राष्ट्रीय
सहारा समूह की तरह पर्ल समूह में भी करोड़ों निवेशकों के 60,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. पर्ल के पोंजी स्कीम घोटाले के उजागर होने के दो दशक बाद भी अपने पैसे वापस पाने का निवेशकों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों छोटे निवेशकों के पैसे लौटाने की नई मुहिम शुरू होने के बाद अब इसी तरह के दूसरे घोटालों के शिकार होने वाले निवेशकों की भी उम्मीद जगी है.
कई उद्योगों में शामिल पर्ल्स ग्रुप पर 2003 में 5.5 करोड़ निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगा था. समूह के सीएमडी निर्मल सिंह भांगू तो सालों से जेल में हैं, लेकिन निवेशकों को अभी तक अपने पैसे वापस नहीं मिल पाए हैं.
क्या है मामला
सेबी और निवेशकों ने 2003 में सुप्रीम कोर्ट में पर्ल समूह के खिलाफ मामला दायर किया था. समूह पर सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये करीब 5.5 करोड़ लोगों को धोखा दे कर उनसे लगभग 45,000 करोड़ रुपये निवेश करवाने के आरोप लगाए गए थे.
कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दो दशकों की जांच के बाद अब यह रकम 60,000 करोड़ तक पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में ठोस निर्देश आते आते 10 साल बीत गए. फरवरी 2013 में अदालत के आदेश पर सीबीआई ने मामले में जांच शुरू की.
2014 में सीबीआई ने इस मामले में 76 एफआईआर दर्ज की और फिर जनवरी 2016 में भांगू समेत समूह के चार निदेशकों को गिरफ्तार किया. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 49,000 करोड़ रुपये रिफंड करवाने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के नेतृत्व में एक समिति बनाई.
निवेशकों का इंतजार
समिति ने समूह की सारी संपत्ति जब्त कर ली और मार्च 2016 में संपत्ति की नीलामी शुरू की. प्रवर्तन निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक समूह के पास कुल 1,354 संपत्तियां हैं. हालांकि नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुए सात साल बीत जाने के बाद आज भी निवेशकों को उनके पैसे नहीं मिले हैं.
चूंकि इस घोटाले के शिकार निवेशक बड़ी संख्या संख्या में पंजाब में हैं, यह मुद्दा पंजाब में अक्सर चुनावी मुद्दा भी बन जाता है. 2022 में भी विधान सभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनी तो पोंजी कंपनियों की संपत्ति बेच कर निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 29 जून 2023 को घोषणा की कि राज्य सरकार ने पर्ल समूह की पंजाब में मौजूद सारी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्दी ही कानूनी कार्रवाई पूरी करके लोगों के पैसे वापस किये जाएंगे.
मान ने बताया कि राजस्य विभाग के रिकॉर्डों में इन संपत्तियों को चिन्हित कर दिया गया है ताकि इनकी खरीद-बिक्री ना हो सके. (dw.com)
विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन के ढांचे का प्रारूप दे कर विपक्षी एकता का एक संकेत दिया है. 'इंडिया' गठबंधन को नेतृत्व, साझा कार्यक्रम और सीटों के बंटवारे की चुनौतियों का सामना करना होगा. क्या कहते हैं जानकार इस बारे में.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
महीनों तक एकता का संदेश देने की कोशिश करने के बाद 26 विपक्षी पार्टियां इस पड़ाव तक पहुंच गई हैं कि गठबंधन के नाम को लेकर तो उनके बीच सहमति बन ही गई. बेंगलुरु में हुई इन पार्टियों की दूसरी बैठक में 'इंडिया' यानी 'इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायन्स' के नाम की घोषणा को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
और इतना ही नहीं, इससे पहले कि सत्तारूढ़ बीजेपी की तरफ से इंडिया बनाम भारत की बातें कही जातीं, विपक्ष ने नाम के साथ "जीतेगा भारत" टैगलाइन की घोषणा भी कर दी. बीजेपी ने इस नाम पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन कई बीजेपी नेताओं ने इशारों में इसकी आलोचना की.
साझा मंच को जितना हो सके उतना वृहत बनाने की कोशिश में बैठक के बाद जारी किये गए साझा बयान में मुद्दों की एक लंबी सूची गिनाई गई है. इनमें सेक्युलर डेमोक्रेसी, सामाजिक न्याय और फेडरलिज्म से लेकर एजेंसियों के दुरुपयोग, नोटबंदी, बेरोजगारी, जातिगत जनगणना और नफरत आधारित हिंसा तक शामिल हैं.
एकजुटता का संदेश
बैठक में मौजूद सभी पार्टियों ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की. कई पार्टियों के अलग अलग कदमों को लेकर कई सवाल उठाए गए लेकिन सभी पार्टियों ने बैठक के बाद भी बयानों में और सोशल मीडिया पर गठबंधन के नए नाम और टैगलाइन का बिगुल बजाया.
कुछ आलोचकों ने सवाल जरूर उठाये हैं कि जून में पटना में हुई बैठक में तय हुआ था कि अगली बैठक में गठबंधन का नाम, संयोजक का नाम और सीटों के बंटवारे के फॉर्मूला पर फैसला ले लिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इनमें से सिर्फ एक ही फैसला, यानी गठबंधन का नाम, संभव हो पाया.
लेकिन कई जानकारों का मानना है कि कुल मिलाकर बेंगलुरु बैठक सकारात्मक रही. वरिष्ठ पत्रकार राधिका रामाशेषन कहती हैं कि साझा कार्यक्रम की घोषणा होना बेहद जरूरी है, लेकिन दो बैठकों में उसका तय न हो पाना कोई बड़ी समस्या नहीं है.
उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "अगर तीन-चार बैठकों के बाद भी साझा कार्यक्रम की घोषणा नहीं हो पाई, तब मैं कहूंगी कि समस्या है." वहीं वरिष्ठ पत्रकार और हार्ड न्यूज पत्रिका के संपादक संजय कपूर का मानना है कि यह गठबंधन काफी उम्मीद भरा है क्योंकि यह पार्टियां कुल मिला कर 11 राज्यों में सत्ता में हैं.
कपूर ने डीडब्ल्यू से कहा कि अगर यह पार्टियां साथ बनी रहीं तो इनके पास इसे एक कड़ी टक्कर में बदलने के लिए संसाधन और नारे भी होंगे. उनका मानना है कि आने वाले दिनों में तीन राज्यों के विधान सभा चुनावों में पता चल जाएगा कि यह गठबंधन काम कर रहा है या नहीं.
