अंतरराष्ट्रीय
नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को भले बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया है लेकिन जिस तरह से इस्लामिक देशों और मुस्लिम बहुल देशों से प्रतिक्रिया आई, उस पर बहस ख़त्म नहीं हुई.
57 इस्लामिक या मुस्लिम बहुल देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी इस मामले में भारत को आड़े हाथों लिया था.
भारत ने ओआईसी को तीखा जवाब दिया लेकिन इस्लामिक देशों को लेकर सतर्कता से प्रतिक्रिया दी. भारत सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है.
जब पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अरब देशों से आपत्ति आ रही थी, उसी वक़्त भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू क़तर में थे.
ख़बर आई कि क़तर के डेप्युटी अमीर ने उपराष्ट्रपति को दी दावत को रद्द कर दिया. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, वजह सेहत से जुड़ी समस्या बताई गई थी. कई देशों में भारत के राजदूत रहे विवेक काटजू ने द हिन्दू से कहा है कि विदेशी धरती पर भारत के लिए यह बहुत ही अपमानजनक रहा. इसके अलावा ईरान के विदेश मंत्री भारत आने वाले थे, तभी यह विवाद हुआ. ईरान ने भी भारत से कहा कि वह पैग़ंबर के अपमान करने वालों को रोके.
भारत की विदेश नीति में खाड़ी के देश काफ़ी अहम रहे हैं. पाँच अगस्त, 2019 को भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किया तो अरब के देशों ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था और उसने दबाव भी बनाया कि अरब देश भारत के ख़िलाफ़ बोलें.
इन सबके बीच नीदरलैंड्स के सांसद का एक ट्वीट भारत का एक तबका ख़ूब पसंद कर रहा है.
भारत की विदेश नीति में खाड़ी के देश काफ़ी अहम रहे हैं. पाँच अगस्त, 2019 को भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किया तो अरब के देशों ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था और उसने दबाव भी बनाया कि अरब देश भारत के ख़िलाफ़ बोलें.
इन सबके बीच नीदरलैंड्स के सांसद का एक ट्वीट भारत का एक तबका ख़ूब पसंद कर रहा है.
ये ट्वीट है डच सांसद गीर्ट वाइलडर्स का. पैग़ंबर पर टिप्पणी के बाद उपजे विवाद पर वाइलडर्स ने एक ट्वीट कर कहा था कि तुष्टीकरण कभी भी फ़ायदा नहीं देता बल्कि इससे चीज़ें और ख़राब होती हैं.
गीर्ट ने लिखा है, "तुष्टीकरण कभी काम नहीं करता. ये स्थितियों को बिगाड़ता ही है. इसलिए भारत के मेरे प्यारे दोस्तों, इस्लामिक देशों के उकसावे में न आएं. आज़ादी के लिए खड़े होइए और गर्व करिए. अपनी नेता नूपुर शर्मा के बचाव में आइए, जिन्होंने सच कहा है."
अपने इस्लाम विरोधी बयानों के लिए पहचाने जाने वाले गीर्ट वाइल्डर्स पर एक बार ब्रिटेन में प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगा था. हालाँकि, बाद में ये प्रतिबंध वापस ले लिया गया. वाइल्डर्स की जान के ख़तरे को देखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.
गीर्ट वाइलडर्स का ये ट्वीट अब तक करीब 16 हज़ार बार रीट्वीट हो चुका है. भारत में कई बीजेपी समर्थकों अब इस ट्वीट को शेयर कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र ने भी इस ट्वीट के आधार पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पूरा लेख छापा है.
ऑर्गनाइज़र पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने इस आर्टिकल को ट्वीट करते हुए साथ में लिखा है, "सर तन से जुदा वाली सोच को जानते हुए डच सांसद ने नूपुर शर्मा के बयान का बचाव किया; कहा- तुष्टीकरण से स्थितियां ख़राब होती हैं. यूरोप में उभरती संकट की स्थिति का स्पष्ट संकेत."
ख़ुद को आरएसएस से जुड़ा बताने वाले ट्विटर यूज़र देवेंद्र जाटव लिखते हैं, "जो हिम्मत डच सांसद ने दिखाई है, वही हिम्मत बीजेपी के नेताओं को दिखानी चाहिए थी. मगर अफ़सोस सब के सब ख़ामोश है. हैरानी है कि बीजेपी की महिला नेताओं ने भी नूपुर का साथ नहीं दिया."
गीर्ट वाइल्डर्स ने क्या कहा?
डच सांसद वाइलडर्स ने एक के बाद एक नूपुर शर्मा के समर्थन में कई ट्वीट किए हैं.
उन्होंने अपने ताज़ा ट्वीट में दावा किया है कि नूपुर शर्मा को समर्थन देने की वजह से उन्हें कई मुस्लिमों ने जान से मारने की धमकी दी है.
उन्होंने एक अन्य ट्वीय में लिखा, "ये बहुत ही वाहियात है कि अरब और इस्लामिक देश भारतीय नेता नूपुर शर्मा की ओर से पैग़ंबर मोहम्मद पर सच बोलने से ग़ुस्सा है. भारत माफ़ी क्यों मांगे?"
गीर्ट वाइल्डर्स ने मंगलवार को एक और ट्वीट कर के इस्लामी देशों पर निशाना साधा.
उन्होंने लिखा, "पाखंडियों की मत सुनिए. इस्लामिक देशों में लोकतंत्र नहीं है, क़ानून का शासन नहीं है, आज़ादी नहीं है. ये अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म करते हैं और मानवाधिकारों की इस तरह धज्जियां उड़ाते हैं, जैसे कोई और नहीं करता. इनकी आलोचना होनी ही चाहिए!"
गीर्ट वाइल्डर्स बुधवार को भी एक ट्वीट में अपील की है कि पूरे भारत को एकजुट होकर नूपुर शर्मा का समर्थन करना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
नूपुर शर्मा ने बीती 26 मई को एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट शो में पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. नूपुर शर्मा के अलावा बीजेपी के एक और प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने भी पैग़ंबर को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट किया था.
इनकी टिप्पणी का भारत में कई दिनों तक विरोध जारी रहा. क़रीब दस दिन बाद इस्लामिक देशों ने इस बयान पर तीख़ी प्रतिक्रिया दी. क़तर ने भारत के राजदूत दीपक मित्तल को को तलब किया और आधिकारिक तौर पर आपत्ति का नोट सौंपा. क़तर ने इस मामले में भारत सरकार से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने को कहा.
विवाद इतना बढ़ा कि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को निलंबित किया और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से बाहर कर दिया गया.
दूसरी ओर भारत सरकार अरब देशों को ये समझाने की कोशिश की कि इन दोनों नेताओं के बयान का भारत सरकार के रुख से लेना-देना नहीं है.
