ताजा खबर
कानपुर, 9 जुलाई । कानपुर मुठभेड़ के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे की मध्य प्रदेश में गिरफ्तारी पर जहां बीजेपी नेता इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं वहीं विपक्षी नेताओं ने इसपर सवाल उठाए हुए हैं।
अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर लिखा -खबर आ रही है कि कानपुर-काण्ड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए। दिग्विजय ने लिखा, मैं शिवराज से विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर की न्यायिक जॉंच की मांग करता हूं। इस कुख्यात गैंगस्टर के किस किस नेता और पुलिसकर्मियों से सम्पर्क हैं जॉंच होनी चाहिए। विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज सामने आ सकें।
दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में ये भी कहा कि यूपी चुनावों में नरोत्तम मिश्रा कानपुरी बीजेपी इंचार्ज भी थे, क्या कोई घंटी बजी? मिश्रा अभी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे को गिरफ्तार किए जाने के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई दी है।
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे। उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं। हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्श्ने वाली नहीं है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम कैशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ये सबसे खूंखार और अधिक इनाम वाला अपराधी था। आठ पुलिस अधिकारियों का हत्यारा आज उज्जैन से गिरफ्तार हुआ है। यूपी पुलिस ने काफी परिश्रम किया। विकास की गैंग के कई बड़े अपराधी मारे भी गए हैं। ये यूपी पुलिस का डर है जिसकी वजह से विकास दुबे को यूपी से बाहर जाकर समर्पण जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। यूपी और एमपी पुलिस को धन्यवाद, बधाई।
कानपुर में आठ पुलिकर्मियों की हत्या के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को जल्द ही उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप देगी। इस बारे में उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात हो चुकी है।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की लेकिन ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने पकडक़र मध्य प्रदेश पुलिस को सौंपा। ये भी कहा जा रहा है कि विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में पहुंचने की सूचना किन्हीं स्रोतों से खुद पुलिस तक पहुंचाई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस को कानपुर जि़ले में एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में बीते 6 दिनों से पुलिस को विकास दुबे की तलाश थी। पुलिस के अनुसार शुक्रवार, 2-3 जुलाई की रात को कानपुर जिले के थाना चौबेपुर में पडऩे वाले बिकरु गांव में यह गोली-कांड हुआ था।(bbc)
महाराष्ट्र में गन्ना काटने वाले ठेकेदार उन महिलाओं को काम पर रखने के लिए तैयार नहीं हैं जिनकी माहवारी नियमित होती है। इसीलिए इस इलाके में महिलाओं का गर्भाशय निकाल देना आम चलन है। आप शायद ही इन गांवों में ऐसी महिलाओं से मिल पायेंगे जिनका गर्भाशय है। ये गाँव गर्भाशय विहीन महिलाओं के गाँव हैं। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के सूखा प्रभावित बीड जिले के हाजीपुर गांव में अपने छोटे से घर में बैठी मंदा उंगले बहुत ही दर्द के साथ यह बमुश्किल बयां कर पाती हैं। वंजरवाड़ी में, जहाँ 50 फ़ीसद महिलाओं का गर्भाशय निकाल दिया गया है, महिलाओं का कहना है कि गाँवों में दो या तीन बच्चे होने के बाद गर्भाशय को निकालना आम बात है।
इन महिलाओं में से अधिकांश गन्ना काटने वाली मजदूर हैं और गन्ना काटने के मौसम के दौरान पश्चिमी महाराष्ट्र के चीनी बेल्ट में प्रवास करती हैं। सूखे की तीव्रता के साथ, प्रवासियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। एक अन्य गन्ना काटने वाली सत्यभामा कहती हैं, ‘मुकादम (ठेकेदार) अपने गन्ने के मजदूरों के समूह में बिना गर्भाशय वाली महिला को लेने को ज्यादा इच्छुक होता है।’ क्षेत्र के लाखों पुरुष और महिलाएं अक्टूबर और मार्च के बीच गन्ना कटर के रूप में काम करने के लिए पलायन करते हैं। ठेकेदार एक इकाई के रूप में गिने गए पति और पत्नी के साथ अनुबंध तैयार करते हैं। गन्ना काटना एक कठिन प्रक्रिया है और अगर पति या पत्नी एक दिन के लिए विराम लेते हैं, तो दंपति को हर ब्रेक के लिए ठेकेदार को प्रतिदिन 500 का जुर्माना देना पड़ता है।
काम में रुकावट बनती माहवारी
माहवारी की अवधि काम में बाधा डालती है जिसके कारण जुर्माने लगते हैं। बीड में इसका समाधान निकाला गया है बिना गर्भाशय के महिला मजदूर। ‘गर्भाशय निकल जाने के बाद, मासिकधर्म की कोई संभावना नहीं होती है। फिर तो गन्ना काटने के दौरान ब्रेक लेने का कोई सवाल ही नहीं है। सत्यभामा कहती हैं, ‘हम एक रुपया भी नहीं गंवा सकते। ठेकेदारों का कहना है कि मासिकधर्म के दौरान, महिलाएं एक या दो दिन का ब्रेक चाहती हैं जिससे काम रुक जाता है।’ एक ठेकेदार दादा पाटिल ने कहा, ‘हमारे पास एक सीमित समय सीमा में काम पूरा करने का लक्ष्य होता है और इसलिए हम ऐसी महिलाओं को नहीं चाहते हैं जिनको उस समय माहवारी हो।’ पाटिल ने जोर देकर कहा कि वह और अन्य ठेकेदार महिलाओं को सर्जरी करने के लिए मजबूर नहीं करते हैं, बल्कि यह उनके परिवारों का बनाया गया एक विकल्प है।
इस इलाके में महिलाओं का गर्भाशय निकाल देना आम चलन है। आप शायद ही इन गांवों में ऐसी महिलाओं से मिल पायेंगे जिनका गर्भाशय है।
दिलचस्प बात यह है कि महिलाओं ने कहा कि ठेकेदार उन्हें एक सर्जरी के लिए अग्रिम भुगतान करते हैं और यह पैसा उनके वेतन से वसूला जाता है। इस मुद्दे पर एक अध्ययन करने वाले संगठन ‘तथापि’ के अच्युत बोरगांवकर ने बताया कि, ‘गन्ना काटने वाले समुदाय में, मासिकधर्म को एक समस्या माना जाता है और उन्हें लगता है कि इससे छुटकारा पाने के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है। लेकिन इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे एक हार्मोनल असंतुलन, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे, वजन बढ़ने आदि से जूझने लगती हैं। हमने देखा कि 25 साल की उम्र में भी कम उम्र की लड़कियों को इस सर्जरी से गुजरना पड़ा है।’
सत्यभामा के पति और स्वयं गन्ना काटने वाले बंडू उगले, इसके पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हैं। ‘एक टन गन्ना काटने के बाद एक जोड़े को क़रीब 250 मिलते हैं। एक दिन में हम लगभग 3-4 टन गन्ना काटते हैं और 4-5 महीने के पूरे सीजन में एक जोड़ी लगभग 300 टन गन्ना काटती है। हम इस सीजन के दौरान जो कमाते हैं, वह हमारी वार्षिक आय है क्योंकि हम गन्ना काटने से वापस आने के बाद कोई काम नहीं करते हैं। हम एक दिन के लिए भी छुट्टी नहीं ले सकते। अगर हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तो भी हमें काम करना होगा। कोई आराम नहीं है और महिलाओं को होने वाली पीरियड एक अतिरिक्त समस्या है।’
सत्तर वर्षीय विलाबाई का कहना है कि एक गन्ना काटने वाली महिला का जीवन नारकीय होता है। वह संकेत देती है कि ठेकेदारों और उनके पुरुषों द्वारा महिलाओं का बार-बार यौन शोषण होता है। गाँव की एक बूढ़ी महिला अपने अनुभवों के आधार पर कहती है कि ‘गन्ना काटने वालों को गन्ने के खेतों में या एक तम्बू में चीनी मिलों के पास रहना पड़ता है। स्नानघर और शौचालय नहीं हैं। एक महिला के लिए यह और भी मुश्किल हो जाता है अगर इन परिस्थितियों में पीरियड्स हों।’ इस सूखाग्रस्त इलाके की कई महिलाओं ने कहा कि निजी चिकित्सक सामान्य पेट दर्द या श्वेत प्रदर की शिकायत होने पर भी गर्भाशय निकालने का सुझाव देते हैं।(feminisminindia)
(यह लेख पहले फेमिनिज्मइनइंडियाडॉटकॉम पर प्रकाशित हुआ है।)
.... आदिवासी भाषाओं में जानकारी पहुँचाते हैं ये पत्रकार!
