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-चंदन कुमार जजवाड़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ़्ते दावा किया कि देश में तमाम जगहों पर नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों यानी एम्स अस्पताल खोले गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था - “बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए असम के गुवाहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल के कल्याणी तक, झारखंड के देवघर से लेकर बिहार में दरभंगा तक इस प्लानिंग के साथ नए-नए एम्स खोले गए हैं ताकि लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर न जाना पड़े.”
बिहार के दरभंगा ज़िले में एम्स की स्थापना को लेकर राजनीति गर्मा गयी है.
राजद से लेकर जदयू और कांग्रेस ने पीएम मोदी पर ग़लत बयान देने का आरोप लगाया है.
बीती 26 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बिहार सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें बताया गया था कि बिहार सरकार जिस जगह पर एम्स के लिए ज़मीन दे रही है, वह सही नहीं है.
इस पत्र में बताया गया था कि संबंधित ज़मीन सड़क से काफ़ी नीचे है जिसकी अच्छी तरह भराई करने के लिए गुणवत्ता वाली मिट्टी की ज़रूरत होगी जो संभवत: दरभंगा और उसके आसपास न मिले.
तेजस्वी यादव के ट्वीट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बचाव में बिहार सरकार पर लेट-लतीफ़ी का आरोप लगाते दिखे हैं.
हालांकि, दरभंगा में एम्स बनाए जाने की स्वीकृति 19 सितंबर, 2020 में मिली थी जिस वक़्त बिहार में एनडीए की सरकार थी जिसमें बीजेपी नेता मंगल पांडेय स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में थे.
मनसुख मांडविया ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने पहली बार 3 नवंबर 2021 को ज़मीन दी थी. संयोग से उस वक़्त भी बिहार में एनडीए की सरकार थी और मंगल पांडेय ही स्वास्थ्य मंत्री थे.
दरभंगा में एम्स को लेकर चल रही सियासत के बीच इसकी सच्चाई जानने के लिए हम उस जगह पर पहुंचे जहां एम्स के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने ज़मीन देने का प्रस्ताव दिया था.
ज़मीनी हक़ीक़त क्या है?
यह जगह दरभंगा शहर से क़रीब 5 किलोमीटर दूर शोभन-भरौल बाइपास पर मौजूद है. इसके साथ ही यह ज़मीन दरभंगा के हवाई अड्डे से क़रीब 8 किलोमीटर दूर और चार लेन की मुख्य सड़क से क़रीब 3 किलोमीटर अंदर है.
यह ज़मीन बलिया मौजा के अंतर्गत आती है. यहां की ज़मीन सड़क से काफ़ी नीचे की तरफ़ है और बारिश की वजह से ज़मीन का ज़्यादातर हिस्सा पानी में डूबा हुआ है.
एम्स के लिए ज़मीन देने की पेशकश जिस पंचोभ गांव की पंचायत ने की थी, उसके मुखिया राजीव चौधरी ने इस बारे में बीबीसी से बात की है.
राजीव चौधरी का दावा है कि शोभन में एम्स बनाने का सुझाव गांव वालों ने ही राज्य सरकार को दिया था, क्योंकि यहां सरकार के पास बड़ी ज़मीन है और गांव वाले भी अपनी इच्छा से ज़मीन देने को तैयार हैं.
इस ज़मीन का ही 151 एकड़ हिस्सा केंद्र सरकार को एम्स के लिए दिया गया था.
इसमें 131 एकड़ ज़मीन राज्य सरकार की है जबकि 20 एकड़ ज़मीन स्थानीय किसानों की है. यानि यहां ज़मीन अधिग्रहण को लेकर कोई समस्या नहीं थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अपने जिस पत्र में एम्स के लिए सुझाई गई ज़मीन से जुड़ी समस्याओं का ज़िक्र किया था, उसी पत्र में ज़मीन भरने की लागत आदि पर भी बात की गयी थी.
भूषण ने लिखा था कि इस तरह की ज़मीन को भरने पर निर्माण की लागत काफ़ी ज़्यादा बढ़ जाएगी.
हालांकि, तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार सरकार ने न केवल 151 एकड़ ज़मीन मुफ़्त में देने का प्रस्ताव भेजा था बल्कि अपने ख़र्च पर ज़मीन भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी.
वहीं, राजीव चौधरी का दावा है कि ‘केंद्र की जो टीम यहां आई थी, उसने शुरू में कहा था कि देश में जितने भी एम्स बन रहे हैं, उसमें सबसे अच्छी ज़मीन यही है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह हाइवे और एयरपोर्ट का पास होना था. यह ज़मीन खुले और हरे-भरे इलाक़े में भी है जहां निर्माण कार्य बेहतर और तेज़ी से किया जा सकता है. साथ ही इस इलाक़े में ट्रैफ़िक जाम जैसी समस्या नहीं है.’
वो दलील देते हैं कि ऐसे ही निचले इलाक़े में मिट्टी भरकर बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज बना है. इसके अलावा कई निजी इमारतें और हॉस्पिटल ऐसी ही ज़मीन पर बने हैं.
दरभंगा के ही देकुली पंचायत के मुखिया श्यामनंदन प्रसाद कहते हैं कि निचला इलाक़ा होना कोई वजह नहीं है, यह काम केंद्र सरकार और राज्य सरकार की राजनीतिक खींचतान की वजह से नहीं हो पा रहा है.
राजीव चौधरी आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार को लगता है कि यहां एम्स बना तो इसका श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ले जाएंगे.
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया है कि बिहार सरकार हर जगह मेडिकल कॉलेज बनवा रही है. एम्स पटना और दरभंगा में ही बनना चाहिए, यह हमारी इच्छा है.
स्थानीय पंचायत गुढ़ियारी के मुखिया सुरेश प्रसाद सिंह भी यही आरोप लगाते हैं कि सरकारों की आपसी खींचतान की वजह से यहां का काम अटक गया है, जो सरासर ग़लत है.
पास के ही गुढ़इला पंचायत के मुखिया राम जी राम कहते हैं कि दरभंगा के पड़ोसी ज़िले मधुबनी, समस्तीपुर, मुज़फ़्फ़रपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और नेपाल तक के मरीज़ों को यहां एम्स बनने से फ़ायदा होता.
एम्स पर सियासत
एम्स को लेकर प्रधानमंत्री के दावों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे झूठ बताया है और ऐसी ख़बरों को शेयर किया है, जिसमें देशभर के एम्स में बड़ी संख्या में खाली पदों का ज़िक्र है.
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी जगह पर एम्स के निर्माण को लेकर किए गए दावों पर सियासत हुई है.
इससे पहले तमिलनाडु के मदुरै में बन रहे एम्स पर भी काफ़ी राजनीतिक हंगामा हुआ था.
ख़बरों के मुताबिक़, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदुरै में एक कार्यक्रम में पिछले साल ही दावा किया था कि मदुरै एम्स का 95 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है.
नड्डा के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी ज़्यादा शेयर की गई थी, जिसमें कांग्रेस और लेफ़्ट के सांसद मदुरै की उस खाली ज़मीन को दिखा रहे थे, जहां एम्स के 95 फ़ीसदी काम पूरा होने का दावा किया गया था.
