राष्ट्रीय
मुंबई, 3 फरवरी| बॉलीवुड स्टार कंगना रनौत ने भारत के किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को मूर्ख और बिगड़ैल लड़की कहा। ग्रेटा ने बुधवार सुबह ट्वीट किया, "हम भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन में उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।"
ग्रेटा का ट्वीट सीएनएन वेबसाइट पर एक समाचार के लिए प्रतिक्रिया में आया है, जिसमें लिखा है, "भारत में नई दिल्ली के चारों ओर इंटरनेट काट दिया जाता है, क्योंकि आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो जाती है।"
ग्रेटा के ट्वीट का जवाब देते हुए, कंगना ने ट्विटर पर लिखा, "कोईफैंसी एक्टिविस्ट वास्तविक पर्यावरणविद् हमारी अपनी दादी के बारे में बात नहीं करेगा .. लेकिन वे निश्चित रूप से मूर्ख और बिगड़ैल लड़की ग्रेटा थनबर्ग को प्रमोट करेंगे? जिसे पूरी लेफ्ट लॉबी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और बदले में उसने स्कूल और पढ़ाई छोड़ रखी है।"
यहां कंगना का 'दादी' से मतलब कोयम्बटूर की एक ऑर्गेनिक किसान 105 वर्षीय आर पप्पम्मल से है, जिन्हें इस वर्ष कृषि के लिए पद्श्री से सम्मानित किया गया।
इससे पहले, मंगलवार को आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीएनएन के न्यूज पीस ने अंतर्राष्ट्रीय पॉप सनसनी रिहाना को लिखने के लिए प्रेरित किया था, "हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? किसानों का विरोध प्रदर्शन।"
कंगना ने तुरंत पलटवार करते हुए रिहाना को मूर्ख और बिगड़ैल कह दिया। (आईएएनएस)
-सौरभ शुक्ला
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान उसके कुछ साथी 'लापता' हैं. SKM के सदस्य राजेंदर सिंह दीपसिंह वाला ने कहा कि गायब हुए अपने साथियों का जानकारी हासिल करना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि पाकिस्तान, चीन भी इस बारे में जानकारी सामझा करते हैं. दीपसिंह वाला ने कहा कि हम कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले थे और हमारे जिन साथियों का पता नहीं चल पा रहा है उसकी सूची सौंपी है.किसान नेता ने कहा कि सीएम ने हमें 115 की लिस्ट दी है जो जेल में बंद हैं, इसके बावजूद 18 से अधिक किसानों का पता नहीं चल पा रहा है. हम यह नहीं कर रहे कि ये साथी दोषी है या निर्दोष लेकिन हमारे हर साथी को अपना पक्ष रखने के लिए वकील उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
राजेंदर सिंह ने सरकार और दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भी विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बारे में भारत को बताया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली से लगी सीमा पर कील और कंटीली फेंसिंग लगाकर हमें अलग-थलग कर दिया.सरकार को बातचीत के लिए उपयुक्त माहौल बनाना चाहिए.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि उनकी सरकार प्रदर्शन स्थलों से गायब हुए किसानों की तलाश में मदद करेगी और जरूरत पड़ने पर उप राज्यपाल और केन्द्र से भी संपर्क करेगी. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यहां 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में विभिन्न जेलों में बंद 115 लोगों के नामों की सूची भी सार्वजनिक करेगी. उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम 115 प्रदर्शनकारियों के नामों की सूची जारी कर रहे हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस पर हिंसा के संबंध में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जो विभिन्न जेल में बंद हैं. हमारी सरकार लापता हुए प्रदर्शनकारियों का पता लगाने का हरसंभव प्रयास करेगी और जरूरत पड़ने पर मैं उप राज्यपाल और केन्द्र सरकार से बातचीत करूंगा.'' गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कानूनी टीम के एक प्रतिनिधि दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और 29 लापता किसानों के नामों की सूची उन्हें सौंपी थी, इसमें किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ कथित साजिश की न्यायिक जांच कराने और जेल में बंद लोगों की जांच के लिए चिकित्सकीय बोर्ड के गठन की मांग भी की गई थी. (भाषा से भी इनपुट)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर किए ट्वीट के सिलसिले में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली पुलिस ने थरूर, सरदेसाई, द कारवां और अन्य के खिलाफ 30 जनवरी को शहर के निवासी चिरंजीव कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया था, जिन्होंने दावा किया था कि थरूर और अन्य लोगों ने मध्य दिल्ली के आईटीओ में एक किसान की मौत पर लोगों को 'गुमराह' किया, जब हजारों किसानों ने इस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया था।
इससे पहले, थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया था।
पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने भी गणतंत्र दिवस की हिंसा पर भ्रामक ट्वीट पोस्ट करने के आरोप में उनके खिलाफ दायर मामलों को चुनौती देने के लिए मंगलवार शाम को शीर्ष अदालत का रुख किया।
मध्य प्रदेश पुलिस ने भी इस संबंध में कथित भ्रामक ट्वीट्स को लेकर थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
26 जनवरी को, प्रदर्शनकारी किसानों का एक वर्ग अपनी ट्रैक्टर रैली के लिए सहमत मार्ग से भटक गया और राजधानी के कई हिस्सों में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 3 फरवरी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे. पी. नड्डा बुधवार को राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले दो दिवसीय दौरे पर केरल की राजधानी पहुंचे। केरल में अप्रैल महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। नड्डा चुनाव में पार्टी के लिए रणनीति विकसित करने के लिए वरिष्ठ भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेताओं के साथ बैठक सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 2016 के चुनावों में भाजपा पहले से ही निमोम में अपना खाता खोल चुकी है और पार्टी न्यूनतम 10 से 15 सीटें जीतना चाहती है।
यही नहीं, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि पार्टी अप्रत्याशित रूप से प्रदर्शन करते हुए और अधिक सीटें जीतने में भी कामयाब हो जाए। पार्टी द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया है कि वह राज्य में न्यूनतम 10 सीटें जीत सकती है और अगर वह सभी सामाजिक और राजनीतिक कोणों को ध्यान में रखते हुए एक जमीन पर एक अच्छी लड़ाई लड़ती है तो पार्टी 25 सीटों पर भी जीत दर्ज कर सकती है।
