राष्ट्रीय
शाजापुर, 22 अक्टूबर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में शनिवार तड़के एक तेज रफ्तार जीप बिजली के खंभे से टकरा गई, जिससे इसमें सवार चार लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
अकोदिया थाना प्रभारी नरेन्द्र कुशवाह ने बताया कि यह हादसा शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बोलाई-अकोदिया मार्ग पर पलसावद मोड़ के निकट तड़के करीब तीन बजे हुआ।
उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान पवन हाड़ा कंजर (30), बबलू कंजर (30), गजेन्द्र सिंह ठाकुर (38) और दौलत सिंह मेवाड़ा (50) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि इन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
कुशवाह ने बताया कि इस हादसे में तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें शुजालपुर शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मामला दर्ज कर विस्तृत जांच जारी है।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘मध्य प्रदेश के शाजापुर में सड़क दुर्घटना का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। मैं घायलों के सकुशल होने तथा शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। परमात्मा से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया भर के कई देशों के सामने आ रहीं आर्थिक समस्याओं को कम करने की दिशा में काम कर रही है।
सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के बीच 75,000 नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद ‘रोजगार मेले’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने को लेकर भी कई मोर्चों पर काम कर रही है।
मोदी ने कहा, “यह सच है कि वैश्विक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं संघर्ष कर रही हैं। कई देशों में महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं चरम पर हैं।”
उन्होंने कहा कि सदी में एक बार आने वाली ऐसी महामारी के दुष्प्रभाव 100 दिन में दूर नहीं होंगे।
मोदी ने कहा, “लेकिन दुनियाभर में हर जगह महसूस किए जा रहे इस संकट के असर बावजूद भारत लोगों को इन समस्याओं से प्रभावित होने से बचाने के लिए नयी-नयी पहल कर रहा है और कुछ जोखिम उठा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम अपने देश पर इस प्रभाव को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन आपके आशीर्वाद से हम अब तक ऐसा कर पा रहे हैं।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने नौकरी के इच्छुक 75,000 उम्मीदवारों को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र भेजे।
देश भर से चयनित इन लोगों को भारत सरकार के 38 मंत्रालयों या विभागों में नौकरी दी जाएगी। इन्हें समूह ‘ए’ और ‘बी’ (राजपत्रित), समूह ‘बी’ (अराजपत्रित) और समूह ‘सी’ में विभिन्न स्तरों पर नौकरियां दी जाएंगी।
सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जिन पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं उनमें केंद्रीय सशस्त्र बल के जवान, उपनिरीक्षक, कांस्टेबल, एलडीसी, स्टेनोग्राफर, पीए, आयकर निरीक्षक और एमटीएस शामिल हैं। ये भर्तियां मंत्रालयों और विभागों द्वारा या तो स्वयं या भर्ती एजेंसियों जैसे यूपीएससी, एसएससी और रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से की जा रही हैं।
सरकार ने कहा था कि तेजी से भर्ती के लिए चयन प्रक्रियाओं को सरल और तकनीकी रूप से आसान बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने जून में विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से कहा था कि वे अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों को 'मिशन मोड' पर नौकरियां दें। (भाषा)
गोपेश्वर, 22 अक्टूबर उत्तराखंड में चमोली जिले के थराली क्षेत्र में तीन मकानों के भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाओं सहित एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गयी जबकि एक अन्य घायल हो गया।
थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह जुआंटा ने बताया कि थराली की पिंडर घाटी में बसे पैनगढ़ गांव में हादसा शुक्रवार आधी रात के बाद करीब डेढ़ बजे हुआ। उन्होंने बताया कि पहाड़ों में हुए भूस्खलन की वजह से भारी बोल्डर (चट्टाने) गांव के तीन मकानों पर आ गिरे।
उन्होंने बताया कि बोल्डर से मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और उनमें से एक मकान में रहने वाले परिवार के पांच सदस्य मलबे में दब गए।
जुआंटा ने बताया कि सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा स्थानीय बचाव दलों ने मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला।
जुआंटा ने बताया कि हादसे में बचुली देवी (75) की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि उनके दो पुत्रों, 57 वर्षीय देवानंद, 45 वर्षीय घनानंद और उनकी पुत्रवधु (घनानंद की पत्नी)37 वर्षीया सुनीता ने उपचार के दौरान दम तोड़ा।
घटना में घनानंद का 15 वर्षीय पुत्र योगेश घायल हो गया जिसका थराली के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। (भाषा)
कोटद्वार, 22 अक्टूबर उत्तराखंड के पौड़ी जिला स्थित कार्बेट बाघ अभयारण्य में दक्षिणी सीमा से कथित तौर पर वन्यजीवों के अवैध शिकार के लिए घुसे तीन संदिग्ध शिकारियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
वन प्रभागीय अधिकारी प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात वन विभाग के गश्ती दल द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध शिकारियों की जीप से 12 बोर की दुनाली बंदूक, 17 जिंदा कारतूस, तीन आधुनिक टॉर्च, गंडासा व चार चाकू बरामद हुए हैं।
उन्होंने बताया कि संदिग्ध शिकारियों के खिलाफ वन अधिनियम और वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उनके वाहन को जब्त कर लिया गया।
आर्य ने बताया कि बाद में उन्हें न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें पौड़ी जेल भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी सैय्यद जफ्फर याब अली जैदी और बिजनौर निवासी फहीम और इंतजार के रूप में की गई है। (भाषा)
आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहे भारत ने गरीबी और भूख मिटाने में काफी प्रगति की है. हाल ही में वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में भारत के खराब प्रदर्शन पर बहुत शोर मचा. यह इंडेक्स बनता कैसे है और भारत की रैंकिंग क्यों खराब है.
डॉयचे वैले पर पेटर हीले की रिपोर्ट-
एक प्लेट में चावल, दाल और थोड़ी सी सब्जी. सरकार के मुताबिक भारत के करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों को रोज दोपहर में यह ताजा खाना मिलता है. 2001 से ही हर सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को "दोपहर को भोजन" अनिवार्य रूप से दिया जाता है.
इसी महीने भारत के महिला और बाल विकास मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "सरकार दुनिया में सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को चला रही है." इसमें सरकार की तरफ से गरीब परिवारों को हर महीने दिये जा रहे मुफ्त अनाज का भी जिक्र किया गया है.
साल दर साल ज्यादा कैलोरी
मंत्रालय ने बताया है कि कृषि उत्पादन में सुधारों की वजह से भी भारत में प्रति व्यक्ति कैलोरी की सप्लाई साल दर साल बढ़ रही है. सरकार का कहना है, "देश में कुपोषण क्यों बढ़ा है इसका निश्चित रूप से इसका कोई कारण मौजूद नहीं है."
