राष्ट्रीय
बाराबंकी, 24 सितम्बर | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने बांदा जेल के अंदर अपनी जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त की है। मुख्तार ने गुरुवार को बाराबंकी में एमपी विधायक विशेष अदालत में वर्चुअल उपस्थिति के दौरान अपना डर व्यक्त किया।
मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने संवाददाताओं से कहा कि अंसारी ने विशेष अदालत को बताया कि जहर देकर उनकी हत्या की जा सकती है।
गौरतलब है कि 2018 में जब मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद थे, तब परोसी गई चाय पीने के बाद वे और उनकी पत्नी बीमार पड़ गए थे। दोनों अस्पताल में भर्ती थे।
मुख्तार एक एम्बुलेंस के पंजीकरण से संबंधित जाली दस्तावेज के संबंध में दर्ज एक मामले में पेश हो रहे थे, जिसका इस्तेमाल उन्होंने रोपड़, पंजाब में किया था।
बाराबंकी पुलिस ने जांच के बाद मुख्तार के साथ अलका राय व 12 अन्य को मामले में नामजद किया था। जिसकी सुनवाई की अगली तारीख सात अक्टूबर है। (आईएएनएस)
मैसूर, 24 सितम्बर | मैसूर सामूहिक रेप मामले में एक बड़े घटनाक्रम में, पीड़िता ने कर्नाटक में जिला जेल में एक पहचान परेड के दौरान हमले के एक महीने बाद अपने हमलावरों की पहचान की है। सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। 23 वर्षीय एमबीए स्नातक पीड़िता ने 22 सितंबर को आईपीसी की धारा सीआरपीसी 164 के तहत खुली अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया। सूत्रों के अनुसार, उसे गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मैसूर जिला जेल में पहचान परेड के लिए लाया गया था।
सूत्रों ने कहा कि जैसे ही आरोपी अन्य पुरुषों के साथ एक लाइन में खड़ा हुआ, पीड़िता ने सभी हमलावरों की पहचान कर ली। प्रक्रिया की वीडियो रिकॉडिर्ंग की गई।
पीड़िता ने लगभग 45 मिनट तक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया और अपने दर्दनाक अनुभव का विस्तृत विवरण दिया।
मैसूर पुलिस की जांच टीम, जिसे अपनी जांच के दौरान भारी बाधाओं का सामना करना पड़ा, अब दोषियों को अधिकतम सजा मिलने के प्रति आश्वस्त है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य विधानसभा में कहा है कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग करेगा।
तमिलनाडु के सात सदस्यीय गिरोह ने 24 अगस्त को अवलाहल्ली पुलिस थाने की सीमा में चामुंडी पहाड़ियों के पास एक सुनसान जगह पर पीड़िता पर हमला किया था। पीड़िता देर शाम अपने पुरुष मित्र के साथ कक्षाओं में भाग लेने के बाद वहां गई थी।
जाहिर तौर पर आरोपियों ने हमले की पूर्व योजना बनाई थी। उन्होंने दंपति के साथ मारपीट की और पीड़ित व्यक्ति के माथे पर एक छोटे से पत्थर से प्रहार किया। बाद में वे महिला को घसीटकर झाड़ियों में ले गए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पीड़िता के दोस्त से तीन लाख रुपये की मांग की थी।
उसके दोस्त ने पैसे की व्यवस्था करने के लिए उसके पिता को बुलाया। आरोपियों ने वहां से निकलने से पहले उनके साथ फिर मारपीट की थी।
पीड़िता के पिता अपनी कार में मौके पर पहुंचे और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। सूत्रों ने कहा कि पीड़िता बेहोशी की हालत में थी और लड़के के पिता उसे पाकिर्ंग से अस्पताल के प्रवेश द्वार पर ले गए क्योंकि वह चलने की स्थिति में नहीं थी।
घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस को बयान देने से इनकार कर दिया और उसके माता-पिता ने भी किसी तरह के सहयोग से साफ इनकार कर दिया।
हालांकि स्पेशल टीम सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाब रही। (आईएएनएस)
पटना, 24 सितम्बर | बिहार के नालंदा और गया जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई। नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात एक ही बाइक पर सवार 3 लोगों को एक ट्रक ने कुचल दिया, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इधर, गया जिले में एक मोटरसाइकिल को कंटेनर ने धक्का मार दिया, जिसमें दो महिलाओं की मौत हेा गई। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार देर रात नालंदा जिले के वेना थाना क्षेत्र में एक ही बाइक पर सवार 3 लोग वेना से बिहारशरीफ की ओर जा रहे थे। इसी दौरान पैठना गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक ने बाइक को ठोकर मार दी। बाइक पर सवार तीनो लोग गिर गए, जिसे ट्रक का चालक कुचलते हुए वाहन लेकर फरार हो गया।
मृतकों की पहचान नूरसराय थाना क्षेत्र के भेड़िया गांव निवासी सुजीत पासवान, सोनू पासवान और द्वारका बिगहा निवासी रंजीत पासवान के रूप में की गई है। यह तीनों आपस में रिश्तेदार थे। घटना की सूचना मिलते ही वेना थाना पुलिस मौके पर पहुंच शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
वेना के थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि पॉकेट में मिले पहचान पत्र के आधार पर मृतकों की पहचान की उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है।
इधर, गया जिले के शेरघाटी जीटी रोड पर ओवरब्रिज के समीप गुरुवार की शाम सड़क दुर्घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई है।
पुलिस के मुताबिक दोनों महिलाएं शेख बीघा आमस की रहने वाली बताई जा रही हैं। बताया गया कि बाइक से दो महिला एवं एक पुरुष शेरघाटी से आमस की ओर जा रहे थे। इसी दौरान एक कंटेनर के द्वारा पीछे से धक्का मारा। दोनों महिलाएं जीटी रोड पर गिर पड़ी और पीछे से कंटेनर ने उन्हें कुचल डाला। इस घटना में युवक घायल हो गया है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 24 सितम्बर | उत्तर प्रदेश में एक महिला का पीछा करने वाले मनचले ने उसके घर में घुसकर महिला को छत से नीचे फेंक दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। आरोपी ने भागने से पहले महिला के मामा पर भी हमला किया, जिससे उसके सिर पर चोट आई। यह घटना गुरुवार को राज्य की राजधानी के गुडंबा इलाके की है।
खून से लथपथ पीड़िता की चीख सुनकर मदद के लिए आगे आए पड़ोसियों ने तुरंत उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
शिव के रूप में पहचाने जाने वाला हमलावर पिछले कई हफ्तों से महिला का पीछा कर रहा था।
महिला के चाचा ने मीडिया से कहा, "शिव हमारे घर में घुसा और जब मैंने इसका विरोध किया तो उसने मुझे पीटा। बाद में उसने मेरी भतीजी के साथ मारपीट की और उसे छत से नीचे फेंक दिया। उसके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।"
यह मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी), उत्तरी क्षेत्र, प्राची सिंह ने कहा कि महिला एक निजी अस्पताल में भर्ती है और खतरे से बाहर है। उन्होंने कहा, "हमने आरोपी को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि यौन उत्पीड़न, गैर इरादतन हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। (आईएएनएस)
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और एक स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अहमियत पर जोर दिया.
भारतीय मूल की पहली अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से नरेंद्र मोदी की मुलाकात कई मायने में दिलचस्प थीं. नरेंद्र मोदी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ना सिर्फ करीबी माने जाते हैं बल्कि उन्होंने ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार तक कर दिया था.
बैठक के दौरान कमला हैरिस ने मोदी से कहा, "भारत की तरह अमेरिका भी हिंद-प्रशांत का सदस्य होने में गर्व महसूस करता है. उन रिश्तों की नजाकत और अहमियत को समझता है और जानता है कि एक आजाद और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अहमियत क्या है."
