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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजीव गांधी की जयंती पर राजीव के हिंदुत्व और मंदिर निर्माण में बड़ी भूमिका का विज्ञापन देकर हिंदुत्व की राजनीति का रुख मोड़ दिया, कमलनाथ वैसे भी पुराने हनुमान भक्त हैं।
-कुमार दिग्विजय
हनुमानभक्त कमलनाथ राम मंदिर को लेकर इतने खुले तौर पर सामनेआयेंगे,इसकी कल्पना भाजपा ने कभी नही की होगी। दरअसल राम मंदिर को मुद्दा बनाकर सत्ता के शीर्ष तक का सफर तय करने वाली भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ दिनों से हैरान हैऔर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के तेवरों को देखकर परेशान भी है। राम मंदिर के भूमिपूजन के ठीक पहले 4 अगस्त को हनुमान चालीसा का उद्घोष मध्यप्रदेश के कोने कोने में सुनाई दिया।
कमलनाथ ने राम मंदिर को लेकर साफ कहा था कि इसकी शुरुआत तो राजीव गाँधी के कार्यकाल में ही हो गई थी और इसका श्रेय राजीव गाँधी को ही दिया जाना चाहिए। इसका असर पूरे मध्यप्रदेश में दिखाई दिया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकजुटता से गाँव गाँव समारोहपूर्वक हनुमान पाठ करवाए। इस समय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा पर कांग्रेसने बढ़त ले ली।
अब राजीव गाँधी की जयंती पर एक बार फिर कमलनाथ की फोटो के साथ जो विज्ञापन जारी हुआ है,उसमे कांग्रेस ने राम राज्य की कल्पना को लेकर खुले तौर पर अपनी भावनाओं का इजहार किया है। विज्ञापन में राजीव गाँधी को याद करके लिखा गया है कि राजीव गांधी के समय में ही रामराज्य की नींव रखने की कवायद शुरू हो चुकी थी। उस समय ही राजीव गांधी ने भारतीयों की आस्था और धार्मिकता का सम्मान किया था। कांग्रेस ने इस बात को भी विज्ञापन में शामिल किया है कि महात्मा गांधी के रामराज्य की भावना का प्रभाव राजीव गांधी पर पड़ा था जिसके कारण ही 1985 में दूरदर्शन पर रामायण का टेलीकास्ट शुरू हुआ था।
इसके बाद ही 1986 में यूपी के तत्कालीन सीएम वीरबहादुर सिंह को राम जन्मभूमि के ताले खोले थे और 1989 में राममंदिर शिलान्यास को इजाजत मिली तथा तत्कालीन गृहमंत्री बूटा सिंह को इसके लिए भेजा गया। इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि चेन्नई में राजीव गांधी ने अपनी अंतिम प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि अयोध्या में ही राममंदिर बनेगा।
कांग्रेस ने राजीव गांधी को नवोदय स्कूल खोलने का श्रेय देते हुए बताया है कि राजीव गांधी रामराज्य की गतिशील यात्रा के कुशल सारथी थे जो आधुनिक भारत में राम राज्य का सपना देखते थे। विज्ञापन को लेकर कांग्रेस का राम मंदिर और राम राज्य को लेकर खुले तौर स्वीकारोक्ति से यह भी साफ हो गया है कि अब कांग्रेस हिंदुत्व को लेकर भाजपा के सामने है।
पुराने हनुमान भक्त है कमलनाथ
ऐसा भी नही है कि कांग्रेस यह सिर्फ दिखावे के लिए कर रही है क्योंकि कमलनाथ हनुमान भक्त है और उन्होंने अपने गृह जिला छिंदवाड़ा में भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति स्थापित की हुई है। यह देश की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमाओं में से एक है जो प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 15 किमी सिमरिया के मंदिर में है।
इस हनुमान प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 101 फीट की है। मंदिर के रखरखाव के लिए छिंदवाड़ा मंदिर ट्रस्ट भीबनाया,जिसकी मुख्य ट्रस्टी सांसद कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ हैं।
कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बने तब भी उन्होंने हनुमान भक्ति को लेकर अपनी भावनाओं का खुलकर इजहार किया था और इस साल जनवरी में हनुमान जयंती पर भोपाल के मिन्टों हाल में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर इसका सीधा प्रसारण दुनिया के कई देशों में किया गया था।
इसके पहले 2018 विधानसभा चुनाव के समय से ही कमलनाथ को हनुमान भक्त बताया गया था और सरकार बनने के बाद राम वन गमन पथ योजना हो, गौशालाओं के निर्माण की योजना हो या मंदिरों के सौंदर्यीकरण की योजना हो, कांग्रेस ने खुद को हिंदुत्व से दूर नहीं होने दिया
नेहरू ने सोमनाथ का जीर्णोद्धार कराया, पर कांग्रेस ने कभी प्रचार नहीं किया
अभी तक कांग्रेस नेताओं का धर्म को लेकर सार्वजनिक प्रदर्शन और बयानबाज़ी नकरने का एक कारण यह भी रहा कि आज़ादी के आन्दोलन में सबकी भागीदारी रही और इसीलिए सबका सम्मान करने के लिए कांग्रेस नेताओं ने आस्था कोउदारता पूर्वक स्वयं तक सीमित रखा। महमूद गजनवी द्वारा तोड़े गये सोमनाथमंदिर का जीर्णोद्धार पंडित नेहरु के कार्यकाल में ही हो गया था,लेकिन कांग्रेस ने कभी इसे चुनावी मुद्दा नही बनाया। कुल मिलाकर अभी तक हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहनेवाली भाजपा हैरान है की यदि यह मुद्दा उनके हाथ से निकल गया तो मुकाबले में कांग्रेस बहुत आगे निकल जायेगी।(politics)
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| कोरोना संकट में लगे लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौट गए थे, लेकिन काम की तलाश में एक बार फिर प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार और झारखंड से वापस लौटने लगे हैं। दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड पर रक्षाबंधन के बाद से ही रोजाना हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों से वापस आ रहे हैं। किसी के मालिक, तो किसी के ठेकेदार ने बुलाया, तो कोई नौकरी की तलाश में दिल्ली वापस आ रहा है।
राम चन्दर आजमगढ़ से फिर दिल्ली वापस आए हैं। 5 महीने पहले कोरोना की वजह से अपने घर चले गए थे, लेकिन गांव में काम न होने की वजह से दिल्ली वापस आना पड़ा है। उन्होंने बताया, "जिस कंपनी में वो काम करते थे, उसके मालिक ने फोन करके वापस बुलाया है। गांव में ज्यादा काम नहीं है, कमाने के लिए तो बाहर निकलना ही पड़ेगा। मेरी दो लड़कियां और एक लड़का है, इनका पेट कौन पालेगा।" राम चन्दर दिल्ली के नांगलोई में जूते की कंपनी में काम करते थे। अब फिर से उसी कंपनी में काम करेंगे।
