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जयपुर, 21 अक्टूबर (एजेंसी)। राजस्थान की कोटा एसीबी टीम ने मंगलवार को नई दिल्ली में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने केंद्र सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सहायक महानिदेशक पंकज गोयल को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय से गिरफ्तार किया है।
राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी के कोटा कार्यालय में परिवादी ने शिकायत कि उसने आधार पहचान पत्र बनाने की फ्रेंचाइजी के लिए कई बार आवेदन किया था, लेकिन उसे फ्रेंचाइजी नहीं मिली। नई दिल्ली में स्थित यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय में सहायक महानिदेशक पंकज गोयल से उसने सम्पर्क किया।
गोयल ने फ्रेन्चाइजी आवंटित करने के बदले में मोटी रिश्वत की डिमांड की। रिश्वत कांड के अभियुक्त पंकज गोयल देश के पांच राज्यों में आधार पहचान पत्र का कार्य देख रहे हैं। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में एसीबी के कोटा ब्यूरो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर के नेतृत्व में उक्त शिकायत का सत्यापन करवाया। जिसमें पंकज गोयल के रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई।
सोनी ने बताया कि इस पर ब्यूरो के दल ने दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय में जाल बिछाकर पंकज गोयल को परिवादी से 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पंकज गोयल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। ब्यूरो टीम गोयल से पूछताछ कर रही है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर| पहली बार नवजात शिशुओं पर वायु प्रदूषण के वैश्विक प्रभाव का व्यापक विश्लेषण करने से पता चला है कि बाहरी और घरेलू प्रदूषण के कारण 2019 में 1 महीने से कम के 1.16 लाख बच्चों की मौत हुई है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से आधी से अधिक मौतें आउटडोर पीएम 2.5 से जुड़ी हैं और अन्य को ठोस ईंधन जैसे कि लकड़ी का कोयला, लकड़ी और खाना पकाने के लिए गोबर के कंडे का उपयोग करने से जोड़ा गया है।
इतना ही नहीं, 2019 में बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण बढ़े दीर्घकालिक जोखिम के चलते भारत में स्ट्रोक, दिल का दौरा, मधुमेह, फेफड़ों के कैंसर, फेफड़ों की पुरानी बीमारियों और नवजात बच्चों में होने वाले रोगों से 1.67 मिलियन यानी 16 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।
सबसे कम उम्र वाले नवजातों में ज्यादातर मौतें कम वजन और अपरिपक्व जन्म के कारण हुईं।
हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट (एचईआई) की वार्षिक ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट के अनुसार, सेहत से जुड़े जोखिमों के बीच मृत्यु के पीछे वायु प्रदूषण अब सबसे बड़ा कारक है। एचईआई एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थान है जिसे संयुक्त रूप से अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, उद्योग, नींव और विकास बैंक फंडिग करते हैं।
हालांकि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बांटी गए घरेलू एलपीजी सिलेंडर और अन्य योजनाओं ने ग्रामीण परिवारों के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई है।
कोविड-19 महामारी के दौर में यह रिपोर्ट और भी अहम हो जाती है, जो कि फेफड़ों का संक्रमण बढ़ाती है। हालांकि वायु प्रदूषण और कोविड-19 के बीच सीधा संबंध अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण हृदय और फेफड़ों की बीमारी के बढ़ने के स्पष्ट प्रमाण हैं। जाहिर है, ये कोविड-19 को लेकर चिंता बढ़ाते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर| भविष्य में नई-नई तकनीकों की मदद से जैसे-जैसे देश व दुनिया का विकास होता जाएगा, वैसे-वैसे इंसानों की नौकरियां भी खतरे में पड़ती जाएंगी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) या विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले वर्षो में 8.7 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2020' में हालांकि यह भी बात सामने आई है कि 9.7 करोड़ कई नई ऐसी भूमिकाओं का भी विकास होगा, जो मानव, मशीनें और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य लाने में मददगार साबित होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, "हालांकि आने वाले समय में जिन नई नौकरियों का विकास होगा, वे खत्म हो रही नौकरियों पर हावी रहेंगी, ठीक बीते वर्षो के विपरीत, जहां नौकरियों का निर्माण धीमा रहा, जबकि नौकरियों के खत्म होने के आंकड़ों में तेजी देखी गई।"
रिपोर्ट में कहा गया कि नियोक्ताओं को इस बात की उम्मीद है कि साल 2025 तक कार्यबल में 15.4 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी और साथ ही नए कामों में भी 7.8 फीसदी से लेकर 13.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इसमें आगे बताया गया, "इन आंकड़ों के आधार पर हम अनुमान लगाते हैं कि 2025 तक 8.7 करोड़ नौकरियां इंसानों से मशीनों में विस्थापित होंगी, जबकि 9.7 करोड़ नई भूमिकाओं का इजात होगा, जो कि मशीन, इंसानी कार्यबल और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करता हुआ दिखाई देगा।" (आईएएनएस)
बरेली (उप्र), 21 अक्टूबर| बरेली के किला पुलिस स्टेशन में कई हिंदू संगठनों के सदस्यों ने एक अन्य समुदाय के युवक के साथ भागी लड़की का पता न लगा पाने के कारण तोड़फोड़ कर दी। परिवार के अनुसार लड़की नाबालिग है और वह 17 अक्टूबर को लापता हो गई थी। पुलिस स्टेशन में इसे लेकर एफआईआर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मंगलवार की शाम को स्थानीय पुलिस को एक वीडियो भेजा गया था, जिसमें कथित तौर पर लड़की को वयस्क होने का दावा करते हुए देखा जा सकता है। लड़की ने यह भी कहा कि उसने अपनी मर्जी से युवक से शादी की थी और उसने पुलिस से यह भी अपील की कि युवक के परिवार के सदस्यों को परेशान न किया जाए।
