राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो रहा है। कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर में मंत्रियों और सांसदों के लाइव टेलीकास्ट और बाइट के लिए मीडियाकर्मियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। रविवार को जारी आदेश में कहा गया, "मीडियाकर्मी संसद भवन परिसर में कहीं भी मंत्रियों और संसद सदस्यों की बाइट लेने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकते।"
आदेश में कहा गया है, लाइव टेलीकास्ट के लिए मोबाइल फोन का उपयोग भी पहले की तरह प्रतिबंधित रहेगा।
"मीडियाकर्मी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।"
17वीं लोकसभा का चौथा सत्र सोमवार को सुबह 9 बजे से शुरू होगा।
हालांकि, 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक निचले सदन का समय 3 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा। शनिवार और रविवार को भी तय समय अनुसार सत्र चलेगा।
राज्यसभा की बैठक सोमवार को दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी, वहीं 15 सितंबर से बैठक का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक हो जाएगा।
गुजरात के अहमदाबाद के शाहीबाग क्षेत्र में स्थित संतोषी माता मंदिर के पुजारी का एक Video सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रहा है। जिसमे पुजारी को बुर्का पहन कर मंदिर में दाखिल होते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इतना ही नहीं पुजारी के पास से एक कटार भी बरामद हुई है। जो उसने बुर्के के नीचे छुपाई हुई थी।
ये वीडियो लगभग 1 मिनट 46 सेकंड का है। इस वीडियो में बुर्का पहने इंसान को लोग टोकते हैं जिसके बाद वो सड़क किनारे बने संतोषी माता मंदिर की तरफ चला जाता है। उस इंसान को टोकते हुए वीडियो में लोग उसे बुर्का उतारने के लिए कहते हैं।
फिर ये शख़्स बुर्क़ा उतारता है। बुर्के में उसने अंदर नारंगी रंग का शर्ट और गेरुआ कुर्ता पहना रखा था। उसने अपनी कमर में एक कटार भी रखा था। इस बारे में गुजरात पुलिस ने कहा कि आरोपी दावा कर रहा है कि उसे परिवार से मिलना होता था इसलिए वो बुर्का पहनता था क्योंकि संन्यासी परिवार से नहीं मिला करते, इसलिए वो इंसान छुपकर अपने परिवार से मिलता था।
वहीं अहमदाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर राजेंद्र असारी ने कहा, ‘रजनीकांत नाम का ये इंसान संतोषी माता मंदिर का पुजारी है। आगे बताया कि इसकी मानसिक हालत सही नहीं है। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135(1) के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी को बेल पर छोड़ दिया गया है।(Newexpress)
गुजरात के अहमदाबाद के शाहीबाग क्षेत्र में स्थित संतोषी माता मंदिर के पुजारी का एक Video सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रहा है। जिसमे पुजारी को बुर्का पहन कर मंदिर में दाखिल होते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इतना ही नहीं पुजारी के पास से एक कटार भी बरामद हुई है। जो उसने बुर्के के नीचे छुपाई हुई थी।
ये वीडियो लगभग 1 मिनट 46 सेकंड का है। इस वीडियो में बुर्का पहने इंसान को लोग टोकते हैं जिसके बाद वो सड़क किनारे बने संतोषी माता मंदिर की तरफ चला जाता है। उस इंसान को टोकते हुए वीडियो में लोग उसे बुर्का उतारने के लिए कहते हैं।
फिर ये शख़्स बुर्क़ा उतारता है। बुर्के में उसने अंदर नारंगी रंग का शर्ट और गेरुआ कुर्ता पहना रखा था। उसने अपनी कमर में एक कटार भी रखा था। इस बारे में गुजरात पुलिस ने कहा कि आरोपी दावा कर रहा है कि उसे परिवार से मिलना होता था इसलिए वो बुर्का पहनता था क्योंकि संन्यासी परिवार से नहीं मिला करते, इसलिए वो इंसान छुपकर अपने परिवार से मिलता था।
वहीं अहमदाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर राजेंद्र असारी ने कहा, ‘रजनीकांत नाम का ये इंसान संतोषी माता मंदिर का पुजारी है। आगे बताया कि इसकी मानसिक हालत सही नहीं है। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135(1) के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी को बेल पर छोड़ दिया गया है।(Newexpress)
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि कामकाज सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक में भाग लेने वाले सभी दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में अधिकतम सहयोग देने का आश्वासन दिया है। संसद भवन में सुबह 11 बजे बीएसी की बैठक में भाग लेने के बाद बिड़ला ने पत्रकारों से बातचीत की।
उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल को ध्यान रखते हुए, बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सत्र के दौरान मुद्दों पर अधिक से अधिक सार्थक और सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि सभी दलों ने अधिकतम सहयोग का आश्वासन दिया है। सभी सांसद अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अपने संबोधन ने लोकसभा स्पीकर ने बताया कि बीएसी ने 36 सिटिंग के बैठक के दौरान अन्य मुद्दों और विधेयकों की सूची पर भी चर्चा की, जिसमें 18 लोकसभा और 18 राज्यसभा सदस्य शामिल हैं। बैठक में तृणमूल सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को छोड़कर लगभग सभी 15 बीएसी सदस्य शामिल हुए।
सोमवार से शुरू होने वाला मानसून सत्र 1 अक्टूबर तक चलेगा। सरकार ने इस सत्र में 23 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें 11 अध्यादेश भी शामिल हैं।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| मानसून सत्र के दौरान संसद की प्रसिद्ध कैंटीन में इस बार सांसद लजीज व्यंजन का लुफ्ज नहीं उठा सकेंगे। केवल पैक्ड खाद्य सामग्रियां हीं उपलब्ध होंगी। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।
मांसाहारी व्यंजनों को छोड़कर, सत्र के दौरान संसद में परोसे जाने वाले अन्य व्यंजन और स्नैक्स को उत्तरी रेलवे द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में इसके बंगाल स्वीट्स वेंडर के माध्यम से मंगाया जाएगा।
