अंतरराष्ट्रीय
सऊदी अरब के सरकारी मीडिया के अनुसार, मक्का जा रही एक बस के असीर सूबे में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य लोग घायल हो गए.
हालांकि हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
बताया गया है कि इस बस में उमरा तीर्थयात्री थे. इनमें सवार लोग सऊदी अरब के साथ दूसरे देशों के भी रहने वाले थे.
सरकार से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित असीर सूबे में अक़ाबत शार से 14 किलोमीटर दूर एक बस पुल से टकरा कर पलट गई. उसके बाद बस में आग लग गई.
न्यूज़ चैनल अल अरबिया ने बताया है कि यह दुर्घटना बस के ब्रेक फेल होने के कारण हुई, जिससे वह एक पुल से टकरा गई और फिर बस में आग लग गई. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी सीमा के निकट स्थित उत्तरी मैक्सिको के शहर सियुदाद हुआरेज़ के एक आप्रवासी हिरासत केंद्र में भीषण आग लगी है.
इसमें कम से कम 39 लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की ख़बर है.
समाचार एजेंसी एएफपी के एक संवाददाता ने बताया है कि अग्निशमन और बचाव दल के लोगों को नेशनल माइग्रेशन इंस्टीट्यूट की पार्किंग में कई शवों को कंबलों से ढंकते हुए देखा गया.
यह आग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इमिग्रेशन में सोमवार की आधी रात से ठीक पहले लगी.
यह केंद्र मैक्सिको सिटी को अमेरिकी राज्य टेक्सास के अल पासो शहर से जोड़ने वाले स्टैंटन इंटरनेशनल ब्रिज से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है.
वहीं कुछ कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि आग एक शौचालय में लगी और संदेह है कि यह एक आगजनी थी.
भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी एपी के हवाले से 39 लोगों के मारे जाने और 29 लोगों के घायल होने की ख़बर दी है.
एएफपी से हुई बातचीत में राहत और बचाव दल के एक कर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि घटनास्थल पर लगभग 70 आप्रवासी थे. उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर लोग वेनेजुएला के नागरिक थे.
घटनास्थल से आई तस्वीरों में एंबुलेंस, वैन और अग्निशमन दल के लोगों को देखा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैक्सिको के अटाॅर्नी जनरल के कार्यालय ने ये हादसा होने की वजहों की जांच करने का आदेश दिया है.
मैक्सिको का सियुदाद हुआरेज़ शहर अमेरिकी राज्य टेक्सास के अल पासो शहर के पास स्थित है.
यह शहर मैक्सिको के उन सीमावर्ती शहरों में है, जहां से आप्रवासी लोग अमेरिका में प्रवेश करते हैं.
बिना किसी वैध दस्तावेज़ के कई आप्रवासी लोग यहां रहकर अमेरिका में शरण मिलने या सीमा पार करने का इंतज़ार करते हैं.
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से अब तक वहां लगभग 7,661 प्रवासियों की मौत हो गई या वे रास्ते में लापता हो गए. (bbc.com/hindi)
बर्कली (अमेरिका), 28 मार्च अमेरिका में वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर जेरी ब्राउन के खेत में झींगुर की दुर्लभ प्रजाति मिलने के बाद, उनके सम्मान में उस प्रजाति का नामकरण किया।
बर्कली ने सोमवार को बताया कि झींगुर की दुर्लभ प्रजाति 'बेम्बिडियन ब्राउनोरम' को आखिरी बार 1966 में देखा गया था, लेकिन इसका नाम या वर्णन तब तक नहीं किया गया जब तक कि यह कोलुसा काउंटी में स्थित ब्राउन के खेत में नहीं पाया गया।
यूसी बर्कली के अनुसार, आकार में झींगुर लगभग पांच मिलीमीटर लंबा भूरा और छोटा होता है, हालांकि यह अभी भी अन्य बेम्बिडियन झींगुरों की तुलना में बड़ा है।
उन्होंने बताया, "यह हरी और सुनहरी झिलमिलाहट के साथ चमकता है"
यूसी बर्कली ने कहा कि एक जुलाई, 2021 को, उन्होंने एक अपरिचित झींगुर पाया और ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक विशेषज्ञ डेविड मैडिसन को इसकी पहचान करने में मदद करने के लिए बुलाया।
उन्होंने निर्धारित किया कि यह एक ऐसी प्रजाति थी जिसका पहले नाम या वर्णन नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि बाद में पूरे कैलिफोर्निया के संग्रहालय में 21 नमूने मिले, हालांकि वे गलत पहचान वाले हो सकते हैं।
विल ने कहा कि इस प्रजाति को शायद ही कभी देखा गया था क्योंकि शहरीकरण और कृषि विकास के कारण इसका आवास नष्ट हो गया और यह तेजी से घटने लगे।
उन्होंने बताया कि झींगुर का नाम ब्राउन और उनकी पत्नी ऐनी ब्राउन के सम्मान में रखा गया।
ब्राउन ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि मेरा खेत, कुछ दिलचस्प और महत्वपूर्ण तरीकों से विज्ञान को आगे बढ़ा रहा है।"
उन्होंने कहा, "इतनी सारी अनदेखी प्रजातियां हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम सूची बनाएं और पता करें कि हमारे पास क्या है। हम पर्यावरण पर उनके प्रभाव को समझें कि यह कैसे काम कर रहा है और यह कैसे बदल रहा है।"
विल और मैडिसन ने सोमवार एक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में झींगुर का वर्णन किया। (एपी)
विवादित न्यायिक सुधारों के खिलाफ आम हड़ताल, पूरे इस्राएल में प्रदर्शन और सेना की चौकसी के बीच प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एकता की अपील की है और हिंसा को खारिज किया है.
इस्राएल में रक्षा मंत्री योआव गालांत की बर्खास्तगी के बाद राजनीतिक संकट और गहरा गया है. प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने रविवार को उन्हें बर्खास्त कर दिया. एक दिन पहले गालांत ने न्यायिक सुधारोंको नकार दिया था और सरकार को आलोचकों से बात करने के लिए कहा था. रक्षा मंत्री की बर्खास्तगी के बाद नेतन्याहू की गठबंधन सरकार का संकट गहरा गया है.