नड्डा व्यापारिक नेताओं और राजधानी के अभिजात वर्ग के साथ रात्रिभोज की बैठक में भाग लेंगे। नड्डा मोदी सरकार को लेकर प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगे और इसके साथ ही राज्य के सामने जो ज्वलंत मुद्दे हैं, उन पर भी चर्चा होगी।
आरएसएस नेतृत्व और गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत के दौरान राज्य पार्टी नेतृत्व नड्डा को प्रदेश में पार्टी द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में भी जानकारी देगा।
नड्डा गुरुवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए त्रिशूर जाएंगे। वह गुरुवार को बाद में दिल्ली लौट जाएंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना को किसान प्रदर्शन के संबंध में ट्वीट करने के मामले में जांच में शामिल होने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी किया है। स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने यह नोटिस स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मद्देनजर जारी की है।
भयाना ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ ट्वीट्स पोस्ट किए थे, जो कथित रूप से फर्जी थे। पुलिस उनसे ट्वीट्स के स्रोत के बारे में जानना चाहती है।
दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 60 किसान नेताओं सहित 270 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। अपराध शाखा ने कई किसान नेताओं से फोन पर भी संपर्क किया है, उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद, पुलिस ने विभिन्न थानों में 44 मामले दर्ज करने के अलावा, दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। (आईएएनएस)
जींद (हरियाणा), 3 फरवरी | बीकेयू नेता राकेश टिकैत बुधवार को हरियाणा के जिंद में समर्थन जुटाने और किसान आंदोलन में तेजी लाने के लिए यहां एक किसान महापंचायत को संबोधित करने एक गांव पहुंचे, जहां उनका हजारों लोगों ने शानदार स्वागत किया और उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित की। टिकैत के साथ प्रदेश भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी मौजूद थे।
'महापंचायत' के आयोजक कंडेला 'खाप' के अध्यक्ष टेक राम ने कहा कि सभी 'खाप' या सामुदायिक कोर्ट इसमें भाग ले रहे हैं।
उन्होंने मीडिया को बताया, "हमने 50,000 लोगों की उपस्थिति के लिए व्यवस्था की है।"
'महापंचायत' में भाग लेने से एक दिन पहले टिकैत ने कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान सरकार की बात नहीं मानेंगे, तो अखिल भारतीय ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
इससे पहले भी कंडेला किसानों के आंदोलन का केंद्र रहा है। किसानों ने 2002 में कंडेला से बिजली बकाया की माफी की मांग को लेकर आंदोलन चलाया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | राज्यसभा में बुधवार को तीनों किसान कानूनों पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर किसानों के मसले पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की बात मान ली होती तो आज यह संकट न खड़ा होता। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर देश की पार्लियामेंट और पाकिस्तान बार्डर से भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था क्यों है? क्या किसान दिल्ली पर हमला करने वाले हैं? समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने बुधवार को कृषि कानूनों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "अगर डेढ़ साल तक कानूनों को होल्ड करने के लिए सरकार राजी है तो फिर तीनों कानूनों को इस सत्र में खत्म कर नए बिल लाकर उसे स्टैंडिंग कमेटी के माध्यम से क्यों नहीं पास कराया जाता। अगर तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की आपने विपक्ष की मांग मान ली होती तो यह संकट न आता।"
सपा सांसद ने कहा कि हमारे किसान कई महीनों से बैठे हुए हैं। सर्दी, भूख और अन्य कारणों से तमाम किसानों की जान जा चुकी है। सरकार ऐसी निर्दयी और बेहरम हो गई है कि उसके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर सड़कों पर कील लगाने और कंक्रीट की दीवारें बनाए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "दिल्ली-गाजीपुर, टीकरी हो या सिंधु बोर्डर हो। सड़क खोदकर कंक्रीट की दीवारें बना दी गई हैं। इतनी सुरक्षा तो हमारी पार्लियामेंट में भी नहीं है। पाकिस्तान बॉर्डर गया हूं, वहां भी इतनी सुरक्षा नहीं है।"
राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा, "मेरा ये सवाल है कि आप कहते हैं कि हम किसानों के लिए कानून लाएं। किसान कहते हैं कि हमारे लिए ठीक नहीं है तो फिर आप क्यों कानूनों को थोप रहे हो। आर्डिनेंस आ गए थे जून में। बाद में विधेयक आया। मैं आपको एमएसपी का उदाहरण देता हूं। पिछले साल जब अध्यादेश नहीं आया था, तब हमारे यहां मक्का का भाव 22 सौ रुपये क्विंटल था। जब अध्यादेश लागू कर दिया तो 11 सौ रुपये क्विंटल हो गया, जबकि मक्के की एमएसपी की हाईब्रिड की 2660 रुपये और सामान्य मक्का की 1860 रुपये प्रति क्विंटल है।" (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 3 फरवरी | केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व मुख्य सचिव, एम. शिवशंकर को डॉलर की तस्करी के मामले में एर्नाकुलम स्थित आर्थिक अपराध विशेष अदालत से जमानत मिल गई। वरिष्ठ नौकरशाह को पहले ही सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जमानत मिल चुकी है।
तीसरे मामले में, उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में डॉलर की तस्करी के लिए आरोपी बनाया गया था। कस्टम की दलीलों पर उनकी कानूनी टीम द्वारा बहस किए जाने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
शिवशंकर 98 दिनों के बाद बुधवार को एर्नाकुलम की कक्कानाड सब-जेल से बाहर आएंगे। उन्हें 2 लाख रुपये के बांड और इचनी ही राशि के दो व्यक्तिगत प्रतिभूतियों को भरने के बाद जमानत दी गई। उन्हें हर सोमवार को जांच अधिकारी के सामने भी उपस्थित होना होगा।
शिवशंकर मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रभावशाली नौकरशाह थे। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और माकपा नौकरशाह से दूरी बना चुके हैं। पहली आरोपी स्वप्ना प्रभा सुरेश और दूसरा आरोपी पी.एस. सरिथ अभी भी जेल में हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उन्हें किसानों की एक सूची मिली है, जिन्हें गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद दिल्ली में विभिन्न जेलों में डाल दिया गया था। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि आंदोलनकारी किसान नेताओं के एक समूह ने मंगलवार शाम को उनसे संपर्क किया और इन लापता किसानों को खोजने में मदद मांगी।