उत्तरी रेलवे 1968 से संसद में खानपान सेवाएं प्रदान कर रहा है। कड़े कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण, वर्तमान चालू कैंटीनों में से तीन में केवल चाय, कॉफी और कहवा बनाए जाएंगे।
यहां चीज रोल 28 रुपये में, खस्ता कचौड़ी 10 रुपये में, समोसा 10.90 रुपये में, वेजिटेबल सैंडविच 19.75 रुपये में, वेजिटेबल पेट्टी 25 रुपये में, पनीर पकौड़ा 15.90 रुपये में, वेजिटेबल कबाब 75 रुपये में, गुलाब जामुन 15.40 रुपये में उपलब्ध होंगे।
मांसाहारियों के लिए, रायता के साथ चिकन बिरयानी 100 रुपये में उपलब्ध होगा। वहीं ड्राइ पैक्ड लंच में चिकन कटलेट या फ्राइड फिश आदि होंगे, जिसकी कीमत 150 रुपये होगी।
ये सब सेसद के बाहर नॉर्थ एवेन्यू कैंटीन में बनाया जाएगा।
उत्तर भारतीय लंच में एक पनीर की सब्जी, दाल तड़का या पचमेला, जीरा राइस या मटर पुलाव, अचार, रायता या दही, दो तवा रोटी और एक मिठाई दिया जाएगा। वहीं दक्षिण भारतीय लंच में एक इडली, एक वड़ा, एक मिनी डोसा, एक मिनी उत्तपम, सांभर और चटनी दी जाएगी।
1 अक्टूबर तक जारी सत्र में वेज बिरयानी 75 रुपये में, पोहा/उपमा चटनी के साथ 55 रुपये में, इडली/वड़ा 50 रुपये में चटनी के साथ कंबो मिल्स के रूप में परोसे जाएंगे।
सेंट्रल हॉल स्थित स्नैक्स बार कैंटीन में इन पैक्ड खाद्य सामग्रियों को दिया जाएगा। सांसद रूम नंबर 70 और 73 में अपना खाना खा सकते हैं।
पहली बार सांसदों के लिए लंच के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू किए गए हैं। इस नियम के मुताबिक एक टेबल पर केवल दो या तीन सांसद ही बैठ सकेंगे।
दो अन्य कैंटीन- पार्लियामेंट एनैक्स के पास एक कैंटीन और दूसरा लाइब्रेरी बिल्डिंग के पास स्थित कैंटीन से मीडिया और कर्मचारियों को खाना दिया जाएगा। मीडियाकर्मी रूम नंबर 54 और संसद के कर्मचारी रूम नंबर 74 में भोजन ग्रहण करेंगे। वहीं रिसेप्शन वाली कैंटीन 15 अप्रैल से ही बंद है।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन अगले साल (2021) की शुरुआत में आ जाएगा। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने यहां रविवार को कही। उन्होंने कहा, "हालांकि कोई तारीख अभी तय नहीं है लेकिन वैक्सीन 2021 की शुरुआत में तैयार हो जाएगा।"
हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों और उच्च जोखिम जगहों पर काम करने वाले लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के आपातकालीन प्राधिकरण पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, "यह सहमति बनने के बाद किया जाएगा।"
कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह इस पर एक विस्तृत रणनीति तैयार कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैसे टीका लगाया जाए।
उन्होंने 'रविवार संवाद' कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। हर्ष वर्धन ने अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स के साथ बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि कोविड वैक्सीन के ट्रायल के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है।
उन्होंने कहा, "वैक्सीन सुरक्षा, लागत, इक्विटी, कोल्ड-चेन जरूरतों, उत्पादन समय-सीमा जैसे मुद्दों पर भी गहनता से चर्चा की जा रही है।"
केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि टीका पहले उन लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिनको सबसे ज्यादा इसकी जरूरत है, चाहे वो इसके लिए भुगतान कर पाएं या नहीं।
उन्होंने ये भी कहा कि इसका पहला डोज लेने में उनको खुश्ी होगी, ताकि किसी को ये न लगे कि इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
मंत्री ने देश में चल रहे वैक्सीन ट्रायल और इसके विकास पर भी जानकारी दी।
उन्होंने यह भी कहा कि एक सुरक्षित और प्रभावी टीका प्राकृतिक संक्रमण की तुलना में बहुत तेज गति से कोविड-19 के लिए प्रतिरक्षा स्थापित करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आशा है कि अगले कुछ महीनों में किसी समुदाय में हर्ड इम्युनिटी के स्तर पर एक आम सहमति बन जाएगी।
-आशीष श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| शिक्षा पर कोविड-19 लॉकडाउन का प्रभाव दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है और झुग्गी बस्तियों के बच्चों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि स्कूल बंद हैं और कक्षाएं ऑनलाइन हो गई हैं। ऑनलाइन पढ़ाई तो उन्हीं बच्चों को नसीब है, जिनके परिवार कई स्मार्ट मोबाइल फोन हैं।
कोरोना के बीच उत्पन्न स्थिति ने कमजोर, वंचित तबके के बच्चों को दुख की स्थिति में छोड़ दिया है। हालांकि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के एक समूह ने ऐसे ही कुछ बच्चों की मदद करने का बीड़ा उठाया है। पिछले 11 दिनों से, जेएनयू के लगभग 15 छात्र नियमित रूप से मधुकर बस्ती का दौरा कर रहे हैं, जो मुनिरका इलाके में एक झुग्गी बस्ती है, और वहां 30 से अधिक बच्चों को पढ़ाते हैं। जेएनयू की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की इकाई 'बस्ती की पाठशाला' नाम की इस पहल की अगुवाई कर रही है।
एबीवीपी-जेएनयू के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा, "हमने मधुकर बस्ती के स्कूली बच्चों को बिना किसी बाधा के शिक्षा प्रदान करने के लिए बस्ती की पाठशाला कार्यक्रम की शुरुआत की। हमारे स्वयंसेवक हर शाम जाते हैं और झुग्गी बस्ती के 30 से अधिक बच्चों को पढ़ाते हैं, जिनकी पढ़ाई इस वजह से बंद हो गई थी, क्योंकि वे पढ़ाई जारी रखने के लिए मोबाइल फोन नहीं खरीद सकते थे।"
चौरसिया ने कहा कि स्वयंसेवक छात्र गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और अन्य विषयों को पढ़ाते हैं। स्वयंसेवकों ने कहा कि उन्होंने बस्ती में एक खुली जगह में एक व्हाइटबोर्ड रखा है, जहां वे प्रत्येक शाम को 5 से 6 बजे के बीच बच्चों को कक्षाए देते हैं। इसके अलावा, उन्होंने इन बच्चों को अध्ययन सामग्री भी दी।
