राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 1 सितंबर । कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर 7.8 फीसदी पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की आर्थिक वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 13.1 प्रतिशत से भारी गिरावट है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा : "यह क्यूएसक्यूटी (क्वार्टर से क्वार्टर तक) का समय है। यहां कुछ स्पष्ट तथ्य हैं : 2021-22 से शुरू होने वाले कोविड-19 रिकवरी के बाद से पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि कम आधार प्रभाव के कारण दर हमेशा ऊंची रही है। इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है। जीडीपी वृद्धि में गिरावट का रुझान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, चाहे आप किसी भी तिमाही को देखें और महामारी से पहले भी यही प्रवृत्ति थी।
"लेकिन यहां मुख्य मुद्दा है विकास, जिसके बारे में भारत के लोग चिंतित हैं। वह आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी और उनकी आय में गिरावट के कारण बढ़ती असमानता है। प्रधानमंत्री के पास इन कठिन चुनौतियों का कोई जवाब नहीं है। उन्होंने अपने जनादेश को बर्बाद कर दिया है और जनसांख्यिकीय लाभांश को बर्बाद कर दिया है। हेडलाइन और छवि प्रबंधन अब काम नहीं करेगा, क्योंकि इंडिया आगे बढ़ने के लिए तैयार है।" (आईएएनएस)।
मुंबई, 1 सितंबर । विपक्षी दलों की 'भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया)' की तीसरी दो दिवसीय बैठक यहां गुरुवार को शुरू हुई, जो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की रणनीतियों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा करने और एक ठोस रोडमैप तैयार करने के बाद समाप्त हुई। सूत्रों ने कहा कि साझेदारों के बीच सहयोग और राज्यों में सीटों के का बंटवारेे पर भी चर्चा हुई।
पहले दिन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू नेता नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन, एनसी नेता उमर अब्दुल्ला, शिवसेना-यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद नेता जयंत चौधरी और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार शाम को बैठक के दौरान सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
सूत्र ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अनौपचारिक रूप से मुलाकात की। उन्होंने शुक्रवार को होने वाली औपचारिक बैठक का एजेंडा तय किया। गठबंधन की भविष्य की रणनीति के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय इसी बैठक में लिए जाएंगे।
सूत्र ने कहा कि सीट बंटवारे की रणनीति को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए इंडिया के नेताओं द्वारा आम सहमति बनाई जा रही है, ताकि विपक्षी दल हर सीट पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला कर सकें।
बैठक से निकलने पर जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या दिल्ली और पंजाब में सीटों के बंटवारे का मुद्दा उठाया गया, तो उन्होंने कहा, "सीटों का बंटवारा पूरे देश में होगा और हमने कहा है कि ऐसी बात (सीटों का बंटवारा) हर राज्य में होनी चाहिए।"
हालांकि, कई अन्य वरिष्ठ नेता इस घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं।
अनौपचारिक चर्चा के बाद इंडिया के नेता ठाकरे द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुए।
शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के लिए एक नया लोगो भी लॉन्च होने की संभावना है, जबकि एक संयोजक और उप समिति गठित करने पर भी चर्चा की जाएगी।
नवगठित विपक्षी गठबंधन की बैठक में कुल 28 पार्टियां हिस्सा ले रही हैं। समान विचारधारा वाले दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से मुकाबला करने और महत्वपूर्ण 2024 लोकसभा चुनावों में केंद्र में लगातार तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए एकजुट हुए हैं।
संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक 23 जून को पटना में और दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 1 सितंबर । तेलंगाना राज्य एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (टीएसएनएबी) ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को हैदराबाद में एक रेव पार्टी पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार एक टॉलीवुड फिल्म फाइनेंसर अपने परिचित दोस्तों के लिए ड्रग पार्टियों का आयोजन कर रहा था।
वेंकटरत्न रेड्डी, जिन्होंने "दमरुकम", "किक", "बिजनेसमैन", "लवली" और "ऑटो नगर सूर्या" जैसी फिल्मों को वित्त पोषित किया, उन्हें ड्रग्स की आदत है और वह अपने परिचित व्यक्तियों के लिए ड्रग पार्टियों का आयोजन करते हैं।
47 वर्षीय व्यक्ति पार्टियों के आयोजन के लिए थोक में ड्रग्स खरीदने के लिए एक अन्य आरोपी बी. बालाजी को फंडिंग कर रहा था। वह ड्रग पार्टियों के लिए महिलाओं की व्यवस्था भी कर रहा था।
टीएसएनएबी ने माधापुर इलाके में फ्रेश लिविंग अपार्टमेंट में बालाजी के एक फ्लैट पर छापा मारा। उन्हें दो महिलाएं भी मिलीं, जो वेंकटरत्न रेड्डी के निमंत्रण पर फिल्मों में भूमिका पाने के लिए आई थीं।
पुलिस ने उनके कब्जे से कोकीन, एलएसडी, एक्स्टसी गोलियां और गांजा जैसी विभिन्न प्रकार की दवाएं, दो कारें और 72,500 रुपये नकद जब्त किए, जिनकी कुल कीमत 32.89 लाख रुपये है।
टीएसएनएबी के एक अधिकारी ने कहा, इस मामले में तीन नाइजीरियाई सहित चार दवा आपूर्तिकर्ता और 18 उपभोक्ता बड़े पैमाने पर हैं।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के मूल निवासी बालाजी नौसेना में कार्यरत थे, लेकिन आंख की चोट के कारण उन्हें चिकित्सकीय रूप से अनफिट घोषित कर दिया गया था। वह कथित तौर पर नशीली दवाओं की तस्करी, उपभोग और नशीली दवाओं के परिवहन में शामिल है।
पुलिस के मुताबिक, वह नियमित रूप से माधापुर के अपार्टमेंट में अपने दोस्तों के साथ पार्टियां मनाने के लिए हैदराबाद आता था। वह हैदराबाद और बेंगलुरु में ड्रग तस्करों के संपर्क में आया और हैदराबाद और आसपास के इलाकों में अपने दोस्तों और अन्य परिचित व्यक्तियों के लिए ड्रग पार्टियों की व्यवस्था करना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे उसने बेंगलुरु से हैदराबाद तक ड्रग्स खरीदने और पार्टियों की व्यवस्था करने और जरूरतमंद ग्राहकों और फिल्म उद्योग के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को बेचने के लिए नाइजीरियाई लोगों के साथ सीधे संबंध/संपर्क स्थापित किए।
34 वर्षीय बालाजी बेंगलुरु में रहने वाले तीन नाइजीरियाई सहित चार लोगों से नियमित रूप से ड्रग्स खरीद रहा था।
विश्वसनीय सूचना पर बालाजी को गुडीमलकापुर पुलिस स्टेशन की सीमा में 15 एक्स्टसी गोलियों के साथ पकड़ा गया।
उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर फ्रेश लिविंग अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर छापा मारा गया।
रेलवे कर्मचारी डी. मुरली इस मामले में गिरफ्तार किया गया तीसरा आरोपी है। रेल निलयम में वरिष्ठ स्टेनो के रूप में कार्यरत, वह एक दवा उपभोक्ता भी हैं। (आईएएनएस)।
सीपीआर का कहना है कि उसकी फंडिंग के रास्ते बंद कर दिए जाने के बाद 80 वैज्ञानिक और कर्मचारी संस्थान को छोड़ कर जा चुके हैं. फरवरी में सीपीआर का विदेश से चंदा लेने का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था.
सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च (सीपीआर) ने उसके एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर देने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती दी हुई है और दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है. संस्थान ने अदालत से यह भी अपील की है कि उसे उसके बैंक खातों में पड़ी धनराशि को फिर से इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए.
संस्थान ने अदालत को बताया कि उसकी करीब 70 प्रतिशत फंडिंग विदेश से आती हैऔर लाइसेंस के निलंबित होने की वजह से उसका संचालन बिल्कुल रुक गया है. संस्थान का कहना है कि वो छह महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाया है.
