राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 5,676 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,47,68,172 हो गई है। वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 37,093 पर पहुंच गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, पंजाब तथा राजस्थान में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु में एक-एक मरीज की मौत होने से देश में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,000 हो गई। साथ ही, संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में छह नाम और जोड़े हैं।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 37,093 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.8 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.73 प्रतिशत है। अभी तक कुल 4,42,00,079 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे। (भाषा)
वॉशिंगटन, 11 अप्रैल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के सारे लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के अपने लक्ष्य को भारत ने लगभग पा लिया है और अब ध्यान उन्हें कुशल बनाने और डिजिटलीकरण पर है जिससे जीवनयापन में सुगमता तथा पारदर्शिता आ सके।
सीतारमण ने अमेरिका के विचार समूह ‘पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स’ में कहा कि सरकार गरीब लोगों को मूलभूत सुविधाएं देकर सशक्त बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘बुनियादी सुविधाएं देने के लिहाज से हमने अपने लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के गरीबों को अनेक सुविधाएं देना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उन्हें रहने के लिए पक्के घर दिए जाएं, पाइप के जरिए पेयजल उन तक पहुंचे, बिजली हो, अच्छी सड़कें हो...सिर्फ गांव तक ही नहीं बल्कि गांवों की गलियों तक भी अच्छी सड़कें हों जो नजदीकी राजमार्ग से जोड़ी जा सकें, अच्छी परिवहन सुविधा तक पहुंच हो, वित्तीय समावेशन हो जिससे घर के प्रत्येक सदस्य का बैंक में खाता खुले और उन्हें हर लाभ सीधे उनके खाते में मिल सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस लिहाज से हम परिपूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि अब ध्यान लोगों को कुशल बनाने पर है। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम लोगों को कुशल बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। कौशल केंद्र अब देशभर में हैं। कौशल का स्तर हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। इससे व्यापारों और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि जो लोग प्रशिक्षण पा रहे हैं और व्यवसाय जिस तरह के प्रशिक्षित लोग चाहते हैं उनके बीच संपर्क बन सके।’’
सीतारमण ने कहा कि भारत का डिजिटलीकरण का कार्यक्रम भी तेजी से चल रहा है, इसके दायरे में स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय लेनदेन आ गए हैं। अब हम अन्य क्षेत्रों का डिजिटलीकरण भी करना चाहते हैं जिससे जीवनयापन में आसानी हो और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ सके।’’ (भाषा)
मुजफ्फरनगर (उप्र), 11 अप्रैल उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना क्षेत्र में मंगलवार तड़के बड़ौत मार्ग पर एक वाहन (जीप) के पेड़ से टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गये।
थाना प्रभारी बुढाना बृजेश शर्मा ने बताया कि मृतकों की पहचान वाजिस कुमार (60), पूनम (55) और विनीत कुमार के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा कि घायल व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
एसएचओ ने कहा कि हादसा उस समय हुआ जब ये लोग मेरठ से मुजफ्फरनगर अपने गांव लौट रहे थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को प्रख्यात समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि नारी शिक्षा व समानता के लिए समर्पित उनका जीवन राष्ट्र के लिए सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेगा।
शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें नमन। महात्मा फुले जी महिलाओं व वंचितों के अधिकारों की आवाज बने और उन्होंने कुरीतियों के खिलाफ समाज को संगठित कर आंदोलन चलाया। नारी शिक्षा व समानता के लिए समर्पित उनका जीवन राष्ट्र के लिए सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेगा।’’
महाराष्ट्र में 1827 में अत्यधिक पिछड़ी जाति में जन्मे फुले ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और सबसे वंचित समुदायों के बीच शिक्षा का प्रचार करने का प्रयास किया। उन्हें और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को महिलाओं के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। (भाषा)
जयपुर, 11 अप्रैल पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को यहां पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर एक दिवसीय 'अनशन' शुरू किया।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद हैं हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया।
इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया। वहां बनाए गए छोटे मंच पर केवल पायलट बैठे। उनके समर्थक व अन्य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे। मंच के पास महात्मा गांधी व ज्योतिबा फुले की तस्वीरें रखी गईं। मंच के पीछे केवल महात्मा गांधी की फोटो के साथ 'वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन' लिखा गया।
शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्किल पहुंचे और वहां समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पायलट ने इस दौरान संवाददाताओं से कोई बात नहीं की।
उल्लेखनीय है कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राज्य की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन करने की घोषणा की थी। वहीं कांग्रेस पार्टी ने पायलट के इस कदम को 'पार्टी विरोधी' करार दिया है। पार्टी के स्थानीय मीडिया ग्रुप में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया गया जिसके अनुसार ‘‘पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है।’’ /वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘राजस्थान कांग्रेस में घमासान सड़कों पर आया। गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण, खान घोटालों और पेपर लीक घोटाले में कांग्रेस जन मौन क्यों हैं? पुजारी और संतों की मौत का जिम्मेदार कौन, तुष्टिकरण के मामलों से बहुसंख्यकों की विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है।’’ (भाषा)
प्रयागराज, (उप्र) 11 अप्रैल प्रयागराज पुलिस ने कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके पुत्र अली के खिलाफ धूमनगंज थाना में और एक मुकदमा दर्ज किया है। इस बीच, अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाने के लिए पुलिस की टीम वहां पहुंची है।
डीसीपी (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि साबिर हुसैन की तहरीर पर सोमवार रात को धूमनगंज थाने में माफिया अतीक अहमद, उसके पुत्र अली, असाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद और असलम मंत्री (अतीक अहमद का चचेरा भाई) के खिलाफ भादंसं की धाराओं 147, 148, 149, 307, 386, 286, 504, 120-बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
साबिर हुसैन ने तहरीर में कहा, ‘‘15 फरवरी, 2023 को शाम साढ़े सात बजे अतीक अहमद का चचेरा भाई असलम मंत्री और असाद कालिया मेरे घर पर आए और कहा कि अतीक भाई ने तुम्हें गुजरात बुलाया है। जब मैंने उनके साथ जाने से मना किया तो उन्होंने गालियां देते हुए मुझे मारना-पीटना शुरू कर दिया और एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी।’’
उसने तहरीर में कहा, ‘‘फिरौती नहीं देने पर उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी। इससे पूर्व, 14 अप्रैल, 2019 को अतीक अहमद के बेटे अली, असाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद और असलम मंत्री ने मुझे बुलाकर फोन से मेरी बात अतीक अहमद से करानी चाही थी। जब मैंने बात करने से मना कर दिया था तो इन्होंने कहा था कि अगर जिंदा रहना है तो अतीक अहमद के मुकदमे में खिलाफत करना बंद कर दो और हमें एक करोड़ रुपये दो। पैसा देने से मना करने पर इन्होंने जान से मारने की नीयत से मुझ पर फायरिंग की थी।’’
साबिर हुसैन ने इस घटना के साक्ष्य के तौर पर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की बात की है। उल्लेखनीय है कि गत 28 मार्च को पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी। 24 फरवरी, 2023 को उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी अतीक, उसके बेटे, पत्नी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। अतीक अहमद के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि नया डाटा संरक्षण विधेयक तैयार है और संसद के मानसून सत्र के दौरान इसे पेश किया जाएगा।