सोमवार को नेतन्याहू ने ट्वीट किया, "मैं येरुशलम में दक्षिण से लेकर वाम तक सभी प्रदर्शकारियों से मांग करता हूं कि वो जिम्मेदारी से व्यवहार करें और हिंसा का इस्तेमाल ना करें. हम सभी भाई हैं." इस बर्खास्तगी और नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सरकार की सुधार योजनाओं को लेकर लोगों की नाराजगी इस्राएल की सड़कों पर साफ साफ नजर आ रही है. हजारों की संख्या में लोग इस्राएली झंडा और नारे लिखी तख्तियां लेकर येरुशलम में संसद के सामने जमा हो गये.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में टकराव
प्रदर्शनकारियों ने येरुशलम की मुख्य सड़क को रविवार को इस्रायली झंडों से जाम कर दिया और टायर जलाये. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए घुड़सवार दस्ते और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव भी किया. नाराज प्रदर्शनकारी नेतन्याहू के घर के पास एक बैरिकेड तोड़ कर आगे चले गये.
इस्राएल की घरेलू खुफिया एजेंसी शइन बेट के प्रमुख रात में वहां गये. गालांत की बर्खास्तगी और सुधार योजनाओं पर विरोध जताने के लिए यूनिवर्सिटियों में फिलहाल पढ़ाई बंद कर दी गई है. कई शहरों के मेयर भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं और राष्ट्रीय संकट के तुरंत समाधान की मांग कर रहे हैं. लगातार प्रदर्शनों का असर सोमवार को तेल अवीव के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भी नजर आया जब मजदूर संगठनों के महासंघ ने ऐतिहासिक "आम हड़ताल" की घोषणा कर दी. उड़ानों का समय बदलने के कारण दसियों हजार लोग प्रभावित हुए हैं.
नेतन्याहू ने आपातकालीन बैठक बुलाई
संकट को बढ़ते देख नेतन्याहू ने आगे की रुपरेखा तय करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है. नेतन्याहू का कहना है कि उन्होंने सुधार योजना को फिलहाल निलंबित करने के बारे में गठबंधन के नेताओं से चर्चा की है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि नेतन्याहू देश को संबोधित करेंगे हालांकि गठबंधन में विवाद होने के बाद इसमें देरी होने की बात कही जा रही है. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कई मंत्रियों ने सुधारों को रोकने की स्थिति में इस्तीफा देने की बात कही है.
नेतन्याहू के गठबंधन के पास 120 सदस्यों वाली संसद में केवल 64 सदस्य हैं. बहुमत के लिए यहां 61 सांसदों की जरूरत है. राष्ट्रपति इसाक हैर्त्सोग ने सरकार से नरमी दिखाने को कहा है. राष्ट्रपति ने कहा, "इस्राएली लोगों की एकता, जिम्मेदारी के लिए, मैं आपसे इस विधेयक को रोकने की मांग करता हूं." राष्ट्रपति का कहना है कि लोग बहुत डर में हैं.
आलोचकों ने कहा "खतरे में इस्राएल"
गालांत ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चेतावनी दी थी और खासतौर से कहा था कि सेना कि कार्यात्मक क्षमता दांव पर लगी है. कई हफ्तों से सेना में बढ़ते असंतोष को लेकर बातचीत हो रही है. बहुत से रिजर्व सैनिक सुधारों के विरोध में ड्यूटी पर नहीं लौटे. पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने चेतावनी दी कि इस्राएल 1973 में योम किप्पुर की जंग के बाद सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है. तब अरब देशों ने सबसे अहम छु्ट्टी के दिन अचानक इस्राएल पर हमला कर दिया था.
बेनेट ने रक्षा मंत्री की बर्खास्तगी वापस लेने, सुधारों को स्थगित करने और विरोधियों से बातचीत करने की मांग रखी है. सुरक्षा मामलों के जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि इस्राएल के दुश्मन खासतौर से ईरान, लेबनानी हिजबुल्ला मिलिशिया और गजा पट्टी में फलस्तीनी संगठनों के उग्रवादी इस मौके का इस्तेमाल संकट के कारण कमजोर हुए देश पर हमले के लिए कर सकते हैं.
सुधारों की अंतरराष्ट्रीय आलोचना
न्यायिक सुधारों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना हो रही है. इस्राएल के सबसे मजबूत साथी अमेरिकी सरकार ने भी इस पर गहरी चिंता जताई है. अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर ने इस्रायली नेतृत्व को जितनी जल्दी हो सके समाधान ढूंढने के लिए अनुरोध किया है.
जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्राइट ने ध्यान दिलाया है कि इस्राएल एक करीबी दोस्त है और हम देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देते, "लेकिन फिर भी इस्राएल में पिछले दिनों बल्कि घंटों में जो कुछ हुआ है उसे लेकर हम चिंतित हैं."
न्यायिक सुधार की ओर कदम
विरोध प्रदर्शनों के बावजूद सोमवार को विवादित सुधारों के एक प्रमुख तत्व ने एक और बड़ी बाधा पार कर ली. इसमें जजों के चुनाव समिति में शामिल होने वाले लोगों को लेकर जो प्रस्ताव दिये गये हैं उसे एक प्रमुख कमेटी ने पास कर दिया है. अब यह अंतिम चर्चा के लिए प्लेनरी को भेजा गया है. इस बदलाव के बाद जजों को चुनने वाली समिति में सरकार का बहुमत हो जायेगा. जाहिर है कि इसका असर जजों की नियुक्ति को प्रभावित करने में दिख सकता है.
सरकार सुप्रीम कोर्ट पर राजनीतिक फैसलों में दखलंदाजी का आरोप लगाती है. भविष्य में संसद सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को सामान्य बहुमत के जरिये भी पलटने में सक्षम हो जायेगी. इसके अलावाप्रधानमंत्री को महाभियोग के विरुद्ध ज्यादा सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है. आलोचक इन सुधारों की वजह से न्यायपालिका और कार्यपालिका के अधिकारों के बंटवारे को खतरे में देख रहे हैं. बहुत से आलोचकों ने सुधारों के खिलाफ चेतावनी देते हुए इसे धीरे धीरे तानाशाही की तरफ बढ़ने की संज्ञा दी है.
