राष्ट्रीय
लखनऊ, 7 अगस्त माफिया-नेता रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सोमवार को सदन के पूर्व सदस्य के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रश्नकाल के बाद निधन के संदेश पढ़े।
उन्होंने अतीक अहमद के भाई और वर्ष 2005 में इलाहाबाद पश्चिम सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रहे खालिद अजीम उर्फ अशरफ के निधन का संदेश पढ़ते हुए कहा, ‘‘खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की थी। वह वर्ष 2005 में इलाहाबाद पश्चिम सीट के लिए हुए उपचुनाव में सपा के विधायक चुने गए थे।’’
महाना ने अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘अतीक अहमद का 15 अप्रैल 2023 को निधन हो गया। वह लगभग 61 वर्ष के थे। अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को प्रयागराज में हुआ था। उन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा ग्रहण की थी। अतीक अहमद वर्ष 1989, 1991 और 1993 में निर्दलीय तथा 1996 में सपा और 2002 में अपना दल से इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वह विधानसभा की लोक लेखा समिति के सदस्य थे। वह वर्ष 2004 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।’’
इनके अलावा सदन में अन्य पूर्व सदस्यों सत्तार अहमद अंसारी, अमर सिंह, प्रेम प्रकाश सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, शारदा प्रसाद शुक्ला, हरिशंकर तिवारी, अवनीश कुमार सिंह, हरिद्वार दुबे और अबरार अहमद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इसके बाद दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सदन में कुछ मिनट का मौन रखा गया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को संसद पहुंचे जहां उनकी पार्टी और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने उनका स्वागत किया तथा उनके समर्थन में नारेबाजी की।
संसद भवन पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया और फिर लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन और कई अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के प्रवेश द्वार पर राहुल गांधी का स्वागत किया।
विपक्षी सांसदों ने ‘राहुल गांधी संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ और ‘राहुल गांधी जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल का ब्यौरा बदला और संसद सदस्य लिखा। सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने ‘डिस्क्वालीफाइड एमपी’ (अयोग्य ठहराए गए सांसद) लिखा था।
‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई।
इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की है। (भाषा)
नई दिल्ली, 7 अगस्त । स्मार्टफोन के लगातार विकसित हो रहे लैंडस्केप में, शाओमी ने बजट के तहत फीचर-पैक डिवाइस प्रदान करने की अपनी क्षमता को लगातार साबित किया है। रेडमी 12 के लॉन्च के साथ, स्मार्टफोन ब्रांड सामर्थ्य और प्रदर्शन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को आकर्षक कीमत के साथ जोड़ते हुए, रेडमी 12 का लक्ष्य प्रीमियम फीचर्स और एक्सेसिबिलिटी के बीच सही बैलेंस बनाना है।
चाहे आप फोटोग्राफी के शौकीन हों या मल्टीटास्किंग में माहिर हों, यह डिवाइस एक असाधारण यूजर एक्सपीरियंस देने का वादा करता है।
हमने मूनस्टोन सिल्वर कलर में नए लॉन्च किए गए रेडमी 12 के 6 जीबी प्लस 128 जीबी वेरिएंट का लगभग एक महीने तक इस्तेमाल किया, और यहां लेटेस्ट डिवाइस के बारे में हम क्या सोचते हैं।
अपने आकर्षक डिजाइन के साथ, रेडमी 12 शुरू से ही ध्यान खींचता है। फोन को तैयार करने में प्रीमियम और मॉडर्न दोनों का ध्यान रखा गया है।
इसके प्रमुख फीचर्स में से एक शानदार ग्लास बैक पैनल है, जो इसे एक प्रीमियम और सोफिस्टिकेटेड रूप देता है। टॉप पर एक एआई ट्रिपल कैमरा सेटअप है, प्रत्येक लेंस को स्लीक सिल्वर मेटैलिक रिम्स के साथ फ्रेम किया गया है।
सामने की तरफ, 6.79 इंच एफएचडी प्लस डॉट डिस्प्ले है जिसमें 90 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट है। डिस्प्ले में एक पंच-होल नॉच डिजाइन और तीन तरफ स्लिम बेजेल्स शामिल हैं, जो एक इमर्सिव व्यूइंग एक्सपीरियंस प्रदान करते हैं।
टेस्टिंग के दौरान, हमने देखा कि इसका टच हाईली रिस्पॉन्सिव है, जिससे यूजर एक्सपीरियंस में काफी बढ़ोतरी हुई। डिस्प्ले अच्छा दिखता है और सूरज की रोशनी में भी इस्तेमाल करने में आरामदायक है। डिवाइस पर प्रत्येक इमेज स्पष्ट और विस्तृत है। जैसे ही हमने गेम खेला और वीडियो देखा, 6.71-इंच की इस बड़ी स्क्रीन पर देखने का अनुभव बेहद शानदार था।
फेवरेट कंटेंट स्ट्रीम करने, वेब ब्राउज करने या सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई। इसकी फिजिकल विशेषताओं के संबंध में, फोन का वजन लगभग 198 ग्राम है और इसे एक हाथ से पकड़ना और उपयोग करना आरामदायक है।
इसके अलावा, फोन पावरफुल और तेज मीडियाटेक हेलियो जी88 प्रोसेसर पर चलता है, जिसे विशेष रूप से गेमिंग क्षमताओं को बढ़ाने और फास्ट एप्लिकेशन लॉन्च और निर्बाध संचालन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एसओसी डिवाइस को सेगमेंट में सबसे तेज डिवाइस में से एक बनाता है।
अगर आप गेमर हैं, तो आपको यह डिवाइस पसंद आएगा। इसका पावरफुल प्रोसेसर और पर्याप्त रैम इसे गेमिंग के लिए आदर्श बनाता है, जिससे फास्ट और रिस्पॉन्सिव परफॉर्मेंस मिलता है। कॉल ऑफ ड्यूटी या पबजी जैसे लोकप्रिय गेम खेलते समय, डिवाइस के माध्यम से हाई फ्रेम रेट प्राप्त करने में सक्षम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका गेमिंग एक्सपीरियंस शानदार हो।
इसके अलावा, ऐप्स तुरंत लोड होते हैं, और कई ऐप्स के बीच मल्टीटास्किंग बिना किसी परेशानी के सहज होती है।
