राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 13 जनवरी | यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खुद से संज्ञान लिया। साथ ही दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस भी जारी किया है। डीजेबी ने नदी के पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण दिल्ली के सभी क्षेत्रों में पानी सप्लाई करने में असमर्थता जताते हुए शीर्ष अदालत से गुहार लगाई थी। हरियाणा की ओर से आने वाले पानी से अमोनिया यमुना में आता है।
डीजेबी की ओर से वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने दलील दी कि हरियाणा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ठीक से काम नहीं कर रहा था। इससे पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है और यह पीने के लिए अयोग्य हो गया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पानी में छोड़े गए प्रदूषक प्रमुख मुद्दा हैं।
पीठ ने अरोड़ा से पूछा, एसटीपी के जरिये प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इस पर डीजेबी ने कहा कि पानी में अमोनिया का 0.9 पीपीएम से कम स्तर होना चाहिए। इसके बाद भी हरियाणा से 300 क्यूसेक अत्यधिक प्रदूषित पानी आ रहा है। उसने क्लोरीनयुक्त पानी में अमोनिया की उपस्थिति के कारण बेहद गंभीर स्वास्थ्य के लिए खतरा होने का हवाला दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह दिल्ली में यमुना नदी में गंदगी के मुद्दे को भी उठाएगी और अरोड़ा को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त करेगी।
अदालत ने डीजेबी को हरियाणा सरकार पर कागजात देने के लिए भी कहा है और मामले की सुनवाई करने के लिए अगले सप्ताह मंगलवार का दिन तय किया है। (आईएएनएस)
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नई दिल्ली, 13 जनवरी | दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तीनों नगर निगमों की खिंचाई की और सदस्यता शुल्क जमा करने के बावजूद सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं कराने के लिए नोटिस जारी किया। अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षा संघ द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दक्षिण, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों ने कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों से सदस्यता शुल्क ले ली है, लेकिन इस सुविधा का विस्तार करना अभी बाकी है।
याचिकाकर्ता ने कहा, "कर्मचारियों को पहले पैसा जमा करना पड़ता है और बाद में एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग से पैसा वापस(रिंबर्समेंट) लेना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है। यह बिल्कुल अनुचित और अवैध है।"
इसमें कहा गया है, "इस कोरोनावायरस महामारी की अवधि के दौरान, बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारियों, जिन्हें समय पर पेंशन नहीं मिली, उन्हें अपने इलाज के लिए पैसे की व्यवस्था करने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि अस्पतालों ने कैशलेस उपचार प्रदान नहीं किया।"
न्यायमूर्ति डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने तीनों नगर निगमों के प्रति निराशा दिखाई और कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी न केवल मेडिकल बिल के मुद्दों के कारण पीड़ित थे, बल्कि लंबे समय से वे पेंशन राशि भी नहीं पा रहे थे।
अदालत ने नगर निगमों की खिंचाई करते हुए कहा, "यदि आप अस्पतालों के साथ टाई-अप नहीं करते हैं तो आप कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए सदस्यता शुल्क कैसे ले सकते हैं।"
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि पहले 39,000 रुपये की सदस्यता ली जाती थी, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। इस पर, अदालत ने तीनों नगर निगमों को नोटिस जारी किया, उन्हें सभी विवरणों के साथ एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले को 22 जनवरी को सूचीबद्ध किया।(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 13 जनवरी | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने सात विधायकों के नाम राज्यपाल वजुभाई वाला के पास भेजे हैं, जिसमें चार बार के विधायक मुरुगेश निरानी और सुलिया विधानसभा से छह बार के विधायक एस. अंगारा भी शामिल हैं। येदियुरप्पा ने यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने से पहले मीडिया के साथ अपनी छोटी बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने राज्यपाल के पास सात नाम भेजे हैं, जिनमें उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, एम.टी.बी. नागराज, आर. शंकर, सी.पी. योगेश्वरा, मुरुगेश निरानी और एस. अंगारा शामिल हैं। इन विधायकों को राजभवन में अपराह्न् 3.50 बजे राज्यपाल द्वारा गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कट्टी को पार्टी के नेताओं ने लिंगायत कोटे के तहत चुना है, लिंबावली को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार अस्थिर करने की योजना और निष्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया है। सी.पी. योगेश्वरा को भी कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार को गिराने के लिए येदियुरप्पा और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करने का पुरस्कार मिला है।
नागराज और शंकर 17 अन्य विधायकों के साथ 2019 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना लगभग तय था।
चार बार के विधायक और पूर्व उद्योग मंत्री निरानी और छह बार के भाजपा विधायक व संघ परिवार के वफादार एस. अंगारा छुपे रुस्तम साबित हुए हैं, जिन्होंने चार माह से राज्य में चल रही सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।(आईएएनएस)
-गिरिराज शर्मा
सवाई माधोपुर. प्रसिद्ध रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघ और बाघिनों के बीच इलाके को लेकर संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. रणथम्भौर की प्रसिद्ध बाघिन टी- 84 यानी एरोहेड की बेटी रिद्धि और सिद्धि में एक बार फिर आपसी संघर्ष देखने को मिला है. टेरिटरी को लेकर दोनों बाघिन बहिनों में मंगलवार को पानी के बीच जमकर फाइटिंग हुई. दोनों बाघिन बहिनों की इस फाइटिंग का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को रणथम्भौर के जोन नंबर 4 में दोनों बाघिनों के बीच एक बार फिर तालाब में जमकर संघर्ष हुआ. दोनों बाघिनों के बीच हुये इस आपसी संघर्ष को पार्क में भ्रमण के लिये गये पर्यटकों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया. उसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. रणथम्भौर की बाघिन बहिनें रिद्धि और सिद्धि के बीच पहले भी कई मर्तबा आपसी संघर्ष हो चुका है. टेरिटरी को लेकर बाघिन रिद्धि अपनी मां एरोहेड से भी मुकाबला कर चुकी है. उसका अपनी बहिन सिद्धि से भी कई बार उसका संघर्ष हो चुका है. ऐसे में वन विभाग द्वारा बाघिन रिद्धि और सिद्धि की मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है. उनके प्रत्येक मूवमेंट पर वन विभाग की टीम नजर रख रही है.