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ को बताया कि विधेयक तैयार है। पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि मामले को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए ताकि एक नई पीठ का गठन किया जा सके क्योंकि न्यायमूर्ति जोसेफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
इसके बाद मामले को अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि न्यायालय को अदालत की सुनवाई को विधायी प्रक्रिया से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया जटिल है और इसे (विधेयक को) फिर से कुछ समितियों को भेजा जा सकता है।
शीर्ष अदालत दो छात्रों कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में व्हाट्सएप और फेसबुक के बीच उसके उपयोगकर्ताओं के फोन कॉल, संदेश, तस्वीर, वीडियो और दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने के लिए किए गए अनुबंध को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह उनकी गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में आवाज का नमूना लेने के लिए मंगलवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को तलब किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि टाइटलर केन्द्रीय फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला पहुंचे, जहां आगे की कार्रवाई जारी है।
उन्होंने बताया कि एजेंसी को 39 साल पुराने सिख विरोधी दंगों के मामले में नए सबूत मिले हैं, जिसके बाद टाइटलर की आवाज का नमूना लेने की जरूरत पड़ी।
दंगों के दौरान पुल बंगश इलाके में कथित तौर पर तीन लोग मारे गए थे।
वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश में सिख समुदाय पर कथित तौर पर हिंसक हमले किए गए थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी (33) करीब 10.45 बजे मध्य दिल्ली में संघीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे।
तेजस्वी से पिछले महीने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पूछताछ की थी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक अलग मामला दर्ज किया है। ईडी ने इस मामले में तेजस्वी यादव का बयान दर्ज किया।
तेजस्वी यादव की बहन एवं सांसद मीसा भारती से भी ईडी ने 25 मार्च को इस मामले में पूछताछ की थी, उसी दिन तेजस्वी सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे।
दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने हाल ही में मामले में कार्रवाई शुरू की। सीबीआई ने लालू प्रसाद और उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी जबकि ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के खिलाफ जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की।
इसके बाद ईडी ने कहा कि उसने एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की और 600 करोड़ रुपये के अपराध से अर्जित आय का पता लगाया।
एजेंसी ने कहा कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।
यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है। उस समय केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-1) की सरकार थी।
तेजस्वी यादव के बारे में विशेष उल्लेख करते हुए ईडी ने कहा था कि दक्षिण दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डी-1088 स्थित एक संपत्ति एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत एक स्वतंत्र चार मंजिला बंगला है।
इस कंपनी को इस मामले में ‘लाभार्थी फर्म’ कहा गया है।
ईडी ने कहा था कि यह कंपनी तेजस्वी यादव और उनके परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण में है और यह घर केवल 4 लाख रुपये के मूल्य पर अधिग्रहित किया गया था, जबकि इसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 150 करोड़ रुपये है।
ईडी ने आरोप लगाया था, ‘‘ऐसा संदेह है कि इस संपत्ति को खरीदने के लिए भारी मात्रा में नकदी डाली गई है और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में कारोबार करने वाली मुंबई की कुछ इकाइयों का इस्तेमाल अपराध को अंजाम देने के लिए किया गया।’’
जांच एजेंसी के अनुसार, कागज पर हालांकि इस संपत्ति को एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय घोषित किया गया है, लेकिन लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा इसे विशेष रूप से आवासीय परिसर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
ईडी ने कहा, ‘‘तलाशी के दौरान तेजस्वी प्रसाद यादव इस घर में रह रहे थे और पाया गया कि वह इस घर का इस्तेमाल अपनी आवासीय संपत्ति के रूप में कर रहे थे।’’
यह आरोप लगाया गया है कि 2004-09 की अवधि के दौरान, विभिन्न व्यक्तियों को भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्त किया गया था, और बदले में, संबंधित व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दी थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे तौर पर या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, वह भी बाजार दरों के मुकाबले बहुत कम कीमत में।
आरोपों से इनकार करते हुए तेजस्वी यादव ने, सीबीआई द्वारा अपने माता-पिता से पूछताछ किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा था कि तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के पास लाभ के बदले रोजगार देने की ‘‘कोई शक्ति’’ नहीं थी। (भाषा)
जयपुर, 11 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि वह चाहते हैं कि 2030 तक राजस्थान देश में अव्वल राज्य बने और इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने ऐसी योजनाएं बनाईं हैं जो किसी और राज्य में नहीं है।
गहलोत ने मंगलवार को राज्य सरकार के प्रस्तावित ‘महंगाई राहत शिविरों’ की जानकारी देते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया। राज्य भर में ये शिविर 24 अप्रैल से शुरू होंगे जहां सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पंजीकरण करवाया जा सकेगा।
गहलोत ने सोशल मीडिया पर जारी इस वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैंने तय किया है कि साल 2030 तक मुझे राजस्थान को देश का नंबर वन राज्य बनाना है। इस सपने को साकार करने के लिए पिछले चार बजट व इस साल के 'बचत राहत बढ़त' वाले बजट में मैंने ऐसी योजनाएं बनाई हैं जो किसी दूसरे राज्य में नहीं हैं।’’
राज्य सरकार की ‘चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा’ योजना सहित अन्य योजनाओं की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘ किसी और राज्य में जनता को 25 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा नहीं मिल रहा है, किसी भी राज्य में 500 रुपए में गैस सिलेंडर नहीं भरवाया जा रहा है। न ही ऐसी किसी योजना पर विचार किया जा रहा है। सिर्फ राजस्थान में 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा किया जा रहा है, बिना किसी प्रीमियम के।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से और भी बहुत सारे ऐतिहासिक फैसले किए गए हैं जिनसे राजस्थान के लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी, उनके पैसे की बचत होगी और आज की इस बचत से हमारी आने वाली पीढ़ी को बढ़त मिलेगीी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन 2030’ को सफल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। इस दिशा में पहला कदम 'बचत राहत बढ़त' वाला बजट था। गहलोत के अनुसार कई कारणों से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पाती या वे इसका लाभ नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए उन्होंने एक नई पहल (महंगाई राहत शिविर) की है।
उन्होंने कहा, ‘‘‘राहत बचत बढ़त' वाले बजट की दस नई योजनाओं के लाभ उन लोगों को मिलेंगे जो इसके असली हकदार हैं और अपने हक के लाभ की मांग करेंगे। 24 अप्रैल से पूरे राजस्थान में हजारों महंगाई राहत कैंप लगाए जाएंगे।’’
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे महंगाई राहत शिविर में आकर सरकार की दस महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लेने के लिए पंजीकरण जरूर करवाएं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसके तहत 24 अप्रैल से 30 जून तक ‘‘प्रशासन गांवों/शहरों के संग’’ अभियान के साथ-साथ महंगाई राहत कैंप आयोजित होंगे। इनमें आमजन और वंचित वर्ग को जनोपयोगी घोषणाओं के बारे में जानकारी देकर पात्रता अनुसार योजनाओं से जोड़ा जाएगा। (भाषा)
क्या आपके साथ ऐसा हुआ है कि कोई गाना अचानक गुनगुनाना शुरू किया और फिर उसे छोड़ ही नहीं पाए? रह-रहकर वो गाना आपकी जबान पर आता रहे और एक वक्त ऐसा आए कि आपको खीज होने लगे?