समझौतों की जरूरत
गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर भी चर्चा हो रही है. विपक्ष में अभी भी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ही है, गठबंधन में अब इस बात की स्वीकृति नजर आने लगी है. साथ ही कांग्रेस भी दूसरी पार्टियों के हित में कुछ समझौते करते हुई नजर आ रही है.
मिसाल के तौर पर विपक्ष के अभियान में आम आदमी पार्टी का शामिल होना हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार की शक्तियों को सीमित करने के लिए लाए गए अध्यादेश को प्रति कांग्रेस के रुख को लेकर टिका था.
बैठक से कुछ ही दिन पहले कांग्रेस ने स्पष्ट शब्दों में अध्यादेश का विरोध व्यक्त किया और उसके बाद 'आप' बैठक में शामिल होने के लिए राजी हो गई.
राधिका रामाशेषन कहती हैं, "कांग्रेस इस गठबंधन के केंद्र में है. मुझे लगता है करीब 190 सीटों पर बीजेपी की सीधी टक्कर कांग्रेस से है और कांग्रेस को इनमें से कम से कम 130 जितनी पड़ेगी. लेकिन अपने आप में कांग्रेस इतने बुरे हाल में थी कि वो अकेले चुनावों में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकती थी."
उन्होंने आगे बताया कि इसी वजह से यह गठबंधन होना जरूरी था, जिसके लिए बाकी पार्टियों को साथ लेकर चलने के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता नजर आ रही है. लेकिन संजय कपूर का कहना है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में समस्या है.
उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में अगर समाजवादी पार्टी कांग्रेस और आरएलडी के साथ हाथ नहीं मिलाती है तो गठबंधन बिखरा हुआ नजर आएगा. बंगाल की समस्या की तरफ भी ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि वहां तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है और सीपीएम भी तृणमूल के साथ हाथ नहीं मिलाना चाहती.
गठबंधन का नेता या चेहरा कौन होगा इस सवाल पर राधिका रामाशेषन कहती हैं कि विपक्ष को इस सवाल पर सबसे आखिर में आना चाहिए, बल्कि वो कोई नेता ना ही सामने लाएं तो अच्छा होगा.
उन्होंने कहा कि ऐसा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम उस नेता का सीधा पर्सनालिटी कांटेस्ट हो जाएगा और यह शायद विपक्ष के लिए उल्टा पड़ जाए क्योंकि मोदी अभी भी देश में सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं. (dw.com)
मध्य प्रदेश के उज्जैन में जिला प्रशासन ने "महाकाल की सवारी" पर कथित तौर पर थूकने के आरोपियों में से एक का घर बुलडोजर से ढहा दिया. इस दौरान प्रशासन ने ढोल भी बजवाया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
उज्जैन में "महाकाल की सवारी" पर कथित तौर पर थूकने का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में तीन युवक एक घर की छत पर खड़े होकर सवारी में शामिल लोगों पर कथित तौर पर थूकते नजर आ रहे थे. यह वीडियो सोमवार (17 जुलाई) का था.
इस घटना के बाद उज्जैन पुलिस ने सोमवार रात को दो नाबालिग भाइयों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोगों ने विरोध किया था. इसके बाद उज्जैन नगर निगम की टीम ने पुलिस और प्रशासन के साथ बुधवार सुबह आरोपियों में से एक के तीन मंजिला अवैध मकान को बुलडोजर से ढहा दिया.
ढोल बजाकर बुलडोजर चलाया
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में सबसे हैरानी की बात यह थी कि वह बुलडोजर के साथ ढोल और नगाड़े लेकर पहुंची थी. सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो साझा किया जा रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि तीन मंजिला मकान को गिराने से पहले बुलडोजर खड़ा है और दो लोग ढोल बजा रहे हैं.
इस दौरान पुलिस और नगर निगम के कर्मचारी पास खड़े हैं और आसपास के लोग इसका वीडियो बना रहे हैं. उज्जैन के सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि कार्रवाई के दौरान मुनादी का नियम है, इसलिए ढोल लेकर आए थे.
भूरिया ने मीडिया से कहा, "कुछ दिन पहले उज्जैन में एक धार्मिक जुलूस के दौरान कुछ उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था. आज हमने नगर निगम के साथ मिलकर उनके घर को तोड़ने का अभियान चलाया."
ढोल बजाने की दलील
तीनों लोगों के खिलाफ एफआईआर सावन लोट नाम के व्यक्ति की शिकायत पर की गई. तीनों लोगों पर 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और 153ए (पूजा स्थल पर किया गया अपराध) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ढोल के इस्तेमाल पर सवाल को लेकर पुलिस की दलील है कि पारंपरिक रूप से अतिक्रमण को हटाने के लिए सार्वजनिक घोषणा की जाती है और इसलिए ढोल का इस्तेमाल किया गया. भूरिया ने कहा, "यही कारण है कि आज के इस कार्य के लिए इसका इस्तेमाल किया गया."
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उज्जैन नगर निगम ने कथित अनियमितता का विवरण देने से इनकार कर दिया. और उसने यह नहीं बताया कि किस कारण से मकान को ढहाया गया. नगर निगम का दावा है कि मकान में रहने वालों को बहुत पहले से इस बारे में नोटिस जारी कर दिया गया था.
थूकने के कथित आरोपियों में से दो नाबालिग हैं जबकि तीसरा आरोपी कुछ महीने पहले बालिग हुआ था. दोनों नाबालिग को सुधार गृह भेज दिया गया है वहीं तीसरे आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. तीनों ही आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं.
बीजेपी शासित प्रदेशों में खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल को लेकर मामला सुप्रीम तक जा चुका है. एक मामले की सुनवाई में कोर्ट कह चुका है कि अतिक्रमण को हटाने के लिए नियमों का पालन किया जाना चाहिए. (dw.com)
अफ्रीका से भारत लाए चीतों में से कईं की मौत ने इस पूरे प्रोजेक्ट पर सवाल उठाया है. चीतों की मौत प्राकृति कारणों से हुई या फिर उनकी देखरेख में लापरवाही की वजह से यह साफ नहीं है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
बीते शुक्रवार मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में सूरज नाम के नर अफ्रीकी चीते की मौत हो गई. पार्क के अधिकारियों को सूरज मरने के कुछ घंटे पहले मिला. वह शरीर से कमजोर था, उसके गले पर संक्रमण और कीड़े पड़े थे. मक्खियां उसके चारों ओर भिनभिना रही थीं. चार महीनों के भीतर मरने वाले चीतों में सूरज का नंबर आठवा है.
