राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| भारत सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड को लेकर विचार-विमर्श के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ गुरुवार को हुए संवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार द्वारा किसानों के हक में किए गए कार्यों का ब्योरा पेश किया तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फसल बीमा व अन्य मसलों पर अपने सुझाव दिए। योगी ने कहा कि उप्र सरकार 'आत्मनिर्भर भारत पैकेज' को लेकर किसानों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। केंद्रीय योजनाओं की उप्र में प्रगति की जानकारी देते हुए योगी ने कहा कि राज्य में 2.14 करोड़ से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि 1.44 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड पहले से थे और 12 लाख नए बनाए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय से इस संवाद के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 450 एफपीओ पहले से ही हैं और अब हर विकासंखड (कुल 825) में एक-एक एफपीओ बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। किसानों के लिए 30 दिनों तक भंडारण नि:शुल्क रखा गया है, उससे ज्यादा अवधि के लिए रखने पर शुल्क में 30 प्रतिशत छूट मिलेगी। 8.50 लाख मीट्रिक टन अनाज भंडारण के लिए कार्ययोजना बनाई गई है, जहां रखे अनाज पर किसान ऋण भी ले सकेंगे।"
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार लाने और एफपीओ में सदस्यों की संख्या अधिकतम 100 रखने के सुझाव दिए।
ठाकरे ने कहा, "हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता की सुख-समृद्धि के सपने अब हकीकत में बदल रहे हैं, महाराष्ट्र भी इसमें सहभागी है। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, लेकिन कर्ज मुक्ति एक प्राथमिक उपचार है। हमें किसान को उनके पैरों पर खड़े करने के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत है। एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड सहित अन्य योजनाओं में इस तरह के प्रावधान हैं।"
उन्होंने राज्यों में किसानों की कमेटी बनाकर संवाद करने और केंद्र स्तर पर हर महीने बैठक करने का भी सुझाव दिया।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रकचर फंड को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर मुख्यमंत्रियों और राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं। गुरुवार को भी आयोजित संवाद में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के अलावा कई राज्यों के कृषि एवं सहकारिता मंत्री शामिल हुए।
तोमर ने कहा, "सरकार का मकसद कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से गांवों और खेतों तक निजी निवेश पहुंचाकर छोटे किसानों की भलाई करना है। फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रसंस्करण जैसी स्थायी व्यवस्थाओं के लिए ही एक लाख करोड़ रुपये की राशि प्रधानमंत्री ने दी है।"
तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत महाराष्ट्र में भारी बारिश से प्रभावित 75 लाख किसानों को 5,000 करोड़ रुपये की भरपाई की गई है।
इस परिचर्चा में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री परुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे, तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी, राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने भी अपने विचार रखे।
कई घायल की खबर
गुजरात के अहमदाबाद में दो मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ढह गया है। कुबेरनगर इलाके में हुई इस घटना में एक की मौत हो गई है। 'आजतक' के मुताबिक 2 लोगों को बचा लिया गया। बचाव जारी है।
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खंडपीठ कर रही थी। पीठ ने 18 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षों से तीन दिन के अंदर लिखित रूप से अपनी अंतिम दलील दाखिल करने को कहा था।
दरअसल, यूजीसी ने छह जुलाई को देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी (स्नातक) और पीजी (परास्नातक) पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर 2020 तक पूरा करने से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया था। हालांकि कोरोनावायरस महामारी के बीच छात्रों और विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।
यूजीसी के इस कदम को लेकर देशभर के अलग-अलग संस्थानों के कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई। मगर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द संबंधी याचिका खारिज कर दी थी।
अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइन जारी होने के बाद से ही परीक्षा कराए जाने को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दल केंद्र को इस मुद्दे पर घेर रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने की मांग कर चुके हैं। वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर चुकी हैं और इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी परीक्षा स्थगित किए जाने पर सहमत हैं।
शिवसेना की युवा शाखा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सितंबर तक परीक्षा कराए जाने के निर्णय को चुनौती दी है।
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि अंतिम वर्ष, डिग्री वर्ष है और परीक्षा को खत्म नहीं किया जा सकता है। मेहता ने कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के उदाहरणों का भी हवाला दिया और कहा कि कई शीर्ष स्तर के विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प चुना है। मेहता ने जोर देकर कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय और आगे की शिक्षा के लिए डिग्री की आवश्यकता होती है।
यूजीसी के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि ये दिशानिर्देश केवल उपदेश भर नहीं है, बल्कि ये अनिवार्य हैं। मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत के सामने जिन दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई है, वह वैधानिक है।
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| वित्तमंत्री सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि जीएसटी मुआवजे को अनावश्यक रूप से मुद्दा बनाकर विपक्ष राजनीति करना चाहता है। वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच अविश्वास का माहौल पैदा करने के लिए उनकी ही (संप्रग) पूर्व की सरकार दोषी है। खासतौर से विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के आरोपों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि पूर्व सरकार ने केंद्रीय बिक्री कर के मुआवजे को लेकर अपना वादा नहीं निभाया, जिससे अविश्वास का माहौल पैदा हुआ।
इन राज्यों का आरोप है कि राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा का भुगतान करने के संबंध में केंद्र सरकार अपनी प्रतिबद्धता से मुकर गई।
उन्होंने कहा कि इस अविश्वास के चलते शुरुआत में जीएसटी लागू करने में कठिनाई आई।
जीएसटी मुआवजे के मसले को लेकर जीएसटी परिषद की करीब पांच घंटे तक बैठक चली।