अमेरिकी उपराष्ट्रपति का इशारा उस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव की ओर था, जिसे लेकर उनके देश ने हाल ही में कई बड़े कदम उठाए हैं. इनमें क्वाड देशों की बढ़ती सक्रियता भी शामिल है, जिसके सदस्य देशों में भारत और अमेरिका दोनों हैं.
गौरव के क्षण
कमला हैरिस और नरेंद्र मोदी की यह बैठक अमेरिका में रहने वाले उन 40 लाख से ज्यादा भारतीयों के लिए गौरव का क्षण था जो हैरिस के भारतीय मूल पर फख्र करते हैं.
नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का जिक्र किया. उन्होंने कमला हैरिस को एक प्रेरणा बताया और कहा कि वह तो परिवार जैसी हैं, जिन्होंने कोविड-19 संकट के वक्त भारत की मदद की. मोदी ने कहा, "सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर हम कुदरती साझीदार हैं. हमारे मूल्य साझे हैं."
बैठक के दौरान कमला हैरिस ने भारत के उस फैसले को सराहा जिसके तहत भारत में निर्मित कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात दोबारा शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-वैक्सीन उत्पादक है. हाल ही में उसने ऐलान किया है कि जल्द ही वैक्सीन का निर्यात दोबारा शुरू किया जाएगा. अप्रैल में यह निर्यात तब रोक दिया गया था जब भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया था और लाखों लोगों की जान ले ली थी.
हैरिस ने कहा, "जब भारत कोविड के उभार को झेल रहा था तब अमरिका ने पूरे गर्व के साथ उसकी मदद की थी कि अपने लोगों का टीकाकरण उसकी जरूरत है, और जिम्मेदारी भी. और मैं भारत के इस ऐलान का स्वागत करती हूं कि वैक्सीन का निर्यात जल्द शुरू किया जाएगा.”
अमेरिका में मोदी
तीन दिन की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मिलेंगे. दोनों नेता क्वाड देशों की बैठक में हिस्सा लेंगे जिसमें ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेता भी शामिल होंगे.
इससे पहले गुरुवार को भारतीय प्रधानमंत्री का कार्यक्रम खासा व्यस्त रहा. उन्होंने कई अमेरिकी नेताओं और उद्योगपतियों के अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से भी मुलाकात की. मुलाकात के बाद स्कॉट मॉरिसन ने ट्विटर पर लिखा, "मेरे अच्छे दोस्त और ऑस्ट्रेलिया के महान दोस्त भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अच्छा लगा. क्वाड बैठक से पहले विस्तृत मुद्दों बातचीत हुई.”
नरेंद्र मोदी ने क्वॉलकॉम, ब्लैकस्टोन, अडोबी, फर्स्ट सोलर और जनरल अटॉमिक्स आदि बड़ी अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों से भी मुलाकात की.
गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी पर अमेरिका में वीजा प्रतिबंध लगा हुआ था. 2002 के दंगों में एक हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने मोदी को वीजा देने पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2014 में भारत का प्रधानमंत्री बनने के फौरन बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें बधाई दी और अमेरिका आमंत्रित किया था.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
गूगल ने दिल्ली हाई कोर्ट में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. कंपनी के खिलाफ चल रही आयोग की जांच की रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गई थी.
गूगल के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की एकाधिकार व्यापार विरोधी जांच की रिपोर्ट लीक हो जाने की खबरों के बाद कंपनी ने आयोग के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है. अमेरिकी कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने यह कदम "गोपनीय निष्कर्षों को गैर कानूनी तरीके से बाहर आने से रोकने के लिए" उठाया है.
कंपनी ने कहा कि यह "विश्वास भंग खुद की प्रतिरक्षा करने की उसकी क्षमता को कमजोर करता है और कंपनी को और उसके साझेदारों ना नुकसान करता है, इसलिए वो इसका विरोध कर रही है."
प्रभुत्व का दुरुपयोग
गूगल ने बयान में यह भी कहा, "हमने पूरी तरह से सहयोग किया और पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान गोपनीयता बना कर रखी और हम उसी स्तर की गोपनीयता की उम्मीद भी करते हैं."
सीसीआई ने तुरंत इस कानूनी चुनौती पर अपनी प्रतिक्रिया देने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया था. गूगल के एक प्रवक्ता ने इन सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया कि क्या कंपनी ने सीसीआई की रिपोर्ट के मीडिया कवरेज पर रोक के आदेश की मांग की है.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि गूगल ने भारत में अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग किया था और अपनी "विशाल वित्तीय ताकत" का इस्तेमाल प्रतियोगियों को गैर कानूनी रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए किया था.
गूगल ने पिछले सप्ताह कहा था कि वो सीसीआई के साथ काम करने की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि वो "दिखा सके कि कैसे एंड्रॉइड की वजह से प्रतिस्पर्धा और बढ़ी है, ना कि कम हुई है."
प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन
सीसीआई ने यह जांच 2019 में शुरू की थी और कहा था कि ऐसा लग रहा है कि गूगल ने अपने प्रभुत्व का फायदा उठा कर मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए उसके ऑपरेटिंग सिस्टम के अलग अलग संस्करणों के इस्तेमाल की क्षमता को कम किया.
आयोग का यह भी कहना था कि गूगल ने मोबाइल कंपनियों को गूगल के ही ऐप पहले से इंस्टॉल करने के लिए मजबूर भी किया. आयोग ने बाद में 750 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में लिखा कि ऐपों को पहले से इंस्टॉल करने के लिए मजबूर करना "उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर अनुचित शर्त लागू करने के बराबर है" जो भारत के प्रतिस्पर्धा कानून के खिलाफ है.
रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन उसमें यह भी कहा गया है कि गूगल ने अपने प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए प्ले स्टोर नाम के अपने ऐप स्टोर की स्थिति का फायदा उठाया. (dw.com)
सीके/एए (रॉयटर्स)
एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले 41 सालों में जर्मनी के आकार से छह गुना ज्यादा आर्कटिक की बर्फ पिघल गई. इससे पूरी दुनिया में समुद्रों का सतह नाटकीय रूप से बढ़ा है.
कॉपरनिकस मरीन एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग सर्विस की पांचवीं सालाना रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के समुद्रों की हालत बदतर होती चली जा रही है. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए यूरोपीय आयोग ने 150 वैज्ञानिकों को जिम्मेदारी सौंपी थी.
इन वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में यह दिखाने की कोशिश की है कि मानवीय हस्तक्षेप की वजह से समुद्र कितनी जल्दी बदल रहे हैं. सबसे बुरा परिणाम यह हुआ है कि समुद्रों के गर्म होने और बर्फ के पिघलने से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है.
आने वाले परिणाम
भूमध्य-सागर में यह वृद्धि सालाना 2.5 मिलीमीटर और दुनिया के बाकि हिस्सों में 3.1 मिलीमीटर तक की दर से दर्ज की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2019 में वेनिस में जो बाढ़ आई थी वो आने वाले परिणामों का उदाहरण है. वेनिस में पानी का स्तर 1.89 मीटर तक ऊपर चला गया था.
समुद्रों के गर्म होने से समुद्री जीव-जंतु और ठंडे पानी की तरफ प्रवास कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ प्रजातियों की तो आबादी ही घट रही है. 1979 से लेकर 2020 के बीच में आर्कटिक ने इतनी बर्फ खो दी जो जर्मनी के कुल आकार से छह गुना ज्यादा मात्रा में थी.
