राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 8 अगस्त । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया और पार्टी नेता राहुल गांधी के मामलों की तुलना करते हुए कहा कि 'भारत में न्याय वितरण प्रणाली रहस्यमय तरीके से चल रही है।'
एक ट्वीट में, चिदंबरम ने कहा, "इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया को एक मामले में आगरा में प्रथम अपीलीय अदालत से दोषी ठहराया गया और दो साल की कैद की सजा सुनाई गई, जहां उन पर 'हमले' का आरोप था। 2-3 दिनों के भीतर, उन्हें स्टे मिल गया।" कठेरिया के लिए अच्छा है। मेरी कोई टिप्पणी नहीं है।"
पूर्व मंत्री ने कहा, "कथित मानहानि के एक मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने में राहुल गांधी को 4 महीने से अधिक समय लग गया - और वह भी सुप्रीम कोर्ट से। भारत में न्याय-वितरण प्रणाली रहस्यमय तरीके से चलती है।"
उनकी यह टिप्पणी कठेरिया को मारपीट के एक मामले में दो साल की सजा पर रोक लगने के बाद आई है।
इस साल 23 मार्च को 'मोदी उपनाम' टिप्पणी मानहानि मामले में सूरत अदालत के आदेश के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
सेशन कोर्ट और गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी और सोमवार को लोकसभा सचिवालय ने गांधी की सदस्यता बहाल कर दी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 8 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर तीखा हमला बोला। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए संबोधन के बारे में बताते हुए कहा कि यह 'घमंडिया' गठबंधन अपनी एकता को टेस्ट करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है।
प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि हमारे पास बहुमत है और ऐसे में विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव का उन्हें कोई मतलब समझ में नहीं आता है लेकिन इस घमंडिया गठबंधन की यह भावना है कि वह आपस में एक हैं क्या ?इसलिए ये अपनी एकजुटता को, एकता को टेस्ट करने के लिए यह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।
मेघवाल ने आगे बताया कि घमंडिया गठबंधन कल राज्य सभा में एक टेस्टिंग कर चुका है जहां पर यह पता लग गया कि विपक्ष कोई मजबूत ग्राउंड पर नहीं था। उन्होंने कहा कि कल राज्य सभा में उन्हें उम्मीद से एक वोट ज्यादा मिला।
मेघवाल ने आगे बताया कि आज की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अगस्त से भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया और तुष्टिकरण यानी वोट बैंक पॉलिटिक्स क्विट इंडिया अभियान चलाने का निर्देश देते हुए सभी सांसदों को इस अभियान से जुड़ने का आह्वाहन किया है।
उन्होंने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के तौर पर मनाने को भी कहा।
इस दिन देश भर में विभाजन की त्रासदी को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा और देशभर में मौन जुलूस भी निकाला जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में सभी सांसदों को हर घर तिरंगा अभियान और अमृत कलश यात्रा में भी बढ़-चढ़कर शामिल होने का निर्देश दिया। (आईएएनएस)।
औरंगाबाद, 8 अगस्त । बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से पुलिस और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की टीम ने सोमवार की देर शाम दो हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियार और लेवी (रंगदारी) वसूलने की रसीद भी बरामद की गई है।
औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गोह क्षेत्र में कुछ नक्सली भ्रमण कर रहे हैं। इसी आधार पर पुलिस और एसटीएफ की टीम ने पेमा गांव के आसपास छापेमारी की, जिसमे दो हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार हार्डकोर नक्सलियों की पहचान भभुआ थाना क्षेत्र के लाठीबार गांव निवासी रोहित राय उर्फ प्रकाश उर्फ धर्मराज और बंदेया थाना क्षेत्र के सोसुना गांव निवासी प्रमोद यादव के रूप में हुई है।
इनके पास से एक देसी लोडेड सिक्सर, एक देसी लोडेड कट्टा, 16 जिंदा कारतूस, लेवी वसूली से संबंधित रसीद, बुकलेट और बाइक बरामद किया गया है।
गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन्हें कौन लेवी देता था तथा किससे लेवी लेने की इनकी योजना थी। (आईएएनएस)।
कोलकाता, 7 अगस्त । पश्चिमी नेपाल में बागलुंग से काली गंडकी घाटी दिखाई देती है और यह धौलागिरी हिमालय श्रृंखला के करीब है, जबकि पश्चिम बंगाल का एक जिला बरुईपुर बंगाल की खाड़ी के करीब है। दोनों स्थानों के बीच की दूरी 1,000 किमी से अधिक है।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि बारुईपुर के बेदबेरिया रामकृष्ण पल्ली के निवासी नेपाल के बगलुंग स्थित जैमिनी के एक बिन बुलाए मेहमान के आने पर आश्चर्यचकित थे। यदि रुनु हाओलादार और दीपाली परमानिक नाम की बहनों का दृढ़ संकल्प नहीं होता, तो 23 वर्षीय नेपाली युवक अभी भी किसी सड़क पर आवारा घूम रहा होता।
रुनु और दीपाली आर्टिफिशल गहनों की दुकान की ओर जा रही थीं। तभी उनकी नजर उस युवक पर पड़ी। उसके दोनों हाथों पर चोट लगने से खून बह रहा था और दर्द के कारण वह स्थिर नहीं रह पा रहा था। बहनें उसे स्थानीय अस्पताल ले गईं और उसकी चोटों की मरहम-पट्टी कराई। फिर वे उसे रामकृष्ण पल्ली स्थित अपने घर ले गई।
पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब (डब्ल्यूबीआरसी) के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने कहा, “बहनों ने उसे खाना खिलाया और उसके लिए एक जोड़ी नए कपड़े खरीदे। युवक के साफ-सफाई के बाद उन्होंने उससे उसके ठिकाने के बारे में पूछा। हालाँकि वह उन्हें सुन पा रहा था, लेकिन कुछ बोल नहीं रहा था। थोड़ी देर बाद उसने अपनी पीठ की ओर इशारा किया। बहनों को वहां गंभीर चोट के निशान मिले। युवक को स्पष्ट रूप से शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था और हो सकता है कि उसे दिए गए दर्द के कारण वह अपनी आवाज खो बैठा हो।''
पड़ोसी उन बहनों के घर के आसपास इकट्ठा होने लगे थे, जो अकेले रहती हैं। उनमें से लगभग सभी ने इस बात पर जोर दिया कि वे उस युवक से छुटकारा पा लें क्योंकि वह अपराधी हो सकता है। बहनों ने मना कर दिया। इसी उलझन के दौरान किसी ने उन्हें नाग बिस्वास का नंबर दिया।
राज्य में बहुत से लोग जानते हैं कि बिस्वास और शौकिया रेडियो ऑपरेटरों के एक संगठन डब्ल्यूबीआरसी ने न केवल भारत में, बल्कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में सैकड़ों ऐसे लोगों को उनके परिवारों से मिलाया है।
नाग बिस्वास ने कहा, “हमें जल्द ही पता चला कि युवक नेपाल का था। जब हमने उससे नेपाली भाषा में बात की तो वह सिर हिला रहा था। इसके बाद हमने नेपाल के एचएएम ऑपरेटरों से संपर्क किया और एक घंटे के भीतर उसके घर का पता लगा लिया गया। उसका नाम सूरज बी.के. है और उसके पास नेपाली पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस है। उसके भाई ने हमसे फ़ोन पर बात की और बताया कि कैसे वह लगभग तीन साल पहले मोबाइल की लत के कारण डांटे जाने के बाद घर से भाग गया था। तब वह सामान्य था और बोल सकता था। हमने उसके बाद कोलकाता में नेपाल के वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया।”
वाणिज्य दूतावास की एक टीम ने बारुईपुर का दौरा किया और सूरज से बातचीत की। राजनयिक अपने साथ एक मेडिकल टीम भी ले गए जिसमें परामर्शदाता भी शामिल थे। बरुईपुर में बहनों के साथ संक्षिप्त प्रवास के बाद, वाणिज्य दूतावास ने सूरज को रविवार को रेल और सड़क मार्ग से नेपाल पहुंचाया। बहनों को कुछ दूर तक उसके साथ जाने की अनुमति दी गई क्योंकि उन्हें अभी भी डर था कि वह सुरक्षित घर नहीं पहुँच पाएगा।
डब्ल्यूबीआरसी सचिव ने कहा, “हमें बहनों के साहसिक प्रयास को सम्मान देने की जरूरत है। उन्हीं की वजह से सूरज सुरक्षित घर लौट आया।” (आईएएनएस)।
बदायूं/सीतापुर (उप्र), 7 अगस्त उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बरेली-बदायूं मार्ग पर एक अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से मोटरसाइकिल पर सवार तीन कांवड़ियों की मौत हो गई।
सीतापुर जिले में एक अलग सड़क दुर्घटना में एक अन्य कांवड़िये की मौत हो गयी।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) आलोक मिश्रा ने सोमवार को बताया कि रविवार रात लगभग 10.30 बजे गश्त पर निकले बिनावर थाना पुलिस के दल को बदायूं-बरेली मार्ग पर स्थित बरखेड़ा गांव के पास मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक घायल अवस्था में मिले।
मिश्रा के मुताबिक, तीनों घायलों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मिश्रा ने बताया कि मृतकों की पहचान बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले गजेंद्र (30), वीरपाल (28) और राम बहादुर (30) के रूप में हुई है।
मिश्रा के अनुसार, घटना के संबंध में गजेंद्र के भाई मुनेंद्र ने पुलिस को बताया है कि शाम को गजेंद्र मोटरसाइकिल से कछला गंगा घाट पर जल लेने के लिए निकला था और रास्ते में उसने बदायूं के दातागंज निवासी एक रिश्तेदार राम बहादुर और रुद्रपुर के रहने वाले मित्र वीरपाल को भी अपने वाहन पर बैठा लिया।
मिश्रा ने बताया कि रविवार रात वापस लौटते समय बरेली मार्ग पर तीनों एक अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।
सीतापुर से प्राप्त खबर के अनुसार सोमवार को रोडवेज विभाग की एक बस की चपेट में आने से एक कांवड़िए की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि घटना आज सीतापुर के हरगांव इलाके में हुई, जब कांवड़ियों का एक समूह लखीमपुर जिले में नर्मदेश्वर मंदिर ओयल में जलाभिषेक करने के बाद घर वापस आ रहा था।
हादसे के बाद कांवड़ियों ने जमकर हंगामा किया और सीतापुर-लखीमपुर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। इसके तुरंत बाद सीतापुर के जिलाधिकारी अनुज सिंह और पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा मौके पर पहुंचे और उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत किया।
सीतापुर के पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया कि मृतक की पहचान लखीमपुर के ओयल इलाके के रहने वाले अनूप मिश्रा के रूप में हुई है।
मिश्रा ने बताया कि कांवड़ियों का समूह सड़क किनारे खड़ा था, तभी एक रोडवेज बस ने अनूप को टक्कर मार दी। अनूप की मौके पर ही मौत हो गई। चालक को हिरासत में ले लिया गया है । (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी के अपने हालिया दौरे का एक वीडियो साझा करते हुए सोमवार को महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह गरीबों की नहीं सुन रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि समय बदलेगा और गरीबों के आंसू पोंछे जाएंगे।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मंडी में मंदी क्यों? - ये जानने आज़ादपुर मंडी में मज़दूरों, व्यापारियों और किसानों से मुलाकात की! जटाशंकर एक मज़दूर हैं, जो इस काम के कारण एक साल से ज़्यादा समय से घर नहीं जा पाए हैं, अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। जाएं भी तो कैसे, काम छूटा तो पैसे कट जाएंगे और इस महंगाई में गुज़ारा और मुश्किल हो जाएगा। ’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक दुकानदार ने ये भी बताया कि नुकसान के कारण हफ्ते में दो से तीन रातें भूखे ही सोना पड़ता है। देश के ग़रीबों की समस्याओं का समाधान करना तो दूर, सरकार उन्हें सुन तक नहीं रही है! ’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘समय बदलेगा, भारत जुड़ेगा, ग़रीबों के आंसू पोछे जाएंगे।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस की मणिपुर इकाई के कुछ प्रमुख नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर राज्य की स्थिति के बारे में चर्चा की।
