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बीजापुर,16 मार्च। जिले के नक्सल प्रभावित बेदरे थाना क्षेत्र के हिंगमेटा के जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने दो नक्सलियों को मार गिराया, वहीं घटनास्थल से पुलिस ने नक्सलियों के शव के साथ हथियार व विस्फोटक सामान बरामद किये हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित बेदरे थाना क्षेत्र के हिंगमेटा व लंका के जंगलों में इंद्रावती एरिया कमेटी के प्लाटून नंबर 16 कमाण्डर मल्लेश, माड़ डिवीजन कंपनी नम्बर 1 के कमांडर अरुण उर्फ रूपेश व 20 से 25 अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर बीजापुर डीआरजी व बेदरे थाना की संयुक्त पार्टी गुरुवार को नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।
अभियान के दौरान शुक्रवार की शाम 5 बजे के करीब हिंगमेटा के जंगलों में पुलिस व नक्सलियों के मध्य मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने दो नक्सलियों को मार गिराया हैं, वहीं जवानों ने हिंगमेटा के जंगल में नक्सलियों के कैम्प को ध्वस्त किया हैं।
मौके से सर्चिंग के दौरान हथियार, विस्फोटक व नक्सली सामान बरामद किया गया है।
अफ़सरों का रतजगा
भूपेश सरकार की कई परंपराओं को साय सरकार नहीं बदल सकी है। अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को ही लीजिए, भूपेश सरकार ने सबसे पहले आधी रात डीजीपी ए.एन.उपाध्याय को बदलकर डी.एम.अवस्थी को प्रभारी डीजीपी बना दिया था। फिर रातों-रात सीएस अजय सिंह की कुर्सी सुनील कुजूर को सौंप दी थी।
भूपेश सरकार ने एक साथ 50 से अधिक आईएएस अफसरों के तबादले किए थे। तबादले की सूची आधी रात जारी की गई थी। इसके बाद से देर रात आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के तबादले का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अब तक जारी है।
साय सरकार ने सबसे पहले 83 आईएएस अफसरों के तबादलों की सूची जारी की थी जो कि अब तक की सबसे बड़ी सूची है। यद्यपि इसमें सिर्फ डेढ़ दर्जन कलेक्टर ही बदले गए थे। जबकि भूपेश सरकार ने एक साथ 22 कलेक्टरों को बदल दिया था जबकि उस समय जिलों की संख्या कम थी। और कोरोना का भी माहौल था।
हाल यह है कि अब अफसरों को तबादले के इंतजार में देर रात तक जागना पड़ रहा है। आधी रात सूची निकालने की परंपरा क्यों शुरू की गई, इसकी कोई ठोस वजह नहीं है। ये बात अलग है कि इससे जीएडी के स्टॉफ परेशान जरूर हो जाते हैं।
एक पंडाल, तीन बिल
छह दिन पहले हमने इसी कॉलम में एक पंडाल तीन सम्मेलन के आयोजन का उल्लेख कर सरकार की मितव्ययिता की तारीफ की थी। और यह भी आशंका जताई थी कि इस एक पंडाल का बिल, क्या एक ही बनेगा या अफसर अपने अपने विभाग के लिए अलग अलग बनाएंगे। साइंस कॉलेज मैदान में सजाए गए इस पंडाल में पिछले सप्ताह लगातार तीन दिन महिला, किसान और पंचायत सम्मेलन हुए।
हर रोज केवल विभाग के होर्डिंग,फ्लैक्स और ड्रापआउट (मंच के पीछे की दीवार पर लगने वाला विशाल पोस्टर) बदल कर सफल आयोजन हुआ। तीनों के समापन के बाद किराया भंडार वालों अफसरों के साथ सेटिंग कर तीन पंडाल लगाना बताकर बिल पेश किया। मंत्री जी के पास पहुंचे तो करीबियों ने तीन का बिल नामंजूर करने जोर दिया । मंत्री ने किया भी ऐसा। ना नुकुर के बाद अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि तीनों ही विभाग वन-थर्ड, वन-थर्ड के अनुपात में बिल पे करेंगे।
दिन में रौशन सडक़
दुर्ग का जेल तिराहा। स्ट्रीट लाइट दिन में भी जल रही है। छत्तीसगढ़ के कई शहरों का यही हाल है। अधिकांश नगर-निगमों की बकाया बिल भुगतान के लिए बिजली विभाग से ठनी रहती है। छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में सरप्लस रहता है, इसका मतलब यह नहीं कि यह मुफ्त मिलती है।
युवा हाथों में प्रशासन
छत्तीसगढ़ में आईएएस लॉबी में समय के साथ परिवर्तन होता रहा है। पहले ओडिशा लॉबी पॉवरफुल थी। इसके बाद साउथ के अफसर शासन चलाते थे। फिर छत्तीसगढिय़ा अफसरों की बारी आई। अब यंग अफसरों की बारी है। 2005 और 2006 बैच के अफसर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में हैं। आईएएस ही नहीं, आईपीएस लॉबी में भी यही बैच पॉवरफुल है।
पारदर्शी कलेक्ट्रेट
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कार्रवाई का सीधा प्रसारण शुरू हो जाने से लोगों को अदालती कार्रवाई समझने में मदद मिल रही है। अब छत्तीसगढ़ के एक जिले में कलेक्ट्रेट की कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर जिला दंडाधिकारी के रूप में गुरुवार के दिन जब अपनी कोर्ट में बैठते हैं, तो उसका यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में यह पहला प्रयोग है। राजस्व के बहुत से मामलों में पक्षकारों को हाजिर होने की जरूरत नहीं पड़ती, उनके वकील ही बहस करते हैं। अब वे घर बैठे कार्रवाई देख सकते हैं। ([email protected])
नई दिल्ली, 16 मार्च। भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीख़ों का एलान शनिवार को कर दिया है.
लोकसभा चुनाव सात चरणों में होगा. ये चुनाव प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो रही है और मतगणना चार जून को होगी.
पहला चरण
20 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगी. 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
दूसरा चरण के तहत 28 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा. 26 अप्रैल को मतदान होगा.
तीसरा चरण के तहत सात मई, चौथे चरण के तहत 13 मई और पांचवे चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे.
छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी. सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा.