छोड़ कर जा चुके वैज्ञानिक
सीपीआर की स्थापना 21वीं सदी में भारत की चुनौतियों पर शोध करने के लिए 1973 में की गई थी. इसकी स्थापना अर्थशास्त्री पाई पानिन्दिकर ने की थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ इसकी गवर्निंग बॉडी के सदस्य रह चुके हैं.
संस्थान गवर्नेंस, कृषि, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, पर्यावरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य, राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामले, रोजगार, भूमि अधिकार, सामाजिक न्याय, शहरीकरण, टेक्नोलॉजी, जल संसाधन आदि जैसे विविध विषयों पर शोध के लिए जाना जाता है.
सिर्फ 2022 में ही सीपीआर से जुड़े विशेषज्ञों ने 511 लेख लिखे, 39 नीतिगत रिपोर्टें तैयार कीं, विशेष पत्रिकाओं में 31 लेख लिखे, 10 वर्किंग पेपर तैयार किये, अलग अलग किताबों के लिए चार अध्याय और एक किताबी भी लिखी.
लेकिन संस्थान ने अदालत को बताया कि अब वेतन ना मिल पाने की वजह से उसके कर्मचारी नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं और अभी तक 80 वैज्ञानिक और अन्य कर्मचारी संस्थान छोड़ कर जा चुके हैं.
कौन हैं सीपीआर से जुड़े लोग
सीपीआर की अध्यक्ष दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल मीनाक्षी गोपीनाथ हैं. उन्हें 2007 में यूपीए सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'पद्मश्री' से सम्मानित किया था.
संस्थान की प्रेजिडेंट और मुख्य कार्यकारी हैं यामिनी अय्यर जो पब्लिक पॉलिसी की विशेषज्ञ हैं. वो कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर की बेटी हैं. दिसंबर 2022 में सीपीआर को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस जारी किया थाजिसमें विभाग ने संस्थान को मिली हुई आयकर से छूट को चुनौती दी थी.
सीपीआर को 2027 तक यह छूट दी गई थी, लेकिन आयकर विभाग ने अपने नए नोटिस में कहा कि संस्थान ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो उन "उद्देश्यों और शर्तों के अनुकूल नहीं थीं जिनके मद्देनजर उसका पंजीकरण हुआ था."
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि विभाग के अनुसार इन गतिविधियों में छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगलों को कोयला खनन से बचाने के लिए छेड़ी गई मुहीम में सीपीआर का शामिल होना था.
विभाग ने कहा था कि हसदेव आंदोलन को चलाने वाले 'जन अभिव्यक्ति सामाजिक व्यास' को पिछले चार सालों में जितना चंदा मिला है, उसमें से 87-98 प्रतिशत चंदा सीपीआर ने दिया था.
सरकार से असहमति की कीमत?
सीपीआर के वकील ने हाई कोर्ट में कहा, "हो सकता है आपको देश में असहमति अच्छी नहीं लगती हो, लेकिन उन बेचारे कर्मचारियों ने क्या किया है?...ये बेहद दुखद होगा अगर आप इस तरह के भारतीय थिंक-टैंकों को बंद कर देंगे...एक छोटी सी असहमति और ऐसा कर दिया गया. यह एक पैटर्न है."
वकील ने अदालत को यह भी बताया कि गृह मंत्रालय ने अपने ऑडिट में सीपीआर के खिलाफ कोई अनियमितताएं नहीं पाई थीं और सीएजी ने भी कोई अनियमितता नहीं पाई थी, लेकिन उसके बाद अचानक से यह सब हो गया.
अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो संस्थान के बैंक खातों में पड़े पैसों का इस्तेमाल करने के उसके आवेदन पर पांच सितंबर तक फैसला ले. अदालत ने सरकार से मामले की फाइलें लाने के लिए भी कहा ताकि अदालत सरकार की जांच के बारे में और समझ सके.
हाल के सालों में इस तरह के कदम कई संस्थानों के खिलाफ उठाये गए हैं. मार्च 2023 में इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उसके पहले के सिर्फ सात महीनों में ही करीब 400 संस्थानों केएफसीआरए लाइसेंस रद्दया निलंबित कर दिए गए हैं या उनके रिन्यूअल की अनुमति नहीं दी गई है या लाइसेंस को समाप्त मान लिए गया है.
कोचिंग हब के तौर पर मशहूर कोटा में छात्रों के आत्महत्या करने का सिलसिला जारी है. बीते आठ महीने में 24 छात्रों ने जान दी है. इनमें से 13 ऐसे थे, जिन्हें कोटा आए हुए दो-तीन महीने से लेकर एक साल से भी कम समय हुआ था.
(डॉयचे वैले पर मनीष कुमार का लिखा-)
राजस्थान का कोटा शहर. देशभर के बच्चे यहां करियर बनाने और प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के लिए पहुंचते हैं. यहां के कोचिंग संस्थान इन छात्र-छात्राओं को तराशकर उन्हें मेडिकल या इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करते हैं. लेकिन, कोचिंग हब के रूप में जाना जाने वाला यह शहर बीते लंबे वक्त से छात्रों की आत्महत्याओं के लिए सुर्खियां बना रहा है.
इंजीनियर या डॉक्टर बनने का सपना लिए देशभर से बच्चे नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) या जेईई (जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा के कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेते हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या बिहार के बच्चों की होती है. जनवरी 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोटा में एक कार्यक्रम के दौरान कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से संवाद कर रही थीं.
इसी क्रम में उन्होंने कुछ राज्यों का नाम लेकर वहां से आए बच्चों की संख्या के बारे में जानना चाहा. इसी दौरान उन्होंने पूछा, इनमें कितने बच्चे बिहार से हैं? जवाब में जब तीन-चौथाई बच्चों ने अपने हाथ ऊपर किए, तो वह चौंके बिना नहीं रह सकीं. हैरानी से उन्होंने अपनी हथेली को मुंह पर रख लिया.
पटना के रहने वाले डी के कांत ने करीब छह महीने पहले अपने बेटे का दाखिला कोटा के एक नामी कोचिंग संस्थान में कराया. वह अपना अनुभव यूं बताते हैं, "जब मैं कोटा स्टेशन पर उम्मीदों की ट्रेन पटना-कोटा एक्सप्रेस से उतरा, तो ऐसा लगा मानो किसी रैली में भाग लेने आया हूं. जहां तक नजर जा रही थी, वहां बच्चे-बच्चियां और अभिभावक ही दिख रहे थे. मैंने इतनी भीड़ की कल्पना ही नहीं की थी. यहां का पूरा परिदृश्य समझना हो, तो वेब सीरीज कोटा फैक्ट्री देख लीजिए."
एक अनुमान के मुताबिक, इस शहर में ढाई लाख से ज्यादा छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं. अभी यहां 4,000 के करीब हॉस्टल हैं और 40 हजार से ज्यादा पीजी (पेइंग गेस्ट) हैं, जहां बच्चे रहते हैं.
आठ महीने में 24 बच्चों ने दे दी जान
एक बार फिर यह शहर आत्महत्या की बढ़ती संख्या को लेकर सुर्खियों में है. 27 अगस्त को महज चार घंटे के अंतराल में यहां दो छात्रों ने अपनी जान दे दी. इनमें एक 18 साल का आदर्श, बिहार के रोहतास जिले का रहने वाला था. आदर्श चार महीने पहले ही नीट की तैयारी के लिए कोटा आया था.
इस साल जनवरी से लेकर 28 अगस्त तक कोटा में 24 छात्रों ने आत्महत्या की. इनमें 13 ऐसे थे, जिन्हें कोटा आए दो-तीन महीने से लेकर एक साल से भी कम समय हुआ था. जबकि सात छात्र ऐसे थे, जिन्होंने डेढ़ महीने से लेकर पांच महीने पहले ही कोचिंग लेना शुरू किया था. आदर्श की मौत से पहले 4 और 16 अगस्त को भी बिहार के दो बच्चों ने जान दे दी थी. केवल अगस्त महीने में ही सात बच्चों ने खुदकुशी की है.
