राष्ट्रीय
मुंगेर, 12 जनवरी | बिहार के मुंगेर जिले के बरियारपुर थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) का एक जवान मारा गया। पुलिस के मुताबिक होमगार्ड जवान की मानसिक स्थिति खराब बताई जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार की रात बरियारपुर थाना परिसर से अचानक गोली चलने की आवाज सुनने के बाद पुलिस ने अपराधियों का हमला समझकर मोर्चा संभाल लिया। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को भी दी गई।
पुलिस अधीक्षक भी घटनास्थल पर पहुंचकर अपराधी को आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन वह गोली चलाता रहा। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपराधी को मार गिराया।
मुंगेर के पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने मंगलवार को बताया कि मृतक की पहचान हेामगार्ड जवान मोहम्मद जाहिद के रूप में की गई है। मृतक बरियारपुर थाना में ही पदस्थापित था और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बाकरपुर का रहने वाला था। उन्होंने कहा कि मृतक मानसिक रूप से भी बीमार बताया जाता है।
पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से करीब 50 राउंड फायरिंग की गई। (आईएएनएस)
जयपुर, 12 जनवरी | राजस्थान के जयपुर में एक चौंकाने वाली घटना में, एक विधवा सरकारी स्कूली शिक्षिका को उसके पड़ोसी ने इसलिए मार डाला, क्योंकि उसने अपने घर के सामने उसे कुत्ता घुमाने से मना किया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 55 साल की विद्या अपने पति के कुछ साल पहले गुजर जाने के बाद अकेली रह रही थीं। उसका बेटा मध्य प्रदेश के भोपाल में एक आईटी इंजीनियर के रूप में काम करता है। उनके भाई युगंतार शर्मा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, जो जयपुर में एसडीएम के रूप में कार्यरत हैं।
विद्या छुट्टी पर थीं क्योंकि फरवरी में उनके बेटे की शादी होनी थी।
अपराध का पता तब चला जब उन्होंने सोमवार सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट को ऑपरेट नहीं किया। उनके स्कूल के स्टाफ ने फिर उनके पड़ोसियों को फोन किया, जिन्होंने एक युवक को यह जांचने के लिए भेजा कि क्या उनके साथ सब ठीक है।
युवक उनके घर की छत पर गया और सुबह करीब 8.30 बजे उनका शव रेलिंग से लटकते देखा। उसने उनके परिवार को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज चेक किए और पड़ोसियों से भी पूछताछ की। पुलिस ने पाया कि विद्या सोमवार सुबह दूध लाने के लिए निकली थी और पड़ोसी के एक पालतू कुत्ते को लेकर पड़ोसी के साथ उनकी कहासुनी हुई थी।
पुलिस को विद्या के पड़ोस में रहने वाले दो भाइयों की संलिप्तता पर संदेह हुआ और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया। उनमें से एक, कृष्ण कुमार के चेहरे पर खरोंचें थीं और उसने कहा कि अपने पालतू कुत्ते के साथ खेलते समय उसे ये खरोंचे लगीं।
कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने विद्या की दुपट्टे से गला घोंट कर हत्या कर दी और बाद में अपराध को आत्महत्या का मामला दिखाने के लिए शव को रेलिंग से लटका दिया।
उसने पुलिस को बताया कि विद्या ने उसे तब पहचान लिया था जब वह छत से उसके घर में घुसा और जब उसने उनका गला घोंटने का प्रयास किया, तो शिक्षिका द्वारा खुद को बचाने के संघर्ष के दौरान उसके चेहरे पर खरोंच लग गई। (आईएएनएस)
लखनऊ, 12 जनवरी | लखनऊ यूनिवर्सिटी ने 'गर्भ संस्कार' में एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया है, जिसमें बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को कैसे और क्या जरूर खाना, पहनना चाहिए और कैसा व्यवहार करना चाहिए। 'गर्भ संस्कार' पर पहली कक्षा सोमवार को वर्चुअल रूप से हुई और क्वीन मैरी अस्पताल की डॉ. अमिता पांडे और आध्यात्मिक सलाहकार शिवानी मिश्रा ने वर्तमान सामाजिक संदर्भ में गर्भ संस्कार के महत्व और आवश्यकता पर एक व्याख्यान दिया।
पाठ्यक्रम की समन्वयक डॉ. अर्चना शुक्ला ने कहा कि वैदिक शास्त्रों के अनुसार, गर्भ संस्कार 16 संस्कारों में से पहला है जो मानव जीवन का एक हिस्सा है।
इस कार्यक्रम के लिए एक दिशानिर्देश तैयार किया गया है जिसमें छात्र 16 संस्कारों के बारे में जानेंगे। कार्यक्रम मुख्य रूप से परिवार नियोजन और गर्भवती महिलाओं द्वारा लिए जाने वाले पोषण पर जोर देता है। इस नए पाठ्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