दिल्ली सरकार ने एक सूची भी सर्कुलेट की है, जिसमें 115 किसानों के नाम हैं, जो कथित रूप से लापता थे।
उन्होंने कहा, "किसान नेताओं के एक समूह ने इन लापता किसानों को खोजने के लिए दिल्ली सरकार की मदद लेने के लिए कल मुझसे संपर्क किया। इन किसानों के परिजन तनावग्रस्त हैं और वे उनसे संपर्क करने में सक्षम नहीं हैं। दिल्ली सरकार उन लापता किसानों के नाम प्रसारित कर रही है, जो राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जेलों में बंद हैं।"
इस बीच, केजरीवाल ने किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्र से मिलकर इन किसानों को उनके परिवारों से मिलवाएंगे। (आईएएनएस)
भोपाल, 3 फरवरी | केद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन चल रहा है, दिल्ली के करीब उनका डेरा है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेष के कृषि मंत्री कमल पटेल इन कानूनों के समर्थन में मुहिम चलाए हुए हैं और अब वे कानून का विरोध करने वाले किसानों की सद्बुद्धि के लिए उपवास करने वाले हैं। किसान नेताओं ने इस उपवास पर तंज सकते हुए कहा कि सत्य के खिलाफ बोलने वालों का क्या हश्र हुआ इससे सीख लें पटेल तो अच्छा होगा। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते दो माह से ज्यादा समय से किसान आंदोलनरत हैं। किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को रद्द कर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरुप दिया जाए। देश के विभिन्न हिस्सों के साथ दिल्ली में यह आंदोलन व्यापक स्तर पर चल रहा है, मगर मध्य प्रदेश में हल्के-फुल्के आंदोलन चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिवराज सरकार के कृषि मंत्री पटेल कृषि कानूनों के समर्थन में आंदोलन चलाए हुए हैं।
पटेल ने कृषि कानूनों को किसान हित में बताते हुए किसान संगठनों और आंदोलन का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों की सद्बुद्धि के लिए चार फरवरी को हरदा में नर्मदा नदी के नाभि स्थल पर उपवास रखने का ऐलान किया है।
पटेल ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और इस आंदोलन को हवा दे रहे राजनीतिक संगठनों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है और ऐलान किया है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की सद्बुद्धि के लिए वह 4 फरवरी को हरदा में मां नर्मदा के नाभि स्थल पर एक दिन का उपवास रखकर प्रार्थना करेंगे।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार गांव में संपत्ति का स्वामित्व दिया गया है, कृषि कानून बनाकर किसानों को उद्योग, व्यापार के क्षेत्र में बराबरी पर लाने का प्रयास किया गया है, इसमें व्यवधान डालने से बाज आना चाहिए, देश तरक्की की राह पर है इसे चलने देना चाहिए।
पटेल इससे पहले किसान कानूनों की खूबियां बताने के लिए गांव-गांव में चौपाल लगा चुके हैं। इतना ही नहीं वे लगातार किसानों को कानून की खूबियां बता रहे हैं। वहीं विरोध करने वालों से खुली बहस को तैयार हैं। उनका कहना है कि कानूनों मंे कोई कमी लगती है तो केंद्र सरकार इसमें संशोधन को भी तैयार है।
कृषि मंत्री पटेल के उपवास को लेकर किसान नेता केदार शंकर सिरोही ने कहा, सत्य के खिलाफ, मंदसौर किसान आंदोलन को दबाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज ने उपवास किया। नतीजा-भाजपा हार गई।
सत्य के खिलाफ इमरती देवी ने ग्वालियर में उपवास किया। नतीजा- इमरती हार गई। अब सत्य के खिलाफ, देश के किसान आंदोलन को दबाने के लिए जाट नेता कृषि मंत्री कमल पटेल मां नर्मदा की गोद मे उपवास करने वाले हैं, नतीजा क्या होगा? मां नर्मदा जाने। (आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र) 3 फरवरी | एक राजनीतिक उठापटक के बीच, महाराष्ट्र पुलिस ने छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ विवादास्पद हिंदू-विरोधी बयान, अन्य टिप्पणियों और सांप्रदायिक भावना भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बुधवार सुबह स्वारगेट पुलिस स्टेशन ने मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव, एडवोकेट प्रदीप गावड़े की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की।
30 जनवरी को यहां आयोजित एल्गार परिषद में बोलते हुए, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक पूर्व छात्र नेता उस्मानी ने कुछ टिप्पणी की थी, जिसके बार में शिकायतकर्ता ने कहा कि हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है।
उस्मानी ने अन्य बातों के अलावा कहा, "आज का हिंदू समाज हिंदुस्तान में बुरी तरह सड़ चुका है।"
इन टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति के साथ शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद स्वारगेट पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की, जो सांप्रदायिक घृणा फैलाने से संबंधित है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (विधानसभा) और प्रवीण दरेकर (परिषद) ने मांग करते हुए कहा कि उस्मानी पर उनके बयानों के लिए राजद्रोह के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
भाजपा ने एक अल्टीमेटम में चेतावनी भी दी कि अगर 48 घंटे के भीतर उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने भी उस्मानी के बयान पर नाराजगी जताई, जबकि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आश्वासन दिया था कि अगर छात्र नेता के बयानों में कुछ भी आपत्तिजनक पाया गया, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
उस्मानी को इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2019 में सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान एएमयू परिसर के बाहर हुई झड़पों में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 3 फरवरी | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीआईडी केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गई है। ये एजेंसी कश्मीरियों को आतंकित करने और उन्हें झूठा फंसाने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए गए पीडीपी नेता वहीद पारा को झूठे आरोपों को स्वीकार करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।
महबूबा ने ट्वीट किया, जम्मू-कश्मीर सीआईडी उन केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गई है जो कश्मीरियों को आतंकित करने और उन्हें झूठा फंसाने का काम करती हैं। पारा के खिलाफ आरोपों को विफल करने में नाकाम रहने के बाद, सीआईडी ने एसआईटी की जगह ली, क्योंकि उनके मनगढ़ंत आरोपों को मानने से इनकार कर दिया है।
