राष्ट्रीय
लखनऊ , 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार हाथरस कांड की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद वहां माहौल खराब करने वालों पर कड़ा कदम उठाने जा रही है। इसी कड़ी में भीम आर्मी के प्रमुख समेत 400-500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ हाथरस के सासनी कोतवाली में कोविड महामारी और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, उनके साथ करीब 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन तथा महामारी रोग अधिनियम में केस दर्ज कराया गया है।
हाथरस कांड को लेकर विपक्षी पार्टियां योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने में लगी हैं। समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी, भीम आर्मी, आम आदमी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोक दल के नेता और प्रतिनिधिमंडल हाथरस के बुलगड़ी गांव में पीड़िता के घर पहुंच पर अपनी-अपनी संवेदना जता रहे हैं।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह के साथ पार्टी के पंजाब व दिल्ली के विधायकों का दल हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस के गांव पहुंचे। यहां पर किसी के भी आने से पहले ही पुलिस सतर्कता बरते हुए है। गांव में एक साथ सिर्फ पांच लोगों को ही जाने की अनुमति है।
ज्ञात हो कि रविवार को चंद्रशेखर आजाद हाथरस कांड में मृतक युवती के परिजनों से मिलने के लिए उनके घर गए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में समर्थन भी उनके साथ थे। पुलिस प्रशासन से भी नोंकझोंक हुई थी।
चंद्रशेखर ने कहा था कि चंदपा कांड में सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। हाथरस के जिलाधिकारी की कार्यशैली ऐसी है कि वे आने वाले समय में बिटिया के परिवार को ही आरोपी बना सकते हैं। उन्हें सीबीआई जांच पर कतई भरोसा नहीं है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त दो जजों की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हत्याओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी मुखर है। राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 4 अक्टूबर को जिस प्रकार 24 नॉर्थ परगना में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या हुई है वो अपने आप में बहुत ही निंदनीय और चिंता का विषय है।
संबित पात्रा ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक हत्याएं एक न्यू नॉर्मल हो गई हैं। बंगाल में विगत 2 महीनों में बहुत हत्याएं हुई हैं। बंगाल में लगभग रोज एक कार्यकर्ता की हत्या की जा रही है।
उन्होंने कहा, मैं ममता जी से पूछना चाहता हूं क्या यही बंगाल का लोकतंत्र है?
संबित पात्रा ने बिहार में आरजेडी के बागी नेता की हत्या को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में जिस प्रकार की आरजेडी की राजनीति हम देख रहे हैं, उसे लेकर आरजेडी को जवाब देना होगा।
बिहार के जाने माने दलित युवा नेता शक्ति कुमार मलिक की हत्या कर दी गई।
वो पहले आरजेडी के एससी मोर्चा के महासचिव थे, कुछ दिन पहले ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वो निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
पत्नी ने आरोप लगाया कि आरजेडी के बड़े नेता पैसे मांग रहे थे, जिसे दलित नेता शक्ति ने इनकार कर दिया था।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस कांड पूरी तरह से सियासी रंग ले चुका है। पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राजनीतिक पार्टियों में होड़ लगी हुई है। इसी बीच भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार से पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी के सुरक्षा देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ये परिवार यहां सुरक्षित नहीं है, मैं इन्हें अपने साथ घर ले जाऊंगा। पीड़ीत परिवार को अपने घर पर रखने के लिए सोमवार को भीम आर्मी के मुखिया कोर्ट का रुख कर सकते हैं। जिसको लेकर परिवार के लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। अभी तक की जनाकारी के अनुसार, पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को अपने साथ रखने की कोर्ट में अपील करेंगे। जिसमें पीड़ित लड़की के माता पिता, दादी, भाई और अन्य लोग शामिल हैं।
रविवार को चंद्रशेखर ने कहा था कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए और पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
दरअसल, हाथरस में बीते दिनों 19 साल की एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था जिसकी बाद में इलाज के दौरान दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों ने कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से नाराज होकर सोमवार से अनिश्चिततकालीन हड़ताल करने का फैसला किया है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से संचालित होती रहेंगी। अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों को जून से वेतन नहीं दिया गया है। पिछले हफ्ते, कर्मचारी सुबह 9 बजे से 12 बजे तक 'पेन डाउन स्ट्राइक' (अस्पताल आकर काम नहीं करना) पर थे। नागरिक निकाय के अनुसार, मामले को देखा जा रहा है।
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा अस्पताल प्रशासन को लिखे गए पत्र में कहा गया है, "हम घोषणा करने के लिए माफी चाहते हैं कि 'कोई वेतन नहीं, कोई काम नहीं' पर विचार करते हुए हम 5 अक्टूबर 2020 से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन पर जाने के लिए मजबूर हैं, जबकि आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी।"
इसमें कहा गया है कि हम 3 महीने के वेतन को जारी करने और हमें तत्काल स्थायी समाधान देने के लिए आपसे दृढ़तापूर्वक अनुरोध करते हैं। हम इस संबंध में एक औपचारिक नोटिस की मांग भी करते हैं।