बैठक के बाद सीतारमण ने कहा, "लेकिन मैं राज्यों का शुक्रगुजार हूं कि आज जीएसटी परिषद की बैठक में उन्होंने मुआवजे को लेकर किसी प्रकार की राजनीति करने की कोशिश नहीं की। मौजूदा हालात को लेकर उनकी चिंता थी और मुआवजे की समस्या का समाधान चाहते थे।"
सीतारमण को बुधवार को सख्त लहजे में लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने कहा, "लगता है हमारी आशंका अब सच साबित होने जा रही है। हैरानी की बात यह है कि राज्यों को दी गई संवैधानिक गारंटी की व्याख्या इस तरह से की जा रही है कि राज्यों को मुआवजा देना केंद्र का दायित्व नहीं है।"
जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में यह तय हुआ कि जीएसटी मुआवजे को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए दो विकल्पों पर राज्य अपनी राय देंगे।
भोपाल, 28 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए भर्ती हुई महिला कमला रावत की मौत के बाद उनके सोने-चांदी के जेवरात गायब हो गए। उनके परिजनों ने इसकी शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी की है। सागर जिले के मकरोनिया में रहने वाले अनिल रावत जो कतर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्होंने आईएएनएस से कहा कि उनकी मां कमला रावत की जब तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें पहले सागर के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहां हालत में सुधार न होने पर भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अनिल रावत का कहना है कि उनकी मां को जब चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया तो ऑक्सीजन का उपयोग करने के लिए जेवरात उतारने को कहा गया।
उन्होंने आगे बताया कि 17 अगस्त को चिरायु अस्पताल में ही उनकी मां की मृत्यु हो गई। उनका अंतिम संस्कार भोपाल में ही कराया गया। वह कतर से मुंबई होते हुए सागर पहुंचे। उसके बाद से वह लगातार अस्पताल प्रबंधन से मां के जेवरात के संदर्भ में संपर्क कर रहे हैं, मगर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है।
रावत ने बताया कि उनकी मां के हाथ में सोने की तीन चूड़ियां, सोने का एक मंगलसूत्र, कान के दो टॉप्स, सोने की अंगूठी के अलावा पायल और बिछिया जो अस्पताल के कर्मचारियों ने उपचार के दौरान उतारे थे, उसके बारे में अब कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
अनिल ने बताया कि इस बारे में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को ई-मेल किया, जिस पर उनका जवाब आया कि पुलिस में शिकायत करें। उन्होंने भोपाल पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत भेजी हुई है, मगर अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अनिल ने अस्पताल प्रबंधन को भी ईमेल भेजा है।
अनिल की ओर से लगाए गए आरोप के संदर्भ में आईएएनएस ने चिरायु अस्पताल के प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, मगर कोई उपलब्ध नहीं हुआ।
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले की छानबीन में सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स ब्यूरो के जुटने के बाद अब नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की मांग भी उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव ने कहा कि एक साथ कई कनेक्शन के कारण दिनोंदिन पेचीदा होते जा रहे इस मामले की जांच एनआईए से भी कराने पर जोर दिया है। मुरलीधर राव भाजपा के ऐसे नेता हैं, जो शुरुआत से ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाते रहे हैं।
मुरलीधर राव ने गुरुवार को अपने बयान में कहा, "सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने और अप्राकृतिक मौत की सीबीआई जांच कर रही है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) एनडीपीएस अधिनियम के तह ड्रग मामले की जांच कर रही है। केस लगातार बड़ा होता जा रहा है। एक साथ कई केस और नेटवर्क जुड़ रहे हैं। इसमें एनआईए को भी शामिल होना पड़ सकता है।"
राव ने कहा कि इस मामले को पूरा भारत और भारत के लोग उत्सुकता और भावनात्मक रूप से देख रहे हैं। जो कोई भी इस केस में मदद कर रहा है, वह न केवल सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहा है, बल्कि स्वच्छ बॉलीवुड मुहिम में भी योगदान दे रहा है।
भाजपा महासचिव ने इस अभियान का श्रेय अभिनेत्री कंगना रनौत को दिया। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने और बॉलीवुड की स्वच्छता के लिए उठाई गई आवाज अब मूवमेंट बन गई है।
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे का साथ मिला है। प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने गुरुवार को अन्ना हजारे का एक ऑडियो जारी कर यह दावा किया है, जिसमें समाजसेवी अन्ना हजारे कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार का सबूत मिलने पर वह किसी के खिलाफ भी आंदोलन करने को तैयार हैं। प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, "दिल्ली में चल रहे अरविंद केजरीवाल के गोरखधंधे के खिलाफ भाजपा की लड़ाई में अन्ना हजारे का भी समर्थन मिला है। जनता को अंधेरे में रखकर सरकार चला रहे लोगों को अब सच का सामना करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।"
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ओर से जारी कथित ऑडियो में अन्ना हजारे कह रहे हैं कि वे अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ 20 बार अनशन कर चुके हैं। जहां-जहां भी भ्रष्टाचार दिखाई दिया, वहां उन्होंने अनशन किया। वह हमेशा देश और समाज के बारे में सोचते हैं। अन्ना ने कहा कि "भ्रष्टाचार के खिलाफ अगर सबूत मिलता है तो आंदोलन करूंगा, चाहे केजरीवाल हों या कोई दूसरा हो।"
बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने बीते 24 अगस्त को समाजसेवी अन्ना हजारे को पत्र लिखकर दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और आंदोलन चलाने के लिए आमंत्रित किया था। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि स्वच्छ राजनीति का दावा कर बनी आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से दिल्ली की जनता को ठगा, उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। अब केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे को दिल्ली में आंदोलन कर जनता को इंसाफ दिलाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली टैक्सी-टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने करोना महामारी की वजह से टैक्सी बस मालिकों में आई बेरोजगारी, भुखमरी को देखते हुए गुरुवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने दिल्ली-एनसीआर के अंदर पंजीकृत ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट (एएटीपी) की डीजल टैक्सी बसों के परमिट 2 साल और बढ़ाने की मांग की है। साथ ही जिन डीजल टैक्सी के परमिट अभी खत्म हो रहे हैं, उन्हें भी 2 साल और बढ़ाने की मांग की है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि "कोरोना महामारी से देश में पर्यटन उद्योग बिल्कुल खत्म हो चुका है। पूरे भारत के अंदर टूरिस्ट जनवरी से ही आना बंद हो गए थे। साथ ही मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद हालत और भी खराब हो गए हैं। देश के अंदर जितनी भी टूरिस्ट टैक्सी बस हैं वह सभी पार्किं ग में ही खड़ी हुई हैं।"