वहीद को झूठे आरोपों को स्वीकार करने के लिए सताया और प्रताड़ित किया जा रहा है। चूंकि उन्होंने स्वीकार नहीं किया, इसलिए उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रखा जा रहा है। यह जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित है।
जनवरी में एनआईए अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद पारा को हिरासत में लिया गया था।
उन्हें 25 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व पुलिस अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 3 फरवरी | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत ने अगले 7-8 वर्षों में सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है। यहां 'एयरो इंडिया' शो में बोलते हुए, मंत्री ने कहा, "हमने हाल ही में अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बड़े और जटिल रक्षा प्लेटफार्मों का घरेलू विनिर्माण अब हमारी नीति के तहत आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्रित हो गया है। सैन्य आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की हमारी योजना है।"
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता और निर्यात के दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2024 तक एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत कई मित्र देशों को रक्षा उपकरणों का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता रखता है। मंत्री ने कहा, "हमारे पास एक मजबूत और विविधतापूर्ण सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम क्षेत्र है, जिसकी 5,000 से अधिक सक्रिय इकाइयां हैं।"
'एयरो इंडिया' के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण में एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, कि यह अवसर एक बढ़ती मांग, बेहतर नवाचार, अनुकूल नीतियों और रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण क्षेत्र में परिपक्व पारिस्थितिकी तंत्र के संगम के रूप में आता है।
मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र में, एयर शो और विमानन प्रदर्शनी सबसे चमकीले गैलेक्सी में से एक है जो विभिन्न प्रकार के विकल्प, समाधान, साझेदारी और अवसर प्रदान करते हैं।
सिंह ने मालदीव, यूक्रेन, गिनी, ईरान, कोमोरोस और मेडागास्कर के रक्षा मंत्रियों का आभार व्यक्त किया, जो इस अवसर पर उपस्थित थे, और अन्य वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
80 से अधिक विदेशी कंपनियों, रक्षा मंत्रियों और प्रतिनिधियों, सेवा प्रमुखों और 55 से अधिक देशों के अधिकारियों सहित लगभग 540 प्रदर्शक इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह वैश्विक समुदाय के बढ़ते आशावाद को दर्शाता है।"
सिंह ने यह भी कहा कि एयरोस्पेस और इंजीनियरिंग फर्मों द्वारा विकसित मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला, एक निवेशक-हितैषी सरकार, सरलीकृत प्रक्रियाओं और सिंगल-विंडो तंत्र के माध्यम से फास्ट-ट्रैक व्यापार की मंजूरी के साथ कर्नाटक को उद्योग के लिए एक बहुत ही आकर्षक गंतव्य बनाती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि सरकार किसानों से न उलझे, क्योंकि वे देश की रीढ़ की हड्डी हैं। कांग्रेस ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि किसान आंदोलन की वजह से अंग्रेजों को भी कुछ कानूनों को वापस करना पड़ा था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "कांग्रेस चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ थी, लेकिन किसानों से उलझना अच्छी बात नहीं है।"
उन्होंने कहा, "जब अंग्रेजों ने कई कानूनों को वापस ले लिया, तो हम क्यों नहीं ले सकते। मैं प्रधानमंत्री से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और 26 जनवरी की घटना के बाद लापता हुए लोगों का पता लगाने का अनुरोध करता हूं।"
कांग्रेस नेता ने लाल किले की घटना की निंदा की और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान नेताओं पर फर्जी मामले नहीं लगाए जाने चाहिए।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।
कश्मीर पर बोलते हुए आजाद ने कहा, "जब वहां राज्य सरकार थी, तब बहुत विकास हुआ था, आतंकवाद कम था और कानून व्यवस्था की समस्या कम थी।"
उन्होंने कहा, "राज्य में पर्यटन बहुत कम हो गया है और लोग घर बैठे हैं। राज्य में शिक्षा समाप्त हो गई है, स्कूलों के बिना विकास कैसे हो सकता है। साथ ही इंटरनेट समस्या के कारण ऑनलाइन कक्षाएं संचालित नहीं की जा सकती।"
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव कराने के लिए सरकार को बधाई दी। कांग्रेस नेता ने कहा कि धारा 370 के खत्म होने से लोग नाखुश हैं।
आजाद ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य बनाने और चुनाव कराने का अनुरोध करता हूं।"
इससे पहले, विपक्ष विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा से पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए सहमत हो गया और सर्वसम्मति से चर्चा का समय बढ़ाने का निर्णय लिया गया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में कथित भूमिका के लिए दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह के बारे में सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का नकद ईनाम देने की घोषणा की है। इसके लिए पुलिस ने जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह के बारे में सूचना देने वालों के लिए 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पंजाबी फिल्मों के एक्टर दीप सिद्धू को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस की टीमें पंजाब में कई जगह दबिश दे रही हैं। उसने अपने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया है जिसमें वह पंजाबी में बात कर रहा है और खुद को निर्दोष बता रहा है।
तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े किसानों के लाल किले पर हिंसक आंदोलन में कथित भूमिका के लिए पुलिस दीप सिद्धू की तलाश कर रही है।
बहरहाल, 31 जनवरी को फेसबुक पोस्ट पर अपलोड किए गए 15 मिनट के इस वीडियो को सिद्धू ने 'स्ट्रेट फ्रॉम माई सोल' नाम दिया है। इसमें वह एक भावनात्मक बयान देते हुए दिख रहा है। इसमें वह कह रहा है कि अपनी पूरी जिंदगी पीछे छोड़ आने के बावजूद मैं पंजाबियों का उनके विरोध में साथ देने के लिए आया। किसी ने कुछ भी नहीं देखा, लेकिन मुझे गद्दार बना दिया गया।
उसने कहा कि मैंने आपके अधिकारों के लिए आवाज उठाई। पिछले कई दिनों से मैं सड़कों पर और तंबुओं में लोगों से मिल रहा हूं और अब मुझे गद्दार बनाया जा रहा है। यह वीडियो अपलोड होने के दो घंटे के भीतर ही इसे 19,000 बार देखा गया और इस पर 11,000 कमेंट्स भी आए।