छात्रों को मातृत्व की पेचीदगियों को भी पढ़ाया जाएगा और इसमें ऐसे विषय शामिल होंगे जैसे कि गर्भवती महिला को क्या पहनना चाहिए और क्या खाना चाहिए, उसे कैसा व्यवहार करना चाहिए और खुद को कैसे फिट रखना चाहिए।
पाठ्यक्रम में यह भी शामिल होगा कि किस तरह का संगीत उसके और बच्चे के लिए अच्छा है।
सूत्रों के अनुसार, स्नातकोत्तर छात्र, रिसर्च स्कॉलर्स, गृहिणियां, आईवीएफ केंद्र समन्वयक और यहां तक कि सेवानिवृत्त स्वास्थ्य अधिकारी भी डिप्लोमा कोर्स में शामिल होने वालों में से हैं।
कक्षाएं वर्चुअल रूप से संचालित की जा रही हैं और छात्र घर बैठे शामिल कर सकते हैं। पाठ्यक्रम में आहार, योग और मानव मनोविज्ञान पर कक्षाएं होंगी।
पाठ्यक्रम की शुरूआत के साथ, विश्वविद्यालय रोजगार पैदा होने की भी उम्मीद कर रहा है। एक वर्ष के पाठ्यक्रम में दो सेमेस्टर होंगे।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु गुप्ता ने कहा कि यह पाठ्यक्रम महिलाओं और बाल कल्याण कार्यक्रमों को आगे सपोर्ट करेगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 जनवरी | दिल्ली के हुमायूं मकबरे में दारा शिकोह की कब्र मिलने के सच का पता जानने के लिए संस्कृति मंत्रालय की ओर से गठित कमेटी ने 11 जनवरी 2021 (सोमवार) को हुमायूं मकबरे का दौरा किया। इसमें दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह भी साथ मौजूद रहे, जिन्होंने मकबरे में दारा शिकोह की कब्र खोजने का दावा किया है। इस दौरे पर मकबरे में कब्रों को देखा गया और तहकीकात की गई, साथ ही दावे पर चर्चा भी की गई। साथ ही कमेटी के एक मेंबर को अभी भी दावे पर संदेह है। हालांकि कमेटी के सभी मेम्बर्स अपनी-अपनी रिपोर्ट मिनिस्ट्री को जल्द सौंपेंगे।
दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर संजीव कुमार सिंह ने हुमायूं मकबरे में जिस कब्र को दारा शिकोह की कब्र बताई है, उस दावे से कमेटी के अधिकांश सदस्य सहमत हैं। हालांकि कमेटी के एक सदस्य जमाल हसन को अभी भी संदेह है।
इस कमेटी के एक मेम्बर डॉ. बी.आर. मणि ने आईएएनएस को बताया, हमारा कल का दौरा अच्छा था, कमेटी के जिन लोगो ने कब्र नहीं देखी थी उन्होंने भी देख लिया। सबकी अपनी-अपनी राय है। अब हमारी रिपोर्ट मिनिस्ट्री को जाएगी। हालांकि कमेटी के अधिकांश लोग संजीव सिंह के दावे से संतुष्ट हैं।
दरअसल, संस्कृति मंत्रालय ने हुमायूं के मकबरे में दफन दारा शिकोह की कब्र ढूंढने के लिए बीते साल जनवरी में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में आर.एस. बिष्ट, बी.आर. मणि, के.एन. दीक्षित, डॉ. के.के. मुहम्मद, सैयद जमाल हसन, बी.एम. पांडेय शामिल हैं। यह कमेटी कब्र खोजने में जुटी हुई थी।
खास बात है कि जिस हुमायूं मकबरे में दारा शिकोह की कब्र खोजने का दावा किया गया है, उससे साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी पर ही दारा शिकोह रोड भी है।
मुगल शासक शाहजहां के चार बेटों में से एक दाराशिकोह की 1659 में उसके ही भाई औरंगजेब ने राजगद्दी की लड़ाई के दौरान हत्या कर दी थी। दारा शिकोह भारतीय उपनिषद और भारतीय दर्शन का विद्वान होने के साथ उदारवादी व्यक्ति भी थे।
उदारवादी नजरिए के कारण ही मुगलशासकों में सिर्फ दारा शिकोह के चरित्र को भाजपा का मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पसंद करता है। ऐसे में वर्तमान सरकार में दारा शिकोह की कब्र की चल रही इस खोज के काफी मायने हैं। (आईएएनएस)
जीमोल उन्नी
नई दिल्ली, 12 दिसंबर | तमिलनाडु में कमल हसन की राजनीतिक पार्टी ने अपने चुनावी अभियान के तहत गृहणियों को वेतन देने का वादा किया है। उनके इस विचार का कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वागत किया है। वहीं मीडिया में पायलट जोया अग्रवाल के नेतृत्व में महिला पायलटों द्वारा सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की सबसे लंबी उड़ान पूरी करने की खबरें छाई हुई हैं।
लेकिन ये सोचने वाली बात है कि ये खबरें राष्ट्रीय श्रम सांख्यिकी में महिलाओं के काम के बेहतर आंकड़े पाने के लिए नारीवादी सांख्यिकीविदों और अर्थशास्त्रियों द्वारा लंबे समय से लड़ी जा रही लड़ाई की तुलना में सुर्खियां बटोरने में कैसे कामयाब रहीं? इतना ही नहीं वे दस्तावेज भी जो उनके भुगतान और अवैतनिक कार्यों की गिनती कर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका पूरा योगदान बताते हैं?
