राष्ट्रीय
इंदौर, 25 अगस्त । मध्य प्रदेश की पुलिस को आतंकी संगठन को हथियारों की सप्लाई करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को दबोचने में सफलता मिली है। ये पांचो आरोपी इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । शुक्रवार को एथेंस पहुंचते ही नरेंद्र मोदी 40 वर्षों में ग्रीस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री बन गए।
यह मोदी की ग्रीस की पहली यात्रा भी है।
एक्स पर प्रधान मंत्री ने कहा: "एथेंस पहुंचा हूं। भारत-ग्रीस मित्रता को गहरा करने के मकसद से यह एक उपयोगी ग्रीस यात्रा होगी। मैं प्रधानमंत्री कैरियाकोस मितसोताकिस के साथ बातचीत करूंगा। साथ ही भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी बातचीत करूंगा।"
साथ ही एक ट्वीट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मोदी ने "ग्रीस की अपनी पहली यात्रा के लिए ऐतिहासिक शहर एथेंस में कदम रखा है। हवाई अड्डे पर वित्त मंत्री जॉर्ज गेरापेत्रिटिस ने गर्मजोशी से स्वागत किया"।
प्रधानमंत्री अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान व्यापारिक समुदाय, भारतीय प्रवासियों और प्रमुख हस्तियों के साथ भी बातचीत करेंगे। (आईएएनएस)।
भारत में लिंग और लैंगिक पहचान में परिवर्तन कराने की स्वतंत्रता को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा समर्थन मिला है. अदालत ने सर्जरी की मदद से अपना लिंग बदलने को संवैधानिक अधिकार बताया है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के एक कांस्टेबल का है जिन्होंने अदालत से लिंग परिवर्तन की अनुमति दिलाने की अपील की थी. कांस्टेबल को जन्म पर महिला लिंग का घोषित किया गया था लेकिन उन्होंने अदालत को बताया कि वो महसूस एक पुरुष जैसा करते हैं.
यहां तक कि उन्हें महिलाओं के प्रति आकर्षण भी महसूस होता है. उन्होंने अदालत को बताया कि वो जेंडर डिस्फोरिया (लैंगिक असंतोष) महसूस करते हैं और इन कारणों से 'सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस)' करवा कर एक पुरुष के रूप में अपनी पहचान को पूरी तरह से अपना लेनाचाहते हैं.
ताकि समस्या घातक रूप ना ले ले
कांस्टेबल ने 11 मार्च, 2023 को अपने विभाग में एसआरएस कराने के लिए अनुमति का आवेदन दिया था, लेकिन उस पर फैसला नहीं लिया गया. इसके बाद उन्होंने अनुमति के लिए अदालत के दरवाजे खटखटाए.
हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एक-सदस्यीय पीठ ने कहा, "अगर कोई व्यक्ति जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित है और शारीरिक बनावट को छोड़ कर उसकी भावनाएं और गुण सब विपरीत लिंग के हैं, और ऐसा इस हद तक है कि व्यक्ति अपने शरीर और अपने व्यक्तित्व में सम्पूर्ण मिसअलाइंमेंट महसूस करता/करती है, तो ऐसे व्यक्ति को सर्जिकल हस्तक्षेप के जरिये अपने लिंग को बदलवाने का संवैधानिक अधिकारप्राप्त है."
अदालत ने आगे कहा कि अगर इस अधिकार को ना माना गया तो इससे "लैंगिक पहचान विकार सिंड्रोम" के बने रहे को बढ़ावा मिलेगा. अदालत ने यह भी कहा, "कभी कभी यह समस्या घातक रूप ले सकती है क्योंकि ऐसे व्यक्ति को विकार, एंजायटी, डिप्रेशन, नकारात्मक सेल्फ इमेज और अपनी सेक्सुअल शरीर रचना से नफरत हो सकती है."
कांस्टेबल के वकील ने अदालत में नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसे ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला माना जाता है.
आसान नहीं है सर्जरी
वकील ने कहा कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक पहचान को एक व्यक्ति के आत्मा-सामान के बेहद आवश्यक बताया था. सभी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) को आदेश दिया की इस मामले में फैसला रोक के रखने का कोई औचित्य नहीं है.
हालांकि अदालत ने डीजीपी को कांस्टेबल के आवेदन को स्वीकार करने का आदेश नहीं दिया. अदालत ने बस इतना कहा कि इस मामले में जिन पूर्व अदालती फैसलों का हवाला दिया गया है डीजीपी उनके मद्देनजर इस आवेदन पर फैसला लें.
भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत सरकार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम करना चाहिए. इसमें एसआरएस, हार्मोनल थेरेपी और सर्जरी के पहले और बाद में काउंसलिंग भी शामिल है.
लेकिन असलियत यह है कि अधिकांश ट्रांसजेंडर इस तरह की सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं. ज्यादातर लोग सरकारी प्रक्रिया के डर की वजह से आवेदन देने की हिम्मत ही नहीं उठा पाते हैं और जो उठाते हैं वो लंबे समय तक इसमें फंसे रह जाते हैं. (dw.com)
भोपाल, 25 अगस्त । मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक दलों में असंतोष और नाराजगी को दबाना बड़ी चुनौती बना हुआ है। भाजपा सत्ता में है और वह अपने नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रही है।
राज्य शासन द्वारा लगातार विभिन्न बोर्ड और निगमों के पदाधिकारियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है। उसी क्रम में मध्यप्रदेश कुश कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह एवं मध्यप्रदेश तेल घानी बोर्ड के अध्यक्ष रविकरण साहू को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है।
इसी प्रकार एक अन्य आदेश में अध्यक्ष राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम समिति रामपाल सिंह को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
ज्ञात हो कि राज्य में लंबे अरसे से शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं। वर्तमान में चार मंत्रियों के पद रिक्त हैं और इसे भरने के भी प्रयास जारी हैं।
संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने वाला है। कई विधायक ऐसे हैं जो पूर्व मंत्री रह चुके हैं और उनकी दावेदारी भी बढ़ सकती है। लिहाजा इन दावेदारों को पहले ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा रहा है, ताकि अन्य को समायोजित करने में कोई दिक्कत न आए। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा को हराने का दावा किया है।
राहुल गांधी के दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा ने एक बार फिर से वंशवाद की याद दिलाते हुए गांधी परिवार और कांग्रेस को मजबूर करार दिया है।
भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर ) अकाउंट पर शेयर किए गए एक पोस्टर में एक तरफ इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीर लगाकर उन्हें वंशवाद से प्रेरित और मजबूर बताया है तो वहीं इसी पोस्टर के दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर उन्हें राष्ट्रवाद से ओतप्रोत और मजबूत बताया है।
भाजपा ने इस पोस्टर के जरिए गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि, "मजबूर बनाम मजबूत। कांग्रेस के लिए वंशवाद प्रथम, जबकि भाजपा के लिए राष्ट्रवाद सर्वोपरि।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 अगस्त । मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य की स्थिति पर चर्चा की, जहां जातीय हिंसा हुई थीं।
यह बैठक गुरुवार रात को हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और संघर्षग्रस्त राज्य से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि सिंह ने शाह को विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों से भी अवगत कराया।
सिंह ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, "राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है। मैं यहां गृह मंत्री से सलाह लेने आया हूं।" अधिकारियों ने बताया कि सिंह अपने कुछ कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी विधायकों के साथ गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि शाह जल्द ही राज्य के नागरिक समाज संगठनों के साथ बैठक कर सकते हैं।
मणिपुर में 3 मई को जातीय संघर्ष भड़क उठा और तब से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
विपक्षी कांग्रेस मौजूदा स्थिति के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है और बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की मांग कर रही है। (आईएएनएस)।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने मुलाकात की. मोदी ने क्षेत्र में शांति और एलएसी का मुद्दा उठाया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच क्षेत्र में शांति और एलएसी पर तनाव कम करने जैसे मुद्दे पर बातचीत हुई.
भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "अनसुलझे" मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया.
क्वात्रा ने इसे द्विपक्षीय बैठक नहीं बताया लेकिन कहा कि बुधवार को हुई बातचीत में मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है.
एलएसी पर तनाव कम करने के लिए राजी
मोदी और जिनपिंग के बीच लद्दाख में एलएसी पर तेजी से तनाव घटाने को लेकर सहमति बन गई है. दोनों देश सैनिकों की जल्द वापसी के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए हैं.
क्वात्रा ने दिल्ली में कहा कि मोदी ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर विवादित मुद्दों को लेकर भारत की चिंता चीन के राष्ट्रपति के सामने रखी. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति कायम रखना और एलएसी का सम्मान करना, दोनों देशों के बीच संबंधों के सामान्य होने के लिए बेहद जरूरी है.
चीन ने क्या कहा
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात मोदी के अनुरोध पर हुई.
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने बाद में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत के संबंध में सुधार उनके साझा हितों को पूरा करते हैं और विश्व और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए सहायक है.
बयान में आगे कहा गया, "दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके."
दोनों नेताओं के बीच ऐसे समय में मुलाकात हुई है जब दिल्ली में अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन होना है और उसमें चीनी राष्ट्रपति के भी आने की उम्मीद है. इससे पहले दोनों के बीच बाली में जी20 समिट में मुलाकात हुई थी. बाली में मुलाकात के बाद दक्षिण अफ्रीका में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी अनौपचारिक बातचीत थी.
तीन साल से तनाव
मई 2020 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. यह झड़प लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी जहां से चीन के कब्जे वाला तिब्बत पठार बहुत पास है. गलवान घाटी की झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गये थे. इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गये लेकिन चीन की सरकार ने उनकी सही संख्या को सार्वजनिक नहीं किया. इस घटना के बाद दोनों देशों ने इलाके में सैनिकों और हथियारों की भारी तैनाती कर दी.
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर अब भी गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
भारत और चीन के बीच 13-14 अगस्त को कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता हुई थी. उसके बाद भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता भी हो चुकी है, देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए यह सैन्य वार्ता हुई थी. (dw.com)
बीबीसी मॉनिटरिंग रूस के संपादक विटाली शेवचेंको ने बताया है कि जिस प्लेन में येवगेनी प्रिगोज़िन थे उसकी दुर्घटना के बारे में कई अटकलें फैल रही हैं.
उन्होंने बताया, “मुझे कई चश्मदीदों ने वीडियो क्लिप दिखाए हैं, उनका कहना है कि उन्होंने दुर्घटना के समय धमाके की आवाज़ सुनी. उनके मुताबिक़ एयरक्राफ्ट को आसमान से मार गिराया गया.”
“हालांकि ये अटकलें हैं इन्हें लेकर कोई पक्की जानकारी नही है.”
बुधवार को मॉस्को के उत्तर-पश्चिम इलाके में वागनर आर्मी का एक विमान क्रैश हुआ. रूस का कहना है कि विमान में वागनर आर्मी प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन की मौत हो गई है.
उनके साथ विमान में नौ और लोग सवार थे और रूस की विमानन एजेंसी के मुताबिक़ सभी की मौत हो गई है. सभी शवों को बरामद कर लिया गया है और उनकी पहचान की जा चुकी है.
इस साल जून में प्रिगोज़िन के नेतृत्व में वागनर सेना ने रूस में विद्रोह की असफल कोशिश की थी. (bbc.com)
भारत अपने चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ़्ट लैंडिंग करने में कामयाब हो गया है.
इस ऐतिहासिक मौक़े पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. नासा से लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी और दुनियाभर के नेता भारत और इसरो को शुभकामनाएं दे चुके हैं.
भारती की इस कामयाबी की चर्चा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी ख़ूब हो रही है. पाकिस्तान के लोग अपने मुल्क की सरकार और व्यवस्था को कोस रहे हैं.
भारत की इस उपलब्धि की पाकिस्तान के लोग तारीफ़ भी कर रहे हैं.
कई पाकिस्तानियों का कहना है कि मुल्क बनने के बाद पाकिस्तान अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत से आगे था लेकिन अब वो काफ़ी पिछड़ गया है.
पाकिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत उनसे बहुत आगे है. इसके पीछे पाकिस्तान की राजनीतिक उठापटक, बदहाली और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था को लोग ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.
क्या कह रहे हैं पाकिस्तानी?
चंद्रयान मिशन पर सबसे ज़्यादा चर्चा पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फ़वाद चौधरी के ट्वीट की थी. फ़वाद चौधरी इमरान ख़ान की सरकार में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री थे.
फ़वाद चौधरी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को पाकिस्तान में लाइव दिखाने की बात कही. उन्होंने इसे मानव जाति के लिए ऐतिहासिक पल भी बताया.
लेकिन साल 2019 में जब भारत ने चंद्रयान-2 मिशन चांद पर भेजा था, तब फ़वाद चौधरी ने इसका मज़ाक बनाया था. उस समय फ़वाद चौधरी ने कहा था कि भारत को चंद्रयान जैसे फालतू मिशन पर पैसे बर्बाद करने की बजाय देश में ग़रीबी पर ध्यान देना चाहिए.
हालांकि, इस्लामाबाद के आम लोगों की राय इस पर स्पष्ट है. इन लोगों का मानना है कि पाकिस्तान अब काफ़ी पीछे रह गया है.
पाकिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट फ्राइडे टाइम्स ने चंद्रयान-3 की कामयाबी से पहले विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ सलमान हामीद का एक लेख 'चंद्रयान-3 और पाकिस्तान' शीर्षक से छापा है.
इस लेख में सलमान हामीद ने लिखा है कि 1960 के दशक में पाकिस्तान का अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम था लेकिन चीज़ें ख़राब होती गईं और भारत कहाँ से कहाँ चला गया.
सलमान ने लिखा है, ''मुझे याद है कि 2019 में भारत का चंद्रयान-2 नाकाम रहा था तो पाकिस्तान के तत्कालीन विज्ञान मंत्री फ़वाद चौधरी ने मज़ाक उड़ाया था. उन्हें पता होना चाहिए कि विज्ञान में नाकामी अहम हिस्सा है और इसी से कामयाबी की राह खुलती है. पाकिस्तान में मून मिशन को लेकर कोई ज़िक्र तक नहीं होता है.''