हिंदू राव अस्पताल के अलावा, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मैटरनिटी हॉस्पिटल और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मनेरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस जैसे अन्य अस्पतालों के डॉक्टर और नर्स भी बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर विरोध कर रहे हैं।
कानपुर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को भीषण आग लग गई। फैक्ट्री से आग की लपटें और काला धुंआ निकलते देखकर आसपास की फैक्ट्रियों में काम करने पहुंचे श्रमिकों में दहशत फैल गई। आनन फानन में सभी फैक्ट्रियां खाली करा दी गई हैं। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और वहां काम करने वाले कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। जीटी रोड पर जाम के चलते डेढ़ घंटे बाद दमकल गाड़ी पहुंच सकी।
कानपुर पुलिस वरिष्ठ अधीक्षक के पीआरओ ने बताया कि कानपुर में मंधना पचोर रोड पर सोमवार की एक पेंट फैक्ट्री में आग लग गई। पेंट में केमिकल होने के होने के कारण आग बढ़ गयी। हलांकि आग लगने का कारण नहीं पता चल सका है। अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह के समय पांच मजदूर काम करने पहुंचे थे। जैसे ही उन्होंने फैक्ट्री का गेट खोला तो अंदर आग धधक रही थी। मजदूर बाहर की तरफ शोर मचाते हुए भागे और उन्होंने आसपास के लोगों को सूचना दी। ग्रामीणों ने पुलिस के अलावा फैक्ट्री मालिक को सूचना दी। इसी दौरान एक एक कर लगभग 50 धमाके हुए। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर सड़क की तरफ भाग निकले। धमाके इतने जोरदार थे कि ड्रम के टुकड़े उड़कर 100 मीटर से अधिक दूरी तक गिरे। दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
लखनऊ , 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ अमानवीय कृत्य को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती बेहद नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार को अपना अहंकारी तथा तानाशाही रवैया बदलने की सलाह दी है। मायावती ने सोमवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, हाथरस गैंगरेप कांड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बीएसपी प्रतिनिधिमंडल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अति:दुखद थी, जिसने मुझे मीडिया में जाने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने आगे लिखा कि, इसके बाद वहां मीडिया के जाने पर भी उनके साथ हुई बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का लाठीचार्ज आदि अति-निन्दनीय व शर्मनाक है। सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही रवैये को बदलने की सलाह, वरना इससे लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होंगी।
ज्ञात हो उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के गांव में सियासी दलों और मीडिया के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटने के बाद नेताओं का जमघट लग गया है। शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी परिवार से मिलकर और हालचाल जानकर गए थे तो रविवार को भी कई सियासी दलों के नेता वहां पहुंचे और सब ने न्याय दिलाने की बात कही।
पाबंदी हटने के बाद से ही चंदपा की बेटी के परिवार का दुख-दर्द बांटने के लिए उनके घर नेताओं की आवाजाही का क्रम जारी है। रविवार को सपा का प्रतिनिधिमंडल, रालोद नेता जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पहुंचे।
आशीष श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोविड-19 महामारी के काले बादलों के बीच एक आशा की किरण नजर आई है कि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के मामलों में भारी कमी देखी गई है।
डॉक्टरों ने कहा है कि इस साल अस्पतालों में इन दोनों मौसमी बीमारियों के कम से कम 50 प्रतिशत कम मामले आए हैं।
द्वारका के आकाश हेल्थकेयर सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल ने कहा कि पिछले दो महीनों में उनके यहां टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के केवल 50 मरीज ही आए हैं। आम तौर पर मानसून के मौसम में यह गिनती 100 से 150 तक हो जाती है।
अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट विक्रमजीत सिंह ने बताया, "हमें टाइफाइड के मामले नहीं मिल रहे हैं जो आमतौर पर इस मौसम में आते हैं।"
शालीमार बाग के मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में भी टाइफाइड से संबंधित मामलों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इंटरनल मेडिसिन की कंसल्टेंट पारुल कक्कड़ ने कहा, "हाल ही में फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के मामले बढ़े हैं, ऐसा इस मौसम में होता है इसीलिए इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ।"
राजेंद्र प्लेस के बीएलके अस्पताल में भी टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के मामलों में खासी कमी देखी गई है।
बीएलके के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख और सीनियर डायरेक्टर राजिन्दर कुमार सिंघल ने कहा, "मानसून के मौसम के दौरान आमतौर पर हर साल टाइफाइड के मामलों में वृद्धि हो जाती है और फिर मानसून के अंत तक कम हो जाती है। हालांकि इस साल ऐसा नहीं हुआ।"
डॉक्टरों ने टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के मामलों में गिरावट के पीछे दो चीजों को जिम्मेदार बताया है। पहला, कोविड-19 महामारी के कारण स्वच्छता बढ़ी है और लोग घर का बना खाना ही खा रहे हैं।
कक्कड़ ने कहा, "महामारी के दौरान हमारी जीवनशैली, खान-पान और सामाजिक शिष्टाचार बदल गए हैं। अच्छा है कि कुछ बदलाव फायदेमंद रहे, इससे इस साल टाइफाइड और हेपेटाइटिस के मामलों की संख्या में कमी आई है।"
टाइफाइड और इन्फ्लूएंजा के मामलों में गिरावट के पीछे दूसरा कारण यह है कि कोविड-19 के डर कारण लोग अस्पताल आने से बच रहे हैं। साथ ही इन दोनों बीमारियों के लक्षण कोविड-19 के लक्षणों में शामिल हैं।