आनंद विहार बस स्टैंड पर बसों के ड्राइवर और कंडक्टर 20 से ज्यादा सवारी नहीं बैठाते। लेकिन पहले जाने की होड़ में सवारियों में ही आपस में झगड़ा हो जाता है और एक साथ बसों में लोग चढ़ना शुरू कर देते हैं। जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन भी हो रहा है और जान पर खतरा भी बढ़ रहा है।
फिलहाल जब से प्रवासी मजदूर वापस लौटने लगे हैं, तब से दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड पर बस रूट नम्बर- 236, 165, 534, 469, 473, 543 से जाने वाली सवारियों की संख्या में इजाफा हो गया है। ये सभी बसें नांगलोई, महरौली, और कापसहेड़ा बॉर्डर की ओर जाती हैं। हालांकि बस स्टैंड के बाहर भी सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर मौजूद रहते हैं।
संभल के रहने वाले दीपक दिल्ली में फल की ठेली लगाते थे। होली पर त्यौहार मनाने अपने गांव चले गए। उसके बाद लॉकडाउन लग गया, जिसकी वजह से वहीं फंसे रहे गए। उन्होंने बताया, "होली पर घर गया था, उसके बाद वहीं रह गया। इधर मकान मालिक 5 महीने का किराया मांग रहा है। अब जाकर वापस आए हैं तो फिर से फल की ठेली लगाएंगे।"
यूपी के बिजनौर के रहने वाले शादाब पहले हिमाचल प्रदेश में पुताई का काम करते थे। फिर लॉकडाउन में रोजगार चले जाने की वजह से घर चले गए। अब गुड़गांव नौकरी की तलाश में आए हैं। पूछे जाने पर उन्होंने बताया, "यूपी के बीजनौर से गुड़गांव नौकरी की तलाश में आया हूं। ठेकेदार ने बुलाया है। घर पर कोई काम नहीं मिला। राज मिस्त्री का भी काम किया।"
-सैली नबील
हाल में ही दो साल के लिए जेल में डाल दी गईं एक सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर मवादा अल अदम की बहन रहमा कहती हैं, "हम बेहद शॉक में थे. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था. मेरी बहन कोई अपराधी नहीं है. वे केवल मशहूर होना चाहती थीं."
22 साल की यूनिवर्सिटी छात्र मवादा को मिस्र के पारिवारिक मूल्यों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था.
टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर मशहूर गानों पर फैशनेबल कपड़े पहनकर लिप-सिंक करते नाचते हुए के वीडियो पोस्ट करने की वजह से उन्हें पिछले साल मई में गिरफ्तार कर लिया गया था. अभियोक्ता ने उनके वीडियोज को अभद्र माना था.
रहमा ने बताया, "मेरी मां अब बमुश्किल अपने बिस्तर से उठ पाती है. वे हर वक्त रोती रहती हैं. कई दफा वे रात में जाग जाती हैं और पूछती हैं कि क्या मवादा घर वापस आ गई हैं."
'टिकटॉक वाली लड़कियां'
मवादा उन पांच युवा लड़कियों में से एक हैं जिन्हें एक जैसी जेल की सजा दी गई है. इसके अलावा इन पर करीब 20,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है. इन पांचों को टिकटॉक वाली लड़कियां कहा जाता है. इनमें एक अन्य सोशल मीडिया स्टार हनीन होसाम भी शामिल हैं. बाकी तीन लड़कियों के नाम नहीं दिए गए हैं.
रहमा का कहना है कि उनकी बहन कई मशहूर फैशन ब्रैंड्स के लिए सोशल मीडिया पर मॉडलिंग करती थी. वे कहती हैं, "वे केवल बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी थीं. वे एक अदाकारा बनना चाहती थीं."
एनजीओ एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, अभियोजन अधिकारियों ने सबूत के तौर पर मवादा की 17 फोटोज का इस्तेमाल किया और बताया कि ये फोटोज अभद्र हैं. मवादा का कहना है कि ये फोटो उनके पिछले साल उनके चोरी हुए फोन से लीक हुई हैं.
मवादा क्यों?
17 अगस्त को अपील होनी है और रहमा को उम्मीद है कि उनकी बहन की कम से कम सजा घटा दी जाएगी.
वे गुस्से में पूछती हैं, "वही क्यों? कई अभिनेत्रियां बेहद खुले तरीके से कपड़े पहनती हैं. कोई उन्हें छूता भी नहीं है."
उनके वकील अहमद बहकिरी के मुताबिक, शुरुआती फैसला आने के बाद मवादा बेहोश हो गई थीं.
वे कहते हैं, "जेल कोई उपाय नहीं है. भले ही उनके कुछ वीडियोज हमारे सामाजिक नियमों और परंपराओं के खिलाफ क्यों न हों. जेल से अपराधी पैदा होते हैं. अधिकारियों को पुनर्वास पर ध्यान देना चाहिए."
अभिव्यक्ति की आजादी
मिस्र मुस्लिम बहुसंख्या वाला देश है. यहां रूढ़िवादी समाज है और ईजिप्ट के कुछ लोग इन टिकटॉक वीडियोज को अश्लील मानते हैं.
बचाव करने वालों के व्यवहार को अनुचित कहकर उनकी आलोचना की जाती है. अन्य लोगों का कहना है कि लड़कियां केवल मौजमस्ती कर रही थीं और उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए.
मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन लड़कियों को रिहा करने की मांग की है. इनका मानना है कि ये गिरफ्तारियां अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की दिशा में उठाया गया एक और कदम है और इसके जरिए सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है.
2014 में जबसे सेना समर्थित राष्ट्रपति अब्दल फतह सीसी सत्ता में आए हैं, तब से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन राज्य की सख्त नीतियों की आलोचना करते आ रहे हैं.
ये कार्यकर्ता दसियों हजार राजनीतिक कैदियों की बात करते हैं जिनमें उदारवादी, इस्लामिस्ट्स, पत्रकार और मानव अधिकार वकील शामिल हैं.
राष्ट्रपति ने जोर दिया है कि मिस्र में जमीर वाला कोई भी कैदी नहीं है. साथ ही अधिकारी मानव अधिकार रिपोर्ट्स की साख पर सवाल उठाते हैं.
लिंगभेद
एक एनजीओ ईजिप्टियन कमीशन फॉर राइट्स एंड फ्रीडम्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर मोहम्मद लोट्फी कहते हैं, "महिलाओं को सोशल मीडिया पर केवल सरकार के निर्देशों के हिसाब से चलने की आजादी है." यह एनजीओ इन लड़कियों की रिहाई की मांग कर रहा है.
लोट्फी का मानना है कि यह केस सीधे तौर पर लैंगिक भेदभाव का मामला है. वे कहते हैं, "लड़कियों पर आरोप है कि उन्होंने ईजिप्ट के पारिवारिक मूल्यों को तोड़ा है, लेकिन किसी ने भी आज तक इन मूल्यों को परिभाषित नहीं किया है."
महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने वाले मुज्न हसन इस बात से सहमत हैं. वे कहते हैं, "यह बेहद लिंग-आधारित मामला है जो कि राज्य की पितृसत्तात्मक सोच को दिखाता है."