विधानसभा चुनाव कब कहां होंगे?
अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को चुनाव होगा. 20 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा.
सिक्किम 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
आंध्र प्रदेश में चुनाव 13 मई को होगा.
ओडिशा में पहले चरण का चुनाव 13 मई और दूसरे चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे.
तीन चरणों में 26 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होंगे. ये चुनाव भी आम चुनावों के साथ होंगे.
प्रदेश में 3 चरणों में मतदान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मार्च। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ की 11 सीटों मेें 3 चरण में मतदान का एलान किया है।
बस्तर में 19 अप्रैल को चुनाव के लिए नामांकन दाखिले की प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू होगी। 27 मार्च को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। 30 मार्च तक नामांकन वापिस लिए जा सकते हैं।
इसके बाद राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर में 26 अपै्रल को वोट डाले जाएंगे। 28 मार्च को नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी, 4 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 8 अप्रैल को नाम वापस लिए जा सकेंगे। बाकी 7 सीट सरगुजा, रायगढ़, जांजगी-चांपा, कोरबा, बिलासपुर और रायपुर में 7 मई को मतदान होगा।
नामांकन दाखिले की प्रक्रिया 12 अप्रैल से शुरू होगी, 19 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 22 अप्रैल तक नाम वापिसी होगी।
नई दिल्ली, 16 मार्च । दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन कैदियों की सहायता के लिए नियुक्त एक वकील पर जालसाजी का आरोप सामने आया है।
वकील ने कथित तौर पर एक फर्जी जमानत आदेश बनाया और प्रसारित किया है, जिसे कथित तौर पर उच्च न्यायालय ने कभी जारी किया ही नहीं था।
इस घटना के सामने आने के बाद उच्च न्यायालय ने मामले की गहन जाँच के लिए पुलिस शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला शुरू किया।
अदालत को बताया गया कि वकील ने एक महिला आरोपी को फर्जी जमानत आदेश तैयार कर दिया, जिसे उसने जेल में मुलाकात के दौरान अपनी माँ को सौंप दिया।
अदालत ने इस घटना पर आश्चर्य तथा चिंता व्यक्त की, और न्यायिक दस्तावेज़ बनाने की गंभीरता तथा कानूनी प्रणाली की अखंडता पर इसके प्रभाव पर जोर दिया।
इस गंभीर विश्वासघात और संभावित आपराधिक कृत्य को संबोधित करने के लिए, अदालत ने अपने रजिस्ट्रार जनरल को तत्काल जाँच के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है।
जब कैदी की माँ सायरा बानो ने अपनी बेटी की जमानत याचिका की स्थिति पर स्पष्टता की माँग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तब कहीं जाकर जाली दस्तावेज के अस्तित्व का खुलासा हुआ।
विचाराधीन दस्तावेज़ में झूठा दावा किया गया था कि 18 नवंबर 2023 को उच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका स्वीकार की गई थी जिससे तत्काल संदेह पैदा हुआ क्योंकि अदालत सप्ताहांत पर काम नहीं करती है।
आगे की जांच से पता चला कि इस तरह के जमानत आवेदन का कोई रिकॉर्ड कभी दायर नहीं किया गया था या आदेश के लिए आरक्षित नहीं किया गया था, जो दस्तावेज़ की धोखाधड़ी प्रकृति की पुष्टि करता हो।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब हाई कोर्ट ने अहम कदम उठाया है।
इसने दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट से प्राप्त दस्तावेजों पर क्यूआर कोड, डिजिटल हस्ताक्षर और आधिकारिक प्रतीक के उपयोग पर जोर देते हुए, अपने आदेशों और निर्णयों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए प्रक्रियाएँ जारी की हैं।
अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रामाणिक दस्तावेजों को स्वतंत्र रूप से और बिना किसी लागत के प्राप्त किया जा सकता है, जिससे व्यक्तियों को न्यायिक आदेशों की वैधता को सत्यापित करने का एक विश्वसनीय साधन प्रदान किया जा सकता है।
पुलिस जाँच का आदेश देने के अलावा, न्यायमूर्ति शर्मा ने प्रभावित कैदी की सहायता के लिए वकील हर्ष प्रभाकर को न्याय मित्र नियुक्त किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसे उचित कानूनी प्रतिनिधित्व मिले।
अदालत ने जनता और कैदियों को अदालती दस्तावेजों के सत्यापन के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, जिसमें अपने आदेश का हिंदी में अनुवाद करना और इसे व्यापक रूप से प्रसारित करना शामिल है।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मार्च । राज्य सूचना आयोग में रिक्त आयुक्त के दो पदों पर पूर्व आईएएस नरेंद्र शुक्ला, और नगर निगम के पूर्व उपायुक्त आलोक चंद्रवंशी की नियुक्त किया है। जीएडी ने यह आदेश जारी कर दिया है । इससे पहले चयन समिति की शुक्रवार सुबह सीएम हाउस में बैठक हुई। बैठक में सीएम साय, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल, सीएम सचिव मुकेश कुमार शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत राजधानी से बाहर होने के कारण शामिल नहीं हुए।
बताया जा रहा है कि उन्होंने गुरूवार को बैठक की सूचना देते समय ही बाहर होने और चयनित नामों पर अपनी सहमति का भरोसा जता दिया था। इस तरह कल हुई बैठक में रिटायर्ड आईएएस नरेंद्र शुक्ला और डिप्टी कमिश्नर आशीष चंद्रवंशी के नामों पर मुहर लगने की खबर है ।
इनमें शुक्ला,डेढ़ वर्ष ही कार्य कर पाएंगे क्योकि वे एज बार के करीब हैं। वहीं चंद्रवंशी मंत्री ओपी चौधरी से निकट रहे हैं।