यही नहीं पिछले हफ़्ते कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयानों पर कहा कि उनका मदुरै एम्स पर दिया गया बयान सच से अलग है, मदुरै एम्स में कोई काम नहीं हो रहा है और इसकी संभावना बहुत कम है कि यह काम समय पर पूरा हो पाएगा. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 15 अगस्त। प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक राजीव भवन में चल रही है। बैठक के लिए पहुंचे डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि टिकट वितरण के लिए कोई कोटा तय नहीं है । केवल जीतने की क्षमता ही मुख्य आधार होगा। उन्होंने कहा कि यह देखकर कि ये दावेदार टीएस बाबा के गुट है टिकट नहीं मिलेगा, केवल विनिबिलिटी के आधार पर ही दी जाएगी। इस बैठक में चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज सहित समिति के सदस्य शामिल होंगे. बैठक में शामिल होने के लिए मंत्री रविंद्र चौबे, अनिला भेड़िया, जय सिंह अग्रवाल, विधायक विकास उपाध्याय, राजिम विधायक अमितेश शुक्ला, राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम, रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा राजीव भवन पहुंच गए हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इस बैठक में जिसमें प्रत्याशी चयन का फॉर्मूला तय किया जा सकता है. साथ ही दावेदारों से आवेदन लेने की प्रक्रिया पर फैसला हो सकता है.
बलौदा बाजार 15 अगस्त। खेत में काम कर रहे ग्रामीणों को दल से बिछड़े एक हाथी ने तब दौड़ाकर कुचल दिया जब वे शोर मचा कर उसे भगाने की कोशिश कर रहे थे। इसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि दूसरा बुरी तरह घायल हो गया।
पिछले कई दिनों से जिले में हाथियों का उत्पात बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। इन दिनों खेती किसानी का काम जोरों पर है, पर ग्रामीण खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं। देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम कुशगढ़ में सोमवार को दल से बिछड़कर एक हाथी खेतों की ओर पहुंच गया। घटना के वायरल वीडियो से पता चलता है कि अचानक हाथी को आते देख ग्रामीण शोर बचाकर उसे भगाने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान हाथी उन किसानों की तरफ दौड़ पड़ा। घबराए ग्रामीण उल्टे पैर भागने लगे लेकिन कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए गए गोवर्धन और घुरऊ साहू को हाथी ने सूंड से उठाकर पटक दिया। इसमें गोवर्धन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि घुरऊ बुरी तरह घायल हो गया। उसे उपचार के लिए रायपुर रेफर किया गया।
कांकेर, 15 अगस्त। कांकेर के नरहरदेव मैदान आज स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान विधायक व संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी भी पहुंचे हुए थे। तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उस वक्त वे परेड सलामी के बाद सीएम के संदेश का वाचन कर रहे थे।फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर बनी हुई है। उनका शुगर, बी पी कम होने की जानकारी दी गई है ।
हरियाणा की नूंह हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस ने बिट्टू बजरंगी को गिरफ़्तार किया है.
हरियाणा पुलिस की एडीजी (कानून-व्यवस्था) ममता सिंह ने बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा से इस गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.
बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने मंगलवार शाम फरीदाबाद से गिरफ़्तार किया.
पुलिस ने एक प्रेस रिलीज में बताया, ''बिट्टू बजरंगी और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ थाना सदर नूह में अवैध हथियार अधिनियम और आईपीसी की संगीन धाराओं 148/149/332/353/186/395/397/506 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था.''
पुलिस ने बताया, ''बिट्टू बजरंगी और15-20 लोगों द्वारा नूंह की महिला पुलिस अधिकारी के सामने तलवार इत्यादि हथियारों से प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई थी. उन्हें समझाया भी गया था लेकिन लेकिन उग्र होकर सरकारी कार्य में बाधा डाली.''
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और यह हिंसा गुरुग्राम के कुछ इलाकों में भी हुई. (bbc.com/hindi)
भारत और चीन के बीच 19वें दौर की सैन्य वार्ता में भी सीमा विवाद को लेकर बड़ी सफलता नहीं मिली.
दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बाकी मुद्दों को जल्द सुलझाने पर सहमति जताई है.
13-14 अगस्त को एलएसपी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता हुई. यह वार्ता दो दिनों तक चली जिसके बाद मंगलवार को संयुक्त बयान जारी किया गया.
बयान में कहा गया है, '' वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी से लगते बाकी मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक और गहन चर्चा हुई.'' ऐसा पहली बार हुआ जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के संबंध में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता दो दिन तक चली.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया, '' वे बाकी बचे मुद्दों का जल्द समाधान करने तथा सैन्य और कूटनीतिक माध्यम से संवाद और बातचीत का दौर आगे जारी रखने पर सहमति जताई है.'' बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने पर सहमत हैं. (bbc.com/hindi)
-शहबाज़ अनवर
मथुरा के वृंदावन में मंगलवार शाम को एक बड़ा हादसा हो गया.
यहां बांके बिहारी मंदिर के निकट एक जर्जर इमारत का छज्जा और दीवार गिरने से उसमें दबकर पांच श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं, कई श्रद्धालु घायल हो गए.
पुलिस प्रशासन की टीम ने मौक़े पर पहुंच राहत और बचाव कार्य शुरू किया.
ज़िलाधिकारी मथुरा पुलकित खरे ने मीडिया से कहा, "ये घटना वृंदावन में दुसायत मोहल्ले के नज़दीक शाम के समय घटित हुई है.
इस हादसे में पांच श्रद्धालुओं की मौत हुई है जबकि चार श्रद्धालुओं का इलाज पास के ही अस्पताल में चल रहा है."
उन्होंने बताया कि प्रशासन की पूरी टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है.