महज तीन दिन पहले, चार साल के एक और नर चीते तेजस की भी मौत हुई और उसके गले पर भी चोट के निशान थे. भारत में देसी चीते 70 साल पहले विलुप्त हो चुके हैं लेकिन सरकार अपने बहुचर्चित प्रोजेक्ट चीता के जरिए मध्य प्रदेश में दोबारा चीतों को बसाने की मुहिम चला रही है. इसके लिए अफ्रीका से चीते लाए गए थे. एक के बाद एक हुई मौतों से खड़े हुए सवालों के बीच मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन जे एस चौहान को पद से हटा दिया गया. चौहान कूनो नैशनल पार्क की बुनियाद रखने वाले वन सेवा अधिकारियों में हें.
पिछले सितंबर में नामीबिया से लाए गए चीतों का स्वागत करने खुद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 72वें जन्मदिन पर कूनो पहुंचे. जानकारों ने चेतावनी दी कि इस पार्क में चीतों को बसाने के लिए शायद पर्याप्त जगह नहीं है हालांकि परियोजना चलती रही. फरवरी महीने में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए. मार्च में साशा नाम की एक मादा चीता किडनी की बीमारी के चलते मर गई. इसके कुछ ही दिन बाद खुशियों की लहर आई जब नामीबिया से आई एक अन्य मादा चीता ने पार्क में चार चीतों को जन्म दिया.
ये खुशिया चंद लम्हों की थीं क्योंकि चार में से तीन बच्चों की मौत हो गई. अधिकारियों का कहना था कि वो तेजी गर्मी के चलते बच नहीं सके. तब से अब तक कईं और मौतें हुई हैं जिसकी वजह से प्रोजेक्ट चीता चलाने वाले अधिकारी सकते में हैं. अब इस योजना पर फिर से विचार होने की बात कही जा रही है.
कूनो में ही रहेंगे चीते
अधिकारियों ने यह कह कर इन मौतों को दबाने की कोशिशें की कि यह प्राकृतिक कारणों से हुईं. पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि "चीते कूनो में ही रहेंगे और परियोजना सफल होगी. एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यादव ने कहा, हम विशेषज्ञों के संपर्क में हैं, हमारी टीम वहां जाएगी. चीते कूनो में ही रहेंगे, उन्हें कहीं और नहीं भेजा जाएगा."
इस बीच ये बातें उठी कि शायद चीतों के गले में डाले गए रेडियो टैग की वजह से संक्रमण हुआ हो. मंत्रालय ने इन्हें अफवाहें बताते हुए कहा कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में ऊंच-नीच होना तो स्वाभाविक है. इस बारे में मंत्रालय ने कहा,"चीतों की मौत पर मीडिया में जो खबरे आ रही हैं, जिनमें रेडियो टैग समेत मौत के दूसरे कारणों की अटकलें लगाई जा रही हैं, उसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है."
गुपचुप परियोजना
इन दलीलों पर विशेषज्ञों को संदेह है. उनका मानना है कि यह परियोजना हवाई है और कमजोर वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित है. चिंता यह है कि बचे हुए चीते भी ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह सकेंगे. मेटस्ट्रिंग फाउंडेशन के सीईओ और वन्य जीव विशेषज्ञ रवि चेलम ने डीडब्ल्यू से कहा, हमें दिमाग में यह बात रखनी चाहिए कि आठ में से सात चीतों की मौत प्रबंधन टीम के नियंत्रण में हुई है. मेरे लिए यह खराब प्लानिंग और कम तैयारी का संकेत है."
इस मामले पर करीब से नजर रखने वाले चेलम यह भी कहते हैं कि भारत को बेहतर गुणवत्ता वाले हैबिटैट पर ध्यान देने की जरूरत है. अधिकारियों को चाहिए कि और चीते लाने से पहले कम से कम 4000 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र को तैयार करें. पारदर्शिता की जरूरत पर जोर देते हुए चेलम ने कहा,"यह बहुत जरूरी है कि चीता परियोजना के तहत प्लानिंग, क्रियान्वयन और निगरानी के लिए बेहतर विज्ञान का इस्तेमाल किया जाए. अब तक के अनुभव से सीख कर परियोजना को सुधारना होगा."
जाने-माने पर्यावरणविद और संरक्षक वाल्मीक थापर भी यही कहते हैं कि परियोजना बहुत ही बुरी तरह से तैयार की गई. इसमें लापरवाही भी हुई और जानवरों के बारे में समझ का भी अभाव रहा. थापर ने कहा, "दोबारा स्वदेस लाने की यह परियोजना चीतों को कैद करने की योजना बन गई है. वो भी जिंदा नहीं बच पा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि पूरी दुनिया के इतिहास में जंगली जानवरों से जुड़ी कोई परियोजना रही हो जो इतनी खुफिया तरीके से बनी."
क्या चीतों को कहीं और भेजना चाहिए
जानकारों की आम राय में सबसे बड़ी समस्या कूनो में जगह की कमी है. उनका कहना है कि चीतों को ज्यादा जंगली जगह की जरूरत होती है. एक अकेला चीता 100 स्क्वेयर किलोमीटर तक फैले क्षेत्र का इस्तेमाल करता है. भारत के वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के पूर्व डीन और पर्यावरण संरक्षक यादवेंद्र विक्रमसिंह झाला का मानना है कि जितनी जल्दी हो सके चीतों को भारत के दूसरे हिस्सों में भेज दिया जाना चाहिए. झाला कहते हैं,"सरकार ने अभी जिन जगहों में व्यवस्था की है, वह अस्थायी और अपर्याप्त हैं. वहां परियोजना को लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता."
झाला का कहना है कि इन जानवरों को दो जगहों में बांट कर रखना चाहिए था. एक जगह राजस्थान का मुकुंदरा है जहां नियंत्रित ईको सिस्टम में चीतों को मेटिंग के लिए रखा जा सकता है जबकि कुछ को कूनो में खुला छोड़ा जा सकता था.
खराब शुक्राणुओं का कहर
भारत के पहले चीता संरक्षक, प्रादन्य गिरडकर एक और तथ्य की तरफ ध्यान दिलाते हैं कि चीतों की मृत्यु दर अफ्रीका में भी काफी ज्यादा है. उन्हें कमजोर प्रजाति माना जाता है. गिरडकर का कहना है,"जेनेटिक विविधता कम होने की वजह से चीतों के स्पर्म यानी शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम होती है और वह वातावरण में बदलाव के हिसाब से बदल नहीं पाते.
