राष्ट्रीय
कनिपकम (आंध्र प्रदेश), 10 अगस्त| आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव एस विष्णु वर्धन रेड्डी ने मंगलवार को एक मंदिर में शपथ ली और घोषणा की कि उन्होंने अपने 25 साल के राजनीतिक जीवन में कभी भ्रष्टाचार नहीं किया। रेड्डी ने कहा, "जैसा वादा किया गया था, मैं कनिपकम देवता की उपस्थिति में आया और शपथ ली। अपने 25 साल के राजनीतिक जीवन में, मैंने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया।"
भाजपा महासचिव ने चित्तूर जिले के कनिपकम में श्री स्वयंभू वरसिद्धि विनायकस्वामी मंदिर में शपथ ली।
उन्होंने इसे लोगों की कल्पना पर छोड़ दिया कि विधायक और सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी नेता शिव प्रसाद रेड्डी, जिन्हें उन्होंने चुनौती दी थी, उनकी तरह शपथ लेने के लिए क्यों नहीं आए।
वर्धन रेड्डी ने आरोप लगाया कि प्रसाद रेड्डी ने उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए और उनकी आलोचना ना करने की चेतावनी दी।
प्रसाद रेड्डी के नहीं आने पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह स्वीकार करने के समान है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
एक हफ्ते से अधिक समय पहले, विपक्षी नेता (भाजपा) ने प्रसाद रेड्डी को यह साबित करने की चुनौती दी कि वह भ्रष्ट नहीं हैं।
रेड्डी ने कसम खाई थी, "मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भ्रष्टाचार नहीं किया। अगर आप तारीख तय करते हैं, तो मैं कनिपकम मंदिर आऊंगा और भगवान के सामने शपथ लूंगा।"
दक्षिणी राज्य के राजनेताओं के लिए यह पहली बार नहीं है कि वे अपने विवादों को भगवान तक ले गए हैं।
दिसंबर में, पूर्वी गोदावरी जिले के वाईएसआरसीपी और विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेताओं ने भगवान की उपस्थिति में अपनी अखंडता साबित करने के लिए एक-दूसरे को चुनौती दी।
वाईएसआरसीपी विधायक साथी सूर्यनारायण रेड्डी और विपक्षी तेदेपा नेता नल्लामिली राम कृष्ण रेड्डी ने अपनी पत्नियों के साथ बिक्कावोलु विनायक मंदिर में भगवान के सामने शपथ ली कि उनमें से प्रत्येक 'ईमानदार है और भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है'। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अगस्त | राष्ट्रमंडल सचिवालय ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक युवा विकास सूचकांक 2020 में भारत 122वें स्थान पर है, जो दुनिया भर के 181 देशों में युवाओं की स्थिति को मापता है। स्लोवेनिया, नॉर्वे, माल्टा और डेनमार्क के बाद पहली बार सिंगापुर शीर्ष स्थान पर रहा।
चाड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण सूडान, अफगानिस्तान और नाइजर सबसे नीचे रहे।
सूचकांक से पता चला कि 2010 और 2018 के बीच दुनिया भर में युवाओं की स्थिति में 3.1 प्रतिशत का सुधार हुआ, लेकिन प्रगति धीमी रही।
राष्ट्रमंडल सचिवालय ने 181 देशों में युवा विकास की अपनी त्रैवार्षिक रैंकिंग जारी की, जिनमें से 156 ने अपने स्कोर में कम से कम मामूली सुधार दर्ज किया।
जबकि सूचकांक में उपयोग किए गए डेटा कोविड -19 की पूर्व-तारीख रखते हैं। रिपोर्ट युवा विकास के सकारात्मक प्रक्षेपवक्र पर प्रकाश डालती है, जिसे वायरस पहली बार उलट सकता है जब तक कि पूर्व-महामारी लाभ को सुरक्षित करने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है।
युवा शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, समानता और समावेश, शांति और सुरक्षा, और राजनीतिक और नागरिक भागीदारी के विकास के अनुसार सूचकांक 0.00 (निम्नतम) और 1.00 (उच्चतम) के बीच देशों को रैंक करता है।
यह साक्षरता और मतदान सहित 27 संकेतकों को देखता है, जो 15 से 29 वर्ष की आयु के बीच दुनिया के 180 करोड़ लोगों की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
अफगानिस्तान, भारत, रूस, इथियोपिया और बु*++++++++++++++++++++++++++++र्*ना फासो शीर्ष पांच सुधारकर्ता थे, जिन्होंने अपने स्कोर को औसतन 15.74 प्रतिशत आगे बढ़ाया।
दूसरी ओर, सीरिया, यूक्रेन, लीबिया, जॉर्डन और लेबनान ने 2010 और 2018 के बीच युवा विकास में सबसे बड़ी गिरावट दिखाई।
कुल मिलाकर, सूचकांक ने 2010 के बाद से शांति प्रक्रियाओं और उनकी शिक्षा, रोजगार, समावेश और स्वास्थ्य सेवा में युवाओं की भागीदारी में प्रगति दिखाई है।
वैश्विक युवा मृत्यु दर में 1.6 प्रतिशत की गिरावट और प्रत्येक एचआईवी, आत्म-नुकसान, शराब के दुरुपयोग और तंबाकू के उपयोग में 2 प्रतिशत की गिरावट के कारण स्वास्थ्य ने 4.39 प्रतिशत का सबसे बड़ा लाभ कमाया।
उप-सहारा अफ्रीका ने युवा लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सबसे बड़ी प्रगति की है।
बेरोजगार युवाओं का स्तर और जो स्कूल, प्रशिक्षण या काम में नहीं हैं, वे स्थिर रहे। समानता और समावेश में प्रगति साक्षरता में बेहतर लैंगिक समानता के साथ-साथ बाल विवाह के कम मामलों और 20 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में गर्भधारण के कारण हुई है। फिर भी, महिला सुरक्षा में कोई प्रगति नहीं हुई।
वैश्विक शिक्षा स्कोर में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें दक्षिण एशिया में 16 प्रतिशत का सबसे बड़ा सुधार हुआ, इसके बाद उप-सहारा अफ्रीका में 10 प्रतिशत का सुधार हुआ।
शांति और सुरक्षा में 3.41 प्रतिशत का सुधार हुआ, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष हिंसा से मरने वाले कम युवा थे।
सोमालिया ने युवाओं की शांति और सुरक्षा में सबसे बड़ा लाभ दर्ज किया, इसके बाद कोलंबिया, श्रीलंका, इरिट्रिया और रूस का स्थान है।
राजनीति में युवाओं की भागीदारी ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसने दुनिया के अधिकांश हिस्सों में गिरावट दर्ज की, 102 देशों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, उप-सहारा अफ्रीका ने औसत क्षेत्रीय स्कोर में 5 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया है।
विश्व स्तर पर, स्वीडन शिक्षा पर, लक्जमबर्ग समानता और समावेशन पर, इंडोनेशिया राजनीतिक और नागरिक भागीदारी में अग्रणी है, जबकि सिंगापुर रोजगार, स्वास्थ्य और शांति और सुरक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर है।
रिलीज से पहले बोलते हुए, राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा, "युवा लोग एक ऐसे भविष्य को देने के लिए अनिवार्य हैं जो अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी, टिकाऊ और लचीला है। हार्ड डेटा के साथ उनके योगदान और जरूरतों को मापने से उनके विकास के लिए हमारी वकालत अधिक शक्तिशाली हो जाती है और फिर हम सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने में सक्षम हैं और लाभ हम सभी के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण में जोड़ सकते हैं।"(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 10 अगस्त | ओडिशा पुलिस ने 5.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में तमिलनाडु से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भुवनेश्वर ने 2015 में दर्ज एक बैंक धोखाधड़ी मामले में तमिलनाडु के त्रिचिनापल्ली जिले से त्रिची के आरोपी एस कथिरेसन को गिरफ्तार किया है।
तत्कालीन कॉपोर्रेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक, ईओडब्ल्यू ने एक आधिकारिक बयान में कहा, मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी पुलिस की गिरफ्तारी से बचकर फरार हो गया था। गिरफ्तारी केएन नरसिम्हा द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर की गई थी।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि काथिसेरन को सोमवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट- 4, त्रिचिनापल्ली के समक्ष पेश किया गया और बुधवार को एसडीजेएम, भुवनेश्वर की अदालत में पेश किया जाएगा, जिसे ट्रांजिट रिमांड पर लाया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "वर्ष 2009 के दौरान आरोपी ने जगन्नाथ फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और केएएस फाउंडेशन के सीईओ की हैसियत से एसएचजी/ संयुक्त देयता समूह आदि को ऋण देने के उद्देश्य से 5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।"