फोटोग्राफी के शौकीनों को रेडमी 12 का एडवांस कैमरा सेटअप बहुत पसंद आएगा। फोन में 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा और 2 मेगापिक्सल का मैक्रो कैमरा है। सेल्फी के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। फोन कई तरह का शूटिंग मोड प्रदान करता है, जिसमें मैक्रो मोड, पोर्ट्रेट मोड, नाइट मोड और हाई-रिजॉल्यूशन 50 मेगापिक्सल मोड शामिल है।
कैमरे के नतीजे की बात करें तो दिन के उजाले में कैमरे का परफॉर्मेंस काफी प्रभावशाली साबित हुआ। हमने कई तरीके से तस्वीरें लीं, जिनमें आसमान, लोग, फूल, पेड़ और बहुत कुछ शामिल हैं। हर स्थिति में, कैमरे ने अच्छा परफॉर्म किया और इस कीमत पर उम्मीद से ऊपर था।
मुख्य 50 मेगापिक्सल कैमरे ने हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लीं, और इसका नाइट मोड कम रोशनी की स्थिति में भी फोटोग्राफी को सक्षम बनाता है।
चाहे आप सेल्फी ले रहे हों या वीडियो कॉल कर रहे हों, 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा स्पष्ट, हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें खींचने में सक्षम है। जो फोन यूजर्स सहज अनुभव की तलाश में हैं, उनके लिए रेडमी 12 बेहतरीन ऑप्शन है।
आप अपने हेडफ़ोन या स्पीकर को कनेक्ट करने के लिए 3.5 मिमी ऑडियो जैक या वायरलेस ब्लूटूथ के माध्यम से वायर्ड कनेक्टिविटी के बीच चयन कर सकते हैं, जो शानदार विकल्प प्रदान करता है।
128 जीबी के पर्याप्त स्टोरेज और 1 टेराबाइट एक्सपेंडेबल स्टोरेज के साथ आप अपने सभी पसंदीदा ऐप्स, फ़ोटो और वीडियो को आसानी से स्टोर कर सकते हैं। इसका विशाल 5जीबी का आइडल रोम स्पेस 6जीबी रैम का पूरक है, जिसे 11 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।
अपनी 5,000 एमएएच बैटरी के साथ, रेडमी 12 एक इम्प्रेसिव बैटरी लाइफ प्रदान करता है जो आपको बिजी डे में आसानी से पावर प्रदान कर सकता है। हमारी टेस्टिंग के दौरान, डिवाइस फोटोग्राफी, वीडियो स्ट्रीमिंग और गेम खेलने सहित भारी उपयोग के पूरे दिन चलने में सक्षम साबित हुआ।
इसके अतिरिक्त, रेडमी 12 आईपी53-रेटेड स्प्लैश प्रतिरोध (इस सेगमेंट में बहुत कम डिवाइस) के साथ आता है।
कंपनी डिवाइस को दो वेरिएंट्स- 4 जीबी रैम प्लस 128 जीबी स्टोरेज और 6 जीबी रैम प्लस 128 जीबी स्टोरेज में क्रमशः 9,999 रुपये और 10,499 रुपये में उपलब्ध है। इसके लिए आप एमआई डॉट कॉम, अमेजन डॉट कॉम, एमआई होम और एमआई स्टूडियो पर विजिट कर सकते है।
निष्कर्ष: रेडमी 12 मिड-रेंज स्मार्टफोन बाजार में गेम-चेंजर है, जिसकी परफॉर्मेंस दमदार है। अपने प्रीमियम डिजाइन, पावरफुल हार्डवेयर, असाधारण कैमरा कैपेबिलिटी और लंबे समय तक चलने वाली बैटरी के साथ, यह डिवाइस हमारे बजट-फ्रेंडली स्मार्टफोन देखने के तरीके में क्रांति लाने के लिए तैयार है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 7 अगस्त । राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल हो जाने से उत्साहित कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कांग्रेस सांसदों के नारे के जवाब में भाजपा की तरफ से भी कांग्रेस और चीन के संबंधों को लेकर कांग्रेस चीनी भाई-भाई के नारे सुनाई दिए।
भाजपा सांसद कुछ देर बाद शांत हो गए लेकिन कांग्रेस सांसदों की तरफ से लगातार राहुल गांधी को लेकर नारे जारी रहे।
इस बीच कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सांसद भी मणिपुर की अपनी पुरानी मांग को लेकर लगातार नारेबाजी करते रहे।
सदन में लगातार जारी नारेबाजी से नाराज लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन नारेबाजी करने के लिए नहीं है। प्रश्नकाल को नहीं चलने देना ठीक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद नारेबाजी जारी रही।
हंगामे और नारेबाजी को देखते हुए लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 7 अगस्त । राज्यसभा में एक बार फिर मणिपुर हिंसा को लेकर जोरदार हंगामा हुआ जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन से जुड़े विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे थे। वहीं भाजपा ने राज्यसभा में राजस्थान को लेकर चर्चा की मांग रखी।
विपक्ष ने सदन में 'मणिपुर मणिपुर' के नारे लगाए और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
कांग्रेस समेत विपक्ष के कई सांसदों ने मणिपुर पर चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था।
उधर, भाजपा के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ने सदन में कहा कि वे राजस्थान के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान को लेकर उनका पहला मुद्दा लाल डायरी और दूसरा मुद्दा वहां हो रही बलात्कार की वारदाते हैं।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सदन में मणिपुर हिंसा पर तुरंत चर्चा कराई जानी चाहिए। मणिपुर में लगातार कई दिनों से हिंसा हो रही है और मणिपुर जल रहा है। इसके बाद नेता सदन पियूष गोयल बोलने के लिए खड़े हुए और उन्होंने घनश्याम तिवारी की मांग का समर्थन किया। पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान की स्थिति पर राज्यसभा में चर्चा कराए जाने की मांग का वह समर्थन करते हैं।
राज्यसभा में सोमवार को ही दिल्ली संशोधन विधेयक भी पेश किया जाना है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इंडिया गठजोड़ इस दिल्ली सेवा बिल को हराने के सिलसिले में अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि हम लेजिसलेटिव प्रोसेस से भी दिल्ली के बिल को रोकेंगे और ज्यूडिशल प्रोसेस सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से भी इस बिल को रोकने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह बिल बेसिकली दिल्ली के दो करोड़ लोगों को गुलाम बनाने का बिल है। यह दिल दिल्ली के दो करोड़ लोगों के वोट के अधिकार को जीरो कर देता है क्योंकि जो सरकार को वोट डालकर काम करने के लिए चुनते हैं उसके पास कोई शक्ति नहीं है और सारी शक्तियां उपराज्यपाल को सौंप दी जाती हैं।
