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भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई समितियों में वसुंधरा राजे को शामिल न करने पर स्पष्टीकरण दिया है.
राजस्थान में बीजेपी प्रमुख सीपी जोशी और इंचार्ज अरुण सिंह ने गुरुवार को जेपी नड्डा की ओर से बनाई गई दो समितियों की घोषणा की है.
इन समितियों के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी पूर्व सांसद नारायण पंचारिया और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को दी गयी है.
इन दोनों समितियों से वसुंधरा राजे को दूर रखने पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सफाई दी गयी है.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि 'वसुंधरा राजे बहुत ही वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें कई कार्यक्रमों में शामिल किया गया है. और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे." (bbc.com/hindi)
जिलाध्यक्ष कैसे लड़ेंगे
कांग्रेस ने विधानसभा प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दावेदारों से आवेदन बुलाए गए हैं। दावेदार पहले ब्लॉक में आवेदन करेंगे, और फिर जिलों में कमेटी दावेदारों का पैनल तैयार कर प्रदेश को भेजेगी। अब पार्टी के अंदरखाने में प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। वजह यह है कि कई जिलाध्यक्ष खुद टिकट के दावेदार हैं। यह पूछा जा रहा है कि दावेदार जिलाध्यक्षों के रहते पैनल कैसे निष्पक्ष हो सकते हैं।
बताते हैं कि आधा दर्जन से अधिक जिलाध्यक्ष विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। पहले यह बात उठी थी कि जो जिलाध्यक्ष चुनाव लडऩा चाहते हैं उन्हें पद से इस्तीफा देना होगा। पिछले चुनाव से पहले कई जिलाध्यक्षों ने इस्तीफा भी दिया था। मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। प्रदेश की कार्यकारिणी अटकी पड़ी है, और इसी बीच प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कहा जा रहा है कि रायपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष, धरसींवा सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसी तरह राजनांदगांव शहर, और ग्रामीण के जिलाध्यक्ष भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। दुर्ग ग्रामीण, भिलाई शहर, बिलासपुर ग्रामीण, मुंगेली, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, महासमुंद, बालोद, और कांकेर के जिलाध्यक्ष भी टिकट के दावेदार हैं। पार्टी के कई लोग मानते हैं कि जिलों से तैयार पैनल में जिलाध्यक्ष का नाम स्वाभाविक रूप से आ जाएगा। ऐसे में पैनल निष्पक्ष नहीं हो सकता है। इसके चलते आने वाले दिनों में विवाद खड़ा हो सकता है। देखना है आगे क्या होता है।
बृहस्पति के खिलाफ तिर्की ?
कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू होते ही पार्टी के अंदरखाने में जंग छिड़ गई है। सरगुजा के तेज तर्रार नेता बृहस्पति सिंह की विधानसभा सीट रामानुजगंज से अंबिकापुर के पूर्व मेयर डॉ. अजय तिर्की ने ताल ठोक दी है। डॉ. तिर्की बुधवार को रामानुजगंज पहुंचे, तो सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
डॉ. तिर्की के स्वागत का वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें उत्साही कांग्रेस कार्यकर्ता डॉ. तिर्की को भावी विधायक बताते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। डॉ. तिर्की रामानुुजगंज में सीएमओ रहे हैं। लिहाजा, इलाके में अच्छी खासी पकड़ भी रखते हैं। इससे परे बृहस्पत सिंह, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के धुर विरोधी माने जाते हैं। बृहस्पत सिंह खुले तौर पर सिंहदेव के खिलाफ काफी कुछ कह चुके हैं। इसके कारण सिंहदेव ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन भी छोड़ दिया था। ऐसे में अब बारी सिंहदेव की है।
चर्चा है कि सिंहदेव की शह पर ही डॉ. तिर्की ने रामानुजगंज सीट से दावेदारी की है। सिंहदेव खुद भी प्रत्याशी चयन के लिए गठित छानबीन कमेटी के सदस्य भी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बृहस्पत सिंह के लिए टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा। मगर बृहस्पत सिंह भी खामोश रहने वालों में नहीं है। देखना है कि डॉ. तिर्की की दावेदारी को बृहस्पत सिंह किस रूप में लेते हैं।
शिशुओं की मौत पर राजनीति?
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसमें पूछा गया है कि प्रदेश में 4 साल के भीतर 39000 से अधिक शिशुओं की किन परिस्थितियों में मौत हुई? दरअसल विधानसभा में उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने ही इसकी जानकारी दी थी। तब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने इसे चिताजनक बताते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को पत्र लिखा था। आयोग ने इस पत्र को संज्ञान में लिया है।
यह स्थिति सचमुच चिंताजनक है। शिशु मृत्यु दर पर रूरल हेल्थ स्टैटिसटिक्स 2021-22 का आंकड़ा बताता है कि छत्तीसगढ़ में उत्तर प्रदेश के बराबर एक हजार बच्चों के पीछे 38 की मौत हो गई। मध्यप्रदेश पूरे देश में टॉप पर है, जहां 40 बच्चों की मौत हुई। इसके बाद असम और ओडिशा है, जहां प्रति एक हजार में 36 बच्चों की मौत हुई। राजस्थान में 32 और मेघालय में 29 मौत दर्ज की गई। यानी हेल्थ सर्वे के मुताबिक कांग्रेस-भाजपा ही नहीं, दूसरे दलों के शासित राज्यों में एक जैसी स्थिति है। छत्तीसगढ़ में भाजपा विपक्ष में है। उसकी जिम्मेदारी तो है कि वह कांग्रेस को घेरे, मगर समाधान क्या है?
जीपीएम जिले के भवन कहां बनें?