झुग्गी के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने वाली एक स्वयंसेवक मीनाक्षी चौधरी ने कहा, "बच्चों को अपने हाथों में नई किताबें, नोटबुक, पेंसिल के साथ हमारी कक्षाओं में भाग लेने के दौरान बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने हमें बताया कि वे इसे बहुत याद कर रहे थे, क्योंकि यह उन्हें अपने दोस्तों से मिलने और एक साथ पढ़ने का मौका देता है। हमने उनकी प्रतिक्रिया के बाद प्रोत्साहित महसूस किया।" मीनाक्षी फारसी भाषा में पीएचडी कर रही हैं।
बस्ती की पाठशाला कार्यक्रम के संयोजक प्रणीत दुहोलिया ने कहा कि स्वयंसेवक इन बच्चों के जीवन में एक आवश्यक भूमिका निभाकर खुश हैं। उन्होंने कहा, "मधुकर बस्ती के बच्चे हमेशा अपनी जगह पर हमें देखकर खुश होते हैं और हम भी उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर खुश होते हैं। हमारे शिक्षण कार्यक्रम को स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी और एबीवीपी-जेएनयू की एक टीम द्वारा संभव बनाया गया है। हम भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों को आगे बढ़ाते रहेंगे, क्योंकि यह बहुत अधिक संतुष्टि देता है।"
लखनऊ, 13 सितंबर | उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी सरकार बड़े बदलाव की तैयारी है. इसके तहत समूह 'ख' व 'ग' की भर्तियों में चयन के बाद पांच वर्ष तक संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करना होगा. इस दौरान हर छह माह में कर्मचारी का मूल्यांकन किया जाएगा और साल में 60 फ़ीसदी से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर हो जाएंगे. लिहाजा पांच साल बाद उन्हीं कर्मचारी को नियमित सेवा में रखा जाएगा जिन्हें 60 फ़ीसदी अंक मिलेंगे. इस दौरान कर्मचारियों को नियमित सेवकों की तरह मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे.
विभागों से मांगे गए सुझाव
जानकारी के मुताबिक कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट के समक्ष लाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए हर विभाग से सुझाव मांगे जा रहे हैं. सभी विभागों से सुझाव लेने के बाद इसे कैबिनेट में लाया जा सकता है. इसके पीछे का तर्क यह है कि इस व्यवस्था से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी. साथ ही नैतिकता देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास होगा. इतना ही नहीं सरकार पर वेतन का खर्च भी कम होगा.
गौरतलब है कि मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया में चयनित कर्मचारियों को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति दी जाती है. इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं. एक या दो वर्षों के प्रोबेशन अवधि के दौरान वे वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं. इसके बाद इन्हें नियमित किया जाता है. लेकिन प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही मौलिक नियुक्ति की जाएगी. नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा. इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे. जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी.
मृतक आश्रित कोटे पर भी होगी लागू
हिंदी दैनिक अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक प्रस्तावित व्यवस्था समस्त सरकारी विभागों के समूह ख व समूह ग के पदों पर लागू होगी. यह मृतक आश्रित कोटे से से भर्ती होने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगी. हालांकि इसके दायरे से केवल पीसीएस, पीपीएस और पीसीएस-जे के पद ही बाहर होंगे.
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| आईपीएल के आगामी सीजन से पहले ट्विटर ने रविवार को नौ विशेष इमोजी लॉन्च की जो इंग्लिश और बाकी छह भाषाओं में हैशटैग के साथ यूज में लाई जा सकेंगी। ट्विटर ने एक बयान में कहा, "इन नौ इमोजी से प्रशंसक अपनी पसंदीदा टीम को समर्थन दे सकेंगे। साथ ही प्रशंसक लाइव बातचीत में हिस्सा ले सकेंगे।"
कुछ हैशटैग जो इमोजी को अनलॉक कर सकेंगे वो हैं हैशटैगवन्फैमिली, हैशटैगव्हिसलपोडु, हैशटैगप्लेबोल्ड, हैशटैगकोरबोलोरबोजीतबो, हैशटैगसाडापंजाब, हैशटैगऔरेंजआर्मी, हैशटैगहल्लाबोल और हैशटैगयेनईदिल्ली।
आईपीएल का आगामी सीजन 19 सितंबर से संयुक्त अरबी अमीरात (यूएई) में शुरू हो रहा है। कोविड-19 के कारण इस बार आईपीएल का आयोजन यूएई में किया जा रहा है।
सीजन के पहले मैच में मौजूदा विजेता मुंबई इंडियंस का सामना चेन्नई सुपर किंग्स से होगा।
रामपुर, 13 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में स्थित रामपुर जिले के सैदनगर में परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी रचाने वाले प्रेमी जोड़े को लड़की के पिता ने गोली मार दी, जिससे ये दोनों जख्मी हो गए हैं। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
सहायक पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार ने कहा, "प्रशांत कुमार ने सितंबर की शुरुआत में उत्तराखंड के काशीपुर की एक महिला से शादी की थी। महिला के परिवारवाले इस शादी से नाखुश थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लड़की के पिता ने शनिवार को दोनों के बांह के ऊपरी हिस्से में गोली मारकर उन्हें घायल कर दिया। दंपति को जिला अस्पताल से एक अन्य स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया।"
उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
महिला का नाम कामिनी है, जिसने आरोप लगाया, "मेरे पिता विनोद कुमार गौतम काशीपुर में रहते हैं। उन्होंने सैदनगर में हमारे घर आकर मुझे और मेरे पति प्रशांत को गोली मार दी।"
एक रिश्तेदार ने बताया कि ये दोनों पीड़ित आपस में दूर के रिश्ते के भाई-बहन लगते हैं और इन्होंने परिवार की सहमति के बिना आपस में शादी की।
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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा के एक मामले में दिल्ली पुलिस की सप्लीमेंट्री (पूरक) चार्जशीट में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य विपक्षी नेताओं का नाम शामिल किए जाने की आलोचना की है और कहा है पार्टी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी। अन्य विपक्षी दल भी सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाएंगे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "हम निश्चित रूप से यह मुद्दा उठाने जा रहे हैं, क्योंकि यह आधिकारिक मशीनरी के दुरुपयोग का मामला है।"