लोट्फी कहते हैं कि भले ही इन लड़कियों को छोड़ दिया जाए, लेकिन युवा लड़कियों में एक डर का संदेश भेज दिया गया है.
वे कहते हैं, "अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि आप अपनी मनमर्जी से कुछ भी कह या कर नहीं सकते हैं."
हाल के महीनों में सरकारी अभियोक्ताओं ने ऐसे कई बयान जारी किए हैं जिनमें 'डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के हमारे युवाओं के सामने मौजूद खतरों' को रेखांकित किया गया है. अभियोक्ताओं ने पेरेंट्स से अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा है.
वर्ग और प्रभाव
मवादा के टिकटॉक पर 30 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 16 लाख है. कुछ आलोचकों का कहना है कि अधिकारी लड़कियों के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं.
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स को लगता है कि कहीं इन इनफ्लूएंसर्स को इस वजह से तो अरेस्ट नहीं किया गया क्योंकि ये सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं और इनके कोई बड़े संपर्क नहीं हैं.
इनका तर्क है कि ऊंचे सामाजिक दर्जे वाली दूसरी लड़कियां सोशल मीडिया पर बिना किसी डर के इसी तरह से व्यवहार करती हैं.
लोट्फी कहते हैं, "उच्च दर्जे की लड़कियां आमतौर पर सत्ता से नजदीकी रखने वाले परिवारों से होती हैं. ऐसे में इनके सरकार विरोधी राय जाहिर करने के आसार नहीं होते हैं."
एमनेस्टी इंटरनेशऩल के मिडल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका के एक्टिंग रीजनल डायरेक्टर लिन मालूफ कहते हैं, "महिलाओं की ऑनलाइन निगरानी करने की बजाय सरकार को महिलाओं के खिलाफ होने वाली सेक्शुअल और जेंडर आधारित हिंसा को रोकने पर जोर देना चाहिए."(bbc)
ब्राज़ील की संसद ने राष्ट्रपति का मास्क-विरोध ख़ारिज किया
ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को ब्राज़ीली संसद में हार का सामना करना पड़ा जब प्रतिनिधियों ने स्कूलों, प्रार्थना की जगहों और कारोबारी जगहों पर मास्क लगाने के फ़ैसले पर उनके वीटो को नहीं माना.
ब्राज़ील की संसद ने जुलाई में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसके मुताबिक बंद जगहों पर भी फेस मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया था.
लेकिन बोलसोनारो ने इस प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे लोग अपने घरों में भी मास्क पहनने को बाध्य होंगे. उन्होंने संसद के प्रस्ताव पर वीटो लगाते हुए दावा किया कि कोरोना से बचाव में मास्क कारगर नहीं है.
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन कई बार यह कह चुका है कि मास्क के इस्तेमाल से संक्रमण के रुकने और लोगों के जीवन को बचाने में मदद मिलती है.
बोलसोनारो मास्क के इस्तेमाल के आलोचक रहे हैं और जुलाई महीने में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भी उन्होंने अपना मास्क हटा लिया था. (bbc)
भारत में अब एक दिन में कोविड-19 के नौ लाख टेस्ट हो रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, WHO के परामर्श के अनुरूप, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हर रोज़ प्रति 10 लाख व्यक्ति 140 से ज़्यादा टेस्ट हो रहे हैं.
दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले दो करोड़ 25 लाख से ज़्यादा, अब तक सात लाख 89 हज़ार लोगों की मौत
अमरीका में कोरोना संक्रमण के मामले 55 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा, अब तक एक लाख 74 हज़ार लोगों की मौत
भारत में गुरुवार को 69 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले, कुल मामलों की संख्या 29 लाख के क़रीब, अब तक संक्रमण से 54 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत
संक्रमण के लिहाज से ब्राज़ील दूसरे पायदान पर, 34 लाख 56 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले, अब तक एक लाख 11 हज़ार लोगों की मौत
मुंबई, 21 अगस्त (आईएएनएस)| ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स पर बनी एक फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता शरमन जोशी, स्टीफन बाल्डविन और शारी रिग्बी जैसे हॉलीवुड कलाकारों संग नजर आएंगे। हिंदी में 28 अगस्त को यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। 'द लीस्ट ऑफ द: द ग्राहम स्टेन्स स्टोरी' उस चौंकाने वाली घटना पर आधारित है जिसके तहत भारत में इस ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी की उनके दोनों बेटों सहित हत्या कर दी जाती है। यह फिल्म पिछले साल अंग्रेजी में रिलीज हुई थी। यह बाल्डविन और रिग्बी जैसे हॉलीवुड कलाकारों के साथ शरमन की पहली फिल्म हैं जिसमें ये क्रमश: ग्राहम स्टेन्स और उनकी पत्नी ग्लैडिस के किरदार में नजर आएंगे।
हिंदी में यह फिल्म 'ग्राहम स्टेन्स, एक अनकही सच्चाई : द लीस्ट ऑफ दिस' के नाम से रिलीज होगी।
शरमन इस पर कहते हैं, "मैं मानव बनर्जी नामक एक पत्रकार का किरदार निभा रहा हूं जो सही और गलत के बीच उलझा हुआ रहता है, फिर उसके हाथ एक ऐसी सच्चाई लगती है कि वह अपने काम को दोबारा परखने के लिए मजबूर हो जाता है। कहानी को इस किरदार के माध्यम से बेहतर ढंग से समझाया जाता है और इसे निभाकर मैं काफी खुश हूं।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि फिल्म को हिंदी में रिलीज करने से यह और भी अधिक दर्शकों तक पहुंच पाएगी।
फिल्म के निर्देशक अनीश डैनियल ने बताया कि वह यथासंभव ढंग से ग्राहम स्टेन्स को सम्मानित करना चाहते थे इसलिए उन्होंने एक ऐसी फिल्म को बनाने का फैसला लिया जिनमें अपनी आखिरी सांस तक उनके द्वारा लाए गए बदलावों को प्रदर्शित किया जा सकें।
फिल्म के हिंदी संस्करण को शेमारूमी बॉक्स ऑफिस पर रिलीज किया जाएगा।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| सितंबर के दूसरे सप्ताह में संसद के मानसून सत्र की शुरूआत के संकेत के साथ सरकार पर 11 अध्यादेशों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का दबाव है।
संसद का यह सत्र पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच होने वाला है, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी।
दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले ही इन 11 अध्यादेशों को संसद के आगामी सत्र में पारित किया जाना जरूरी है।
इनमें से प्रमुख अध्यादेशों का जिक्र करें तो इनमें संसदीय कार्य मंत्रालय से जुड़ा मंत्रियों का वेतन और भत्ते (संशोधन) अध्यादेश शामिल है, जिसे नौ अप्रैल, 2020 को जारी किया गया। ये अध्यादेश मंत्रियों का वेतन और भत्ते एक्ट, 1952 में संशोधन करता है।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश को 22 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। ये अध्यादेश महामारी रोग एक्ट 1897 में संशोधन करता है। इसमें खतरनाक महामारी की रोकथाम से संबंधित प्रावधान है।