रोहिणी में धर्मवीर सोलंकी मल्टी-स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के संचालक पंकज सोलंकी कहते हैं, "लोग चिंतित हैं कि अगर उनमें कोविड-19 की पुष्टि हो जाती है तो उन्हें आइसोलेशन में रहना पड़ सकता है या अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इसी डर के कारण वे टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के बारे में भी नहीं बता रहे हैं।"
कोविड-19 के लक्षण विशेष रूप से टाइफाइड और इन्फ्लुएंजा के समान हैं। टाइफाइड में लोगों को आमतौर 103-104 डिग्री बुखार बना रहता है (बुखार आता-जाता नहीं है)। साथ ही कुछ लोगों को दाने या गुलाबी रंग के धब्बे हो जाते हैं। खांसी और गले में खरास भी इसके लक्षण हैं।
सार्स-सीओवी-2 की तरह इन्फ्लुएंजा नाक, गले और फेफड़ों पर असर डालता है। इसमें रोगी को बुखार, सर्दी, कफ, गले में खरास, मांसपेशियों में दर्द और सांस की तकलीफ हेाती है।
पूर्णिया, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्णिया के खजांची हाट थाना क्षेत्र में दलित नेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव शक्ति मल्लिक की हत्या के मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद बिहार के चुनाव में राजनीति का पारा चढ़ गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रविवार को पूर्णिया के मुर्गी रोड फॉर्म रोड स्थित शक्ति मल्लिक के घर में घुसकर अज्ञात अपराधियों ने मल्लिक की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस मामले में मृतक की पत्नी खुशबू देवी के लिखित बयान के आधार पर खजांची हाट थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव,, कालू पासवान, अनिल साह, सुनीती देवी, मनोज पासवान को नामजद आरोपी बनाया गया है।
इस बीच, मृतक का एक महीने पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुद की हत्या की आशंका जताई है। वीडियो में कहा गया है कि अगर उनकी हत्या होती है, तो उसके लिए तेजस्वी यादव और अनिल साधु जिम्मेदार होंगे। इस मामले में हालांकि थाना में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।
इधर, पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी खजांची हाट थाना में दर्ज कर ली गई है तथा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह हत्या का मामला लगता है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों का आरोप है कि मल्लिक चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, यही कारण है कि उनकी हत्या करवा दी गई है।
इधर, हत्या के बाद राजनीति गर्म हो गई है। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस हत्या में तेजस्वी के नाम आने के बाद उनकी हकीकत सामने आ गई है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह पुलिस का काम है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भाजपा के अजीत चौधरी ने कहा कि राजद के शासनकाल में भी दलितों, वंचितों की हत्या होती रही थी। आज भी राजद के लोगों की कार्यप्रणाली नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि राजद की हकीकत सामने आ गई है।
इधर, राजद इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है।
बेंगलुरु, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा से सांसद उनके भाई डी.के. सुरेश से जुड़े 14 ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी की। सीबीआई ने सोमवार को सुबह लगभग 6 बजे छापेमारी शुरू की और जैसे ही यह खबर फैली, बड़ी संख्या में समर्थकों का जमावड़ा उनके घर के बाहर लगना शुरू हो गया।
कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे 'रेड राज' कहा और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्यारमैया ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस पार्टी की उपचुनाव की तैयारियों को पटरी से उतारने का प्रयास करार दिया।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, "मोदी-येदियुरप्पा की जोड़ी के डराने-धमकाने के खेल को उनकी कठपुतली बनी सीबीआई द्वारा पर डी.के. शिवकुमार पर छापा मारकर अंजाम दिया जा रहा है.. लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं है..सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार के भ्रष्टाचार की परतों को खोलना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मोदी और येदियुरप्पा सरकार और भाजपा के फ्रंटल संगठन यानी सीबीआई-ईडी-इनकम टैक्स को बताना चाहते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ऐसे कुटिल प्रयासों के आगे न तो झुकेंगे और न ही झुकने देंगे।"
सुरजेवाला ने कहा, "इससे लोगों के लिए लड़ने और भाजपा के कुशासन को उजागर करने का हमारा संकल्प केवल मजबूत हुआ है।"
पिछले साल सितंबर में, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर गिरफ्तार किया था।
उन पर दूसरों की मदद से हवाला चैनलों के जरिए बेहिसाब धनराशि के लेनदेन का आरोप है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत, शिवकुमार पर कर चोरी और 'हवाला' से करोड़ों रुपये के लेनदेन का आरोप लगाया गया था।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस) बरसात का सीजन खत्म होने के बाद शाक-सब्जियों की नई फसल की आवक बढ़ने के साथ तमाम सब्जियों की कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है। मगर आलू की महंगाई से बहरहाल राहत मिलने के आसार नहीं है, क्योंकि आगे नवरात्र शुरू हो रहा है और इस दौरान आलू की खपत हर साल बढ़ जाती है।
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बीते कुछ दिनों से आलू का थोक भाव 12 रुपये से 51 रुपये प्रति किलो चल रहा है जबकि दिल्ली-एनसीआर में आलू (सामान्य वेरायटी) का खुदरा दाम 40 से 50 रुपये प्रति किलो चल रहा है। वहीं, खास क्वालिटी के आलू का खुदरा भाव ऊंचा है।
आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि नवरात्र के दौरान व्रत में लोग आलू खाते हैं, जिससे आलू की खपत इस दौरान बढ़ जाती है। नवरात्र इस साल 17 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है और 25 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार है जिसके साथ ही नवरात्र समाप्त हो जाएगा।