एक सवाल के जवाब में ज़िलाधिकारी ने कहा, "इमारत की दीवार और छज्जा कैसे गिरे, ये जांच का विषय है, लेकिन पिछले कई दिन से यहां भारी बारिश हो रही है. मकान की दीवार और छज्जा गिरा है." (bbc.com/hindi)
रायपुर, 15 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 16 अगस्त को जगदलपुर में युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज मैदान धरमपुरा में दोपहर 12 बजे से होगा। मुख्यमंत्री इस मौके पर युवाओं से ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पर चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में युवाओं से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम हो चुका है। इन आयोजनों में युवाओं ने प्रदेश के विकास के संबंध में अपनी आकांक्षाओं को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा है। मुख्यमंत्री ने इन भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में युवा हित में अनेक बड़ी घोषणाएं भी की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल 16 अगस्त को जगदलपुर के शौर्य भवन पुलिस कॉर्डिनेटर लालबाग में शाम 7 बजे ‘पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री बघेल 16 अगस्त को सुबह 11.15 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से प्रस्थान कर पूर्वान्ह 11.45 बजे मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर पहुंचेंगे और शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज मैदान धरमपुरा में दोपहर 12 बजे से आयोजित युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इसके बाद शौर्य भवन पुलिस कॉर्डिनेटर सेंटर में शाम 7 बजे ‘पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल रात्रि विश्राम जगदलपुर में करेंगे।
रायपुर, 15 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज शाम यहां राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां शामिल हुईं। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल श्री हरिचंदन को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
समारोह में सांसद श्री सुनील सोनी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक सर्वश्री श्री अमितेश शुक्ल, श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री कुलदीप जुनेजा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री नंदकुमार साय, छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, पूर्व सांसद श्री चन्द्रशेखर साहू, सहित जनप्रतिनिधिगण और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
स्वागत समारोह में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, वन विभाग के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास राव, पुलिस महानिदेशक श्री संजय पिल्ले, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू,श्रीमती रेणु जी पिल्लई, राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, राज्य नवाचार आयोेग के अध्यक्ष श्री विवेक ढांढ, राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री ठाकुर राम सिंह, रेडक्रॉस के जनरल सेक्रेटरी श्री एम. के. राउत, राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष श्री गौतम चैरडिया, पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी, राज्य हिन्दी ग्रंथ अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, पद्मश्री से सम्मानित डॉ. ए.टी. दाबके, श्री भारती बंधु, श्री अनुज शर्मा एवं प्रजापिता ब्रम्हकुमारी विश्वविद्यालय की बहनें, पदक प्राप्त पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी, दिव्यांग बच्चे, एनसीसी के विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
इसके साथ ही समारोह में राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव, राज्यपाल के उपसचिव श्री दीपक अग्रवाल, राज्यपाल के परिसहायद्वय श्री निशांत कुमार एवं श्री विवेक शुक्ला, सेना एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि सहित गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट को लेकर बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के दावों का जवाब दिया है.
एक वीडियो शेयर करते हुए मालवीय ने दावा किया था कि राजेश पायलट ने मिजोरम की राजधानी आइजोल में 1966 में बम गिराया था.
मालवीय ने दावा किया था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराए. बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने. स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया."
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मालवीय के इन दावों को ख़ारिज किया है.
उन्होंने कहा, "आपने गलत तारीख और गलत तथ्यों का इस्तेमाल किया... हां, भारतीय वायु सेना के पायलट के तौर पर मेरे पिता ने बम गिराए थे, लेकिन वो बम तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में भारत-पाकिस्तान के 1971 युद्ध के दौरान गिराए गए थे, न कि तब जिसका दावा- पांच मार्च, 1966-आप कर रहे हैं. वह भारतीय वायु सेना में 29 अक्टूबर, 1966 को शामिल हुए थे. इसका सर्टिफिकेट मैं यहां जोड़ रहा हूं. जय हिंद और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.''
उन्होंने कहा, ''स्व. श्री राजेश पायलट जी दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे. यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी की थी - काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है. हाँ, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिज़ोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका ज़रूर निभाई थी. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के दौरान संसद में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए इंदिरा गांधी के दौर में हुई मिज़ोरम पर भारतीय वायु सेना की बमबारी का जिक्र किया.
विपक्ष ने मणिपुर की हिंसा का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर पूर्वोत्तर भारत को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया था जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने मिज़ोरम का नाम लिया.
पूर्वोत्तर भारत में कांग्रेस की नीतियों का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने मिज़ोरम में इंडियन एयर फोर्स की बमबारी, साल 1962 में चीनी हमले के समय पूर्वोत्तर के लोगों को बिना मदद के छोड़ने वाले जवाहर लाल नेहरू के रेडियो संदेश जैसी घटनाओं का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, "पांच मार्च, 1966 को कांग्रेस ने मिज़ोरम के असहाय लोगों पर एयर फोर्स के जरिए हमला किया. मिज़ोरम के लोग आज भी उस भयानक दिन का दुख मनाते हैं. उन्होंने (कांग्रेस ने) कभी वहां के लोगों को सांत्वना देने की कोशिश नहीं की. कांग्रेस ने इस बात को देशवासियों से छुपाया. श्रीमति इंदिरा गांधी उस वक़्त देश की प्रधानमंत्री थीं." (bbc.com/hindi)
गुवाहाटी, 15 अगस्त। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पूरे राज्य से आफ्सपा हटाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा, सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (आफ्सपा) अब इस पूर्वोत्तर राज्य के केवल आठ जिलों तक सीमित है।
शर्मा ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा कि पिछले तीन साल में करीब 8,000 "क्रांतिकारी" मुख्यधारा में लौट आए हैं।
उन्होंने कहा, "मैं असम के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस साल के अंत तक, हम असम के हर जिले से आफ्सपा हटाने के लिए सार्थक कदम उठाएंगे। यह असम के इतिहास के लिए 'अमृतमय' समय होगा और हम उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।"
शर्मा ने कहा कि तीन दशक से अधिक समय पहले राज्य में यह कानून लागू किया गया था और उसके बाद उसे 62 बार बढ़ाने की सिफारिश की गई।
उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र अब उग्रवाद से मुक्त है। पिछले तीन साल में, असम के क्रांतिकारियों के साथ चार शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और लगभग 8,000 क्रांतिकारी मुख्यधारा में लौट आए हैं।"
असम सरकार ने आठ जिलों में आफ्सपा के तहत 'अशांत क्षेत्र' अधिसूचना को एक अप्रैल से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। आफ्सपा की अवधि तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दिमा हसाओ में बढ़ाया गया था।
यह कानून पहली बार नवंबर 1990 में असम में लागू किया गया था और तब से राज्य सरकार की समीक्षा के बाद इसे हर छह महीने में बढ़ा दिया जाता है। (भाषा)