2022 के दिसंबर महीने में चार छात्रों ने आत्महत्या की थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 12 साल में 150 से ज्यादा छात्रों ने यहां जान दी है.
ज्यादा नंबर लाने की दौड़ बन रही जानलेवा
कोटा में जेईई की तैयारी कर रहे सुयश (बदला हुआ नाम) कहते हैं, ‘‘ जिस परीक्षा की हम तैयारी कर रहे हैं, वह काफी मुश्किल है. अगर आप जनरल कैटेगरी से हैं, तो एक-एक नंबर आप पर भारी पड़ता है. आपका प्रदर्शन बेहतर हो, इसके लिए यहां जो पढ़ाया जाता है उसका टेस्ट लिया जाता है. इससे हमें खुद को आंकने का मौका मिलता है. आखिरकार, उतना नंबर पाने के बाद ही हम क्वालिफाई कर सकते हैं.''
डेढ़ साल से नीट की तैयारी कर रही शिवानी (बदला हुआ नाम) का कहना है, ‘‘प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊंचा है. यहां पहुंचकर बच्चे को अपना स्तर पता चलता है. वे डर जाते हैं कि दूसरा बच्चा हमसे ज्यादा नंबर ला रहा है. फिर माता-पिता की उम्मीदें ज्यादा होती हैं. बेहतर प्रदर्शन करना मजबूरी बन जाता है. इससे बच्चे तनाव में आ जाते हैं और फिर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं.''
रोहतास के रहने वाले जिस छात्र आदर्श ने खुदकुशी की, उसे भी कोचिंग संस्थान के टेस्ट में लगातार कम नंबर आ रहे थे. पुलिस के मुताबिक, वह 700 में से 250 नंबर ला पा रहा था. इसे लेकर वह परेशान रहता था.
दरअसल कोचिंग संस्थान 700 नंबर के इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर छात्रों की रैंकिंग और ग्रेडिंग तय करते हैं. 500 से ज्यादा नंबर लाने वाले छात्रों की रैंकिंग अच्छी मानी जाती है और उनपर कोचिंग संस्थानों का ज्यादा फोकस होता है. उनकी नजर में ऐसे छात्रों के क्वालिफाई करने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसे में जो बच्चे कम नंबर लाते हैं, वे अपने नंबरों से तो परेशान होते ही हैं, साथ ही उन्हें यह डर भी सताने लगता है कि अब संस्थान भी उनपर कम ध्यान देगा. ऐसे में वे अवसाद के शिकार हो जाते हैं.
भारी पड़ता माता-पिता की उम्मीदों का बोझ
पटना के एक कोचिंग संस्थान के निदेशक नाम ना छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘‘यह सच है कि जेईई या नीट की परीक्षा का जो ढर्रा है, उससे बच्चों पर पढ़ाई का खासा दबाव रहता है. एक-एक नंबर के लिए जूझना पड़ता है. निगेटिव मार्किंग इसे और मुश्किल बना देता है. इसलिए कोचिंग के टेस्ट में पिछड़ने पर उन्हें अपना अस्तित्व ही खतरे में दिखाई देने लगता है.''
मनोविज्ञान की व्याख्याता रश्मि शेखर कहती हैं, "मेरे ख्याल से इस स्थिति के लिए काफी हद तक माता-पिता की उम्मीदें जिम्मेदार हैं. कोई भी बच्चा अपनी क्षमता के अनुसार ही चीजें समझता है. उस पर अपनी महत्वाकांक्षा का दबाव बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. पास-पड़ोस के बच्चे की सफलता को देखकर तो कतई नहीं.''
घर से दूर रह रहे कई बच्चे अलग-अलग परेशानियों के अलावा अकेलापन भी महसूस करते हैं. कई बार वे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं, जिसकी जानकारी न तो कोचिंग संस्थान को होती है और न ही उनके माता-पिता को. कोटा में जेईई की तैयारी कर रहे आदित्य (बदला हुआ नाम) बताते हैं, ‘‘घर से बाहर रह रहे बच्चे को माता-पिता की उम्मीदें हर समय परेशान करती रहती हैं. हमेशा महसूस होता है कि हम पर इतना पैसा खर्च हो रहा है. मां-बाप भी सबसे पहले यह जानना चाहते हैं कि टेस्ट में कितने नंबर आए. गड़बड़ होने पर सुनना भी पड़ता है. ऐसे में करो या मरो की स्थिति बन जाती है. बच्चा पढ़ाई का दबाव नहीं झेल पाता है और गलत फैसला ले लेता है.''
क्या कर रही है राजस्थान सरकार
आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ दिन पहले कोटा जिला प्रशासन ने छात्र-छात्राओं के हॉस्टल या पीजी वाले कमरों में स्प्रिंग लोडेड फैन लगाने का निर्देश जारी किया है. ताकि अगर कोई छात्र पंखे से लटककर जान देने की कोशिश करे, तो पंखा नीचे आ जाए और उसकी जान बच सके.
आत्महत्या के बढ़ते मामलों से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों एक बैठक में कोचिंग संस्थानों को कुछ निर्देश दिए. इनमें रविवार को टेस्ट नहीं लेने, दो सप्ताह में एक बार छात्र-छात्राओं की सेहत की जांच कराने, पढ़ाई का बोझ नहीं डालने जैसे निर्देश शामिल हैं. कोटा के कलेक्टर ने कोचिंग संस्थानों में दो महीने तक टेस्ट ना कराने का निर्देश जारी किया है.
लेकिन क्या बस इन उपायों से छात्र-छात्राओं की खुदकुशी रोकी जा सकेगी. शायद नहीं. शिक्षा प्रणाली और परीक्षा पैटर्न पर विचार करने की भी जरूरत है, ताकि दबाव को कम किया जा सके. इसके अलावा अभिभावकों और बच्चों का नजरिया बदले जाने की भी जरूरत है. छात्रों को नियमित काउंसलिंग भी दी जानी चाहिए.
कोचिंग संस्थान तो एक माहौल देता है. सफलता के लिए जो चीजें जरूरी हैं, उसे उपलब्ध कराता है. ताकि छात्र पूरे दमखम से अपनी तैयारी कर सकें. साप्ताहिक या मासिक, जो भी टेस्ट लिए जाते हैं, उन्हें एक संकेत के रूप में लेना चाहिए, ना कि रिजल्ट के रूप में. (dw.com)
वैज्ञानिकों को एक ऐसे प्रयोग में शुरुआती कामयाबी हासिल हुई है, जिसमें एक ब्लड टेस्ट के जरिए शुरुआती दौर में ही पार्किंसंस रोग का पता लगाया जा सकता है.
वैज्ञानिकों ने कहा है कि एक प्रयोग में रक्त जांच के जरिये पार्किंसंस रोग की शुरुआत में ही जानकारी मिलने की दिशा में कामयाबी मिली है. बुधवार को प्रकाशित शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले इस घातक रोग की जांच में यह टेस्ट पहला अहम जरिया बन सकता है.
इस ब्लड टेस्ट में उन कोशिकाओं की जांच की जाती है जिनके नुकसान के कारण पार्किंसंस रोग होता है. हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि इस जांच के असल जीवन में प्रयोग में आने में अभी कई साल का समय लग सकता है, लेकिन भविष्य में होने वाले परीक्षणों में इस टेस्ट को कामयाबी मिलती है तो पार्किंसंस का शुरुआती दौर में ही पता लगाया जा सकेगा और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने के पहले ही थेरेपी शुरू हो सकेगी.
अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना स्थित ड्यूक स्कूल ऑफ मेडिसिन की लॉरी सैंडर्स इस शोध का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने कहा, "फिलहाल पार्किंसंस को आमतौर पर लक्षणों से ही पहाचाना जाता है. और वैसा तब होता है जब मरीज को स्नायु तंत्र में काफी नुकसान हो चुका होता है.”