ये नेता संसद भवन स्थित कांग्रेस संसदीय दल के कार्यालय में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिले।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम ईबोबी सिंह, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. मेघचंद्र और कुछ अन्य नेताओं ने खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मणिपुर की स्थिति से अवगत कराया।
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से संसद में वक्तव्य देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच पिछले दिनों लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस पर मंगलवार (आठ अगस्त) से सदन में चर्चा होगी और 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका जवाब दे सकते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी के अपने हालिया दौरे का एक वीडियो साझा करते हुए सोमवार को महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह गरीबों की नहीं सुन रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि समय बदलेगा और गरीबों के आंसू पोंछे जाएंगे।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मंडी में मंदी क्यों? - ये जानने आज़ादपुर मंडी में मज़दूरों, व्यापारियों और किसानों से मुलाकात की! जटाशंकर एक मज़दूर हैं, जो इस काम के कारण एक साल से ज़्यादा समय से घर नहीं जा पाए हैं, अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। जाएं भी तो कैसे, काम छूटा तो पैसे कट जाएंगे और इस महंगाई में गुज़ारा और मुश्किल हो जाएगा। ’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक दुकानदार ने ये भी बताया कि नुकसान के कारण हफ्ते में दो से तीन रातें भूखे ही सोना पड़ता है। देश के ग़रीबों की समस्याओं का समाधान करना तो दूर, सरकार उन्हें सुन तक नहीं रही है! ’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘समय बदलेगा, भारत जुड़ेगा, ग़रीबों के आंसू पोछे जाएंगे।’’ (भाषा)
इंदौर, 7 अगस्त मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में रविवार शाम एक कार बेकाबू होकर झरने के कुंड में गिर गई। हादसे के दौरान मौके पर मौजूद 26 वर्षीय पेशेवर ने बहादुरी दिखाते हुए झरने में छलांग लगा दी और पिकनिक मनाने आए कार चालक और उसकी बेटी की जान बचाई।
चश्मदीदों और पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
चश्मदीदों ने बताया कि यह हादसा इंदौर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर सिमरोल क्षेत्र के एक झरने में हुआ जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है। यह दुर्घटना उस समय हुई, जब रविवार के अवकाश पर कई लोग इस झरने के कुंड के आस-पास पिकनिक मना रहे थे।
इंदौर में एक निजी कम्पनी में काम करने वाले सुमित मैथ्यू (26) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने देखा कि एक कार अचानक पीछे लुढ़क कर झरने के कुंड में गिर रही है। कार में 13 साल की एक लड़की भी थी जिसे बाहर निकालने के लिए उसके पिता पुरजोर प्रयास कर रहे थे। लेकिन वह कार रोक नहीं सके और पिता-पुत्री कार समेत कुंड में गिर गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीख-पुकार के बीच लड़की और उसके पिता झरने के कुंड में गिरकर डूब रहे थे। यह देखकर मैं कुंड में कूद गया और कार चालक को बाहर निकाल कर बचा लिया। मेरे साथ मौके पर मौजूद लोगों ने कार में सवार लड़की को भी बचा लिया।’’
युवा पेशेवर ने कहा कि अपनी आंखों के सामने हादसा होते देखकर वह एक-दो सेकंड तक खुद सदमे में थे लेकिन उन्होंने आखिरकार झरने में छलांग लगाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बेहद अच्छा लग रहा है कि हम हादसे में पिता-पुत्री की जान बचा सके।’’
इस बीच, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सुनील मेहता ने कहा कि हादसा कार चालक की कथित लापरवाही से हुआ।
उन्होंने बताया, ‘‘कार को झरने के पास बने कुंड के बेहद नजदीक खड़ा किया गया था जो सरासर लापरवाही भरा काम है। हमें पता चला है कि कार की डिग्गी को जोर से बंद किए जाने के कारण कार पीछे की ओर लुढ़कने लगी और झरने के कुंड में गिर गई।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को कहा कि देश की जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूंजेगी।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘देश की जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूंजेगी। राहुल गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं व इन्साफ और सच की लड़ाई में समर्थन देने वाले करोड़ों देशवासियों का तहे दिल से धन्यवाद ।’’
‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में जातीय हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की और इस दौरान राज्य सरकार ने मामलों की जांच के लिए जिला पुलिस अधीक्षकों की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का प्रस्ताव रखा।