राघव का कहना है कि अगर दिल्ली में किसी के घर पर बिजली या पानी नहीं आ रहा, किसी के बच्चे का स्कूल में दाखिला नहीं हो रहा, अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा, क्या वह शख्स उपराज्यपाल के घर जाएगा या अपने विधायक, मुख्यमंत्री के पास जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह बिल पार्लियामेंट्री सिस्टम ऑफ डेमोक्रेसी को रिजर्व करने का कार्य करता है। (आईएएनएस)।
टिहरी, 6 अगस्त । उत्तराखंड में टिहरी जिले की तहसील धनोल्टी के ग्राम मरोड़ा में भारी बारिश के चलते मकान की दीवार ढहने से मलबे की ढेर में दबे 2 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मयूर दीक्षित मौके पर पहुंचे।
घटना के बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि भारी वर्षा के कारण गधेरे में भारी मात्रा में पानी बढ़ गया जिससे मकान की दीवार ढह गई और एक बड़ा हादसा हो गया।
जिलाधिकारी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां पहले भी आपदा आई थी। इस तरह की घटना ना घटे इसके लिए रोकथाम के उपाय करने के लिए, संबंधित विभाग को तुरंत निर्देशित किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने उक्त प्रभावित परिवार को अटल आवास योजना के तहत आवास देने के निर्देश देते हुए खतरे की जद में आने वाले परिवारों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिए।
हादसे के बाद से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं क्षेत्र में शोक की लहर है।
जानकारी के मुताबिक प्रवीण दास के मकान के पीछे की दीवार भारी बारिश के कारण भरभरा कर टूट गई। बच्चों के दादा प्रेमदास (60 वर्ष) भी इसी कमरे में सो रहे थे। इस हादसे में उनका पैर भी चोटिल हो गया।
बताया जा रहा है कि इस दौरान बच्चों के माता-पिता दूसरे कमरे में सो रहे थे। घटना के बारे में चंबा थाना अध्यक्ष एल एस बुटोला ने बताया कि इलाके में रात को भारी बारिश हुई।
घटना की सूचना पाते ही राजस्व उप निरीक्षक ल्वारखा व सत्यों पुलिस चौकी के जवान घटनास्थल पर पहुंचे।
मलबे के ढेर में दबे बच्चों को बाहर निकाला गया, दोनों बच्चों को 108 की मदद से पीएचसी सत्यों पहुंचाया गया जहाँ दोनों बच्चे कुमारी स्नेहा (12 वर्ष) एवं रणवीर पुत्र (10 वर्ष) को डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। (आईएएनएस)
अमरावती, 6 अगस्त । तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश की प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं का दौरा कर जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं को उजागर करने और कुछ जगहों पर टीडीपी तथा सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बीच हिंसक झड़पों से राज्य की राजनीति गरमा गई है।
नायडू की 'युद्ध भेरी' को रोकने के लिए रायलसीमा क्षेत्र में कुछ वाईएसआरसीपी नेताओं की कथित धमकियों और टीडीपी नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया ने राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है।
नायडू के काफिले को कथित तौर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद चित्तूर जिले के पुंगनूर शहर में हुई हिंसा और 4 अगस्त को पड़ोसी अन्नामय्या जिले में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प से अगले साल चुनाव से पहले हिंसक घटनाओं की श्रृंखला शुरू होने की आशंका है।
पुलिस कार्रवाई के खिलाफ टीडीपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुंगनूर के बाहरी इलाके में हिंसा भड़क गई। हालाँकि, पुलिस ने दावा किया कि काफिले ने अपना मार्ग बदल लिया था और पुलिस की अनुमति के बिना शहर में प्रवेश कर रहा था।
हिंसा में 11 पुलिसकर्मियों समेत करीब 40 लोग घायल हो गए। दोनों पार्टियों के समर्थकों ने पथराव और आगजनी की। वाईएसआरसीपी नेताओं ने कथित तौर पर पुंगनूर निर्वाचन क्षेत्र में नायडू की बैठक को बाधित करने की धमकी दी थी, जहां से राज्य के खनन मंत्री और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चाचा पेद्दीरेड्डी रामचंद्र रेड्डी विधायक हैं।
नायडू ने हिंसा के लिए मंत्री को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्ताधारी दल के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे एक लाठी लेकर आएंगे तो उन्हें कई लाठियों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने में पुलिस की निष्क्रियता के लिए चित्तूर के पुलिस अधीक्षक रिशांत रेड्डी की कड़ी आलोचना की। हालाँकि, पुलिस अधिकारी ने हिंसा के लिए नायडू को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने कुछ ऐसी टिप्पणियाँ कीं जिनसे लोग भड़के।
पुलिस ने हिंसा को 'पूर्व नियोजित' बताते हुए 40 लोगों को गिरफ्तार किया है, और अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
नायडू ने राज्य भर में प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं का दौरा करने के लिए 1 अगस्त को 2,500 किमी की 10 दिवसीय यात्रा शुरू की। इसका उद्देश्य वाईएसआरसीपी सरकार की अक्षमता और विफलता को उजागर करना है। इस दौरे को 'युद्ध भेरी' नाम दिया गया है।
“आंध्र प्रदेश के लोग वर्तमान शासन के सिंचाई मुद्दों से निपटने के तरीके से बहुत असंतुष्ट हैं, जिससे राज्य में पानी की गंभीर कमी हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, "जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में, सिंचाई ठप हो गई है, जिससे किसानों और उद्योगों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य सूखा है, और लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राज्य के प्रबंधन में दूरदर्शिता और अनुभव की कमी जगन मोहन रेड्डी के दृष्टिकोण में स्पष्ट है।”