हालांकि, कंपनी किश्तों का भुगतान करने में विफल रही और आखिरकार नवंबर 2011 में खाता लगभग 5.62 करोड़ रुपये के बकाया के साथ एनपीए हो गया।
अधिकारी ने कहा, "यह भी पाया गया कि काथिरेसन ने गैर-मौजूद कृषकों को ऋण वितरित किया था और बैंक को संभावित राशि के लिए बैंक को धोखा देने के इरादे से फर्जी और झूठे दस्तावेज जमा किए थे और अपने स्वयं के उपयोग के लिए बड़ी राशि का दुरुपयोग किया था।"(आईएएनएस)
लखनऊ, 10 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल पर बन रही फिल्म 'इंडिया इन माय वैन्स' का मंगलवार को राजधानी लखनऊ में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने पोस्टर रिलीज किया। इस मौके पर फिल्म के निर्माता और निर्देशक सुभाष मलिक (बॉबी) प्रसिद्ध अभिनेता रजामुराद और एसोसिएट प्रोड्यूसर शुभम मालिक भी मौजूद रहे। योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि यह फिल्म प्रधानमंत्री के गरिमामय कार्यकाल पर बन रही है। यह फिल्म आने वाली पीढ़ी के काफी उपयोगी होगी। वह पीएम के किये जा रहे कार्यों से काफी प्रेरणा लेंगे। इसमे में देखने को मिलेगा की एक चाय बेचने वाला गरीब का बेटा किस प्रकार से जनता की सेवा के लिए इस मुकाम पर पहुंचा। प्रधानमंत्री बनने के बाद कैसे रात- दिन गरीब जनता के लिए काम कर रहे हैं। गरीबों और किसानों के लिए क्या क्या काम किया है। इस फिल्म के माध्यम से बहुत कुछ भावी पीढ़ी सीखेगी।
फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि मैं इस फिल्म में कश्मीरी पठान का रोल निभा रहा हूं। यह दर्शकों को काफी पसंद आएगी।
फिल्म निर्माता सुभाष मालिक ने बताया कि इस फिल्म की कहानी की शुरुआत 2014 से है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के किए गए विकास-कार्य को दिखाया जाएगा। इस फिल्म पर कई महीनों से काम चल रहा था। इस फिल्म में मोदी जी की भूमिका कैप्टन राज माथुर निभा रहे हैं अन्य भूमिकाओं मे सुरेंद्र पाल , रजा मुराद, बिंदु दारा सिंह, अमिता नागिया के साथ कई बड़े स्टार दिखेंगे। इस फिल्म की शूटिंग यूपी, हरियाणा व पंजाब में हुई है। फिल्म 70 प्रतिशत बन चुकी है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म नवम्बर तक सिनेमाघरों में नजर आएगी।
सुभाष पहले भी कई फिल्म बना चुके हैं। वह अयोध्या की रामलीला के अध्यक्ष हैं और हिंदुस्तान में फिल्म स्टार की रामलीला शुरू करवाने वाले भी सुभाष मलिक हैं।
फिल्म में मोदी की भूमिका निभाने कैप्टन राज माथुर ने बताया कि इस फिल्म का किरदार निभा के बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने देश के लिए इतने काम किये हैं, जिससे देश तरक्की की राह पर चल रहा है। अपने देश का परचम विदेशों में भी लहरा रहा है। प्रधामनंत्री की तपस्या की कहानी इस फिल्म में देखने को मिलेगी।(आईएएनएस)
श्रीनगर, 10 अगस्त | जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार को एक ग्रेनेड हमले में 10 नागरिक घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों ने शहर के अमीरा कदल इलाके में व्यस्त हरि सिंह हाई स्ट्रीट बाजार में सुरक्षा बलों पर एक ग्रेनेड फेंका, लेकिन यह लक्ष्य से चूक गया और सड़क पर विस्फोट हो गया, जिसमें 10 नागरिक घायल हो गए।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। ग्रेनेड विस्फोट के तुरंत बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
उपस्थित डॉक्टरों ने एक घायल की स्थिति को गंभीर बताया है, जबकि अधिकांश अन्य को मामूली चोटें आई हैं।(आईएएनएस)
पुणे, 10 अगस्त | प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य बालाजी तांबे का मंगलवार को एक निजी अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 81 वर्ष के थे। वह एक सप्ताह से अधिक समय से बीमार थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्होंने चिकित्सा का कोई जवाब नहीं दिया।
तांबे के परिवार में उनकी पत्नी वीणा, बेटे सुनील और संजय और पोते-पोतियां हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने महान चिकित्सक और शोधकर्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया।
आयुर्वेद, योग और संगीत चिकित्सा में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध गुरु, तांबे 1982 में एक वैदिक जीवन शैली पर डिजाइन किए गए लोनावाला के पास, कार्ला में आत्मसंतुलना गांव के संस्थापक थे।(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 10 अगस्त | ओडिशा के भाजपा सांसदों ने ओडिशा में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नई दिल्ली में मंडाविया से मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
सांसदों ने ज्ञापन में कहा, "हमें यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि एबी-पीएमजेएवाई योजना के शुभारंभ के 3 साल बाद भी, ओडिशा उन कुछ राज्यों में से एक है जहां सरकार ने आयुष्मान भारत को लागू नहीं किया है, जिससे लगभग 60 लाख जरूरतमंद लाभार्थियों को इस गरीब-समर्थक स्वास्थ्य सेवाएं से वंचित किया जा रहा है।"
सांसदों ने कहा कि ओडिशा सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति खर्च वित्त वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय औसत 1,944 रुपये की तुलना में केवल 1,501 रुपये है। हाल ही में जारी नीति आयोग एसडीजी इंडेक्स 3.0 के अनुसार, एसडीजी 2 (अच्छे स्वास्थ्य और भलाई) की बात करें तो ओडिशा 18 वें स्थान पर है।
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग के अनुसार, ओडिशा में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात में देश में 12वां सबसे गरीब है, जहां प्रति 1,864 व्यक्तियों पर 1 डॉक्टर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1 डॉक्टर प्रति 1,456 है।
ज्ञापन में कहा गया है कि "ओडिशा के निराशाजनक चिकित्सा बुनियादी ढांचे को हाल ही में कोविड -19 के दौरान राज्य स्वास्थ्य प्रणाली की पूरी तरह से विफलता से उजागर किया गया था और विशेष रूप से दूसरी लहर के दौरान। समर्पित ऑक्सीजन पीएसए प्लांट के साथ एक भी राज्य का सरकारी अस्पताल नहीं था और ओडिशा ने एक तृतीयक स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना सुविधाओं की तीव्र कमी का सामना किया।"
ओडिशा सरकार यह दावा करके इस अक्षम्य उपहास को सही ठहराने में व्यस्त है कि उसका अपना स्वास्थ्य कार्यक्रम बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना- राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।
हालांकि, बीएसकेवाई ज्यादातर राज्य के भीतर सुविधाओं तक ही सीमित है, जिससे प्रवासी श्रमिकों द्वारा उनके कार्यस्थल पर उपयोग को प्रतिबंधित किया जा रहा है और साथ ही राज्य के बाहर ओडिशा के लोगों के लिए उपलब्ध बेहतर स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों का लाभ उठाने से इनकार किया जा रहा है।
सांसदों ने स्वास्थ्य मंत्री से राज्य सरकार को ओडिशा के लोगों के बड़े हित के लिए विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के लिए आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन के लिए निर्देश देने का आग्रह किया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अगस्त । एक भारतीय यूजर्स द्वारा सोशल मीडिया पर वनप्लस नॉर्ड 2 स्मार्टफोन में विस्फोट होने की खबर के बाद कंपनी ने मंगलवार को कहा कि वे यूजर्स के पास तक पहुंच गए हैं और पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
