राष्ट्रीय
केरल में कथित पुलिस उत्पीड़न की शिकायत कर रहे एक दलित युवक के एक वायरल वीडियो के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जाँच के आदेश दे दिए हैं.
इस वीडियो में दलित युवक एक पुलिस अधिकारी से कह रहा है कि उन लोगों ने उसके माता-पिता की जान ले ली और अब उसे अंतिम संस्कार करने से भी रोका जा रहा है.
वीडियो के वायरस होने के बाद इसे लेकर केरल में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और राज्य सरकार को दबाव में आकर जाँच का आदेश देना पड़ा. वीडियो में 23 साल के राहुल राज अपने माता-पिता अंबिली और राजन के लिए क़ब्र खोदते हुए दिख रहे हैं. राहुल के माता-पिता की 22 दिसंबर को हुई एक घटना में जल जाने के कारण मौत हो गई थी.
खुदाई कर रहे राहुल को जब एक पुलिस अधिकारी ने रोका तो वो वीडियो में ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि "तुम सभी लोगों ने मेरे माता-पिता की जान ले ली. और अब तुम ये कह रहे हो कि मैं उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर सकता हूं."
ये वीडियो वायरल हो गया, फिर विरोध-प्रदर्शन हुए और फिर कुछ ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें लोग ये बता रहे थे कि पुलिस ने किस तरह से राजन को अपने ऐस्बेस्टस की छत वाले घर को छोड़ने के लिए कहा था. तिरुवनंतपुरम से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अतियान्नूर पंचायत में राजन का ये घर महज़ तीन सेंट (एक सेंट एक एकड़ के सौवें हिस्से के बराबर होता है) ज़मीन पर था.
22 दिसंबर को क्या हुआ था?
एक दूसरे वीडियो में राहुल ये बताते हुए दिख रहे हैं कि उस रोज़ क्या हुआ था.
वीडियो में राहुल राज बताते हैं, "हम दिन का खाना खाने के लिए बैठे ही थे कि पुलिस आई और कहा कि हमें ये घर ख़ाली कर देना चाहिए. मेरे पिता ने उनसे कहा कि हम खाना ख़त्म करते ही चले जाएंगे. लेकिन पुलिसवाला हमारी बात सुनने के मूड में नहीं था. उन्होंने कहा कि अभी निकल जाओ."
वीडियो में राहुल राज कहते हैं, "मेरे पिता ने पुलिस वाले से फिर कहा कि खाना ख़त्म करने के बाद वो घर ख़ाली कर देंगे. लेकिन ख़ाकी पहने लोगों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया. तब मेरे पिता ने पेट्रोल की बोतल उठाई, सिर पर डाला, लाइटर उठाई और ख़ुद को आग लगा लिया. जब पुलिस वाले ने लाइटर छीनने की कोशिश तो लाइटर गिर गया और आग ने मेरे माता-पिता दोनों को ही जला दिया."
इस विभत्स घटना के एक अन्य वीडियो में ये देखा जा सकता है कि पुलिस अधिकारी लाइटर को झपटने की कोशिश कर रहे हैं और तभी लाइटर ज़मीन पर गिर जाता है और राजन और अंबिली आग की ज़द में आ जाते हैं.
मौत से पहले राजन ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में कहा, "मैंने केवल पुलिस वालों को दूर रखने के लिए लाइटर सुलगाया था. अपनी जान लेने का मेरा कोई इरादा नहीं था. लेकिन एक पुलिस वाले ने ज़ोर से झपट्टा मारा और लाइटर ज़मीन पर गिर गया और हम दोनों ही आग से जल गए."
ऐसा क्यों हुआ? इसकी वजह क्या थी?
राजन ने ज़मीन के जिस टुकड़े पर अपना घर बनाया था, दरअसल विवाद उस प्लॉट की मिलकियत को लेकर था. राजन के वकील निशांत पीबी ने ये बात मानी है कि वो प्लॉट वसंत नाम की एक महिला ने ख़रीदे थे लेकिन उनके दस्तावेज़ पक्के नहीं थे.
निशांत पीबी ने बताया, "वंसत ने जो ज़मीन ख़रीदी थी वो केरल लैंड असाइनमेंट रूल्स के तहत दी गई थी. ऐसे प्लॉट सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को दिए जाते हैं और इनकी ख़रीद बिक्री नहीं की जा सकती है. इसका स्वामित्व एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को जाता है या फिर उसी समुदाय के किसी अन्य सदस्य को ये दिया जा सकता है."
"राजन उस ज़मीन पर इसलिए रह रहे थे क्योंकि पिछले मालिक ने उसे ये दिया था. ये हक़ पिछले मालिक की तरफ़ से दिया गया था. जब वसंत कोर्ट गईं तो राजन ने अदालत में उसे चुनौती नहीं दी. जब कोर्ट ने इंजक्शन ऑर्डर (निषेधाज्ञा यानी कुछ करने से रोकने का आदेश) पारित कर दिया तो उसने मुझसे संपर्क किया. फिर हम मुंसिफ़ कोर्ट में गए."
"इसके बाद हाई कोर्ट ने इंजक्शन ऑर्डर पर रोक लगा दी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि 15 जनवरी तक यथास्थिति बरक़रार रखी जाए. दुर्भाग्य से हाई कोर्ट का आदेश 22 दिसंबर की दोपहर को उस वक़्त आया जब राजन और अंबिली के साथ ये घटना घट चुकी थी."
वसंत के वकील बीजी विजय कुमार ने बीबीसी हिंदी को बताया, "ये सच है कि वो ज़मीन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए निर्धारित थी. लेकिन वसंत ने जब ये ज़मीन ख़रीदी थी तो केरल लैंड असाइनमेंट रूल्स के तहत ऐसी ज़मीन पर ख़रीद-बिक्री की कोई पाबंदी नहीं थी. समस्या उस वक़्त शुरू हुई जब राजन ने आकर उस ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया. कोर्ट के इंजक्शन ऑर्डर के बावजूद उन्होंने प्लॉट की चारदीवारी गिराई और उस पर निर्माण कार्य कराया."
माता-पिता के अंतिम संस्कार के वक़्त राहुल को रोकने की पुलिस की असंवेदनशीलता को लेकर उपजे ग़ुस्से के बाद मुख्यमंत्री पी विजयन को इस मामले में दख़ल देना पड़ा. उन्होंने तिरुवनंतपुरम के ज़िलाधिकारी को मामले की मुकम्मल जाँच के आदेश दिए हैं.
इसके बाद ये घटना जिन परिस्थितियों में हुई, उसकी जाँच के लिए पुलिस जाँच के आदेश दिए गए हैं. (bbc)
केंद्र सरकार और कृषि क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच बुधवार यानी 30 दिसंबर को छठे चरण की बातचीत हुई.
बैठक में सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे. किसानों के साथ हुई बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि - बहुत ही अच्छे माहौल में आज की बातचीत हुई और चार मामलों में से दो मामलों में सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है.
बिजली क़ानून और पराली जलाने को लेकर जुर्माने के मामले में सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है लेकिन जो दो सबसे अहम मुद्दे हैं यानी तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी उस पर अभी भी दोनों पक्षों के बीच गतिरोध जारी है.
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे अलग-अलग राज्यों के किसान संगठन अब तक तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की माँग पर अड़े हुए हैं. जबकि केंद्र सरकार यह कह चुकी है कि वो क़ानून वापस नहीं लेगी.
सरकार और किसान नेताओं के बीच अगली बैठक चार जनवरी को होगी.
किसान नेता रजिंदर सिंह दीपसिंहवाला
विज्ञान भवन में हुई बैठक के बाद सिंघु बॉर्डर वापस लौट रहे किसान प्रतिनिधियों से बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा ने बात की और जानना चाहा कि इस बैठक के बाद किसान क्या सोचते हैं और उनकी आगे की रणनीति क्या होगी.
किसान नेता रजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि आज की बैठक एक अच्छे माहौल में हुई.
