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नयी दिल्ली, 22 मार्च। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के एक दिन बाद शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक और पार्षद केजरीवाल के परिवार से मिलने सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर पहुंचे।
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘‘हम यहां मुख्यमंत्री के परिवार से मिलने आए हैं। उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। किसी को नहीं पता कि वे किस हालत में हैं।’’
केजरीवाल के आवास के बाहर मौजूद लोगों में जरनैल सिंह और राज कुमार आनंद समेत आप विधायक और दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय भी शामिल थीं। आप नेताओं ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘नजरबंदी खत्म करो’ के नारे लगाए।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी ने बृहस्पतिवार रात को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने केजरीवाल को अदालत में पेश किया और 10 दिन की उनकी हिरासत का अनुरोध किया। (भाषा)
भुवनेश्वर, 22 मार्च। कांग्रेस ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास को ओडिशा के लिए प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
दास को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से भक्त चरण दास को ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) की प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।'
दास से पहले बिजय पटनायक ओपीसीसी की प्रचार समिति के अध्यक्ष थे, लेकिन अब उन्हें राज्य में कांग्रेस की चुनाव समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
ओडिशा में 21 लोकसभा सीटों और विधानसभा की 147 सीटों के लिए 13 मई से चार चरणों में एक साथ मतदान होगा।(भाषा)
चेन्नई, 22 मार्च। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के खिलाफ ‘बार-बार हिंदू धर्म का अपमान करने’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया टिप्पणी से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने की अपील की।
द्रमुक ने मोदी को यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘‘इंडिया गठबंधन बार-बार और जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करता है। हिंदू धर्म के खिलाफ इनका हर बयान बहुत सोचा समझा हुआ होता है। वे अन्य धर्मों के खिलाफ नहीं बोलते। लेकिन हिंदू धर्म को गाली देने में ये एक सेकंड नहीं लगाते। हम इसे कैसे सहन कर सकते हैं।’’
निर्वाचन आयोग को 21 मार्च को लिखे एक पत्र में द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने आरोप लगाया कि मोदी ने लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के दौरान तमिलनाडु में यह दावा किया था। इसमें कहा गया है कि मोदी की टिप्पणी जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह उपयुक्त समय है कि निर्वाचन आयोग शीघ्र कार्रवाई कर हस्तक्षेप करे और ‘‘झूठे विमर्श, धर्म और अन्य विभाजनकारी तरीकों’’ के आधार पर किये जा रहे चुनाव प्रचार को रोके।
भारती ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, मैं निर्वाचन आयोग से अनुरोध करता हूं कि वह इस शिकायत पर उपयुक्त कार्रवाई करे।’’ (भाषा)
थिंपू, 22 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह किसी विदेशी सरकार के पहले प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार ‘‘भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र तथा इसके लोगों के वास्ते उनकी विशिष्ट सेवा’’ के लिए प्रदान किया गया है।
पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ पुरस्कार दिए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं।’’
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया।
सम्मान की घोषणा भूटान के राजा ने 17 दिसंबर, 2021 को 114वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान की थी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान इसे प्राप्त किया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 मार्च। दिल्ली उच्च न्यायालय में आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी।
अदालत के सूत्रों के अनुसार, याचिका में कुछ खामियां हैं और उन्हें दूर करने के बाद उसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
सुरजीत सिंह यादव ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव से यह बताने के लिए कहा जाए कि किस अधिकार के तहत केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं।
याचिकाकर्ता ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का भी अनुरोध किया है।
याचिका में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इसमें केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण न देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का भी उल्लेख किया गया है।
ईडी ने एक अदालत में केजरीवाल को पेश किया है और उनकी 10 दिन की हिरासत मांगी है। इस मामले में सुनवाई अभी जारी है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 मार्च। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनका जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित है, चाहे वह जेल के अंदर हों या जेल के बाहर।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल को यहां राउज एवेन्यू अदालत में पेश किया और उनकी 10 दिन की हिरासत का अनुरोध किया।
अदालत में पेश किये जाने के दौरान केजरीवाल ने ‘टीवी9 नेटवर्क’ से कहा, ‘‘मेरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित है, चाहे मैं जेल के अंदर रहूं या बाहर।’’
ईडी द्वारा बृहस्पतिवार की रात गिरफ्तार किये जाने के बाद केजरीवाल की यह पहली प्रतिक्रिया है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने की एक ‘‘राजनीतिक साजिश’’ बताया है।
उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।
आईटीओ पर विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों आतिशी, सौरभ भारद्वाज, पूर्वी दिल्ली से लोकसभा उम्मीदवार कुलदीप कुमार सहित पार्टी के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। (भाषा)
दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा दिया गया है.
गुरुवार देर रात सीएम केजरीवाल को नई दिल्ली स्थित उनके आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया था.
राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज कावेरी बवेजा ने कहा कि केजरीवाल को 28 मार्च दोपहर दो बजे अदालत में पेश किया जाएगा. ईडी ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी जिस पर ये फ़ैसला आया है.
एजेंसी की तरफ़ से कोर्ट में पेश होते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के कुछ आरोपियों से पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपये मांगे थे.
उन्होंने ये भी अदालत में कहा कि हवाला रूट से हासिल 45 करोड़ रुपये की 'रिश्वत' का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया.
उन पर दिल्ली शराब नीति में हुए कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप है.
बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा ने बताया कि आज दिन भर कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. यहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी. पत्रकारों के अलावा यहां किसी को आने की अनुमति नहीं दी जा रही थी. आम आदमी पार्टी के कुछ समर्थकों ने यहां आने की कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 22 मार्च। राजनांदगांव लोकसभा के मोहला मानपुर के 17 पोलिंग बूथों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विरोध में कांग्रेस वार रूम के चेयरमैन शैलेश नितिन त्रिवेदी ने सीईओ रीना कंगाले को ज्ञापन सौंप यथावत रखने की मांग की। उन्होने बताया कि इन 17 बूथों पर 2023 बूथों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। 11 बूथों पर पिछले तीन विधानसभा में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस का कहना, जहां बूथ शिफ्ट किए जा रहे वहां मतदाताओं का पहुंचना मुश्किल होगा।
बूथों तक पहुंचने का कोई साधन नहीं और कई किलोमीटर पैदल चलने की मजबूरी में वोटर वोट देने नहीं जाएंगे।कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने अनुविभागीय अधिकारी ने ऐसा किया।उनके साथ सोमेन चटर्जी, दिनेश निर्मलकर, निवेदिता चटर्जी, गीता सिंह, रूपेश ठाकुर, मनोज प्रजापति, सुभाष राव शामिल थे।
जवानों के सर्चिंग को प्रभावित करने लगाया आरोप-एसपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 22 मार्च। नारायणपुर जिले के कोंगे पांगुर इलाके में सर्चिंग पर निकले डीआरजी जवानों पर एक बार फिर से ग्रामीणों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद इसका एक वीडियो भी वायरल किया गया, जहाँ ग्रामीण अपने साथ ही अन्य लोगों के साथ मारपीट किये जाने की बात बताई।
मामले के बारे में बताया गया कि डीआरजी जवानों को सूचना मिली कि जंगल में नक्सलियों के टॉप लीडर आकर यहां पर बैठक ले रहा है, साथ ही बड़ी बैठक चल रही है। सूचना पर निकली टीम जैसे ही 20 मार्च को कोंगे पांगुर इलाके में सुबह पहुँची, वहां मौजूद ग्रामीणों ने जवानों को घेर लिया और बताया कि आदिवासी युवक सनकेर मेट्टामी छिंद का पत्ता तोडऩे के लिए जंगल जा रहा था, वहां पहले से ही डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी के जवान मौजूद थे। उन्होंने सनकेर मेट्टामी को पकड़ लिया और उसका हाथ बांध दिया, इस बीच सनकेर मेट्टामी के मुंह में पत्ते ठूंसने की कोशिश भी की गई, जिससे कि वह जंगल में शोर न मचा सके।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि सनकेर मेट्टामी की पत्नी मिंगरी बाई जब अपने पति को छोडऩे की गुहार लगाने पहुंची तो डीआरजी जवानों ने उसकी भी पिटाई कर दी। जंगल में मारपीट के बीच पांगुर गांव की महिलाएं भी वहां पहुंच गईं। उन्होंने भी आदिवासी युवक को पकडऩे का विरोध किया और जवानों से कारण पूछा, तब उनकी भी पिटाई की गई। इस मारपीट का शिकार हुई जिम्मी बाई, बुली बाई नुरोटी और मर्रे बाई मेट्टामी ने कहा कि डीआरजी जवानों ने बिना कारण उनके साथ मारपीट की है।
हालांकि ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस ने सनकेर मेट्टामी को जंगल में ही छोड़ दिया और आगे बढ़ गए। सनकेर मेट्टामी के तीन बच्चे हैं और वह जंगल से मिलने वाले वनोपज से अपना परिवार का भरण पोषण करता है। इन आदिवासियों की आजीविका जंगल से मिलने वाले वनोपज से ही चलती है।
ग्रामीणों ने पुलिस पर बेरहमी से मारपीट का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी बताया है कि मार पिटाई की घटना को अंजाम देने वाले पहले उस इलाके में नक्सलियों के संगठन में काम करते थे, अब पुलिस के डीआरजी बल का हिस्सा हैं और आदिवासियों को निशाना बना रहे हैं।
इस मामले में नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि जिस युवक के द्वारा मारपीट किये जाने की बात कह रहा है उसके द्वारा अपने हाथ में भरमार बंदूक पकड़ा हुआ था, इसके अलावा बड़े लीडर तक पुलिस जवान ना पहुँच सके, इसके लिए ग्रामीणों को आगे खड़ा कर दिया। पुलिस के द्वारा भरमार को जब्त करते हुए युवक को अपने साथ भी ले जाने लगे, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा पूरे जवानों को घेर लिया, जिसके दबाव के चलते पुलिस जवानों ने मिलिशिया सदस्य को वहीं छोडक़र आगे चले गए।
नारायणपुर एसपी ने यह भी बताया कि जवानों की टीम जब बड़े टॉप लीडर नक्सली के तलाश में गए हुए थे, तब जनमिलिशिया सदस्य सामने आ गया, उस दौरान उसने आपने हाथ में भरमार भी रखा हुआ था, मिलिशिया सदस्य के द्वारा जवानों का ध्यान भटकाने के गांव वालों को बुला लिया, जिसके बाद गांव वालों ने जवानों को घेर लिया, जिसके बाद जवानों के द्वारा मिलिशिया सदस्य को छोड़ बड़े टॉप लीडर की तलाश में निकल गए।
इसके अलावा सदस्य के द्वारा अपने साथी नक्सलियों को जानकारी देने के साथ ही पुलिस लोकेशन भी बता रहा था, इसके अलावा जैसे ही जवान गांव से निकले गांव में फटाका भी फोड़ा गया। फिलहाल वीडियो आने के बाद कभी भी मिलिशिया मेम्बर को गिरफ्तार किया जा सकता है। जवानों के द्वारा मिलिशिया मेम्बर के पास से मिले भरमार को जब्त करने के साथ ही उसका फ़ोटो भी खींचा गया था।
यातायात के साथ नशे के विरुद्ध ‘‘निजात’’ अभियान भी
रायपुर, 22 मार्च। वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी एवं पालन के प्रति जागरूकता लाने चौक पर ही यातायात की पाठशाला आयोजित की जा रही है।
उन्हें नियमों की जानकारी तथा पालन करने प्रशिक्षण देने का काम कर रहें है, साथ ही यातायात संकल्प पत्र भराकर भविष्य में दोबारा उल्लंघन नही करने की शपथ दिलाई जा रही है।
आज शहर के शास्त्री चौंक, मरीन ड्राइव एवं रेलवे स्टेशन चौंक में यातायात की पाठशाला कार्यक्रम का आयोजित की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने शास्त्री चौक में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।और उपस्थित चालकों से कहा कि वे नियमों का पालन कर जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें। साथ ही संकल्प ले कि भविष्य में सभी यातायात नियम का पालन करेंगे। तेलीबांधा तालाब के पास एएसपी ओम प्रकाश शर्मा द्वारा एवं रेलवे स्टेशन परिसर में एएसपी प्रोटोकॉल रायपुर डॉ अनुराग झा ने पाठशाला लगाई। भविष्य में नियमों का पालन कर वाहन चलाने यातायात संकल्प पत्र भराया गया।