मास्को/वाशिंगटन, 15 अगस्त। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए नयी दिल्ली के साथ अपनी विशेष व रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक शुभकामना संदेश में पुतिन ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि दोनों राष्ट्र संयुक्त कोशिशों के जरिये सभी क्षेत्रों में सार्थक द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना जारी रखेंगे। रूसी राष्ट्रपति ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के ज्वलंत मुद्दों का हल करने में रचनात्मक साझेदारी जारी रखने की भी बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नयी दिल्ली के साथ विशेष व रणनीतिक साझेदारी को काफी महत्व देते हैं।’’
पुतिन ने कहा कि आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सामाजिक क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को सार्वभौम मान्यता मिली हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक अहम और रचनात्मक भूमिका निभा रहा है।’’
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘भारतीय लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई। एक महीने पहले पेरिस में, मेरे मित्र नरेन्द्र मोदी और मैंने 2047 में भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत-फ्रांसीसी महत्वाकांक्षाएं निर्धारित की थीं। भारत हमेशा एक भरोसेमंद दोस्त और साझेदार के रूप में फ्रांस पर भरोसा कर सकता है।’’
उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में यह पोस्ट किया और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले महीने की गई फ्रांस यात्रा का एक वीडियो साझा किया, जिसमें दोनों नेता एक दूसरे से मिलते नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने स्वतंत्रता दिवस पर अमेरिका के लोगों की ओर से भारत के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अमेरिका और भारत ने एक मजबूत संबंध बनाया है जो एक खुले, समृद्ध, सुरक्षित व स्थिर विश्व के लिए दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने से और मजबूत हुआ है।
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक दिन, हम अपनी साझेदारी को प्रदर्शित करते हैं, और हम भारत के लोगों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाते हैं, जो दोनों देशों द्वारा साथ मिलकर निर्मित किये जा रहे उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे लोगों की शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सर्वाधिक ज्वलंत वैश्विक चुनौतियों से निपटने की अपनी साझा प्रतिबद्धता में आपके साथ खड़े हैं।’’
आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि आस्ट्रेलिया और भारत के बीच गर्मजोशी भरी दोस्ती ‘‘हमारे लोगों’’ के बीच गहरे जुड़ाव को प्रदर्शित करती है तथा उनका लक्ष्य दोनों राष्ट्रों को भविष्य में और करीब लाना है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम आस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदायों की मजबूती के जरिये यह करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के अवसर पर ‘‘आइए हम हमारी साझा लोकतांत्रिक धरोहर को साझा करें।’’
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने भारत को प्रगति के पथ पर और आगे ले जाने के लिए मोदी को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत ने विश्व को अपने लोगों की साधन संपन्नता प्रदर्शित की है, जिसका कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मॉरीशस हमारे बीच भाई जैसे संबंधों पर गर्व करता है।’’
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने निरंतर शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत के ‘मैत्रीपूर्ण लोगों’ को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि वह आज भारत की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने में शामिल भारत के अपने दोस्तों के साथ हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त। देश में सार्वजनिक शौचालय के प्रवर्तक बिंदेश्वरी पाठक को ‘भारत के टॉयलेट मैन’ के तौर पर पर जाना जाता है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन से सालों पहले शौचालय को सार्वजनिक चर्चा का हिस्सा बनाया था। हालांकि, इसके लिए उन्हें अपने ससुर सहित कई लोगों के उपहास का भी सामना करना पड़ा था।
पाठक ने एक बार बताया था कि उनके ससुर महसूस करते थे कि उन्होंने अपनी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी है क्योंकि वह नहीं बता सकते कि उनका दामाद जीवनयापन के लिए क्या करता है।
पाठक का मंगलवार को ध्वजारोहण के तुरंत बाद दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
उहोंने 1970 में सुलभ की स्थापना की थी जो सार्वजनिक शौचालय का पर्याय बन गया और खुले में शौच को रोकने के लिए जल्द ही यह आंदोलन बन गया।
कार्यकर्ता और सामाज सेवी पाठक को कई लोग ‘सैनिटेशन सांता क्लास’ कहते थे। उनका जन्म बिहार के वैशाली जिले के रामपुर बघेल गांव में हुआ था और परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है।
कॉलेज और कुछ लीक से अलग नौकरियों को करने के बाद वह 1968 में बिहार गांधी शताब्दी समारोह समिति के भंगी-मुक्ति (मैला उठाने वालों की मुक्ति) प्रकोष्ठ में शामिल हो गए। उन्होंने भारत में मैला उठाने की समस्या को रेखांकित किया। जब उन्होंने देश भर की यात्रा की और अपनी पीएचडी शोधपत्र के हिस्से के रूप में सिर पर मैला ढोने वालों के साथ रहे तो उन्हें नयी पहचान मिली।
उन्होंने तकनीकी नवाचार को मानवीय सिद्धांतों के साथ जोड़ते हुए 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की।
संगठन शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
पाठक द्वारा तीन दशक पहले सुलभ शौचालयों को किण्वन (फर्मेन्टेशन) संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस बनाने का डिजाइन अब दुनिया भर के विकासशील देशों में स्वच्छता का पर्याय बन गया है।
पाठक की परियोजना की एक विशिष्ट विशेषता यह रही कि गंध मुक्त बायोगैस का उत्पादन करने के अलावा, यह फॉस्फोरस और अन्य अवयवों से भरपूर स्वच्छ पानी भी छोड़ता है जो जैविक खाद के महत्वपूर्ण घटक हैं।
उनका स्वच्छता आंदोलन स्वच्छता सुनिश्चित करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोकता है। ग्रामीण समुदायों तक इन सुविधाओं को पहुंचाने के लिए इस तकनीक का विस्तार अब दक्षिण अफ्रीका तक किया जा रहा है।
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित पाठक को एनर्जी ग्लोब अवार्ड, दुबई इंटरनेशनल अवार्ड, स्टॉकहोम वाटर प्राइज, पेरिस में फ्रांस के सीनेट से लीजेंड ऑफ प्लैनेट अवार्ड सहित अन्य पुरस्कार भी प्रदान किये गये थे।
पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1992 में पर्यावरण के अंतरराष्ट्रीय सेंट फ्रांसिस पुरस्कार से डॉ. पाठक को सम्मानित करते हुए उनकी सराहना की थी और कहा था,‘‘आप गरीबों की मदद कर रहे हैं।’’
वर्ष 2014 में, उन्हें सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अप्रैल 2016 में, न्यूयॉर्क शहर के महापौर बिल डी ब्लासियो ने 14 अप्रैल, 2016 को बिंदेश्वर पाठक दिवस के रूप में घोषित किया।
12 जुलाई, 2017 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर पाठक की पुस्तक ‘द मेकिंग ऑफ ए लीजेंड’ का नयी दिल्ली में लोकार्पण किया गया था।
वर्ष 1974 स्वच्छता के इतिहास में एक मील का पत्थर था जब 24 घंटे के लिए स्नान, कपड़े धोने और मूत्रालय (जिसे सुलभ शौचालय परिसर के रूप में जाना जाता है) की सुविधा सहायक के साथ भुगतान कर इस्तेमाल करने के आधार पर शुरू की गई थी।
अब सुलभ देश भर के रेलवे स्टेशनों और शहरों में शौचालयों का संचालन और रख-रखाव कर रहा है। भारत के 1,600 शहरों में 9,000 से अधिक सामुदायिक सार्वजनिक शौचालय परिसर मौजूद हैं। इन परिसरों में बिजली और 24 घंटे पानी की आपूर्ति है। परिसरों में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्थान बने हैं। उपयोगकर्ताओं से शौचालय और स्नान सुविधाओं का उपयोग करने के लिए नाममात्र राशि ली जाती है।
कुछ सुलभ परिसरों में स्नान सुविधा, अमानत घर, टेलीफोन और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जाती हैं। इन परिसरों का उनकी स्वच्छता और अच्छे प्रबंधन के कारण लोगों और अधिकारियों दोनों द्वारा व्यापक रूप से पसंद किया जाता है। भुगतान और उपयोग प्रणाली सार्वजनिक खजाने या स्थानीय निकायों पर कोई बोझ डाले बिना आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करती है। परिसरों ने रहने के माहौल में भी काफी सुधार किया है।
वित्त वर्ष 2020 में सुलभ का 490 करोड़ रुपये का ‘टर्नओवर’ था।
सुलभ केवल शौचालय का ही संचालन नहीं करता बल्कि कई व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान भी चला रहा है जहां पर सफाईकर्मियों,उनके बच्चों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को मुफ्त कंप्यूटर, टाइपिंग और शॉर्टहैंड, विद्युत व्यापार, काष्ठकला, चमड़ा शिल्प, डीजल और पेट्रोल इंजीनियरिंग, सिलाई, बेंत के फर्नीचर बनाने जैसे विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