एक स्थानीय शख्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "इंडिया हमसे थोड़ा नहीं, बहुत आगे है. पहले इंडिया हमसे पीछे था. बांग्लादेश को आप देख लें. इनके सेटेलाइट हमसे बहुत आगे हैं. हम लोग बहुत पीछे रह गए हैं."
कराची में एक शख्स ने भारत की तारीफ़ करते हुए बीबीसी से कहा, "एक पाकिस्तानी होने के नाते हमें सिखाया गया है कि इंडिया से नफ़रत करनी चाहिए. ये विवादित लग सकता है लेकिन मैं भारत के लिए ख़ुश हूँ. हमारा रहन-सहन, खाना, त्योहार और भाषा एक सी है. लेकिन फिर भी हमें भारत से नफ़रत करना सिखाया गया है. मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन मैं भारत के लिए खुश हूं कि उसने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है."
वहीं कुछ लोग पाकिस्तान की बदहाली के लिए वहां की सरकारों की ख़राब नीतियों को वजह बताते हैं.
एक स्थानीय बुज़ुर्ग ने पीटीआई से कहा, "इंडिया की सैटेलाइट चाँद तक तो क्या, मरीख़ (मंगल ग्रह) तक भी पहुँच सकती है. उनकी नीतियां ऐसी हैं कि उनका जो भी हुक्मरां होते हैं वो मुल्क के लिए सोचते हैं जबकि हमारे यहाँ हुक्मरां अपने लिए, अपने परिवार के लिए सोचते हैं."
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने एक लंबे से ट्वीट में लिखा है, "पाकिस्तानियों को ये समझने की ज़रूरत है कि भारत और पाकिस्तान में असल फ़र्क़ क्या है. हम आमतौर पर एक जैसी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक समस्याओं से जूझते हैं लेकिन जो वाक़ई अलग है वो है लेवल.''
''उदाहरण के लिए इसरो का सालाना बजट 1.5 अरब डॉलर है. ये भारत के कुल बजट में 0.3 फ़ीसदी से भी कम है.सुपरको को दस सालों के लिए एक अरब डॉलर दीजिए और वो भी आपको वहां ले जाएंगे, जहाँ आप जाना चाहें. भले ही उसका प्रमुख कोई जनरल (सैन्य अधिकारी) हो. लेकिन ये भारत की तुलना में बहुत ही छोटी अर्थव्यवस्था और आबादी वाले देश के लिए बड़ी लागत है."
वक़ास ने एक्स पर खुद को पत्रकार बताया है. वो लिखते हैं, "अगर आपका लक्ष्य उससे प्रतियोगिता करने का है, तो आपको अपनी अर्थव्यवस्था 10 गुना बढ़ानी होगी. हर पाकिस्तानी को औसत भारतीय की तुलना में कम से कम 10 गुना अधिक काम करना होगा."
एक पत्रकार ने पाकिस्तान की ख़राब हालत पर तंज़ करते हुए लिखा है, "चांद पर गैस, बिजली, पानी, न्याय, क़ानून व्यवस्था, संविधान, मानवाधिकार वगैराह कुछ भी नहीं है. पाकिस्तान में भी नहीं है. तो फिर ये तुलना किस बात की? हम बराबर हैं. पाकिस्तान का स्कोर 1 और भारत भी 1. खल्लास."
चंद्रयान-3 की लागत 615 करोड़ रुपये बताई गई है. जो दुनिया के दूसरे मून मिशन की तुलना में काफ़ी कम है. अगर हाल ही में रूस के लूना-25 की लागत ही देखी जाए तो ये करीब 1600 करोड़ रुपये थी. हालांकि, ये स्पेसक्राफ़्ट लैंडिंग से पहले ही क्रैश हो गया.
एक पाकिस्तानी यूज़र ने लिखा है, "लाहौर ऑरेंज लाइन ट्रेन का बजट 1.64 अरब डॉलर, भारत के चंद्रयान मिशन का बजट 7.5 करोड़ डॉलर. जो लोग कह रहे हैं कि सिर्फ़ पैसों का गेम है मून मिशन, उनके लिए ये फै़क्ट काफ़ी है."
गंभीर आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान को बीते महीने ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर मंज़ूरी दी थी. इसके अलावा चीन, सऊदी अरब, यूएई जैसे कई देश भी पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देते रहे हैं.
अब चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद कुछ पाकिस्तानी यूज़र मुल्क की माली हालत को लेकर सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं.
पाकिस्तान के अर्थशास्त्री डॉक्टर कैसर बंगाली ने एक्स पर लिखा है, "भारत चांद पर पहुँच गया. और हम अपने कटोरे आगे करने की कला में निपुण हो गए हैं. ये हमारे उन सारे शासकों के लिए काली श्रद्धांजलि है जिन्होंने राष्ट्रीय हितों की क़ीमत पर अपने ख़ज़ाने भरे."
पाकिस्तानियों को है, इस बात का मलाल
भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश और चांद पर सॉफ़्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले रूस, चीन और अमेरिका ने चंद्रमा पर सॉफ़्ट लैंडिंग की है.
विक्रम लैंडर ने दक्षिणी ध्रुव के क़रीब सॉफ़्ट लैंडिंग की है जो भारत के लिए बहुत गर्व की बात है.
'द इकोनॉमिक टाइम्स' के एक लेख में बताया गया है कि कैसे भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही 1960 के दशक में अपने स्पेस प्रोग्राम को शुरू किया था.
लेकिन पाकिस्तान 1962 में अपना रॉकेट लॉन्च कर के भारत से कहीं आगे निकल गया था. पूरे एशिया भर में पाकिस्तान ऐसा करने वाला तीसरा देश था.
पाकिस्तान ने सन् 1961 में अपना अंतरिक्ष एजेंसी स्पेस एंड अपर एटमॉसफ़ेयर रिसर्च कमिशन (SUPARCO) बनाया था. पाकिस्तान के अंतरिक्ष अभियान के जनक कहे जाने वाले नोबल पुरस्कार विजेता अब्दुस सलाम इसके प्रमुख थे.
पाकिस्तान को उस समय अमेरिका से क़रीबी का फ़ायदा भी हो रहा था. उसने अमेरिका के साथ मिलकर ही पहला रॉकेट रहबर-1 भी लॉन्च किया था.
इस लेख के अनुसार चांद पर लैंडिंग से जुड़े अपने अभियानों को शुरू करने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान स्टडी के सही जगह लगी. पहले रॉकेट की लॉन्चिंग के बाद शुरुआती दस सालों में सुपरको ने कई रॉकेट लॉन्च किए और अमेरिका-चीन की मदद से अन्य स्पेस प्रोग्राम पर भी काम किया. हालांकि, 1970 के दशक में पाकिस्तान की ये चमक फीकी पड़नी शुरू हो गई थी.
इसी का मलाल चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद पाकिस्तानियों की बात में भी देखने को मिल रहा है.
कराची में रहने वाले एक शख्स ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "पाकिस्तान की हक़ीक़त अलग है. 1947 में दोनों ने साथ शुरू किया था लेकिन अब वो हमसे काफ़ी आगे निकल गए. मुझे लगता है कि हमारी प्राथमिकताएं अलग रहीं. हम हमेशा इस राजनीतिक उठापटक में फंसे रहे. लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान, तकनीक हर क्षेत्र में भारत हमसे आगे निकल गया."