शास्त्री चौक पर मीडिया के से बात करते हुए एसएसपी सिंह ने बताया कि रायपुर में यातायात पुलिस अब लगातार चौक-चौराहों पर यातायात की पाठशाला लगाएगी। इसमें सड़क पर उल्लंघनकर्ता वाहन चालकों के लिए ट्रैफिक क्लास लगाई जायेगी।
पाप कर्म और पुण्य कर्म किसी भी जन्म में मनुष्य का पीछा नहीं छोड़ते हैं- ब्रम्हचारी विजय
रायपुर, 22 मार्च। श्री 1008 श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे अष्टानिक महापर्व के छठे दिन श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में शुक्रवार को ब्रह्मचारी विजय की अगुवाई में 512 अर्घ्य चढ़ाए गए।ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया की आज सर्वप्रथम प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान एवं 24 वे तीर्थंकर श्री महावीर भगवान को पांडुकशीला में विराज मान कर 4 स्वर्ण कलशों की स्थापना की गई। तत्पश्चात स्वर्ण कलशों से सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने अभिषेक प्रारंभ किया।
आज शांति धारा सनत कुमार समित कुमार गंगवाल,श्रेयश जैन पवन कुमार समित कुमार जैन,रजनीश जैन ने किया। तत्पश्चातअर्घ्य चढ़ाए। आज कुबेर इंद्र नरेंद्र जैन अरुणा जैन गुरुकृपा परिवार द्वारा मंडल एवं उपस्थित श्रद्धालुओं पर रत्न वर्षा भी को गई। विधान में सभी प्रमुख प्रमुख पात्र जैसे महासती मैना सुंदरी बनने का सौभाग्य महेंद्र कुमार,सनत कुमार ,अनिल कुमार ,रोमिल जैन परिवार को प्राप्त हुआ सौधर्म इंद्र श्रेयश बालू जैन रुचि जैन,कुबेर इंद्र योगेंद्र कुमार नरेंद्र कुमार जैन ,महायज्ञ नायक संजय दीप्ति जैन ,यज्ञ नायक भरत जैन,ईशान इंद्र लोकेश चंद्रकांत जैन,सनत इंद्र, मीठालाल जैन,माहेंद्र इंद्र,नीरज जैन,महामंडलेश्वर पुष्पेंद्र जैन, रजनीश जैन, संजय सरिता जैन,प्रणीत जैन मंडल निर्माण पुण्यार्जक विजय कुमार अजय कुमार संजय नायक परिवार,सिद्ध चक्र यंत्र पुण्यर्जक अनिल जैन ,प्रभात शालिनी जैन रहीं। साथ ही विधानाचार्या विजय ने तीर्थंकर भगवान के मूल गुण मुनिराजो के मूल गुण उनकी चर्या जैन धर्म धार्मिक क्रियाओं की जानकारी के साथ शंका समाधान भी किया जा रहा है।कार्यक्रम उपरांत उपस्थित सभी के लिए नरेंद्र जैन श्रीमती अरुणा जैन ने शुद्ध भोजन की व्यवस्था की गई ।
सीईओ कंगाले ने नोडल अधिकारी नियुक्त करने के दिए निर्देश
रायपुर, 22 मार्च। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज अधिसूचित “अनिवार्य सेवाओं” के राज्य स्तरीय विभागीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली। उन्होने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में 10 सेवाओं को “अनिवार्य सेवा” के रूप में अधिसूचित किया गया है। इन 10 सेवाओं में स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, रेल परिवहन, डाक एवं टेलीग्राम विभाग, बीएसएनएल, आल इण्डिया रेडियो, दूरदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, एफसीआई मीडियाकर्मी जिन्हें आयोग की अनुमति से प्राधिकार पत्र जारी किये जाएंगे।
श्रीमती कंगाले ने बताया कि ऐसे सभी कर्मियों को प्रारूप 12घ पर निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना आवेदन करना होता है। छत्तीसगढ़ राज्य में लोकसभा का निर्वाचन तीन चरणों में होगा। बस्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए फॉर्म 12घ जमा करने की अंतिम तिथि 25 मार्च , राजनांदगांव, कांकेर एवं महासमुंद में अंतिम तिथि 2 अप्रैल , सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग एवं रायपुर में अंतिम तिथि 17 अप्रैल है।
प्रारूप 12घ में आवेदन करने वाले कर्मचारी को आवेदन में अपना मोबाइल नम्बर, वोटर आईडी नंबर एवं मतदाता सूची में भाग संख्या एवं सरल क्रमांक सही-सही दर्ज करना होगा। उन्हें वोटर आईडी कार्ड की छायाप्रति भी साथ में संलग्न करनी होगी। निर्वाचक नामावली में कर्मचारी की अद्यतन भाग संख्या एवं सरल क्रमांक पता करने हेतु वोटर हेल्पलाइन एप्प का उपयोग किया जा सकता है जिसमे वोटर आईडी कार्ड नंबर डालकर इसे खोजा जा सकता है।
बैठक में सभी राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए। जिला स्तर पर नोडल अधिकारीयों को फॉर्म 12घ में प्राप्त आवेदनों को इसके भाग 2 में सत्यापित करना अनिवार्य होगा।
उप मुनिअ विनय अग्रवाल ने बताया कि नियत समयावधि तक प्राप्त सभी पात्र अनुपस्थित अनिवार्य श्रेणी के मतदाताओं को जिले में पोस्टल वोटिंग सेंटर स्थापित कर डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कराया जाएगा। पोस्टल वोटिंग सेंटर जिले में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा निर्धारित किए गए लगातार 3 दिनों तक सुबह 9 से सायं 5 बजे तक संचालित किया जाएगा। पोस्टल वोटिंग सेंटर की स्थापना की सूचना से निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों को अवगत कराया जाएगा ताकि वे मतदान की कार्यवाही के दौरान स्वयं अथवा अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित रहकर इसका अवलोकन कर सकें। इसके साथ ही सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। प्रत्येक दिवस मतदान उपरान्त पोस्टल वोटिंग सेण्टर से प्राप्त सभी डाक मतपत्रों को ट्रेज़री स्थित स्ट्रांग रूम में रख कर मतपेटी को सील किया जाएगा।
फॉर्म 12घ में आवेदन प्राप्त होने और इसके स्वीकृत होने पर मतदाताओं को पोस्टल वोटिंग सेंटर स्थापना की तिथि एवं स्थान सम्बन्धी सूचना प्रदान की जाएगी जिससे कि वे आकर अपना मतदान कर सकें। ऐसे सभी मतदाता मतदान दिवस को मतदान केंद्र पर अपना वोट नहीं डाल सकेंगे। इसलिए इन सेवाओं के ऐसे व्यक्ति जो मतदान के दिन मतदान केंद्र जाकर अपना वोट डालने में सक्षम है उन्हें इस सुविधा की पात्रता नहीं होगी और उन्हें आवेदन फॉर्म 12घ नहीं भरना होगा।
आहरण संवितरण अधिकारी बिलों में करेंगे डिजिटल हस्ताक्षर