वहीं अगर तीसरे संशोधन की बात करें तो यह उपभोक्ता मामले एवं खाद्य वितरण मंत्रालय का अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश, 2020 है, जिसे पांच जून 2020 को जारी किया गया था। उक्त अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट 1955 में संशोधन करता है।
इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का ही किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को पांच जून, 2020 को जारी किया गया था, जिसे पारित किया जाना है।
इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 को पांच जून 2020 को जारी किया गया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश 2020 को 24 अप्रैल, 2020 को जारी किया गया। उक्त अध्यादेश होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल एक्ट 1973 में संशोधन करता है।
सरकार ने वित्त मंत्रालय के टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, 2020 को 31 मार्च, 2020 को जारी किया था, जिसे पारित किया जाना है।
वहीं दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को छह जून को घोषित किया गया था और 26 जून को घोषित बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश को रखा गया है।
इन अध्यादेशों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है और साथ ही कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों के कल्याण के माध्यम से ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना है।
मानसून सत्र में पारित नहीं होने पर इनमें से लगभग पांच से छह अध्यादेश समाप्त हो जाएंगे।
अध्यादेश अस्थायी कानून हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर प्रख्यापित किया जाता है, जिसका संसद के अधिनियम के समान प्रभाव होगा। अध्यादेश का छह महीने का जीवन होता है और जिस दिन से सत्र शुरू होता है, उसे एक विधेयक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए, जिसे छह सप्ताह के भीतर संसद द्वारा पारित किया जाना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है।
लंदन, 21अगस्त (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री लारा दत्ता भूपति कई महीनों की लॉकडाउन के बाद सेट पर वापस आकर बेहद खुश हैं। वर्तमान में लारा फिल्म 'बेलबॉटम' की शूटिंग के लिए अपने सह कलाकार अक्षय कुमार और वाणी कपूर और हुमा कुरैशी के साथ ब्रिटेन में हैं।
अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा किया, जिसमें वह अपने टीम मेंबर्स के साथ दिखाई दे रही हैं। तस्वीर में सभी मास्क पहने हुए दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने इसे कैप्शन देते हुए लिखा, "और ये शुरू हुआ। मैं उन लड़कियों के लिए दावा कर रही हूं, जो 42 साल के उम्र में एक अभिनेत्री के रूप में कोरोना काल में बॉलीवुड के सेट पर आकर अद्भूत महसूस कर रही है।"
उन्होंने शूटिंग के दौरान सेट पर सुरक्षित माहौल बनाने के लिए निमार्ताओं को धन्यवाद दिया।
फिल्म के पहले अंतर्राष्ट्रीय शेड्यूल के लिए कुछ दिनों पहले कलाकार ब्रिटेन पहुंचे थे।
सैन फ्रांसिस्को, 21अगस्त (आईएएनएस)| एप्पल कथित तौर पर अगले साल तक 11 इंच के डिस्प्ले और यूएसबी-सी कनेक्टर से लैस आईपैड एयर 4 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। चीनी साइट माईड्राइवर्स के अनुसार, आईपैड एयर 4 मार्च में लॉन्च कर सकता है, हालांकि 11 इंच आईपैड प्रो से इसमें कुछ अंश लिया जा सकता है, जो फिलहाल बिक्री में है।
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल डिजाइन और फीचर्स के मामले में आईपैड एयर 4 को वर्तमान आईपैड प्रो के काफी करीब लाएगा।
आईपैड एयर 4 में नए मैजिक कीबोर्ड को सपोर्ट करने के लिए इसके रियर पर एक स्मार्ट कनेक्टर होगा।
आईपैड एयर ए14 प्रोसेसर से लैस है। यह 128 जीबी, 256जीबी और 512जीबी स्टोरेज वेरिएंट में उपलब्ध होगा।
इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नया आईपैड एयर की कीमत 649 डॉलर से शुरू होगी, जो कि पिछले जनरेशन की तुलना में अधिक है।
एप्पल सितंबर या अक्टूबर में अपने प्रीमियम आईपैड प्रो लाइनअप को बदलने के लिए तैयार है।
एप्पल आईपैड के दो नए वेरिएंट लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसमें 10.8 इंच आईपैड जो इस साल के अंत में लॉन्च किया जाएगा, वहीं 8.5 इंच आईपैड मिनी को 2021 में लॉन्च करेगा।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| आम आदमी पार्टी की ओर से उत्तराखंड में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा पर भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार को डूबती दिल्ली नहीं, उत्तराखंड की चिंता है। वह दिल्ली को अधर में छोड़कर भाग जाना चाहते हैं।
उत्तर पूर्व दिल्ली के सासंद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, अरविंद केजरीवाल को डूबती दिल्ली की नहीं, उत्तराखंड के चुनाव की चिंता है। उनके राजनैतिक इतिहास पर नजर डालें तो उन्होंने किसी भी कार्य को पूरा नहीं किया है और एक बार फिर दिल्ली को अधर में छोड़ कर भाग जाने की फिराक में है। मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी से भागने नही देंगे।
दिल्ली बीजेपी के मीडिया रिलेशंस हेड नीलकांत बख्शी ने भी कहा कि कोरोना के बाद बारिश के मौसम में डूबती दिल्ली को छोड़कर फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल पलायन करने के मूड में हैं।
भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा कि बनारस से लेकर पंजाब तक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़कर देख चुके हैं। 2014 में उन्होंने सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था। भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात कहकर दिल्ली की सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि वह दिल्ली का कोई एक जिला बता दें, जो भ्रष्टाचार मुक्त हो गया हो।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका में भी समर्थन मिला है।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कांग्रेस की जैकी स्पीयर द्वारा सात अन्य लोगों द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया, जो कि अफगानिस्तान में उत्पीड़ित धार्मिक समुदायों को फिर से संगठित करना चाहते हैं।