‘आदिवासी जनजागृति’ ने पिछले 3 महीनों में न सिर्फ कोरोना पर जागरूकता लाने का काम किया है बल्कि फेक न्यूज, मजदूरों की समस्या सहित इस दौरान बढ़े करप्शन को भी उजागर किया है।
शायद ही कभी क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनाओं का आदान-प्रदान इस कदर हुआ होगा जिस तरह कोरोना संक्रमण के दौरान हुआ है। लगभग हर भाषा में कोविड-19 को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई गई। तकनीक ने इसे और सुलभ बनाते हुए हर तबके तक पहुँच दिया। मगर हमारे देश में अब भी कई ऐसे गाँव हैं, जहाँ तकनीक की कमी और लोकल भाषा में कंटेन्ट ना होने की वजह से सूचनाएँ पहुँच ही नहीं पातीं या फिर सही तरीके से अपना असर नहीं दिखा पातीं। महाराष्ट्र राज्य का नंदुरबार जिला उन्हीं जगहों में से एक है।
पूर्णतः आदिवासी बाहुल इस जिले में आज भी कई ऐसे गाँव हैं जहाँ सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। बिजली और मोबाईल नेटवर्क ना होने की वजह से इस जिले के कई गाँवों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं पहुँच पाती। कोरोना के दौरान जब लगभग हर भाषा में सूचनाएँ उपलब्ध हैं तब भी यहाँ की आदिवासी भाषाएँ जैसे पावरी, भीलोरी तथा आहयरनी में इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी।
इसी बात को ध्यान में रखकर, इसी जिले के धड़गांव तालुका के कुछ युवाओं ने एक अनोखा काम शुरू किया है। ये युवा कोरोना के विषय में जागरूकता लाने के लिए अपनी आदिवासी भाषा में वीडियोज़ बनाकर और उन्हें लोगों को दिखाकर जागरूकता लाने का काम कर रहे हैं।
आदिवासी जनजागृति ने पिछले 3 महीनों में न सिर्फ कोरोना पर जागरूकता लाने का काम किया है बल्कि फेक न्यूज, मजदूरों की समस्या सहित इस दौरान बढ़े करप्शन को भी उजागर किया है। इस काम की शुरुआत वर्ष 2017 में एक फेलोशिप प्रोजेक्ट पर धड़गाँव आए नितेश भारद्वाज ने की थी। उन्होंने यहाँ के 10 युवाओं को छोटी छोटी-फिल्म बनाना सिखाया और अपनी आवाज को लोगों तक पहुँचाने का एक रास्ता दिखाया। इस बारे में नितेश बताते हैं, “यहाँ आने के बाद मुझे महसूस हुआ कि सही सूचनाओं के अभाव में लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते, उनके खुद के विकास के लिए किए जा रहे कामों में उनकी भागीदारी नहीं है और इन सबके पीछे वजह है सूचनाओं का सही तरीके से आदान प्रदान न होना। आदिवासी भाषाओं में शायद ही किसी मीडिया में कुछ देखने सुनने को मिलता है, इसलिए बहुत जरूरी है कि हम लोकल भाषाओं में भी कंटेन्ट तैयार करें। इससे सूचना ग्रहण करने वाला भी खुद को ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करेगा। आदिवासी जनजागृति शुरू करने की वजह भी यही थी। आज आदिवासी जनजागृति न सिर्फ नंदुरबार बल्कि आस पास के जिलों की भी लोकल खबरें दिखाता है और उनकी समस्याओं को उठाता है”।
मोबाइल बना इन युवाओं के मिशन का सहारा
अपने मिशन के तहत नितेश से प्रशिक्षित युवक पिछले तीन सालों से नंदुरबार और आस-पास के जिलों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ये युवक अपने क्षेत्र की समस्याओं पर लोकल भाषा में फिल्म, न्यूज, शार्ट वीडियोज़ और इंटरव्यू बना कर लोगों के बीच जाते हैं और उस विषय पर लोगों में जनजागृति लाने का काम करते हैं। इस पूरे काम की सबसे खास बात यह है कि इस काम को ये युवक पूरी तरह से मोबाइल फोन पर करते हैं।
कोरोना संक्रमण के दौरान जब लोगों के पास सही जानकारी को होना बेहद ज़रूरी है, तब इनके इस कार्य को काफी सराहा जा रहा है। इस विषय पर बात करते हुए इसी टीम के सदस्य अर्जुन पावरा ने बताया, “हम पिछले तीन सालों से स्वास्थ्य, शिक्षा, खेती सहित कई प्रमुख मुद्दों पर शॉर्ट फिल्म्स बना कर अलग-अलग गांवों में लोगों को प्रोजेक्टर के माध्यम से अपनी वीडियोज़ दिखाते रहे हैं। हम सरकार की अलग अलग योजनाओं के संबंध में भी लोगों को फिल्मों के माध्यम से बता रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान हमने यह देखा कि लोगों के मन में इसको लेकर जानकारी का अभाव है।”
वह आगे बताते हैं, “इसी बात को ध्यान में रख कर हमने कोरोना पर वीडियोज़ बनाना भी शुरू कर दिया। इन वीडियोज़ को हम सोशल मीडिया के माध्यम लोगों तक पहुँचा रहे हैं। जिन गांवों में नेटवर्क की समस्या है वहाँ हमारे वालन्टीयर लोगों को ये वीडियोज़ उनके फोन में दे रहे हैं।”
आदिवासी जनजागृति के साथ 50 से अधिक लोग 200 गाँवों में काम कर रहे हैं। ये लोग हफ्ते में एक बार नेटवर्क वाले ज़ोन में जाकर इन वीडियोज़ को एक दूसरी टीम के पास भेजते हैं, जो इन वीडियोज़ को मोबाईल पर हीं एडिट कर शेयर कर देते हैं।
क्या कहते हैं गाँव वाले
इन युवाओं के काम को लेकर बात करते हुए हरनखुरी गाँव की वसीबाई मोचड़ा पावरा ने बताया, “पावरी (आदिवासी बोली) में वीडियो होने की वजह से हमें इसमें कही गई बातें आसानी से समझ में आ जाती हैं। कोरोना के विषय में, खासकर हम महिलाओं में आदिवासी जनजागृति की वजह से ही समझ बन पाई है। शुरुआत में इसको लेकर बहुत सारी बातें बताई गई थीं जैसे गर्म पानी से नहाने से कोरोना नहीं होगा, लहसुन खाने से नहीं होगा, धूप में खड़े रहने से कोरोना नहीं होगा और भी बहुत कुछ। मगर आदिवासी जनजागृति वीडियो के माध्यम से हमें बताया कि ये सब गलत बातें हैं और इन बातों का कोई प्रमाण नहीं है।” वसीबाई मोचड़ा पावरा उन हजारों लोगों में से एक हैं जिनको आदिवासी जनजागृति के कोविड-19 पर बनाए हुए अलग अलग वीडियोज़ का फायदा हुआ।
आदिवासी जनजगृति ने अपने वीडियोज़ के सहारे धड़गाँव तालुका के कई गाँवों की समस्याओं को उजागर करने का काम किया है। उन्हीं में से एक आमखेड़ी गाँव के धनसिंग पावरा बताते हैं, “हमारे गाँव में पानी की समस्या बहुत सालों से थी, आदिवासी जनजागृति ने इस बारे में वीडियो बनाकर लोगों और प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया। आदिवासी जनजागृति के दखल देने की वजह से आज हमारे गाँव में ग्राम पंचायत निधि (पंचायत फंड) से 6 बोरेवेल का निर्माण हुआ है जिससे हमारे गाँव के पानी की समस्या दूर हो चुकी है।”
आदिवासी जनजागृति ने धड़गाँव में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। इस बारे में टीम के सदस्य दीपक पावरा बताते हैं “हमारी फिल्में धड़गाँव नगर पंचायत, जिला प्रशासन और बाकी विभाग भी दिखाते हैं। कोरोना की हमारी वीडियोज़ को आरोग्य विभाग ने भी इस्तेमाल किया है। इसके पहले “स्वच्छ भारत अभियान” पर बनाई हुई हमारी फिल्म को भी नंदुरबार जिला प्रशासन ने पूरे जिले में दिखाया था। हमारी एक वीडियो में खुद नंदुरबार कलेक्टर ने संदेश दिया हुआ है। हमारी वीडियोज़ की वजह से न सिर्फ आम लोगों को बल्कि प्रशासन को भी फायदा हो रहा है।”
युवाओं द्वारा लोगों के लिए बनाई गयी फिल्म की टीम