इसके बाद भी विरोध नहीं थमा. दूसरे देशों के अलावा नूपुर शर्मा के निलंबन पर बीजेपी को अपने समर्थकों की ओर से भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
कहा जा रहा है कि पार्टी का काडर दोनों नेताओं पर हुई इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. हालाँकि, अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर दोनों प्रवक्ताओं को पार्टी से निलंबित और निष्कासित करने का फैसला 'अच्छा और ठीक तरह से सोच-समझकर लिया गया फैसला है'. (bbc.com/hindi)
ओरलैंडो (अमेरिका), 8 जून। मध्य फ्लोरिडा में 10 वर्षीय लड़की को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि लड़की ने एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी है जिसका उसकी मां से झगड़ा हो गया था।
ओरलैंडो पुलिस विभाग ने कहा कि लड़की दूसरी डिग्री की हत्या के आरोप का सामना कर रही है। उसे हिरासत में ले लिया गया है और स्थानीय किशोर न्याय केंद्र में रखा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि लड़की की मां को पिछले हफ्ते गैर इरादतन लापरवाही, बच्चे की उपेक्षा, हथियार को लापरवाही से रखने और हथियार से गंभीर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ‘मेमोरियल डे’ पर देर रात एक अपार्टमेंट परिसर के बाहर लड़की की मां की 41 वर्षीय लशुन रॉजर्स से लड़ाई हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक, उसने अपनी बेटी को एक बैग दिया और लड़की ने बैग से बंदूक निकालकर दो गोलियां चलाई जो रॉजर्स को लगी। बाद में रॉजर्स की अस्पताल में मौत हो गई। (एपी)
कीव, 8 जून। यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी ने कहा है कि रूस ने अब तक मारियुपोल की लड़ाई में मारे गए 210 यूक्रेनी लड़ाकों के शव लौटाए हैं।
सैन्य खुफिया एजेंसी ने बताया कि इनमें से अधिकतर अजोवस्ताल स्टील संयंत्र में मारे गए थे। हालांकि, एजेंसी ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि संयंत्र में अभी कितने और शव हो सकते हैं।
तबाह हो चुके बंदरगाह शहर पर अब रूस का कब्जा है। रूस ने मारे गए यूक्रेनी लड़ाकों के शवों को पिछले सप्ताह लौटाना शुरू किया था।
यूक्रेन ने शनिवार को कहा था कि अब तक दोनों पक्षों ने 320 शवों की अदला-बदली की है, दोनों को अपने नागरिकों के 160-160 शव मिले हैं। अभी स्पष्ट नहीं है कि रूस को इसके बाद और शव लौटाए गए या नहीं।
रूस के स्टील संयंत्र पर पूरी तरह से कब्जा करने से पहले करीब तीन महीने तक यूक्रेनी लड़ाकों ने रूस के जमीनी, हवाई और समुद्र से किए गए हमलों का डटकर मुकाबला किया था। (एपी)
इस्लामाबाद, 7 जून| पिछले हफ्ते मामलों में खतरनाक उछाल के बाद भी पाकिस्तान का पोलियो उन्मूलन अभियान अस्त-व्यस्त है। द गार्जियन ने बताया कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान जिले में पिछले एक महीने में बच्चों में पोलियो के आठ मामले सामने आए हैं।
अधिकारियों का मानना है कि यह नया प्रकोप माता-पिता द्वारा खुद को और अपने बच्चों को टीकाकरण के रूप में गलत तरीके से चिह्न्ति करने के कारण है और सरकार ने प्रकोप की जांच शुरू की है।
उत्तरी वजीरिस्तान उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में तालिबान का एक पूर्व गढ़ है, जहाँ नए मामलों के पीछे हाई वैक्सीन अस्वीकृति रेट को माना जाता है।
पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के एक अधिकारी ने कहा, "हाल के प्रकोप में नकली निशान और इनकार दो प्रमुख कारण हैं, पोलियो कर्मचारी माता-पिता के साथ टीकाकरण से चूकने की साजिश रच रहे हैं।"
राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वयक शहजाद बेग ने कहा, "मामले ठीक उसी जगह पर प्रकाश डाल रहे हैं जहां चुनौतियां हैं और हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वायरस निहित रहे और हम अंत तक इससे लड़ते रहें।"
गार्जियन ने बताया कि इस उछाल से पहले, पोलियो के परिणामस्वरूप चाइल्ड पेरालायिसिस का आखिरी मामला पिछले साल जनवरी में दर्ज किया गया था।
संघीय स्वास्थ्य मंत्री, अब्दुल कादिर पटेल ने कहा, "अप्रैल में पहले दो मामलों के बाद, पोलियो कार्यक्रम ने इस क्षेत्र में खासकर कराची, पेशावर और क्वे टा में ऐतिहासिक जलाशयों (संक्रमण के) में वायरस को आगे फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए।"
पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों ने 2012 से अब तक 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों और उनके सुरक्षा गाडरें की हत्या कर दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ केवल दो देशों में से एक है, जहां जंगली पोलियो वायरस अभी भी स्थानिक है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 7 जून| चीन के जियांग्शी प्रांत में 800,000 से अधिक निवासी मूसलाधार बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि, 28 मई के बाद से बारिश के नवीनतम दौर ने प्रांत के 80 काउंटियों में कहर बरपाया है, जिससे 76,300 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है और 1.16 बिलियन युआन का प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान हुआ है।
भारी बारिश के थमने के बाद प्रांत ने मंगलवार को अपने स्तर 4 बाढ़ नियंत्रण आपातकालीन प्रतिक्रिया को हटा लिया।
अधिकारियों ने मौसम परिवर्तन और कुशल बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत प्रयासों की बारीकी से निगरानी करने को कहा है।
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार को देश के विभिन्न हिस्सों में आंधी तूफान के लिए अलर्ट जारी किया।
दोपहर 2 बजे से मंगलवार दोपहर 2 बजे तक बुधवार को, जियांग्शी, फुजि़यान, ग्वांगडोंग, गुआंग्शी, युन्नान और हैनान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। (आईएएनएस)
कुछ क्षेत्रों में 180 मिमी तक वर्षा हो सकती है।
(मैथ्यू रिकेट्सन, डीकिन विश्वविद्यालय)
जिलॉन्ग (ऑस्ट्रेलिया), सात जून। यह भूलना आसान है कि जूलियन असांजे पर इंग्लैंड में मुकदमा क्यों चल रहा है।
क्या असांजे ने स्वीडन में कथित तौर पर दो महिलाओं का यौन उत्पीड़न नहीं किया था? क्या इसीलिए वह आरोपों का सामना करने से बचने के लिए लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में वर्षों तक छिपे रहे?