जेनेटिक विज्ञान के क्षेत्र में जाने-माने रिसर्चर स्टीफन ओ ब्रायन और लॉरी मार्कर का शोध दिखाता है कि नियंत्रित क्षेंत्रों में 70 फीसदी चीता शावक मर जाते हैं. इसमें गिरावट आ सकती है अगर उन्हें खुले क्षेत्र में छोड़ा जाए." चीतों के प्राकृतिक पर्यावरण का उनके जीवन से गहरा रिश्ता है. गिरडकर की राय में, "चीतों के रहने का वातावरण, उसकी गुणवत्ता, चीतों की संख्या और उनके भोजन के बीच परस्पर सामंजस्य पर वैज्ञानिक शोध व्यावहारिक होना चाहिए. इसके अलावा जरूरत इस बात की भी है कि संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा की जाए और मानव-चीता संघर्ष को खत्म करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाएं."
विज्ञान बनाम राजनीतिक हुंकार
भारत का चीता प्रॉजेक्ट दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. अधिकारी हर साल 5 या 10 चीते लाकर उनकी संख्या को अगले सालों में 35 तक पहुंचाना चाहते हैं. तीन दिन में दो चीतों की मौत के बाद एक विशेषज्ञ सलाहकार कमेटी ने सिफारिश की है कि सारे चीतों का पूरा मेडिकल चेक अप किया जाएगा. इसमें वो चीते भी शामिल हैं जिन्हें जंगल में खुला छोड़ दिया गया है. साथ ही इसकी पड़ताल भी की जाएगी कि रेडियो कॉलर की वजह से जानवरों में संक्रमण हुआ है या नहीं.
पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश कहते हैं, "विशेषज्ञ दल को बहुत सावधानी से देखना चाहिए कि बार-बार क्या गलत हुआ है. उम्मीद बस यही की जा सकती है कि राजनीतिक हुंकार की जगह विज्ञान को तरजीह दी जाएगी." (dw.com)
नई दिल्ली, 20 जुलाई । मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना सामने आने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर एक और तंज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि केंद्र और भाजपा ने "लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है।"
एक ट्विटर पोस्ट में, खड़गे ने कहा, "मणिपुर में मानवता मर गई है। मोदी सरकार और भाजपा ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है।"
"नरेंद्र मोदी जी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा। अगर आपकी सरकार में ज़रा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ, केंद्र और राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना।
"आपने अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी छोड़ दी है। संकट की इस घड़ी में, हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी चार मई की घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आई है, जिसमें मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के मुताबिक, धान के खेत में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया।
यह भयानक घटना पूर्वोत्तर राज्य में व्यापक जातीय हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसमें अब तक सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को अपने घरों से विस्थापित हाेेेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। (आईएएनएस)।
रायगढ़, 20 जुलाई । महाराष्ट्र के रायगढ़ के इरशालवाड़ी में एक पहाड़ी का एक हिस्सा गांव पर गिर गया, इससे कम से कम चार आदिवासियों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य फंस गए। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
रायगढ़ के संरक्षक मंत्री उदय सामंत ने कहा कि अब तक कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि 25 को बचा लिया गया है।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, गांव में लगभग 30 परिवार रहते है, लेकिन हताहतों, मौतों या अभी भी फंसे हुए लोगों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।
रायगढ़ जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया है, जबकि क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज सुबह स्थिति की समीक्षा की।
सामंत ने कहा, "घटना बुधवार रात करीब ढाई बजे हुई और तब से राहत एवं बचाव कार्य जारी है।"
नवी मुंबई नगर निगम और पनवेल नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
यह छोटा सा गांव मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर माथेरान के वाहन-मुक्त हिल-स्टेशन से दूर, इरशालगढ़ किले के पास स्थित है। (आईएएनएस)।
रांची, 20 जुलाई । झारखंड के लोहरदगा शहर से आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) से जुड़े एक शख्स मो. शाहबाज को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे न्यू रोड बिलाल मस्जिद इलाके से पकड़ा। उसके पास से पेन ड्राइव, आपत्तिजनक वीडियो, आतंकी लिटरेचर और कुछ अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त किए गए हैं। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में भी था।
स्थानीय पुलिस शाहबाज की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी साझा नहीं कर रही है। एनआईए ने भी इस संबंध में फिलहाल कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की है। खबर है कि उसे दिल्ली ले जाया गया है, जहां उससे पूछताछ चल रही है। सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर की गई है। इसके मुताबिक शाहबाज बाहर से ट्रेनिंग लेकर आया था और स्थानीय युवकों को ट्रेंड करने के लिए गतिविधियां चला रहा था। कुछ युवा उससे प्रभावित होकर संगठन से जुड़ गए थे। एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की टीम ने तीन दिनों से लोहरदगा में कैंप कर रखा था।
मंगलवार को गोपनीय तरीके से न्यू रोड के एक मकान की घेराबंदी कर शाहबाज को उठाया गया। इस कार्रवाई से इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोग इस कार्रवाई के बारे में कुछ बोलने से इनकार कर रहे हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस सिलसिले में जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जुलाई । मेटा के स्वामित्व वाला मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप कनेक्टिविटी मुद्दों के कारण भारत सहित दुुनिया भर में बाधित होने के बाद अब बहाल हो गया है।
कंपनी ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया: "हम व्हाट्सएप के साथ कनेक्टिविटी समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं और हम आपको जल्द से जल्द अपडेट करेंगे।"
लगभग 20 मिनट के बाद, इसने पोस्ट किया, "और हम वापस आ गए, चैटिंग करते हुए खुश!"
जब एक उपयोगकर्ता ने पोस्ट किया, "भारत में सुबह होने से पहले इसे ठीक कर लें, गुड मॉर्निंग संदेशों को मिस नहीं करना चाहते", मेटा के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने जवाब दिया: "हम वापस आ गए हैं, हम नहीं चाहते कि आप मिस करें उन्हें!"
