राष्ट्रीय
दिल्ली, 19 जनवरी | भारत ने 16 जनवरी को देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से 6.31 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "देश भर में कुल टीकाकृत स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 6.31 लाख से अधिक है। गंभीर या गंभीर एईएफआई का कोई मामला अभी तक नहीं आया है।"
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, "केवल 0.18 प्रतिशत लाभार्थियों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल चीजों का विकास हुआ, जबकि 0.002 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हुए। प्रतिकूल घटनाएं काफी कम हैं। वास्तव में, ये दुनिया में पहले तीन दिनों में सबसे कम हैं।"
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, दिल्ली में 81 टीकाकरण स्थल हैं, जहां मंगलवार को 4,936 लोगों का टीकाकरण किया और टीकाकरण के बाद कुल 16 प्रतिकूल घटनाएं हुईं। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 जनवरी | गुरुग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वे तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के समर्थन के तहत गणतंत्र दिवस से पहले बुधवार को गुरुग्राम में ट्रैक्टर रैली का 'पूर्वाभ्यास' करेंगे। एसकेएम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि बुधवार को ट्रैक्टर रैली का पूर्वाभ्यास बजघेरा फ्लाईओवर से शुरू होगा और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर विरोध स्थल पर समाप्त होगा।
पूर्वाभ्यास में लगभग 100 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे। सभी ट्रैक्टरों में मोर्चा के सदस्य मौजूद होंगे और राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलेंगे।
सिंह ने कहा, "केंद्र सरकार कृषि कानूनों की खामियों से अवगत है, लेकिन अपनी गलती को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर निर्दोष किसानों को लगातार परेशान कर रही है। सरकार को अपने अभिमानी व्यवहार को छोड़ देना चाहिए और काले कानून को वापस लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को किसान अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा चिपकाकर गणतंत्र दिवस में शामिल होंगे और अनुमति मिलने पर राष्ट्रीय राजधानी की ओर रवाना होंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक की। बैठक के दौरान में इस बात पर चर्चा की गई कि यह समिति कैसे काम करेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि समिति देश में किसानों और अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी। समिति नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जता रहे किसानों के साथ ही इनके समर्थकों के साथ भी चर्चा करेगी।
कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक गुलाटी, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान में दक्षिण एशिया मामलों के पूर्व निदेशक डॉ. प्रमोद जोशी ने बैठक में भाग लिया। समिति में नामित चौथे सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने समिति से नाम वापस लिए जाने की घोषणा की है। इसलिए वह बैठक में मौजूद नहीं थे।
समिति में शामिल तीनों सदस्यों ने समिति की तमाम गतिविधियों पर चर्चा की, ताकि प्रदर्शनकारी किसानों, किसान संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद अपनी सिफारिशें तैयार की जा सकें।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, घनवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, समिति राज्य सरकारों, राज्य विपणन बोर्ड और अन्य हितधारकों, जैसे किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों आदि के साथ भी विचार-विमर्श करेगी।
इसके साथ ही समिति जल्द ही सभी हितधारकों को नए कृषि कानूनों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित करेगी। बयान में कहा गया है कि व्यक्तिगत किसान भी ऑनलाइन पोर्टल पर अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
समिति ने कहा है कि वह सभी संबंधितों के विचारों और राय को समझने के लिए उत्सुक है, ताकि वह अपने ऐसे सुझाव दे सके, जो निश्चित रूप से भारत के किसानों के हित में हों। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 19 जनवरी| कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों और पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद हैदराबाद पुलिस ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने राज्य कांग्रेस के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और अन्य नेताओं को लुंबिनी पार्क में रोका , जिन्हें बड़ी संख्या में विरोध मार्च को नाकाम करने के लिए तैनात किया गया था।
प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए, कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से राजभवन की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें सचिवालय के पास रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों को राजभवन की ओर जाने वाली अन्य सड़कों पर भी रोक दिया गया।
पुलिस ने कहा कि विरोध की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस हुई और दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई और हल्का तनाव पैदा हो गया।
बाद में, पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारियों की निंदा की और आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध को रोकने के लिए सरकार अलोकतांत्रिक साधनों को अपना रही है। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ये किसानों को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी| केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे रिश्वत मामले में अपनी जांच जारी रखते हुए मंगलवार को दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे रिश्वत मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की बात भी पता चली है और इस मामले में पिछले तीन दिनों में कुल 4.43 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक अधिकारी ने यहां कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में एबीसीआई इन्फ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड के कार्यालय में तलाशी के दौरान 2.04 करोड़ रुपये जब्त किए।
नकदी के अलावा, सीबीआई ने परिसर से कई अन्य चीजें भी जब्त की हैं। अधिकारी ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा कुछ वस्तुओं को हटा दिया गया और दिल्ली में अन्य जगह पर छुपा दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि सिक्किम और उत्तर प्रदेश के कानपुर के कई स्थानों पर मंगलवार को सीबीआई ने तलाशी ली।
इस मामले में पिछले दो दिनों में सीबीआई ने अलग-अलग स्थानों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
एजेंसी के अधिकारियों ने रविवार को गुवाहाटी में मालीगांव से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) महेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार किया था। चौहान 1985 बैच के भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी हैं।
चौहान के अलावा सीबीआई ने उनके रिश्तेदार इंद्रा सिंह और भूपेंद्र रावत को देहरादून से रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया था।
इसके साथ ही एजेंसी के अधिकारियों ने असम के गुवाहाटी से उप मुख्य इंजीनियर हेमचंद बोरा और सहायक मुख्य इंजीनियर लक्ष्मीकांत वर्मा को भी गिरफ्तार किया है।