मणिपुर के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह जातीय हिंसा और प्रशासन द्वारा इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों तथा प्रभावी जांच के उद्देश्य से मामलों को अलग करने संबंधी प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पेश हुए।
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले अलग-अलग करने सहित विभिन्न मामलों पर शीर्ष अदालत द्वारा एक अगस्त को मांगी गई रिपोर्ट उसे सौंपी।
पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा, ‘‘सरकार बहुत परिपक्व तरीके से हालात से निपट रही है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संवेदनशील मामलों की जांच के लिए जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षकों की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने का प्रस्ताव रखा है और इसके अलावा 11 मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करेगी।
मामले की सुनवाई अभी जारी है।
इससे पहले मणिपुर की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक अगस्त को कहा था कि वहां कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
शीर्ष अदालत ने जातीय हिंसा की घटनाओं, खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधों की ‘‘धीमी’’ और ‘‘बहुत ही लचर’’ जांच के लिए राज्य पुलिस की खिंचाई की थी और उसके सवालों का जवाब देने के लिए डीजीपी को तलब किया था ।
केंद्र ने पीठ से आग्रह किया था कि भीड़ द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न के वीडियो से संबंधित दो प्राथमिकी के बजाय, 6,523 प्राथमिकियों में से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा से संबंधित 11 मामलों को सीबीआई को सौंपा जाए और मुकदमे की सुनवाई मणिपुर के बाहर कराई जाए।
पीठ हिंसा से संबंधित लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चयरमैन पद का कार्यभार संभाल लिया है।
सीबीआईसी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘1988 बैच के सी एंड आईटी (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर समूह) अधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने पांच अगस्त 2023 को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन पद का कार्यभार संभाला।’’
अग्रवाल ने विवेक जोहरी की जगह ली है, जो 31 मई को सीबीआईसी प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए।
वित्त मंत्रालय ने पांच अगस्त को अग्रवाल की नियुक्ति का आदेश जारी किया था। इससे पहले, वह बतौर सीबीआईसी सदस्य (अनुपालन प्रबंधन) के रूप में कार्य कर रहे थे।
सीबीआईसी में चेयरमैन के साथ छह सदस्य होते हैं। बोर्ड को प्रधान मुख्य आयुक्त/मुख्य आयुक्त और प्रधान महानिदेशक/महानिदेशक कामकाज में सहायता प्रदान करते हैं। (भाषा)
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी संसद की सदस्यता बहाल कर दी गई है.
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राहुल की संसद की सदस्ता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया था. करीब चार महीने बाद राहुल गांधी सोमवार को दोबारा बतौरा सांसद संसद में पहुंचे.
सदस्यता बहाली के बाद जब राहुल गांधी पहली बार संसद पहुंचे तो कांग्रेस के सांसदों ने नारे नारे लगाते हुए उनका स्वागत किया. संसद परिसर में उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया और उसके बाद लोक सभा में जाकर अपनी सीट पर बैठ गए.
4 अगस्त को जब सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिली थी तभी लोक सभा में कांग्रेस के नेता ने तत्काल उनकी सदस्यता बहाली को लेकर लोक सभा सचिवालय से संपर्क किया था. कांग्रेस ने सदस्यता बहाली में देरी को लेकर भी कई सवाल उठाए थे.
"बिना देरी किए सदस्यता बहाल की"
सोमवार को लोक सभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की अधिसूचना जारी की. जिसके बाद कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया.
सदस्यता बहाली को लेकर देरी के मुद्दे पर कांग्रेस के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर मुद्दे पर अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करती है.
उन्होंने कहा, "शुक्रवार (जिस दिन फैसला आया) के बाद शनिवार और रविवार था इसलिए स्पीकर ने आज फैसला लिया है. इसमें क्या हो गया है. ऐसा तो बाकी सांसदों के साथ भी हुआ है. जो कानूनी प्रक्रिया है, हमने बिना देरी किए उसका पालन किया है. आदेश की कॉपी मिलते ही तुरंत सदस्यता बहाल कर दी."
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली को लेकर अधिसूचना जारी होते ही कई कांग्रेसी नेताओं ने ट्वीट कर इसका स्वागत किया. वहीं कांग्रेस मुख्यालय के बाहर उत्साहिसत कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाए.
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर फैसले को स्वागतयोग्य कहा. उन्होंने लिखा, "यह भारत के लोगों और खासकर वायनाड के लोगों के लिए बड़ी राहत है. बीजेपी और मोदी सरकार को अपने कार्यकाल का जो भी समय बचा है, उसका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."
23 मार्च को सूरत की एक स्थानीय अदालत ने मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया था और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. उसके बाद गांधी की लोक सभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के नेता पुर्नेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें 23 मार्च 2023 को दोषी पाया और दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने सजा बरकरार रखी थी. जिसके खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उन्हें वहां से राहत मिली थी.