1979 से ले कर अब तक बर्फ 12.89 प्रतिशत कम हुई है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर आर्कटिक की समुद्री बर्फ इसी तरह पिघलती रही तो इससे इस इलाके में तापमान और बढ़ सकता है, आर्कटिक के तटों में और कटाव हो सकता है और पूरी दुनिया में मौसम से जुड़े और बदलाव आ सकते हैं.
अभूतपूर्व तनाव
रिपोर्ट में इस पर भी ध्यान दिलाया गया है कि उत्तरी समुद्र में गर्मी और ठंड की लहरों की वजह से जो चरम बदलाव देखे जा रहे हैं उनका मछली पालन में हो रहे बदलाव से सीधा संबंध है. इसमें सोल मछली, यूरोपीय लॉब्स्टर, सी बेस और खाने वाले केकड़ों का जिक्र किया गया है.
रिपोर्ट के साथ संलग्न एक बयान में ओशन स्टेट रिपोर्ट की अध्यक्ष करीना फॉन शुकमान ने कहा, "जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अति उपभोग ने समुद्र को अभूतपूर्व तनाव में डाल दिया है."
उन्होंने बताया कि पृथ्वी की सतह का अधिकांश हिस्सा समुद्र के नीचे ही है और समुद्र पृथ्वी की जलवायु का नियंत्रण करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि समुद्र को बेहतर समझने और उसमें हो रहे बदलावों के प्रति कदम उठाने के लिए सही और सामयिक निगरानी बेहद जरूरी है.
कॉपरनिकस यूरोपीय संघ का अर्थ ऑब्जरवेशन कार्यक्रम है. इसका लक्ष्य है सैटेलाइट की मदद और दूसरे तरीकों से जमीन, समुद्रों और वायुमंडल की हालत पर और जलवायु परिवर्तन और उसके परिणामों पर लगातार नजर बनाए रखना.(dw.com)
सीके/एए (डीपीए)
भुवनेश्वर, 23 सितम्बर | ओडिशा सरकार ने गुरुवार को सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जलद कुमार त्रिपाठी को नया राज्य मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त किया है। त्रिपाठी की नियुक्ति को लेकर राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी किया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि "सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 का 22) की धारा -15 की उप-धारा (3) के अनुसरण में और इस उद्देश्य के लिए गठित समिति की सिफारिश पर, ओडिशा के राज्यपाल जेके की नियुक्ति को सूचित करते हुए प्रसन्न हैं। त्रिपाठी को राज्य सीआईसी, ओडिशा सूचना आयोग के रूप में पदभार ग्रहण करने की तिथि से नियुक्त किया गया है।"
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले मंगलवार को हुई अपनी बैठक के दौरान ओडिशा सूचना आयोग (ओआईसी) में मुख्य पद के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी के नाम की सिफारिश की थी।
ओडिशा के मूल निवासी, त्रिपाठी ने तीन दशकों में डीजीपी और चेन्नई पुलिस आयुक्त सहित विभिन्न क्षमताओं में तमिलनाडु पुलिस की सेवा की है।
वर्तमान में, राज्य सूचना पैनल चार सूचना आयुक्तों द्वारा चलाया जाता है। सीआईसी का पद 15 अगस्त 2021 से सुनील मिश्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से खाली पड़ा था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितंबर | भाजपा ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है और सरकार ने जो नई पहल की है, जिससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था जंगल से बाहर है और दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल करने की राह पर है। कोविड के बाद अर्थव्यवस्था एक मजबूत सुधार दिखा रही है और सभी संकेतक दिखाते हैं कि अर्थव्यवस्था न केवल इस वर्ष, बल्कि स्थायी आधार पर भी दोहरे अंकों की वृद्धि की दिशा में जा रही है। एक अवधि में यह एक मजबूत विकास दर या उच्च एकल अंकों की वृद्धि दर्शाएगी।
उन्होंने कृषि क्षेत्र के बारे में कहा कि किसानों का कुल कर्ज घटा है और आय में वृद्धि हुई है। एनएसएसओ के कृषि स्थितिजन्य मूल्यांकन सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले सर्वेक्षण से आय में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2012 में 6,426 रुपये से बढ़कर 2019 में 10,289 रुपये प्रति माह हो गई है।"
अग्रवाल ने कहा कि किसानों का कर्ज 52 से घटकर 50 फीसदी पर आ गया है। घरेलू किसानों की ऋणग्रस्तता भी कम हुई है। 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों की ऋणग्रस्तता भी मुद्रास्फीति को 50 प्रतिशत समायोजित करने के बाद कम हो गई। कृषि क्षेत्र के लिए सरकार के बजट आवंटन में भी 5.5 गुना वृद्धि हुई है और कृषि निर्यात में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने रिपोर्टों का हवाला देते हुए उल्लेख किया कि 2019-20 में श्रमबल की भागीदारी बढ़कर 40.1 प्रतिशत हो गई।
अग्रवाल ने कहा, "प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी पूर्व कोविड अवधि की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निर्यात के साथ-साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी बढ़ा है। पिछले नौ महीनों से जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये प्रति माह से अधिक हो गया है।"
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में देश की रैंकिंग 2015 में 81 की तुलना में 46 हो गई है, जबकि पिछले साल भारत 48वें स्थान पर था। इसके अलावा, व्यापारिक निर्यात में भी 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, "ये सभी रिपोर्ट एक साथ दिखाती हैं कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है और सरकार ने कई पहल की हैं जो अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगी और हमें एकल अंकों की दर की उच्च दर पर स्थायी आधार पर दोहरे अंकों की वृद्धि के मार्ग पर ले जाएगी।"(आईएएनएस)
चेन्नई, 23 सितम्बर | श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने बुधवार देर रात कच्चातीवु में भारतीय मछुआरों पर कथित रूप से हमला कर दिया और भारतीय मछुआरों की कम से कम 25 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया। तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने भारतीय मछुआरों पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंके। यह आरोप लगाया गया है कि श्रीलंकाई नौसेना के जवान 10 गश्ती नौकाओं में आए और उन्होंने मछली पकड़ने वाली नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों के कथित हमले में 40 नौकाओं में मछली पकड़ने के जाल भी क्षतिग्रस्त हो गए।
मछुआरा संघ के नेता एन. देवदास ने आईएएनएस को बताया, यह बहुत ही खेदजनक है और एक ऐसी स्थिति बन गई है कि तमिलनाडु तट के मछुआरे अपना व्यवसाय करने में सक्षम नहीं हैं। हमने पहले ही तमिलनाडु के मत्स्य विभाग में और स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दर्ज कराई है। हमें सुरक्षा की आवश्यकता है, अन्यथा, हम मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में जाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
एक विदेशी नौसेना द्वारा कथित हमले पर मछुआरों और तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराया गया है।
श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर बार-बार हमले करती रही है। धनुषकोडी में तट पर पहले हुए हमले में श्रीलंकाई नौसेना के जवानों द्वारा भारतीय मछुआरों पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंकने के बाद कई मछुआरे घायल हो गए थे।
कच्चातीवु श्रीलंका द्वारा प्रशासित एक 163 एकड़ निर्जन द्वीप है और दोनों देशों के बीच एक विवादित क्षेत्र है। 1974 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते के तहत श्रीलंका को द्वीप सौंप दिया। यह द्वीप श्रीलंका के नेदुन्थीवु और भारत के रामेश्वरम के बीच स्थित है।
समझौता भारतीय मछुआरों को द्वीप के आसपास मछली पकड़ने की अनुमति देता है और साथ ही उन्हें द्वीप पर अपने जाल सुखाने का अधिकार देता है। हालांकि, लंका में गृहयुद्ध के दौरान, समझौते के कारण कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि श्रीलंकाई नौसेना मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर हमला करती थी, क्योंकि उन दिनों बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी होती थी।
