राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 5 सितंबर कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में 'राज्यों के संघ' पर हमला हो रहा है और दावा किया कि जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ बताया गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह खबर वास्तव में सच है। राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए नौ सितंबर को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, संविधान में अनुच्छेद 1 में लिखा है: ‘‘भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा। लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं।’’
जी-20 शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में नौ से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग ले रहे हैं।
एक अन्य पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘‘मोदी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना जारी रख सकते हैं और भारत को बांट सकते हैं। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे। आखिर ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलूसिव अलायंस) के घटक दलों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है - सद्भाव, मेलजोल, मेल-मिलाप और विश्वास लाओ। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!’’ (भाषा)
भोपाल, 5 सितंबर मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषित उन 39 उम्मीदवारों द्वारा अपने प्रचार के लिए अभी से किए जा रहे खर्च को भी उनके चुनावी खर्च में शामिल करे।
मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने अब तक 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने अब तक राज्य में चुनाव की घोषणा नहीं की है।
कांग्रेस नेता और निर्वाचन आयोग से संबंधित मामलों के पार्टी प्रभारी जे. पी. धनोपिया ने कहा कि राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार शाम भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में भाग लिया और पार्टी के सुझाव सौंपे।
धनोपिया के अनुसार, सुझावों के पत्र में कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना नियत है और चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करने का कार्य जारी है। केवल आदर्श आचार संहिता का लागू होना शेष है। शासकीय स्तर पर कार्यों के क्रियान्वयन में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों और नेताओं का हस्तक्षेप पूर्ण रूप से बना हुआ है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा ने चुनाव की घोषणा से पहले ही 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकारी खर्च पर उनके पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
धनोपिया ने कहा कि घोषित भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित किए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों को रोका जाना चाहिए और पार्टी द्वारा किए जा रहे खर्च को उनके चुनावी खर्च में जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई अन्य सुझाव भी दिए जैसे जिन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव परिणाम 1,000 से कम मतों के अंतर वाले होते हैं, वहां एक बार नहीं बल्कि दो बार मतगणना कराकर ही चुनाव परिणाम घोषित किए जाएं। (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 5 सितंबर इंदौर में तीन लोगों से धन ऐंठने के लिए उन्हें नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की साजिश का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा किया । इस सिलसिले में दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 15 साल की लड़की ने सोमवार रात आरोप लगाया था कि शहर के निपानिया क्षेत्र में तीन लोगों ने उसके साथ कार में सामूहिक दुष्कर्म किया और इसके बाद वे उसे शराब की एक दुकान के पास झाड़ियों में फेंककर फरार हो गए।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक आनंद ने बताया, ‘‘जब हमने एक महिला उप निरीक्षक के जरिये लड़की को भरोसे में लेकर बात की, तो इन तीन लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का उसका आरोप सही नहीं पाया गया।’’
उन्होंने कहा कि लड़की के साथ दो अन्य लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। डीसीपी के मुताबिक, इन्हीं दो लोगों ने लड़की को इस बात के लिए राजी किया था कि वह पुलिस थाने में तीन व्यक्तियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की झूठी शिकायत करे ताकि इसके आधार पर उनसे धन ऐंठा जा सके।
आनंद ने बताया कि नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और धन वसूली के लिए आपराधिक साजिश रचने में शामिल दो आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है। (भाषा)
रायसेन, 5 सितंबर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक गाय को बचाने के चक्कर में एक ट्रैक्टर के पलट जाने से उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हादसा जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर बरेली तहसील के कमतोन गांव के पास सोमवार रात लगभग 10 बजे हुआ।
बरेली थाना प्रभारी एच डी भालेकर के मुताबिक, हादसे के वक्त चार लोग बरेली बाजार से सामान खरीदकर ट्रैक्टर से सेमरी खूबचंद गांव लौट रहे थे।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर चालक ने सड़क पर चल रही एक गाय को बचाने की कोशिश की, लेकिन वाहन पलट गया और उसमें सवार सभी चार लोग उसके नीचे दब गए।
भालेकर के अनुसार, इनमें से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भालेकर ने बताया कि मृतकों की पहचान आकाश आदिवासी (16), पवन आदिवासी (21) और राहुल आदिवासी (17) के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। (भाषा)
भुवनेश्वर, 5 सितंबर कांग्रेस की ओडिशा इकाई 'घर-घर' कार्यक्रम की शुरुआत करेगी, जिसके अंतर्गत पार्टी नेता राज्य के लोगों के घरों तक जाएंगे।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष सरत पटनायक ने सोमवार को कहा कि पार्टी 15 सितंबर से 'घर-घर कांग्रेस' कार्यक्रम की शुरुआत करेगी।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत कांग्रेस नेता राज्य के प्रत्येक घर तक जाकर यह संदेश देंगे कि कैसे बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही आम आदमी की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'हम लोगों को यह भी बताएंगे कि कैसे ओडिशा सरकार ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) को नजरअंदाज किया है। पार्टी, बीजद और भाजपा के बीच मिलीभगत का भी पर्दाफाश करेगी।' (भाषा)
गिग इकॉनमी में काम करने वाली महिलाएं भी अब अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो रही हैं. वे एक-दूसरे से जुड़ रही हैं और सड़कों पर भी उतर रही हैं.
भारत की ऐप आधारित ब्यूटी और होम केयर सेवाएं उपलब्ध कराने वाली अर्बन कंपनी ने जब नये नियम लागू किये तो ऐप के जरिये काम करने वालीं महिलाएं उनके विरोध में सड़कों पर उतर आईं. लेकिन जुलाई में करीब आधा दर्जन शहरों में विरोध प्रदर्शन करने से पहले ये महिलाएं सोशल मीडिया मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप के जरिये एकजुट हुईं और कई दिन चले अपने आंदोलन का पल पल का हाल वॉट्सऐप के जरिये पूरे देश में फैलीं महिलाओं के साथ साझा किया.
जुलाई में अर्बन कंपनी के साथ काम करने वाली महिलाओं ने ऑल इंडिया गिग वर्कर्स यूनियन के समर्थन से आंदोलन छेड़ा था. भारत में ऐप आधारित कंपनियों के साथ काम करने वाली ‘गिग वर्कर्स' कहलाने वाली महिलाओं का यह पहला राष्ट्रीय आंदोलन था.
बदल रहा है माहौल
भारत में गिग इकॉनमी में महिलाओं की हिस्सेदारी बहुत कम है वे ट्रेड यूनियनों का हिस्सा भी नहीं रही हैं. आमतौर पर अनौपचारिक रूप से पनप रही गिग इकॉनमी पर अब तक पुरुषों का अधिपत्य रहा है.