पिछले सप्ताह पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, सिख और हिंदू अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक और लुप्तप्राय अल्पसंख्यक हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है, हाल के वर्षों में सिखों, हिंदुओं और अफगानिस्तान में अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ लक्षित हिंसा के एक बड़े पैटर्न का पालन हो रहा है।
इन दोनों समुदायों के सदस्यों को अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के तहत फिर से बसाया जाएगा।
अफगान समाचार एजेंसी टोलो न्यूज के अनुसार, पिछले तीन दशकों में इन दो अल्पसंख्यक समुदायों में लगभग 99 फीसदी लोग अफगानिस्तान से पलायन कर चुके हैं।
एक समय अफगानिस्तान के प्राचीन शासकों ने हिंदुओं को नगण्य कर दिया था, जबकि सिक्खों, जिनका 500 साल पुराना इतिहास है, उनकी संख्या सिर्फ 600 रह गई, वे भी इस देश को छोड़ने वाले अंतिम मुट्ठी भर लोग हैं। इन दोनों समुदायों की संख्या महज 700 रह गई है, जो कि 1970 के दशक में 700,000 थी।
अफगानिस्तान के काबुल और जलालाबाद शहरों में ऐसे हमले भी हुए हैं, जिनमें इन समुदायों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक हमला एक जुलाई, 2018 को जलालाबाद में हुआ था, जो कि आत्मघाती हमला था, जिसमें 19 सिख और हिंदू मारे गए थे। इसके अलावा इस साल 25 मार्च को काबुल में गुरुद्वारा गुरु हर राय साहिब के हमले में 25 लोग मारे गए।
जून में 20 अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने ट्रंप प्रशासन से अफगानिस्तान से सिख और हिंदू समुदायों को आपातकालीन शरणार्थी सुरक्षा देने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में सिख और हिंदू समुदाय अपने धर्म के कारण आईएसआईएस-के से एक संभावित खतरे का सामना कर रहे हैं। हम धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए आग्रह करते हैं कि आप इन धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं।
गुरुद्वारा गुरु हर राय साहिब पर हमले ने न केवल पलायन की स्थिति को उजागर किया, बल्कि दो समुदायों की स्थिति पर भी प्रकाश डाला।
जैसा कि भारत सरकार ने जुलाई में भयभीत समुदाय के लिए वीजा में तेजी लाई, कांग्रेसी जिम कोस्टा ने एक ट्वीट में भारत के रुख की सराहना करते हुए कहा, यह अफगानिस्तान के सिख और हिंदू समुदायों को आतंकवादियों के हाथों विनाश से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत सरकार ने 23 जुलाई को कहा था कि अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत की यात्रा करने के लिए वीजा प्रदान करने के अलावा सरकार भारतीय नागरिकता के लिए उनके अनुरोध को भी देख रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि केंद्र सरकार को इन समुदायों से अनुरोध प्राप्त हो रहे थे कि वे भारत में आना चाहते हैं और यहां बसना चाहते हैं। उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी के बावजूद हम अनुरोधों को सुविधाजनक बना रहे हैं।
रायपुर 341 !
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर 19 अगस्त। छत्तीसगढ़ में रात 11.15 पर 136 नए कोरोना पॉजिटिव के साथ आज राज्य में पहली बार कोरोना ने हज़ार पार कर लिया है. आज प्रदेश में 1052 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. आज कोरोना के बाद मरने वाले भी 8 हुए हैं.
राजधानी रायपुर के जिले में 11 और मरीज मिलने के साथ 341 पॉजिटिव हुए हैं.
बाकी जिलों के आंकड़े हमारे पिछले समाचार (नीचे के लिंक को क्लिक करें) के बाद इस बुलेटिन में हैं.
https://dailychhattisgarh.com/article-details.php?article=51001&path_article=24
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर 19 अगस्त। रायपुर में आज तीन बड़ी स्टील फर्मों पर इनकम टैक्स के सर्वे हुए हैं. ये तीनों कंपनियां एक ही दंपत्ति की बताई गयीं हैं. हनुमान स्टील, श्री कपीश्वर स्टील, और केशरीनंदन स्टील के मालिक रोहित मित्तल और उनकी पत्नी बताये गए हैं.
इन कंपनियों के मारुती लाइफस्टाइल और अविनाश लाइफस्टाइल में मौजूद ऑफिसों में दोपहर से जांच चल रही है. ये सर्वे इन्कमटैक्स के छत्तीसगढ़ के अन्वेषण प्रमुख, प्रिंसिपल डायरेक्टर आलोक जौहरी के निर्देश पर हुए. उनके दो सहायक निदेशक दोनों सर्वे टीम लीड कर रहे थे. बहुत बड़ी टैक्स गड़बड़ी पकड़ने की खबर है.
नई दिल्ली, 20 अगस्त। देश में उठे फेसबुक विवाद के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर को आईटी मामलों की संसदीय स्थाई समिति के चेयरमैन पद से हटाने की मांग उठी है। कमेटी के सदस्य और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर शशि थरूर पर संसदीय नियम-कायदों के उल्लंघन और कमेटी की गरिमा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। दुबे ने आरोप लगाया कि शशि थरूर स्टैंडिंग कमेटी ऑन इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के चेयरमैन के दायित्व निभाने में फेल साबित हुए हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा है, आईटी मामलों की संसद की स्थाई समिति के प्रमुख की हैसियत से शशि थरूर ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चक्कर में पहली बार विवाद नहीं खड़ा किया है। वह संसदीय संस्थाओं का दुरुपयोग कर मेरी पार्टी(भाजपा) को निशाना बनाते हैं। जब से शशि थरूर कमेटी के चेयरमैन बने हैं, वह अनप्रोफेशनल तरीके से संचालन कर रहे हैं। अफवाह फैलाकर वह मेरी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर राजनीतिक हित साध रहे हैं।
बीजेपी सांसद ने कुल चार उदाहरण देते हुए थरूर पर कमेटी के चेयरमैन की हैसियत से नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
कहा गया है कि पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल के मसले पर उन्होंने कमेटी में चर्चा किए बगैर सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए थे। वहीं 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगाने के दौरान भी शशि थरूर ने ट्विटर पर नाराजगी जताई थी।
इसके अलावा कई मौकों पर कमेटी के चेयरमैन के तौर पर दायित्वों के निर्वहन में शशि थरूर फेल हुए हैं। बीजेपी सांसद ने लोकसभा सांसद ओम बिरला से संबंधित नियमों का प्रयोग करते हुए शशि थरूर को कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग की है।
दरअसल, एक विदेशी अखबार की रिपोर्ट में बीते दिनों फेसबुक पर बीजेपी को लेकर नरम रुख अपनाने की बात कही गई थी जिस पर शशि थरूर ने स्टैंडिंग कमेटी ऑन आईटी की ओर से इस मसले पर फेसबुक से सफाई मांगने की बात कही थी।
इस पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि समिति के सभी सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद ही शशि थरूर फैसला ले सकते हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि ये मुद्दे संसदीय समिति के नियमों के मुताबिक उठाए जा सकते हैं।(IANS)
