राष्ट्रीय
इटवा, 28 नवंबर | इटावा रेलवे स्टेशन पर यात्री उस समय हैरान रह गए, जब उन्होंने पूछताछ कार्यालय के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से एक असामान्य घोषणा सुनी। इसमें मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही डिंपल यादव के लिए समर्थन मांगा। पांच से छह लोगों का एक समूह रविवार को जबरन पूछताछ कार्यालय में घुस गया और वहां स्थापित लगे सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली से 'डिंपल भाभी जिंदाबाद' के नारे लगाने लगा।
घटना के दौरान मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ लोग जबरन पूछताछ कार्यालय में घुसे और करीब 15-20 बार नारेबाजी करने के बाद मौके से फरार हो गए।
एक यात्री ने कहा, "आम तौर पर पूछताछ कार्यालय के पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल यात्रियों को ट्रेनों की आवाजाही के बारे में बताने के लिए किया जाता है। लेकिन रात करीब 11 बजे हम वहां से 'डिंपल भाभी जिंदाबाद' के नारे सुनकर चौंक गए।"
इस बीच पूछताछ कार्यालय के कर्मचारी मुकेश कुमार ने बताया कि करीब पांच से छह अज्ञात व्यक्ति पूछताछ कक्ष में घुस गये और नारेबाजी करने लगे।
उन्होंने कहा, "हमने इस घटना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है।"
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है।
उन्होंने कहा, "जांच जारी है और नियमों के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 नवंबर | गुजरात विधान सभा चुनाव में भाजपा को लगातार सातवीं बार और इस बार अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलाने की मुहिम में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि अपने विकास के एजेंडे के कारण भाजपा लोगों की पसंदीदा च्वॉइस है । भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में विधान सभा चुनाव को लेकर लगातार धुआंधार चुनाव प्रचार और जनसभाएं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को भी गुजरात के भावनगर, कच्छ, जामनगर और राजकोट में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।
इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार के अपने एक रोड शो के वीडियो को ट्वीट कर यह दावा किया कि अपने विकास के एजेंडे के कारण भाजपा लोगों की पसंदीदा च्वॉइस है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सूरत में किए गए अपने रोड शो की वीडियो सोमवार सुबह शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, सूरत में एक अविस्मरणीय शाम ! यह कल की हाइलाइट्स है। हमारे विकास के एजेंडे के कारण भाजपा लोगों की पसंदीदा च्वॉइस है।
गुजरात में विधान सभा चुनाव को लेकर लगातार धुआंधार चुनाव प्रचार, रोड शो और जनसभाएं कर रहें नरेंद्र मोदी जहां एक ओर विकास के एजेंडे पर गुजरात के मतदाताओं का समर्थन मांगते हुए उनसे यह कह रहे हैं कि यह विधान सभा चुनाव राज्य में सिर्फ मुख्यमंत्री या मंत्री चुनने का नहीं, बल्कि गुजरात के अगले 25 वर्षों के भविष्य को तय करने का चुनाव है, तो वहीं दूसरी ओर वो आतंकवाद, बम धमाके और सुरक्षा का सवाल उठाकर विरोधी दलों खासकर कांग्रेस पर निशाना भी साध रहे हैं।
नरेंद्र मोदी खासतौर से गुजरात के उन युवाओं को अतीत के गुजरात की याद दिला कर आगाह करने का भी प्रयास कर रहे ह,ैं जिनका जन्म 1995 के बाद यानी गुजरात में पहली बार पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार बनने के बाद हुआ है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 28 नवंबर | बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना, जो वर्तमान में अपनी आगामी फिल्म 'एन एक्शन हीरो' के प्रचार में व्यस्त हैं, शाहरुख खान के बड़े प्रशंसक हैं। अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपने इंस्टाग्राम पर शाहरुख खान के प्रतिष्ठित मुंबई बंगले मन्नत के पास से गुजरते हुए अपनी एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में, आयुष्मान को शाहरुख के प्रशंसकों से घिरे देखा जा सकता है।
इस खास तस्वीर के कैप्शन में आयुष्मान ने लिखा, "मन्नत से गुजर रहा था। तो एक मन्नत मांग ली।"
आयुष्मान की फिल्म 'एन एक्शन हीरो', जिसमें 'पाताल लोक' अभिनेता जयदीप अहलावत भी हैं, 2 दिसंबर को सिनेमाघरों में आने वाली है।
हाल ही में, निर्माताओं ने आइटम नंबर 'आप जैसा कोई' का अनावरण किया, जिसमें आयुष्मान के साथ मलाइका अरोड़ा भी हैं और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रही है। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 28 नवंबर | तेलंगाना के दो छात्रों की अमेरिकी राज्य मिसौरी में एक झील में डूबने से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक घटना 26 नवंबर दोपहर करीब ढाई बजे की है, जब उतेज कुंटा (24) और शिवा डी. केलीगरी (25) ओजार्क्स झील में डूब गए।
मिसौरी स्टेट हाईवे पेट्रोल (एमएसएचपी) जल प्रभाग ने छात्रों के शव बरामद किए, जो सेंट लुइस विश्वविद्यालय में मास्टर प्रोग्राम कर रहे थे।
थैंक्सगिविंग वीकेंड पर दोनों दोस्त तैरने गए थे।
यूएस मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उतेज पानी में संघर्ष करने लगा और नीचे चला गया। शिव उसकी मदद के लिए कूद गया, जिससे दोनों ही डूब गए।
घटना के कुछ घंटे बाद उतेज का शव एमएसएचपी अंडरवाटर रिकवरी टीम द्वारा बरामद किया गया, जबकि शिवा का शव गोता लगाने वाली टीम ने अगले दिन बरामद किया।
शिवा रंगारेड्डी जिले के तंदूर का रहने वाला था, जबकि उत्तेज हनमकोंडा का रहने वाला था।
इस बीच, तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव ने सोमवार को ट्वीट किया कि उन्होंने अपने कार्यालय से कहा है कि वह शवों को जल्द से जल्द वापस लाने में परिवारों की मदद करें। (आईएएनएस)|
मुंबई, 28 नवंबर | महिलाओं पर अपनी टिप्पणी के 72 घंटे बाद विरोध व आलोचना होने पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने खेद व्यक्त किया और माफी मांगी है। रामदेव ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को इस आशय का एक ईमेल भेजा है। आयोग ने शुक्रवार के पत्र लिखकर रामदेव से 72 घंटों के भीतर उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा था।
महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष कहा कि रामदेव ने ई-मेल कर अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त करते और माफी मांगी है, लेकिन यह भी कहा है कि उनकी टिप्पणी को संदर्भ से बाहर समझा गया।
चाकणकर ने चेतावनी देते हुए आईएएनएस से कहा, हमें नोटिस का जवाब मिल गया है, लेकिन अगर कोई और आपत्ति या शिकायत आती है, तो हम पूरी जांच करेंगे और पिछले सप्ताह आयोजित कार्यक्रम की पूरी वीडियो रिकॉडिर्ंग प्राप्त करेंगे।
गौरतलब है कि ठाणे में महिलाओं के लिए आयोजित योग प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव बाबा ने कहा था महिलाएं साड़ी में अच्छी लगती हैं, वे सलवार सूट में भी अच्छी लगती हैं, और अगर उन्होंने कुछ न पहना हो तो और अच्छी लगती हैं।
उस समय रामदेव के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र बालासाहेबंची शिवसेना ठाणे के सांसद श्रीकांत शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और अन्य गणमान्य लोग भी थे।
रामदेव की इस टिप्पणी से महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सो में हंगामा खड़ा हो गया। लोगों ने उनकी तीखी आलोचना की।
संजय राउत, डॉ. मनीषा कयांडे, किशोर तिवारी, महेश तापसे, अपर्णा मलिकर, तृप्ति देसाई जैसी महिला कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने रामदेव से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 28 नवंबर | उत्तर प्रदेश की राजधानी में बंदरों की आबादी तेजी से बढ़ने के साथ ही विभिन्न संगठनों ने बंदरों को डराने के लिए नए-नए तरीके खोजने शुरू कर दिए हैं। लखनऊ में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 मेट्रो स्टेशनों पर लंगूरों के कट-आउट लगाए गए हैं। इसके अलावा, अधिकारी बंदरों के खतरे को रोकने के लिए स्पीकरों पर गुस्से में लंगूरों की रिकॉर्डेड आवाजें भी बजा रहे हैं।