आउटेज मॉनिटर वेबसाइट डाउनडिटेक्टर के अनुसार, 61 प्रतिशत लोगों ने संदेश भेजते समय, 35 प्रतिशत ने एप्लिकेशन का उपयोग करते समय और 4 प्रतिशत ने वेबसाइट का उपयोग करते समय समस्याओं की सूचना दी।
डाउनडिटेक्टर पर, उपयोगकर्ताओं की रिपोर्ट 41 हजार से अधिक हो गई।
ट्विटर पर कई उपयोगकर्ताओं ने इस मुद्दे की सूचना दी।
वहीं एक यूजर ने पूछा, "क्या यह सिर्फ मैं हूं या व्हाट्सएप डाउन है?" एक अन्य ने पोस्ट किया, "मैंने अपना वाईफाई 7 बार चालू और बंद किया, लेकिन व्हाट्सएप बंद हो गया।"
गौरतलब है कि पिछले महीने भी, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को वैश्विक आउटेज का सामना करना पड़ा था जो लगभग दो घंटे तक चला था।
इस साल जनवरी में, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को आईओएस पर वैश्विक स्तर पर सर्वर-साइड समस्या का सामना करना पड़ा था।
इसके पहले पिछले साल अक्टूबर में, प्लेटफ़ॉर्म को भारत सहित वैश्विक आउटेज का सामना करना पड़ा था जो दो घंटे से अधिक समय तक चला था। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 19 जुलाई । वैश्विक नेटवर्किंग दिग्गज सिस्को ने व्यावसायिक इकाइयों में कर्मचारियों को प्रभावित करने के लिए छंटनी का दौर शुरू कर दिया है, जो पहले के "पुनर्संतुलन प्रयास" का हिस्सा है।
अनाम प्रोफेशनल कम्युनिटी फोरम ब्लाइंड पर सत्यापित सिस्को कर्मचारियों के अनुसार, कथित रूप से प्रभावित कुछ व्यावसायिक इकाइयां सिस्को एप्लिकेशन सेंट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर (एसीआई), सिस्को सहयोग, सिस्को डेटा सेंटर सर्विसेज एंड सॉल्यूशंस, सिस्को एक्सपीरियंस सेंटर (सीएक्ससी), सिस्को सिक्योरिटी बिजनेस ग्रुप (एसबीजी) सिस्को सर्वर और वीबेक्स हैं।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सिस्को में कितनी नौकरियों में कटौती हुई है। सिस्को के दर्जनों पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने इस सप्ताह घोषित आंतरिक छंटनी के दावों की सोशल मीडिया पर बाढ़ ला दी।
एक बर्खास्त कर्मचारी ने लिखा, “मुझे पता चला कि मेरा नाम एक ज्ञात वरिष्ठ प्रबंधक के माध्यम से छंटनी सूची में है, जो मेरे निदेशक के साथ एक बैठक में था और स्पष्ट रूप से कहूं तो, यह इतना विषाक्त और नियंत्रित वातावरण है और मैं व्यक्तिगत रूप से उस टीम में काम नहीं करना चाहता हूं। थोड़ा तनावग्रस्त हूं क्योंकि नौकरी बाजार बहुत सुस्त है।''
एक अन्य यूजर ने कहा कि कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों पर असर पड़ रहा है।
एक टिप्पणी के अनुसार, “अमेरिका स्थित कई निदेशक चले गए हैं। डीसी एक विकास बाजार है (अरिस्ता से पूछें) फिर भी सिस्को ज्ञान में कटौती कर रहा है", एक अन्य ने टिप्पणी की: "नहीं, मुझे लगता है कि कोलैब चाइना इंजीनियरिंग इस बार सबसे अधिक प्रभावित हुई है (400 से अधिक लोग)।"
कंपनी ने फियर्स टेलीकॉम को दिए एक बयान में कहा कि ये "हालिया अधिसूचनाएं नवंबर 2022 में शुरू किए गए पुनर्संतुलन प्रयास का हिस्सा हैं, इसमें हमारे रियल एस्टेट पोर्टफोलियो और हमारे कार्यबल के लगभग 5 प्रतिशत को प्रभावित करने वाला एक सीमित पुनर्गठन शामिल है।"
सिस्को के छंटनी के आखिरी बड़े दौर ने 2022 के अंत में 4 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रभावित किया।
नवंबर में की गई छंटनी 600 मिलियन डॉलर की पुनर्गठन योजना का हिस्सा थी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि "यह पुनर्संतुलन हमारे परिवर्तन में निवेश को प्राथमिकता देने, बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य में हमारे ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने और उनसे आगे निकलने के बारे में है।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई वीभत्स वारदात को देश की 140 करोड़ जनता के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा है कि वे इस घटना से पीड़ा और क्रोध से भरे हुए हैं और मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक घटना है।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना 140 करोड़ देशवासियों के लिए शर्मनाक है और दोषियों को कतई बक्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को ठीक करने और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि घटना चाहे राजस्थान में हो,छत्तीसगढ़ में हो या मणिपुर में हो, गुनाहगार को बख्शा नही जाएगा।
उन्होंने मानसून सत्र के दौरान सरकार द्वारा संसद में जनता के हित से जुड़े बिलों को लाने की बात कहते हुए सभी सांसदों से चर्चा में सहयोग की अपील भी की। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जुलाई । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की और राज्य के रायगढ़ जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बारे में जानकारी ली।
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें जिला प्रशासन के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रही हैं।
शाह ने एक ट्वीट में लिखा, "महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की। एनडीआरएफ की चार टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और जिला प्रशासन के साथ बचाव अभियान चला रही हैं।"
रायगढ़ जिले के अंतर्गत एक गांव में भूस्खलन के बाद कई लोगों की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जुलाई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई विभत्स वारदात और मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दलों की मांग पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, "चर्चा होगी'।
संसद के मानसून सत्र में शामिल होने के लिए संसद पहुंचे राजनाथ सिंह ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि मणिपुर हिंसा पर चर्चा होगी। सरकार कल ही यह कह चुकी है कि विपक्षी दलों की मांग को सरकार ने मान लिया है और सरकार संसद में मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है। (आईएएनएस)।
चमोली, 20 जुलाई । उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट में करंट लगने से 16 लोगों की मौत के हादसे का वीडियो सामने आया है। वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से वहां अफरा-तफरी मची हुई है और लोग भाग कर अपनी जान बचा रहे हैं।
करंट की चपेट में आने से यहां बुधवार को 16 लोगों की मौत हो गई थी। चमोली में हुए इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख जताया।
राज्य सरकार का स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद में जुटा है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, उत्तराखंड के चमोली में करंट लगने से कई लोगों के हताहत होने का समाचार दुःखद है। स्थानीय प्रशासन घायलों की हर संभव मदद कर रहा है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ और सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ। इसके अलावा प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी शोक जताया है। (आईएएनएस)।