भारत सरकार ने यह बयान 2022 के वर्ल्ड हंगर इंडेक्स के जवाब में जारी किया है. वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में भारत को पोषण की स्थिति को "गंभीर" माना गया है और 29.1 अंक के साथ वह 121 देशों की सूची में 107 नंबर के निचले स्थान पर है. दुनिया में आर्थिक तौर पर उभरता भारत अपने पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान से भी नीचे है और इस वजह से देश में हैरानी हो रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ताधारी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी खासतौर से इसे देश के सम्मान पर पश्चिमी देशों के हमले के रूप में देखती है. महिला और बाल विकास मंत्रालय का कहना है, "एक बार फिर भारत की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है." मंत्रालय के मुताबिक इंडेक्स तैयार करने में भूख को मापने के गलत पैमाने इस्तेमाल किये गये हैं और इसके तौर तरीके में गंभीर समस्याएं हैं.
भूख- एक जटिल समस्या
वेल्टहुंगरहिल्फे की लॉरा राइनर का कहना है "निश्चित रूप से भूख को मापने के अलग अलग तरीके हैं." जर्मनी की वेल्टहुंगरहिल्फे, आयरलैंड के गैर सरकारी संगठन कंसर्न वर्ल्डवाइड के साथ मिल कर हर साल वर्ल्ड हंगर इंडेक्स जारी करती है. वेल्टहुंगरहिल्फे एक सहायता एजेंसी है जिसे सरकार और निजी कोष से खर्चे के लिए धन मिलता है. डीडब्ल्यू से बातचीत में राइनर ने कहा, "हमारे लिए यह जरूरी है कि हम भूख की समस्या को इसकी जटिलता के साथ मापें."
राइनर ने बताया कि भूख को मापने के लिए चार सूचकों को मिलाया जाता है. एक है फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेश (एफएओ) की कुपोषण के लिए दी गई वैल्यू. यह वैल्यू बताती है कि क्या आबादी के लिए पर्याप्त कैलोरी उपलब्ध है. राइनर ने कहा, "यह कैलोरी मुमकिन है कि कहीं गोदामों में भरी हुई हो और लोगों तक ना पहुंचे."
बचपन में कमी का दीर्घकालीन असर
इसके साथ ही प्रोटीन और जरूरी खनिजों की कमी से स्वास्थ्य की समस्याएं होती है. ज्यादा विस्तृत तस्वीर हासिल करने के लिए यह देखना होगा कि देश में कितने बच्चे लंबाई में पर्याप्त रूप से नहीं बढ़े या फिर लंबाई के हिसाब से उनका वजन उचित नहीं है जिसे दुर्बलता कहा जाता है. ये आंकड़े भारत सरकार के विभाग जुटाते हैं. वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में नवजात शिशु के मृत्यु दर को शामिल किया गया है.
राइनर ने बताया, "बीते दशकों में ऐसी कई स्टडी हुई हैं और विशेषज्ञों के बीच इन्हें मान्यता दी गई कि बाल कुपोषण और मृत्युदर इस बात के बहुत संवेदी सूचक हैं कि पूरी आबादी पोषण के मामले में किस हाल में है. इसके साथ ही जब कुपोषण की बारी आती है तो बच्चों पर नजर रखना बहुत मायने रखता है क्योंकि बचपन में जो कुपोषण शुरू हो जाता है उसे युवावस्था में पाटना मुश्किल है." व्यक्ति और समाज दोनों के लिए इसके दीर्घकालीन और गंभीर नतीजे होते हैं.
हर पांच में एक बच्चे का वजन कम
भारत के महिला और बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि किसी बच्चे के स्वास्थ्य के आधार पर भूख को मापना ना तो वैज्ञानिक है और ना ही उचित. बाल मृत्यु, दुर्बलता और विकास में कमी सिर्फ भूख की वजह से नहीं बल्कि, "पीने के पानी, सफाई, जेनेटिक्स और पर्यावरण जैसे कारकों के जटिल मेल का नतीजा है."
वर्ल्ड हंगर इंडेक्स के मुताबिक भारत के हर पांचवां बच्चा दुर्बलता से पीड़ित है. इसका मतलब है कि उनका वजन उनकी लंबाई के लिहाज से कम है. जितने देशों का सर्वेक्षण किया गया है उसमें यह दर सबसे खराब है. राइनर का कहना है, "इसके लिए आप इस बात को भी जिम्मेदार मान सकते हैं कि भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है. महिलाएं जितनी बेहतर स्थिति में होती हैं बच्चों के शुरुआती पांच सालों में पोषण की स्थिति उतनी ही अच्छी होती है."
भूख होनी ही नहीं होना चाहिए
राइनर का कहना है कि वयस्क लोगों में कुपोषण की दर भारत में खासतौर से उतनी ऊंची नहीं है. भारत ने भूख से लड़ने में साल 2000 के बाद काफी प्रगति की है. राइनर ने कहा, "भारत के सामने बड़ी संख्या में कुपोषण के लिहाज से भूखे और कुपोषित बच्चों की समस्या है."
खुद भारत में भी वर्ल्ड हंगर इंडेक्स को लेकर जो चर्चा हो रही है वो पार्टियों में बंटी है. विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी ने ट्वीटर पर लिखा है कि सत्ताधारी पार्टी लोगों को धोखा देकर भारत को कमजोर कर रही है.
भूरणनीतिक लिहाज से भारत एक उभरता हुआ देश है. डिजिटलाइजेशन जैसे क्षेत्रों में भारत अगुआ है. भोजन उत्पादन के मामले में भी यह एक प्रमुख देश है और कई देशों को भोजन की सप्लाई देता है. हालांकि राइनर का कहना है, "कोई देश चाहे जितनी बड़ी महत्वाकांक्षा रखे लेकिन उसे कुछ भी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए. खासतौर से उन्हें जो सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं और वे हैं भूखे बच्चे."