एसोसिएशन की तरफ से चिंता जताते हुए कहा गया कि आने वाले 1 साल तक भारत में टूरिस्ट का आना जाना भी मुश्किल है और हालात ये हो गई है कि "हमारे पास गाड़ी की किस्त जमा करने के भी पैसे नहीं हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमारे ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट को 2 साल और बढ़ाया जाए।"
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| देशभर में कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम पर ताजिये के जुलूस नहीं निकाले जाएंगे और न ही सड़कों पर ढोल-नगाड़े बजेंगे। धर्मगुरुओं और प्रशासन ने भी लोगों से मुहर्रम का त्योहार घर पर ही कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाए जाने की भी अपील की है।
कोरोना के चलते मोहर्रम, ईद, बकरीद, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी गुरुगोविंद जयंती सभी त्योहारों पर बंदिशें रहीं, सभी त्योहारों में होने वाले रिवाजों में भी बदलाव दिखा। वहीं कोरोना काल की वजह से त्योहारों में कई सौ सालों की परंपराएं भी टूटीं। इस मसले पर आईएएनएस से कई बड़े मौलानाओं ने अपनी बात रखी।
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुखिया इमाम उमर अहमद इलयासी ने आईएएनएस से कहा, "सरकार ने जो फैसला लिया है वो कोरोना को देखते हुए लिया है ये एक मजबूरी है। सरकार जब फैसला लेती है तो वो एक धर्म विशेष के लिए नहीं लेती। सभी का ख्याल करते हुए लिया जाता है।"
उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पर भी परंपरा टूटी है। जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर को बंद कर दिया गया। मंदिर बंद होने की वजह से पूजा नहीं हो पाई। रमजान के महीने में भी परंपरा टूटी, हिंदुस्तान क्या पूरी दुनिया मे एक ऐसे परंपरा टूटी की मस्जिदें बंद हो गईं, नमाज नहीं हो सकी।
इलयासी ने कहा कि इसी तरह नवरात्रों पर भी मंदिरों को बंद कर दिया गया। ईसाइयों में कभी चर्च बंद नहीं होते थे, लेकिन ये एक परंपरा टूटी। वहीं गुरुद्वारे 24 घंटे खुले रहते थे, लेकिन वे भी इस महामारी में बंद रहे। सभी धर्मों में मनाए जाने वाले त्योहारों पर होने वाले रिवाजों में बदलवाव हुआ, सभी त्योहारों की परंपरा टूटी।
उन्होंने कहा, "जहां मजबूरी हो, जब महामारी फैली हो, वहां पर सरकार सबको देखते हुए फैसला लेती है। हम बचेंगे तभी तो सारी चीजें बचेंगी। परंपराओं को देखें या अपनी जान? पहले जान को बचाना जरूरी होता है। सरकार के फैसलों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि सहयोग करना चाहिए।"
रिनाउंड इस्लामिक स्कॉलर एंड सोशल रिफॉर्मर डॉ. सयैद कल्बे रुशेद रिजवी ने आईएएनएस से कहा, "ताजिया जब निकलेगा, वो अपने साथ भीड़ लेकर निकलेगा और कोरोना बीमारी से रोजाना रिकॉर्ड टूट रहे हैं। कहीं भीड़ से ये बीमारी ऐसे व्यक्ति में न चले जाएं, जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहा हो। उसकी मौत का जिम्मेदार कौन होगा? इसे इस नजरिए से देखा जाना चाहिए। 700 800 सालों में जो परंपरा टूटी, इन्हें इस नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि ताजिया, अजादारी और जुलूस ये हमारे दिल में रहता है।"
उन्होंने कहा कि अजादारी एक ऐसी ताकत है, जिससे इंसानियत को बचाया जाएगा, न कि ऐसी अजादारी, जिससे दुनिया में ये बीमारी फैले।
रिजवी ने कहा कि चीजों को डिजिटलाइज करें, भीड़ बाहर नहीं निकलनी चाहिए, चाहे वो किसी भी धर्म की हो। क्या अभी तक कोई भीड़ निकली है जिसमें 10 हजार लोग शामिल हुए हों? क्या किसी को इजाजत दी गई है? इस महामारी में आप नहीं निकल सकते।
उन्होंने कहा, "मेरी गुजारिश हिंदुस्तान की सरकार से ये है कि अगर गांव का मुसलमान या हिंदू अपने सिर पर एक फीट का ताजिया लेकर अपने गांव की कर्बला में दफ्न करना चाहता है तो पुलिस उसका इंतजाम करे। डंडे का इस्तेमाल न करे, उसे ये काम करने दिया जाए, एक या दो आदमी के जाने से आपकी धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं होगा।"
रिजवी ने कहा कि ताजिया रस्म नहीं है, त्योहार और ईद नहीं है। ताजिये का खुशी से कोई लेना-देना नहीं है। जब मुर्दे के लिए आपने 20 आदमी जाने की इजाजत है तो ये भी एक शोकसभा है, आप ऐसा कदम उठाएं जिससे धारा 144 बनी रहे।
लखनऊ में मौलाना कल्बे जवाद ने मुहर्रम के महीने में मातम, मजलिसें और ताजियों के जुलूस पर सरकार की ओर से रोक लगाए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी और लखनऊ के इमामबाड़ा में धरने पर बैठ गए थे। वहीं, अब योगी सरकार ने घरों में ताजिए रखने की इजाजत दे दी है, जबकि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मजलिसों का आयोजन भी हो सकेगा।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने आईएएनएस से कहा, "जबसे दुनिया बनी है, तबसे लेकर अब तक पहली बार हुआ है कि रमजान में और ईद में नमाजें नहीं हुईं। वो बड़ी परंपरा है या जुलूस की बड़ी परंपरा है?"
उन्होंने कहा, "कोरोना बीमारी किसी के कंट्रोल में नहीं है, दुनिया में कहीं पर भी, ईद बकरीद, रक्षाबंधन गणेश चतुर्थी, गुरुगोविंद जयंती सभी त्यौहारों पर बंदिशें लगीं। कोरोना का प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। मुसलमानों में रमजान और ईद से बढ़ कर कोई चीज नहीं। लिहाजा, इस मौके पर भी अपने घरों में करें या डिजिटल प्रोग्राम करे।"
हालांकि जब आईएएनएस ने फिरंगी महली से सवाल किया कि जो हाल ही में धरना-प्रदर्शन किया गया क्या वो सही था? इस सवाल के जवाब में मौलाना महली ने कहा, "वो कदम बिल्कुल गलत था। जब नमाज के लिए हमने कोई धरना-प्रदर्शन नहीं किया। जहां भी भीड़ जमा होगी, वहां बीमारी फैलेगी या कम होगी? जो कम पढ़े लिखे लोग हैं, उन्हें भी इस बात का इल्म है। किसी भी तरह का पब्लिक प्रोग्राम करना गलत है।"
रविकिशन ने मांगा इस्तीफा
लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर की सीट से भाजपा विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल को पार्टी ने 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है। वहीं, सांसद रविकिशन ने विधायक से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा, "अगर विधायक होने पर आपको गुस्सा आता है तो इस्तीफा दे दीजिए।" भाजपा विधायक डॉ. अग्रवाल ने पिछले दिनों ट्वीट कर यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए खुद को विधायक होने पर शर्म आने की बात कही थी। इसे पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए उनसे एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति व सिद्धांतों के विरुद्ध आचरण करने के आरोप में गोरखपुर शहर के विधायक डॉ. अग्रवाल को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने डॉ. अग्रवाल को नोटिस जारी करते हुए कहा, "पार्टी आचरण के विरुद्ध आपके द्वारा सरकार व संगठन की छवि को धूमिल करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली जा रही है। आपका यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। उक्त के संदर्भ में आप अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर पार्टी कार्यालय भेजने का कष्ट करें।"