10 फरवरी 2020 को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के जिला बनने के बाद से इसका संचालन यहां की पुरानी इमारतों में हो रहा है। कुछ ऐतिहासिक महत्व के हैं, जहां रवींद्रनाथ टैगोर ठहरे थे। कुछ वृक्ष हैं जहां गुरुदेव बैठा करते थे। यहीं पर अब नये कलेक्ट्रेट परिसर की तैयारी चल रही है। यह कहां बने इसके लिए जिला प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के बीच विवाद काफी बढ़ चुका है। खासकर मरवाही इलाके की मांग है कि मुख्यालय पेंड्रा और मरवाही के बीच में बनाया जाए ताकि जिला बनाने की मंशा पूरी हो और अधिकारियों, दफ्तरों तक आम लोगों की आसान पहुंच हो सके। प्रशासन तो चाहता है कि यहां के गुरुकल और सेनेटोरियम की जमीन पर ही नई बिल्डिंग तैयार की जाए। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सौ दो सौ साल पुराने और टैगोर की स्मृतियों से जुड़े कई पेड़ भी काट दिये गए, तो लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया, श्रद्धांजलि सभा रखी। बीते 11 अगस्त को मरवाही इलाके में बंद का भी आयोजन किया गया था।
जब यहां शिखा राजपूत कलेक्टर थीं तो उन्होंने मरवाही और पेंड्रा के बीच स्थित कोदवाही ग्राम में 50 एकड़ जमीन का चयन किया था। वर्तमान विधायक डॉ. केके ध्रुव सहित अधिकांश जनप्रतिनिधि इस बात से सहमत हैं कि इसी तय जगह पर जिला मुख्यालय बने। इससे सबके लिए मुख्यालय तक पहुंच आसान होगी। दूरी सबके लिए बराबर होगी। अभी पेंड्रा से मरवाही की दूरी 38 किलोमीटर है। नई जगह पर विकास होने से पूरे क्षेत्र का संतुलित विकास होगा और दूर दूर बसे गांवों वाले आदिवासी क्षेत्र में जिला बनाने की मंशा पूरी होगी।
इन सबके बावजूद पेंड्रा में ही जिला मुख्यालय बनाने के लिए प्रशासन क्यों जिद कर रहा है इसके दो कारण सामने आए। एक तो जिला बनाने के लिए चले आंदोलन का केंद्र पेंड्रा-गौरेला ही रहा। यहां के निवासियों के लिए सुविधाजनक होगा कि नई बिल्डिंग भी यहीं बने। यह पहले से विकसित इलाका है, तमाम सुविधायें हैं। दूसरी बात और यह सामने आ रही है कि ज्यादातर बाबू और अफसर अभी यहां नहीं रुकते, वे शाम को बिलासपुर निकल जाते हैं। यदि मरवाही और पेंड्रा के बीच की जगह कोदवाही को मुख्यालय बनाया गया तो ट्रेन पकडऩे के लिए 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी, जो अभी सिर्फ 6 किलोमीटर है।
खुद ही बना ली सडक़
स्थानीय विधायक, अफसरों और पंचायत के प्रतिनिधियों से बार-बार मांग करने के बावजूद सडक़ नहीं बनाई गई। बारिश में चलना दूभर हो रहा था। तब गरियाबंद जिले के ताड़ीपारा के ग्रामीणों ने फैसला किया कि वे खुद ही सडक़ बनाएंगे। जनसहयोग से मटेरियल मंगा ली गई। डेढ़ किलोमीटर रास्ते में पूरे गांव के लोगों ने श्रमदान किया और अब सडक़ बन गई। कुछ दिन पहले ऐसी ही एक तस्वीर राजनांदगांव जिले से भी आई थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 अगस्त। पूर्व पीएम राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी सद्भावना शपथ लेंगे। जीएडी ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर 19-20 को अवकाश के मद्देनजर कल 18 अगस्त को सद्भावना शपथ के कार्यक्रम आयोजित करने कहा है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को बिहारी राज मिस्त्रियों पर दिए अपने विवादित बयान पर स्पष्टीकरण दिया है.
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कथित रूप से कहा था - 'माइग्रेंट आर्किटेक्ट जिन्हें मैं बिहारी आर्किटेक्ट कहता हूं, यहां आते हैं और एक के ऊपर एक मंजिल चढ़ाते चले जाते हैं. हमारे यहां स्थानीय राज मिस्त्री नहीं हैं."
सुक्खू की ओर से ये बयान एक ऐसे समय पर आया है जब प्रदेश में भूस्खलन की वजह से घर घिरने के डरावने वीडियो सामने आए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, इस बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने स्पष्टीकरण दिया है.
उन्होंने कहा, "मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही है. बिहार के लोग भी यहां फंसे हुए हैं. मैंने उन्हें हेलिकॉप्टर के ज़रिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. कम से कम 200 बिहारी लोग यहां फंसे हुए हैं. वे हमारे भाई जैसे हैं. ये स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग का दोष है. वे तो सिर्फ़ मजदूर हैं." (bbc.com)
बजरंग दल पर बैन ना लगाने के दिग्विजय सिंह के बयान पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ जो कांग्रेस को हिंदुओं की ताक़त समझ में आने लगी.
मीडिया से बात करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “दिग्विजय सिंह के बयान के बारे में मैं पहले बोल चुका हूं कि मध्य प्रदेश में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना तो दूर, उसके बारे में सोच भी नहीं सकते. मैंने पहले ही इस बारे में कहा है.
किसी का आईफ़्लू दूर हो रहा है...धीरे धीरे उसे राष्ट्रवादी संगठन में अच्छे लोग नज़र आ रहे हैं. थोड़े दिनों में आई फ़्लू का जाला हट जाएगा. तो उन्हें पूरा समझ आ जाएगा कि बजरंग दल राष्ट्रभक्तों का ही संगठन है. जो अभी कुछ-कुछ पर आए हैं...वो पूरे पर आएंगे."
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि “अच्छा है इनको (कांग्रेस) हिंदुओं की ताकत समझ में आने लगी है तो कोई भागवत कर रहा है तो कोई महाकाल की सवारी में जा रहा है, कोई कांवड़ यात्रा कर रहा है. अच्छा है, अभी तो एक बात अच्छी कही है धीरे-धीरे सारी बातें अच्छी कहेंगे. देखते रहिए.”
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को ही भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हम बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे, इसमें कुछ अच्छे लोग भी हैं लेकिन जो लोग गुंडा तत्व हैं और दंगा फ़साद करते हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.”
इससे पहले कमल नाथ भी अपने प्रभाव वाले क्षेत्र छिंदवाड़ा में तीन दिवसीय राम कथा में शामिल हुए थे. ये राम कथा धीरेंद्र शास्त्री की ओर से कराई गई थी. (bbc.com)
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' जारी की है.
इस क़दम का मक़सद अदालत में सुनवाई के दौरान ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है, जो सालों से इस्तेमाल होते आ रहे हैं और ये स्टीरियोटाइप्ड कहलाते हैं. स्टीरियोटाइप्ड का मतलब उस चलन से है, जिसमें तार्किकता और संवेदनशीलता समय सापेक्ष नहीं होती हैं.
अदालतों की बहसों में इस्तेमाल होने वाले टर्म को बदलने का मक़सद लैंगिक संवेदनशीलता को सुनिश्चित करना है. कहा जाता है कि इन टर्मों के इस्तेमाल से भेदभाव वाले व्यवहार को प्रमाणिकता मिलती है.