रायपुर, 22 मार्च। राज्य के सभी कोषालयों में अधिकारी-कर्मचारियों के सैलरी बिल के अलावा अन्य बिलों को भी अब ई-कोष के माध्यम से ऑनलाईन स्वीकृति दी जाएगी, इसके लिए तैयारियां वित्त विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। सभी विभागों के आहरण संवितरण अधिकारियों को कोषालय में ऑनलाईन बिल भेजने के लिए डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा भी दी जा रही है। बिलों की मंजूरी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन होने से कामकाज आसान होगा, साथ ही बिलों की स्वीकृति तेजी से मिलेगी। वहीं बिलों की स्वीकृति का काम भी पारदर्शी ढंग से होगा।
राज्य के सभी कोषालयों में वर्तमान में शासकीय विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के सैलरी बिल की स्वीकृति के लिए ऑनलाईन सॉफ्टवेयर ई-कोष का इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही विभागों के माध्यम से बिलों की हार्डकॉपी भी आहरण संवितरण अधिकारियों के हस्ताक्षर के उपरांत कोषालयों में जमा किए जा रहे हैं। कोषालयों में बिलों की आहरण की अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन होने के बाद विभागों को बिलों की हार्डकॉपी कोषालयों में जमा करने की जरूरत नहीं होगी और न ही बीटीआर प्रस्तुत करना होगा। वहीं पेपर लेस प्रक्रिया से पर्यावरण भी संरक्षित होगा।
संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि बिलों के आहरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन होने के बाद कोषालयों में बिलों की मंजूरी इसी प्रकार बिलों में आपत्ति लगाने जैसे काम भी ऑनलाईन होंगे। बिलों पर लगाई गई आपत्तियों का निराकरण भी ऑनलाईन होगा। इससे विभागों के कर्मचारियों को बार-बार कोषालय जाने की जरूरत भी नहीं रहेगी। विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बिलों की स्वीकृति और आपत्तियों का निराकरण अपने कार्यालय से ही कर सकेंगे।
सैलरी के अलावा अन्य बिलों को भी ऑनलाईन स्वीकृति के लिए संचालनालय कोष लेखा द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। ई-कोष के लिए महालेखागार कार्यालय में अलग से सर्वर भी स्थापित किया गया है। बिलों की ऑनलाईन मंजूरी प्रक्रिया के लिए वित्त विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर संचालन से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया गया है। संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा भी महालेखाकार को भेजा जाने वाले सभी प्रतिवेदन ऑनलाईन भेजे जाएंगे, इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं।
वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार ने आज इंद्रावती भवन स्थित कोष एवं लेखा संचालनालय में ई-कोष साफ्टवेयर के विभिन्न माड्यूल के संबंध में पूरी जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें कोषालय में बिल पासिंग की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। श्री कुमार ने संचालक, कोष एवं लेखा को कोषालयों में पेपर लेस कार्य एक जुलाई 2024 से प्रारंभ किये जाने हेतु आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए। इस दौरान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम और सिंगल नोडल एजेंसी के संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन भी प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर संचालक (बजट) श्रीमती शारदा वर्मा, संचालक, कोष एवं लेखा महादेव कावरे, संचालक संस्थागत वित्त श्रीमती शीतल शाश्वत वर्मा, वित्त नियंत्रक तिलक सोरी और अखिलेश्वर सिंह, अपर संचालक ई-कोष सुश्री अल्पना घोष, अपर संचालक संस्थागत वित्त अमितेश सिंह, उप सचिव ऋषभ पाराशर और पी.एल. साहरा वरिष्ठ कोषालय अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर, 22 मार्च। रायपुर, राजनांदगांव के निजी वित्तपोषकों (फाइनेंसर) दलालों पर आयकर विभाग की ताजा छापेमारी शुक्रवार को भी जारी है। आज भी दिन भर चली पड़ताल के बाद दो दिन में 3.20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई। इन ठिकानों में मिली हुंडियों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
दो जिलों में कर अधिकारियों ने क्रमश: तीन कार्यालय और तीन आवासीय परिसरों तथा एक पेट्रोल पंप पर छापेमारी की थी। शुक्रवार देर रात तक संजय शर्मा के ठिकानों में जांच समेट ली जाएगी। वहीं रायपुर के तीन ठिकानों में कल पूरी कर लिए जाने की जानकारी दी गई है ।
वित्त वर्ष 23-24 के अंतिम दिनों में आयकर अन्वेषण विंग के अधिकारियों ने गुरुवार दोपहर को निजी वित्त, ब्रोकरेज और बिल्डर डेवलपर फर्मों के तीन व्यक्तियों के सात परिसरों पर एक साथ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। जब्त जेवरों का मूल्यांकन सरकारी मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा किया जा रहा । इसके अलावा, करोड़ों रुपये के प्रॉमिसरी नोट (जिन्हें साहूकारी बाजार में हुंडी कहा जाता है )भी मिले हैं, जो कच्चे लेनदेन में शामिल है। आयकर अधिनियम की धारा 132 के अनुसार, विंग ने गुरुवार को दोपहर 12.30 बजे प्रधान निदेशक (जांच, मप्र-सीजी) सुनील कुमार सिंह और अतिरिक्त निदेशक (जांच) ऋतुपर्ण नानमदेव उप निदेशक, जांच विंग (डीडीआईटी) नवल जैन के की निगरानी कर रहे। जानकार सूत्रों ने बताया कि रायपुर, भोपाल और इंदौर से लगभग 50 कर अधिकारियों की एक टीम इस अभियान में भाग ले रही थी। इसमें रायपुर में प्रकाश लूलिया और उनके साथी चंद्रकांत अग्रवाल और राजनांदगांव जिले में संजय शर्मा शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने कर अधिकारियों को 24 कर्मियों का सशस्त्र पुलिस दल उपलब्ध कराया है, जो वर्तमान में ढेर सारे आपत्तिजनक दस्तावेजों की छानबीन कर रहे हैं तथा वचन पत्र के माध्यम से किए गए निजी वित्तपोषण और उधार कारोबार से संबंधित करोड़ों रुपये के नकद लेन-देन की कई कच्ची प्रविष्टियों की बारीकी से जांच कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रकाश लूलिया के आलीशान आवासीय परिसर में छापेमारी की गई।