पार्टी गैर-राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) नेताओं के साथ बातचीत कर रही है और एक संयुक्त रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और रमेश ने इस मामले पर सभी विपक्षी राजनीतिक दलों से बात की है।
दिल्ली पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अन्य को दिल्ली हिंसा के मामले में चार्जशीट में नामजद किया है।
येचुरी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है। इसकी गैर-कानूनी गतिविधियां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की राजनीति का सीधा परिणाम हैं। वे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा वैध शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से डरते हैं और विपक्ष को निशाना बनाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।"
इन लोगों को इस मामले की आरोपी देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और गुलफिशा फातिमा द्वारा किए गए खुलासे के बाद नामजद किया गया। तीनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प के बाद 24 फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा)। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया। श्रद्धांजलि देते हुए बोले- रघुवंश बाबू के निधन से बिहार और देश की शून्य पैदा हुआ है। गरीबी को समझने वाले और जमीन से जुड़े शख्स थे रघुवंश प्रसाद सिंह। बीजेपी के संगठन में था तो रघुवंश जी से लगातार परिचय रहा। टीवी डिबेट में हमारे बीच वाद-विवाद चलता था।
मोदी ने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री होने के नाते विकास कार्यों के लेकर उनके (रघुवंश प्रसाद सिंह) संपर्क में लगातार रहता था। उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं चिंता करता था और जानकारियां लेता रहता था। रघुवंश बाबू के भीतर पिछले कुछ दिनों से मंथन चल रहा था। जिन आदर्शों को लेकर चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना अब उनके लिए संभव नहीं था। उनका मन जद्दोजहद में था।
गौरतलब है कि देश में मनरेगा जैसी योजना का श्रेय यूपीए में सरकार में मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद को जाता है। आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के सबसे निकट सहयोगी रहे रघुवंश प्रसाद कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे और उन्होंने दो दिन पहले ही अपना इस्तीफा लालू प्रसाद यादव को भेजा था। जिसके जवाब में लालू ने चि_ी लिखकर उनसे कहा था, आप कहीं नहीं जा रहे हैं।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को ही आरजेडी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था और उसके बाद प्रसाद के चिर प्रतिद्वंद्वी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला पत्र लिखा था जिससे उनके भावी कदमों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया। कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने पर करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थाान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल में उनके साथ रह रहे उनके एक सहयोगी ने फोन पर यहां पीटीआई-भाषा से कहा, सिंह साहिब की स्थिति पिछली रात बहुत बिगड़ गयी। रात 11 बजकर 56 मिनट पर उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया। हम उनके कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहे है।
अच्छे और बुरे दोनों ही दौर में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह की कुछ महीने पहले पार्टी से तब अनबन हो गयी जब, चर्चा होने लगी कि माफिया डॉन से नेता बने एवं वैशाली लोकसभा क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी रमा सिंह के चलते उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
मनमोहन सिंह सरकार में प्रसाद के मंत्रिमंडल सहयोगी रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने रमा सिंह को आरजेडी में नहीं आने दिया था। उपाध्याक्ष पद से इस्तीफा देते समय उन्होंने राजद की प्राथमिक सदस्यता तो नहीं छोड़ी लेकिन वह पार्टी के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने लगे। इसके लिए उनके खराब स्वास्थ्य को कारण बताया गया।
बृहस्पतिवार को प्रसाद को भेजे हस्तलिखित पत्र में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी छोडऩे की घोषणा की और उनका यह पत्र सोशल मीडिया में आ गया। उसके अगले ही दिन रघुवंश प्रसाद सिंह ने अस्पताल से दूसरा पत्र लेकिन इस बार यह नीतीश कुमार को लिखा गया। इसे उनके मुख्यमंत्री के करीब जाने के उनके प्रयास के रूप में देखा गया।
पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)| यदि व्यक्ति ठान ले तो वह अकेला भी बड़े से बड़ा काम कर सकता है, इसका एक बढ़िया उदाहरण बिहार में सामने आया है। यहां के गया जिले के एक निवासी ने अपने गांव के खेतों में सिंचाई के लिए पानी लाने के लिए 5 किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली है लेकिन इस काम में उसे 20 साल लग गए। इमामगंज और बांकेबाजार ब्लॉक की सीमा पर बसे कोलिथवा गांव के निवासी लौंगी भुइयां के इस साहसिक काम ने बिहार के ही एक मूल निवासी 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी की याद दिला दी, जिसने 22 साल तक कड़ी मेहनत कर एक पहाड़ को चीर कर अपने गांव के लिए सड़क बना दी थी। दशरथ की मेहनत का नतीजा था कि उनके गांव से कस्बाई बाजार वजीरगंज की दूरी 55 किलोमीटर से घटकर 15 किमी रह गई।
गया के लौंगी ने जब सूखे की मार के कारण गांव के युवाओं को बाहर जाते देखा तो उन्हें पीड़ा हुई और उन्होंने यह काम करने की ठानी थी। दरअसल, गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां सिंचाई के लिए बारिश का पानी रुक नहीं पाता है। यह गांव गया शहर से लगभग 80 किमी दूर है और वन क्षेत्र से घिरा हुआ है।