राइनर के मुताबिक एक देश तभी विकास में अच्छा कर सकता है जब वो किसी को भी पीछे ना रहने दे. भारत के लिए इसका मतलब है यह सुनिश्चित करना कि छोटे से छोटे बच्चे को भी पर्याप्त मात्रा में जरूरी पोषक तत्व मिले. सही राजनीतिक प्राथमिकताओं के साथ भूख ऐसी समस्या है जिसका समाधान हो सकता है, भारत में और दुनिया में भी. (dw.com)
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर | भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने और राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने के लिए राजस्थान भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ बैठक की। शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में बुलाई गई बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, राज्य संगठन महासचिव चंद्रशेखर, ओम प्रकाश माथुर, राज्य सह प्रभारी विजया राहतकर और संघ मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा राज्य कोर कमेटी के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
पार्टी नेताओं ने गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ पर उसे घेरने पर बातचीत के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों पर भी चर्चा की।
बैठक के दौरान राज्य के नेताओं से कहा गया कि, पार्टी के भीतर गुटबाजी के मुद्दे को सुलझाएं और अशोक गहलोत सरकार को घेरने के लिए एकजुट हों।
कोर कमेटी की बैठक के बाद नड्डा ने वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग से बैठक की। इसके बाद राज्य पदाधिकारियों की तीसरी बैठक हुई, जिसमें कोर कमेटी में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन और आगामी रणनीति पर चर्चा हुई।
मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के साथ ही उम्मीद है कि राजस्थान को लेकर पार्टी कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
पार्टी आलाकमान चाहे अशोक गहलोत या सचिन पायलट का पक्ष लें, लेकिन यह तय है कि राजस्थान कांग्रेस में खटपट जरूर शुरू हो सकती है और ऐसे में बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर | सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को 3,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ नए लकड़ी आधारित उद्योग स्थापित करने के अपने मार्च 2019 के फैसले को लागू करने की अनुमति दी। जस्टिस बी.आर. गवई और बीवी नागरत्ना ने कहा: हम पाते हैं कि राज्य के सतत विकास के लिए और लकड़ी की उपलब्धता के कारण, लाइसेंस देने की मंजूरी जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है, हालांकि, एक जिम्मेदार राज्य के रूप में, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पर्यावरण चिंताओं पर विधिवत ध्यान दिया जाता है।
इसलिए, हम राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि निषिद्ध प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति देते समय, यह सख्ती से सुनिश्चित होना चाहिए कि अनुमति केवल तभी दी जाए जब 7 जनवरी, 2020 की अधिसूचना में निर्दिष्ट शर्तें पूरी होती हैं।
इस उद्योग से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में 80,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। पीठ ने कहा कि वह अपीलों की अनुमति दे रही है, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को खारिज करते हुए, और लाइसेंस देने में राज्य सरकार की कार्रवाई को बरकरार रखते हुए, हम राज्य और उसके अधिकारियों को याद दिलाना चाहेंगे कि पर्यावरण की रक्षा करना उनका कर्तव्य है ।
पीठ ने कहा कि वनों का संरक्षण पारिस्थितिकी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह जल चक्र और मिट्टी के संसाधक के रूप में और आजीविका के प्रदाता के रूप में भी कार्य करता है। राज्य और उसके अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घटते वन और वृक्षों के आवरण की समस्या को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। राज्य और उसके अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए सार्थक और ठोस प्रयास करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश राज्य में हरित आवरण कम न हो।
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें एनजीटी द्वारा अधिसूचना को केंद्र के समर्थन की अनदेखी कर फैसले को रद्द करने के एकतरफा ²ष्टिकोण को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा- हमारा विचार है कि एनजीटी ने एकतरफा ²ष्टिकोण लिया है। यह राज्य द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखने में विफल रहा है। एनजीटी ने विशेषज्ञ की रिपोर्ट की अनदेखी करने और उसी पर अपील करने में पेटेंट त्रुटि की है। एनजीटी भी एमओईएफसीसी द्वारा उठाए गए रुख पर विचार करने में विफल रहा है, जिसने राज्य के रुख का समर्थन किया था।
पीठ ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदकों को एक के खिलाफ 10 पेड़ लगाने और उन्हें पांच साल तक बनाए रखने की अधिसूचना में जनादेश का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।
कोर्ट ने एक और रिपोर्ट पर भी विचार किया जिसमें कहा गया था कि प्रति वर्ष लगभग पांच से छह लाख मीट्रिक टन लकड़ी उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों, यानी मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत और मेरठ से यमुना नगर को निर्यात की जाती है क्योंकि इस उत्पाद के लिए उक्त क्षेत्र में पर्याप्त बाजार नहीं है।
रिपोर्ट में आगे पाया गया है कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों, यानी मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और शामली आदि में पर्याप्त संख्या में प्लाईवुड और विनियर इकाइयां नहीं हैं और इस तरह, वे पूरे किसानों की उपज के लिए पर्याप्त नहीं हैं। रिपोर्ट से ही पता चलता है कि पश्चिमी जिलों को लगभग 80-85 प्लाईवुड और विनियर इकाइयों की जरूरत है। रिपोर्ट आगे बताती है कि एफएसआई द्वारा किए गए आकलन को लेकर पहले से मौजूद उद्योगपतियों में असंतोष है। (आईएएनएस)|
ईटानगर 21 अक्टूबर अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मिगिंग में शुक्रवार सुबह सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर सेना के जवानों को लेकर नियमित उड़ान पर था।
अधिकारी ने बताया कि घटना पूर्वाह्न करीब 10 बजकर 43 मिनट पर हुई और खोज अभियान जारी है।
विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने ताजमहल के इतिहास और स्मारक के परिसर में ‘‘22 कमरों को खोलने’’ की ‘‘तथ्यात्मक जांच’’ कराने के अनुरोध संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज करते हुए इसे ‘‘प्रचार हित याचिका’’ करार दिया।
न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें याचिका खारिज कर दी गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करने में गलती नहीं की, जो एक प्रचार हित याचिका है। इसे खारिज किया जाता है।’’
उच्च न्यायालय ने 12 मई को कहा था कि याचिकाकर्ता रजनीश सिंह, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी हैं, यह इंगित करने में विफल रहे कि उनके कौन से कानूनी या संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
इसने ‘लापरवाहपूर्ण’ तरीके से जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता के वकील की भी खिंचाई की और कहा कि वह इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकता।
यह अनुच्छेद एक उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को आदेश या रिट जारी करने का अधिकार देता है।
कई हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने अतीत में दावा किया था कि मुगलकाल का मकबरा भगवान शिव का मंदिर था। स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित है।
याचिका में प्राचीन, ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम, 1951 और प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के कुछ प्रावधानों को अलग करने का भी अनुरोध किया गया था जिसके तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा का किला और इत्माद-उद-दौला का मकबरा ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर यूजीसी एवं एआईसीटीई ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, कालेजों एवं संबद्ध संस्थानों से कहा है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर 25-31 अक्टूबर तक शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों की सक्रिय हिस्सेदारी से एकता दौड़, बाइक रैली, वाद-विवाद, क्विज एवं अन्य प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करें।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने 20 अक्टूबर को सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यो को इस संबंध में पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को ‘एकता दिवस’ मनाते हें । सरदार पटेल को सर्वोच्च देशभक्ति, मजबूत इच्छा शक्ति और दृढ़ इरादों के लिये जाना जाता है।