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में दिए गए बयान से जुड़ा है. उन्होंने चुनावी सभा के दौरान कहा था "सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है."
इसी हफ्ते विपक्षी दल "इंडिया" द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी और देखना होगा कि मणिपुर का दौरा कर लौट चुके राहुल गांधी किस तरह से वहां के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हैं.
छह अगस्त को हरियाणा के पानीपत में कुछ लोगों ने कई दुकानों में तोड़ फोड़ और लूटपाट की. पीड़ितों का दावा है कि सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाया गया.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
नूंह दंगों के एक हफ्ते बाद हरियाणा के कुछ हिस्सों में हिंसा अभी भी जारी है. रविवार छह अगस्त को पानीपत में मोटरसाइकिल पर सवार कुछ लोगों ने कई दुकानों में तोड़ फोड़ और लूटपाट की.
सोशल मीडिया पर इन हमलों की सीसीटीवी फुटेज की कई वीडियो क्लिप डाली गई हैं जिनमें हमलावरों को उत्पात मचाते हुए देखा जा सकता है. पुलिस ने बताया कि 20-25 लोगों के खिलाफ कम से कम तीन एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं और छह व्यक्तियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
यह पानीपत में बीते दिनों में इस तरह की हिंसा की दूसरी घटना है. इसके पहले चार अगस्त को भी कुछ लोगों ने मांस की एक दुकान में तोड़ फोड़ की थी. पानीपत नूंह से कम से कम 165 किलोमीटर दूर है, जिसका मतलब है कि राज्य में हिंसक घटनाओं का दायरा नूंह के पड़ोसी इलाकों से और आगे बढ़ता जा रहा है.
पानीपत का नूंह दंगों से सीधा संबंध है. दंगों के दौरान नूंह में जिन लोगों की पहले दिन ही मौत हो गई थी उनमें 22 साल का अभिषेक भी शामिल था, जो पानीपत का ही रहने वाला था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभिषेक बजरंग दल का कार्यकर्ता था और उस दिन नूंह ब्रजमण्डल जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने के लिए गया था.
नूंह में चल रहा बुलडोजर
नूंह से अब हिंसा की खबरों की जगह प्रशासन की कार्रवाई की खबरों ने ले ली है. नूंह में प्रशासन ने 31 जुलाई की हिंसा में शामिल संदिग्ध लोगों के मकान, दुकानें, झुग्गियों आदि पर बुलडोजर चला करउन्हें तोड़ने का अभियान चार दिनों तक चलाया.
यह कार्रवाई सोमवार सात अगस्त की सुबह तब जा कर रोकी गई जब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इसे रोकने का आदेश दिया. लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभी तक 750 से भी ज्यादा इमारतों को गिरा दिया गया है.
अकेले रविवार छह अगस्त को ही 94 घरों और 212 अन्य ढांचों को गिरा दिया गया. प्रशासन इस कार्रवाई का आधिकारिक कारण अवैध निर्माण बता रहा है लेकिन साथ ही इसे नूंह हिंसा से जुड़ा हुआ भी बता रहा है.
चपेट में रोहिंग्या शरणार्थी
एसडीएम अश्वनी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह अवैध निर्माण थे और इनके मालिकों को पहले से नोटिस दिए जा चुके थे. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कुछ अवैध इमारतों के मालिक 31 जुलाई की हिंसामें भी शामिल थे इसलिए इन इमारतों को तोड़ा गया.
रविवार को नूंह पुलिस ने शहर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई की. पुलिस का कहना था कि कई रोहिंग्या शरणार्थी भी 31 जुलाई की हिंसा में शामिल पाए गए थे. उनमें से कई शरणार्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उनकी झुग्गियों को तोड़ दिया. (dw.com)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के दावेदार विवेक रामास्वामी का समर्थन धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2024 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारी करने वाले विवेक रामास्वामी के सामने डॉनल्ड ट्रंप और रॉन डे सांतिस जैसे प्रतिद्वन्द्वी हैं. लेकिन बाइबिल और गीता की शिक्षाओं का इस्तेमाल अपने प्रचार में करने वाले विवेक रामास्वामी का समर्थन लगातार बढ़ रहा है.
37 साल के बायोटेक उद्यमी रामास्वामी हिंदू धर्म को मानते हैं. वह अपने प्रचार में बाइबिल और गीता की कहानियां सुनाते हैं. माना जाता है कि रिपब्लिकन पार्टी पर रूढ़िवादी ईसाइयों का ज्यादा प्रभाव है. बहुत से चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में उन्हें ट्रंप और डे सांतिस के बाद तीसरे नंबर पर आंका गया है. 23 अगस्त को होने वाली पहली रिपब्लिकन डिबेट के लिए क्वॉलिफाई करने वाले छह उम्मीदवारों में जगह बनाने में रामास्वामी कामयाब रहे हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी करने वाले रामास्वामी दूसरे हिंदू हैं. उनसे पहले हवाई की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने 2020 में डेमोक्रैट पार्टी की ओर से दावादारी की थी.
धर्म से प्रचार
रामास्वामी ने अपने प्रचार अभियान के लिए दस नियम बताये हैं. उनमें से सबसे पहला हैः ईश्वर वास्तविक है. उसके बाद वह कहते हैं: लिंग दो ही हैं.