एक ट्विटर यूजर्स शुभम श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट में विस्फोट के बारे में उल्लेख किया था, लेकिन बाद में कथित विस्फोटित डिवाइस की कोई भी तस्वीर अपलोड किए बिना, उस पोस्ट को हटा दिया।
वनप्लस ने एक बयान में आईएएनएस को बताया कि उनकी टीम पहले ही यूजर्स के पास पहुंच चुकी है और हम आगे इसकी जांच के लिए रिपोर्ट एकत्र करने की प्रक्रिया में हैं।
श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, मुझे यह कहते हुए बहुत गुस्सा आ रहा है कि मुझे अपने पिता के लिए जो नॉर्ड 2 स्मार्टफोन लिया, वह अभी हाल ही में फट गया। उन्हें डर था कि इस घटना के बाद अगर वह तुरंत इसका इस्तेमाल करते तो उनकी जान चली जाती। मैं अपना फोन कैसे वापस पा सकता हूँ। तुमने मेरा पैसा बर्बाद कर दिया।
वनप्लस ने ट्विटर पर उन्हें जवाब दिया, हम वास्तव में इस घटना के बारे में सुनकर दुखी हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि अप्रिय घटना से आपके पिता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हम चाहते हैं कि इसे प्राथमिकता पर संबोधित किया जाए और इस मामले की और जांच की जाए । इस घटना के कारण का हम पता लगाएंगे, कृपया हमें डीएम करें।
हालाँकि, पोस्ट के साथ-साथ उनके ट्विटर अकाउंट को पोस्ट के कुछ ही घंटों के भीतर हटा दिया गया था।
हाल ही में, बेंगलुरु के अंकुर शर्मा ने भी एक ट्वीट में एक दिन पुराने वनप्लस नॉर्ड 2 में विस्फोट होने की सूचना दी, साथ ही जले हुए स्मार्टफोन की तस्वीरें भी शेयर की थीं। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट को डिलीट भी कर दिया।
शर्मा के ट्वीट का जवाब देते हुए स्मार्टफोन ब्रांड ने आश्वासन दिया कि वे इसकी जांच करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ।
वनप्लस नॉर्ड 2 एक मिड-रेंज फ्लैगशिप स्मार्टफोन है जो 6जीबी प्लस128जीबी, 8जीबी प्लस128जीबी और 12जीबी प्लस256जीबी वैरिएंट में आता है, जिनकी कीमत क्रमश 27,999 रुपये, 29,999 रुपये और 34,999 रुपये है।(आईएएनएस)
श्रीनगर, 10 अगस्त | भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और इस उपलक्ष्य में समारोह के तहत मंगलवार को आयोजित एक छोटे से समारोह के दौरान में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। समारोह की अध्यक्षता सेना कमांडर, उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने की। उन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों को सम्मानित भी किया।
सेना कमांडर ने नागरिक समाज के कुछ सदस्यों को भी सम्मानित किया जिन्होंने विभिन्न प्रयासों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान दिया है।
गुलमर्ग के सुंदर और स्वास्थ्यप्रद परिवेश के बीच फहराए गए ध्वज से पर्यटकों के आकर्षण में इजाफा होगा।
झंडा पहले से ही पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।
समारोह के दौरान, सेना कमांडर ने कहा, यह झंडा उन अनगिनत कश्मीरियों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए अंतिम बलिदान दिया है।
गुलमर्ग नियंत्रण रेखा के साथ उन स्थानों में से एक है, जहां 1965 में पाकिस्तानी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और युवा चरवाहे मोहम्मद दीन की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण, जिन्होंने सुरक्षा बलों को उसके बारे में सचेत किया था, भारतीय सेना को पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को हराने में बहुत फायदा मिला था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अगस्त | वित्त मंत्रालय ने आय से अधिक खर्च होने पर होने वाले राजस्व घाटे (पीडीआरडी) की भरपाई करने के लिए नौ अगस्त, 2021 को राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये की पांचवीं किस्त जारी कर दी। इस किस्त के जारी होने के साथ मौजूदा वित्त वर्ष में पीडीआरडी के तौर पर पात्र राज्यों को कुल 49,355 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।
राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत पीडीआरडी अनुदान प्रदान किया जाता है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को मासिक किस्त के तौर पर अनुदान दिया जाता है, ताकि राज्यों की आय और व्यय के बीच के अंतराल को पूरा किया जा सके।
आयोग ने सिफारिश की थी कि 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान दिया जाये।
यह अनुदान प्राप्त करने के लिये कौन से राज्य पात्र हैं, इसका फैसला वित्त आयोग करता है। वह राज्यों की आय और खर्च के अंतराल को आधार बनाकर फैसला करता है। इसके तहत वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मूल्यांकन किया गया।
15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक कुल 49,355 करोड़ रुपये (41.67 प्रतिशत) की रकम जारी की गई है।
15वें वित्त आयोग ने पीडीआरडी अनुदान के लिये जिन राज्यों की सिफारिश की थी, उनमें आंध्रप्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। (आईएएनएस)
शामली (यूपी), 10 अगस्त | उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला इलाके में एक मुस्लिम परिवार के 18 सदस्य आवश्यक अनुष्ठान करने के बाद फिर से हिंदुत्व में लौट आए। यह एक तरह का 'घर वापसी' था। परिवार ने कुछ दिन पहले वापस हिंदू धर्म अपनाने के अपने फैसले की घोषणा की थी, लेकिन अनुष्ठान सोमवार को आयोजित किया गया था।
महंत यशवीर महाराज ने परिवार के सदस्यों के साथ अनुष्ठान और 'हवन' किया।
कांधला के राय जादगन कॉलोनी निवासी उमर के नेतृत्व वाला परिवार अपनी पत्नी, तीन बेटों, बहुओं और अपने बच्चों के साथ अपने मूल धर्म में लौट आया।
उमर के बेटे राशिद ने कहा कि उनके पिता ने 12 साल पहले इस्लाम कबूल किया था और अब उनका पूरा परिवार अपनी जड़ों की ओर लौट आया है।
राशिद ने संवाददाताओं से कहा कि वह यह समझने के लिए बहुत छोटा था कि उसके माता-पिता ने कब इस्लाम धर्म अपना लिया। साथ ही उसने यह भी कहा कि वह अब इस्लाम का अभ्यास नहीं करना चाहता।
अपने मूल धर्म में वापस आने वाले परिवार ने लिखित में प्रस्तुत किया कि वे जानबूझकर अपना धर्म बदल रहे हैं और किसी दबाव में नहीं हैं।
परिजनों ने इस संबंध में पिछले सप्ताह शामली तहसील में एक हलफनामा भी सौंपा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अगस्त | केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि ट्विटर इंक ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत आवश्यकतानुसार स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति की है। ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैय्या ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि नए हलफनामे को रिकॉर्ड में रखा गया है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने पुष्टि की है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने आईटी नियमों का पालन किया है।
शर्मा और याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार राव ने ट्विटर द्वारा दायर जवाबी हलफनामे पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है।
6 अगस्त को, ट्विटर इंक ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने नए आईटी नियमों के प्रावधानों के अनुपालन में मुख्य अनुपालन अधिकारी और निवासी शिकायत अधिकारी के साथ ही नोडल संपर्क व्यक्ति के पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की है।
ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैय्या ने प्रस्तुत किया था कि अदालत में नए सिरे से हलफनामा दायर किया गया है।
ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा, "ट्विटर इंक ने शुरू में विनय प्रकाश को तीसरे पक्ष के ठेकेदार के माध्यम से काम पर रखा है। प्रारंभिक नियुक्ति इसे तेज करने के लिए की गई है, क्योंकि ट्विटर इंक की भारत में कॉपोर्रेट उपस्थिति नहीं थी। नियुक्ति को आकस्मिक माना गया, क्योंकि ट्विटर इंक से अपेक्षा की जाती है कि वह यथाशीघ्र पद को पूर्णकालिक कर्मचारी में बदल दे। ट्विटर इंक ने तब से प्रकाश को 4 अगस्त, 2021 से पूर्णकालिक कर्मचारी बना दिया है।"
हलफनामे में कहा गया है कि प्रकाश नए आईटी नियमों के अनुसार, मुख्य अनुपालन अधिकारी और निवासी शिकायत अधिकारी के कार्यों को करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
इसमें कहा गया है कि शाहीन कोमाथ को नोडल संपर्क व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया गया है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दर्ज था किया कि ट्विटर ने अदालत के आदेशों का पालन किया है। इसके बाद उन्होंने मामले को 10 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।
बता दें कि 28 जुलाई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर की ओर से दायर उस हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें कहा गया था कि उसने मुख्य अनुपालन अधिकारी और शिकायत अधिकारी को आकस्मिक कार्यकर्ता नियुक्त किया है।
उच्च न्यायालय अमित आचार्य द्वारा अधिवक्ता आकाश वाजपेयी के माध्यम से ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक द्वारा नए आईटी नियमों का पालन न करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। (आईएएनएस)
दुबई, 10 अगस्त | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए बोली लगाने के अपने इरादे की पुष्टि की है।
आईसीसी द्वारा जारी किए गए एक बयान में आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने कहा, हम चाहते हैं कि क्रिकेट भविष्य के ओलंपिक खेलों का हिस्सा हो, दुनिया भर में क्रिकेट के अरबों चाहने वाले हैं और वे चाहते हैं कि क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा बने।
आईसीसी ने एक कार्यकारी समूह की बैठक की जिसमें यह तय किया गया कि आने वाले लॉस एंजिल्स गेम्स 2028, ब्रिस्बेन गेम्स 2032 और उससे आगे भी क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा बना रहे।
बार्कले ने आगे कहा, यह साफ है कि क्रिकेट चाहने वालों की कमी नहीं है। खास तौर पर दक्षिण एशिया में जहां हमारे 92 प्रतिशत प्रशंसक हैं, जबकि यूएसए में भी 30 मिलियन क्रिकेट प्रशंसक हैं। उन प्रशंसकों के लिए अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को ओलंपिक में खेलते हुए देखना गर्व की बात होगी।
कार्यकारी समूह के बैठक की अध्यक्षता इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष इयान वाटमोर करेंगे। इस समूह में आईसीसी के स्वतंत्र निदेशक इंदिरा नूयी, जिम्बाब्वे क्रिकेट के अध्यक्ष तवेंगवा मुकुहलानी, आईसीसी के सहयोगी सदस्य निदेशक और एशियाई क्रिकेट परिषद के उपाध्यक्ष महिंदा वल्लीपुरम और यूएसए क्रिकेट के अध्यक्ष पराग मराठे इस समूह का हिस्सा होंगे।
लॉस एंजिल्स गेम्स 2028 में खेलों को शामिल करने की प्रक्रिया 2022 के मध्य में शुरू होगी। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति 2023 के मध्य में खेलों को शामिल करने के लॉस एंजिल्स ओलंपिक समिति के प्रस्तावों पर फैसला लेगी। (आईएएनएस)
अंकारा, 10 अगस्त | तुर्की के अधिकारियों ने देश और विदेश में बड़े पैमाने पर तस्करी विरोधी अभियानों में 76 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और 4,122 ऐतिहासिक कलाकृतियां जब्त की हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य द्वारा संचालित टीआरटी ब्रॉडकास्टर के अनुसार, तुर्की के 30 प्रांतों में 108 पतों पर कलेक्टरों सहित 92 संदिग्ध तस्करों को पकड़ने के लिए एक साथ अभियान चलाया गया है।
उन्होंने कहा कि अब तक उनमें से 76 को हिरासत में लिया गया है।
टीआरटी ने कहा, तुर्की, बुल्गारिया, क्रोएशिया और सर्बिया में कई पतों पर किए गए चार अलग-अलग छापों में अनातोलिया नामक ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, 4,122 ऐतिहासिक कलाकृतियों को जब्त कर लिया गया है।
तुर्की के अभियोजकों ने कथित तौर पर यह निर्धारित करने के बाद ऑपरेशन शुरू किया था कि एक संगठित अपराध संगठन ने अवैध रूप से तुर्की से ऐतिहासिक कलाकृतियों को अमेरिका और यूरोप में नीलामियों में बेचने के लिए स्थानांतरित कर दिया था। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 10 अगस्त | भारत में लगभग 73 प्रतिशत संगठनों या कंपनियों को अगले 12 महीनों में डेटा उल्लंघन का अनुभव होने की उम्मीद है, जो अगले 12 महीनों में ग्राहकों के डेटा को प्रभावित करेगा। एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को यह अंदेशा जताया गया है।
वैश्विक साइबर सुरक्षा लीडर ट्रेंड माइक्रो के अनुसार, भारतीय संगठनों ने एक हमले के शीर्ष तीन नकारात्मक परिणामों को खोए हुए आईपी, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की क्षति/व्यवधान और बाहरी सलाहकारों एवं विशेषज्ञों के नुकसान के रूप में स्थान दिया है।
ट्रेंड माइक्रो के कंट्री मैनेजर (इंडिया एंड सार्क), विजेंद्र कटियार ने कहा, "एक बार फिर, हमने परिचालन और बुनियादी ढांचे के जोखिम से लेकर डेटा सुरक्षा, खतरे की गतिविधि और मानव-आकार की चुनौतियों तक सीआईएसओ को रात में जगाए रखने के लिए बहुत कुछ पाया है।"
सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग 57 प्रतिशत भारतीय संगठनों ने कहा है कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि अगले 12 महीनों में उन पर गंभीर साइबर हमले होंगे।
जबकि नेटवर्क/सिस्टम में घुसपैठ से संबंधित 34 प्रतिशत को 7 से अधिक साइबर हमलों का सामना किए जाने की बात कही गई है, वहीं 20 प्रतिशत ने संपत्ति के 7 से अधिक उल्लंघनों का सामना किए जाने की पुष्टि हुई है।
उत्तरदाताओं में से 30 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें पिछले एक साल में ग्राहक डेटा के 7 से अधिक उल्लंघनों का सामना करना पड़ा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में हाइलाइट किए गए शीर्ष साइबर खतरों में रैंसमवेयर, वाटरिंग होल अटैक, बॉटनेट, दुर्भावनापूर्ण अंदरूनी सूत्र और उन्नत लगातार खतरे (एपीटी) शामिल रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बुनियादी ढांचे के लिए शीर्ष सुरक्षा जोखिमों में दुर्भावनापूर्ण अंदरूनी सूत्र, क्लाउड कंप्यूटिंग अवसंरचना और प्रदाता, संगठनात्मक मिसलिग्न्मेंट और जटिलता के साथ-साथ लापरवाह अंदरूनी सूत्र शामिल हैं।
कटियार ने कहा, साइबर जोखिम को कम करने के लिए, संगठनों को बुनियादी बातों पर वापस जाकर, सबसे अधिक जोखिम वाले महत्वपूर्ण डेटा की पहचान करके, उन खतरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो उनके व्यवसाय के लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं और व्यापक रूप से जुड़े प्लेटफार्मों से बहुस्तरीय सुरक्षा प्रदान करते हैं। (आईएएनएस)
भारतीय जनता पार्टी को 2019-20 में इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले करीब 2,555 करोड़ रुपए. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को मात्र नौ फीसदी हिस्सा ही मिला है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारतीय जनता पार्टी ने वित्त वर्ष 2019-20 में बेचे गए इलेक्टोरल बॉन्ड के तीन चौथाई हिस्से पर कब्जा किया है. वित्त वर्ष 2019-20 में बेचे गए कुल 3,435 के बॉन्ड में से कांग्रेस को मात्र नौ फीसदी ही मिला है. कांग्रेस के खाते में 318 करोड़ रुपए गए. बीजेपी को बॉन्ड के जरिए इस अवधि में सबसे ज्यादा 75 फीसदी चंदा मिला.