बेंगलुरू, 20 अगस्त। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन की शुरूआत अत्यधिक सुरक्षित और बायो सिक्योर वातावरण के साथ करेगी, जोकि टीम को मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूती देगा। फ्रेंचाइजी ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि उसने इस सीजन के अपने सपोर्ट-स्टाफ को मजबूत किया है, जिसमें स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट चैतन्य श्रीधर और चार्ल्स मिंज के रूप में विशेषज्ञ टीम-डॉक्टर शामिल हैं।
सुरक्षा की दृष्टी से, बेंगलोर की टीम ने बेहद कड़े दिशानिदेशरें का पालन करेगी, जोकि बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन में से एक हैं।
दिशानिदेशरें के अनुसार, तीन स्तरों पर कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा और साथ ही दुबई पहुंचने से पहले उन्हें क्वारंटीन में रहना होगा। बायो बबल में जाने से पहले टीम छह दिन तक क्वारंटीन में रहेगी और तीन बार उनका टेस्ट होगा।
बेंगलोर की टीम 21 अगस्त को दुबई पहुंचेगी और भारतीय तथा विदेशी खिलाड़ियों के साथ तीन सप्ताह के कैम्प में भाग लेगी।(IANS)
मुंबई, 20 अगस्त। बॉलीवुड के एक्शन स्टार टाइगर श्रॉफ लगभग पांच महीने के बाद काम पर दोबारा वापसी करने वाले हैं। टाइगर ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक तस्वीर साझा की है जिसके उनके हाथ में 'फेथ' लिखा नजर आ रहा है।
अपने इस पोस्ट के कैप्शन में टाइगर लिखते हैं, "वापस काम पर हैशटैगकिपदफेथ।"
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह फिलहाल किसकी शूटिंग कर रहे हैं।
टाइगर ने इससे पहले अपना एक वीडियो साझा किया था जिसमें वह वर्कआउट करते और अपनी बॉडी को फ्लॉन्ट करते दिख रहे थे।
फिल्मों की बात करें, तो उन्हें आखिरी बार अहमद खान द्वारा निर्देशित 'बागी 3' में देखा गया था जो कि इस फिल्म की तीसरी किश्त थी। रिलीज होने के बाद फिल्म की शुरूआती कमाई अच्छी रही, लेकिन लॉकडाउन के चलते ऐसा होना बंद हो गया।(IANS)
नई दिल्ली, 20 अगस्त। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, यही वजह है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि बीसीसीआई इस बार आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन यूएई में करा रहा है।
19 सितंबर से यूएई में शुरू होने वाली आईपीएल लीग के लिए किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स की टीम पहले ही दुबई पहुंच चुकी हैं। बाकी अन्य टीमें आगामी दिनों में यूएई पहुंच जाएगी।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा है कि सभी खिलाड़ियों और आईपीएल टीम मालिकों से कह दिया गया कि, वे खुद की देखभाल करें।
अधिकारी ने कहा, " खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ, मालिकों और अन्य सदस्यों को सख्त निर्देश दिया गया है। हम नहीं चाहते हैं कि किसी की गलती के कारण कोई दूसरा प्रभावित हो।"
उन्होंने कहा, "यूएई खिलाड़ियों (चिकित्सा या अन्य) की सुरक्षा के बारे में आवश्यक सभी सहायता प्रदान करेगा। टीमों के मालिकों को यहां और वहां स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए भी मना किया गया है क्योंकि कोरोनावायरस के मामले उस देश में भी कम नहीं हैं। इतने समय के बाद आईपीएल होने जा रहा है और हर किसी को इसका सम्मान करना होगा और अधिक जिम्मेदार होना होगा।"
पिछले महीने ही इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने टीम के बायो सिक्योर बबल नियम को तोड़ा था।(IANS)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में रात 8.30बजे तक 916 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सर्वाधिक रायपुर में 330 और दुर्ग में 183 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा दंतेवाड़ा 38, सुकमा 37, सरगुजा 34, रायगढ़ 32, जांजगीर-चांपा 30, कोरिया 27, नारायणपुर व कांकेर 20-20, कोरबा व जशपुर 19-19, सूरजपुर 17, राजनांदगांव 16, बिलासपुर 15, कोण्डागांव 14, बलौदाबाजार 9, गरियाबंद, मुंगेली व बीजापुर 8-8, धमतरी, महासमुंद व बस्तर 6-6, कबीरधाम 5, बेमेतरा व बलरामपुर 4-4 बालोद 1 पॉजिटिव मिले हैं।
राज्य में आज कुल 554 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए। कोरोनाग्रस्त 4 की मृत्यु हुई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। छत्तीसगढ़ में आज शाम 7.40 तक 694 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार के संगठन आईसीएमआर के हैं, और राज्य शासन देर रात तक अपने कुछ बुलेटिन में इन तक पहुंचता है।
आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक के 634 में आधे से अधिक 375 पॉजिटिव रायपुर जिले में हैं। दुर्ग 113, राजनांदगांव 42, सरगुजा 26, बालोद और बिलासपुर 14-14, कांकेर 13, कबीरधाम, नारायणपुर 9, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद 8-8, जांजगीर-चांपा 7, जशपुर 6, बेमेतरा, धमतरी 5-5, कोरबा, कोरिया, रायगढ़ 4-4, सूरजपुर 3, बस्तर, बीजापुर, सुकमा 2-2, बलरामपुर 1-1 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
प्रदेश में 258 पॉजिटिव, रायपुर में 115
स्वास्थ्य विभाग के शाम 7 के आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में शाम 7 बजे तक 258 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सर्वाधिक रायपुर में 115 और दुर्ग में 65 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा सरगुजा 23, जांजगीर-चांपा 16, जशपुर 12, महासमुंद 5, कांकेर 4, बलौदाबाजार और सूरजपुर 3-3, धमतरी, रायगढ़ 2-2 पॉजिटिव मिलने की सूचना है। यह जानकारी राज्य कोरोना नियंत्रण कंट्रोल रूम ने दी है।
राज्य शासन कोरोना पॉजिटिव रिजल्ट के एक-एक नतीजों के नाम की जांच करता है कि उनमें कोई पिछले दिनों के पॉजिटिव का रिपीट टेस्ट तो नहीं है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े पीछे चलते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में शाम 7 बजे तक 258 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सर्वाधिक रायपुर में 115 और दुर्ग में 65 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा सरगुजा 23, जांजगीर-चांपा 16, जशपुर 12, महासमुंद 5, कांकेर 4, बलौदाबाजार और सूरजपुर 3-3, धमतरी, रायगढ़ 2-2 पॉजिटिव मिलने की सूचना है। यह जानकारी राज्य कोरोना नियंत्रण कंट्रोल रूम ने दी है।
दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के संगठन आईसीएमआर को छत्तीसगढ़ में आज शाम 6.20 तक 634 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। राज्य का स्वास्थ्य विभाग देर रात तक इनकी पुष्टि करता है।