इसमें कहा गया है कि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और प्रांतों के एकीकरकण में महत्वपूर्ण भूमिका के कारण उन्हें ‘भारत के लौह पुरूष’की उपाधि दी गई । स्वतंत्रता दिवस 2022 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्रण की घोषणा की थी जिसमें एकता एक विषय के रूप में शामिल है।
पत्र के अनुसार, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 25-31 अक्टूबर 2022 तक एक सप्ताह का एक कार्यक्रम आयोजित किया जाए जिसमें सरदार वल्लभ भाई पटेल की देशभक्ति, उनकी शिक्षा और मूल्यों को सम्मान प्रदान करने के लिये सभी की सक्रिय हिस्सेदारी हो ।
यूजीसी और एआईसीटीई ने कहा कि 31 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से 8 बजे तक ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जायेगा । इसके लिये एक ‘माइक्रोसाइट’ तैयार की जा रही है और एकता दौड़ में हिस्सा लेने वाले सेल्फी लेकर इस पर अपलोड कर सकते हैं ।
इसमें कहा गया है कि 25 से 31 अक्टूबर तक चलने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना और नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों की सक्रिय हिस्सेदारी से साइकिल एवं मोटरसाइकिल रैलियां आयोजित की जा सकती हैं।
पत्र के अनुसार, ‘‘ उच्च शिक्षण संस्थानों एवं कालेजों में सरदार वल्लभ भाई पटेल पर विशेष सत्र, वाद-विवाद, क्विज एवं अन्य प्रतिस्पर्धाओं तथा पटेल के जीवन पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है। ’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले के दोषियों को माफी देने के खिलाफ महिला संगठन द्वारा नए सिरे से दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ ने नवीनतम याचिका को मुख्य मामले से सलंग्न करते हुए कहा कि वह इस पर मुख्य याचिका के साथ सुनवाई करेगा।
शीर्ष अदालत नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें बिलकीस बानो मामले के दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को चुनौती दी गई है।
अदालत ने 18 अक्टूबर को कहा था कि माफी को चुनौती देने के लिए दायर याचिकाओं पर गुजरात सरकार का जवाब ‘बहुत लंबा’ है जिसमें फैसलों की श्रृंखला को उद्धृत किया गया है लेकिन तथ्यात्मक बयान नदारद हैं।
न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार के हलफनामे पर जवाब देने के लिए समय देते हुए कहा कि वह इस मामले पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि बिलकीस बानो के साथ जब सामूहिक दुष्कर्म हुआ था तब उनकी उम्र 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थीं। बानो के साथ इस नृशंस घटना को अंजाम गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन को जलाने की घटना के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान दिया गया। दंगे के दौरान उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी जिनमें तीन साल की उनकी बेटी भी शामिल थी।
इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था जिन्हें गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से रिहा कर दिया गया था। दोषियों ने 15 साल की सजा पूरी कर ली है। (भाषा)
मथुरा (उप्र), 21 अक्टूबर मथुरा जिले के छाता निवासी दो भाइयों द्वारा मांट थाना क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म करने और उससे वेश्यावृत्ति कराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने अदालत के आदेश पर संबंधित धाराओं में आरोपियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उन्होंने मांट थाना में शिकायत की थी लेकिन उन्हें न तो कोई संतोषजनक जवाब मिला और न ही अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। वह उस समय तैनात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से भी मिले पर जब न्याय नहीं मिला तो उन्होंने अदालत का रुख किया।
यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज मामलों का निपटारा करने के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश ने छाता निवासी दोनों आरोपी भाइयों उदय एवं ईश्वर, देवेंद्र पाल सिंह (लखनऊ), दीपक देशवाल (राजस्थान) व एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जांच के निष्कर्ष के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मांट थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि छाता क्षेत्र के गांव के दो भाइयों उदय एवं ईश्वर ने उनकी नाबालिग पुत्री को शीतल पेय में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया और उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद होटल में ले जाकर अन्य व्यक्तियों के साथ वेश्यावृत्ति के लिए सौंप दिया।
एसएचओ ने बताया कि पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया कि एक युवक ने उसकी नाबालिग पुत्री को जाल में फंसा लिया और घर पर आने-जाने लगा। युवक ने अपने भाई के साथ मिलकर उसकी पुत्री को शीतल पेय में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया और फिर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।
प्राथमिकी के हवाले से उन्होंने बताया कि जब पिता को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने शिकायत की जिस पर उक्त युवक ने उनसे माफी मांग ली। इसके बाद एक दिन वह अपने छोटे भाई के लिए रिश्ता लेकर उनके घर आ गया। लोकलाज के चलते अच्छा विकल्प देख दोनों तरफ से रजामंदी होने पर उन्होंने बेटी की सगाई कर दी। इसके बाद उन दोनों ने मिलने-जुलने के बहाने अपने घर ले जाकर उनकी बेटी से लंबे समय तक दुष्कर्म किया और उसकी कुछ अश्लील फोटो-वीडियो बना लीं। इस बीच वे दोनों उसे उन्हीं फोटो व वीडियो को सोशल मीडिय पर वायरल करने की धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण करते रहे। 16 जुलाई 2020 को वे पीड़ित को मंडी चौराहे के समीप एक गेस्ट हाउस में ले गए और वहां उससे दुष्कर्म किया। आरोपी पीड़ित का 2016 से ही उत्पीड़न कर रहे थे, तब वह नाबालिग थी।
शिकायत के अनुसार, वहां गेस्ट हाउस में ठहरे हुए एक अन्य व्यक्ति ने भी आरोपियों की शह पर उससे दुष्कर्म किया। आरोप यह भी है कि इन लोगों ने पीड़िता को राजस्थान के महुआ शहर में किसी व्यक्ति के पास भेजा था। उसने जब-जब विरोध किया तो उसे मारा-पीटा जाता था और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी जाती थी। बाद में आरोपियों ने पीड़िता को खौलते पानी से जला दिया गया और उसी हालत में बिना इलाज कराए पिता के घर छोड़ गए। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिवाली की पूर्व संध्या पर रविवार को अयोध्या में रहेंगे। वह रामलला विराजमान की पूजा-अर्चना करेंगे और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री रविवार की शाम भगवान श्री रामलला विराजमान की पूजा अर्चना करेंगे और इसके बाद तीर्थ क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का मुआयना करेंगे।
प्रधानमंत्री करीब 5.45 बजे भगवान राम का ‘‘राज्याभिषेक’’ करेंगे और इसके बाद वह सरयू नदी के किनारे बने नए घाट पर आरती भी करेंगे तथा दीपोत्सव समारोह में शिरकत करेंगे।
अयोध्या में यह छठा मौका है जब दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है। पहली बार प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे।
इस अवसर पर अयोध्या में 15 लाख दीये जलाए जाएंगे।
पीएमाअे ने कहा कि दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और ग्यारह रामलीला झांकियां भी प्रदर्शित की जायेंगी।
प्रधानमंत्री भव्य म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे। (भाषा)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को 'पुलिस स्मृति दिवस' के मौके पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
इस दौरान शाह ने कहा कि बीते कुछ सालों में देश राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गया है और ये हर देशवासी के लिए गर्व और संतुष्टी की बात है.
अमित शाह ने कहा, "बीते कुछ सालों में देश की आंतरिक सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव आए हैं. पहले पूर्वोत्तर के राज्यों, जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले होते थे, कई राज्य नक्सलवाद से भी प्रभावित थे."
अमित शाह ने कहा कि पहले सशस्त्र बलों को पूर्वोत्तर में विशेषाधिकार दिए जाते थे लेकिन अब इस क्षेत्र में युवाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष शक्तियां दी गई हैं.
गृह मंत्री ने कहा, "पूर्वोत्तर राज्यों में 70 फ़ीसदी हमले कम होना इस क्षेत्र में सुधार का संकेत है. जम्मू-कश्मीर में भी युवा पत्थरबाज़ी करते थे. लेकिन आज वही युवा जम्मू और कश्मीर के लोकतांत्रिक विकास में शामिल हैं और पंच-सरपंच बन रहे हैं."
"नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों में एक समय पर ख़ूब हमले हुआ करते थे लेकिन अब यहां के एकलव्य स्कूलों में राष्ट्रगान बजता है और तिरंगा फहराया जाता है."