लेकिन परिदृश्य बदल रहा है और ऐप आधारित काम करने वाली महिलाएं भी बड़ी संख्या में संगठनों और यूनियनों का ना सिर्फ हिस्सा बन रही हैं बल्कि आंदोलनों का नेतृत्व कर रही हैं और अपने डेटा पर अधिकार व काम के लिए अधिक लाभ पाने के लिए कंपनीप्रबंधकों के साथ बातचीत में भी भाग ले रही हैं.
राजस्थान विधानसभा में गिग कामगारों के लिए लाये गये कानून का मसौदा तैयार करने में मदद करने वाले संगठन सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान की रक्षिता स्वामी कहती हैं, "महिला गिग वर्कर अन्य ऐप आधारित कामगारों को प्रदर्शन करते देख रही थीं और प्रोत्साहित हो रही थीं. उनके पास मोबाइल फोन हैं और वे ग्रामीण महिलाओं के मुकाबले ज्यादा आसानी से जुड़कर संगठित हो सकती हैं.”
महिलाओं की हिस्सेदारी कम
भारत में औपचारिक क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या लगातार कम बनी रही है. उनके लिए नयी नौकरियां भी कम पैदा हो रही हैं और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में भी उनकी हिस्सेदारी संख्या के मुताबिक नहीं है. लेकिन डिजिटल प्लैटफॉर्म महिलाओं के लिए सटीक बैठते हैं क्योंकि यहां काम करने से उन्हें काम में लचीलापन और स्वायत्तता तो मिलती ही है, कमाई भी अच्छी हो जाती है.
लेकिन जैसे जैसे गिग इकॉनमी का आकार बढ़ा है, कर्मचारियों की चिंताएं भी बढ़ी हैं. कम आय, कम सुरक्षा, कम आजादीऔर एल्गोरिदम के ना समझ में आने वाले प्रबंधन के कारण महिलाओं को खराब रेटिंग और कम काम के अलावा खाते बंद कर दिये जाने जैसी चुनौतियों से भी जूझना पड़ा है.
मानवाधिकार संगठन एक्शनएड ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया कि एल्गोरिदम महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते हैं क्योंकि "घर की जिम्मेदारियों में फंसे होने के कारण वे उतनी जल्दी जवाब नहीं दे पातीं या उतने घंटे काम नहीं कर पातीं, जितना पुरुष करते हैं. ”
गिग इकॉनमी के लिए भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से है. नीति आयोग के मुताबिक 2020-21 में वहां 80 लाख लोग ऐप आधारित काम कर रहे थे और 2029-30 में इनकी संख्या 2.4 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है. लेकिन महिलाएं इस पूरे परिदृश्य का छोटा सा हिस्सा हैं और अधिकतर घर की साफ-सफाई, ब्यूटी पार्लर या शिक्षा जैसे कामों में लगी हैं.
फूड डिलीवरी कराने वाली वेबसाइट जमैटो ने ऐसा संकेत दिया है कि उसके कर्मचारियों में एक फीसदी ही महिलाएं हैं. उधर ब्यूटी सर्विस देने वाली अर्बन कंपनी में 45 हजार से ज्यादा कर्मचारियों में एक तिहाई महिलाएं हैं.
और कौन बोलेगा?
मंजू गोयल ने पिछले साल कई महीने तक मानेसर स्थित एमेजॉन के वेयरहाउस में काम किया. उनके साथ वहां दर्जनों महिलाएं काम करती थीं जो कई-कई घंटे बिना बैठे काम करतीं, भारी वजन उठातीं और बाथरूम के ब्रेक के लिए भी लंबा इंतजार करतीं.
लोगों से बातचीत कर गोयल ने महिलाओं को वॉट्सऐप पर जोड़ा और फिर उन्हें एमेजॉन वर्कर्स यूनियन के साथ जुड़ने को तैयार किया ताकि वे भी ब्लैक फ्राइडे नाम से पूरी दुनिया में हुए विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बन सकें.
45 साल की गोयल बताती हैं, "वे यूनियन का हिस्सा बनने से झिझक रही थीं क्योंकि उन्हें नौकरी जाने का डर था. लेकिन हमारे लिए अपनी आवाज सुनवाने का कोई और जरिया नहीं था. हमने महिलाओं को अर्बन कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते देखा. अगर हम अपने लिए नहीं बोलेंगे तो कौन बोलेगा?”
वीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
कश्मीर में हर दिन सैकड़ों लोग विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाते हैं, जबकि राजधानी श्रीनगर के अस्पतालों में इलाज कराने वाले नशे के आदी लोगों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है.
कश्मीर की रहने वाली आयात हमीद गंभीर मानसिक तनाव और अवसाद से ग्रस्त हैं, जिसके कारण उनके मन में आत्महत्या करने के विचार आते रहते हैं. आयात की बिगड़ती मानसिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मनोरोग अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी.
आयात का श्रीनगर के एक मनोरोग क्लिनिक में मानसिक परीक्षण भी किया जा रहा है. मनोचिकित्सक भी उन्हें अवसाद से राहत दिलाने के लिए दवाएं दे रहे हैं. आयात हमीद का कहना है कि उन्हें अब अहसास हुआ है कि आत्महत्या के विचार और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए मनोचिकित्सक से इलाज कराना कितना महत्वपूर्ण है.
आयात कहती हैं, "मुझे यह अहसास हुआ कि एक मनोचिकित्सक को दिखाना या किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करना जिस पर आप भरोसा करते हैं, असल में खुदकुशी के विचारों और अवसाद से निपटने में मदद करता है."
आयात कहती हैं कि एक महीने के इलाज के दौरान वह 40 फीसदी तक ठीक हो चुकी हैं.
मानसिक बीमारी से क्यों जूझ रहे हैं कश्मीरी?
विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर में आम नागरिक तीन दशकों से अधिक समय से विभिन्न समस्याओं से पीड़ित हैं. दशकों से चल रहे आतंकवाद, भारतीय सैनिकों की कार्रवाई और लोगों को आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित करना भी कश्मीर के विवादित और विभाजित क्षेत्र के इस हिस्से के निवासियों के बीच मनोवैज्ञानिक विकारों और निरंतर मानसिक तनाव का प्रमुख कारण है.
जम्मू और कश्मीर पिछले 70 सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुद्दा बना हुआ है, दोनों देश इसको लेकर युद्ध भी लड़ चुके हैं और स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.
जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की खूनी लहर 1989 में शुरू हुई और तब से अब तक हजारों नागरिक, आतंकवादी और भारतीय सैनिक मारे जा चुके हैं. इस संघर्ष में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने से हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं.
दो पीढ़ियां सबसे ज्यादा प्रभावित
कश्मीर में दशकों से चले आ रहे आतंकवाद ने घाटी के लगभग 70 लाख निवासियों में से प्रत्येक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है. इस प्रकार संघर्ष ने कश्मीरियों की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया, लेकिन दो पीढ़ियां विशेष रूप से प्रभावित हुईं. एक वह पीढ़ी है जो 1989 में उग्रवाद शुरू होने के समय युवा थी और दूसरी वह पीढ़ी है जिसने उसके बाद के वर्षों में सशस्त्र हमलों, हत्याओं और अशांति को देखते हुए अपना बचपन बिताया.
अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में एंथ्रोपोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर सायबा वर्मा के मुताबिक, "स्वस्थ मानस की सबसे बुनियादी इमारत सुरक्षा और संरक्षा की भावना है, जिस पर कश्मीर में दशकों से हमला हो रहा है." वर्मा ने अपनी डॉक्टरेट रिसर्च के लिए कश्मीर में मनोरोग संबंधी मुद्दों का अध्ययन किया.
हाल के वर्षों में दैनिक हिंसा में तेजी से कमी आई है और 2019 में इस क्षेत्र से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया गया था. भारत सरकार ने स्थिति सामान्य होने के लिए इसे आवश्यक बताया था.
घाटी में हाल ही में अशांति में आई कमी के बावजूद कश्मीरी लोगों की मनोवैज्ञानिक समस्याएं अभी खत्म नहीं हुई हैं. अब सैकड़ों कश्मीरी निवासी मानसिक बीमारी या नशीली दवाओं की लत के कारण इलाज के लिए कश्मीर, विशेषकर श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में जाते हैं.
2015 में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स, यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर और श्रीनगर में मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरो साइंस संस्थान ने एक शोध किया था, जिसके मुताबिक कश्मीर घाटी के 18 लाख लोग (वयस्क जनसंख्या का 45 प्रतिशत) मानसिक विकारों से पीड़ित थे, जबकि 41 प्रतिशत में संभावित अवसाद, 26 प्रतिशत में चिंता और 19 प्रतिशत लोगों में पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण दिखाई दे रहे थे.
साल 2000 की शुरुआत के समय श्रीनगर में मात्र एक मुख्य मानसिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र था, जिसमें चार मनोचिकित्सक थे वहीं अब पूरे क्षेत्र में यह बढ़कर 17 सरकारी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र हो चुके हैं और यहां छह दर्जन से अधिक पेशेवर काम करते हैं.
एए/वीके (एपी)
भारत के चंद्रयान के साथ भेजा गया प्रज्ञान रोवर अब हमेशा के लिये सुला दिया गया है. दो हफ्ते से भी कम समय के अपने ऐतिहासिक खोजी अभियान को पूरा करने के बाद रोवर ने काम करना बंद कर दिया.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा है कि रोवर ने अपना निर्धारित काम पूरा कर लिया है. एक बयान में इसरो ने कहा, "रोवर को जो काम सौंपा गया था वो पूरा कर लिया गया है और अब वह स्लीप मोड में सुरक्षित रूप से खड़ा है."
रोवर के पास इतना ही समय था क्योंकि चंद्रमा के जिस हिस्से पर यह भेजा गया था वहां, दिन की रोशनी अब खत्म हो रही है. रोवर को चांद पर एक दिन ही काम करना था, जो धरती के मुताबिक 14 दिन का होता है. इसलिए रोवर के जुटाए डेटा को लैंडर के जरिये वैज्ञानिकों को भेज दिया गया है और उसके पेलोड्स बंद कर दिये गये हैं.
क्या मिला चांद पर?
इसरो ने कहा, "फिलहाल बैट्री पूरी तरह चार्ज हैं. चांद पर जब दोबारा दिन निकलेगा तो सोलर पैनल रोशनी के लिए तैयार होगा. ऐसा 22 सितंबर को होने का अनुमान है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि रोवर नये अभियान के लिए तैयार होगा इसलिए रिसीवर को ऑन रखा गया है.
रोवर को जब भेजा गया था तो उसके प्रमुख उद्देश्यों में चांद पर पानी की तलाश का जिक्र बार-बार हो रहा था लेकिन इस काम में उसे सफलता मिली या नहीं, इस बारे में इसरो ने कुछ नहीं कहा है. पिछले हफ्ते इसरो ने कहा था कि प्रज्ञान ने चांद पर सल्फर और कई अन्य तत्वों की खोज की है. रोवर ने एल्युमिनियम, आयरन, कैल्शियम, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, ऑक्सीजन और सिलीकन भी खोजा था.
जरूरी नहीं कि उठेगा प्रज्ञान
पिछले हफ्ते प्रकाशित एक रिपोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने लिखा था कि भारत का मून मिशन बहुत कम तापमान में काम करने के लिए डिजाइन नहीं है. यानी, जब चांद पर रात होगी और तापमान गिर जाएगा, तब रोवर काम नहीं कर पाएगा. चांद पर रात भी 14 दिन की होती है.
भारत के अंतरिक्ष अभियानों पर किताब लिखने वाले पल्लव बागला ने कहा कि रोवर की बैट्री की क्षमता सीमित है. उन्होंने कहा कि प्रज्ञान ने जो डेटा भेजा है, उसका विश्लेषण पहले भारतीय वैज्ञानिक करेंगे और फिर उसे दुनिया के वैज्ञानिकों को दिखाया जाएगा.
बागला ने कहा कि चांद पर जब दोबारा दिन निकलेगा तब जरूरी नहीं है कि रोवर काम कर पाए क्योंकि इतने कम तापमान पर इलेक्ट्रोनिक सिस्टम मर जाते हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे इलेक्ट्रोनिक उपकरण बनाने के लिए तकनीक भारत के पास उपलब्ध नहीं है जो इतने कम तापमान पर काम कर सके.”
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
केंद्र सरकार की 'एक देश, एक चुनाव' पहल को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. समिति से अपना नाम वापस लेते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि समिति के विमर्श के नतीजे पहले से ही तय कर दिए हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
अधीर रंजन चौधरी के अपना नाम वापस ले लेने के साथ केंद्र सरकार की इस कवायद से विपक्ष की भागीदारी खत्म हो गई है. समिति में विपक्ष की तरफ से चौधरी इकलौते प्रतिनिधि थे.
उनके अलावा समिति मेंकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी शामिल हैं. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस समिति के अध्यक्ष हैं.