2021 में रामास्वामी की ‘वर्क इंकः इनसाइड कॉरपोरेट अमेरिकाज सोशल जस्टिस स्कैम' नाम की किताब खासी मशहूर हुई थी. इस किताब में उन्होंने बताया था कि कैसे अमेरिकी कंपनियां सामाजिक न्याय की व्यवस्था का इस्तेमाल अपनी मुनाफाखोर नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए करती हैं.
वह फॉक्स न्यूज और अन्य रूढ़िवादी समाचार माध्यमों के लिए नियमित रूप से लिखते रहे हैं. इनमें वह पूंजीवाद और मेरिट आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं जबकि आरक्षण, मास्क नीति और खुली सीमाओं की तीखी आलोचना करते हैं. वह अबॉर्शन के खिलाफ हैं और मानते हैं कि लिंग परिवर्तन जैसी सोच का मानसिक रोग के रूप में इलाज किया जाना चाहिए.
रामास्वामी दुनिया के अन्य दक्षिणपंथी नेताओं जैसे भारत के नरेंद्र मोदीऔर इटली की गिऑर्गिया मेलनी का समर्थन कर चुके हैं.
अपने प्रचार अभियान के दौरान वह धर्म के प्रति अपने रुझान को खुलकर जाहिर करते हैं. वह कहते हैं कि उनके हिंदू धर्म और उन यहूदी-ईसाई मूल्यों में बहुत कुछ एक जैसा है, "जिनके आधार पर इस देश की नींव रखी गयी थी.”
क्या ईसाई साथ देंगे?
समाचार एजेंसी एपी को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "धार्मिक स्वतंत्रता का मैं कट्टर समर्थक हूं. इसका मैं और जोर-शोर से समर्थन करूंगा क्योंकि कोई भी कोई भी मुझ पर ईसाई-राष्ट्रवादी होने का इल्जाम नहीं लगा सकता.”
इन तमाम कोशिशों के बावजूद इस बात पर संदेह जताये जाते रहे हैं कि रामास्वामी ईसाई मतदाताओं का समर्थन पाने में कामयाब होंगे. हालांकि उन्हें इसका पूरा यकीन है. वह कहते हैं कि किसी भी धर्म को मानने वालों के साथ उनकी अधार्मिक लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा समानताएं हैं.
रामास्वामी ने कहा, "मैं एक ऐसे धर्म में पला-बढ़ा हूं, जो कहता है कि एक ही सच्चा ईश्वर है जो हम सबको शक्ति देता है. हम हिंदू धर्म में कहते हैं कि ईश्वर सबके अंदर रहता है. ईसाइयत में कहा जाता है कि हम सब ईश्वर की छवि हैं.”
भारत से अमेरिका रहने गये दक्षिण भारतीय माता-पिता की संतान रामास्वामी सिनसिनाटी स्थित अपने घर में तमिल बोलते हुए बड़े हुए हैं. उनके आस्थावान माता-पिता नियमित पूजा करते थे. उन्होंने तमाम हिंदू पौराणिक कथाएं सुनी हैं. वह रोज पूजा-पाठ करते हैं और नियमित मंदिर जाते हैं. उनकी पत्नी अपूर्वा एक डॉक्टर है और अपने दोनों बेटों को भी हिंदू धर्म के अनुसार ही पाल-पोस रहे हैं.
ईसाइयत से प्रभावित
रामास्वामी कहते हैं कि वह ईसाइयत से बहुत प्रभावित रहे हैं. सिनसिनाटी के सेंट जेवियर कैथलिक कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अबॉर्शन के खिलाफ अपना मत बनाया था और दस साल तक पियानो सीखने के दौरान अपने शिक्षक से ‘प्रोटेस्टेंट मूल्य' सीखे.
रामास्वामी कहते हैं, "हिंदू होने के नाते आप जो शिक्षाएं ग्रहण करते हैं, वे यहूदी-ईसाई मूल्यों के बहुत समान होती हैं, जैसे कि त्याग, फल की इच्छा बिना कर्म करना और यह मानना कि कार्य करने वाले हम लोग सिर्फ माध्यम हैं, कर कोई और रहा है.”
फिर भी, ट्रंप कट्टर समर्थक रामास्वामी की आलोचना करते हैं. हाल ही में एक प्रवचन के दौरान नेब्रास्का में ट्रंप समर्थक एक ईसाई धर्मगुरु हैंक कुनेमन ने कहा, "हम क्या कर रहे हैं? क्या आप किसी को बाइबिल के अलावा किसी चीज पर हाथ रखने दोगे? क्या आप उसके अजीब देवताओं को व्हाइट हाउस में पहुंचने दोगे?”
कुनेमन के विचारों को रामास्वामी खारिज करते हुए कहते हैं कि अधिकतर अमेरिकी ईसाई ऐसा नहीं सोचते. वह कहते हैं, "ऐसा भाषण सुनकर पहले तो खीज होती है लेकिन सच यह है कि मैं पूरे देश का नेतृत्व करने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं. उन लोगों का भी, जो मुझसे असहमत हैं.”