"अगर आप बाहर के मुल्कों में भी देखें तो भारत के कई प्रतिभाशाली लोग मिलेंगे. अधिकतर आईटी कंपनियों में वो शीर्ष भूमिका में हैं. अगर पीछे जाकर देखें तो पता लगेगा कि हमने विज्ञान, शिक्षा को कभी प्राथमिकता नहीं बनाया."
एक यूज़र ने एक्स पर लिखा है, "एक समय था जब वाकई पाकिस्तान ने डॉक्टर सलाम की निगरानी में अपने रहबर-1 रॉकेट को लॉन्च कर के चांद पर पहुंचने में अमेरिका को मदद की थी. अब हम इस दौड़ में कहीं नहीं ठहरते. अगर हमने सलाम को इस तरह बेदखल न किया होता. अगर हमने इतिहास की ग़लत तरफ़ खड़े रहना न चुना होता..."
अब्दुस सलाम 1979 में भौतिकी में नोबेल पाने वाले पहले पाकिस्तानी भी बने थे. लेकिन पाकिस्तान ने उनकी धार्मिक पहचान को लेकर हमेशा उन्हें हाशिए पर रखा.
देश के पहले नोबेल विजेता अब्दुस सलाम को अहमदिया होने के कारण भुला दिया गया था. अहमदिया समुदाय को पाकिस्तान में मुसलमान नहीं माना जाता है.
पाकिस्तान ने सितंबर, 1974 में संविधान में संशोधन कर अहमदिया संप्रदाय को ग़ैर मुस्लिम घोषित किया था. (bbc.com)
सहारनपुर (उप्र), 24 अगस्त सहारनपुर जिले में एक ट्रैक्टर—ट्रॉली के अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरने से उस पर सवार नौ लोगों की मौत हो गयी तथा छह अन्य घायल हो गये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजन को चार—चार लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिमन्यु मांगलिक ने बृहस्पतिवार को बताया कि थाना देहात कोतवाली ओर बेहट कोतवाली सीमा पर स्थित ताजपुरा में रेढीबोदकी गांव के पास बुधवार को भारी वर्षा होने से सड़क पर पानी भर गया था। तभी एक ट्रैक्टर—ट्रॉली सड़क पर बने गड्ढे में जाने से बचने की कोशिश में अनियंत्रित हो गयी और पास में ही बह रही ढमोला नदी में जा गिरी।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर—ट्रॉली में सवार सभी 50 लोग नदी में जा गिरे। इस घटना में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। चार लोगों सुलोचना (58), मंगलेश (50), अदिति (पांच), और अंजू (12) के शव बुधवार रात को ही नदी से निकाल लिये गये थे। बाकी पांच अन्य शव आज निकाले गये हैं। उनकी शिनाख्त की जा रही है। नदी में डूबे अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
मांगलिक ने बताया कि गागलहेडी थाना क्षेत्र के बलेली गांव की रहने वाली 50 से ज्यादा महिलाएं, पुरूष और बच्चे जाहरवीर गोगा तीर्थस्थल से ट्रैक्टर—ट्रॉली पर सवार होकर थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के रण्डौल गांव जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू कराया।
मांगलिक ने बताया कि हादसे में घायल छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस बीच, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना में लोगों की मौत पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता तत्काल देने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। (भाषा)
मेदिनीनगर (झारखंड), 24 अगस्त झारखंड के पलामू जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों ने एक निजी सड़क निर्माण कंपनी के दो कर्मचारियों पर हमला किया और कम से कम छह वाहनों को आग लगा दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार शाम को राजधानी रांची से लगभग 220 किलोमीटर दूर छतरपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत हल्दिया घाटी इलाके में हुई।
छतरपुर के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अजय कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि करीब 15 नक्सली सड़क निर्माण स्थल पर पहुंचे और कंपनी के दो कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा, "माओवादियों ने सड़क निर्माण में लगे ट्रकों सहित छह वाहनों को भी आग लगा दी।"
अधिकारी को संदेह है कि माओवादियों ने 'लेवी' के लिये निर्माण स्थल पर हमला किया।
उन्होंने बताया, "हम मामले की जांच कर रहे हैं और अपराध में शामिल माओवादियों को पकड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।" (भाषा)
चंडीगढ़, 24 अगस्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु और कुछ अन्य लोगों से संबंधित ठिकानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी अधिकारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षा दस्ते के साथ मिलकर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लुधियाना और आसपास के लगभग 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह छापेमारी पूर्व मंत्री के कुछ करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर भी की जा रही है, जिनमें लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष रमन सुब्रमण्यम और पूर्व नगर निगम पार्षद सनी भल्ला शामिल हैं।
ईडी कांग्रेस नेता के खिलाफ खाद्य सामग्री की खरीद एवं परिवहन के ठेके में बिचौलियों के माध्यम से कथित तौर पर रिश्वत लेने, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और शर्तों में कथित अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आशु को पूर्व में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें बाद में जमानत दे दी थी।
ब्यूरो ने लुधियाना में अनाज उठाने के लिए श्रम, ढुलाई और परिवहन संबंधी निविदाओं के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में आशु के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आशु पंजाब में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के पूर्व मंत्री और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 24 अगस्त भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से प्रसन्न भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों की पगार विकासित देशों के वैज्ञानिकों के वेतन का पांचवां हिस्सा है और शायद यही कारण है कि वे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए किफायती तरीके तलाश सके।
नायर ने अन्य देशों की तुलना में बेहद कम कीमत वाले साधनों के जरिए अंतरिक्ष में खोज के भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के इतिहास के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘ इसरो में वैज्ञानिकों, तकनीशियनों और अन्य कर्मियों को जो वेतन भत्ते मिलते हैं वे दुनिया भर में इस वर्ग के लोगों को मिलने वाले वेतन भत्तों का पांचवा हिस्सा है। इसका एक लाभ भी है।’’
उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों में कोई भी लखपति नहीं है और वे बेहद सामान्य जीवन जीते हैं।
नायर ने कहा, ‘‘ हकीकत यह है कि वे धन की कोई परवाह भी नहीं करते, उनमें अपने मिशन को लेकर जुनून और प्रतिबद्धता होती है। इस तरह हम ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक बेहतरीन योजना बना कर और दीर्घ कालिक दृष्टिकोण के जरिए ये उपलब्धि हासिल कर सके।
इसरो के पूर्व प्रमुख के अनुसार, ‘‘ हम एक-एक कदम से सीखते हैं। जो हमने अतीत में सीखा है, हम अगले मिशन में उसका इस्तेमाल करते हैं। हमने करीब 30 वर्ष पहले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के लिए जो इंजन बनाया था उसी का इस्तेमाल भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान में भी किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष अभियानों के लिए घरेलू तकनीक का उपयोग करता है और इससे उन्हें लागत को काफी कम करने में मदद मिली है। भारत के अंतरिक्ष मिशन की लागत अन्य देशों के अंतरिक्ष अभियानों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत कम है।
नायर ने कहा,‘‘ हमने अच्छी शुरुआत की है और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।’’
पूर्व इसरो प्रमुख ने कहा कि देश के पास पहले से ही यूरोप और अमेरिका के साथ कई वाणिज्यिक अनुबंध हैं और अब चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ये बढ़ेंगे।
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 की कुल लागत केवल 615 करोड़ रुपये है जो देश में एक बॉलीवुड फिल्म के निर्माण बजट के लगभग बराबर है।
अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय मिली है जब कुछ दिन पहले रूस का अंतरिक्ष यान ‘लूना 25’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के मार्ग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। (भाषा)