दोनों को सामान्य चोटे लगी हैं
रणथम्भौर नेशनल पार्क की प्रसिद्ध बाघिन टी-84 को एरोहेड के नाम से जाना जाता है. उसकी दो बेटियों को नेशनल पार्क में रिद्धि तथा सिद्धि के नाम से जाना जाता है. जन्म से दोनों एरोहेड के साथ में ही लगातार विचरण कर रही हैं. लेकिन जैसे-जैसे रिद्धि सिद्धि युवा हो रही हैं वैसे वैसे ही दोनों में ही टेरिटोरियल फाइट होने लगी है. इससे पूर्व भी 3 मर्तबा दोनों की टेरिटोरियल फाइट हो चुकी है. एक बार फिर से दोनों का आपसी संघर्ष सामने आ रहा है. दोनों बाघिन के मूवमेंट पर वन कर्मी लगातार नजर रखे हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस टेरिटोरियल फाइट में फिलहाल दोनों को सामान्य चोटे लगी हैं. दोनों ही स्वस्थ बताई जा रही हैं. बाघिन एरोहेड तथा रिद्धि सिद्धि तीनों का मूवमेंट फिलहाल रणथम्भौर नेशनल पार्क के जोन नंबर 4 पर बना हुआ है.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के अनुसार वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर लोगों की चिंताओं को देखते हुए आईटी संसदीय समिति फ़ेसबुक अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
संसदीय समिति की बैठक से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर नहीं हुई थई.
उनके अनुसार उम्मीद की जानी चाहिए कि संसदीय कमेटी इस मुद्दे को उठाएगा. वॉट्सऐप कंपनी ने पिछले सप्ताह अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू किया है जिसके तहत वो अपनी पेरेंट कंपनी फ़ेसबुक को यूज़र्स का डेटा साझा करेगी.
2016 में जब फ़ेसबुक ने वॉटसऐप को ख़रीदा था, उसी समय डेटा शेयरिंग की बात उठी थी लेकिन पिछले सप्ताह तक उन यूज़र्स को यह विकल्प था कि वो अपने डेटा शेयर ना करें जो फ़ेसबुक के ख़रीदे जाने से पहले से वॉट्सऐप इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन अब उन्हें यह विकल्प नहीं है.
अगर आप 'यूरोपीय क्षेत्र' के बाहर या भारत में रहते हैं तो इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप आपके लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों में बदलाव कर रहा है.
इतना ही नहीं, अगर आप वॉट्सऐप इस्तेमाल करना जारी रखना चाहते हैं तो आपके लिए इन बदलावों को स्वीकार करना अनिवार्य होगा.
वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स में बदलाव की सूचना एंड्रॉइड और आईओएस यूज़र्स को एक नोटिफ़िकेशन के ज़रिए दे रहा है.
इस नोटिफ़िकेशन में साफ़ बताया गया है कि अगर आप नए अपडेट्स को आठ फ़रवरी, 2021 तक स्वीकार नहीं करते हैं तो आपका वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा.
यानी प्राइवेसी के नए नियमों और नए शर्तों को मंज़ूरी दिए बिना आप आठ फ़रवरी के बाद वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते.
इस क़दम का दुनिया भर में विरोध हो रहा है और लाखों लोग वॉट्सऐप छोड़कर दूसरे मैसेजिंग ऐप्स जैसे सिग्नल और टेलिग्राम का इस्तेमाल करने लगे हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर इस संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं. समिति की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्रंप के ट्विटर बैन का मुद्दा उठाया.
डेटा की प्राइवेसी का मुद्दा तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने उठाया जिनका समर्थन दूसरे सांसदों ने भी किया.
संसदीय समिति फ़ेसबुक के अधिकारियों को कब तलब करेगी अभी इसकी तारीख़ तय नहीं है, लेकिन आने वाले हफ़्तों में उन्हें बुलाया जा सकता है. (bbc.com)
इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा पर काम करने वाली कंपनी टेस्ला ने भारत में पंजीकरण करवा लिया है. कंपनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि जल्द ही भारत में टेस्ला की गाड़ियों का इंतजार खत्म होगा.
नियामक संस्थाओं से प्राप्त ताजा जानकारी में पता चला है कि टेस्ला मोटर्स इंडिया एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का आठ जनवरी को भारत में पंजीकरण हुआ. कंपनी का पंजीकृत दफ्तर बेंगलुरु में है. भारतीय इकाई के तीन निदेशक हैं, जिनमें टेस्ला के मौजूदा वरिष्ठ अधिकारी डेविड फाइनस्टाइन शामिल हैं.
भारत के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक स्थानीय अखबार को दिसंबर में बताया था कि कंपनी भारत में शुरुआत अपनी गाड़ियों की बिक्री से करेगी और उसके बाद असेंबली और फिर भारत में ही गाड़ियों को बनाने की तरफ बढ़ेगी.
हाल के वर्षों में टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क कंपनी के भारत में प्रवेश करने के बारे में कई बार ट्वीट कर चुके हैं. उन्होंने इसी विषय पर एक ट्वीट अक्टूबर 2020 में भी किया था. टेस्ला के भारत में पंजीकरण की खबर ऐसे समय पर आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल पर देश की निर्भरता और प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन और इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहे हैं.