रायपुर, 22 मार्च। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पूर्व महामंत्री अरूण सिसोदिया को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है । जवाब से संतुष्ट न होने पर उन्हें निलंबित किया जा सकता है । उसके बाद सिसोदिया भाजपा प्रवेश का रास्ता खुल जाएगा। सिसोदिया ने कोषाध्यक्ष रामगोपाल वर्मा और बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा पर छह करोड़ रूपए गबन का खुलासा किया था। इसे बघेल ने भाजपा के स्लीपर सेल की करतुत कहा था ।
भूपेश ने की थी शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च। प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा पर करीब 6 करोड़ के गबन का आरोप लगाने के मामले में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रभारी महामंत्री अरूण सिसोदिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। खुद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से चर्चा कर अरूण सिसोदिया पर कार्रवाई की मांग की थी।
चुनावी तैयारियों पर फीड बैक ले शाम को लौटेंगे पायलट
रायपुर, 22 मार्च। दो दिन के दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने शुक्रवार को राजीव भवन में चुनावी दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण बैठक ली। सभी विभाग प्रमुखों,रायपुर लोकसभा के नेताओं,
प्रभारियों और कार्यकर्ताओं के साथ तैयारियों का फीड बैक लेकर रणनीति बनाई। उन्होंने विभाग प्रमुखों से वन टू वन चर्चा की। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत,
पीसीसी चीफ दीपक बैज,संयुक्त सचिव विजय जांगिड़, धनेंद्र साहू, संतराम नेताम, भी मौजूद रहे। बैठक में दो प्रभारी सचिव चंदन यादव, सप्तगिरी उल्का नहीं आए। पायलट भी आज शाम लौट गए।
कांग्रेस में फूटते लेटर बम और सार्वजनिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच हुए दौरे में पायलट ने रूठों को मनाने की कवायद शुरू कराई है। कांग्रेस के सीनियर नेता रूठों को मनाने घर-घर जाएंगे। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने बैठक सख्ती से कहा कि प्रचार में कोई कमी तो तुरंत बताएं, जरूरत होगी तो और प्रचारकों को तैनात करेंगे ।पायलट ने यह पूछा कि बताएं कौन है आपका पसंदीदा प्रचारक? आपकी पसंद का प्रचारक देंगे। लोकसभा समन्वयक बैठक में सचिन पायलट ने नेताओं को दी जिम्मेदारी।अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने के निर्देश दिए।
कांग्रेस नेता राजू अग्रवाल चलाता था सिंडिकेट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च। आयकर विभाग ने अंबिकापुर जिले के एक साधारण कांग्रेसी से एक लैंड सिंडिकेट बने राजू अग्रवाल और पूर्व मंत्री का पर्दाफाश किया है।जो एक दिग्गज पूर्व कांग्रेस मंत्री के साथ मिलकर करोड़ों रुपये के जमीन सौदों में हेराफेरी करके असहाय बांग्लादेशी शरणार्थियों को अपना शिकार बना रहा था। दोनों ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी के माध्यम से जमीनें हड़पीं और कुछ मामलों में तो पीडि़त शरणार्थियों को कोई भुगतान भी नहीं किया गया। दुख की बात है कि पूर्व कांग्रेस मंत्री अमरजीत भगत, उनके करीबी राजू अग्रवाल उर्फ के इशारे पर संचालित शक्तिशाली सिंडिकेट के शिकार हुए बांग्लादेशी शरणार्थियों में से अधिकांश को सिंडिकेट को जमीन का पट्टा बेचने के लिए मजबूर किया गया। आयकर विभाग राजू अग्रवाल और उनके द्वारा परस्पर लाभ उठाने वाले सहयोगियों की चुनी हुई टीम, केवल छोटे मछुआरे, मुर्गीपालन करने वाले और साधारण गरीब किसान थे। अजीब बात यह है कि राजू अग्रवाल अभी भी अंबिकापुर जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) शहरी के महासचिव बने हुए हैं।
आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को सौंपी गई अपनी 35 पन्नों की चौंकाने वाली गोपनीय रिपोर्ट में रेखांकित किया है कि कानूनी तौर पर, पुनर्वास पट्टा के तहत आवंटित इन जमीनों की बिक्री और खरीद के लिए कलेक्टरेट से अनुमति की आवश्यकता होती है, जिसे स्थानीय रूप से बंगाली पट्टा भी कहा जाता है। शपथ पर दर्ज बयान और इस संबंध में एकत्रित जानकारी के अनुसार, यह ‘बंगाली पट्टा’ अंबिकापुर के सुभाष नगर में स्थित है। आयकर विभाग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि यह बहुत कीमती जमीन है, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। अपने निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में पीडि़तों के साथ-साथ पूर्व कांग्रेस मंत्री अमरजीत भगत के अन्य सहयोगियों, रिश्तेदारों और निजी सहायकों के कई बयान आयकर अधिनियम की धारा 132 (4) के तहत विधिवत संलग्न किए, उन्हें अधिनियम की धारा 131 के तहत समन जारी करने के बाद। बयानों के सार से पता चला है कि राजू अग्रवाल बहुत कम कीमत पर बंगाली पट्टा खरीदने का सिंडिकेट चलाता था, पूर्व विधायक अमरजीत भगत की मदद से जिला कलेक्टर की अनुमति प्राप्त करता था और फिर उसे पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों सहित अन्य व्यक्तियों को बहुत अधिक/प्रीमियम कीमत पर बेचता था। रिपोर्ट के अनुसार, अमरजीत भगत और उनकी पत्नी कौशल्या भगत के आवास पर प्रवर्तन अधिकारियों को एक ऐसा ही दस्तावेज मिले हैं। जिससे पता चला कि वित्त वर्ष 2019-20 से पूर्व मंत्री की पत्नी ने 1000 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है। सुभाष चंद्र बोस वार्ड में 0.195 हेक्टेयर भूमि, जो एक प्रमुख ‘बंगाली पट्टा’ है।
राजपुर क्षेत्र में रहने वाले अमरजीत भगत के 2019-2023 तक निजी सहायक (पीए) राजेश वर्मा ने अधिनियम की धारा 132 (4) के तहत दर्ज अपने बयान में खुलासा किया कि एसबीआई कलेक्ट्रेट शाखा, अंबिकापुर के पास पंचशील होटल के पास रहने वाले अग्रवाल ‘बंगाली पट्टा’ की बिक्री और खरीद में शामिल थे। मूल भूमि स्वामियों के लिए जिला कलेक्टर से बिक्री के लिए अनुमति प्राप्त करना उनके शरणार्थी दर्जे के कारण कठिन है। इसका लाभ उठाते हुए अग्रवाल ने उनके साथ नाममात्र लागत पर बिक्री समझौते निष्पादित करना शुरू कर दिया। एक बार खरीद लेने के बाद अग्रवाल मंत्री भगत के माध्यम से कलेक्टर से संपर्क करते और बिक्री की अनुमति प्राप्त करते। इसके बाद कलेक्टर ने उसी में भारी निवेश करना शुरू कर दिया।