लखनऊ मेट्रो की वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बिलानी ने कहा, 'शुरूआत में हमने स्पीकर पर गुस्से वाली लंगूर की आवाजें बजाईं। इसका कुछ असर देखने को मिला, लेकिन ज्यादा नहीं, बंदर काफी स्मार्ट होते हैं। अब, प्रबंधन ने लंगूरों के कट-आउट प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है। इस बीच, हम नकली आवाजें भी बजाना जारी रखेंगे।
बलिर्ंगटन क्रॉसिंग पर ओसीआर बिल्डिंग के प्रशासन ने भी इसी तरह के लंगूर कट-आउट लगाए हैं। बिल्डिंग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम के बाद बंदरों का आतंक कुछ हद तक कम हुआ है।
चारबाग रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने 45 वर्षीय किस्मत नाम के शख्स को काम पर रखा, जो बंदरों को भगाने के लिए लंगूर की आवाज की नकल करता है।
शख्स ने कहा, मैं यहां रेलवे द्वारा काम पर रखा गया पहला व्यक्ति था। आज, मैं कई अन्य पुरुषों के साथ काम करता हूं, जो लंगूर की आवाज की नकल करते हैं। वे अलीगंज, इंदिरा नगर, आलमबाग और अन्य क्षेत्रों में काम करते हैं। कुछ लोग बंदरों को दूर रखने के लिए लंगूर का मूत्र भी छिड़कते हैं।
स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 1 लाख यात्रियों की आवाजाही होती है।
इस बीच, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) के प्रबंधन ने बंदरों को डराने के लिए वास्तविक लंगूरों को रखा हैं। अधिकारियों ने कहा कि पहल को आंशिक सफलता मिली है।
रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन एहतियाती कदम उठाने की बजाय मामले को टाल रहा है।
गोमती नगर की रहने वाली स्नेहा खन्ना ने कहा, जब हम मदद के लिए लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) के पास जाते हैं, तो वे हमसे वन विभाग को बुलाने के लिए कहते हैं, जो कभी भी हमारे बचाव में नहीं आते है। प्रशासन के बड़े-बड़े दावों के उलट बंदर हर जगह हमला कर रहे हैं, लोगों को काट रहे हैं और खाने-पीने का सामान छीन रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, लगभग हर महीने शहर भर में बंदर के काटने के लगभग 50 मामले सामने आते हैं। इसके अलावा, एलएमसी हेल्पलाइन पर बंदरों के खतरे के बारे में प्रति दिन कम से कम एक या दो कॉल आती हैं। निकाय अधिकारियों के अनुसार ये कॉल आदर्श रूप से वन विभाग के पास जाने चाहिए।
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा, हाल ही में, हमारी एलएमसी बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि वन विभाग इस मुद्दे को हल करने के लिए अन्य विभागों के साथ सहयोग और समन्वय करेगा। साथ ही, एलएमसी ने एक वानर वाटिका (मंकी गार्डन) स्थापित करने की योजना बनाई है। जहां पकड़े गए बंदरों को छोड़ा जा सकता है।
पशु कल्याण विभाग के अतिरिक्त नगर आयुक्त डॉ अरविंद राव ने कहा, आदर्श रूप से, वन विभाग को एक हेल्पलाइन स्थापित करनी चाहिए। हालांकि, हम अपने हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से निवासियों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला वन अधिकारी रवि कुमार सिंह ने कहा, वन विभाग बंदरों के खतरे के चलते एक तंत्र स्थापित करेगा। हम बंदरों के आवास स्थापित करने के लिए एलएमसी के साथ काम करने के लिए भी तैयार हैं। बंदर एक अनुसूचित पशु है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे नगर निगम द्वारा नहीं पकड़ा जा सकता है। नियम कहते हैं कि स्थानीय निकाय बंदरों को पकड़ सकते हैं और उन्हें आवास में रख सकते हैं। हम इस काम में एलएमसी की निगरानी कर सकते हैं। वन विभाग, महापौर के साथ, पहले से ही कान्हा उपवन और अटल उपवन में कुछ क्षेत्रों को चिन्हित कर चुका है जो बंदरों के आवास के विकास के लिए आदर्श हैं। (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 28 नवंबर | पिछले 24 घंटों के दौरान घाटी और लद्दाख क्षेत्र में न्यूनतम तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे रहा, मौसम विज्ञान (एमईटी) कार्यालय ने सोमवार को इसी तरह की स्थिति जारी रहने का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अगले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है, इस अवधि के दौरान घाटी और लद्दाख में न्यूनतम तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे रहेगा।
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 1.8, पहलगाम में माइनस 4 और गुलमर्ग में माइनस 1 डिग्री सेल्सियस रहा।
लद्दाख के द्रास में न्यूनतम तापमान माइनस 12.1 और लेह में माइनस 8 रहा।
जम्मू में 9.8, कटरा में 9, बटोटे में 4.9, बनिहाल में 3.2 और भद्रवाह में न्यूनतम तापमान 3 रहा। (आईएएनएस)|
कानपुर, 28 नवंबर | कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में अगले आदेश तक कोई भी नेत्र जांच शिविर आयोजित करने पर रोक लगा दी है। एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कानपुर के आठ लोगों की आंखों की रोशनी चली जाने के कुछ दिनों बाद यह फैसला आया है।
जिले के अस्पतालों को इस निर्णय की सूचना देते हुए एक नोटिस जारी किया गया है, साथ ही एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें लोगों को चिकित्सा प्रक्रियाओं के संदर्भ में सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
सीएमओ डॉ आलोक रंजन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शहर के डॉक्टरों द्वारा किए गए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाने की घटना की जांच पूरी होने तक जिले में कहीं भी आंखों की जांच के लिए शिविर नहीं लगाया जाना चाहिए।
साथ ही भविष्य में नेत्र शिविर के आयोजकों को अतिरिक्त सीएमओ से अनुमति लेनी होगी।
इस बीच, सीएमओ ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को एक पत्र भेजने का फैसला किया है, जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज गुप्ता की डिग्री रद्द करने की सिफारिश की गई है, जिन्होंने एक निजी अस्पताल आराध्या में सर्जरी की थी।
डॉ गुप्ता को नोटिस भी दिया गया है और तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को भी कहा है। (आईएएनएस)|
इंदौर, 28 नवंबर | कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का मध्यप्रदेश में सोमवार को छठा दिन है। राहुल गांधी की यात्रा इंदौर से उज्जैन की तरफ बढ़ रही है। सोमवार सुबह जब वे अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रहे थे तभी उन्होंने साइकिल भी चलाई। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में 23 नवंबर को प्रवेश किया था और यह यात्रा खंडवा, खरगोन होती हुई इंदौर पहुंच गई है। अब उज्जैन की तरफ बढ़ रही है।
राहुल गांधी सोमवार की सुबह जब अपनी यात्रा पर निकले तो उनके साथ चल रहा एक साइकिल सवार करीब आया तो राहुल गांधी भी अपने को नहीं रोक पाए और उन्होंने साइकिल की सवारी कर डाली। राहुल गांधी जहां साइकिल चला रहे थे तो उनके साथ विधायक जीतू पटवारी दौड़ लगा रहे थे।
राहुल गांधी ने रविवार को मोटर साइकिल की सवारी की थी और सोमवार को जब उन्हें साइकिल दिखी तो वे उसकी सवारी करने से भी नहीं चूके। हां इतना जरूर हुआ कि कांग्रेस नेताओं को राहुल गांधी के साथ दौड़ लगाना पड़ी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 27 नवंबर । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश में जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए क़ानून बनाना बेहद ज़रूरी है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, "अगर ये क़ानून नहीं बना तो देश में न सामाजिक समरसता और एकता बचेगी और न ही देश का विकास हो पाएगा."