आदिवासी जनजागृति के काम से न सिर्फ लोगों में जागरूकता आ रही है, बल्कि गाँव के युवाओं को समाज के विकास में भाग लेने का मौका भी मिल रहा है। आज जब मुख्यधारा की मीडिया गाँवों से दूर हो रही है तब आदिवासी जनजागृति जैसी संस्थाओं की जरूरत और ज्यादा बढ़ रही है। कोरोना के इस दौर में जब फेक न्यूज अपने चरम पर है और आदिवासी भाषाओं में सूचनाओं की कमी है, तब इस तरह की ग्रामीण पत्रकारिता हमारे गांवों के लिए वाकई एक वरदान जैसा है।(thebetterindia)
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 9 जुलाई। थानांतर्गत वार्ड क्र. 14 में निवासरत लाला पटेल की 19 वर्षीया बेटी वंदना पटेल उर्फ सोनी का शव गुरूवार की दोपहर बाद उसके घर में फांसी के फंदे पर झूलता पाया गया। मृतका कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। बताया जाता है कि गुरूवार को ही उसका जन्मदिन भी था। पुलिस ने कमरे से एक डायरी भी बरामद किया है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 9 जुलाई। बुधवार को एक 17 साल के आरोपी ने जहां मासूम बच्ची की आंखों के सामने उसके अबोध भाई का गला घोंटकर झाडिय़ों में फेंक दिया, वहीं बच्ची के साथ बलात्कार कर उसे कुएं में फेंक दिया। समय रहते एक ग्रामीण ने कुएं से बच्ची को बाहर निकालकर उसकी जान बचा ली। इसके बाद पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लेकर मासूम का शव झाडिय़ों से बरामद कर लिया गया।
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ थानांतर्गत 5 वर्षीया बच्ची और 6 वर्षीय उसका चचेरा भाई बुधवार की दोपहर 1 बजे खेत में खेल रहे थे, तभी पड़ोसी गांव का नाबालिग युवक जिसका गांव में आना-जाना था, वह अपनी साइकिल से गांव पहुंचा। उसने गांव में साइकिल खड़ी कर दी और पैदल दोनों बच्चों को छिउला पत्ता तोडऩे के नाम पर अपने साथ ढाई किलोमीटर दूर ग्राम बकरामुड़ी ले गया। इसके बाद उसने मासूम का गला दबाकर जंगल में झाडिय़ों में फेंक दिया। वहीं बच्ची को बकरामुड़ी स्थित कुएं में फेंक कर चला गया।
दोपहर बाद करीब 3 बजे हस्तिनापुर निवासी ग्रामीण उरफान सिंह कुएं के समीप से गुजर रहा था, तभी आवाज आने पर उसने झांककर देखा तो एक बच्ची हाथ-पैर चला रही थी। उसने तत्काल बच्ची को कुएं से किसी प्रकार बाहर निकाला। पूछने पर बच्ची ने अपने गांव का नाम बताया। इसके बाद ग्रामीण ने उसके गांव के युवक विक्की को फोन कर घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही विक्की ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को अपने साथ गांव लाया। बच्ची ने टूटी-फूटी जानकारी दी। उसने आरोपी की पहचान करते हुए बताया कि भाई का गला दबाकर आरोपी के द्वारा उसे झाडिय़ों में फेंका गया है।
पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लेकर उसकी निशानदेही पर मासूम का शव ग्राम पंचायत भल्लौर के लमनाडांड़ स्थित झाडिय़ों से बरामद किया गया। वहीं आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बच्ची से दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की।
मामले में पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 302, लैंगिक अपराध शोषण अधिनियम 4,6, एसटी, एससी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी को हिरासत में लिया गया है।
पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया
विधायक गुलाब कमरो ने जिला पंचायत सभापति ऊषा सिंह को पीडि़त परिवार के घर भेजा। क्षेत्रीय विधायक के रायपुर प्रवास पर होने के कारण उनके निर्देश पर जिला पंचायत सदस्य ने पीडि़त परिवार से मुलाकात कर कहा कि दु:ख की इस घड़ी में विधायक गुलाब कमरो आपके साथ है। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाते हुए विधायक की ओर से परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
मॉस्को 9 जुलाई (स्पूतनिक)। पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट के प्रधानमंत्री अमादोउ गोन कौलिबली का 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति अलसाने क्वाट्रा ने अपने फेसबुक पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री कौलिबली बुधवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद अस्वस्थ महसूस होने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।
श्री कौलिबली 2017 में प्रधानमंत्री बने थे और आगामी अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारुढ़ आरएचडीपी पार्टी की ओर से उम्मीदवार थे। उन्हें गत मार्च में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था।
नई दिल्ली, 9 जुलाई। सार्वजनिक उपक्रम भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (आईटीडीसी) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के साथ मिलकर कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति की निगरानी करने, अपने होटलों और कार्यालयों में अतिथियों तथा कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने समझौता-ज्ञापन के विषय में बात करते हुए कहा आईटीडीसी और एम्स के बीच कोविड-19 की लड़ाई लडऩे के लिए समझौता-ज्ञापन, आईटीडीसी द्वारा उठाया गया सराहनीय और प्रशंसनीय कदम है। हमें अपने डर पर जीत हासिल करने और पर्यटन उद्योग, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है, को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। आईटीडीसी का यह कदम, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के विश्वास तथा भरोसे के पुनर्निर्माण में सहायक होगा।
राज्यमंत्री ने कहा इस महामारी का यात्रा और पर्यटन उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। एम्स के साथ समझौता-ज्ञापन इस स्थिति की निगरानी और महामारी से लडऩे के लिए आवश्यक उपाय करने में मदद करेगा। पर्यटन क्षेत्र नौकरियों के सृजन के साथ-साथ भारत के सकल घरेलू उत्पाद में अत्यधिक योगदान देता है, अत: यह अनिवार्य है कि काम में वापसी के लिए इस क्षेत्र की तैयारी और तत्परता सुनिश्चित की जाए।
समझौता ज्ञापन के अनुसार वर्तमान स्थिति के आधार पर और साथ ही वास्तविक समय के आधार पर, कोविड-19 के संक्रमण के संबंध में सुरक्षा प्रोटोकॉल को तैयार करने और विकसित करने पर इनपुट प्रदान करने के लिए एम्स, आईटीडीसी और/अथवा किसी अन्य संगठन के प्रतिनिधियों का एक सलाहकार बोर्ड बनाया जाएगा। यह घरेलू पर्यटन में विश्वास और भरोसा पैदा करने में मदद करेगा और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और यात्रियों के लिए राष्ट्र की छवि निर्माण में भी सहायक होगा।
इस तरह के उपाय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन के साथ-साथ स्थिति को प्रभावी रूप से संभालने के लिए होटल के फ्रंट कार्यालय, अतिथि संबंध, हाउसकीपिंग, खाद्य व पेय आदि क्षेत्रों के एक हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रदान किए गए व्यापक प्रशिक्षण के अतिरिक्त किए गए हैं। (वार्ता)