जब ब्रिटेन के पुलिस अधिकारियों ने आखिरकार जूलियन असांजे को इक्वाडोर के दूतावास से बाहर खींच निकाला, तो क्या उसका अस्त-व्यस्त रूप उसकी घटिया व्यक्तिगत छवि के बारे में उन सभी कहानियों की पुष्टि नहीं करता?
क्या असांजे ने चेल्सी मैनिंग को अमेरिकी सैनिकों और खुफिया एजेंटों के जीवन को खतरे में डालने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारियों को प्रकट करने के लिए अमेरिकी सेना के कंप्यूटरों को हैक करने के लिए राजी नहीं किया था?
असांजे का कहना है कि वह एक पत्रकार हैं, लेकिन क्या न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह सिर्फ एक ‘स्रोत’ हैं और प्रकाशक नहीं है?
यदि आपने इनमें से किसी एक या सभी प्रश्नों का उत्तर हां में दिया है, तो आप अकेले नहीं हैं। लेकिन जवाब वास्तव में नहीं हैं। कम से कम, यह उससे कहीं अधिक जटिल है।
एक उदाहरण के तौर पर, असांजे के नाखुश होने का कारण यह था कि इक्वाडोर के दूतावास के कर्मचारियों ने तीन महीने पहले उनके शेविंग उपकरण को जब्त कर लिया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गिरफ्तारी के समय उनकी उपस्थिति आम लोगों के बीच बनी उनकी छवि से मेल खाती हो।
संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक निल्स मेल्ज़र ने जूलियन असांजे को प्रताड़ित किए जाने की खबरों पर अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। द ट्रायल ऑफ जूलियन असांजे नामक किताब में निल्स मेल्ज़र की जांच का उल्लेख किया गया है।
आप पूछ सकते हैं कि असांजे मामले की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक क्या हैं?
मेल्ज़र ने भी ऐसा ही जवाब दिया जब 2018 में असांजे के वकीलों ने पहली बार उनसे संपर्क किया। निल्स मेल्ज़र ने कहा : मेरे पास करने के लिए और भी महत्वपूर्ण काम थे : मुझे ‘असली’ यातना पीड़ितों के मामलों को देखना था!
निल्स मेल्ज़र ने तमाम पूर्वाग्रहों को दरकिनार करते हुए जांच की तो पता चला कि जूलियन असांजे को वास्तव में प्रताड़ित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 47 सदस्य यातना के मुद्दे पर सीधे विशेष प्रतिवेदक नियुक्त करते हैं। मेल्ज़र ने जो पाया, वह बेहद परेशान करने वाला था:
असांजे का मामला एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे युद्ध अपराध, यातना और भ्रष्टाचार सहित शक्तिशाली लोगों के गंदे रहस्यों को उजागर करने के लिए सताया और प्रताड़ित किया जा रहा है। यह पश्चिमी लोकतंत्रों में न्यायिक मनमानी की कहानी है जो मानवाधिकारों के क्षेत्र में खुद को अनुकरणीय के रूप में पेश करने के इच्छुक रहते हैं।
यह राष्ट्रीय संसदों और आम जनता की नजरों से छुपकर खुफिया सेवाओं की सोची समझी मिलीभगत की कहानी है । यह एक विशेष व्यक्ति को जानबूझकर अलग-थलग करने, उसे बदनाम करने और नष्ट करने के उद्देश्य से मुख्यधारा के मीडिया में हेरफेर और जोड़-तोड़ वाली रिपोर्टिंग की कहानी है। यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे सरकारी भ्रष्टाचार और राज्य द्वारा स्वीकृत अपराधों को सुलझाने में हमारी अपनी सामाजिक विफलताओं के लिए हम सभी द्वारा बलि का बकरा बनाया गया है।
मेल्ज़र द्वारा इस दिशा में काम किए जाने से दो महत्वपूर्ण बिंदु स्पष्ट होते जाते हैं कि चार देशों ने बड़ी सावधानी के साथ एक योजना पर काम किया कि इन सरकारी रहस्यों को उजागर करने के लिए असांजे को कड़ी सजा मिले और ये चार देश थे-अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन और आस्ट्रेलिया।
2019 में दूतावास से बेलमर्श जेल ले जाने के बाद से, असांजे ने अपना अधिकांश समय 22 या 23 घंटे एकांत कारावास में बिताया है। उन्हें परिवार और दोस्तों की बात तो छोड़िए, उनकी कानूनी टीम तक सीमित पहुंच के अलावा सभी से वंचित कर दिया गया है।
असांजे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य इस हद तक प्रभावित हुआ है कि उन्हें आत्महत्या की आशंका के चलते निगरानी में रखा गया है। मेल्ज़र लिखते हैं: असांजे को सताने का प्राथमिक उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से उन्हें दंडित करना नहीं है - और न ही कभी रहा है, बल्कि यह अन्य पत्रकारों, प्रचारकों और कार्यकर्ताओं के लिए एक मिसाल कायम करना है। (द कन्वरसेशन)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 7 जून। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मंगलवार को राजनीतिक उथलपुथल भरे तनावपूर्ण दिन के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव में मामूली अंतर से जीत हासिल की। काफी संख्या में पार्टी सांसदों ने एक नेता के तौर पर उनके खिलाफ मतदान किया।
जॉनसन अपने कैबिनेट मंत्रियों की बैठक कर रहे हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया। मंत्रियों ने बगावत का नेतृत्व कर रहे सांसदों से कहा कि वे देश के भले के लिये उनके (जॉनसन के) नेतृत्व के साथ खड़े हों।
डाउनिंग स्ट्रीट से संदेश यह था कि जॉनसन अपने मंत्रियों से परिवारों पर वित्तीय दबाव को कम करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) देखभाल तक पहुंच को तेज और सुगम बनाने और सड़कों को सुरक्षित बनाने की सरकार की प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने का आह्वान करेंगे।
जॉनसन (57) ने मंगलवार को डाउनिंग स्ट्रीट से एक बयान में कहा, “यह एक ऐसी सरकार है जो इस देश के लोगों की सबसे ज्यादा परवाह करती है।”
उन्होंने कहा, “हमने 37 अरब पाउंड का वादा किया है जिससे आर्थिक रूप से परिवारों की मदद की जा सके, समुदायों को सुरक्षित बनाने के लिये 13,500 और पुलिस अधिकारियों को काम पर रखा जा सके और लगभग 100 सामुदायिक निदान केंद्र खोलकर एनएचएस में कोविड बैकलॉग से निपटा जा सके जिससे लोगों को घर के करीब देखभाल मिल सके।”
उन्होंने कहा, “आज, मैं इन प्राथमिकताओं को जारी रखने का संकल्प लेता हूं। हम कड़ी मेहनत करने वाले ब्रिटिश लोगों के पक्ष में हैं।”
हालांकि जॉनसन की मौजूदगी में डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन में हुई पार्टियों को लेकर उठा विवाद अभी पूरी तरह से थमा नहीं है और सोमवार को हुए अविश्वास मत प्रस्ताव में भी इसने ही एक प्रेरक के तौर पर भूमिका निभाई थी।
कंजर्वेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 148 ने उनके खिलाफ वोट किया।
जॉनसन ने कहा कि यह मतदान व्यापक रूप से उनके पक्ष में रहा, क्योंकि 41.2 प्रतिशत के मुकाबले 58.8 प्रतिशत ने उनके पक्ष में मतदान किया। हालांकि, इन परिणामों के बाद उनके विरोधियों को उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि परिणाम दिखाते हैं कि पार्टी के अधिकतर सदस्य उनके साथ हैं। (भाषा)