गृह मंत्री ने कहा, "आज, मैं बहुत संतुष्ट हूं कि देश में राष्ट्रविरोध गतिविधियों के अधिकांश गढ़ अब इससे मुक्त हो गए हैं." (bbc.com/hindi)
भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि भारतीय ग्राहकों को फर्जी मेसेज के जरिए निशाना बनाया जा रहा है. ग्राहकों को फेक मेसेज भेजकर उनका डेटा चुराया जा रहा है. इस जालसाजी में कई चीनी वेबसाइट्स शामिल हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
ग्राहकों को त्योहारी सीजन में ऐसे फर्जी मेसेज भेजकर उनकी निजी जानकारी चुराने की कोशिश की जा रही है. फेक मेसेज और फोन पर लिंक भेजकर ग्राहकों के डेटा चुराया जा रहा है. इन फेक मेसेज या लिंक्स में ऐसे दावे किए जाते हैं ग्राहक अगर सही जवाब देता है तो इनाम के लिए पात्र होगा. इसके बाद वह लिंक ग्राहकों को संदिग्ध वेबसाइटों की ओर ले जाता है जो संभावित रूप से बैंक खाते के विवरण, पासवर्ड और वन-टाइम पासवर्ड जैसे संवेदनशील डेटा चुरा सकती हैं.
इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉंस टीम (सीईआरटी-इन) की ओर से जारी एक एडवाइजरी के मुताबिक यूजर्स को ऐसे लिंक्स से टारगेट किया जा रहा है, जो चीनी वेबसाइटों तक ले जाते हैं और फिर ये वेबसाइट्स बैंकिंग डिटेल्स सहित महत्वपूर्ण जानकारियां चुरा सकती हैं.
सीईआरटी-इन का कहना है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम आदि पर फेक मेसेज भेजे जा रहे हैं. फेक मेसेज ग्राहकों को उपहार लिंक और पुरस्कारों में लुभाने वाले उत्सव प्रस्ताव का झूठा दावा करते हैं.
सीईआरटी-इन का कहना है कि ऐसे मेसेज ज्यादातर महिलाओं को निशाना बनाकर भेजे जा रहे हैं. और उनसे इन लिंक्स को व्हॉट्सऐप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर अपने साथियों के साथ साझा करने को कहा जा रहा है.
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि इनमें अधिकतर वेबसाइट चीनी .cn डोमेन एक्सटेंशन का इस्तेमाल करती हैं, जबकि अन्य .xyz और .top जैसे एक्सटेंशन का उपयोग करती हैं.
सीईआरटी-इन का कहना है कि इस तरह के साइबर हमले वाले अभियान ग्राहकों के संवेदनशील डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को प्रभावी ढंग से खतरे में डाल सकते हैं और इस कारण उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है.
कैसे काम करता है फेक मेसेज
सबसे पहले ग्राहकों को स्कैम लिंक वाला एक मेसेज मिलता है. यह अन्य पीड़ितों से आ सकता है जिन्हें अपने दोस्तों और परिवार के साथ लिंक साझा करने के लिए कहा गया है. एक बार जब कोई उपयोगकर्ता लिंक पर क्लिक करता है, तो उन्हें पहले एक झूठे "बधाई" संदेश द्वारा बधाई दी जाती है. इसके बाद उन्हें एक प्रश्नावली में डिटेल्स भरने के लिए कहा जाता है.
यूजर जब सवालों के जवाब दे देता है तो उसे सामानों के एक सेट से "उपहार" चुनने के लिए कहा जाता है. एक बार जब कोई यूजर ऐसा करता है, तो उसे एक और झूठे बधाई संदेश द्वारा बधाई दी जाती है जो उन्हें पुरस्कार का दावा करने के लिए व्हॉट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्तों और समूहों के साथ संदेश साझा करने के लिए कहता है.
क्या हैं बचने के उपाय
सीईआरटी-इन ने यूजर्स को इन फर्जी मेसेज और लिंक्स से बचने के उपाय भी बताए हैं. उसका कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए सबसे पहले यूजर्स को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह किसी ऐसी वेबसाइट के लिंक पर क्लिक न करें, जिस पर उसे भरोसा नहीं है. यहां तक कि अगर कोई लिंक ऐसा लगता है कि यह उसे वैध वेबसाइट पर ले जाएगा, तो यह सुनिश्चित करने के लिए दोबारा जांच करें कि यह किसी तरह से उससे मिलती जुलती वेबसाइट तो नहीं है. संदेह होने पर लिंक को गूगल या अन्य सर्च इंजन पर सर्च करके इसकी वैधता की जांच कर सकते हैं.
सीईआरटी-इन ने कहा है कि वैध संगठन प्रश्नावली के माध्यम से यूजर्स के लॉगिन विवरण, क्रेडिट कार्ड नंबर या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगेंगे. उसका कहना है कि यूजर अपनी निजी जानकारी को गुप्त रखें. सिर्फ वैध वेबसाइट के साथ ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें. साथ ही उसका कहना है कि वैध वेबसाइट ईमेल या एसएमएस के जरिए लॉगिन की जानकारी या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी नहीं मांगती है. (dw.com)
भारत ने अमेरिकी तकनीकी कंपनी अल्फाबेट पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने यह जुर्माना लगाया है.
भारत में उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा की निगरानी करने वाली संवैधानिक संस्था प्रतिस्पर्था आयोग ने गूगल की मालिक कंपनी अल्फाबेट पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग ने आदेश दिया है कि गूगल अपने प्लैटफॉर्म एंड्रॉयड का तौर-तरीका बदले.
एंड्रॉयड प्लैटफॉर्म पर प्रतिस्पर्धा के अस्वस्थ तौर-तरीके प्रयोग किए जाने को लेकर गूगल को यह सजा दी गई है. प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि गूगल ने बाजार में अपनी प्रभावशाली स्थिति का फायदा उठाया और एंड्रॉयड प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल क्रोम और यूट्यूब जैसी अपनी ऐप्स को आगे बढ़ाने के लिए किया.
आयोग ने गूगल पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं. मसलन, वह स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के साथ रेवेन्यू साझा करने के कुछ समझौते नहीं कर पाएगी. आयोग के मुताबिक ऐसे समझौतों के कारण गूगल के अलावा किसी और कंपनी के ऐप्स डाउनलोड करना असंभव हो गया जिससे गूगल को अपने प्रतिद्वन्द्वियों को बाजार से बाहर रखने में मदद मिली.
एक बयान में आयोग ने कहा, "बाजारों में प्रतिस्पर्धा गुणों पर आधारित होनी चाहिए और इसकी जिम्मेदारी प्रभावशाली हिस्सेदारों पर होती है कि उनका व्यवहार गुणों पर आधारित इस प्रतिस्पर्धा का अतिक्रमण ना करे.”
भारत सरकार तकनीक कंपनियों के लिए नियमों को लगातार सख्त बना रही है. अमेरिकी कंपनी अल्फाबेट पर भारत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन करने के कई मामले चल रहे हैं. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग एक अन्य मामले में स्मार्ट टीवी और ऐप पेमेंट के क्षेत्र में भी गूगल की जांच कर रहा है.