एक अन्य ताजा घटनाक्रम में, आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री भगत के निष्कर्षों में ‘सूचना साझा करने’ से संबंधित एक व्यापक मसौदा तैयार किया है, जिसे अप्रैल के महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा जाएगा। इसके अलावा, आयकर अधिकारियों ने हाल ही में राज्य आर्थिक अपराध जांच और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसईडीआईएसीबी) को अपने सनसनीखेज निष्कर्षों की एक और 24-पृष्ठ की रिपोर्ट भी भेजी, जिसमें पूर्व मंत्री भगत द्वारा किए गए कई अन्य घोटालों को उजागर किया गया है, जब वे योजना, खाद्य और संस्कृति विभागों के कैबिनेट मंत्री थे। इन घोटालों से प्राप्त अवैध धन को रायपुर स्थित एक फ्रंटमैन, हरपाल के माध्यम से रियल एस्टेट व्यवसाय में निवेश किया गया था। हरपाल सिंह अरोड़ा उर्फ राजू अरोड़ा।
क्षेत्र, उन्होंने कर अधिकारियों को दिए अपने बयान में कहा। इसकी पुष्टि करने के लिए, आयकर विभाग के अधिकारियों ने पीडि़तों में से एक 57 वर्षीय बिष्णु मंडल का बयान दर्ज किया, जो एक मछुआरा है। अधिनियम की धारा 131 के तहत दर्ज अपने बयान में, बिष्णु मंडल ने कहा कि सरकार ने उनके पिता आदित्य मंडल को 1999 में गांव में 7 एकड़ जमीन का पट्टा विलेख (पुनर्वास पट्टा) आवंटित किया था।
शरणार्थियों को बरगलाया- आयकर विभाग
अंबिकापुर में डिग्मा (वर्तमान में नेहरू नगर)। 30 नवंबर, 2023 तक उनके पास 6 एकड़ जमीन थी। हालांकि, एक दिन उन्हें पता चला कि कागजों पर उनकी सारी जमीन राजस्व अभिलेखों में मोनू मंडल के नाम पर दर्ज है। बाद में उन्हें पता चला कि मोनू मंडल एक काल्पनिक व्यक्ति है। बिष्णु मंडल ने मांग की कि जमीन उन्हें सौंप दी जाए और दावा किया कि विनोद चौहान नामक व्यक्ति, जो राजू अग्रवाल का करीबी सहयोगी है, ने पूरे धोखाधड़ी वाले सौदे को अंजाम दिया। मंडल ने दावा किया है कि नेहरू नगर इलाके में जमीन का बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है, जिससे उनकी संपत्ति का कुल मूल्य 6 करोड़ रुपये हो जाता है। हालांकि, उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।
भूमि दलाल अविनाश सिंह ने कर अधिकारियों को दिए अपने बयान में पुष्टि की है कि वह और राजू अग्रवाल अंबिकापुर में भूमि सौदों से संबंधित 90 प्रतिशत कार्यों में शामिल हैं, क्योंकि राजू अग्रवाल के पूर्व मंत्री भगत के साथ राजनीतिक संबंध हैं। 34 वर्षीय सिंह ने कर अधिकारियों के समक्ष दिए अपने बयान में पुष्टि की है कि राजू अग्रवाल, भगत के करीबी हैं और इस ‘पुनर्वास पट्टे’ की बिक्री और खरीद में शामिल हैं। चूंकि राजू खुद एक राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति है, इसलिए वह कलेक्टर कार्यालय से उच्च कीमतों पर जमीन बेचने की अनुमति प्राप्त करने में सक्षम है। सिंह के अनुसार, अब तक उन्होंने राजू अग्रवाल के सात अलग-अलग भूखंड बेचे हैं, जिसके बदले उन्हें हर 5 डिसमिल जमीन के सौदे के बदले 25,000 रुपये कमीशन के रूप में मिले हैं। जिले के अन्य प्रतिष्ठित भूमि दलालों संदीप घोष और विनोद चौहान ने भी कर अधिकारियों के समक्ष अपने बयान में यही बात कही। ये बयान इस बात के प्रमाण हैं कि किस तरह पूर्व मंत्री और अग्रवाल ने शरणार्थियों को सरकार से मिली जमीन पर कब्जा किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर 22 मार्च । शुक्रवार को दिनदहाड़े छावनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत लिंक रोड कैंप 2 में होली पर्व पर खरीदी के लिए पहुंचे व्यापारी के वाहन की डिग्गी से 2 लाख रुपए अज्ञात उठाईगीर पार कर गए। सीसीटीवी फुटेज में दो युवक नजर आ रहे हैं। पुलिस से के मुताबिक राज किराना डूंडेरा का व्यापारी होली पर्व पर रंग गुलाल खरीदी के लिए लिंक रोड कैंप दो पहुंचा था। व्यापारी द्वारा वाहन की डिग्गी में 2 लाख रुपये नकद रखे हुआ था। मौका पाकर अज्ञात आरोपियों ने पार कर दिया। व्यापारी द्वारा घटना की सूचना तत्काल छावनी पुलिस को दी गई छावनी पुलिस के द्वारा घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखे गए जिसमें दो युवक वाहन के समीप दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल पुलिस के द्वारा जांच शुरु कर दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च । गुरूवार को लभांडी के संकल्प सोसायटी में दो दर्जन मरीजों के बाद आज जिला अस्पताल पंडरी में डायरिया के 10 मरीज़ भर्ती हुए हैं।अभी लगभग सभी मरीज़ स्टेबल बताए जा रहे हैं।डॉक्टर दीक्षिता त्रिपाठी ने बताया कि इमरजेंसी में दो दिनों में 10 मरीज़ पहुंच चुके हैं कुछ आईसीयू में भर्ती हैं, कुछ मरीज़ नॉर्मल वार्ड में भर्ती हैं। इनमें एक प्रेग्नेंट महिला भी डायरिया से संक्रमित है। वहीं डॉक्टर प्रवालिका ने बताया, जब मरीज़ हॉस्पिटल पहुँच थे तो हालात गंभीर थी। पानी जैसे उल्टी और दस्त के शिकार हैं. बॉडी डी-हाइड्रेट हो चुकी थी।लगातार ड्रिप चढ़ाया जा रहा है 24 घंटे निगरानी में मरीज़ों को रखा गया है।
नई दिल्ली, 22 मार्च । जोमैटो के को-फाउंडर और सीईओ दीपिंदर गोयल मैक्सिकन कारोबारी ग्रेसिया मुनोज के साथ शादी के बंधन में बंध गए हैं।
दीपिंदर गोयल ने दो महीने पहले मुनोज से शादी की और पिछले महीने हनीमून से भारत लौटे।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, ''मुनोज भारत में लक्जरी उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र में अपना स्टार्टअप चला रही हैं।''
मुनोज पहले मेक्सिको में एक मॉडल के रूप में काम करती थीं लेकिन अब एक उद्योगपति बन गई हैं। इस जोड़े ने अभी तक अपनी शादी की आधिकारिक घोषणा नहीं की थी।
हालांकि, मुनोज की इंस्टाग्राम प्रोफाइल ने इस बारे में कुछ संकेत जरूर दिए थे।
इंस्टाग्राम पर उनके बायो में बताया गया है कि वह 'अब भारत में अपने घर पर हैं'। इससे पहले उन्होंने दिल्ली की पॉपुलर जगहों की कुछ तस्वीरें शेयर की थीं।
मुनोज ने लिखा, "मेरे नए घर में मेरी नई लाइफ की झलकियां।"