पांच गिरफ्तार आरोपियों के साथ सीबीआई ने कंपनी और इसके निदेशक पवन बैद पर आपराधिक षड्यंत्र और रिश्वत के लिए आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इससे पहले दिल्ली, उत्तराखंड, असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित 26 स्थानों पर तलाशी के दौरान 2.39 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे, जिसमें देहरादून में एक करोड़ रुपये की रिश्वत की जब्ती भी शामिल है।
केंद्रीय एजेंसी ने आरोपियों से जुड़े स्थानों से आभूषण और संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए हैं। अधिकारी ने कहा, "मामले में अब तक 4.43 रुपये जब्त किए गए हैं।"
सीबीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक बरामदगी होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 जनवरी| हरियाणा सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) और रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को 700 रुपये से घटाकर 499 रुपये कर दिया है, जबकि घरेलू कलेक्शन के लिए तत्काल प्रभाव से इसकी राशि 900 रुपये से घटाकर 699 रुपये कर दी गई है। इस संबंध में एक आदेश, राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा जारी किया गया।
यह छठी बार है जब हरियाणा सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड -19 परीक्षण के लिए कीमत कम की है।
सिविल सर्जन वीरेंद्र यादव ने गुरुग्राम जिले के सभी निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को एक आदेश जारी किया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि इस संबंध में उनके द्वारा किया गया कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 का उल्लंघन होगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विशेषज्ञों द्वारा उचित विचार के बाद यह दर तय की गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह साफ छवि वाले व्यक्ति हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं डरते। उनके साथ कोई रहे या न रहे, फिर भी वह अकेले ही लड़ते रहेंगे। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कृषि कानूनों को लेकर 'खेती का खून' नाम से एक बुकलेट जारी की।
राहुल गांधी ने कहा, "मेरा एक चरित्र है। मैं मोदी या किसी से डरता नहीं हूं। मैं एक साफ-सुथरा व्यक्ति हूं और वे मुझे तक नहीं सकते। हां, वे मुझे गोली मार सकते हैं। मगर मैं एक देशभक्त हूं और मैं अपने देश के हित के लिए लड़ रहा हूं। अगर हर कोई दूसरी तरफ जाकर खड़ा हो जाएगा, तब भी मैं अकेला ही खड़ा रहूंगा और संघर्ष करूंगा, क्योंकि यही मेरा धर्म है।"
राहुल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जे.पी. नड्डा की टिप्पणी पर भी कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान भी कांग्रेस भट्टा पारसौल में किसानों के साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा, "नड्डा न तो वहां गए थे और न ही भाजपा किसानों के साथ खड़ी थी।"
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नए तीनों कृषि कानून भारतीय कृषि प्रणाली को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, "एक बहुत बड़ी त्रासदी सामने आई है और मैं सिर्फ किसानों के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, क्योंकि केवल यही नहीं हो रहा है। इस देश में विश्वास रखने वाले युवाओं को भी ध्यान से सुनने की जरूरत है।"
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये तीनों कृषि कानून देश को खत्म कर देंगे। सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आज तक खेती पर मेहनतकश किसानों का पूरी तरह एकाधिकार नहीं हुआ, मगर यह अब चार-पांच बड़े अमीरों के हाथों में खेती का पूरा ढांचा ही देने जा रही है। राहुल ने कहा कि हर इंडस्ट्री में चार-पांच लोगों का एकाधिकार बढ़ रहा है, मतलब ये कि जो चार-पांच लोग हैं, इस देश के यही नए मालिक हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ चार-पांच लोग ही देश को चलाएंगे और सारा कोरोबार वही करेंगे। राहुल ने कहा कि जब सिर्फ चार-पांच उद्योगपतियों के हाथों सबकुछ सौंपा जा रहा है, तब आने वाले दिनों में मध्यम वर्ग को बहुत तकलीफ होने वाली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान देश के 65 करोड़ किसानों की ओर से लड़ रहे हैं।
राहुल ने कहा, "वे सच्चे देशभक्त हैं, जो 65 करोड़ लोगों की आजीविका की रक्षा कर रहे हैं। मैं उनका समर्थन करता हूं। वे हमारे लिए लड़ रहे हैं।"
चीन की घुसपैठ के बारे में एक सवाल के जवाब में, राहुल गांधी ने कहा, "चीन भारत की कमजोरी को नोटिस कर रहा है। चीन के पास रणनीतिक दृष्टि है, क्योंकि वह पूरी दुनिया को अपनी तरह का आकार देना चाहता है। चीन ने भारत का दो बार टेस्ट लिया है। अगर भारत चीन के खिलाफ रणनीति नहीं बनाएगा तो वह इसका लाभ उठाएगा और उस समय इस क्षति को कोई भी रोक नहीं पाएगा।"
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा का काम ठीक से नहीं हो रहा है।
राहुल ने इस बात पर भी जोर दिया कि जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसे राष्ट्रद्रोही या अपराधी ठहरा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह किस तरह का लोकतंत्र है। (आईएएनएस)
पणजी, 19 जनवरी | गोवा में कृषि में नवाचार और रुचि की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को स्थानीय किसानों से केरल के कटहल के किसानों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। सावंत ने यहां एक जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोवा को दक्षिणी राज्य में अपनाए जाने वाले कटहल आधारित कृषि व्यवसाय मॉडल का अनुकरण करना चाहिए, जहां अब इस मुलायम और गूदेदार फल के बीज के पाउडर से मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने की क्षमता के साथ करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है।
सावंत ने कहा, "केरल के एक व्यक्ति ने पाया कि कटहल के बीज का पाउडर मधुमेह के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। पाउडर मधुमेह को नियंत्रित कर सकता है। वह उस पाउडर से करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा है। उसने अब इसका निर्यात करना शुरू कर दिया है।"
कर्नाटक और गोवा में खेती और श्रम के प्रति गिरते दृष्टिकोण को देखते हुए सावंत ने कहा कि इसके विपरीत गोवा में उगाए जाने वाले कटहल का 95 प्रतिशत हिस्सा सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है।
सावंत ने कहा, "और हम क्या करते हैं? 90, नहीं हम साफतौर पर कह सकते हैं कि हमारा 95 प्रतिशत कटहल सड़ जाता है। सिर्फ सड़ना-गलना ही नहीं है, ऐसे भी उदाहरण हैं, जब पके हुए कटहल लोगों पर गिर जाते हैं और उन्हें घायल कर देते हैं। हमारी यह स्थिति है।"
गोवा के मुख्यमंत्री ने कटहल को 100 प्रतिशत जैविक बताते हुए इसके कई गुणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कटहल की खेती के प्रति उदासीनता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "हमारे पूर्वजों ने इसे लगाया, मगर हमने कभी इनके पौधे लगाने की परवाह नहीं की, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इन्हें लगा दिया था, इसलिए हम अब इन पेड़ों को देख रहे हैं। मुझे तो भविष्य की पीढ़ी की चिंता है, क्या वे कभी कटहल देख भी पाएंगे?"