नई दिल्ली, 24 अगस्त । कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने गुरुवार को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हुए कहा कि 'इसकी उत्कृष्ट क्षमताएं दशकों में विकसित हुई हैं।'
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ को लिखे अपने बधाई पत्र में सोनिया गांधी ने कहा, "यह आपको बताने के लिए है कि कल (बुधवार) शाम इसरो की शानदार उपलब्धि से मैं कितनी रोमांचित हूँ। यह सभी भारतीयों, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए बहुत गर्व और उत्साह की बात है।"
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "इसरो की उत्कृष्ट क्षमताएं दशकों में बनी हैं। इसके पास उल्लेखनीय नेतृत्व और सामूहिक प्रयास की भावना ने इसे हमेशा प्रेरित किया है।"
उन्होंने कहा कि 60 के दशक की शुरुआत से आत्मनिर्भरता पर "टिके रहने" का इसकी बड़ी सफलताओं में योगदान है।
उन्होंने कहा, "मैं पूरी इसरो बिरादरी को शुभकामनाएं देती हूं और इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसके प्रत्येक सदस्य को हार्दिक बधाई देती हूं।"
उनकी टिप्पणी तब आई जब भारत के चंद्रमा लैंडर ने योजना के अनुसार बुधवार शाम को सफलतापूर्वक चंद्रमा की धरती पर अपने चार पैर आसानी से और सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिए। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया।
चालीस दिन से अधिक समय में लगभग 3.84 लाख किमी की यात्रा करने के बाद लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।
लैंडिंग के साथ, 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान -3 मिशन का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है। (आईएएनएस)।
ग्रेटर नोएडा, 24 अगस्त । चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद हर तरफ जश्न का माहौल है। कई जगहों पर लोग खुशी से नाच रहे थे तो कहीं सोसाइटियों में थाली बजाकर लोगों ने खुशी का इजहार किया। पाकिस्तान से आई सीमा हैदर ने भी पूरे दिन व्रत रख चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए भगवान से पूजा अर्चना की और सफल लैंडिंग होने के बाद परिवार के साथ मिलकर जमकर आतिशबाजी की।
इसके साथ ही सीमा हैदर ने जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे भी लगाए।
बुधवार सुबह से ही सीमा हैदर ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए व्रत रखा और देवी देवताओं की पूजा भी की। शाम को जैसे ही चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई, सीमा हैदर ने परिवार के साथ खुशी का इजहार करते हुए जमकर आतिशबाजी की और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
इस दौरान सचिन के परिवार के लोग भी मौजूद थे और सभी लोग जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए दिखाई दिए।
सीमा हैदर पर हिंदुस्तानी रंग पूरी तरीके से चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा था। बीते 15 अगस्त को सीमा ने तिरंगे जैसी साड़ी पहन कर वीडियो बनाया था। उसके बाद तीज में व्रत रख पूरे रीति रिवाज के साथ इस व्रत को मनाया।
सीमा हैदर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई लोगों को राखी भी पोस्ट की है।
आपको बता दें कि इसी साल 13 मई 2023 को सीमा हैदर नेपाल बॉर्डर के रास्ते से ग्रेटर नोएडा पहुंची। करीब डेढ़ महीने रबूपुरा में सचिन मीणा के साथ रहने के बाद 1 जुलाई को सीमा और सचिन भाग कर मथुरा पहुंच गए। जहां से पुलिस ने 2 जुलाई को उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया। (आईएएनएस)।
शिमला, 24 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार को हुए भारी भूस्खलन के बाद कम से कम 10 निर्माणाधीन व्यावसायिक इमारतें ढह गईं।
जिले के आनी बाजार इलाके में बस स्टैंड के पास हुई इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
पिछले दिनों जिला प्रशासन ने इमारतों को 'असुरक्षित' घोषित कर खाली करा लिया था।
आपदा के डरावने दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पूरे हिमाचल प्रदेश में, विशेषकर शिमला, धर्मशाला और मनाली जैसे पर्यटन स्थलों में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण से ढलानों का संतुलन गड़बड़ा गया है।
जम्मू, 24 अगस्त । जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में गुरुवार को एक सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि जिले के डुडु इलाके में एक डंपर ट्रक के सड़क से फिसलकर खाई में गिर जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
“इस दुर्घटना में घायल अभी भी ट्रक के नीचे फंसा हुआ है।
अधिकारियों ने कहा, ''फंसे हुए व्यक्ति को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है।'' (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 24 अगस्त । चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस के नेता जहां देश की इस उपलब्धि का श्रेय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को देते हुए उनके साइंटिफिक टेम्पर को याद कर रहे हैं तो वहीं भाजपा चंद्रयान मिशन की कामयाबी का श्रेय अपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को देते हुए यह कह रही है कि चंद्रयान मिशन का सपना भाजपा के प्रधानमंत्री ने देखा था।
भाजपा ने कहा है कि यूपीए सरकार ने तो इस परियोजना को फंड तक नहीं दिया था। कांग्रेस नेहरू के साइंटिफिक टेम्पर के बारे में मिथक बनाने का प्रयास कर रही है, उन्हें नेहरू का गीत गाना बंद कर देना चाहिए।
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर कहा, "15 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रमा मिशन चंद्रयान-1 की घोषणा की, जो वादे के अनुसार 2008 में पूरा हुआ। कांग्रेस ने अपने पैर पीछे खींच लिए और 2014 तक चंद्रयान-2 पर कोई प्रगति नहीं की। फिर वे बाहर हो गए। 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने चंद्रमा मिशन को फास्ट ट्रैक पर रखा। चंद्रयान -2 को फंड किया और चंद्रयान -3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा। भारत द्वारा लॉन्च किए गए सभी चंद्रमा मिशनों की कल्पना भाजपा प्रधानमंत्रियों के तहत की गई थी।"
मालवीय ने आरोप लगाया कि, इन सभी वर्षों में कांग्रेस गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूम कर उन्हें प्रमोट करने में ही लगी हुई थी। इसमें नेहरू के गैर-मौजूद वैज्ञानिक स्वभाव के बारे में मिथक बनाना भी शामिल है।
मालवीय ने अपने एक और एक्स में कांग्रेस पर राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, "बहुत पहले नहीं, अक्टूबर 2013 में, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी, तब भी इसरो अपने दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 के लिए एक लैंडर और एक रोवर विकसित करने के लिए अधिक धनराशि के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा था। 2014 में भारत ने प्रधानमंत्री मोदी को चुना। अंतरिक्ष अनुसंधान का बजट 2013-14 के 5,615 करोड़ से 123 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 12,543 करोड़ हो गया। भारत ने 2014 के बाद 389 अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह लॉन्च किए। इससे पहले के सभी वर्षों में इसने केवल 35 लॉन्च किए थे। इन अंतर्राष्ट्रीय लॉन्चों से 2014 के बाद भारत को 157 मिलियन अमेरिकी डालर (कुल कमाई 174 मिलियन अमेरिकी डालर) और 223 मिलियन यूरो (कुल: 256 मिलियन यूरो) प्राप्त हुए। कुल मिलाकर 3,300 करोड़ रुपये के लगभग प्राप्त हुए। 2019 में चंद्रयान-2 को स्थापित करने के असफल प्रयास के बाद, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को भी उतारा। ऐसा करने वाला वह एकमात्र देश है। हमने हार नहीं मानी। इसलिए विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस को नेहरू के गीत गाना बंद करना चाहिए और राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का समर्थन करने में अपने खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखना चाहिए।" (आईएएनएस)।
भारत में चंद्रयान-3 की सफलता की कामना में प्रार्थनाएं, जलसे और लैंडिंग का प्रसारण देखने के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. कई जानकारों का मानना है कि इसरो 2019 की गलतियों से सबक ले चुका है और इस बार लैंडिंग सफल होगी.