पेइचिंग/मास्को, 9 जुलाई । भारत और अमेरिका की चौतरफा घेराबंदी से टेंशन में आए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब रूस की शरण में पहुंच गए हैं। शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर उनसे रणनीतिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने का अनुरोध किया है। चीनी राष्ट्रपति ने दावा किया कि मास्को और पेइचिंग दोनों ही एकाधिकारवाद और आधिपत्य के खिलाफ हैं।
शी जिनपिंग ने बुधवार को पुतिन से कहा कि यह जरूरी है कि तेजी से बदलती वैश्विक स्थिति में चीन और रूस दोनों ही अपने रणनीतिक सहयोग और संपर्क को और तेज करें। शी जिनपिंग और पुतिन के बीच यह बातचीत ऐसे समय पर हुई जब अमेरिका-चीन के बीच संबंध बहुत तेजी से खराब रहे हैं और उधर भारत से भी चीन का सीमा पर भारी तनाव चल रहा है।
यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब पांच दिन पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को फोनकर उन्हें जनमत संग्रह में जीत के लिए बधाई दी थी और एक बड़े सैन्य समझौते को मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले ऐसे वैश्विक नेता थे जिन्होंने पुतिन को जीत की बधाई दी थी। इस दौरान पुतिन ने पीएम मोदी से कहा था कि वह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच विशेष और विशेष अधिकारों वाले रिश्ते को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं।
पुतिन के साथ बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि चीन रूस के साथ सहयोग जारी रखना चाहता है और दृढ़तापूर्वक विदेशी हस्तक्षेप और तोडफ़ोड़ का विरोध करता है। साथ ही दोनों देशों की संप्रभुता को, सुरक्षा और विकास के हितों को बनाए रखना चाहता है। शी ने कहा कि चीन ने हमेशा से ही रूस के विकास के रास्ते का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र में सहयोग को और ज्यादा तेज करेगा। (navbharattimes.indiatimes.com)
बरेली, 9 जुलाई । उत्तर प्रदेश के बरेली में फेसबुक प्रोफाइल पर पाकिस्तान का झंडा लगाने वाले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष के खिलाफ बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
भौतिकी विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो सलीम खान ने सोमवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर पाकिस्तानी नक्शा झंडे के साथ लगाया था। मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जबकि बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मंत्री नीरू भारद्वाज ने प्रोफेसर पर समुदाय विशेष की भावनाओं को भडक़ाने का आरोप लगाते हुए बारादरी थाने में तहरीर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर सलीम ने जानबूझकर लोगों को भडक़ाने का काम किया है।
थाना बारादरी के इंस्पेक्टर शीतांशु शर्मा ने बताया कि खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। इस बीच विवादों में घिरे प्रोफेसर को अपना माफीनामा लेकर कुलपति डॉ. अनिल कुमार शुक्ला के पास पहुंचे। उन्होंने लिखित रूप से गलती स्वीकार करते हुए अपना जवाब दिया है।
कुलपति का कहना है कि शिक्षक ने जवाब दे दिया है। एक्जीक्यूटिव काउन्सिल में रख कर आगे का फैसला लिया जाएगा। वहीं प्रोफेसर सलीम खान लगातार सोशल मीडिया पर अपनी गलती मानते हुए माफ करने की गुहार लगा रहे हैं।(वार्ता)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा/किरंदुल, 9 जुलाई। जिले में पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत बड़ी सफलता मिल रही है। गुरुवार को कुआकोंडा थाने में इसी अभियान के तहत 3 ईनामी समेत 25 नक्सलियों ने एक साथ दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी अभिषेक पल्लव और सीआरपीएफ डीआईजी डीएन लाल के सामने समर्पण किया, जिसमें 4 महिला नक्सली भी है। साथ ही सरकार की मुख्यधारा में जुडक़र विकास का साथ देने की शपथ भी ली। ज्ञात हो कि पखवाड़े भर के अंदर ही 56 नक्सलियों ने समर्पण किया है।
समर्पण करने वालों में डीकेएमएस अध्यक्ष, जनमिलिशिया अध्यक्ष पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था, जिनकी संख्या कुल 3 थी, बाकी जनमिलिशिया सदस्य, ग्राम कमेटी, डीकेएमएस सदस्य स्तर के नक्सली थे। जिन पर हत्या, लूट, सडक़ खुदाई और विकास कार्यों में अवरोध जैसे मामलों में संलिप्तता बताई गई है। समर्पण करने वाले सभी 25 नक्सलियों को जिला प्रशासन की ओर से 10-10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई।
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि लोन वर्राटू अभियान को जिले भर व्यापक समर्थन मिल रहा है। भांसी में समर्थन के वक्त समर्थित नक्सलियों ने खुद के 2015 में तोड़े स्कूल भवन की मांग की, जिस पर स्वीकृति दे दी गई। इनमें से भी जो लोग समर्थन कर मुख्यधारा में जुड़े हैं, उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ देकर स्वावलंबी बनाया जाएगा, ताकि क्षेत्र का विकास हो। पशुपालन, दुकान, पूना माड़ाकाल योजना, मनरेगा के तहत सभी को काम दिया जाएगा। लोग स्वस्फूर्त नक्सल धारा से मुंह मोडक़र विकास की मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। यही हाथ कल तक बम गोली बारूद बरसाते थे, पर अब खेतों में धान बरसाएंगे।
दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि अभी शुरुवात है। आने वाले समय में विकास-विश्वास और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लोन वर्राटू अभियान को और सफलताएं मिलेंगी। नक्सली जिले भर में हमारे द्वारा चलाये जा रहे अभियान से भयभीत और डरे हुए हैं।
ज्ञात हो कि नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा पुलिस सरेंडर और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही है, जिसका व्यापक असर नक्सलियों की बौखलाहट के रूप में भी दिख रहा है। हाल में ही एक जवान के रिश्तेदार की हत्या किरन्दुल इलाके के हिरोली डोकापारा में नक्सलियों ने की थी, साथ ही एक जवान के पिता को गुमियापाल से अगवा कर लिया था, पर बाद में ग्रामीणों के दबाव के चलते रिहा कर दिया। इन सबके बावजूद भी ग्रामीण खुलकर प्रशासन और फोर्स के साथ खड़े हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। सरकार के चार मंत्री गुरूवार को राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से मिलकर लंबित पांच विधेयकों को मंजूरी देने का आग्रह किया। मंत्रियों ने उन्हें बताया कि विधेयकों में से विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी नहीं मिलने से चार विश्वविद्यालयों में कुलपति चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। राज्यपाल ने कानूनी प्रावधानों का परीक्षण कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे के साथ वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और उच्च शिक्षा उमेश पटेल ने आज दोपहर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से मुलाकात की। उन्हें बताया कि विधानसभा के बजट सत्र में पारित विधेयकों में से पांच विधेयकों को अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। इनमें से उच्चशिक्षा विभाग के दो विधेयक भी हैं।
विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक में कुलपति की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल से हटकर सरकार को दिया गया है। इसी तरह कुलपति चयन समिति में यूजीसी के प्रतिनिधि के होने की अनिवार्यता को खत्म किया गया है। इन विधेयकों पर राज्यपाल ने सरकार से कुछ जानकारियां मांगी थी। विभाग की तरफ से जवाब भी भेज दिया गया था। बावजूद इसके मंजूरी नहीं मिल पाई। सूत्र बताते हैं कि बैठक में मंत्रियों ने राज्यपाल को बताया कि कुलपति की नियुक्ति के लिए गुजरात सहित कई राज्यों में इसी तरह की व्यवस्था है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछली सरकार ने दो विश्वविद्यालय के कुलपति चयन में यूजीसी के प्रतिनिधि की अनिवार्यता को खत्म किया था। इसके अलावा तीन और विधेयक हैं। जिन्हें मंजूरी नहीं मिल पाई है। राज्यपाल ने कहा कि जल्द ही प्रमुख सचिव विधि और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कानूनी प्रावधानों की जानकारी लेंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द इसका निराकरण कर लिया जाएगा।
अनुसूचित क्षेत्र में नगर पंचायतों के
गठन पर राज्यपाल ने जताई आपत्ति
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आदिवासी मंत्रणा परिषद की सहमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायतों के गठन पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसको नियम विरूद्ध करार दिया।
मंत्रियों ने उन्हें बताया कि यह फैसला पिछली सरकार का था। वर्ष 2012 में अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत का गठन किया गया था। राज्यपाल ने तेंदूपत्ता बोनस को लेकर भी जानकारी ली। इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने वस्तुस्थिति स्पष्ट की।
रायपुर, 9 जुलाई। प्रदेश में आज शाम करीब 5 बजे 16 नए पॉजिटिव मिले हैं। इसमें अधिकांश रायपुर के बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम इन मरीजों तक पहुंच कर उनके संपर्क वालों की पहचान में लगी है। फिलहाल इस संबंध में और जानकारी सामने नहीं आई है।
-राधा भट्ट
फोरलेन के लिए हर्शिल से गंगोत्री तक के 30 कि.मी. में फैली सघन वृक्षावली में से 6 से 8 हजार देवदार के हरे वृक्षों को काटने की तैयारी उन पर निशाने लगाकर कर ली है।
इन दिनों देश में विकास का प्रकृति, पर्यावरण के साथ जबरदस्त संघर्ष चल रहा है। मानो एक युद्ध ही अनवरत चल रहा हो। आज की इन परिस्थितियों में ’विकास’ हमारी दुनिया का सबसे अधिक भ्रमपूर्ण शब्द बन गया है। आँखों को चौधिया देने वाली विकास की चमक हमें इतना अंधा बना रही है कि हम नहीं देख पाते कि हम स्वयं अपनी जड़ों को ही उखाड़ रहे है। हवा में बन रहे एक महल की रचना के ख्याल में अपने घर की ईटें उतार रहे है।
हिमालय एक अत्यन्त नाजुक पर्वतमाला है, यह एक स्पष्ट सत्य है। वहीं यह भी उतना ही सत्य है कि हिमालय में खड़ा प्रत्येक हरा पेड़ देश का स्थायी प्रहरी है। हिमालय के गर्भ में जबरदस्त हलचल है जिसे प्रसिद्ध भूगर्भ शास्त्री प्रो. के. एस वल्दिया कहते हैं, ’’एशिया महाद्वीप और भारतीय भूखण्ड के बीच विस्तीर्ण हिमालय में विवर्तनिक हाहाकार चल रहे हैं’। ’ये हलचल अनेक भ्रंशों का निर्माण करती हैं, इन भ्रंशों के तनाव को भूकम्पों के रूप में बाहर निकलना होता है, ऐसी इस हिमालय की धरती में जहाँ छोटे भूकम्पों की संभावना तो हमेशा बनी रहती है, कालान्तर में किसी महाभूकम्प का आना भी अनिवार्य रहता है, यहाँ की घाटियों और पर्वतों के ऊपर बसने वाले इन्सान को अपने जीवित रहने के लिए प्रकृति से सहयोग का बर्ताव ही करना पड़ता हैं।
उत्तराखण्ड भूकम्पों से टूटी-फूटी चट्टानों को संभाले हुए हिमालय का ऐसा ही भाग है, इसका अधिकांश भाग इसी कारण भूस्खलन प्रवण-क्षेत्र है, ज्यों ही इसकी भूमि चट्टानों और वनसम्पदा (जो यहाँ की मिट्टी को और भूमिगत जल को तो थामे रहती ही है, बाढ़ों की विशाल जलराशि और हिमखण्डों के धक्कों से जन जीवन को भी सुरक्षा देती है) से छेड़छाड़ होती है। भूस्खलनों की अन्तहीन घटनाएँ मानव-जीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है, छेड़छाड़ का अर्थ है, हरे वृक्षों का पालन (कटान), अन्धाधुन्ध सडक़ों के निर्माण के लिए पहाड़ों का कटान, सुरंगों के निर्माण के लिए शक्तिशाली विस्फोटकों का उपयोग और खनिजों के लिए खानों का खुदान।
दुर्भाग्य की बात है कि ऐसी अनियंत्रित कार्यवाहियों को ’विकास’ कहा जाता है, उत्तराखण्ड़ में ऑल वैदर रोड़ के अन्तर्गत हो रहा सडक़ों का चौड़ीकरण और इन सडक़ों के निर्माण का अत्यन्त संवेदनहीन अवैज्ञानिक तरीका विकास और राष्ट्र-सुरक्षा के नाम पर की जा रही भयंकर छेड़छाड़ ही है। केन्द्र सरकार की चार-धाम ऑल वैदर रोड़ पर योजना के तहत उत्तरकाशी-गंगोत्री राजमार्ग कीचौड़ीकरण फोरलेन के लिए हर्शिल से गंगोत्री तक के 30 कि.मी. में फैली सघन वृक्षावली में से 6 से 8 हजार देवदार के हरे वृक्षों को काटने की तैयारी उन पर निशाने लगाकर कर ली है।
ग्लोबल वार्मिंग के चलते गंगोत्री घाटी पूर्वापेक्षा काफी गर्म हो गई है। वहाँ अब पहले से कम बर्फबारी होती है। गंगा का प्राण श्रोत गोमुख ग्लेशियर निरन्तर टूट फिसलकर घटता जा रहा है। वह प्रतिवर्ष कई मीटर पीछे खिसक जाता है। ऐसी स्थिति में उक्त 30 कि. मी. में फैले घाटी के एकमात्र वन के हजारों हरे वृक्षों को काटना ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को और भी तीव्रता देने की गलती साबित होगा, क्योंकि वृक्षों की हरीतिमा वायुमण्डल को शीतलता देती है। गोमुख और पास के अन्य ग्लेशियरों का पिघलना एक दिन गंगा के उद्गम श्रोत को इतना क्षीण कर देगा कि गंगा के अस्तित्व पर ही प्रश्?न-चिन्ह खड़ा हो जायेगा।
ऐसे परिस्थतिकीय प्रश्?नों के साथ-साथ एक अत्यन्त व्यवहारिक प्रश्?न भी सडक़ निर्माण तथा सडक़ चैड़ीकरण की निर्माण पद्धति ने प्रस्तुत कर दिया है। हमने गंगोत्री घाटी बॉडर रोड आगेनाइजेश न (बी. आर. ओ.) को शक्तिशाली विस्फोटकों से बड़ी-बड़ी चट्टानों की धराशायी करते देखा था। एक बारगी पहाड़ हिल गया था। इससे निकले विशाल बोल्डरों व मिट्टी-मलुआ सबको सडक़ किनारे के ढलान पर लुढक़ा दिया गया था, जो भागीरथी के जल में जाकर अड़ गये थे। भागीरथी का जल मटमैला हो गया था। उसके किनारों पर मलुबा के बड़े-बड़े ढेर खड़े हो गये थे जो हिमालयी मूसलाधार वर्षा या बादल फटने पर नदी में बढऩे वाले पानी के आकार;टवसनउमद्धको दसियों गुना बढ़ाकर गंगा के किनारे बसे नगरों-गाँवों, वहाँ के पशुओं-मानवों, खेतों व करोड़ों रुपयों की लागत से बनी सडक़ों पर ऐसा कहर बरपा करेगा कि कई वर्षों तक आपदा की यह मार जनसमाज को उठने नहीं देगी, क्या इसे विकास कहें?