मैला ढोने वालों के बच्चों के लिए दिल्ली में एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापित करने से लेकर वृन्दावन में परित्यक्त विधवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने या राष्ट्रीय राजधानी में शौचालयों का एक संग्रहालय स्थापित करने तक, पाठक और उनके सुलभ ने हमेशा हाशिए पर रहने वाले लोगों के उत्थान की दिशा में काम किया।
पाठक ने एक बार कहा था कि मैडम तुसाद का दौरा करने के बाद उन्होंने शौचालयों का एक संग्रहालय स्थापित करने के बारे में सोचा था। इस संग्रहालय को अक्सर दुनिया भर के सबसे अजीब संग्रहालयों में से एक माना जाता है, लेकिन यह 1970 के दशक में शुरू हुई उनकी यात्रा का वर्णन करता है, जब उन्होंने स्वच्छता पर महात्मा गांधी के मार्ग पर चलने और समाज के सबसे निचले तबके के लोगों के उत्थान का फैसला किया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि भारतीय न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच की बाधाएं दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि न्यायपालिका समावेशी एवं पंक्ति में आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए सुगम हो।
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसलों के प्रभावी हिस्सों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के शीर्ष अदालत के कदम की सराहना किये जाने के शीघ्र बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अबतक शीर्ष अदालत के 9,423 निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।
उच्चतम न्यायालय परिसर में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन में प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत के सभी 35,000 फैसलों को नागरिकों के सामने क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए उसके (उच्चतम न्यायालय) द्वारा किये जा प्रयासों का भी उल्लेख किया।
उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों को सुगम और समावेशी बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है।
इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रोडमैप जरूरी है । उन्होंने कानून के शासन को लोकतंत्र की बुनियाद बताया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लक्ष्य एक ऐसा न्यायतंत्र बनाना है जो लोगों के लिए अधिक सुगम तथा सस्ती हो तथा इंसाफ की प्रक्रियागत बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए प्रौद्योगिकी के सामर्थ्य का दोहन किया जाना है।
एससीबीए के कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीश , अटॉनी जनरल आर वेंकटरमणी, एसीबीए के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वकील आदिश सी अग्रवाल एवं सचिव रोहित पांडे समेत बार एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे।
प्रधान न्यायाधीश ने 27 अतिरिक्त अदालतों, चार रजिस्ट्रार अदालत कक्षों तथा वकीलों एवं वादियों के वास्ते पर्याप्त सुविधाओं की खातिर नये भवन का निर्माण कर शीर्ष अदालत का विस्तार किये जाने की योजना का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि अदालतों को सुगम और समावेशी बनाने के लिए , ‘‘ हमें प्राथमिकता के आधार पर अपनी अदालत अवसंरचना आमूलचूल बदलाव करने की जरूरत है।’’
उन्होंने अकर्मण्यता दूर करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को सबसे अच्छा उपाय बताया।
मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जब आजादी के 75 वें वर्ष को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के रूप मनाया जा रहा है तब यह भारत की यात्रा विश्लेषण करने और यह पता करने का मौका है कि क्या भारत अपने गंतव्य पर पहुंचा। उन्होंने कहा , ‘‘ किसी देश को विकसित बनाने के लिए रोडमैप जरूरी है। हमें रोडमैप बनाना होगा। सभी को भारत को विकसित देश बनाने की प्रक्रिया में मिलकर आगे बढ़ना है।’’
उन्होंने कहा कि पश्चिमी दार्शनिकों के अनुसार मैग्नाकार्टा से पहले ‘कानून के शासन और व्यक्ति के शासन में टकराव था।’
उन्होंने कहा कि मैग्नाकार्टा की धारा 35 व्यवस्था देती है कि भविष्य में कानून का शासन होगा जो लोकतंत्र की बुनियाद है लेकिन भारत में लोकतांत्रिक परंपराओं का इतिहास रहा है जो गौतमबुद्ध के काल में ‘सभाओं’ में नजर आया, जिसका संत रविदास एवं अन्य ने जिक्र किया।
कानून मंत्री ने वकीलों को आश्वासन दिया कि वकील सुरक्षा कानून से जुड़ी बातों एवं वकील चैंबर्स समेत उनके मुद्दों पर मंत्रालय द्वारा गौर किया जा रहा है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग नहीं लेने से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी दल "वंशवाद" से आगे नहीं सोच सकता।
समारोह में शामिल नहीं होने के लिए खरगे द्वारा 'समय की कमी' और यातायात प्रतिबंधों का हवाला देने पर भाजपा ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यक्रम के समय में फेरबदल कर सकती थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर खरगे के लिए आरक्षित कुर्सी खाली रही। खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं।
खरगे ने पहले अपने आवास पर और बाद में कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने कहा, ‘‘... अगर मैं वहां जाता, तो यहां (कांग्रेस मुख्यालय) के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाता।’’
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि खरगे का लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग नहीं लेना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "देश के लोगों को राक्षस कह कर...कांग्रेस ने दिखाया कि वह लोकतंत्र में लोगों को किस प्रकार देखती है। जब हमारे देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता, जो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, 77वें स्वतंत्रता दिवस पर नहीं आते हैं, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कांग्रेस की मानसिकता क्या है।'
ठाकुर ने कहा, "जब वे सत्ता में थे, तो उनके विचार भिन्न थे। आज, जब वे विपक्ष में बैठे हैं, तो सत्ता के लिए उसी तरह तड़प रहे हैं, जैसे पानी से बाहर होने पर मछली तड़पती है।’’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर एक पोस्ट में खरगे का बचाव किया। इसके जवाब में भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि पार्टी कार्यक्रमों के समय में हमेशा फेरबदल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "जो बात हम हमेशा जानते थे, उसे कहने के लिए धन्यवाद- कांग्रेस के लिए पार्टी, राष्ट्र से पहले है।’’
मालवीय ने कहा, "लाल किले का कार्यक्रम एक सामूहिक समारोह है, जब पूरा देश एक साथ आता है। पार्टी के कार्यक्रमों के समय में फेरबदल किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा, "...अब आपके पास सीखने और सुधार लाने के लिए कम से कम पांच साल का और समय है। उम्मीद है कि कांग्रेस आने वाले समय में पार्टी और वंशवाद से परे हट कर सोचेगी।"
खेड़ा ने अपने पोस्ट में कहा कि भाजपा इस बात से "नाराज" है कि खरगे लाल किले पर मोदी के भाषण के दौरान मौजूद नहीं थे, लेकिन क्या प्रधानमंत्री महसूस करते हैं कि उनकी ‘‘मार्ग व्यवस्था’’ के कारण कांग्रेस नेता के लिए ध्वजारोहण के लिए समय पर पार्टी मुख्यालय तक पहुंचना असंभव हो जाता। (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 अगस्त। भारत और पाकिस्तान के लोगों को ‘‘एक ही मिट्टी के’’ बताते हुए फिल्म अभिनेता सनी देओल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वर्ष 1947 में भारत की आजादी के बाद देश के बंटवारे के वक्त दोनों मुल्कों के बाशिंदों के अलग होने का सबब समझ नहीं आया।
फिल्मों में मार-धाड़ वाली भूमिकाओं के लिए मशहूर 65 वर्षीय अभिनेता ने भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर यह भी कहा कि गुजरे बरसों में धीरे-धीरे दुनिया युद्धों से थक चुकी है।
देओल, अपनी नयी फिल्म "गदर 2" के प्रचार के लिए इंदौर आए थे। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक सवाल पर कहा कि भारत-पाकिस्तान के लम्बे समय से चले आ रहे मसले को जनता द्वारा आग नहीं दी जाती।
देओल ने कहा,‘‘मैं तो हमेशा कहता हूं कि हम सब एक ही मिट्टी के हैं। मुझे समझ नहीं आया कि बंटवारे के वक्त हम लोग क्यों अलग हुए, पर (बंटवारा) हो गया…लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’’
अभिनेता से पूछा गया था कि उनकी फिल्म ‘‘गदर’’ का दूसरा संस्करण पिछले 22 बरसों में भारत और पाकिस्तान के बदले संबंधों को किस तरह संबोधित करता है और दोनों मुल्कों के लोगों के लिए उनका क्या संदेश है?
पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद ने कहा,‘‘फिलहाल मैं राजनीति की बात नहीं करना चाहता, लेकिन मुझे लग रहा है कि आहिस्ता-आहिस्ता पूरी दुनिया लड़ाइयों से थक चुकी है।’’
भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुई जंग पर आधारित फिल्म ‘‘बॉर्डर’’ में भारत के फौजी अफसर के किरदार के लिए मशहूर देओल ने कहा, ‘‘दोनों तरफ आप कहीं भी चले जाइए, कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि (युद्ध में) उसका कोई सैनिक मरे क्योंकि वह किसी का पति, बेटा और पिता है। लेकिन जब अपने देश की बात आ जाती है, तो आदमी में जोश आ जाता है और जाहिर-सी बात है कि (इस स्थिति में) वह वही करेगा, जो उसे करना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘‘गदर 2’’ को पाकिस्तान के लोगों का भी प्यार मिल रहा है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘देखिए, प्यार चारों तरफ है। कोई किसी से नफरत नहीं करता। …और हम कलाकार हैं। हम सबके हैं। हम किसी एक के नहीं हैं।’’
प्रेम प्रसंगों के चलते पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के भारत आने और भारतीय महिला अंजू के पाकिस्तान जाने के सवाल पर देओल ने कहा कि वह मीडिया से ‘‘विनम्र अनुरोध’’ करते हैं कि वह अपनी ताकत का इस्तेमाल सही दिशा में करने की कोशिश करे।
उन्होंने कहा,‘‘चीजों को ज्यादा खींचा नहीं जाना चाहिए और इन्हें नकारात्मकता की तरफ नहीं ले जाया जाना चाहिए।’’
मीडिया के साथ बातचीत से पहले, देओल ने इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर महू की फौजी छावनी में पैदल सेना के अनुसंधान केंद्र और संग्रहालय में पहुंचे और स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया।
देओल ने पैदल सेना के अनुसंधान केंद्र और संग्रहालय के परिसर में एक फौजी अफसर के साथ रिमोट का बटन दबाकर विशाल तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद अभिनेता ने संग्रहालय भी देखा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले के प्राचीर से लगातार अपना दसवां स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए कहा कि भारत एक निर्णायक मोड़ पर है और उसमें कोविड महामारी के बाद नयी वैश्विक व्यवस्था को आकार देने की ताकत है । उन्होंने देशवासियों को अगले पांच सालों में उज्ज्वल भविष्य के साथ एक ‘नये भारत’ का आश्वासन भी दिया।
मोदी सुबह सात बजकर 18 मिनट पर लाल किला पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने राजस्थानी बांधनी प्रिंट की विविध रंगों वाली पगड़ी , पूरी बाजू का सफेद कुर्ता, चूड़ीदार पायजामा और ‘वी’ गले का जैकेट पहन रखा था।
मोदी के लाल किले पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव गिरिधर अरामने ने उनकी अगवानी की।
सचिव ने दिल्ली के जनरल अफसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ का मोदी से परिचय करवाया।
जीओसी के साथ प्रधानमंत्री सलामी वाली जगह की ओर बढ़े जहां सशस्त्र बलों के तीनों अंगों और पुलिस गार्ड ने उन्हें सलामी दी।
मोदी लाल किले की प्राचीर की ओर गये जहां रक्षा मंत्री, रक्षा राज्यमंत्री, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने उनका अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री ने सुबह करीब साढ़े सात बजे 17 वीं सदी के इस मुगलकालीन स्मारक से तिरंगा फहराया। दो महिला सैन्य अधिकारियों --मेजर निकिता नैय्यर और जस्मीन कौर ने उन्हें ध्वजारोहण में मदद की।
21 तोपों की सलामी के बीच बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और गार्ड ने राष्ट्रीय सलामी दी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्वदेशी 105एमएम लाइट फील्ड गन का पहली बार प्रतीकात्मक तोप के तौर पर इस्तेमाल किया गया।
ध्वजारोहण के दौरान 8711 फील्ड बैटरी (प्रतीकात्मक) के तोप चलाने वालों (गनर) द्वारा 21 तोपों की सलामी दी गयी।
भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने दर्शकों की करतल ध्वनि के बीच आयोजन स्थल पर पुष्पवर्षा की।
प्रधानमंत्री ने लगातार दसवीं बार स्वतंत्रता दिवस पर डेढ़ घंटे तक देश को संबोधित किया। उन्होंने शीशे के बुलेटप्रुफ आवरण के बजाय खुले मंच से अपना यह संबोधन किया।
विभिन्न उज्ज्वल गांवों के सरपंचों, मछुआरों, नर्सों तथा संसद भवन निर्माण समेत सेंट्रल विस्टा परियोजना से जुड़े कर्मियों समेत निर्माण श्रमिक इस मौके पर 1800 ‘विशिष्ट अतिथियों’ में शामिल थे।
हर राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश से 75 दंपत्तियों को पारंपरिक परिधान में यह समारोह देखने के लिए आमंत्रित किया गया था।
पचास स्कूली शिक्षक भी आमंत्रित लोगों में शामिल थे। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय समर्पण एवं प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा चुना गया था।
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना और सांसद माइक वाल्त्ज के नेतृत्व में अमेरिकी सांसदों का द्विदलीय समूह भी इस कार्यक्रम में पहुंचा था।
इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी जैसे गणमान्य लोग भी इस अवसर पर मौजूद थे।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
जी 20 का निशान लालकिले के पुष्प सजावट का हिस्सा था।
अपने भाषण के बाद प्रधानमंत्री वहां गये जहां स्कूली बच्चे एवं एनसीसी कैडेट थे। वह ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच उनसे मिले।
सूर्य की तेज रोशनी थी। अधिक नमी (उमस) के वजह से लोगों को कुछ परेशानी हुई।
मंगलवार को दिल्ली में बहुु स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी। लाल किला और उसके आसपास 10000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे।
‘फेसियल रिकोगनेशन और वीडियो एनालायटिकल सिस्टम’ के साथ करीब 1000 कैमरे लाल किले और उसके आसपास महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाये गये थे ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और गणमान्य व्यक्तियों की आवाजाही की निगरानी की जा सके। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त। जी20 फिल्म महोत्सव की शुरुआत सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' फिल्म के साथ होगी। जी20 फिल्म महोत्सव का लक्ष्य सिनेमा के क्षेत्र में जी20 और आमंत्रित देशों के बीच मौजूद जीवंत और सहयोगात्मक साझेदारी को और मजबूत बनाना है।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) और विदेश मंत्रालय का जी20 सचिवालय इस महोत्सव का आयोजन करेगा, जिसका उद्घाटन दिग्गज अभिनेता विक्टर बनर्जी और जी20 शेरपा अमिताभ कांत करेंगे। यह फिल्म महोत्सव 16 अगस्त से दो सितंबर तक यहां आईआईसी में आयोजित किया जाएगा।
आईआईसी के निदेशक के. एन. श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, 'भारत के थीम वाक्य वसुधैव कुटुंबकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) के अनुरूप, यह पुरस्कार प्राप्त फीचर फिल्में प्रत्येक देश के मुद्दों और समस्याओं को प्रतिबिंबित करती हैं, पहचान के सवालों को हल करती हैं, उन्हें यादों से जोड़ती हैं और सामाजिक राजनीति आदि जैसी अन्य चीजों को दर्शाती हैं।'