हालांकि, गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद और हथियारों की तस्करी का कोई और खतरा नहीं होने के बावजूद, भारतीय मछुआरों के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों पर हमला करना जारी रखे हुए है और उनकी नावों और जालों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 सितम्बर | बेंगलुरु में एक प्रतिष्ठित कैब सेवा के कैब चालक द्वारा एक महिला यात्री के साथ कथित बलात्कार की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस को आरोपी के मोबाइल फोन से पीड़िता के साथ एक सेल्फी फोटो मिली है। जीवन बीमा नगर पुलिस ने मामले के सिलसिले में बुधवार को केआर पुरम के पास अवलाहल्ली निवासी कैब चालक देवराज उर्फ देवराजुलु को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मूल रूप से आंध्र प्रदेश का रहने वाला है।
घटना बुधवार तड़के की है। घटना के बाद जब पीड़िता कैब से बाहर निकली तो उसने अपना बैग और ड्राइवर का मोबाइल छीन लिया था। उसने अपना मोबाइल पुलिस को सौंप दिया था।
आरोपी के मोबाइल में सेल्फी फोटो देखकर पुलिस हैरान है। आरोपी ने अपराध करने से पहले पीड़िता के साथ सेल्फी ली थी, जो सो रही है।
सूत्रों ने आगे बताया कि पीड़िता ने बुधवार तड़के 3.20 बजे एचएसआर लेआउट में अपने दोस्त के घर से कैब बुक की थी। वह तड़के 3.40 बजे अपने घर पहुंची। हालांकि, वह सो रही थी और उसे पता ही नहीं चला कि वह वास्तव में अपने घर पहुंच गई है।
उसे जगाने आए कैब ड्राइवर ने पिछला दरवाजा खोला तो देखा कि वह गहरी नींद में है। इसके बाद, उसने दुष्कर्म करने के बारे में सोचा और वाहन को पास के एक सुनसान जगह ले गया। सूत्रों ने बताया कि वहां उसने पीड़िता के साथ सेल्फी ली और कैब की पिछली सीट पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
जब तक पीड़िता को होश आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी और किसी तरह वह आरोपी को धक्का देकर अपने घर की ओर भागी। वह सुबह करीब 4.45 बजे अपने घर पहुंची, आरोपी भी मौके से फरार हो गया। लेकिन, वह फिर से मौके पर आया, क्योंकि उसका फोन गायब था।
पुलिस ने कहा कि लड़की ने थाने में फोन कर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तत्काल पीड़िता के घर एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ टीम भेजी और जानकारी जुटाई।
पीड़िता को उनके वाहन में पुलिस थाने ले जाया गया और शिकायत दर्ज करने और मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने उसे घर वापस छोड़ दिया।
पुलिस ने पीड़िता और आरोपी के कपड़े को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यौन उत्पीड़न की बात सामने आई है और पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
आरोपी दो साल पहले रोजी-रोटी के लिए बेंगलुरु आया था। पुलिस ऐसे कई मामलों में उसकी संलिप्तता पर शक कर रही है और उससे पूछताछ कर रही है। हालांकि, उसने शुरू में अपराध करने से इनकार किया था, लेकिन बाद में उसने महिला का यौन उत्पीड़न करने की बात कबूल की।
इस घटना ने पूरे राज्य के लोगों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि हजारों महिलाएं रात के दौरान कैब सेवाओं का उपयोग करती हैं।
इससे पहले, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एस. मुरुगन ने अपराधी की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। आगे की जांच जारी है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितंबर | गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसने वैश्विक सर्च इंजन दिग्गज के खिलाफ जांच से संबंधित भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की गोपनीय रिपोर्ट लीक होने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, "हम इससे बहुत चिंतित हैं कि महानिदेशक की रिपोर्ट, जिसमें एक चल रहे मामले में हमारी गोपनीय जानकारी है, मीडिया में लीक हो गई, जब वह सीसीआई के पास थी।"
"गोपनीय जानकारी की रक्षा करना किसी भी सरकारी जांच के लिए मौलिक है, और हम निवारण की तलाश करने और आगे किसी भी गैरकानूनी प्रकटीकरण को रोकने के अपने कानूनी अधिकार का अनुसरण कर रहे हैं।"
देश के एंटीट्रस्ट वाचडॉग सीसीआई ने दो साल पहले गूगल द्वारा एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) के कथित दुरुपयोग की जांच शुरू की थी।
गूगल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमने पूरी तरह से सहयोग किया और पूरी जांच प्रक्रिया में गोपनीयता बनाए रखी, और हम उन संस्थानों से समान स्तर की गोपनीयता की आशा और अपेक्षा करते हैं, जिनसे हम जुड़ते हैं।"
हाल ही में, सीसीआई के महानिदेशक (डीजी) ने कहा था कि एंड्रॉइड ओएस पर जोर देकर गूगल ने अनुचित व्यावसायिक प्रथा चलाई।
तकनीकी दिग्गज ने अपने बयान में जिक्र किया है कि डीजी के निष्कर्ष सीसीआई के अंतिम निर्णय को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। जांच रिपोर्ट जमा करना एक अंतरिम प्रक्रियात्मक कदम है।
बयान में कहा गया है कि गूगल को अभी तक डीजी के निष्कर्षों की समीक्षा करने का अवसर नहीं मिला है, किसी भी आरोप के संबंध में अपना बचाव प्रस्तुत करना तो दूर। (आईएएनएस)
पटना, 23 सितम्बर | बिहार में नल जल योजना के तहत उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के रिश्तेदारों को ठेका देने का मामला अब तूल पकड़ लिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, वे क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से समझौता करने को तैयार हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य की नल जल योजना 'नल धन योजना' बन गई है।
पटना में तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नल जल योजना मंे जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री 50 पंचायतों का नाम बता दें जहां सही ढंग से काम हुआ है।
राजद नेता ने कहा कि इस योजना में कैसा भ्रष्टाचार हुआ है सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि राजद के कटिहार के नेता राम प्रकाश महतो ने इसकी जानकारी अगस्त 2020 में ही दी थी। उसके बाद मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर भी उन्होंने योजना में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
उल्लेखनीय है कि नल जल योजना में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के साले, बहू व रिश्तेदारों को करीब 53 करोड़ रुपये का ठेका दिए जाने का आरोप लगाया गया है।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सिर्फ तारकिशोर प्रसाद ही नहीं कई जदयू और भाजपा के कई नेताओं और उनके संबंधियों को नल जल योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को इस योजना के तहत कटिहार में ठेका दिया गया है उसके पत्ते पर कंपनी का कोई साइन बोर्ड तक नहीं है। उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि ठेका उन्हीं को मिलता है जिन्हें सरकारी कार्य का अनुभव होता है कि लेकिन कटिहार में उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदारों की जिन कंपनियों को ठेका दिया गया है, उन्हें कोई अनुभव नहीं है।
तेजस्वी ने कहा कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बिजनेस करना बुरी बात नहीं है। ठीक है बिजनेस करना बुरी बात नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार करना ही इनका बिजनेस है।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को नीतीश कुमार का प्रोटेक्शन और एक्सेप्टेंस है।
इधर, तेजस्वी के आरोपों के बाद राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने तेजस्वी पर ही पलटवार किया है।
हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नल जल योजना को लेकर जिस तरह तेजस्वी यादव ने बयान दिया है वह यह बताता है कि वे अभी राजनीति के क्षेत्र में अपरिपक्व हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी को याद रखना चाहिए कि राजद काल में बंदूक के बल पर टेंडर लालू प्रसाद के लोगों को दे दिया जाता था। रिजवान ने कहा कि तेजस्वी जो आरोप लगा रहे हैं वहां नल जल योजना में ओपन टेंडर था, जिसमें कोई भी टेंडर डाल सकता था, इसमें उपमुख्यमंत्री का कोई हाथ नहीं हो सकता।(आईएएनएस)