मुख्यमंत्री सावंत ने गोवा में और अधिक सब्जियां, अनाज, डेयरी और पोल्ट्री के उत्पादन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि राज्य में इनकी जितनी खपत है, उस अनुसार, इनका उत्पादन नहीं हो रहा है। (आईएएनएस)
पणजी, 19 जनवरी | गोवा प्रशासन ने मंगलवार को बर्ड फ्लू के डर से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक से पक्षियों और अंडों के परिवहन एवं प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। उत्तर और दक्षिण गोवा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
सरकारी आदेश में कहा गया है, "इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार यमुना नदी में प्रदूषण पैदा करने के मामले में एक आदतन अपराधी है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और विनीत सरन की अध्यक्षता वाली पीठ प्रदूषित नदियों को साफ करने के मुद्दे से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
सीपीसीबी का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि विभाग यमुना में प्रदूषण से जुड़े विभिन्न कारकों पर डेटा एकत्र करने के मध्य में है और इसे बहुत जल्द ही दायर किया जाएगा।
भाटी ने शीर्ष अदालत से कहा, "यमुना में प्रदूषण करने के मामले में दिल्ली एक आदतन अपराधी है।"
मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मामले पीठ को बताया कि 18 जनवरी को पानी की गुणवत्ता उत्कृष्ट है, क्योंकि अमोनिया की मात्रा 0.3 पीपीएम है, और जोर दिया कि इसे लगातार बनाए रखा जाना चाहिए। हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए, अरोड़ा ने कहा, "उन्होंने अमोनिया को अच्छे स्तर पर लाया है जो स्वीकार्य बिंदु 0.9 पीपीएम है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दिल्ली के लिए पीने के पानी का मामला है।
हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दायर याचिका स्वीकार्य योग्य नहीं है, क्योंकि कई तथ्य विवाद में हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, "एक आदेश पारित करने में क्या समस्या है कि वर्तमान स्तरों को बनाए रखा जाना चाहिए?"
दीवान ने कहा कि मामले को इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि जल प्रदूषण से जुड़ी समस्याएं दिल्ली से हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि दिल्ली सरकार हरियाणा पर दोषारोपण कर रही है। पीठ ने हरियाणा को दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर जवाब दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
पीठ ने नदी की निगरानी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा नियुक्त समिति को भी अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले में एक पक्ष बनाया।
13 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण-मुक्त पानी संवैधानिक ढांचे के तहत मूल अधिकार है और सीवेज अपशिष्टों द्वारा नदियों के दूषित होने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था।
इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर कहा कि प्रदूषक तत्वों के निर्वहन के कारण यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा है।
नई दिल्ली. भारत सरकार ने वॉट्सऐप से कहा है कि वह अपनी प्राइवेसी टर्म में किए गए बदलावों को वापस ले, क्योंकि कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वॉट्सऐप के सीईओ विल कैथार्ट को कड़े शब्दों में लिख गए पत्र में कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर वॉट्सऐप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उसकी सेवाओं के लिए सबसे बड़ा बाजार है. पत्र में कहा गया कि वॉट्सऐप की सेवा और गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलाव भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं.
मंत्रालय ने वॉट्सऐप से प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने और सूचना गोपनीयता, चयन की आजादी तथा डेटा सुरक्षा को लेकर अपने नजरिए पर फिर से विचार करने को कहा. पत्र में कहा गया कि भारतीयों का उचित सम्मान किया जाना चाहिए, और वॉट्सऐप की सेवा, गोपनीयता शर्तों में कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है.
WhatsApp ने दी सफाई
जानकारी के लिए बता दें कि वॉट्सऐप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव को लेकर काफी चर्चा में है. वॉट्सऐप ने यूज़र्स को नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करने के लिए 8 फरवरी तक का समय दिया था, हालांकि लोगों का रिएक्शन देखते हुए कंपनी ने फिलहाल इसे टाल दिया है. कुछ यूज़र्स इस अपडेट से नाखुश हो रहे हैं और टेलीग्राम, सिग्नलजैसे दूसरे प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो रहे हैं. लोगों के नेगेटिव कमेंट को देखते हुए वॉट्सऐप लगातार सफाई दे रहा है.
पहले वॉट्सऐप ने ब्लॉग जारी किया, ट्वीट किया और इसी पिछले हफ्ते पहली बार ऐसा हुआ है कि वॉट्सऐप ने खुद अपना स्टेटस लगाकर सफाई दी है. वॉट्सऐप ने कॉलिंग, प्राइवेट मैसेज, लोकेशन और कॉन्टैक्ट जैसी बातों पर सफाई दी है. वॉट्सऐप ने बताया कि वह यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही ये भी कहा कि वह लोगों के पर्सनल चैट का रिकॉर्ड नहीं रखती है. वह यूज़र की बातों को नहीं सुनता है, क्योंकि ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं.