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
कभी कभी यूं हो जाता है कि कोई गीत अटक जाता है. आप गुनगुनाना ना भी चाहें तो दिमाग उसे गुनगुनाता है. जरूरी नहीं कि आपको वो गीत पसंद हो लेकिन दिमाग उसे छोड़ने का नाम ही नहीं लेता. ऐसा लगता है कि दिमाग में गाना रीप्ले पर बजता जा रहा हो. वैज्ञानिक कहते हैं कि 98 फीसदी लोग इस अनुभव से गुजर चुके हैं. इसे संगीत की भाषा में इनवॉलन्टेरी म्यूजिकल इमेजरी (आईएनएमआई) कहते हैं.
संगीत पर शोध करने वाले लोग लंबे समय से यह जानने में लगे हैं कि वो क्या राज हैं जो किसी धुन को ज्यादा लोकप्रिय और ज्यादा कर्णप्रिय बनाते हैं. ऐसा क्या है जो कुछ धुन दिमाग में घुस जाती हैं और निकलने का नाम नहीं लेतीं.
ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड मीडिया में पढ़ाने वालीं प्रोफेसर एमरी शूबर्ट ने इस बारे में विस्तृत अध्ययन किया है. इंपीरिकल म्यूजिकोलॉजी लैबोरेट्री के इस शोध में प्रोफेसर शूबर्ट कहती हैं, "इस बारे में उपलब्ध सामग्री का विश्लेषण कहता है कि संगीत में कुछ दोहराव तो अपने आप होता है लेकिन ऐसा लगता है कि किसी गीत के लिए जरूरी है कि उनमें ईयर वॉर्म यानी ऐसे हिस्से हों जो बार-बार दोहराए जाते हैं.”
संगीत में दोहराव होना चाहिए
शूबर्ट कहती हैं कि जो हिस्से जहन में अटकते हैं उनमें सबसे ज्यादा गीत की वही पंक्तियां या धुनें होती हैं जिन्हें इयर वॉर्म कहते हैं. उन्होंने कहा, "इयर वॉर्म पर अब तक जितना शोध हुआ है, उसमें यह समझने की कोशिश की गई है कि गाने का हुक यानी ऐसा हिस्सा कौन सा है जो सुनने वाले का ध्यान खींच ले. लेकिन यह ध्यान नहीं दिया गया कि हुक वो हिस्सा होता है जो बार-बार दोहराया जाता है, खासतौर पर कोरस यानी सामूहिक गान के दौरान.”
शूबर्ट के मुताबिक इसका नतीजा यह हो सकता है कि इयर वॉर्म का संगीत से ज्यादा लेना देना ही ना हो. वह कहती हैं, "मोटे तौर पर इससे फर्क नहीं पड़ता कि संगीत कैसा है, बस उसमें दोहराव होना चाहिए.”
लेकिन यह पहेली का पूरा हल नहीं है. दोहराव इयर वॉर्म यानी दिमाग में गाना अटकने के कारणों में से एक है. इसके अलावा भी कई बातें हैं जो किसी के दिमाग में गाने के अटक जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं, मसलन व्यक्ति उस संगीत से कितना परिचित है और उसमें ताजगी है या नहीं. अध्ययन कहता है कि किसी गाने के अटकने लायक बनने के लिए उसमें ‘लो अटेंशन स्टेट' यानी ध्यान खींचने वाले तत्व कम होने चाहिए.
क्या इयर वॉर्म परेशान करते हैं?
प्रोफेसर शूबर्ट के शब्दों में, "इसे कई बार दिमाग का इधर उधर दौड़ना भी कहते हैं. यह आराम की स्थिति होती है. दूसरे अर्थों में, अगर आप किसी माहौल में बहुत ज्यादा केंद्रित हैं और ज्यादा जतन से काम कर रहे हैं तो आपको इयर वॉर्म नहीं होगा. जब आपका दिमाग आराम की अवस्था में होता है तो आपको संगीत के ढांचे पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देना पड़ेगा. तब आपका दिमाग जो उसे पसंद आए उसकी ओर जाने को आजाद होगा. फिर वह सबसे आसानी से उपलब्ध हिस्से पर अटक जाएगा और उसे दोहराएगा.”
आमतौर पर माना जाता है कि इयर वॉर्म यानी गाने का दिमाग में अटकना परेशान करता है लेकिन अध्ययन कहता है कि बहुत से लोग इसका आनंद भी लेते हैं. समस्या तब होती है जब संगीत अच्छा ना हो. प्रोफेसर शूबर्ट कहती हैं, "इयर वॉर्म को माहौल से फर्क नहीं पड़ता. उसे इस बात से फर्क पड़ता है कि संगीत कितना जाना-पहचाना है या कुछ ऐसा है जो आपने हाल ही में सुना हो, और उसमें दोहराव है या नहीं.” (dw.com)
कुछ दिन से ऐसी खबरें चल रही हैं कि भारत की जनसंख्या इस महीने चीन से ज्यादा हो जाएगी. कुछ लोगों का अनुमान है कि ऐसा जुलाई में होगा. लेकिन एक अनुमान यह भी है कि ऐसा पहले ही चुका है. क्या है सच्चाई?