आसान नहीं "एक चुनाव"
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चौधरी ने अपना नाम वापस लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर समिति बनाने की इस प्रक्रिया को एक "ढकोसला" बताया. उन्होंने लिखा कि समिति के विमर्श का नतीजा पहले ही तय कर दिया गया है और इसके दिशानिर्देशों को उस निष्कर्ष की तरफ बढ़ने के लिए ही बनाया गया है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह अचानक इस "संदिग्ध" विचार को देश पर "थोपा" जा रहा है, उससे "सरकार के अप्रत्यक्ष इरादों" को लेकर चिंताएं उत्पन्न होती हैं. लेकिन दूसरी तरफ समिति ने काम करना शुरू भी कर दिया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रविवार तीन सितंबर को केंद्रीय विधि मंत्रालय के अधिकारियों ने कोविंद को विषय से संबंधित जानकारी दी.
पूरे देश में लोकसभा चुनाव और सभी विधान सभाओं के लिए एक साथ चुनाव करानाएक बेहद पेचीदा विषय है. इस समय सिर्फ कुछ ही विधानसभाओं का कार्यकाल मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के आस पास खत्म होगा.
क्या संविधान में बदलाव होगा?
इसका मतलब जब भी यह प्रस्तावित 'एक देश, एक चुनाव' कराने होंगे, उस समय किसी ना किसी राज्य की विधानसभा के कार्यकाल को कम करना होगा. कई जानकारों का कहना है कि भारत के संघीय ढांचे में ऐसा करना राज्यों के अधिकारों का हनन करना है.
राजनीतिक समीक्षक सुहास पल्शिकर के मुताबिक ऐसा करने के लिए संविधान को ही बदलने की ही जरूरत पड़ेगी. वह अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है. कई जानकारों ने यह सवाल भी उठाया है कि मान लीजिए एक बार पूरे देश में एक साथ चुनाव हो भी गए, उसके बाद अगर केंद्र सरकार या कोई भी राज्य सरकार किसी कारण से गिर गई तो क्या होगा?
क्या फिर से लोकसभा और सभी विधानसभाओं को भंग कर दिया जाएगा और फिर से चुनाव कराए जाएंगे? हाल के सालों में कई बार राज्य सरकारें गिरी हैं. जैसे जून, 2022 में महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना सरकार गिरी थी और जून 2020 में कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरी थी.
बहरहाल, अटकलें लग रही हैं कि 18 से 22 सितंबर तक केंद्र सरकार ने संसद का जो विशेष सत्र बुलाया है उसी में 'एक देश, एक चुनाव' की घोषणा की जा सकती है. लेकिन सरकार ने अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. (dw.com)
चंडीगढ़, 5 सितंबर । हरियाणा के पलवल में एक महिला के साथ एक सब-इंस्पेक्टर के साथियों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया, जब वह अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गई थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आरोपियों ने उसे एक घर में बंधक बनाकर रखा, जहां उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
बाद में, उन्होंने कथित तौर पर उसे दूसरे आदमी को बेच दिया।
रविवार को उपनिरीक्षक समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
वारदात की सूचना हसनपुर थाने में दी गयी।
पुलिस ने महिला को उसके परिजनों को सौंप दिया और जांच शुरू कर दी। (आईएएनएस)
भोपाल/उज्जैन, 4 सितंबर । मध्य प्रदेश में बीते माह अगस्त में बारिश के दौर पर लगे ब्रेक के कारण सूखे के हालात बनने लगे हैं। खेती-किसानी प्रभावित हो रही है तो आने वाले समय के संकट की आहट भी सुनाई देने लगी है। लिहाजा देवताओं को प्रसन्न करने का दौर भी शुरू हो गया है।
राज्य में अच्छी बारिश हो, इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार पहुंचे और विशेष पूजा अर्चना की।
राज्य में हुई बारिश की स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि अगस्त माह में राज्य में बहुत कम बारिश हुई है। इस अल्प वर्षा के चलते फसलें भी प्रभावित हो रही हैं और खरीफ की फसलों पर संकट गहराने लगा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार की रात को तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की और वर्तमान हालात की समीक्षा की और निर्देश दिए कि किसानों की जरूरत को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठाए जाएं।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को उज्जैन पहुंचे और उन्होंने यहां उत्तम जलवृष्टि की कामना के लिए महारुद्र अनुष्ठान किया। चौहान ने यहां भगवान महाकालेश्वर का पंचामृत पूजन किया और यहां 66 ब्राह्मण के माध्यम से महारुद्र अनुष्ठान के 1331 रूद्र पाठ किए जा रहे हैं।
वर्तमान में भादो मास चल रहा है। श्रावण-भादो मास में महारुद्र पाठ का अधिक महत्व है। इसी के तहत शिवराज सिंह चौहान ने यह विशेष अनुष्ठान किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल बाबा के दरबार में पूजन करने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, "उन्होंने बाबा महाकाल के दरबार में विशेष पूजा अर्चना कर प्रार्थना की है कि अल्प वर्षा के कारण लगभग पूरा सूखा हो गया है और इसलिए सुखे की स्थिति मध्य प्रदेश में पैदा हो रही है और फसलों पर संकट छाया है, बाबा कृपा की वर्षा करें, अच्छी वर्षा हो जाए, फसलें बच जाए और किसानों का भी कल्याण हो।"
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों से भी अपील की है कि वह जिस गांव में और शहर में हैं और वहां की जो परंपराएं हैं वहां भी अपनी परंपराओं का निर्वहन करें, सभी अच्छी वर्षा के लिए प्रार्थना करें, प्रार्थना सुनी जाती है, प्रार्थना में असर होता है। सच्चे दिल से प्रार्थना की जाय तो भगवान कृपा की वर्षा करते हैं।
सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा, "आमजन और किसानों की सेवा करने में किसी तरह की कसर नहीं छोडी जाएगी, वर्तमान में जो स्थितियां हैं, उसकी समीक्षा के लिए बीते रोज अधिकारियों के साथ बैठक की है और यह भी निर्देश दिए हैं कि बांधों से पानी छोड़कर जो फसलें बचाई जा सकती हैं, उन बांधों से पानी छोड़ा जाए।"
वहीं वर्षा नहीं होने के कारण बिजली का संकट भी पैदा हो गया है। सावन भादौ में इतनी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती थी क्योंकि ट्यूबवेल नहीं चलते थे, मोटर नहीं चलता था, किसानों को पानी आसानी से मिलता रहता था। पानी की बिजली भी प्रचुर मात्रा में बनती थी। इस समय आठ हजार मेगावाट की जरूरत पड़ती थी लेकिन इस बार 15 हजार मेगावाट बिजली की मांग है, इसलिए मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा हो गया। इसलिए कुछ जगह किसानों को कम बिजली मिल पा रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जहां-जहां से बिजली मिल सकती है, वहां से बिजली ली जाए। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । भारतीय स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और उनकी पत्नी संजना गणेशन ने एक बच्चे को जन्म दिया है। तेज गेंदबाज ने अपनी खुशी की घोषणा सोशल मीडिया पर की।