लेकिन इन कोशिशों को उत्पादन और चार्जिंग स्टेशन जैसे ढांचों में निवेश की कमी से धक्का लगा है. निवेश को बढ़ाने के लिए भारत सरकार कंपनियों को विकसित बैटरी उत्पादन केंद्र बनाने के लिए 4.6 अरब डॉलर तक के इंसेंटिव देने की योजना बना रही है. टेस्ला का मुख्यालय कैलिफोर्निया के पालो आल्टो में है.
कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा छोटी से लेकर बड़ी बैटरियां, सोलर पैनल जैसे उत्पाद भी बनाती है. इसकी स्थापना जुलाई 2003 में अमेरिकी इंजीनियरों मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टरपेनिंग ने की थी. इसका नाम सर्बियन-अमेरिकी आविष्कारक निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया. मस्क ने ही कंपनी की स्थापना के समय लागत की रकम का अधिकांश हिस्सा दिया था. 2008 से वो कंपनी के सीईओ के रूप में जाने जाते हैं.
2019 में टेस्ला दुनिया में सबसे ज्यादा प्लग-इन और बैटरी इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी बन गई थी. प्लग-इन श्रेणी में टेस्ला का बाजार के 17 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है और बैटरी इलेक्ट्रिक श्रेणी में 23 प्रतिशत पर.
सीके/एए (रॉयटर्स)
पटना, 13 जनवरी | पटना हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन प्रबंधक रुपेश कुमार सिंह की हत्या को लेकर पुलिस अभी सुराग तलाशने की कोशिश में लगी है, वहीं विपक्ष बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सत्ता पक्ष को आड़े हाथों ले रहा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी ही सरकार चला रहे हैं।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, सत्ता संरक्षित अपराधियों ने पटना में एयरपोर्ट मैनेजर रुपेश कुमार सिंह की उनके आवास के बाहर गोली मार हत्या कर दी। वह मिलनसार और मददगार स्वभाव के धनी थे। उनकी असामयिक मृत्यु से बहुत दु:खी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
उन्होनंे कहा कि बिहार में अब अपराधी ही सरकार चला रहे है। यादव यहीं नही रूके। उन्होंने आगे लिखा, अनैतिक और अवैध सरकार के संरक्षण में अपराधों और दुष्कर्मों की प्रतिदिन संख्या बढ़ना राजग (एनडीए) की सामूहिक विफलता है। नीतीश जी द्वारा अपराधों को छिपाने की चेष्टा एवं उसे स्वीकार नहीं करना ही सबसे बड़ा अपराध और अपराधियों के लिए रामबाण है। उनसे बिहार नहीं संभल रहा, वो अविलंब इस्तीफा दें।
इधर, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा, जदयू की सरकार अपराधियों की शागिर्द है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री आवास से 1 किलोमीटर दूरी पर, पुलिस मुख्यालय और सचिवालय के बगल में इंडिगो एयरलाइंस के अधिकारी रुपेश सिंह की हत्या से साफ है कि भाजपा, जदयू की सरकार अपराधियों की शागिर्द है। इसे एक मिनट सत्ता में रहना नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री इस हत्याकांड की सीबीआई जांच का तत्काल आदेश दें।
इस बीच, कांग्रेस ने भी राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं।
इधर, जदयू सरकार के बचाव में उतर आई है। जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि रुपेश सिंह की हत्या दुखदायी है। पटना पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अपराधी कोई भी हो, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन प्रबंधक रुपेश कुमार सिंह की मंगलवार की रात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुिलस ने हत्यारे को पकड़ने के लिए जांच टीम गठित कर दी है। इस हत्याकांड को लेकर पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बुधवार को पांच साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इससे नुकसान का कवरेज बढ़ने और जोखिम कम होने से करोड़ों किसानों को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना से किसानों को मिलने वाले फायदे गिनाए हैं। उन्होंने कहा है कि योजना से संबंधित ऐसी सभी जानकारियां नमो ऐप के योर वाइस सेक्शन में रखी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, देश के अन्नदाताओं को प्रकृति के प्रकोप से सुरक्षा प्रदान करने वाली पीएम फसल बीमा योजना के आज 5 साल पूरे हो गए हैं। इस स्कीम के तहत नुकसान का कवरेज बढ़ने और जोखिम कम होने से करोड़ों किसानों को लाभ हुआ है। इसके सभी लाभार्थियों को मेरी बहुत-बहुत बधाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पीएम फसल बीमा योजना ने कैसे किसानों को अधिक से अधिक लाभ सुनिश्चित किया है? दावों के निस्तारण में कैसे पूरी पारदर्शिता बरती गई है? प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित ऐसी सभी जानकारियां नमो ऐप के योर वाइस सेक्शन में रखी गई हैं।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने एक संदेश में कहा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना हमारा लक्ष्य है। हमारी नीति का उद्देश्य किसानों को बीज से बाजार तक हर कदम पर मदद प्रदान करना है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का अनावरण किया था। इस योजना का मकसद, उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करना है जो अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं। खराब मौसम से किसानों को हुए नुकसान से राहत दिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 13 जनवरी | सीबीआई ने बुधवार को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) से अवैध कोयला खनन करने और चोरी करने के मामले में पश्चिम बंगाल के आसनसोल, दुगार्पुर और रानीगंज इलाकों में 10 जगहों पर छापे मारे। सूत्रों के अनुसार, लगभग 75 सीबीआई अधिकारी इस ऑपरेशन में शामिल हैं। इस छापेमारी में रैकेट के सरगना अनूप माझी उर्फ लाला और उसके साथी बिनॉय मिश्रा के रिश्तेदारों के घर शामिल हैं।
सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला घोटाले को लेकर राज्य भर में 12 स्थानों पर छापे मारे थे, इसमें व्यवसायी गणेश बगाड़िया और संजय सिंह के दफ्तर और घर शामिल थे। ये छापे कोलकाता के लेक टाउन क्षेत्र, गरिया, हुगली जिले के कोननगर के कानाईपुर और उत्तर 24-परगना में मारे गए। कथित तौर पर बगाड़िया और सिंह दोनों ही माझी से जुड़े थे, जो मिश्रा के साथ मिलकर सिंडिकेट चलाता है।
बता दें कि पिछले साल 28 नवंबर को सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में 45 जगहों पर कोयला तस्करी रैकेट को पकड़ने के लिए छापे मारे थे। इस दौरान माझी के कुछ सहयोगियों के घरों पर भी तलाशी ली गई, जो बंगाल-झारखंड सीमा के साथ कोयला बेल्ट में खुलकर अवैध कारोबार करते हैं।
सूत्रों ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने बुधवार को बुरार्बाजार इलाके में पूर्व विधायक मोहम्मद सोहराब के घर और होटल पर बंगाल में पशु तस्करी का रैकेट चलाने और आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में भी छापेमारी की। (आईएएनएस)
लखनऊ, 13 जनवरी अयोध्या ढांचा विध्वंस केस के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो सप्ताह के लिए इसे टाल दिया है। बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिका में कुछ दस्तावेजी त्रुटि होने के कारण न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। याचियों के अधिवक्ता को भी दस्तावेजी त्रुटि दूर करने को कहा है।
अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस केस में पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनेाहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित 32 अभियुक्तों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 30 सितंबर, 2020 को फैसला सुनाते हुए बरी कर दिया था। हाई कोर्ट में यह याचिका दाखिल कर इस फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका अयोध्या निवासी 74 वर्षीय हाजी मुहम्मद अहमद और 81 वर्षीय सैयद अखलाक अहमद ने दायर किया है।
28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद न्यायाधीश एसके यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ढांचा विध्वंस की घटना के पूर्वनियोजित होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं और न ही सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों के ठोस सबूत मिले हैं, इसलिए मामले से जुड़े सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।
वहीं, अयोध्या मुद्दे पर बाबरी के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा था कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में जो हुआ था वो पूरी दुनिया ने देखा। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। अंसारी ने कहा था कि हम संविधान को मानते हैं। हिंदू-मुस्लिम विवाद पूरी तरह खत्म होना चाहिए। अयोध्या में विकास होना चाहिए।
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में दोनों याचियों ने कहा कि वे इस केस में अभियुक्तों के खिलाफ गवाह थे और विध्वंस के बाद पीड़ित भी हुए थे। उनकी ओर से कहा गया है कि 30 सितंबर, 2020 के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने आज तक कोई अपील दाखिल नहीं की है, लिहाजा रिवीजनकतार्ओं को आगे आना पड़ रहा है क्योंकि अदालत के फैसले में कई खामियां हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 जनवरी | एक बड़ी कार्रवाई में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को राज्यसभा के पूर्व सांसद के.डी. सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नाम नहीं जाहिर करने का अनुरोध करते हुए जांच से संबंधित ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सिंह को गिरफ्तार किया है।"
अधिकारी ने कहा कि उसे बाद में दिन में अदालत में पेश किया जाएगा। (आईएएनएस)
-अनिल सिंह
गोरखपुर. पुलिस ने गोरखपुर शहर की छात्रा के लापता होने पर कर्नाटक के मुस्लिम युवक पर लव जिहाद और अपहरण का केस दर्ज किया है. साथ ही छात्रा की बरामदगी को लेकर पुलिस की टीम कर्नाटक के बीजापुर रवाना हुई है. दिलचस्प है कि छात्रा बीते 4 जनवरी को कॉलेज से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गयी थी. जिस पर सेवानिवृत्त सैनिक पिता की शिकायत पर पहले पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन तफ्तीश के दौरान छात्रा के मोबाइल की लोकेशन कर्नाटक मिलने और छानबीन में बीजापुर के मुस्लिम युवक का नाम प्रकाश मे आया. इस पर चिलुआताल पुलिस ने अपहरण के साथ लव जिहाद का मुकदमा दर्ज किया है.
गौरतलब है कि चिलुआताल थाने में लव जिहाद का पहला केस दर्ज किया गया है. दरअसल, सेवानिवृत्त सैनिक ने कर्नाटक के रहने वाले युवक के खिलाफ अपहरण और लव जिहाद का केस दर्ज कराया है. डीआइजी/एसएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच के साथ ही चिलुआताल थाने की पुलिस आरोपी की तलाश में कर्नाटक के बीजापुर रवाना हो गई है.
4 जनवरी को लापता हुई थी छात्रा
आपको बता दें कि चिलुआताल पुलिस को दी गयी तहरीर में सेवानिवृत्त सैनिक ने लिखा है कि उनकी बेटी कॉलेज में बीकॉम प्रथम वर्ष में पढ़ती है. 4 जनवरी को बेटी को छोड़ने वह कॉलेज गए थे. शाम तक घर न लौटने पर परिवार के लोगों ने खोजबीन शुरू की, लेकिन पता नहीं चला. इसके बाद 5 जनवरी को उन्होंने गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, पुलिस की छानबीन करने पर पता चला कि कर्नाटक में बीजापुर जिले के इंडी रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले युवक ने खुद को हिंदू बताकर उनकी बेटी से दोस्ती की. एक साल से वह उसके संपर्क में थी और नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसी ने बेटी को अगवा कर लिया.
फिलहाल चिलुआताल पुलिस ने तहरीर के आधार पर अपहरण व उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 (लव जिहाद) के तहत युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार के निर्देश पर क्राइम ब्रांच और चिलुआताल थाने की पुलिस बीजापुर रवाना हो गई है.