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से गोरखपुर में एक सहायक अभियंता के तबादले का मुद्दा गर्म है। इसको लेकर भाजपा विधायक डॉ. अग्रवाल और सांसद रविकिशन आमने-सामने हैं। इस मामले में जहां सांसद के पक्ष में चार विधायक आए, वहीं इस वैचारिक युद्ध में बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान नगर विधायक के समर्थन में कूद पड़े हैं। वहीं सांसद के इस संदेश पर नगर विधायक डॉ. अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। नगर विधायक ने कहा है, "बहुत-बहुत धन्यवाद। कोई तो न्याय और सम्मान के लिए है।"
दरअसल, विधायक अग्रवाल ने कार्य में लापरवाही के लिए सहायक अभियंता के.के. सिंह की उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की है, जिसके बाद अभियंता को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। वहीं, मौजूदा सांसद रविकिशन शुक्ला ने अभियंता को कर्मठ, विश्वसनीय बताते हुए तबादले को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा।
गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने डॉ.अग्रवाल से कहा, "अगर पार्टी की नीतियों व सिद्धांतों से आपको इतनी दिक्कत हो रही है तो आप पार्टी से इस्तीफ दे दें।" उन्होंने आगे कहा कि विधायक राधामोहन हमेशा पार्टी विरोधी बातों को तूल पकड़ाकर जनता को भ्रमित करने का काम करते रहे हैं। वह गोरखपुर में हो रहे विकास कार्यो में बाधा पहुंचाते रहे हैं। वह अनाप-शनाप बयानों से पार्टी की छवि धूमिल करने का प्रयास करते रहे हैं।
रविकिशन के पीआरओ से जब उनका बयान सांसद के लेटरहेड पर मांगा गया तो उन्होंने रात हो जाने का हवाला देते हुए लिखित बयान देने से मना कर दिया।
समीरात्मज मिश्र
झांसी, 27 अगस्त। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में दो पक्षों के बीच पानी भरने का विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के लोगों पर तेजाब से हमला कर दिया जिसमें तीस से ज़्यादा लोग झुलस गये। इस घटना में पाँच लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को झांसी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बीबीसी को बताया कि मामले में छह अभियुक्तों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया जिनमें से दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना था कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। सभी को गिरफ़्तार कर जेल भेजा जाएगा।
झांसी जिले के उल्दन थाना स्थित बासार गाँव में मंगलवार की रात एक हैंड पंप पर पानी भरने को लेकर कुछ लोगों में विवाद हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, राजेश सोनी नाम के एक व्यक्ति ने कुछ लोगों को हैंड पंप से पानी भरने से रोका, तो झड़प हो गई।
दोनों तरफ़ से भारी संख्या में लोग आमने-सामने आ गये और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई।
इस दौरान एक पक्ष के कुछ लोगों ने छत पर चढक़र दूसरे पक्ष पर तेजाब फेंक दिया जिससे कई लोग झुलस गए।
घटना के बारे में झांसी के नगर पुलिस अधीक्षक राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पक्षों में पानी भरने के विवाद के बाद एक पक्ष जो सोने-चांदी का काम करता है, उसने छत पर चढक़र जेवर साफ करने वाला केमिकल दूसरे पक्ष के लोगों पर फेंक दिया। पुलिस की ओर से घायल पक्ष के लोगों को उपचार के लिए भेज दिया गया है और पीडि़त पक्ष की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
घटना के बाद गाँव में तनाव बढ़ गया और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। हालांकि पुलिस का दावा है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन पुलिस बल की तैनाती बनी हुई है।
तेजाब के इस कथित हमले में कुछ ऐसे लोग भी घायल हो गये जिनका विवाद से कोई वास्ता नहीं था, बल्कि वो विवाद होता देख वहाँ दोनों पक्षों को समझाने के लिए गये थे।
घायलों में कई महिलाएं भी शामिल हैं। ज़्यादातर लोगों के चेहरे और हाथ पर तेज़ाब पड़ा है।
हरगोविंद नाम के एक घायल व्यक्ति का कहना था, हमारे मोहल्ले में पानी की कोई सुविधा नहीं है। यहाँ पर सबमर्सिबल लगा था। हम लोग यहाँ पानी लेने आये थे। ये लोग पानी लेने से मना करने लगे और फिर तेज़ाब फेंक दिया गया।
ग्रामीणों के मुताबिक़, गाँव में दो हैंडपंप लगे हैं जिनमें सबमर्सिबल लगाकर पानी भरा जाता है।
बुधवार की रात बिजली नहीं आने से सबमर्सिबल नहीं चल रहा था। इसके बाद एक पक्ष के लोग हैंड पंप से पानी भरने आये। मौक़े पर ही दोनों पक्षों में जमकर वाद विवाद हुआ। इसके बाद सैकड़ों की तादाद में ग्रामीणों ने एक घर को घेर लिया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, जब दूसरे पक्ष के लोगों ने चारों ओर से इन्हें घेर लिया तो राजेश सोनी और उनके परिजन अपनी छतों पर चढ़ गए और वहाँ से उन्होंने एसिड फेंक दिया। एसिड फेंकने के बाद भगदड़ मच गई और जिनके ऊपर भी एसिड पड़ा, वो झुलस गए।
घटना की सूचना गाँव के ही कुछ लोगों ने पुलिस को दी।
मौक़े पर पहुंची पुलिस ने एसिड अटैक में घायल ग्रामीणों को इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज भेजा। पाँच ग्रामीणों की आँख पर तेज़ाब पडऩे से उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। कुछ लोगों की आँख में भी तेज़ाब चला गया है। कुछ बच्चे भी इस हमले में घायल हुए हैं।
प्रयागराज, 27 अगस्त (आईएएनएस)| बाहुबली और पूर्व सांसद अतीक अहमद पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिकंजा कस दिया है। गैंगस्टर अतीक अहमद के खिलाफ प्रयागराज में बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां अतीक अहमद की करीब 25 करोड़ की पांच संपत्तियां को कुर्क किया गया है। इसके साथ ही अन्य संपत्तियों की भी नाप-जोख जारी है। प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक दीक्षित ने बताया, बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की लगभग 25 करोड़ की पांच सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की गई है। अपराध से अर्जित सम्पत्तियों को डीएम के आदेश पर कुर्क किया गया। इनमें चकिया में ढाई करोड़ के दो मकान, ओम प्रकाश सभासद नगर और कालिंदीपुरम में ढाई करोड़ के दो मकान और सिविल लाइन एमजी रोड में बीस करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में भूमफि याओं द्वारा अर्जित की गयी संपत्ति कुर्क की कार्रवाई पुलिस द्वारा लगातार चलती रहेगी।
जेल में बंद प्रयागराज के फूलपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे माफि या डॉन अतीक अहमद के गैंग के सदस्यों की संपत्तियों को कुर्क करने की भी कार्रवाई की जा रही है।
प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद की अपराध के जरिए बनायी गयी संपत्ति को कुर्क करने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें सिविल लाइंस, खुल्दाबाद और धूमनगंज इलाके में छानबीन कर रही है। इन टीमों ने जब्त की गई सम्पत्तियों को कुर्क करने के लिए नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई कर दी है। पुलिस की एक टीम अतीक अहमद के चकिया स्थित आवास पर भी कुर्की की कार्रवाई कर रही है।