उन्होंने कहा, "सरकार से हमारी चार प्रमुख मांगे थीं जिनमें से दो मांगे सरकार ने मान ली हैं. एक तो इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020, सरकार उसे वापस लेने जा रही है. इस बिल के साथ लाखों किसानों को ट्यूबवेल के लिए जो मुफ़्त बिजली मिलती थी, वो छिन सकती थी लेकिन अब वो मुफ़्त जारी रहेगी. दूसरा पराली प्रदूषण के नाम पर किसानों पर जो करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान लाया गया था, सरकार उसे भी वापस लेने जा रही है. सरकार ने किसानों पर जो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही थी, वो भी अब टल जाएगी. बाकी मांगें जोकि हमारी मांगों की वरीयता सूची में पहली और दूसरी मांग है जिसमें कृषि कानूनों को रद्द करना और एमएसपी को लीगल राइट बनाने का मामला है, उस पर चार जनवरी को बैठक होनी है."
किसान प्रतिनिधि रजिंदर सिंह ने कहा, "सरकार बैकफ़ुट पर है और इसलिए वो पूरी उम्मीद करते हैं कि आने वाला नया साल देश के किसानों और किसान मूवमेंट के लिए अच्छा साल होगा और हम खेती-कानूनों को निरस्त कराने में सफल रहेंगे."
तो क्या सरकार के रवैये में नरमी आयी है?
किसान नेता रजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि बिल्कुल इस बार सरकार ने लचीलापन दिखाया है. उन्होंने आज हुई बैठक के संदर्भ में कहा, "आज छठी बैठक थी कृषि मंत्री के साथ और इससे पहले हुई पांच बैठकों में ये बेहतर बैठक हुई. हम जो लंगर का खाना लेकर गए थे उसी लंगर के खाने में से उन्होंने भी खाना खाया और लंगर का खाना खाकर उन्होंने आज नमक का कुछ हक़ भी अदा किया. आज उन्होंने लंगर का नमक खाकर नमक का कुछ हक़ भी अदा किया और दो मांगें मान ली हैं. हम चार तारीख़ को फिर लंगर का खाना खिलाएंगे और उनसे कहेंगे कि कि इस देश का और गुरू घर के लंगर के नमक का पूरा हक़ अदा कीजिए."
किसान नेता ने कहा कि चार तारीख़ की बैठक में वे स्पष्ट तौर पर कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की बात करेंगे. उन्होंने दावा किया कि सरकार पीछे हट रही है और इसकी वजह सिर्फ़ यह कि यह आंदोलन अब काफी बड़ा हो चुका है. उन्होंने बिहार के पटना में, तमिलनाडु में और हैदराबाद में हुई रैलियों का ज़िक्र भी किया. उन्होंने विदेशों में बसे और रह रहे एनआरआई के सहयोग का भी ज़िक्र किया और कहा कि वे भी इस आंदोलन के समर्थन में हैं और यही वजह है कि सरकार पर दबाव बना है और वो पीछे लौट रही है.
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन अभी भी शांतिपूर्ण तरीक़े से जारी रहेगा.
लेकिन सरकार तो साफ़ कह रही है कि वो तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त नहीं करेगी. इस पर बात कहां तक पहुंची?
किसान प्रतिनिधि ने बताया कि वे शुरू से ही स्पष्ट कह चुके हैं कि वे कृषि क़ानून को वापस लेने के मुद्दे पर बने हुए हैं. यहां तक की छठी बैठक से पहले भी यह स्पष्ट बता दिया गया था कि मुद्दे वही रहेंगे.
किसान नेता रजिंदर सिंह ने कहा, "सरकार ने पूछा था कि आप किन मुद्दों पर बात करना चाहते हैं तो हमने लिखकर बताया था कि तीन क़ानून को निरस्त करने के लिए क्या क़दम लेने हैं. इसके लिए हमने अपने लीगल एक्सपर्ट से बात की थी. और अब सरकार भी बात करेगी और वे अपनी तैयारी के साथ आएंगे. चार तारीख़ को जो बात होनी है वो इस बात पर होनी है कि क़ानून को वापस लेने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनायी जाएगी. यही एजेंडा होगा इस बैठक का. इसके अलावा एमएसपी पर भी कैसे क़ानून बनाना है यह भी एजेंडा रहेगा, चार तारीख़ की बैठक का."
जियो के टावर उखाड़ने की बातें सामने आयी हैं और टोल-फ्री कराने की भी...क्या ये अराजकता के संकेत नहीं?
किसान नेता रजिंदर सिंह ने कहा कि मैं इस अराजकता नहीं, लोगों का गुस्सा कहूंगा.
उन्होंने कहा, "बीते सात सालों से जिस तरह से अलोकतांत्रिक तरीक़े से सरकार चल रही है कि किसी की भी बात नहीं सुनी गई. वो चाहे अचानक से हुई नोटबंदी हो, जीएसटी हो, कश्मीर हो या फिर गौ-रक्षा का मामला..कभी लोगों की सुनी नहीं गई. लोगों में गुस्सा था लेकिन उनकी सुनी नहीं गई.अब भी इन कृषि क़ाननों पर भी सरकार नहीं सुन रही थी और इसीलिए लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था. यह अराजकता नहीं, लोगों का गुस्सा है."
नए साल पर क्या करेंगे किसान?
नए साल पर देश के सभी लोगों से अपील की गई है कि दिल्ली के हर मोर्चे पर जहां भी आंदोलन हो रहा है, वहां वे आएं. किसान तो अपने घर नहीं जा रहे, ऐसे में सभी लोगों से अपील है कि वे साथ आएं.
गतिरोध की वजह समझी जा सकी?
किसानों ने सरकार की बात समझी या सरकार न किसानों की ? इस सवाल के जवाब मेंकिसान नेता रजिंदर सिंह ने कहा कि सरकार पहले दिन से ही हमारी बात समझ चुकी थी लेकिन वो बात नहीं मान रहे थे.
उन्होंने राजनाथ सिंह के दो दिन पुराने बयान पर टिप्पणी देते हुए कहा, "राजनाथ सिंह जी कह रहे थे कि इन कृषि क़ानूनों को दो साल के लिए देख लीजिए. अगर ठीक नहीं लगेगा तो हम संशोधन कर देंगे लेकिन हम यह कह रहे हैं कि जो आप इन क़ानूनों में लेकर आए हैं वो इस देश के किसान पहले से ही झेल रहे हैं. प्राइवेट मंडी की बात की जाती है. पंजाब और हरियाणा के अलावा देश के सभी राज्यों में प्राइवेट मंडी है तो वहां तो किसानों को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है."
किसान नेता स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि उन्होंने सरकार को बहुत अच्छे से अपनी बात समझा दी है और चार तारीख़ को वे इसे मनवा भी लेंगे.
तो क्या गतिरोध के बंद रास्ते खुल रहे हैं?
किसान यूनियन के दर्शन पाल मानते हैं कि सरकार ने आज जिस तरह दो मांगों के लिए हामी भरी है, उससे एक सकारात्मक माहौल बना है.
उन्होंने कहा, "हमारी दो मांगों को सरकार ने जिस तरह तुरंत मान लिया वो हमारे आंदोलन की 25 से 30 फ़ीसदी जीत है लेकिन मुख्य मुद्दे अब भी है. सरकार ने आज लचीला व्यवहार दिखाया लेकिन तीन क़ानूनों को लेकर वो अभी भी अड़ी हुई है. एमएसपी पर भी वो कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं."
दर्शन पाल मानते हैं कि जो सरकार अब तक कुछ सुन नहीं रही थी, उसके बाद आज का दिन और फ़ैसला... ऐसे में कहीं ना कहीं बात आगे बढ़ी है.
तो अब आंदोलन का भविष्य क्या होगा?
दर्शन पाल ने बताया कि आंदोलन अभी भी जारी रहेगा.
उन्होंने कहा, "हर रोज़ सैकड़ों हज़ारों की संख्या में लोग आंदोलन से जुड़ रहे हैं. इसी वजह से सरकार पर दबाव बना है."
बीजेपी सरकार के भीतर किसानों के समर्थन में उठ रही आवाज़ों का ज़िक्र करते हुए कहा कि "सरकार को इस संबंध में सोचना चाहिए."
दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन अहिंसक ही बना रहे, इसके लिए क्या किया जा रहा है?
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि -आंदोलन को चलते एक महीने से अधिक समय हो चुका है. हमने इस आंदोलन को डेमोक्रेटिक नेतृत्व के तहत चलाया है. हर किसी से पूछकर फ़ैसले लिए गए हैं. हमें जहां भी कुछ गड़बड़ समझ आती है, हम वहां लोगों को समझाते हैं.