इससे लड़की के परिवार के साथ आए हिंदू कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने किला पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ कर दी।
एडीजी (बरेली जोन) अविनाश चंद्र, डीआईजी राजेश पांडे और एसएसपी रोहित सिंह सजवान अतिरिक्त बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा, "हमने लड़की को खोजने के लिए 4 टीमें बनाईं थीं और हम लड़की को जल्द ही ढूंढ लेंगे। वहीं परिवार पर दबाव डालने वाले सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एसएचओ को पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया है।"
एडीजी ने कहा, "यह कोई 'लव जिहाद' का मुद्दा नहीं है और हम पहली प्राथमिकता पर लड़की को ढूंढ लेंगे। प्रदर्शनकारियों के बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन हमने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है।" (आईएएनएस)
श्रीनगर, 21 अक्टूबर| जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को दूसरी बार समन देने पर बुधवार को नाराजगी जाहिर की है। एक दिन पहले एजेंसी ने उनसे छह घंटे तक पूछताछ की थी। पार्टी ने 'असंतोष के किसी भी आवाज को दबाने' के एजेंडे के लिए सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने बुधवार ईडी के समन के बार में कहा कि इसका उद्देश्य फारूक अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीरमें मुख्य धारा के राजनीतिक दलों के बीच एकता कायम करने के प्रयास को रोकना है।
बार-बार ईडी द्वारा समन भेजने को दबाव बनाने की चाल करार देते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "क्या ईडी भूल गया कि उसने छह घंटे की पूछताछ के दौरान संसद के एक 83 वर्षीय सदस्य से पूछताछ की?"
उन्होंने कहा, "भाजपा कितनी बार सीबीआई, ईडी, भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो और अन्य एजेंसियों का इस्तेनमाल विपक्ष को दबाने के लिए करेगी। जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलता है या उसकी विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ साहस जुटाता है, उसे तलब किया जाता है।"
इस सप्ताह ईडी द्वारा पूछताछ के लिए फारूक अब्दुल्ला को दूसरी बार बुलाया गया है। इससे पहले, नेशनल कॉनफ्रेंस के अध्यक्ष को सोमवार को ईडी द्वारा पैसे के कथित रूप से दुरुपयोग के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। फारूक पर आरोप है कि जब वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे, तो फंड का दुरुपयोग किया था। (आईएएनएस)
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 21 अक्टूबर| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के दो अस्थायी कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) की सेवाएं कथित तौर पर हाथरस मामले को लेकर समाप्त कर दी गई हैं। दोनों डॉक्टरों में से एक, मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक ने आरोप लगाया था कि हाथरस मामले में उनकी 'राय' उनके निष्कासन के कारणों में से एक हो सकती है। मलिक ने कहा, "हमने कभी कोई बयान नहीं दिया, लेकिन हाथरस मामले में एक डॉक्टर के रूप में अपनी राय मीडियाकर्मियों को दी और जेएनएमसी से मेरे निष्कासन का यह एक कारण हो सकता है।"
सरकारी अस्पताल ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है।
मलिक ने उत्तर प्रदेश पुलिस के उस बयान का खंडन किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दलित लड़की के शरीर पर दुष्कर्म का कोई निशान नहीं था।
उन्होंने एक बयान दिया था कि 14 सितंबर के हमले के 11 दिनों बाद नमूनों को फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) में जांच के लिए ले जाए जाने का कोई मतलब नहीं बनता।
यह पुलिस के उस बयान के एकदम उलट था जिसने एफएसएल रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा था कि शरीर पर कोई सीमेन (स्पर्म) नहीं था, इसलिए कोई दुष्कर्म नहीं हुआ था।
अन्य सीएमओ जिनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया, वह ओबैद इम्तियाजुल हक हैं। उन्होंने खुद को हटाए जाने के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
डॉक्टरों को मंगलवार को एक 'अर्जेट लेटर' जारी किया गया जिसमें उनसे कहा गया कि अब उन्हें 'मेडिकल कॉलेज में आगे ड्यूटी नहीं करनी है।' उन्हें हटाने का कारण अस्पताल प्रभारी एसएएच जैदी द्वारा जारी पत्र में नहीं बताया गया था।
मलिक ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में वाइस चांसलर को एक ज्ञापन दिया है।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष मोहम्मद हमजा मलिक ने धमकी दी है कि अगर दोनों डॉक्टरों का निष्कासन रद्द नहीं किया गया तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।
वहीं, एएमयू के प्रवक्ता शफी किदवई ने कहा कि डॉक्टरों का निष्कासन और हाथरस मामले में कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने सेवा विस्तार के लिए एक प्रस्ताव भेजा था लेकिन इसे कुलपति द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, क्योंकि उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं थी। (आईएएनएस)
एक अध्ययन में कहा गया है कि 2019 में भारत और उप-सहारा अफ्रीका में पैदा हुए लाखों नवजात शिशुओं में से ज्यादातर की मृत्यु प्रदूषण के कारण हुई. खाना पकाने वाले ईंधन से निकले धुएं को अधिकतर मौत का कारण बताया गया है.