जनसंख्याविद इस बात को लेकर उलझे हुए हैं कि भारत कब दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनेगा. इस मामले में अलग-अलग अनुमान जाहिर किए जा रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि भारत पहले ही चीन से आगे निकल चुका है लेकिन कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा जुलाई में होगा. उलझनें इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि यह आंकड़ा अनुमान पर ही आधारित है.
1950 के दशक में चीन दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना था. अब उसकी आबादी 1.4 अरब से ज्यादा है लेकिन भारत भी 1.4 अरब के आंकड़े को पार कर चुका है. दोनों देशों में कुल मिलाकर पूरी दुनिया के एक तिहाई से ज्यादा लोग रहते हैं. दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर चुकी है.
बेल्जियम स्थित लूवाँ यूनिवर्सिटी के जनसंख्याविद ब्रूनो शूमेकर कहते हैं, "ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे सटीक वक्त का पता लगाया जा सके कि भारत कब चीन से आगे निकलेगा. भारत ही नहीं, चीन की आबादी के मामले में भी अनिश्चितता की स्थिति है."
तो कब आगे निकलेगा भारत?
आबादी का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ गणितीय गणनाओं और सर्वेक्षणों के साथ-साथ जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड पर निर्भर हैं. इन्हीं के आधार पर वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अप्रैल के मध्य में किसी वक्त भारत की आबादी चीन से ज्यादा हो जाएगी. लेकिन वे चेताते हैं कि इसे पुख्ता जानकारी नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि आंकड़े धुंधले हैं और बदल सकते हैं.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या अनुमान लगाने वाले विभाग के प्रमुख पैट्रिक गेरलांड कहते हैं, "यह एक मोटा-मोटा अंदाजा है. बस तुक्का समझिए.”
कुछ साल पहले तक भारत की आबादी के मामले में चीन से आगे निकलने की कोई संभावना नहीं थी. लेकिन चीन की जन्म दर में भारी कमी ने परिस्थितियों को बदल दिया. चीन इस वक्त आबादी घटने की समस्या से गुजर रहा है और इसे ठीक करने के लिए उसने अपनी नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं. मसलन, लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या विभाग के जनसंख्याविद आबादी की गणना करने के लिए कई तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं. वे आंकड़ों के लिए ऐसे स्रोतों पर निर्भर रहते हैं, जिन पर वे भरोसा करते हैं और मानते हैं कि वहां समय पर आंकड़ों को अपडेट किया जाता है. न्यूयॉर्क में यूएन पॉपुलेशन ऑफिसर सारा हेर्तोग कहती हैं कि पिछली बार भारत और चीन की आबादी के आंकड़े जुलाई 2022 में जोड़े गए थे.
आबु धाबी स्थित खलीफा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर स्टुअर्ट गीटेल-बास्टन कहते हैं कि आंकड़े जमा करने के बाद विशेणज्ञ सांख्यिकीय तकनीकों का इस्तेमाल कर यह अनुमान लगा रहे हैं कि कब भारत की आबादी चीन से ज्यादा हो जाएगी. वह बताते हैं, "सच्चाई यही है कि ये आंकड़े बस अनुमान ही हैं. लेकिन कम से कम इतना जरूर है कि ये अनुमान ठोस तकनीक पर आधारित हैं.”
चीन से आगे क्यों निकल रहा है भारत
दोनों देशों की आबादी से जुड़े आंकड़ों का सबसे पुख्ता स्रोत तो जनगणना ही है, जो कि हर दस साल में एक बार की जाती है. चीन में पिछली जनगणना 2020 में हुई थी. विशेषज्ञ जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड और अन्य प्रशासनिक आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाते हैं कि तब से देश की जनसंख्या में कितने लोग जुड़ चुके हैं.
भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी. 2021 में होने वाली जनगणना को कोविड के कारण टाल दिया गया दिल्ली स्थिति जनसेवी संस्था पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के आलोक वाजपेयी कहते हैं कि घर-घर जाकर जुटाए गए आंकड़ों की अनुपस्थिति में जनसंख्याविदों के पास बीच-बीच में हुए सर्वेक्षण ही उपलब्ध हैं, जो जनसंख्या के अनुमान का आधार हैं. इन सर्वेक्षणों में सबसे प्रमुख सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम है जो जन्म, मृत्यु, जन्म दर आदि पर सर्वेक्षण करता है.
युनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड की भारत में प्रतिनिधि ऐंड्रिया वोजनार कहती हैं कि एजेंसी को इन आंकड़ों पर भरोसा है क्योंकि ये "बेहद ठोस तकनीक” से जुटाए गए हैं.
चीन की आबादी लगातार बूढ़ी हो रही है. सात साल पहले देश ने एक परिवार एक बच्चा नीति को खत्म कर दिया था दो साल पहले कहा गया कि एक परिवार में तीन बच्चे तक हो सकते हैं. उसके बावजूद देश की जनसंख्या स्थिर बनी हुई है. उसके मुकाबले भारत की आबादी युवा है. वहां की जन्म दर ऊंची है और पिछले तीन दशकों में शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आई है.
टेक्सस ए एंड एम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डडली पोस्टन कहते हैं कि इस वक्त भारत में वार्षिक तौर पर दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं. जबकि चीन का हाल यूरोपीय देशों जैसा हो चुका है, जहां हर साल जन्म वाले बच्चों की दर मरने वाले लोगों से ज्यादा है.