एनआर/एमजे (डीपीए)
एलौसी (इक्वाडोर), 28 मार्च (एपी) मध्य इक्वाडोर में हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी और कई मकान जमींदोज़ हो गए।
पहले अधिकारियों ने 16 लोगों की मौत होने की जानकारी दी थी लेकिन राष्ट्रपति गुइलेरमो लासो ने सात लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने सोमवार रात को राजधानी क्विटो से करीब 137 मील दक्षिण में स्थित एलौसी में घटनास्थल का दौरा किया।
अधिकारियों ने 62 लोगों के लापता होने की जानकारी दी है।
इक्वाडोर के जोखिम प्रबंधन सचिवालय ने बताया कि रविवार रात करीब 10 बजे पर्वत की ओर की जमीन धंसने के बाद 30 से अधिक लोगों को बचाया गया। उसने बताया कि 23 लोग घायल हो गए हैं।
सचिवालय ने बताया कि इस आपदा की वजह से करीब 500 लोग और 163 मकान प्रभावित हुए हैं।
नैशविल (अमेरिका), 28 मार्च। अमेरिका में स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं और अब सोमवार को नैशविल में एक निजी क्रिश्चियन स्कूल में एक महिला ने नौ साल के तीन छात्रों तथा तीन वरिष्ठ नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।
हालांकि, पुलिस ने संदिग्ध महिला को मार गिराया। उसके पास ‘असॉल्ट स्टाइल’ की तीन राइफल और एक पिस्तौल थी। ऐसा माना जा रहा है कि वह नैशविल में द कोवेनेंट स्कूल की भूतपूर्व छात्रा थी, जहां यह गोलीबारी हुई।
मृतकों की शिनाख्त नौ वर्षीय एवलिन डिकहॉस, हेली स्क्रग्स और विलियम किने तथा सिंथिया पीक (61), कैथरीन कूंस (60) और माइक हिल (61) के रूप में की गयी है।
स्कूल की वेबसाइट पर कैथरीन कूंस को स्कूल की प्रमुख बताया गया है।
द कोवेनेंट स्कूल पर यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब देश स्कूलों में हिंसा की घटनाओं से जूझ रहा है। इस स्कूल में करीब 200 छात्र और 50 कर्मचारी हैं।
बहरहाल, अभी संदिग्ध की पहचान तथा घटना के पीछे के उद्देश्य की जानकारी नहीं दी गयी है।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को व्हाइट हाउस में एक अन्य कार्यक्रम में इस गोलीबारी को किसी ‘‘परिवार का सबसे खराब दुस्वप्न’’ बताया और संसद से कुछ अर्द्ध-स्वचालित हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का फिर से अनुरोध किया।
एपी गोला सुरभि सुरभि 2803 1002 नैशविल (एपी)
अमेरिका के टेनेसी प्रांत के नैशविल में एक स्कूल में हुई गोलीबारी में तीन बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई है.
गोलीबारी में मारे गए बच्चों की उम्र 9 साल है. गोलीबारी में मारे गए तीन व्यस्कों की उम्र 60-61 के क़रीब है.
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 28 साल की हमलावर ऑड्रे हेल की मौत हो गई है.
गोलीबारी की घटना जिस स्कूल में हुई है, वो नैशविल का एक प्राइवेट स्कूल है जहां 11 साल की उम्र तक के बच्चे पढ़ते हैं.
इस हमले के बाद एक बार फिर से अमेरिका में बंदूक रखे जाने के क़ानून में बदलाव को लेकर चली आ रही पुरानी बहस पर चर्चा छिड़ी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बंदूक से जुड़ी हिंसा के मामलों में एक्शन लेने की बात कही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस घटना पर दुख जताते हुए मार्च महीने के अंत तक राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने का आदेश दिया है.
स्कूल के पास रहने वाली एक महिला कैथी ने स्थानीय मीडिया को बताया, ''शुरुआती आठ या दस गोलियों की आवाज़ बहुत तेज़ थी. स्कूल हमारे घर से बस दो ब्लॉक दूर है. ये बहुत दुखद है और किसी के साथ भी हो सकता है.'
नैशविल के पुलिस चीफ़ जॉन ड्रैक ने एनबीसी न्यूज़ को बताया, ''हमलावर के रास्ते में जो कोई भी आया, उसने उन पर गोलियां चलाईं.''
पुलिस ने बताया है कि हमलावर ट्रांसजेंडर थीं. (bbc.com/hindi)
लंदन, 27 मार्च। अमेरिका में रह रहे ब्रिटेन के प्रिंस हैरी सोमवार को लंदन उच्च न्यायालय में उस समय आश्चर्यजनक रूप से पेश हुए जब उनकी निजता के उल्लंघन के मामले में एक समाचारपत्र समूह के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू हुई।
‘ड्यूक ऑफ ससेक्स’ 38 वर्षीय हैरी सेलिब्रिटी दावेदारों के उस समूह में शामिल हैं जिन्होंने कथित फोन टैपिंग के तहत "घृणित आपराधिक गतिविधि" और "निजता के घोर उल्लंघन" के लिए एसोसिएटेड न्यूजपेपर्स लिमिटेड (एएनएल) पर मुकदमा किया है। इन दावेदारों में गायक एल्टन जॉन और अभिनेत्री लिज़ हर्ले भी शामिल हैं।
'डेली मेल' अखबार की प्रकाशक एएनएल ने आरोपों को "बेतुका" करार देते हुए खारिज किया। सोमवार की प्रारंभिक सुनवाई में उनके कानूनी तर्कों पर विचार किया जाएगा और मामले में अगली कार्यवाही इसी पर निर्भर करेगी।
एएनएल के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आरोप बिना किसी विश्वसनीय साक्ष्य के आधार पर लगाए गए हैं।
चार दिवसीय प्रारंभिक सुनवाई में एएनएल दावों को बिना परीक्षण के खारिज करने की मांग कर सकती है।
अक्टूबर 2022 में कानूनी कार्यवाही की घोषणा तब की गई थी जब प्रिंस हैरी का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी फर्म हैमलिन्स ने समाचारपत्र समूह के खिलाफ कई आरोप लगाए थे। (भाषा)
न्यूयॉर्क, 27 मार्च। भारतीय मूल की सिख महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट मनमीत कोलन ने अमेरिकी राज्य कनेक्टिकट की सहायक पुलिस प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया है। वह इस पद पर आसीन होने वाली पहली एशियाई बन गई हैं।
‘न्यू हेवन इंडिपेंडेंट’ की खबर के अनुसार न्यू हेवन पुलिस विभाग (एनएचपीडी) की वरिष्ठ अधिकारी कोलन को शुक्रवार को एक समारोह में शहर के तीसरे सहायक पुलिस प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई गई।
खबर के मुताबिक मुंबई की मूल निवासी कोलन विभाग की दूसरी महिला सहायक प्रमुख जबकि पहली भारतीय सहायक प्रमुख हैं।