(इनपुट-भाषा से)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | जेईई और नीट परीक्षा का पाठ्यक्रम वर्ष 2021 में अपरिवर्तित रहेगा। उम्मीदवारों के पास जेईई और नीट परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए विकल्प भी उपलब्ध होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, "जेईई मेन के लिए भी पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की तरह ही रहेगा। छात्रों को 90 प्रश्न दिए जाएंगे। इनमें से 75 प्रश्न हल करने होंगे। भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में प्रत्येक 25 प्रश्न हल करने होंगे। छात्रों के पास विकल्प होंगे और छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में 30 प्रश्न होंगे। जेईई 2020 में, सभी प्रश्नों के 75 उत्तर देने थे, जिसमें उम्मीदवारों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में प्रत्येक 25 प्रश्नों का उत्तर देना था।"
नीट 2021 के लिए सटीक पैटर्न की घोषणा होना बाकी है। हालांकि, देश भर के कुछ बोर्डो द्वारा सिलेबस में कमी के मद्देनजर नीट 2021 के प्रश्न पत्र में भी जेईई की तर्ज पर विकल्प होंगे।
विभिन्न बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती को ध्यान में रखते हुए इस बार जेईई (मुख्य) के प्रश्नपत्रों में प्रश्न पूछे जाएंगे। भौतिकी, रसायन और गणित में प्रत्येक से 30 प्रश्न होंगे। जिसमें से परीक्षार्थी को कुल 75 प्रश्नों का उत्तर देना होगा। 15 वैकल्पिक प्रश्नों में नेगेटिव मार्किं ग भी नहीं होगी।
जेईई (मेन) 2021 केवल, 'कंप्यूटर आधारित टेस्ट' (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी। केवल बी आर्क की ड्राइंग परीक्षा 'पेन एंड पेपर' (ऑफलाइन) मोड में आयोजित की जाएगी।
नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर, वर्ष 2021 में जेईई (मेन) परीक्षा पहली बार हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में आयोजित की जाएगी।
इस बार उत्तर प्रदेश के छात्र, जो पहले यूपीएसईई के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चर के पाठ्यक्रमों में उत्तर प्रदेश के संस्थानों में प्रवेश लिया करते थे, भी जेईई की परीक्षा में बैठ सकेंगे। (आईएएनएस)
सुल्तानपुर, 19 जनवरी | विवादित बयान मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया। विधायक सीधे दिल्ली रवाना हुए है। सोमवार की देर शाम रिहाई का आदेश जेल में पहुंचा था।
सदर कोतवाली में दर्ज कराए गए आपराधिक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार बरनवाल ने 16 जनवरी को जमानत अर्जी सुनवाई के बाद स्वीकार करते हुए आरोपी विधायक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि मामले की रिपोर्ट सदर कोतवाल अतुल सिंह ने 11 जनवरी को दर्ज कराई थी। विधायक को कोर्ट ने 15 जनवरी को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेजा था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने विधायक को 50 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही धनराशि की दो जमानत दाखिल करने पर सशर्त जमानत दे दी थी।
विधायक के अधिवक्ता सुरेंद्र बहादुर सिंह भदौरिया ने बताया कि सोमवार को जमानतदारों की ओर से दाखिल जमानत प्रपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद विधायक की रिहाई का आदेश कोर्ट की ओर से जिला जेल सुल्तानपुर भेजा गया।
बताते चलें कि आप विधायक पर बीते दस जनवरी को अमेठी जिले के जगदीशपुर थाने में यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली , 19 जनवरी | कोरोना महामारी के कारण बीते दस माह से बंद दिल्ली के स्कूल सोमवार (18 जनवरी) से खुल गए। स्कूल खुलते ही छात्रों में गजब का उत्साह है। छात्रों के अनुसार बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने के लिए स्कूल का खुलना ज्यादा बेहतर है। वहीं निजी स्कूलों ने बच्चों को कोविड रिपोर्ट लाने के लिए भी कहा गया है। छात्रों का कहना है कि, "स्कूल खुलने से हम बहुत खुश हैं। घर पर ऑनलाइन पढ़ाई में कुछ समस्याएं थी, हम अपने सवालों को न ढंग से पूछ पाते थे और न उत्तर समझ पाते थे।"
"ऑफलाइन पढ़ाई में बेहतर तरीके से अपनी समस्याओं को समझ सकते हैं, और न समझ आने पर फिर पूछ भी सकते हैं।"
कोरोना महामारी के बाद खुल रहे स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए अधिकतर अभिभावकों ने अपनी मंजूरी दी है। स्कूल प्रशासन का मानना है कि जल्द ही बाकी अभिभावक भी मंजूरी देंगे और स्कूल में पहले की तरह संख्या बढ़ जाएगी।
हालांकि स्कूल खुलने के बाद कुछ बदलाव तो जरूर हुए हैं। जिसमें पहला स्कूलों में प्रार्थना सभा(असेंबली) नहीं होगी, ना ही बच्चों के खाने के लिए कैंटीन खोली जाएगी। ना ही स्कूलों ने बच्चों को परिवहन की सुविधा दी है। बच्चों को खुद ही स्कूल पहुंचना होगा।
दिल्ली के प्राइवेट स्कूल प्रशासन ने बच्चों से कोरोना रिपोर्ट भी मांगी है। विद्या बाल भवन स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. सतवीर शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "स्कूल खुल जाने से साभी के लिए एक राहत है, बच्चे अब प्रभावी रूप से पढ़ाई कर सकेंगे, वहीं टीचर्स और बच्चे आमने सामने बैठ कर बात कर सकेंगे और पढ़ाई से सम्बंधित समस्याओं पर भी चर्चा कर सकेंगे।"
"हमने बच्चों को कहा है कि आप अपनी कोविड रिपोर्ट भी साथ लेकर आएं और स्कूल में जमा करा दें, इससे हम और हमारे अन्य बच्चे सुरक्षित रहेंगे।"
हालांकि स्कूल में मौजूद मेडिकल रूम को कोविड 19 आइसोलेशन रूम में तब्दील कर दिया गया है।
स्कूल की एक टीचर ने आईएएनएस से कहा कि, "बहुत अच्छा लगा बच्चों से मुलाकात करके। ऑनलाइन क्लास के दौरान बहुत सारी चुनौती होती हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं आने वाले दिनों में स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ेगी।"
दरअसल राजधानी दिल्ली में करीब दस महीने के बाद स्कूल खुले हैं। दिल्ली के गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल में जब 10वीं क्लास की छात्राएं स्कूल पहुंची तो बेहद खुश दिखीं। बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए अपने कपड़ों पर मुस्कुराहट वाला एक स्टिकर लगाया हुआ था।
बच्चे मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे रहे है और स्कूल्स में कोविड 19 सम्बंधित सभी नियमों का ध्यान रखा जा रहा है।
गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल की वाइस प्रिंसिपल संध्या सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मुझे बहुत खुशी है, बच्चे जिक्स वक्त नहीं थे स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ था। हमारे यहां 10वीं क्लास के आज 147 बच्चे उपस्थित हैं, जबकि 107 बच्चे अभी आना बाकी हैं।"
"क्लास में टीचर्स के लिए बहुत चुनौती है, ऑफलाइन क्लासेस के साथ अब ऑनलाइन क्लास भी करनी है।"
दरअसल मई में बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में अब कई राज्यों ने 10वीं 12वीं के छात्रों के लिए स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है।
अभी फिलहाल स्कूल खोलने में काफी सख्ती का पालन किया गया है, जैसे कि छात्रों के अभिभावकों के लिखित इजाजत जरूरी है। वहीं स्कूल में कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं होगी और हर जगह गाइडलाइंस लिखनी होगी।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण अब काफी हदतक काबू में आ चुका है, हालांकि खतरा बरकरार है, यही कारण है कि लोगों से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। (आईएएनएस)
मुंबई, 19 जनवरी | मीडिया की दो हस्तियों के व्हाट्सऐप चैट के हाल में हुए लीक पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को कहा कि इन दोनों हस्तियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और देश के गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को सौंपे गए एक ज्ञापन में, कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और राजू वाघमारे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्वामी और टीआरपी एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई कथित सोशल मीडिया चैट के लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर हुई है।
अपनी ओर से, देशमुख ने आश्वासन दिया कि वह फैसला लेने से पहले इस मामले को राज्य मंत्रिमंडल में उठाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग के एक दिन बाद देशमुख ने 18 जनवरी को कहा कि सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित ऐसे उच्च वगीकृत विवरणों तक गोस्वामी को कैसे पहुंच मिली।
सावंत और वाघमारे ने बताया कि एक चैट में, गोस्वामी दासगुप्ता से कहते हैं कि 14 फरवरी, 2019 को हुए सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सीमा पार की जवाबी कार्रवाई की योजना की जानकारी गोस्वामी को कैसे थी।
कांग्रेस के ज्ञापन में कहा गया है, इस चैट पर तारीख और समय बताते हैं कि यह बातचीत 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले से 3 दिन पहले की थी।
दोनों नेताओं ने देशमुख को बताया कि यह कैसे गंभीर चिंता का विषय है कि सशस्त्र बलों के राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों के बारे में न केवल गोस्वामी को जानकारी थी, बल्कि उन्होंने इसे दासगुप्त के साथ खुले तौर पर साझा किया था, और यह भी पता नहीं है कि कितने लोगों तक ये जानकारी पहुंची होगी।
दोनों नेताओं ने कहा, गोस्वामी की कार्रवाई ऑफिशियल सेक्रेट एक्ट (ओएसए) 1923 की धारा 5 का साफ-साफ उल्लंघन है, जो वगीर्कृत राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों की जानकारी किसी भी व्यक्ति से साझा करने को मना करती है।
उन्होंने राज्य के गृह मंत्री से जांच का आदेश देने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए गोस्वामी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।
सावंत और वाघमारे ने रिपब्लिक टीवी के एक अन्य मुद्दे को भी उठाया जिसमें कथित तौर पर रिपब्लिक टीवी ने प्रसार भारती उपग्रह का उपयोग कर अवैध रूप से बिना शुल्क का भुगतान किए लाखों लोगों तक अपनी पहुंच बनाई।
यह मामला गोस्वामी की एक अन्य बातचीत में सामने आया जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने इस मामले को तब तक लंबित रखा जब तक कि रिपब्लिक टीवी सरकार की कार्रवाई से बच नहीं गया।
इस मुद्दे पर सावंत और वाघमारे ने मुंबई पुलिस की टीआरपी जांच के साथ-साथ रिपब्लिक टीवी और कुछ अन्य निजी टेलीविजन चैनलों के टीआरपी डेटा में हेरफेर के मामले की भी जांच की मांग की। उनका कहना है कि इससे भारतीय खजाने को भारी नुकसान हुआ है। (आईएएनएस)
इंदौर, 19 जनवरी | मध्य प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ जारी अभियान में इंदौर के प्रशासन ने अब तक के सबसे बड़े राशन रैकेट का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है। इस रैकेट के मुखिया भरत दवे को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रशासन 12 प्राथमिकी दर्ज कर 40 राशन माफियाओं को आरेापी बना रहा है वहीं कई के खिलाफ राष्टीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर में अरसे से गरीबों के हक पर डाका डालने की शिकायतें आ रही है। इस शिकायत के आधार पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने 12 राशन दुकानों की जांच कराई तो जो तथ्य सामने आए वह चौंकाने वाले थे। इस जांच में पता चला कि गरीबों को राशन दुकान से राशन देने में बड़ी गफलत होती है। यहां लगभग 50 हजार राशन कार्डधरियों के हक पर डाका डाला गया था।
सूत्रों की मानें तो जांच में यह भी बात सामने आई कि प्रभावशाली व्यक्ति अपने नाम या अपने परिजनों के नाम पर एक या उससे ज्यादा राशन दुकानें लिए हुए है और यहां आने वाले राशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़़ी कर उसे सीधे बाजार में बेच देता है। इस तरह के रैकेट का जाल हर तरफ फैला हुआ है।
सूत्रों का दावा है कि इस रैकेट में तमाम बड़े कारोबारी शामिल है, इसके सरगना भरत दवे को दबोच लिया गया है। वहीं 12 प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और 40 लोगों को आरोपी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लेागों पर प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई करने का मन भी बना लिया है।
इंदौर में इस रैकेट के खुलासे ने यह तो साफ कर ही दिया है कि राशन के क्षेत्र में भी माफिया सक्रिय हैं। इसके तार सिर्फ इंदौर ही नहीं पूरे प्रदेश में फैले हो सकते हैं। यहां के प्रशासन को एक सिरा मिल गया है और बात आगे बढ़ेगी तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।
ज्ञात हो कि राज्य में इन दिनों तमाम माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है। शराब माफिया, मिलावटखोर से लेकर जमीन माफियाओं के खिलाफ अभियान चला हुआ है। अब राशन माफिया रैकेट का खुलासा हुआ है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | अब देश में हर साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी। मोदी सरकार के निर्णय के बाद संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, भारत सरकार ने नेताजी की 125वीं जयंती वर्ष को 23 जनवरी 2021 से आरम्भ करने का निर्णय लिया है, ताकि राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनका सम्मान किया जा सके।