वीके/सीके (एपी)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर में गुटखा, पान मसाला, फ्लेवर्ड तंबाकू और इसी तरह के अन्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है। प्रतिबंध शुरू में खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा लगाया गया था, लेकिन बाद में सितंबर 2022 में उच्च न्यायालय द्वारा इसे रद्द कर दिया गया था।
केंद्र और दिल्ली सरकार ने फैसले के खिलाफ अपील की और मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब पहले के फैसले को खारिज कर दिया और प्रतिबंध को बरकरार रखा।
अदालत ने प्रतिबंध के खिलाफ तंबाकू व्यवसाय में संस्थाओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अधिसूचनाओं को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।
अदालत ने घोषणा की है कि अधिसूचनाओं को रद्द करने के पिछले फैसले का कोई औचित्य नहीं था और 2015 से 2021 तक लागू प्रतिबंध के खिलाफ तंबाकू व्यवसायिक संस्थाओं की आपत्तियों को खारिज कर दिया।
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा, हम विद्वान न्यायाधीश द्वारा दिए गए फैसले को बरकरार रखने में खुद को असमर्थ पाते हैं। इन अपीलों को अनुमति दी जाएगी। हमें उठाई गई चुनौती (प्रतिबंध के खिलाफ) में कोई योग्यता नहीं मिली। परिणामस्वरूप, इसे खारिज कर दिया जाएगा।
अदालत ने कहा, यह देखना आवश्यक हो जाता है कि रिट याचिकाकर्ताओं (तंबाकू से संबंधित उत्पादों, आदि के निर्माता) ने यह विवाद नहीं किया कि सिगरेट के साथ-साथ धुंआ रहित तंबाकू दोनों का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सीधा और हानिकारक प्रभाव पड़ता है। एक बार यह पाया गया और स्वीकार किया गया कि दोनों श्रेणियां तंबाकू से बनने वाले पदार्थ जिनका जनस्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है, लागू की गई अधिसूचनाएं स्पष्ट रूप से रद्द किए जाने का वारंट नहीं करती हैं।
अपने 176 पन्नों के फैसले में अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सरकारों से गुटका और पान मसाला के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है और पिछले एकल न्यायाधीश के फैसले को यह नहीं माना जा सकता कि यह मौजूदा मामले में लागू नहीं है।
तंबाकू व्यवसायों द्वारा उठाई गई आपत्ति के बारे में कि प्रतिबंध भेदभावपूर्ण था, क्योंकि यह केवल धुंआ रहित तंबाकू पर लागू होता है और सिगरेट पर नहीं, अदालत ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि प्रतिबंध धुआं रहित तम्बाकू के उपयोगकतार्ओं की बड़ी संख्या और उस खाद्य सुरक्षा के कारण लागू किया गया था अधिकारियों को इस तरह के प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत किया गया था।
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि अनुच्छेद 14 का उपयोग यह तर्क देने के लिए नहीं किया जा सकता है कि चूंकि एक विशिष्ट प्रकार के तंबाकू पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, इसलिए अन्य समान हानिकारक उत्पादों पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। इसने नोट किया कि 68.9 मिलियन धूम्रपान करने वालों की तुलना में देश में 163.7 मिलियन धूम्रपान रहित तंबाकू उपयोगकर्ता थे।
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि एफएसएसए की धारा 3(1)(जे) के तहत पान मसाला, चबाने वाला तंबाकू और गुटखा जैसे उत्पादों को भोजन की परिभाषा से छूट नहीं दी गई थी।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने गलत धारणा के तहत संचालन किया था कि अधिसूचना का उद्देश्य तंबाकू पर प्रतिबंध लगाना या प्रतिबंधित करना था, जबकि वास्तव में, उन्होंने खाद्य उत्पादों में तंबाकू या तंबाकू उत्पादों को शामिल करने पर रोक लगाने की मांग की थी। (आईएएनएस)
अरुणाचल में 11 जगहों के नाम बदलने की चीन की कार्रवाई के एक हफ्ते बाद भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा पर बसे ‘भारत के पहले गांव’ का दौरा किया और करोड़ों रुपये की योजाओं का ऐलान किया.
सोमवार को भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया और वहां 48 अरब रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. अमित शाह ने कहा कि इन परियोजनाओं से भारत की सीमाओं की सुरक्षा और बेहतर होगी. ये वही इलाका है, जिसे चीन अपना बताता है और हाल ही में उसने वहां की कई जगहों का नया नामकरण कर दिया था, जिस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई थी.
गृह मंत्री ने कहा कि नई योजनाएं चीन की सीमा से लगते करीब 3,000 गांवों और एक केंद्रशासित प्रदेश (लद्दाख) में लागू होंगी और इनका मकसद सीमा पार से आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकना है. अपने दौरे पर अमित शाह ने कहा कि सीमा पर सेना तैनात है और जवान सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भारतीय इलाकों की ओर आंख उठाकर ना देखे.
चीन ने अमित शाह के इस दौरे का विरोध किया था और सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारतीय गृह मंत्री का दौरा चीन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. पिछले कुछ महीनों से अरुणाचल प्रदेश भारत और चीन के बीच तनाव का कारण रहा है और दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए इलाके में गतिविधियां करते रहे हैं.
भारत का पहला गांव
पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. पिछले महीने ही चीन अरुणाचल के 11 इलाकों को नए नाम दे दिये थे, जिनमें पांच पहाड़ियां भी शामिल हैं. पिछले हफ्ते जारी एक नये नक्शे में 11 इलाकों को इन नए नामों के साथ दिखाया गया था. चीन ने इन इलाकों को जंगनान प्रांत में दिखाया था, जिसमें दक्षिणी तिब्बत भी शामिल है. चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान का हिस्सा बताता है.
अमित शाह ने कहा कि भारत के अंदरूनी इलाकों में रहने वाले लोग सीमा पर तैनात जवानों की बहादुरी और बलिदान के कारण ही चैन की नींद सो पाते हैं. चीन की सीमा से लगते राज्य के अन्जॉ जिले के किबीथू गांव में उन्होंने कहा, "उनके कारण ही कोई भी हमारी सीमाओं की ओर आंख उठाकर नहीं देख पाता है.”
किबिथू भारत की सीमा पर आखिरी गांवों में से एक है और चीन से कुछ ही किलोमीटर दूर है. 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चीनी सैनिकों ने जिन इलाकों पर सबसे पहले हमला किया, किबिथू उन्हीं में से एक था. वहां आयोजित एक जनसभा में शाह ने इसे ‘भारत का पहला गांव' बताते हुए कहा, "आज हम गर्व से कह सकते हैं कि वे दिन चले गए जब कोई भी हमारे इलाके पर कब्जा कर लेता था.”
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
सोमवार को अमित शाह ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि दस साल पहले यह चिंता थी कि गांव खाली हो रहे हैं लेकिन इस योजना के जरिये बैंकिंग, बिजली, गैस, नौकरियां और दूसरी जगहों से गांवों को जोड़ने जैसे सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी.