सुप्रीम कोर्ट ने इन शब्दों को हटाकर इनकी जगह कौन से शब्द इस्तेमाल किए जाएं, इसकी लिस्ट भी जारी की है.
कोर्ट ने ये भी बताया है कि स्टीरियोटाइपिंग क्या होता है और क्यों इसे बदलते हुए किन शब्दों के इस्तेमाल की ज़रूरत है.
अदालतों के फ़ैसलों, दलीलों, बहसों के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल जजों और वकीलों को करना होगा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक़ भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''इस गाइडबुक का मक़सद क़ानून की भाषा और कोर्ट की सुनवाई के दौरान जो लैंगिक भेदभाव वाले शब्द इस्तेमाल होते रहे हैं, उनकी पहचान करना और उनके इस्तेमाल पर रोक लगाना है.''
चंद्रचूड़ ने कहा, ''इस हैंडबुक के आने से जेंडर स्टोरियोटाइपिंग पर रोक लगाने में जजों को मदद मिलेगी. साथ ही नए वैकल्पिक शब्दों को भी मुहैया कराया गया है.''
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''लीगल कम्युनिटी और जजों के सहयोग के लिए इसे बनाया गया है ताकि क़ानून के विषयों में महिलाओं को लेकर स्टीरियोटाइप को ख़त्म किया जा सके. ये हैंडबुक जजों और वकीलों के लिए है.''
इस हैंडबुक की प्रस्तावना में डीवाई चंद्रचूड़ ने लिखा है, ''शब्द वो ज़रिया हैं, जिसके सहारे क़ानून के मूल्यों का संचार किया जाता है. ये शब्द ही होते हैं जो क़ानून निर्माता या न्यायाधीश के इरादे देश तक पहुँचाते हैं. एक न्यायाधीश जिस भाषा का इस्तेमाल करता है वो न सिर्फ़ क़ानून की व्याख्या को दिखाता है बल्कि समाज को लेकर उनकी धारणा को भी बयां करता है.''
इसी साल मार्च में महिला दिवस के मौक़े पर चंद्रचूड़ ने कहा था कि लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाले शब्दों को हटाने पर काम चल रहा है, जल्द एक गाइडलाइन जारी की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अब बताया है कि इस हैंडबुक पर काम कोविड के दौरान शुरू हुआ था.
हैंडबुक के लॉन्च के वक़्त चंद्रचूड़ बोले, ''इसका मक़सद किसी फ़ैसले पर संदेह करना या आलोचना करना नहीं है बल्कि स्टीरियोटाइपिंग, ख़ासकर औरतों को लेकर इस्तेमाल होने वाले शब्दों को लेकर जागरूकता फैलाना है. हैंडबुक इस बात पर गौर करेगी कि स्टीरियोटाइप क्या है.''
सुप्रीम कोर्ट ने बताया- क्या है स्टीरियोटाइपिंग?
इस हैंडबुक को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है.
इस हैंडबुक में ये भी बताया गया है कि स्टोरियोटाइपिंग क्या होती है और लैंगिक असमानता को लाने में ये कैसे अहम भूमिका निभाते हैं.
इस हैंडबुक में उदाहरण देते हुए बताया गया है कि स्टीरियोटाइपिंग ये होती है- ''कोई औरत ऐसा कपड़े पहने, जिसे पारंपरिक नहीं माना जाता है, तो वो मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती है. ऐसे में अगर कोई मर्द औरत की मर्ज़ी के बगैर उसे छूता है तो इसके लिए औरत ज़िम्मेदार है.''
हैंडबुक में इस स्टीरियोटाइपिंग के साथ हक़ीक़त भी बताई गई है.
हैंडबुक में लिखा है, ''किसी औरत का लिबास ये नहीं बताता है कि वो किसी को शारीरिक संबंध बनाने के लिए इशारा कर रही है. औरतें इतनी सक्षम हैं कि वो इस बात को कह सकें. बिना मर्ज़ी के औरत को छूने वाले मर्द ये नहीं कह सकते कि ख़ास तरह के कपड़े पहनकर औरत ने ऐसा करने के लिए उकसाया.''
एक उदाहरण देते हुए कहा गया है कि ये कहना स्टीरियोटाइपिंग है कि एक पुरुष सेक्स वर्कर का रेप नहीं कर सकता क्योंकि ये संभव है कि एक पुरुष सेक्स वर्कर का रेप करे.
सुप्रीम कोर्ट ने इस हैंडबुक में ऐसे कई और उदाहरण दिए हैं.
साथ ही नई हैंडबुक में एलजीबीटीक्यूआईए+ अधिकारों का भी ध्यान रखा गया है.
कौन से शब्दों पर रोक लगाई गई और विकल्प में क्या शब्द लाए गए?
आगे पढ़िए किन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है और विकल्प के तौर पर कौन से शब्द या वाक्य बताए गए हैं.
अडल्टरनेस यानी व्याभिचार: शादी से बाहर किसी महिला का किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाना
अफेयर: शादी से बाहर रिश्ता
बास्टर्ड यानी नाजायज़: ऐसा बच्चा, जिसके मां-बाप ने शादी नहीं की थी
बायोलॉजिकल सेक्स/ बायोलॉजिकल पुरुष या मर्द: जन्म के समय जो लिंग था
बॉर्न ए गर्ल- बॉय: जन्म के वक़्त लड़का या लड़की
करियर वीमन: वीमन या महिला
कार्नल इंटरकोर्स : सेक्सुअल इंटरकोर्स
चैस्ट वीमेन यानी वर्जिन महिला: महिला
चाइल्ड प्रोस्ट्यूिट: बच्चा जिसकी तस्करी की गई
ड्यूटीफुल वाइफ, गुड वाइफ: वाइफ या पत्नी
इज़ी वर्चु यानी आसानी से उपलब्ध महिला: महिला
ईव टीज़िंग: स्ट्रीट सेक्सुअल हैरेसमेंट
फगट: व्यक्ति जो है, उसे वैसे ही बयां किया जाए. जैसे- होमोसेक्शुअल या बायोसेक्शुअल
फॉलेन वीमेन यानी ख़राब चरित्र वाली महिला: महिला
फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्टस: मेंस्ट्रुल प्रोडक्ट्स
फोर्सिबल रेप यानी जबरदस्ती रेप: रेप
हैरलॉट यानी पैसे के बदले सेक्स करने पर मजबूर महिलाएं: महिला
हमैफ़्रडाइट यानी द्विलिंगी: इंटरसेक्स
हुकर यानी वेश्या: सेक्स वर्कर या यौनकर्मी
हाउसवाइफ: होम मेकर
इंडियन वीमन/ वेस्टर्न वीमन: महिला
हॉर यानी वेश्या: महिला
अनैतिक महिला: महिला
ट्रांससेक्शुअल: ट्रांसजेंडर
ट्रांसवेसटाइट: क्रॉस ड्रेसर
अनवेड मदर यानी बिन ब्याही माँ: माँ
स्लट: महिला
सेक्स चेंज: सेक्स रीअसाइनमेंट या जेंडर ट्रांजिशन
सिडक्टर्स यानी शारीरिक संबंध बनाने के लिए लुभाने वाली महिला: महिला
स्पिनसटर: अविवाहित महिला
प्रोवेक्टिव क्लोदिंग, ड्रेस यानी भड़काऊ कपड़े: क्लोदिंग या ड्रेस
मिस्ट्रेस: शादी से बाहर किसी महिला का किसी पुरुष के साथ रोमांटिक या शारीरिक संबंध होना
मैरिजेबल एज यानी शादी योग्य उम्र: महिला, जिसकी क़ानून के हिसाब से शादी योग्य उम्र हो गई हो
हाल ही में 15 अगस्त के मौक़े पर पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था- अब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध करवाया जा रहा है, इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं.