26 जनवरी को हिंसा भड़कने के बाद दिल्ली पुलिस ने 122 लोगों को गिरफ्तार किया है और विभिन्न थानों में 44 मामले दर्ज किए हैं। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 3 फरवरी | बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी को मजबूत करने को लेकर आलाकमान ने बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी भले ही भक्त चरण दास को सौंप दी गई हो, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा अब प्रभारी को झेलना पड़ रहा है।
फिलहाल कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास राज्य के विभिन्न जिलों के दौरे पर हैं, लेकिन कई जिलों में पार्टी के गुटबाजी के कारण उन्हें फजीहत झेलनी पड़ी है।
दास और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा जब बक्सर पहुंचे और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक प्रारंभ की तब दो गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। प्रभारी और अध्यक्ष के सामने ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई भिड़ंत के बाद पार्टी की अंतर्कलह सामने आ गई।
मदन मोहन झा ने हालांकि कहा कि पार्टी में कोई बड़ा विवाद नहीं है। पार्टी में किसी को किसी तरह की परेशानी है तो शांति से अपनी बात कहना चाहिए।
दास के गोपालगंज के दौरे में भी पार्टी में गुटबाजी सामने आई थी, जब यहां भी बैठक के दौरान हंगामा प्रारंभ हो गया और दो गुट के लोग आमने-सामने आ गए। प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के सामने ही पार्टी नेताओं पर कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने सहित जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट नही देने का आरोप लगाने लगे।
पार्टी नेताओं ने विधानसभा चुनाव में दूसरे दल के टिकट पर दूसरे नेताओं को जबरन थोपने का आरोप लगाया और उसके साथ हीं पार्टी के प्रत्याशियों ने भी कार्यकर्ताओं को चुनाव में साथ नहीं देने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों से आरोप-प्रत्यारोप की वजह से बैठक में जमकर हंगामा होने लगा।
कैमूर जिले में भी कांग्रेस की हालत उस समय बिहार प्रभारी के सामने बेपरदा हो गई जब यहां के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और पार्टी आलाकमान से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को बदलने की मांग की।
वैसे, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के विरोध में कार्यकर्ता आवाज मुखर करते रहे हैं। कई नेताओं पर टिकट बेचने तक के आरोप लग रहे हैं।
इधर, कांग्रेस के नेता और प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार कहते हैं कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और कुछ लोगों में नाराजगी होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, विरोध का अपना तरीका है, इससे अनुशसान भंग हो ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्य किए हैं।
उन्होंने प्रदेश प्रभारी से अनुशासन भंग करने वाले कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई करने तक की मांग की है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि प्रभारी कार्रवाई करने की अनुशंसा तो करते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
वैसे, कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि बिहार प्रभारी भी प्रदेश नेतृत्व से ज्यादा खुश नहीं हैं। ऐसे में बिहार के जिले के दौरा करने के बाद प्रभारी के दिल्ली लौटने के बाद कांग्रेस में फेरबदल की संभावना व्यक्त की जा रही है। (आईएएनएस)
पटना, 3 फरवरी | बिहार में मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई के सरकारी फरमान का अभी विरोध चल ही रहा था कि बिहार पुलिस द्वारा हाल में दिए गए एक आदेश के बाद राज्य की सियासत फिर गर्म हो गई है। हालांकि सत्ता पक्ष पुलिस के बचाव में उतर आया है। बिहार पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने एक आदेश में कहा है, यदि कोई व्यक्ति किसी विधि व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम, इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्रित (चार्जशीट) किया जाता है, तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योकि उनमें सरकारी नौकरी, ठेके आदि नहीं मिल पाएंगें।
सरकारी ठेके में चरित्र सत्यापन को अब अनिवार्य कर दिया गया है।
इधर, पुलिस महानिदेशक के इस आदेश के बाद राज्य की सियासत गर्म होती दिख रही है। विपक्ष इसे आम जनता के सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन मान रहा है जबकि सत्ता पक्ष इसे कानून व्यवस्था के हित में उठाया गया कदम बता रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस आदेश की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने तेजस्वी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि धरना, प्रदर्शन कर आंदोलन करना सबका लोकतांत्रिक अधिकार है। उसकी आड़ में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले, तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवी तत्वों के खिलाफ अगर कार्रवाई की बात हो रही हैं तो उपद्रवियों को मिर्ची लग रही है। उन्होंने कहा कि अब आप तय किजिए कि आप लोकतंत्र को मानते हैं या उपद्रव को। (आईएएनएस)
नई दिल्ली. एशिया का सबसे बड़ा एयर शो ‘एयरो इंडिया 2021’ आज से बेंगलुरू में शुरू होने जा रहा है. इस एयर शो में लोग घर बैठे शामिल हो सकते हैं. कोरोना की वजह से पहली बार वर्चुअल एंट्री की व्यवस्था की गई है. यानी एयर शो के साथ-साथ वहां लगने वाली सारी एक्जिबिशन भी घर बैठे देख सकते हैं. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सुबह 9.30 बजे एयरो इंडिया का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद 10.15 बजे फ्लाइंग पास्ट होगा, जिसमें देश के स्वदेशी एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर भाग लेंगे.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव ऊषा पाढे ने बताया कि 5 फरवरी तक चलने वाला शो पहली बार हाईब्रिड मॉडल पर आधारित है. इसमें लोगों को वर्चुअल एस्सेज की व्यवस्था की गई है. अभी तक लोग टीवी पर केवल एयर शो देख पाते थे, वहां लगी एक्जिबिशन केवल वही लोग देख पाते थे, जो वहां मौजूद रहते थे.
इस बार देश के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति देख सकता है. कोरोना की वजह से इस वर्ष एयरो इंडिया में आम लोगों का प्रवेश नहीं है. तीनों दिन बिजनेस डे हैं. इस वजह से पिछले वर्षों की तुलना में कम संख्या में लोग मौजूद रहेंगे. एयरो इंडिया में शामिल होने वाले लोगों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है.