2014 में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी सरकार ने चीन से लगती 3,800 किलोमीटर लंबी सीमा पर ढांचागत विकास करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए हैं. विश्लेषक कहते हैं कि इस बात ने चीन को काफी परेशान किया है. सोमवार को अमित शाह के दौरे पर भी चीन का गुस्सा नजर आया. वहां के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे पर आपत्ति जतायी.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक सवाल के जवाब में कहा, "जंगनान चीन का क्षेत्र है. भारतीय नेताओं द्वारा जंगनान का आधिकारिक दौरा करना चीन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है और शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखने के लिए ठीक नहीं है.”
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत में बीते 24 घंटों में कोरोनावायरस के 5,676 नए मामले सामने आए हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 37,093 हो गई है। सोमवार को, भारत में 5,880 कोविड मामले थे और सक्रिय मामलों की संख्या 35,199 थी।
डेली पॉजिटिविटी रेट 2.88 प्रतिशत और वीकली पॉजिटिविटी रेट 3.81 प्रतिशत दर्ज किया गया।
अब तक किए गए कुल परीक्षण 92.30 करोड़ थे, जिसमें पिछले 24 घंटों में किए गए 1,96,796 परीक्षण शामिल हैं।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 95.21 करोड़ दूसरी डोज और 22.87 करोड़ प्रिकॉशन डोज सहित कुल 220.66 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।
सक्रिय मामले 0.08 प्रतिशत हैं और रिकवरी रेट वर्तमान में 98.73 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटों में 3,761 लोग महामारी से ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या बढ़कर 4,42,00,079 हो गई है। (आईएएनएस)
मेरठ, 11 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के मेरठ के पालदा गांव में 24 वर्षीय एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के एक दिन बाद दो घरों में आग लगा दी गई। इस घटना से इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। हालात को देखते हुए गांव और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसपी (ग्रामीण) कमलेश बहादुर ने कहा कि रविवार शाम युवक विशु की हत्या में शामिल होने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुलिस टीम के साथ गांव में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से स्थिति बिगड़ने से बच गई।
एसपी ने कहा, पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। स्थिति नियंत्रण में है।
इससे पहले रविवार शाम मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर विशु की हत्या कर दी थी। उसकी हत्या से गांव में कोहराम मच गया और परिजनों ने हत्या के पीछे अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर आरोप लगाया।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि विशु का होली के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों से विवाद हो गया था और उसकी हत्या उसी विवाद का नतीजा है।
तनाव तब और बढ़ गया जब सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद उसका शव गांव लाया गया।
गुस्साए ग्रामीणों के एक समूह ने दो आरोपियों के घरों पर हमला कर दिया और उनमें आग लगा दी।
इसके बाद, एसएसपी मेरठ रोहित कुमार सजवान और एसपी (ग्रामीण) कमलेश बहादुर भारी फोर्स के साथ गांव पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। (आईएएनएस
शिकागो, 11 अप्रैल | अमेरिका के केंटकी राज्य के लुइसविले शहर में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और नौ घायल हो गए। घायलों में तीन की हालत नाजुक बनी हुई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, लुइसविले पुलिस ने एक संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि घायल हुए दो पुलिस अधिकारियों में से एक की हालत गंभीर है। घटना के तीन मिनट बाद मौके पर पहुंची लुइसविले पुलिस ने कहा कि 23 वर्षीय श्वेत व्यक्ति कॉनर स्टर्जन, ने अधिकारियों पर गोली चलाई, और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
यह जानकारी लुइसविले के अंतरिम प्रमुख जैकलीन गिविन-विलारोएल ने सोमवार दोपहर एक समाचार ब्रीफिंग में दी।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि घटनास्थल पर भारी पुलिस बल मौजूद है।
लुइसविले मेट्रो पुलिस विभाग ने ट्वीट किया कि यह घटना ई. मेन स्ट्रीट पर ओल्ड नेशनल बैंक में सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुई।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो क्लिप में गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। (आईएएनएस)|
मुरादाबाद, 11 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक निजी विश्वविद्यालय के दो नसिर्ंग छात्रों को एक वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है। वीडियो में एक नसिर्ंग छात्र अपनी महिला सहपाठी को थप्पड़ मारता दिख रहा है। तीथर्ंकर महावीर विश्वविद्यालय (टीएमयू) में हुई घटना के कथित वीडियो में लड़के को अपनी सीट से उठते और सहपाठी छात्रा को थप्पड़ मारते देखा जा सकता है। वीडियो में छात्रा अपना बचाव करती नजर आ रही है, जबकि एक अन्य छात्र ने बीच-बचाव कर युवक को उसे पीटने से रोकने की कोशिश की।
तीथर्ंकर महावीर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता एम.पी. सिंह ने कहा कि घटना का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय ने घटना में शामिल दो छात्रों को निलंबित कर दिया है।
अधिकारी ने आगे कहा कि दोनों छात्रों ने लिखित में दिया है कि वे मजाक कर रहे थे।
इस बीच लोगों ने सोशल मीडिया पर मुरादाबाद पुलिस को टैग कर मामले में जरूरी कार्रवाई की मांग की है।
इस प्रकरण पर पुलिस ने कहा कि पाकबड़ा थाना प्रभारी को घटना की जांच करने को कहा गया है. हालांकि पाकबड़ा थाने के एसएचओ ने कहा कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अप्रैल | प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम करने वाले युवकों के एक समूह ने अपनी जमीन बेचने के मामले में रंगदारी न देने पर एक दलित युवक पर हमला कर दिया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने लखनऊ के इंदिरा नगर में युवक पर जातिवादी टिप्पणी की और रंगदारी की मांग की। इंदिरा नगर के रसूलपुर सादात गांव के दीन दयाल ने अपनी जमीन विशाल यादव को बेच दी थी और हाल ही में बख्शी का तालाब में निबंधक के कार्यालय में बिक्री विलेख पंजीकृत किया गया था।
कुछ दिनों बाद दीन दयाल विशाल के साथ उसे जमीन दिखाने के लिए गया, जहां उनका सामना प्रापर्टी डीलर अभिजीत विशेन, पवन यादव, आनंद और 5-6 अज्ञात लोगों से हो गया।