लंदन, 7 जून | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया है। वह अब प्रधानमंत्री के रूप में अपने पद पर बने रहेंगे। दरअसल, उन्हीं की कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कंजरवेटिव पार्टी के संसदीय समूह के अध्यक्ष ग्राहम ब्रैडी द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार, जॉनसन ने 359 सांसदों में से 211 का समर्थन हासिल किया और जीत दर्ज की।
ब्रैडी ने कहा, मैं घोषणा करता हूं कि संसदीय दल को प्रधानमंत्री पर भरोसा है।
जॉनसन की नेतृत्व पर तब खतरा मंडराने लगा, जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की संख्या 54 के पार हो गई। यह संख्या कुल सांसदों का 15 प्रतिशत है।
कंजरवेटिव पार्टी के मौजूदा नियमों के तहत, अब जॉनसन कम से कम एक साल तक किसी अन्य अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करेंगे।
दरअसल, साल 2020 और 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट पर जॉनसन ने अपने करीबीयों और कुछ मंत्रियों के साथ पार्टी की थी। नियमों का उल्लंघन करने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन पर जुमार्ना लगाया था और इस तरह वह कानून तोड़ने पर दंडित होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए थे। (आईएएनएस)
लॉस एंजेलिस, 7 जून | अमेरिकी नौसेना का एक लड़ाकू विमान दक्षिणी कैलिफोर्निया के रेगिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। इसकी पुष्टि अधिकारियों ने की। अमेरिकी नौसेना की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, पायलट लेफ्टिनेंट रिचर्ड बुलॉक का फाइटर जेट सुपर हॉर्नेट शहर से लगभग 260 किमी दूर दोपहर लगभग 2:30 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें उनकी मौत हो गई।
दुर्घटना उस वक्त हुई, जब बुलॉक एक रूटीन ट्रेनिंग मिशन के लिए उड़ान भर रहे थे। नौसेना ने कहा, इस घटना में किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा है। इसकी जांच की जा रही है। दुर्घटना वाली जगहों की नौसेना और स्थानीय अधिकारियों जांच कर रहे है। (आईएएनएस)
मास्को, 7 जून | यूक्रे न युद्ध के मद्देनजर वाशिंगटन के लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में अतिरिक्त 61 अमेरिकी नागरिकों को मास्को में प्रवेश करने से रोक दिया गया है, इस बात की घोषणा रुसी विदेश मंत्रालय ने की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त ब्लैक लिस्टेड अमेरिकियों में ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन और ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम शामिल हैं।
सोमवार को एक संक्षिप्त बयान में, मंत्रालय ने कहा कि घरेलू व्यापार के प्रतिनिधियों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के लगातार विस्तार की वजह से यह कदम उठाया गया है।
61 अमेरिकी नागरिकों में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई, व्हाइट हाउस संचार निदेशक केट बेडिंगफील्ड और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष जेफरी स्प्रेचर भी शामिल हैं।
अब ये लोग रूस में प्रवेश करने से प्रतिबंधित अमेरिकियों की एक लंबी सूची में शामिल हो गए हैं।
रुसी विदेश मंत्रालय ने इस सूची को जारी करके बताया है कि इस सूची में 963 नाम हैं। इसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और अभिनेता मॉर्गन फ्रीमैन शामिल हैं। (आईएएनएस)
दमिश्क, 7 जून | इजरायली सेना ने सोमवार रात को इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स से मिसाइल हमले किए और राजधानी दमिश्क के दक्षिण में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। सीरियाई सेना ने एक बयान में यह जानकारी दी। गोलान हाइट्स पहले सीरिया के हिस्से में आता था, लेकिन 54 साल पहले इस पर इजरायल ने कब्जा कर लिया था। यह एक पहाड़ी इलाका है और दमिश्क से तकरीबन 60 किमी दूर है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई सेना अधिकांश मिसाइलों को रोकने में कामयाब रहे। हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है। (आईएएनएस)
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 7 जून। अफगानिस्तान पर कट्टरपंथी संगठन तालिबान के नियंत्रण के बाद पहली बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल की काबुल यात्रा पर अमेरिका ने सोमवार को कहा कि तालिबान शासन के साथ संबंध को लेकर भारत के अपने हित हैं।
तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान को अपने कब्जे में लिया था।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान (पीएआई) के लिए वरिष्ठ राजनयिक जे. पी. सिंह के नेतृत्व में एक दल पिछले सप्ताह अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था। वहां उसने तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की और भारत की ओर से भेजी गयी सहायता के बारे में उनसे चर्चा की।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ दुनियाभर में ऐसे कई देश हैं, जिनके अफगानिस्तान में अलग-अलग हित हैं और जो उन हितों के आधार पर तालिबान के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाते हैं।’’
प्राइस ने कहा, ‘‘ इसी तरह तालिबान शासन के साथ संबंध को लेकर भारत के भी अपने हित हैं। अलग-अलग देशों के तालिबान के साथ अलग-अलग तरह के संबंध बनेंगे। दोहा में हमारा एक दल है, जो हमारे हितों को ध्यान में रखते हुए तालिबान के संबंध बनाने के लिए काम कर रहा है।’’
प्राइस ने कहा कि अमेरिका, महिलाओं तथा लड़कियों के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के तालिबान सरकार के हाल के कुछ फैसलों को उलटने के लिए उस पर दबाव बढ़ाने को लेकर भी कदम उठा रहा है।
गौरतलब है कि भारत का तालिबान सरकार के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन उसके दूत पहले भी दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं। दोहा में तालिबान का कार्यालय है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि अफगानिस्तान के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत अब तक 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवा, कोविड-19 रोधी टीकों की पांच लाख खुराक, गर्म कपड़े आदि वहां भेज चुका है। (भाषा)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 7 जून । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया। कंजरवेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया।