संयुक्त सचिव ऊषा पाढे ने बताया कि इस दौरान नागरिक उड्यन मंत्रालय एक सेमीनार आयोजित करेगा, जिसका विषय द डायनमिज्म ऑफ सिविल एविएशन-मेकिंग इंडिया ए सिविल एविएशन हब है. इसमें एयर लाइंस, एयरपोर्ट, ड्रोन्स, आर एंड डी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषय शामिल होंगे.
13वें एयरो इंडिया शो में देश-विदेश की 600 कंपनियां शामिल हो रही हैंं. इसमें 14 देशों की 78 कंपनियां शामिल होंगी. इस वर्ष 203 कंपनियां वर्चुअल रूप में अपने हथियारों और दूसरे सैन्य सामान प्रदर्शित करेंगी. वर्चुअल होने की वजह से इसे हाईब्रिड मोड एक्जिबिशन नाम दिया गया है.
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का कई देशों के सांसदों, संगीतकारों, अभिनेताओं और ऐक्टिविस्टों ने समर्थन किया है. इनमें स्वीडन की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग और अंतर्राष्ट्रीय पॉप-स्टार रिहान्ना शामिल हैं.
डॉयचेवेले पर चारु कार्तिकेय का लिखा-
मंगलवार शाम रिहान्ना ने किसानों के धरना स्थलों पर सरकार द्वारा इंटरनेट बंद कर दिए जाने के बारे में ट्वीट कर कहा, "हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं"? उसके कुछ घंटों बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं का आंदोलन खड़ा करने वाली ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबेर्ग ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने के बारे में ट्वीट किया. फिर एक के बाद एक कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों और संस्थानों ने किसानों के आंदोलन पर ट्वीट कर किसानों के अपना समर्थन व्यक्त किया.
इनमें अमेरिकी अभिनेता जॉन क्यूजैक, ब्रिटेन के सांसद तनमनजीत सिंह, ब्रिटेन की ही एक और सांसद क्लॉडिया वेब, अमेरिकी अधिवक्ता और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, कनाडा की यूट्यूबर लिली सिंह, यूगांडा की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट वनेसा नकाते, अंतरराष्ट्र्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच, अमेरिकी पर्यावरण ऐक्टिविस्ट जेमी मारगोलिन जैसी हस्तियां शामिल हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने रिहान्ना को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और यह उम्मीद जताई कि इससे उनके आंदोलन के बारे में आम लोगों में जानकारी फैलेगी. इस बीच किसान आंदोलन पर संसद के दोनों सदनों में भी सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध छिड़ गया है. सरकार किसानों के प्रदर्शन पर संसद में 15 घंटों की चर्चा कराने को तैयार हो गई है. चर्चा शुक्रवार को कराने का निर्णय लिया गया है लेकिन विपक्ष चर्चा तुरंत शुरू कराना चाह रहा है.
दूसरी तरफ दिल्ली की सीमाओं पर सरकार द्वारा लगाए गए तरह तरह के बैरिकेडों से किसान नाराज हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह की घेराबंदी करके सरकार किसानों से बातचीत को कैसे आगे बढ़ाएगी. किसान यह भी मांग कर रहे हैं कि 26 जनवरी की घटनाओं के संबंध में हिरासत में लिए किसानों को भी रिहा किया जाए. उधर दिल्ली पुलिस ने पंजाबी अभिनेता और राजनीतिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू को खोजने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं.
पुलिस ने सिद्धू के बारे में जानकारी देने के लिए एक लाख रुपयों के इनाम की घोषणा की है. किसान संगठनों का आरोप है कि सिद्धू ने कुछ किसानों को बरगला कर 26 जनवरी की अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया. सिद्धू पर बीजेपी के इशारे पर किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा होने के भी आरोप लगे हैं. हालांकि बीजेपी कह चुकी है कि सिद्धू अब पार्टी के साथ नहीं हैं.
बेंगलुरु, 3 फरवरी | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत कई मोर्चो पर खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन सतर्क है और किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए तैयार है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना यहां द्विवार्षिक 'एयरो इंडिया' शो और विमानन प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर अपने भाषण में कहा कि भारत स्टेट स्पॉन्सर्ड और स्टेट इन्फ्लिक्टेड आतंकवाद का शिकार भी है, जो अब एक वैश्विक खतरा है।
चीन के साथ देश की उत्तरी सीमाओं पर तनातनी के बारे में उन्होंने कहा: "हम लंबे समय से अनसुलझे सीमा विवादों के साथ यथास्थिति को जबरन बदलने के दुर्भाग्यपूर्ण प्रयासों को देखते आए हैं।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "भारत सतर्क है और हर कीमत पर हमारे लोग क्षेत्रीय अखंडता का बचाव करने के लिए किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने और हराने के लिए तैयार है।"
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नौ महीने से गतिरोध है। कई स्तरों पर वार्ताओं के बावजूद, कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
पिछले महीने, दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवादित क्षेत्रों में फ्रंटलाइन सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर सहमत हुए।
भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी सीमा विवाद को हल करने के लिए नौ दौर की बातचीत की है।
दोनों देशों ने अपने देशों के नेताओं के बीच आम सहमति का पालन करने, बातचीत की अच्छी गति बनाए रखने, और सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए कोर कमांडर लेवल मीटिंग के 10वें दौर का आयोजन करने पर सहमति व्यक्त की है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | केंद्र सरकार ने राज्यसभा में हुए एक सवाल के जवाब में बताया है कि देश में पर्यटन के प्रमोशन के लिए पिछले तीन वर्षों में एक अरब से ज्यादा की धनराशि मीडिया अभियानों पर खर्च हुई है। ओडिशा के बीजू जनता दल के सांसद भास्कर राव नेक्कांति और प्रशांत नंदा के एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद सिंह पटेल ने यह जानकारी दी है। दरअसल, बीजू जनता दल के दोनों सांसदों ने भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मीडिया अभियानों पर खर्च हुई धनराशि पर सवाल पूछा था। इस सवाल का लिखित में जवाब देते हुए पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय की ओर से भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मीडिया अभियान चलाए जाते हैं। पिछले तीन वर्षों में प्रिंट मीडिया, टेलीविजन, ऑनलाइन, रेडियो, थियेटर और एसएमएस अभियान चलाए गए हैं। इन अभियानों पर बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में 25,70,95,135 रुपये खर्च हुए, जबकि वर्ष 2018-19 में 65,25,12,193 रुपये खर्च किए गए। इसी तरह वर्ष 2019-20 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 33,27,44,370 रुपये खर्च कर मीडिया अभियान संचालित हुए। इस प्रकार तीन वर्ष में पर्यटन से जुड़े मीडिया अभियानों पर 1,24,23,51,698 रुपये खर्च हुए।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा ब्यूरो ऑफ आउटरीच कम्युनिकेशन (बीओसी), दूरदर्शन, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के माध्यम से मीडिया प्लान प्राप्त किए जाते हैं। यह अभियान भारत के सभी राज्यों के लिए होते हैं न कि राज्य विशेष के लिए।
(आईएएनएस)
-Sanjay Srivastava
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को एक ट्वीट किया कि किस तरह भारत में पेट्रोल के दाम दो पड़ोसी देशों नेपाल और श्रीलंका से काफी ज्यादा हैं. इसमें गौरतलब ये है कि नेपाल में जो तेल जाता है, उसकी आपूर्ति पूरी तरह भारत से ही की जाती है, तब भी वहां तेल हमारे यहां से सस्ता कैसे है.