बुमराह ने इंस्टाग्राम पर एक शानदार तस्वीर साझा करते हुए बच्चे के जन्म की खबर की घोषणा की।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट को कैप्शन दिया, "हमारा छोटा परिवार बड़ा हो गया है। आज सुबह हमने अपने छोटे लड़के, अंगद जसप्रित बुमरा का दुनिया में स्वागत किया। हम बहुत खुश हैं और हमारे जीवन के इस नए चैप्टर के लिए इंतजार नहीं कर सकते।'
29 वर्षीय खिलाड़ी ने चल रहे एशिया कप से रविवार को छुट्टी ले ली और अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए मुंबई लौट आए।
उम्मीद है कि बुमराह कुछ दिनों के बाद श्रीलंका लौटेंगे और ग्रुप 4 चरण के मैचों के लिए उपलब्ध होंगे।
श्रीलंका में कुछ दिनों के ब्रेक के बाद भारत अपना सुपर 4 मैच खेलेगा।
चोट के कारण कई द्विपक्षीय श्रृंखलाओं, आईपीएल 2023 और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से बाहर रहने के बाद, बुमराह ने पिछले महीने आयरलैंड श्रृंखला के दौरान प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की, जिसमें तेज गेंदबाज ने न केवल भारत को 2-0 से जीत दिलाई, बल्कि अपने नाम चार विकेट लेकर शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में भी उभरे। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जी20 के जुनून में सरकार ने मणिपुर को भुला दिया है।
एक्स पर एक लंबी पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा: " प्रधान मंत्री और उनके ढोल बजाने वाले जी20 के प्रति आसक्त हैं, लेकिन 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के चार महीने बाद, मणिपुर को मोदी सरकार द्वारा भुला दिया गया है।
"मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि मणिपुरी समाज आज पहले से कहीं अधिक विभाजित है। केंद्रीय गृह मंत्री हिंसा को समाप्त करने और हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। इसके बजाय, कई और सशस्त्र समूह संघर्ष में शामिल हो गए हैं।
उन्होंनेे लिखा, "प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा करने, या सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने, या किसी विश्वसनीय शांति प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया। क्या उन्होंने कैबिनेट में मणिपुर के अपने सहयोगी से भी मुलाकात की है?
"पिछले चार महीनों में, दुनिया ने देखा है कि कैसे प्रधान मंत्री ने सबसे खराब संकट के दौरान मणिपुर को विफल कर दिया है।"
3 मई को मणिपुर में हुई हिंसक जातीय झड़पों के बाद से सैकड़ों लोग मारे गए हैं जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रहने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की है और मुख्यमंत्री को तत्काल हटाने की भी मांग की है।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन शनिवार से होने वाला है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को महंगाई को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और पूछा कि यह कैसा अमृत काल है, जहां समाज का हर वर्ग इसकी मार झेल रहा है।
हिंदी में एक ट्वीट में, खड़गे ने कहा: "यह कैसा 'अमृत काल' है? जिसमें महंगाई ने जनता को गरीब बना दिया। हाल ही में प्रकाशित कुछ हालिया रिपोर्टों में कहा गया है कि देश के 74 प्रतिशत लोग स्वस्थ आहार नहीं ले सकते। पिछले 5 वर्षों में आम थाली की कीमत 65 प्रतिशत बढ़ गई है और 200 रुपये की सब्सिडी के बावजूद, उज्ज्वला योजना के चार लाभार्थियों में से एक ने पिछले साल शून्य या केवल एक एलपीजी सिलेंडर रिफिल कराया।
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ''बड़े पैमाने पर लूट, फिर मामूली चुनावी छूट से काम नहीं चलेगा. मोदी सरकार द्वारा लागू की गई महंगाई की मार देश के हर वर्ग को झेलनी पड़ रही है, इसलिए जनता को रोज नए-नए जुमले परोसे जा रहे हैं।''
"कमरतोड़ महंगाई असली मुद्दा है और हम भारत के लोग इस पर सवाल उठाते रहेंगे। बीजेपी की पैदा की गई महंगाई को हराकर भारत जीतेगा।"
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की।
उनकी यह टिप्पणी आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के बीच आई है।
कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधती रही है। (आईएएनएस)।
मुंबई, 4 सितंबर (आईएएनएस) आरक्षण के लिए मराठा समूहों का आंदोलन जालना में सातवें दिन भी जारी रहा, जबकि सोमवार को कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) विजय वडेट्टीवार ने यहां समुदाय के लिए आरक्षण पर चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल के एक विशेष सत्र की मांग की।
वडेट्टीवार ने मीडियाकर्मियों से कहा कि राज्य सरकार को मराठा आरक्षण पर स्थायी रूप से विचार करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए सदन की एक विशेष बैठक बुलानी चाहिए।
मराठा समूहों ने जालना, औरंगाबाद, सोलापुर, पुणे, बीड और अन्य जिलों में बंद का आह्वान किया है। पुलिस ने सभी संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा तैनात की है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को समुदाय के गुस्से का सामना करना पड़ा, जब उनके काफिले को मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जालना जाते समय कुछ देर के लिए रोक दिया।
जब मराठों ने अपनी मांगें रखीं, तो राज ठाकरे अपने वाहन से उतर गए, जिसे उन्होंने पूरा करने का आश्वासन दिया। उसके बाद उनकी कार को अंतरवली-सरती गांव की ओर जाने की अनुमति दी गई, जहां 29 अगस्त से मनोज जारांगे के नेतृत्व में एक समूह भूख हड़ताल पर है।
संकट को हल करने के लिए रविवार शाम महाराष्ट्र सरकार के प्रारंभिक प्रयास रूप से विफल हो गए। आंदोलनकारियों ने अपनी भूख हड़ताल वापस लेने से इनकार कर दिया और 48 घंटों के भीतर आरक्षण की घोषणा करने और 1 सितंबर को लाठीचार्ज की घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की।
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए, मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि प्रशासन इस मुद्दे पर सकारात्मक है, लेकिन एक फुलप्रूफ नीति तैयार करने के लिए कम से कम एक महीने का समय मांगा।
पिछले दो दिनों में मराठों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और उनके हितों के लिए न्याय की मांग करने के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओं की एक पूरी श्रृंखला जालना की ओर बढ़ती देखी गई है।
उनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के अशोक चव्हाण समेत छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजीराजे भोसले और उदयनराजे भोसले व अन्य शामिल थे।