मलुबे की यह समस्या केवल गंगोत्री घाटी की ही समस्या नहीं है। उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अन्तर्गत प्रत्येक गाँव को मोटर-सडक़ से जोडऩे का विकास सर्वोपरि महत्व के साथ चलाया जा रहा है। इन सभी सडक़ों के निर्माण का मलबा पास में बहती नदियों पर्वतीय तीव्र ढलानों, गाँवों के जलस्त्रोतों चरागाहों, घासनियों यहाँ तक की उपजाऊ फसलदार खेतों के ऊपर बड़ी-बड़ी चट्टानों सहित फैंक दिया जाता है, मलबा किसानों के जल, जंगल, जमीन घास, लकड़ी खेती को ही नहीं नष्ट कर रहा है वरन् इसने बस्तड़ी गाँव (जिला पिथौरागढ़) की जिन्दा बस्ती को पिछली बरसात में पूरी तरह जमींदोज कर दिया था, यह स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड में मलुबे की वैज्ञानिक व जिम्मेदार निस्तारण पद्धति के बिना सडक़ निर्माण करना विकास कम विनाश ही अधिक है।
गंगोत्री घाटी की सडक़ चैड़ीकरण की पद्धति के नमूने पर ही उत्तराखण्ड के तीन अन्य धामों के लिए भी औल वैहर रोड़ की योजना है, जिनके लिए करोड़ों की धनराशि आवांटित हो चुकी हैं। बद्रीनाथ की अलकनन्दा, केदारनाथ की मन्दाकिनी और यमुनोत्री की यमुना में फेंक गया निर्माण का मलुवा अन्त में गंगा में ही मिलने वाला है। उन नदियों के ग्लेशियरों सतोपंथ, खत लिंग और यमुनोत्री की दशा भी गोमुख जैसी ही होने वाली है, क्योंकि वहाँ के वन भी वैसे ही कटने वाले हैं। तब गंगा की महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना ’’नमामि गंगे’’की ’’अविरल निर्मल गंगा’’का लक्ष्य कैसे सिद्ध होगा?
कुमाऊ मंडल में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे 125 के चौड़ीकरण का मोड़ भी ऑल वैदर रोड़ की तरह ही है, इसमें 4600 चैड़ी पत्ती के हो वृक्षों का कटान होना है, चैड़ी पत्ती के ये वृक्ष जल संवर्धन के लिए अहम प्रजाति हैं। हिमालयी जल स्त्रोतों की घटती जल धाराओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक ओर करोड़ों का धन व्यय किया जा रहा है, दूसरी ओर पीढिय़ों के वृक्षों को नष्ट कर दिया जा रहा है। क्या यह विरोधाभास किसी को दिखाई नहीं पड़़ रहा है?
सरकार की एक योजना अपनी ही दूसरी योजना को मिटाने का काम कर रही है। चाहे वह ’’नमामि गंगे’’ की ’अविरलता निर्मलता’ पर चोट करते घटते ग्लेशियर व मलुवे से बोझिल प्रदूषित भागीरथी गंगा हो, चाहे तेजी से घट रहे जल स्त्रोतों व नदियों के संकट से मुक्ति पाने के लिए एक और जलगम संरक्षण की परियोजनाओं पर करोड़ों की धन राशि व्यय हो और दूसरी ओर सुन्दर विकसित चैड़ी पत्ती के वृक्षों को हजारों की संख्या में कटवाने वाली मोटर रोड़ का निर्माण हो और चाहे किसान की प्रगति व आत्मनिर्भरता की कई नई-नई स्कीमें हो और उन्हीं कृश कों की जमीन, जंगल, चारागाह और जलस्रोतों को निर्दयता से दबाने वाला सडक़ निर्माण का मलवा हो।
क्या ऐसे विकास पर प्रश्न नहीं उठाने चाहिए या केवल झेलते जाना चाहिए? गांधीजी के शब्दों में यह ’’पागल दौड़’’ है। विकास, विकास चिल्लाते हुए विनाश की और बेतहाशा भाग रही पागल दौड़ को रोकने के लिए यदि हम अपनी आवाज नहीं उठाते, इस मूर्ख दौड़ को रोकने की कोशिश नहीं करते है तो कल उसके भयंकर परिणामों के भागीदार हम भी होंगे। इतिहास क्या हमें माफ करेगा? इसलिए जितना संभव हो उतनी ऊँची आवाज में हर कोने से चिल्ला कर सावधान करने की आवश्यकता है। (सप्रेस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम। गुरूवार को गोबरा नवापारा नगर में एक साथ 10 लोगों का कोरोना पॉजिटिव मिलने की जानकारी मिल रही है। सभी संक्रमित एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। शहर में पहली बार एक ही परिवार के 10 सदस्यों का पॉजिटिव पाए गए।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम 7 बजे रायपुर लैब से गोबरा नवापारा नगर के वार्ड 9 की पीडि़त महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 18 घंटे बाद बुधवार दोपहर 12 बजे उसे उसके घर से कोविड अस्पताल रायपुर शिफ्ट किया गया। उसके बाद वार्ड के सीमित क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर कंटेनमेंट जोन बनाया गया। परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा महिला के सम्पर्क में आए लोगों के सूची बनाकर स्वाब सैंपल लिए गए थे। गुरूवार को आए रिपोर्ट में परिवार के 10 सदस्यों की कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेन्द्र उपाध्याय एवं टीआई राकेश ठाकुर ने बताया कि कोरोना संक्रमित महिला के सम्पर्क में आए परिवार के 10 सदस्यों का पॉजिटिव पाए गए हैं। शहर में अब कुल 11 संक्रमित मरीजों की संख्या हो गई है।
सीएमओ श्री उपाध्याय ने बताया कि संक्रमित व्यक्तियों की पहचान कर रायपुर रिफर करने की तैयारी की जा रही है। इधर शहर में एक साथ 10 जनों के कोरोना पॉजिटिव आने की सूचना मिलते ही लोगों में दहशत फैल गई।
इससे पहले पिछले जून माह 4 पॉजिटिव के मामले सामने आए थे, जो स्वस्थ होकर घर लौट आए थे और शहर एक बार फिर ग्रीन जोन में शामिल हो गया था, लेकिन एकाएक इतनी तादात में कोरोना पॉजिटिव मिलने से लोगों में फिर से दहशत देखी जा रही है। सीएमओ भूपेन्द्र उपाध्याय ने नगरवासियों से अपील करते हुए कहा कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले और मॉस्क लगाने एवं सामाजिक दूरी का पालन करें।
मौतें-14, एक्टिव-677, डिस्चार्ज-2835
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज 35 सौ से पार हो चुके हैं। बीती रात सामने आए 100 नए पॉजिटिव के साथ प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 35 सौ 26 हो गई है। इसमें 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 677 एक्टिव हैं, जिनका इलाज जारी है। 28 सौ 35 ठीक होने पर डिस्चार्ज होकर अपने घर लौट गए हैं।
प्रदेश में कल दोपहर से बीती रात तक 65 नए पॉजिटिव सामने आए थे। इसमें रायपुर से 13, जगदलपुर से 12, नारायणपुर से 10, नांदगांव से 8, दुर्ग से 5, दंतेवाड़ा से 8, कोरबा से 3, बेमेतरा-सरगुजा-कोरिया से 2-2 एवं कांकेर-सुकमा-गरियाबंद व बालोद से 1-1 मरीज शामिल रहे।
प्रदेश में बीती देर रात 35 और नए पॉजिटिव मिले थे। इसमें अकेले बिलासपुर से 22, रायपुर से 7, बेमेतरा से 4 एवं नांदगांव से 2 शामिल रहे। ये सभी मरीज अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके संपर्क में आने वालों की पहचान की जा रही है।
दूसरी तरफ प्रदेश के रायपुर जिले में बीती रात तक प्रदेश के बाकी सभी जिलों की तुलना में सबसे अधिक 504 कोरोना मरीज दर्ज किए गए हैं। इसमें से 2 की मौत हो चुकी है। 255 एक्टिव है और 254 ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि राजधानी रायपुर समेत सभी जिलों में कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। कई जगहों पर रेंडम जांच भी चल रही है। जांच में अलग-अलग वर्ग से पॉजिटिव सामने आ रहे हैं। आगे सैंपल जांच और ज्यादा करने की तैयारी है।
उज्जैन में गिरफ्तार किए जाने पर जब कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर रोब जमाने के लिए चीखकर अपना नाम बताया, तब उसे पकड़कर ले जा रहे पुलिसकर्मियों में शामिल एक कॉन्स्टेबल ने उसे चुप कराने के लिए एक थप्पड़ भी जड़ दिया था. दरअसल, गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस की गाड़ी में बिठाते वक्त विकास दुबे ने चीखकर कहा, "मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला...", बस, तभी उसके पीछे खड़े पुलिस कॉन्स्टेबल ने एक थप्पड़ जड़ा, जिसके बाद विकास दुबे चुप हो गया.