एक नए शोध में कहा गया है कि 2019 में करीब 4,76,000 नवजात शिशुओं की मौत वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव के कारण हुई. ग्लोबल एयर स्टडी के मुताबिक दो तिहाई मौत का कारण खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खराब गुणवत्ता वाले ईंधन के जलाने से हुई. शोध के मुताबिक करीब 2,36,000 शिशुओं की मौत उप-सहारा क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारणों से हुई और 1,16,000 से अधिक शिशुओं की मौत भारत में हुई. शोध कहता है कि पाकिस्तान में वायु प्रदूषण के कारण 50,000 नवजात शिशुओं की मौत हुई.
जीवन भर नकारात्मक प्रभाव
शोध के मुताबिक जब मां वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के संपर्क में आती है तो इसका असर ऐसे शिशुओं पर पड़ता है जिनका वजन पैदा होने के समय में कम था या फिर वे अपरिपक्व शिशु के तौर पर पैदा हुए थे. इससे न केवल जीवन के पहले महीने में शिशुओं के मरने का खतरा बढ़ सकता है, बल्कि अगर वे जीवित रह जाते हैं तो पूरे जीवन भर वायु प्रदूषण का नकारात्मक असर पड़ता है.
हालांकि शोध में पाया गया कि 64 फीसदी मौतें घरेलू वायु प्रदूषण के कारण हुईं. खास तौर पर दक्षिण एशिया में आस-पास के प्रदूषण ने भी एक प्रमुख भूमिका निभाई. 50 फीसदी नवजात शिशुओं की मृत्यु घर के बाहर के वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से जुड़ी थी.
शोध के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण 2019 में विश्वभर में 67 लाख लोगों की मौत हुई. उच्च रक्तचाप, तंबाकू का सेवन और खराब आहार के बाद समय से पहले मौत का चौथा प्रमुख कारण वायु प्रदूषण है. स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर स्टडी के लेखकों का कहना है कि इंसान की सेहत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बावजूद दुनिया के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत कम या ना के बराबर प्रगति हुई है. इस शोध के मुताबिक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल समेत दक्षिण एशियाई देश साल 2019 में पीएम 2.5 के उच्चतम स्तर के मामले में शीर्ष 10 में रहे हैं.
लेखकों का कहना है कि समय के साथ वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से न केवल स्थायी स्वास्थ्य की स्थिति पैदा हो सकती है, बल्कि मौजूदा महामारी के बीच लोगों को कोविड-19 के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है.
इससे पहले एक अलग शोध में बताया गया था कि यूरोप में आठ में से एक मौत का कारण वायु प्रदूषण है. यूरोपीय संघ के 27 देशों और ब्रिटेन को मिला कर 2012 के आंकड़े देखने पर पता चला कि 6,30,000 मौतें किसी ना किसी तरह से पर्यावरण से जुड़ी थी. खास कर बुजुर्गों और बच्चों की सेहत पर प्रदूषण का बड़ा असर देखा गया और इसे कैंसर और हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार बताया गया था.
एए/सीके (एएएफपी)
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा द्वारा 'लव जिहाद' के मुद्दे को उठाने से विवाद खड़ा हो गया है. सवाल उठ रहे हैं कि आयोग अंतर धार्मिक विवाहों को एक साजिश बताने वालों का साथ क्यों दे रहा है.
आयोग ने ट्वीट किया था कि रेखा शर्मा ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात में राज्य में बढ़ते 'लव जिहाद' के मामलों के बार में चर्चा की थी. "लव-जिहाद" मुस्लिम-विरोधी विचारधारा वाले कुछ लोगों द्वारा इजाद की गई शब्दावली है जिससे वो लोग अंतर-धार्मिक विवाहों को निशाना बनाते हैं. उनका आरोप है कि मुस्लिम पुरुष एक षडयंत्र के तहत हिन्दू महिलाओं को अपने "प्रेम में फंसा कर" उनसे विवाह करते हैं और फिर जबरन उनका धर्मांतरण करवा देते हैं.
खुद केंद्र सरकार संसद में दिए एक बयान में कह चुकी है कि 'लव जिहाद' जैसी किसी अवधारणा को भारतीय कानून में परिभाषित नहीं किया है और लिहाजा, इसका कोई भी मामला सरकार के संज्ञान में नहीं आया है. इसके बावजूद क्यों केंद्र सरकार की एक वैधानिक संस्था ने इस शब्दावली का इस्तेमाल किया यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
शर्मा ने इस विषय पर कोई सफाई नहीं दी है और सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा और विरोध का सामना करने के बाद ट्विट्टर पर अपने अकाउंट को लॉक कर दिया है. आयोग ने यह मुद्दा ऐसे समय पर उठाया है जब अंतर-धार्मिक विवाह पर बने आभूषणों की एक कंपनी के विज्ञापन का कुछ लोग कई जगह सुनियोजित रूप से विरोध कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन के खिलाफ मुहिम चलाने के अलावा कुछ राज्यों में कंपनी की दुकानों पर हमले भी किए गए हैं और दुकानों के मैनेजरों से जबरदस्ती माफीनामे लिखवाए गए हैं. टाटा समूह की कंपनी तनिष्क के इस विज्ञापन में एक मुस्लिम परिवार को अपनी हिन्दू बहू के लिए गोद-भराई की रस्म आयोजित करते हुए दिखाया गया था.