पीएम मोदी ने जब ये कहा, तब डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर पीएम मोदी की कही बात का अभिवादन किया था.(bbc.com)
रायपुर, 17 अगस्त। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी के निधन पर राज्यपाल हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री भोजवानी का लंबा सार्वजनिक जीवन रहा है और उन्होंने पूरा जीवन आम जनता के लिए समर्पित होकर कार्य किया।
राज्यपाल हरिचंदन ने स्वर्गीय भोजवानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र और समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। युवा पीढ़ी उनके कार्यों से सदैव प्रेरणा लेती रहेगी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें इस दु:खद घड़ी में शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि भारत में सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे.
इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर में रहने वाले मुसलमान समुदाय के लोगों पर भी टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा है कि 'कश्मीर में जो भी मुसलमान रहते हैं वो हिंदू धर्म से ही कन्वर्ट हुए हैं.'
आज़ाद ने कहा, "इस्लाम तो आया ही है 1500 साल पहले, हिंदू धर्म बहुत पुराना है. बाहर से आए होंगे 10-20 लोग...जो मुग़लों की फौज में थे. बाकी सब तो हिंदू से ही कन्वर्ट हुए हैं मुसलमान हिंदुस्तान में. इसकी मिसाल हमारे कश्मीर में है. कश्मीर में कौन था 600 साल पहले मुसलमान? सब कश्मीरी पंडित थे."
बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार को पूर्व कांग्रेस नेता राजेश पायलट के बचाव में उतरे राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को घेरने की कोशिश की है.
पिछले गुरुवार संसद भवन में पीएम मोदी के भाषण के साथ मिज़ोरम के आइजॉल में 1966 में वायुसेना की ओर से बमबारी किए जाने पर शुरू हुई बहस थमने का नाम नहीं ले रही है.
बीते रविवार को बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा था कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल पर बम गिराये.
इस पर सचिन पायलट ने जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे. यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी - काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है.
हाँ, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिज़ोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका ज़रूर निभाई थी.”
अमित मालवीय के ट्वीट पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, “कांग्रेस नेता श्री राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे.
उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है. इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए”
अमित मालवीय ने अशोक गहलोत के ट्वीट पर प्रतिक्रिया ज़रूर दी है.
अमित मालवीय ने अशोक गहलोत को जवाब देते हुए लिखा है- “चलिए, आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता तो हुई, लेकिन अगर आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते, और सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा-नकारा-कोरोना-ग़द्दार जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करते.”
“हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता नहीं हुई?
“1966 में मिज़ोरम में इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय वायु सेना द्वारा किए गये हवाई हमले में राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी के नाम 2011 में इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित अख़बारों में तत्कालीन असम विधानसभा की कार्यवाही में सांसद जीजी स्वेल और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डेंगहुआना का हवाला देते हुए प्रकाशित हुए थे.”
“उसके बाद लगातार मीडिया में ये खबर आती रही. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और सचिन पायलट मंत्री थे लेकिन इस खबर का कभी खंडन नहीं किया गया.”
“वैसे, राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला की महिलाओं और बेटियों के लिए इस्तेमाल की गई घटिया भाषा के बारे में आपको क्या कहना है?” (bbc.com)
रायपुर, 17 अगस्त। राज्य शासन ने वित्त विभाग के तीन दर्जन अधिकारियों के तबादले किए हैं। इनमें अधिकांश रायपुर और बस्तर संभाग के अधिकारी हैं। इस फेरबदल में तीन संयुक्त संचालक, दो उप,सहायक संचालक भी शामिल हैं।
देखे आदेश ---
अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर सब्यसाची दास के एक रिसर्च पेपर को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा.
दास के इस्तीफ़े के बाद अब यूनिवर्सिटी का राजनीति विज्ञान विभाग उनके साथ खड़ा होता दिख रहा है.
इससे पहले एक अन्य प्रोफ़ेसर ने भी सब्यसाची दास के समर्थन में इस्तीफ़ा दिया था.
अशोका यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर इलियान येन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर इंटरनल मेल का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है - 'राजनीति विज्ञान विभाग का अशोका यूनिवर्सिर्टी में शैक्षणिक आज़ादी को लेकर बयान.'
इस ईमेल में लिखा है, “राजनीति विज्ञान विभाग एकजुटता के साथ प्रोफ़ेसर सब्यसाची दास के साथ खड़ा है. प्रोफ़ेसर दास ने अर्थशास्त्र विभाग से इसलिए इस्तीफ़ा दिया क्योंकि यूनिवर्सिटी ने खुद को उनके काम से अलग कर लिया. साथ ही उनके रिसर्च पेपर पर जांच कराने का फ़ैसला लिया गया. हम चाहते हैं कि दास के इस्तीफ़े और यूनिवर्सिटी की ओर उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर करने में दिखाई गई जल्दबाज़ी के पीछे की वजहों को सामने लाया जाए."
हरियाणा के सोनीपत में अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के पूर्व असिस्टेंट प्रोफ़ेसर सब्यसाची दास ने एक पेपर लिखा है जिसका शीर्षक 'डेमोक्रेटिक बैकस्लाइडिंग इन द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसी' है.
ये पेपर अब तक प्रकाशित नहीं किया गया है. इस शोध पत्र में साल 2019 के आम चुनावों से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन किया गया है.