भारत में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की उम्मीद में लोग प्रार्थनाएं कर रहे हैं, स्कूल छात्रों को लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाने का इंतजाम कर रहे हैं और अंतरिक्ष में रूचि रखने वाले लोग कार्यक्रम की सफलता का जश्न मनाने के लिए पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं.
इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 आज जीएमटी के अनुसार 12 बज कर 34 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतहपर उतरेगा. भारत में उस समय शाम के छह बजे के आस पास का वक्त होगा.
कई शहरों में खास स्क्रीनिंग
इसरो लैंडिंग के सीधे प्रसारण की शुरुआत शाम 5:20 पर करेगा. अगर लैंडिंग सफल रही तो यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला धरती का पहला यान बन जाएगा. ऐसा अनुमान लगाया गया है कि चांद की सतह के इस इलाके में क्रेटरों के नीचे बर्फ की शक्ल में जमा हुआ पानी है जिसकी मदद से भविष्य में चांद पर इंसानों को बसाया जा सकता है.
इसरो ने बताया कि देश के कई इलाकों से छात्रों ने संस्था को शुभकामनाओं के ढेरों संदेश भेजे हैं. राज्यों में भी कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि वो प्रसारण की विशेष स्क्रीनिंगआयोजित करें.
सरकार के मुताबिक, "चंद्रयान-3 की लैंडिंग एक यादगार अवसर है, जो ना सिर्फ जिज्ञासा को प्रोत्साहन देगी बल्कि हमारे युवाओं में अनुसंधान के प्रति जोश भी भरेगी." गुजरात में विज्ञान और तकनीकी परिषद ने बड़े पर्दे पर लैंडिंग के प्रसारण को देखने के लिए करीब 2,000 स्कूली छात्रों को आमंत्रित किया है.
अंतरिक्ष में रूचि बढ़ाने का मौका
परिषद् ने एक विशेष सत्र का भी आयोजन किया है जिसमें इसरो के वैज्ञानिकइस मिशन के बारे में बात करेंगे. पश्चिम बंगाल सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कोलकाता में मिशन का जश्न मनाने के लिए "साइंस पार्टी" का आयोजन किया है, जहां लैंडिंग का प्रसारण दिखाया जाएगा.
मुंबई और वाराणसी में मंगलवार को मिशन की सफलता के लिए पूजा का आयोजन किया गया. बेंगलुरु में उद्यमी और अंतरिक्ष में रुचि रखने वालों के एक समूह के संस्थापक श्रीकांत चुंदुरी ने बताया कि उन्होंने शहर के एक लोकप्रिय रेस्तरां में प्रसारण देखने के लिए एक "वॉच पार्टी" का आयोजन किया है.
उन्होंने रॉयटर्स को बताया, "अगर हमें अंतरिक्ष में रुचि रखने वालों का एक समुदाय बनाना हैतो लोगों को साथ लाने के लिए इस लैंडिंग से ज्यादा प्रभावशाली और कुछ नहीं हो सकता."
सीके/एए (रॉयटर्स)
भारत सरकार ने बहु-प्रतीक्षित भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) शुरू कर दिया है. इस प्रोग्राम का उद्देश्य 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार करना है.
केंद्र सरकार ने देश की पहली क्रैश-टेस्टिंग सुरक्षा रेटिंग व्यवस्था, भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) लॉन्च की है. रेटिंग कार्यक्रम की घोषणा पिछले साल की गई थी और मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे लॉन्च किया.
इस प्रोग्राम के तहत ऑटोमोबाइल निर्माताओं के पास अपने वाहनों का टेस्ट कराने और क्रैश परीक्षणों में उनके प्रदर्शन और अन्य सुरक्षा मापदंडों के आधार पर स्टार रेटिंग हासिल करने का विकल्प होगा, जो ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 197 पर आधारित होगा. यह प्रोग्राम देश में एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा.
पता चलेगा कितनी सुरक्षित है कार
कारों को परीक्षणों में उनके प्रदर्शन के आधार पर एडल्ट ऑक्यूपेंट्स (एओपी) और चाइल्ड ऑक्यूपेंट्स (सीओपी) के लिए स्टार रेटिंग मिलेगी. इससे यह आकलन करने में मदद मिलेगी कि दुर्घटना की स्थिति में कार को किस हद तक नुकसान हो सकता है. ग्राहक इन स्टार रेटिंग्स की मदद से फैसला कर पाएंगे कि कौन सी कार खरीदना ज्यादा सुरक्षित होगा.
सरकार को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी और निर्माताओं को ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "भारत एनसीएपी से भारत में वाहनों की सुरक्षा और उनकी गुणवत्ता में बहुत बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए ओईएम के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन मिलेगा."
सरकार के मुताबिक उच्च सुरक्षा मानक भारतीय कारों को वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने और भारतीय कार निर्माताओं की निर्यात क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
गडकरी ने कहा, "भारत एनसीएपी और एआईएस 197 के तहत नई सुरक्षा-व्यवस्था निर्माताओं और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए लाभदायक है. यह हमारे नागरिकों के जीवन की रक्षा करने और हमारे मोटर-वाहन उद्योग को दुनिया में पहले नंबर पर लाने के लिए सहायक होगा."
कैसे काम करेगा भारत एनसीएपी
भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट प्रोग्राम ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 197 पर आधारित है. एम1 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले वाहन जिन्हें ड्राइवर के अलावा आठ यात्रियों तक ले जाने की मंजूरी दी गई है और जिनका सकल वजन 3.5 टन से कम हो और देश में निर्मित या आयातित हैं तो वे भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट के लिए पात्र होंगे.
भारत में बेचे जाने वाले कंबशन इंजन वाले वाहनों के अलावा भारत एनसीएपी कार्यक्रम सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का भी टेस्ट और रेटिंग करेगा.