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 23 सितम्बर | अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की पांच सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात महंत की मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी।
महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर प्रयागराज के बाघंबरी मठ में आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और अपने पीछे एक 7-पृष्ठ का सुसाइड नोट छोड़ दिया, जो एक तरह की वसीयत भी है।
राज्य सरकार ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए मंगलवार को 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया था, जिसके कारण संत की मौत हुई थी।
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र गिरि के फोन की कॉल डिटेल की जांच में अब पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि ने हरिद्वार के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों को कई कॉल किए और प्राप्त किए। कथित तौर पर बाघंबरी मठ की हरिद्वार में काफी संपत्ति है।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने प्रॉपर्टी डीलरों समेत 18 लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है।
इस बीच, महंत की मौत के तुरंत बाद ली गई एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। वीडियो क्लिप उनके निधन की परिस्थितियों को और उलझा देती है।
वीडियो में, महंत द्वारा कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीली नायलॉन की रस्सी को तीन भागों में कटा हुआ देखा जा सकता है।
रस्सी का एक भाग महंत के पास पड़ा पाया गया, दूसरा भाग पंखे पर लटका हुआ तथा तीसरा भाग मेज पर पड़ा हुआ देखा गया।
दिलचस्प बात यह है कि जब पुलिस अधिकारी कमरे में प्रवेश करते हैं तो पंखा पूरी गति से चलता हुआ दिखाई देता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को आश्रम के लोगों से पूछते हुए सुना जा सकता है कि किसने पंखा चालू किया - वही पंखा जिस पर महंत ने कथित तौर पर फांसी लगाई थी।
रस्सी काटकर महंत के शव को नीचे लाने वाले सर्वेश ने कहा, पता नहीं, पंखा किसने चला दिया। शायद यह गलती से चालू हो गया।
महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात दर्जन भर पुलिस कर्मी भी जांच के घेरे में रहेंगे।
महंत को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन जिस समय उन्होंने कथित तौर पर अपना जीवन समाप्त किया, उस समय कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। पुलिस को सूचना देने से पहले ही जब रस्सी काटी गई और महंत के शव को नीचे उतारा गया तो सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं थे।
इन कर्मियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आनंद गिरि पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि महंत की मौत के लिए अजय सिंह और अभिषेक मिश्रा सहित उनके सुरक्षाकर्मी जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों के पास ऐसी संपत्ति है, जो उनकी आय से अधिक है और इसकी जांच की जानी चाहिए।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने पुष्टि की कि नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में शामिल नौ से 10 पुलिस कर्मियों को पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 सितम्बर | बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने एक हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है और एक कक्षा में माता-पिता द्वारा मालिश करवाने के चलते विभागीय जांच शुरू कर दी है। बीबीएमपी द्वारा बुधवार शाम को निलंबन आदेश जारी किया गया था क्योंकि हेडमास्टर की मालिश करने वाला वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं।
आरोपी लोकेशप्पा बीबीएमपी द्वारा संचालित कोडंदरामपुरा हाई स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में काम करता था। बीबीएमपी के विशेष आयुक्त (शिक्षा) शंकर बाबू रेड्डी ने कहा कि यह पाया गया कि उसने स्कूल की इमारत में छात्र के प्रवेश के लिए स्कूल गई एक महिला से मालिश करवाई थी। लोकेशप्पा ने पूछताछ करने पर मालिश स्वीकार करने की बात स्वीकार की है।
उन्होंने कहा कि उन्हें कर्नाटक सिविल सेवा विनियमों के अनुसार बीबीएमपी के कोडंदरामपुरा हाई स्कूल का निजी काम के लिए इस्तेमाल करने और सरकारी काम के घंटों के दौरान कर्तव्य की उपेक्षा के लिए सेवा से निलंबित कर दिया गया है और वह 1958 के केसीएसआर नियम 98 के तहत निर्वाह भत्ता के लिए पात्र होंगे।
सूत्रों ने बताया कि ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला ने अपनी बेटी के प्रवेश के लिए स्कूल में लोकेशप्पा से संपर्क किया था। लोकेशप्पा ने महिला की पृष्ठभूमि के बारे में पूछताछ की और उससे मालिश करने को कहा।
दबाव में आकर महिला उसे मसाज देने को तैयार हो गई थी। बाद में, लोकेशप्पा ने सभी शिक्षकों को बाहर भेज दिया और एक कक्षा में अपनी शर्ट उतारकर उससे मालिश करवाई।
सूत्रों ने यह भी कहा, लोकेशप्पा कई ऐसी अनैतिक गतिविधियों, महिलाओं के साथ आकस्मिक व्यवहार में शामिल था। उन्होंने यह भी कहा कि उसने स्कूल के एक सुरक्षा गार्ड की बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया था। अनुबंध के आधार पर नियुक्त होने के कारण कर्मचारी और अन्य शिक्षक उससे डरते थे।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त युद्धवीर सिंह डडवाल का छतरपुर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। 1974-बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डडवाल ने जुलाई 2007 से नवंबर 2010 तक दिल्ली के 16वें पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया। विशेष रूप से, उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली में आयोजित किए गए थे।
सूत्रों ने पुष्टि की कि डडवाल कुछ समय से अस्वस्थ थे।
दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्त होने से पहले, डडवाल ने 1980 में दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त के रूप में कार्य किया। 1993-1995 के दौरान, उन्हें यूटी चंडीगढ़ के पुलिस महानिरीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।
दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में सेवा करने के बाद, उन्हें नवंबर 2010 में केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। सेवाओं से सेवानिवृत्त होने के बाद, 2016 में उन्हें अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के सलाहकार के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
डडवाल ने अपने तीन दशकों के पूरे करियर में कई सम्मान प्राप्त किए हैं, जिसमें विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और मेधावी सेवाओं के लिए पुलिस पदक शामिल हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर| पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) ने देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा का समर्थन करने के लिए भारत के पशुधन क्षेत्र में निरंतर सुधार के लिए एक बहु-वर्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य छोटे पैमाने के पशुधन उत्पादकों की आर्थिक भलाई की रक्षा करना है, डीएएचडी ने कहा कि पशु स्वास्थ्य और उत्पादन कार्यक्रमों में सुधार करना खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है।
मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह कार्यक्रम बुधवार को मंत्रालय के मुख्यालय में भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के चल रहे समारोहों के तहत आयोजित किया गया था।
बयान में कहा गया है कि पशुधन क्षेत्र के विकास में पशुपालन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, उद्यमिता विकास और 'एक स्वास्थ्य' ढांचे को लागू करने की परिकल्पना की गई है। इस सहयोग के माध्यम से, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन नई प्रौद्योगिकियों के डिजाइन और वितरण और स्थानीय संदर्भ में प्रासंगिक सर्वोत्तम प्रथाओं के कार्यान्वयन के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ के विजयराघवन ने सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोहराया कि अपेक्षित परिणाम पशुधन क्षेत्र में सुधार के लिए स्थिरता में एक लंबा रास्ता तय करेंगे जिससे आर्थिक विकास होगा।
पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव, अतुल चतुवेर्दी ने कहा, "पशुधन क्षेत्र को मजबूत करना वन हेल्थ के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पूर्व-आवश्यकताओं में से एक है। यह सहयोग हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करेगा और सार्वजनिक और निजी हितधारकों के बीच पशु-मानव संबंधों के संबंध में सूचना के अंतर को पाट देगा।"
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले पैनल को संबोधित करते हुए, एम. हरि मेनन, निदेशक, इंडिया कंट्री ऑफिस, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने कहा, "गेट्स फाउंडेशन को डीएएचडी के साथ हमारी साझेदारी को गहरा करने के लिए सम्मानित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार के राष्ट्रीय सतत विकास और पशुधन क्षेत्र में सुधार के लिए लक्ष्य तय करना है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर करने वाले पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ फिलहाल दिल्ली में हैं । वह पूरे दिन में पार्टी कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमें राहुल गांधी और कई अन्य नेता शामिल हैं। पंजाब में सत्तापरिवर्तन के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भले ही राज्य में सबको एकजुट करने की बात कह रहे हैं और माहौल हल्का-फुल्का दिखाने के लिए शिमला भी गए लेकिन पार्टी का एक धड़ा अब भी असंतुष्ट है, जिन्हें मनाने का सिलसिला अभी जारी है। जाखड़ गुरूवार को राहुल गांधी और पंजाब प्रभारी हरीश रावत, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के वॉररूम कहे जाने वाले 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर कई अन्य नेताओं से भी वीरवास सुबह मुलाकात की।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद भावी मुख्यमंत्रियों की सूची में सबसे आगे जाखड़ का नाम ही चल रहा था। चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी द्वारा सीएम बनाये जाने के बाद सुनील जाखड़ ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी।
इसी सिलसिले में जाखड़ वीरवार को दिल्ली में हैं दरअसल सुनील जाखड़ की नाराजगी के बाद शिमला से वापसी के दौरान बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उन्हें चंडीगढ़ से अपने साथ दिल्ली ले आये। जाखड़ राहुल-प्रियंका के साथ ही विमान से दिल्ली आए हैं और इस दौरान उन्होंने पंजाब में राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। माना जा रहा है कि जाखड़ को शांत कराने के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया है ताकि उनकी बयानबाजी से पार्टी को और नुकसान न हो लेकिन जाखड़ के अचानक राहुल और प्रियंका से मिलने के बाद फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। फिलहाल पार्टी के चुनावी कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर जाखड़ के नाम पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान भी किया जा सकता है।
जाखड़ के करीबियों की माने तो उनको चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने का भी ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया था। जाखड़ पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी और हरीश रावत के बयानों पर खुलकर नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं। जिसके बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बयान जारी करना पड़ा था। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हरीश रावत के बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि पंजाब में अगला चुनाव चन्नी और सिद्धू दोनों के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 23 सितम्बर | केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को पुलिस ने खुद के समक्ष पेश होने के लिए एक दूसरा नोटिस जारी किया गया है जिसमें उन्हें उस मोबाइल फोन के साथ फिर से पेश होने के लिए कहा गया है। इसके बारे में उनका(सुरेंद्रन) दावा है कि वह खो गया है। इससे एक सप्ताह पहले वह एक चुनावी रिश्वत मामले में कासरगोड अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए थे। हालांकि पुलिस जांच दल का दावा है कि जिस मोबाइल फोन के बारे में उन्होंने खोने की सूचना दी है, उसका उपयोग जारी है और इसलिए उन्हें एक सप्ताह के भीतर फिर से उनके सामने आने के लिए कहा है।
एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को चुनाव आयोग के नियमों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, जब सुरेंद्रन और दो अन्य स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत दी गई थी। बसपा उम्मीदवार के. सुंदरा को अपना नामांकन वापस लेने के लिए पैसे का भुगतान किया गया था।
सुरेंद्रन ने विधानसभा चुनाव में दो निर्वाचन क्षेत्रों कोनी और मंजेश्वरम से चुनाव लड़ा था।
पिछले हफ्ते सुरेंद्रन 75 मिनट से अधिक समय तक अधिकारियों के साथ रहे और सूत्रों के अनुसार उन्होंने सुंदरा को जानने से इनकार किया।
उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि उनके मन में देश के कानून का सर्वोच्च सम्मान है, इसलिए वह जांच अधिकारियों के सामने आए।
निर्वाचन क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार वी.वी. तीसरे स्थान पर रहे रामेसन शिकायतकर्ता हैं और कासरगोड प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुरेंद्रन और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी है।
जब 2 मई को वोटों की गिनती हुई, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवार ए.के.एम. अशरफ ने सुरेंद्रन को 745 मतों के अंतर से हराया।
संयोग से सुंदरा ने ही मीडिया के सामने खुले तौर पर स्वीकार किया कि चुनाव से हटने के लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये और एक स्मार्टफोन दिया गया था। उन्होंने कहा कि सुरेंद्रन के जीतने पर उन्हें कर्नाटक में 15 लाख रुपये, एक घर और एक वाइन पार्लर की पेशकश की गई थी।
राजनीतिक बवाल के बाद सुरेंद्रन और उनकी पार्टी ने इस आरोप का तुरंत खंडन किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
संयोग से 2016 के विधानसभा चुनावों में सुरेंद्रन 89 मतों के मामूली अंतर से हार गए थे और उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली सुंदरा को 467 मत मिले थे। (आईएएनएस)
सीतापुर (यूपी), 23 सितम्बर | यूपी के सीतापुर में एक 18 वर्षीय लड़की ने अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। लड़की ने यह घातक कदम इसलिए उठाया, क्योंकि उसके माता-पिता ने उसे पढ़ाई में लापरवाही को लेकर डांटा था। 18 वर्षीय लड़की सुमन को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लड़की के पिता राम प्रकाश ने शुरू में पुलिस को बताया कि बुधवार को बदमाशों ने उसे गोली मारी लेकिन बाद में पता चला कि उसने अपने पिता की राइफल से खुद को गोली मारी है।
कोतवाली देहात के एसएचओ राजेश कुमार ने कहा कि एक डबल बैरल राइफल को जब्त कर लिया गया है और फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
उन्होंने कहा, "शुरूआत में हमें सूचना मिली कि अज्ञात बदमाशों ने एक लड़की को गोली मार दी। हम मौके पर पहुंचे और लड़की को जिला अस्पताल ले गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।"
हालांकि घटनास्थल से नमूने एकत्र करने के दौरान खून के धब्बे नहीं पाए गए जबकि मंदिर के पास से लड़की के शरीर पर गोली लगने का निशान पाया गया, जिस पर काले निशान भी थे।