2019 का मामला
गूगल के खिलाफ एंड्रॉयड प्लैटफॉर्म से जुड़ी जांच 2019 में शुरू हुई थी जब वकालत के एक छात्र और प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में शोध करने वाले दो जूनियर शोधकर्ताओं ने कंपनी के खिलाफ शिकायत की.
ऐसा ही मामला यूरोप में भी चला था, जहां गूगल पर 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था. यह मामला भी एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों को अपने फोन में गूगल के पहले से इंस्टॉल ऐप उपलब्ध कराने के लिए मजबूर करने का था.
आयोग ने गूगल को आदेश दिया है कि ग्राहकों को किसी भी फोन में पहले से इंस्टॉल ऐप जैसे जीमेल या गूगल मैप हटाने की सुविधा दी जाए. इसके अलावा गूगल को यह सुविधा भी देनी होगी कि जब ग्राहक पहली बार अपने फोन में सेटिंग्स कर रहे हों तो वे अपनी मर्जी का सर्च इंजन चुन पाएं.
काउंटरपॉइंट रिसर्च नामक संस्था के मुताबिक भारत में 60 करोड़ स्मार्टफोन ग्राहक हैं और 97 प्रतिशत फोन गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड पर चलते हैं.
एप्पल के खिलाफ भी जांच
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग अन्य तकनीकी कंपनी एप्पल के खिलाफ भी ऐसे ही मामलों में जांच कर रहा है.आयोग का कहना है कि शुरुआती छानबीन से लगता है कि एप्पल ने स्पर्धारोधी कानूनों का उल्लंघन किया. इसी साल जनवरी में आयोग ने कंपनी के खिलाफ जांच का आदेश एक स्वयंसेवी संस्था की शिकायत के आधार पर दिया था. 'टुगेदर वी फाइट सोसायटी' नामक इस संस्था ने पिछले साल शिकायत की थी कि ऐप बाजार में अपनी प्रभुत्व का एप्पल फायदा उठा रही है और डेवेलपर्स को अपना सिस्टम इस्तेमाल करने पर मजबूर कर रही है.
संस्था की दलील थी कि एप्पल की खरीदकर इस्तेमाल किए जाने वाली डिजिटल सामग्री पर 30 प्रतिशत इन-ऐप फीस और अन्य पाबंदियां प्रतिस्पर्धा के लिए हानिकारक हैं क्योंकि इससे ऐप डेवेलपर्स की लागत बढ़ जाती है और ग्राहकों की कीमत भी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि इससे बाजार में प्रवेश करने में भी बाधा पैदा होती है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल अपने उस बयान से पीछे हट गए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि गीता में भी श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जिहाद का संदेश दिया था.
विवाद बढ़ने के बाद जब शिवराज पाटिल से मीडिया ने उनके बयान पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, "ये जिहाद का संदेश देने की बात आप (मीडिया) कर रहे हैं जो जिहाद कह रहे हैं. क्या आप कृष्ण के अर्जुन को दिए संदेश को जिहाद कहेंगे क्या? नहीं कहेंगे न? यही मैं भी कह रहा था."
क्या कहा था शिवराज पाटिल ने?
इससे पहले गुरुवार को शिवराज पाटिल ने दिल्ली में एक किताब के विमोचन के दौरान कहा था कि सिर्फ़ क़ुरान नहीं बल्कि गीता में भी जिहाद की बात कही गई है.
शिवराज पाटिल ने कहा, "कहा जाता है कि इस्लाम धर्म के अंदर जिहाद की बहुत चर्चा है. लेकिन गीता और जीसस में भी जिहाद है. जब मन के स्वच्छ विचार कोई अगर समझता नहीं है, तब शक्ति का उपयोग करने को कहा जाता है. ये सिर्फ़ कुरान शरीफ़ में नहीं है. गीता के अंदर श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन से जिहाद की ही बात कही थी."
समाचार एजेंसी एएनआई के वीडियो में शिवराज ये भी कह रहे हैं कि ये बात ईसाइयों ने भी लिखी है. अगर सबकुछ समझने के बावजूद कोई हथियार लेकर आ रहा है, तो आप भाग नहीं सकते हैं. उसको आप जिहाद भी नहीं कह सकते हैं. ये तो नहीं होना चाहिए, हथियार लेकर समझाने की बात नहीं होनी चाहिए."
शिवराज पाटिल के इस बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और इसे 'वोटबैंक का प्रयोग' बताया है.
शहज़ाद पूनावाला ने ट्वीट किया, "हिंदुओं से ये नफ़रत संयोग नहीं बल्कि वोटबैंक का प्रयोग है. गुजरात चुनाव से पहले वोटबैंक का ध्रुवीकरण के लिए ये जानबूझकर किया गया है. इससे पहले 'जनेऊधारी' राहुल गांधी भी हिंदुत्व के बारे में काफ़ी कह चुके हैं. उन्होंने कहा लश्कर-ए-तैयबा हिंदु संगठनों से कम ख़तरनाक है, दिग्विजय ने 26/11 हमले के लिए हिंदुओं पर आरोप लगाया." (bbc.com/hindi)
बेंगलुरु, 21 अक्टूबर | राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का अंतिम चरण शुक्रवार से कर्नाटक में शुरू होगा। यात्रा आंध्रप्रदेश के मंत्रालय से कर्नाटक के रायचूर जिले में प्रवेश करेगी। इस बीच पार्टी सूत्रों के मुताबिक शनिवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के भी यात्रा में शामिल होने की संभावना है।
यात्रा आंध्र प्रदेश के मंत्रालय मंदिर सर्किल से सुबह छह बजे शुरू हुई और यह कर्नाटक के रायचूर जिले के गिलसेगुर में सुबह 10 बजे प्रवेश कर गई।
कांग्रेस नेता गांधी जिले में तीन दिन तक पदयात्रा करेंगे। यात्रा तुंगभद्रा पुल को पार कर यारागेरा, रायचूर शहर और शक्तिनगर से होकर गुजरेगी।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी किसानों और स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं। वह यारागेरा गांव के रंगनाथ स्वामी मंदिर में ठहरे हुए हैं।
यात्रा 23 अक्टूबर को तेलंगाना में प्रवेश करेगी। कांग्रेस नेताओं को यात्रा के दौरान 20 से 30 हजार लोगों को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई है। यात्रा को अब तक राज्य में जबरदस्त समर्थन मिला है। सोनिया गांधी ने भी दक्षिण कर्नाटक के मांड्या जिले में कुछ समय के लिए यात्रा में हिस्सा लिया था।
कांग्रेस के नेता यात्रा को लेकर उत्साहित हैं और उनका कहना है कि राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी ने गति पकड़ ली है। कर्नाटक में छह महीने में चुनाव होने हैं।
कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य विधानसभा चुनाव में उसे बहुमत सकता है।
यात्रा ने 30 सितंबर को कर्नाटक में प्रवेश किया था। यह राज्य में 511 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। (आईएएनएस)|
ग़ाज़ियाबाद, 21 अक्टूबर । ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली की 38 साल की महिला को अगवा कर कथित गैंग-रेप की बात पूरी तरह से झूठी थी.