अहमदाबाद, 20 जुलाई । अहमदाबाद में गुरुवार को इस्कॉन पुल पर तेज रफ्तार लग्जरी कार जगुआर भीड़ में घुस गई। इससे नौ लोगों की मौत हो गई और 15 से अधिक घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना बुधवार-गुरुवार देर रात करीब एक बजे सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग पर स्थित पुल पर तब हुई, जब जगुआर कार, 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से दो वाहनों के बीच दुर्घटना के बाद वहां जमा भीड़ पर चढ़ गई।
राजपथ क्लब की ओर से आ रही तेज रफ्तार कार ने भीड़ को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि लोग हवा में उड़ गए, कुछ लोग लगभग 25 से 30 फीट दूर जा गिरे।
बचाव दल और स्थानीय पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पुल पर अफरा-तफरी मच गई। घायल पीड़ितों को सिविल अस्पताल ले जाया गया।
मृतकों में एक पुलिस कांस्टेबल और एक होम गार्ड का जवान भी शामिल है, जो हादसे के वक्त ड्यूटी पर थे।
सोला सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी कृपा पटेल ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "अहमदाबाद में इस्कॉन ब्रिज पर कल रात हुआ हादसा बेहद दुखद है। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मैं हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।"
गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, "पिछली रात अहमदाबाद में हुई दुखद सड़क दुर्घटना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ और टूट गया। मेरी प्रार्थनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है। पुलिस और सरकार घायलों की बेहतरी के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उसी घटना में दो पुलिसकर्मियों की भी जान चली गई है, मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उनके और उनके परिवारों के साथ हैं।" (आईएएनएस)।
गोपालगंज, 20 जुलाई । बिहार में शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस लगातार दबाव बना रही है, लेकिन उनके हौसले पस्त नहीं हो रहे हैं। शराब तस्करों या उनके समर्थकों द्वारा लगातार पुलिस पर हमले की खबर आती रहती है।
इस बीच, बुधवार की देर रात गोपालगंज जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र में शराब तस्करों और पुलिस के मुठभेड़ में एक शराब तस्कर घायल हो गया, जबकि दो शराब तस्कर गंडक नदी में छलांग लगाकर फरार हो गए।
पुलिस के मुताबिक, गुप्त सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से गंडक नदी के रास्ते नाव पर शराब लादकर लाई जा रही है। इसी सूचना के आधार पर जादोपुर थाना प्रभारी सुनील कुमार के नेतृत्व में पुलिस मंगलपुर पुल के पास पहुंची। तब तक नाव से शराब की पेटी उतारकर क्रेटा कार पर रखा जा रहा था।
बताया जाता है कि पुलिस को देखते ही शराब माफियाओं ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की।
इस मुठभेड़ में एक शराब तस्कर गोली लगने से घायल हो गया, जबकि दो शराब तस्कर गंडक नदी में छलांग लगाकर फरार हो गए।
इस मुठभेड़ में थाना प्रभारी बाल बाल बच गए। जख्मी शराब माफिया की पहचान अजीत कुमार के रूप में की गई है, जो सोनपुर का रहने वाला है।
घायल शराब माफिया को इलाज के लिए पुलिस में सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया है। पुलिस ने घटनास्थल से शराब माफियाओं की क्रेटा कार, शराब से भरी नाव, एक देसी पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं।
घटना की जानकारी मिलने पर गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात भी घटनास्थल पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से पूरी जानकारी ली।
उन्होंने फरार शराब माफियाओं की गिरफ्तारी के लिए सदर एसडीपीओ प्रांजल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। प्रभात ने गुरुवार को बताया कि घटना के बाद गंडक नदी में निगरानी बढ़ा दी गई है और सशस्त्र बलों को शराब माफियाओं की तलाश में छापेमारी के लिए लगाया गया है। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 20 जुलाई । सियाचिन ग्लेशियर में बुधवार की तड़के लगी आग में देवरिया के लाल कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सियाचिन में शहीद हुए सेना के कैप्टन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की है।
उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
स्थानीय लोगो ने बताया कि लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत के रहने वाले कैप्टन अंशुमन सिंह पुत्र रवि प्रताप सिंह मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। इन दिनों उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी।
बताया जा रहा है कि बुधवार की तड़के गोला बारुद बंकर में शार्ट सर्किट से आग लगने से कई टेंट जल गए। उसमें बुरी तरह से झुलसे अंशुमान सिंह शहीद हो गए। कैप्टन अंशुमान सिंह की शादी इसी वर्ष फरवरी में पठान कोट की सृष्टि सिंह से हुई थी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जुलाई । स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने भारत में पासवर्ड साझा करना बंद कर दिया है और अब वह उन ग्राहकों को सचेत करेगा जो अपने घरों के बाहर अपने खाते साझा कर रहे हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "आज से, हम उन सदस्यों को एक ईमेल भेजेंगे जो भारत में अपने घर के बाहर नेटफ्लिक्स साझा कर रहे हैं।"
कहा गया कि "नेटफ्लिक्स खाता एक परिवार द्वारा उपयोग के लिए है। उस घर में रहने वाला हर कोई नेटफ्लिक्स का उपयोग कर सकता है, चाहे वे कहीं भी हों। घर पर, चलते-फिरते, छुट्टी पर -और ट्रांसफर प्रोफाइल और एक्सेस और डिवाइस प्रबंधित करने जैसी नई सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।"
मई में, स्ट्रीमिंग दिग्गज ने 100 से अधिक देशों में पेड शेयरिंग लॉन्च की थी, जो कंपनी के राजस्व आधार का 80 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
नेटफ्लिक्स के अनुसार, प्रत्येक क्षेत्र में राजस्व अब प्री-लॉन्च से अधिक है, साइन-अप पहले से ही रद्दीकरण से अधिक है।
कंपनी ने उल्लेख किया कि इस वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.9 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया।
इसके अलावा, अब भुगतान साझाकरण लगभग सभी शेष देशों में शुरू हो रहा है।
2023 की दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में, कंपनी ने कहा: 8.2 बिलियन डॉलर का राजस्व और 1.8 बिलियन डॉलर का परिचालन लाभ, आम तौर पर हमारे पूर्वानुमान के अनुरूप है - और हमें उम्मीद है कि '23 की दूसरी छमाही में राजस्व वृद्धि में तेजी आएगी हमें भुगतान साझाकरण का पूरा लाभ और हमारी विज्ञापन-समर्थित योजना में निरंतर वृद्धि दिखाई देने लगती है।