प्रयागराज के डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी ने अतीक अहमद के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 28 अगस्त तक सात संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही अभी 13 अन्य सम्पत्तियों को कुर्क करने का मामला भी प्रयागराज डीएम के समक्ष विचाराधीन है।
भोपाल, 27 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को कहा कि आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि, "आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा सरकार की उपलब्धियों से नहीं बल्कि भाजपा के संगठन से है। इसलिए बीते चार माह कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में लगाए हैं। यह चुनाव उप-चुनाव या आम चुनाव नहीं है, वास्तव में यह चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है।"
भाजपा की सरकार पर हमला बोलते हुए कमल नाथ ने कहा कि, "बीते पंद्रह साल का चित्र मतदाता के सामने है और हमारे पंद्रह माह का चित्र उनके सामने है। इसमें से ढाई माह लेाकसभा चुनाव में और एक माह उथल-पुथल में निकल गए, कुल साढ़े 11 माह में हमने अपने काम से जो परिचय दिया नीति और नियत का वह सब के सामने है। भले ही कांग्रेस का साथ न दें, कमल नाथ का साथ न दें, मगर सच्चाई का साथ दें।"
उन्होंने आगे कहा कि जिन 27 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले है वह राज्य के भविष्य से जुड़ा हुआ है। सौदे की राजनीति से मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है। यह बोली से बनी हुई सरकार है, सौदा किया गया।
कमल नाथ ने किसानों की कर्ज माफी का जिक्र करते हुए कहा, "राज्य में साढ़े 26 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ है, उसकी पेनड्राइव हमारे पास है, इसमें हर किसान का ब्यौरा दर्ज है। इस पेनड्राइव को हम सभी को देना चाहते है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोले हुए कमल नाथ ने कहा कि अभी हाल ही में ग्वालियर में बड़े-बड़े भाषण हुए जिन्होंने खुद कर्ज माफी के कार्यक्रम किए, वे अब कहते हैं कि कर्ज माफ नहीं हुआ इसलिए कांग्रेस छोड़ दी। यह झूठ और मीडिया की राजनीति अपने प्रदेष में चलने वाली नहीं है।
कमल नाथ ने कहा कि राज्य को देश में नई पहचान बनाने का प्रयास किया था। राज्य की पहचान माफिया से न हो, मिलावट से पहचान न बने। इसके लिए माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ मोर्चा खोला था।
नई दिल्ली, 27 अगस्त। कांग्रेस के लेटर बम के बाद पार्टी की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आई थी और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में इसपर मंथन भी खूब हुआ। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखे इस पत्र में जिन 23 नेताओं के दस्तखत थे, उनमें एक नाम जितिन प्रसाद का भी था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अब उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मांग को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने में एनर्जी खत्म करने के बजाय बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह टारगेट करने की जरुरत है।' चिट्ठी पर जिन लोगों के दस्तखत थे, उनमें से एक कपिल सिब्बल भी हैं। यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके मनीष तिवारी ने कपिल सिब्बल के ट्वीट पर एक शब्द लिखा- प्रेसिएंट (भविष्य ज्ञानी)। चिट्ठी लिखने वालों में मनीष तिवारी का भी नाम है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई ने सोनिया गांधी को नामित करते हुए एक प्रस्ताव रखा है। उन्होंने जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं, उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रस्ताव में लिखा है, पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद एकमात्र व्यक्ति हैं। उनका पारिवारिक इतिहास गांधी परिवार के खिलाफ रहा है और उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लडक़र इसे साबित किया था। इसके बावजूद सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और मंत्री बनाया।
आगे लिखा है, उन्होंने जो किया वह घोर अनुशासनहीनता है और जिला कांग्रेस कमेटी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहती है और उनके कार्यों की निंदा करती है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मानव तस्करों की मदद से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले सात बांग्लादेशियों को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से पकड़ा है। बीएसएफ ने बुधवार को ये जानकारी दी।
बीएसएफ ने कहा कि, गजना के ग्रामीणों की खास सूचना पर कार्रवाई करते हुए नदिया में महेंद्र इलाके में बॉर्डर आउटपोस्ट पर तैनात बीएसएफ की आठवीं बटालियन के कर्मियों ने बांग्लादेशियों को पकड़ा। इनमें दो महिलाएं और एक तीन वर्षीय बच्चा भी शामिल था। यह दिन में करीब 11.30 बजे गजना-तारकपुर रोड पर वाहन की प्रतीक्षा कर रहे थे, तभी बीएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।
जब बीएसएफ ने उन्हें अपनी पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा, तो वे कोई भी वैध भारतीय पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।
प्रारंभिक पूछताछ पर उन्होंने खुलासा किया कि वे मंगलवार रात को बिना बाड़े वाले पैच से भारत में चले आए।
उनकी पहचान सकील शेख (30), मो. रहीम्ो(23), सूमी अक्तर (22), पारुल अक्तर (26), कोली बेगम (24), चंपा बेगम (26) और तीन वर्षीय यासीन सेख के तौर पर हुई है, उनके पास से कुल 2,106 बांग्लादेशी टाका बरामद किया गया है।
पूछताछ के दौरान, बीएसएफ अधिकारियों ने पाया कि दो महिलाएं हैदराबाद जा रही थीं और बाकी मजदूरी के काम के लिए चेन्नई जा रहे थे।
यह भी पता चला कि हैदराबाद जाने वाली महिलाएं पहले से ही सिकंदराबाद बस स्टैंड के पास एक घर में दाई के रूप में काम करती थीं, और चेन्नई जाने वाले व्यक्ति इलियास नाम के व्यक्ति से मिलने वाले थे, जिसने उनके लिए श्रम कार्य की व्यवस्था की थी।
बांग्लादेश से उन्हें भारत में भेजने वाले मुख्य व्यक्तियों की पहचान कालिक और किताब अली शिकदार के रूप में की गई ।
उनके बोडिर्ंग और लॉज के लिए पैसे का इंतजाम सिकंदराबाद के वारंगल और चेन्नई के इलियास द्वारा किया गया था, और सौकत अली मंडल की पत्नी जहांनारा बीबी मंडल के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बीएसएफ ने कहा कि लेनदेन के विवरण के लिए बैंक अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।
सभी सातों को पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 27 अगस्त (आईएएनएस)| एक विधवा और एक शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को गांव में उनके अवैध संबंध के सजा के रूप में पीटा गया, बाल मुंडवा दिए गए और चेहरे पर कालिख लगाकर परेड कराया गया। घटना कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र की है। यह महिला पांच बच्चों की मां है जिसे उसके चाचा और उनके बेटों ने अपने प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "उन्होंने प्रेमी जोड़े को एक कमरे में बंद कर दिया, उन्हें बुरी तरह से पीटा, उनके बाल मुंडवाए, जूतों की माला पहनाई गई और चेहरे पर कालिख लगाकर बुधवार को पूरे गांव में परेड कराया गया।"