यह बताते हुए कि टीडीपी शासन के दौरान पांच वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं पर 68,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए, चंद्रबाबू ने कहा कि जगन ने 22,000 करोड़ रुपये की मामूली राशि खर्च की है।
अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए, नायडू वाईएसआरसीपी से मुकाबला करने के लिए एक अभिनव अभियान लेकर आ रहे हैं।
टीडीपी प्रमुख ने इससे पहले जगन को सेल्फी चैलेंज दिया था। वह अपने नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं के साथ सेल्फी खिंचवा रहे हैं। 3 अगस्त को उन्होंने अनंतपुर जिले में कोरियाई वाहन कंपनी कीया मोटर्स के कार प्लांट के सामने सेल्फी ली। जगन को संबोधित सोशल मीडिया पोस्ट पर नायडू ने लिखा, "मैं कीया लाया, आप माफिया लाए।"
जून में, नायडू ने 2019 से वाईएसआरसीपी शासन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में राज्य के सामने आने वाली समस्याओं को उजागर करते हुए 'नालुगेला नाराकम' (चार साल का नरक) लॉन्च किया था।
महीने भर चलने वाले अभियान के दौरान, टीडीपी नेता ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और हिंसा, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, नौकरियों की कमी और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति पर प्रकाश डाला।
नायडू के बेटे और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश भी जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए अपनी 'पदयात्रा' जारी रखे हुए हैं। पिछले सप्ताह उन्होंने 'युवगलम' (युवाओं की आवाज) नाम से पदयात्रा के तहत 2,200 किमी की यात्रा पूरी की।
लोकेश ने 27 जनवरी को अपने पिता चंद्रबाबू नायडू के प्रतिनिधित्व वाले कुप्पम निर्वाचन क्षेत्र से 4,000 किलोमीटर लंबी राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू की थी।
इसमें 400 दिन में 120 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाना है। (आईएएनएस)
भोपाल, 6 अगस्त । नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली से जुड़े एक मामले में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगभग 10 स्थानों पर दबिश दी और कई लोगों को हिरासत में लिया है।
इन सभी से पूछताछ हो रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की अलसुबह एनआईए की टीम ने भोपाल के कई इलाकों में दबिश दी और कई लोगों को हिरासत में भी लिया है।
एनआईए ने यह कार्रवाई नई दिल्ली में दर्ज एक मामले से जुड़े संदिग्ध लोगों की तलाश के मद्देनजर की है।
बताया गया है कि दिल्ली में जो मामला दर्ज है उससे जुड़े लोगों के भोपाल में होने की सूचना मिली थी और उसी के आधार पर एनआईए ने यह कार्रवाई की है।
जहांगीराबाद इलाके से एक महिला और उसके देवर को भी हिरासत में लिया गया है जिनकी एनआईए को काफी समय से तलाश थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अगस्त । जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निवेशक आगामी एमपीसी बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जहां आरबीआई द्वारा अपनी नीतिगत दरों को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने की उम्मीद है।
दुनिया भर में मुद्रास्फीति कम होने के कारण नीतिगत सख्ती के दौर के खत्म होने की उम्मीद के साथ सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रही। उन्होंने कहा, हालांकि, अमेरिकी रेटिंग में गिरावट, यूरोजोन और चीन से कमजोर फैक्ट्री गतिविधि डेटा और अमेरिकी बांड पैदावार में बढ़ोतरी के कारण लंबे समय तक एफआईआई की बिक्री के बारे में नकारात्मक खबरों ने दुनिया भर में व्यापक चिंताएं पैदा कीं।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बढ़ती चिंताओं ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की तलाश में भागने के लिए मजबूर कर दिया, इससे डॉलर सूचकांक में उछाल आया। बहरहाल, घरेलू बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों के प्रभाव से उबर गया, जिसे आईटी और फार्मा शेयरों की अगुवाई में सकारात्मक घरेलू कमाई से समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि भारत की विनिर्माण गतिविधि मजबूत बनी रही, हालांकि जुलाई में लगातार दूसरे महीने इसमें मामूली कमी आई।
दूसरी ओर, घरेलू सेवा पीएमआई बाजार की अपेक्षाओं से अधिक हो गई, जो 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो नए ऑर्डरों में वृद्धि, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय बिक्री में वृद्धि के कारण हुई।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा कि सप्ताह के दौरान इक्विटी बाजार में कुछ बिकवाली देखी गई, लगभग उसी समय जब फिच द्वारा अमेरिकी रेटिंग में गिरावट की खबर की घोषणा की गई थी। इस मामले को कमोबेश बाज़ारों ने नज़रअंदाज कर दिया और अमेरिकी इकाई में कुछ मजबूती दिखाई दी।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और चीन से आने वाले आर्थिक आंकड़े और जल्द ही होने वाली नीतिगत घोषणाएं आने वाले सप्ताह में बाजार की दिशा तय करेंगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि साप्ताहिक आधार पर निफ्टी में 0.66 फीसदी की गिरावट आई है और साप्ताहिक कैंडलस्टिक पर बड़ी ऊपरी और निचली छायाएं निवेश में उतार-चढ़ाव के बीच रस्साकशी को दर्शाती हैं। निकट अवधि के आधार पर, निफ्टी 19,655-19,296 बैंड में रह सकता है जबकि अल्पकालिक आधार पर, यह 19,796 - 19,201 बैंड में रह सकता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी ने कहा कि निफ्टी का अल्पकालिक रुझान नकारात्मक बना हुआ है। मौजूदा तेजी को आने वाले सत्रों में 19,600-19,650 के स्तर के आसपास मजबूत बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। तत्काल समर्थन 19,400 के स्तर पर है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 6 अगस्त । भारतीय सेना के सतर्क जवानों ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान एक घुसपैठिया मारा गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कम से कम दो घुसपैठियों के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश के बारे में इनपुट मिलने के बाद सेना ने एक अभियान चलाया।
“शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि दूसरा झाड़ियों में छिपा हुआ रुक-रुक कर गोलीबारी कर रहा है।
“मारे गए अज्ञात आतंकवादी का शव और आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद कर लिया गया है।
सूत्रों ने कहा, "दूसरे आतंकवादी को मार गिराने का अभियान अभी भी जारी है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अगस्त । ग्रेटर नोएडा में श्री राधा स्काई गार्डन सोसायटी के एक फ्लैट में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। इस हादसे में दो दोस्त बाल-बाल बच गए।
जानकारी के मुताबिक आग सुबह करीब 9:30 बजे लगी।
सिद्धार्थ और मृदुल नाम के दो दोस्त सोसायटी में टावर-टी9 के फ्लैट नंबर 1209 में रहते हैं।
अचानक शॉर्ट-सर्किट के कारण फ्लैट में आग लग गई।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि अग्नि सुरक्षा प्रणाली ने समय पर काम नहीं किया, जिसके चलते आग ने पूरे फ्लैट को अपनी चपेट में ले लिया।
मेंटेनेंस टीम और संबंधित विभाग को बुलाया गया, जिसके बाद आग पर काबू पाया गया और दोनों दोस्तों को सुरक्षित बचा लिया गया।
घटना की जानकारी पुलिस को भी दी गई है। (आईएएनएस)
रायगढ़, 6 अगस्त । नितिन चंद्रकांत देसाई आत्महत्या मामले में रायगढ़ पुलिस की एफआईआर में एडलवाइस एआरसी के अधिकारियों पर धारा 138 (चेक बाउंस होने), ईओडब्ल्यू, एनसीएलटी और डीआरटी की धमकियों से मशहूर कला निर्देशक को डराने और उनका खालापुर में स्थित एन.डी. आर्ट वर्ल्ड प्रा. लिमिटेड स्टूडियो हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।
देसाई की विधवा, नेहा सी. देसाई की शिकायत के आधार पर एडलवाइस एआरसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर.के. बंंसल, गैर कार्यकारी निदेशक रमेश शाह, स्थित शाह, केयूूर मेहता और जीतेंद्र कोठारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
अपने पति द्वारा वकील वृंदा विचारे के लिए छोड़ी गई एक रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए, देसाई ने बताया था कि कैसे 2-3 निवेशक स्टूडियो में निवेश करने के लिए तैयार थे, लेकिन एडलवाइस और उसके प्रमुखों ने 'बकाया राशि दोगुनी-तिगुनी' करने की मांग की और उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डाला।
एफआईआर में उद्धृत रिकॉर्डिंग में हताश देसाई ने कहा, “स्मित शाह, केयूर और बंसल ने अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए मेरे स्टूडियो को लूट लिया हैै, उन्होंने मेरे प्रस्तावों को स्वीकार नहीं कियाा, मुझे फंसाने की कोशिश की।”
एफआईआर के अनुसार, "या लोकाणि माझी वात लवली आहे..." (इन लोगों ने मुझे नष्ट कर दिया है)", ये देसाई के शब्द थे, उन्होंने कहा कि "इन राक्षसों ने उन्हें धमकी दी, दबाव डाला", उन्हें अपना प्रमुख कार्यालय बेचने के लिए मजबूर किया, और उन्हें खत्म करने की साजिश रची।
एफआईआर में कहा गया है कि स्टूडियो 2004 में खालापुर, रायगढ़ में स्थापित किया गया था, और जल्द ही फिल्मों, टेलीसीरियल के लिए एक लोकप्रिय शूटिंग स्थल बन गया और उनकी प्रसिद्धि बढ़ गई।
2016 के आसपास, ईसीएल के राशेष शाह एक निवेश प्रस्ताव लेकर आए, मीठी-मीठी बातें कीं और उन्हें स्टूडियो विकसित करने के लिए बड़े सपनों का लालच दिया और तदनुसार, संपत्ति गिरवी रखने के विरुद्ध देसाई को नवंबर 2016 में 150 करोड़ रुपये और फरवरी 2018 में 35 करोड़ रुपये ऋण मिले।
नेहा देसाई ने कहा कि हालांकि वह नियमित रूप से अपनी ईएमआई का भुगतान कर रहे थे, अप्रैल 2019 में, एडलवाइस के अधिकारियों ने अचानक मई-अक्टूबर 2019 से छह महीने की अग्रिम ईएमआई का भुगतान करने के लिए उन पर भारी दबाव डाला।
देसाई ने पवई के हीरानंदानी कॉम्प्लेक्स में स्थित अपना मुख्य कार्यालय बेच दिया और ऋणदाता की मांगों को पूरा किया, और बाद में फरवरी 2020 तक नियमित रूप से ईएमआई का भुगतान करना जारी रखा।
फिर कोविड-19 महामारी लॉकडाउन श्रृंखला आई, स्टूडियो में काम पूरी तरह से रुक गया और देसाई को अपने ऋण/ईएमआई चुकाने में देरी हुई।
नेहा ने शिकायत में कहा, "फिर भी, मेरे पति ने वन टाइम सेटलमेंट करने और एडलवाइस ऋण चुकाने के लिए तत्परता व्यक्त की, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया और इसके बजाय कार्रवाई की धमकी देते हुए कानूनी नोटिस भेज दिया।"
नेहा ने कहा, उन्होंने और उनके परिवार ने बाहरी निवेशकों को भी शामिल करने का प्रयास किया, लेकिन एडलवाइस के अधिकारियों ने निवेशकों को स्टूडियो में कदम रखने की भी अनुमति नहीं दी, "और ऐसा प्रतीत हुआ कि वे हमारी संपत्ति हड़पना चाहते थे", इससे देसाई पर बहुत दबाव पड़ा।
देसाई ने ऋण के पुनर्गठन या वन टाइम सेटलमेंट की गुहार लगाई, लेकिन वे इससे दूर रहे और उन्हें सूचित किए बिना, उन्होंने ऋण चेक 'बाउंस' का मामला बना दिया और संबंधित कानूनों के तहत उन्हें नोटिस थमा दिया।
नेहा ने कहा वे स्मित शाह से मिलने के लिए उनके कलिना, सांताक्रूज पूर्व कार्यालय में पहुंचे, लेकिन वे केवल आश्वासन देते रहे, और राशेष शाह को बार-बार फोन करने पर भी अस्पष्ट प्रतिक्रिया मिली।