अंतिम परिणाम के अनुसार, ‘टोरी’ के कम से कम 148 संसदीय सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट किया था। इससे उनके समीक्षकों को उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि परिणाम दिखाते हैं कि पार्टी के अधिकतर सदस्य उनके साथ हैं।
परिणाम आने के बाद जॉनसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राजनीति और देश के लिए यह एक बेहद अच्छा परिणाम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बस इसलिए मुझे लगता है कि यह एक बेहतर, निर्णायक परिणाम है, जिसका मतलब है कि एक सरकार के तौर पर हम आगे भी काम करना जारी रख सकते हैं और उन चीजों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं, जो वाकई लोगों के लिए मायने रखती है। मुझे अपने संसदीय सहयोगियों से 2019 की तुलना में कहीं अधिक बड़ा जनादेश मिला है।’’
अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान हुआ। जॉनसन को ‘टोरी’ के 359 संसदीय दल के सदस्यों में से जीत के लिए 180 मत चाहिए थे। 1922 समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने पहले बताया था कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसदों (15 प्रतिशत) ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की मांग की है।
कंजरवेटिव पार्टी के मौजूदा नियमों के तहत, अब जॉनसन कम से कम एक साल तक इस तरह के किसी अन्य अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) में जून 2020 में आयोजित एक जन्मदिन पार्टी में कोविड-19 लॉकडाउन संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोप को लेकर 40 से अधिक सांसदों ने जॉनसन के इस्तीफे की मांग की थी। मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है और शीर्ष सिविल सेवक सू ग्रे के नेतृत्व में की गई जांच की विफलताओं को लेकर भी कई सवाल उठाए गए हैं।
स्कॉटलैंड यार्ड जांच के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 2020-2021 के लॉकडाउन के दौरान सरकारी कार्यालयों के भीतर दलों ने नियमों का उल्लंघन किया। जॉनसन और उनकी पत्नी कैरी पर जून 2020 में डाउनिंग स्ट्रीट के कैबिनेट रूम में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन कर जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने के आरोप में जुर्माना भी लगाया गया था।(भाषा)
काठमांडू, 6 जून। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट समेत चार पर्वत चोटियों से लगभग 34 टन कचरा एकत्र किया गया है। नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि ‘सफा हिमल अभियान 2022’ पांच अप्रैल को शुरू किया गया था और विश्व पर्यावरण दिवस पर इसका समापन हुआ।
नेपाल सेना के नेतृत्व वाले एक दल ने इस दौरान 33.8 टन कचरा साफ किया। हर साल होने वाले इस अभियान की शुरुआत 2019 में की गई थी लेकिन कोविड महामारी के कारण 2020 में इसे रोक दिया गया था। सेना ने बताया कि इस साल सबसे ज्यादा मात्रा में कचरा साफ किया गया।
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 2019 में लगभग 10 टन कचरा एकत्र किया गया और पिछले साल 27 टन से ज्यादा कचरा साफ किया गया था।
बयान में कहा गया कि इस साल अभियान का समापन विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ। बयान में कहा गया, “नेपाल सेना और शेरपा के संयुक्त दल ने माउंट एवरेस्ट, ल्होत्से, कंचनजंगा और मनासलू से 33,877 किलोग्राम कचरा एकत्र किया।” इस अभियान में सेना के 30 कर्मी और 48 शेरपा शामिल हुए। (भाषा)
डेट्रॉयट, 6 जून। टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने ट्विटर पर फर्जी खातों की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए 44 अरब डॉलर के अधिग्रहण सौदे को छोड़ने की धमकी दी है।
टेस्ला और स्पेसएक्स कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के वकीलों ने सोमवार को ट्विटर को भेजे एक पत्र में यह चेतावनी दी है।
पत्र में कहा गया कि मस्क ने सोशल मीडिया मंच खरीदने की पेशकश करने के लगभग एक महीने बाद से लगातार कंपनी को इस बारे में जानकारी देने के लिए कहा है, ताकि वह आकलन कर सकें कि 22.9 करोड़ खातों में से कितने फर्जी है।
वकीलों ने पत्र में कहा कि ट्विटर ने केवल फर्जी खातों की जांच मापदंडों या तरीकों के बारे में विवरण प्रदान करने की पेशकश की है। उनका तर्क मस्क के डेटा संबंधी अनुरोध को स्वीकार नहीं करने की तरह है।
मस्क आंकड़े इसलिए चाहते है....ताकि वह अपने स्वयं इसका सत्यापन करना चाहते हैं। उनका मानना है कि कंपनी का तौर-तरीका ढिलाई वाला है।
वकीलों के अनुसार, ट्विटर की ताजा जानकारी के आधार पर मस्क का मानना है कि कंपनी अप्रैल विलय समझौते के तहत उनके सूचना अधिकारों का उल्लघंन कर रही है।
पत्र में कहा गया, ‘‘विलय समझौते के तहत ट्विटर अपने दायित्वों का स्पष्ट रुप से उल्लंघन कर रही है। इसलिए मस्क के पास लेनदेन को पूरा नहीं करने और समझौते को रद्द करने का पूरा अधिकार है।’’ (एपी)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ख़िलाफ़ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. कंज़र्वेटिव पार्टी के कई सांसदों ने पत्र लिखकर कहा है कि वो पार्टी में जॉनसन का नेतृत्व नहीं चाहते.
कोरोना महामारी के दौरान नियमों का उल्लघंन करने और ड्राउनिंग स्ट्रीट में पार्टी करने को लेकर बोरिस जॉनसन की आलोचना हो रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी सू ग्रे की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया था.
बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन में लॉकडाउन के दौरान पार्टी में जाकर नियम तोड़ने पर माफ़ी भी मांगी थी. लेकिन, ये मामला ठंडा नहीं हुआ है और कई सासंद बोरिस जॉनसन पर पद छोड़ने को लेकर दबाव बना रहे हैं.
कंज़र्वेटिव पार्टी में नेतृत्व को चुनौती देने के लिए कम से कम 15 प्रतिशत मौजूदा सांसदों को पत्र लिखकर यह बताना होता है कि उनका अब प्रधानमंत्री पर विश्वास नहीं है. फिलहाल कंज़र्वेटिव पार्टी के 359 सांसद हैं और अविश्वास जताने के लिए 54 सांसदों की ज़रूरत है.
ये पत्र सर ग्राहम ब्रैडी को दिया गया है जो सभी बैकबेंच कंज़र्वेटिव सांसदों का प्रतिनिधित्व करने वाले संसदीय समूह- 1922 कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष हैं.
सांसद एक गुप्त बैलेट में मतदान करेंगे. अविश्वास प्रस्ताव पास होने के लिए उन्हें बहुमत की ज़रूरत होगी. अगर सभी सांसद मतदान करते हैं तो बोरिस जॉनसन को जीतने के लिए आधे से एक ज़्यादा यानी 180 मतों की ज़रूरत होगी.