इस फिल्म महोत्सव में सोलह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फीचर फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की 'वी आर स्टिल हियर', ब्राजील की 'एना अनटाइटल्ड', जापान की 'एरिस्टोक्रेट्स', मैक्सिको की 'मेजक्विट्स हार्ट' और दक्षिण कोरिया की 'डिसीजन टू लीव' शामिल हैं।
जी20 देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों द्वारा अभी और कई फिल्मों के नाम दिए जाएंगे।
फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए प्रवेश अभी भी खुला है और निशुल्क है। फिल्मों की स्क्रीनिंग आईआईसी के सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी। (भाषा)
बुलंदशहर (उप्र) 15 अगस्त। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर थाना इलाके में मंगलवार को एक व्यक्ति की उसके बेटे ने डंडे से पीट पीटकर हत्या कर दी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
शिकारपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी वरुण कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि बुलंदशहर के शिकारपुर थाना इलाके के मुफ्तीवाड़ा मोहल्ले के रहने वाले राजपाल (60) का अपने बेटे चेतन के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
इसी कहासुनी को लेकर बेटे ने डंडे से अपने पिता के सिर पर कई वार कर दिए जिसमें उसके पिता की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने पिता के शव को कपड़े की गठरी में बांध दिया और कमरे में ताला लगाकर घर से फरार हो गया।
वारदात की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को घर से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। सीओ ने बताया कि पुलिस ने थोड़ी देर बाद ही आरोपी चेतन को गिरफ्तार कर लिया।
सीओ ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। (भाषा)
शिमला, 15 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के शिमला में क्षतिग्रस्त शिव मंदिर से मंगलवार को दो और शव बरामद होने के बाद समर हिल तथा फागली में भूस्खलन के बाद मिले शवों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है । अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन, बादल फटने और भारी बारिश के कारण मकान ढहने जैसी घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला के समरहिल और फागली में 10 से अधिक लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और पुलिस तथा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं सेना ने सुबह करीब छह बजे समरहिल में बचाव अभियान फिर से शुरू किया ।
उन्होंने बताया कि भारी वर्षा के बाद सोमवार रात को बचाव अभियान स्थगित कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक बरामद कुल 16 शवों में से 11 शिव मंदिर से बरामद किए गए तथा पांच फागली से बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि शिव मंदिर वाली जगह पर 10 और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है लेकिन इस संख्या की पुष्टि नहीं की गयी है।
सोमवार सुबह करीब सवा सात बजे जब मंदिर में भूस्खलन हुआ तो सावन महीने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने भारी बारिश से हिमस्खलन होने तथा सड़कों के बाधित हो जाने के मद्देनजर अध्यापन गतिविधियां निलंबित कर दी हैं।
मंगलवार को विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार,‘ अध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी अपनी ड्यूटी पर आम दिनों की तरह आयेंगे।
मंडी जिले में सोमवार को वर्षा जनित घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गयी। वहां के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने पीटीआई-भाषा को यह जानकारी दी।
यहां समर हिल के समीप भूस्खलन की चपेट में 50 मीटर लंबा पुल आ जाने के कारण, यूनेस्को विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी।
स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने बताया कि शिमला से करीब छह किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट का पुल पूरी तरह नष्ट हो गया तथा पांच या छह स्थानों पर इस धरोहर रेल मार्ग को क्षति पहुंची तथा सबसे अधिक नुकसान शिमला एवं शोघी के बीच हुआ है।
राज्य में 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है तथा 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। कुल्लू जिले से सूचना अभी प्राप्त नहीं हुई है।
राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार, 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राज्य में मानसून के दौरान बादल फटने तथा भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं और करीब 9,600 मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। (भाषा)
इंफाल, 15 अगस्त। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि कुछ गलतफहमियों, निहित स्वार्थी लोगों के कार्यों एवं देश को अस्थिर करने के विदेशी षड्यंत्र के कारण राज्य में लोग मारे गए और संपत्तियों को नुकसान हुआ।
सिंह ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर यहां प्रथम मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभी से हिंसा रोकने और राज्य को तीव्र प्रगति की राह पर वापस लाने का प्रयास करने की अपील की।
राज्य के सभी पहाड़ी और घाटी जिलों में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ गलतफहमियों, निहित स्वार्थों वाले लोगों के कार्यों एवं देश को अस्थिर करने के विदेशी षड्यंत्र के कारण राज्य में बहुमूल्य जान और माल का नुकसान हुआ तथा कई लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।’’
सिंह ने कहा कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लगातार काम कर रही है और प्रभावित लोगों को जल्द ही फिर से बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उनके मूल स्थानों पर तुरंत स्थानांतरित नहीं किया जा सकता, उन्हें पूर्व-निर्मित घरों में अस्थायी रूप से रखा जाएगा।
पूर्वनिर्मित (प्रीफैबरिकेटेड) मकानों से तात्पर्य ऐसे भवनों से हैं, जिनके ढांचे किसी और स्थान पर तैयार किए जाते हैं और फिर उन्हें उन स्थलों पर स्थापित किया जाता है, जहां मकानों को बनाए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गलती करना मानवीय प्रवृत्ति है इसलिए हमें माफ करना और भूलना सीखना होगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘एक परिवार एक आजीविका’’ परियोजना लागू करने और लोगों के पुनर्वास के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने संविधान के प्रावधानों के खिलाफ कभी कोई काम नहीं किया है और वह न ही कभी ऐसा करेगी।’’
सिंह ने कहा कि मादक द्रव्यों के खिलाफ युद्ध किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति पर लक्षित नहीं है, बल्कि यह देश और भावी पीढ़ी को नशीली पदार्थों के दुरुपयोग के खतरे से बचाने का सरकार का एक प्रयास है।