वीके/एए (एपी)
जम्मू, 7 अगस्त | जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान दो आतंकवादी मारे गए। एक रक्षा अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने एक बयान में कहा, “पुंछ जिले में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया। 6-7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को सेना और पुलिस की संयुक्त टीमों ने ढेर कर दिया।
"एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की। बाद में वह भी मारा गया और एलओसी के पास उसे गिरते देखा गया। ऑपरेशन अभी भी जारी है।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी सोमवार को फिर से बहाल हो गई। इसके बाद यह माना जा रहा है कि राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल हो सकते हैं। ज्यादा संभावना इस बात की है कि राहुल गांधी मंगलवार को ही विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।
हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला राहुल गांधी को ही करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 10 अगस्त को दे सकते हैं। ऐसे में लोक सभा के पटल पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी आमने-सामने होंगे और एक दूसरे पर राजनीतिक हमला करते नजर आएंगे।
दरअसल, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा 26 जुलाई को दिए गए नोटिस पर ही मोदी सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, जिस पर सदन में चर्चा की शुरुआत 8 अगस्त, मंगलवार को होनी है।
नियमों के अनुसार, चूंकि नोटिस कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की तरफ से दिया गया है इसलिए विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत उन्हें ही करना है। लेकिन गौरव गोगोई अगर चाहें तो वह सदन में अपनी जगह बोलने के लिए राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं।
आपको बता दें कि, लोक सभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का हवाला देते हुए सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर केरल की वायनाड लोक सभा सीट से राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल कर दी।
गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो साल की सजा दिए जाने के बाद लोक सभा सचिवालय ने 24 मार्च 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी कर 23 मार्च 2023 से उनकी लोक सभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 के लोक सभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद चुने गए थे।
संसद सदस्यता फिर से बहाल हो जाने के बाद अब राहुल गांधी बतौर सांसद सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। (आईएएनएस)।
नियामे, 7 अगस्त । नीजर के सैन्य शासन ने देश के हवाई क्षेत्र को अगली सूचना तक अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। यह कदम एक क्षेत्रीय गुट की उस चेतावनी के बाद उठाया गया जिसमें कहा गया था कि अगर राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को बहाल नहीं किया गया तो बल प्रयोग हो सकता है। मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार, नीजर के आसमान में फिलहाल कोई विमान नहीं है।
4 अगस्त को एक बैठक के बाद नाइजीरिया, सेनेगल, टोगो और घाना सहित 15 पश्चिम अफ्रीकी देशों ने घोषणा की थी कि अगर 6 अगस्त को रात 11 बजे तक बज़ौम को सत्ता नहीं सौंपी गई तो बल प्रयोग हो सकता है।
लेकिन सोमवार की सुबह तक नीजर के तख्तापलट नेताओं ने सत्ता छोड़ने की इच्छा का कोई संकेत नहीं दिखाया।
रविवार को उनके हजारों समर्थकों ने देश की राजधानी नियामे के एक स्टेडियम में रैली की।
बज़ौम को 26 जुलाई को हिरासत में लिया गया था, और राष्ट्रपति गार्ड के कमांडर जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने बाद में खुद को नया नेता घोषित किया।
चेतावनी के जवाब में, सैन्य जनता के प्रवक्ता ने कहा कि नीजर के सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए तैयार हैं।
सैन्य अधिग्रहण की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई है, जिसमें पूर्व औपनिवेशिक शक्ति फ्रांस, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका शामिल है।
इस बीच, नीजर के दो पड़ोसी देश -- बुर्किना फासो और माली - ने पहले चेतावनी दी थी कि वे नीजर में किसी भी बाहरी सैन्य हस्तक्षेप को उनके खिलाफ "युद्ध की घोषणा" के रूप में मानेंगे। (आईएएनएस)।
चिक्कमगलुरु (कर्नाटक), 7 अगस्त कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने एक ऐसे गांव में चर्च के निर्माण का विरोध किया है, जहां कोई ईसाई परिवार नहीं है।
चर्च का निर्माण मुदिगेरे तालुक के लोकावल्ली गांव में किया जा रहा है और इस पर विवाद खड़ा हो गया है।
स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि चूंकि गांव में कोई ईसाई परिवार नहीं है, इसलिए चर्च का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि चर्च का निर्माण धर्मांतरण कराने के लिए किया जा रहा है।
चर्च का निर्माण मुदिगेरे के पास हांडी गांव के एक रंगा की भूमि में किया गया है।
पुलिस ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस घटनाक्रम ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील चिक्कमगलुरु क्षेत्र में चिंता पैदा कर दी है, जिसे भाजपा का गढ़ माना जाता है।
लेकिन मई में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि चिक्कमगलुरु निर्वाचन क्षेत्र से कभी उनके खास रहे कांग्रेस उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। (आईएएनएस)।
कटिहार, 7 अगस्त । बिहार के कटिहार जिले के कोढ़ा थाना क्षेत्र में एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक बाइक पर सवार तीन दोस्तों की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, रविवार को बड़ी भैंसदारा गांव के रहने वाले तीन दोस्त डुमरा गए थे और देर रात एक ही बाइक पर सवार होकर तीनों लौट रहे थे।
कहा जाता है कि डुमरा पुल के पास किसी अज्ञात वाहन ने वाहन में टक्कर मार दी।
इस दुर्घटना में तीनों दोस्तों की मौत हो गई।
कोढ़ा के थाना प्रभारी आलोक राज ने सोमवार को बताया कि दो लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई जबकि एक युवक ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान गुड्डू ऋषि, सोनू कुमार चौधरी, अखिलेश कुमार के रूप में की गई है।
पुलिस उस अज्ञात वाहन का पता लगाने में जुटी है। तीनों शवों को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। (आईएएनएस)।