अगर जॉनसन हारते हैं तो नेतृत्व के लिए और चुनाव होगा जिसमें बोरिस जॉनसन हिस्सा नहीं ले पाएंगे. लेकिन, अगर वो जीत जाते हैं तो सांसद एक साल तक दोबारा उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाएंगे. (bbc.com)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर किए गए ट्वीट पर भारत सरकार पर ने जवाब दिया है. शहबाज़ शरीफ़ ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के बयान की निंदा भी की है.
शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, ''हमारे प्यारे पैंगबर को लेकर भारत के बीजेपी नेता के आहत करने वाले बयानों की मैं हर संभव शब्दों में निंदा करता हूं. बार-बार कहा है कि मोदी के नेतृत्व में भारत धार्मिक स्वतंत्रता को कुचल रहा है और मुसलमानों को प्रताड़ित कर रहा है. दुनिया को ध्यान देना चाहिए और भारत को कड़ी फटकार लगानी चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''पैगंबर के लिए हमारा प्यार सर्वोपरी है. सभी मुसलमान पैगंबर के प्यार और सम्मान के लिए अपना जीवन बलिदान कर सकते हैं.''
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शहबाज़ शरीफ़ को जवाब देते हुए कहा, ''हमने पाकिस्तान के बयानों को संज्ञान में लिया है. विसंगति है कि लगातार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला देश दूसरे देशों में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर बयान दे रहा है. दुनिया देखती रही है कि पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अहमदियां का किस तरह से उत्पीड़न किया गया है.''
उन्होंने कहा, ''भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति उच्च सम्मान रखती है. ये पाकिस्तान से अलग है जहां कट्टरपंथियों की तारीफ़ होती है और उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं.''
उन्होंने पाकिस्तान को नसीहत दी कि खतरनाक प्रोपेगैंडा में शामिल होने और भारत में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने का प्रयास करने की बजाय पाकिस्तान अपनी सुरक्षा और अपने अल्पसंख्यक समुदाय की भलाई पर ध्यान दे. (bbc.com)
पाकिस्तान के बिगड़ते आर्थिक हालात के बीच पाकिस्तानी रुपये की क़ीमत फिर 200 के पार चली गई है.
आनेवाले बजट और आईएमएफ़ से मिलने वाली मदद की अनिश्चितता को लेकर यहां डॉलर के मुक़ाबले पाकिस्तानी रुपये की क़ीमत 200.06 रुपये हो गई है.
स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के मुताबिक़ सोमवार को स्थानीय मुद्रा में 2.14 रुपये या 1.07 प्रतिशत की गिरावट आई है. पाकिस्तानी रुपये की हालत में इससे पहले कुछ सुधार आया था और क़ीमत 197 से 199 रुपये के बीच बनी हुई थी.
मई के बाद जून में ये पहली बार है जब रुपये की क़ीमत 200 के पार पहुंच गई है. हालांकि, 26 मई को पाकिस्तानी रुपये की क़ीमत 202 के आंकड़े को भी छू चुका है.
पाकिस्तान में तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही रूपया भी लड़खड़ाने लगा.
पाकिस्तान अपने बिगड़ते आर्थिक हालात, बढ़ती महंगाई और गिरते रूपये की समस्या से निकलने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसके लिए पाकिस्तान ने सऊदी अरब, क़तर और यूएई से मदद भी मांगी है ताकि अर्थव्यवस्था को स्थिर किया जा सके.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने कहा है कि उम्मीद है कि सऊदी अरब दिसंबर से पहले पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में पैसे जमा कर दे. हो सकता है कि वो पाकिस्तान की क्रेडिट पर तेल लेने की सीमा को भी बढ़ा दे. (bbc.com)
चीन ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई योजना तैयार की है. इसके तहत 2025 तक वह अपनी पवन और सौर ऊर्जा क्षमता को दोगुना कर देगा, जबकि थर्मल पावर प्लांट से ज्यादा बिजली पैदा करेगा.
चीन की नई ऊर्जा जरूरतों की योजना अगर लागू की जाती है, तो इसका मतलब होगा कि वह पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर लेगा. चीन का लक्ष्य 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करना है, लेकिन वह 2025 तक पवन और सौर ऊर्जा की क्षमता को दोगुना करके इसे पहले ही हासिल करना चाहता है.
लेकिन बीजिंग ने हाल के महीनों में अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों पर निर्भरता बढ़ा दी है, ऐसा यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक ऊर्जा कीमतों का बढ़ना बताया जाता है.
देश के केंद्रीय आर्थिक योजनाकार ने एक दस्तावेज में कहा कि राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति का 33 प्रतिशत 2025 तक नवीकरणीय स्रोतों से आएगा, जो साल 2020 के 29 प्रतिशत से अधिक है.
नई योजना में कहा गया है कि "2025 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से वार्षिक उत्पादन लगभग 3.3 ट्रिलियन किलोवॉट-ऑवर्स होगा और पवन और सौर ऊर्जा की मात्रा दोगुनी हो जाएगी."
एक छोटी कंपनी ने अमेरिकी सोलर इंडस्ट्री को घुटने पर ला दिया, पर कैसे?
सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला देश
चीन अभी भी अक्षय ऊर्जा का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसने प्रदूषण से निपटने के लिए सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला देश है और हर साल लाखों लोगों की मौत प्रदूषण के कारण होती है.
बीजिंग ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने और 2060 तक कार्बन को तटस्थ बनाने का संकल्प लिया है.
राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के आंकड़े बताते हैं कि इस साल के पहले चार महीनों में सौर परियोजनाओं में निवेश पिछले साल जनवरी-अप्रैल की तुलना में लगभग तीन गुना बढ़कर 4.3 अरब डॉलर हो गया है.
लेकिन चीन की ऊर्जा नीति में अभी भी कई खामियां हैं. देश दुनिया के लगभग आधे कोयले का इस्तेमाल अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए करता है. यूक्रेन में युद्ध के कारण तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, चीनी नीति निर्माता कोयले पर अधिक निर्भरता पर जोर दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री ली केकियांग ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश के केंद्रीय बैंक ने आर्थिक संकट को कम करने में मदद करने के लिए कोयला खनन और कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों के लिए 15 अरबर डॉलर के ऋण को मंजूरी दी.
मार्च में कैबिनेट ने हर साल अतिरिक्त 30 करोड़ टन कोयला निकालने का आदेश दिया था.