उन्होंने दावा किया कि "1978 के पहले चीन की जीडीपी भारत की जीडीपी से कम थी लेकिन आज की तारीख़ में चीन भारत से ज़्यादा समृद्ध है क्योंकि 1979 में चीन 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लाया था."
उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "यूपी से लेकर उत्तराखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश तक में कॉमन सिविल कोड आज से 70 साल पहले आना चाहिए था. राज्यों में बीजेपी की सरकारों ने इसे लाने का संकल्प किया है."
उन्होंने कहा "आने वाले दिनों में दुनिया की कोई ताकत जनसंख्या नियंत्रण क़ानून को रोक नहीं पाएगी."
इस साल जुलाई में भी गिरिराज सिंह ने जनसंख्या क़ानून मामले में चीन का ज़िक्र किया था और कहा था कि देश में चीन की तर्ज़ पर जनसंख्या क़ानून बनाने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा था, "चीन ने 1979 में कड़ा क़ानून लाकर अगर अपनी आबादी नहीं रोकी होती तो वहां आज आबादी बढ़कर 60 करोड़ से अधिक हो गई होती."
साल 2015 में चीन ने अपनी वन चाइल्ड पॉलिसी को ख़त्म करने का फ़ैसला किया था और कहा था कि चीनी जोड़े दो बच्चे कर सकते हैं. 2016 में इस क़ानून को ख़त्म कर दिया गया था.
लेकिन लगातार गिरती जन्मदर को देखते हुए साल 2021 में चीनी सरकार ने कहा था कि यहां दंपति अब तीन बच्चे पैदा कर सकते हैं.
महंगाई के दौर में एक से अधिक बच्चे पालने को लेकर नागरिकों की चिंताओं को देखते हुए सरकार ने ये भी कहा था कि सरकार ऐसे परिवारों के लिए मदद भी मुहैया कराएगी. (bbc.com/hindi)
जम्मू-कश्मीर, 27 नवंबर । जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कश्मीर संविधान के जरिये भारत से जुड़ा है लेकिन बीजेपी ने इस संविधान को भी नष्ट कर दिया है. भारत सिर्फ बीजेपी का नहीं है.
मुफ़्ती ने केंद्र सरकार की कश्मीर नीति पर निशाना साधते हुए कहा, ‘’ जब तक आप (सरकार) कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझाते तब तक आपको यहां कोई रिजल्ट नहीं मिलेगा भले ही आप यहां कितनी भी सेना क्यों न भेज दें.’’
इससे पहले महबूबा मुफ्त़ी को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनंतनाग ज़िले में मिले क्वार्टर खाली करने को कहा था. पहले उन्हें पॉश गुपकार रोड स्थित बंगला भी खाली करने को कहा गया था.
अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर के निर्देश पर महबूबा मुफ़्ती सहित तीन अन्य पूर्व विधायकों को अनंतनाग के कार्यकारी मजिस्ट्रेट की ओर से क्वार्टर खाली करने का नोटिस मिला है.
तीन पूर्व विधायकों अब्दुल रहीम राथर, अब्दुल माजिद बट और मोहम्मद अल्ताफ वानी को 4, 6 और 1 नंबर के सरकारी क्वार्टर 24 घंटों के भीतर खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. महबूबा मुफ्ती क्वार्टर नंबर 7 में रह रही हैं. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 27 नवंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक भलाई और विश्व कल्याण पर फोकस करेगा। अपने मासिक रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 1 दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए तैयार है, जो देश के लिए एक बड़ा अवसर है।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना है और वैश्विक भलाई, विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है। शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो, सतत विकास हो, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है। हमने वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की जो थीम दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि आप संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे और आपको यह भी याद रखना होगा कि जी20 में आने वाले लोग, भले ही वे अभी प्रतिनिधि के रूप में आए हों, भविष्य के पर्यटक हैं।
हाल ही में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट 'विक्रम-एस' के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ''18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा। जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया था। इस रॉकेट का नाम 'विक्रम-एस' है। स्वदेशी अंतरिक्ष स्टार्टअप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का दिल गर्व से ऊंचा हो गया।
विक्रम-एस रॉकेट कई विशेषताओं से लैस है। उन्होंने कहा, ''यह अन्य रॉकेटों की तुलना में हल्का भी है, और सस्ता भी है।''
इसकी विकास लागत अंतरिक्ष मिशन में शामिल अन्य देशों द्वारा किए गए खर्च की तुलना में बहुत कम है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में, कम लागत पर विश्व स्तर का मानक अब भारत की पहचान बन गया है। इस रॉकेट को बनाने में एक और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।
मोदी ने कहा, ''आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रॉकेट के कुछ अहम हिस्से 3डी प्रिंटिंग से तैयार किए गए हैं। निश्चित तौर पर 'विक्रम-एस' के लॉन्च मिशन को दिया गया 'प्रारंभ' नाम बिल्कुल सही बैठता है। यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है। (आईएएनएस)
शेख कय्यूम
श्रीनगर, 27 नवंबर | फारूक अब्दुल्ला (86) वर्तमान में जम्मू एवं कश्मीर के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। अपने तेजतर्रार स्वभाव के लिए जाने जाने वाले फारूक अब्दुल्ला तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बात जब भी फारूक अब्दुल्ला की होती है, तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसे नेता पहले नहीं देखे हैं।
खुशमिजाज, आसान छवि के पीछे एक चतुर राजनेता हैं, जो जानता है कि कब मैदान के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने का समय आ गया है।
यहां तक कि उनके घोर राजनीतिक विरोधी भी मित्र बनाने और शत्रुओं को निरस्त्र करने की उनकी क्षमता के लिए उनका सम्मान करते हैं।
फारूक अब्दुल्ला पर अक्सर अप्रत्याशित होने का आरोप लगाया जाता है और शायद यही उनकी सबसे अच्छी राजनीतिक संपत्ति है। उनका अप्रत्याशित स्वभाव उनकी कार्यशैली के साथ मेल खाता है। मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्हें बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के साथ मोटरसाइकिल पर सवारी करते हुए देखा गया था।
वह ठेला खींच रहे एक मजदूर की मदद करने के लिए ऑफिस जाने के रास्ते में रुक गए थे।
उनकी एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि वह किसी पर चाहे जितना जोर से चिल्लाएं, वह लंबे समय तक किसी के साथ वैर भाव नहीं रखते हैं।
फारूक अब्दुल्ला को अक्सर उनकी लौकिक बेचैनी के लिए दोषी ठहराया जाता है, जो लोग उनसे जुड़े रहे हैं, वे आपको बताएंगे कि इससे अक्सर मुख्यमंत्री के रूप में उनके कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
गोल्फ खेलना, गाना गाना, अच्छे कपड़े पहनना और सुन्दर स्त्रियों के संग दिखना उनकी मजबूरी रही है।
वह जम्मू-कश्मीर के बाहर अक्सर गोल्फ खेलने, संगीत कार्यक्रम देखने, क्रिकेट मैच देखने और हाई प्रोफाइल पार्टियों में भाग लेने के लिए आते-जाते रहते थे, तब भी जब उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए था।
मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वस्तुत: अपने दो सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों, मुख्य सचिव अशोक जेटली और उनके प्रधान सचिव बीआर सिंह को शासन सौंप दिया।
जब भी पार्टी की ओर से कुछ ऐसा करने के लिए कहा जाता था, जो उन्हें लगता था कि उनकी क्षमता से परे है, तो वे ऐसे मामलों को 'टोनी' के पास भेज देते थे। अशोक जेटली को उनके दोस्त और परिवार वाले प्यार से टोनी बुलाते थे।
वह सार्वजनिक और निजी तौर पर किए गए वादों को भूलने के लिए जाने जाते हैं। शायद यह उनके लापरवाह स्वभाव का अपरिहार्य हिस्सा है।
चतुर वृद्ध राजनेता के बारे में एक बात उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनका कभी भी किसी पार्टी सहयोगी या मंत्री से सामना नहीं हुआ। पार्टी में उनके वरिष्ठ सहयोगियों और अतीत में उनके नेतृत्व वाली सरकारों में कभी भी उनसे आमने-सामने बात करने का साहस नहीं हुआ।
उनके एक वरिष्ठ पार्टी सहयोगी और एक पूर्व मंत्री ने कहा, वह विपक्ष को एक तरफ कर देते थे। उनका दबंग व्यक्तित्व और अप्रत्याशित स्वभाव हमेशा उनके सहयोगियों को सतर्क रखता है। आप उनके अगले कदम की भविष्यवाणी नहीं कर सकते।
कोई उन्हें किसी भी चीज के लिए दोषी ठहरा सकता है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष हैं।