क्रैश टेस्ट के लिए हेडऑन, साइड से टक्कर और अन्य तरह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान रखते हुए यह टेस्ट किए जाएंगे. इनमें आमने-सामने, साइड और पोल साइड इंपैक्ट को जांचने वाले टेस्ट थ्री, फोर और फाइव स्टार रेटिंग वाले में अनिवार्य रूप से किए जाएंगे. इसके बाद कारों पर सेफ्टी रेटिंग्स के स्टिकर लगाए जाएंगे.
गडकरी ने कहा कि फिलहाल कार निर्माताओं के लिए सेफ्टी रेटिंग अनिवार्य नहीं है और यह वैकल्पिक है. वे स्वेच्छा से अपनी कारों का सेफ्टी ऑडिट करा सकते हैं. इस तरह का ऑडिट पहले विदेश में कराया जाता था.
भोपाल, 24 अगस्त । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले असंतोष को मिटाने और संतुलन को बनाए रखने की भाजपा की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में शिवराज मंत्रिमंडल में विस्तार की कवायद चल रही है और सत्ता व संगठन से जुड़े लोग नामां को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
राज्य में विधायकों के अनुपात में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल में 34 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में सदस्यों की संख्या 30 है। कुल मिलाकर मंत्रियों के चार पद अब भी रिक्त हैं।
इस तरह वर्तमान में चार सदस्यों को मंत्री के तौर पर स्थान दिया जा सकता है।
राज्य में कई नेता ऐसे हैं जो मंत्री पद की दावेदारी लंबे अरसे से करते आ रहे हैं और मंत्रिमंडल विस्तार में उनके नाम आने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं।
इन्हीं चर्चाओं के बीच मंगलवार की रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगु भाई पटेल से राजभवन में जाकर मुलाकात की, उसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार की देर रात को भी मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के अलावा अन्य नेताओं की मौजूदगी में एक बैठक हुई। इस बैठक में संभावित नाम पर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है।
सूत्रों का दावा है कि सत्ता और संगठन ने मिलकर दो नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है। ये हैं विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला और महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन।
इसके अलावा भी एक दो लोगों के नाम पर चर्चा चल रही है, मगर उन पर सहमति नहीं बन पाई है।
बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले से विधायक राहुल लोधी को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है, वे पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे है मगर इस पर कई नेता सहमत नहीं है।
फिलहाल पार्टी की ओर से कई विधायकों को भोपाल में ही रुकने की हिदायत दी गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा इसकी आधिकारिक जानकारी सत्ता और संगठन की ओर से नहीं दी गई है मगर संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में विस्तार होना लगभग तय है। (आईएएनएस)।
एक नए अध्ययन ने बढ़ते तापमान और खाद्य असुरक्षा के सीधे संबंध का पता लगाया है. अध्ययन में पता चला है कि ज्यादा गर्मी की वजह से सिर्फ कुछ ही दिनों में करोड़ों लोग भोजन से वंचित हो सकते हैं.
दुनियाभर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के हालात के बीच इस नए अध्ययन में पाया गया है कि गर्मी अगर ज्यादा हो तो सिर्फ कुछ ही दिनों में उसकी वजह से दिहाड़ी कमाई पर जी रहे करोड़ लोग भुखमरी में धकेले जा सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर भारत में अगर चरम तापमान एक हफ्ते तक रहा तो मुमकिन है कि उसकी वजह से 80 लाख अतिरिक्त लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़े. अध्ययन के नतीजे 'नेचर ह्यूमन बिहेवियर' पत्रिका में छपे हैं.
आय पर असर तुरंत
अध्ययन के लिए 150 देशों का निरीक्षण किया गया, विशेष रूप से ऐसे देशों का जो ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल इलाकों में स्थित हैं. चरम गर्मी के दिनों में अगर भोजन ना मिलने की संभावना में एक प्रतिशत से भी कम की बढ़ोतरी हो तो उसकी वजह से इन 150 देशों में लाखों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर भूख का सायामंडरा सकता है.
विश्व बैंक का अनुमान है कि 2022 में वैश्विक आबादी के करीब 30 प्रतिशत हिस्से को मध्यम दर्जे से लेकर गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा. अभी तक खाने की उपलब्धता पर गर्मी का असर फसलों की पैदावार कम होने तक ही सीमित था, जिसका असर महीनों या सालों बाद दिखता था.
लेकिन इस नए अध्ययन ने दिखाया है कि इस असर को अगर आय से जोड़ कर देखा जाए तो असर तुरंत देखा जा सकता है. अध्ययन के मुख्य लेखक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कैरोलिन क्रोगर कहते हैं, "अगर आज गर्मी हो जाए तो संभव है कि कुछ ही दिनों के अंदर लोगों के काम ना कर पाने की वजह से खाद्य असुरक्षा पैदा हो जाएगी. वो कमा नहीं पाएंगेऔर खाना खरीद नहीं पाएंगे."
इस तरह के नतीजे उन तरह के कामों में सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं जिनमें आय उत्पादकता से बहुत करीब से जुड़ी होती है, जैसे खेतों में फसलों की कटाई या ऐसा काम जिसमें किसी भी उत्पाद के एक एक टुकड़े को बनाने के हिसाब से आय मिलती है.
जितनी गर्मी, उतना नुकसान
उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में ईंट ढोने वाली महिलायें एक दिन में जितनी ईंटें उठाती हैं उन्हें उसके हिसाब से पगार मिलती है. जिस दिन गर्मी की वजह से मजबूर हो कर वो कम ईंटें उठाती हैं, उस दिन उनकी आय में 50 प्रतिशत तक का नुकसान हो जाता है.
कुछ और रिपोर्टों की मदद से इस अध्ययन के नतीजों को समझा जा सकता है. सीरिया में रहने वाले लोहार मुराद हद्दाद सुबह जल्दी उठते हैं और फिर वो और उनके पांच भाई बारी बारी से भारी काम करते हैं ताकि दिन में होने वाले तेज तापमान से बचा जा सके.
हद्दाद कहते हैं, "यह गर्मी हमारी जान ले रही है. मेरे छह बच्चे हैं और मैं मुश्किल से उनका ख्याल रख पा रहा हूं. लेकिन अगर मैं काम नहीं करूंगा तो बिल्कुल भी गुजारा नहीं हो पाएगा."
क्रोगर कहते हैं, "कम आय, ज्यादा कृषि आधारित रोजगार और ज्यादा संवेदनशील रोजगार वाले देशों में और मजबूत असर दिखाई देता है."
क्रोगर ने पाया कि ऐसे लोग जिन्होंने हाल ही में एक गर्मी भरे हफ्ते का अनुभवकिया है उनके स्वास्थ्य समस्याओं और "मौजूदा आय पर जीने में दिक्कतों" का सामना करने की ज्यादा संभावना है.
पोषण पर भी असर
इससे उनकी आय काफी गिर जाती है. ये असर क्युमुलेटिव हैं, यानी एक हफ्ते में जितने ज्यादा गर्म दिन होंगे असर उतना ही तेज होगा. 2021 में 470 अरब संभावित श्रम घंटे - जो दुनियाभर में प्रति व्यक्ति लगभग डेढ़ हफ्तों के काम के बराबर है - चरम गर्मी की भेंट चढ़ गए.