इस शोध पत्र में दिखाया गया है कि जहां बीजेपी की सरकार थी वहां उन सीटों पर बीजेपी जीत गई जहां मुकाबला काफ़ी क़रीब था. जबकि इससे पिछले आम चुनावों में या एक साथ और उसके बाद हुए राज्य चुनावों में ऐसा कोई पैटर्न नहीं दिखता. (bbc.com)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को नेहरू मेमोरियल का नाम बदले जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा है – "नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं...उनका नाम नहीं."
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले पर कड़ी टिप्पणी की है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है - "आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है. विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) बन गया है.प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है."
"उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है. उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P लगा दिया है. यह P वास्तव में (Pettiness) ओछापन और (Peeve) चिढ़ को दर्शाता है.लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी कम नहीं कर सकते."
"चाहे इन उपलब्धियों पर पीएम मोदी और उनके लिए ढोल पीटने वाले जितना हमला करते रहें.लगातार हो रहे हमलों के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी." (bbc.com)
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर आज अंतरिक्ष यान के प्रणोदन मॉड्यूल से अलग होगा.
चंद्रयान-3 चांद की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है और आज लैंडर विक्रम के अलग होने की प्रक्रिया शुरू होगी.
लैंडर और रोवर प्रज्ञान के 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है. चंद्रमा पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर प्रज्ञान रोवर की तस्वीर लेगा, ये रोवर चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करेगा.
भारत के महत्वाकांक्षी चांद मिशन चंद्रयान-3 ने बुधवार को पांचवें और आखिरी लूनर-बाउंड ऑर्बिट का चक्कर पूरा कर लिया है और इसके साथ ही स्पेस क्राफ्ट चांद की सतह के और करीब आ गया.
अब सारी परिक्रमा पूरी करने का बाद स्पेस क्राफ्ट प्रणोदन मॉड्यूल से विक्रम लैंडर अलग होगा.
इससे पहले इसरो की तरफ से ट्वीट कर बताया गया था कि ‘‘चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका पहले से अनुमान लगाया गया था. इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई."
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद इसने छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया और चांद के और नजदीक पहुंचता गया. (bbc.com)
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ में कम के कम 71 लोगों की मौत हो चुकी है.
तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण पैदा हुए हालात में अब तक 13 लोग लापता है. राज्य के निचले इलाके बाढ़ की चपेट में हैं तो वहीं ऊंचे पहड़ों पर भूस्खलन हो रहे हैं.
सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि बुनियादी ढांचे को दोबारा बनाने का काम "पहाड़ जैसी बड़ी चुनौती" होने वाला है.
राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान गुरुवार को बंद हैं.
अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़ गई क्योंकि बचावकर्मियों ने ढही हुई इमारतों के मलबे से और शव निकाले.
सीएम ने राज्य के मौजूदा हालात पर ट्वीट किया, “ आज हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से जिला कांगड़ा के फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा के क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित स्थलों का जायजा लिया. बाढ़ प्रभावित डमटाल और शेखपुरा का दौरा भी किया जहां राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. अधिकारियों को प्रभावितों को खाद्य पदार्थों, चिकित्सा सुविधा और एंटी-वेनम दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने को कहा गया है.”
“बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं और इन क्षेत्रों से अब तक लगभग 1150 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.राज्य सरकार इन क्षेत्रों के लिए राहत और मुआवजे के तौर पर एक विशेष पैकेज प्रदान करेगी. ” (bbc.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 अगस्त। विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट वितरण के लिए रायशुमारी करने के लिए पहुंची प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा है कि कुछ विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सैलजा ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन के लिए पहले चरण की बैठक चल रही है। दावेदारी के लिए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के समक्ष आवेदन करना होगा। आवेदन 17 से 22 सितंबर तक लिए जाएंगे। ब्लॉक कमेटी उम्मीदवारों का पैनल भी बना सकती है। वे बारी-बारी दावेदारों और पदाधिकारियों से चर्चा कर राज्य सरकार के कामकाज की फीडबैक ले रही हैं और संभावित दावेदारों, उम्मीदवारों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि हम आवेदन नहीं ले रहे हैं न ही उम्मीदवारों का नाम तय कर रहे हैं। उम्मीदवारों का आवेदन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही लिया जाएगा। कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि कोई भी कार्यकर्ता टिकट की दावेदारी कर सकता है लेकिन यह उसका अधिकार नहीं है। टिकट जिसे भी मिले सभी को काम करना होगा। साथ ही, अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बढिय़ा काम किया है। सरकार के प्रति लोगों में उत्साह है और इस बार हम पहले से अधिक सीट लेकर सरकार बनाएंगे।
रायपुर, 17 अगस्त। आम आदमी पार्टी तू डाल डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर प्रदेश में कांग्रेस भाजपा का पीछा कर रही है।
जोगी कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी की नजर उसके 6% वोट पर है। इसे हासिल करने पूरी ताकत के साथ छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवालवदो दिन बाद फिर छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाले हैं। वे 19 या 20 अगस्त को रायपुर मे टाउन हाल सम्मेलन में शामिल होंगे । उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान के भी आने की खबर है। आज दोपहर बाद कार्यक्रम तय हो जाएगा। प्रदेश प्रमुख. कोमल हुपेंडी ने छत्तीसगढ़ से कहा कि केजरीवाल जी एक निजी होटल में टाउन हाल लेंगे। जहां प्रदेशभर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं जुटेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान छत्तीसगढ़ में दो बार चुनाव सभा कर चुके है. रायपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन और बिलासपुर में चुनावी सम्मेलन किया जा चुका है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 2018 के बाद 2023 में भी आम आदमी पार्टी पूरे 90 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाली है। इसके लिए पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। घोषणा पत्र समिति का गठन भी कर दिया गया है। गांव-गांव में आम आदमी पार्टी की टीम बनाई जा रही है।जो सोशल मीडिया के जरिए पूरे प्रदेश के नेताओं को कनेक्ट करने के लिए बनाया जा रहा है।
सीबीआई ने बुधवार को मणिपुर हिंसा मामलों की जांच के लिए विभिन्न रैंकों की 29 महिला अधिकारियों सहित 53 अधिकारियों की टीमें बनाई हैं. इन टीमों को जांच की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है.
ये जानकारी सीबीआई अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दी है.
सीबीआई मणिपुर के वायरल वीडियो के मामले में भी जांच कर रही है.
अधिकारी ने कहा कि तीन उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी, जिनमें महिला अधिकारी लवली कटियार और निर्मला देवी भी शामिल हैं, राज्य में हिंसा के मामलों की जांच के लिए अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व करेंगे.