नेहा ने कहा, “संकट के कारण, नितिन देसाई गुमसुम हो गए थे, परिवार के सदस्यों से बात नहीं करते थे, चिड़चिड़े रहते थे, और एक बार जब वह और मैं अकेले थे, तो उन्होंने रोते हुए कहा कि अब जीना असंभव है, उन्हें 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।''
25 जुलाई, 2023 को, एनसीएलटी ने देसाई और उनकी कंपनी और बाद में वकील के खिलाफ दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू की। विचारे और स्टूडियो के कर्मचारियों ने उन्हें सूचित किया कि एनसीएलटी के कोठारी 29 जुलाई को संपत्ति पर नियंत्रण लेने के लिए बाउंसरों के साथ स्टूडियो पहुंचेंगे।
देसाई ने अपनी रिकॉर्डिंग में कहा कि इस मामले में एनसीएलटी प्रशासक के रूप में कार्य करने के बजाय, "कोठारी एडलवाइस के दबाव में काम कर रहे थे", और वे स्टूडियो पर कब्जा करना चाहते थे और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसका फायदा उठाना चाहते थे।
दुखद कहानी तब समाप्त हुई जब प्रसिद्ध कला निर्देशक ने दो अगस्त की सुबह अपने प्रिय स्टूडियो में से एक में अपना जीवन समाप्त कर लिया, इससे मनोरंजन और राजनीतिक जगत स्तब्ध रह गया। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 6 अगस्त । निलंबित भाजपा विधायक राजा सिंह ने रविवार को कहा कि वह अगली तेलंगाना विधानसभा में सदस्य नहीं होंगे।
विधायक ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अगली विधानसभा में कौन होगा और कौन नहीं। उन्होंने विधानसभा में कहा, ''मुझे विश्वास है कि मैं वहां नहीं रहूंगा।''
विवादास्पद विधायक ने यह भी टिप्पणी की कि 'घर वाले' और 'बाहर वाले' दोनों उन्हें अगली विधानसभा में नहीं चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया।
राजा सिंह ने मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव से अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का ख्याल रखने का अनुरोध किया।
रविवार को विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन था, जो साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आखिरी सत्र होने की संभावना है।
राजा सिंह, जो हैदराबाद में धूलपेट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, को पिछले साल मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली कुछ टिप्पणियाँ करने के बाद भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. पार्टी ने अभी भी उनका निलंबन वापस नहीं लिया है।
पिछले महीने, उन्होंने वित्त और स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव से मुलाकात की थी, इससे अटकलें शुरू हो गईं कि वह सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी भाजपा छोड़ने की कोई योजना नहीं है।
राजा सिंह ने पहले कहा था कि अगर उनका निलंबन नहीं हटाया गया, तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
विधायक को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कुछ टिप्पणियां करने के आरोप में पिछले साल अगस्त में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हैदराबाद पुलिस आयुक्त द्वारा निवारक हिरासत अधिनियम लागू करने के बाद उन्हें 25 अगस्त को जेल भेज दिया गया था।
दो महीने जेल में बिताने के बाद राजा सिंह को 9 नवंबर को जेल से रिहा कर दिया गया।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया था और विधायक को जमानत पर रिहा कर दिया था, लेकिन उन्हें निर्देश दिया था कि वह ऐसा कोई भाषण या टिप्पणी न करें जिससे समुदायों के बीच नफरत पैदा हो। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 अगस्त को दोपहर 12 बजे भारत मंडपम, प्रगति मैदान, दिल्ली में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री हमेशा से देश की कलात्मकता और शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा को जीवित रखने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन और नीतिगत समर्थन देने के दृढ़ समर्थक रहे हैं।
कार्यक्रम में 3000 से अधिक हथकरघा और खादी बुनकर, कारीगर और कपड़ा और एमएसएमई क्षेत्रों के हितधारक भाग लेंगे।
केंद्र सरकार के मुताबिक यह पूरे भारत में हथकरघा समूहों, निफ्ट परिसरों, बुनकर सेवा केंद्रों, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान परिसरों, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद, केवीआईसी संस्थानों और विभिन्न राज्य हथकरघा विभागों को एक साथ लाएगा।
इस साल 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री "भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष" का ई-पोर्टल भी लॉन्च करेंगे - कपड़ा और शिल्प का एक भंडार जिसे राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) द्वारा तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि इस दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सरकार ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया और इस तरह का पहला उत्सव स्वदेशी उद्योग और विशेषकर हथकरघा बुनकर 7 अगस्त, 2015 को आयोजित किया गया था। इस तारीख को विशेष रूप से स्वदेशी आंदोलन के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया था, जिसे 7 अगस्त, 1905 को शुरू किया गया था। (आईएएनएस)
दीपक मंडल
मणिपुर में तीन महीने पहले शुरू हुई हिंसा को काबू करने के लिए 40 हज़ार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए जा चुके हैं.
इनमें सेना से लेकर असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान और अधिकारी शामिल हैं.
मणिपुर की आबादी लगभग 30 लाख है. यानी औसतन 75 लोगों पर एक सुरक्षाकर्मी. इसके बावजूद हिंसा रुक नहीं रही है.
पिछले दो-तीन दिनों के दौरान नए सिरे से भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो चुकी है.