उन्होंने कहा, "आंदोलन में सिर्फ़ किसान नहीं हैं. कई लोग ऐसे हैं जो सिर्फ़ मदद के लिए है. सबको अनुशासन में रखना, यही इस आंदोलन की खूबी है और रहेगी और इसी वजह से लोग हर रोज़ इससे जुड़ रहे हैं."
क्या किसान सरकार के फ़ैसले (कृषि कानून ना रद्द करने) के प्रति नरमी बरतेंगे?
किसान नेता दर्शन पाल कहते हैं "यह एक ऐसा सवाल है जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता है. सारी लड़ाई इन कृषि क़ानूनों को लेकर ही शुरू हुई. हम इस पर नरमी नहीं बरतेंगे. हम आंदोलन को लेकर नरमी बरतेंगे." (bbc)
श्रीनगर से बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर की रिपोर्ट
भारत प्रशासित कश्मीर में सेना और राज्य पुलिस ने संयुक्त रूप से बुधवार सुबह दावा किया था कि राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाक़े में स्थित एक मकान में छिपे तीन चरमपंथियों को लंबी मुठभेड़ के बाद मार दिया गया है.
हालांकि सेना और पुलिस ने यह नहीं बताया था कि उनका संबंध किस चरमपंथी संगठन से था.
लेकिन कुछ ही देर बाद ही मुठभेड़ में मारे गए एजाज़ अहमद ग़नाई, अतहर मुश्ताक़ वानी और ज़ुबैर अहमद लोन के परिजनों ने श्रीगर आकर जम्मू-कश्मीर पुलिस के कंट्रोल रूम के सामने आकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उन तीनों को 'अग़वा कर फ़र्ज़ी मुठभेड़' में मारा गया है.
मुठभेड़ के बाद सेना और पुलिस के संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सेना के जीओसी लेफ़्टिनेंट जनरल एच एस साही ने दावा किया था कि मंगल की शाम उन्हें हथियारबंद चरमपंथियों के एक घर में छुपे होने की ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी जिसके बाद सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने उस घर को घेर लिया था.
लेकिन मारे गए लोगों के घर वालों का दावा है कि मारे गए तीनों लोग बेक़सूर थे.
पुलवामा के रहने वाले एजाज़ अहमद ग़नाई की बहन आसिया ने कहा, "कल सुबह उसने घर में चाय पी, फिर यूनिवर्सिटी में दाख़िले के लिए फ़ॉर्म लेने श्रीनगर गया. दोपहर तीन बजे मेरी उससे बात हुई लेकिन कुछ घंटों के बाद उसका फ़ोन बंद था. यह फ़र्ज़ी मुठभेड़ है. हमें इंसाफ़ चाहिए.''
पुलवामा के ही रहने वाले 11वीं क्लास में पढ़ रहे अतहर मुश्ताक़ के परिजनों ने बताया कि "वो टयूशन के लिए श्रीनगर में हॉस्टल ढूंढने गया था. मंगल की दोपहर में घर से निकला था.''
शोपियां के रहने वाले ज़ुबैर अहमद लोन के घर वालों का कहना है कि वो मज़दूरी करते थे. (bbc)
नागपुर/नई दिल्ली, 31 दिसंबर | केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने नागपुर श्रम आयुक्त कार्यालय के एक सहायक श्रम आयुक्त को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। एक अधिकारी ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी। इसके बाद कार्यालय में खोजबीन करने के बाद आरोपी के घर पर भी छापेमारी की गई, जिस दौरान 52.09 लाख रुपये जब्त किए गए।
सीबीआई ने आरोपी अधिकारी सचिन जे. शेलार को एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया है, जिसने उसे दो जनवरी 2021 तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज एक शिकायत के अनुसार, आरोपी शेलार ने शिकायतकर्ता की कंपनी का निरीक्षण किया था और उसे श्रम आयुक्त (लेबर कमिश्नर) के कार्यालय में कुछ दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था।
जब शिकायतकर्ता संबंधित कागजात प्रस्तुत करने के लिए कार्यालय में पहुंचा तो इन्हें लेने के बजाय, शेलार ने कथित तौर पर उसे अपने घर पर मिलने के लिए कहा।
शिकायत के अनुसार, शेलार ने कथित तौर पर श्रम स्थल की सुरक्षा से संबंधित कुछ अनियमितताओं और श्रम लाइसेंस जारी करने के लिए एक अतिरिक्त राशि से संबंधित मामले को निपटाने के लिए रिश्वत की मांग की।
शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने एक जाल बिछाया और शेलार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। शेलार ने पीड़ित पक्ष से 6,0000 रुपये रिश्वत के तौर पर लिए थे।
सीबीआई ने आरोपी अधिकारी के घर की गई छापेमारी के दौरान 52.09 लाख नकदी के साथ ही विभिन्न निवेशों से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 31 दिसंबर | केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही। सकारात्मक माहौल में हुई छठे राउंड की बैठक में दोनों पक्षों ने 50 प्रतिशत मुद्दे सुलझा लिए। बुधवार को हुई बैठक से जिस तरह से किसानों और सरकार के बीच बात बनती दिखी, उससे अब किसान आंदोलन के सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं। किसान नेताओं को भी उम्मीद है कि जिस तरह से सरकार ने बुधवार को पराली जलाने पर एक्शन के दायरे से किसानों को बाहर रखने और बिजली सब्सिडी जारी रखने जैसी मांगों पर सहमति जाहिर की है, उसी तरह से चार जनवरी की बैठक भी सकारात्मक रहेगी। चार जनवरी की बैठक का एजेंडा सेट हो गया है। तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी जैसे दो मुद्दों पर ही यह बैठक होनी है।
विज्ञान भवन में बुधवार को दोपहर ढाई बजे से जब छठे राउंड की बैठक के दो घंटे बाद जब लंच ब्रेक हुआ तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश किसान नेताओं के बीच वहां पहुंच गए, जहां वह लंगर का खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। पिछली दो बैठकों से किसान नेताओं ने सरकारी लंच को ठुकराते हुए गुरुद्वारे से आए लंगर का खाना खाने का सिलसिला शुरू किया था। किसान नेताओं के बीच पहुंचकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'ओ पाजी.. अकेले-अकेले खा रहे हो?' इस पर किसान नेता ने कहा- 'नहीं- नहीं जी.. प्लेट लगा दें आपके लिए?' बस फिर क्या था कि मोदी सरकार के तीनों मंत्री भी हाथ में प्लेट लेकर लंगर खाने के लिए लाइन में लग गए।
लंच और टी ब्रेक में हुई चर्चा से बनी बात
विज्ञान भवन की मीटिंग में अफसरों के प्रजेंटेशन से जो बात नहीं बनती दिखी, वह लंच और टी ब्रेक के दौरान मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हंसी-मजाक के बीच चली अनौपचारिक बातचीत में बन गई। मंत्रियों के साथ लंच करने और फिर बाद में टी ब्रेक भी साथ-साथ करने से किसान नेताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लंच और टी ब्रेक के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए लाए गए आर्डिनेंस में पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान वापस लेने के साथ बिजली सब्सिडी जारी रखने पर भी सहमति जाहिर कर दी। वहीं उन्होंने किसान नेताओं से एमएसपी और तीनों कृषि कानूनों को लेकर एक कमेटी बनाने की बात कहकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के रुख में यह नरमी किसान नेताओं को पसंद आई, जिससे किसान नेताओं ने पराली और बिजली से जुड़े मुद्दों के समाधान के बाद कृषि कानून और एमएसपी पर आगे चार जनवरी की बैठक में शामिल होने की खुशी-खुशी मंजूरी दे दी।
क्या कहते हैं किसान नेता?