कुमार ने कहा कि जब परिवार के सदस्यों से घटनाओं के क्रम का वर्णन करने के लिए कहा गया, तो प्रत्येक सदस्य ने अलग-अलग उत्तर दिए।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनने के बाद अब उत्तराखंड में भी दलित मुख्यमंत्री बनाने को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर वहां दलित सीएम के नाम का ऐलान करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अब अपने गृह राज्य में भी दलित सीएम का राग छेड़ दिया है। हरीश रावत के इस बयान को लेकर भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है। आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा, "हरीश रावत की कथनी और करनी बिल्कुल अलग-अलग होती है। साल 2012 में जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उस समय उनके पास मौका था कि वो एक दलित को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना सकते थे। लेकिन उस समय उन्होने अपनी ही पार्टी के दलित प्रदेश अध्यक्ष ( यशपाल आर्य ) का विरोध कर उन्हे सीएम नहीं बनने दिया था। उस समय उन्होने दलित नेता को सीएम न बनने देने के लिए कई दिनों तक धरने का नाटक भी किया था। अगर वो विरोध न करते तो 2012 में ही उत्तराखंड को दलित मुख्यमंत्री मिल जाता । लेकिन वास्तव में हरीश रावत उस समय भी खुद सीएम बनना चाहते थे और आज भी सीएम बनना चाहते हैं।"
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा कि " हरीश रावत हमेशा तुष्टीकरण की ही बात करते हैं । कभी वो मुस्लिम तुष्टीकरण की बात करते हैं तो कभी इस तरह का बयान देते हैं। उनकी राजनीति इन्ही लफ्फाजियों पर चलती रहती है। आज भी वो उत्तराखंड के विकास पर बात करने की बजाय वोट को लूटने की योजना बनाने में ही लगे हैं।"
आपको बता दें कि यशपाल आर्य , 2007 से लेकर 2014 तक उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्ही के नेतृत्व में 2012 में कांग्रेस को प्रदेश में जीत हासिल हुई थी। उस समय यशपाल आर्य प्रदेश में सीएम बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे थे लेकिन कांग्रेस में मचे राजनीतिक घमासान के बीच पहले विजय बहुगुणा को सीएम बनाया गया और उन्हे हटाने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को प्रदेश में मुख्यमंत्री बना कर भेज दिया।
हाल ही में हरीश रावत ने यह बयान दिया था कि पंजाब में एक दलित को सीएम बनाकर कांग्रेस ने इतिहास रच दिया है और वो उत्तराखंड में भी एक दलित सीएम देखना चाहते हैं। दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा की 70 में से 13 सीट दलितों के लिए आरक्षित है। दलित मतदाताओं के महत्व का अंदाजा इस से भी लगाया जा सकता है कि ये प्रदेश की 22 विधानसभा सीटों में जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि पर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर जासूसी करने के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति का गठन कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक रूप से पेगासस मामले में एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू. सिंह से कहा कि कुछ विशेषज्ञों ने व्यक्तिगत कारणों से जांच में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है और अगले सप्ताह समिति पर एक आदेश आने की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति रमन्ना ने कहा कि अदालत इस सप्ताह आदेश पारित करना चाहती थी, हालांकि, आदेशों को स्थगित कर दिया गया क्योंकि कुछ सदस्य, जो अदालत तकनीकी समिति का हिस्सा बनना चाहते थे, ने समिति में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत कठिनाइयों को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "इसीलिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति के गठन में समय लग रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि अदालत जल्द ही तकनीकी समिति के सदस्यों को अंतिम रूप देगी।
केंद्र ने पहले ही जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ पैनल के गठन का प्रस्ताव दिया था, जिसमें स्वतंत्र सदस्यों को शामिल किया गया था। केंद्र ने कहा कि यह समिति अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंप सकती है।
कथित जासूसी की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच के जवाब में, 13 सितंबर को, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह अब एक विस्तृत हलफनामा दायर नहीं करना चाहता है, जिसमें स्पष्ट किया जाना है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि सरकार डोमेन विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष पेगासस मामले के संबंध में सभी विवरणों का खुलासा करेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से हलफनामे पर नहीं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 सितम्बर | ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) को गुरुवार को जारी प्रतिष्ठित क्यूएस ग्रेजुएट एम्प्लॉयबिलिटी रैंकिंग (जीईआर) 2022 में दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है। क्यूएस जेईआर 2022 में जेजीयू की समग्र रैंकिंग 301-500 है। क्यूएस जीईआर उच्च शिक्षा संस्थानों के रोजगार योग्यता परिणामों की वैश्विक तुलना करता है, इसलिए, जेजीयू को युवाओं के लिए मजबूत और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त कैरियर मार्ग बनाने के लिए विश्व स्तर पर अग्रणी संस्थानों में से एक बनाता है। वैश्विक महामारी की उथल-पुथल के बावजूद इसे हासिल करना असाधारण है। उच्च प्रदर्शन वाले उपलब्धि हासिल करने के लिए जेजीयू की क्षमता विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक और प्रगतिशील पाठ्यक्रम और प्रभावी कैरियर-सेवा शासन को दर्शाती है जो विश्वविद्यालय के स्नातकों को अत्यधिक रोजगार योग्य बनाने में सक्षम बनाता है।
यह मान्यता भारतीय उच्च शिक्षा परिदृश्य में सफलता की रूढ़ियों को तोड़ने के लिए जेजीयू की निरंतर प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। यह इस उपलब्धि के कई आयामों से संकेत मिलता है। सबसे पहले, जेजीयू एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय है जिसे इन रैंकिंग में शामिल किया गया है जो पूरी तरह से सामाजिक विज्ञान, कला और मानविकी पर केंद्रित है। दूसरे, यह इस सूची में केवल दो निजी भारतीय विश्वविद्यालयों में से एक है- दूसरा लगभग छह दशक पुराना बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (बिट्स पिलानी) है। तीसरा, 2009 में स्थापित जेजीयू, 11 अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों की इस शानदार सूची में भारत का सबसे युवा विश्वविद्यालय बना हुआ है, जिन्होंने इस वर्ष क्यूएस जीईआर रैंकिंग में जगह बनाई है।
सूची में 6 आईआईटी, दिल्ली विश्वविद्यालय, बिट्स पिलानी, मुंबई विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान संस्थान और कोलकात्ता विश्वविद्यालय शामिल हैं। क्यूएस जीईआर 2022 में रैंक किए गए भारतीय संस्थानों में सबसे युवा, जेजीयू स्नातक रोजगार दर (जीईआर) में शीर्ष 71 संस्थानों में से एक है। जेजीयू ने स्नातक रोजगार दर में 86.9/100 का प्रभावशाली स्कोर भी प्राप्त किया है, जो रैंकिंग के लिए एक प्रमुख संकेतक माना जाता है ,जिसमें स्नातक के 12 महीनों के भीतर पूर्ण या अंशकालिक रोजगार में स्नातकों के अनुपात को मापना शामिल है।
दुनिया के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में विश्वविद्यालय की स्थिति को मजबूत करने वाली उपलब्धि पर जेजीयू समुदाय को बधाई देते हुए, जेजीयू के संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जेजीयू अब प्रतिष्ठित क्यूएस ग्रेजुएट एम्प्लॉयबिलिटी रैंकिंग 2022 में दुनिया के उच्च शिक्षा संस्थानों के शीर्ष 500 में शुमार है। जैसा कि हम 30 सितंबर 2021 को जेजीयू की 12 वीं वर्षगांठ मनाने वाले है, यह उल्लेखनीय उपलब्धि बेहतर समय पर नहीं आ सकती थी। यह दूरदर्शिता और कल्पना का एक सच्चा प्रतिबिंब है। यह वास्तव में इन सभी वर्षों में जेजीयू के संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों के उत्कृष्ट योगदान का परिणाम है। यह मान्यता साबित करती है कि जेजीयू को उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयास विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट नेताओं का निर्माण करते हैं। यह इस वर्ष के दौरान छात्रों के रोजगार पर वैश्विक महामारी के प्रभाव को देखते हुए एक सराहनीय उपलब्धि है। मैं यह देखकर गर्व से भर गया हूं कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान भी जेजीयू ने अपने छात्रों को विश्व स्तरीय रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना किया है।"