हिंसा की एक ताज़ा घटना में शनिवार को विष्णुपुर के क्वाता इलाके में मैतेई समुदाय के तीन लोगों को बड़े ही बर्बर तरीके से मार डाला गया.
हिंसा करने वाले बंदूकों और मोर्टार से एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. ये हथियार वहां पुलिस मुख्यालयों से लूटे गए हैं.
सुरक्षाबलों की भारी तैनाती के बावजूद हमलावर घाटी और पहाड़ी इलाकों के बफर जोन को तोड़ कर लोगों को निशाना बना रहे हैं.
मणिपुर पर पूरे देश और दुनिया की निगाहें हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मणिपुर की जातीय हिंसा के बारे में काफी कुछ लिखा जा रहा है.
19 जुलाई को मणिपुर की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो वायरल होने के बाद तो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की चिंता और बढ़ गई है. इस वीडियो को देखकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की हिंसा पर बयान दिया था.
उन्होंने कहा था, ‘’देश की बेइज्जती हो रही है, दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा’’
नए सिरे से भड़की हिंसा
राज्य में 3 मई के बाद भड़की हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 50 हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. बड़ी तादाद में लोगों के घर जला दिए गए हैं.
राज्य में खून-खराबे के कई दौर के बाद भी हिंसा थमती नजर नहीं आ रही है. शुक्रवार को विष्णुपुर के क्वाता इलाके में मैतेई समुदाय के तीन लोगों की बर्बर हत्या के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि सेना और अर्द्धसैनिक बलों की इतनी भारी तैनाती भी हिंसा करने वालों को क्यों रोक नहीं पा रही है?
मैतेई समुदाय के इन लोगों को पहले तलवारों से काटा गया और फिर उनकी लाशें जला दी गई थीं.
सुरक्षा बलों का कहना है कि मैतेई और कुकी समुदाय के लोग एक दूसरे पर हमले न कर पाएं इसके लिए वो दोनों इलाकों के बीच बफर जोन बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन राज्य में काम कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता के. ओनील कहते हैं, "बफर जोन घाटी में बनाए जा रहे हैं, पहाड़ियों में नहीं जो कुकी समुदाय के लोगों का इलाका है. लेकिन दिक्कत ये है कि एक हजार एकड़ से अधिक जमीन बफर जोन के अंदर है. इसमें धान की खेती होती है. लेकिन इस पर सेना और कुकी उग्रवादियों का कब्जा होने की वजह से मैतेई लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि बफर जोन में भी टकराव हो रहे हैं.’’
ओनील से हमने पूछा कि 40 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाने के बाद 30 लाख की आबादी वाले इस राज्य में हिंसा रुक क्यों नहीं हो रही है?
इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं, "40 हजार सुरक्षाकर्मी लगा दें या 50 हजार या फिर एक लाख, जब तक इस संकट को सुलझाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई जाएगी तब तक शांति नहीं हो सकती.’’
शांति के लिए राज्य सरकार की ओर से की जा रही कोशिशों का असर क्यों नहीं दिख रहा है?
ओनील कहते हैं, "राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के कोई आसार नहीं दिखते. मौजूदा सरकार के पास शांति कायम करने का कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है. सरकार ने अपनी ओर से शांति कायम करने के जो कदम उठाए हैं वे काफी लचर हैं. शांति कायम करने के लिए बनी कमेटियों में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो हिंसा की साजिश रचने के आरोपी हैं.’’
क्या एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद ही शांति कायम हो पाएगी?
ओनील कहते हैं, "इस वक्त राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है. इसके अलावा और कोई चारा नहीं दिखता. मैतेई और कुकियों के बीच हिंसा रोकना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.’’
40 हज़ार से अधिक सुरक्षाकर्मियों के बावजूद हिंसा बेकाबू
बीबीसी संवाददाता नीतिन श्रीवास्तव इन दिनों मणिपुर में मौके से रिपोर्टिंग कर रहे हैं.
हमने उनसे भी यही सवाल किया कि राज्य में सुरक्षा बलों की इतनी भारी मौजूदगी के बावजूद हिंसा बेकाबू क्यों हैं?
उन्होंने कहा, "इसके लिए मणिपुर की भौगोलिक स्थिति समझना जरूरी है. राज्य में पहाड़ी और मैदानी या घाटी के इलाके आसपास हैं. पहाड़ी इलाकों में कुकी और मैदानी इलाकों में मैतेई लोग रहते आए हैं. लेकिन अब दोनों जगह मिश्रित आबादी है. ये इलाके आसपास भी हैं.’’
"एक-डेढ़ किलोमीटर के अंतराल पर ही भौगोलिक स्थिति बदल जाती है. यानी सफर के दौरान आप थोड़ी-थोड़ी देर में ही मैतेई और कुकी लोगों के इलाकों से गुजरते हैं. हिंसा न रुक पाने की एक वजह दोनों समुदायों के रिहाइशी इलाकों का एक दूसरे के नजदीक होना भी है.’’
सुरक्षा बलों के पास पूरे संसाधन हैं. इसके बावजूद हिंसक भीड़ को रोकना मुश्किल क्यों हो रहा है?
नीतिन श्रीवास्तव कहते हैं, "पिछले एक-डेढ़ महीनों के दौरान भीड़ बंदूकें या गोला-बारूद लेकर हमले करने नहीं आ रही है. ये लाठी-डंडे या ऐसे ही दूसरे औजार लेकर आती है. सुरक्षा बलों को ऐसी भीड़ पर गोली चलाने का आदेश नहीं है. एक खास बात ये है कि जब-जब सुरक्षा बलों की मौजूदगी में ऐसी हिंसा हुई है, तब-तब ज्यादा जानें नहीं गई हैं, सामान ज्यादा लूटा गया है. प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ है. ’’
मणिपुर में सरकारी मशीनरी क्या कर रही है? राज्य में बिगड़े हालात को वो क्यों संभाल नहीं पा रही है?