चेन्नई, 20 अगस्त। तमिलनाडु सरकार ने कोविड -19 महामारी और केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक मण्डलों पर प्रतिबंध लगाने का हवाला देते हुए गुरुवार को लोगों को अपने घरों के अंदर ही गणेश चतुर्थी मनाने की सलाह दी है। सरकार द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना करने और उन्हें जुलूस में ले जाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने भी इस मामले पर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि सरकार के इस आदेश का पालन किया जाना चाहिए।(IANS)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। छत्तीसगढ़ में आज शाम 6.20 तक 634 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार के संगठन आईसीएमआर के हैं, और राज्य शासन देर रात तक अपने कुछ बुलेटिन में इन तक पहुंचता है।
आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक के 634 में आधे से अधिक 331 पॉजिटिव रायपुर जिले में हैं। दुर्ग 112, राजनांदगांव 42, सरगुजा 25, बालोद और बिलासपुर 14-14, कांकेर 13, कबीरधाम 9, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद 8-8, जांजगीर-चांपा 7, जशपुर 6, बेमेतरा, धमतरी 5-5, कोरबा, कोरिया, रायगढ़ 4-4, सूरजपुर 3, बस्तर, बीजापुर, सुकमा 2-2, बलरामपुर, नारायणपुर 1-1 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
राज्य शासन कोरोना पॉजिटिव रिजल्ट के एक-एक नतीजों के नाम की जांच करता है कि उनमें कोई पिछले दिनों के पॉजिटिव का रिपीट टेस्ट तो नहीं है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े पीछे चलते हैं।
प्रदेश में 182 पॉजिटिव, रायपुर में 77
स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में शाम 5 बजे तक 182 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सर्वाधिक रायपुर में 77 और दुर्ग में 61 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा जशपुर में 12, महासमुंद में 5 पॉजिटिव मिलने की सूचना है। यह जानकारी राज्य कोरोना नियंत्रण कंट्रोल रूम ने दी है।
-पुस्तक ‘माई ईयर्स विथ राजीवः ट्रायम्फ एंड ट्रैजेडी’
बीस अगस्त, 1944 को भारत उस साम्राज्यवादी आधिपत्य की जकड़न में ही था जिसने हमारे विनाश के लिए हमारा शोषण किया था, लेकिन राजीव गांधी के परिवार-जैसे कई लोगों के प्रयास की वजह से स्वतंत्रता हासिल करने ही वाला था। इसी युवा भारत में मेरे स्कूल के साथी राजीव बड़े हुए और बाद में प्रधानमंत्री बने। वह ऐसे दोस्त थे जो अंतिम समय तक मेरे दोस्त बने रहे। विभाजन के बाद भारत के इतिहास में विस्तार के नजरिए से अभूतपूर्व हिंसक सदमे के बीच वह प्रधानमंत्री-पद तक पहुंचे। उन्होंने भगवद्गीता के 9वें अध्याय के 7वें श्लोक के विसृजामि (मैं रचता हूं) के तौर पर यह समझते हुए खुद को कभी भी नहीं देखा था कि किसी का घाव भरने की शक्ति के लिए जरूरी है कि स्वस्थ करने वाला अधिक मजबूत हो। विदेश नीति के मामले में राजीव ने अपने जीवनकाल में यही बात आगे बढ़ाई थी- परमाणु-मुक्त दुनिया के लिए काम करना। देश के अंदर इसका मतलब शक्ति के मोर्चे के तौर पर सामंजस्य था।
और इस तरह, प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पूर्वोत्तर में म्यांमार से सटते मिजोरम और असम से लेकर दुराग्रही पाकिस्तान की सीमा से लगते पंजाब और कश्मीर तक देशभर के असंतुष्ट तत्वों के साथ समझौते को आगे बढ़ाया। विदेश नीति में इसका मतलब गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नेता के तौर पर भारत की प्रतिष्ठा का उपयोग करते हुए वैश्विक परमाणु-मुक्ति के लिए आग्रह करना था जिसे पूरा होते देखने के लिए वह जीवित नहीं रहे, लेकिन इस दिशा में बढ़ने के उनके प्रयत्न का ही फल था जिसने तब सोवियत संघ तक से परमाणु प्रसार को रोकने में मदद पहुंचाने की बात कहलवाई जब वह गुटनिरपेक्ष आंदोलन के औचित्य के समापन की बात कहने लगा था। इस आंदोलन की परिकल्पना उनके नाना जवाहरलाल नेहरू ने की थी और निश्चित तौर पर वैश्विक व्यवस्था में यह उनकी प्रमुख भागीदारी थी। संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक मंच पर राजीव ने ‘भारत और गुटनिरपेक्ष आंदोलन’ की बात कहते हुए इसे नई दिशा दी थी- ‘खास तौर पर परमाणु निःशस्त्रीकरण के तौर पर इच्छापूर्वक निःशस्त्रीकरण की वकालत। हमारा अंतिम लक्ष्य प्रभावी अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण में पूर्ण निःशस्त्रीकरण होना चाहिए।’ इस संदर्भ में उन्होंने गुटनिरपेक्षता की दुर्बलता वाली भावना को नवीन दृष्टि दी, ‘गुटनिरपेक्षता के क्षेत्र का विस्तार वैश्विक टकरावों के खतरे को कम करता है।’
फिर भी, शांति को बढ़ावा देते हुए राजीव गांधी ने भारतीय रक्षा क्षमता में किसी तरह का समझौता करने से दृढ़तापूर्वक इनकार कर दिया। मैं जब वाशिंगटन में भारतीय दूतावास में सामुदायिक मामलों का मंत्री था और दुनिया के एकमात्र सुपरपावर की राजधानी में महात्मा गांधी मेमोरियल की स्थापना के लिए बिल के कांग्रेस से अनुमोदन की तैयारी कर रहा था, तब बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया और भारत परमाणु शक्ति वाले देशों में शामिल हो गया। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि यह राजीव की व्यक्तिगत विरासत थी। राजीव ने लगातार माना था कि भारत के पास ऐसी शक्ति पहले से है। 1986 में राजीव गांधी ने रिटायरमेंट के 33 साल बाद जनरल के.एम. करियप्पा को फील्ड मार्शल नियुक्त किया। वह आजाद भारत के पहले देसी कमांडर-इन-चीफ थे। फील्ड मार्शल तकनीकी तौर पर कभी रिटायर नहीं होते और वह सक्रिय सूची में बने रहते हैं, यह मानते हुए राजीव गांधी ने करियप्पा को उनकी अवकाश प्राप्ति के काफी वर्षों बाद प्रोन्नत कर सेना की परंपरा तोड़ी। करियप्पा औपनिवेशिक सेना को भारतीय रक्षा सेवा के गौरव के तौर पर परिवर्तित करने में सफल रहे थे। कोई भी इस तरह की बड़ी प्रतिष्ठा अर्पित नहीं कर सकता था। इस तरह उन्होंने भारत की दृढ़ सैन्य रीढ़ को भी सम्मान दिया।
राजीव ने दुख में डूबे देश की इच्छा से सत्ता की सीढ़ियां चढ़ीं लेकिन उनसे इक्कीसवीं सदी की इच्छित कूद में ले जाने की अपेक्षा भी थी और राजीव के कार्यकाल के पांच साल की सफलता देश को ऐसा करने का नेतृत्व देने का साक्षी भी है। राजीव ने वसीयत में विरोधाभासों की पहेली पाई थी और यह पहेली अब भी बनी हुई है। भीमकाय साम्राज्यवाद से आजादी पाने के चालीस साल बाद भी गरीबी को वह नितांत अनुचित स्तरों वाला मानते थे। यह उन्हें कष्ट देता था। इससे उनकी प्राथमिक चिंताएं जन्मीं जो टेक्नोलॉजी मिशन बनीं:
- ग्रामीण पेयजल
- टीकाकरण
- वयस्क शिक्षा
- खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता
- टेलीकॉम नेटवर्क का विकास
- डेयरी विकास
युवाओं के लिए भी उन्हें खासी चिंता थी और इसीलिए अगले पांच साल के अपने कार्यकाल के लिए उन्होंने एक अन्य मिशन का ड्राफ्ट तैयार किया था। दुर्भाग्य से यह अवसर नहीं आया। हालांकि भारत को ओलम्पिक में मेडल मिलते थे लेकिन वे आम तौर पर हॉकी तक ही सीमित थे। 1952 हेल्सिंकी में हमें कुश्ती में कांस्य मिला था। आज हमारे पास ओलम्पिक और एशियाई खेलों- दोनों के कई पदक जीतने वाले और वैश्विक प्रतिस्पर्धी हैं। 1982 में भारत में हुए एशियाई खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष राजीव थे और भारत ने इसमें 57 मेडल हासिल किए थे। यह सबसे ज्यादा संख्या थी। ये पदक टेनिस, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, कुश्ती के साथ-साथ ऐसी बैडमिंटन स्पर्धा में भी मिले थे जिसमें चीन का एक तरह से एकाधिकार था। और यह राजीव ही थे जिन्होंने 18 साल के लोगों को मताधिकार दिया। यह राजनीतिक तौर पर सचेत भारतीयों की पीढ़ी को दिया गया अधिकार था जो चुनावों में आज निर्णायक तत्व हैं।
आज का भारत गरीबी से आक्रांत है जिसे राजीव ने अपनी प्राथमिक चुनौती के तौर पर देखा था और राजीव के बाद लाए गए आर्थिक उदारीकरण के कारण नाटकीय विकास के बावजूद अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती ही जा रही है। राजीव को इस तरह के दुःस्वप्न की आशंका थी। उन्हें इस क्षति को संभालने का अवसर नहीं मिल पाया। फिर भी, कोई भी निरपेक्ष पर्यवेक्षक कहेगा कि भारत आज पुरातन अवशेष नहीं बल्कि ऐसा आधुनिक देश है जो 21वीं सदी में टेक्नोलॉजी के साथ अपनी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
राजीव आज इतिहास के अंग, अपनी प्राचीन भूमि के समय के विस्तार में महज झिलमिलाहट हैं लेकिन वह भारत के न सिर्फ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर उभार के विकास में विशाल कद वाले व्यक्ति के तौर पर खड़े हैं बल्कि सुशासन की सार्वजनिक भागीदारी के मामले में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व हैं। और इससे भारत भौगोलिक अभिव्यक्ति के तौर पर ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल से अपनी आजादी हासिल करने के समय से लेकर ऊर्जा, अपने अंतहीन विरोधाभासों में समरूपता पाने और फिर भी इससे निरंतर एकताबद्ध होने से कंपायमान होता गया है। एक व्यक्ति के तौर पर राजीव गांधी की महत्ता शेक्सपीयर के मार्क एंटोनी के अपने शत्रु ब्रूटस के बारे में बताते हुए शब्दों में सबसे बढ़िया ढंग से बताई जा सकती है। उनका जीवन सौम्य था और उसमें कई सारे तत्व इतनी अच्छी तरह समाहित थे कि पूररी कायनात खड़ी होकर सारी दुनिया से कह सकती है, ‘हां, वह एक अच्छा आदमी था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 अगस्त। राजधानी रायपुर में स्काई वॉक का काम कम से कम खर्च पर शुरू कराया जाएगा। यह निर्णय विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बैठक में लिया गया। माना जा रहा है कि करोड़ों की लागत से बनने वाले स्काई वॉक से यहां की जनता को आने-जाने में सुविधा होगी।
भाजपा सरकार में राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक, जयस्तंभ चौक और अंबेडकर अस्पताल चौक के बीच करीब 50 करोड़ की लागत से स्काई वॉक का काम शुरू कराया गया था। करीब 4 साल पहले शुरू हुए इस काम का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया और आखिर में निर्माण रोक दिया गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर फिर से स्काई वॉक को लेकर चर्चा शुरू हुई और अलग-अलग वर्ग के लोगों से राय मंगाए गए।
सरकार ने विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर इस पर फैसला लेने कहा था। इसी के तहत विधायक शर्मा और विधायक, हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा की उपस्थिति में इस पर पीडब्ल्यूडी अफसरों के साथ चर्चा शुरू हुई। इस दौरान कम से कम खर्च पर स्काईवॉक को अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा कराने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि शहर के बीचों-बीच सडक़ों पर भीड़ और यातायात में दिक्कत को देखते हुए यहां स्काईवॉक का निर्माण कराया जा रहा है। ताकि पैदल आने-जाने वालों को कहीं कोई दिक्कत ना हो।
नई दिल्ली, 20 अगस्त। योग गुरु बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण ने रूचि सोया के प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे का कारण उनकी 'कहीं और व्यस्तता' को ठहराया गया है। कंपनी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। वह अब कंपनी के गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक हैं। बताया जा रहा है कि उनकी जगह बाबा रामदेव के भाई रामभरत कंपनी के नए मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, रामभरत लंबे समय से पतंजलि के दैनिक कामकाज को संभालते रहे हैं। उनकी सीधी रिपोर्टिंग आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को रही है। कंपनी का कहना है कि आचार्य बालकृष्ण ने अपनी अतिव्यस्तता के कारण रूचि सोया के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा दिया है। रामभरत रोटेशन के तहत रिटायर नहीं होंगे। हालांकि अन्य नियम व शर्तें बोर्ड की मंजूरी से पहले की तरह ही लागू रहेंगी।
रामदेव और बालकृष्ण 25 साल से साथ हैं
पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव बीते करीब 25 सालों से साथ काम कर रहे हैं। 1995 में दोनों ने मिलकर दिव्य फार्मेसी की शुरुआत की थी और उसके बाद 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी। पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर 10,000 करोड़ रुपये के करीब है। यही नहीं आचार्य बालकृष्ण 1.3 अरब डॉलर की दौलत के साथ दुनिया के टॉप 2,000 रईसों में शुमार किए जाते हैं।
सोया खाद्य तेल उत्पाद बनाती है रूचि
रूचि सोया खाद्य तेल, सोया उत्पाद आदि बनाती है। पतंजलि समूह की कंपनी रूचि सोया में जून तिमाही में मुनाफे में 13 फीसदी की कमी देखी गई। कंपनी ने बुधवार को जून तिमाही के नतीजों की घोषणा की। इस अवधि के दौरान, कंपनी का लाभ 13 प्रतिशत घटकर 12.25 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले यह मुनाफा 14.01 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में कंपनी की कुल आय में भी गिरावट आई है। कंपनी की कुल आय 3057.15 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 3125.65 करोड़ रुपये थी।
आप को बता दें कि रूचि सोया की दिवालिया प्रक्रिया चल रही थी जिसे पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल 4,350 करोड़ रुपये में खरीदा था।(SAKSHI.COM)