चूंकि गांव में खेती के अलावा कमाई का कोई जरिया नहीं था इसलिए बड़ी संख्या में युवा काम करने बड़े शहरों में चले गए और गांव में महिलाएं-बच्चे अकेले रह गए।
ग्राम प्रधान विष्णुपत भोक्ता ने कहा, "अगस्त 2001 में उसने बागेठा सहवासी जंगल में स्थित एक प्राकृतिक जल स्रोत से गांव तक एक नहर खोदने का फैसला किया। ग्रामीण आमतौर पर अपने मवेशियों को पानी पिलाने के लिए वहीं ले जाते थे। लिहाजा लौंगी जानता था कि इसका पानी स्रोत ग्रामीणों के खेतों में सिंचाई करने के लिए पर्याप्त था लेकिन गांव तक इसका पानी पहुंचाना बड़ी चुनौती थी।"
उन्होंने आगे कहा, "लौंगी ने एक जमीनी सर्वेक्षण किया और नहर के लिए रास्ते को चिह्न्ति किया। 20 साल तक लगातार काम करने के बाद आखिरकार उसने चार फीट चौड़ी और तीन फीट गहरी नहर खोद ली। दशरथ मांझी की तरह ग्रामीणों ने उसे भी 'पागल' कहा क्योंकि वह खुदाई के लिए पारंपरिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था।"
उन्होंने आगे कहा, "उसके अथक प्रयासों को देखते हुए जिला प्रशासन भी मदद के लिए आगे आया और अब प्रशासन ने इसका नाम लौंगी नहर दिया है। उन्होंने गर्मियों के लिए बारिश का पानी इकट्ठा करने छोटा तालाब भी खोदा है।"
मनोज पाठक
पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)| संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-यूपीए) सरकार में केंद्रीय मंत्री का दायित्व निभाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह अपनी अंतिम यात्रा के अनंत सफ र पर निकल गए। अपनी गंवई अंदाज से राजनीति में पहचान बनाने वाले रघुवंश अपनी अंतिम सांस लेने के पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ दिया था, लेकिन राजनीति में उनकी पहचान 'आजादशत्रु' की थी। उनकी प्रशंसा सभी दलों के नेता करते हैं।
बिहार के वैशाली जिले के महनार प्रखंड के पानापुर शहपुर के रहने वाले रघुवंश 1977 में पहली बार बिहार परिषद का सदस्य बने और फि र वे राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ते चले गए। समाजवादी नेता रघुवंश स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते रहे। वे अपने पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी समय-समय पर खरी-खरी बातें सुनाते रहे हैं।
बिहार की वैशाली लोकसभा सीट से सांसद रहे रघुवंश प्रसाद का जन्म छह जून 1946 को वैशाली के पानापुर शाहपुर में हुआ था। उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। अपनी युवावस्था में उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलनों में भाग लिया था।
1973 में उन्हें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का सचिव बनाया गया था। 1977 से लेकर 1990 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। 1977 से 1979 तक उन्होंने बिहार के ऊ र्जा मंत्री का पदभार संभाला था। इसके बाद उन्हें लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया।
1996 में पहली बार वे लोकसभा के सदस्य बने। 1998 में वे दूसरी बार और 1999 में तीसरी बार लोकसभा पहुंचे। 2004 में डॉक्टर सिंह चौथी बार लोकसभा पहुंचे। 2004 से 2009 तक वे ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्री रहे। 2009 के लोकसभा चुनाव में लगातार पांचवी बार उन्होंने जीत दर्ज की।
10 सितंबर को उन्होंने राजद से इस्तीफो दे दिया था। हालांकि पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उन्हें पत्र लिखकर कहा था, 'आप कहीं नहीं जा रहे'।
सिंह के साथ काम करने वाले वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि ऐसे लोग अब राजनीति में दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि इनमें संघर्ष करने का अदम्य साहस था और पार्टी के प्रति समर्पण रहा।
सिंह को नजदीक से जानने वाले तिवारी कहते हैं, "कर्पूरी ठाकुर के बाद वे लालू प्रसाद के साथ एकनिष्ठ खड़े रहे। वे कभी भी किसी काम का श्रेय लेने के लिए तत्तपर नहीं होते थे। मनरेगा के लिए उन्होंने काफी मेहनत की लेकिन कभी भी श्रेय लेने की कोशिश नहीं की।"
सिंह अपने युवावस्था से ही समाजिक कायरें से जुड़े रहे, जो जीवन के अंतिम समय तक नहीं छोडा़। सिंह के भाषणों में लालू प्रसाद की छवि भी दिखाई देती थी, लेकिन वे स्पष्ट बोलते थे।
आईएएनएस ने रघुवंश प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व के विषय में जब बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और बीबीसी के संवाददाता रहे मणिकांत ठाकुर से पूछा तो उन्होंने कहा, "ऊ पर से देहाती दिखने वाले सिंह अंदर से बहुत ही ज्ञानसमृद्घ और सामाजिक, ऐतिहासिक विषयों का गहन जानकार थे।"
वे कहते हैं, "वे किसी भी गलत कायरें का विरोध करते रहे हैं। लालू यादव की नाराजगी से बेपरवाह रघुवंश बाबू ने अपने ही दल के उन निर्णयों का खुल कर विरोध किया, जिन्हें वह अनैतिक या जनविरोधी मानते थे।"
सिंह को नजदीक से जानने वाले भी कहते हैं कि उनका साधरण रहन सहन और गंवई अंदाज, लोगों से मिलने-जुलने या बतियाने के तरीके गांवों के लोगों में गहरी पैठ बनाने में मदददगार साबित होते थे।
पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में लाने की संभवना के कारण इन दिनों रघुवंश अपनी पार्टी से खासे नाराज थे। वे किसी भी हाल में रामा सिंह को पार्टी में नहीं आने देना चाह रहे थे। अपनी राजनीति शैली से उन्होंने इसका विरोध किया। स्वास्थ्य कारणों से जब वे दिल्ली एम्स में इलाजरत थे और उन्हें लगा कि वे अब इसका विरोध नहीं कर पाएंगे तब उन्होंने अपने राजनीति सहयोगी रहे और पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद को एक पत्र लिखकर कह दिया, 'अब नहीं' ।
जम्मू, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान ने पहले अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या की और फिर अपनी साली को घायल कर दिया। इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
कांस्टेबल मदन सिंह सेक्टर हेडक्वार्टर में पोस्टेड था और जम्मू का रहने वाला था।