स्थानीय लोगों ने ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी जिसके बाद उन्होंने जाकर दोनों को बचाया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। इसमें दंपति को गांव में घुमाते और छोटे बच्चों को हूटिंग करते देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विनोद कुमार ने कहा, "घटना के बारे में पता लगते ही पुलिस की एक टीम को गांव भेजा गया और छानबीन शुरू की गई। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।"
लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्वांचल के मफिया और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गुरूवार को बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ के डालीबाग में बने मुख्तार अंसारी की दो इमारतों को प्राधिकरण के आदेश पर ढहा दिया गया है। इसके लिए एलडीए और पुलिस प्रशासन समेत 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगी रहीं। मौके पर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास व उमर अंसारी के टावर पर झड़प भी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगाया।
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया, "यह दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम था। गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी। मूलत: यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है। इसमें बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा, अब तक का किराया भी वसूलेगी। इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
विधायक मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए गुरुवार सुबह 7 बजे टीम डालीबाग पहुंच गई। इस दौरान 20 से ज्यादा जेसीबी मशीनों को भवन को गिराने में लगाया गया है। सबसे पहले टीम ने दो टावर के मेन गेट का ताला तोड़कर उसको जमींदोज किया और वहां बने निर्माण से सामान निकाल कर पुलिस ने कार्रवाई की है। बताया जा रहा टावर के मकान में कोई रह नहीं रहा था। लेकिन कुछ सामान रखा था, जिसे टीम ने उठाकर घर के बाहर फेंक दिया। टावर किसका है? किसने बनवाया था? यह जानकारी अभी नहीं दी गई है।
एलडीए संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने 11 अगस्त को ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया था। यूपी पुलिस का शिकंजा मुख्तार गैंग पर कसता जा रहा है। पूवार्ंचल से लखनऊ तक मुख्तार से जुड़े लोगों पर पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की दायर की गई याचिका पर गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। माल्या ने कोर्ट के 2017 के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी जिसमें उनको अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। माल्या ने अदालत के आदेश पर अपनी संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा सच्चाई से नहीं बताया था, लिहाजा शीर्ष अदालत ने उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इसके अलावा माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन कर अपने खाते से 40 मिलियन डॉलर की रकम निकालने का भी दोषी पाया गया। जबकि माल्या पर खातों से पैसे निकालने पर रोक लगाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चल रही सुनवाई से जुड़ा एक दस्तावेज फाइलों से गायब हो गया था। जिसके बाद जस्टिस यू.यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने 20 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी। क्योंकि इस मामले में शामिल सभी पार्टियों ने नई प्रतियां दाखिल करने के लिए और समय मांगा था।
पीठ ने कहा है कि स्पष्टीकरण को दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत किया जाए। साथ ही कहा गया कि "उसके बाद समीक्षा की याचिका पर मेरिट के आधार पर विचार किया जाएगा"।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में गुरुवार को कोविड-19 के 75,760 नए मामले दर्ज किए गए, जो कि अब तक की सर्वाधिक संख्या रही है। वहीं अब तक किसी भी देश द्वारा एक दिन में इतने मामले दर्ज नहीं हुए हैं। नए मामलों के साथ देश में कोरोनावायरस के कुल मामले 33,10,234 हो गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में 1,017 मौतें दर्ज की गई हैं, जिसके बाद मरने वाले लोगों की कुल संख्या 60,000 के पार हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 33,10,234 मामलों में से सक्रिय मामलों की संख्या 7,25,991 हैं। वहीं अब तक 25,23,771 लोग घातक वायरस से उबर चुके हैं, जबकि कुल 60,472 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते दिन में 56,013 लोग इस संक्रमण से उबरे हैं, जिसके साथ रिकवरी दर 76.24 प्रतिशत हो गई है, वहीं मृत्यु दर 1.83 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र कुल 7,18,711 मामलों और 23,089 मौतों के साथ सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है। तमिलनाडु 3,97,261 मामलों और 6,839 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार का स्थान है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 9,24,988 नमूनों का टेस्ट किया गया है, जिसके बाद अब तक जांच किए गए नमूनों की कुल संख्या 3,85,76,510 तक पहुंच गई है।
पूरे देश में कुल 1,550 लैब कोविड-19 टेस्ट कर रही हैं। इन कुल लैबों में से 993 सरकारी लैब हैं, जबकि 557 निजी हैं।
कुल 795 लैब कोविड-19 के टेस्ट के लिए रियल-टाइम आरटी पीसीआर का प्रयोग कर रही हैं, जबकि कोविड -19 के लिए ट्रूनेट टेस्ट का प्रयोग 637 लैब द्वारा आयोजित किया जा रहा है। वहीं पूरे देश में सीबीएनएएटी टेस्ट 118 लैब द्वारा किया जा रहा है।
'मां हार्ट पेशेंट, पिता डायबिटीज के मरीज, ऐसे में कैसे रिस्क लूं परीक्षा का'
- ऐशलिन मैथ्यू
“प्लीज कुछ करिए, मेरे पिता को डायबिटीज है और मेरी मां को दिल की बीमारी है। ऐसे में मैं रिस्क नहीं ले सकता। मैं परीक्षा छोड़ दूंगा। आखिर सरकार को हमारी फिक्र क्यों नहीं है? हमने उनको वोट दिया था। प्लीज कुछ करिए।“ यह बात आशीष (बदला हुआ नाम) ने लिखी है।
“मैं बिहार से हूं। मैं लॉकडाउन के चलते परीक्षा नहीं दे पाऊंगी। मेरा पूरा साल और पैसा बरबाद हो जाएगा। मैं एक हॉस्टल में रहकर परीक्षा की तैयारी कर रही थी, लेकिन अब मैं अपने गांव वापस आ गई हूं। मेरा परीक्षा केंद्र घर से 200 किलोमीटर दूर है। मैं कैसे जाऊंगी? प्लीज मदद कीजिए।“ यह फातिमा ने लिखा है।
“मैं जेईई का अभ्यर्थी हूं। परीक्षा टालने की हमारी अपील को बीजेपी दबा रही है। कोई तो हमारी चिंताओं की बात उठाए। हम स्वामी सर (सुब्रहमण्यन स्वामी) की बात पर भरोसा नहीं कर सकते। वह सिर्फ भाषण दे सकते हैं। हम इन बयानों को आंकने की हालत में भी नहीं हैं। प्लीज हमारी बात उठाइए।“ यह बात अजय ने सोशल मीडिया पर लिखी है।
“हम चाहते हैं कि परीक्षाएं टाली जाएं। हमारी मदद करने के बजाय बीजेपी के लोग हमारी बातों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें हमारी फिक्र ही नहीं है।” एक और छात्र ने यह बात अपना नाम न बताने की शर्त पर कही।