यह नतीजे ऐसे समय में आये हैं जब खाद्यान्न के दाम लगातार बरकरार रहने वाली महंगाई की चपेट में हैं. इसके अलावा दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत ने फसलों को हुए नुकसान की वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. लेकिन सिर्फ आपूर्ति और दाम ही समस्या नहीं हैं.
शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया है कि बढ़ते तापमान की वजह से ऐसी कई मुख्य फसलों और दालों में आवश्यक पोषक तत्वों की भी कमी हो सकती है जिन पर दुनिया के अधिकांश हिस्से निर्भर हैं.
क्रोगर कहते हैं, "बीते एक या दो सालों में गर्मी के कई रिकॉर्ड टूटे, इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि जो चीजें हमने देखीं उनमें से कुछ तो और खराब हो सकती हैं. लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिनसे मदद मिल सकती है, जैसे माइक्रो-बीमा और श्रम कानून. तराजू अभी भी झुक सकता है."
संयुक्त राष्ट्र के आईपीसीसी जलवायु विज्ञान सलाहकार समिति के मुताबिक, संभव है कि 2080 तक करोड़ों लोग हर साल कम से कम 30 कथित "घातक गर्म दिनों" से प्रभावित होंगे. अगर दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के पेरिस जलवायु लक्ष्य को हासिल भी कर ले तब भी ऐसा हो सकता है.
सीके/एए (एएफपी)
मिजोरम में निर्माण के दौरान रेलवे का एक पुल गिर गया. हादसे में कम-से-कम 26 लोगों की मौत हुई है. पुल पर दो साल से काम चल रहा था.
भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 23 अगस्त को रेलवे के एक निर्माणाधीन पुल का बड़ा हिस्सा ढह गया. हादसे के वक्त पुल पर कम-से-कम 40 लोग काम कर रहे थे. भारतीय अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कई लोग लापता हैं. अखबार ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है.
हादसा मिजोरम की राजधानी आइजोल से 20 किलोमीटर दूर साइरंग कस्बे के पास हुआ. पुलिस के मुताबिक, हादसे के तुरंत बाद पास के गांव वाले मौके पर पहुंचे और शुरुआती बचाव कार्य उन्होंने ही किया. घटनास्थल पर मौजूद राज्य के परिवहन मंत्री टीजे लालनुंतलुआंगा के मुताबिक, 18 शव निकाले जा चुके हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांग ने भी हादसे पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है. मुख्यमंत्री के ट्वीट में बड़ी संख्या में राहतकर्मियों को घटनास्थल पर पहुंचने की जानकारी भी मिली है.
हादसे की जांच का आदेश
मिजोरम भारत के सबसे पूर्वी राज्यों में शुमार है. राज्य की सीमा म्यांमार से लगती है. पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे (एनआरएफ) के मुताबिक, भैरबी-साइरंग के बीच बन रही नई रेलवे लाइन को घाटी पार कराने के लिए पुल बनाया जा रहा था. 23 अगस्त को इसी पुल का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिरा. एनआरएफ ने हादसे की जांच के लिए उच्चस्तर की कमेटी के गठन का एलान किया है.
भारत में पुलों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर चिताएं जताई जाती रही हैं. अक्टूबर 2022 में गुजरात के मोरबी में ब्रिटिश जमाने का एक झूला पुल ढह गया. उस हादसे में 132 लोग मारे गए. इसी साल जून में बिहार में भी एक झूला पुल गिरा. हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई.
एसएम/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)
नई दिल्ली, 24 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चंद्रमा पर चंद्रयान-3 मिशन की सफल लैंडिंग पर विश्व नेताओं को उनके बधाई संदेशों के लिए धन्यवाद दिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग से लेकर संयुक्त अरब अमीरात के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान तक कई नेताओं ने इसरो की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं भेजीं।
मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री के संदेश के जवाब में एक्स पर लिखा, "चंद्रयान -3 पर सराहना के शब्दों के लिए पीएम भूटान लोटे शेरिंग को धन्यवाद। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम हमेशा वैश्विक कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए जो भी संभव होगा वह करेगा।"
प्रधान मंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के प्रति आभार व्यक्त किया, "आपकी शुभकामनाओं के लिए आभार राष्ट्रपति।"
पीएम मोदी ने प्रचंड को उनके बधाई संदेश के लिए धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने एक्स पर प्रचंड के बयान के जवाब में पोस्ट किया, "बधाई संदेश के लिए सीएम प्रचंड को धन्यवाद।"
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास घर स्टोर के संदेश का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "वास्तव में प्रधान मंत्री जोनास आज ग्रह के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।"
प्रधानमंत्री ने दुबई के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को भी उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया।
मोदी ने एक्स पर कहा, "धन्यवाद । भारत की सफलताएं 140 करोड़ भारतीयों की ताकत, कौशल और दृढ़ संकल्प से संचालित होती हैं।"
उन्होंने बधाई संदेश के लिए जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस को भी धन्यवाद दिया।
पीएम मोदी ने कहा, "शुभकामनाओं के लिए पीएम को धन्यवाद।"
स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ के ट्वीट के जवाब में, प्रधान मंत्री ने कहा, "वास्तव में, विज्ञान की शक्ति के माध्यम से, भारत सभी के लिए उज्जवल भविष्य की दिशा में काम कर रहा है। शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद ।"
उन्होंने शेख जायद को उनके संदेश के लिए धन्यवाद भी दिया।
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, "मैं महामहिम शेख जायद को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। यह मील का पत्थर न केवल भारत का गौरव है, बल्कि मानव प्रयास और दृढ़ता का प्रतीक है। विज्ञान और अंतरिक्ष में हमारे प्रयास सभी के लिए एक उज्जवल कल का मार्ग प्रशस्त करें।" (आईएएनएस)।
विजयवाड़ा, 24 अगस्त । आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में गुरुवार को एक बाइक शोरूम में लगी भीषण आग में लगभग 300 दोपहिया वाहन जलकर खाक हो गए।
हालांकि, आग में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, ऐसा संदेह है कि यह शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।
चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के पास केपी नगर इलाके में गुरुवार सुबह टीवीएस शोरूम और गोदाम में आग लग गई।
पुलिस के मुताबिक, आग शोरूम की पहली मंजिल से शुरू हुई और जल्द ही बगल के गोदाम तक फैल गई। सुरक्षा कर्मियों ने अग्निशमन सेवा को सूचित किया और पांच दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
अधिकारियों ने बताया कि प्री-फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर के कारण आग तेजी से फैली। चूंकि गोदाम में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भी रखे हुए थे, इससे आग और अधिक फैल गई।
शोरूम, गोदाम और सर्विस सेंटर एक ही जगह पर थे, इसलिए वहां बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन खड़े थे। यह विजयवाड़ा और संयुक्त कृष्णा जिले में टीवीएस वाहनों का मुख्य केंद्र था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों को संदेह है कि जब कुछ इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को चार्ज किया जा रहा था, तो शॉर्ट सर्किट हुआ।
शोरूम मालिक को 15 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है (आईएएनएस)।