"हम अभी भी पूरे वर्ष 2023 के ऑपरेटिंग मार्जिन को 18 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक लक्षित कर रहे हैं।"
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्लेटफ़ॉर्म "उधार लेने वाले परिवारों को पूर्ण भुगतान वाली नेटफ्लिक्स सदस्यता के साथ-साथ हमारी अतिरिक्त सदस्य सुविधा के लिए स्वस्थ रूपांतरण देख रहा है"।
नेटफ्लिक्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी स्पेंसर एडम न्यूमैन ने कहा, "इस साल हमारी अधिकांश राजस्व वृद्धि नई भुगतान वाली सदस्यता के माध्यम से मात्रा में वृद्धि से हुई है, और यह काफी हद तक हमारे भुगतान साझाकरण रोलआउट से प्रेरित है।" (आईएएनएस)।
कोलकाता, 20 जुलाई । तृणमूल कांग्रेस का वार्षिक 'शहीद दिवस' कार्यक्रम शुक्रवार को है, इसके लिए कोलकाता में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास रिकॉर्ड संख्या में 5,000 पुलिसकर्मी तैनात किये जायेंगे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि कम से कम आठ ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर रैंक के करीब आठ अधिकारी और 31 डिप्टी कमिश्नर सुरक्षा प्रबंधन संभालेंगे। उनकी सहायता 80 सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे।
अठारह एम्बुलेंस, चार आपदा प्रबंधन और आठ त्वरित प्रतिक्रिया टीमें भी स्टैंडबाय पर रहेंगी।
पूरा इलाके में 45 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि 20 इमारतों की छतों पर पुलिस टीमें मौजूद रहेंगी।
इस कार्यक्रम में रिकॉर्ड भीड़ की उम्मीद है, इसलिए बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम होने की संभावना है।
शहर के यातायात विभाग के सूत्रों ने कहा कि कम से कम 14 महत्वपूर्ण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
सभा स्थल से सटी कई सड़कों पर वाहन पार्किंग पर आज से प्रतिबंध रहेगा।
शुक्रवार को सार्वजनिक बसों की कमी हो सकती है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कार्यक्रम स्थल तक लोगों को लाने-ले जाने के लिए पहले से ही कई बसें बुक कर ली हैं।
2024 के आम चुनाव से पहले यह सत्तारूढ़ पार्टी का आखिरी 'शहीद दिवस' कार्यक्रम होगा। (आईएएनएस)।
रायगढ़, 19 जुलाई । महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर के पास इरशालवाड़ी आदिवासी गांव पर 550 मीटर ऊंची पहाड़ी का एक हिस्सा गिरने से छह ग्रामीणों और बचाव दल के एक सदस्य की मौत हो गई। अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी।
घटना बुधवार देर रात की है। लगभग 10 लोगों को कीचड़ और पत्थर से बचाया गया, जबकि अन्य 80 लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। उन्हें बचाने के लिए युद्धस्तर पर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर घटनास्थाल पर पहुंचे और स्थिति की निगरानी की, जबकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र में तैनात हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, आपदा बुधवार रात करीब 11.45 बजे घटी।
550 मीटर से अधिक ऊंची पहाड़ी का एक हिस्सा आदिवासी गांव इरशालवाड़ी पर गिर पड़ाााााा। इससे 30-40 झोपड़ियां दब गईं और उनमें रहने वाले लोग फंस गए।
पवार के मुताबिक, इरशालवाड़ी गांव की आबादी 228 है, इसमें से 100 से ज्यादा लोग इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं।
आपदा की जानकारी मिलने पर, रायगढ़ जिला प्रशासन और पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया।
पहाड़ी इलाके में बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें बिखरी होने के कारण बचाव दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
गुरुवार सुबह शिंदे ने स्थिति की समीक्षा की और खतरनाक इलाके में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कहा कि बचाव अभियान के लिए क्रेन और भारी मशीनरी को वहां नहीं ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर मिशन के लिए तैयार हैं, लेकिन तूफानी मौसम की स्थिति के कारण वे क्षेत्र में नहीं उतर पाएंगे।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं, लेकिन लोगों को बचाने के लिए प्रयास जारी हैं।
अखिल महाराष्ट्र गिर्यारोहण महासंघ के अध्यक्ष उमेश ज़िरपे ने कहा कि महाराष्ट्र पर्वतारोही बचाव समन्वय केंद्र (एमएमआरसीसी) के माध्यम से लगभग 60 पर्वतारोही वहां खोज और बचाव अभियान में शामिल हुए हैं।
ज़िरपे ने पुणे से आईएएनएस को बताया, "इरशालगढ़ किले वाली यह पहाड़ी एक लोकप्रिय ट्रैकिंग प्वाॅइंट है और इर्शलवाड़ी गांव दुर्घटनाग्रस्त चट्टानी चट्टानों के ठीक नीचे स्थित है।" (आईएएनएस)।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई । संसद के मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने से 2 मिनट पहले सदन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी बेंच की तरफ जाकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत की।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से थोड़ी देर पहले लोक सभा में प्रवेश करते ही सत्तापक्ष के सांसदों ने नारे लगाकर और खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री विपक्षी बेंच की तरफ बढ़े।
विपक्षी सांसदों का अभिवादन करते और उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए पीएम मोदी ने सबसे पहले जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पास रुककर उनसे हाथ मिलाया और बातचीत की।
सोनिया गांधी की बेंच के पास जाकर उन्होंने नमस्कार किया। सोनिया गांधी ने भी खड़े होकर प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए नमस्कार कहा।
प्रधानमंत्री ने कुछ समय रुककर सोनिया गांधी से बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। इसके बाद प्रधानमंत्री लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बेंच के पास पहुंचे। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को नमस्कार कर अभिवादन किया।
सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही पंजाब के जालंधर लोक सभा क्षेत्र से निर्वाचित आप सांसद सुशील कुमार रिंकू ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने वर्तमान लोक सभा के 2 दिवंगत सांसद - रतन लाल कटारिया और बालूभाऊ उर्फ सुरेश नारायण धानोरकर एवं प्रकाश सिंह बादल, संदीपन थोराट, अतीक अहमद, इलियास आज़मी, अनादि चरण दास और निहाल सिंह सहित 11 पूर्व सांसदों के निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त की।
लोक सभा सांसदों ने खड़े होकर मौन रहकर इन 13 दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद लोक सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि इस बीच विपक्षी बेंच की तरफ से कई सांसद 'मणिपुर-मणिपुर ' चिल्लाते भी नजर आए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई । गुरुवार 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र प्रारंभ हुआ। हालांकि राज्यसभा में पहले दिन कार्यवाही शुरू होते ही सत्र को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में सत्र की शुरुआत राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे को श्रद्धांजलि के साथ शुरू हुई। (आईएएएस)।