नई दिल्ली, 04 सितंबर । सुप्रीम कोर्ट अदानी-हिंडनबर्ग मामले में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दायर ताजा स्टेटस रिपोर्ट पर 15 सितंबर को विचार करेगा।
शीर्ष अदालत की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, सीजेआई डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 15 सितंबर को सुनवाई की संभावना है।
25 अगस्त को, बाजार नियामक ने एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि उसने शीर्ष अदालत के आदेशों के अनुपालन में 24 मामलों की जांच की, और कहा कि सेबी अदानी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के नतीजे के आधार पर उचित कार्रवाई करेगी।
सेबी के कार्यकारी निदेशक वी.एस. सुंदरेसन द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया,“उक्त 24 जांचों में से 22 अंतिम प्रकृति की हैं और 2 अंतरिम प्रकृति की हैं। आज की तारीख में, उक्त 22 अंतिम जांच रिपोर्ट और 1 अंतरिम जांच रिपोर्ट को सेबी की मौजूदा प्रथा और प्रक्रियाओं के अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है। ”
इसमें कहा गया है कि एक शेष मामले के संबंध में, अंतरिम निष्कर्ष सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित हैं और सेबी ने बाहरी एजेंसियों या संस्थाओं से जानकारी मांगी है।
इसमें कहा गया है, “ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर उक्त मामलों में आगे की कार्रवाई, यदि कोई हो, निर्धारित करने के लिए अंतरिम जांच रिपोर्ट के साथ उसका मूल्यांकन किया जाएगा।”
14 अगस्त को सेबी ने जांच प्रक्रिया पूरी करने और मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 15 दिनों का विस्तार मांगा था।
बाजार नियामक ने तब कहा था कि "उक्त 24 जांचों/परीक्षाओं में से 17 अंतिम और पूर्ण हैं और सेबी की मौजूदा प्रथा और प्रक्रियाओं के अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित हैं"।
इससे पहले, भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अदानी-हिंडनबर्ग मामले के संबंध में न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई विभिन्न सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचार व्यक्त किया था। (आईएएनएस)।
चित्रदुर्ग (कर्नाटक), 4 सितंबर । कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में सोमवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह हादसा दावणगेरे से बेंगलुरु की ओर आ रही एक कार के राष्ट्रीय राजमार्ग-150 पर खड़े ट्रक से टकरा जाने के बाद हुआ।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। यह हादसा चित्रदुर्ग तालुक में मल्लापुरा के पास हुआ। चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और अन्य तीन को अस्पताल ले जाया गया।
मृतकों और घायलों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। चित्रदुर्ग ग्रामीण पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच शुरू कर दी है। घटना में अभी और जानकारी सामने आना बाकी है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी उमा भारती ने मध्य प्रदेश में पार्टी द्वारा शुरू की गई जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं दिए जाने पर विधान सभा चुनाव से जुड़ी इस महत्वपूर्ण यात्रा का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है।
उमा भारती पार्टी से इस हद तक नाराज हैं कि उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा के 25 सितंबर को होने वाले समापन समारोह में भी नहीं जाने की घोषणा कर दी है। समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को राज्य के सतना जिले से पार्टी के राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत पहली जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ किया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को राज्य के नीमच से दूसरी जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करने जा रहे हैं।
दरअसल, भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों को राज्य में जन-जन तक पहुंचाने और कांग्रेस पर तीखा निशाना साधने के लिए एक रणनीति के तहत राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। 3 से 6 सितंबर के बीच राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस तरह की पांच 'जन आशीर्वाद यात्रा' निकाली जानी है जिसका समापन 25 सितंबर को होना है।
इस दौरान ये यात्राएं लगभग 10 हजार किमी से अधिक की दूरी तय करेगी और राज्य के लगभग सभी विधानसभाओं को भी कवर करेगी।
पार्टी द्वारा चुनावी रणनीति के लिहाज से शुरू की गई इन महत्वपूर्ण यात्राओं के लिए निमंत्रण नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए उमा भारती ने सोमवार सुबह एक्स पर कहा, "मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला, यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है, लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती। हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कहीं नहीं जाऊंगी। ना प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में।"
हालांकि इसके बाद अपने अगले एक्स में उमा भारती ने यह भी कहा, "मेरे मन में शिवराज के प्रति सम्मान एवं उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मज़बूत है। शिवराज जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं।"
भाजपा नेताओं के फाइव स्टार होटलों में रुकने पर फिर से सवाल उठाते हुए उमा भारती ने अगले एक्स में कहा, "शादियों की फ़िज़ूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना इसको मैं शुरू से ही ग़लत मानती हूं। मोदी भी इस तरह की जीवनशैली को सख़्त नापसंद करते हैं। मैं आगे भी ये बातें कहती रहूंगी। हम गांधी, दीनदयाल एवं मोदी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते।"
हालांकि उमा भारती ने पार्टी का नुकसान नहीं होने का दावा करते हुए यह भी लिखा कि जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है वे उन लोगों में से हैं और पार्टी का कभी नुक़सान नहीं करेंगी।
उन्होंने एक के बाद एक सोमवार सुबह को किए गए अपने कई एक्स में यह भी कहा, "जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया तथा सरकारी एवं निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया। हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों एवं सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिये एवं सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने भेजना चाहिये. तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पायेगा। यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा।"