वीडियो के अंत में बहू अपनी सास से कहती है, "पर यह रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है ना?", जिस पर उसकी सास जवाब देती हैं, "पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है ना." सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस विज्ञापन की आलोचना की थी और आरोप लगाया कि यह "लव-जिहाद" को बढ़ावा देता है.
विज्ञापन का विरोध होने के बाद कंपनी ने उसे वापस ले लिया था. इस बीच एक वैधानिक संस्था होने के बावजूद 'लव जिहाद' जैसे मामले को उठाने के लिए आयोग की कड़ी निंदा हो रही है. पत्रकार जयराज सिंह ने ट्विट्टर पर लिखा कि महिला आयोग को इससे बेहतर अध्यक्ष मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाली अधिवक्ता करुणा नंदी ने एक ट्वीट में कहा कि एक महिला विरोधी व्यक्ति को महिला आयोग का अध्यक्ष बना कर सरकार ने यह दिखाया है कि उसे महिलाओं के अधिकारों की कोई परवाह नहीं है.
ट्विट्टर पर रेखा शर्मा के कई पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट भी लोगों ने साझा किए और यह कहा कि ये ट्वीट उनकी महिला विरोधी मानसिकता का सबूत हैं.(dw.com)
हैदराबाद, 21 अक्टूबर| तेलंगाना में कोविड-19 से रिकवरी रेट अब 90 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है। राज्य में पिछले कई दिनों से संक्रमण से ज्यादा अब रिकवरी देखी जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 1,811 मरीज इस बीमारी से उबरे, जिसके बाद ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 2,04,388 हो गई है।
राज्य में रिकवरी रेट 90.38 प्रतिशत हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 88.8 फीसदी है।
तेलंगाना में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 1,579 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 2,26,124 हो गई है। इनमें से 20,449 मरीज सक्रिय रूप से संक्रमित हैं, जिसमें से 17,071 मरीज घर पर ही आइसोलेशन में हैं।
राज्य में पांच और लोगों की कोविड-19 से मौत हुई जिसके बाद कुल मौतों की संख्या 1,287 हो गई। मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत के मुकाबले गिर कर 0.56 फीसदी रह गई है।
ग्रेटर हैदराबाद में अब कोरोनावायरस के मामलों में कमी आ रही है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में यहां कुल 256 नए मामले सामने आए। इसके बाद मेडचाल मल्काजगिरी (135), खम्मम (106), रंगारेड्डी (102) का स्थान है।
तेलंगाना में पिछले 24 घंटों में 41,475 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसके बाद नमूनों की जांच की संख्या 39,40,304 हो गई। (आईएएनएस)
आगरा, 21 अक्टूबर| आगरा विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस में एक निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा के 10 छात्रों को नकल करते पकड़ा गया। पर्यवेक्षकों ने पाया कि परीक्षा देने वाले कुछ छात्र अपने आप से ही बात कर रहे थे और बार-बार अपनी छाती पर कुछ दबा रहे थे। जब उनसे दिखाने के लिए कहा गया, तो परीक्षार्थी ने कहा कि यह एक धार्मिक प्रतीक है जिसे दिखाया नहीं जा सकता था। लेकिन आखिर में खुलासा हो गया कि ये एक पूरा झुंड है जो हाई-टेक गैजेट्स, ब्लूटूथ से जुड़े ईयरफोन और सिम-इंसुलेटेड ताबीज के जरिए नकल कर रहा था।
विश्वविद्यालय की एक समिति द्वारा जांच करने के बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अधिकारियों ने इन गैजेट्स की मदद से छात्रों को बाहर से जबाव बताए जा रहे थे।
आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने कहा है कि विश्वविद्यालय समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को एक टिप मिली थी कि कुछ छात्र परीक्षा में नकल करने वाले हैं। तब एक गोपनीय टीम बनाई गई, जिसने इन नकलचियों को पकड़ा। (आईएएनएस)
बदायूं, 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना में, एक व्यक्ति ने मामूली सी बात पर अपनी पत्नी की कथित रूप से पिटाई की, उसका सिर मुंडा दिया और उसे घर में बंद कर दिया। महिला ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में भाग लेने की जिद की थी। इस शख्स को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
यह घटना 17 अक्टूबर को बिसौली शहर में घटी और महिला तब तक बंद रही जब तक कि वह सोमवार को किसी तरह से भागकर अपनी एक रिश्तेदार के घर नहीं पहुंच गई।
फिर, वह अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गई।
31 वर्षीय सीमा देवी ने पुलिस को बताया कि उसका पति राजपाल, जो एक शराबी हैं, उसे नियमित रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
इस जोड़े की शादी को नौ साल हो चुके हैं और उनका एक बेटा भी है।
सीमा ने अपने ससुराल वालों को दोषी ठहराया और कहा कि जब उसने उनके साथ दुर्व्यवहार किया तो उन्होंने अपने बेटे का हमेशा साथ दिया।
सीमा ने कहा, "मेरे पिता के बड़े भाई का 17 अक्टूबर को निधन हो गया। वह मेरे पिता की तरह थे और मैं उन्हें आखिरी बार देखना चाहती थी, लेकिन राजपाल ने मुझे जाने नहीं दिया। जब मैंने जोर दिया, तो उसने मुझे बुरी तरह पीटा और मेरा सिर मुंडा दिया। मेरे ससुराल वालों ने भी मुझे बचाने की कोशिश नहीं की।"
उसने कहा कि वह पति के पास वापस नहीं लौटना चाहती क्योंकि उसे अपनी जान का खतरा है और अपने बेटे की सुरक्षा की चिंता है।
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बुधवार को कहा, " हमने आईपीसी की धाराओं 509 (एक महिला की मॉडस्टी का अपमान करना), 500 (मानहानि की सजा) और 498 ए (एक विवाहित महिला के खिलाफ क्रूरता) के तहत पति, उसके माता-पिता, ससुरालवालों और एक रिश्तेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पति और रिश्तेदार को हिरासत में लिया गया है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।" (आईएएनएस)