किसान नेता शिवकुमार कक्का ने आईएएनएस से कहा, "आज की बैठक में कुल चार मुद्दे उठे, जिसमें से सरकार ने किसानों की दो मांगें मान ली है। अब कृषि कानूनों और एमएसपी पर ही आगे चर्चा होनी है। अब चार जनवरी की बैठक से काफी उम्मीदें हैं।"
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि सरकार लाइन पर आ गई है। अच्छे माहौल में आज बातचीत हुई। दो मुद्दों के समाधान के बाद सिर्फ दो और मुद्दे शेष बचे हैं। चार जनवरी की बैठक में कृषि कानूनों और एमएसपी के मुद्दे का भी हल निकलने की उम्मीद है।
भारतीय किसान यूनियन के हरपाल सिंह बेलरी ने आईएएनएस से कहा, "सरकार ने बिजली और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति व्यक्त करते हुए आदेश जारी करने की बात कही है। तीनों कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी पर अभी बात नहीं बन सकी है। अब इन दो मुद्दों पर चार जनवरी की बैठक में चर्चा होगी।"
--आईएएनएस
हैदराबाद, 31 दिसंबर | दो साल से अधिक समय से आयुष्मान भारत योजना को खारिज करने के बाद तेलंगाना सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि उसने केंद्र के कार्यक्रम के साथ राज्य की आरोग्यश्री योजना में सामंजस्य बिठाने का फैसला किया। मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने दोनों को मिलाने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित कर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जल जीवन मिशन आदि की प्रगति की समीक्षा की।
तेलंगाना सरकार ने कहा कि मिशन भागीरथ के माध्यम से इसने सभी घरों में सुरक्षित नल का जल उपलब्ध कराया है। केंद्र ने माना है कि तेलंगाना में 98.5 प्रतिशत घरों को स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है।
राज्य सरकार का यह फैसला एक आश्चर्य के रूप में आया है, क्योंकि कहा जा रहा था कि आरोग्यश्री योजना आयुष्मान भारत से व्यापक और बेहतर है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आयुष्मान भारत को लागू नहीं करने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार की आलोचना कर रही थी।
भाजपा नेताओं ने हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनावों में यह मुद्दा उठाया था। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना के लोगों को आयुष्मान भारत के लाभों से वंचित करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा था, जो 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है।
गरीबों के लिए आरोग्यश्री चिकित्सा स्वास्थ्य कवर योजना के पक्ष में आयुष्मान भारत को खारिज करते हुए चंद्रशेखर राव ने पिछले साल विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार उन केंद्रीय योजनाओं पर जनता का पैसा बर्बाद करने में दिलचस्पी नहीं ले रही है जो जनता के लिए फायदेमंद नहीं है।
राज्य का बजट पेश करते समय केसीआर ने दावा किया था कि आरोग्यश्री ज्यादा फायदेमंद है और आयुष्मान भारत योजना की तुलना में उनकी व्यापक पहुंच है और सरकार 85.34 लाख परिवारों की मदद के लिए एक साल में 1,336 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा था, आयुष्मान भारत के साथ, राज्य के लिए केवल 250 करोड़ रुपये प्रति वर्ष चिकित्सा लाभ प्रदान करना संभव है, जिससे केवल 26 लाख परिवारों को लाभ होता है।
केसीआर ने यह भी दावा किया था कि आरोग्यश्री के माध्यम से राज्य सरकार 25 अलग-अलग अंग प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं से संबंधित सेवाओं का निशुल्क विस्तार कर रही है जो आयुष्मान भारत योजना के तहत उपलब्ध नहीं है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 31 दिसंबर | केंद्रीय जांच ब्यूरो ने हैदराबाद स्थित आईवीआरसीएल लिमिटेड, उसके प्रबंध निदेशक ई. सुधीर रेड्डी और संयुक्त निदेशक आर. बालारामी रेड्डी के खिलाफ बैंकों से 4,837 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और कई स्थानों पर तलाशी ली है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने हैदराबाद के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर आईवीआरसीएल लिमिटेड और उसके एमडी और संयुक्त निदेशक और अन्य अज्ञात लोकसेवकों/अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
उन्होंने कहा कि आरोपियों ने अज्ञात लोकसेवकों व अन्य लोगों की मिलीभगत से सरकारी बैंकों के कंसोर्टियम के साथ धोखाधड़ी की, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, एक्जिम बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं और 4,837 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि उसके निदेशकों द्वारा प्रतिनिधित्व करने वाली उधारकर्ता कंपनी ने बैंकों के कंसोर्टियम से विभिन्न ऋण सीमाओं का लाभ उठाया था, और ऋण राशि चुकाए बिना उन्हें धोखा दिया था।
एजेंसी के गुप्तचरों ने हैदराबाद में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ली, जिसमें अपराध संबंधी कई दस्तावेज बरामद हुए।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | वकील महमूद प्राचा ने कई आतंकी हमलों में शामिल आरोपियों का बचाव किया है। प्राचा ने 2010 पुणे जर्मन बेकरी बम धमाके में मिर्जा हिमायत, 2012 इजरायल दूतावास हमले में सैयद मुहम्मद अहमद काजमी, 2008 में दिल्ली सीरियल ब्लास्ट में मोहम्मद मंसूर असगर जैसे आरोपियों का बचाव किया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, प्राचा ने खालिस्तानी आतंकवादी जगतार सिंह का 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक बेअंत सिंह हत्याकांड मामले सहित कई आतंकी आरोपियों का बचाव किया है।
प्राचा के आवास पर हाल ही में दिल्ली पुलिस की तलाशी के बाद राजनीति गर्मा गई है। प्राचा के पक्ष में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लोगों का समर्थन भी देखने को मिला रहा है।
जब एक प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, तो प्राचा ने आईएएनएस को बताया, हिमायत बेग - जब मैंने बॉम्बे हाईकोर्ट में उनके मामले की दलील दी तो उन्हें उम्रकैद की सजा के 6 और मौत की सजा के 5 मामलों की सजा सुनाई गई थी। माननीय हाईकोर्ट ने उन्हें 10 आरोपों से बरी कर दिया। मेरी दलीलों के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने मृत्यु के सभी मामलों से उन्हें बरी कर दिया गया और उन्हें 5 मामलों में आजीवन कारावास की सजा दी गई। माननीय अदालत ने यह भी निर्णय दिया कि हिमायत बेग द्वारा कोई साजिश नहीं की गई है।
इंटेलिजेंस इनपुट्स का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोध प्रदर्शनों में प्राचा के उत्तेजक भाषणों ने ही एजेंसियों को कथित भारत विरोधी गतिविधियों की जांच करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने विभिन्न आरोपी आतंकवादियों का बचाव करने की जिम्मेदारी प्राचा को सौंपी थी। प्राचा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दिल्ली शाखा के सामान्य सदस्य हैं। दक्षिण एशिया अल्पसंख्यक वकील संघ में प्राचा संगठन के अध्यक्ष हैं।
जुलाई 2017 से प्राचा दलित, अल्पसंख्यक और जनजातीय मामलों को लेकर मुखर रहते हैं। वह कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने वाले संगठन के प्रमुख भी हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, प्राचा कई आतंकी आरोपियों का बचाव कर रहे हैं। इनमें 2010 में पुणे जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट में मिर्जा हिमायत और 2012 में इजरायल दूतावास पर हुए हमले में शामिल सैयद मुहम्मद अहमद काजमी शामिल हैं।
इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने कट्टरपंथी पत्रकार का भी सफलतापूर्वक बचाव किया और अब उनके द्वारा चलाए जा रहे मीडिया चैनल से समर्थन प्राप्त है। प्राचा ने 2008 में दिल्ली सीरियल ब्लास्ट में मोहम्मद मंसूर असगर जैसे आरोपियों का बचाव किया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, प्राचा ने खालिस्तानी आतंकवादी जगतार सिंह का 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक बेअंत सिंह हत्याकांड मामले सहित कई आतंकी आरोपियों का बचाव किया है।
यह भी पता चला कि मामलों पर ध्यान केंद्रित नहीं करने के लिए महमूद प्राचा को जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था।