1982 में जब उनके पिता शेख मुहम्मद अब्दुल्ला का निधन हुआ, तब से फारूक अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के बॉस रहे हैं।
इतने सालों में पार्टी उनका उत्तराधिकारी नहीं बना पाई है। उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पार्टी में 'बॉस के बेटे' के रूप में जाना जाता है। जो लोग पिता और पुत्र दोनों को जानते हैं, वे इस बात से सहमत हैं कि उमर अब्दुल्ला अपने व्यवहार और कार्यशैली में अपने पिता से मीलों दूर हैं।
उमर अब्दुल्ला निवर्तमान, बहिमुर्खी की तुलना में अधिक निजी व्यक्ति हैं, जो उनके पिता हमेशा से रहे हैं।
फारुख अपने जीवन के बड़े हिस्से को पार कर चुके होते हैं, ऐसे में भी नेशनल कांफ्रेंस अपने एकमात्र करिश्माई नेता के रूप में उनपर पूरी तरह से निर्भर है।
अभी हाल ही में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेता के रूप में अपने कद का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद को त्यागने का फैसला किया है, लेकिन जोर देकर कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में खड़े होंगे।
वह पीपुल्स एलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रमुख भी हैं, जो राजनीतिक दलों का एक समूह है, जो जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली के लिए खड़ा है।
जाहिर है, फारूक अब्दुल्ला ने भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए सभी पुलों को जला दिया है।
दक्षिणपंथी राजनीतिक दल का विरोध करना उनका सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्ड बन गया है।
अगर आगामी विधानसभा चुनावों में जनादेश आता है तो ऐसे में सवाल उठेगा कि क्या वह कभी भाजपा के साथ राजनीतिक समझौते पर बातचीत करेंगे?
खैर, उनकी प्रकृति और सत्ता में बने रहने के लिए कठिन राजनीतिक सौदे करने की क्षमता को देखते हुए, वे शायद ऐसा ही करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 नवंबर | जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि हाउसकीपिंग स्टाफ उन्हें सभी सेवाएं मुहैया करा रहा है और वह जेल में दूसरों से खुलकर बात भी कर रहे हैं। इस वीडियो ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है कि एक विचाराधीन कैदी को जेल के अंदर 'शानदार' सुविधाएं क्यों मुहैया कराई जा रही हैं।
शनिवार को सार्वजनिक हुए वीडियो में जैन को जेल अधीक्षक से बात करते हुए देखा जा सकता है, जिन्होंने उनसे मुलाकात की थी।
फिलहाल तिहाड़ जेल ने लीक हुए वीडियो पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
मामला क्या है?
ईडी ने विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसमें उदय शंकर अवस्थी, एमडी इफको, पंकज जैन, ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के प्रमोटर और रेयर अर्थ ग्रुप, दुबई, अमरेंद्र धारी सिंह और अन्य शामिल हैं। मामले में सत्येंद्र जैन को भी आरोपी बनाया गया है।
उन पर कथित रूप से एक आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार करने का आरोप लगाया गया है।
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि इफको में अवस्थी और अन्य ने अपराध की आय अर्जित की और इसे विभिन्न असंबंधित संस्थाओं के माध्यम से हस्तांतरित कर दिया गया।
आरोपों में भारत के बाहर पंजीकृत कई संस्थाओं (आरोपी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित) के माध्यम से नकली वाणिज्यिक लेनदेन के एक जटिल वेब के जरिए माध्यम से विदेशी आपूर्तिकतार्ओं से अवैध कमीशन प्राप्त करना शामिल है, ताकि धोखाधड़ी वाले लेनदेन को वास्तविक रूप में दिखाया जा सके।
ईडी ने कहा, "अवस्थी (अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी के पिता) और परविंदर सिंह गहलौत (विवेक गहलौत के पिता) इफको के प्रबंध निदेशक और आईपीएल (यू.एस. अवस्थी) के निदेशक और प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी स्थिति के आधार पर उर्वरक उद्योग में काफी प्रभावशाली हैं।
ईडी को जांच में यह भी पता चला है कि अवैध तरीकों से भारत में संजय जैन द्वारा 37.12 करोड़ रुपये और 6.18 मिलियन अमरीकी डालर की राशि प्राप्त की गई।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने जैन के बिजनेस पार्टनर ए.डी. सिंह और आलोक कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिनके साथ उसके व्यापारिक संबंध थे। सिंह ने अवैध तरीकों से दुबई से 27.79 करोड़ रुपये भी प्राप्त किए थे। जैन और सिंह दोनों ने भारत में अपराध की आय प्राप्त करने के लिए अग्रवाल द्वारा प्रदान किए गए वाहन का उपयोग किया।
ईडी ने छह आरोपियों के खिलाफ 2021 में एक विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत भी दर्ज की थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 नवंबर | दिल्ली रविवार सुबह धुंध की परत से ढकी रही और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 पर 'बहुत खराब श्रेणी' में बना रहा। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, पर्यावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों की सांद्रता क्रमश: "बहुत खराब" और "खराब श्रेणी" के तहत 315 और 210 दर्ज की गई।
सफर के पूवार्नुमान के अनुसार, शहर की वायु गुणवत्ता सोमवार को "बहुत खराब श्रेणी" में एक्यूआई के 326 तक बढ़ने के साथ और खराब होगी।
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को "अच्छा" माना जाता है; 51 और 100 के बीच "संतोषजनक"; 101 और 200 के बीच "मध्यम"; 201 और 300 के बीच "खराब"; 301 और 400 के बीच "बहुत खराब"; और 401 और 500 के बीच "गंभीर"।
हालांकि, दिल्ली के पड़ोसी शहर नोएडा का एक्यूआई भी 345 पर "बहुत खराब श्रेणी" में बना रहा, जिसमें पीएम 2.5 की सांद्रता 345 और पीएम 10 की सांद्रता 207 पर क्रमश: "बहुत खराब" और "खराब श्रेणी" के तहत रही।
जबकि गुरुग्राम की समग्र वायु गुणवत्ता भी 319 पर एक्यूआई के साथ "बहुत खराब श्रेणी" में और भी खराब हो गई। पीएम 2.5 एकाग्रता 319 और पीएम 10 एकाग्रता 191 दर्ज की गई, दोनों "बहुत खराब" और "मध्यम श्रेणी" के तहत है। (आईएएनएस)
अहमदाबाद, 27 नवंबर | भारतीय दंड संहिता में कई धाराएं महिलाओं की रक्षा करती हैं, फिर भी वे अत्याचार और अपराध की शिकार हैं। गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 ('लव जिहाद') ऐसा प्रावधान है, बावजूद इसके महिलाओं के साथ ऐसे मामले अधिक हैं। महिला कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब लड़कियों को उनके पति या प्रेमी द्वारा फंसाया और छोड़ दिया जाता है तो उन्हें परिवार के समर्थन की आवश्यकता होती है और यहीं पर समाज नैतिक रूप से कमजोर हो जाता है।
सामाजिक कार्यकर्ता सोनल जोशी के मुताबिक, यह कानून धर्म पर आधारित नहीं है, बल्कि जबरन धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए एक समुदाय द्वारा हिंदू समुदाय की लड़कियों को फंसाने की साजिश के तहत बनाया गया है, यहां तक कि हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए पैसा भी दिया जाता है।
उन्होंने नोट किया है कि ऐसे युवकों द्वारा फंसी लड़कियों और महिलाओं को अक्सर उनके द्वारा छोड़ दिया जाता है, जब ऐसी महिलाएं या लड़कियां अपने माता-पिता के पास लौटने की कोशिश करती हैं, तो उन्हें वापस स्वीकार नहीं किया जाता है। 1998 में ऐसी 45 महिलाओं और लड़कियों को विश्व हिंदू परिषद द्वारा आश्रय दिया गया।
जोशी युवाओं को आकर्षित करने के लिए लड़कियों की यौन शिक्षा की भी वकालत करते हैं। यदि उचित यौन शिक्षा दी जाए तो ऐसे कानूनों के स्थान पर बहुत से मुद्दों का समाधान किया जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता मीनाक्षी जोशी का मानना है, गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम (संशोधन), 2021 की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह महिलाओं के अपने साथी को चुनने के अधिकार के खिलाफ है, हर वयस्क महिला जानती है कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत, भले ही वह गलती करे, उसके पास अपनी पसंद का साथी चुनने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून हैं और जब इनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा तो नए कानून की कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
महिला अधिकार कार्यकर्ता रुजन खंभाटा ने कहा, जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगाने की जरूरत है लेकिन क्या नया अधिनियम वास्तव में महिलाओं को ऐसे जाल से बचाता है?