कैसे काम करता है टेस्ट
नयी जांच में ब्लड टेस्ट के जरिये माइटोकॉन्ड्रिया में डीएनए में हुए नुकसान को आंका जाता है. माइटोकॉन्ड्रिया कोशिकाओं के अंदर का ढांचा होता है जो कोशिका के काम के लिए ऊर्जा पैदा करता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ढांचे के अंदर डीएनए को होने वाले नुकसान के कारण ही पार्किंसंस रोग होता है.
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन पत्रिका में छपे शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों की जांच में पाया गया कि पार्किंसंस के मरीजों की कोशिकाओं के डीएनए में उन लोगों के मुकाबले ज्यादा नुकसान देखा गया, जिन्हें यह रोग नहीं है.
वैज्ञानिकों ने यह भी देखा कि जिन लोगों में पार्किंसंस रोग को बढ़ाने वाला जीन एलआरआरके2 मौजूद था, उनके डीएनए में तब भी नुकसान देखा गया, जिनमें पार्किंसंस के लक्षण मौजूद नहीं थे.
फिलहाल पार्किंसंस के लिए जो दवाएं उपलब्ध हैं, वे सिर्फ लक्षणों को ही काबू करती हैं. सैंडर्स उम्मीद जताती हैं कि नया ब्लड टेस्ट पार्किंसंस की पहचान के साथ-साथ उन दवाओं की पहचान में भी मदद करेगा, जो माइटोकॉन्ड्रिया के डीएनए में होने वाले नुकसान को ठीक कर सकती हैं. साथ ही, उन लोगों की भी पहचान हो सकेगी जिनके लिए वे दवाएं ज्यादा लाभदायक हो सकती हैं.
इलाज की जरूरत
एबकैम और बायोजेन समेत दुनिया की कई बड़ी दवा कंपनियां पार्किंसंस के ऐसे इलाज खोजने की कोशिश में जुटी हैं. यह अल्जाइमर्स के बाद दुनिया की दूसरे सबसे आम न्यूरोजेनरेटिव बीमारी है, जिससे एक करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
सैंडर्स की टीम ने अब तक अपने ब्लड टेस्ट का परीक्षण उन मरीजों पर किया है जिन्हें पार्किंसंस हो चुका है. अब वे ऐसे लोगों पर परीक्षण करने की तैयारी कर रहे हैं जिन्हें अब तक कोई लक्षण तो नहीं हुआ है लेकिन वे उस समूह में शामिल हैं, जिन्हें होने का खतरा ज्यादा है.
वीके/सीके (रॉयटर्स)
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने भारत की दो कंपनियों के फंड फ्रीज कर दिये हैं. रूस की एक हीरा कंपनी के साथ व्यापार करने के आरोपों के कारण यह कार्रवाई की गयी है.
भारत सरकार ने अमेरिका से आग्रह किया है कि भारत की दो कंपनियों के धन निकालने पर लगायी गयी रोक हटायी जाए. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने अमेरिका से दो हीरा कंपनियों के फंड निकालने पर लगी रोक हटाने को कहा है. इन दोनों कंपनियों पर रूस की हीरा कंपनी अलरोसा के साथ व्यापार करने का आरोप लगा था. अलरोसा रूस की उन कंपनियों में शामिल है, जिन पर यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका ने प्रतिबंधलगा रखे हैं.
दो सूत्रों के मुताबिक अमेरिका के लगाये प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली वित्त मंत्रालय की संस्था ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (OFAC) ने इस साल की शुरुआत में दोनों भारतीय कंपनियों के फंड फ्रीज कर दिये थे. हालांकि भारत सरकार और दोनों कंपनियों ने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
प्रतिबंधों का असर
पिछले साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था जिसके बाद अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगाये थे. वे प्रतिबंध लगाये जाने के बाद यह पहला मामला है जबकि भारत की किसी कंपनी पर कार्रवाई की गयी है.
ओएफएसी ने भारतीय कंपनियों का फंड तब फ्रीज किया जब उनकी यूएई से काम करने वालीं ईकाइयों ने फंड को कच्चे हीरे खरीदने के लिए रूस को देना चाहा. हालांकि यह पता नहीं लग पाया है कि यह धन अलरोसा को दिया जा रहा था या किसी और को.
भारत सरकार के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, "सरकार ओएफएसी की कार्रवाई से वाकिफ है और इस बारे में बातचीत शुरू कर दी गयी है. समस्या अलरोसा के साथ व्यापारिक संबंधों के संदेह से पैदा हुई.”
इस अधिकारी के मुताबिक इन कंपनियों ने सरकार को बताया है कि यह लेन-देन या तो रूस की उन कंपनियों के साथ हो रहा था, जो प्रतिबंधों के दायरे से बाहर हैं या फिर अप्रैल में प्रतिबंध लगाये जाने से पहले के ऑर्डर का भुगतान किया जा रहा था. इस मामले पर अलरोसा और भारत व अमेरिका के संबंधित मंत्रालयों ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है.
अलरोसा से भारत के संबंध
अलरोसा रूस की सरकारी कंपनी है. वह कच्चे हीरों की दुनिया की सबसे बड़ी उत्पादक है. वैश्विक स्तर पर कच्चे हीरे की लगभग 30 फीसदी सप्लाई यही कंपनी करती है.
यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो दुनियाभर में 80-90 फीसदी कच्चे हीरे का आयात करता है और फिर उसकी कटिंग और पॉलिश करता है. ऐसा माना जाता है कि भारत को अपना 60 फीसदी कच्चा माल अलरोसा से प्राप्त होता है.
कच्चे हीरों को शक्ल देने में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 22 अरब डॉलर से ज्यादा के पोलिश किये हीरे निर्यात किये थे. हीरों का यह उद्योग मुख्यतया गुजरात में आधारित है, जहां की कंपनियां यूएई, बेल्जियम और रूस से कच्चे हीरे खरीदती हैं.
लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से स्थानीय हीरा उद्योग खास प्रभावित हुआ है. गुजराती कंपनियों को ज्यादातर हीरे रूस से प्राप्त होते हैं और प्रतिबंधों के चलते इनकी उपलब्धता घटी है, जिस कारण हीरा कारखानों के सामने संकट खड़ा हो गया है.
हाल के महीनों में हीरे के बाजारों में शांति छाई हुई है. उद्योग जगत के अनुमानों के अनुसार सूरत में हीरे चमकाने वाली यानी पॉलिश करने वाली करीब छह हजार ईकाइयां हैं, जो पांच लाख से अधिक कारीगरों को रोजगार देती हैं.
साथ ही, ये ईकाइयां सालाना करीब 21-24 अरब अमेरिकी डॉलर तक का कारोबार भी करती हैं. लेकिन, सूरत डायमंड वर्कर्स यूनियन का एक मोटा अनुमान कहता है कि करीब दस हजार हीरा श्रमिकों को यूक्रेन युद्ध के चलते अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है.
मुश्किल में व्यापारी और कारीगर
सूरत के एक अनुभवी हीरा व्यापारी चंदर भाई सूता ने DW को पिछले साल एक इंटरव्यू मेंबताया, "पर्याप्त हीरे नहीं हैं, इसलिए पर्याप्त काम भी नहीं है." वहीं हीरा व्यापारी परेश शाह कहते हैं, "हीरों की सही कीमत भी नहीं मिल रही है."
वह कहते हैं, "कोई नहीं जानता कि यह स्थिति कब और कैसे सुधरेगी. हालांकि, उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है. कई ईकाइयां घाटे का सामना करने के बावजूद किसी तरह खुद को बनाए रखने में सफल रही हैं."
अमेरिका भारत में संसाधित यानी पॉलिश किये गये हीरों का सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां अब रूसी मूल के सामान को खरीदने से इनकार कर रही हैं.