साल 2018-19 में बीजेपी को बॉन्ड के जरिए 1450 करोड़ रुपए मिले थे और कांग्रेस को 383 करोड़ रुपए मिले थे. इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी की हिस्सेदारी 2017-18 वित्त वर्ष में 21 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 75 फीसदी हो गई है. बीजेपी को 2017-18 में कुल 989 करोड़ रुपए में से 210 करोड़ रुपए और 2019-20 में 3,427 करोड़ रुपए में से 2,555 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं.
बाकी दलों का हाल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बॉन्ड्स के जरिए 29.25 करोड़ रुपए जुटाए. टीएमसी ने 100.46 करोड़ रुपए, डीएमके 45 करोड़, शिव सेना 41 करोड़, आरजेडी 2.5 करोड़ और आम आदमी पार्टी ने 18 करोड़ रुपए बॉन्ड्स के जरिए जुटाए.
केवल तीन साल के भीतर इलेक्टोरल बॉन्ड्स ने दानदाताओं को गुमनामी के साथ लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों धन देने का प्रमुख विकल्प दिया है.
इलेक्टोरल बॉन्ड्स से दानदाताओं को जो गुमनामी मिलती है, उसका मतलब है कि मतदाता यह नहीं जान पाएंगे कि किस व्यक्ति, कंपनी या संगठन ने किस पार्टी को और किस हद तक धन दिया है.
इलेक्टोरल बॉन्ड्स लाए जाने से पहले, राजनीतिक दलों को उन लोगों के विवरण का खुलासा करना पड़ता जिन्होंने 20,000 रुपए से अधिक का दान दिया. पारदर्शिता कार्यकर्ताओं के मुताबिक बॉन्ड्स 'जानने के अधिकार' का उल्लंघन करता है और राजनीतिक वर्ग को और भी अधिक जवाबदेही से बचाता है.
चुनावी चंदा का इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रोमेसरी नोट की तरह होता है. इसे भारत का कोई भी नागरिक खरीद सकता है लेकिन ये बॉन्ड केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चुनिंदा शाखाओं में ही उपलब्ध होते हैं.
बॉन्ड खरीदने वाले को अपनी पूरी जानकारी बैंक को देनी पड़ती है जिसे केवाईसी भी कहा जाता है. इसे भुनाने के लिए राजनीतिक दल के पास 15 दिन का ही समय होता है.
एक और रोचक बात ये है कि यह बॉन्ड उन्हीं दल को दिए जा सकते हैं जिनको पिछले में कुल वोटों का एक कम से कम फीसदी हिस्सा मिला हो. (dw.com)
सुरक्षा परिषद की परिचर्चा में मोदी ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण तरीके से समुद्री विवाद सुलझाने की जरूरत है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता की.
नरेंद्र मोदी ने कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से "समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता" विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए समुद्री व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया.
परिषद की इस तरह की बैठक की अध्यक्षता करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इस बैठक में समुद्री अपराध और असुरक्षा से निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई.
खुली परिचर्चा में मोदी ने आतंकवाद और समुद्री अपराध के लिए समुद्री मार्ग का दुरुपयोग किए जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए चिंता जताई.
समुद्री सुरक्षा
मोदी ने समुद्री व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करने का आह्वान किया और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास), क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए 2015 की भारतीय रूपरेखा पर भी प्रकाश डाला.
मोदी ने कहा, "मुक्त समुद्री व्यापार के लिए यह भी जरूरी है कि हम दूसरे देशों के नाविकों के अधिकारों का सम्मान करें."
मोदी ने 'समुद्री विवादों' पर आगे कहा, "इन्हें शांति से और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक हल किया जाना चाहिए जो आपसी विश्वास को बढ़ावा देने और वैश्विक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं."
चीन को संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के साथ भारत की समुद्री सीमा समझौते का हवाला देते हुए सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए.
चीन की ओर भी इशारा
अगस्त के महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष के रूप में यूएनएससी के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने चीन के वन बेल्ट वन रोड परियोजना का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा, "समुद्री संपर्क" के लिए संरचनाएं बनाते समय देशों को "वित्तीय स्थिरता" देखनी चाहिए. मोदी का इशारा हाल के सालों में बीजिंग की "ऋण-जाल" कूटनीति की ओर था.
मोदी ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि हिंद महासागर में भारत की भूमिका एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता की रही है.
मोदी ने कहा, "समुद्र हमारी साझा धरोहर है, हमारे समुद्री रास्ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवनरेखा है और सबसे बड़ी बात यह कि यह समुद्र हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत अहम है."
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अतीत में समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और प्रस्तावों को पारित किया है.
हालांकि, यह पहली बार है कि इस तरह की उच्चस्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडा आइटम के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की जा रही है.
चीन और अमेरिका भिड़े
चीन का जिक्र किए बिना अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के गैरकानूनी समुद्री दावों को डराने और धमकाने वाला बताया. उन्होंने कहा, "हमने समुद्र में जहाजों के बीच खतरनाक मुठभेड़ों और गैरकानूनी समुद्री दावों को आगे बढ़ाने के लिए उकसावे वाली कार्रवाइयों को देखा है."
वहीं ब्लिंकेन के बयान पर यूएन में चीन के उप राजदूत दाई बिंग ने बैठक में कहा कि दक्षिण चीन सागर के मामले पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा परिषद उचित मंच नहीं है. बिंग ने कहा, "यह देश ही दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है."
चीन, दक्षिण चीन सागर के विशाल क्षेत्रों पर दावा करता है जो वियतनाम, मलयेशिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया और फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के साथ मिलता है. इस क्षेत्र के जरिए हर साल अरबों डॉलर का व्यापार होता है. (dw.com)
भारत में कई सामाजिक पैमानों पर पुरुषों से पीछे रही महिलाएं इंटरनेट यूजर्स के तौर पर आधी आबादी बनने की ओर बढ़ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय शहरों में कुल एक्टिव इंटरनेट यूजर्स में से 43 फीसदी महिलाएं हैं.
डॉयचे वैले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट
नाइका, साल के आखिरी तक भारतीय स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने वाली ऐसी पहली कंपनी होगी, जो एक महिला उद्योगपति का स्टार्टअप है. नाइका के पीछे हैं बैंकर से अरबपति एंटरप्रेन्योर बनी, फाल्गुनी नायर. नाइका ब्यूटी प्रोडक्ट्स की एक ई-कॉमर्स कंपनी है और इसकी ज्यादातर कस्टमर भारत में इंटरनेट तक पहुंच रखने वाली महिलाएं हैं. नाइका का दावा है कि हर महीने 55 लाख लोग उसकी वेबसाइट पर आते हैं और हर महीने वह 13 लाख से ज्यादा ऑर्डर की डिलीवरी करती है.
नाइका की सफलता भारत में महिलाओं की इंटरनेट पर मजूबत मौजूदगी का सबूत भी है. नाइका जैसे कई इंटरनेट आधारित ऐप हैं, जो अपने बिजनेस के लिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं पर निर्भर हैं. और इनका भविष्य अभी उज्ज्वल है क्योंकि भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
भारत में कई सामाजिक पैमानों पर पुरुषों से पीछे चल रही महिलाएं इंटरनेट यूजर्स के तौर पर आधी आबादी बनने की ओर तेजी से बढ़ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय शहरों में कुल एक्टिव इंटरनेट यूजर्स में से महिलाएं 43 फीसदी हैं और गांवों में भी उनका हिस्सा 42 फीसदी है. इंटरनेट पर करोड़ों की संख्या में मौजूद महिलाएं जिन ऐप का इस्तेमाल करती हैं, वह उनकी जरूरतों से जुड़ी हैं.