ये वे कुछ संदेश हैं जो जेईई और एनईईटी के अभ्यर्थी छात्र पत्रकारों और एक्टिविस्ट के साथ साझा कर रहे हैं। बहुत से एक्टिविस्ट इन छात्रों की काउंसिलिंग भी कर रहे हैं। वामदलों से जुड़ी छात्र इकाइयों ने इन छात्रों के लिए हेल्पलाइन भी शुरु की है, क्योंकि कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आत्मघाती संदेश भी शेयर किए हैं।
गौरतलब है कि इंजीनियरिंग छात्रों के लिए हर साल जेईई (मेन्स) परीक्षा अप्रैल में और मेडिकल छात्रों के लिए एनईईटी परीक्षा मई में होती है। इस साल इन दोनों परीक्षाओं को कोरोना महामारी के चलते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण दो बार टाला जा चुका है
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कहते हैं कि जेईई और एनईईटी परीक्षाओं के लिए छात्रों और अभिभावकों ने ही दबाव डाला था। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि पूरा शिक्षा सत्र बरबाद नहीं किया जा सकता। निशंक के मुताबिक इस साल जेईई के लिए पंजीकृत कुल 8.58 लाख छात्रों में से 7.25 लाख छात्रों ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं। बुधवार को केंद्र सरकार ने एनईईटी के लिए भी 15 लाख छात्रों के प्रवेश पत्र जारी किए।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, जो यह परीक्षाएं आयोजित कराती है, उसने इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन फिर भी बहुत से छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचना मुश्किल है। एजेंसी ने जेईई के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 कर दी है जबकि एनईईटी के लिए संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर कोरोना की रोकथाम के सभी उपाय किए जाएंगे।
हालांकि छात्र कई महीने से इन परीक्षाओं को टालने की अपील कर रहे हैं। कोरोना के खतरे के अलावा बिहार, गुजरात, असम और केरल जैसे राज्यों में बाढ़ के हालात हैं ऐसे में इन छात्रों की न सिर्फ पढ़ाई प्रभावित हुई है बल्कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। बहुत से छात्रों के परिवार को बाढ़ में काफी कुछ नुकसान भी हुआ है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की बात भी उठाई है।
बहुत से छात्रों ने अपने कोचिंग सेंटर के नजदीक परीक्षा केंद्र का विकल्प चुना था। लेकिन लॉकडाऊन में कोचिंग सेंटर बंद होने के बाद छात्रों को अपने घरों को लौटना पड़ा है। ऐसे में उनके लिए मुश्किल कहीं ज्यादा है। एक छात्रा प्रिया बताती हैं, “बहुत से छात्र अपने गांवों को लौट गए। ऐसे में लॉकडाउन के बीच वह कैसे यात्रा करेंगे। हम सिटी सेंटर के नजदीक ही नहीं हैं। मैं असम में एक दूरदराज के गांव से आती हूं। वहां कोई परीक्षा केंद्र नहीं है। मुझे परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए बहुत सा पैसा खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा यात्रा करने में वायरस का खतरा भी है। सरकार को हमारी चिंता ही नहीं है। मुझे नहीं पता कि मैं परीक्षा दे भी पाऊंगी या नहीं। मुझे तो अपना भविष्य ही अंधकारमय लग रहा है।”
गौरतलब है कि देश के 753 जिलों में से 340 में किसी न किसी तरह का लॉकडाउन अभी भी है क्योंकि वायरस का खतरा लगातार मंडरा रहा है।
छात्रों की हताशा को देखते हुए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएसन ने छात्रों से संपर्क करना शुरु किया है। आईसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी कहते हैं कि, “हममें से बहुत से लोग रात को सो नहीं पा रहे हैं क्योंकि हम लगातार परेशान छात्रों से बात कर उन्हें समझा-बुझा रहे हैं। हमारी छात्रों को यही सलाह है कि कुछ हो जाए उन्हें अपना धैर्य बनाए रखना है, भविष्य को लेकर पॉजिटिव रहना है। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम छात्रों को कोई ऐसा-वैसा कदम न उठाने के लिए समझा रहे हैं।”
अभी 23 अगस्त को करीब 4000 छात्रों ने सरकार द्वारा परीक्षाएं कराने के खिलाफ धरना भी दिया था। आईसा ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर करीब 15 राज्यों में इसका सीधा प्रसारण कर छात्रों को समझाने की कोशिश की थी। आईसा ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा परीक्षा के लिए अपनाए जा रहे मानकों पर सवाल उठाया है।
आईसा के छात्रों के हक में सामने आने के बाद बीजेपी की आईटी सेल खुल कर परीक्षाओं के पक्ष में सामने आ गई है। बीजेपी आईटी सेल सुब्रह्मण्यन स्वामी के सोशल मीडिया पोस्ट, ट्वीट्स और हैशटैग आदि के माध्यम से छात्रों को परीक्षा के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं बीजेपी आईटी सेल आईसा की कोशिशों के खिलाफ भी अभियान चला रही है। नेशनल हेरल्ड ने ऐसी कई रिकॉर्डिंग सुनी हैं जिसमें छात्रों से ‘वी बिलीव न स्वामी जी’ हैशटैग को ट्रेंड करने को कहा जा रहा है। ऐसा न करने वाले छात्रों को सोशल मीडिया पर परेशान भी किया जा रहा है।(navjivan)
नयी दिल्ली 27 अगस्त (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और बुधवार देर रात तक संक्रमण के 71 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से कुल संक्रमितों का आंकड़ा 33 लाख के पार हो गया तथा करीब 969 और कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 60 हजार से अधिक हो गयी।
वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी वद्धि जारी है और आज फिर रिकवरी दर में आंशिक सुधार दर्ज की गयी।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 71,010 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 33,02,764 तथा मृतकों की संख्या 60,581 हो गयी है।
चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामलों में वृद्धि जारी है जिसके कारण सक्रिय मामलों में बढोतरी दर्ज की जा रही है। आज रिकॉर्ड 15,428 मरीज बढ़ने से सक्रिय मामले बढ़कर 7,22,695 पहुंच गये।
इस दौरान 51,561 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 25,18,813 पर पहुंच गया। इसके कारण स्वस्थ होने जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 76.24 प्रतिशत से आज सुधरकर 76.26 फीसदी पर पहुंच गयी। मृत्यु दर भी घटकर 1.83 फीसदी रह जाने से भी राहत मिली है।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 14,888 नये मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 10830, कर्नाटक में 8580, तमिलनाडु में 5958, उत्तर प्रदेश में 5640, ओडिशा में 3371, पश्चिम बंगाल में 2974, केरल में 2476, बिहार में 2163, दिल्ली में 1693, पंजाब में 1513, हरियाणा में 1397, गुजरात में 1197, मध्य प्रदेश में 1064 तथा छत्तीसगढ़ में 1045 नये मामले सामने आये।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 14,888 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 7,18,711 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी गिरावट दर्ज की गयी और इस दौरान 7,637 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 5,22,427 पहुंच गयी है। इस दौरान 295 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 23,089 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक गिरावट के साथ 72.68 फीसदी हो गयी जो मंगलवार को 73.14 प्रतिशत पहुंच गयी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर कल के 3.23 प्रतिशत से घटकर 3.21 फीसदी रह गयी। चिंता की एक और बात यह भी है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 6,952 की बढोतरी दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,72,873 पहुंच गयी।