तीनों का मानना है कि गुजरात में महिलाएं या लड़कियां लव जिहाद से डरती नहीं हैं, वे राज्य में स्वतंत्र रूप से घूमती हैं, स्कूल और कॉलेजों, सामाजिक कार्यक्रमों और यहां तक कि रात की पार्टियों में भी भाग लेती हैं।
कार्यकर्ताओं का मत है कि यदि परिवार और समाज सही समय पर लड़कियों और महिलाओं का समर्थन करे, तो यह समाज की सेवा करने में बड़ी भूमिका निभाएगी। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 27 नवंबर | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और तीन पूर्व विधायकों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 24 घंटे के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और तीन पूर्व विधायकों को अनंतनाग जिले में खानबल हाउसिंग कॉलोनी में उनके कब्जे वाले सरकारी क्वार्टर को खाली करने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा नोटिस दिया गया है।
जिन तीन पूर्व विधायकों को क्वार्टर खाली करने के लिए कहा गया है, उनमें मुहम्मद अल्ताफ वानी, अब्दुल मजीद भट और अब्दुल रहीम राठेर शामिल हैं।
नेताओं को 2014 में क्वार्टर आवंटित किए गए थे। (आईएएनएस)
कोलकाता, 27 नवंबर | पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बीरभूम जिले के बोलपुर- शांतिनिकेतन में प्रतिष्ठित विश्वभारती विश्वविद्यालय के रेक्टर की कुर्सी संभाली है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा रविवार को जारी एक बयान में बोस को मानदंडों के अनुसार विश्वविद्यालय के नए रेक्टर के रूप में घोषित किया गया।
उस कुर्सी पर बोस ने राज्य के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ का स्थान लिया है, जो वर्तमान में देश के उपराष्ट्रपति हैं। ला गणेशन ने धनखड़ के बाहर निकलने और बोस के प्रवेश के बीच की अवधि में कार्यवाहक राज्यपाल के रूप में कार्य किया, लेकिन गणेशन ने विश्वभारती विश्वविद्यालय की कुर्सी नहीं संभाली।
अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विपरीत, जहां भारत के राष्ट्रपति कुर्सी के आधार पर कुलाधिपति होते हैं, विश्वभारती विश्वविद्यालय के मामले में भारत के प्रधानमंत्री कुलाधिपति होते हैं, जबकि भारत के राष्ट्रपति विजिटर होते हैं। उस मानदंड से, वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विजिटर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं।
समान मानदंडों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पारंपरिक रूप से विश्व-भारती विश्वविद्यालय के रेक्टर हैं, जिसे मई 1951 में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था।
महान भारतीय अभिनेता बलराज साहनी इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के शिक्षक रह चुके हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 1953 से 1954 तक विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति के रूप में कार्य किया। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार और चित्रकार रामकिंकर बैज, भारतीय समकालीन कला इतिहासकार, रमन शिव कुमार और प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे शामिल हैं। (आईएएनएस)
एम.के. अशोक
बेंगलुरू, 27 नवंबर | कर्नाटक में 'लव जिहाद' का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कट्टर हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ एक अभियान छेड़ रखा है।
एनआईए ने दक्षिण कन्नड़ जिले से कांग्रेस के पूर्व विधायक स्वर्गीय इदिनब्बा की पोती दीप्ति मारला उर्फ मरियम के खिलाफ कर्नाटक में कथित रूप से आतंकवादी नेटवर्क चलाने और आईएसआईएस में भोले-भाले मुस्लिम युवकों की भर्ती करने के आरोप में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है।
एक अन्य मामले में कर्नाटक के मांड्या जिले में 13 साल की नाबालिग लड़की से ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म के मामले ने 'लव जिहाद' का रूप ले लिया है। 25 वर्षीय आरोपी ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता को इस्लाम कबूल करने और उससे शादी करने के लिए नाबालिग को प्रताड़ित किया।
एक अन्य घटना में हुबली में मोहम्मद एजाज शिरूर से शादी करने के बाद इस्लाम धर्म अपनाने वाली अपूर्वा पुराणिक को तलाक लेने के लिए 20 बार चाकू मारा गया। एजाज पहले से ही शादीशुदा था और उसके दो बच्चे हैं। जांच से पता चला कि ऑटो चालक एजाज ने एमबीए स्नातक युवती को फंसाया, उसके निजी वीडियो बनाए, ब्लैकमेल किया और शादी के लिए फुसलाया। यह घटना मार्च में हुई थी।
इन घटनाओं ने पूरे कर्नाटक को हिलाकर रख दिया और राष्ट्रीय समाचार बना। आज कर्नाटक में 'लव जिहाद' एक आम मुहावरा बन गया है। हिंदू संगठनों ने स्थिति पर नजर रखने और हिंदू लड़कियों की सुरक्षा करने की बात कही है।
मंगलुरु में वज्रदेही मठ के राजशेखरानंद स्वामी ने 'लव जिहाद' के कथित मामलों को रोकने और राज्य के तटीय क्षेत्र में हिंदू पहचान की रक्षा के लिए 'हिंदू टास्क फोर्स' के गठन की घोषणा की है।
हिंदू संगठन श्री राम सेना का दावा है कि हिंदू लड़कियों को 'लव जिहाद' के माध्यम से भारत की जनसांख्यिकी को बदलने के कथित संगठित प्रयासों के खिलाफ जमीनी स्तर पर काम किया जा रहा है।
हालांकि विशेषज्ञ इस प्रवृत्ति के खिलाफ चेतावनी देते हैं। विचारक, राजनीतिक विश्लेषक एवं साहित्यकार बसवराज सुलिभावी का कहना है कि वर्तमान युग में लोगों की मानसिकता में धार्मिक कट्टरता थोपी जा रही है।
सुलिभावी ने कहा, यहां व्यवस्था दोषी है। यह दोनों तरफ से किया जा रहा है। यहा बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों की मानसिकता बना रहा है।
उन्होंने कहा, यह नहीं कहा जा सकता है कि इसके लिए अकेले एक विशेष धर्म या व्यक्तियों का एक समूह जिम्मेदार है। हालांकि अल्पसंख्यक कट्टरवाद काफी हद तक इसके लिए जिम्मेदार है। हमें इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना होगा।
सुलिभवी ने कहा, एक हिंदू द्वारा एक शव को सूटकेस में ठूंसने की वारदात हुई है। इन सभी मामलों को व्यक्तिगत स्तर पर देखा जाना चाहिए। लेकिन इसे एक धर्म से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। जब भी कोई घटना होती है, धर्म विशेष को दोष देने का प्रयास किया जाता है।
लेकिन श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक कहते हैं कि हिंदू लड़कियों को व्यवस्थित रूप से फंसाया जाता है। विभिन्न ऐप और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके हिंदू लड़कियों को 'लव जिहाद' में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