ये ऐप सिर्फ महिलाओं के मोबाइल में
हमने जिन महिलाओं से बात की, उनमें से ज्यादातर गाड़ियां नहीं चलातीं. ऐसे में वे पुरुषों के मुकाबले ओला और ऊबर जैसी मोबिलिटी ऐप का इस्तेमाल ज्यादा करती हैं. हालांकि ऐसी ज्यादातर महिलाएं बड़े शहरों में ही हैं, जिन्हें कमोबेश रोजाना बाहर जाने की जरूरत होती है. वैसे भी रोड ट्रांसपोर्ट इयरबुक 2015-16 के मुताबिक भारत में सिर्फ 11 फीसदी ड्राइवर ही महिलाएं हैं.
ट्रूकॉलर जैसी ऐप के इस्तेमाल की वजह महिलाओं ने सुरक्षा और टेलीमार्केटिंग कॉल से बचने को बताया. इनके अलावा कई ऐसे ऐप भी हैं, जिनका इस्तेमाल सिर्फ महिलाएं ही करती हैं. जैसे मॉम्सप्रेसो, माइलो, ममा अर्थ, हीलोफाई, जिवामी, क्लोविया, शुगर, कैरेट लेन, लाइम रोड, नायका, पर्पल और पीरियड ट्रैकर. इनमें से मॉम्सप्रेसो, माइलो, ममा अर्थ और हीलोफाई प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य और इससे जुड़े प्रोडक्ट के ऐप हैं.
वहीं जिवामी, क्लोविया, शुगर, लाइम रोड, नायका, पर्पल, कैरेट लेन आदि महिलाओं के कपड़े और गहनों से जुड़ी ई-कॉमर्स ऐप है. जबकि पीरियड ट्रैकर महिलाओं के पीरियड्स का हिसाब रखती है. वहीं स्ट्रावा और गूगल फिट फिटनेस ट्रैकिंग ऐप हैं.
इन ऐप की भी ज्यादातर यूजर्स महिलाएं ही
इनके अलावा भी महिलाओं के मोबाइल में कई ऐप थे, जो सिर्फ महिलाओं के लिए तो नहीं हैं लेकिन ज्यादातर महिलाएं ही इनका इस्तेमाल करती हैं. ये ऐप हैं, फर्स्ट क्राई, अर्बन कंपनी, हुनर, मीशो, प्रतिलिपि, स्नैपसीड, ब्यूटी प्लस और बी6 12. स्नैपसीड, ब्यूटी प्लस और बी6 12 ब्यूटी ऐप हैं और इन पर महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
फर्स्ट क्राई बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट्स की ई-कॉमर्स ऐप है. अर्बन कंपनी से लोग टेक्नीशियन और प्लंबर की सर्विसेज ले सकते हैं लेकिन महिलाओं के बीच यह कोरोना के दौरान ब्यूटीशियन को घर बुलाने की सुविधा के चलते पॉपुलर रही है. मीशो एक सेलिंग ऐप है, इसकी भी ज्यादातर यूजर्स महिलाएं ही हैं और वे लोकल इंफ्लुएंसर के तौर पर इस ऐप का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया की मदद से अपने प्रोडक्ट बेचती हैं.
आत्मविश्वास और कमाई भी
इन स्टार्टअप को चलाने वाले भी इस बात को जान चुके हैं कि ऐप पर महिला यूजर्स ज्यादा हैं. उन्हें ऐप पर बनाए रखने और बढ़ाने के लिए भी वे प्रयास भी कर रहे हैं. इन प्रयासों के बारे में हमने पब्लिशिंग ऐप प्रतिलिपि से जाना. बता दें कि प्रतिलिपि पर लोग लेखक के तौर पर अपनी कविताएं और कहानियां प्रकाशित कर सकते हैं.
प्रतिलिपि की कम्युनिकेशन हेड प्रीति नायर ने बताया कि ऐप पर 55 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं. ज्यादातर यूजर और लेखकों की उम्र 18 से 35 के बीच है. लेखक के तौर पर भी महिलाएं ही ज्यादा हैं. इनमें से ज्यादातर हाउसवाइफ हैं, जो लेखिका के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती हैं. हालांकि डॉक्टर, साइंटिस्ट और स्टूडेंट्स भी अपनी क्रिएटिविटी यहां दिखा रही हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं मध्यवर्गीय परिवारों और बड़े-मझोले शहरों से आती हैं. हालांकि इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के चलते अब महिलाएं बिहार के सुदूर गांवों से भी इस पर लिख रही हैं.
प्रीति नायर ने बताया, "महिलाओं को प्रेरित करने के लिए हम सबसे ज्यादा चर्चित लेखकों की किताबें छापकर उन्हें रॉयल्टी का हिस्सा देते हैं. अगर कोई उन्हें सब्सक्राइब करता है, तो भी उनकी कमाई होती है. वे लगातार लिखें, इसके लिए हम अलग-अलग समय पर अलग-अलग इंवेट का आयोजन भी करते हैं." इन पब्लिशिंग और सेलिंग स्टार्टअप से लेखिका या सेलर के तौर पर जुड़ी महिलाएं बताती हैं कि वे अपने हुनर का इस्तेमाल कर कमाई कर रही हैं, जिसे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा है. (dw.com)
पश्चिम बंगाल के बाद अब पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी का नया कुरुक्षेत्र बनता नजर आ रहा है. बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में जो कुछ हुआ वही अब त्रिपुरा में दोहराया जा रहा है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट
बंगाल में टीएमसी पर राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाने वाली बीजेपी पर अब त्रिपुरा में टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और उन्हें बेवजह गिरफ्तार करने के आरोप लग रहे हैं. सांसद अभिषेक बनर्जी समेत कई नेता एक सप्ताह के दौरान दो-दो बार राज्य का दौरा कर चुके हैं. त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है. राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी टीएमसी के बढ़ते असर और बंगाल के चुनाव नतीजों से डर गई है?
त्रिपुरा में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. टीएमसी की बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अब बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी इसी सप्ताह राज्य का दौरा करने वाले हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभिषेक पर बीते रविवार को अगरतला में हुए हमले के लिए सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है.
विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
इस विवाद की शुरुआत तो बीती 21 जुलाई को उस समय हुई जब ममता बनर्जी की सालाना शहीद रैली के वर्चुअल भाषण का प्रसारण कई अन्य राज्यों के साथ त्रिपुरा में भी किया गया था. उसी दिन कथित बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई जगह टीएमसी के लोगों पर हमले किए और पोस्टर फाड़े. उसके बाद कुछ लोगों को कोरोना की पाबंदियों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया था. उसके बाद ही राज्य में चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के लिए पहुंची प्रशांत किशोर उर्फ पीके की टीम के 22 सदस्यों को पहले कोरोना की जांच के नाम पर होटल में नजरबंद रखा गया और बाद में जब उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. उस समय भी पार्टी के आधा दर्जन सांसद और मंत्री त्रिपुरा गए थे. बाद में स्थानीय अदालत ने सबको जमानत दे दी.
उसके बाद भी टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं हुई. बीते रविवार को ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी के अगरतला पहुंचने पर उनकी कार पर हमला किया गया और गो बैक के नारे लगाए गए. पुलिस ने इस मामले में ना तो किसी को गिरफ्तार किया और ना ही दूसरी कोई कार्रवाई की. राज्य की बीजेपी सरकार या उसके किसी मंत्री ने भी इस मामले की निंदा नहीं की. उल्टे बीजेपी नेताओं ने अभिषेक पर ही हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. ताजा मामले में शनिवार को टीएमसी के सात कार्यकर्ताओं पर हमले किए गए. इसमें उनको गंभीर चोटें आईं. उसके बाद उन सबको पूछताछ के बहाने थाने बुलाया गया और महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया गया.