हीरे की आपूर्ति करने वालों का कहना है कि प्रतिबंधों ने रूस के केंद्रीय बैंक और दो प्रमुख बैंकों को वैश्विक स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से हटा दिया है. पिछले साल नवंबर में भारत ने रूस के साथ रुपये में व्यापार की सुविधा के लिए नौ बैंकों को "वोस्ट्रो" खाते खोलने की मंजूरी दी थी.
वोस्ट्रो खाते वे होते हैं, जो एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक की ओर से खोले गए होते हैं. रुपये में व्यापार करने के पीछे विचार यह था कि इससे रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों के असर को दूर किया जा सके.
हालांकि, इस कदम से समस्या हल नहीं हुई. भारत रुपये में व्यापार को बढ़ावा देना चाहता है, लेकिन अब भी उसे अपनी घरेलू मुद्रा में किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय व्यापार सौदे का इंतजार है.
विवेक कुमार (रॉयटर्स)
कोलकाता, 31 अगस्त । दक्षिण 24 परगना में डायमंड हार्बर के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में शहरी नागरिक निकायों में करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले में राज्य की 11 अन्य नगर पालिकाओं को नोटिस भेजा।
नोटिस में केंद्रीय एजेंसी ने 2014 से अब तक हुई भर्तियों का ब्योरा मांगा है।
ये 11 नगर पालिकाएँ उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नादिया के तीन जिलों में फैली हुई हैं।
बुधवार को ईडी ने, जो मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ समानांतर जांच कर रहा है, दक्षिण 24 परगना जिले में डायमंड हार्बर नगर पालिका को नोटिस भेजकर 2016 में कुछ भर्तियों पर स्पष्टीकरण मांगा।
पर्यवेक्षकों के अनुसार, 11 अन्य नगर पालिकाओं को नोटिस भेजना स्पष्ट संकेत है कि केंद्रीय एजेंसियां करोड़ों रुपये के नगर पालिकाओं के भर्ती घोटाले में अपनी जांच की गति तेज करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्हें यह भी लगता है कि जांच की त्वरित गति संभवतः इस सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ के हालिया आदेश से प्रेरित है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि अब से नगर पालिकाओं की भर्ती मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाएगी।
उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले में जांच की गति तेज करने और कथित घोटाले के पीछे के सरगनाओं को पकड़ने का भी निर्देश दिया।
मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच का मूल आदेश कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने दिया था।
बाद में यह मामला न्यायमूर्ति सिन्हा की अदालत में भेजा गया। उन्होंने भी पहले के आदेश को बरकरार रखा था।
हालाँकि, राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन, हाल ही में शीर्ष अदालत ने भी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों को बरकरार रखा है और केंद्रीय एजेंसियों को मामले में अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। (आईएएनएस)।
जम्मू, 31 अगस्त । जम्मू एवं कश्मीर के रामबन जिले में बुधवार देर शाम आग लगने की एक घटना में महिला और उसकी दो बेटियों की जलकर मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि रामबन जिले के बिंगारा गांव में आग लगने की घटना में नजमा बेगम और उसकी दो बेटियों इकरा और असमा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पति इब्राहिम और मिर्जा बेगम घायल हो गए।
उन्होंने कहा, "घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। इस घटना में पांच झोपड़ियां नष्ट हो गईं।"
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया। उपराज्यपाल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "रामबन के बिंगारा गांव में आग लगने की घटना में अमूल्य जिंदगियों के नुकसान से बहुत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना। जिला प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 31 अगस्त । दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि एक चौंकाने वाली घटना में दिल्ली में एक सत्तर वर्षीय व्यक्ति की उसके बेटे ने कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान 75 वर्षीय नंद लाल अरोड़ा के रूप में हुई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को रात 8:26 बजे पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के बिंदापुर थाना पुलिस को ओम विहार में झगड़े के दौरान एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली।
पुलिस के अनुसार, अरोड़ा और उनका 37 वर्षीय बेटा गौरव अरोड़ा, जो दोनों नियमित शराब पीते थे, एक साथ रहते थे।
द्वारका के पुलिस उपायुक्त एम हर्ष वर्धन ने बताया कि मंगलवार को पिता-पुत्र के बीच तीखी बहस हो गई। इस विवाद के दौरान बेटे ने कथित तौर पर अपने पिता पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को पकड़ लिया गया है। (आईएएनएस)।
एक नए अध्ययन ने फूड डिलीवरी की नौकरी के फायदों और कमियों पर रोशनी डाली है. इनकी वजह से युवाओं को नौकरी मिल रही है और अपना शहर छोड़ कर जाना भी नहीं पड़ रहा है. लेकिन क्या इन नौकरियों में लगे युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है?
पढ़ें डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय का लिखा-
यह अध्ययन जानी मानी शोध संस्था नैशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने करवाया है. इसके तहत शोधकर्ताओं ने एक ही फूड डिलीवरी कंपनी के लिए 28 शहरों में काम करने वाले 924 लोगों से बात की. दो तरह के कर्मियों के हालात की समीक्षा की गई है - 11 घंटों की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मी और पांच घंटों की शिफ्ट या वीकेंड या कुछ खास दिनों पर यह काम करने वालेकर्मी.
इनमें से 99 प्रतिशत कर्मी पुरुष थे, अधिकांश 35 साल से कम उम्र के थे, आधे टीयर वन शहरों से थे और बाकी आधे टीयर टू और थ्री शहरों से थे. इनमें से सबसे ज्यादा (31.9 प्रतिशत) दक्षिण के शहरों से थे, 30.6 प्रतिशत पश्चिम के शहरों से, 18.7 प्रतिशत उत्तर से और 18.7 प्रतिशत कर्मी पूर्वी शहरों से थे.
प्लेटफार्म इकॉनमी के फायदे
अध्ययन में इस तरह के रोजगार के अवसरों का सबसे बड़ा फायदा यह बताया गया है कि इनसे स्थानीय नौकरियां उत्पन्न होती हैं, यानी नौकरी की तलाश करते लोगों को अपना शहर छोड़ कर पलायन नहीं करना पड़ता है. सर्वे के लिए जिन लोगों से बात की गई उनमें से 70 प्रतिशत स्थानीय थे और अपने अपने गृह शहरों में ही काम कर रहे थे.
दूसरा फायदा यह है कि इस सेक्टर से रोजगार को फॉर्मल या औपचारिक बनाने में मदद मिल रही है. इस तरह की नौकरियांपूरी तरह से फॉर्मल तो नहीं हैं, लेकिन इनमें कम से कम औपचारिक रूप से कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं और कंपनी की तरफ से दुर्घटना बीमा भी मिलता है.7
हालांकि 'पेड लीव' यानी कंपनी के खर्च पर छुट्टियां नहीं मिलती हैं और बीमा भी आंशिक होता है. तीसरा फायदा यह है कि यह सेक्टर एक तरह की सामाजिक सुरक्षा की भूमिका भी निभाता है. सर्वे के लिए जिन कर्मियों से बात की गई है उनमें से 31.6 प्रतिशत कर्मियों ने बताया कि वो यह नौकरी मिलने से पहले पांच महीनों से भी ज्यादा से नौकरी ढूंढ रहे थे.
इसके अलावा नौ प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने अपनी पुरानी नौकरी चले जाने के बाद यह काम करना शुरू किया. हालांकि इस तरह की नौकरियों में तनख्वाह को लेकर तस्वीर बहुत उम्मीद भरी नहीं है. 68 प्रतिशत लोगों ने सर्वे के दौरान यह कहा तो कि उन्होंने बेहतर तनख्वाह के लिए यह काम शुरू किया, लेकिन खर्चों को निकालने के बाद कमाई कुछ खास नजर नहीं आती.