दीन दयाल ने कहा, उन्होंने मुझे घेर लिया और मुझे मेरी जाति से बुलाया और कहा कि मैंने उन्हें रंगदारी दिए बिना जमीन बेचने की हिम्मत कैसे की।
दीन दयाल ने कहा, फिर उन्होंने हम पर गोलियां चलाईं। मैं भाग्यशाली था कि गोलियों से बच गया। फिर उन्होंने हम पर ईंटों से हमला किया, जिससे मैं और विशाल घायल हो गए। बदमाश हमें फिर से जमीन पर न आने की चेतावनी देते हुए वहां से चले गए।
इंदिरा नगर के एसएचओ छत्रपाल सिंह ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अप्रैल | लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के चार स्थानीय पीड़ितों को 2,34,000 रुपये लौटाए हैं। पहले मामले में, राम देव वर्मा को एक टेक्स्ट भेजा गया था, जिसमें उनसे अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपडेट करने के लिए कहा गया था। वह मैसेज के झांसे में आ गया और उसने दिए गए सभी निर्देशों का पालन किया। वर्मा ने एक रिमोट एप्लिकेशन भी डाउनलोड किया और ओटीपी साझा किया। इसके बाद उनके खाते से 99,470 रुपये डेबिट हो गए।
साइबर क्राइम सेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, जब उन्होंने साइबर अपराध यूनिट में शिकायत दर्ज कराई, तो खाता फ्रीज कर दिया गया और पीड़ित को पैसे वापस कर दिए गए।
इसी तरह के दो अन्य मामलों में, धर्मेंद्र कुमार सिंह और दिलीप कुमार मिश्रा से क्रमश: 84,000 रुपये और 70,000 रुपये की ठगी की गई।
उन्हें 'अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपडेट' करने के लिए कहा गया था।
साइबर क्राइम टीम द्वारा उनके खाते को फ्रीज करने के बाद, धर्मेंद्र को 44,498 रुपये की राशि वापस कर दी गई, जबकि 64,000 रुपये दिलीप को वापस स्थानांतरित कर दिए गए।
एक अन्य मामले में, शहर निवासी अभिषेक मिश्रा को घर से काम करने का झांसा देकर 27,000 रुपये की ठगी की गई। जालसाज उसके पास टेलीग्राम के जरिए पहुंचा और उसकी बैंक डिटेल मांगी। उसे पैसा वापस कर दिया गया है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अप्रैल | आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी कोटा प्रदान करने के लिए यूपी राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य के शहरी हिस्सों में ओबीसी की संख्या 37 प्रतिशत से 41 प्रतिशत के बीच है। उत्तर प्रदेश की शहरी आबादी 4.78 करोड़ आंकी गई है।
505 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.76 करोड़ ओबीसी (कुल 37 प्रतिशत), सामान्य वर्ग के 2.4 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें मुस्लिम (49 प्रतिशत), 65 लाख एससी (14 प्रतिशत) और 1.03 लाख एसटी हैं।
आयोग ने कहा कि ओबीसी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक दोनों बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और उसने 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े शहरों में ओबीसी की आबादी कम है, लेकिन छोटे शहरों में ज्यादा है।
17 नगर निगमों में, ओबीसी की हिस्सेदारी 25.58 प्रतिशत है, जबकि 200 नगर पालिकाओं (नगर परिषदों) और 545 नगर पंचायतों (नगर परिषदों) में, उनका अनुपात उच्च स्तर पर है क्योंकि समुदाय के सदस्य क्रमश 42.29 प्रतिशत और 49.55 प्रतिशत हैं।
जिन सात राजनीतिक दलों को अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था, उनमें से आयोग को भाजपा, सपा और रालोद से प्रतिक्रियाएं मिलीं।
बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य दलों ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया।
दिलचस्प बात यह है कि जब ओबीसी को आरक्षण देने की बात आई तो तीन राजनीतिक दल एक साथ थे और समुदाय के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग में एकमत थे, जैसा कि पिछले चुनावों में हुआ था।
आयोग ने कहा कि 2017 और 2022 में शहरी विकास विभाग द्वारा किए गए ट्रिपल टेस्ट सर्वेक्षण संतोषजनक थे।
हालांकि, आयोग के पांच सदस्य महापौरों और अध्यक्षों के पदों के लिए सीटें आरक्षित करते समय विभाग द्वारा रोटेशन प्रक्रिया के दौरान पालन की जाने वाली प्रक्रिया के बारे में चिंतित थे।
महाराजगंज का उदाहरण देते हुए आयोग ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष की सीट लगातार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी, हालांकि ओबीसी की आबादी 51 प्रतिशत है।
हरदोई और बिजनौर में नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए अपनाई जा रही रोटेशन प्रक्रिया में भी इसी तरह की गड़बड़ी देखी गई।
आयोग ने नोट किया कि जनता की प्राथमिक शिकायत सीटों के रोटेशन के तरीके के साथ थी और सुझाव दिया कि आगामी चुनावों में एक व्यापक जनसंख्या आधार को ध्यान में रखा जाना चाहिए, एक बदलाव जिसे राज्य सरकार ने पहले ही अधिसूचित कर दिया है।
यूएलबी चुनाव 4 मई और 11 मई को होंगे।
आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 11 अप्रैल | छह भारतीय-अमेरिकी 48 क्षेत्रों के 171 वैज्ञानिकों, लेखकों, विद्वानों और कलाकारों की उस सूची में शामिल हैं, जिन्हें 2023 गुगेनहाइम फैलोशिप के लिए लगभग 2,500 आवेदकों में से चुना गया है। स्कॉलरशिप अनिमाश्री आनंदकुमार, वेंकटेशन गुरुस्वामी, अब्राहम वर्गीस, प्रोजित बिहारी मुखर्जी, प्रिन्हा नारंग और लीला प्रसाद को पूर्व उपलब्धि के आधार पर चुना गया।
शोधकर्ताओं के नए वर्ग ने हमारे जीवन को बेहतर बनाने, अधिक मानवीय ज्ञान और गहरी समझ प्रदान करने के लिए उनके आह्वान का पालन किया है। हम भाग्यशाली हैं कि हम भविष्य के लिए उनकी ओर देख रहे हैं।
मैसूर में जन्मी अनिमाश्री आनंदकुमार कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटिंग के प्रोफेसर हैं।
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास से बीटेक और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अपना पोस्टडॉक्टोरल शोध एमआईटी में किया और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया इरविन में सहायक प्रोफेसर की उपाधि प्राप्त की।
वेंकटेशन गुरुस्वामी ईईसीएस विभाग में प्रोफेसर हैं, कंप्यूटिंग के सिद्धांत के लिए सिमन्स संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, और यूसी बर्कले में गणित के प्रोफेसर हैं। उनके शोध में सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और संबंधित गणित के कई क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें त्रुटि-सुधार, अनुमानित अनुकूलन, कंप्यूटिंग में अनियमितता और कम्प्यूटेशनल जटिलता शामिल है।