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी ज्वाइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय को रिपोर्ट करेंगे जो विभिन्न मामलों में जांच करेंगी.
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सीबीआई पीड़ित महिलाओं से जुड़ी 12 एफआईआर की जांच करेगी, और वह जांच के दौरान अगर नए केस सामने आए जो उनकी जांच भी करेगी.
जून में, फोरेंसिक टीम के साथ सीबीआई अधिकारियों ने हिंसा के छह मामलों के सिलसिले में राज्य में विभिन्न स्थानों का दौरा किया था. (bbc.com/hindi)
न्यू ऑर्लीन्स (अमेरिका), 17 अगस्त। गर्भपात के सबसे सामान्य तरीके के रूप में इस्तेमाल एक गोली (पिल) पर बुधवार को जारी एक संघीय अपीली अदालत की व्यवस्था के तहत नयी पाबंदियां लागू होंगी, लेकिन अंतिम निर्णय उच्चतम न्यायालय का होगा।
न्यू ऑर्लीन्स में 5-यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में तीन न्यायाधीशों के फैसले ने एक निचली अदालत के फैसले के उस हिस्से के पलट दिया जिसमें माइफप्रिस्टन पर दो दशक से अधिक पहले की खाद्य और औषधि प्रशासन की मंजूरी को रद्द कर दिया गया था।
लेकिन उसने फैसले के उस हिस्से को कायम रखा जिसमें डाक या पार्सल से दवा की आपूर्ति बंद हो जाएगी और किसी चिकित्सक की मौजूदगी में इसे लेना होगा।
हालांकि पाबंदियां उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर निर्भर करेंगी।
वैभव धीरज धीरज 1708 0103 न्यूऑर्लीन्स (एपी)
नयी दिल्ली, 16 अगस्त। दिल्ली के कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की और राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात संसदीय सीटों पर संगठन को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से एकजुट रहने और लोगों से जुड़े रहने को कहा।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मौजूद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ संभावित गठबंधन से संबंधित मुद्दों को रेखांकित किया।
बैठक के बाद खरगे ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया। दिल्ली कांग्रेस में नयी जान फूंकना हमारी प्राथमिकता है, जिसमें सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी जरूरी है। हमने दिल्ली को समृद्ध और खुशहाल बनाया था, दिल्ली के लोगों के लिए हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।’’
राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की अगुवाई में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेताओं की एक बैठक हुई। उन्होंने कहा कि ‘‘कांग्रेस दिल्ली के लोगों की आवाज को मजबूत करने और दिल्ली की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है।’’
बाद में, खरगे और राहुल गांधी ने पार्टी इकाई में नेतृत्व के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अलग-अलग माकन, चौधरी और सुभाष चोपड़ा सहित दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। चौधरी ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है और उनकी जगह किसी और को नियुक्त किए जाने की उम्मीद है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) की तैयारियों की समीक्षा के लिहाज से मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में राहुल गांधी और दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में हिस्सा लिया।’’
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘(नरेन्द्र) मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा दिल्ली के लिए विनाशकारी साबित हुई है। लोग दिल्ली में कांग्रेस के शानदार 15 साल के कार्यकाल को याद करते हैं, जिस दौरान शहर एक आधुनिक, जीवंत महानगर में बदल गया। हमें विश्वास है कि 2024 में जनता हमें अपना पूरा समर्थन देगी।’’
दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने ‘पोल खोल यात्रा’ के दौरान दिल्ली आबकारी नीति का विरोध किया था और इसके कारण आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी हुई।
उन्होंने कहा कि जब भी दिल्ली के लोगों की सुरक्षा की बात आएगी कांग्रेस हमेशा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आप के राष्ट्रीय संयोजक) से सवाल करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज की बैठक दिल्ली में गठबंधन को लेकर नहीं थी, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। ‘आप’ अनुमान लगा सकती है, लेकिन गठबंधन पर फैसला एआईसीसी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा और इसकी घोषणा भी वही करेगा। हम यहां एक विपक्षी दल के रूप में भ्रष्टाचार के बारे में सवाल उठाएंगे।’’
कांग्रेस के दिल्ली मामलों के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि बुधवार की बैठक आगामी संसदीय चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी और सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उन्होंने कहा, ‘‘समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी नेताओं ने अपने मुद्दे सामने रखे और महसूस किया कि शीला दीक्षित सरकार के दौरान हुई प्रगति के बाद ‘आप’ सरकार ‘दिल्ली को पीछे धकेल रही है’।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली कांग्रेस ने अपना प्रस्ताव रखा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की जनविरोधी नीतियों का जमीनी स्तर पर विरोध किया जाएगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह तय हो गया है कि पार्टी दिल्ली में किसके साथ गठबंधन करेगी, बाबरिया ने कहा, ‘‘हमने आज की बैठक में उस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। हमने केवल इस पर चर्चा की कि दिल्ली में पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘दिल्ली में अगर कोई गठबंधन होगा तो उसको पार्टी आलाकमान अंतिम रूप देगा।’’
दिल्ली कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि तीन घंटे से ज्यादा चली बैठक में संगठन की कमियों और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सभी सात सीटों पर मजबूती से काम करने का निर्देश दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन करना है या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन हमें सातों सीटों पर तैयारी करने को कहा गया है।’’
कांग्रेस नेताओं के बयान पर आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब कांग्रेस गठबंधन नहीं करना चाहती तो फिर मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक में आप के शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 17 अगस्त। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसकी 27 वर्षीय गर्भवती पत्नी की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
अदालत ने कहा कि व्यक्ति, महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के खोने के लिए भी मुआवजे का हकदार है।
हादसे के समय, महिला के गर्भ में पल रहा भ्रूण आठ महीने का था। महिला उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल थी।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि भ्रूण एक महिला के अंदर एक और जीवन होता है और इसे गंवाना असल में जन्म लेने वाली संतान को खो देना है और मृतका के पति ने हादसे में अपने पूरे परिवार को खो दिया।