पुलिस ने महिला के तीन दोस्तों को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि ये तीनों से इस साज़िश के हिस्सा थे. महिला की शिकायत पर इससे पहले पुलिस ने पाँच संदिग्धों को ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.
पुलिस ने कहा कि महिला के तीनों दोस्तों ने फ़र्ज़ी मामला बनाने का गुनाह स्वीकार कर लिया है. महिला के ये तीनों दोस्त हैं- दिल्ली में वेलकम के आज़ाद तहसीन, गौतमबुद्ध नगर में बादलपुर के गौरव शरण और ग़ाज़ियाबाद में कालिया भट्टा के मोहम्मद अफ़ज़ल.
मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा, ''हमने महिला के तीनों दोस्तों को गिरफ़्तार कर लिया है. इन तीनों ने इसे स्वीकार किया है कि पूरा मामला झूठ था. हमने सबूतों के आधार पर इनकी पुष्टि भी की है. रेप का नाटक पाँच व्यक्तियों के ख़िलाफ़ संपत्ति विवाद में रचा गया था. इन्हीं पाँचों को पहले संदिग्ध माना गया था.'' (bbc.com/hindi)
जमशेदपुर, 21 अक्टूबर | झारखंड में स्कूल की टर्मिनल परीक्षा के दौरान नकल के संदेह में कपड़े खुलवाकर जांच किये जाने से आहत होकर आत्मदाह करने वाली छात्रा ऋतु मुखी ने गुरुवार रात दम तोड़ दिया। जमशेदपुर के शारदामणि गर्ल्स स्कूल की नौवीं की छात्रा ने बीते 14 अक्टूबर को स्कूल से घर लौटने के बाद खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा ली थी। उसका इलाज जमशेदपुर के टाटा मेन्स हॉस्पिटल में चल रहा था। छात्रा की मौत से स्थानीय लोग गुस्से में हैं। तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल से लेकर अंत्येष्टि स्थल पर सुरक्षा बलों की तैनाती की है। अंत्येष्टि शुक्रवार को दोपहर की जाएगी। जमशेदपुर की उपायुक्त विजया जाधव छात्रा की मौत की खबर मिलने पर टाटा मेन्स हॉस्पिटल पहुंचीं। रात में ही मेडिकल बोर्ड गठित कर छात्रा के शव का पोस्टमार्टम करा लिया गया। इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए उपायुक्त को पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने और छात्रा के बेहतर इलाज का निर्देश दिया था।
इस बीच नकल की जांच के नाम पर छात्रा के कपड़े उतरवाने वाली शिक्षिका चंद्रा दास को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। स्कूल की प्रिंसिपल गीता रानी महतो को निलंबित किया जा चुका है।
छात्रा के बयान के मुताबिक स्कूल की टर्मिनल परीक्षा के दौरान शिक्षिका चंद्रा दास ने उसे चिटिंग के आरोप में पकड़ा। सबके सामने उन्होंने थप्पड़ मारा। विरोध के बावजूद उन्होंने सभी के सामने कपड़े उतरवाकर उसकी तलाशी ली। उसके पास से कोई चिट नहीं मिली, लेकिन उसे प्रिंसिपल के कमरे में ले जाया गया। इस घटना से वह अपमानित और शर्मिदा महसूस कर रही थी। इसलिए उसने शाम में स्कूल से घर लौटने के बाद अपनी बहनों को पड़ोसी के घर भेजकर खुद को आग लगा ली। उसकी चीख सुनकर परिवार और पड़ोस के लोग दौड़े। लपटों से घिरी छात्रा पर पानी डालकर आग बुझाई गई। इसके बाद उसे गंभीर हालत में टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। (आईएएनएस)|
सस्ते इंटरनेट और अपनी रचनात्मक शक्ति की बदौलत भारत के गांव गांव में लोग यूट्यूब चैनल चला रहे हैं. चैनल लोकप्रिय होने से गांववालों की कमाई तो हो ही रही है लेकिन यह शुरुआत उन्हें बड़े सपने देखने का एक मौका भी दे रही है.
छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव में एक गुलाबी टी शर्ट और काली टोपी पहने एक आदमी एक बैलगाड़ी पर घास के ढेर के आगे बैठा है. बैलगाड़ी गांव की धूल भरी सड़कों से गुजर रही है, तभी अचानक वह व्यक्ति एक कैमरे के आगे एक रैप गाना गाने लगता है.
ये जो हिप-हॉप वीडियो उसने अभी अभी बनाया ये बॉलीवुड से प्रेरित लेकिन घर पर ही बने उन कई वीडियो में से एक है जिन्हें उसके गांव के अपने यूट्यूब चैनल के लिए बनाया गया है. "बीइंग छत्तीसगढ़िया" चैनल पर 200 से ज्यादा वीडियो हैं और उसके करीब 1,20,000 सब्सक्राइबर हैं.
चैनल को ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा ने यूट्यूब पर पहले से मौजूद कई वीडियो से प्रेरित हो कर 2018 में शुरू किया था. और अब यह चैनल उनके लिए इतना जरूरी हो गया है कि उसे मैनेज करने के लिए दोनों ने अपनी अपनी नौकरियां छोड़ दी हैं.
तालाबंदी का असर
2020 में जब कोविड-19 महामारी की वजह से लगाई गई तालाबंदी ने कइयों का रोजगार छीन लिया तो उस समय गांव के कई लोग इस चैनल के काम में शामिल हुए. और अब आलम यह है कि गांव की करीब एक-तिहाई आबादी यूट्यूब के लिए कंटेंट बनाने के किसी न किसी काम में लगी हुई है. कोई एक्टिंग कर रहा है तो कोई पोस्ट-प्रोडक्शन.
32 वर्षीय शुक्ला कहते हैं, "शुरू में तो हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि किस तरह के वीडियो बनाएं और कैसे बनाएं. हमने मोबाइल फोन से शूट और एडिट करना शुरू किया लेकिन हमें बाद में लगा कि हमें अपग्रेड कर लेना चाहिए."
अब ये लोग हर महीने दो से तीन वीडियो बनाते हैं, जिनमें कॉमेडी से लेकर एक्शन-ड्रामा और छोटे शैक्षणिक वीडियो से लेकर म्यूजिक वीडियो तक शामिल हैं. चैनल की बदौलत ये लोग यूट्यूब से हर महीने करीब 40,000 रुपये कमा रहे हैं. इससे पहले अपनी नौकरियों में दोनों हर महीने 15,000 रुपये ही कमा पा रहे थे.
यूट्यूब की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी उन्हीं चैनलों को चलाने वालों को पैसे देती है जिनके कम से 1,000 सब्सक्राइबर हों और 12 महीनों की अवधि में उनके वीडियो को कम से कम कुल 4,000 घंटों तक देखा गया हो.