मुतालिक ने कहा, मैंने 2008 में 'लव जिहाद' शब्द गढ़ा और उस पर पहली किताब भी प्रकाशित की। किताब में आधी हिंदू और आधी मुस्लिम महिला की तस्वीर, इस्लाम में जबरन धर्मांतरण का प्रतीक है। हम कई वर्षों से इसके खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा, जब मैंने पहली बार 'लव जिहाद' के खिलाफ आवाज उठाई तो भाजपा सहित सभी ने मेरा उपहास उड़ाया। वे कहते थे कि चूंकि मेरी शादी नहीं हुई है, इसलिए मुझे 'लव जिहाद' का जुनून है। मेरा अपमान और विरोध किया गया। लेकिन मैंने अपना काम जारी रखा और मामले सामने आए।
मुथालिक ने हावेरी जिले के सावनूर शहर में 19 वर्षीय एक हिंदू लड़की का उदाहरण दिया, जिसे 65 वर्षीय निप्पनी बाबू ने बस में कर लिया था। वह तीन महीने से लापता थी। उन्होंने कहा, मैंने एसपी के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने 24 घंटे में लड़की का पता लगा लिया। लड़की को उसके परिवार को सौंप दिया गया और आरोपी को जेल भेज दिया गया।
मुस्लिम पुरुषों पर हिंदू महिलाओं को फंसाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, मैंने ऐसे कई मामलों को देखा है। मुस्लिम युवाओं को हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। हिंदू लड़कियों को प्रभावित करने के लिए उन्हें व्यवस्थित रूप से केरल में प्रशिक्षण दिया जाता है।
मुथालिक ने कहा, इसके पीछे काम करने वाले संगठन न केवल युवाओं को प्रशिक्षण देते हैं, वे उन्हें बाइक, नकदी और फैशनेबल पोशाक भी प्रदान करते हैं। इसी तरह एमबीए, इंजीनियरिंग और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हिंदू लड़कियां मैकेनिक, राजमिस्त्री और ऑटो चालकों के झांसे में आ रही हैं।
इस प्रयास को मुस्लिम समुदाय और आरोपियों के परिजनों का समर्थन मिल रहा है। यह अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी बढ़ाने का एक हिस्सा है।
मुतालिक ने कहा, धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू लड़कियों, महिलाओं को फंसाना एक बात है। अब उनका इस्तेमाल जिहाद को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
हिंदू लड़कियों को लाइव बॉम्बर्स के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हुबली में प्रसिद्ध बेकरी मालिक की बेटी किसी के साथ भाग जाने के बाद लापता हो गई। उसका घर मुस्लिम इलाके में स्थित था। 15 साल बाद उसकी तस्वीर 1999 में कोयम्बटूर विस्फोट मामले के वांछित व्यक्तियों की सूची में दिखाई दी। उसे 10 वांछित व्यक्तियों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
यह सबूत है कि कैसे हिंदू लड़कियों का उपयोग आतंकवाद के लिए किया जाता है। हिंदू लड़कियों को अगवा करने और 'लव जिहाद' में फंसाने के बाद उन्हें सीरिया भेजा जाता है।
दीप्ति मारला के मामले में एक हिंदू लड़की, जिसे कथित तौर पर मुस्लिम युवकों को आईएस में भर्ती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसके नाम पर 14 बैंक खाते थे। यह सबूत हैं।
उन्होंने कहा, तीन हजार से अधिक हिंदू लड़कियां, जो 'लव जिहाद' की शिकार थीं, उन्हें वापस हिंदू धर्म की तह में लाया गया है। हालांकि उन्हें शुरू में खतरों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।
आरोपों का जवाब देते हुए बसवराज सुलिभवी ने कहा, 'लव जिहाद' भारतीय संदर्भ में राजनीतिक पृष्ठभूमि में अलग-अलग परिभाषाएं लेती हैं।
सुलिभवी ने कहा, इन कथाओं के पीछे एक राजनीतिक मकसद है। इस देश के नागरिक, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकते हैं।
सुलिभावी ने कहा, नागरिकों को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का संवैधानिक अधिकार है। आज इस अधिकार को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। जातिवादी और पारंपरिक मानसिकता लोगों को धर्म के नाम पर विभाजित करने के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काती है।
लेकिन उन्होंने भी स्वीकार किया कि एक बार शादी हो जाने के बाद किसी भी पुरुष को यह अधिकार नहीं है कि वह अपने साथी पर अपना धर्म थोप सके। व्यक्ति अपने धर्म और परम्पराओं का पालन कर सकते हैं। सुलिभवी ने कहा, जब एक हिंदू लड़की की शादी एक मुस्लिम से होती है तो इसे 'लव जिहाद' कहा जाता है और जब एक मुस्लिम लड़की एक हिंदू लड़के से शादी करती है, तो यह एक प्रेम विवाह बन जाता है। इस दोहरेपन के पीछे राजनीति है, यह देखना होगा।
उन्होंने कहा, इस दोहरेपन को व्यवस्था का समर्थन है और इस पर राजनीति की जा रही है। शादी के बाद अगर कोई चाहता है कि उसका जीवनसाथी उसके धर्म का पालन करे, तो यह गलत है। वह शादी से पहले और बाद में अपनी पसंद के धर्म का पालन कर सकता या कर सकती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 नवंबर । भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि भारत खेल जगत में एक बहुत बड़ी ताकत बन गई है और उसे दुनिया का कोई देश अनदेखा नहीं कर सकता.
दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनावों प्रचार के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने
कहा, “मैं कहूंगा सही समय का इंतज़ार कीजिए. भारत खेल जगत में एक बहुत बड़ी ताकत है. भारत को आज शायद दुनिया का कोई देश अनदेखा नहीं कर सकता.”
माना जा रहा है कि खेल मंत्री ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख रमीज़ राजा ने शुक्रवार को बीसीसीआई सचिव जय शाह के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर भारत पाकिस्तान में आयोजित होने वाले एशियाकप में शामिल नहीं होता है, तो 2023 में भारत में होने वाले विश्वकप में पाकिस्तान हिस्सा नहीं लेगा.
मामला क्या है?
ये मामला बीते महीने से शुरू हुआ था, जब बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने 2023 में होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने पर ऐतराज़ जताया था और कहा कि एशिया कप टूर्नामेंट का आयोजन किसी दूसरी जगह पर आयोजित होना चाहिए.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख रमीज़ राजा ने उर्दू न्यूज़ को शुक्रवार को दिए गए इंटरव्यू में इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि “अगर अगले साल भारत में होने वाले ओडीआई विश्वकप में पाकिस्तान नहीं खेलेगा तो इसे कौन देखेगा. हमारा रुख़ साफ़ है, अगर भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान आएगी तो ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम भरत विश्वकप के लिए जाएगी. हम एक अग्रेसिव रास्ता अपानएंगे.हमारी टीम इस समय फॉर्म में है.”