इससे पहले मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उम्मीदवारों की सूची पर रविवार को ही अपना पक्ष रखते हुए उमा भारती एक्स पर यह साफ कर चुकी हैं कि, "मेरे ऑफिस से मीडिया जगत के बहुत सारे लोग पूछ रहे हैं कि सोशल मीडिया में एक सूची वायरल हो रही है, क्या उमा भारती ने भाजपा के उम्मीदवारों के नाम की सूची लिखित में पार्टी को भेजी है? मैंने निश्चित रूप से केंद्र एवं राज्य के नेताओं से मध्य प्रदेश के सभी 230 विधानसभा उम्मीदवारों पर विचार विमर्श किया है। इसलिए मुझे कोई सूची लिखकर देने की जरूरत कहां है, हां मेरी चर्चा में यह नाम भी शामिल रहे हैं, भाजपा का हर उम्मीदवार मेरा है।" (आईएएनएस)
पटना, 4 सितंबर । इस साल पितृपक्ष में मोक्षस्थली के रूप में चर्चित बिहार के गया में आप अपने पूर्वजों की मृतात्मा की शांति के लिए पिंडदान करना चाहते हैं और गया नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो परेशानी की कोई बात नहीं। अब आप देश - विदेश में घर बैठे भी ई पिंडदान के जरिए मृतात्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते हैं। सरकार ने ऐसे लोगों के लिए यह सुविधा प्रारंभ की है जो विदेश में रहते हैं।
इस साल 28 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है, जो 14 अक्तूबर तक चलेगा। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने इस बार ई पिंडदान के अलावा स्पेशल टूर पैकेज की भी घोषणा की है।
निगम की ओर से जारी ई-पिंडदान पैकेज के तहत पंडा द्वारा विष्णु पद मंदिर, अक्षय वट एवं फल्गु नदी के किनारे पिंडदान किया जाएगा। उसकी विडियो रिकार्डिंग कराई जाएगी, जो पेन ड्राइव के माध्यम से संबंधित श्रद्धालु को पंडा द्वारा मुहैया कराई जाएगी।
इसके लिए श्रद्धालुओं को 20,476 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसमें पूजन सामग्री एवं पंडित का दक्षिणा भी शामिल किया गया है। इसमें टैक्स सहित कुल मिलाकर ई- पिंडदान पर 23 हजार रुपए का पैकेज तैयार किया गया है।
15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष में गया में देश और दुनिया भर से लाखों लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटन स्थल पर साफ सफाई से लेकर श्रद्धालुओं को आने जाने के लिए ट्रैवल टूर के पैकेज की व्यवस्था की गई है।
इस पैकेज को कई श्रेणियों में बांटा गया है। पैकेज में पटना, पुनपुन, और गया पैकेज के लिए पहली श्रेणी में प्रति व्यक्ति 16650 रुपये का पैकेज दे रही है जबकि 4 लोगों के लिए 30650 रुपए खर्च करना पड़ेगा।
यह पैकेज एक दिवसीय यात्रा के लिए है।
श्रेणी तीन में चार लोगो के लिए 25250 रुपए देने होंगे। यह प्रति व्यक्ति 13450 रुपये होगा। इसके अलावा एक अन्य पैकेज गया, बोधगया, राजगीर, नालंदा टूर पैकेज एक रात दो दिन के लिए होगा। इसके लिए अलग रेट तय किया गया है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 4 सितंबर | रामनगर जिले के चन्नापटना शहर पुलिस स्टेशन की सीमा में सोमवार को पुलिस उत्पीड़न के कारण एक गृहिणी द्वारा आत्महत्या करने की घटना सामने आई है।
मृतका की पहचान चन्नापटना शहर के कोटे लेआउट निवासी 31 वर्षीय माधुरी के रूप में की गई है। शनिवार को माधुरी ने नींद की गोलियां खा लीं और रविवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसने वीडियो में कहा था कि वह पुलिस की प्रताड़ना और प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और अपनी जिंदगी खत्म कर रही है।
आरोप है कि जब माधुरी वित्तीय विवाद को लेकर चन्नापटना ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गईं, तो पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की थी। पीड़िता का आरोप है कि पुलिसवालों ने थाने में उसे बेइज्जत किया।
पुलिस ने उसे वापस भेज दिया। महिला ने आत्महत्या करने से पहले अपने वीडियो में कहा था कि कम से कम मरने के बाद उसे न्याय मिलेगा। इस संबंध में परिजन रमनगरा एसपी से मिल चुके हैं।
परिवार ने चन्नापटना टाउन इंस्पेक्टर शोभा और अन्य स्टाफ पर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने अभी तक मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। (आईएएनएस)|
भोपाल, 4 सितंबर । मध्यप्रदेश में सियासी तौर पर वार-पलटवार का दौर जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाजपा की सरकार में जिंदगी बदल रही बयान वाले पर तंज सकते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि जिंदगी बदल नही रहीबल्कि बदतर हो रही है।
कमलनाथ ने बीते रोज मुख्यमंत्री चौहान के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का ये दावा कि ‘हम झूठ नहीं बोलते’ अपने आप में एक झूठ है। सवाल ये है कि उन्हें ये सफाई देने की जरूरत क्यों पडी। वो कह रहे हैं ‘भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनता की जिंदगी बदल रही है।’ सच तो ये है कि बदल नहीं रही, भाजपा राज में जिंदगी बद से बदतर हो रही है।
कमलनाथ ने कहा, हमारा मानना है कि सवाल जिंदगी के बदलने का नहीं होता, बल्कि जिंदगी के बेहतर होने का होता है। हर इंसान आगे बढ़ना चाहता है, अपनों के लिए अच्छे-से-अच्छा करना चाहता है। सरकार का काम इस कोशिश के लिए अनुकूल माहौल बनाना होता है, तरक्की के रास्ते में आने वाली मुश्किलों को दूर करके जिंदगी को आसान बनाना होता है, अगर सरकार ईमानदारी से ये काम करे, तो ये कोई कठिन काम नहीं होता है।
कांग्रेस ने आजादी के बाद से हमेशा हर किसी की जिंदगी को किस तरह सच्चाई के साथ बेहतर बनाया है, इसके गवाह हर घर के बुजुर्ग और बड़े लोग रहे हैं। कमलनाथ ने भाजपा और कांग्रेस की तुलना करते हुए कहा, कांग्रेस और भाजपा के शासन काल में क्या अंतर है, इसे समझने के लिए आप बस ये तुलना करिये कि आप की जिंदगी दस साल पहले ज्यादा आसान थी या आज और ये भी कि आप आखिरी बार कब मन से मुस्कुराए थे। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । एलन मस्क ने सोमवार को घोषणा की कि एक्स कॉर्प (औपचारिक रूप से ट्विटर) पर वीडियो दर्शकों की संख्या पिछले साल से लगभग दोगुनी हो गई है। मस्क ने पिछले साल अक्टूबर में 44 बिलियन डॉलर में सोशल मीडिया नेटवर्क का अधिग्रहण किया था।
एक्स के सीईओ लिंडा याकारिनो ने यह भी कहा कि पिछले साल की तुलना में वीडियो स्ट्रीमिंग में काफी वृद्धि हुई है।
मस्क ने कहा, "एक्स पर वीडियो दर्शकों की संख्या पिछले साल से लगभग दोगुनी हो गई है।"
एफ1 रेसर मैक्स वेरस्टैपेन द्वारा रविवार को इटालियन ग्रां प्री में नया फॉर्मूला एक रिकॉर्ड स्थापित करने के बाद एकेरिनो ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने पोस्ट किया, “चारों ओर रिकॉर्ड: वेरस्टैपेन। एफ1। पिछले साल की तुलना में एक्स वीडियो व्यूज में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।''