चंडीगढ़, 7 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के चार दशक बाद तक पार्टी को यह समझ नहीं आया कि गांवों में पंचायती राज प्रणाली लागू करना कितना जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो दिवसीय कार्यक्रम ‘हरियाणा क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद’ का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस के राज में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।’’
मोदी ने कहा कि देश आज विकासित भारत के लक्ष्य को हासिल करने और ‘अमृत काल’ के प्रस्तावों को साकार करने की दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अमृत काल की 25 वर्ष की यात्रा के दौरान हमें पिछले दशकों के अनुभवों को भी याद रखना होगा।’’
मोदी ने कहा, ‘‘विकसित भारत का मार्ग टियर-2, टियर-3 शहरों और गांवों से होकर गुजरता है। मुख्य शहरों से दूर के स्थानों और छोटे शहरों में उम्मीद की नयी किरण एवं ऊर्जा दिखाई देती है।’’
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के चार दशक बाद तक उसे यह समझ नहीं आया कि गांवों में पंचायती राज प्रणाली लागू करना कितना जरूरी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जिला पंचायत प्रणाली को भी भाग्य भरोसे छोड़ दिया था।
फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख ओ पी धनखड़ और अन्य नेता मौजूद थे। (भाषा)
धार 7 अगस्त । मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से कमलनाथ के अवश्यंभावी और भावी मुख्यमंत्री होने का नारा बुलंद किया जा रहा है, इसी बीच पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता उमंग सिंघार ने आदिवासी मुख्यमंत्री की तान छेड़ दी है।
गंधवानी से विधायक उमंग सिंघार रविवार को कोद के कोटेश्वर में टंट्या मामा भील की प्रतिमा के अनावरण से पहले निकाली गई बाइक रैली का हिस्सा बने और इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी की।
इस मौके पर पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए,साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते, लेकिन जब तक मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा, तब तक सभी को घर में नहीं बैठना है। आदिवासियों के अधिकार की बात कर रहा हूं और उन्हें यह अधिकार मिलना चाहिए।
ज्ञात हो कि आदिवासी नेता उमंग सिंघार राज्य की पूर्व उपमुख्यमंत्री रहीं जमुना देवी के भतीजे हैं और अपने बेबाक बयानों से कांग्रेस के नेताओं के लिए मुसीबत बनते रहते हैं। जब वे कमलनाथ की सरकार में वन मंत्री थे तो उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला था और कई आरोप भी लगाए थे।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा तो घोषित नहीं किया है, मगर कमलनाथ को आगे रखकर राज्य के नेता चुनावी मैदान में जा रहे हैं। इसी बीच उमंग सिंघार का यह बयान नई बहस को जन्म देे रहा है। (आईएएनएस)।
वाराणसी, 7 अगस्त श्रावण मास के सोमवार के मद्देनजर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के कारण ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम का सर्वेक्षण कार्य तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ।
सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास के सोमवार के अवसर पर ज्ञानवापी परिसर के ठीक बगल में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए एएसआई का सर्वे चौथे दिन तीन घंटे की देरी से पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ।
मिश्र के मुताबिक, रविवार को ज्ञानवापी मस्जिद के तीनों गुंबद और तहखाने का सर्वेक्षण कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान तीनों गुंबद और तहखाने की मैपिंग और फोटोग्राफी की गई, जो सोमवार को भी जारी रहेगी।
रविवार को सर्वे का काम खत्म होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि तीनों गुंबद की वैज्ञानिक जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा था, “फोटोग्राफी और मैपिंग का काम हो चुका है। तहखाने का सर्वेक्षण भी किया जा चुका है। सर्वेक्षण कार्य में अभी समय लगेगा।”
मुस्लिम पक्ष ने रविवार को आरोप लगाया था कि सर्वे के दौरान परिसर में मूर्ति और त्रिशूल मिलने की अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे जनता में उन्माद फैल सकता है। उसने प्रशासन से इन अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने दावा किया था कि जिन हिस्सों में अभी सर्वे नहीं हुआ है, वहां भी मूर्ति और त्रिशूल मिलने की अफवाह फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा था, “इस तरह की अफवाह जनता में उन्माद पैदा कर सकती है। प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए।” (भाषा)
नई दिल्ली, 7 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल हो गई है।
लोक सभा सचिवालय ने 4 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का हवाला देते हुए सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कर केरल की वायनाड लोक सभा सीट से राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल कर दी है।
आपको बता दें कि गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो साल की सजा दिए जाने के बाद, लोक सभा सचिवालय ने 24 मार्च 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी कर 23 मार्च 2023 से उनकी लोक सभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया था।
राहुल गांधी 2019 के लोक सभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद चुने गए थे। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने को ‘सत्य की जीत’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि सरकार को अपने कुछ महीनों के शेष कार्यकाल में विपक्षी दलों को निशाना बनाने की बजाय सही मायने में शासन पर ध्यान देना चाहिए।
‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी जी की संसद की सदस्यता बहाल करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। यह (कदम) भारत के लोगों और विशेषकर वायनाड की जनता के लिए राहत लेकर आया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का अब जो भी समय बचा है, उन्हें उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने की बजाय शासन पर केंद्रित करना चाहिए।’’
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद संसद भवन में खरगे ने कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को मिठाई भी खिलाई।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता बहाल हो गई। यह सत्य की जीत है, भारत के लोगों की जीत है...ये करोड़ों भारतवासियों की जीत है। असत्य के खिलाफ सत्य की जीत है। नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है।’’ (भाषा)