1988 में सेल्फ-एम्प्लॉयड यानि कि खुद का काम करने वाली महिलाओं और अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों पर राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट 'श्रमशक्ति' में कहा गया था कि "सभी महिलाएं श्रमिक हैं क्योंकि वे उत्पादक और प्रजननकर्ता हैं। यहां तक कि जब वे कामकाजी नहीं है तब भी वे इसमें शामिल हैं। वे सामाजिक रूप से उत्पादन श्रम और प्रजनन में शामिल हैं, जो सभी समाजों के अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में घर के काम करने वाली गृहणियों को सामाजिक/आर्थिक उत्पादक के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।"
महिलाओं की काम में सहभागिता को मापने के लिए दशकों से बहस चल रही है। इतना ही नहीं यह आरोप भी लगता रहा है कि सरकारी सांख्यिकीय प्रभाग पारंपरिक श्रम बल के आंकड़ों में महिलाओं के अवैतनिक कामों की अनदेखी की जाती है। काम को मापने की परिभाषाएं और मानक इंटनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) और इसके इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन लेबर स्टेटिसटिशियन (आईसीएलएस) द्वारा तय किए जाते हैं। 1982 में 13वीं आईसीएलएस ने आर्थिक रूप से सक्रिय जनसंख्या, रोजगार, बेरोजगारी औके लिए परिभाषा और मानदंड निर्धारित किए थे, जिनमें बाद में 1987, 1998 और 2008 में संशोधन किया गया।
जीडीपी पर डेटा संग्रह के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश देने वाले संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रीय खातों की प्रणाली सिफारिश करती है कि महिलाओं के प्रजनन संबंधी काम या देखभाल करने जैसे अवैतनिक कामों को देश के राष्ट्रीय खातों में गिना जाना चाहिए और उनका लेखा-जोखा भी होना चाहिए। लेकिन इस पर तर्क दिया जाता है इन अवैतनिक कामों का मूल्य राष्ट्रीय आय में आय के प्रवाह के लिए लगाए जाने वाले अनुमानों को गड़बड़ा देगी।
आईएलओ की 19वीं आईसीएलएस ने काम को मापने के लिए जो मानक बनाए हैं, वे लिंग को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं। पारंपरिक परिभाषा में श्रम बल को तीन श्रेणियों में - नियोजित, बेरोजगार और श्रम बलों (या निष्क्रिय) से बाहर, में बांटा गया है। लेकिन 19वीं आईसीएलएस में 'काम' की एक अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकीय परिभाषा पर सहमति व्यक्त की गई जिसमें ऐसी 5 प्रमुख गतिविधियां बताई गई थीं, जिनमें लोग शामिल हो सकते हैं।
पहला बड़ा बदलाव यह था कि 'काम' में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए भुगतान करने वाली और अवैतनिक गतिविधियां शामिल थीं। इसमें काम को बताने वाली गतिविधियां थीं - 1. स्वयं के उपयोग के लिए उत्पादन करना, 2. दूसरों के उपयोग के लिए वेतन या लाभ के लिए काम करना, 3. दूसरों के उपयोग के लिए काम करना लेकिन बिना भुगतान के (ए) अवैतनिक प्रशिक्षु की तरह काम करना, (बी) अन्य अवैतनिक काम और (सी) स्वयंसेवक की तरह काम करना।
दूसरा बड़ा बदलाव यह किया गया था कि एक व्यक्ति एक ही समय में एक से अधिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है।
नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसओ) अपने श्रम बल सर्वेक्षण में पहले एम्प्लॉयमेंट एंड अनएम्प्लॉयमेंट सर्वे (ईयूएस) में महिलाओं के काम को मापने के लिए पारंपरिक परिभाषा का उपयोग करता था। अब इसका नया वर्जन पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) है। वैसे तो विशेषज्ञ अब भी आईसीएलएस में उपयोग की गई परिभाषाओं के विचार से जूझ रहे हैं और एनएसओ सोच रहा है कि क्या नई परिभाषाओं को श्रम बल के आंकड़ों को इकट्ठा करने में उपयोग किया जा सकता है।
जबकि महिलाओं की वर्क फोर्स में हिस्सेदारी में कमी आ रही है। 2004-05 के एम्प्लॉयमेंट एंड अनएम्प्लॉयमेंट सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत थी जो 2017-18 के पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे में घटकर 23 फीसदी होगी। शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी क्रमश: इन वर्षों में 23 फीसदी से घटकर 18 प्रतिशत हो गई।
वैसे हाल ही में सामने आए टाइम यूज सर्वे (टीयूएस), 2019 में उम्मीद की किरण नजर आती है। यह सर्वे 20 साल पहले 1999 में 6 राज्यों में किया गया था। वहीं इस बार 5 राज्यों में किया गया था।
यदि हम 19वीं आईसीएलएस के काम की 5 गतिविधियों वाली परिभाषा का उपयोग करते हैं, तो टीयूएस में हमें पहले बदलाव के अनुसार भुगतान और अवैतनिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी हुई नजर आती है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 5 गतिविधियों में भाग लेने वाली महिलाओं के प्रतिशत को देखें तो - 1. स्वयं के उपयोग के लिए काम करने वाली, 20 प्रतिशत, 2. वेतन या लाभ के लिए दूसरों के उपयोग के लिए काम करना 18.4 प्रतिशत, 3. दूसरों के उपयोग के लिए लेकिन बिना भुगतान के काम करना - इसमें अवैतनिक प्रशिक्षु काम और स्वयंसेवक की तरह काम करने वालों का 2 प्रतिशत और अन्य अवैतनिक काम करने वालों का प्रतिशत 81 प्रतिशत है।
दूसरे प्रमुख परिवर्तन के अनुसार, एक व्यक्ति एक ही समय में एक से अधिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि टीयूएस का उपयोग करने वाले इन अनुमानों की तुलना पारंपरिक श्रम शक्ति सर्वेक्षण पीएलएफएस में सामने आई दरों से नहीं की जा सकती है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट है कि पारंपरिक तरीके से सर्वेक्षण करने की स्टैंडर्ड प्रश्नावली से एक ही समय में कई भुगतान और अवैतनिक कामों में लगीं महिलाओं के कार्य सहभागिता की गणना करना कठिन है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को किसानों के आंदोलन को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है जिनमें कृषि विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ होंगे। ये कमेटी किसानों की आपत्तियों पर विचार करेगी। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
इसके बाद से किसानों ने 26 नवंबर से इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और दिल्ली आने वाली सीमाओं को अवरुद्ध कर दिया। इसी के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी।
इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने अपनी गोपनीयता नीति को बदल दिया है. नीति बदलने से यूजर्स काफी गुस्से में हैं और इसके विकल्प को तलाश रहे हैं. भारत में कुछ यूजर्स तो व्हाट्सऐप को हटाकर अन्य ऐप डाउनलोड कर रहे हैं.
इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस देने वाले ऐप में सबसे लोकप्रिय व्हाट्सऐप ही था लेकिन उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी 2021 से ऐप को काफी नुकसान हो रहा है. नई डाटा प्राइवेसी पॉलिसी के बाद मैसेजिंग ऐप सिग्नल को इंस्टॉल करने वालों की संख्या हर रोज करीब दस लाख के करीब पहुंचने को है. व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वालों का डाटा फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ साझा करने की तैयारी में है. नए अपडेट में कहा गया है कि व्हाट्सऐप की सेवाएं जारी रखने के लिए 8 फरवरी 2021 तक नीति स्वीकार करें नहीं तो ऐप को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
रिसर्च कंपनी ऐपटॉपिया के आंकड़ों के मुताबिक 10 जनवरी को दुनियाभर में करीब 8,10,000 यूजरों ने सिग्नल ऐप को अपने मोबाइल पर इंस्टॉल किया था. यह 6 जनवरी के डाउनलोड के मुकाबले 18 गुना अधिक है. इसी दिन व्हाट्सऐप ने नई गोपनीयता नीति की घोषणा की थी. व्हाट्सऐप ने शर्तों और गोपनीता नीति को बदलते हुए यूजर्स का डाटा इस्तेमाल करने और स्वामित्व कंपनी फेसबुक के साथ लोकेशन, फोन नंबर साझा करना जोड़ दिया है. यहीं नहीं व्हाट्सऐप फेसबुक के मैसेंजर और इंस्टाग्राम के साथ भी डाटा साझा करेगा.
निजता की वकालत करने वालों ने इस कदम का विरोध किया है, उन्होंने फेसबुक द्वारा यूजर डाटा को संभालने के ट्रैक रिकॉर्ड को हवाला देते हुए नई नीति की आलोचना की है. कई सुझाव दे रहे हैं कि यूजर्स टेलीग्राम और सिग्नल जैसे मंचों का इस्तेमाल करें.
सिग्नल का कहना है कि नए यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसने नए सर्वर बिठाए हैं. अब तक गैर-लाभकारी ऐप का इस्तेमाल पत्रकार, अधिकार कार्यकर्ता ही करते आए थे. चैटिंग के लिए यह ऐप ज्यादा सुरक्षित और इंक्रिप्टेड है. सिग्नल एक ओपन सोर्स मैसेजिंग ऐप है जो गोपनीयता पर केंद्रित है.
9 जनवरी को सिग्नल ने ट्वीट किया था कि ऐप ने भारत, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, हांगकांग और स्विट्जरलैंड में एप्पल स्टोर पर शीर्ष फ्री ऐप की सूची में प्रथम स्थान हासिल कर लिया है.
एए/सीके (रॉयटर्स)
चेन्नई, 12 जनवरी | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य में 19 जनवरी से कक्षा 10 और 12 के लिए स्कूल खोल दिए जाएंगे। यहां जारी एक बयान में, पलानीस्वामी ने कहा कि स्कूलों को केवल कक्षा 10 और 12 के लिए फिर से खोला जाएगा और प्रत्येक कक्षा में 25 छात्र होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए कक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को विटामिन और जिंक की गोलियां दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 95 प्रतिशत अभिभावकों द्वारा स्कूलों को फिर से खोलने के पक्ष में इच्छा व्यक्त करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
संबंधित स्कूलों द्वारा इस महीने की 8 और 9 तारीख को अभिभावकों के विचार लिए गए और एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई जिसके बाद स्कूल खोलने का फैसला लिया गया। (आईएएनएस)
जयपुर, 12 जनवरी | राजस्थान के 33 जिलों में से 15 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। राज्य में 3,000 से अधिक पक्षी इस बीमारी के चलते मारे गए हैं। चार पक्षियों की मौत के बाद जयपुर चिड़िय़ाघर को बंद कर दिया गया है। मंगलवार को अधिकारियों ने ये जानकारी दी। मुख्य वन्यजीव वार्डन मोहनलाल मीणा ने कहा कि चार ब्लैक स्टार्क्स और कुछ बतख सोमवार को जयपुर चिड़ियाघर में मृत पाए गए, जिसके बाद चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया। कुछ पक्षी बीमार भी पाए गए। उनके नमूने जांच के लिए भोपाल लैब भेजे गए हैं।
जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, पाली, बारां, कोटा, बांसवाड़ा, सिरोही और प्रतापगढ़ जिलों में बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। सोमवार को टोंक और करौली में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।
पिछले 24 घंटों में, 264 और कौवे मृत पाए गए। इसके साथ ही राज्य में कौवों की मौतों की कुल संख्या 2,500 पहुंच गई। राजस्थान में 180 मोर, 190 कबूतर भी मृत पाए गए हैं। (आईएएनएस)
सोनीपत. कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर देर रात आत्महत्या की कोशिश करने वाले किसान लाभ सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई. 49 साल के लाभ सिंह पंजाब के लुधियाना जिले के रहने वाले थे. सोमवार को लाभ सिंह ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. उन्हें सोनपीत के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहीं पुलिस ने मृतक किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया है.
बता दें कि कुंडली बॉर्डर पर सोमवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे धरनास्थल पर एक किसान ने जहर खा लिया था. किसान की पहचान पंजाब के लुधियाना के गांव सरथला निवासी लाभ सिंह (49) के तौर पर हुई है. वह कई दिन से धरनास्थल पर ही थे. देर शाम को स्टेज के पास जाकर उन्होंने जहर निगल लिया. उनकी हालत बिगड़ऩे पर किसानों को जहर खाने की सूचना मिली. इसकी सूचना किसान नेताओं और पुलिस को दी गई.
किसान की मौत
लाभ सिंह को तत्काल एंबुलेंस से शहर के निजी अस्पताल में लाया गया. चिकित्सकों ने तत्काल उनका उपचार शुरू कर दिया था. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार जहर खाने वाले लाभ सिंह की इलाज के दौरान मंगलवार सुबह मौत हो गई.
अब तक तीन किसान खा चुके हैं जहर
कुंडली धरनास्थल पर अब तक 3 किसान जहर खा चुके हैं. जिसमें 9 जनवरी को अमरिंदर की मौत हो गई थी. पंजाब के जिला तरनतारन के गांव पटलपाई के किसान निरंजन (65) ने 21 दिसंबर को दोपहर को धरनास्थल पर सल्फास खा लिया था. उन्हें अस्पताल में उपचार दिलाकर बचा लिया गया था. अब लाभ सिंह को गंभीर हालत में अस्पताल में उपचार चल रहा है.