संस्कृति मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनके नि: स्वार्थ सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने 23 जनवरी को हर वर्ष उनके जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इससे देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को विपत्ति के समय नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमे देश भक्ति की भावना भी समाहित होगी।
मोदी सरकार इस बार नेताजी की 125वीं जयंती को यादगार तरीके से मनाने की दिशा में जोर शोर से जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए मोदी सरकार एक उच्च स्तरीय समिति भी बीते दिनों गठित कर चुकी है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री योगी बुधवार को शुभारंभ करने जा रहे हैं। दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ा लालपुर में बुधवार से शुरू होने जा रही प्रदर्शनी में 16 जिलों के 50 जीआई उत्पादों के स्टाल लगाए जाएंगे। प्रदर्शनी में हस्त शिल्पियों के लिए सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान उन्हें भारत सरकार के सहयोग से मुफ्त टूल किट दिए जाएंगे। फिक्की के सहयोग से आयोजित इस फिजिकल और वर्चुअल प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री योगी बुधवार को शुभारंभ करेंगे। प्रदर्शनी में प्रदेश के जीआई उत्पादों के साथ जीआई उत्पाद होने कि प्रक्रिया में शामिल उत्पाद भी होंगे। प्रदर्शनी के साथ ही हस्तशिल्पियों को तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रदर्शनी में वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, मिजार्पुर, आजमगढ़, बुलंदशहर, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज, सहारनपुर और सिद्धार्थनगर के 50 जीआई उत्पादों के स्टाल लगाए जाएंगे।
जीआई उत्पादों के लिए तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 240 शिल्पियों को प्रशिक्षण, 600 को साफ्ट स्किल ट्रेनिंग के साथ 270 शिल्पियों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान 2000 शिल्पियों को उन्नत टूल किट दिए जाएंगे। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 300 और ओडीओपी प्रशिक्षण योजना के तहत 300 लाभार्थियों को हैण्डलूम टूल किट दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई, ओडीओपी मार्जिन मनी ऋण योजना के तहत हर योजना के दो लाभार्थियों को चेक वितरित किया जाएगा। 24 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी के जरिये योगी सरकार ब्रांड यूपी का नया आयाम सामने लाने की तैयारी में है। प्रदर्शनी में 28 अद्वितीय जीआई उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे। जिनमें से 7 वाराणसी के हैं। प्रदर्शनी के जरिये सरकार खरीदारों और विक्रेताओं को संवाद के लिए फिजिकल और वर्चुअल प्लेटफार्म देगी। इस दौरान राज्य सरकार सेमिनार आयोजित कर अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के जरिये जीआई उत्पादों की विशेषता, उपयोगिता, अवसर और व्यापार को बढ़ावा देने का हुनर भी सिखाएगी। (आईएएनएस)
मिर्जापुर (उप्र), 19 जनवरी | उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला स्थित विंध्याचल के राम गया घाट पर मंगलवार को यात्रियों से भरी नाव गंगा में डूब गई। नाव में महिलाएं और पुरुष सवार थे। हलांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे स्टीमर की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।
विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के राम गया घाट के आसपास रहने वाले लोग गंगा पार मटर के खेत में मजदूरी करने के लिए जाते हैं। मंगलवार को चार नाव से सभी गंगा पार जा रहे थे। इसमें तीन बड़ी नावों पर सवार होकर सभी लोग गंगा के उस पार पहुंच गए लेकिन छोटी नाव में सवार 18 लोगों की नाव बीच गंगा में पलट गई।
विंध्याचल कोतवाली के एसआई के.एन. मौर्या ने बताया कि विन्ध्याचल क्षेत्रान्तर्गत शिवपुर रामगया घाट पर कुल 18 पुरूष, महिला एवं बालिकाएं नाव में सवार होकर मटर की फली तोड़ने के लिए चील्ह क्षेत्र में जा रही थी कि अचानक नाव पलट गयी। नाव में सवार सभी को सकुशल बचा लिया गया है। पानी में गिरने के कारण थोड़ी बहुत ठंड लग सकती है। इसी कारण सभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नाव पलटने पर उसमें सवार एक पुरुष और महिला व लड़कियां डूबने लगीं। नाव डूबते देख वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को फोन कर सूचना दी। मौके पर मल्लाह और पुलिस भी पहुंच गई। मल्लाहों न पुलिस की मदद से सभी 18 लोगों को गंगा से बाहर निकाल लिया।
नाव डूबने की हुई घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
नाव डूबने की सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जैसे-जैसे लोगों को पानी से बाहर निकाला गया, उनको जिला अस्पताल भेजने में लग गई। सभी लोग बचा लिए गए, उनको विंध्याचल स्वास्थ्य केंद व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नाव सवार लोग विंध्याचल के ही थे। इसी दौरान वहां पर गोताखोरों को लगाया गया। वाराणसी से तत्काल एनडीआरएफ की टीमों को भी मिर्जापुर बुलाया गया। वहीं जानकारी होने के बाद मौके पर जिलाधिकारी मिर्जापुर व पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस बल के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 जनवरी | आईएएनएस सी-वोटर ने राज्यों के सर्वेक्षण के साथ बड़े पैमाने पर जनता से संबंधित राष्ट्रीय मुद्दों की संभावना के बारे में उनकी राय के आश्चर्यजनक पैटर्न को उजागर किया है। बीते दो महीने से किसानों का मुद्दा राजनीतिक और सार्वजनिक क्षेत्र में एक ज्वलंत विषय बना हुआ हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय मुद्दों के सार्वजनिक विमर्श में अलोकप्रिय है।
सर्वेक्षण से पता चला कि देश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में रहने वाली आबादी के बीच किसानों के मुद्दे सबसे कम परेशान करने वाले कारक हैं। मात्र 0.57 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे राष्ट्र के सामने सबसे महत्वपूर्ण समस्या के रूप में बताया।
हालांकि, इस मुद्दे ने तमिलनाडु में जनता की भावनाओं को जरूर झकझोरा है, क्योंकि 25 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने इसे सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा माना।