कोलन ने शुक्रवार को हुए समारोह में अपने सहयोगियों, परिवार और दोस्तों को धन्यवाद दिया।
खबर में कहा गया है कि कोलन 11 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका आ गई थीं और डेढ़ दशक पहले पुलिस बल में शामिल हुईं थीं। (भाषा)
लंदन, 27 मार्च इंग्लैंड और वेल्स में पुलिस द्वारा अश्वेत बच्चों को निर्वस्त्र कर जांच करने की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
बाल आयुक्त रैशेल डीसूज़ा ने पाया कि 2018 से 2022 के बीच तकरीबन तीन हजार बच्चों की निर्वस्त्र कर जांच की गई और आधे से ज्यादा मामलों में तलाशी के दौरान कोई वयस्क व्यक्ति मौजूद नहीं था।
साल 2020 में लंदन के एक स्कूल में मारिजुआना (नशीला पदार्थ) रखने के संदेह में 15 वर्षीय एक लड़की की, वयस्क जांचकर्ता की अनुपस्थिति में दो महिला अधिकारियों ने तलाशी ली थी। लड़की उन दिनों माहवारी के दौर से गुजर रही थी और उसके पास से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ थे। इसके बाद जांच शुरू की गई थी।
पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि अपमानजनक तरीके से तलाशी लेने का कारण नस्लवाद हो सकता है।
डीसूज़ा ने कहा कि रिपोर्ट में पाया गया है कि व्यापक तौर पर सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया जाता है और यह बेहद चिंताजनक चलन का सबूत है।
नई रिपोर्ट कहती है कि आठ साल तक की उम्र के बच्चों की मनोरंजन पार्क या गाड़ियों में तलाशी ली जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 2,847 बच्चों की तलाशी ली गई है उनमें एक तिहाई से ज्यादा बच्चे अश्वेत थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आबादी के हिसाब से अश्वेत बच्चों की तलाशी की संभावना अन्य की तुलना में छह गुना ज्यादा है।
डिसूज़ा ने कहा कि निर्वस्त्र कर तलाशी जरूरी हो सकती है लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए 'मजबूत सुरक्षा उपाय' भी होने चाहिए।
एक प्रवक्ता ने कहा कि गृह मंत्रालय बच्चों की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेता है। (एपी)
डेटन, 27 मार्च अमेरिका के ओहायो में रविवार को तड़के आग लगने से एक व्यावसायिक इमारत परिसर के उस हिस्से को नुकसान पहुंचा जहां राइट बंधुओं द्वारा स्थापित ऐतिहासिक हवाई जहाज कारखाना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही आग पर काबू पाने के लिए डेटन के अग्निशमन दल को देर रात करीब ढाई बजे मौके पर भेजा गया। परिसर में भीषण आग लगी थी, जिसे पानी डालकर बुझाने की कोशिश की गई।
स्थानीय अखबार ‘‘द डेटन डेली न्यूज’’ के मुताबिक आग लगने की सूचना मिलने के लगभग 12 घंटे के बाद भी दमकल कर्मी घटनास्थल पर मौजूद थे।
अखबार के मुताबिक, राइट बंधुओं के ऐतिहासिक हवाईजहाज कारखाने सहित कई इमारतों से काला धुआं और आग की लपटें निकल रही थी।
कैप्टन ब्रैड फ्रेंच ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ऐतिहासिक हवाईजहाज कारखाना राष्ट्रीय ऐतिहासिक रजिस्टर में राइट बंधुओं द्वारा स्थापित पहली विमान निर्माण सुविधा के रूप में सूचीबद्ध है।
नेशनल एविएशन हेरिटेज एरिया के कार्यकारी निदेशक मैकेंजी विटमर ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि समूह "आग लगने की घटना से बहुत दुखी है जिसने हमारी ऐतिहासिक राइट कंपनी के हवाई जहाज कारखाने को नुकसान पहुंचाया। यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर है।"
उन्होंने बताया कि अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि राइट भाइयों द्वारा नवंबर 1909 में 'राइट कंपनी' की स्थापना की गई थी जिसमें 13 विभिन्न मॉडल के लगभग 120 हवाई जहाज बनाए जा चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल, आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है और नुकसान का आकलन अभी जारी नहीं किया गया है। (एपी)
इस्लामाबाद, 27 मार्च । पाकिस्तान के गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने राजनीति को ‘दुश्मनी‘ में बदल दिया है.
राना सनाउल्लाह के मुताबिक़, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ख़ान स्थिति को ‘उस हद तक ले गए हैं, जहां या तो वो रहेंगे या हम.’
एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के गृह मंत्री ने इमरान ख़ान को आगाह किया कि उनकी सत्ताधारी पार्टी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी.
उन्होंने इमरान ख़ान को अपनी पार्टी का ‘दुश्मन’ बताते हुए कहा कि उनसे भी ‘उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा.’
राना सनाउल्लाह ने कहा कि सत्ताधारी पीएमएल- एन को लगता है कि उनका अस्तित्व ख़तरे में है और वो अपने प्रमुख विरोधी के ख़िलाफ़ किसी भी हद तक जाएगी.
पीटीआई नेता असद उमर ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. असद ने कहा, ''कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए.''
कोर्ट में इमरान ख़ान की पेशी
इमरान ख़ान पर बीते साल नवंबर में पंजाब के वज़ीराबाद में हमला हुआ था. तब उन्होंने राना सनाउल्लाह पर आरोप लगाया था. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और कई अधिकारियों पर भी आरोप लगाए थे.
सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान ख़ान के बयानों की वजह से दोनों पार्टियों को समर्थकों के बीच मतभेद पैदा हो रहे हैं.
पाकिस्तान के अख़बार डॉन ने उनके हवाले से लिखा है, “(एक दूसरे के समर्थकों के जरिए) या तो वो या हम मारे जा सकते हैं.”
क्या ऐसे बयानों से पाकिस्तान में अराजकता की स्थिति बन सकती है, इस सवाल पर गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान में पहले से ही अराजकता की स्थिति है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को आज (सोमवार को) इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेश होना है. वो लाहौर से इस्लामाबाद जा रहे हैं.