खुफिया जानकारी के अनुसार, प्राचा ने आईबी के खिलाफ भी एक मामला दायर किया है और 2014 में इसकी संवैधानिकता पर भी सवाल उठाया है।
वहीं 2019 में महमूद प्राचा ने अल्पसंख्यकों और दलितों की मॉब लिंचिंग के खिलाफ एक कट्टरपंथी अभियान भी चलाया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | एयर इंडिया पायलटों के एसोसिशन ने अपने सदस्यों को फ्लाइट से पहले कोरोना परीक्षणों सहित साप्ताहिक अवकाश और आराम अवधि के दौरान किसी भी ड्यूटी को स्वीकार नहीं करने को कहा है। इंडियन पायलेट गिल्ड एंड इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (संचालन), कैप्टन आर. एस. संधू को इस संबंध में एक पत्र लिखा है।
पत्र में एसोसिशन ने कहा है, यह हमारे ध्यान में लाया गया है कि पायलटों के लिए उनके साप्ताहिक अवकाश (वीक ऑफ) या उड़ान के बाद आराम की अवधि (रेस्ट पीरियड) के दौरान अक्सर कोरोना परीक्षणों की योजना बनाई जा रही है। जैसा कि आप जानते हैं, किसी भी कार्य को करने के लिए ऑपरेटर द्वारा उड़ान चालक दल के सदस्यों की आवश्यकता होती है.. डीजीसीए एफडीटीएल कार में ड्यूटी के रूप में और वर्तमान एयर इंडिया फ्लाइट क्रू एफडीटीएल योजना के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसलिए यह प्रथा एक बड़े उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करती है और इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए।
पत्र में छुट्टी के दिन इस तरह की किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर जोर देते हुए एसोसिएशन ने कहा, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि एयर इंडिया एफडीटीएल योजना का सख्ती से पालन करने के लिए संबंधित विभागों को सूचित करें और 'निर्बाध आराम' का उल्लंघन न करें। हम तदनुसार अपने सदस्यों को सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित कर रहे हैं, अर्थात साप्ताहिक अवकाश और आराम अवधि के दौरान किसी भी ड्यूटी को स्वीकार नहीं करना इसमें शामिल है। इसमें प्रीफ्लाइट (उड़ान से पहले) कोविड परीक्षण भी शामिल है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कहा कि उसने मुंबई स्थित श्री ओम साईंनाथ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक रूपेश वर्मा से संबंधित अन्य व्यक्तियों की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 4.76 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने पोंजी योजना से संबंधित मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 4.76 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
कुर्क की गई संपत्ति में एक फ्लैट, कार्यालय, सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) और बैंक में जमा राशि शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कई निवेशकों द्वारा धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया है।
देश भर के विभिन्न निवेशकों ने श्री ओम साईंनाथ कार ऑन रेंट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। निवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने एक कार रेंटल और रिजॉर्ट स्कीम के रूप में पोंजी योजना के तहत उन्हें आकर्षित करके धोखा दिया है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, श्री ओम साईंनाथ कार ऑन रेंट प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी कार किराए पर लेने और रिसॉर्ट योजना में निवेश पर अत्यधिक रिटर्न का वादा करके जनता से निवेश प्राप्त किया। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 30 दिसंबर | एक संयुक्त अभियान में, बीएसएफ और पंजाब पुलिस ने बुधवार को पंजाब के गुरदासपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के डेरा बाबा नानक सेक्टर में 7.31 किलोग्राम हेरोइन और तीन चीनी .30 बोर नोरिनको पिस्तौल जब्त किए। प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, इस खेप को पाकिस्तान के तस्कर जगदीश सिंह ने भारतीय क्षेत्र भिजवाया था, जो वर्तमान में बेल्जियम में बसा हुआ है।
सिंह एक सक्रिय आतंकवादी है और तीन आतंकवाद से संबंधित मामलों में एक घोषित अपराधी है।
इसके अलावा तस्करी मामले में खुफिया सूचनाओं के अनुसार अमृतसर के पुलिसकर्मी से ड्रग तस्कर बने रंजीत सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है, जो वर्तमान में लुधियाना जेल में बंद है।
1989 में पंजाब पुलिस की 80वीं बटालियन में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए, रणजीत सिंह 2011 में एएसआई के पद तक पहुंचे थे।
लेकिन 2011 में, एनडीपीएस अधिनियम मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उसके पास से 23 किलोग्राम हेरोइन बरामद किया गया था 2012 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। (आईएएनएस)
पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड कहे जाने वाले पर्वतीय प्रदेश मेघालय में स्नेकहेड यानी सांप जैसे सिर वाली मछली की एक नई प्रजाति का पता चला है. ‘चन्ना स्नेकहेड’ नामक यह मछली पहाड़ियों में मौजूद मीठे पानी में पाई जाती है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी का लिखा-
बीते साल एक फिशरी ग्रेजुएट ऐरिस्टोन को यह मछली मिली थी. उनसे मिली जानकारी के आधार पर हिमालय की जैव-विविधता की खोज में निरंतर व्यस्त रहनेवाले शोधकर्ताओं की एक टीम ने मेघालय की पर्वत श्रृंखला में अथक परिश्रम करके इस बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई है. इस मछली के बारे में विस्तृत ब्योरा "ए न्यू स्पेसीज ऑफ स्नेकहेड फ्रॉम ईस्ट खासी हिल्सा, मेघालय, इंडिया" शीर्षक से हाल में अमेरिका की अमेरिकन सोसायटी ऑफ इचिथोलॉजिस्ट के आधिकारिक जर्नल कोपिया में छपा है.
शोधकर्ताओं की इस टीम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र तेजस ठाकरे भी शामिल हैं. इस राज्य में खदानों और नदियों में जहरीले रसायनों की वजह से कई दुर्लभ मछलियों के विलुप्त होने की खबरें अक्सर सुर्खियों में रही हैं. इसे लेकर स्थानीय जनजातियां आंदोलन भी करती रही हैं.
मछली की नई प्रजाति
चन्ना स्नेकहेड प्रजाति की मछली की खोज सबसे पहले ऐरिस्टोन मानभा रिंग्डोंगसिंगी ने की थी. उन्होंने इसको लेकर काफी काम किया है. ऐरिस्टोन ने इस संदर्भ में विभिन्न जगहों का दौरा कर उससे जुड़ी जानकारियां जुटाई हैं. इसलिए ‘चन्ना स्नेकहेड' नामक इस प्रजाति का नामकरण उनके नाम पर चन्ना ऐरिस्टोन ही किया गया है. तेजस ठाकरे और उनकी टीम ने राज्य में अब तक 11 दुर्लभ वन्य प्रजातियों का पता लगाया है. इनमें केकड़ा, छिपकली व कई अन्य जीव शामिल हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने हिरण्यकेशी नामक मछली की एक और दुर्लभ प्रजाति का पता लगाया था.
चन्ना स्नेकहेड नामक यह रंग-बिरंगी मछली राज्य के ईस्ट खासी हिल्स जिले के पुरियांग में एक छोटी पहाड़ी नदी में मिली है. सबसे पहले इसे देखने वाले रिभोई जिले के लेमांवलांग गांव के ऐरिस्टोन रिंग्डोंगसिंगी बताते हैं, "पूर्वोत्तर के अलावा पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, मध्य भारत और श्रीलंका में अब तक जितनी स्नेकहेड मछलियां पाई गई हैं उससे इस मछली का रंग, दांतों का पैटर्न और डीएनए सीक्वेंस एकदम भिन्न है." शिलांग के सेंट एंथनी कालेज से फिशरी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले ऐरिस्टोन बताते हैं कि मछली के नीले शरीर पर मैरून रंग की स्थानीय तिपतिया घास जैसी धारियां हैं जो इसे देश के बाकी हिस्सों में पाई जाने वाली स्नेकहेड मछलियों से अलग करती है. इसके अलावा इसका डीएनए पैटर्न भी अलग है. इन मछलियों की लंबाई 10 से 180 सेंटीमीटर तक है.
जैव विविधताओं के लिए मशहूर
राज्य में इस मछली की खोज के बाद ऐरिस्टोन ने इसका ब्योरा, तस्वीरें और नमूना पोर्टब्लेयर स्थित आईसीएआर-सीएआरआई (इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च—सेंट्रल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट) के फिशरी साइंस डिवीजन में वैज्ञानिक जे. प्रवीणराज को भेजा था. प्रवीणराज बताते हैं, "यह एक नई मछली थी. इसकी पुष्टि के लिए हमने ईस्ट खासी हिल्स का दौरा कर नमूना जुटाया. बाद में मोर्फोलाजिकल और डीएनए पैटर्न की जांच से इसके नई प्रजाति होने की पुष्टि हुई. सबसे पहले इसकी तलाश करने वाले के सम्मान में हमने इसे चन्ना ऐरिस्टोन नाम दिया है.”