ललितपुर (उप्र), 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश के ललितपुर के एक गांव में एक ही परिवार के 7 से 14 साल की उम्र के चार बच्चे मृत मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चारों बच्चों के निधन पर दुख व्यक्त किया है और जिला प्रशासन से शोक संतप्त परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए कहा है।
यह घटना मंगलवार की शाम को सामने आई, जब कुछ लोगों ने बच्चों को एक चेक डैम के पास पानी से भरे गड्ढे में पड़ा देखा और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बचाव अभियान चलाया और बच्चों को निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पीड़ितों के परिवार ने आरोप लगाया है कि बच्चों की हत्या उसी गांव में रहने वाले उनके परिजनों ने की है, जिनके साथ उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है।
पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। (आईएएनएस)
जम्मू, 21 अक्टूबर| सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने के बाद जम्मू में वकील दीपिका सिंह राजावत के घर के बाहर कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया। राजावत एक समय कठुआ बलात्कार और हत्या के मामले से जुड़ी रहीं थीं और कुछ समय के लिए पीड़ित परिवार की वकील थीं। घर के बाहर भीड़ इकट्ठा होने के बाद राजावत ने पुलिस को फोन कर कहा था कि वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
वकील ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी पोस्ट की थी, जो कथित रूप से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली थी। यह टिप्पणी नवरात्रि उत्सव के पहले दिन की गई की गई थी, इसलिए इसने लोगों को ज्यादा आहत किया।
राजावत ने जनवरी 2018 में कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव में 8 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद माता-पिता की ओर से केस लड़ा था।
बाद में आरोपियों को पठानकोट (पंजाब) में जिला और सत्र न्यायाधीश अदालत ने दोषी ठहरा दिया था। (आईएएनएस)
लखनऊ, 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस की रफ्तार शिथिल होती जा रही है। प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत अब बढ़कर 91.91 हो गया है। राज्य में पिछले चौबीस घंटों के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के 2,351 नए रोगी मिले हैं। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में एक दिन में कुल 1,51,314 सैम्पल की जांच की गयी। अब तक कुल 1,32,98,742 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 2,351 नये मामले आये हैं। पिछले 33 दिनों मंे लगातार नये मामलों में गिरावट आ रही है।
उन्होंने कहा कि अब रिकवरी रेट बढ़कर 91.91 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर के 88 फीसद से बेहतर है। वहीं नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वाले रोगियों की संख्या ज्यादा होने के कारण एक्टिव केस घटकर 30,416 रह गए हैं। अब तक कुल 4.59 लाख लोग कोरोना की गिरफ्त में आए हैं, जिसमें 4.22 लाख मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
यूपी में 17 सितंबर को सबसे ज्यादा 68,235 एक्टिव केस थे। तब कोरोना वायरस के 3.54 लाख रोगी थे, जिसमें 2.83 लाख स्वस्थ होने से रिकवरी रेट 80 फीसद था। तब से लगातार 33 दिनों से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। अब तक 55.43 फीसद केस घटे हैं।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 2,562 लोग इलाज करा रहे है। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,74,44,903 घरों के 13 करोड़ 52 लाख जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।
प्रसाद ने बताया कि 18 अक्टूबर को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों मंे 6,664 बच्चों का जन्म हुआ है। जिनमें से 6,513 सामान्य और 155 सिजेरियन डिलीवरी हुयी है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण की वजह से जिन बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है उन बच्चों एवं महिलाओं को चिन्हित कर नवम्बर माह से एक विशेष अभियान के तहत टीकाकरण कराया जायेगा। इसकी तैयारियां स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी हैं। यह बच्चे व महिलाएं एक से 15 अक्टूबर तक चलाए गए दस्तक अभियान में चिन्हित किए गए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर| दिल्ली सरकार ने 'प्रतिबंधित समय में शराब बेचने के कारण' दिल्ली जिमखाना क्लब का बार लाइसेंस कैंसल कर दिया है। आबकारी विभाग की जांच में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान भी यह क्लब शराब बेचता रहा। उप आबकारी आयुक्त रणजीत सिंह द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। साथ ही इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए जिमखाना क्लब के अधिकारियों को 27 अक्टूबर को आबकारी विभाग के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि 17 सितंबर को निरीक्षण के दौरान क्लब में एक बार सब-स्टोर पाया गया था, जिसके लिए आबकारी विभाग की कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। निरीक्षण के दौरान पूछताछ में क्लब के एक अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक पूर्व अधिकारी ने बिना मैनेजर या अन्य अधिकारियों को सूचित किए बार सब-स्टोर से शराब की बोतलें निकाल ली थीं।
आदेश में कहा गया, "यह स्पष्ट है कि इस कार्यालय के 21.04.2020 को जारी किए गए आदेश के बाद भी लाइसेंसधारी लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री में शामिल था। जबकि आदेश में सभी लाइसेंसधारी - थोक, खुदरा, होटल, क्लब और रेस्तरां को शराब बेचने से रोका गया था। इसे देखते हुए मेसर्स दिल्ली जिमखाना क्लब का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।"(आईएएनएस)