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि हमें पाकिस्तान क्रिकेट की अर्थव्यवस्था में सुधार करने की ज़रूरत है और यह तभी हो सकता है जब हम अच्छा प्रदर्शन करें. 2021 के टी20 वर्ल्ड कप में हमने भारत को हराया. टी20 एशिया कप में हमने भारत को हराया. एक साल में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने एक अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाली टीम को दो बार हराया.” (bbc.com/hindi)
हैदराबाद, 26 नवंबर | एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान पर निशाना साधा कि बीजेपी ने 2002 में गुजरात में दंगाइयों को सबक सिखाया। ओवैसी ने कहा, शाह सत्ता के नशे में हैं। हैदराबाद के सांसद ने अमित शाह पर पलटवार करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। ओवैसी ने ट्वीट किया, सत्ता के नशे में चूर, भारत के गृह मंत्री ने कहा कि हमने 2002 में सबक सिखाया।
एआईएमआईएम नेता ने शाह को याद दिलाते हैं कि सत्ता स्थाई नहीं होती। गुजरात विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे ओवैसी ने लिखा, सत्ता में आने के बाद कुछ लोग भूल जाते हैं कि सत्ता हमेशा किसी के पास नहीं रहती है।
ओवैसी ने इससे पहले जुहापुरा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह से पूछा था कि उन्होंने 2002 में क्या सबक सिखाया था। नरोदा पाटिया का सबक? गुलबर्ग का सबक? बेस्ट बेकरी का सबक? बिलकिस बानो का सबक? ।
अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात में एक चुनावी सभा में कहा था कि बीजेपी ने 2002 में गुजरात के दंगाइयों को सबक सिखाया और राज्य में स्थायी शांति स्थापित की।
ओवैसी ने कहा, मैं गृह मंत्री को बताना चाहता हूं कि आपने 2002 में जो सबक सिखाया था, वह यह था कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाएगा। आपने सिखाया कि आप बिलकिस की तीन साल की बेटी के हत्यारों को छोड़ देंगे। आपने हमें यह भी सिखाया कि अहसान जाफरी को मारा जा सकता है। आपने गुलबर्ग सोसाइटी का पाठ पढ़ाया, आपने बेस्ट बेकरी का पाठ पढ़ाया, आपके कौन से पाठ हम याद रखेंगे, ।
उन्होंने कहा, अमित शाह साहब, आपने दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों के दौरान क्या सबक सिखाया? (आईएएनएस)|
आईएएनएसलाइफ
नई दिल्ली, 26 नवंबर । रवीना टंडन ने हाल ही में मध्य प्रदेश के बोरी सफारी लॉज के सतपुड़ा जंगल में अपने बच्चे के साथ काम के व्यस्त कार्यक्रम से छुट्टी का आनंद लिया। एक वन्यजीव उत्साही ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में जेहान नुमा वाइल्डरनेस के कर्मचारियों के आतिथ्य सत्कार के लिए उनकी प्रशंसा की, जहां वह इस बारे में बात करती हैं कि उन्होंने उनके साथ अपनी सफारी के रोमांच का कितना आनंद लिया। वह वर्तमान में भोपाल में जहान नुमा र्रिटीट में रह रही है, जहां वह अपनी भविष्य की फिल्म की शूटिंग कर रही हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों को पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "वापस टू व्हेयर माई हार्ट रिलेज..हैशटैग-सतपुरातिगररिजर्व हैशटैग-बोरिसाफारिलॉजएट-जेहन्नुमवाइल्डरनेस गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए शुक्रिया। चीयर्स यहां उन लोगों के लिए है जो जंगल में एक दिन के लिए चारों ओर से आए हैं एट-सरोश लोधी एट-रशथदानी।" (आईएएनएस लाइफ)।
नई दिल्ली, 26 नवंबर | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में बोलते हुए कहा कि 14 साल पहले भारत जब अपने संविधान का पर्व मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया था। पीएम मोदी ने याद किया कि 14 साल पहले 26 नवंबर को भारत ने मानवता के दुश्मनों द्वारा अपने इतिहास के सबसे बड़े आतंकवादी हमले का सामना किया था।
उन्होंने मुंबई में हुए कायराना आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत की मजूबत होती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच दुनिया हमें उम्मीद की नजरों से देख रही है। उन्होंने कहा कि यह देश जिसके बारे में कहा जाता था कि वह बिखर जाएगा। आज यह देश पूरे सामथ्र्य से आगे बढ़ रहा है। इन सबके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।
उन्होंने प्रस्तावना के पहले तीन शब्दों 'वी द पीपल' का जिक्र करते हुए कहा, ''हमारे संविधान में की प्रस्तावना की शुरूआत में जो वी द पीपुल लिखा है, ये केवल तीन शब्द नहीं हैं। वी द पीपुल एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है और एक विश्वास है। संविधान में लिखी यह भावना उस भारत की मूल भावना है जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी रहा है।''
युवा केंद्रित भावना को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा कि संविधान अपने खुलेपन, भविष्यवादी होने और आधुनिक ²ष्टि के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत की विकास गाथा के सभी पहलुओं में युवा शक्ति की भूमिका और योगदान को स्वीकार किया।
पीएम ने खुशी जाहिर की, कि लोकतंत्र की जननी होने के नाते देश संविधान के आदशरें को मजबूत कर रहा है और जनहितैषी नीतियां देश के गरीबों और महिलाओं को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के लिए कानूनों को आसान और सुलभ बनाया जा रहा है और न्यायपालिका समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर भारत जी20 की अध्यक्षता हासिल करने जा रहा है और उन्होंने एक टीम के रूप में दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की पहचान को और मजबूत करने की जरूरत है।
समानता और अधिकारिता जैसे विषयों की बेहतर समझ के लिए युवाओं में संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पीएम ने उस समय को याद किया जब संविधान का मसौदा तैयार किया गया था और देश के सामने जो परिस्थितियां थीं। उन्होंने कहा, उस समय संविधान सभा की बहस में क्या हुआ था, हमारे युवाओं को इन सभी विषयों की जानकारी होनी चाहिए।
पीएम ने जोर देकर कहा कि आजादी के अमृत काल में यह भी देश की एक अहम जरूरत है। मुझे आशा है कि संविधान इस दिशा में हमारे संकल्पों को और अधिक ऊर्जा देगा। हमारी संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं। इन महिलाओं के योगदान की चर्चा कम ही हो पाती है। जब युवा इसे जानेंगे तो उन्हें अपने सवालों का जवाब खुद ही मिलेगा।
2015 से, 1949 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों की भी शुरूआत की, जिसमें वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएस वेबसाइट शामिल है।
इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी वाई चंद्रचूड, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर, केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. भघेल, भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह के साथ शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और बार के सदस्यों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी. वाई. चंद्रदूद, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री, किरेन रिजिजू, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर, केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री, प्रो. एसपी बघेल, भारत के अटॉर्नी जनरल, आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, विकास सिंह, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और बार के सदस्य। (आईएएनएस)|
ग्रामीण मजदूरों की दैनिक मजदूरी में अलग अलग राज्यों में काफी असमानता है. महंगाई दर के लगातार ऊंची रहने के बावजूद कई राज्यों में मजदूरों को दिन भर काम के बदले सिर्फ करीब 200 रुपये दिए जा रहे हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
आरबीआई ने भारतीय राज्यों से जुड़े अलग अलग आंकड़ों की अपनी हैंडबुक का सातवां संस्करण निकाला है. इसमें 2021-22 के आंकड़ों को शामिल किया गया है. आर्थिक क्षेत्र की कई गतिविधियों से संबंधित आंकड़ों को इस हैंडबुक में जगह दी गई है, जिसमें ग्रामीण इलाकों में दी जाने वाली दैनिक मजदूरी भी शामिल है.
20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सामान्य कृषि मजदूरों को मिलने वाली दैनिक मजदूरी का मूल्यांकन किया गया है. आंकड़े अलग अलग राज्यों में दी जाने वाली मजदूरी में बड़ी खाई दिखा रहे हैं. 20 में से कम से कम 10 राज्य राष्ट्रीय औसत जितनी भी मजदूरी नहीं देते.
आरबीआई ने बताया है कि इन आंकड़ों का स्रोत केंद्र सरकार का श्रम ब्यूरो है. सभी राज्यों में केरल सबसे आगे है. यहां सामान्य कृषि मजदूरों को 2021-22 के दौरान 726.8 रुपये दैनिक मजदूरी मिली. 2014-15 में इस श्रेणी के लिए दिहाड़ी 575.1 रुपए थी.