इन दो पदों के लिए जीएडी ने पिछले माह आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें सौ से अधिक रिटायर्ड आईएएस आईपीएस, आईएफएस , वकील, सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों ने अपने आवेदन जमा किए थे।
केन्द्र सरकार की शहरीकरण योजना के तहत देश के अलग-अलग शहरों में बसें चलाने के लिए हमेशा से मदद दी जाती रही है, और अब बैटरी से चलने वाली गाडिय़ों का चलन बढऩे से इलेक्ट्रिक बसों के लिए केन्द्र की योजना मौजूद है। सार्वजनिक परिवहन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बिना शहरों का विकास मुमकिन नहीं है। इसलिए देश के महानगरों और उपमहानगरों में केन्द्र और राज्य की मिलीजुली मेट्रो परियोजनाएं बन चुकी हैं, और कई जगहों पर उन पर काम जारी भी है। लेकिन मेट्रो स्टेशन पहुंचने के लिए छोटी-बड़ी बसों की जरूरत पड़ती है, और मेट्रो से उतरने के बाद भी लोगों को अपने ठिकानों पर पहुंचने के लिए फिर कोई दूसरे साधन लगते हैं क्योंकि मेट्रो हर गली-मोहल्ले में तो जा नहीं सकती। इसलिए मेट्रो के साथ-साथ छोटी-बड़ी बसों का जाल बिछाना अभी तक दिल्ली में भी चल रहा है जहां मेट्रो शुरू हुए बहुत बरस हो चुके हैं। आज बीस बरस बाद भी दिल्ली मेट्रो दस अलग-अलग लाइनों पर चल रही है, ढाई सौ से अधिक स्टेशन हैं, साढ़े तीन सौ किलोमीटर पटरियां हैं, लेकिन जिसे लास्ट माइल कनेक्टिविटी कहते हैं, वह अब भी पूरी नहीं हो पाई है। नतीजा यह है कि बहुत सी जगहों पर लोग अपने निजी वाहनों पर अब भी आश्रित रहते हैं। लेकिन जो शहर अब तक मेट्रो नहीं पा सके हैं, वहां पर तो सब कुछ बसों पर ही निर्भर रहता है, अब इलेक्ट्रिक बसें आ जाने से बिना प्रदूषण, और बिना अधिक शोरगुल के आरामदेह बसें चल सकती हैं, और वे शहरी सडक़ों से गाडिय़ों की भीड़ घटा सकती हैं।
भारत के अधिकतर पुराने शहरों में सडक़ें बसों के लायक चौड़ी नहीं है। जिन शहरों में अंग्रेजों के फौजी ठिकाने रहे, वहां तो उन्होंने सौ बरस बाद की जरूरत का भी ध्यान रखते हुए चौड़ी सडक़ें बनवाई थीं, लेकिन बाद के बरसों में जो हिन्दुस्तानी शहर बने, वे कल्पनाहीन, बिना योजना के, और शून्य संभावनाओं वाले थे। नतीजा यह हुआ कि वे बड़े आकार के कस्बे से अधिक कभी कुछ नहीं बन पाए। अब वहां बसे लोगों की महत्वाकांक्षाएं अगर जोर मारती भी हैं, तो भी न तो वहां शहरी विकास की अधिक संभावनाएं मौजूद हैं, और न ही भारत में शहरीकरण की ऐसी समझ रही कि सार्वजनिक परिवहन को समय रहते बढ़ावा दिया गया हो। हमारी बात में, समय रहते, इन दो शब्दों का बड़ा महत्व है। एक बार जब किसी शहर का जनजीवन निजी वाहनों का मोहताज हो जाता है, तो फिर उसके बाद लोगों की इस आदत को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरफ मोडऩा मुश्किल हो जाता है। लोगों को अपने दुपहिए-चौपरियों की आदत पड़ जाती है, और फिर उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट की परेशानियां दिखने लगती हैं। इसलिए सार्वजनिक परिवहन को जितनी जल्दी और जितने बड़े पैमाने पर लागू किया जाए, उसकी कामयाबी की संभावना उतनी ही अधिक रहती है। जो सचमुच ही विकसित दुनिया है, उसमें शहरों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह मुफ्त कर दिया जाता है, क्योंकि इस पर होने वाले खर्च को निजी वाहनों की भीड़ और प्रदूषण से बचने का मुआवजा मान लिया जाता है। अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हिन्दुस्तान की तरफ नफा-नुकसान देखा जाता रहेगा, तो शहरों के प्रदूषण को कितना भी खर्च करके रोका नहीं जा सकेगा। शहरी ट्रांसपोर्ट लोगों को रेवड़ी नहीं रहता, वह शहरों को सांस लेने लायक जगह बनाए रखने का दाम रहता है। या तो सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बहुत रियायती या तकरीबन मुफ्त कर ले, या फिर वह शहरी प्रदूषण से बीमार होने वाले लोगों के इलाज पर खर्च कर ले, बोझ तो सरकारी जेब पर ही पडऩा है।
भारत के शहरीकरण को लेकर एक कल्पनाशील योजना की जरूरत है जो कि घिसे-पिटे ढर्रे पर चलते हुए हासिल नहीं हो सकती। व्यस्त होते शहरों में निजी कारों पर टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए, और पार्किंग के नियम कड़ाई से लागू करके लोगों को मजबूर किया जाना चाहिए कि वे सार्वजनिक गाडिय़ों से ही आना-जाना करें। पिछले बीस बरस में दिल्ली में मेट्रो से जितना आना-जाना हो रहा है, वह अगर आज पूरी तरह बसों का मोहताज रहता, तो दिल्ली की सडक़ों का इंच-इंच उन बसों से पट गया रहता। इसी तरह एक बस में चलने वाले मुसाफिरों को देखें, और फिर उन्हें उतनी कारों में चढ़ाने की कल्पना करें, तो सडक़ पर 25 गुना अधिक जगह लग गई होती। इसलिए शहरों को जिंदा रहने लायक बचाए रखने के लिए दूसरे तरह के टैक्स लगाकर बसों को इतना सस्ता या मुफ्त कर देना चाहिए कि लोग निजी दुपहियों से भी बसों को सस्ता पाएं। और फिर बड़ी बसों के रूट से परे छोटी बसों का जाल भी बिछाना चाहिए ताकि लोग अपनी गाडिय़ों से पूरी तरह आजादी पा सकें।