यह खबर तब आई जब होली से पहले, फूड डिलीवरी कंपनी ने पूरे भारत में अपने ग्राहकों को 'शुद्ध शाकाहारी' डिलीवरी के लिए अपने रंगों को हरे से लाल रंग में 'बदल' दिया।
(आईएएनएस)
भारत में पिछले दो-तीन हफ्तों से खासकर सुप्रीम कोर्ट, और चुनाव आयोग, राजभवनों को लेकर जिस तरह की खबरें आ रही हैं, जिस तरह से केन्द्र सरकार की जांच एजेंसियां काम कर रही हैं, जिस तरह से बंगाल जैसे राज्य में वहां की पुलिस काम कर रही है, या जिस तरह छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में पिछली सरकार के कामकाज का ब्यौरा सामने आ रहा है, उन सबसे कुल मिलाकर यह लग रहा है कि भारतीय लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा फ्लॉप शो साबित हो चुका है। सरकारें अदालतों से लड़ रही हैं, सत्तारूढ़ पार्टियां जगह-जगह मुजरिमों की तरह काम कर रही हैं, और राज्यपाल मानो देश में अंग्रेज सरकार के राजनीतिक एजेंट बनकर रियासतों में काम कर रहे हैं। पिछले दो-चार हफ्तों का सुप्रीम कोर्ट का एकदम से असरदार रूख अगर देखें, तो भारतीय लोकतंत्र में बस वही काम करते दिख रहा है। संसद और विधानसभाओं में सत्तारूढ़ पार्टियों की मनमानी चल रही है, वहां संविधान की कोई जगह नहीं रह गई है, महाराष्ट्र विधानसभा और राजभवन जैसी जगहें सुप्रीम कोर्ट से खुला टकराव ले रही हैं, अभी कल ही सुप्रीम कोर्ट इस बात पर हक्का-बक्का था कि तमिलनाडु के राज्यपाल किस तरह सुप्रीम कोर्ट के हुक्म को मानने से इंकार कर रहे हैं, किस तरह केन्द्र सरकार मीडिया के तथ्यों की जांच के नाम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने के लिए फैक्टचेक यूनिट बना रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोका है, और सुप्रीम कोर्ट ने कल ही इस बात पर भी हैरानी और अफसोस जताया है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में केन्द्र सरकार ने किस तरह दो सौ नामों में से दो घंटे में दो नाम छांट लिए, अदालत ने इसे चुनाव आयुक्त नियुक्ति कमेटी में सदस्य नेता-प्रतिपक्ष के अधिकारों के खिलाफ माना है।
इन दिनों चर्चित सबसे बड़े मामले को देखें, तो चुनावी बॉंड के नाम पर जितना बड़ा वसूली-उगाही का फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसने अगर देश को अब तक हक्का-बक्का नहीं किया है, तो आने वाले दिनों में जब मीडिया और सोशल मीडिया पर इसका साफ-साफ खुलासा होगा, बार-बार होगा, तो जनता को शायद कुछ हद तक यह समझ आएगा कि किस राजनीतिक दल को किस कारोबारी ने किस वजह से, किस तारीख को कितने करोड़ दिए थे। इस मामले में स्टेट बैंक ने जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के बहुत साफ-साफ फैसले की बार-बार खिल्ली उड़ाई है, उससे लगता है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी क्षेत्र का बैंक केन्द्र सरकार के चपरासी की तरह काम कर रहा था, और उसे सुप्रीम कोर्ट को भी उसकी औकात दिखाने में कोई हिचक नहीं हो रही थी। चुनावी बॉंड से जुड़ी हुई जानकारियां बैंक से निकलवाने में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और पूरी की पूरी बेंच मानो बैंक चेयरमैन की बांह मरोड़ते खड़ी थी, फिर भी बैंक टस से मस नहीं हो रहा था। जब यह समझ आया कि आखिरी चेतावनी पर जानकारी उजागर न करने का मतलब जेल जाना होगा, उस दिन बैंक चेयरमैन ने जानकारी दी, और हलफनामा दिया।
इससे परे अभी कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट में ही सात जजों की संविधानपीठ ने सर्वसम्मति से यह तय किया कि संसद या विधानसभा के भीतर सवाल पूछने या भाषण देने के लिए बाहर रिश्वत लेने वाले सांसदों और विधायकों पर मुकदमे चलेंगे। इससे सुप्रीम कोर्ट की ही पांच जजों की एक संविधानपीठ का तीन-दो के बहुमत से दिया गया 1998 का वह फैसला खारिज हुआ जिसमें सदन के भीतर के कामकाज के लिए बाहर रिश्वत लेने को भी जुर्म नहीं माना गया था। इसी के आधार पर देश में दर्जनों सांसद और विधायक जेल में रहने के बजाय अब तक मजा कर रहे थे। आगे भी देखना होगा कि केन्द्र और राज्य सरकारें अपने पसंदीदा मुजरिम नेताओं को बचाने के लिए और कितने रास्ते निकालती हैं, और क्या हम अपने जीते-जी ऐसे रिश्वतखोर सांसद-विधायक जेल जाते देख पाएंगे। इस तरह पिछले कुछ हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा साफ-साफ जनहिमायती रूख दिखाया है, और सरकार की नाखुशी की परवाह किए बिना लगातार फैसले दिए हैं, जो कि सारे के सारे न्यायसंगत और तर्कसंगत लगते हैं।
अब सबसे ताजा मामला कल रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा एक शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार करने का है। दिल्ली के कुछ दूसरे मंत्री इसी मामले में लंबे समय से जेल में चल रहे हैं, और ऐसा लग रहा है कि ईडी जिस कानून के तहत कार्रवाई करती है, उस कानून में जमानत से रोकना ही सजा है। ईडी के मामलों में सजा तो बहुत ही कम लोगों को होती है, लेकिन अधिकतर लोग महीनों और बरसों तक बिना जमानत पड़े रह जाते हैं, और यही इस कानून के तहत एक ऐसी सजा है जो कि अदालती फैसले के बिना ही हो जाती है। देश भर में यह आम चर्चा है और अधिकतर राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि केन्द्र सरकार की जांच एजेंसियों का निशाना सिर्फ विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं पर रहता है। देश भर में केन्द्र के सत्तारूढ़ गठबंधन के लोगों पर शायद ही कभी कोई कार्रवाई होती है, और लोगों का यह भी कहना है कि विपक्षी पार्टियों में रहते अजीत पवार जैसे जिन लोगों पर कई-कई जुर्म दर्ज हो चुके रहते हैं, वे सत्तारूढ़ गठबंधन में जाते ही खत्म हो जाते हैं। केन्द्र की जांच एजेंसियों को लेकर देश भर में अगर ऐसी साख बन रही है, तो वह भी लोकतंत्र के भीतर एक बहुत बड़ा खतरा है।