शर्मा कहते हैं कि आलू के दाम में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आवक में कमी है। आजादपुर मंडी में आलू की आवक पिछले साल से तकरीबन 40-50 फीसदी कम हो रही है। वहीं, कीमतों में पिछले साल से दोगुना से ज्यादा का इजाफा हो गया है।
ब्ताया जा रहा है कि आलू की महंगाई देख अच्छे भाव की उम्मीदों में किसानों ने आलू की खेती में पूरी ताकत झोंकी है। उत्तर-भारत में आलू की बुवाई शुरू हो चुकी है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक, रबी सीजन में आमतौर पर आलू की बुवाई सितंबर के आखिर में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है, जबकि हार्वेस्टिंग दिसंबर से मार्च तक चलती है।
हालांकि, कारोबारी बताते हैं कि अगैती फसल की आवक नवंबर के आखिर में शुरू हो सकती है।
बीते फसल वर्ष में आलू का उत्पादन ज्यादा होने के बाजवूद आलू के दाम में इस साल काफी बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था।
यही नहीं, कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते होटल, रेस्तरां, ढाबा आदि काफी समय तक बंद रहने पर भी सब्जियों की खपत में गिरावट रही है। आलू की महंगाई का असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ा है क्योंकि बरसात के दौरान आमतौर पर हरी शाक-सब्जियां जब महंगी हो जाती हैं तो आमलोगों के लिए आलू ही एक सहारा बच जाता है, लेकिन इस बार उनको आलू भी महंगे भाव पर मिल रहा है।
'छत्तीसगढ़' न्यूज़डेस्क
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों (Covid-19 Infected) की संख्या 66 लाख 23 हजार 816 हो गई है. पिछले 24 घंटे के अंदर 74 हजार 441 नए केस बढ़े. 76 हजार 674 लोगों को डिस्चार्ज किया गया और 903 मरीजों ने दम तोड़ दिया. नए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से अब तक 1 लाख 2 हजार 685 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है. इस बीच राहत की एक बात यह है कि अब तक 55 लाख 86 हजार 704 लोग कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से ठीक भी हो चुके हैं. फिलहाल कोरोना के 9 लाख 34 हजार 427 एक्टिव केस हैं. देश में कोरोना से हो रही मौत की औसत दर 1.6% है. इनमें पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पुडुचेरी में यह 2-3% है.
मौत की दर सबसे ज्यादा पंजाब में 3% है. इसके बाद महाराष्ट्र में 2.6%, गुजरात में 2.5%, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पुड्डुचेरी में यह 1.9%, जबकि मध्य प्रदेश में 1.8% है. झारखंड, छत्तीसगढ़, मेघालय, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना, बिहार, ओडिशा, असम, केरल, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, दादरा एवं नगर हवेली और मिजोरम में यह एक फीसदी से भी कम है. मिजोरम में तो अब तक 2103 केस आ चुके हैं. राहत की बात है कि अब तक एक भी मौत नहीं हुई है.
अब तक हुई कितनी टेस्टिंग?
ICMR के मुताबिक, 4 अक्टूबर तक कोरोना वायरस के कुल 7 करोड़ 99 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 10 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई. पॉजिटिविटी रेट करीब सात फीसदी है.
कोरोना से प्रभावित प्रमुख राज्यों का हाल:-
>>महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या 14 लाख 43 हजार 409 हो गई है. इनमें 11 लाख 49 हजार 603 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 55 हजार 281 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है. संक्रमण की चपेट में आने से 38 हजार 84 मरीजों की मौत हो चुकी है. रविवार को राज्य में 12,548 नए केस बढ़े, जबकि 15,048 लोग ठीक हो गए. 326 मरीजों की मौत हो गई.
>>राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 2,683 लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि इस दौरान कोरोना का इलाज करा रहे 38 लोगों ने दम तोड़ दिया. नए मामलों के साथ ही अब दिल्ली में कोरोना महामारी की चपेट में आने वालों की संख्या 2,90,613 तक पहुंच गई है.
>>बिहार में रविवार को कोरोना के 1,261 मामले सामने आए, 1,314 लोग ठीक हो गए और 3 मरीजों की मौत हो गई. राज्य में अब तक 1 लाख 87 हजार 951 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. 1 लाख 75 हजार 109 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 11 हजार 926 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है.
>>उत्तर प्रदेश में 3,840 लोग संक्रमित मिले और 5,226 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. 52 मरीजों ने दम तोड़ दिया. 4 लाख 14 हजार 466 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. इनमें 3 लाख 62 हजार 52 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 46 हजार 385 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है. कोरोना से अब तक 6,029 लोगों की मौत हो चुकी है.
जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों को मिलेगी वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के हर एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने की तैयारियां कर रही है. इस पर एक हाई लेवल कमेटी काम कर रही है. उन्होंने कहा, ''सरकार का लक्ष्य है जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ भारतीयों तक कोविड-19 वैक्सीन पहुंचाई जा सके. हमारा फोकस है कि हम तब तक वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ डोज हासिल कर सके. इसकी प्लानिंग पर काम चल रहा है.''
दुनिया में कोरोना के कितने केस?
दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3 करोड़ 53 लाख 16 हजार 38 हो गया है. राहत की बात है कि इनमें 2 करोड़ 62 लाख 85 हजार 356 लोग ठीक भी हो चुके हैं. अभी 79 लाख 90 हजार 309 मरीजों का इलाज चल रहा है. मरने वालों का आंकड़ा 10.40 लाख के पार हो चुका है. पिछले 24 घंटे में भारत और अमेरिका के बाद फ्रांस, रूस में सबसे ज्यादा कोरोना मामले सामने आए हैं. वहीं सबसे ज्यादा मौत मैक्सिको में हुई हैं.
सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के मामले में मैक्सिको नौवें स्थान पर आता है. पिछले 24 घंटों में दुनिया में 2 लाख 48 हजार नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2 लाख 27 हजार मरीज इस वायरस से उभरकर ठीक भी हुए हैं. हालांकि 4 हजार लोगों की जान भी चली गई.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के तीतागढ़ के निकट भाजपा के एक स्थानीय नेता को मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
पुलिस ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बदमाशों ने भाजपा के स्थानीय नेता मनीष शुक्ला को शाम को बीटी रोड़ पर गोली मार दी, उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. राज्य भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि शुक्ला की मौत हो गई है, लेकिन इस संबंध में पुलिस ने अभी कोई जानकारी नहीं दी है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि घटना के विरोध में सोमवार को बैरकपुरा में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया गया है.
दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने ट्वीट करके कहा, "भाजपा के युवा नेता, वकील और पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की भयानक हत्या निंदनीय है. टीएमसी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में चल रही खूनी राजनीति का यह एक उदाहरण है."
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल (Governor) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उच्च अधिकारियों को समन भेजा है. राज्यपाल ने इन सभी को सोमवार को सुबह 10:00 बजे राज भवन में मीटिंग के लिए बुलाया है. रविवार रात को उन्होंने ट्वीट करके कहा, “कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात के चलते टीटागढ़ नगर पालिका के पार्षद मनीष शुक्ला की हुई हत्या को देखते हुए समन भेजा गया है.”
सीएम ममता बनर्जी के अलावा, राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हरि कृष्ण द्विवेदी और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) वीरेन्द्र को समन जारी किया है.
रविवार शाम को बीजेपी नेता की हत्या
बीजेपी के उत्तर 24 परगना जिला कमेटी के सदस्य मनीष शुक्ला की रविवार शाम को हत्या कर दी गई. बंगाल के टीटागढ़ में अज्ञात हमलावरों ने शुक्ला पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. शुक्ला को गंभीर हालत में तुरंत कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई. शुक्ला बैरकरपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के करीबी बताए जाते हैं.
‘राज्य की खूनी राजनीति का एक उदाहरण’
पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करके शुक्ला की हत्या की कड़ी निंदा की है. घोष ने कहा, “भाजपा के युवा नेता, वकील और पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की भयानक हत्या निंदनीय है. टीएमसी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में चल रही खूनी राजनीति का यह एक उदाहरण है.”
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, “उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने गोली मारकर बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की हत्या कर दी गई. इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए.”
बीजेपी ने बुलाया 12 घंटे का बंद
मनीष शुक्ला की हत्या के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने टीटागढ़ में बीटी रोड को ब्लॉक कर दिया. मनीष शुक्ला को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने नारे भी लगाए. टीटागढ़ पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई. वहीं, बीजेपी ने से सोमवार को बैरकपुर इलाके में 12 घंटे का बंद बुलाया है.(tv9bharatvarsh)
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| चालू खरीफ खरीद सीजन के शुरू होने के महज एक सप्ताह में सरकारी एजेंसियों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5.7 लाख टन से ज्यादा धान खरीद लिया है और पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश में धान की खरीद धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ खरीद सीजन 2020-21 में तीन अक्टूबर तक 5,73,339 टन धान की खरीद हो गई थी।
मंत्रालय ने बताया कि एमएसपी पर 1,082.464 करोड़ रुपये मूल्य के धान की खरीद हो चुकी है और इसका लाभ अब तक 41,084 किसानों को मिला है।
सरकारी एजेंसियां केंद्र सरकार द्वारा तय धान (सामान्य ग्रेड) का एमएसपी 1,868 रुपये प्रतिक्विंटल पर किसानों से धान खरीदती है।
केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए 495.37 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया है, जो केएमएस 2019-20 (खरीफ फसल) के 416 लाख टन के खरीद अनुमान से 19.07 प्रतिशत अधिक है।
ग्वालियर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उम्मीदवारों से चुनाव जो कुछ न कराए सो थोड़ा है, अब देखिए न मध्यप्रदेश के ग्वालियर में तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मतदाताओं के सिर रखकर पैर तक पड़ रहे हैं। रविवार को यह नजारा देख लोग भौंचक रह गए। उपचुनाव में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से मंत्री तोमर का भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना तय है। तोमर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी। उपचुनाव 3 नबंवर को होने वाला है। रविवार को तोमर जनसंपर्क के क्रम में गदाईपुरा, मल्ल गढ़ा, कल्लू काछी की बगिया क्षेत्रों में थे। इस दौरान तोमर ने इन क्षेत्रों में रहने वाले एक मजदूर हरि मोहन पटेल से गले मिले, उसका सम्मान किया। इसके बाद सिर रखकर उसके पैर पड़े।
तोमर इससे पहले अपने निराले अंदाज के कारण हमेशा से चर्चाओं में रहते आए हैं। पहले वे सड़क पर झाड़ू लगाकर, नालियों की सफाई करके और शौचालयों का सफाई अभियान चलाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं।