एए/सीके (एएफपी)
काबुल, 6 जून | अफगानिस्तान की तालिबान नीत सरकार ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व प्रवक्ताओं की टिप्पणी की निंदा की है। पझवोक न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा, "अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात भारत में सत्तारूढ़ दल के एक पदाधिकारी द्वारा इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है।"
उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार से इस तरह के कट्टरपंथियों को इस्लाम के पवित्र धर्म का अपमान करने और मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की अनुमति नहीं देने का आग्रह करते हैं।"
सऊदी अरब, कतर, कुवैत और ईरान ने निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के टिप्पणी की निंदा की है। अब अफगानिस्तान इस सूची में नवीनतम मुस्लिम देश बन गया है।
कुवैत और कतर में भारत के राजदूतों को टिप्पणियों के विरोध में रविवार को तलब किया गया था।
दोहा ने भारत सरकार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की है।
रविवार को, भाजपा ने शर्मा और जिंदल को पैगंबर मुहम्मद पर उनकी टिप्पणियों के लिए निलंबित कर दिया और कहा कि पार्टी सभी धर्मो का सम्मान करती है। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 6 जून | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो प्रवक्ताओं की अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। भाजपा ने दोनों प्रवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। शरीफ ने रविवार को ट्विटर पर कहा, "मैं हमारे प्यारे पैगंबर के बारे में भारत के भाजपा नेता की आहत करने वाली टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मैंने बार-बार कहा है कि मोदी के नेतृत्व में भारत धार्मिक स्वतंत्रता को कुचल रहा है और मुसलमानों को प्रताड़ित कर रहा है। दुनिया को इसे देखना चाहिए और भारत को कड़ी फटकार लगानी चाहिए।"
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, "पवित्र पैगंबर के लिए हमारा प्यार सर्वोच्च है। सभी मुसलमान अपने पवित्र पैगंबर के प्यार और सम्मान के लिए अपना जीवन बलिदान कर सकते हैं।"
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अल्वी ने कहा, "इस तरह की टिप्पणियां भारत में इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति का प्रतिबिंब हैं, जो लाखों मुसलमानों का घर है।
उन्होंने कहा, "केवल पार्टी के अधिकारियों को निलंबित और निष्कासित करना पर्याप्त नहीं है। भाजपा को अपनी फासीवादी हिंदुत्व विचारधारा से दूर रहना चाहिए और उसकी निंदा करनी चाहिए।"
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने भाजपा के दो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हाल ही में की गई अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की।
"भाजपा के स्पष्टीकरण का प्रयास और इन व्यक्तियों के खिलाफ विलंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई मुस्लिम दुनिया के लिए उनके दर्द और पीड़ा को कम नहीं कर सकती है।"
डॉन न्यूज ने प्रवक्ता के हवाले से कहा, "भारत में रहने वाले मुस्लिम भाजपा के दो अधिकारियों द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों से समान रूप से नाराज हैं। कानपुर और भारत के अन्य हिस्सों में होने वाली सांप्रदायिक हिंसा इस तथ्य की गवाही देती है।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी भारत में मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा और नफरत में खतरनाक वृद्धि पर गहरा चिंतित है।
टिप्पणी की निंदा करने वाले कुछ अन्य मुस्लिम राष्ट्र सऊदी अरब, कतर और कुवैत हैं।
दोहा ने भारत सरकार से टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
रविवार को, भाजपा नेपैगंबर मुहम्मद पर उनकी टिप्पणियों के लिए पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया जबकि नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया। भाजपा ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है।
शर्मा पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं और जिंदल भाजपा दिल्ली इकाई के प्रवक्ता और मीडिया विभाग के प्रमुख थे। (आईएएनएस)
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने रविवार को कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान ख़ान की अंतरिम ज़मानत की अवधि ख़त्म होते ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
पीटीआई के दूसरे लॉन्ग मार्च से पहले पेशावर हाई कोर्ट ने दो जून को इमरान ख़ान की बेल को 50 हज़ार रुपये के मुचलके पर तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था. अपनी गिरफ़्तारी की आशंका को देखते हुए इमरान ख़ान पेशावर हाई कोर्ट पहुँचे थे.
ट्विटर पर राणा सनाउल्लाह ने लिखा कि हिंसा, दंगे, राजद्रोह, हथियारबंद हमलों सहित दो दर्जन से अधिक मामलों में इमरान ख़ान का नाम है.
उन्होंने लिखा कि इमरान ख़ान के बनी गला आवास की सुरक्षा में लगे कर्मी ही 25 जून को उनकी ज़मानत की मियाद ख़त्म होते ही ख़ान को गिरफ़्तार करेंगे.
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने इमरान ख़ान पर सवाल उठाते हुए कहा, "एक लोकतांत्रिक समाज में ऐसा शख्स किसी राजनीतिक पार्टी का प्रमुख कैसे हो सकता है, जो लोगों को भड़काता हो और जिसके मन में नैतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति ज़रा सा भी सम्मान का भाव न हो." (bbc.com)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई चेतावनी दी है. पुतिन ने कहा है कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देते हैं तो उनकी सेना उन इलाक़ों में कार्रवाई करेगी, जो अब तक अछूते हैं. इस बीच रूस और यूक्रेन ने युद्ध को लेकर अलग-अलग दावे किए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को आगाह किया है कि वो रूस को लंबी दूरी मिसाइलें नहीं दें. राष्ट्रपति पुतिन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन को ऐसे हथियार देने का मक़सद युद्ध को जितना संभव हो लंबा खींचना है.
अमेरिका ने हाल में यूक्रेन को लंबी दूरी के रॉकेट देने पर सहमति जताई थी. इस यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा था कि ये रॉकेट गेमचेंजर साबित हो सकते हैं. लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इन रॉकेटों से ज़मीन पर कोई बदलाव नहीं आएगा.
पुतिन का बयान ऐसे वक़्त में आया है जबकि रूस की सेना ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के अलावा राजधानी कीएव समेत कई शहरों पर हमले किए हैं.
अधिकारियों ने बताया है कि रूस ने यूक्रेन के दो शहरों पर मिसाइलें दागी हैं. राजधानी कीएव में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे को निशाना बनाकर हमले किए हैं. हमले में घायल एक व्यक्ति को अस्पताल में दाखिल कराया गया है.
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कूनाशेन्कोव ने यूक्रेन को नुक़सान होने का दावा किया.
इगोर कूनाशेन्कोव ने कहा, "कीएव के बाहर से रूस की सेना की ओर से दागी गई लंबी दूरी की मिसाइल ने पूर्वी यूरोप के देशों की ओर से दिए गए टी-72 टैंकऔर दूसरे वाहनों को नष्ट कर दिया."
उधर, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लगातार संघर्ष जारी है स्थानीय गवर्नर शेरी हैदाइ ने बताया है कि सेवेरोदोनेत्स्क में यूक्रेन की सेना ने कुछ हिस्सा वापस हासिल कर लिया है और करीब आधा शहर उनके कब्ज़े में है.