ग्वालियर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनके ही गढ़ ग्वालियर पहुंचकर कांग्रेस के कई नेताओं ने जमकर हमले बोले। पूर्व मंत्री डॉ़ गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, लाखन सिंह, जयवर्धन सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की शिवराज सरकार और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व मंत्री डॉ.सिंह ने भाजपा के सदस्यता अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर में भाजपा का तीन दिन का मेगा शो नहीं, बल्कि चूहों का शो था। उन्होंने कहा, "भाजपा द्वारा कमल नाथ सरकार के काल में ट्रांसफर उद्योग की जो बात कही जाती थी वह पूर्णत: गलत है। अगर तबादलों में भ्रष्ट्राचार के आरोप सही हैं तो वह प्रमाण दें।"
पूर्व मंत्री ने संधिया के लिए कहा, "अगर आप टाइगर हो तो आपको सुरक्षा की क्या जरूरत है? अब ये नकली टाइगर मध्यप्रदेश में नहीं चलेंगे।"
सिंधिया के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में जाने का जिक्र करते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "सिंधिया आरएसएस मुख्यालय गए, इधर रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर चले जाते, तो थोड़ा अपराध कम हो जाता।"
वहीं, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने सिंधिया से सवाल करते हुए निशाना साधा और कहा, "आखिर कमल नाथ की क्या गलती थी जो आपने उनको दगा दिया और अपनी पार्टी से गद्दारी कर नई पार्टी में चले गए।"
इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया के भाजपा में जाने पर कहा, "हमें जनता ने 15 साल बाद चुनकर सदन में पहुंचाया। जनता ने बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार, भुखमरी और अपराध से परेशान होकर हम पर विश्वास जताया। लेकिन आप पीठ दिखाकर भाग गए, जो पीठ दिखाकर भागता है, रण छोड़कर भागता है, उसे गद्दार कहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आजादी के इतिहास में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, तो उसका सरगना ग्वालियर का था और इस सरगना के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक बिक गए। अगर बिके नहीं थे तो इन्हें भाजपा सरकार में मंत्री क्यों बनाया गया? इन विधायकों ने पैसा लिया।"
पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाल के दिनों में विधायकों और महागठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नाता तोड़ने को लेकर राजद के 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया है। मोदी ने बुधवार को कहा कि राजद के विधान परिषद सदस्य, विधायक, पदाधिकारी यदि एक साथ बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ चुके हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हैं, तो यह पार्टी के दुर्दिन के संकेत हैं।
उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, "जो लोग 15 साल राज करने के 'नशे की खुमारी' से अब तक नहीं उबरे, वे छोड़ जाने वाले अपने साथियों का अपमान भी कर रहे हैं। लालू प्रसाद की पार्टी और महागठबंधन, दोनों में बिखराव की प्रक्रिया तेज हुई है, तो उसकी वजह केवल राजद का अहंकार है।"
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "राजद के रवैये से अपमानित अनुभव करने के बाद सीनियर दलित नेता जीतनराम मांझी के महागठबंधन से बाहर आने से विपक्ष को जो नुकसान होगा, उसकी भरपायी वामपंथी दलों से हाथ मिलाने से नहीं होगी।"
भाजपा नेता ने आगे लिखा, "वर्ष 1962 से आज तक जो वामपंथी दल चीनी आक्रमण और अतिक्रमण को जायज ठहरा कर राष्ट्रीय हितों से विश्वासघात करते रहे और जिनके लाल झंडों ने बिहार में उद्योग-व्यापार-रोजगार को पनपने नहीं दिया, उनसे चुनावी तालमेल करना कोई काम नहीं आएगा। हिंसा में विश्वास करने वाले कम्युनिस्टों को बिहार पहले ही नकार चुका है।"
लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह पर उनकी दादी कमला सिंह ने डरा-धमकाकर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस संबध में उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायती पत्र भेजा है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। आठ अगस्त को पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह की मां कमला सिंह ने डीएम को प्रार्थना पत्र भेजा। डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि "बेटे अखिलेश कुमार सिंह की अकाल मृत्यु के बाद मेरी बहू वैशाली सिंह, पोती अदिति सिंह और देवांशी सिंह ने 30 दिसंबर, 2019 की सुबह मेरे कमरे में आकर मुझे डराया धमकाया। मेरे नाम जो भी जमीन है, उसको अपने नाम करने का दबाव बनाया। मेरे कमरे का रखा सामान तोड़फोड़ दिया।"
उन्होंने लिखा, "मैं एक 85 साल की बुजुर्ग महिला हूं। बहुत बड़े दुख से गुजर रही हूं। मैं उनकी नाजायज शतोर्ं को नहीं मान रही हूं तो तीनों मुझे अलग-अलग तरीके से परेशान कर रही हैं। मेरे नौकरों को भी डराया धमकाया जा रहा है। उन्हें मेरी सेवा न करने को कहा जा रहा है। मेरे छोटे बेटे कमलेश ने मेरा बचाव किया। मुझे अच्छे से रख रहा है। मैंने अपनी सिधौना स्थित जमीन पर अपनी जमा पूंजी से बाउंड्री करवाई, जिसे वैशाली और देवांशी ने अपने गाडोर्ं से उखड़वाकर फिंकवा दी। "
पत्र में उन्होंने कुछ जमीन के गाटा संख्या नंबर आदि देते हुए लिखा है कि "उन्होंने अपने खेत के किनारे पिलर खड़ा कराकर उसकी सुरक्षा का इंतजाम किया था। जिसके बाद बहू और एक पोती ने जाकर वो पिलर हटवा दिए। आरोप लगाया है कि पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए हमें इस अवस्था में डराया धमकाया भी गया है। हमारे बेटे कमलेश सिंह को भी दबाव में लिया गया। उसकी सुरक्षा की जाए। मामले में न्याय दिलाया जाए।"
इस बारे में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक नित्यानंद राय ने बताया कि एक प्र्थना पत्र जमीन से संबधी 10 अगस्त को थाना स्तर से प्राप्त हुआ। उसमें जमीन से जुड़ा कुछ मामला है।
राय ने कहा, "इसे राजस्व के साथ मिलकर हम जांच कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र के सभी बिन्दुओं की जांच हो रही है। "
इस मामले को लेकर विधायक अदिति सिंह को फोन में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो सका।
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा के स्कूल और कॉलेज दुर्गा पूजा की छुट्टियों तक बंद रहेंगे। ऐसा कोरोनावायरस से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए किया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोरोना सम्बंधी हालात का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।
पटनायक ने कहा कि राज्य में स्कूल एवं कॉलेज अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बंद रहेंगे। यह फैसला पैरेंटेस और छात्रों की चिंता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
राज्य में कोरोना के कराण 17 मार्च से ही शिक्षण संस्थाएं बंद हैं।