काम ज्यादा, कमाई कम
11 घंटों की शिफ्ट करने वाला एक सक्रिय कर्मी एक औसत शहरी युवा पुरुष कर्मी के मुकाबले 27.7 प्रतिशत ज्यादा समय के लिए काम करता है और 59.6 प्रतिशत ज्यादा कमाता है. लेकिन ईंधन पर खर्च काटने के बाद कमाई में यह बढ़त 59.6 प्रतिशत से गिर कर सिर्फ पांच प्रतिशत रह जाती है.
इसके अलावा दूसरी नौकरियां कर रहे कम से कम उच्च स्कूली शिक्षा प्राप्त युवाओं की कमाई (22,494 रुपये प्रति माह) के मुताबिक प्लेटफार्म वर्कर की कमाई (20,744) कम है. साथ ही रिपोर्ट यह भी दिखा रही है कि 2020 तक के हालत के मुकाबले 2021 के बाद से प्लेटफार्म कर्मियों के लिए घर के खर्च का इंतजाम कर पाना मुश्किल हो गया है, यानी तनख्वाह महंगाई के हिसाब से बढ़ी नहीं है.
इसका यह भी मतलब है कि 2022 में एक तरफ तो महंगाई की वजह से उनकी असली कमाई बढ़ी नहीं, दूसरी तरफ ईंधन आदि के दाम बढ़ जाने सेखर्च भी बढ़ गया. लेकिन इस रिपोर्ट में इस तरह की नौकरियों का एक और फायदा बताया गया है - नए कौशल का मिल जाना जिससे आगे चल कर बेहतर नौकरी मिल सकती है.
88.6 प्रतिशत कर्मियों ने कहा कि उन्हें कंपनी ने प्रशिक्षण दिया और 55 प्रतिशत ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से बार बार प्रशिक्षण दिया गया. 38.2 प्रतिशत कर्मियों ने कहा कि इस नौकरी में मिला तजुर्बा उनके नई नौकरियों में उपयोगी रहा. उनके मुताबिक जीपीएस समझना, ग्राहकों से बात करना और अंग्रेजी बोलना जैसे कौशल उन्होंने प्लेटफार्म नौकरी में ही सीखे. (dw.com)
इसरो ने कहा है कि उसके चंद्रयान ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर सल्फर समेत कई तत्वों के होने की पुष्टि की है. पिछले हफ्ते चांद पर उतरने के बाद चंद्रयान का रोवर वहां सतह का मुआयना कर रहा है.
इसरो के मुताबिक चंद्रयान ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर मौजूद है. सोमवार को जारी एक बयान में इसरो ने कहा, "चंद्रयान-3 के साथ भेजा गये लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) ने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर नमूनों की पहली जांच की है. इस जांच में पुष्टि हुई है कि उस इलाके में सल्फर मौजूद है."
इसरो ने यह भी कहा कि यह जांच चंद्रमा की कक्षा में मौजूद उपग्रहों के जरिये संभव नहीं थी. जांच में चांद पर एल्युमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम और टाइटेनियम के होने की भी पुष्टि हुई है. इसके अलावा मैंगनीज, सिलिकन और ऑक्सीजन के अंश भी मिले हैं.
चंद्रयान का छह पहिये वाला प्रज्ञान रोवर सतह के नमूने जमा कर रहा है. यह रोवर उस इलाके में घूम रहा है, जिसके बारे में अब तक कमोबेश कोई जानकारी नहीं है. रोवर को दो हफ्ते तक चंद्रमा की सतह पर काम करना है. इस दौरान वह तस्वीरें और वैज्ञानिक डेटा भेज रहा है.
रोवर की चुनौतियां
बीते गुरुवार को उसने अपने प्रयोग शुरू किये थे. रोवर पर दो विशेष उपकरण लगे हैं जिनका मकसद रासायनिक संरचना से जुड़े प्रयोगों के अलावा एक रास्ते की योजना बनाना भी है, जिस पर भविष्य में अनुसंधान किया जा सके.
रोवर के सामने कई चुनौतियां भी हैं. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पिछले हफ्ते बताया था कि अपने पहले मिशन में रोवर को कई मुश्किलों का सामना करना होगा जिनमें चांद पर धूल और तापमान प्रमुख हैं जिनके कारण प्रज्ञान की आवाजाही पर असर पड़ सकता है.
समाचार चैनल सीएनएन टीवी18 से बातचीत में उन्होंने कहा, "मेकैनिक पार्ट्स, यानी वे हिस्से जो चलते हैं, धूल के कारण जाम हो सकते हैं. इस कारण मोटर या बेयरिंग काम करना बंद कर सकते हैं.”
चांद की धूल धरती की धूल से अलग है. चूंकि चंद्रमा पर हवा नहीं है इसलिए यह धूल उपकरणों के पुर्जों में फंस सकती है और उसके कामकाज को प्रभावित कर सकती है.
सोमनाथ ने कहा, "इस कारण मेकनिज्म में दिक्कतें हो सकती हैं, तो देखते हैं कि क्या होता है. हमें इसका सामना करना पड़ेगा और इसी कारण हम अनुसंधान कर रहे हैं. अगर सब कुछ पता होता तो फिर उसके करने में मजा ही क्या था.”
भारत की बड़ी योजनाएं
23 अगस्त को चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था. किसी यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने वालाभारत दुनिया का एकमात्र देश है. गड्ढों से भरे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई इंसानी मशीन नहीं पहुंची थी. 2019 में भारत का चंद्रयान 2 इसी कोशिश के दौरान क्रैश हो चुका था. इस ऐतिहासिक लैंडिंग से तीन दिन पहले रूस का लूना-25 मिशन भी दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से ठीक पहले क्रैश हो गया था.
भारत ने यह उपलब्धि सिर्फ 6.15 अरब रुपये के बजट में हासिल की है. 2014 में भारत मंगल की कक्षा में यान स्थापित करने वाला पहला एशियाई देश बन गया था. सितंबर में इसरो सूरज के अनुसंधान के लिए एक यान, आदित्यभेजने जा रहा है. अगले साल उसकी धरती की कक्षा में इंसान भेजने की योजना है.