(bbc.com/hindi)
(एम. जुल्करनैन)
लाहौर, 27 मार्च। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) का ‘दुश्मन’ करार देते हुए कहा है कि ‘‘वह (इमरान) देश की राजनीति को ऐसे मोड़ पर ले आए हैं जहां या तो उनकी हत्या होगी या हमारी’’।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेहद करीबी पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता की टिप्पणी से राजनीतिक हलकों, विशेष रूप से इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में आक्रोश पैदा हो गया है।
खान पर पिछले साल नवंबर में पंजाब के वजीराबाद में एक रैली के दौरान हमला हुआ था और उन्हें गोली लगी थी लेकिन वह इस हमले में जीवित बच गए थे। खान ने अपने ऊपर इस हमले के लिए राणा सनाउल्लाह को जिम्मेदार ठहराया था।
सत्तर वर्षीय खान ने हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी के लिए दिए एक आवेदन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और खुफिया सेवा आईएसआई (इंटर सर्विस इंटेलीजेंस) के एक वरिष्ठ अधिकारी के नाम का भी उल्लेख किया था।
कुछ निजी टीवी चैनल को रविवार को दिए साक्षात्कार में सनाउल्लाह ने कहा, ‘‘या तो इमरान खान या हम मारे जाएंगे। वह अब देश की राजनीति को उस मुकाम पर ले गए हैं जहां दोनों में से एक ही रह सकता है- पीटीआई या पीएमएलएन। पीएमएलएन का पूरा अस्तित्व खतरे में है और हम उनसे हिसाब बराबर करने के लिए उनके खिलाफ किसी भी हद तक जा सकते हैं। खान ने राजनीति को दुश्मनी में बदल दिया है। खान अब हमारा दुश्मन है और उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की टिप्पणी से पाकिस्तान में अराजकता फैल सकती है, इस पर मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में पहले से ही अराजकता कायम है।’’
सनाउल्लाह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीटीआई नेता और पूर्व संघीय सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, ‘‘यह पीएमएलएन गठबंधन सरकार की ओर से खान को सीधे सीधे जान से मारने की धमकी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सनाउल्लाह गिरोह चला रहे हैं या सरकार? उच्चतम न्यायालय ने शरीफ के नेतृत्व वाले पीएमएलएन को माफिया घोषित कर सही किया था और उनका बयान इसका सबूत है।”
पीटीआई ने उच्चतम न्यायालय से इस पर संज्ञान लेने का भी आग्रह किया है क्योंकि यह खान को जान से मारने की खुली धमकी है। (भाषा)
इसराइल में पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के ख़िलाफ़ सड़कों पर हज़ारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये प्रदर्शन बिन्यामिन नेतन्याहू के अपने रक्षा मंत्री को कैबिनेट से बाहर निकालने के बाद हो रहे हैं.
योआव गैलेंट ने न्याय व्यवस्था से जुड़े बदलावों का विरोध किया था. इसराइल में बीते कुछ वक़्त से इन बदलावों का विरोध हो रहा है.
यरूशलम में पुलिस और सेना ने नेतन्याहू के आवास के पास प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन यानी पानी की तेज़ बौछारों का इस्तेमाल किया.
क़ानून में किए जा रहे ये बदलाव अगर लागू हो गए तो इससे जजों की नियुक्ति पर पूरा अधिकार सरकार के पास चला जाएगा.
न्याय व्यवस्था में प्रस्तावित सुधारों के लागू होने के बाद इसराइल की संसद के लिए देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को पलटना आसान हो जाएगा.
आलोचकों का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता को कम करेंगे और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा.
इसराइल में पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के ख़िलाफ़ सड़कों पर हज़ारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये प्रदर्शन बिन्यामिन नेतन्याहू के अपने रक्षा मंत्री को कैबिनेट से बाहर निकालने के बाद हो रहे हैं.
योआव गैलेंट ने न्याय व्यवस्था से जुड़े बदलावों का विरोध किया था. इसराइल में बीते कुछ वक़्त से इन बदलावों का विरोध हो रहा है.
यरूशलम में पुलिस और सेना ने नेतन्याहू के आवास के पास प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन यानी पानी की तेज़ बौछारों का इस्तेमाल किया.
क़ानून में किए जा रहे ये बदलाव अगर लागू हो गए तो इससे जजों की नियुक्ति पर पूरा अधिकार सरकार के पास चला जाएगा.
न्याय व्यवस्था में प्रस्तावित सुधारों के लागू होने के बाद इसराइल की संसद के लिए देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को पलटना आसान हो जाएगा.
आलोचकों का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता को कम करेंगे और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के कैलिफॉर्निया प्रांत की राजधानी सेकरामेंटो में रविवार दोपहर एक गुरुद्वारे में दो सिखों को गोली मारे जाने की घटना सामने आई है.
इन दोनों लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, स्थानीय प्रशासन ने बताया कि ये मामला नफ़रती हिंसा का नहीं है और गोलीबारी जान-पहचान के दो लोगों के बीच हुई है.
ये हमला तब हुआ, जब ब्राडशॉ सिख सोसाइटी की ओर से पहली बार सिख परेड निकाली जा रही थी.
सिख सोसाइटी के बयान के मुताबिक़, ''परेड शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ने एक धार्मिक आयोजन में खलल डालने की कोशिश की. हम उम्मीद करते हैं कि दोषियों को सज़ा मिलेगी. हमला करने वाले परेड का हिस्सा नहीं थे.''