यह घटना शनिवार रात की है जब मदन अपने परिवार के साथ घर पर था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मदन ने पत्नी के साथ बहस होने के बाद उसे गोलीोरी और फिर खुद आत्महत्या कर ली।
सूत्र ने कहा, "मदन ने अपनी साली को भी गोली मारी। वह घायल है लेकिन खतरे से बाहर है। पूरे घटनाक्रम के दौरान मदन की आठ साल की बेटी मौजूद थी। "
मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।
सीआरपीएफ ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं। यह पता लगाने की कोशिश रहेगी कि आखिरकार मदन सिंह ने परिवार को गोली क्यों चलाई।
भोपाल, 13 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) में हिस्सा ले रहे बहुसंख्यक परीक्षार्थियों में कोरोना को लेकर तनाव नजर आया। उन्हें सबसे ज्यादा तनाव इस बात को लेकर था कि अगर उन्हें जरा भी खांसी या सर्दी के लक्षण नजर आ गए तो कहीं परीक्षा केंद्र से ही बाहर न कर दिया जाए। नीट परीक्षा नेशनल टेस्ट एजेंसी के द्वारा आयोजित की जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश जारी किए गए। इन निर्देशों में परीक्षार्थी को ही यह फार्म के जरिए प्रमाणित करना था कि वे खांसी, सर्दी या बुखार से पीड़ित नहीं हैं। अगर ऐसा है तो परीक्षार्थियों केा अलग से परीक्षा देने का इंतजाम किया जाएगा।
इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों से छात्रों में यह भय था कि कहीं सर्दी, जुकाम, खांसी या बुखार होने पर उन्हें परीक्षा केंद्र से ही बाहर न कर दिया जाए।
साकेत नगर स्थित सागर पब्लिक स्कूल पर परीक्षा देने आए छात्रों ने बताया कि वे इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं खांसी आने पर उन्हें परीक्षा केंद्र से ही बाहर न कर दिया जाए अथवा उन्हें जांच के नाम पर किसी स्वास्थ्य केंद्र न भेज दिया जाए। इस तरह की बात सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय केद्र में परीक्षा दे रहे छात्रों ने भी बताई।
राजधानी में लगभग 10 हजार छात्र परीक्षा दे रहे हैं। इनमें आठ हजार भोपाल निवासी हैं तो दो हजार से ज्यादा छात्र दूसरे स्थानों से भोपाल पहुंचे हैं। इन छात्रों के लिए कुल 26 परीक्षा केंद्र राजधानी में बनाए गए हैं।
राज्य सरकार ने इन परीक्षार्थियों के लिए आने-जाने की परिवहन की मुफ्त व्यवस्था की है।
तमाम परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश करने से पहले छात्रों का तापमान लिया गया। उन्हें सैनिटाइज कराया गया। छात्रों को अपने साथ सैनिटाइजर व पानी की बोतल ले जाने की छूट दी गई। हर छात्र को ग्लब्ज पहनकर प्रवेश दिया गया। मास्क परीक्षा केंद्र की तरफ से उपलब्ध कराया गया।
नई दिल्ली, 13 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, शहरों से लौटे प्रवासी मजदूरों ने पीएम आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों के काम में तेजी लाने का बड़ा काम कर दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन मजदूरों के दम पर भारत सरकार एक रिकॉर्ड कायम करने में सफल हुई है।
द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक ‘वर्चुअल गृह-प्रवेश समारोह’ में यह बात कही। वे मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाक़े में कुछ लोगों को पीएम आवास योजना के तहत मिले मकानों के गृह-प्रवेश के अवसर पर बोल रहे थे।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, दोस्तों, कोरोना महामारी के इस काल में, तमाम बाधाओं के बीच, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश भर में कऱीब 18 लाख मकान बनाकर तैयार किये गए। इनमें से अकेले मध्यप्रदेश में एक लाख 75 हजार मकान बने हैं। जिस रफ़्तार से यह काम किया गया, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
उन्होंने कहा, सामान्य दिनों में, पीएम आवास योजना के तहत एक घर को बनने में 125 दिन लगते थे। लेकिन अब जो जानकारी मैं आप सबसे शेयर करने वाला हूँ, वो इस देश के विकास के लिहाज से बहुत ही सकारात्मक सूचना है। कोरोना काल में, हम एक घर 45 से 60 दिनों में बनाकर तैयार करने में सफल रहे हैं। यह आपदा को अवसर में बदलने का बेहतरीन नमूना है।
पीएम मोदी बोले, आप सोचेंगे कि यह कैसे संभव है? तो दोस्तों, हमारे मेहनतकश भाईयों और बहनों ने, जो कोरोना काल में शहरों से अपने गाँव लौटने को मजबूर हुए, उन्होंने इस काम की रफ़्तार बढ़ाने में बड़ी मदद की। उनके पास कौशल है और शक्ति भी, इसलिए वो इस मुहिम से जुड़े और नतीजे आपके सामने हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इन मजदूरों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत लाभ दिये गए ताकि वो अपना घर चला सकें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान काफी फायदेमंद साबित हुआ है। (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कंपलीट मेडिकल चेकअप के लिए फिर से एम्स में भर्ती कराया गया है। उन्हें सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले भर्ती कराया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कहा, "डिस्चार्ज करते समय उन्हें दी गई सलाह के अनुसार कंपलीट मेडिकल चेकअप के लिए दोबारा उन्हें भर्ती कराया गया है।"
आईएएनएस ने पहले बताया था कि सांस लेने में दिक्कत होने के बाद शाह को शनिवार रात करीब 11 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि शाह को सीएन टावर में रखा गया है, जो कि वीवीआईपी के लिए आरक्षित है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया शाह का इलाज कर रहे हैं।
बता दें कि 2 अगस्त को शाह की कोविड परीक्षण रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज हुआ था।
इसके बाद 14 अगस्त को उनका परीक्षण नेगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया था और फिर 18 अगस्त को उन्हें कोविड संक्रमण के बाद देखभाल के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 94,372 नए मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं इसी अवधि में करीब 1,112 मौतें दर्ज कंी गई। नए मामलों के साथ देश में रविवार को कोविड -19 के कुल मामले 47 लाख के पार हो गए। यहां अब तक कुल 47,54,356 मामले दर्ज किए गए हैं। कुल 47,54,356 मामलों में से, 9,73,175 सक्रिय मामले हैं, जबकि 37,02,595 लोग इस संक्रमण से ठीक हो गए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। वहीं 78,586 लोग वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई हार गए। पिछले 24 घंटों में 78,399 रोगियों को छुट्टी दे दी गई, जबकि 14,859 नए मामले सामने आए।