जुलाई 2013 में, एक तेज रफ्तार ट्रक ने महिला की मोटरसाइकिल में टक्कर मारी थी। महिला मोटरसाइकिल की पिछली सीट पर बैठी हुई थी और उसकी सहकर्मी यह दोपहिया वाहन चला रही थी।
अदालत ने कहा कि पति उचित मुआवजे के हकदार हैं।
अदालत ने कहा कि आठ माह के अजन्मे बच्चे की मौत के लिए 2.5 लाख रुपये मुआवजा देने का मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण का फैसला पर्याप्त नहीं है। न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि बीमाकर्ता द्वारा मुआवजे की बढ़ाई गई राशि पांच लाख रुपये अदा की जाए। (भाषा)
मैसुरू (कर्नाटक), 17 अगस्त। रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट में “मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त” पाए जाने के बाद राज्य आबकारी विभाग ने दो प्रमुख ब्रांड की 25 करोड़ रुपये मूल्य की बीयर जब्त कर ली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मैसुरू ग्रामीण के आबकारी उपायुक्त ए. रविशंकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मामला दर्ज करने के अलावा, विभाग ने स्टॉक को नष्ट करने के लिए कदम उठाए हैं।
उनके अनुसार, नंजनगुड के उत्पाद शुल्क अधीक्षक ने 28 जुलाई को उनके कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि 17 जुलाई 2023 को यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड की नंजनगुड इकाई में निर्मित किंगफिशर स्ट्रॉन्ग बीयर और किंगफिशर अल्ट्रा लेगर बीयर बैच संख्या 7सी और 7ई में तलछट है और इसलिए उन्हें रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा गया है।
अधिकारी ने बताया कि आबकारी अधीक्षक ने अनुरोध किया कि जब तक प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक स्टॉक जब्त कर लिया जाये।
रविशंकर ने कहा कि उन्होंने जिलों के उपायुक्तों और आबकारी उपायुक्तों को दो बैच नंबरों वाले स्टॉक को रोकने के लिए लिखा है। इस बीच, नमूनों को रासायनिक जांच के लिए प्रयोगशाला में भी भेजा गया।
आबकारी उपायुक्त ने कहा, “हमें दो अगस्त को रासायनिक परीक्षक से एक रिपोर्ट मिली जिसमें कहा गया था कि दोनों ब्रांड (बैच नंबर 7सी और 7ई के साथ) मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थे। रिपोर्ट के बाद, हमने जिला उपायुक्तों और आबकारी उपायुक्तों को आगे कदम उठाने के लिए लिखा, जिसका मतलब है कि उन स्टॉक को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।”
विभाग के सूत्रों ने बताया कि बीयर की कीमत 25 करोड़ रुपये थी।
इस बीच यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड ने कहा कि यह केवल किंगफिशर अल्ट्रा के एक बैच का मामला है और न कि किंगफिशर स्ट्रांग को लेकर।
उसने कहा कि कंपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रही है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 17 अगस्त। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने सरकारी नौकरियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी)द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा 15 भाषाओं में कराने का निर्णय लिया है ताकि देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूके।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 14वीं हिंदी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगा।
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘हाल ही में 15 भारतीय भाषाओं में सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है ताकि भाषा की बाधा के कारण देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूके।’’
उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में भी होंगे।
एसएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों से अधिक समय में आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।’’
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से लाखों अभ्यर्थी अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा दे सकेंगे।
सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से एसएससी परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी। (भाषा)
-मुरलीधरन काशी विश्वनाशन
तमिलनाडु में नीट की परीक्षा देने और सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट न मिलने पर आत्महत्या करने वाले छात्रों की लिस्ट बहुत लंबी है.
लेकिन पहली बार ये हुआ कि एक छात्र के साथ-साथ पिता ने भी आत्महत्या कर ली.
चेन्नई के क्रोमपेट में रहने वाले पेशे से फ़ोटोग्राफ़र सेल्वसेकर ने बुधवार को अपने घर पर आत्महत्या कर लिया.
उनके घर के बाहर आंसुओं से डबडबाई आंखें लिए उनके दोस्त खड़े हैं.
ये दोस्त शनिवार को सेल्वसेकर के बेटे की आत्महत्या के बाद उन्हें सांत्वना देने पहुँचे थे, लेकिन अब वो अपने उसी दोस्त के अंतिम संस्कार में भी शामिल हो रहे हैं.
अपनी पत्नी से अलग हो चुके सेल्वसेकर अपने इकलौते बेटे के साथ रहते थे.
उनके बेटे जगदीश्वरन ने सीबीएसई स्कूल से 12वीं क्लास में 500 में से 424 अंक हासिल किए.
इसके बाद जगदीश्वरन ने पिछले दो सालों तक नीट की परीक्षा दी. चाहत थी एक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाना. लेकिन उनका नीट स्कोर सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त नहीं था.
आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 से मदद ले सकते हैं. आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.
'मेडिकल की पढ़ाई करना उसका सपना था'
सेल्वसेकर ने अपने बेटे को दोबारा परीक्षा देने के लिए एक कोचिंग सेंटर में दाख़िला कराया था.
फ़ीस भी भर चुके थे लेकिन 12 अगस्त को जब जगदीश्वरन अकेले थे तो उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली.
बेटे की ख़ुदकुशी ने पिता सेल्वसेकर को बड़ा झटका दिया.
रविवार को मीडिया से बात करते हुए सेल्वासेकर ने कहा था कि नीट परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा था, “नीट परीक्षा ख़त्म होने से ही सब कुछ बेहतर होगा. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा था कि वह नीट को ख़त्म कर देंगे. उन्हें ये करना चाहिए. मैंने अपने बेटे को अकेले पाला. अब नीट की वजह से मैंने उसे खो दिया. मेरे जैसा हाल किसी का न हो.”
अपने बेटे के अंतिम संस्कार के बाद, सेल्वसेकर के दोस्तों ने उन्हें सांत्वना दी और चले गए. उनकी छोटी बहन उनके साथ रुकी रहीं.
सोमवार सुबह सेल्वसेकर ने भी आत्महत्या कर ली. सेल्वसेकर के दोस्त मानते हैं कि वो अकेलेपन से घिर गए थे इसलिए उन्होंने ये क़दम उठाया.
चेन्नई के क्रोमपेट में रहने वाले फ़ोटोग्राफ़र सेल्वसेकर ने बुधवार को अपने घर पर आत्महत्या कर ली. उनके घर के बाहर आंसुओं से डबडबाई आंखें लिए उनके दोस्त खड़े हैं.
जगदीश्वरन और उनके कई दोस्तों का सपना था कि वो मेडिकल की पढ़ाई करें.
ये सभी 12वीं के बाद एक निजी नीट कोचिंग सेंटर में दाखिल हो गए. हालाँकि, जगदीश्वरन ने पिछले दो सालों में नीट परीक्षा पास तो की लेकिन उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाने के लिए पर्याप्त अंक नहीं मिले.
जगदीश्वरन जानते थे कि उनके पिता की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वो प्राइवेट स्कूल में पढ़ सकें.
इसलिए जगदीश्वरन ने फिर से परीक्षा देने का फ़ैसला किया और कोचिंग सेंटर की फ़ीस भरी.