सर्वेक्षण में पांच राज्यों को शामिल किया गया था, जिनमें पुड्डुचेरी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम के 45,000 से अधिक उत्तरदाताओं के जवाब सामने आए।
सर्वेक्षण के अनुसार, लोगों को बेरोजगारी के बारे में सबसे अधिक चिंतित पाया गया, इसके बाद वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से वे परेशान हैं। हैरानी की बात तो यह है कोविड-19 महामारी, जिसने पूरी दुनिया को अपने घुटनों पर झुकने के लिए मजबूर किया, वह भी लोगों के लिए ज्यादा चिंता का विषय नहीं है।
हालांकि, यह केरल में राष्ट्रीय मुद्दों के चार्ट में सबसे ऊपर है, क्योंकि 24 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने इसे सबसे अधिक चिंता का विषय के रूप में चुना, जिसका खुलासा सर्वेक्षण में हुआ।
सर्वेक्षण से संकेत मिला कि पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। राज्य में बेरोजगारी के बारे में 26.86 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सबसे अधिक चिंतित पाया गया।
पुड्डुचेरी में लोगों ने 'स्थानीय मुद्दों' को सबसे अधिक बड़े कारक के रूप में चुना। वहीं 26 प्रतिशत के करीब उत्तरदाताओं ने इसे अपने सबसे महत्वपूर्ण चिंता के रूप में चुना। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | देश की सबसे वयोवृद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट वी. शंता का चेन्नई में मंगलवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने चेन्नई कैंसर इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआईए) की अगुवाई की थी और उन्हें अडयार कैंसर इंस्टीट्यूट के नाम से भी जाना जाता था। वो 93 साल की थी। पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री और रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित शांता को सोमवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. वी. शांता के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
एक ट्वीट में, प्रधान मंत्री ने कहा, डॉ. वी. शांता को देश में शीर्ष गुणवत्ता वाले कैंसर केयर सुनिश्चित करने के उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। चेन्नई के अडयार स्थित कैंसर संस्थान गरीबों और दलितों की सेवा करने में सबसे आगे है। 2018 में संस्थान की मेरी यात्रा को याद करें। डॉ. वी. शांता के निधन से दुखी। ओम शांति।
शांता ने इलाज के दौरान चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। मंगलवार सुबह करीब 3.55 बजे उनकी मौत हो गई।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने घोषणा की कि डॉ. शांता का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। (आईएएनएस)
-शरद शर्मा
कोरोना से निपटने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन का काम जारी है. इसी बीच भारत बायोटेक ने फैक्टशीट जारी करके बताया है कि किस बीमारी या अवस्था में लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. भारत बायोटेक के मुताबिक- यदि किसी बीमारी की वजह से आपकी इम्युनिटी कमजोर है या आप कुछ ऐसी दवाएं ले रहे हैं, जिससे आपकी इम्युनिटी प्रभावित होती है तो आपको कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि अगर आप इम्युनोडेफिशिएंसी से ग्रस्त हैं या इम्युनिटी सप्रैशन पर हैं, यानी आप किसी अन्य ट्रीटमेंट के लिए इम्युनिटी कम कर रहे हैं तो कोरोना वैक्सीन ले सकते हैं. मगर अब भारत बायोटेक द्वारा जारी बयान में ऐसे लोगों को कोवैक्सीन न लगवाने की सलाह दी गई है.
जिन्हें एलर्जी की शिकायत रही है.
बुखार होने पर न लगवाएं.
जो लोग ब्लीडिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं या खून पतला करने की दवाई ले रहे हैं
गर्भवती महिलाएं, या जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं.
इसके अलावा भी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मामलों में नहीं लगवानी चाहिए, जिसके बारे में पूरी जानकारी वैक्सीनेशन ऑफिसर को देनी चाहिए.
भारत बायोटेक का कहना है कि जब आप वैक्सीन लगवा रहे हों तो ऐसी बातों की जानकारी आपको वैक्सीनेशन ऑफिसर को देनी चाहिए. यदि किसी बीमारी की वजह से आपकी नियमित दवाएं चल रही हैं तो इसकी जानकारी भी आपको देनी चाहिए, यानी वैक्सीन लगवाने से पहले अपने बारे में आपको पूरी जानकारी देनी होगी.
गौरतलब है कि देशभर से कोरोना वैक्सीन के कुछ मामूली प्रतिकूल प्रभाव सामने आने के बाद ये फैक्टशीट जारी की गई है. हालांकि कि कंपनी का ये भी कहना है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से कोई गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो.
-सुनील कुमार सिंह
मुंबई: छोटी-छोटी ठगी करके अब तक 22 हजार से ज्यादा महिलाओं को ठगी का शिकार बना चुका एक शातिर ठग मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ा है. साइबर पुलिस ने 32 साल के एक ऐसे शातिर ठग को पकड़ा है जो अब तक 22 हजार से ज्यादा महिलाओं को हजारों रुपए का चुना लगा चुका है. हैरानी की बात है कि गिरफ्तार युवक का नाम आशीष अहीर है और पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर आशीष लंदन की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुका है.
मुंबई साइबर सेल की डीसीपी रश्मि करंदीकर के मुताबिक उनके पास एक महिला की शिकायत आई थी जिसमें ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी की बात थी. इसके बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई और फिर आरोपी को सूरत से गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में उसने बताया कि लंदन से पढ़ाई करने के बाद सूरत में उसने कपड़ों का कारोबार शुरू किया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे काफी नुकसान हुआ. इस वजह से उस पर कर्जे का बोझ बढ़ गया और उसे चुकाने के लिए उसने ठगी का गलत रास्ता चुना.
आरोपी ने खुद ही Shopiiee.com नाम की वेबसाइट बनाई और उसपर अच्छे कपड़े, सस्ते दामों में बेचने का दावा किया. वेबसाइट पर सुंदर और सस्ते कपड़े देख महिलाओं ने ऑनलाइन खरीदना शुरू किया. आरोपी ने कुछ को तो कपड़े भिजवाए लेकिन ज्यादातर के कपड़े भिजवाए ही नही.
अब चूंकि, ठगी भी कुछ हजार रुपयों की ही होती थी इसलिए पुलिस में में जाना ज्यादातर लोगों ने पसंद नही किया और उसकी ठगी चलती रही. लेकिन मुंबई साइबर सेल में शिकायत आने के बाद इसकी जांच की गई, जिससे कि उसकी ठगी उजागर हो गई औऱ अब वो सलाखों के पीछे है.