पिछले महीने, मस्क के स्वामित्व वाली एक्स ने घोषणा की थी कि प्रीमियम ग्राहक अब प्लेटफ़ॉर्म पर लंबे वीडियो पोस्ट कर सकते हैं। 1080पी गुणवत्ता के दो घंटे तक या 720पी गुणवत्ता की तीन घंटे की सामग्री।
इसके अलावा, भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं के पास अब अपनी टाइमलाइन से अपने कैमरा रोल तक वीडियो डाउनलोड करने की क्षमता है और अब वे पोस्ट किए गए वीडियो के लिए डाउनलोड विकल्प को सक्षम/अक्षम कर सकते हैं।
कंपनी जल्द ही वीडियो और ऑडियो कॉल फीचर जोड़ेगी, जो आईओस, एंड्राइड, मैक और पीसी पर सपोर्ट करेगा। मस्क ने कहा कि कॉल करने के लिए किसी फोन नंबर की जरूरत नहीं होगी। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 4 सितंबर । 'सनातन धर्म' के 'उन्मूलन' के आह्वान पर आलोचना का सामना कर रहे तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक युवा विंग के सचिव उदयनिधि स्टालिन ने रविवार को कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और स्पष्ट किया कि नरसंहार की बात नहीं कही, बल्कि सनातन धर्म के उन्मूलन का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एम.के. के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने रविवार शाम को एक बयान में कहा कि वह लगातार कहतेे रहेंगे कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म कुछ ऐसा है, जो स्थायी है और परिवर्तनीय नहीं है, जबकि द्रविड़ विचारधारा परिवर्तन का प्रचार करती है और द्रविड़ अवधारणा में हर कोई समान है, कोई भेदभाव नहीं है। सनातन धर्म ने लोगों को जातियों में बांट रखा है, जो मानवता के लिए हितकर नहीं है।
उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ लोग उनकी बात को घुमाकर यह कहने की बचकाना हरकत कर रहे हैं कि उन्होंने सनातन धर्म में विश्वास करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान किया था।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि द्रविड़म को खत्म कर दिया जाना चाहिए और सवाल किया कि क्या इसका मतलब द्रमुक के कार्यकर्ताओं को मार दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित रूप से 'कांग्रेस मुक्त भारत' का आह्वान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी कांग्रेस नेताओं को मार दिया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़ रही है और झूठ फैला रही है ''जो उसकी नियमित आदत रही है।''
करुणानिधि परिवार के युवा वंशज ने यह भी कहा कि भाजपा इंडिया गठबंधन से डर गई है और मुद्दे को भटकाने और झूठी कहानी फैलाने की कोशिश कर रही है।
उदयनिधि स्टालिन ने यह भी कहा कि वह भाजपा और भगवा गठबंधन द्वारा किसी भी परिणाम का सामना करने के लिए तैयार हैं और उन्हें धमकियों से डराया नहीं जा सकता। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 4 सितंबर । तमिलनाडु के तिरुपुर में रविवार शाम एक चौंकाने वाली घटना में दो महिलाओं समेत एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक, स्थानीय व्यापारी सेंथिल कुमार ने अपने खाली प्लॉट पर शराब पीने वाले एक गिरोह के लोगों से पूछताछ की थी। इसके बाद झगड़ा शुरू हो गया और जो लोग नशे में थे, उन्होंने सेंथिल कुमार पर छुरी और दरांती से हमला कर दिया। उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन गिरोह ने उन सभी पर बेरहमी से हमला किया और चारों की मौत हो गई।
अन्य मृतकों की पहचान मोहनकुमार, रथिनम्बल और पुष्पावती के रूप में हुई।
पल्लदम पुलिस मौके पर पहुंची और सेंथिल कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि ग्रामीणों ने अन्य के शवों को मौके से हटाने नहीं दिया।
पुलिस ने कहा कि वे क्रूर हत्याओं के पीछे के मकसद की जांच कर रहे हैं और संदेह है कि इस क्रूर कृत्य के पीछे सेंथिल कुमार के एक पुराने कर्मचारी वेंकिट्सन और उसका गिरोह था। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो 7 से 11 सितंबर तक तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए तैयार हैं, 10 सितंबर को नीदरलैंड के लीडेन विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, राहुल गांधी 'दुनिया में भारत' विषय पर एक व्याख्यान कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहां राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के बीच बातचीत होगी।
नीदरलैंड के विजनहेवन में कांग्रेस नेताओं के अलावा प्रोफेसर जीन मिफसूद बोनीसी भी मौजूद रहेंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष 6 सितंबर को तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा शुरू करेंगे और कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिसमें यूरोपीय संघ संसद का दौरा और भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत शामिल है।
एक सूत्र ने कहा, "राहुल गांधी 6 सितंबर को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स पहुंचेंगे और 7 और 8 सितंबर को वह कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें यूरोपीय संसद का दौरा और भारतीय प्रवासियों के साथ उनकी मुलाकात शामिल है।"
राहुल गांधी फ्रांस, बेल्जियम के ब्रुसेल्स और नॉर्वे के ओस्लो का दौरा करेंगे।
9 सितंबर को राहुल गांधी दोपहर 3 बजे पेरिस पहुंचेंगे और शाम को 5 बजे शाम वह यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
उसी दिन कांग्रेस नेता एक रात्रिभोज कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
राहुल गांधी 9 सितंबर को नाश्ते में भी शामिल होंगे, जिसके बाद फ्रांस की संसद के अंदर या बाहर फ्रांस के सांसदों, दोस्तों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि फ्रांस के श्रमिक संघ के साथ बैठक के लिए आगे बढ़ने से पहले वह दोपहर में एशियाई देशों के लोगों के साथ दोपहर का भोजन भी करेंगे।
फ्रांस में व्यस्त कार्यक्रम के अलावा, राहुल गांधी पेरिस में 300 से 400 भारतीय प्रवासियों के साथ बैठक में भाग लेंगे और फिर अगले दिन ओस्लो के लिए रवाना होंगे।
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 मोदी उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक के बाद लोकसभा द्वारा उनकी सदस्यता बहाल किए जाने के बाद राहुल गांधी की भारत के बाहर यह पहली यात्रा है।
इस साल की शुरुआत में वह अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया और सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी गए।
इसी साल मार्च में उन्होंने यूके का दौरा भी किया था और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था।
अमेरिका और ब्रिटेन में उनके बयानों पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। (आईएएनएस)।