नई दिल्ली, 12 जनवरी| किसान यूनियनों के यह साफ कर देने के बाद कि वे कृषि कानूनों को वापस लिए बिना अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे, कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, किसानों को भ्रमित करने के लिए सरकार का प्रयास निर्थक है, किसानों को मकसद पता है और उनकी मांगें स्पष्ट हैं - कृषि विरोधी कानून वापस हो।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समिति बनाने के संकेत के बाद किसानों ने सोमवार को कहा कि वे किसी समिति के सामने पेश नहीं होंगे। एक अन्य कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक लेख में कहा, प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुनी जाय। वर्षों से, सरकारों ने कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की है, जो कि किसानों की बहुसंख्यक स्थितियों को पहचानने में विफल रही है। किसानों का आंदोलन इसी पृष्ठभूमि में समझा जाना चाहिए।
किसानों के विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस अब खुल कर समर्थन दे रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मसले पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं से भी बात की है।
कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि उसने देश में 'किसान अधिकार दिवस' आयोजित करने का फैसला किया है और 15 जनवरी को सभी राज्यों में राजभवन का घेराव करेगी।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा था, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने निर्णय लिया है कि आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में, पार्टी अपने दफतरों में किसान अधिकार दिवस आयोजित करेगी और 15 जनवरी को प्रदेशों में राजभवन का घेराव भी करेगी। (आईएएनएस)
लखनऊ, 12 जनवरी | विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो सर्कुलेट किया है, जिसमें 'अयोध्या में राम मंदिर के लिए संघर्ष' को दिखाया गया है। 'श्री राम जन्मभूमि विजय गाथा' शीर्षक वाला 13 मिनट का वीडियो अयोध्या में राम मंदिर के लिए संघर्ष की शुरुआत 1528 से शुरू होता है जब मंदिर को कथित रूप से मुगल शासक बाबर द्वारा गिरा दिया गया था, इसमें 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस को भी दिखाया गया है और राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2020 में मंदिर के लिए निर्माण को भी दर्शाया गया है।
वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "वृत्तचित्र का निर्माण अभिनेता और निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी द्वारा किया गया है। लेकिन उन्होंने वृत्तचित्र की क्रेडिट में अपना नाम नहीं दिया है। उन्होंने इसे भगवान राम की सेवा के रूप में बनाया है।"
वीएचपी के सूत्रों ने कहा कि वृत्तचित्र अनिवार्य रूप से युवा पीढ़ी के लिए है जो शायद मंदिर आंदोलन के इतिहास से परिचित नहीं हो और जिन्हें निहित स्वार्थों द्वारा गुमराह किया जा रहा था।
राम मंदिर के लिए 15 जनवरी से शुरू होने वाले विश्व हिंदू परिषद के फंड जुटाने के अभियान से पहले डॉक्यूमेंट्री लॉन्च की गई है। (आईएएनएस)
भोपाल, 12 जनवरी| मध्य प्रदेश के 41 जिलों में अब तक 1500 कौआंे और जंगली पक्षियों की मौत हो चुकी है। राज्य के 18 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला को विभिन्न जिलों से अब तक 334 सैंपल जांच के लिये भेजे गए हैं। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि भारत शासन द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुसार प्रदेश में बर्ड-फ्लू की रोकथाम के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान दिये गये निदेशरें के अनुसार प्रदेश के जल स्त्रोतों, पक्षी स्थलों, चिड़ियाघरों आदि स्थलों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। मृत पक्षी की सूचना पर तुरंत सैंपल इकट्ठा कर भोपाल लैब को भेजा जा रहा है।
प्रदेश में 18 जिले-इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, अशोकनगर, दतिया और बड़वानी में कौओं और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। प्रदेश के 41 जिलों में लगभग 1500 कौओं और जंगली पक्षियों की मौत हो चुकी है। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला को विभिन्न जिलों से अब तक 334 सैंपल जांच के लिये भेजे जा चुके हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 जनवरी| केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का मंगलवार को 48वां दिन है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों ने कह दिया है कि किसी कमेटी में मसले को ले जाना उन्हें मंजूर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट आज (मंगलवार) को फिर इस मामले में सुनवाई करेगी। अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव ने आने से कहा कि सरकार कोर्ट की आड़ में मामले को लटकाना चाहती है जो किसानों को मंजूर नहीं है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कृषि कानून जनता की चुनी हुई सरकार ने बनाया है और किसान इसे निरस्त करने की मांग सरकार से कर रही है। यह सरकार से उनकी फरियाद है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करने को लेकर पहले से घोषित उनका कार्यक्रम चलता रहेगा। बुधवार को लोहड़ी पर्व पर देशभर में किसान तीनों कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। फिर 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहले से घोषित कार्यक्रम देशभर में रहेगा और जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन भी 20 जनवरी तक चलता रहेगा। इसके बाद 23 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक राज्यों के राज भवन के सामने धरना प्रदर्शन होगा।
किसान नेता हनन मुल्ला ने एक बार फिर दोहराया कि 26 जनवरी पर जो किसान परेड का आयोजन है उससे गणतंत्र दिवस के उत्सव में कोई बाधा डालने का किसानों का कोई मकसद नहीं है। 26 जनवरी को देशभर में किसान परेड का आयोजन रखा गया है और यह कार्यक्रम गणतंत्र दिवस का मुख्य उत्सव समाप्त होने के बाद होगा। उन्होंने कहा किसान शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहा है और आगे भी उनका प्रदर्शन इसी प्रकार चलता रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने भी बताया कि बुधवार को लोहड़ी के अवसर पर देशभर में किसान तीनों कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा यह कानून किसानों के हित में नहीं है और इन्हें वापस ले लेना चाहिए।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर कें द्र सरकार को आड़े हाथों लिया था। मंगलवार को फिर इस मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। (आईएएनएस)