इसके बाद रविवार को अभिषेक दोबारा त्रिपुरा पहुंचे और सीधे थाने में गए. उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ ने थाने को लगभग घेर रखा था और विरोध प्रदर्शन कर रही थी. देर शाम उनको एक स्थानीय अदालत से जमानत मिलने के बाद अभिषेक इलाज के लिए सबको कोलकाता ले आए. उससे पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, "त्रिपुरा में अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सत्ता से जाना तय है. राज्य में कानून-व्यवस्था और लोकतंत्र नामक कोई चीज नहीं बची है."
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाए
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में बीजेपी की कथित अराजकता की निंदा करते हुए अभिषेक पर बीते रविवार को हुए हमलों को लिए अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है. सोमवार को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में त्रिपुरा के घायल पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद उनका कहना था, " त्रिपुरा, असम, उत्तर प्रदेश और जिन दूसरे राज्यों में बीजेपी सत्ता में है, वहां अराजक सरकार चला रही है. हम अभिषेक और त्रिपुरा में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों की निंदा करते हैं. इस तरह के हमले केंद्रीय गृह मंत्री के सक्रिय समर्थन के बिना संभव नहीं हो सकते. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री में इस तरह के हमलों का आदेश देने का साहस नहीं है.”
टीएमसी प्रमुख का आरोप था कि त्रिपुरा पुलिस के सामने ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इन हमलों को अंजाम दिया. लेकिन ऊपर के निर्देश की वजह से पुलिस मूक दर्शक बनी रही. घायलों के इलाज की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई.
त्रिपुराअहम क्यों?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत के बाद ममता पहले ही दूसरे राज्यों में टीएमसी के प्रसार की बात कह चुकी हैं. अब उनका अगला निशाना त्रिपुरा है. इसकी वजह यह है कि दोनों राज्यों के लोगों में रहन-सहन,खान-पान और बोली में काफी हद तक समानता है. खासकर बंगाली हिंदुओं की तादाद सबसे ज्यादा है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में 31 फीसदी त्रिपुरा के मूल निवासी हैं लेकिन बाहर से आकर बसने वालों की तादाद लगभग 69 फीसदी है. इनमें से ज्यादातर बंगाली हैं. यही वजह है कि प्रदेश में भले ही सरकारी भाषा त्रिपुरी हो. लेकिन उसे बोलने वालों की तादाद लगभग 26 फीसदी है. जबकि बांग्ला बोलने वालों की करीब 63 फीसदी है.
त्रिपुरा की राजनीतिक जमीन को अपने लिए उर्वर मानते हुए टीएमसी ने अभी से चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी के बड़े नेता राज्य का लगातार दौरा कर रहे हैं. दूसरी ओर, पीके की टीम भी काम में जुटी है. त्रिपुरा में टीएमसी ने प्रदेश संगठन का नए सिरे से गठन किया है. बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए के लिए टीएमसी वहां क्षेत्रीय दलों के साथ हाथ मिलाने को भी तैयार है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने हाल में ऐलान किया था कि बीजेपी को हटाने के लिए टीएमसी किसी भी दल से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं.
जानकारों का कहना है कि टीएमसी त्रिपुरा के राजपरिवार से आने वाले प्रद्योत देबबर्मा और उनकी पार्टी तिपरा के साथ हाथ मिला सकती है. पिछले दिनों देबबर्मा की ममता और अभिषेक के साथ इस मुद्दे पर चर्चा भी हो चुकी है.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बंगाल के नतीजों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी त्रिपुरा में टीएमसी को पांव जमाने का मौका नहीं देना चाहती. मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में यहां राजनीतिक हिंसा और तेज होने का अंदेशा है. राजनीतिक विश्लेषक सुशांत कुमार देब कहते हैं, "मुख्यमंत्री बिप्लब देव के खिलाफ भी पार्टी और सरकार में असंतोष बढ़ रहा है. शायद टीएमसी से मिलने वाली चुनौतियों और पार्टी में बढ़ते असंतोष को ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी त्रिपुरा के दौरे पर आने वाले हैं.”
(dw.com)
लखनऊ, 10 अगस्त | कुशीनगर जिला प्रशासन ने एक सरकारी प्रयोगशाला में किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में कोविड-19 के नमूने पॉजिटिव आने के बाद लापता हुए 17 संदिग्ध कोविड मरीजों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। प्रयोगशाला के कर्मचारियों, ग्राम निगरानी समिति के सदस्यों और स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों सहित ग्यारह कर्मचारियों को काम में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है।
कुशीनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सुरेश पटारिया ने कहा कि शनिवार को जिले के रामकोला, हाटा और पडरौना प्रखंड के 20 लोगों के नमूने प्रयोगशाला में पॉजिटिव आए। इन लोगों का इलाज, संपर्क ट्रेसिंग और गांव में अन्य लोगों के परीक्षण के लिए टीमों को प्रतिनियुक्त किया गया था।
जहां 17 लोगों के सेल फोन स्विच ऑफ पाए गए, वहीं गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में प्रयोगशाला में तीन के नमूने फिर से परीक्षण के लिए इक्ठ्ठे किए गए थे।
प्रारंभिक जांच के दौरान, नमूने इक्ठ्ठे करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने संदिग्ध पॉजिटिव मामलों के गलत पते का उल्लेख किया था।
जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई टीमें स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज पतों पर इन संदिग्ध कोविड मरीजों का पता नहीं लगा सकीं।
इसके अलावा, प्रयोगशाला के कर्मचारियों ने 17 लोगों के नमूने नष्ट कर दिए, जबकि प्रयोगशाला के लिए पॉजिटिव मामलों के नमूने संग्रहीत करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा, "निगरानी समिति के सदस्यों के साथ-साथ तीनों प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात कर्मचारियों की ओर से ड्यूटी में लापरवाही बरती गई है।"
सीएमओ (गोरखपुर) सुधाकर पांडे ने कहा कि इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है और संपर्क ट्रेसिंग के लिए टीमों को भेजा गया है। (आईएएनएस)
अमरेश श्रीवास्तव
नई दिल्ली, 10 अगस्त | देश भर में बढ़ते साइबर अपराध के मामलों के साथ, 18 राज्यों को अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं मिल गई हैं। गृह मंत्रालय की मदद से स्थापित इन प्रयोगशालाओं ने बाल पोर्नोग्राफी सहित हजारों साइबर अपराध के मामलों को सुलझाने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद करेगी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, साल 2017, 2018 और 2019 में दर्ज साइबर अपराध के मामले क्रमश: 21,796, 27,248 और 44,546 थे। इसमें इसी अवधि के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66एफ के तहत दर्ज साइबर आतंकवाद के 46 मामले शामिल हैं।
साल 2019 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम योजना के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 93.12 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया। इन साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए और जूनियर की भर्ती के लिए है।
हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में स्थापित ये प्रयोगशालाएं पूरी तरह से काम कर रही हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और दिल्ली में ये राज्य साइबर लैब अंतिम चरण में हैं और जल्द ही काम करना शुरू कर देंगे।
कानून प्रवर्तन कर्मियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए क्षमता निर्माण के अलावा, केंद्र ने अत्याधुनिक राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (एनसीएफएल) की भी स्थापना की है। यह दिल्ली में साइबर प्रिवेंशन अवेयरनेस डिटेक्शन में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) का हिस्सा है। यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस के जांच अधिकारियों को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करती है।
मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए समन्वित और व्यापक तरीके से 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी)' की स्थापना की है, जिसमें राज्यों की जांच एजेंसियां साइबर अपराधियों पर नजर रखने में आवश्यक मदद ले सकती हैं।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बारे में बात करते हुए, अधिकारी ने कहा कि यह जांच और अभियोजन के बेहतर संचालन के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मियों, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा, साइबर अपराध जांच, फोरेंसिक और अभियोजन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रमाणीकरण के साथ-साथ ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से पुलिस अधिकारियों और न्यायिक अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए आई4सी के तहत बड़े पैमाने पर खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्लेटफॉर्म, अर्थात 'साइट्रेन' पोर्टल विकसित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 6000 से अधिक पुलिस अधिकारी पंजीकृत हैं और 1500 से अधिक प्रमाण पत्र पोर्टल के माध्यम से जारी किए गए हैं।