लेकिन हमने पश्चिम बंगाल से लेकर छत्तीसगढ़ तक, बहुत से राज्यों में गैरभाजपा-गैरएनडीए पार्टियों की सरकारों में देखा है कि किस तरह राज्यों की जांच एजेंसियां भी राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियों को नापसंद, उनके विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई करती हैं, और जिस तरह इन राज्यों में सत्तारूढ़ नेताओं, और उनको पसंद आला अफसरों के खिलाफ पहले से चल रही गंभीर कार्रवाईयों को भी खत्म कर दिया जाता है। कई राज्य इस तरह राज्यों की जांच एजेंसियों की मनमानी देख रहे हैं। हमने आज की बात की शुरूआत भारतीय लोकतंत्र के एक बड़े हिस्से की नाकामयाबी को लेकर भी की है कि जिन बातों को लेकर मोदी सरकार पर तोहमतें लगातार लगती हैं, अपनी जांच एजेंसियों का ठीक वैसा ही इस्तेमाल कई दूसरी राज्य सरकारें अपने-अपने इलाकों में करती हैं। जिस तरह चुनावी बॉंड को लेकर मोटेतौर पर भाजपा पर वसूली का आरोप लग रहा है, उस तरह की वसूली छोटे पैमाने पर, कम हद तक, टीएमसी, कांग्रेस, और टीआरएस जैसी पार्टियों ने भी की है, और छत्तीसगढ़ तो इस बात की एक बड़ी जलती-सुलगती मिसाल है कि कोई राज्य सरकार किस तरह माफिया अंदाज में उगाही कर सकती है।
इस तरह अब यह लगता है कि सुप्रीम कोर्ट आज देश में अकेला रह गया है जो कभी चुनाव आयोग पर काबू करता है, तो कभी चुनाव आयुक्त बनाने वाली केन्द्र सरकार पर, कभी वह राजभवनों को पटरी पर लाता है, तो कभी ईडी जैसी जांच एजेंसी को फटकारता है कि वह किस तरह बिना मुकदमे गिरफ्तार लोगों को बिना जमानत जेल में अधिक से अधिक समय तक रखने का काम कर रही है। बहुत सी राज्य सरकारों को भी दूसरे मामलों में सुप्रीम कोर्ट की फटकार पड़ रही है कि वे गलत तरीके से जुर्म दर्ज कर रही हैं, गलत कार्रवाई कर रही हैं। सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय लोकतंत्र ऐसी किसी नौबत के हिसाब से बना है कि यहां पर संसद और विधानसभाओं में अपने रिश्वतखोर सदस्यों को बचाने का काम हो, उनके खिलाफ मुकदमे न चलने दिए जाएं, सरकारें पूरी तरह से नाजायज काम करें, राज्यपाल जो कि संविधान की शपथ दिलाते थकते नहीं हैं, वे संविधान के ठीक खिलाफ काम करें, और खुद न्यायपालिका में सुप्रीम कोर्ट के नीचे के कई हाईकोर्ट बहुत ही खराब फैसले देते रहें। क्या भारतीय लोकतंत्र इस तरह चल सकता है? यह बहुत बड़ा सवाल है, और हर पांच बरस में हो रहे मतदान को ही एक कामयाब लोकतंत्र मान लेना बहुत बड़ी गलती होगी क्योंकि यह मतदान भी दर्जनों किस्म के नाजायज और गैरकानूनी प्रभावों के घेरे में रहता है। भारतीय लोकतंत्र पर एक बार फिर सोच-विचार की जरूरत है कि यह चुइंगगम जैसा हो गया है जिसे हर ताकतवर दांत तरह-तरह से चबाकर थूक सकते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च । रंगों के त्यौहार होली के उपलक्ष्य पर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर वीडियो लॉन्च किया है. उन्होंने लिखा कि पूरा होवत हे गारंटी हर बार, आगे-आगे खुशहाली के होली तिहार, जम्मो प्रदेशवासी ला होली के अब्बड़ अकन बधई अउ सुभकामना.
वीडियो में भाजपा शासन द्वारा चुनाव पूर्व अपने संकल्प पत्र मोदी की गारंटी में किये गए महत्वपूर्ण वादों को पूरा होने की बात बताई गई है. ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री साय द्वारा देश और प्रदेश के सांस्कृतिक पर्वों का विशेष संज्ञान लेते हुए उन्हें प्रोत्साहन देकर भव्यता के साथ उनका आयोजन किया जा रहा है.
लखनऊ, 22 मार्च । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने कानून को अधिकार क्षेत्र से बाहर घोषित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को एक योजना बनाने का निर्देश दिया ताकि मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समायोजित किया जा सके।
यह आदेश अंशुमान सिंह राठौड़ द्वारा दायर एक रिट याचिका की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें यूपी मदरसा बोर्ड की शक्तियों को चुनौती दी गई थी। साथ ही केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग तथा अन्य संबंधित मदरसों के प्रबंधन पर आपत्ति जताई गई थी। इसमें बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2012 जैसे मुद्दों पर भी आपत्ति जताई गई थी।
कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 25 हजार मदरसे हैं और 16,500 से अधिक मदरसा यूपी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
इससे पहले मार्च में, एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने राज्य में यूपी-नेपाल सीमा पर 13 हजार अवैध मदरसों की पहचान की थी और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें इन मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई थी।
इस बीच, शुक्रवार को अदालत के फैसले ने राज्य में मदरसा छात्रों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है।
लखनऊ के एक मदरसे में माध्यमिक स्तर के छात्र आसिफ रियाज़ ने कहा, “हम अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। हम नहीं जानते कि अपनी शिक्षा कैसे जारी रखें क्योंकि नए स्कूल में स्थानांतरित होना आसान नहीं होगा और नई प्रणाली को अपनाना कठिन होगा। कोर्ट को इसके लिए कम से कम दो-तीन साल का समय देना चाहिए था।'
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 मार्च । दो दिन के भूटान दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया। भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पीएम मोदी पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं।
भूटान दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी को वहां के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया। बता दें कि अपनी स्थापना के बाद से यह पुरस्कार केवल चार प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। ऐसे में पीएम मोदी भूटान के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं।
इससे पहले 2008 में महामहिम रॉयल क्वीन दादी आशी केसांग चोडेन वांगचुक, परम पावन जे थ्रिज़ुर तेनज़िन डेंडुप (भूटान के 68वें जे खेंपो) और 2018 में परम पावन जे खेंपो त्रुलकु न्गावांग जिग्मे चोएद्रा को यह सम्मान दिया जा चुका है।
इस सम्मान को पाने के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर कर पीएम मोदी ने लिखा कि, ''भूटान द्वारा 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' पुरस्कार से सम्मानित होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं।''
(आईएएनएस)