इसके अलावा 2025 में उसने जापान के साथ मिलकर चंद्रमा पर एक अन्य यान भेजने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया है. दो साल के भीतर वह शुक्र ग्रह की कक्षा में यान भेजने पर काम कर रहा है.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
नई दिल्ली, 30 अगस्त । आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) ब्लॉक का लीडर होना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल को गठबंधन का नेता होना चाहिए, क्योंकि वह लगातार देश की भलाई के लिए लड़ रहे हैं।
कक्कड़ ने कहा, "पार्टी प्रवक्ता के रूप में बोलते हुए, मैं अरविंद केजरीवाल को नामांकित करूंगी। उन्होंने लगातार लोगों का समर्थन किया है और एक मॉडल लागू किया है जिससे दिल्ली में न्यूनतम मुद्रास्फीति हुई है।"
26 पार्टी इंडिया ब्लॉक की दो बैठकें हो चुकी हैं। कर्नाटक में दूसरी बैठक के दौरान, ब्लॉक को आधिकारिक तौर पर 'इंडिया' नाम दिया गया। गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली है। 'आप' ने इस आगामी बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली,30 अगस्त । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बुधवार को भाजपा सांसदों के साथ वर्चुअली बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के लोक सभा और राज्य सभा सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान नड्डा ' मेरी माटी मेरा देश' अभियान को लेकर पार्टी सांसदों को अहम निर्देश दे सकते हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 30 अगस्त । संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर लोक सभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर लोक सभा से निलंबित कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को आज सदन की विशेषाधिकार समिति ने अपना पक्ष रखने को बुलाया है।
अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मसले पर लोक सभा की विशेषाधिकार समिति ने इसी महीने 18 अगस्त को अपनी पहली बैठक में अधीर रंजन चौधरी को अपने ऊपर लगे आरोपों पर अपना पक्ष रखने का मौका देने का फैसला किया था और इसके लिए समिति ने उन्हें 30 अगस्त को समिति की बैठक में आकर अपना पक्ष रखने को कहा था।
आपको बता दें कि, संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर लोक सभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर 10 अगस्त को सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन से निलंबित करते हुए उनके मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा 10 अगस्त को ही लोक सभा में पेश किए गए प्रस्ताव को सदन द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने उसी दिन अधीर रंजन चौधरी द्वारा सदन में लगातार किए जा रहे व्यवहार की जांच का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजते हुए समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें सदन से निलंबित करने की घोषणा कर दी थी।
समिति आज ही पटना पुलिस द्वारा भाजपा सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल पर किए गए लाठीचार्ज मामले की भी सुनवाई करेगी। भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष हैं और इसमें सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कई सांसद सदस्य के तौर पर शामिल हैं। (आईएएनएस)।
भोपाल/ दमोह 30 अगस्त । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक ट्वीट करके मुसीबत में फंस गए हैं! उन पर झूठी जानकारी फैलाने के साथ सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप है।बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों की शिकायत पर दमोह पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त को एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी द्वारा पल्लवित देश के सबसे भव्य मंदिरों में से एक श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर परिसर में कल रात से बजरंग दल के कथित असामाजिक तत्वों द्वारा शिवजी की पिंडी रख पूजा-अर्चनाप की जा रही हैं, स्थिति कभी भी गंभीर मोड़ ले सकती है यह गंभीर विषय है प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे।
दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद प्रशासन हरकत में आया और उसने मौके पर प्रशासनिक अमले को भेजा और जांच कराई। इस जांच में दिग्विजय सिंह के आरोप को गलत पाया गया, इसी आधार पर देर रात को दिग्विजय सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली थाने में बजरंग दल व हिदूवादी संगठन की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया। (आईएएनएस)।
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देवास, 30 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक तेंदुआ ग्रामीणों के लिए खिलौना बन गया और वे उसके साथ पालतू जानवर जैसा व्यवहार करते रहे, सेल्फी भी लेने से नहीं चूके। मामले की जानकारी होने पर वन विभाग की टीम गांव पहुंची और तेंदुआ को अपने कब्जे में लिया।
मंगलवार शाम सोनकच्छ के पीपलरावा थाना क्षेत्र के इकलेर माताजी गांव की झाड़ियाें में ग्रामीणों को तेंदुआ नजर आया। पहले तो वे उसे देखकर घबरा गए, लेकिन तेंदुए को सुस्त हालत में पाया तो वे उसे तंग करने लगे। ग्रमीणों ने तेंदुए को गांव में घुमाया। सभी ने उसके साथ सेल्फी ली और उसे सहलाते रहे।
गांव में तेंदुआ होने की जानकारी वन विभाग को मिली, तो वन अमला मौके पर पहुंचा और तेंदुए को अपने कब्जे में लिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुआ बीमार है और इसी कारण से वह सुस्त है। उसका उपचार किया जा रहा है। (आईएएनएस)।
सासाराम, 30 अगस्त । बिहार के रोहतास जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र में बुधवार तड़के एक कंटेनर और स्काॅर्पियो की टक्कर में सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग घायल हो गए।
बताया जाता है कि कुछ लोग एक स्काॅर्पियो पर सवार होकर झारखंड की ओर से आ रहे थे, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर पखनारी के समीप स्कॉर्पियो और कंटेनर की टक्कर हो गयी। कंटेनर सड़क के किनारे पहले से खड़ी थी और तेज गति से आ रही स्काॅर्पियो इससे टकरा गई।
शिवसागर के थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि घटना सुबह करीब साढ़े तीन बजे की है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य में जुट गई। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग घायल हो गए। घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। मृतकों में कुछ की पहचान हुई है, जबकि कुछ अन्य की पहचान नहीं हो पाई है।
सभी घायलों को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल सासाराम से हायर सेंटर अस्पताल रेफर किया गया है। मृतकों में तीन किशोरी, दो महिला, एक पुरुष, एक किशोर शामिल है। पुलिस ने सभी शवों को अपने कब्जे में लेकर सदर अस्पताल, सासाराम पोस्टमाॅर्टम के लिए भेज दिया है। (आईएएनएस)।
नोएडा, 29 अगस्त । 15,000 करोड़ के जीएसटी गड़बड़ी मामले में फर्जी तरीके से 2660 कंपनियां बनाने वाले तीन लोगों के दिल्ली स्थित आवास पर नोएडा पुलिस ने मुनादी की और नोटिस भी चिपकाए हैं।
नोएडा पुलिस ने बताया है कि इनकी सूचना देने वाले को 25,000 का इनाम दिया जाएगा। इन्होंने फर्जी तरीके से 2660 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराकर सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। तीनों आरोपी नोएडा के थाना सेक्टर-20 के वांछित हैं।
दरअसल, इस गैंग ने मिलकर करीब 15,000 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। इसमें फर्जी जीएसटी कंपनियों का सहारा लिया है। मामले में पुलिस ने शुरुआत में 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद गिरफ्तारी का सिलसिला बढ़ता गया। अब तक करीब 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस गैंग में शामिल अंचित गोयल, प्रदीप गोयल, अर्जित गोयल फरार हैं। तीनों दिल्ली के रहने वाले हैं। इनकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
नोएडा पुलिस ने 1 जून को 2660 फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराकर 15,000 करोड़ से अधिक का फ्रॉड करने वाले एक अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा किया था। जालसाजों ने पांच साल से फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी रिफंड आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त करके सरकार को हजारों करोड़ का चूना लगाया था। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 29 अगस्त । यहां एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कूड़ा बीनने वाली एक महिला के साथ अज्ञात लोगों ने दुष्कर्म किया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मंगलवार को नानकरामगुडा में एक निर्माणाधीन इमारत परिसर में महिला का क्षत-विक्षत शव मिला।