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 12 जनवरी| एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने अमेरिका की संघीय अदालत के सामने स्वीकार किया है कि वह बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले टेलीमार्केटिंग घोटाले में शामिल है। उत्तरी इलिनॉय के शिकागो में रहने वाले फेडरल प्रॉसिक्यूटर जॉन आर. लॉश ने यह जानकारी दी।
न्याय विभाग ने सोमवार को कहा कि हिरेनकुमार चौधरी ने स्वीकार किया कि उसने कई बैंक खातों को खोलने और टेलीनार्केटिंग घोटाले के पीड़ितों से धन लेने के लिए एक जाली भारतीय पासपोर्ट, गलत नाम और फर्जी पते का इस्तेमाल किया।
यह भारत में कॉल सेंटरों के जरिए किए गए घोटालों में नवीनतम मामला है, जो बुजुर्गो और अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था।
भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ अन्य लोग भी उन घोटालों में शामिल हैं जो संचालित होते रहते हैं और भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और देश के कई अरबो डॉलर वाले बैंक ऑफिस उद्योग को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
विभाग ने कहा कि धोखाधड़ी का शिकार बनी एक बुजुर्ग महिला ने अपने बैंक खाते से 900,000 डॉलर से अधिक की रकम चौधरी या धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के खातों में ट्रांसफर किया था।
विभाग ने कहा कि चौधरी ने संघीय न्यायाधीश सारा एल. एलिस के सामने 6 जनवरी को यह स्वीकार किया।
जिन लोगों पर अपराध का आरोप लगाया गया है, उन्हें अमेरिकी न्याय प्रणाली के तहत दोषी ठहराने की अपील करने या औपचारिक रूप से दोष स्वीकार करने की अनुमति है और बदले में अभियोजन पक्ष आमतौर पर उदारता और नरमी दिखाते हैं। यह बहुत संभावना नहीं है कि चौधरी को अधिकतम सजा मिलेगी।
न्याय विभाग के अनुसार, घोटाले में भाग लेने वालों ने पीड़ितों को विभाग या अन्य सरकारी एजेंसियों से होने का दावा किया और उन्हें बताया कि उनकी आइडेंटिटी चुरा ली गई थी और इससे निपटने के लिए उन्हें विभिन्न बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करनी होगी, जिनमें चौधरी द्वारा नियंत्रित अकाउंट भी शामिल थे।
भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो और अमेरिकी अधिकारियों के संयुक्त अभियान के बाद, भारत से जुड़े धोखाधड़ी पर हाल ही में, एक संघीय अदालत ने पिछले महीने चार कंपनियों को स्थायी रूप से बंद कर दिया था जो कंप्यूटर घोटाले के तहत वरिष्ठ बुजुर्गो को निशाना बना रहे थे।
एक भारतीय-अमेरिकी सहायक संघीय अभियोजक कार्तिक रमन, चौधरी पर मुकदमा चलाने वाले सरकारी वकीलों में से एक हैं। (आईएएनएस)
मुरैना (मप्र), 12 जनवरी| मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जहारीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि मौतें ज्यादा शराब पीने से हुई या शराब जहरीली थी। मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की रात को जिले के सुमावली और मानपुर थाना क्षेत्र में शराब पीने से लेागों की तबीयत बिगड़ने का सिलसिला शुरु हुआ। अब तक सुमावली में चार और मानुपर में सात लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर 11 लोगों की शराब पीने के कारण मौत हो चुकी है। वहीं बड़ी संख्या में लोग बीमार भी है, जिन्हें मुरैना जिला अस्पताल और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है।
चंबल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मनोज शर्मा ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए 11 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि मौत की वजह क्या है इसकी जांच हो रही है। (आईएएनएस)
भारत सरकार ने सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का ऑर्डर दिया था. सरकार से ऑर्डर मिलते ही मंगलवार को तड़के इंस्टीट्यूट ने डिलीवरी शुरू कर दी.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा
मंगलवार तड़के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित उत्पादन केंद्र से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप देश के अलग-अलग वैक्सीन केंद्रों के लिए तापमान नियंत्रण ट्रकों के जरिए पुणे हवाई अड्डे के लिए रवाना की गई. विमानों में लोड होने के दौरान पुणे एयरपोर्ट ने ट्वीट किया "तैयार हो जाइए. इस महामारी को मारने के लिए वैक्सीन को एयरक्राफ्ट में लोड किया जा रहा है, ताकि पूरे देश में इसका वितरण हो सके." पुणे हवाई अड्डे से वैक्सीन को हवाई मार्ग के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है.
पुणे से विशेष विमान से कोविशील्ड की वैक्सीन दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलॉन्ग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरू, लखनऊ और चंडीगढ़ भेजी जा रही हैं. उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि पुणे से एयर इंडिया, स्पाइसजेट गोएयर और इंडिगो एयरलाइंस की 9 फ्लाइट्स से वैक्सीन की 56.5 लाख खुराक अलग-अलग शहरों में पहुंचाने का काम शुरू हो गया है.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि सुबह पांच बजे से कुछ पहले तापमान नियंत्रित तीन ट्रक कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर पुणे हवाई अड्डे जाने के लिए इंस्टीट्यूट से रवाना हुए. बताया जा रहा है कि टीकों को रवाना करने से पहले पूजा भी की गई. ट्रकों में वैक्सीन के 478 बक्से लोड किए गए और एक बक्से का वजन 32 किलोग्राम है.
Civil aviation sector launches yet another momentous mission.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) January 12, 2021
Vaccine movement starts.
First two flights operated by @flyspicejet & @goairlinesindia from Pune to Delhi & Chennai have taken off. pic.twitter.com/uo11S4OvqK
पहले चरण का खर्च केंद्र देगा
कोरोना वायरस के खिलाफ शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से बात की. उन्होंने कहा, "अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है. ये चरण है- वैक्सीनेशन का. हम सभी के लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, वो दोनों ही मेड इन इंडिया है. इतना ही नहीं, चार और वैक्सीन्स प्रगति पर हैं." भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है.