-देवराज दुबे
रायसेन. मध्य प्रदेश के रायसेन में रिश्तों को तार-तार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस का दावा है कि पैसों की लालच में इस वारदात (Crime) को अंजाम दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, 1 करोड़ रुपयों की फसल बीमा राशि पाने की लालच में मामा ने अपनी भांजी के साथ मिलकर अपने ही छोटे भाई का कत्ल कर दिया. मामा अपनी भांजी को मुंबई भेजकर फिल्म स्टार बनाने के सपने देख रहा था. भांजी भी फिल्म स्टार ही बनना चाहती थी. इसलिए दोनों ने मिलकर खौफनाक वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, विदिशा निवासी मृतक अखिलेश किरार की हत्या की गई है. हत्या के मामले में उसके बड़े भाई धीरज धाकड़ और भांजी सैलजा को गिरफ्तार किया गया है. वारदात के पीछे की वजह 1 करोड़ रुपये की फसल बीमा पॉलिसी बताई गई है. पुलिस का दावा है कि मृतक का बड़ा भाई धीरज धाकड़ अपनी बहन की लड़की भांजी सैलजा को मुंबई भेजकर एक्टर बनाना चाहता था, पैसे की कमी के कारण वह मुंबई अपनी भांजी को नहीं भेज पा रहा था. फसल के पैसे में नोमनी में मां का नाम था.
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
मामा और भांजी ने हत्या की योजना बनाई और घर से छोटे भाई को साथ लेकर सुबह-सुबह निकल पड़े. विदिशा से बरेली के लिए निकले आरोपी चिकलोद के जंगल में छोटे भाई पर चाकुओं से हमला किया. इसमें उनकी मौत हो गई. इसके बाद सिर को पत्थर से कुचलकर शव को जंगल में ही फेंक दिया. जंगल से पुलिस ने शव को बरामद किया. इसके बाद उसकी पहचान अखिलेश किरार के रूप में हुई. फिर पुलिस ने जांच शुरू की. मोबाइल लोकेशन व पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मामले का खुलासा किया है. आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
झाबुआ/भोपाल, 13 जनवरी | मध्य प्रदेश में लगातार बर्ड फ्लू का दायरा बढ़ता जा रहा है, अब तो झाबुआ के कड़कनाथ पर भी बर्ड फ्लू का साया मंडराने लगा है। यहां के कड़कनाथ में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके चलते संक्रमित क्षेत्र में आगामी तीन माह तक के लिए कुक्कुट के व्यापार और परिवहन पर रोक लगाई गई है। यहां के दो हजार चूजों का ऑर्डर तो क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने दिया था। आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी में बताया गया है कि झाबुआ जिले के ग्राम रूंडीपाड़ा में कड़कनाथ मुर्गी में एच5एन1 वायरस मिला है। झाबुआ कलेक्टर रोहित सिंह को भारत सरकार के बर्ड फ्लू एक्शन प्लान 2021 के अनुसार निस्तारण, चारा-दाना, अंडे आदि को नष्ट और प्रभावित स्थल को सेनिटाइज और डिसइन्फेक्ट करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रभावित स्थल से एक किलोमीटर की परिधि को संक्रमित क्षेत्र मानते हुए सभी प्रकार के कुक्कुट की कलिंग (नष्ट) की जायेगी।
वहीं एक से नौ किलोमीटर की परिधि को सर्विलांस जोन मानते हुए सेम्पल कलेक्शन किया जायेगा। संक्रमित क्षेत्र में अगले तीन माह तक कुक्कुट और कुक्कुट उत्पाद की रिस्टॉकिंग और कुक्कुट परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा। झाबुआ जिले के कुक्कुट बाजार और पोल्ट्री फार्मों को संक्रमण रहित किया जायेगा।
सूत्रों का कहना है कि झाबुआ के थांदला क्षेत्र के रूंपीपाड़ा स्थिति विनेाद के फार्म हाउस में मृत कड़कनाथ के शव के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, उसकी रिपोर्ट आ गई है। यह वह फार्म है जिससे दो हजार चूजे का आर्डर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने दिया था। मौसम के ठीक हेाने पर इन चूजों को महेंद्र सिंह धोनी के रांची स्थित फार्म पर भेजा जाना था।
बताया गया है कि रूंडीपाड़ा के फार्म में अब तक बड़ी संख्या में कुक्कुट सामग्री को नष्ट कर दफनाया जाएगा। इसकी झाबुआ प्रशासन और पशुपालन विभाग ने तैयारी शुरु कर दी है। इसके लिए गड्ढा किया जाएगा, कुक्कुट सामग्री को दफनाने के बाद चूना डालकर कांटे बिछाए जाएंगे।
प्रदेश में अब तक 19 जिलों में बर्डफ्लू पाया गया है। इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, अशोकनगर, दतिया और बड़वानी में एच5एन8 की पुष्टि हुई है। प्रदेश के 42 जिलों से लगभग 2100 कौवों और जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना मिली है। विभिन्न जिलों से 386 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल को भेजे गये हैं। (आईएएनएस)
मुरादाबाद, 13 जनवरी | उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। एक शख्स पर अपनी विवाहिता छोटी बहन के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है जबकि उसके दोस्त ने इस कृत्य को फिल्माया। घटना पिछले महीने 23 दिसंबर को पीड़िता के पति की गैरमौजूदगी में हुई थी।
खबरों के मुताबिक, वह शख्स अपनी छोटी बहन के घर पर नशे की हालत में आया और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके दोस्त ने भी शराब पीकर उसके कृत्य को मोबाइल फोन में फिल्मा लिया। आरोपी ने किसी को सूचित करने पर वीडियो क्लिप को ऑनलाइन अपलोड करने की धमकी दी।
आरोपी जब पीड़िता का पीछा करने लगा और परेशान करने लगा तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
महिला के माता-पिता ने शुरू में पुलिस के पास नहीं जाने के लिए उस पर दबाव डाला।
हालांकि, उत्पीड़न और धमकी के बाद, पीड़िता ने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया और मुरादाबाद पुलिस ने सोमवार को उसके भाई और उसके दोस्त के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
अपनी शिकायत में, महिला ने कहा कि उसने अपने पति को सूचित किया था और दंपति तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहते थे, लेकिन 'परिवार की प्रतिष्ठा' की खातिर उसके माता-पिता ने रोक दिया।
महिला ने कहा कि उसने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया क्योंकि आरोपी उसके घर के बाहर घूमता रहा और उसे परेशान करने और डराने की कोशिश करता रहा।