दिक्कत यह है कि भारत में सरकारी कामकाज अलग-अलग विभागों में टापुओं की तरह बंटे रहते हैं। कोई दो विभाग मिलकर काम करने के पहले इस सोच में पड़ जाते हैं कि खरीदी और निर्माण का किसका मौका चूक जाएगा। ऐसे तंग नजरिए के चलते शहरों की नई जरूरतें किसी एक विभाग के तहत नहीं आ पातीं, और हर योजना की लागत और उसकी वापिसी सिर्फ रूपयों की शक्ल में नहीं गिनी जा सकती। आज किसी म्युनिसिपल में बसों को पर्यावरण बचाने वाला माना जाए, तो म्युनिसिपल के पर्यावरण विभाग को यह संतान अच्छी नहीं लगेगी, उसे पेड़, बगीचे, और तालाब तक शायद अपना काम सीमित लगे। इसलिए आज की बदली हुई जरूरतों के मुताबिक केन्द्र और राज्य सरकारों, और म्युनिसिपलों को अपना नजरिया बदलना होगा, और 21वीं सदी की बदली हुई जरूरतों के मुताबिक अपने पुराने ढांचे में फेरबदल करना होगा। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और सरकारी अफसरों को दशकों तक यह समझ नहीं आता था कि गरीबों को रियायती या मुफ्त राशन देना, मुफ्त इलाज देना, मुफ्त पढ़ाना, मुफ्त दोपहर का भोजन देना घाटे का नहीं फायदे का सौदा रहता है। देश का सामाजिक ढांचा विकसित करने की लागत शुरू-शुरू में लोगों को समझ नहीं आई थी, लेकिन बाद में समझ पड़ा था। इसी तरह भारत जैसे देश को अभी जागना होगा, और सौ बरस बाद मलाल करने के बजाय अभी से शहरों के फेंफड़े बचाए रखने के लिए सार्वजनिक परिवहन पर पूंजीनिवेश करना होगा। अभी केन्द्र सरकार राज्यों में जिस तरह से कुछ सीमा तक मदद कर रही है, उसे अधिक कल्पनाशील तरीके से आगे बढ़ाना होगा, किसी शहर से मिलने वाले जीएसटी का एक हिस्सा उस शहर के सार्वजनिक यातायात के लिए रखा जा सकता है, और इस तरह के और भी कई फार्मूले निकाले जा सकते हैं। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मार्च । राज्य शासन ने 35 राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के तबादले किए हैं। देखे आदेश
नई दिल्ली, 16 मार्च। लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ों का एलान करने के लिए चुनाव आयोग ने आज यानी शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दी है.
कान्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार समेत वरिष्ठ चुनाव अधिकारी मौजूद हैं.
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही ख़ास बातें:-
17 वीं लोकसभा 16 जून को समाप्त हो रही है. जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने बाक़ी हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं.
2024 लोकसभा चुनावों में 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं. 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन हैं. 1.5 करोड़ चुनाव कर्मचारी होंगे. चुनाव में 55 लाख ईवीएम मशीन इस्तेमाल होंगी.
क़रीब एक करोड़ 82 लाख नए वोटर 2024 चुनावों में वोट डालेंगे.
21 से 31 साल के वोटर्स की संख्या क़रीब 19 करोड़ 70 लाख है.
85 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 82 लाख है. क़रीब 88 लाख विकलांग मतदाता हैं, इनके लिए ख़ास इंतज़ाम किए गए हैं.
बीएलओ के साथ राजनीतिक पार्टी अपने एजेंट लगा सकते हैं.
देश भर के 800 ज़िलों में हमने एसपी, डीएम, कमिश्रनर, पार्टियां, निगरानी एजेंसियों से मुलाकात करके हमने तैयारियों की समीक्षा की है.
दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र पर सबकी नजर है. यह चुनाव का पर्व देश का गर्व है.
हम पूरी तरह तैयार हैं. हमारी पूरी टीम तैयार है.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हम पूरी तरह तैयार हैं. हमारी पूरी टीम तैयार है.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर अरुणाचल के जंगलों तक पोलिंग बूथ बनेंगे.
पिछले चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं. कैंपेन के दौरान शोर शराबा कम हुआ. जब्तियां बढ़ीं. कोर्ट केस कम हुए. पिछले दो सालों में हमने काफी काम किया है.
हिमालय से लेकर कन्याकुमारी, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर अरुणाचल के जंगलों तक पोलिंग बूथ बनेंगे.
85 साल से ऊपर के मतदाताओं के घर जाकर वोट लिए जाएंगे.
फार्म 12 डी पहुंचाकर मतदान लेंगे. पहली बार देश में ये व्यवस्था लागू होगी. 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता है तो वे यह आवेदन कर सकते हैं.
जिस का क्रिमिनल रिकार्ड है उसे तीन बार न्यूज पेपर मे देना पड़ेगा. क्रिमिनल कैंडिडेट के बारे में पार्टियों को सफाई देनी पड़ेगी.
नो योर कैंडिडेट ऐप से आप अपने उम्मीदवारों के बारे में जान सकते हैं.
चार चुनौतियां-
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तैयारियों का ज़िक्र करते हुए चुनाव में चार चुनौतियां बताईं.
राजीव कुमार बोले- 4 एम से निपटना होगा. ये चार चुनौतियां हैं,
मसल्स (बाहुबल)
मनी (धन)
मिसइन्फ़र्मेशन (ग़लत सूचनाएं)
एमसीसी (आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन)
राजीव कुमार ने 4M के बारे में और क्या कहा
''पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ़ तैनात होंगे. इस बार मसल पावर को कम करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. खून खराबा और हिंसा को हम नियंत्रित करेंगे. चाहे वो चुनाव से पहले, उसके दौरान या बाद में हो.
हर ज़िले में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे. एक सीनियर अफसर मौजूद रहेगा. जहां से भी शिकायत मिलेगी पूरे देश में उसका निराकरण होगा.
जिला जजों को हिदायत दी है. जितने तीन साल से पुराने लोग हैं उन्हें बदल दीजिए. ठेका कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया में नहीं लगाए जाएंगे. डबल वोटिंग की शिकायत आए तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.
मनी- धन बल का उपयोग. पिछले दो साल के चुनावों में हमने 3400 करोड़ रुपये रोका गया.
पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं होने देंगे. हर राज्य में एनफोर्समेंट एजेंसियों से चौकन्ना रहने को कहा गया है. मुफ्त वितरण, पैसे बांटना आदि पर लगाम लगाई जाएगी. ड्रग्स को रोकने की कोशिश होगी.