उसके बाद हर साल इसमें 20-25 रुपयों की वृद्धि हुई. कोरोना वायरस महामारी के दौरान 2020-21 में इसमें सिर्फ छह रुपए की वृद्धि हुई. इस श्रेणी में दैनिक मजदूरीका राष्ट्रीय औसत 323.32 रुपए है. यानी केरल की दर राष्ट्रीय औसत के दुगुने से भी ज्यादा है.
अधिकांश राज्यों में 500 रुपयों से कम
केरल के बाद स्थान है जम्मू और कश्मीर का, हालांकि वह भी केरल से काफी पीछे है. जम्मू-कश्मीर में सामान्य कृषि मजदूरों को 2021-22 में 524.6 रुपए दैनिक मजदूरी दी गई. 2014-15 में यह 367.7 रुपये थी. इसमें हर साल 15-20 रुपये का इजाफा होता आया है. 2020-21 में इसमें करीब 50 रुपए की बढ़ोतरी हुई.
बाकी सभी राज्यों में दिहाड़ी की दर 500 रुपये से नीचे ही है. हिमाचल प्रदेश में 457.6 और तमिलनाडु में 445.6 रुपये है. सबसे कम मजदूरी देने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार शामिल हैं.
मध्य प्रदेश में सिर्फ 217.8 रुपए मजदूरी दी जाती है, जो देश में सबसे कम है. पिछले एक साल में इसमें सिर्फ लगभग 20 पैसों की बढ़ोतरी हुई है. 2014-15 से भी इसमें सिर्फ 67 रुपयों का इजाफा हुआ है.
2020-21 में इसे 19 रुपए बढ़ाया गया था. गुजरात में दैनिक मजदूरी 220.3 रुपए है. 2014-15 के मुकाबले इसमें सिर्फ 60 रुपयों की बढ़ोतरी हुई है. 2020-21 में इसे पांच रुपयों से भी कम बढ़ाया गया था.
निर्माण में ज्यादा मजदूरी
कृषि के अलावा दूसरे तरह का काम करने वालों को मिलने वालीदैनिक मजदूरी की भी लगभग ऐसी ही तस्वीर है. 681.8 रुपए दिहाड़ी के साथ केरल इस श्रेणी में भी आगे है.
जम्मू-कश्मीर में दिहाड़ी 500.8 है, तमिलनाडु में 462.3 और हिमाचल प्रदेश में 389.8 है. सबसे निचला स्थान पाने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश में 230, त्रिपुरा में 250, गुजरात में 252.5 और महाराष्ट्र में 277.2 रुपए दिहाड़ी है.
निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर कृषि के मुकाबले थोड़ा ज्यादा कमा लेते हैं. केरल में इन श्रमिकों को 2021-22 में 837.7 रुपए दैनिक मजदूरी मिली. जम्मू-कश्मीर में 519.8 और तमिलनाडु में 478.6 रुपये मिले. त्रिपुरा में 250, मध्य प्रदेश में 266.7 और गुजरात में 295.9 रुपए दिए गए. (dw.com)
एक परजीवी होता है, जो अक्सर भेड़ियों को संक्रमित करता है. एक ताजा शोध कहता है कि जिन भेड़ियों को यह संक्रमण हो जाता है, उनके दल का नेता बनने की संभावना ज्यादा हो जाती है क्योंकि यह परजीवी उनके मस्तिष्क में रहता है.
टोक्सोप्लाज्मा गोंडाई नाम का यह परजीवी सिर्फ बिल्लियों के शरीर में रहकर प्रजनन करता है लेकिन गर्म खून वाले सभी प्राणियों को संक्रमित कर सकता है. एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के 30 से 50 फीसदी लोग इस परजीवी से संक्रमित हैं. एक बार शरीर में घुस जाने के बाद यह एक गांठ के रूप में पूरी उम्र शरीर में मौजूद रहता है. हालांकि स्वस्थ प्रतिरोध क्षमता वाले लोगों को इसके कारण किसी तरह की दिक्कत नहीं होती.
वैसे कुछ शोध ऐसा कह चुके हैं कि जिन इंसानों में यह संक्रमण हो जाता है, उनकी भी खतरा मोल लेने की संभावना बढ़ जाती है लेकिन कई शोध इन नतीजों को गलत बताते रहे हैं. गुरुवार को ‘कम्यूनिकेशन बायोलॉजी' नामक पत्रिका में छपे शोध में 26 साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. यह आंकड़े अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में रहने वाले भेड़ियों के हैं.
कैसे हुआ शोध?
येलोस्टोन वुल्फ प्रोजेक्ट के शोधकर्ताओं ने 230 भेड़ियों और 62 तेंदुओं के खून के नमूनों की जांच की. तेंदुए ही इस परजीवी को फैलाने वाले होते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन भेड़ियों में संक्रमण हुआ था, उनके तेंदुए के इलाके में जाने की संभावना दूसरे भेड़ियों के मुकाबले ज्यादा थी.
संक्रमित भेड़ियों के अपना दल छोड़ने की संभावना भी सामान्य भेड़ियों के मुकाबले 11 गुना ज्यादा थी. दल को छोड़ना भी खतरा उठाने का ही एक प्रतीक है. इसके साथ ही, इन संक्रमित भेड़ियों के दल का नेता बनने की संभावना दूसरों से 46 गुना ज्यादा पाई गई. भेड़ियों के दल का नेतृत्व अक्सर ज्यादा आक्रामक भेड़ियों को मिलता है.
शोध की सह-लेखक कीरा कैसिडी बताती हैं कि "ज्यादा साहसी होना कोई बुरी बात नहीं है” लेकिन ऐसे जानवरों की उम्र कम हो सकती है क्योंकि वे अक्सर ऐसे फैसले करते हैं जो उनकी जान खतरे में डाल सकते हैं. कैसिडी कहती हैं, "भेड़ियों के पास इतनी गुंजाइश नहीं होती कि जितने खतरे उन्हें आमतौर पर उठाने पड़ते हैं, उससे ज्यादा खतरे मोल ले सकें.”
कैसिडी बताती हैं कि टी. गोंडाई परजीवी के जंगली जानवरों पर असर का अध्ययन करने वाला यह सिर्फ दूसरा शोध है. पिछले साल भी एक शोध हुआ था जिसमें हाइना के बच्चों पर केन्या में अध्ययन किया गया और पाया गया कि संक्रमित हाइना के शेरों के करीब जाने और मारे जाने की संभावना ज्यादा थी.
दूसरे प्राणियों पर असर
प्रयोगशालाओं में इस परजीवी को लेकर चूहों पर हुए अध्ययन का नतीजा था कि संक्रमित चूहे बिल्लियों से कुदरती डर खो बैठते हैं और बिल्लियों के पंजों में फंस जाते हैं. इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में टोक्सिकोलॉजी के प्रोफेसर विलियम सलिवन 25 साल से टी. गोंडाई पर अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने भेड़ियों को लेकर हुए शोध को को ‘दुर्लभ' कहा है. हालांकि उन्होंने चेताया भी है कि ऐसे पर्यवेक्षण आधारित शोध की सीमाएं होती हैं.
प्रोफेसर सलिवन ने कहा, "वो भेड़िये जो जन्मे ही खतरा उठाने की प्रवृत्ति के साथ हों, उनके तेंदुओं के इलाके में जाने और टी. गोंडाई से संक्रमित हो जाने की संभावना ज्यादा होती है. लेकिन, यदि ये नतीजे सही हैं तो संभवतया हम टोक्सोप्लाज्मा के असर को कम करके आंक रहे हैं.”
सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले टी. गोंडाई के विशेषज्ञ अजय व्यास कहते हैं कि भेड़ियों पर इस परजीवी के असर का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इंसानों में भी खतरा मोल लेने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा, "इंसानों के व्यवहार में ऐसा बहुत कुछ है जो अन्य प्राणियों से अलग है.”
लोग अधपका मांस खाने से या अपनी पालतू बिल्लियों से टी. गोंडाई संक्रमित हो सकते हैं. कम सेहतमंद लोगों को यह परजीवी टोक्सोप्लाजमोसिस नामक रोग से बीमार कर सकता है और उनके मस्तिष्क और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.