केंद्र सरकार का कहना है कि देश के अलग-अलग राज्यों के स्वास्थ्य कर्मचारियों, अंग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की संख्या को मिलाकर करीब-करीब तीन करोड़ होती है और सरकार ने तय किया है कि पहले चरण में इन तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए जो खर्च होगा, वो राज्य सरकारें नहीं उठाएगी बल्कि केंद्र सरकार देगी.
Ready get set go!
— PuneAirport (@aaipunairport) January 12, 2021
Stand by India!
The vaccine to kill the disease is being loaded onto the aircrafts for distribution all over the country now.@AAI_Official @aairedwr pic.twitter.com/5lY9i4Tjdk
कितनी है एक टीके की कीमत
सोमवार को केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविड-19 के टीके कोविशील्ड की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का ऑर्डर दिया. प्रत्येक टीके पर जीएसटी समेत 210 रुपये की लागत आ रही है. सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड ने स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के नाम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किया गया है.
भोपाल, 12 जनवरी | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विवाह के लिए बालिकाओं की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 किए जाने की पैरवी की है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राजधानी के मिंटा हॉल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और जनजागृति लाने के मकसद से 'सम्मान' अभियान की शुरुआत करने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि लड़कों की शादी के लिए उम्र 21 साल है, इसी तरह लड़कियों की भी शादी के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल की जानी चाहिए। इस समय लड़कों की शादी के लिए उम्र 21 साल और लड़कियांे की 18 साल है।
इससे पहले, सम्मान अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा। आम लोगों को कानून के राज का एहसास करवाया जाएगा। गत आठ माह में अपराधियों के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाही का परिणाम है कि विभिन्न तरह के अपराधों में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। बालिकाओं और महिलाओं से जुड़े अपराधों में लिप्त लोग नरपिशाच हैं। उन्हें किसी भी स्थिति में न छोड़ा जाए। दुष्कर्मियों को तो फांसी ही मिलना चाहिए।
चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में गुम बालिकाओं के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चेकलिस्ट के अनुसार कार्यवाही होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा, जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा।
अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है। इस व्यवस्था में अब अपहृत होने वाले बच्चे के परिजन के साथ प्रत्येक 15 दिन में थाना प्रभारी और प्रत्येक 30 दिन में एसडीओपी केस डायरी के साथ बैठेंगे। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकार पत्र के अनुसार कार्यवाही हुई है या नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबालिगों के साथ घटित अपराधों में वर्ष 2020 में भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और नरसिंहपुर में पांच अपराधियों को मृत्युदंड दिया गया। गत नौ माह में प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में 19 प्रतिशत, अपहरण एवं व्यपहरण के मामलों में 23 प्रतिशत, भ्रूणहत्या में 20 प्रतिशत, छेड़छाड़ और लज्जाभंग से संबंधित अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी आई है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली , 12 जनवरी | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बच्चों के यौन शोषण मामले में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता (जेई) को कुछ चिकित्सकीय परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स में स्थानांतरित किया है। सीबीआई ने नवंबर 2020 में रामभवन को गिरफ्तार किया था, जिस पर पिछले 10 साल में लगभग 50 नाबालिगों के यौन शोषण का आरोप है। यह भी आरोप लगाया गया है कि रामभवन ने यौन शोषण की तस्वीरें और वीडियो क्लिप अश्लील साइट पर बेची थीं।
जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "सीबीआई को चिकित्सकीय परीक्षण करवाने के लिए सात दिन का समय मिलने के बाद आरोपी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को परीक्षण के लिए ले जाया गया था। एम्स के डॉक्टरों की एक टीम उसका परीक्षण कर रही है, जिसमें आरोपी का मानसिक संतुलन और एचआईवी परीक्षण शामिल है।"
चित्रकूट का रहने वाला रामभवन लंबे समय से नाबालिगों का कथित यौन शोषण करता आया है और उसे बांदा जिले से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के संबंध में आरोपी के कब्जे से आठ मोबाइल फोन और लगभग आठ लाख रुपये जब्त किए हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 12 जनवरी | बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि गाजीपुर पोल्ट्री बाजार में और उसके आसपास कोई पक्षी नहीं मारा जाए। यह दावा करते हुए कि उचित लाइसेंस के बिना और कानून द्वारा अधिदेशित बुनियादी ढांचे के अभाव में वध, यह बीमारियों के लिए एक हॉटस्पॉट बनाता है।
राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल और मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है।
दिल्ली में शहर सरकार ने जीवित पक्षियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, 24 घंटे की हेल्पलाइन स्थापित की है और दस दिनों के लिए गाजीपुर पोल्ट्री मार्केट बंद कर दिया है।
पशु अधिकार कार्यकर्ता गौरी मौलेखी ने याचिका के माध्यम से दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड को निर्देश देने की मांग की है कि गाजीपुर मंडी और उसके आसपास किसी भी पक्षियों की बलि न दी जाए। इस मामले में मंगलवार को कोर्ट में विचार किया जाएगा।
भारत में यह बीमारी मुख्य रूप से सर्दियों के महीनों यानी सितंबर-अक्टूबर से फरवरी-मार्च के दौरान भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों द्वारा फैलती है।
--आईएएनएस
चंडीगढ़, 12 जनवरी | पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय चौटाला ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष को 'सशर्त' इस्तीफा पत्र भेजा। उन्होंने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार अगर 26 जनवरी तक नए कृषि कानूनों को निरस्त करने में विफल रही तो हरियाणा विधानसभा से उनका इस्तीफा माना जाए।
वह विधानसभा में एकमात्र इनेलो विधायक हैं।
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार में उनकी पार्टी से टूटा गुट जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) हम गठबंधन सहयोगी है।
जेजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पिछले 47 दिनों से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर धरना दे रहे किसानों के मुद्दे पर जनता में उदासीन हैं, चुप्पी साधे हुए हैं।
इनेलो और जेजेपी मुख्य रूप से ग्रामीण जाट समुदाय केंद्रित पार्टी है, जिसके किसान कोर वोट बैंक हैं। जाट, एक प्रमुख कृषक समुदाय है, जिसकी राज्य में आबादी 28 प्रतिशत है।
--आईएएनएस
उत्तर प्रदेश के अस्पतालों के बारे में कथित विवादास्पद बयान देने के मामले में दिल्ली के पूर्व क़ानून मंत्री सोमनाथ भारती को रायबरेली में गिरफ़्तार किया गया है.