प्रेम में असफल की चिट्ठी पर पुलिस कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जुलाई। सालभर पहले गंडई क्षेत्र में एक युवक की खुदकुशी किए जाने के मामले में पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को आरोपी बनाया है। सभी पर युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत कार्रवाई की है।
बताया गया है कि 5 जून 2019 को बेमेतरा जिले के विजय साहू नामक युवक ने कटंगी गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। यह मामला प्रेमप्रसंग से जुड़ा हुआ है। युवक का गांव के ही एक युवती से प्रेमसंबंध था।
बताया जा रहा है कि गांव के मोहनी मानिकपुरी, गोलू मानिकपुरी, संदीप, संजू, सोनू निर्मलकर, तारण निर्मलकर, चित्र कुमार यादव और गज्जु पटेल को भनक लग गई थी, तब से मृतक को कथित तौर पर प्रताडि़त किया जा रहा था।
बताया जा रहा है कि मृतक ने सुसाईड नोट लिखकर फांसी लगा ली। पुलिस जांच में पत्र में लिखे शब्दों को मृतक का पाया गया है। इस आधार पर पुलिस ने प्रताडि़त करने वाले 8 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।
गंडई पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द होगी। सुसाईड नोट को आधार बनाकर ही सभी पर धारा 306 के तहत कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रदेश के विभिन्न जिलों के वृद्धाश्रमों में रह रहे वृद्धजनों से चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने वृद्धजनों से वृद्धाश्रम में मिल रहे भोजन, स्वास्थ्य सहित विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। इस मौके पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेडिय़ा, सचिव आर प्रसन्ना, संचालक पी दयानंद प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज रायगढ़ एसपी संतोष के सिंह व उनकी टीम को रायगढ़ लूट के अपराधियों को 10 घण्टे के भीतर पकडऩे पर सम्मानित किया। एसपी और उनकी टीम ने लूट की पूरी रकम साढ़े 14 लाख सहित आरोपियों को गिरफ्तार करने की सफलता पाई है।
लखनऊ, 9 जुलाई (हिन्दुस्तान)। मोस्ट वांटेंड विकास दुबे गिरफ्तार हो चुका है। उसके पांच साथी अलग-अलग मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। तीन साथी गिरफ्तार है। विकास के दो साथियों का एनकाउंटर आज सुबह ही हुआ। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह से योगी सरकार विकास दुबे के प्रकरण को लेकर चल रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार असली कहानी उजागर नहीं करना चाहती।
जितिन प्रसाद ने अमर दुबे के गिरफ्तार परिजनों पर भी सवाल खड़ा किया। अमर दुबे कल उनकाउंटर में मारा गया था और उसकी नौ दिन पहले ही शादी हुई थी। जितिन प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा दुबे गैंग के सदस्य के असहाय माता-पिता को एवं 9 दिन पूर्व शादी हुई ख़ुशी दुबे जो विधवा है उसका उत्पीडऩ से क्या होने वाला है ? प्रभाकर मिश्रा जो हिरासत में था उसकी मुठभेड़ दिखाकर एंकाउंटर करना , इस बात को दर्शाता है सरकार असली कहानी को छिपाने में लगी है ताकि बड़े चेहरे बेनकाव न हो जाये।
उत्तरप्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को आज मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दुबे को यहां महाकाल पुलिस चौकी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में लेकर सुरक्षा के सख्त प्रबंध किए हैं। कुछ दिनों पहले उत्तरप्रदेश में आठ पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की हत्या के बाद से वह फरार था और उत्तरप्रदेश पुलिस उसकी जगह जगह तलाश कर रही थी।
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई । पेट्रोल-डीजल के दाम गुरुवार को लगातार दूसरे दिन स्थिर रहे।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत आज लगातार 10वें दिन 80.43 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही। यह 27 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। डीजल भी लगातार दूसरे दिन 80.78 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा।
कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत क्रमश: 82.10 रुपये, 87.19 रुपये और 83.63 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही। डीजल का भाव कोलकाता में 75.89 रुपये, मुंबई में 79.05 रुपये और चेन्नई में 77.91 रुपये प्रति लीटर पर पर अपरिवर्तित रहा। (वार्ता)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जुलाई। कवर्धा जिले में गुरुवार सुबह एक बड़ी लूट की घटना से जिले में सनसनी फैल गई। कवर्धा जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर पांडातराई थाना क्षेत्र के जंगलपुर के पास कुंडा रास्ते में कवर्धा के चावल व्यापारी के एक मुनीम के साथ 70 लाख रुपए की लूटपाट की घटना के बाद दो अज्ञात आरोपी फरार हो गए।
कवर्धा से बिलासपुर के व्यापारियों को चावल कारोबार का भुगतान करने के लिए निकले दिलीप अग्रवाल नामक व्यापारी के मुनीम मनोज कश्यप मोटर साइकिल से लाखों रुपए लेकर सुबह निकला था। इसी बीच कुंडा कस्बे से करीब 7 किमी पहले मुनीम मनोज कश्यप के दो पहिया वाहन को दो अज्ञात लोग अलग-अलग वाहनों से ओवरटेक करते हुए रोका। इसके बाद आरोपियों ने कट्टानुमा एक शस्त्र दिखाकर मुनीम की आंख में मिर्च पावडर झोंक दिया।
बताया जा रहा है कि मुनीम से हाथापाई करते हुए आरोपियों ने उसके पास रुपए से भरे बैग को छीन लिया और वहां से फरार हो गए। मुनीम ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी अपने मालिक दिलीप अग्रवाल को दी और उन्होंने पुलिस को वारदात की सूचना दी।
बताया जा रहा है कि इस खबर से कवर्धा जिले में खलबली मच गई। पुलिस ने आनन-फानन में समूचे जिले में नाकेबंदी कर दी। वहीं सीमावर्ती राजनांदगांव, बेमेतरा, मुंगेली तथा बिलासपुर जिले में भी पुलिस ने नाकेबंदी कर वाहनों की सघन जांच शुरू कर दी। घटना की पुष्टि करते दुर्ग रेंज आईजी विवेकानंद सिन्हा एवं कवर्धा एसपी केएल धु्रव ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि लूट की वारदात के बाद आरोपियों की तलाश की जा रही है। सीमावर्ती जिलों में भी पुलिस नाकेबंदी कर जांच कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक मुनीम के पास कुल 71 लाख 56 हजार रुपए थे। इस बात की जानकारी आरोपियों तक कैसे पहुंची, पुलिस इन बिन्दुओं पर भी जांच कर रही है। एसपी का कहना है कि पीडि़त मुनीम के बयान के आधार पर घटनास्थल का मुआयना किया गया है। फिलहाल चावल व्यापारी का मुनीम काफी सहमा हुआ है।
मिली जानकारी के मुताबिक वारदात करने वाले आरोपियों ने बकायदा व्यापारी के गतिविधियों की जानकारी हासिल की थी। आरोपियों ने मुनीम का काफी दूर से पीछा करना शुरू किया था और उसके बाद मौका पाकर रुपए लूटकर भाग खड़े हुए। माना जा रहा है कि वारदात को किसी पेशेवर गिरोह ने अंजाम दिया है। इस बात से पुलिस इंकार नहीं कर रही है, लेकिन मुनीम के बताये हुलिये के आधार पर आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