अब्राहम वर्गीज प्रोफेसर और लिंडा आर. मायर और जोन एफ. लेन प्रोवोस्टियल प्रोफेसर हैं, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मेडिसिन में थ्योरी एंड प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन के वाइस चेयरमैन हैं। उन्हें 2014 में हेंज पुरस्कार मिला और 2015 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय मानविकी पदक से सम्मानित किया गया।
प्रोजित बिहारी मुखर्जी पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के विज्ञान के इतिहास और समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। वर्तमान में, वह 20वीं सदी के दक्षिण एशिया में मानव अंतर और नस्ल के इतिहास पर काम कर रहे हैं।
प्रिन्हा नारंग कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर और हॉवर्ड रीस चेयर हैं। वह विज्ञान में विविधता और समावेशन की प्रबल समर्थक हैं और इन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कई समितियों में कार्य करती हैं।
लीला प्रसाद ड्यूक विश्वविद्यालय में धार्मिक अध्ययन और फेमिनिस्ट स्टडीज की प्रोफेसर हैं। दक्षिण एशिया, लिंग, कथा, उपनिवेशवाद, शिक्षाशास्त्र और गांधी, और धर्म और आधुनिकता पर फोकस के साथ उनकी प्राथमिक रुचि मनुष्य जाति पर है।
इस वर्ष के शोधकर्ता वर्ग की आयु 31 से 85 साल के बीच है।
जॉन साइमन गुगेनहाइम मेमोरियल फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि करीब 50 शोधकर्ताओं के पास कोई वर्तमान पूर्णकालिक कॉलेज या विश्वविद्यालय संबद्धता नहीं है। (आईएएनएस)
कोलंबो, 11 अप्रैल | श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने अन्य देशों से कहा है कि द्वीप राष्ट्र में स्थिरता को देखते हुए अपने ट्रैवल एडवायजरी की फिर से समीक्षा करें। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, साबरी ने कोलंबो स्थित राजनयिक कोर के लिए श्रीलंका की वर्तमान स्थिति पर एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकटग्रस्त राष्ट्र को अपनी आर्थिक सुधार की दिशा में विस्तारित समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और राजनयिकों को इस संबंध में की गई प्रगति के बारे में जानकारी दी।
मंत्री ने दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में राष्ट्रपति द्वारा सर्वदलीय सम्मेलन बुलाने और सुलह पर कैबिनेट उप-समिति की नियुक्ति सहित सरकार द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सागला रत्नायका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के कार्यक्रमों के संबंध में सरकार के संरचनात्मक सुधार में विकास के बारे में बात की।
उन्होंने देश की ऋण स्थिरता, राजकोषीय निरीक्षण, कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा, सुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर प्रकाश डाला।
देश के केंद्रीय बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चल रहे आर्थिक संकट के बीच, श्रीलंका ने 2023 के पहले तीन महीनों में पर्यटन से लगभग 530 मिलियन डॉलर प्राप्त किए।
आंकड़ों से पता चलता है कि श्रीलंका ने मार्च में 198.1 मिलियन डॉलर कमाए, जिससे पहली तिमाही में पर्यटन आय 529.8 मिलियन डॉलर हो गई।
2022 के पहले तीन महीनों में, श्रीलंका ने पर्यटन से 482.3 मिलियन डॉलर कमाए थे।
एक पर्यटन अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि श्रीलंका का पर्यटन उद्योग 2023 में 2 मिलियन विजिटर्स को आकर्षित करने का लक्ष्य बना रहा है, जबकि पिछला लक्ष्य 1.5 मिलियन था।
श्रीलंका के प्रमुख विदेशी मुद्रा अर्जक में से एक पर्यटन को कोविड-19 महामारी के साथ-साथ देश में आर्थिक और राजनीतिक संकट के कारण झटका लगा है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने वाशिंगटन में 'लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश के अवसर: भारत उदय पर' विषय पर एक गोलमेज बैठक में भाग लेते हुए कहा, "क्रिप्टोकरंसीज में इतने सारे पतन और झटकों को देखते हुए हम इस मामले से निपटने के लिए सभी देशों के लिए एक साझा ढांचा विकसित करना चाहते हैं।"
बैठक की मेजबानी उद्योग निकाय सीआईआई, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस चैंबर ने की थी।
गोलमेज सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारियों, निजी क्षेत्र के बिजनेस लीडर्स, उद्यम पूंजीपतियों, संस्थागत निवेशकों और पेंशन और बंदोबस्ती निधियों के प्रतिनिधियों सहित निवेशकों के एक विविध समूह ने भाग लिया।
सीतारमण ने भारत के सचेत नीति विकल्पों और संरचनात्मक और शासन सुधारों के बारे में समूह को बताया और कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अपनी पूरी क्षमता से विकास करने का मौका मिला है।
उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार समझौतों पर आजकल बहुत तेजी से हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। हमने अभी-अभी ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता किया है। इससे पहले हमने संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और आसियान के साथ किया था। हमने कम से कम विकसित देशों को कोटा-मुक्त और शुल्क-मुक्त व्यवस्था का विस्तार किया है।"
वित्त मंत्री ने भारत के मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) और अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर भी प्रकाश डाला, जिसने छोटे उद्यमियों को क्रेडिट और अन्य डिजिटल सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाया है।
महामारी के बाद की चुनौतियों से भरी दुनिया में, उन्होंने कहा कि भारत नीतिगत निश्चितता, कुशल जनशक्ति, उच्च डिजिटल तकनीक अनुकूलन दर प्रदान करता है जिसके चलते निवेश के कई अवसर मिलते हैं।
सीतारमण ने प्रतिभागियों से अधिक समृद्धि, अपने नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर और निवेशकों के लिए उच्च रिटर्न की दिशा में भारत की रोमांचक परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया। (आईएएनएस)
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 11 अप्रैल | दहेज के एक मामले में समझौता करने से मना करने पर अपनी पत्नी की अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली थाना क्षेत्र की है। महिला की तहरीर के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। महिला की आरोपी से 25 नवंबर 2020 को शादी हुई थी। उसने आरोप लगाया कि शादी के तुरंत बाद ही उसके ससुराल वाले दो लाख रुपये और सोने की चेन की मांग करने लगे।
24 दिसंबर, 2021 को उसे घर से निकाल दिया गया और 18 मार्च, 2022 को उसके पति समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
उसने कहा कि जब उसने शिकायत वापस लेने से इनकार कर दिया, तो उसके पति ने उसकी तस्वीरों से छेड़छाड़ की और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। (आईएएनएस)