हापुड़ (उत्तर प्रदेश), 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश की एक पोक्सो कोर्ट ने छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी पाए जाने के बाद व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक सलाखों के पीछे भेज दिया। स्पेशल जज वीना नारायण ने आरोपी दलपत को दोषी ठहराया और उस पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसले में कहा गया, "पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत, अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कैद की सजा सुनाई जाती है।"
विशेष सरकारी वकील हरेंद्र त्यागी ने दोषी ठहराए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोप तय होने के बाद सिर्फ 22 दिनों में फैसला सुनाया गया है।
गौरतलब है कि 6 साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म किया गया था। दोषी दलपत, अमरोहा जिले का रहने वाला है और उसने 6 अगस्त को बच्ची का अपहरण कर घटना को अंजाम दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची 12 घंटे तक लापता रहने के बाद 7 अगस्त की सुबह मिली थी। वह एक खेत में बेहोश पड़ी थी और खून से लथपथ थी।
दलपत को 14 अगस्त को अमरोहा से गिरफ्तार किया गया था।
पीड़ित बच्ची के आंतरिक अंगों में गंभीर चोटें आने के बाद मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोर्ट द्वारा पिछले चार दिनों में दी गई यह दूसरी सजा है।
इस साल 15 अक्टूबर को दो दोषियों को साल 2018 में इसी जिले में 12 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए मौत की सजा दी गई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सर्वेश मिश्रा ने कहा, "अभियोजन पक्ष की मदद करने के लिए सभी प्रयास किए गए थे, चाहे वह बयान दर्ज करने या फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद गवाहों को पेश करना हो। हमें खुशी है कि न्याय इतनी जल्द मिला।" (आईएएनएस)
जयपुर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| पंजाब के बाद, अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। मंगलवार को गहलोत ने एक कैबिनेट बैठक बुलाई और घोषणा की कि सरकार 'किसानों के हित' के संरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगी।
उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद ट्वीट किया: मंत्रिपरिषद ने फैसला किया है कि राज्य के किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए विधान सभा का एक विशेष सत्र जल्द ही बुलाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, सत्र में, भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के प्रभाव पर चर्चा की जाएगी और राज्य के किसानों के हित में संशोधन बिल लाया जाएगा।
गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, हमारे 'अन्नादता' किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और हमारी पार्टी किसान विरोधी कानूनों का विरोध करती रहेगी।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में सिविल कोर्ट द्वारा फसलों की खरीद में विवादों को निपटाने के अधिकारों को बहाल करने पर चर्चा की गई। सूत्रों ने ये भी बताया कि राजस्थान में फसल खरीद से जुड़े विवादों के निपटारे की व्यवस्था मंडी समिति या सिविल कोर्ट के पास होनी चाहिए।
देश में पहली बार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मंगलवार को सर्वसम्मति से तीन विधेयक पारित किए और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए केंद्र के कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर।मैं सभी शहीदों के परिवार जनों को कहना चाहता हूं कि ये स्मारक(राष्ट्रीय पुलिस स्मारक) सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है, अब तक 35,398 पुलिस कर्मियों ने शहादत दी है... : गृह मंत्री अमित शाह
पुलिसकर्मी संभालें देश, सरकार परिजनों को संभालेगी-शाह
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे पुलिसबलों की सराहना करते हुए आज उन्हें आश्वस्त किया वे देश की आंतरिक सुरक्षा को संभाले और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी।
श्री शाह ने पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर आज यहां चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि वे आश्वस्त होकर पूरी तत्परता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालें और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण तथा उनके परिजनों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरूक है तथा रहेगी। सरकार आने वाले दिनों में प्रशिक्षण, भर्ती तथा आधुनिकीकरण की दिशा में अनेक ऐसे कदम उठाने जा रही है जिससे पुलिस बल मजबूती के साथ देश सेवा कर सकेंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवाद, साइबर अपराध और अन्य समस्याओं के कारण पुलिस की चुनौती बढी है तथा उसे विभिन्न आयामों तथा पहलुओं को ध्यान में रखकर काम करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए पुलिस का हर ²ष्टि से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे पुलिसबल सेना के साथ मिलकर मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं और अब सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर मदद ली जा रही है। इस दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है जिसके बाद पुलिसबल प्रौद्योगिकी और अपनी तत्परता के सामंजस्य से देश को बेहतर तरीके से सुरक्षित कर पायेंगे।
देश में पुलिस और आबादी के अनुपात में कमी का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय तथा अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय देश में पुलिसबलों तथा अपराधों की जांच से जुड़े वैज्ञानिकों की कमी को पूरा करने में बहुत बड़ा योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों में दिन रात सडक़ पर रहकर देश सेवा कर रहे हैं और देश तथा सरकार को इस बात का पता है कि लोग उन्हीं के कारण त्यौहार मना रहे हैं और घरों में चैन की नींद सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने शाहदत देकर देश के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि अब तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में प्राणों की आहुति दी है। अकेले इसी वर्ष 264 पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में अपने प्राण न्यौच्छावर किये। देश इनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकता।
कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति और विशेष रूप से पूर्णबंदी को लागू कराने में पुलिसकर्मियों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिसबलों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर इस लड़ाई में हिस्सा लिया और इस दौरान 343 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान में उनके इस बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस आज के दिन हर वर्ष केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उन दस जवानों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने 21 अक्टूबर 1960 को अपने से कई गुना अधिक चीनी सैनिकों का सीमा पर डटकर मुकाबला किया और देश रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। (वार्ता)
श्रीनगर, 20 अक्टूबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ जारी मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस ने कहा, "एक अज्ञात आतंकवादी पुलवामा के ककपोरा में मुठभेड़ में मारा गया। ऑपरेशन जारी है।"
मुठभेड़ आतंकवादियों और पुलिस, सेना व सीआरपीएफ की संयुक्त टीम के बीच मंगलवार दोपहर को शुरू हुई। इससे पहले सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर क्षेत्र को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने दबिश बढ़ाई, वहां छिपे आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी और जवाब में सुरक्षाबलों ने भी गोलीबारी की, जिसके फलस्वरूप जारी मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया।
बीते 24 घंटे में कश्मीर में यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले मंगलवार को एक आतंकवादी शोपियां जिले के मेलहोरा में एक मुठभेड़ मे मारा गया, जबकि एक आतंकवादी को सोमवार को ढेर किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में 4 विधेयकों को पेश किया और केन्द्र के कृषि कानूनों को 'किसान विरोधी' करार देते हुए खारिज करने की बात कही। कांग्रेस ने इन्हें 'क्रांतिकारी' प्रस्ताव बताया और कहा कि इन प्रस्तावों ने भाजपा की 'बेईमानी' को उजागर कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, "प्रस्तावित बिल क्रांतिकारी हैं और भाजपा की बेईमानी को उजागर करते हैं। यह प्रस्ताव पंजाब में संघीय ढांचे और किसानों की रक्षा के लिए पेश किए गए हैं।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा ने सितंबर में संसद द्वारा पारित किए गए तीनों केंद्रीय कानूनों के जरिए 'घोर पूंजीवाद की मदद की और किसानों के खिलाफ मिसाइल लॉन्च की थी'।
अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से कहा कि वे सभी कांग्रेस शासित राज्यों को कहें कि वे राज्य में कानूनों को पारित करें ताकि वे कृषि कानूनों को रद्द कर सकें। (आईएएनएस)|
राज्य तीनों विधेयक-कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को रद्द करना चाहते हैं।
विपक्ष के विरोध के बीच संसद ने इन तीन विधेयकों को पारित किया और फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सहमति दिए जाने के बाद सरकार ने 27 सितंबर को एक गजट अधिसूचना जारी कर दी थी जिसके बाद ये विधेयक कानून बन गए।
कानपुर(उत्तरप्रदेश), 20 अक्टूबर| गैंग्स्टर विकास दुबे तीन माह पहले पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था, लेकिन अब भी उसके खिलाफ शिकायतें सामने आ रही हैं। अब उसका नाम संपत्ति विवाद में धोखाधड़ी मामले में सामने आ रहा है। कानपुर पुलिस ने दुबे के सहयोगी महेश दीक्षित और उसकी पत्नी विजय लक्ष्मी के खिलाफ भी इस केस में मामला दर्ज किया है। एक बूढ़ी महिला ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में तीनों के खिलाफ स्वरूप नगर स्थित उसके घर के दस्तावेज के साथ फर्जीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है।
वहीं महीला ने गैंग्सटर पर उसके पति को गायब करने का आरोप लगाया है, जो 15 साल पहले गायब हो गए थे और अबतक लापता हैं।
कोतवाली पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर संजीव कांत मिश्रा के अनुसार, "शिकायतकर्ता कमला देवी ने कहा कि डेयरी के मालिक महेश और उसकी पत्नी ने उसके स्वरूप नगर स्थित घर को लेकर फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज दिखाए। उन्होंने दावा किया कि उसके(महिला के) पति ने यह घर विकास दुबे और विजय लक्ष्मी को बेच दिया है। दोनों ने महिला को घर खाली करने को कहा।"
मिश्रा ने कहा, "महिला ने रविवार को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत रविवार को एक मामला दर्ज किया गया और इस बाबत जांच शुरू की गई है।"
विकास दुबे 10 जुलाई को कथित एनकाउंटर में मारा गया था। उसके पांच सहयोगी भी विभिन्न एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं और 37 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
भोपाल/अनूपपुर, 20 अक्टूबर| मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री बिसाहू लाल सिंह के विवादित बयान पर राज्य महिला आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह की पत्नी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि इंदौर के विवेक खंडेलवाल ने मंत्री बिसाहू लाल के बयान की शिकायत की। इस शिकायत के आधार पर मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