भोपाल, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री बिसाहू लाल सिंह कुछ तस्वीरों में सौ-सौ रुपये के नोट बांटते नजर आ रहे हैं। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री बिसाहू लाल अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर भाजपा उम्मीदवार उपचुनाव लड़ने वाले हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें वे सौ-सौ के नोट बच्चियों को बांटते नजर आ रहे हैं। ये वे बच्चियां हैं जो सिंह के स्वागत में कलश लिए खड़ी थीं। इन तस्वीरों की आईएएनएस पुष्टि नहीं करता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों को लेकर बिसाहू लाल सिंह से संपर्क किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए। सिंह ने मार्च, 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। सिंह उन 22 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कमल नाथ सरकार गिराई थी।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा मुख्यालय पर रविवार को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहले चरण की सीटों के उम्मीदवारों के नाम पार्टी ने तय कर लिए हैं। भाजपा सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोमवार को 50 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं।
पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में हुई इस बैठक में पहले और दूसरे चरण की सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। इसके बाद तीसरे चरण के उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अधिकृत कर दिया गया। इसका मतलब है कि अब पार्टी आगे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं करेगी।
कुछ सीटों को लेकर सहयोगी जदयू से पेंच फंसा है। इसको लेकर सोमवार को सुबह नौ बजे से दिल्ली में एक बार और जदयू के साथ पार्टी सीटों को लेकर विचार-विमर्श करेगी। इस बैठक में दोनों दल सीटों पर अंतिम रूप से चर्चा करेंगे। इसके बाद दोपहर या शाम तक भाजपा अपनी पहली सूची जारी कर सकती है। इस दौरान सीट शेयरिंग फॉर्मूले की भी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, बिहार प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़णवीस, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, शाहनवाज हुसैन और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अमरावती, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू और पार्टी महासचिव नारा लोकेश ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक प्रवक्ता पट्टाभि की कार पर हमला किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार रहते आंध्र प्रदेश में 'जंगलराज' आ गया है।
विशाखापत्तनम, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू और पार्टी नेता सब्बम हरि को 'भ्रष्टाचार का बड़ा भाई' करार दिया। अनाकापल्ली के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं पर यह टिप्पणी विशाखापत्तनम नगर निगम द्वारा सब्बम हरि का मकान ढहाए जाने के संदर्भ में कही। निगम के मुताबिक, हरि का मकान सरकारी जमीन पर था।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर भारत की मंडियों में कपास (नरमा) की आवक लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी अब तक मंडी नहीं पहुंची है, जिससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 1,000 रुपये प्रतिक्वंटल कम भाव पर बेचने को मजबूर है। हरियाणा के मंडी डबवाली के किसान जसबीर सिंह भट्टी ने बताया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीद शुरू होने की उम्मीद में भाव में तेजी आई थी, लेकिन खरीद शुरू नहीं होने से फिर नरमी आ गई है।
भट्टी ने बताया कि डबवाली और सिरसा में कपास का भाव 4,700-4,800 रुपये प्रतिक्विंटल चल रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए लंबा रेशा कपास का एमएसपी 5,825 रुपये प्रतिक्विंटल तय किया है। भट्टी ने किसानों को मजबूरी में एमएसपी से 1,000 रुपये प्रतिक्विंटल कम भाव कपास बेचना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें मजदूरों की मजदूरी से लेकर बैंकों का कर्ज चुकाना है और अगली फसल की बुवाई के लिए भी पैसों की जरूरत है।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि कपास ही नहीं, मक्का और धान भी मंडियों में एमएसपी से नीचे के भाव बिक रहा है। हालांकि पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर धान की खरीद 26 सितंबर को ही शुरू हो चुकी है और सरकार की ओर से रोज इसके आंकड़े जारी किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार, चालू कपास सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में कपास की खरीद की मंजूरी एक अक्टूबर से दी जा चुकी है। जबकि जरबीर सिंह कहते हैं कि नरमे की खरीद सिर्फ कागजों में शुरू हुई है, जबकि खरीद एजेंसी अभी मंडी नहीं पहुंची है।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि कपास की जो अभी फसल मंडियों में आ रही है, उसमें नमी ज्यादा है जबकि सीसीआई आठ से 12 फीसदी तक ही नमी वाले कपास की खरीद करता है।
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर भारत की मंडियों में बीते सप्ताह कपास का भाव 4,900-5,150 रुपये प्रतिक्विंटल तक चला गया था। सूत्र बताते हैं कि पंजाब में सीसीआई कपास की खरीद सोमवार से शुरू कर सकती है।
कॉटन बाजार के जानकार गिरीश काबरा ने बताया कि भारतीय कॉटन यानी रूई की इस समय वैश्विक बाजार में जबरदस्त मांग है और चालू सीजन में निर्यात मांग तेज रहने की उम्मीद है, जिससे कॉटन की कीमतों में मजबूती रहेगी। उन्होंने कहा कि कॉटन के दाम में मजबूती रहने से किसानों को आने वाले दिनों में उनकी फसल का अच्छा भाव मिल सकता है।
नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| नोएडा पुलिस ने रविवार को डीएनडी फ्लाईवे पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ की गई बदसलूकी पर खेद जताया है। प्रियंका गांधी हाथरस सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जा रही थी जब पुलिस ने उन्हें रोका था। इस दौरान वहां जम कर हंगामा हुआ था। नोएडा पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, "नोएडा पुलिस को डीएंडडी पर एक अनियंत्रित भीड़ को संभालने के दौरान प्रियंका गांधी के साथ हुई घटना पर गहरा अफसोस है। मुख्यालय ने इसका स्वत: संज्ञान लिया और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा जांच का आदेश दिया। हम नोएडा पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं की गरिमा, हमारे लिए सर्वोपरि है।"
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शनिवार को दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएंडडी) फ्लाईवे पर उस समय धक्का दिया गया था जब वो अपने एक पार्टी कार्यकर्ता का नोएडा पुलिस से लाठीचार्ज के दौरान बचाव कर रही थी। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और कई कांग्रेस कार्यकर्ता पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाने की कोशिश कर रहे थे।
हंगामे के दौरान कैद किए गए वीडियो में प्रियंका एक कांग्रेस कार्यकर्ता को बचाने के लिए बैरिकेड से कूदते हुए दिख रही हैं। हालांकि बाद में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने गए।
--आईएएनएस
भोपाल, 4 अक्टूबर (आईएएमएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में द्वंद्व जारी है। दोनों ही राजनीतिक दल अब तक सभी उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पाए हैं।
राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना प्रस्तावित है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन स्थानों में से 27 स्थानों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, तो एक स्थान पर भाजपा का उम्मीदवार जीता था। इस तरह इन 28 स्थानों पर विधानसभा के उपचुनाव होना है।
उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से दो सूचियां जारी की जा चुकी हैं। इनमें कुल 24 उम्मीदवारों के नाम थे। चार स्थानों पर उम्मीदवारों के नामों का फैसला नहीं हो पाया है। पार्टी में इसको लेकर खींचतान भी चल रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने आधिकारिक तौर पर अभी तक एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। वैसे, पार्टी की ओर से यही कहा जा रहा है कि 25 वे नेता पार्टी के उम्मीदवार होंगे जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं, उनका चुनाव लड़ना तय है। शेष तीन स्थानों को लेकर भाजपा में भी आम राय नहीं बन पा रही है।
कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अंदरूनी खींचतान के दौर से गुजर रहे हैं। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के भीतर सबसे ज्यादा खींचतान भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र को लेकर है, पार्टी में यहां के उम्मीदवार के नाम पर अलग-अलग राय है और उसी के चलते सहमति नहीं बन पा रही है। इसी तरह भाजपा में आगर-मालवा, जौरा और ब्यावरा को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है। ब्यावरा में तो असंतोष का आलम यह है कि कई कार्यकर्ता पार्टी के प्रदेश दफ्तर में आकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
उम्मीदवार चयन में हो रही देरी को लेकर दोनों ही दलों के नेता एक ही तर्क दे रहे हैं कि उम्मीदवार आम राय से तय किए जा रहे हैं, यही कारण है कि नामों का ऐलान में कुछ देरी हो रही है।
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा की मानें, तो भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के लिए उम्मीदवारों के नामों का चयन आसान नहीं है। भाजपा को जहां कांग्रेस छोड़कर आए बहुसंख्यक नेताओं को उम्मीदवार बनाने की चुनौती है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के लिए भी नए चेहरों को मैदान में लाना आसान नहीं हो रहा है। दोनों ही दल दूसरे दल से आए नेताओं को उम्मीदवार बना रहे हैं और यही कारण है कि इन राजनीतिक दलों में खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है।
--आईएएनएस
लखीमपुर खीरी, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| लखीमपुर खीरी के एक गांव में एक गरीब दलित परिवार में आपस में जुड़ी हुई जुड़वा बच्चियों के जन्म से न सिर्फ परिवार में खुशहाली आई है, बल्कि आर्थिक परेशानी की समस्या भी आन पड़ी है। ऐसे में बच्ची के माता-पिता ने मददगारों से आर्थिक सहायता की अपील की, जिससे नवजात शिशुओं की सर्जरी हो सके और उनका शरीर अलग हो सके। डंडूरी गांव में रहने वाले जुड़वा बच्चियों के पिता राम कुमार गौतम दिहाड़ी मजदूर हैं।
वहीं दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में डॉक्टर इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि गुरुवार को जन्मी जुड़वा बच्चियों की डिलीवरी घर पर सुरक्षित रूप से हुई। डॉ. एसके सचान ने कहा, "हम आश्चर्यचकित हैं कि होम डिलीवरी में संयुक्त जुड़वा बच्चे बच गए, जो ऐसे मामलों में संभावित कई जटिलताओं को देखते हुए दुर्लभ है।"
जुड़वां बच्चियां ओम्फालोपैगस होते हैं, उनका पेट आपस में मिला होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में नवजात के जीवित रहने की दर सिर्फ 5 से 25 प्रतिशत है। इस तरह के जुड़वा आमतौर पर एक लिवर के साथ पैदा होते हैं, लेकिन कई बार कुछ मामले अलग भी होते हैं, जिनमें छोटी आंत और पेट का निचला हिस्सा जुड़ा रहता है।
आमतौर पर संयुक्त शिशुओं को उनकी शारीरिक रचना के कारण सीजेरियन सेक्शन डिलीवरी की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में वे घर पर एक सामान्य प्रसव के माध्यम से पैदा हुई।