शेरी हैदाइ ने कहा, "हम निश्चित तौर पर मुश्किल परिस्थिति में घिरे हैं. मैं पहले भी इसके बारे में जानकारी दे रहा था. रूस का शहर के 70 प्रतिशत हिस्से पर कब्ज़ा था लेकिन बीते दो दिनों में हमने उन्हें पीछे धकेला है और अब शहर करीब आधे-आधे हिस्से में बंट गया है."
हालांकि, उनके दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है. (bbc.com)
जापान की समाचार एजेंसी क्योडो ने सरकारी सूत्रों के हवाले से जानका री दी कि उत्तर कोरिया ने एक साथ कई मिसाइलें दाग़ी हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दक्षिण कोरिया के जॉइंट् चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के हवाले से जानकारी दी है कि ये मिसाइलें उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के सुनान इलाक़े से दाग़ी गई हैं.
एक दिन पहले ही दक्षिण कोरिया और अमेरिका का संयुक्त सैन्य अभ्यास ख़त्म हुआ है. इस अभ्यास में चार साल से ज़्यादा वक़्त के बाद पहली बार अमेरिकी विमानों ने हिस्सा लिया था.
जापान ने मिसाइल परीक्षण को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि उत्तर कोरिया इस साल की शुरुआत से ही बार-बार बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहा है. इसमें नए तरीके की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी ICBM शामिल हैं. ये हरकत क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ये मिसाइल लॉन्च अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का भी उल्लंघन है और हम इसकी कड़ाई के साथ निंदा करते हैं.
ध्यान रहे कि अमेरिका के उत्तर कोरिया मामलों के विशेष दूत संग किम हाल में दक्षिण कोरिया का दौरे किया. उन्होंने दक्षिण कोरिया और जापान के समकक्ष अधिकारियों से मुलाक़ात की थी.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के प्रवक्ता किम जूनरैक ने उत्तर कोरिया से कहा है कि वो परीक्षणों पर तुरंत रोक लगाए.
किम जूनरैक ने कहा, "उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों का लगातार परीक्षण करना उकसावे की गंभीर घटना है. इससे कोरियाई प्रायद्वीप और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा पैदा होता है. इस इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं और उनसे गुज़ारिश करते हैं कि ऐसा करना तुरंत बंद कर दें."
उत्तर कोरिया ने हाल में इस तरह के हथियारों के परीक्षण की संख्या बढ़ा दी है.
बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे. वो जैसे ही वापस लौटे तभी उत्तर कोरिया ने इंटकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र से उत्तर कोरिया पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग की लेकिन चीन और रूस ने इस पर वीटो लगा दिया.
साल 2006 के बाद से चीन और रूस ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के मामले में वीटो किया.
साल 2006 में उत्तर कोरिया ने पहला परमाणु परीक्षण किया था. अभी भी ये आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया साल 2017 के बाद पहली बार परमाणु परीक्षण कर सकता है.
अमेरिका उत्तर कोरिया से स्पष्ट शब्दों में कहा चुका है कि कूटनीति के लिए उसके दरवाज़े खुले हैं और वो प्रतिबंधों में ढील देने के लिए चर्चा करने को भी तैयार है. (bbc.com)
(अनीसुर रहमान)
ढाका, 6 जून । दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में एक निजी रायासनिक कंटेनर डिपो में शनिवार रात विस्फोट के कारण लगी भीषण आग में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और 450 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
चटगांव के सीताकुंड उपजिला में कदमरासुल क्षेत्र स्थित बीएम कंटेनर डिपो में शनिवार की रात आग लग गई।
‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचार ने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सीताकुंड शहादत हुसैन के हवाले से कहा, ‘‘शवागार में अब तक 49 शव पहुंचाए जा चुके हैं।’’
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने ‘रेड क्रेसेंट यूथ चटगांव’ में स्वास्थ्य एवं सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम के हवाले से कहा, ‘‘इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 लोग सीएमसीएच (चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती हैं।’’
इस्लाम ने मृतक संख्या के बढ़ने की आशंका जताई।
‘द डेली स्टार’ समाचार पत्र के अनुसार, चटगांव के मंडलायुक्त अशरफुद्दीन ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 560 डॉलर (50,000 टका) और घायलों को 224 डॉलर (20,000 टका) की सहायता दी जा रही है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।
अधिकारियों ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है और उसे आगामी तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
सीएमसीएच पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक नूरुल आलम ने बताया कि कंटेनर डिपो में शनिवार रात करीब नौ बजे आग लगी।
दमकल सेवा की इकाइयां इसे बुझाने की कोशिश कर रही थीं कि तभी वहां एक विस्फोट हुआ तथा आग और फैल गई।
नूरुल ने कहा कि माना जा रहा है कि कंटेनर डिपो में रसायनों के कारण आग लगी।
उन्होंने बताया कि रात करीब पौने 12 बजे एक बड़ा विस्फोट हुआ और एक कंटेनर में रसायन होने के कारण आग एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में फैल गई।
इस संबंध में एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘डिपो मुख्य रूप से खाली था। आग लगने के बाद दमकलकर्मी, पुलिसकर्मी और अन्य बचावकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद एक के बाद एक कंटेनर में हुए विस्फोटों के कारण उनकी मौत हो गई।’’
अखबार की खबर में बताया गया है कि विस्फोट के कारण घटनास्थल के आस-पास के घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए।
चटगांव अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के सहायक निदेशक मोहम्मद फारुक हुसैन सिकदर ने कहा, ‘‘लगभग 19 दमकल इकाइयां आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं और छह एम्बुलेंस भी मौके पर मौजूद हैं।’’
अग्निशमन सेवा के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद मैनुद्दीन ने सीताकुंड इलाके में घटनास्थल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘डिपो में कंटेनर में हाइड्रोजन परॉक्साइड जैसे कई प्रकार के रसायन रखे थे और स्पष्ट रूप से रसायनों के कारण आग भीषण हो गई।’’
अधिकतर घायलों को सीएमसीएच में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन दमकलकर्मियों समेत कई घायलों का एक सैन्य अस्पताल और कुछ निजी अस्पतालों में भी उपचार किया जा रहा है।
बीएम कंटेनर डिपो के निदेशक मुजीबुर रहमान ने एक बयान में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि आग किस वजह से लगी, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि आग कंटेनर से फैली।’’
‘द डेली स्टार’ ने रहमान के हवाले से कहा, ‘‘यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घायलों को अच्छा इलाज मिले। हम इलाज का पूरा खर्च वहन करेंगे। दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अधिकतम मुआवजा दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी पीड़ित परिवारों की जिम्मेदारी लेंगे।’’(भाषा)