पुलिस संदिग्ध की तलाश कर रही है. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 26 मार्च | अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया में एक चॉकलेट फैक्ट्री में विस्फोट और आग लगने से मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। विस्फोट आरएम पामर कंपनी में शुक्रवार दोपहर हुआ जो वेस्ट रीडिंग में स्थित है। विस्फोट ने एक इमारत को नष्ट कर दिया और पास में एक दूसरी इमारत को क्षतिग्रस्त कर दिया, सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा।
पेन्सिलवेनिया आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक छह लोग अभी भी लापता हैं। शुक्रवार शाम आठ अन्य लोगों को अस्पताल ले जाया गया।
पेंसिल्वेनिया में वेस्ट रीडिंग की मेयर समांथा काग ने शनिवार सुबह एक बयान जारी कर कहा, दुखद विस्फोट और जनहानि ने समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
काग ने कहा, मुझे उम्मीद है कि शेष पीड़ित सुरक्षित पाए जाएंगे और समुदाय आने वाले दिनों में त्रासदी से प्रभावित लोगों को सहायता करेंगे।
विस्फोट के कारणों की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 26 मार्च | अमेरिका स्थित खालिस्तानी अलगाववादियों पर अब अमेरिकी सरकार का ध्यान गया है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पिछले सप्ताह सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुई हिंसा पर एक ट्वीट में कहा, हम सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ हिंसा की कार्रवाई की निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा, हम दुतावास व यहां काम करने वालों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। विदेश विभाग इस मामले में उठाए जाने वाले अगले कदमों पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संपर्क में है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी एक प्रश्न के उत्तर में पहले एक समाचार ब्रीफिंग में इसी तरह की भावना व्यक्त की थी।
सैन फ्रांसिस्को हमले के लिए जिम्मेदार खालिस्तानी अलगाववादी अब चल रही जांच का लक्ष्य हो सकते हैं। वे अमेरिकी सुरक्षा और कानून प्रवर्तक एजेंसियों के रडार पर हैं।
भारत सरकार अमेरिका को खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रही है, खासकर गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ, जो न्यूयॉर्क स्थित सिख्स फॉर जस्टिस के तहत भारतीय मिशनों के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शनों के लिए जिम्मेदार रहा है।
भारत सरकार ने पन्नू को 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक आतंकवादी घोषित किया था। इसमें कहा गया था कि ये व्यक्ति विदेशी धरती से आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में शामिल हैं। वे पंजाब में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।
समझा जाता है कि भारत ने अमेरिकी अधिकारियों को इन गतिविधियों में पन्नू की भागीदारी के दस्तावेज और सामग्री प्रदान की है, यह भी समझा जाता है कि पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा उसके समर्थन का सबूत भी दिया है।
अमेरिकी सिख समुदाय में खालिस्तानी अलगाववादी हाशिये पर हैं, और उनकी संख्या भी वर्षों से घटती जा रही है। वे स्थानीय रूप से सक्रिय रहते हैं।
2013 में, उनमें से कुछ सिख कांग्रेसनल कॉकस के आयोजकों में से थे, जो सांसदों का एक द्विदलीय समूह था, जिसने पहले धर्म-आधारित कांग्रेसनल कॉकस के रूप में सुर्खियां बटोरीं। भारत सरकार ने आयोजकों के बीच खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए चिंता व्यक्त की थी।
अमेरिकी सिख समुदाय अमेरिकी कांग्रेस और प्रशासन के लिए आक्रामक रूप से पैरवी करता है, विशेष रूप से समुदाय के सदस्यों के खिलाफ बढ़ते घृणा-अपराधों के मुद्दे के समाधान करने के लिए। सिख गठबंधन और सिख कानूनी रक्षा और शिक्षा कोषइन प्रयासों का सबसे प्रभावी ढंग से नेतृत्व करते हैं। उनका खालिस्तानी अलगाववादियों से कोई लेना देना नहीं है।
अमेरिकी अधिकारियों के राडार पर होने के बावजूद अलगाववादी अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर बार-बार झंडे जलाने से लेकर महात्मा गांधी की मूर्ति को विरूपित करने तक। सैन फ्ऱांसिस्को में भारतीय मिशन पर हुआ हमला उन सबमें सबसे भयानक था। (आईएएनएस)
मास्को, 26 मार्च | रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ टेलीफोन पर बात की। कॉल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में रूसी-तुर्की साझेदारी से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, दोनों पक्षों ने शनिवार को व्यापार और आर्थिक संबंधों की सकारात्मक गतिशीलता, गैस आपूर्ति सहित संयुक्त रणनीतिक बिजली इंजीनियरिंग परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन और तुर्की में अक्कुयू परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण पर संतोष व्यक्त किया।
क्रेमलिन ने कहा कि एर्दोगन ने तुर्किये में भूकंप के बाद की स्थिति पर काबू पाने में रूस की मदद के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बर्बाद हो गए बुनियादी ढांचे और आवासीय भवनों को फिर से बनाने के लिए रूस से निर्माण सामग्री की संभावित डिलीवरी पर काम जारी रखने पर सहमत हुए। एजेंसी ने क्रेमलिन के बयान के हवाले से यह खबर दी है।
तुर्की के नेता ने इस्तांबुल समझौते का विस्तार करने के लिए रूस की सहमति का सकारात्मक मूल्यांकन किया, जो काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज के निर्यात और 60 दिनों के लिए रूसी भोजन और उर्वरकों के निर्यात से संबंधित है।
बातचीत के दौरान तुर्की-सीरियाई संबंधों के सामान्यीकरण को जारी रखने के महत्व को भी रेखांकित किया गया।
क्रेमलिन ने कहा, एर्दोगन ने इस प्रक्रिया में रूस द्वारा निभाई गई रचनात्मक मध्यस्थ भूमिका पर प्रकाश डाला। (आईएएनएस)
टोरंटो, 26 मार्च | कनाडा में सिख प्रवासी का खालिस्तानी एक छोटा सा हिस्सा हैं, लेकिन अधिकांश संघीय और प्रांतीय राजनीतिक दलों लिबरल पार्टी, कंजर्वेटिव पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी में उनका बहुत बड़ा दबदबा है। कनाडाई राजनीतिक व्यवस्था पर उनका गहरा प्रभाव उन्हें कट्टरपंथी सक्रियता में लिप्त होने की अनुमति देता है।
खालिस्तान समर्थक नेताओं ने अपने प्रभाव से अपने समर्थकों, बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों को इन पार्टियों में जगह दी और उन्हें सांसद और विधायक के रूप में चुना और यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी नियुक्त किया।
अपने राजनीतिक रसूख के कारण, खालिस्तानियों ने अपने हमदर्दों को कनाडा की विभिन्न सरकारी एजेंसियों और सेवाओं में स्थान दिलाने में भी कामयाबी हासिल की है।
नाम न छापने की शर्त पर ब्रैम्पटन के एक सिख कारोबारी कहते हैं, खालिस्तानियों का काम करने का तरीका सरल है: गुरुद्वारों पर नियंत्रण। वे ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांतों में प्रमुख गुरुद्वारों पर कब्जा करने में कामयाब रहे हैं, जहां कनाडा में अधिकांश सिख रहते हैं।
उनका कहना है कि खालिस्तानियों का सारा राजनीतिक रसूख गुरुद्वारों पर उनके नियंत्रण से है क्योंकि ये धार्मिक स्थल सिख समुदाय के सबसे बड़े सभा केंद्र हैं।
गुरुद्वारों पर नियंत्रण खालिस्तानियों को काफी क्वाउट देता है। वोट और चंदे के लिए सभी तरह के राजनेता उनके पास दौड़ते हैं।
अनुभवी पंजाबी पत्रकार बलराज देओल कहते हैं, राजनेता वोट और चंदा चाहते हैं, और खालिस्तानी उन्हें बहुतायत में वोट और नोट देते हैं। इस तरह खालिस्तानियों ने कनाडा में नेताओं और मेयरों के साथ गहरा गठजोड़ बना लिया है।