सिविल लाइंस के एसएचओ दरवेश कुमार ने कहा, "मुख्य आरोपी और उसके दोस्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म के लिए सजा), 452 (चोट, हमले या गलत नीयत के साथ घर में घुसना) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।"
उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी फरार हैं लेकिन उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। (आईएएनएस)
अयोध्या, 13 जनवरी | अयोध्या में टीकाकरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के नामों में एक ऐसी नर्स का नाम भी शामिल किया गया है, जिसकी पहले ही मौत हो चुकी है। इस सूची में उन लोगों के नाम हैं, जिन्हें पहले चरण में वैक्सीन डोज दिया जाना है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अयोध्या के डफरिन अस्पताल के लिए तैयार की गई सूची में 3 ऐसी नर्सों के नाम लिखे हैं, जिनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है, दूसरी सेवानिवृत्त हो चुकी है और तीसरी नर्स ने इस्तीफा दे दिया है। ये तीनों नाम उन व्यक्तियों की सूची में शामिल हैं जिन्हें पहले चरण में वैक्सीन मिलना है।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने अब मामले में जांच का आदेश दिया है और आश्वासन दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि गलती से ये नाम इस सूची में शामिल हो गए हैं। ये सूची 3 महीने पहले तैयार की गई थी और इसे अभी तक अपडेट नहीं किया गया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को 16 जनवरी को राज्य के 852 केंद्रों के जरिये वैक्सीन डोज दिए जाएंगे। देश में इसी दिन से राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण अभियान शुरू होना है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के 1,500 केंद्रों पर कोविड-19 टीकाकरण के लिए दूसरा ड्राई रन किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में ड्राई रन का निरीक्षण किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी | देश में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 15,968 नए मामले सामने आने के साथ दैनिक मामलों की संख्या में आ रही गिरावट अभी भी जारी है। बुधवार को जारी अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब देश में संक्रमण के मामलों की संख्या 1,04,95,147 हो गई है। इससे पहले मंगलवार को देश में 12,584 नए मामले दर्ज किए गए थे जो बीते 7 महीनों में दैनिक मामलों का सबसे छोटा आंकड़ा था। इससे पहले 18 जून को 12,881 मामले दर्ज हुए थे।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 202 मौतें हुईं हैं, जिसके बाद मरने वालों की कुल संख्या 1,51,529 हो गई है। पिछले 19 दिनों से देश में रोजाना 300 से कम मौतें दर्ज हो रही हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,01,29,111 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। देश में अभी 2,14,507 सक्रिय मामले हैं। सक्रिय संक्रमण वाले लगभग 43.96 प्रतिशत हेल्थ केयर फैसिलिटीज में हैं और बाकी लोग घर में आइसोलेशन में हैं। देश में रिकवरी दर 96.51 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा कि 12 जनवरी तक परीक्षण किए गए नमूनों की कुल संख्या 18,34,89,114 थी, जिनमें से 8,36,227 नमूनों का परीक्षण मंगलवार को किया गया था।
देश में दर्ज हुए दैनिक मामलों में से 70 फीसदी मामले 7 राज्यों - केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के हैं।
बता दें कि बहुप्रतीक्षित सामूहिक टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए सरकार ने 2 टीकों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 1.1 करोड़ 'कोविशिल्ड' और 55 लाख 'कोवैक्सीन' डोज क्रमश: 200 रुपये और 206 रुपये प्रति डोज की लागत पर खरीदे गए हैं। (आईएएनएस)
पटना, 13 जनवरी | बिहार की राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में पटना हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन प्रबंधक रुपेश कुमार सिंह (40 वर्ष) की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुिलस ने हत्यारे को पकड़ने के लिए जांच टीम गठित कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि सिंह मंगलवार की रात अपने पुनाईचक स्थित कुसुमविला अपार्टमेंट में प्रवेश कर ही रहे थे कि अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोली चला दी। आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पतालों में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त अपार्टमेंट का सीसीटीवी बंद था।
रुपेश को छह गोली लगी है।
इधर, पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने बताया कि अब तक हत्या के कारणों का पता नही चल सका है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। रुपेश कुमार सिंह का शव सारण जिले में उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है।
पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक संजय सिंह ने भी बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। जांच दल में तेज तर्रार थाना प्रभारियों को रखा गया है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी को खंगाल रही है।
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 13 जनवरी| उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गांधी पार्क इलाके में रेलवे पटरियों के पास से एक 15 वर्षीय लड़की का शव बरामद किया गया है, जिसका कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, किशोरी रविवार सुबह हरदुआगंज थानाक्षेत्र के अंतर्गत गांव में अपने घर से लापता हो गई थी।
उसके बाद किशोरी के परिवार को मैसेज मिला कि उसका अपहरण कर लिया गया है और उसकी रिहाई के लिए फिरौती के रूप में पांच लाख रुपये की मांग की गई।
अपहरणकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर फिरौती का भुगतान नहीं किया गया, तो पीड़िता की आपत्तिजनक स्थिति वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाएगा।
गांधी पार्क पुलिस स्टेशन में सोमवार को लड़की के परिवार द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, वे पैसे नहीं जुटा पा रहे थे और लड़की की तलाश करने की पूरी कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने किशोरी के परिवार को मंगलवार को एक लड़की के शव की शिनाख्त करने के लिए बुलाया। शव रेलवे पटरियों पर उनके गांव से कई किलोमीटर दूर पाया गया। शव लापता किशोरी का ही निकला।