यह घटना साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय के गाचीबोवली पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत हुई।
पुलिस ने मृतक की पहचान कासेम्मा (38) के रूप में की, जो कूड़ा बीनने वाली थी और हैदराबाद के वड्डेरा बस्ती, गौलीडोडी की निवासी थी। वह 25 अगस्त को लापता हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक, वह अपनी बेटी से झगड़े के बाद घर छोड़कर चली गई थी। उसके परिवार ने गाचीबोवली पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
कुछ स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस को संदेह है कि महिला के साथ उस वक्त दुष्कर्म किया गया, जब वह निर्माणाधीन इमारत में कबाड़ इकट्ठा करने गई थी। आरोपी ने उसके सिर को पत्थर से कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और साइबराबाद पुलिस आयुक्त से 48 घंटे के भीतर इस घटना के संबंध में व्यापक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी, जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दीं।
मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "राष्ट्रीय खेल दिवस पर, सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएं। भारत को देश के प्रति उनके योगदान पर गर्व है। मैं मेजर ध्यानचंद जी को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं।"
हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। वह भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक थे और उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में भारत को तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाये। (आईएएनएस)।
पणजी, 29 अगस्त । गोवा पुलिस ने बलात्कार की झूठी शिकायत दर्ज कराने की धमकी देकर गुजरात के एक व्यक्ति से कथित तौर पर पैसे ऐंठने के आरोप में दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक (उत्तरी गोवा) निधिन वलसन ने कहा कि किरण पटेल द्वारा गुजरात की ही दो महिलाओं के खिलाफ दायर एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई थी।
प्रथमदृष्टया पता चला कि आरोपी फर्जी रेप केस दर्ज कराने की धमकी देकर उगाही का रैकेट चला रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक महिला ने 23 अगस्त को कोलवेल पुलिस स्टेशन में एक गैर-गोवा व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी।
वालसन ने कहा, ''बाद में जांच अधिकारी को पता चला कि शिकायतकर्ता ने (गोवा में) अलग-अलग मामलों में शिकायत दर्ज कराई थी। चूंकि वह गुजरात से थी, हमने वहां अपने समकक्षों से संपर्क किया और जानकारी मिली कि वह कई एफआईआर में शिकायतकर्ता थी।'
''उसी समय हमें एक बिजनेसमैन से शिकायत मिली कि इन शिकायतकर्ताओं (महिलाओं) ने उनसे यह कहकर पैसे वसूले कि वे उस पर बलात्कार का आरोप लगाएंगी। हमें पता चला कि उन्होंने गुजरात और गोवा में कई एफआईआर की थीं। दरअसल वे बिजनेसमैन से यह धमकी देकर उगाही करने का रैकेट चला रहे थे कि उन्हें बलात्कार के मामले में फंसाया जाएगा।''
पुलिस के मुताबिक, दोनों महिलाओं ने अपराध में शामिल अपने सह-आरोपी का नाम विश्वदीप गोहिल बताया जो गुजरात के ही भावनगर का रहने वाला है।
वालसन ने कहा, ''जांच के दौरान पता चला कि अपराध में शामिल आरोपियों ने गोवा के साथ-साथ गुजरात के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई है। इन मामलों का विवरण स्टेशनों से प्राप्त किया जा रहा है और आगे की जांच जारी है।''
आईपीसी की धारा 386, 120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
इन लोगों द्वारा पैसे वसूलने के रैकेट का उत्तरी गोवा में कोलवेले और कैलंगुट पुलिस ने संयुक्त रूप से भंडाफोड़ किया। (आईएएनएस)।
जयपुर, 29 अगस्त । इस साल अब तक हुई 23 आत्महत्याओं के मद्देनजर राजस्थान के कोटा कोचिंग सेंटरों पर राज्य के मंत्रियों ने बड़ा हमला बोला है। एक मंत्री ने तो इन संस्थानों को "माफिया" का पर्याय कहा है।
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संस्थानों की तुलना "माफिया" से करते हुए कहा, "मैं मानता हूं कि कोचिंग प्रबंधकों के पास पैसे की ताकत है लेकिन वे उस आधार पर छात्रों को धमकी नहीं दे सकते...। मैं माता-पिता को यह एहसास दिलाना चाहता हूं कि उनके बच्चे कोचिंग के कारण सफल नहीं हो रहे हैं बल्कि इसलिए सफल हो रहे हैं क्योंकि वे प्रतिभाशाली हैं...। यह (कोचिंग संस्थान) छात्रों को हतोत्साहित करते हैं...। इस कोचिंग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए...। एसपी और कलेक्टर को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कार्य करना चाहिए...।''
उन्होंने संस्थानों को चेतावनी दी कि वे अपने तरीके सुधारें और पैसे के आधार पर बच्चों पर अत्याचार न करें या कार्रवाई का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें।
जलापूर्ति मंत्री महेश जाेशी ने कहा कि देशभर में कोचिंग सेंटर बंद होने चाहिए। केंद्र को उपाय करना चाहिए और स्कूलों में शिक्षा को मजबूत करना चाहिए ताकि छात्रों को कोचिंग न जाना पड़े।
यह कहते हुए कि मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से छात्रों में अवसाद होता है, गोविंद राम मेघवाल ने उन्हें इसका उपयोग न करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, “छात्रों को खुद को बुरी संगति से दूर रखना चाहिए और मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से बचना चाहिए। पहले, बच्चे अपने परिवारों के करीब रहते थे और उनकी चुनौतियों पर चर्चा करके समाधान ढूंढते थे। हालाँकि, मोबाइल फोन के अत्यधिक संपर्क के कारण, छात्र अवसाद का शिकार हो रहे हैं।” (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 29 अगस्त । मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में भाग लेने के लिए राज्यसभा में व्हीलचेयर पर आए थे।
विपक्षी दलों के कड़े विरोध के बावजूद लोकसभा में पारित होने के कुछ दिनों बाद 7 अगस्त को उक्त विधेयक उच्च सदन में पारित हो गया।
क्विज़-बेस्ड रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' सीजन 15 के 11वें एपिसोड में, जिसका नाम 'रिश्ते स्पेशल' है, होस्ट अमिताभ बच्चन ने भोपाल के एक शिक्षक हर्ष वर्मा का हॉट सीट पर स्वागत किया।
बिग बी ने 20,000 रुपये के प्रश्न में हर्ष से पूछा, "जुलाई 2023 तक डॉ. मनमोहन सिंह इनमें से किस सदन के सदस्य हैं?"
ऑप्शन थे- ए: पंजाब विधानसभा, बी: दिल्ली विधानसभा, सी: लोकसभा और डी: राज्यसभा।
हर्ष ने सही उत्तर दिया जो 'राज्यसभा' था। स्क्रीन पर डॉ. मनमोहन सिंह की तस्वीर दिखाई गई, जिसमें उन्हें व्हीलचेयर पर बैठे देखा जा सकता है।
तस्वीर को देखकर एक्टर ने कहा, "अपने छठे राज्यसभा कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राज्यसभा में मतदान हुआ था , जिसके लिए डॉ. सिंह आए थे। उनकी उम्र 90 साल से ज्यादा है, लेकिन फिर भी वह वोट देने के लिए व्हीलचेयर पर आए। यह हम सबके लिए एक बहुत ही प्रभावशाली दृश्य था।"
'कौन बनेगा करोड़पति 15' सोनी पर प्रसारित होता है। (आईएएनएस)।
श्रीनगर, 29 अगस्त । इस साल के अंत में कश्मीर में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा जिसमें 140 देश भाग लेंगे। इसका खुलासा मंगलवार को श्रीनगर में ब्रेकफास्ट प्रेस ब्रीफिंग में किया गया।
प्रेस ब्रीफिंग में मिस वर्ल्ड करोलिना बिलावस्की, मिस इंडिया सिनी शेट्टी, मिस वर्ल्ड कैरेबियन एमी पेना और मिस वर्ल्ड इंग्लैंड जेसिका गेगेन और मिस वर्ल्ड अमेरिका श्री सैनी और मिस एशिया प्रिसिलिया कार्ला सपुत्री यूल्स शामिल हुई। उन्होंने बताया कि 71वीं मिस वर्ल्ड 2023 प्रतियोगिता के लिए कश्मीर का चयन किया गया है।
करोलिना बिलावस्की ने कहा, ''कश्मीर में सब कुछ है और यह मिस वर्ल्ड जैसे आयोजन के लिए सबसे अच्छी जगह है। मैं भारत की खूबसूरत जगहों, यहां की खूबसूरत झीलों को देखकर हैरान हूं, यहां सभी ने हमारा अच्छे से स्वागत किया है।
''हमें जो आतिथ्य सत्कार मिला वह अद्भुत था। इस आयोजन में 140 देशों को भाग लेते देखना रोमांचक होगा। हर जगह की अपनी सुंदरता होती है, लेकिन यहां का सुखद आतिथ्य सत्कार अभिभूत करने वाला है।"
मिस इंडिया सिनी शेट्टी ने कहा, ''यह गर्व से भरा क्षण है कि मिस वर्ल्ड 2023 कश्मीर में आयोजित होने जा रहा है। यह क्षण दिवाली जैसा होगा क्योंकि 140 देश भारत आ रहे हैं और एक परिवार के रूप में भाग ले रहे हैं।''
इन सभी ने लोकल फाइव-स्टार होटल में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ नाश्ता किया।
रूबल नागी आर्ट फाउंडेशन के रूबल नागी और पीएमई एंटरटेनमेंट के अध्यक्ष जमील सईदी भी नाश्ते के इस बैठक में उपस्थित रहे।
मिस वर्ल्ड अमेरिका श्री सैनी और मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन की चेयरपर्सन और सीईओ जूलिया मॉर्ले पेजेंट विजेताओं के कश्मीर दौरे में शामिल हुई हैं। भारत लगभग तीन दशकों के बाद इस प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। आखिरी बार देश ने इस कार्यक्रम की मेजबानी 1996 में की थी। (आईएएनएस)।