प्रवीणराज बताते हैं कि पूर्वी नेपाल से पूर्वोत्तर, भूटान और म्यांमार तक फैला हिमालय का पूर्वी क्षेत्र जैव-विविधता से भरपूर है. इस इलाके में कई विलुप्तप्राय जीव रहते हैं. हाल के वर्षों में स्नेकहेड मछली की छह प्रजातियां उसी इलाके से मिली हैं. उनके मुताबिक, मछली की इस नई प्रजाति को खाने के साथ ही घरों में भी सजाया जा सकता है. अमेरिकी जर्नल की ओर से इस शोध को मानय्ता मिलने पर तेजस ठाकरे ने खुशी जताई है. वह कहते हैं, "मैंने आज तक चन्ना एरिस्टोन से सुंदर मछली नहीं देखी थी. इसके बारे में शोध करने वाली टीम का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है.”
पूर्वोत्तर में खासकर मेघालय मछलियों की नई प्रजातियों का घर है. हाल में शिलांग के लेडी कीन कॉलेज के प्रोफेसर खलुर मुखिम के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक दल ने वाबलेइ नदी की सहायक त्वादोह नदी से शिस्तुरा सिंगकई नाम की मछली की नयी प्रजाति की खोज की थी. मुखिम बताते हैं, "उस मछली के शरीर पर काले रंग की पार्श्विक धारियों के साथ सुनहरे-भूरे रंग की त्वचा है. मछली के नमूने कोलकाता में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण और गुवाहाटी में गौहाटी यूनिवर्सिटी म्यूजियम ऑफ फिशेज को भेजे गए हैं.”
खदानों से जहरीला होता पानी
दूसरी ओर, नई प्रजातियां मिलने के साथ ही राज्य में तेजी से होने वाली खुदाई और चूना पत्थर की खदानों की वजह से कई नदियों का पानी जहरीला हो रहा है. नतीजतन उनमें रहने वाली मछलियां विलुप्त होती जा रही हैं. पूर्वी जयंतिया पहाड़ी जिले में जहरीली 'नीली' नदी को बांग्लादेश के सिलहट जिले में गंभीर रूप से लुप्तप्राय मछली प्रजातियों के विलुप्त होने की मुख्य वजह माना जा रहा है. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर की ओर से तैयार बांग्लादेश की रेड लिस्ट में बताया गया है कि रहने की जगह के नष्ट होने की वजह से लुखा नदी, जिसे बांग्लादेश में लुबाचारा कहा जाता है, से मछली की प्रजातियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं. मेघालय की लुखा नदी और बांग्लादेश में सिलहट जिले के पूर्वोत्तर कोने में सुरमा नदी की एक सहायक नदी लुबाचारा नदी में गोलपारा पाश मछली पाई जाती है.
लुखा नदी बांग्लादेश में पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में सोनापुर से लगभग आठ किलोमीटर दूर बहती है. मेघालय के पूर्वी जयंतिया पहाड़ी जिले में थांगस्कई और लामशानोंग के आसपास चूना पत्थर की खदानों व सीमेंट कारखानों से निकलने वाले जहरीले रसायनों के नदी में गिरने की वजह से लुखा नदी गहरे नीले रंग में बदल जाती है. इस मुद्दे पर खासी स्टूडेंट्स यूनियन ने लुखा को प्रदूषित करने के लिए सीमेंट कंपनियों को दोषी ठहराया है. खासी स्टूडेंट्स यूनियन ने मेघालय सरकार से कहा है कि जलीय वनस्पतियों और जीवों को लुखा के जहरीले पानी ने नष्ट कर दिया है. मेघालय के पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों के जिले में सीमेंट की कई बड़ी फैक्टरियां हैं. (dw.com)
भुवनेश्वर, 30 दिसंबर | ओडिशा सरकार ने बुधवार को भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोप में छह अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया। इनमें चार इंजीनियरों और दो आबकारी कर्मचारी शामिल हैं। इनमें कोनझार ग्रामीण वर्क्स डिवीजन के डिप्टी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अजीत कुमार देबता, कटक आरएंडबी डिवीजन के असिस्टेंट इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल) जितेंद्र कुमार दलाई, मयूरभंज जिले के करंजिया रूरल वर्क्स सेक्शन-1 के असिस्टेंट इंजीनियर बिजय परिदा, भुवनेश्वर आरएंडबी डिवीजन नंबर-2 के असिस्टेंट इंजीनियर गणेश्वर सेठी शामिल हैं।
इसके अलावा ओडिशा बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड संबलपुर के ब्रांच मैनेजर-कम-डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ एक्साइज जयदीप पटनाइक और सुंदरगढ़ एक्साइज इंस्पेक्टर रियाज मोहम्मद बेग को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | किसान नेता चौधरी हरपाल सिंह बेलरी ने कहा कि सरकार ने पराली और बिजली से जुड़ी दो मांगें मान ली हैं। सरकार इन दोनों से जुड़े प्रावधान वापस लेने को सहमत हो गई है। बाकी दो मांगें- कृषि कानून निरस्त करने और एमएसपी पर गारंटी पर 4 जनवरी को चर्चा होगी। आज की बैठक में जिन चार मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें दो मुद्दों का हल निकल गया है।
जिन 4 मुख्य मुद्दों पर बातचीत चली, वे हैं- 1. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। 2. एमएसपी को कानूनी जामा पहनाएं और 3. एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत कार्रवाई के दायरे से किसानों को बाहर रखा जाए। 4. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लिया जाए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कोविड -19 महामारी के बीच हर नागरिक की सुरक्षा के लिए सरकारी कार्यालयों को कागज रहित और संपर्क रहित मोड में चलाने के लिए इनोवेटिव समाधानों की खोज की वकालत की। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाने में भी मदद करेगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 'डिजिटल इंडिया अवार्डस 2020' के प्रेजेंटेशन के बाद बोलते हुए कोविंद ने कहा, "हमें अपने देश के दूरस्थ कोनों में भी आर्थिक समावेशिता और सामाजिक परिवर्तन की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी और आईसीटी संचालित नवीन समाधानों का लाभ उठाना चाहिए।"
यह देखते हुए कि हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी डिजिटल उपकरणों और सेवाओं के लाभों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रभावी इनोवेशन के माध्यम से डिजिटल पहुंच का विस्तार करके ऐसे लोगों तक पहुंच कर यह संख्या कम से कम करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा, "यह हमारी डिजिटल क्रांति को और अधिक समावेशी बना देगा।"
उन्होंने आगे कहा, "इस प्रकार, डिजिटल विभाजन को कम करने की दिशा में सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को जारी रखना चाहिए।"
सूचना की शक्ति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "अधिक लोगों के साथ अधिक जानकारी साझा करने से न केवल समाज में पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि नागरिकों और नागरिक समाज को भी सशक्त बनाया जाता है। इस महान आदर्श को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अलग-अलग डेटा सेट और डेटा संसाधन लगाना शुरू कर दिया है।"
राष्ट्रपति ने कहा कि एक सूचित नागरिकता के लिए यह अत्यधिक आवश्यक है, क्योंकि वे लोकतंत्र की आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि नेशनल डाटा शेयरिंग एंड एक्सेसिबिलिटी पॉलिसी में शासन के एक सहभागी मॉडल की भी परिकल्पना की गई है जिसमें नागरिक सार्वजनिक प्राधिकरणों से गैर-रणनीतिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न सुधार प्रक्रियाओं में सरकार के साथ भागीदार बन सकते हैं। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 30 दिसंबर | कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने बुधवार को पुष्टि की कि राज्य में कोरोनवायरस के नए स्ट्रेन के 7 मामले दर्ज किए गए हैं। मंत्री ने मीडिया को बताया, "सभी कोरोना पॉजिटिव मामले ब्रिटेन से लौटे हुए यात्रियों में पाए गए हैं। वे दिसंबर के दौरान कर्नाटक में आए थे। सात मामलों में से, तीन बेंगलुरु में और चार शिवमोग्गा जिले में पाए गए हैं, जो मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का गृह जिला भी है।"
सुधाकर के अनुसार, शिवमोग्गा मामलों के तीन प्राथमिक संपर्को को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सभी के सैंपलों को नए प्रकार का पता लगाने के लिए भेज दिया गया है। 7 पॉजिटिव रोगियों को 'होम आईसोलेशन' में रखा गया है।