इस बीच, उनके साथ पढ़ने वाले उनके एक दोस्त ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट पा ली और उसके बाद एक निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लिया.
जगदीश्वरन के दो और दोस्तों ने मेडिकल कॉलेज का सपना छोड़कर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया. उनके दोस्तों का कहना है कि जगदीश्वरन शायद अवसादग्रस्त थे.
उनके दोस्त संतोष का कहना है कि जगदीश्वरन की इच्छा डॉक्टर बनकर दूसरों की सेवा करने की थी.
वह कहते हैं, “वह नीट परीक्षा में असफल होने वाले सभी लोगों को सांत्वना दे रहा था, कहता था कि जल्दबाजी में कोई फ़ैसला न लेना.”
जदशीश्वरन के दोस्त आदित्य कहते हैं कि वो पढ़ने में अव्वल था, लेकिन उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला.
जगदीश्वरन के घर के पास रहने वाले उनके शिक्षक वरमथी कहते हैं कि डॉक्टर बनना जगदीश्वरन का सपना था.
वरमथी कहते हैं, “न तो उनके पिता और न ही किसी और ने जगदीश्वरन पर मेडिकल की पढ़ाई का दबाव डाला. मुझे नहीं पता कि उसने ये फ़ैसला क्यों लिया.”
नीट के कारण तमिलनाडु में होने वाली आत्महत्या
केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट यानी नेशनल एलिजिबीलिटी टेस्ट शुरू किया. तभी से तमिलनाडु इसका विरोध कर रहा है.
सितंबर 2017 में, तमिलनाडु के अरियालुर ज़िले की अनीता नाम की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उन्हें अच्छे अंक मिलने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में जगह नहीं मिली.
उनकी मौत ने पूरे तमिलनाडु में नीट के ख़िलाफ़ लोगों की भावनाओं को मज़बूत किया.
इसके अगले साल यानी 2018 में, विल्लुपुरम ज़िले की प्रदीपा ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें 12वीं में अच्छे अंक मिलने के बावदूद नीट में केवल 39 अंक मिले थे.
इसके बाद त्रिची से सुभाश्री, चेन्नई से एंजेलिन श्रुति, तिरुपुर से रितु श्री, मराकनम कूनमेडु से मोनिशा, तिरुनेलवेली से थनालक्ष्मी, आर.एस. से सुभाश्री. पुरम से कोयंबटूर, मदुरै से ज्योति श्री दुर्गा, सेंचुराई से विग्नेश, धर्मपुरी से आदित्य, तिरुचेंगोट से मोतीलाल, कुलैयुर से धनुष, अरियालुर ज़िले के दुलरंगुरिची से कनिमोझी, वेल्लोर ज़िले के थलियारामपट्टू से सेलंदरिया सहित 16 से अधिक लोगों ने खुदकुशी की है.
साल 2019 में, एडीएमके के पलानीसामी के नेतृत्व वाली सरकार ने तमिलनाडु में नीट परीक्षा खत्म करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था.
इसे राष्ट्रपति की मुहर के लिए भेजा गया.
इसके बाद मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए सरकारी स्कूल के छात्रों को 7.5 फ़ीसदी इंटरनल रिज़र्वेशन देने वाला एक अध्यादेश लाया गया.
बाद में, जब डीएमके की सरकार आई तो नीट परीक्षा के ख़िलाफ़ एक नया विधेयक पारित किया गया और राज्यपाल आर.एन. रवि ने बिल वापस भेज दिया.
फिर तमिलनाडु सरकार ने विधेयक पारित किया और अब ये राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए गया है.
राज्य में बाप और बेटे के हालिया खुदकुशी ने एक बार फिर लोगों के बीच नीट परीक्षा को लेकर छाई गहरी निराशा और उदासी को उजागर कर दिया है.
यदि आपको आत्महत्या के विचार आ रहे हैं या आपकी जानकारी में किसी और के साथ ऐसा होता है, तो आप भारत में आसरा वेबसाइट या वैश्विक स्तर पर बीफ्रेंडर्स वर्ल्डवाइड के ज़रिए सहयोग ले सकते हैं. (bbc.com/hindi)
रायपुर/दिल्ली, 17 अगस्त। बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने देर रात तक बैठक कर उम्मीदवारों के चयन का क्राइटीरिया तय कर लिया है।बीजेपी के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार है जब चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों के सेलेक्शन पर हाई कमान ने मंथन किया।वर्ना अब तक प्रदेश से मिले नाम पर अंतिम मुहर लगाया जाता रहा।
नड्ढा की अध्यक्षता में चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ की बी सी और डी कैटेगरी की कुल 27 सीटों को लेकर चर्चा हुई। सभी के लिए उम्मीदवारों के पैनल पर भी चर्चा की गई है। ए श्रेणी पर चर्चा अंतिम चरण में होगी। ये वो सीटें हैं जहां जहां जीत मिली और कांग्रेस के मंत्री और वरिष्ठ विधायक मैदान में रहे ।
सूत्रों के मुताबिक, चर्चा में राज्य इकाई की तरफ से सीटों के कैटेगराइजेशन को केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा गया. जिन 27 सीटों को लेकर चर्चा हुई, उनमें से कुल 22 सीटें 'बी' और 'सी' कैटेगरी और 5 सीटें 'डी' कैटेगरी में विभाजित की गई हैं।
'बी' कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी उम्मीदवार कभी हारे और कभी जीते हैं, 'सी' कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जिन्हें पार्टी दो बार से ज्यादा हारी है, 'डी' कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी कभी नहीं जीती है. इन कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों के नामों के पैनल पर भी चर्चा हुई है.
करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में छत्तीसगढ़ की इन 27 सीटों पर जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा की गई है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि इन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कब की जाएगी। उससे पहले तय प्रत्याशियों को तैयारी का इशारा कर दिया जाएगा।
बैठक में तीनों प्रभारी ओम माथुर, नितिन नवीन, डॉ.मांडविया, पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, महामंत्री अजय जामवाल, पवन साय, विजय शर्मा और ओपी चौधरी बुलाए गए थे।
बता दें कि 2018 के चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।तब बीजेपी को 90 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 15 पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा 68 विधानसभा सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. हालांकि, उसके तुरंत बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी करते हुए 11 सीटों में से 9 सीटें जीती थीं. अब बीजेपी समय से पहले चौकन्ना होकर चुनाव की तैयारी में जुट गई है और पिछले लोकसभा चुनाव की जीत को इस बार विधानसभा में बदलना चाहती है.