सपनों की उड़ान
लेकिन अधिकांश पैसा प्रोडक्शन के सामान को अपग्रेड करने में खर्च हो जाता है और सिर्फ कुछ ही लोकप्रिय अभिनेताओं को उनके काम के लिए पैसे मिल पाते हैं. बाकी लोग अपने खाली समय में अपनी सेवाएं निशुल्क देते हैं क्योंकि या तो उन्हें खुद को स्क्रीन पर देखना पसंद है या उन्हें अभिनय से प्रेम है.
24 साल की पिंकी साहू इस चैनल के वीडियो का एक लोकप्रिय चेहरा हैं. वो कहती हैं, "मुझे अभिनेत्री बनना है. मैं कोशिश करते रहना चाहती हूं...हां, अगर मुझे मौका मिले तो मैं जरूर बॉलीवुड जाना चाहूंगी."
अभिनेता अलग अलग उम्र के हैं. नन्हे मुन्नों से लेकर 80 साल की दादियां भी अभिनय कर रही हैं. लेकिन यह चैनल कुछ लोगों को बड़े सपने देखने का मौका दे रहा है - वो सपने जो इस छोटे से गांव की सीमा से बाहर तक फैले हैं.
30 साल के वर्मा कहते हैं, "हम चाहते हैं कि हमें सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जाने."
सीके/एए (रॉयटर्स)
पुलिस द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के मुल्जिमों की सरेआम पिटाई के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने पुलिस और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार, अहमदाबाद रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, खेड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक और 13 स्थानीय पुलिस कर्मियों को उंधेला गांव में पुलिस द्वारा मुसलमानों की सार्वजनिक पिटाई की शिकायत पर जवाब मांगा है.
खेड़ा में 3 अक्टूबर को एक गरबा कार्यक्रम में पथराव की एक कथित घटना हुई थी. इसके बाद पुलिस ने गरबा आयोजन पर पथराव के आरोपियों को हिरासत में लिया था. आरोप है कि इसके बाद पथराव के आरोपियों को पुलिस ने गांव के चौराहे पर सार्वजनिक रूप से पिटाई की थी और उनसे सबके सामने माफी मंगवाया था. जिसके बाद इस मामले को लेकर काफी बवाल हुआ था.
पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था और पुलिस की कार्यवाही की आलोचना मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी की थी.
अब इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की बेंच ने राज्य सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया है. पुलिस द्वारा पिटाई के पांच पीड़ितों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय उन दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जिसमें कहा गया है कि लोगों के साथ पुलिस हिरासत में किसी तरह बर्ताव किया जाना चाहिए.
याचिकाकर्ताओं ने पुलिस द्वारा प्रताड़ना लिए मुआवजे की मांग की है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील आईएच सैयद ने कोर्ट को बताया कि 3 अक्टूबर को पथराव की घटना हुई थी जिसके बाद पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में लिया था.
उसके अगले दिन छह लोगों को पुलिस गांव के चौक पर लेकर आई और उन्हें एक-एक कर सार्वजनिक रूप से खंभे से लगाकर पिटाई की. वकील ने कोर्ट को बताया कि सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिसकर्मी ने पिटाई का वीडियो बनाया और उसे साझा किया गया.
हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर कथित रूप से पिटाई के आरोपी पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी करते हुए 12 दिसंबर जवाब देने को कहा है. (dw.com)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर | बाहरी दिल्ली के विकास नगर इलाके में पार्किंग को लेकर 42 वर्षीय एक व्यक्ति को पड़ोसी ने गोली मार दी। पुलिस ने आरोपी विकास नगर निवासी आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। बाहरी जिले के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) समीर शर्मा ने बताया कि 17 अक्टूबर को रणहोला पुलिस स्टेशन में गोलीबारी की घटना के संबंध में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में कॉल प्राप्त हुई थी।
डीसीपी ने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल शेर सिंह को आशीर्वाद अस्पताल में भर्ती कराया। उसके सिर में गोली लगी थी। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
घायल शेर सिंह ने अपने बयान में कहा कि उनके पड़ोसी आशीष ने सोमवार की शाम करीब सात बजे जब वह अपनी दुकान पर बैठा था, उसे गोली मार दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। डीसीपी ने कहा कि पुलिस आरोपी को घटना के 24 घंटे के भीतर गंदा नाला से पकड़ने में कामयाब रही।
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने कहा कि पार्किंग के मुद्दे पर उसका शेर सिंह से विवाद था। उसने आरोप लगाया कि शेर सिंह ने उसके परिवार पर काला जादू किया था और बदला लेना चाहता था।
डीसीपी ने कहा कि वारदात में इस्तेमाल देसी पिस्टल आरोपी ने अपने एक दोस्त सेोरीदी थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । दिल्ली पुलिस ने चीन की एक महिला को फर्ज़ी पहचान के साथ देश में रहने और भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में गिरफ़्तार करने का दावा किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि महिला का नाम काई रुओ है और वो चीन के हेनान प्रांत की रहने वाली हैं.
पुलिस के अनुसार, ये महिला भारत में नेपाली नागरिक बनकर रह रही थीं और इन्हें उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके से गिरफ़्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि वेरिफ़िकेशन के दौरान महिला के पास से नेपाली नागरिकता प्रमाणपत्र मिला, जिसपर डोलमा लामा नाम लिखा था. हालांकि, जब विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से इस बारे में पूछा गया तो पता लगा कि महिला चीन की नागरिक है और साल 2019 में भारत आई थी.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार महिला के ख़िलाफ़ 17 अक्टूबर को आईपीसी की धारा 120 बी, 419, 420, 467 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल इस महिला को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.
नोएडा, 21 अक्टूबर | नोएडा शहर की हाई राइज सोसाइटी में आवारा कुत्तों का आतंक और चल रहे विवाद को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी की तरफ से शहर में 4 स्थानों पर डॉग शेल्टर बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसका मकसद शिकायत के आधार पर वैसे लावारिस कुत्तों को डॉग शेल्टर में रखना होगा जो सड़क या सोसाइटी में राह चलते लोगों को काट लेते हैं। नोएडा प्राधिकरण की ओर से सेक्टर 34, सेक्टर 50, सेक्टर 93बी और सेक्टर 135 में चार डॉग शेल्टर बनाए जाएंगे। एक डॉग शेल्टर बनाने की लागत करीब 16 लाख रूपए आएगी। यहां करीब 50 लावारिस कुत्तों को रखने की व्यवस्था होगी। लोहे की जाली में कुत्ते रखे जाएंगे। उनके लिए खाने, पानी और शेड की भी व्यवस्था होगी। इसके साथ साथ आने वाले समय के लिए शहर में 18 अन्य स्थानों को भी चिन्हित किया जा रहा है। जहां पर प्राधिकरण के तरफ से भविष्य में डॉग शेल्टर बनाए जाएंगे।
लावारिस और पालतू कुत्तों के लिए शहर में डॉग पॉलिसी बनाने की कवायद प्राधिकरण कर रहा है। पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। कुछ विशेषज्ञों की सलाह अभी बाकी है। इसके बाद मंथन किया जाएगा। पॉलिसी तैयार करने के बाद सीओ से मंजूरी ली जाएगी। फिर इसे पूरे शहर में लागू कर दिया जाएगा। (आईएएनएस)|