ज्ञात हो कि बीते रोज मंत्री ने अनूपपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह की पत्नी को लेकर बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि विश्वनाथ ने अपनी पहली पत्नी का निर्वाचन के नामांकन पत्र में विवरण नहीं दिया है, जबकि रखैल का ब्यौरा दिया है। इस बयान पर बाद में मंत्री की सफाई भी आ गई थी।
ज्ञात हो कि बिसाहू लाल सिंह उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और कमल नाथ की सरकार गिराई थी। बिसाहू लाल अब अनूपपुर से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं, उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्म्ीदवार के तौर पर विश्वनाथ सिंह है। (आईएएनएस)
हाथरस (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर| हाथरस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में सामने आया है कि दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म करने और बाद में उसकी मृत्यु होने के मामले में जो 4 आरोपी हैं, उनमें से एक स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार नाबालिग है। नाबालिग आरोपी की मां के अनुसार, सीबीआई की टीम ने उनके घर आकर उनसे मार्कशीट ली थी। मां ने कहा, "मार्कशीट के साथ वे मेरे बड़े बेटे के कुछ कपड़े भी ले गए। मेरा बेटा नाबालिग है।"
हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के 4 आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं। जहां सीबीआई ने उनसे पूछताछ भी की थी। ऐसे में एक आरोपी का नाबालिग निकलना उप्र पुलिस की गलती की ओर इशारा करता है, जिसने मामले में आरोपी की उम्र को लेकर जांच नहीं की।
14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसकी दो हफ्ते बाद दिल्ली में एक अस्पताल में मौत हो गई थी। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 20 अक्टूबर| केन्द्र के 3 कृषि कानूनों को रद्द करते हुए पंजाब विधानसभा में अपनी सरकार द्वारा 4 बिल पेश करने के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को खतरा होने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह इस्तीफा देने या सरकार के बर्खास्त होने के लिए भी तैयार हैं लेकिन 'पंजाब के किसानों के साथ अन्याय' नहीं होने देंगे। अपने विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विधानसभा में उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण सीमावर्ती राज्य की शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा होने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक भावनाओं को लगनी वाली ठेस और रोजी-रोटी पर हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता हूं। अगर मेरी सरकार बर्खास्त होती है तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं। लेकिन मैं किसानों को नुकसान नहीं होने दूंगा, न उन्हें बर्बाद होने दूंगा।" उन्होंने कहा कि मैंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के मौके पर सिखों के साथ अन्याय को स्वीकार करने की बजाय सरकार छोड़ने का विकल्प चुना था।
केन्द्र को सीधी चेतावनी देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, "अगर कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो गुस्साए युवा, किसानों का साथ देने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं, अराजकता फैल सकती है। जिस तरह से चीजें चल रही हैं वे राज्य का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ सकती हैं।"
उन्होंने कहा, "80 और 90 के दशक में भी यही हुआ था जब सिख उग्रवाद ने पंजाब को जकड़ लिया था। चीन और पाकिस्तान राज्य के ऐसे हालातों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, जो पूरे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "कृषि कानूनों के नाम पर हमने वास्तव में व्यापार कानूनों को लागू किया है। यह ऐसे किसान नहीं हैं, जिनकी पहुंच राष्ट्रीय स्तर तक होगी, लेकिन व्यापारियों की होगी इसलिए इस कानून में 'व्यापार क्षेत्र' शब्द का उपयोग भी होता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस स्थिति से असहज और परेशान थे। सरकार ने कोविड-19 संकट के बीच किसानों को ऐसे कानूनों के जरिए और परेशान किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के पास खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और मैं उनका पूरा साथ दूंगा। अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे 'रेल रोको' आंदोलन छोड़कर और सड़कों से जाम हटाकर जरूरी वस्तुओं की आवाजाही होने दें।
ये तीनों विधेयक -- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 हैं, जिनका पंजाब सरकार विरोध कर रही है। (आईएएनएस)
मंदसौर, 20 अक्टूबर| मध्य प्रदेश में हो रहे उप-चुनाव में गद्दार बड़ा मुददा बना हुआ है। इसी को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुभाष सोजतिया ने सोशल मीडिया पर 'गददार रेड कार्ड' साझा किया और उसमें सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार व मंत्री हरदीप सिंह डंग पर हमला बोला। इसके बाद उनके खिलाफ चुनाव आयोग ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गद्दार रेड कार्ड अभियान चलाया था। इसी के तहत पूर्व मंत्री सोजतिया ने भी सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार और मंत्री हरदीप सिंह डंग को लेकर गददार रेड कार्ड जारी किया। इस कार्ड में कहा गया था कि डंग ने दल बदल के लिए जो रकम ली है, वह रकम बांटी जाए तो प्रति मतदाता के हिस्से में 3,757 रुपये आते हैं, क्योंकि 35 करोड़ रुपये मिले और सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में डंग को 93,169 वोट मिले थे।
इस गद्दार रेड कार्ड को लेकर डंग के निर्वाचन अभिकर्ता प्रफुल्ल यजुवेर्दी ने चुनाव आयोग से शिकायत की जिसमें कहा गया कि सोजतिया ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भाजपा उम्मीदवार डंग पर आरोप लगाए। इससे आम जनता व मतदाताओं में गलत संदेश जा रहा है। इस शिकायत पर चुनाव आयोग ने सोजतिया के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। (आईएएनएस)