अगर कैश की डिमांड बढ़ेगी तो बैंक अलर्ट करेंगे. बैंक रोजाना संदिग्ध भुगतान की सूचना देंगे.
नागाकुर्नूल (तेलंगाना), 16 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने के लिए तेलंगाना के लोगों से समर्थन मांगा। वो तेलंगाना के नागाकुर्नूल में एक आम सभा को संबोधित कर रहे थे।
दिल्ली शराब मामले में बीआरएस नेता के. कविता की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना के लोगों से वादा कर रहे हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। “बीआरएस ने राज्य के बाहर की अधिकांश भ्रष्ट पार्टियों के साथ भी साझेदारी की है। इसकी सच्चाई हर दिन सामने आ रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीआरएस कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है। “केसीआर का कहना है कि भारत को एक नए संविधान की जरूरत है। क्या यह बाबा साहब का अपमान नहीं है?''
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने दलित बंधु योजना के माध्यम से दलितों को धोखा दिया और अपने इस वादे से पीछे हट गए कि तेलंगाना का पहला मुख्यमंत्री एक दलित होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद से चलने वाली पार्टियां भ्रष्टाचार ही करेगी। “कांग्रेस और बीआरएस घोटालों में भागीदार हैं। कांग्रेस ने 2जी घोटाला किया, बीआरएस ने सिंचाई घोटाला किया। वे दोनों भू-माफिया का समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा कि राज्य दो पाटों -- बीआरएस और कांग्रेस के बीच पीस रहा है। “कांग्रेस और बीआरएस ने मिलकर तेलंगाना के विकास के हर सपने को चकनाचूर कर दिया है। अब राज्य पर कांग्रेस का कब्जा है। पहले बीआरएस लूट करती थी और अब कांग्रेस कर रही है।”
पीएम मोदी ने तेलंगाना के लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस को रोकने के लिए और अधिक बीजेपी नेताओं को संसद भेजें। "इस बार सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कमल खिलना चाहिए। इससे मुझे आपकी बेहतर सेवा करने का मौका भी मिलेगा।''
पिछले चुनाव में तेलंगाना में बीजेपी के वोट दोगुने होने के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि इस बार तेलंगाना बीजेपी को दोहरे अंक में सीटें देगा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनके परिवार के जरिए राजद सुप्रीमो लालू यादव की पटना में टिप्पणी के बाद से ही भाजपा की तरफ से एक अभियान 'मैं हूं मोदी का परिवार' चलाया गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के समर्थकों में क्या आम, क्या खास सभी ने अपना बायो अपडेट कर 'मैं हूं मोदी का परिवार' कर लिया।
इसके साथ ही 'मैं हूं मोदी का परिवार' और 'मोदी की गारंटी' लिखे कई उत्पाद अब नमो मर्चेंडाइज के https://merchandise.flykart.in/namo/merchandise बेवसाइट पर उपलब्ध हैं।
नमो मर्चेंडाइज नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'मैं हूं मोदी का परिवार' और 'मोदी की गारंटी' नाम से कुछ उत्पाद खरीदने के लिए लिंक साझा किए गए हैं। इसके जरिए कोशिश है कि अगर आप भी इस अभियान में हिस्सा लेकर इस नारे को व्यापक रूप देने की कोशिश करना चाहते हैं, तो, इनमें से आप कोई भी उत्पाद खरीद सकते हैं।
इन उत्पादों को खरीदने के लिए नमो मर्चेंडाइज के इस वेबसाइट पर जाकर आपको ऑर्डर पर क्लिक करना होगा, जिसमें आप से कुछ जानकारियां मांगी जाएगी, मसलन आपका नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर, इसके साथ ही आपको कौन सा उत्पाद चाहिए और किस संख्या में चाहिए, इसके साथ ही एक मैसेज बॉक्स भी है, जिसमें आपको इन उत्पादों को खरीदने के पीछे का मैसेज भी लिखना होगा और फिर सबमिट करना होगा। इसके बाद आप इन उत्पादों को पा सकते हैं। उत्पादों की कीमत भी वेबसाइट पर है।
बता दें कि आप यहां से टी-शर्ट, मग, नोटबुक, बैज, चाबी का छल्ला, स्टीकर, मैग्नेट, टोपी, कलम जैसे उत्पादों को खरीद सकते हैं। जिन पर 'मैं हूं मोदी का परिवार' और 'मोदी की गारंटी' अंकित होगा। इन सभी उत्पादों की अलग-अलग कीमत है, जो इस वेबसाइट पर दिख रही है।
इन उत्पादों के बारे में जानकारी साझा करते हुए नमो मर्चेंडाइज के एक्स हैंडल पर लिखा गया कि आधिकारिक 2024 मर्चेंडाइज कैंपेन अब नमो ऐप पर लाइव! आप इससे जुड़कर नवीनतम उत्पाद यहां से पा सकते हैं।
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने इस नारे को व्यापक रूप देने का संकल्प ले लिया है, जहां एक तरफ बीजेपी के सभी कद्दावर नेता अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर 'मैं हूं मोदी का परिवार' लिखकर इसे नारे को व्यापक रूप दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की सोशल मीडिया विंग भी इस नारे का प्रसार व्यापक करने के लिए कई नए अभियान चला रही है।
इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर 'मैं मोदी का परिवार हूं' गाने का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि ''मेरा भारत, मेरा परिवार!'