उनका कहना है कि इस सांठगांठ ने खालिस्तानियों को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कनाडा की राजनीतिक व्यवस्था का फायदा उठाने की अनुमति दी है।
ब्रैम्पटन में रहने वाले मॉर्गेज ब्रोकर का कहना है कि वह केवल अपने उपनाम गिल से पहचाना जाना चाहता था। खालिस्तानियों ने अपने बेटों और बेटियों को सभी राजनीतिक दलों में महत्वपूर्ण पदों पर बिठाने, उन्हें सांसद बनाने और मंत्री पद दिलाने में कामयाबी हासिल की है। दो कैबिनेट मंत्रियों के पिता खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं। ब्रैम्पटन क्षेत्र के एक सांसद के पिता भी कट्टरपंथियों के हमदर्द थे।
उनका कहना है कि वोटों और नोटों (चंदा) के लालच में नेताओं ने कट्टरपंथियों के एजेंडे को नजरअंदाज कर दिया है। राजनेता खालिस्तानियों को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि सिख टोरंटो और वैंकूवर क्षेत्रों में सबसे तेजी से बढ़ते जातीय समूहों में से एक हैं। राजनेताओं को उनके वोटों की आवश्यकता है। गुरुद्वारों के अपने नियंत्रण के माध्यम से, खालिस्तानी कट्टरपंथी उन्हें वोट देते हैं। वे सभी राजनीतिक दलों के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवक हैं।
टोरंटो और वैंकूवर क्षेत्रों में प्रमुख गुरुद्वारे उनके नियंत्रण में हैं और उनके समर्थन से कई इंडो-कनाडाई सांसद चुने जा रहे हैं, कनाडा में खालिस्तानी निकट भविष्य में अपनी भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखेंगे। (आईएएनएस)
बीजिंग, 26 मार्च। होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद होंडुरास के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए।
ताइवान को अब वेटिकन सिटी समेत केवल 13 संप्रभु देश मान्यता देते हैं।
चीन के सरकारी मीडिया ‘सीसीटीवी’ ने होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा की। इससे पहले होंडुरास और ताइवान सरकारों ने अलग-अलग घोषणा की कि वे संबंधों को समाप्त कर रहे हैं।
होंडुरास के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘होंडुरास गणराज्य की सरकार दुनिया में केवल एक चीन के अस्तित्व को मान्यता देती है और चीन सरकार एकमात्र वैध सरकार है जो पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करती है।’’
उसने कहा, ‘‘ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है और होंडुरास सरकार ने राजनयिक संबंधों को समाप्त करने के बारे में ताइवान को सूचित किया है। उसने ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करने का संकल्प लिया।’’
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने रविवार को बताया कि ताइवान ने ‘‘अपनी संप्रभुता एवं गरिमा की रक्षा’’ के लिए होंडुरास के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर लिया है।
ताइवान के राष्ट्रपति के कार्यालय की प्रवक्ता ओलिविया लिन ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध 80 साल से अधिक समय तक रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन लंबे समय से ताइवान के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान को कमतर करता आया है और वह एकतरफा रूप से क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता को खतरे में डालता है।’’
होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब स्वशासित ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख समेत कई मामलों पर चीन एवं अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस कदम के बाद ताइवान को संप्रभु देश मानने वाले देशों की संख्या कम होकर केवल 13 रह गई है।
साई इंग वेन के मई 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ताइपे ने अपना नौवां राजनयिक सहयोगी गंवाया है।
चीन की सत्तारूढ़ सरकार का दावा है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार का कहना है कि यह पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है। (एपी)
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 26 मार्च। पाकिस्तान के लाहौर को देश के शेष हिस्से से काटने और शहर में कंटेनर लगाने के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार रात मीनार-ए-पाकिस्तान पर एक बड़ी रैली करने में कामयाब रहे।
देश के मीडिया ने पीएमएल-एन नीत सरकार के ‘दबाव’ की वजह से कार्यक्रम का प्रसारण नहीं किया। सरकार को सेना का समर्थन हासिल है।
खान ने बुलेट-प्रूफ शीशे के पीछे खड़े होकर रैली को संबोधित किया। खान पर पूर्व में हमला हो चुका है। ऐतिहासिक पार्क में बड़ी संख्या में महिलाएं भी जुटी थीं।
खान की रैली को विफल करने के लिए पुलिस ने मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को कंटेनर और अवरोधक लगाकर बंद कर दिया था।
इन बाधाओं की वजह से लोग लंबी दूरी पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
इस रैली से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी के 2,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और प्रताड़ित करने के लिए पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार और उसके आकाओं (परोक्ष तौर पर सेना) को आड़े हाथों लेते हुए इमरान खान ने कहा, “ एक बात तो साफ है कि सत्ता में जो भी होगा, उसे आज संदेश जाएगा कि लोगों के जुनून को बाधाओं और कंटेनर से नहीं दबाया जा सकता।”
उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से कहा कि अगर उनके पास देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने के लिए कोई एजेंडा है तो वह (खान) घर बैठने के लिए तैयार हैं।
खान ने यह भी कहा, “ पाकिस्तान में आज सत्ता के गलियारे जिस तरह से बर्ताव कर रहे हैं, उससे लगता है कि देश की एकमात्र समस्या इमरान खान ही हैं।”
खान ने आर्थिक समृद्धि के लिए अपनी पार्टी का खाका भी पेश किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि देश को अपने कर संग्रह और निर्यात में सुधार के लिए मुश्किल फैसले लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "हमारे घर को व्यवस्थित करने के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है। प्रवासी पाकिस्तानी अपने डॉलर देश में लाएंगे बशर्ते उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए।”
उन्होंने कहा कि 22 करोड़ पाकिस्तानियों में से सिर्फ 25 लाख लोग ही कर देते हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में उनकी सरकार गिराने के बाद देश पर चोरों के गिरोह को थोपा गया है।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या ने शतक पूरा कर लिया है और “ हो सकता है कि यह संख्या 150 को भी पार कर जाए। इस देश में गरीब अपनी पूरी जिंदगी झूठे मुकदमे लड़ने में गुजार देते हैं। अगर कानून का शासन नहीं होगा तो पाकिस्तान का कोई भविष्य नहीं है।”
खान ने कहा कि असली आजादी तभी आएगी जब देश में कानून का राज कायम होगा।
सत्तर वर्षीय पीटीआई अध्यक्ष खान ने दुनिया भर में भीख मांगने के लिए बावजूद राहत नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आलोचना की।
शहबाज पर तंज कसते हुए खान ने कहा, "पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा था कि वह शहबाज को 40 मिनट तक डांटते थे और वह कोई जवाब नहीं देते थे और धैर्य से सुनते थे। ऐसा तब होता है जब आप (शहबाज) पिछले दरवाजे से सत्ता में आते हैं।”
पूर्व क्रिकेटर खान ने कहा कि उन्हें पहली बार वैसा महसूस हुआ जैसा फलस्तीनी महसूस करते हैं। खान ने कहा, “ उन्होंने (सरकार ने) मेरे खिलाफ आतंकवाद के 40 मामले दर्ज किए हैं। क्या देश यह मानेगा कि इमरान खान एक आतंकवादी है?”