सबसे पहले आपको ये भी बता दें कि 01 नेपाली रुपया 62 पैसे के बराबर होता है यानि नेपाल का 100 रुपया भारत के करीब 62 रुपए के बराबर होता है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया राम के भारत में पेट्रोल 92 रुपए तो सीता के नेपाल में 53 रुपए और रावण के श्रीलंका में 51 रुपए. श्रीलंका का 100 रुपए भारत के 38 रुपए के बराबर है.
नेपाल की सीमाएं तीन ओर से भारत को छूती हैं जबकि उत्तरी सीमा से चीन से लगा है. इस पड़ोसी देश में तेल और तेल उत्पादों की सारी आपूर्ति भारत से होती है.
इंडियन आयल कारपोरेशन करता है आपूर्ति
इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) तेल रिफाइन करके नेपाल भेजता है. भारत से करीब 1800 तेल टैंकर रोज तेल लेकर सड़क के रास्ते नेपाल जाते हैं.
साथ ही 69 किलोमीटर लंबी मोतीहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन के जरिए अब भारत से तेल नेपाल के पारसा के अमलेखगंज डिपो को भेजा जा रहा है. इस पाइप लाइन को आईओसी द्वारा ही संचालित किया जाता है. इसका उद्घाटन सितंबर 2019 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
क्या है नेपाल में तेल का दाम
नेपाल तेल कारपोरेशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 19 जनवरी को बीरगंज में तेल के दाम 108.50 नेपाली रुपए (67.95 भारतीय रुपया) है. वहीं नेपाल के एक दूसरे सीमावर्ती जिले रक्सौल में तेल के दाम 140.76 नेपाली रुपया यानि भारतीय रुपए के हिसाब से 88.15 रुपया है.
भारत और नेपाल के तेल दामों की तुलना
तेल के दाम बताने वाली आधिकारिक साइट के अनुसार 03 फरवरी को भारत के विभिन्न शहरों में पेट्रोल के दाम 87 रुपए से लेकर 92 रुपए तक हैं. जयपुर और मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा यानि 92 रुपए से कुछ ऊपर है. ये जाहिर है कि जो तेल भारत से ही नेपाल जाता है, वो भारत की तुलना में ज्यादा सस्ता है. अगर नेपाल के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो वहां ज्यादातर इलाकों में पेट्रोल भारतीय रुपए के अनुसार 67 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है.
नेपाल से भारत में सस्ता तेल स्मगल होना बड़ी समस्या
ऐसा कैसे है. नेपाल ऐसा कैसे कर पा रहा है कि वो भारत से ही तेल खरीदता है और उसे भारत की तुलना में अपने यहां ज्यादा सस्ता बेचता है. इसके चलते नेपाल से बड़े पैमाने पर तेल भारत में स्मगल होने की भी खबरें आती रहती हैं. नेपाल की सीमा पर बहुत से ऐसे पेट्रोल पंप खुल गए हैं, जो सस्ते में तेल बेचने का दावा करते हैं और भारत से बड़े पैमाने पर लोग वहां से तेल लेने पहुंचते हैं.
भारत में तेल पर टैक्स काफी ज्यादा
भारत में पेट्रोल और तेल के दामों में केंद्र सरकार का एक्साइज और राज्य सरकारों का सेल्स टैक्स अगर काफी ज्यादा है तो इस पर सेस भी वसूला जाता है. मोटे तौर पर हम जिस तेल का मूल्य 84 रुपए प्रति लीटर दे रहे हैं, उसकी मूल कीमत 26-27 रुपए प्रति लीटर है. बाकी पैसा टैक्स, ड्यूटी और डीलर के कमीशन का होता है.
नेपाल में टैक्स कम
वहीं नेपाल में तेल पर टैक्स तो वसूला जाता है लेकिन वो भारत की तुलना में काफी कम है. पिछले साल वहां पेट्रोल पर इंफ्रास्ट्रक्चर टैक्स के नाम पर 05 रुपए प्रति लीटर चार्ज लगाया गया तो पूरे देश में रोष फैल गया. फिलहाल नेपाल में पेट्रोल के प्रति लीटर में जो टैक्स वसूले जाते हैं वो 40 रुपए के आसपास हैं, इसमें प्रदूषण नियंत्रण, पेट्रोलियम इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड मैंटीनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे टैक्स हैं. यहां तेल के दामों का निर्धारण महीने में एक बार नेपाल आयल कारपोरेशन के जरिए किया जाता है.