(आईएएनएस)
कोलकाता, 16 मार्च । उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर पांच जनवरी को हुए हमले के आरोपी मास्टरमाइंड और निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के छोटे भाई शेख आलमगीर से सीबीआई पूछताछ कर रही है।
मामले में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा पूछताछ का सामना करने के लिए शेख आलमगीर अपने कुछ सहयोगियों के साथ शनिवार सुबह मध्य कोलकाता में सीबीआई के निज़ाम पैलेस कार्यालय पहुंचा।
13 मार्च को, सीबीआई ने शेख आलमगीर को नोटिस जारी किया था और 14 मार्च को अपने निज़ाम पैलेस कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा। पर वह उस तारीख पर उपस्थित नहीं हुआ।
अब अटकलों पर विराम लगाते हुए वह शनिवार सुबह करीब 11.45 बजे निज़ाम पैलेस कार्यालय पहुंचा।
उसके साथ शेख शाहजहां के कुछ करीबी सहयोगी भी थे। उन्हें ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने बुलाया था।
इस बीच, ईडी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में पूछताछ के लिए शेख आलमगीर को नोटिस जारी किया।
ईडी के अधिकारियों ने शेख शाहजहां के एक अन्य भाई शेख सिराज को भी इसी तरह का नोटिस जारी किया है, जो वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में है।
आलमगीर और सिराज दोनों को साल्ट लेक में केंद्र सरकार के कार्यालय (सीजीओ) परिसर में ईडी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 मार्च । भारतीय नौसेना ने पूर्व-मर्चेंट शिप रूएन को रोककर क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों के अपहरण की सोमाली समुद्री डाकुओं की योजना को विफल कर दिया।
नौसेना ने शनिवार को बताया कि पूर्व-मर्चेंट शिप रुएन के बारे में जानकारी मिली थी कि वह खुले समुद्र में समुद्री डकैती के कृत्यों को अंजाम देने के लिए एक समुद्री डाकू जहाज के रूप में रवाना हुआ है। रुएन का पिछले साल 14 दिसंबर को सोमाली समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था।
हालाँकि, जहाज को शुक्रवार को भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने रोक लिया।
जहाज ने युद्धपोत पर गोलीबारी की। आत्मरक्षा में और समुद्री डकैती का मुकाबला करने के लिए नौसेना के पोत ने अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की, जिसमें नौवहन और नाविकों के लिए समुद्री डाकुओं के खतरे को बेअसर करने के लिए आवश्यक न्यूनतम बल का प्रयोग किया गया।
रुएन पर सवार समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने और जहाज तथा उनकी इच्छा के विरुद्ध पकड़े गए किसी भी नागरिक को रिहा करने के लिए कहा गया।
एक अधिकारी ने कहा कि नौसेना समुद्री सुरक्षा और क्षेत्र में नाविकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
(आईएएनएस)
रायपुर, 16 मार्च । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से दिल्ली और कोलकाता के लिए तथा जगदलपुर से जबलपुर के लिए नियमित विमान सेवा मार्च माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में विमान सुविधाओं के विकास और विस्तार के क्रम में यह फैसला किया गया। इसके तहत बिलासपुर विमानतल से दिल्ली और कोलकाता तथा जगदलपुर से जबलपुर-दिल्ली के लिए नियमित वाणिज्य विमान सेवा संचालित करने के लिए राज्य सरकार और विमान सेवा प्रदाता ‘अलायंस एयर’ के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
एमओयू के अनुसार, इन तीनों मार्गों पर विमान सेवाएं मार्च माह के अंतिम सप्ताह से नियमित रूप से शुरू होंगी।
उन्होंने बताया कि इन उड़ानों में यात्रियों की अनुपलब्धता होने पर ‘लागत-राजस्व मॉडल’ के आधार पर घाटे की भरपाई के लिए राज्य सरकार एयरलाइन को वित्तीय सहायता देगी। इन विमान सेवाओं में प्रत्येक की 70 सीटों की क्षमता होगी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 12 मार्च 2024 को अलायंस एयर कम्पनी की 'दिल्ली- बिलासपुर- दिल्ली' और 'कोलकाता- बिलासपुर- कोलकाता' हवाई सेवा का उद्घटान किया था। इसी दिन 'दिल्ली-जबलपुर-जगदलपुर-जबलपुर-दिल्ली' विमान सेवा का उद्घाटन भी किया गया।
अलायंस एयर कंपनी के ग्रीष्णकालीन कार्यक्रम के अनुसार ये तीनों विमान सेवाएं मार्च के अंतिम सप्ताह से नियमित हो जायेंगी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही राज्य सरकार के प्रयास से राज्य में विमान सेवाओं के विस्तार के लिए अंबिकापुर विमानतल का विकास 3-सी वीएफआर श्रेणी में किया गया है। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मार्च । कल सीएम विष्णु देव साय की घोषणा के मुताबिक वित्त विभाग ने सातवें वेतन आयोग के एरियर्स की अंतिम किश्त के भुगतान का आदेश आज जारी कर दिया है । संयुक्त सचिव वित्त राजेश सिसोदिया के अनुसार यह एरियर अप्रैल से जून-17 तक तीन माह की किश्त होगी। जो मार्च के वेतन के साथ दी जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मार्च । राज्य शासन ने तीन राप्रसे अफसरों के तबादले किए हैं। अपर कलेक्टर कवर्धा अविनाश भोई को कोंडागांव, और वहां ले नीलम टोप्पो को मंत्रालय पदस्थ किया है।
नई दिल्ली, 16 मार्च । चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल भाजपा में शामिल हो गई हैं।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में अनुराधा पौडवाल ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने अनुराधा पौडवाल का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का परिवार और बड़ा हो गया है। देश-विदेश में जब भी भक्ति गीत की बात होती है तो अनुराधा पौडवाल से बड़ा कोई और नाम नहीं है। उन्होंने 35 वर्षों से भक्ति गीत गाया है।
अरुण सिंह ने अयोध्या के भव्य राम मंदिर, काशी कॉरिडोर और उज्जैन महाकाल के क्षेत्र सहित कई अन्य कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से देश का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास हुआ है, उससे प्रभावित होकर अनुराधा पौडवाल ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है और उनके आने से पार्टी और ज्यादा मजबूत होगी।
भाजपा में शामिल होने के बाद अनुराधा पौडवाल ने कहा है कि उन्हें आज खुशी है कि वह आज उन लोगों को जॉइन कर रही हैं, जिनका सनातन से गहरा नाता है। यह उनका सौभाग्य है कि वह आज भाजपा में शामिल हो रही हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए एक भजन की कुछ पंक्तियां भी गाईं।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 16 मार्च । भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की कड़ी चेतावनी के बावजूद पश्चिम बंगाल में गिरफ्तारी के लिए जारी 30 हजार से अधिक गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि अकेले कोलकाता में तीन हजार से अधिक गैर जमानती वारंट पर कार्रवाई लंबित है।