बेंगलुरू में एक परिवार के तीन सदस्यों को पॉजिटिव पाए जाने के बाद अपार्टमेंट को 14 दिनों के लिए ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने सील कर दिया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | करीब 22 दिनों के गतिरोध के बाद एक बार फिर किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के मुद्दे पर बातचीत पटरी पर लौटी है। विज्ञान भवन में बुधवार को दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की बातचीत शुरू हो चुकी है। मोदी सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश बातचीत की कमान संभाले हैं, वहीं किसानों की तरफ से विभिन्न संगठनों के 40 नेता मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच इससे पहले पांच दिसंबर को आखिरी बार विज्ञान भवन में बैठक हुई थी। इस दौरान हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी। छठे दौर की बैठक 9 दिसंबर को प्रस्तावित थी मगर केंद्र सरकार के प्रस्ताव भेजने की बात पर यह बैठक स्थगित हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से 9 दिसंबर को भेजे संशोधन प्रस्तावों को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया था। इसके बाद करीब 22 दिनों बाद आज बुधवार को दोनों पक्ष वार्ता की टेबल पर आए हैं।
वे 4 मुख्य मुद्दे, जिन पर चल रही बातचीत :
किसान संगठनों ने आज विज्ञान भवन की मीटिंग में 4 प्रमुख मुद्दे उठाए हैं। पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का है। दूसरी प्रमुख मांग एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने और तीसरी मांग एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत एक्शन के दायरे से किसानों को बाहर रखने की है। किसान नेताओं ने सरकार के सामने चौथी मांग के तौर पर विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लेने की बात कही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | भारत में ब्रिटेन से आया कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन धीरे धीरे लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। भारत मे अब तक ब्रिटेन से आए 20 लोग इस स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं इनके संपर्क में ब्रिटेन से आये लोगों की जांच हो चुकी है और नतीजे आने बाकी हैं। ऐसे करीब 200 लोगों को दिल्ली हवाईअड्डे स्थित एक होटल और छतरपुर स्थित संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया है। नए स्ट्रेन की जांच में मिले संक्रमित मरीजों को दिल्ली सरकार ने एलएनजेपी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा है।
दिल्ली हवाईअड्डे स्थित होटल में क्वारंटीन के तहत 80 से अधिक लोगों को रखा गया है और ये लोग इस क्वारंटीन सुविधा का सरकारी नियमों के तहत भुगतान कर रहे हैं। वहीं छतरपुर स्थित संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में 100 से अधिक लोग हैं। हालांकि ये संख्या हर दिन ऊपर नीचे होती रहती है।
नए स्ट्रेन से 20 संक्रमितों में से सबसे ज्यादा 9 संक्रमित दिल्ली की लैबों में पाए गए हैं। इनके सह-यात्रियों, पारिवारिक संपर्कों और दूसरे लोगों के लिए बड़े स्तर पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू की गई है।
होटल का एक हिस्सा पूरी तरह क्वारंटीन हुए लोगों के लिए कर दिया है। वहीं कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। होटल स्टाफ को पूरी तरह मास्क और हाथों में ग्लव्स पहनना अनिवार्य है। होटल के बाहर दिल्ली पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी थी कि इस संक्रमण से 6 लोग संक्रमित हैं लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गयी है।
नए स्ट्रेन को लेकर बताया जा रहा है कि यह 70 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है। वहीं कोरोना का नया स्ट्रेन सबसे पहले ब्रिटेन में कुछ दिन पहले ही मिले थे। ब्रिटेन के अलावा वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।
दूसरी ओर भारत ने यूके से आने और जाने वाली फ्लाइट पर लगी रोक को 7 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया है। दरअसल भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन आने के बाद से ही विमान सेवा पर रोक लगा दी थी। (आईएएनएस)
बेंगलुरू, 30 दिसंबर | कर्नाटक ग्राम पंचायत चुनाव की मतगणना जारी है। 22 और 27 दिसंबर को दो चरणों में ग्राम पंचायत के चुनाव हुए थे। भले ही ग्राम पंचायत चुनाव गैर-दलीय आधार पर हुए हों, लेकिन सभी तीन मुख्य दावेदार, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) अपने अधिकांश समर्थकों के निर्वाचित होने की उम्मीद में हैं।
ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम से राज्य में ग्रामीण मतदाताओं की वर्तमान मनोदशा का पता चलेगा। चूंकि पेपर बैलट पर मतदान हुआ था, इसलिए मतगणना बुधवार रात तक पूरी होने की उम्मीद है।
कुल 82,616 सीटों पर 2.2 लाख से अधिक उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा, जिनमें से 8,074 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
जैसा कि राजनीतिक विशेषज्ञों ने पहले ही अनुमान लगाया था और मौजूदा रुझान से पता चलता है कि सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा उत्तरी कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
इसके अलावा राज्य के दक्षिणी हिस्से और पुराने मैसूर क्षेत्र में कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीधा मुकाबला है। विशेषज्ञों का कहना है कि पंचायत चुनाव में निर्दलीय किंगमेकर साबित होंगे।
राज्यभर में कई स्थानों पर उम्मीदवारों को समान संख्या में वोट मिले हैं और वहां पर विजेता का फैसला लॉटरी द्वारा किया जा रहा है। विजयपुरा जिले की हेब्बल ग्राम पंचायत में दो उम्मीदवारों में से प्रत्येक को 311 वोट मिले। इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने लॉटरी द्वारा श्रीशिला हिप्परगी को विजेता घोषित किया।
अधिकारियों की अपील के बावजूद, उम्मीदवारों के समर्थक मतगणना केंद्रों के पास बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं, जिनमें से काफी लोग बिना मास्क के दिखाई दे रहे हैं। (आईएएनएस)
काईद नाजमी
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 30 दिसंबर | एक 33 वर्षीय मजदूर ने दांतों की सफाई करते समय गलती से टूथब्रश ही निगल लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने फौरन ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। बुधवार को एक डॉक्टर ने यह जानकारी दी।
राजेश जाधव को 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे के करीब 'गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' (जीएमसीएच) में पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया।
सर्जरी करने वाली टीम की अगुवाई करने वाले डॉ. जुनैद एम. शेख ने कहा कि यह जानने के बाद कि उसने टूथब्रश निगल लिया है, ब्रश उसके पेट में किस जगह है, यह पता लगाने के लिए पहले सीटी स्कैन किया गया।
डॉ. शेख ने आईएएनएस को बताया, "अगर ब्रश को उसके शरीर के अंदर रहने दिया जाता तो पेट और आंत को नुकसान पहुंच सकता था और जिंदगी को भी खतरा हो सकता था, इसलिए हमने फौरन उसका ऑपरेशन करने का फैसला लिया।"
जीएमसीएच के डीन डॉ. कन्नन येलिकर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुरेश हरबडे, जनरल सर्जरी प्रमुख डॉ. सरोजिनी जाधव से कंसल्ट करने के बाद डॉ. शेख ने ऑपरेशन के लिए एक टीम बनाई।
डॉ. शेख ने कहा, "हमने मरीज के एबडॉमिनल कैविटी पर एक मिनी-लैपरेटोमी किया और लगभग 90 मिनट के बाद, टूथब्रश को निकाल लिया। हमने किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए अंदरूनी सफाई की।"
टीम में डॉ. अविनाश घाटगे, डॉ. उमर खान, डॉ. संदीप चव्हाण, डॉ. सुकन्या विंचुरकर, डॉ. गौरव भावसार, डॉ. अनिकेत राखुडे, डॉ. विशाखा वाल्के, और हेड नर्स संतोषी सोंगाती भी शामिल थे।
मरीज को बाद में वार्ड में ले जाया गया, जहां उसकी पत्नी और भाई ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जाधव ने टूथब्रश को कैसे निगल लिया।
डॉ. शेख ने कहा कि मरीज की हालत अब स्थिर है। उसे 5-6 दिनों के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, जब हम टांके हटा देंगे, और यह भी निर्भर करेगा कि वह कितनी जल्दी ठीक होता है।
यह जीएमसीएच में की गई दूसरी अनोखी, लेकिन महत्वपूर्ण सर्जरी थी। लगभग 15 साल पहले, एक मरीज का ऑपरेशन तब किया गया था, जब उसने एक स्टील का चम्मच निगल लिया था। (आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 30 दिसंबर | महान संगीत निर्देशक शांतनु महापात्र का मंगलवार रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। परिवार के सूत्रों ने बताया कि महापात्रा गंभीर निमोनिया और अन्य बुढ़ापे से संबंधित बीमारी से पीड़ित थे।