करीब चार लाख लोगों को टीका लगने के बाद भारत बायोटेक ने कहा है कि टीका बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को नहीं लगाया जाना चाहिए. सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे में इस टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल रखना कितना सही है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने सोमवार 18 जनवरी को बताया कि टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 3,81,305 लोगों को टीका लग चुका है. हालांकि सरकार यह जानकारी नहीं दे रही है कि कितनों को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड लगाई गई है और कितनों को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, लेकिन केंद्र सरकार के अस्पतालों में सिर्फ कोवैक्सिन ही लगाई जा रही है. लाखों लोगों को टीका लग जाने के बाद सोमवार को भारत बायोटेक ने कहा कि उसका टीका सबके लिए नहीं है.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक 'फैक्ट-शीट' जारी की जिसमें बताया गया है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोवैक्सिन नहीं लेनी चाहिए. इसके अलावा जिन्हें कोई अलर्जी हो, बुखार हो, खून बहने से संबंधित कोई बीमारी हो, जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो और इनके अलावा और कोई स्वास्थ्य संबंधी गंभीर शिकायत हो उन्हें कोवैक्सिन नहीं दी जानी चाहिए.
कंपनी के इस बयान को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह जानकारी टीकाकरण शुरू करने से पहले सरकार के पास थी और क्या कोवैक्सिन देने के लिए अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को चुनते समय इन बिंदुओं का ख्याल रखा गया था? सरकार ने अभी इस विषय में कुछ नहीं कहा है. सरकार ने बस इतना कहा है कि इनमें से सिर्फ 580 लोगों में कुछ दुष्प्रभाव देखे गए, लेकिन कोई भी मामला गंभीर नहीं है.
सात लोग अस्पताल में भर्ती हैं. टीका लगने के बाद दो लोगों की मौत भी हो गई, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उनकी मौत का टीके से कोई संबंध नहीं है. लेकिन टीकाकरण अभियान की रफ्तार अब धीमी पड़ रही है. देश के कई हिस्सों में कर्मचारी उतनी संख्या में टीकाकरण केंद्रों में नहीं आ रहे हैं जितनी अधिकारियों को उम्मीद थी.
मीडिया में आई कुछ खबरों के अनुसार दिल्ली के 81 केंद्रों पर सोमवार को तय लाभार्थियों में से सिर्फ 44 प्रतिशत लोग आए. लोक नायक अस्पताल में कार्यक्रम में तीन घंटों की देर हुई क्योंकि वहां सिर्फ दो लाभार्थी टीका लेने आए. एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स संगठन के पूर्व अध्यक्ष हरजीत सिंह भट्टी ने दावा किया है कि एम्स में भी सिर्फ आठ लाभार्थी कोवैक्सिन लेने आए जबकि तय था 100 लोगों का आना.
मांग उठ रही है कि सरकार जल्द इन आशंकाओं को संबोधित करे और इस बारे में पूरी जानकारी सार्वजनिक रूप से दे.
एक शख्स शिकागो के ओ'हारे हवाई अड्डे पर तीन महीने तक छिपा रहा. उसका दावा है कि उसने कोरोना वायरस से बचने के लिए ऐसा किया और वह डरा हुआ था. आदित्य सिंह नाम का शख्स हवाई अड्डे के प्रतिबंधित सुरक्षा क्षेत्र में रह रहा था.
कैलिफोर्निया के रहने वाले आदित्य सिंह पर गंभीर अपराध के तहत एयरपोर्ट के प्रतिबंधित क्षेत्र में गलत तरीके से दाखिल होने का आरोप लगाया गया है. सिंह पिछले तीन महीने से शिकागो के ओ'हारे हवाई अड्डे पर रह रहा था. 36 वर्षीय सिंह ने पुलिस को बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह यात्रा करने से डर गया था. उस पर एयरपोर्ट के कर्मचारी का बैज चुराने का भी आरोप लगाया गया है. जज ने कहा है कि अगर वे जमानत के लिए एक हजार डॉलर देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा लेकिन उसे दोबारा एयरपोर्ट में दाखिल होने से रोक दिया है.
कुक काउंटी की जज सुजाना ओर्टिज ने चिंता जताते हुए कहा कि कोई सुरक्षित क्षेत्र में बिना किसी के पता चले इतने लंबे समय कैसे रह सकता है. जज ने कहा, "कोर्ट ने इन तथ्यों और परिस्थितियों को कथित अवधि के लिए काफी चौंकाने वाला पाया है." जज ने कहा, "हवाई अड्डे के एक सुरक्षित हिस्से में फर्जी बैज के साथ रहना खतरनाक है और लोगों की सुरक्षित हवाई यात्रा के लिए हवाई अड्डों का पूरी तरह से सुरक्षित होना जरूरी है. मुझे लगता है कि उन कथित आरोप से वह शख्स पूरे समुदाय के लिए खतरा है."
कर्मचारियों को हुआ संदेह पैदा
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील कैथलीन हगर्टी ने कहा यूनाइटेड एयरलाइंस के दो कर्मचारियों ने सिंह को देखा और उन्हें शक हुआ. जब कर्मचारियों ने सिंह से पहचान पत्र दिखाने को कहा तो उसने ऑपरेशन मैनेजर का पहचान पत्र दिखाया, हालांकि मैनेजर ने अक्टूबर महीने में ही बैज के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी. कर्मचारियों ने इसके बाद पुलिस को सूचना दी जिसके बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
हगर्टी ने कहा कि सिंह ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह "कोविड-19 के कारण घर जाने को लेकर डर गया था." सिंह ने बताया कि उसे बैज एयरपोर्ट पर मिला और अन्य यात्रियों द्वारा दिए गए भोजन के सहारे वह अपना पेट भर रहा था.
बचाव पक्ष के वकील कर्टनी स्मॉलवुड ने कहा कि यह साफ नहीं है कि लॉस एंजेलिस का रहने वाला सिंह शिकागो क्यों आया. स्मॉलवुड के मुताबिक सिंह बेरोजगार है और इस इलाके से उसका संबंध क्या है यह अस्पष्ट है. सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई. उसका कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
एए/सीके (एएफपी)