राज्य सरकार को इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की ओर से एक और झटका लगने की आशंका है, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति काफी समय से चुनाव आयोग की नजर में है।
राज्य सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग की इच्छानुसार सीमित अवधि में लंबित एनबीडब्ल्यू की संख्या को शून्य पर लाना आसान नहीं है। सरकार ने कहा कि कई आरोपी या तो भूमिगत हो गए हैं या राज्य छोड़ चुके हैं।
गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में ही चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल गए मुख्य चुनाव आयुक्त, राजीव कुमार ने राज्य के पुलिस प्रशासन को एनबीडब्ल्यू के मामलों पर जल्द से जल्द कार्रवाई के लिए कहा था।
चुनाव आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार को कार्रवाई को अंजाम देकर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा था।
(आईएएनएस)
अहमदाबाद, 16 मार्च । भारत की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन और वितरण कंपनी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) को 2023 के लिए भारतीय उद्योग निकाय सीआईआई के प्रतिष्ठित क्लाइमेट एक्शनप्रोग्राम 'सीएपी 2.0 पुरस्कार' प्रदान किया गया है। कंपनी को यह पुरस्कार 'रेजिलिएंट कैटोगरी' में प्रदान किया गया है।
यह पुरस्कार चुनौतियों का सामना करने में निरंतर सुधार के लिए एईएसएल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
एईएसएल के प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने कहा, “सीआईआई से यह पुरस्कार पाकर हमें खुशी हो रही है। यह पुरस्कार भविष्य की टिकाऊ प्रथाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और जलवायु चुनौतियों से निपटने के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है।”
गौरतलब है कि सीआईआई सीएपी 2.0 पुरस्कार उन कंपनियों को दिया जाता है, जो विशिष्ट श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं।
जलवायु कार्रवाई कार्यक्रम (सीएपी 2.0) के बारे में
सीआआई सीएपी 2.0 पुरस्कार सीआईआई द्वारा जलवायु परिवर्तन पर सार्थक कॉर्पोरेट कार्यों को मान्यता देने और संगठनात्मक व्यवसाय मॉडल और प्रक्रियाओं में एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए हैं। इस पुरस्कार को प्रदान करने का उद्देश्य उद्योग को जलवायु जोखिम से निपटने, बाजार के अवसरों का दोहन करने और जलवायु में टिकाऊपन को प्रेरित करना है।
यह पुरस्कार अन्य कंपनियों की तुलना में उभरते जोखिमों को पहले पहचानने और उनका विश्लेषण करने की कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं, जो संभावित नुकसान से बचने या कम करने के लिए उन्हें बेहतर स्थिति में रखता है।
2023 में सीआईआई सीएपी 2.0 अवार्ड्स ने तीन मुख्य श्रेणियों में कंपनियों को उनके परिपक्वता स्तर के आधार पर मान्यता दी।
रेजिलिएंट: यह श्रेणी उन कंपनियों के लिए है, जिनकी रणनीति और योजनाएं जलवायु जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी जलवायु परिवर्तन योजना भविष्योन्मुखी हैं, अनुकूलन परियोजनाएं टिकाऊपन के लिए बनाई गई हैं।
ओरिएंटेड: यह श्रेणी उन कंपनियों के लिए है, जो अपनी जलवायु कार्य योजनाओं में प्रगति कर रही हैं, लेकिन अभी तक मजबूत स्तर तक नहीं पहुंची हैं।
कमिटेड: यह श्रेणी उन कंपनियों के लिए है, जो प्राथमिक जोखिम की पहचान करती हैं, जीएचजी प्रबंधन करती हैं, लक्ष्य तय करती हैं और भागीदारी संस्कृति रखती हैं, लेकिन अभी तक ओरिएंटेड श्रेणी के स्तर तक नहीं पहुंची हैं।
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) के बारे में :
एईएसएल, अदाणी पोर्टफोलियो का हिस्सा व एक बहुआयामी संगठन है, जो ऊर्जा क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं, अर्थात बिजली पारेषण, वितरण, स्मार्ट मीटरिंग और कूलिंग समाधानों में उपस्थिति रखता है।
एईएसएल देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है, जिसकी भारत के 17 राज्यों में उपस्थिति है और 20,400 सीकेएम और 54,600 एमवीए परिवर्तन क्षमता का इसका ट्रांसमिशन नेटवर्क है। अपने वितरण व्यवसाय में, एईएसएल मुंबई और मुंद्रा एसईजेड के औद्योगिक केंद्र में 12 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करता है।
एईएसएल अपने स्मार्ट मीटरिंग व्यवसाय को बढ़ा रहा है और भारत का अग्रणी स्मार्ट मीटरिंग इंटीग्रेटर बनने की ओर अग्रसर है। एईएसएल, समानांतर लाइसेंस और अपने वितरण नेटवर्क के विस्तार के माध्यम से अपनी एकीकृत पेशकश के साथ, हरित ऊर्जा की एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी सहित, अंतिम उपभोक्ता तक ऊर्जा पहुंचाने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। एईएसएल ऊर्जा परिदृश्य को सबसे विश्वसनीय, किफायती और टिकाऊ तरीके से बदलने के लिए एक उत्प्रेरक है।
(आईएएनएस)
ठाणे, 16 मार्च । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमले तेज करते हुए चुनावी बॉण्ड योजना को सरकारें गिराने व राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया गया जबरन वसूली गिरोह करार दिया।
उन्होंने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के मुंबई के लिए रवाना होने से पहले महाराष्ट्र के ठाणे में जंभाली नाका पर लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गांधी ने आरोप लगाया, 'चुनावी बॉण्ड योजना एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का जबरन वसूली गिरोह है और जो लोग विरोध करते हैं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग उनके पीछे पड़ जाते हैं।'
गांधी ने कहा, “यह एक जबरन वसूली गिरोह है जिसका इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराने और राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए किया गया।”
उन्होंने एकनाथ शिंद के नेतृत्व में शिवसेना में हुए विद्रोह और अजित पवार की अगुवाई में राकांपा में हुई बगावत का जिक्र करते हुए कहा, “क्या आपको लगता है कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक मुफ्त में भाग गए हैं?”