स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में रिकवरी दर 77.77 फीसदी है, वहीं मृत्यु दर घटकर 1.66 फीसदी रह गई है।
देश में महाराष्ट्र 10,15,681 मामलों और संक्रमण से हुई 28,726 मौतों के साथ सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार का स्थान है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में शनिवार को एक ही दिन में 10,71,702 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनके साथ अब तक 5,62,60,928 सैंपल का टेस्ट हो चुका है।
वहीं वैश्विक स्तर पर भारत कोविड -19 महामारी से प्रभावित देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है।
चेन्नई, 13 सितंबर (आईएएनएस) नेशनल एलिजीबिलिटी कम इंट्रास टेस्ट (एनईईटी) से मात्र एक दिन पहले तमिलनाडु में तीन मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवारों ने फेल हो जाने के डर से शनिवार को आत्महत्या कर ली। मदुरै में पुलिसकर्मी मुरुगसुंदरम की बेटी ज्योति श्रीदुर्गा ने शनिवार को अपने घर पर फांसी लगा ली।
इस आत्मघाती कदम को उठाने के कारण का जिक्र करते हुए श्रीदुर्गा ने सुसाइड नोट में कहा कि उसने परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी की थी, लेकिन वह परिणाम से बहुत डरी हुई थी।
हालांकि उसने इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराने का अनुरोध किया और अपने फैसले के लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी।
आत्महत्या की दूसरी घटना धर्मपुरी में हुई, जहां आदित्य नाम के एक लड़के ने खुद की जान ले ली। वहीं नमक्कल जिले में भी मोतीलाल नामक एक अन्य लड़के ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इन घटनाओं के साथ ही पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवारों की आत्महत्या की कुल संख्या चार हो गई।
इससे पहले बुधवार को ही मेडिकल के ईच्छुक छात्र विग्नेश ने एनईईटी के डर से आत्महत्या कर ली थी।
उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने ट्वीट में छात्रों की आत्महत्या पर अपना दुख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि छात्रों को चुनौतियों का सामना करने की इच्छा शक्ति विकसित करनी चाहिए। पन्नीरसेल्वम ने यह भी कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों के प्रति समर्थन को बढ़ाना चाहिए।
वहीं डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा कि एनईईटी का छात्रों पर एक अस्थिर प्रभाव है, जिसे अनीता (एनईईटी के कारण आत्महत्या करने वाली पहली छात्रा) से लेकर श्रीदुर्गा की मौत से देखा जा सकता है।
स्टालिन ने कहा कि उन्हें यह जानकर धक्का लगा कि एनईईटी के डर से श्रीदुर्गा ने आत्महत्या कर ली और कहा कि मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा ही सब कुछ नहीं है और आत्महत्या इसका समाधान नहीं है।
वहीं पीएमके संस्थापक एस. रामदौस ने केंद्र सरकार से तमिलनाडु में परीक्षा रद्द करने का आग्रह किया।
मथुरा (उत्तर प्रदेश), 13 सितम्बर (आईएएनएस)| राजस्थान पुलिस के 82 वर्षीय पूर्व पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) कान सिंह भाटी की मौत हो गई है। उन्हें भरतपुर के शाही वंशज राजा मान सिंह के '35 साल पहले किए गए एनकाउंटर' के लिए हाल ही में 10 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। भाटी की मौत जयपुर के एक अस्पताल में हुई। मथुरा जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने संवाददाताओं से कहा कि कान सिंह भाटी को पेट से जुड़ी समस्या होने के बाद 8 सितंबर को मथुरा के जिला अस्पताल में रेफर किया गया था। फिर उन्हें आगरा के एस.एन.मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इसके बाद भी जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में भेजा गया। वहां शनिवार तड़के उनकी मौत हो गई।
मैत्रेय ने बताया कि जिला अस्पताल भेजे जाने से पहले उनका कोविड परीक्षण किया गया था और वह निगेटिव आया था। जयपुर में पोस्टमार्टम होने के बाद उनका शव परिजनों को दे दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में हुई एमआरआई में उनके शरीर में खून के थक्के पाए गए थे।
भाटी को मथुरा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश साधना रानी द्वारा 22 जुलाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद मथुरा की जिला जेल में रखा गया था।
इस मामले में न्यायाधीश ने तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी और एसएचओ वीरेंद्र सिंह को आईपीसी की धारा 302 और 148 के तहत दोषी माना था। वहीं तीन अन्य पुलिसकर्मी हरि किशन, कान सिंह सिरवी और गोविंद राम पर आईपीसी की धारा 218 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बता दें कि राजा मान सिंह को 1985 में तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर के हेलीकॉप्टर को अपनी जीप से दुर्घटनाग्रस्त करने के एक दिन बाद मुठभेड़ में मार दिया गया था।
माथुर भरतपुर में सेवानिवृत्त नौकरशाह विजेंद्र सिंह के प्रचार के लिए गए थे। सिंह को कांग्रेस पार्टी ने 7 बार के निर्दलीय विधायक मान सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा था।
राजा मान सिंह इस बात से नाराज थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ बैठक से पहले कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने उनके पोस्टर फाड़ दिए थे।
मैनपुरी (यूपी), 13 सितंबर (आईएएनएस)| मैनपुरी के नगला कोंडर गांव में 15 साल के लड़के की उसके चचेरे भाई ने कुल्हाड़ी से हमला कर बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या के पीछे की वजह सिर्फ इतनी है कि नाबालिग ने आरोपी के पंप का उपयोग कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