पुलिस अधीक्षक (सिटी) कुलदीप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस घटना के संबंध में परिवार ने तीन लोगों का नाम लिया है।
उन्होंने कहा कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि तीनों पर हत्या और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि वे घटनास्थल पर मिले सुसाइड नोट की भी जांच कर रहे हैं, जो पीड़िता के शव के साथ मिला था।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
शाहजहांपुर, 13 जनवरी | उत्तर प्रदेश में एक शर्मनाक वाकया सामने आया है, जहां 11 वर्षीय एक नाबालिग के साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया गया। उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे यहां मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, लड़की को पहले तिलहर के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया था, जहां से उसे शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। मेडिकल जांच के बाद उसे वापस घर भेज दिया गया।
कक्षा 4 की एक छात्रा के साथ 7 जनवरी को कथित रूप से दुष्कर्म किया गया था और उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे मारने की कोशिश की और उसे मरा हुआ समझकर वहां से चला गया।
पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने कहा, "लड़की के परिवार के सदस्यों द्वारा शिकायत के बाद एक मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, और मामले की जांच की जा रही है।"
इस बीच, तिलहर के भाजपा विधायक रोशनलाल वर्मा ने कहा कि मंगलवार को लड़की की हालत बिगड़ने के बाद उन्होंने लड़की को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "यह जानकारी मिलने पर कि लड़की की हालत बहुत खराब है, मैं उसके घर पहुंचा और उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।"
वर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के समक्ष उठाया है। उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक यू.पी. सिन्हा ने कहा कि लड़की को भाजपा विधायक द्वारा मेडिकल कॉलेज लाया गया था और डॉक्टरों की एक टीम लड़की की देखभाल कर रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी | केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन बुधवार को 49वें दिन जारी है। आंदोलनकारी किसान लोहड़ी पर्व पर आज (बुधवार) नये कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताएंगे। किसान संगठनों के नेताओं ने आंदोलन तेज करने को लेकर पूर्व घोषित सभी कार्यक्रमों को जारी रखने का फैसला लिया है। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य प्रांतों में भी लोहड़ी पर्व पर किसान तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताएंगे। नये कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों और उनके समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के मसले पर पूछे गए सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा, किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, इसलिए किसी कमेटी में जाने की बात उनको मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भी कमेटी बनाकर फैसला करने का सुझाव दिया था जिसे सभी किसान संगठनों ने एकमत से खारिज कर दिया था।
आंदोलनकारी किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर 2020 से डेरा डाले हुए हैं और सिंघु बॉर्डर मुख्य प्रदर्शन स्थल है जहां आज लोहड़ी पर्व पर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का विशेष कार्यक्रम होगा। सिंघु बॉर्डर पर मौजूद पंजाब के किसान नेता और भाकियू के जनरल सेक्रेटरी पाल माजरा ने आईएएनएस को बताया कि दिन के करीब 12 बजे यहां किसान संगठनों की बैठक होगी जिसमें तीनों कानूनों की प्रतियां जलाने के कार्यक्रम का समय तय होगा।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगाने का फैसला लिया और किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्य हैं।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन में शामिल किसान संगठनों की तरफ से एक बयान में कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा गठित कमेटी में शामिल सभी चारों सदस्य नए कृषि कानून के पैरोकार हैं। मोर्चा की तरफ से जारी बयान में किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि हमें संतोष है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्वक विरोध करने के अधिकार को मान्यता दी है।
बयान में कहा गया कि संयुक्त किसान मोर्चा तीनों किसान विरोधी कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है क्योंकि यह आदेश उनकी इस मान्यता को पुष्ट करता है कि यह तीनों कानून असंवैधानिक हैं। उन्होंने कहा, लेकिन यह स्थगन आदेश अस्थाई है जिसे कभी भी पलटा जा सकता है। हमारा आंदोलन इन तीन कानूनों के स्थगन नहीं इन्हें रद्द करने के लिए चलाया जा रहा है। इसलिए केवल इस स्टे के आधार पर हम अपने कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा, हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन हमने इस मामले में मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना नहीं की है और ऐसी किसी कमेटी से हमारा कोई संबंध नहीं है। चाहे यह कमेटी कोर्ट को तकनीकी राय देने के लिए बनी हो या फिर किसानों और सरकार में मध्यस्थता के लिए, किसानों का इस कमेटी से कोई लेना देना नहीं है। कोर्ट ने जो चार सदस्य कमेटी घोषित की है उसके सभी सदस्य इन तीनों कानूनों के पैरोकार रहे हैं और पिछले कई महीनों से खुलकर इन कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने की असफल कोशिश करते रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी | देश में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 15,968 नए मामले सामने आने के साथ दैनिक मामलों की संख्या में आ रही गिरावट अभी भी जारी है। बुधवार को जारी अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब देश में संक्रमण के मामलों की संख्या 1,04,95,147 हो गई है। इससे पहले मंगलवार को देश में 12,584 नए मामले दर्ज किए गए थे जो बीते 7 महीनों में दैनिक मामलों का सबसे छोटा आंकड़ा था। इससे पहले 18 जून को 12,881 मामले दर्ज हुए थे।