गांधी ने कहा कि पिछड़े समुदायों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और सामान्य वर्ग के गरीबों की आबादी 80 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन सरकारी व निजी क्षेत्रों में शीर्ष पदों पर उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है।
उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 महामारी से भारत में 50 लाख लोगों की मौत हुई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, "जब लोग कोरोना वायरस से मर रहे थे, तो वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने चुनावी बॉण्ड के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को पैसा दान किया।"
गांधी ने आरोप लगाया कि अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में केवल फिल्मी सितारे और शीर्ष उद्योगपति ही अतिथि के रूप में शामिल हुए, लेकिन कोई गरीब लोग नहीं थे। उन्होंने दावा किया, 'यहां तक कि भारत की राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) को भी (कार्यक्रम में) अनुमति नहीं दी गई क्योंकि वह आदिवासी हैं।'
गांधी की यात्रा के ठाणे में प्रवेश के समय राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जीतेंद्र अव्हाड, शिवसेना (यूबीटी) नेता केदार दिघे उनके साथ मौजूद थे। जिले के भिवंडी में समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने उनका स्वागत किया। (भाषा)
रांची, 16 मार्च । झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के सभी मतदान केंद्रों को मॉडल बूथ के रूप में स्थापित किया जाएगा। बिजली, प्रकाश, पेयजल, सुरक्षा, स्वच्छता, पार्किंग, आवागमन सहित तमाम बुनियादी सुविधाएं हर केंद्र पर उपलब्ध होंगी। उद्देश्य यह है कि मतदान का दिवस लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाया जाए और मतदान के जरिए इसमें अधिकतम जनभागीदारी सुनिश्चित कराई जाए।
राज्य में 29,521 बूथ स्थापित होंगे और हर बूथ को खास थीम पर विकसित करने की तैयारी चल रही है। लोग स्वतःस्फूर्त तरीके से मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे, इसके लिए बूथ लेवल से लेकर राज्य स्तर तक अभियान चल रहा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि सभी बूथों पर दिव्यांग मतदाताओं, महिला एवं पर्दानशीं मतदाताओं, वरिष्ठ मतदाताओं की सहायता के लिए समुचित व्यवस्था रहेगी। निर्वाचन कार्य गर्मी के मौसम में हो रहा है, ऐसे में सभी मतदान केन्द्रों पर शेड एवं पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरी मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्रों के समीप ही पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। जिन मतदान केंद्रों पर सबसे बेहतर व्यवस्था रहेगी, वहां के बीएलओ को सम्मानित किया जाएगा।
बूथों की व्यवस्था को लेकर सोशल ऑडिट इकाई के माध्यम से राज्य के 600 पोलिंग बूथों का रेंडम सामाजिक अंकेक्षण करवाया गया था। इसके आधार पर निर्वाचन आयोग के अफसरों ने अलग-अलग जिलों का दौरा कर बूथों का निरीक्षण किया और इसके बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को सोशल ऑडिट के जरिए सामने आई कमियों को निश्चित समय सीमा के भीतर दूर करने को कहा गया।
सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी मतदान केंद्रों पर अपने मतदाताओं एवं मतदान कर्मियों के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं का भौतिक सत्यापन कराकर आगामी 27 मार्च तक रिपोर्ट जमा करें।
निर्देश दिया गया है कि मतदान केंद्र अनिवार्यत: भवन के निचले तल्ले में अवस्थित होने चाहिए ताकि वृद्ध एवं दिव्यांग मतदाताओं को कोई असुविधा नहीं हो। मतदान केंद्र में प्रवेश और निकास का अलग-अलग दरवाजा होना चाहिए। सभी केंद्रों पर दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए स्थायी रैम्प होने चाहिए। पेयजल, प्रकाश-विद्युत की उपलब्धता भी होनी चाहिए। मतदान कर्मियों एवं पोलिंग एजेंट सहित दिव्यांग, गर्भवती महिला एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए पर्याप्त संख्या में कुर्सी- टेबल-बेंच की व्यवस्था की जानी है।
सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, छोटे शिशुओं के लिए क्रेच, सभी मतदान केंद्रों पर न्यूनतम 15 फुट गुणा 15 फुट का अस्थायी टेंट लगाया जाना है। इसपर निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में एक वरीय पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
सभी प्रमंडलों के प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीआईजी, जिलों के निर्वाचन पदाधिकारी-सह- उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और निर्वाचन कार्य से जुड़े वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया है।
विधि-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अफसरों को शराब एवं नकदी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सख्त अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ एवं असामाजिक तत्वों द्वारा किये जा रहे भ्रामक पोस्ट पर निगरानी रखते हुए प्रावधान अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में की जाने वाली कार्रवाई एवं अर्धसैनिक बल से कार्रवाई, सीमावर्ती राज्यों के साथ समन्वय, बॉर्डर चेक पोस्ट पर अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई है। इसके लिए सभी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पुराने वारंटी, अपराधियों एवं निर्वाचन कार्य को प्रभावित करने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई की भी लगातार समीक्षा की जा रही है।
आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के साथ ही मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत अनधिकृत रूप से संचालित वाहनों, वाहनों पर लगाये गए नेमप्लेटों अथवा बगैर सक्षम प्राधिकार की अनुमति के लगाए गए झंडे-बैनर, प्रचार सामग्री, अनधिकृत रंग-बिरंगे स्टीकर एवं कलर्ड विंडस्क्रीन पाए जाने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 मार्च । विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए 23 से 27 मार्च तक सिंगापुर, फिलीपींस और मलेशिया की यात्रा पर जाएंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को कहा, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की यात्रा क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत का अवसर प्रदान करेगी।
रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए डॉ. जयशंकर ने आखिरी बार अक्टूबर 2023 में सिंगापुर का दौरा किया था और राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन से मुलाकात की थी।
डॉ. जयशंकर के निमंत्रण पर मलेशिया के तत्कालीन विदेश मंत्री जाम्ब्री अब्दुल कादिर नवंबर 2023 भारत आए थे और नई दिल्ली में छठी भारत-मलेशिया संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की थी।
जून 2023 में फिलीपींस के विदेश मामलों के सचिव एनरिक ए. मनालो और जयशंकर ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय सहयोग पर संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक की सह-अध्यक्षता की थी।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस दौरान आपसी चिंता के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक और ठोस चर्चा की थी।
(आईएएनएस)