सोमवार को उनकी गिरफ़्तारी रायबरेली के एक गेस्ट हाउस से की गई. इससे पहले गेस्ट हाउस में ही उन पर स्याही भी फेंकी गई. बीते हफ़्ते भारती ने यूपी के सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर टिप्पणी की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रविवार को अमेठी के जगदीशपुर थाने में कई आरोपों के साथ उन पर एक मामला दर्ज किया गया. सोमनाथ भारती पर स्याही फेंके जाने की घटना के बाद ही जगदीशपुर थाने में दर्ज मामले में उन्हें गिरफ़्तार करने पुलिस की टीम गेस्ट हाउस पहुँच गई.
अख़बार के मुताबिक पुलिस ने सोमनाथ भारती के साथ ही स्याही फेंकने वाले युवक को भी गिरफ़्तार किया है.
बाद में सोमनाथ भारती को सुल्तानपुर ज़िले की एक अदालत में पेश किया गया. वहाँ उनकी जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी गई और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया. अब इस मामले में 13 जनवरी को सुनवाई होगी. (बीबीसी)
याशिका माथुर
मुंबई, 11 जनवरी | बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नया मिशन शुरू किया है कि जो छात्र स्मार्टफोन की दुर्गमता के कारण ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ हैं, वे बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त करें।
सोनू ने इससे पहले अपने 'नए मिशन' के बारे में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था।
पूछे जाने पर, उन्होंने आईएएनएस को बताया, "मुझे लॉकडाउन के दौरान पता चला है कि बहुत से बच्चे अपनी ऑनलाइन कक्षा लेने में इसलिए असमर्थ थे, क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं थी, मैं एक मंच पेश कर रहा हूं, जहां ऐसे छात्र लाभ ले सकते हैं। किसी को भी पढ़ाई छोड़ने की जरुरत नहीं है, हम ऐसे लोगों को साथ लाएंगे और उन्हें स्मार्टफोन मुहैया कराएंगे।"
सोनू ने पहले भी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए छात्रों को लगभग 100 स्मार्टफोन वितरित किए थे।
उन्होंने कहा, "कोरोना काल में हमने पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मुंबई के कुछ हिस्सों में लगभग 100 फोन वितरित किए थे।"
उन्होंने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विचार उनके करियर को बचाने के लिए है। बच्चों के माता-पिता को भी शर्मिंदा होने की जरुरत नहीं है कि उनके बच्चों की कक्षाएं छूट रही हैं। (आईएएनएस)
शिमला, 11 जनवरी | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि पहाड़ी राज्य में अब तक 4,324 प्रवासी बर्ड फ्लू के शिकार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसके आगे प्रसार की जांच करने के लिए कदम उठाने पर लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल ने एवियन इन्फ्लूएंजा को रोकने के लिए अन्य राज्यों के पोल्ट्री उत्पादों पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा कि पोंग डैम वेटलैंड में 4,324 प्रवासी पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत हो गई है। 65 रैपिड रिस्पांस टीम नियमित रूप से पौंग वेटलैंड और आसपास के क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन जिले के धरमपुर में 1,000 मरे हुए मुर्गे पक्षी पाए गए हैं, जिनका वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य जगहों में 215 पक्षी मृत पाए गए।
ठाकुर ने राज्य में जलाशयों में पक्षियों पर कड़ी निगरानी रखने और पोल्ट्री और इसके उत्पादों के उचित संचालन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को भुनाने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। पंजाब और हरियाणा में स्थिति अस्थिर दिख रही है, जहां भाजपा बैकफुट पर है।
उदाहरण के लिए रविवार को आंदोलनरत किसानों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके गृह जिले करनाल में होने वाले एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हेलीकॉप्टर तक नहीं उतरने दिया और जमकर बवाल काटा।
कांग्रेस ने सोमवार को इस घटना में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया और खट्टर को अराजकता के लिए जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सोमवार को कहा, "जो लोग किसानों के साथ हैं, उन्हें सरकार का साथ छोड़ देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विधायकों को सरकार का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए।
किसानों के आंदोलन के बीच बन रहे सरकार विरोध रुख को अवसर के तौर पर भांपते हुए कांग्रेस ने 15 जनवरी को अखिल भारतीय कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है और अपनी राज्य इकाइयों से कृषि कानूनों का कड़ा विरोध जताने को कहा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा को कम से कम हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अशांति से नुकसान होने वाला है। पंजाब को छोड़कर अन्य तीन राज्यों में भाजपा का शासन है।
उत्तराखंड में कांग्रेस के पूर्व मंत्री, नव प्रभात ने कहा, "भाजपा किसानों की अनदेखी कर रही है और कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचा रही है। इस बार, इन कानूनों के पारित होने के बाद किसानों को अपनी उपज एमएसपी से नीचे बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "किसानों के लिए जो समस्याएं पैदा हुई हैं, उसका नतीजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा।"
पंजाब में फरवरी में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव भाजपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहने वाले हैं। वहीं कांग्रेस को किसान आंदोलन के कारण यह चुनाव जीतने की पूरी उम्मीद है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की ओर से कृषि कानूनों का विरोध जताने के बाद भगवा पार्टी पंजाब में अकेली पड़ गई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि शिअद के संबंध तोड़ने के बाद भाजपा को अकेले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, "हम चुनाव के लिए तैयार हैं।"
हिमाचल प्रदेश में अभी-अभी संपन्न नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र में बढ़त बनाने में सफल रही है। यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि शहरी क्षेत्र परंपरागत रूप से भगवा पार्टी का आधार माना जाता है। (आईएएनएस)