विशेष रूप से भारत और दुनिया के गैर-एसटीईएम छात्रों के लिए भविष्य बनाने में जेजीयू के लिए इस उपलब्धि के महत्व को व्यक्त करते हुए, प्रोफेसर (डॉ) सी. राज कुमार, संस्थापक वाइस चांसलर, जेजीयू ने कहा, "तथ्य यह है कि केवल 12 वर्षों में इसकी स्थापना के बाद, जेजीयू प्रतिष्ठित क्यूएस ग्रेजुएट एम्प्लॉयबिलिटी रैंकिंग 2022 में विश्व के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में उभरा है। विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को स्थापित करने और सेवा प्रदान करने के अलावा दुनिया के विभिन्न हिस्सों के विद्वानों के लिए एक केंद्र के रूप में, जेजीयू ने करियर सेवाओं का एक मजबूत कार्यालय भी स्थापित किया है जो हमारे छात्रों को संभावित नियोक्ताओं से जोड़ता है। मेरा मानना है कि ये कारक, अंत:विषय अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करने पर विश्वविद्यालय के फोकस के साथ जुड़ा हुआ है। क्यूएस जीईआर में जेजीयू का प्रवेश यह भी दर्शाता है कि गैर-एसटीईएम स्नातक भी सही मंच दिए जाने पर प्रभावशाली कैरियर विकसित कर सकते हैं। जेजीयू गैर-एसटीईएम उम्मीदवारों के लिए सार्थक और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त कैरियर मार्ग बनाने के लिए अपने मंच को मजबूत करने की दिशा में काम करना जारी रखेगा।"
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने में जेजीयू समुदाय के प्रयासों को स्वीकार करते हुए प्रोफेसर डाबीरू श्रीधर पटनायक, रजिस्ट्रार, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने कहा, "यह मान्यता हमें बहुत खुशी और विनम्रता से भर देती है। यह हमारे देश के युवाओं के प्रति जेजीयू की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। इसे केवल 12 वर्षों के भीतर हासिल करने के लिए जेजीयू को इन रैंकिंग में सबसे युवा भारतीय विश्वविद्यालय बना दिया है। एक गैर-एसटीईएम निजी विश्वविद्यालय के रूप में, जेजीयू लगातार बाधाओं को तोड़ने की दिशा में प्रयास कर रहा है। जेजीयू की यह उपलब्धि वास्तव में जेजीयू शैक्षणिक बिरादरी के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है, जिसमें वे छात्र भी शामिल हैं जिनकी प्रतिबद्धता और ²ढ़ता इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को प्राप्त करने में सहायक रही है। जेजीयू हमेशा अनुभवों और पाठ्यक्रम का निर्माण सुनिश्चित करेगा जो अपने छात्रों को अपने नियोक्ताओं के लिए मूल्यवान संपत्ति में विकसित करने में मदद करेगा, और उनके करियर में महान नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन करेगा।"
इन रैंकिंग्स की प्रतिस्पर्धात्मकता पर प्रकाश डालते हुए और इस उपलब्धि के महत्व पर टिप्पणी करते हुए, बेंचमार्किं ग एंड इंस्टीट्यूशनल ट्रांसफॉर्मेशन के कार्यालय, डीन, प्रोफेसर आज्र्या मजूमदार ने कहा, "जेजीयू ने दुनिया भर के संस्थानों के बहुत प्रतिस्पर्धी पूल में से शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में जगह बनाई है। वास्तव में, यह सर्वेक्षण प्रतिक्रियाओं के एक बहुत समृद्ध डेटा सेट पर निर्भर करता है। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के संस्करण के लिए, क्यूएस ने 75,000 से अधिक नियोक्ताओं, 40,800 से अधिक मैप की गई डिग्री और 29,000 से अधिक उच्च-प्राप्तकर्ताओं की संबद्धता, लगभग 170,000 नियोक्ताओं के कनेक्शन पर विचार किया। साथ ही, यह मान्यता इस वर्ष और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश भर में कई युवा स्नातक छात्र अभी भी चल रही महामारी के बीच अनिश्चितता के उच्च स्तर का सामना कर रहे हैं। ये रैंकिंग जेजीयू की संस्थागत लचीलापन और इसके प्रति इसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।"
क्यूएस जीईआर पद्धति विविध मापदंडों पर विचार सुनिश्चित करती है। दुनिया भर में उच्च शिक्षा संस्थानों की इन रोजगार योग्यता रैंकिंग का निर्धारण करने के लिए, क्यूएस इस बात पर विचार करता है कि संस्थान नियोक्ताओं के बीच कितने प्रतिष्ठित हैं, संस्थान कंपनियों से कितने जुड़े हुए हैं और संस्थान के हाल के स्नातक नियोक्ताओं के लिए कितने आकर्षक हैं। जीईआर 2022 के स्कोर की गणना के लिए निम्नलिखित संकेतकों और वेटेज पर विचार किया गया : नियोक्ता प्रतिष्ठा (30 प्रतिशत), पूर्व छात्रों के परिणाम (25 प्रतिशत), प्रति संकाय नियोक्ताओं के साथ भागीदारी (25 प्रतिशत), नियोक्ता-छात्र कनेक्शन (10 प्रतिशत) ) और स्नातक रोजगार दर (10 प्रतिशत)। (आईएएनएस)
मुजफ्फरपुर, 23 सितम्बर | बिहार के मुजफ्फरपुर के नगर थाना क्षेत्र से एक ठेकेदार की अपहृत 12 वर्षीय बच्ची को पुलिस ने अपहरण के 12 घंटे के अंदर बरामद कर लिया। पुलिस का कहना है कि अपहृत बच्ची के बयान के बाद ही पूरा मामला सामने आ पाएगा। नगर थाना के प्रभारी सत्येंद्र मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि मुजफ्फरपुर के नगर थाना क्षेत्र से बुधवार की देर शाम एक ठेकेदार की बेटी का कथित तौर पर अपहरण घर के दरवाजे से कर लिया गया था।
बताया गया कि अपहरणकतार्ओं ने टूटी-फूटी अंगेजी भाषा मंे लिखे एक पत्र के जरिए पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। पत्र में पुलिस को घटना की जानकारी नहीं देने की भी बात लिखी गई है। बताया गया कि अपहरणकर्ता बाइक पर सवार हेाकर आए थे और लड़की को उठाकर ले गए।
घरवालों ने इसकी सूचना रात को ही पुलिस को दे दी। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और लड़की के परिजनों से वारदात की जानकारी लेकर लड़की की तलाश प्रारंभ कर दी।
पुलिस ने शहर के सभी प्रवेश और एंट्री प्वाइंट पर नाकेबंदी कर दी। थाना प्रभारी तिवारी ने बताया कि रात भर अपहृत बच्ची की तलाश की गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। गुरुवार की सुबह घर से कुछ ही दूरी पर एक ट्रैक्टर के डाला से अर्धबेहोशी की हालत में उसे बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि सदर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने मौके से बिस्तर, तकिया व हेडफोन बरामद किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस फिलहाल परिजन का बयान दर्ज करने में जुटी है। बच्ची की हालत ठीक होने पर उसका भी बयान दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बरामद लड़की की चिकित्सकीय जांच भी कराई जाएगी। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 23 सितम्बर | तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं । साथ ही उन्होंने लाइसेंस वाली बंदूक की मांग की। हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने आरोप लगाया कि उन्हें अज्ञात लोगों से धमकी भरे फोन आ रहे हैं, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें धमकी देने वाले कह रहे थे कि यह आखिरी चेतावनी थी।
पुलिस महानिदेशक को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न राज्यों से कॉल किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में कई बार शिकायत करने के बाद भी उन्हें खुफिया विभाग से कोई जवाब नहीं मिला और उम्मीद है कि इस बार फोन नंबरों का पता लगा लिया जाएगा।
विधायक ने छह मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि उन्हें इन नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं।
राजा सिंह ने एक बयान में कहा कि हालांकि उन्होंने डीजीपी को धमकी भरे कॉलों के बारे में कई बार अभ्यावेदन दिया, लेकिन एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया।
इस विवाद के चलते भाजपा नेता ने बंदूक लाइसेंस की भी मांग की। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें बंदूक का लाइसेंस मिलना चाहिए और आरोप लगाया कि पुलिस मुख्यमंत्री की बात को भी नजरअंदाज कर रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस उनके खिलाफ लंबित मामलों का हवाला देते हुए उन्हें बंदूक लाइसेंस देने से इनकार कर रही थी, लेकिन उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना में कई राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिन्हें लाइसेंस दिया गया है। (आईएएनएस)