बीजिंग/जिनेवा/नयी दिल्ली, 9 जुलाई (वार्ता)। कोरोना वायरस के दिनोंदिन बढ़ते कहर के बीच दुनिया भर में इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या साढ़े पांच लाख के पास पहुंच गयी है, जबकि 1.20 करोड़ से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,20,12,125 हो गयी है जबकि 5,48,896 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3054650 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,32,298 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 17,13,160 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 67,964 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 24879 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 7,67,296 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 487 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 21,129 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 2,69,789 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4,76,378 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 6,99,749 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 10,650 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। वहां संक्रमितों की संख्या 3,12,911 हो गई तथा 11,133 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,03,083 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6573 है।
ब्रिटेन संक्रमण के मामले में सातवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,88,511 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,602 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको स्पेन से आगे निकल कर आठवें स्थान पर आ गया है और यहां संक्रमितों की संख्या 2,75,003 पहुंच गई है और अब तक इस वायरस से 32,796 लोगों की मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 252,513 है जबकि 28,396 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में दसवें स्थान पर है यहां संक्रमितों की संख्या 2,48,379 हो गई है और 12,084 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,42,149 लोग संक्रमित हुए हैं त था 34,914 लोगों की मौत हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गयी है और यहां अब तक 2,37,489 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4922 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में 172134 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2197 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
दक्षिण अफ्री ने कोरोना संक्रमण के मामले में सऊदी अरब और तुर्की को पीछे छोड़ दिया है। यहां संक्रमितों की संख्या 2,24,465 हो गई है और 3602 लोगों की मौत हो चुकी है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 220144 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2059 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,08,938 हो गयी है और 5282 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 206,072 हैं और 29,936 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,98,699 लोग संक्रमित हुए हैं और 9046 लोगों की मौत हुई है।
वैश्विक महामारी कोरोना के उद्गमस्थल चीन में अब तक 84,950 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,641 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9776, कनाडा में 8786 , नीदरलैंड में 6154, स्वीडन में 5482, इक्वाडोर में 4873 , मिस्र 3564, इंडोनेशिया 3559, इराक 2779, स्विट्जरलैंड में 1966, आयरलैंड में 1738, पुर्तगाल में 1631 और अर्जेटीना में 1694 लोगों की मौत हुई है।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (वार्ता)। देश में कोविड-19 की भयावह होती स्थिति के बीच पिछले 24 घंटों में संक्रमण के सर्वाधिक 24,879 नये मामले सामने आये हैं तथा 487 संक्रमितों की मौत हुई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 24,879 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमितों की संख्या 7,67,296 हो गयी है। इस अवधि में 487 लोगों की मौत से मृतकों की संख्या बढक़र 21,129 हो गई है।
इस दौरान हालांकि अच्छी बात यह रही कि स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है तथा 19,547 रोगी स्वस्थ हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 4,76,378 लोग रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 2,69,789 सक्रिय मामले हैं।
कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में संंक्रमण के 6,603 मामले दर्ज किए गए जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 2,23,724 पर पहुंच गया है तथा 198 लोगों की मौत हुई है जिसके कारण मृतकों की संख्या बढक़र 9,448 हो गयी है। राज्य में 1,23,192 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचे तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या 3,756 बढक़र 1,22,350 पर पहुंच गयी है और इसी अवधि में 64 लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 1700 हो गयी है। राज्य में 74,167 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी ने कहर बरपा रखा है और यहां अब तक 1,04,864 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं तथा इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 3,213 हो गयी है। यहां 748,199 मरीज रोगमुक्त हुए हैं और इन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
देश का पश्चिमी राज्य गुजरात कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या मामले में चौथे स्थान पर है, लेकिन मृतकों की संख्या के मामले में यह महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे स्थान पर है। गुजरात में अब तक 38,333 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 1993 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 27,289 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 31,156 मामले सामने आए हैं तथा इस वायरस से 845 लोगों की मौत हुई है जबकि 20,331 मरीज ठी हुए हैं।
दक्षिण भारतीय राज्यों में तेलंगाना और कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। तेलंगाना में संक्रमितों की संख्या 29,536 हो गयी है और 324 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 17,279 लोग अब तक इस महामारी से ठीक हो चुके है। कर्नाटक में 28,877 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 470 लोगों की इससे मौत हुई है। राज्य में 11,876 लोग स्वस्थ भी हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में 24,823 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 827 लोगों की मौत हुई है और अब तक 16,291 लोग स्वस्थ हुए हैं। राजस्थान में भी कोरोना का प्रकोप जोरों पर है और यहां संक्रमितों की संख्या 22,063 हो गयी है और अब तक 482 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16,866 लोग पूरी तरह ठीक हुए है। आंध्र प्रदेश में 22,259 लोग संक्रमित हुए हैं तथा मरने वालों की संख्या 264 हो गयी है। हरियाणा में 18,690 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 282 लोगों की मौत हुई है। इस महामारी से मध्य प्रदेश में 629, पंजाब में 178, जम्मू-कश्मीर में 149, बिहार में 107, उत्तराखंड में 46, ओडिशा में 48, केरल में 27, झारखंड में 22, असम में 16, छत्तीसगढ़ और पड्डुचेरी में 14, हिमाचल प्रदेश में 11, गोवा में आठ, चंडीगढ़ में सात, अरुणाचल प्रदेश में दो तथा त्रिपुरा, लद्दाख और मेघालय में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 जुलाई। प्रदेश सरकार के वन मंत्री मोहम्मद अकबर का सुरक्षाकर्मी कोरोनाग्रस्त मिला है। बताया गया है कि मंत्री अकबर के सरकारी बंगले में निवासरत यह जवान हाल ही में अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश से लौटा था। और वह एक होटल में क्वॉरंटीन पर था।
बुधवार को जांच रिपोर्ट आई जिसमें पीएसओ के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। उसे अंबेडकर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सुनील सोनी का पीएसओ भी कोरोना पॉजिटिव निकला और वह अंबेडकर अस्पताल में भर्ती है। इसके अलावा पुराने पीएचक्यू दफ्तर के कई पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इन सभी का उपचार चल रहा है।