खबरों के मुताबिक, 11 वीं कक्षा का छात्र रॉबिन यादव अपने खेत पर जुताई करने गया था, तभी उसके चचेरे भाई राहुल यादव (26) ने उस पर हमला कर दिया।
पुलिस ने बताया कि उन दोनों के परिवारों के बीच सिंचाई के लिए पंप सेट के उपयोग को लेकर विवाद था। हालांकि अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि उस पंप का मालिक उन दोनों में से किसका परिवार है।
दिलचस्प बात यह है कि विवाद के बावजूद दोनों के परिवार एक ही घर में एक साथ रह रहे थे। वहीं मृतक के पिता विनोद यादव की पहले मौत हो चुकी है।
मृतक के परिवार के सदस्यों ने दन्नाहार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी राहुल यादव समेत 3 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
मैनपुरी के एसपी अजय कुमार ने कहा कि उनके बीच दो दिन पहले भी झड़प हुई थी। पुलिस भी मौके पर पहुंची थी और उनके परिवार के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझ भी गया था।
शनिवार को रॉबिन जब खेत पर जुताई करने जा रहा था तो उस पर पीछे से हमला किया गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
नयी दिल्ली 13 सितंबर (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलोें में लगातार हो रही वृद्धि से शनिवार देर रात तक इस महामारी के सक्रिय मामले 14 हजार से अधिक बढ़कर 9.72 लाख के पार पहुंच गये हैं।
देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामले 9,72,444 हो गये हैं और इनमें से 75 फीसदी से अधिक मामले नौ सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से हैं। कुल सक्रिय मामलों में महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश का योगदान 50 फीसदी है।
महाराष्ट्र इस सूची में 2,79,768 मामलों के साथ शीर्ष पर है। उसके बाद कर्नाटक में 97,815 मामले और आंध्र प्रदेश में 95,733 सक्रिय मामले हैं।
विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार देर रात तक संक्रमण के 77,817 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 47,35,196 हो गयी है। इस दौरान कोरोना मुक्त लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है और 62,238 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त लोगों की संख्या 36,83,676 हो गयी है। इसी अवधि में 919 मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 78,422 हो गयी है।
विश्व में कोरोना की स्थिति की बात करें तो अमेरिका में इस वायरस के संक्रमितों की सबसे अधिक संख्या 64.46 लाख के पार पहुंच गयी है और अब तक 1.93 लाख से अधिक लोगों की इससे जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है।
अब तीसरे नंबर पर स्थित ब्राजील में अब तक 42.82 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं जबकि 1.30 लाख से अधिक के लोगों की मौत हो गयी है। मौत के मामले में ब्राजील अब भी दूसरे स्थान पर है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामलों में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
देश में सक्रिय मामले 20.52 प्रतिशत और रोग मुक्त होने वालों की दर 77.80 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.65 फीसदी है।
महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 22,084 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10,37,765 हो गयी है। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी तथा इस दौरान 13,489 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 7,28,512 हो गयी है। राज्य में 391 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 29,115 हो गयी है।
चिंता की बात यह है कि राज्य में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या आज 8,202 बढ़कर 2,79,768 हो गयी है।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड पॉइंट के बदले उपहार देने के बहाने पूरे भारत में ठगी करने का काम करते थे। इस मामले से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, आरोपियों की पहचान मनीष गुप्ता, अभिषेक और आशिष के रूप में हुई।
पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों के खातों से 6 लाख रुपये भी जब्त किए हैं, इसके अलावा पांच मोबाइल फोन, दो कॉर्डलेस टेलीफोन, 4 लैपटॉप, 12 फर्जी सिम कार्ड, 6 एटीएम कार्ड और आठ फर्जी बैंक खातों का विवरण भी बरामद किया।
दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने कहा, "मनीष कॉल सेंटर में काम करता था, जहां से उसके दिमाग में टेली-कॉलिंग के माध्यम से मासूस लोगों को ठगने का विचार आया। 2017 में वह अन्य दो लोगों के संपर्क में आया, जो वेबसाइट डिजाइनिंग का काम करते थे और दोनो के पास मौजूदा ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड डेटा भी थे। फिर सभी ने मिलकर मासूम लोगों के साथ धोखाधड़ी की साजिश रची।"
गाजीपुर,13 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मुख्तार अंसारी और उसके परिजनों पर लगातार शिकंजा कस रहा है। करोड़ों रुपये की जमीन से कब्जा हटवाने के बाद प्रशासन ने अब उनकी पत्नी और सालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने मुख्तार की पत्नी आफसा अंसारी और साले सरजील रजा और अनवर शहजाद पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि मुख्तार अंसारी की पत्नी और दो सालों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। इसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी व उनके साले सरजील रजा और अनवर शहजाद को नामजद किया है। शहर कोतवाली में एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर कोतवाली के छावनी लाइन स्थित भूमि गाटा संख्या 162 जो कि जिलाधिकारी गाजीपुर के आदेशानुसार कुर्क शुदा जमीन है, इन लोगों ने उस पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। इसके अलावा थाना कोतवाली मौजा बवेरी में भूमि आराजी नंबर 598 कुर्क शुदा जमीन पर अवैध कब्जा किया है। साथ ही आरोपी सरजील रजा और अनवर शहजाद ने सरकारी ठेका हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किए।