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 202 मौतें हुईं हैं, जिसके बाद मरने वालों की कुल संख्या 1,51,529 हो गई है। पिछले 19 दिनों से देश में रोजाना 300 से कम मौतें दर्ज हो रही हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,01,29,111 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। देश में अभी 2,14,507 सक्रिय मामले हैं। सक्रिय संक्रमण वाले लगभग 43.96 प्रतिशत हेल्थ केयर फैसिलिटीज में हैं और बाकी लोग घर में आइसोलेशन में हैं। देश में रिकवरी दर 96.51 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा कि 12 जनवरी तक परीक्षण किए गए नमूनों की कुल संख्या 18,34,89,114 थी, जिनमें से 8,36,227 नमूनों का परीक्षण मंगलवार को किया गया था।
देश में दर्ज हुए दैनिक मामलों में से 70 फीसदी मामले 7 राज्यों - केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के हैं।
बता दें कि बहुप्रतीक्षित सामूहिक टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए सरकार ने 2 टीकों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 1.1 करोड़ 'कोविशिल्ड' और 55 लाख 'कोवैक्सीन' डोज क्रमश: 200 रुपये और 206 रुपये प्रति डोज की लागत पर खरीदे गए हैं। (आईएएनएस)
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 13 जनवरी| उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गांधी पार्क इलाके में रेलवे पटरियों के पास से एक 15 वर्षीय लड़की का शव बरामद किया गया है, जिसका कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, किशोरी रविवार सुबह हरदुआगंज थानाक्षेत्र के अंतर्गत गांव में अपने घर से लापता हो गई थी।
उसके बाद किशोरी के परिवार को मैसेज मिला कि उसका अपहरण कर लिया गया है और उसकी रिहाई के लिए फिरौती के रूप में पांच लाख रुपये की मांग की गई।
अपहरणकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर फिरौती का भुगतान नहीं किया गया, तो पीड़िता की आपत्तिजनक स्थिति वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाएगा।
गांधी पार्क पुलिस स्टेशन में सोमवार को लड़की के परिवार द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, वे पैसे नहीं जुटा पा रहे थे और लड़की की तलाश करने की पूरी कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने किशोरी के परिवार को मंगलवार को एक लड़की के शव की शिनाख्त करने के लिए बुलाया। शव रेलवे पटरियों पर उनके गांव से कई किलोमीटर दूर पाया गया। शव लापता किशोरी का ही निकला।
पुलिस अधीक्षक (सिटी) कुलदीप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस घटना के संबंध में परिवार ने तीन लोगों का नाम लिया है।
उन्होंने कहा कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि तीनों पर हत्या और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि वे घटनास्थल पर मिले सुसाइड नोट की भी जांच कर रहे हैं, जो पीड़िता के शव के साथ मिला था।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 13 जनवरी| श्रीनगर में इस सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। बुधवार को यहां तापमान माइनस 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा। यहां अभी 40 दिन की भीषण ठंड वाली अवधि 'चिल्लई कलां' चल रही है और अब यह अपने चरम पर है। यह 31 जनवरी को खत्म होगी। स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है, "माइनस 7.8 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ श्रीनगर में मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। अब से 8 साल पहले 14 जनवरी 2013 को भी इतना ही तापमान दर्ज किया गया था।"
यहां की डल झील और घाटी की अन्य प्रमुख झीलों के कई हिस्से जम गए हैं। लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे जमे हुए जलस्रोतों पर स्केटिंग न करें क्योंकि इससे उनके जीवन को खतरा हो सकता है।
श्रीनगर में बुधवार को न्यूनतम तापमान माइनस 7.8, पहलगाम में माइनस 11.7 और गुलमर्ग में माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं लद्दाख के लेह शहर में रात का न्यूनतम तापमान माइनस 16.3, कारगिल में माइनस 19.6 और द्रास में माइनस 28.4 रहा।
जम्मू शहर का न्यूनतम तापमान 6.9, कटरा में 4.4, बटोटे में 4.9, बेनिहाल में 4.0 और भद्रवाह में माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस रहा। (आईएएनएस)
जोहान्सबर्ग, 13 जनवरी | द इंडिपिडेंट कम्युनिकेशंस अथॉरिटी ऑफ साउथ अफ्रीका (आईसीएएसए) ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे उन मिथकों का शिकार न हों जो कोविड-19 प्रसार को 5जी तकनीक से जोड़ रहे हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, आईसीएएसए के चेयरपर्सन केबेत्सवे मोदिमेंग ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, "हम सभी को उन सबूतों पर भरोसा करना चाहिए जिनका वैज्ञानिक आधार है। हमें ऐसे निराधार सिद्धांतों से दूर रहने की जरूरत है जो देश में डर और अस्थिरता लाने पर आमादा हैं।"
दरअसल, कुछ लोगों ने पिछले हफ्ते वोडाकॉम और एमटीएन टेलीकॉम टावरों को जला दिया था। उनका मानना है कि कोविड-19 का प्रसार 5जी टेक्नॉलॉजी आने से जुड़ा है।
मोदिमेंग ने कहा, "कुछ टेलीकॉम इंडस्ट्री ने दक्षिण अफ्रीका की कुछ जगहों पर 5जी टेक्नॉलॉजी की फ्रिक्वेंसी जांचने का काम 2020 में महामारी आने से पहले ही ऑपरेटरों को दे दिया था। ऐसे में इस तरह के झूठे सिद्धांत केवल निराशा का कारण बन सकते हैं और दक्षिण अफ्रीकी लोगों में अनावश्यक टेक्नोफोबिया फैलाते हैं। इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।"
आईसीएएसए ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 5जी टेक्नॉलॉजी देश या इसके नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए कोई जोखिम पैदा करता है। (आईएएनएस)