इससे पहले, मंत्रालय महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ, वित्तीय धोखाधड़ी सहित सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए जनता को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोटिर्ंग पोर्टल के साथ आया था। ऑनलाइन साइबर शिकायतों को दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री नंबर 155260 चालू किया गया है।
वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोटिर्ंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए एक नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोटिर्ंग और प्रबंधन प्रणाली मॉड्यूल भी शुरू किया गया है। इन सुविधाओं का उपयोग करते हुए, 28,000 से अधिक पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मियों और लगभग 1,000 न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। (आईएएनएस)
मोहम्मद शोएब खान
नई दिल्ली, 10 अगस्त | भारतीय पुरुष हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश का कहना है कि 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने से अब माता-पिता अपने बच्चों को हॉकी में खेलने के लिए प्रेरित करेंगे।
भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था। हॉकी टीम ने 1980 मॉस्को ओलंपिक के बाद कोई पदक जीता है।
एथलीटों के टोक्यो से लौटने पर यहां अशोका होटल में सोमवार की शाम सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था जहां केंद्रिय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन एथलीटों का सम्मान किया।
आईएएनएस से बात करते हुए श्रीजेश ने कहा, "हमने पदक जीता और दुनिया को साबित किया कि हम जीत सकते हैं। परिवार के लोगों को अब लगेगा कि उनका बच्चा भी हॉकी खेले। जैसे हमने पदक जीता वैसे ही एक दिन उनका बच्चा भी पदक लाए।"
टोक्यो ओलंपिक श्रीजेश का तीसरा ओलंपिक था। 33 वर्षीय गोलकीपर ने कहा कि टीम के लिए अब इस लय को बरकरार रखना और अधिक पदक जीतने की चुनौती है।
उन्होंने कहा, "सभी खेल में चुनौतियां होती है। आप टेस्ट क्रिकेट खेलें या ओलंपिक में भाग लें, आप हमेशा जीतने के लिए खेलते हैं। अब जब हमने पदक जीता है तो हमें इस स्तर के प्रदर्शन को बरकरार रखने की जरूरत है।"
श्रीजेश ने कहा कि भले ही देश में क्रिकेट सर्वाधिक प्रसिद्ध खेल है लेकिन हॉकी भी लोगों के दिमाग से कभी नहीं उतरा है।
श्रीजेश ने कहा, "हमारा प्रदर्शन बीच में कुछ गिरा और लोगों ने हॉकी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं सुना। लेकिन अब हमने पदक जीता है और सभी भारतीय हॉकी के बारे में बात कर रहे हैं।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 10 अगस्त | लखनऊ में दूषित पानी पीने से दो बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को डायरिया और आंत्रशोथ के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी मरीज लखनऊ के बालू अड्डा मोहल्ले में रहते हैं।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मरीज या तो फूड प्वाइजनिंग या गंदे पानी के सेवन से बीमार हुए थे। दोनों बच्चों की सोमवार को उनके घरों में मौत हो गई और उसके बाद एक दर्जन से अधिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
10 बच्चों में सात 12 साल से कम उम्र के हैं जबकि तीन 12 साल के हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सभी 10 बच्चे और एक 35 वर्षीय महिला का इलाज अच्छा चल रहा है।
सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष सुंदरियाल ने कहा, "यह संक्रमण का मामला लगता है या तो फूड प्वाइजनिंग या गंदे पानी के सेवन से हुआ है। बच्चे सोमवार की शाम को तीव्र दस्त और आंत्रशोथ के साथ आए थे। वे सभी ठीक हो रहे हैं।"
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) लखनऊ के नेतृत्व में चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम ने क्षेत्र और अस्पताल का दौरा किया।
सीएमओ के निर्देश पर किसी भी आपात स्थिति के लिए इलाके में तीन एंबुलेंस को तैनात किया गया है, जब तक कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आ जाती। क्षेत्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अगले 48 घंटे तक अलर्ट रहने की सलाह दी गई है और इलाके में एक चिकित्सा दल तैनात किया गया है।
सीएमओ कार्यालय के आधिकारिक प्रेस बयान में कहा गया है, "निवासियों ने सूचित किया है कि क्षेत्र में गंदे पानी की आपूर्ति के कारण दो मरीजों की जान चली गई है। उन्होंने आगे सूचित किया है कि गंदे पानी की जांच शुरू करें और घरों में सप्लाई किए जा रहे पानी का क्लोरीनेशन और टूटी पाइप लाइन की मरम्मत के लिए जल विभाग को नियमित रूप से शिकायत की गई थी।"
हालांकि, जल विभाग ने कहा कि क्षेत्र से गंदे पानी की कोई शिकायत नहीं मिली है।
लखनऊ जल विभाग के सचिव राम कैलाश ने कहा, "हमें बालू अड्डा क्षेत्र में गंदे पानी की आपूर्ति के संबंध में ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन मैं क्षेत्र के कार्यकारी अभियंता से पूछताछ करूंगा और समस्या का समाधान करूंगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अगस्त | राज्यसभा बुलेटिन में मंगलवार को कृषि मुद्दों पर चर्चा में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और प्रताप सिंह बाजवा के साथ-साथ अन्य सांसदों का भी जिक्र है। बुलेटिन में कहा गया है, "कृषि समस्याओं और समाधानों पर चर्चा करने के लिए इसे 'एक छोटी अवधि की चर्चा' के रूप में लिया गया है।"
लेकिन जयराम रमेश ने कहा, "कल, मोदी सरकार ने बहुत चालाकी से आधे-अधूरे कदम में 'कृषि समस्याओं और समाधान' पर चर्चा प्रस्तावित की और इसमें मेरा नाम जोड़ा। इस चर्चा का मेरे द्वारा 23 जुलाई को चल रहे किसान आंदोलन पर दिए गए नोटिस से कोई लेना-देना नहीं है।"
तृणमूल के डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा, "यह मोदी-शाह की गंदी चालें हैं। विपक्ष एक स्वर में बोल रहा है: हम आंतरिक सुरक्षा (पेगासस) पर चर्चा चाहते हैं। फूट डालो और शासन करने की कोशिश फिर से विफल रही।"
कांग्रेस पेगासस परियोजना पर नियम 267 के तहत चर्चा का मुद्दा उठाती रही है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।
मंगलवार के लिए व्यापार सूची के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पारित होने के लिए सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 पेश करेंगी।
विनियोग (नंबर 4) विधेयक, 2021 और विनियोग (नंबर 3) विधेयक, 2021, जो पिछले सप्ताह से उच्च सदन में लंबित है, को भी पेश किया जाएगा।
राज्यसभा ने दिन के लिए स्थगित होने से पहले सोमवार को तीन विधेयक पारित किए। सदन ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया जो लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने में सक्षम बनाता है। लोकसभा इस बिल को पहले ही पास कर चुकी है।
सदन ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, 2021 भी पारित किया, जिसके लिए विपक्ष ने इसे प्रवर समिति को भेजने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, लेकिन सरकार के सदन में संख्याबल की वजह से विपक्ष का प्रस्ताव खारिज हो गया। (आईएएनएस)
चेन्नई, 10 अगस्त |तमिलनाडु के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) के अधिकारियों ने मंगलवार को कोयंबटूर में अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि के आवास पर तलाशी अभियान शुरू किया। यह भी पता चला है कि डीवीएसी अधिकारियों द्वारा वेलुमणि के करीबी लोगों के परिसरों में तलाशी ली जा रही है।
वेलुमणि पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार में स्थानीय प्रशासन मंत्री थे और अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में कोयंबटूर और पश्चिमी बेल्ट में अधिकांश सीट जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने वेलुमणि के खिलाफ शिकायत को फिर से खोलने और जांच करने का फैसला किया है जो पहले अन्नाद्रमुक के सत्ता में होने पर बंद कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच और हलफनामा दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था।
राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि वह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) अरापोर इयक्कम की शिकायत से सहमत है।(आईएएनएस)