महापात्रा लगभग 60 वर्षो से ओड़िया संगीत जगत से जुड़े रहे। ओड़िया संगीत के क्षेत्र में एक संगीतकार के रूप में उनका पहला स्थान है।
उन्होंने गीतकार गुरुकृष्ण गोस्वामी के साथ पहले आधुनिक ओड़िया गीत 'कोणार्क गाथा' की रचना की, जिसे अक्षय मोहंती ने गाया था।
उन्होंने लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, मन्ना डे, उषा मंगेशकर, सुरेश वाडेकर, अनुराधा पौडवाल, उषा उथुप और कविता कृष्णमूर्ति जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों के साथ भी काम किया है।
साल 1936 में मयूरभंज जिले में जन्मे, महान संगीत निर्देशक एक भूभौतिकीविद् (आईआईटी-खड़गपुर के पूर्व छात्र) थे और ओडिशा खनन निगम के साथ काम करते थे।
ओड़िशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने महापात्र के निधन पर शोक व्यक्त किया। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन ने भी संगीतकार की मौत पर शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "एक गीतकार और संगीत निर्देशक के रूप में वह अपनी प्रतिभा के चमकते हस्ताक्षर छोड़ गए हैं। उनका पूरा जीवन संगीत के लिए समर्पित था। उनके द्वारा निर्देशित संगीत उन्हें हमेशा के लिए अमर रखेगा।"
महापात्रा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में चल रहे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) राष्ट्रीय परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और कहा कि परियोजना को पूरा करके लोगों की 'आकांक्षाओं' को पूरा किया जाएगा, ताकि क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों से सालभर जुड़ा रहे। गोयल के अलावा, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी.के. यादव, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगाल और यूएसबीआरएल परियोजना के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी विजय शर्मा भी बैठक के दौरान उपस्थित थे।
शर्मा ने गोयल को कटरा-बनिहाल के बीच परियोजना के अंतिम चरण में काम की नवीनतम स्थिति से अवगत कराया।
परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए, गोयल ने कहा, "जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को परियोजना को पूरा करके पूरा किया जाना है, ताकि यह क्षेत्र, देश के बाकी हिस्सों से जुड़े रहने के लिए एक अच्छी परिवहन प्रणाली से लैस हो सके।"
मंत्री ने परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों से मिशन मोड पर काम के शेष हिस्से को शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया।
उन्होंने सामग्रियों की खरीद और अनुमति प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए, ताकि लाइन के निर्माण में देरी न हो।
गंगाल ने मंत्री को जानकारी देते हुए कहा, "साइटों पर कारीगर शिविर और आइसोलेशन केंद्र उपलब्ध कराए गए हैं। यहां काम कर रहे 366 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया था, लेकिन सभी ठीक हो गए हैं।"
यूएसबीआरएस एक राष्ट्रीय परियोजना है, जिसे रेलवे द्वारा कश्मीर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसके तहत हिमालय के जरिए ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन का निर्माण शुरू किया गया है।
परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू क्षेत्र में जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए लाइन चालू है। फिलहाल कटरा-बनिहाल के 111 किलोमीटर सेक्शन पर काम चल रहा है। इस क्षेत्र में कठिन भौगोलिक स्थितियां विद्यमान हैं, जिससे यहां कई महत्वपूर्ण पुलों और सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। (आईएएनएस)
मथुरा, 30 दिसंबर | कुछ उपद्रवियों ने बुधवार को मथुरा के गोविंद नगर पुलिस सर्कल के तहत मसानी स्थित आरएसएस कार्यालय पर हमला किया और तोड़फोड़ कर दी। एक समुदाय विशेष से संबंधित उपद्रवियों ने पथराव किया और कार्यालय में तोड़फोड़ की। घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, हमला मंगलवार को हुई एक घटना का नतीजा है जिसमें चोरी की कोशिश के दो आरोपियों को कर्मचारियों ने पुलिस के हवाले कर दिया था।
जिन लोगों ने बुधवार को आरएसएस कार्यालय पर हमला किया, उन्होंने दावा किया कि लड़के निर्दोष थे और उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है।
गोविंद नगर पुलिस थाना प्रभारी एम.पी. चतुवेर्दी ने कहा, संघ कार्यालय पर हमला करने के लिए तीन युवकों को पकड़ा गया है, और बाकी की पहचान और खोजबीन चल रही है। अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने घटना में लापरवाही बरतने के लिए मसानी पुलिस चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह और कांस्टेबल मयंक कुमार को निलंबित कर दिया है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 30 दिसंबर | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने कहा है कि लिव-इन जोड़ों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए, भले ही उनमें से किसी एक की उम्र विवाह योग्य न हुई हो। न्यायमूर्ति अलका सरीन की सिंगल-जज बेंच ने कहा कि जोड़े के एक साथ रहने के अधिकार को तब तक अस्वीकार नहीं किया जा सकता, जब तक कि वे कानून की सीमाओं के भीतर हैं।
उन्होंने कहा, "समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता है कि किसी व्यक्ति को अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए।"
न्यायमूर्ति ने कहा, "संविधान प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। किसी को अपने साथी को चुनने की स्वतंत्रता जीवन के अधिकार का एक महत्वपूर्ण पहलू है।"
न्यायमूर्ति सरीन ने कहा कि मौजूदा मामले में, लड़की के माता-पिता यह तय नहीं कर सकते कि वह वयस्क होने के बाद से कैसे और किसके साथ जीवन बिताएगी। माता-पिता बच्चे को अपनी शर्तो पर जीवन जीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
उन्होंने पुलिस को जोड़े द्वारा पेश प्रोटेक्शन याचिका पर निर्णय लेने और कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि न्यूनतम विवाह योग्य आयु की प्राप्ति जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए बाधा नहीं है।
अदालत एक जोड़े की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि युवती के परिवार द्वारा रिश्ते को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा था और उन्हें धमकाया जा रहा था।
दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं, लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रहना पसंद किया, क्योंकि लड़के की उम्र अभी विवाह योग्य नहीं हुई थी।
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा रखा, जिसे हादिया मामले के रूप में जाना जाता है, यह रेखांकित करने के लिए कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के तहत जीवन के अधिकार की गारंटी दी गई है, एक साथी की पसंद का एक महत्वपूर्ण पहलू है। (आईएएनएस)
-सत सिंह
हरियाणा के निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी सिर्फ़ तीन मेयर/अध्यक्ष सीटें जीत पाई.
इस बार मेयर, नगर परिषद और नगरपालिका अध्यक्ष के लिए सीधे चुनाव हुआ है.
इससे पहले पार्षद ही मेयर चुनते थे.
सोनीपत सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार निखिल मदान मेयर सीट जीते. इसी क्षेत्र के कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन हो रहा है.
पूर्व मंत्री कविता जैन सोनीपत सीट से ही बीजेपी की विधायक हैं, लेकिन फिर भी यहां से बीजेपी उम्मीदवार नहीं जीत सके और कांग्रेस उम्मीदवार 13,818 वोटों के अंतर से विजयी हुए.
एक और महत्वपूर्ण सीट अंबाला जहां से राज्य के गृहमंत्री अनिल विज विधायक हैं, ये सीट जन चेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा जीती हैं. उन्होंने 8084 वोटों से जीत दर्ज की.
पूनम यादव
पंचकूला मेयर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कुलभूषण गोयल जीते और उकलाना चेयरमेन सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार सुशील साहू जीते हैं.
वहीं, सांपला चेयरमेन सीट पर भी स्वतंत्र उम्मीदवार पूजा रानी ने जीत दर्ज की.
रेवाड़ी चेयरमैन सीट पर बीजेपी उम्मीदवार पूनम यादव जीती हैं.
धारूहेड़ा सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार कंवर पाल ने जीत दर्ज की.
27 दिसंबर को संपन्न हुए चुनावों के नतीजे आज आए हैं. बीजेपी-जेजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. (bbc.com)