पाकिस्तान में तेल के दाम
पाकिस्तान में हाल ही में तेल के दामों में बढोतरी हुई है. पाकिस्तान का 01 रुपया भारत के 46 पैसे के आसपास होता है यानि पाकिस्तान के 100 रुपए भारत के 46 रुपए के बराबर हैं. पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 111.90 पाकिस्तानी रुपए (50.99 भारतीय रुपए) प्रति लीटर है तो डीजल की कीमत 116.07 पाकिस्तान रुपए (52.81 भारतीय रुपया) जबकि कैरोसिन 80.19 पाकिस्तानी रुपए.
श्रीलंका में तेल के दाम
श्रीलंका में पेट्रोल के दाम फिलहाल 161 श्रीलंकाई रुपया प्रति लीटर है यानि भारतीय मुद्रा के अनुसार 61 रुपए. बांग्लादेश में पेट्रोल के दाम 89 रुपए लीटर हैं. भारतीय मुद्रा के अनुसार 76 रुपए लीटर.
भूटान में सबसे सस्ता
भूटान में तेल के दाम शायद भारत के पड़ोसी देशों में सबसे सस्ते हैं. यहां पेट्रोल 49 रुपए लीटर है तो डीजल 46 रुपए प्रति लीटर के आसपास. भूटान भी पूरी तरह भारत से ही तेल मंगाता है. उसे ये तेल इंडियन आयल कारपोरेशन द्वारा भेजा जाता है. लेकिन भूटान में तेल पर टैक्स बहुत कम लगता है. साथ ही वहां वाहनों की सीमा तय है ताकि प्रदूषण पर काबू रखा जा सके. यहां आपको बता दें कि भारत और भूटान की करेंसी की कीमत बिल्कुल बराबर है.
लखनऊ, 3 फरवरी | उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह उन 162 किसानों के खिलाफ मामले वापस ले रही है जिन्हें 'शांति का उल्लंघन' करने का नोटिस जारी किया गया था, जिसमें पूछा गया था कि उन्हें 10-10 लाख रुपये के व्यक्तिगत बांड क्यों नहीं भरने चाहिए। 19 जनवरी को सीतापुर में किसानों (अधिकांश ट्रैक्टर मालिक किसान) को कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने की आशंका पर नोटिस जारी किए गए थे।
पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट ने राज्य और जिले के अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा था कि "गरीब किसानों को ये नोटिस कैसे और क्यों जारी किए गए थे।"
एक्टिविस्ट अरुंधति धुरु द्वारा दायर याचिका पर वकीलों ने किसानों के लिए बहस करते हुए कहा कि नोटिस "निराधार है और एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को भी छीन लेते हैं।"
मंगलवार को मामले में अपने अंतिम आदेश में, अदालत ने कहा, "यूपी सरकार के लिए पैरवी करते हुए, एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) वी.के. शाही ने अदालत को सूचित किया है कि 10 लाख रुपये के बांड को एक्जीक्यूट करने और इतनी ही राशि जमानत के लिए 162 व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से 43 लोग पेश हुए थे।"
इसने कहा,"ताजा रिपोटरें के आधार पर, सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई हटा दी गई है, क्योंकि शांति भंग करने या सार्वजनिक शांति भंग करने की कोई आशंका नहीं है।"
अदालत ने कहा कि एएजी ने न्यायाधीशों को आश्वासन दिया कि वह सीतापुर के जिलाधिकारी को भविष्य में सावधान रहने का निर्देश देंगे, जबभी इस तरह की कोई भी कार्रवाई शुरू होगी, ताकि किसी भी व्यक्ति का कोई अनावश्यक उत्पीड़न नहीं हो और आगे वह अपने अधीन काम करने वाले को निर्देश दे सके।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी| आंध्र प्रदेश में पिछले डेढ़ साल के भीतर कई मंदिरों पर हमले की घटनाओं को भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने बुधवार को सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि मंदिरों और हिंदू धर्म के प्रतीकों पर हमले की अब तक 140 घटनाएं दर्ज हो चुकीं हैं, लेकिन राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। भाजपा सांसद ने गृहमंत्रालय से इस मामले में कार्रवाई की मांग उठाई। उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि आंध्र प्रदेश के अंतवेर्दी लक्ष्मीनरसिम्हा स्वामी मंदिर के 70 साल पुराने रथ को जला दिया गया। जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पिछले डेढ़ वर्ष के भीतर मंदिरों पर हमले की घटनाएं बढ़ीं हैं। लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। जबकि राज्य सरकार को दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मैं गृहमंत्रालय से भी एक्शन की मांग करता हूं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के रामतीर्थम मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को भी जोरशोर से उठाया।
बता दें कि आंध्र प्रदेश में पिछले साल सितंबर में अंतवेर्दी मंदिर के रथ को जलाए जाने की घटना के बाद राज्य में तनाव फैल गया था। उस दौरान राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। भाजपा का आरोप है कि राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार हिंदू विरोधी मानसिकता के तहत कार्य कर रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 3 फरवरी | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि कटीले तार से किसान परिवारों में दहशत फैलाने के बजाए आतंकियों को रोकने में ऐसी कार्रवाई हो तो बेहतर होगा। मायावती ने बुधवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, लाखों आंदोलित किसान परिवारों में दहशत फैलाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर जो कंटीले तार व कीलें आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है वह उचित नहीं है। इनकी बजाए यदि आतंकियों को रोकने हेतु ऐसी कार्रवाई देश की सीमाओं पर हो तो यह बेहतर होगा।
उन्होंने आगे लिखा कि, तीन कृषि कानूनों की वापसी की वाजिब मांग को लेकर खासकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलित किसानों के प्रति सरकारी रवैये के कारण संसद के बजट सत्र में भी जरूरी कामकाज व जनहित के खास मुद्द पहले दिन से ही काफी प्रभावित हो रहे हैं। केन्द्र किसानों की मांग पूरी करके स्थिति सामान्य करे।
इससे पहले उन्होंने लिखा कि बीएसपी ने केन्द्र सरकार द्वारा काफी अपरिपक्व तरीके से लाए गए नए कृषि कानूनों का संसद में व संसद के बाहर हमेशा विरोध किया है। देश के गरीबों, दलितों व पिछड़ों आदि की तरह किसानों के शोषण व अन्याय के विरूद्ध व इनके हक के लिए भी बीएसपी हमेशा आवाज उठाती रहेगी।(आईएएनएस)