खान ने कहा कि सरकार और उनके आकाओं का एकमात्र एजेंडा उन्हें सत्ता में वापस आने से रोकना है। (भाषा)
मॉस्को, 26 मार्च। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस में सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती करने की अपनी योजना की घोषणा की।
इस घोषणा को यूक्रेन में सैन्य सहयोग बढ़ा रहे पश्चिमी देशों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। अधिक शक्तिशाली, लंबी दूरी के रणनीतिक परमाणु हथियारों के विपरीत सामरिक परमाणु हथियारों का उद्देश्य युद्ध के मैदान में उपयोग करना होता है।
पुतिन ने कहा कि यह योजना यूक्रेन को ‘डिप्लेटेड यूरेनियम’ वाला गोला-बारूद देने की ब्रिटेन की योजना की जवाबी प्रतिक्रिया है। पुतिन ने पहले दावा किया था कि ये गोला-बारूद परमाणु घटक से लैस हैं। बहरहाल, उन्होंने बाद में अपने लहजे को नरम किया, लेकिन रूस के नेता ने शनिवार रात एक सरकारी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित साक्षात्कार में कहा कि ये हथियार यूक्रेन में सैन्य बलों एवं असैन्य नागरिकों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा करते हैं।
पुतिन ने कहा कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जैंडर लुकाशेंको उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों से घिरे होने के कारण काफी समय से इन हथियारों की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बेलारूस में इन हथियारों के भंडारण के लिए उचित ढांचों का निर्माण एक जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।
रूस ने यूक्रेन में सेना भेजने के लिए बेलारूस के क्षेत्र का इस्तेमाल किया है। कीव पर आक्रमण के बीच मॉस्को और मिन्स्क ने करीबी सैन्य संबंध बरकरार रखे हैं।
एपी सिम्मी नोमान नोमान 2603 0841 मॉस्को (एपी)
पाकिस्तान के पंजाब सूबे में पिछले कुछ दिनों में सरकारी वितरण केंद्रों से मुफ़्त का आटा लेने की कोशिश के दौरान कम से कम चार बुज़ुर्गों की मौत हो गई, जबकि कई बेहोश हो गए.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है.
उन्होंने बताया कि मुल्तान, मुज़फ्फरगढ़ और फै़सलाबाद शहरों में ये घटनाएं हुई हैं.
अधिकारी के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुफ़्त का आटा लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट रही है, जबकि इसे बांटने के लिए बने सरकारी वितरण केंद्रों पर सुविधाओं की कमी है.
उन्होंने बताया, "मरने वालों में से दो की मौत भगदड़ के कारण हुई और दो अन्य की मौत घंटों तक कतार में खड़े रहने के कारण हुई."
दूसरी ओर पुलिस ने वहां जुटे लोगों को कतार में खड़ा करने के लिए उन पर लाठीचार्ज भी किया.
ख़बरों के अनुसार, पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से जारी बेतहाशा महंगाई से गरीबों को राहत देने के लिए मुफ़्त में आटा बांटने की योजना शुरू की गई है.(bbc.com/hindi)
अमेरिका के दक्षिण राज्य मिसिसिपी में आए घातक बवंडर से अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं.
इस बीच रविवार तड़के अलबामा और जॉर्जिया के कई हिस्सों में और तूफ़ान आने और ओले गिरने का पूर्वानुमान लगाया गया है.
बवंडर थमने के बाद यहां राहत और बचाव कार्य जारी है.
मिसिसिपी राज्य के गवर्नर टेट रीव्स ने इस आपदा से हुई तबाही को देखते हुए राज्य में आपातकाल लगाने का एलान किया है.
इस बवंडर ने कई ग्रामीण इलाक़ों को बर्बाद कर दिया है. पश्चिमी मिसिसिपी की शार्की काउंटी स्थित रोलिंग फोर्क नामक कस्बा तो क़रीब-क़रीब मिट ही चुका है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मिसिसिपी से आने वाली तस्वीरों को ‘दिल दहला देने वाली’ तस्वीरें कहा है और कहा है कि उनकी सरकार इस आपदा से उबरने में मदद देने की हरसंभव कोशिश करेगी.
उन्होंने कहा, ‘जब तक ज़रूरत होगी हम वहां रहेंगे. हम आपके सामान्य होने के लिए ज़रूरी सहायता देने के लिए मिलकर काम करेंगे.
सबसे ज़ोरदार बवंडर ने कई कस्बों में खड़ी दर्जनों इमारतों को तहस-नहस कर दिया.
तेज़ हवा के कारण कई इलाक़ों में कारें पलट गई हैं और बिजली के खंभे और तार गिर गए हैं. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के फ्लोरिडा के एक स्कूल में छात्रों को माइकल एंजेलो की बनाई गई एक मूर्ति दिखाए जाने पर स्कूल की प्रिंसिपल से जबरदस्ती इस्तीफा ले लिया गया.
बीबीसी न्यूज़ की ख़बर के मुताबिक़ स्कूल में पुनर्जागरण काल की क्लास से संबंधित एक पाठ के दौरान छात्रों को माइकल एंजेलो की बनाई गई डेविड की मूर्ति दिखाई गई.
इसके बाद छठी क्लास में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट के माता-पिता ने शिकायत की कि उनके बच्चे को पोर्नोग्राफी दिखाई गई.
एक बच्चे के माता-पिता की शिकायत थी कि बच्चों को जो चीज दिखाई गई वो पोर्नोग्राफी से जुड़ी है.
वहीं, दो अन्य बच्चों के पैरेंट्स ने जानना चाहा कि किस क्लास के बच्चों को ये पढ़ाया जा रहा था.
माइकल एजेंलो की बनाई गई डेविड की ये मूर्ति काफी प्रसिद्ध है.
17 फीट ऊंची ये प्रतिमा नग्न डेविड की है. यह बाइबिल का एक पात्र है जो दैत्याकार गोलिएथ को मार डालता है.
स्कूल में दस से ग्यारह साल के बच्चों को इसकी जानकारी दी गई थी.
बच्चों के मां-बाप को शिकायत के बाद टलाहासी क्लासिकल स्कूल की प्रिंसिपल होप कारसक्विला ने बताया कि इस मामले के बाद स्कूल बोर्ड ने कहा कि वो इस्तीफा दे दें नहीं तो उन्हें हटा दिया जाए.
इसके बाद प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया. (bbc.com/hindi)