल 2008 के मुंबई हमले के मुख्य अभियुक्तों में शामिल हैं.
पिछले साल भी चीन ने चार बार साजिद मीर को इस सूची में डालने के प्रस्ताव को रोका था.
साजिद मीर अमेरिका और डेनमार्क में हुए हमलों में भी वांटेड हैं.
ये घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब पीएम मोदी आज ही अमेरिका दौरे पर रवाना हुए हैं.
पिछले साल सितंबर में भी भारत और अमेरिका के प्रस्ताव के तहत मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की (1267 अल क़ायदा प्रतिबंध) समिति के अंतर्गत 'अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी' घोषित किया जाना था.
भारत और अमेरिका की कोशिश थी कि साजिद मीर की वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया जाए और उनकी संपत्ति फ़्रीज़ की जाए. लेकिन ऐसा करने के लिए सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सभी 15 सदस्यों का सहमत होना ज़रूरी है.
साजिद मीर भारत की 'मोस्ट वांटेड' सूची में शामिल हैं और अमेरिका ने उन पर 50 लाख डॉलर यानी 35 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया है. (bbc.com/hindi)