नवजातों को शुक्रवार सुबह उनके पिता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां कर्मचारियों ने कहा कि वे स्वस्थ हैं। वहां से जुड़वा बच्चों को मेडिकल परीक्षण के लिए लखनऊ के एक अस्पताल में भेजा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त जुड़वा बच्चों की मृत्युदर बहुत अधिक है और उस पर लड़कियों के जन्म पर जीवित रहने की संभावना और कम हो जाती है। उन्होंने कहा, "हम शिशुओं के इलाज की संभावना की जांच करेंगे।"
--आईएएनएस
जेएनएन, मोगा,04 अक्टूबर | लंबे समय के बाद मंच पर आए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गांधी की मौजूदगी में पंजाब के कांग्रेस नेताओं को असहज कर गए। उन्होंने किसानों के मुद्दे केंद्र सरकार को घेरने के साथ-साथ अपनी ही पंजाब सरकार को भी घेरा। सिद्धू ने कहा कि जब हिमाचल की सरकार सेब पर एमएसपी दे सकती है, तो पंजाब सरकार अपनी एमएसपी क्यों नहीं दे सकती है।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब दाल और तिलहन को इंपोर्ट करता है। यहां का किसान उसे क्यों नहीं उपजा सकता। कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा के वह आभारी हैं। सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को कृषि कानूनों के खिलाफ विशेष सत्र बुलाकर इसका विरोध करने को कहा है। पंजाब को भी विशेष सत्र बुलाना चाहिए और इसके विरोध में प्रस्ताव पारित करना चाहिए और राष्ट्रपति को भेजना चाहिए।
मंच से सिद्धू ने कहा कि सबसे पहले राहुल, फिर जाखड़ और हरीश रावत के बाद कैप्टन का नाम लिया। सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि हमे स्वाबलंबी बनना पड़ेगा। सिद्धू जब बोल रहे थे तो कांग्रेस थोड़ी असहज हो गई। इस पर हरीश रावत अपनी सीट से उठ चुके थे। बाद में सिद्धू ने अपना भाषण खत्म किया, तब रावत अपनी सीट पर बैठे।
सिद्धू ने कहा कि अगर दूध भट्टी पर चढ़ा हुआ है तो उबाल आना निश्चित है। ऐसे ही अगर किसानों और लोगों में रोष आ जाए तो सरकारों का उखड़ना निश्चित है। कहा कि किसान आज अपनी एमएससी खोने को लेकर घबराया हुआ है। पंजाब व देश को हरित क्रांति चाहिए थी। हरित क्रांति के बाद पंजाब देश का अन्नदाता बना, लेकिन आज इसी पंजाब के किसान पर मार पड़ रही है।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब ने पूरे देश के राज्यों में अन्न पहुंचाया। आज केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को मारने पर तुली हुई है। कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून संसद में बिना किसी बहस के पारित किए हैं। यह फेडरल सिस्टम पर हमला है। कहा कि मंडियोंं से 5000 करोड़ आता था। इन्होंने नए कानून लाकर इसको नुकसान पहुंचाया है। नए कानूनों से मजदूर बेरोजगार हो जाएगा। यूरोप व अमेरिका में जो सिस्टम फेल हो चुका है उसे भारत में अपनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा इकट्ठे होकर नहीं लड़े तो किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कहा कि पूंजीपति वकीलों की फौज लेकर आएंगे और किसानों को बरगलाएंगे। सरकार अगर किसान को कर्ज देती है तो इसे लोन कहती है, लेकिन अगर वही सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ों का कर्ज देती है तो उसे इन्सेंटिव कहती है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह अदानी और अंबानी को निवेश के लिए पंजाब में न घुसने दे।(JAGRAN.COM)
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने रविवार को कहा कि केंद्र कोविड-19 वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराक की खरीद की योजना पर काम कर रहा है, जिसे जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अनुयायियों के लिए अपने साप्ताहिक वेबिनार 'संडे संवाद' में कहा, "सरकार की योजना है कि 40-50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाए और उसका उपयोग किया जाए। हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को कवर करना है। इसके लिए, हम बड़े पैमाने पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण इत्यादि में क्षमता निर्माण कर रहे हैं।"
मंत्री ने कहा कि नीति अयोग सदस्य, वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "वैक्सीन की खरीद केंद्रित रूप से की जा रही है और प्रत्येक खेप को वास्तविक समय तक ट्रैक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।"
हर्ष वर्धन ने कहा कि ये समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय सीमा को समझने के लिए काम कर रही हैं। समिति निर्माताओं से भारत की इन्वेंट्री के लिए अधिक से अधिक संख्या में डोज उपलब्ध कराने, आपूर्ति प्रबंधन और उच्च-जोखिम वाले समूहों की प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, "यह काम प्रगति पर है, जो टीकाकरण कार्यक्रम के तेजी से रोल-आउट सुनिश्चित करने के लिए टीके तैयार होने तक पूरा हो जाएगा।"
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और उच्च जोखिम वाले लोग सरकार की प्राथमिकता सूची में ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्यों को वैक्सीन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा, "फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सेनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और कई अन्य व्यावसायिक श्रेणियां शामिल होंगी जो मरीजों के इलाज, परीक्षण और उपचार में शामिल हैं।"
मंत्री ने कहा, "वैक्सीन को पूर्व-निर्धारित प्राथमिकता और क्रमबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, आने वाले महीनों में पूरी प्रक्रिया का विवरण साझा किया जाएगा।"
हर्ष वर्धन ने यह भी बताया कि राज्यों को बारीकी से कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है जो कि टीका के ब्लॉक स्तर वितरण के लिए आवश्यक होंगे।
उन्होंने कहा, "इस अभ्यास को इस अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।"
--आईएएनएस