बेंगलुरु, 20 जुलाई बेंगलुरु में पांच संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मास्टरमाइंड मोहम्मद जुनैद अफगानिस्तान से काम कर रहा है और उसके लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंध हैं। सूत्रों ने गुरुवार को ये जानकारी दी। गिरफ्तार पांच संदिग्ध आतंकवादियों ने शहर में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई थी।
बेंगलुरु के हेब्बल इलाके के सुल्तानपाल्या का भेड़ व्यापारी मास्टरमाइंड मोहम्मद जुनैद लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों के सीधे संपर्क में है। जुनैद ने आतंकी नेटवर्क का इस्तेमाल किया और 2021 में भारत में सीमा पार कर दाखिल हुआ।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में, वह अफगान सीमा से ऑपरेट कर रहा है और बेंगलुरु में अपने सहयोगियों को निर्देश भेज रहा है।
अधिकारी पहले ही जुनैद के बारे में इंटरपोल को जानकारी दे चुके हैं।
जांच से यह भी पता चला है कि बेंगलुरु सीरियल बम विस्फोट मामले में लश्कर आतंकी संदिग्ध नासिर, जो वर्तमान में बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद है, जुनैद के संपर्क में था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक पुलिस इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने पर विचार कर रही है।
जुनैद को नूर अहमद नामक व्यक्ति ने वित्तीय मामलों को लेकर उसके आवास पर उसकी पत्नी के सामने जलील किया और उसके साथ मारपीट की। 30 सितंबर 2017 को जुनैद ने उसका अपहरण कर लिया और उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या के सिलसिले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि जब जुनैद जेल से बाहर आया तो उसका ब्रेनवॉश किया गया और उसे 'जिहादी' बना दिया गया।
बाद में उसे लाल चंदन के अवैध परिवहन के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, इस मामले में जमानत मिलने के बाद, उसने 2021 में देश छोड़ दिया। बेंगलुरु सेंट्रल सिटी क्राइम ब्रांच उसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा कर रही है और सूत्रों ने कहा कि "यदि गिरफ्तारी नहीं होती, तो यह समूह बेंगलुरु में सबसे घातक हमलों को अंजाम दे सकता था"।
क्राइम ब्रांच ने बुधवार को सैयद सुहैल खान, मोहम्मद फैजल रब्बानी, मोहम्मद उमर, मुदस्सिर पाशा और जाहिद तबरेज को गिरफ्तार किया था और बड़ी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और उपकरण जब्त किए थे। (आईएएनएस)
गोपालगंज, 20 जुलाई । बिहार के एक युवक को एक विवाहित महिला से प्रेम करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। आरोप है कि विवाहिता के पति ने हरियाणा से गोपालगंज पहुंचकर युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गोपालगंज जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के दक्षिण मोहल्ला का रहने वाला मुकेश कुमार हरियाणा में ऑटो चलाने का काम करता था। इसी दौरान हरियाणा की रहने वाली राम भगत की पत्नी और एक बच्चे की मां सानू कुमारी से उसकी दोस्ती हो गई और फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई।
प्यार जब परवान चढ़ा तो दोनो एक दूसरे के बिना नहीं रहने की कसमें खाने लगे। मुकेश हरियाणा छोड़कर सानू और उसके बच्चे के साथ गोपालगंज अपने घर आ गया और यहां कोर्ट मैरेज कर लिया। दोनों पति, पत्नी के रूप में साथ रहने लगे।
बताया जाता है कि इसी बीच सानू के पहले पति हरियाणा के रहनेवाले राम भगत को इस पूरी कहानी का पता लगा। इसके बाद राम भगत ने अपनी पत्नी और बच्चे के रास्ते से प्रेमी मुकेश कुमार को हटाने के लिए हत्या की साजिश रची और गोपालगंज पहुंच गया।
राम भगत ने अपने दोस्तों के साथ मुकेश कुमार को बुधवार की रात घर से बाहर बुलाया और चाकू से गला रेतकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी।
हत्या की खबर मिलते ही मुकेश के घर में चीख-पुकार मच गई। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने गुरुवार को बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद ही पूरे मामले का पूरा खुलासा हो पाएगा। (आईएएनएस)।
मानसून शुरू होने के बाद उत्तर भारत में बाढ़, जलभराव, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से 10 हजार से 15 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है.
ये अनुमान स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की रिसर्च शाखा का है.
हालांकि इस अनुमान में गुजरात के साइक्लोन बिपरजोय या असम में आई व्यापक बाढ़ से होने वाले भारी नुकसान को शामिल नहीं किया गया है.
असम की बाढ़ में तो लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.
साइक्लोन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता भारत में हाल के सालों में काफ़ी बढ़ी है.
साल 1990 के बाद आने वाले प्राकृतिक आपदाओं के मामले में भारत की रैंकिंग दुनिया में तीसरी है. अमेरिका और चीन की रैंकिंग पहले और दूसरे नंबर है.
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, बाढ़ और तूफ़ान की वजह से भारत को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान को लेकर भारत में महज 8 प्रतिशत भारतीय ही बीमा सुरक्षा के दायरे में आते हैं.
यानी 93% भारतीय प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को लेकर बीमा रहित होते हैं जबकि वैश्विक स्तर पर ये आंकड़ा 54% है.
रिसर्च में कहा गया है कि इस बड़े गैप को भरने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों को मिलकर एक डिजास्टर पूल बनाना चाहिए और लोगों में प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की स्थिति में बीमा कराने के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए. (bbc.com/hindi/)
जोधपुर, 19 जुलाई जोधपुर जिले में बुधवार को एक ही परिवार के चार सदस्यों के जले हुए शव उनके घर में पाए गए।
पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि घटना जोधपुर के ओसियां इलाके के चौराई गांव की है।
जोधपुर के जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि इन लोगों की हत्या की गई और फिर उनके शवों को जला दिया गया। उन्होंने कहा, 'यह बदले की भावना से की गई हत्या का मामला लगता है।'
उन्होंने कहा कि फॉरेन्सिक (एफएसएल... फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला) की एक टीम सबूत इकट्ठा कर रही है और पोस्टमार्टम और एफएसएल जांच की रिपोर्ट के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।
जोधपुर के जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता समेत अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। (भाषा)