उन्होंने कहा, ‘‘नशीले पदार्थों के खिलाफ युद्ध 2018 के अंत में शुरू किया गया था क्योंकि राज्य में मादक द्रव्यों का भारी प्रभाव पड़ रहा था और एक लाख से अधिक लोग इनका इस्तेमाल कर रहे थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार 2017 से लोगों की नब्ज को समझकर राज्य के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है और पिछले छह साल से किसी प्रकार का संघर्ष, बंद और नाकाबंदी नहीं हुई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के दूर-दराज के गांवों में विकास लाने के लिए बजट में और धन का प्रावधान किया गया है।’’
सिंह ने कहा कि सरकार पोस्त की खेती के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई को मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकती, इसलिए उसने नशीले पदार्थों का राज्य से सफाया करने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘गोल्डन ट्रायएंगल से नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी के खिलाफ मणिपुर देश का द्वारपाल है और राज्य देश की युवा आबादी को मादक द्रव्यों से बचा रहा है।’’
एशिया में अफीम का अवैध उत्पादन करने वाले दो प्रमुख क्षेत्र में से एक को ‘गोल्डन ट्रायएंगल’ कहा जाता है, जबकि दूसरे क्षेत्र को ‘गोल्डन क्रिसेंट’ नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की कटाई ने राज्य में जलवायु परिस्थितियों को प्रभावित किया है और पोस्त की खेती के लिए नमक एवं उर्वरकों के वितरण ने राज्य के जल संसाधनों को प्रभावित किया है। (भाषा)
मुंबई, 15 अगस्त। अभिनेता अक्षय कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने प्रशंसकों के साथ एक जानकारी साझा करते हुए मंगलवार को घोषणा कि की वह एक बार फिर से भारतीय नागरिक बन गए हैं।
कनाडा की नागरिकता को लेकर अक्सर आलोचना का शिकार बनने वाले अक्षय कुमार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र की एक तस्वीर साझा की।
55 वर्षीय अभिनेता ने कहा, 'दिल और नागरिकता दोनों हिंदुस्तानी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद।'
अक्षय ने पहले कहा था कि 1990 के दशक में वह अपने करियर के बुरे दौर से गुजरे थे और उस दौरान उन्होंने लगातार 15 से अधिक फ्लॉप फिल्में दीं थीं, जिसके बाद उन्हें कनाडा की नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान नहीं करने के बाद उनकी नागरिकता जांच के दायरे में आ गई थी। चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'गैर-राजनीतिक' साक्षात्कार लेने के बाद यह मामला भी बहस का विषय बन गया था। (भाषा)
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन कांड को 'गंभीर घटना' बताते हुए इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे तीन दोषियों की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है.
चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘यह घटना बहुत गंभीर थी. किसी एक व्यक्ति की हत्या का सवाल नहीं है.’’
अदालत ने सोमवार को यह फ़ैसला सुनाया.
क्या था पूरा मामला?
27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे को गोधरा स्टेशन पर आग लगा दिया गया था. उस आग में 59 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज़्यादातर अयोध्या से लौट रहे हिंदू कारसेवक थे. इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. (bbc.com/hindi)
महिला पहलवान विनेश फोगाट एशियन गेम्स से बाहर हो गई हैं. विनेश फोगाट ने बताया है कि घुटने की चोट की वजह से वो एशियन गेम्स का हिस्सा नहीं बन सकेंगी.
विनेश ने अपने ट्विटर पर ताज़ा जानकारी साझा की है.
विनेश ने लिखा है, "13 अगस्त को मेरे बाएं घुटने में चोट लगी थी. स्कैन और जाँच के बाद डॉक्टर ने कहा है कि दुर्भाग्य से केवल सर्जरी ही ठीक होने का एकमात्र विकल्प है."
विनेश ने बताया है कि 17 अगस्त को मुंबई में उनकी सर्जरी होगी.
उन्होंने लिखा, "मेरा सपना था साल 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में भारत के लिए जीता स्वर्ण पदक मेरे पास ही रहे. इस चोट की वजह से अब मैं हिस्सा (एशियन गेम्स में) नहीं ले पाऊंगी. मैंने सभी संबंधित अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी है ताकि एशियाई खेलों में किसी रिज़र्व प्लेयर को भेजा जा सके."
विनेश फोगाट इस साल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन शोषण के आरोपों को लेकर धरना देने वाले पहलवानों में भी शामिल थीं.
चीन के हांगझू में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक एशियन गेम्स का आयोजन हो रहा है. (bbc.com/hindi)
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेता निशाना साध रहे हैं.
पीएम मोदी ने लाल किले पर दिए भाषण में अगले साल का भी ज़िक्र किया था. उन्होंने कहा था, "मैं अगले 15 अगस्त को इस लाल किले से आपके सामने देश की उपलब्धियां रखूंगा."
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस चीफ़ ने कहा, "ये जो कह रहे हैं वो अहंकार की बात है. ये तो 2023 है, 2024 में मैं (खड़गे) फिर झंडा फहराऊंगा (लाल किले पर) ये तो अहंकार की बात है."
पीएम के बयान पर तंज़ करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "वो (पीएम मोदी) अगले साल झंडा फहराएंगे, अपने घर के ऊपर फहराएंगे."
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में मणिपुर और हरियाणा की हिंसा का मुद्दा उठाया.
केजरीवाल ने कहा, "आज मन व्यथित है. आज देश के कुछ हिस्सों में एक भाई, दूसरे से लड़ रहा है. आज मणिपुर जल रहा है. वहां दो समुदाय एक-दूसरे की दुकानें जला रहे हैं, हत्याएं कर रहे हैं. एक-दूसरे की महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं. हरियाणा में भी दो समुदाय आपस में लड़ रहे हैं. ये विज्ञान का युग है, हम आपस में लड़ते रहे तो भारत विश्वगुरु कैसे बनेगा? कैसे तरक्की करेगा? अगर भारत को दुनिया का नंबर 1 राष्ट्र बनाना है तो 140 करोड़ लोगों को एक टीम की तरह रहना पड़ेगा."
तेजस्वी यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री जी ने आज के दिन भी भाषण में राजनीति लाने का प्रयास किया जो शोभा नहीं देता. देश के लोगों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री जी स्टार्टअप इंडिया, मेकइन इंडिया के बारे में बोलें, हर साल रोज़गार देने की बात थी उस पर बोलें, 15 लाख देने की बात थी उसका क्या हुआ. आज के दिन कम से कम राजनीति नहीं करनी चाहिए थी."
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और ये चिंता जताई कि भारत को जिस गति से विकास करना चाहिए था, वो नहीं हुआ."
उन्होंने कहा, "दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में देखते हैं तो भारत को जितना आगे बढ़ना था उतनी रफ़्तार और तेज़ी से नहीं बढ़ा."
अखिलेश यादव ने कहा, "मणिपुर में जैसी घटना हुई, वो दुनिया में कहीं नहीं हुआ होगा. आज के दिन हम लोगों को ये भी अपील करनी चाहिए कि मणिपुर के लोग जिस सद्भावना के साथ, जिस प्रेम के साथ मिलजुलकर रह रहे थे वैसे ही दोबारा रहें. देश के किसी कोने में किसी भी बेटी के साथ ऐसा व्यवहार ना हो." (bbc.com/hindi)