नीतिन श्रीवास्तव कहते हैं, "इस हिंसा को रोकने में मणिपुर राज्य प्रशासन की भूमिका लगभग नगण्य है. हिंसा भड़कते ही सरकारी मशीनरी में काम कर रहे लोग मैतेई और कुकी लोग अपने-अपने इलाकों में चले गए. सिर्फ मुस्लिम मैतेई, नगा और कुछ तमिल मूल के लोग मुट्ठी भर अधिकारी और कर्मचारी रह गए हैं. लिहाजा प्रशासनिक कमजोरी बनी हुई है.’’
"जब तक प्रशासन मजबूत नहीं होगा तब तक सामान्य हालात बहाल होने में दिक्कत होगी. फौज तभी कारगर साबित होगी जब राज्य प्रशासन मजबूत होगा.’’
हिंसा कैसे शुरू हुई?
दरअसल मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच तनाव कई दशकों से चल रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में उनके बीच एक दूसरे की ज़मीनों के कब्ज़े को लेकर तनाव बढ़ा है.
पिछले साल (2022) अगस्त में बीरेन सिंह सरकार ने एक नोटिस जारी कर पहाड़ी इलाके के चुराचांदपुर और नोने जिले के 38 गांवों को गैरकानूनी करार दिया था.
नोटिस में कहा गया था कि ये गांव संरक्षित वन क्षेत्र में आते हैं. इससे कुकियों के बीच भारी नाराज़गी फैल गई.
उनका कहना था कि बगैर ठीक से अधिसूचना जारी कर उनके गांवों को अवैध घोषित किया गया. इसके साथ ही सरकार ने इस साल मार्च में इन इलाकों में अफीम की खेती को नष्ट करना शुरू कर दिया.
हालात तब और बिगड़ने शुरू हुए जब मणिपुर हाई कोर्ट ने इस साल ( 2023) 14 अप्रैल के अपने आदेश में राज्य सरकार को कहा कि वो मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश भेजे.
14 अप्रैल का आदेश मैतेई ट्राइब यूनियन की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया था. इसमें मणिपुर सरकार को निर्देश दिया गया था कि वो मैतेई समुदाय को जनजातीय समुदाय में शामिल करने की सिफारिश केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय को भेजे.
हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश में मैतेई समुदाय की मांग को मानते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘चार सप्ताह’ के भीतर मैतेई समुदाय को जनजाति समुदाय में शामिल करने की सिफारिश केंद्र को भेज दे.
सड़कों पर संघर्ष
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उग्र लोगों की एक भीड़ ने तीन मई की हिंसा से पहले 27 अप्रैल को चुराचांदपुर में एक जिम को जला दिया था. एक दिन बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को इस जिम का उद्घाटन करना था.
फिर 28 अप्रैल को कुकी लोगों की एक भीड़ ने जमीन खाली कराने के खिलाफ निकाले गए मार्च के दौरान वन विभाग के दफ्तर को जला दिया.
इसके बाद मैतई समुदाय के लोगों को जनजातीय दर्जा देने की सिफारिश करने वाले कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ पहाड़ी जिलों में ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च निकाला गया.
लेकिन रेडिकल मैतेई समूह मैतेई लिपुन ने इस मार्च के ख़िलाफ़ मार्च निकाला और नाकेबंदी की.
इसके बाद खून-खराबा और बढ़ गया और हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गए. 3 मई को राज्य में शुरू हुई हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है. और हालात अभी भी पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं.
तीन मई को निकाले गए मार्च के दौरान पुलिस को कई तोरबंग और कांगवई इलाके में दोनों समुदायों के लोगों के घर जलाए जाने की ख़बरें मिलने लगी. उसी दोपहर मैतेई बहुल बिष्णुपुर में चर्च जलाने की खबरें आने लगीं.
शाम तक बिष्णुपुर और चुराचांदपुर में कुकी और मैतेई लोगों के बीच सड़कों पर संघर्ष होने लगे. फिर उग्र भीड़ ने चुराचांदपुर और आसपास के इलाकों में पुलिस थानों से हथियार लूटना शुरू कर दिया.
रात होते-होते दोनों ओर के लोगों ने एक दूसरे के घरों को आग लगाना शुरू कर दिया था.
इस बीच, अफवाह फैली कुकी समुदाय के लोगों ने मैतेई महिलाओं के साथ बलात्कार किया और उनकी हत्या कर दी है.
इसके बाद खून-खराबा और बढ़ गया और हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गए. 3 मई को राज्य में शुरू हुई हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है. और हालात अभी भी पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं. (bbc.com)
ऋषिकेश, 5 अगस्त । श्रावण मास में ऋषिकेश के नीलकंठ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। अब तक लाखों श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहन बसंती बेन भी पति हसमुख के साथ नीलकंठ धाम पहुंचीं और भगवान भोलेनाथ के दर्शन और पूजन किया। उन्होंने मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग का जलाभिषेक कर परिवार और देश की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
नीलकंठ धाम में पूजा करने के बाद बसंती बेन और उनके पति कोठार गांव के पार्वती मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने मंदिर परिसर में संचालित दुकान में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बहन शशि देवी से मुलाकात की। कुशलक्षेम पूछने के बाद घर-परिवार और अन्य विषयों पर चर्चा की।
बसंती बेन ने कहा कि उनके भाई पीएम नरेंद्र मोदी ने सबकुछ त्याग कर खुद को देश को समर्पित कर दिया है और दूसरे भाई सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को समर्पित हैं। बसंती बेन ने शशि देवी संग बिताए लम्हों को कैमरे में कैद किया।
इस दौरान दोनों की मुस्कान देखते ही बन रही थी। बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बहन शशि देवी पार्वती देवी मंदिर परिसर में दुकान संचालित करती हैं। लोग उनकी सादगी की मिसाल देते हैं। शशि देवी मां भुवनेश्वरी प्रसाद भंडार नाम से छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं।
मेरठ, 5 अगस्त । मेरठ के जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट और तहसील परिसर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को जींस और टीशर्ट नहीं पहनने की चेतावनी दी है।
जिलाधिकारी कार्यालय के आदेश के अनुसार नए ड्रेस कोड के तहत कलक्ट्रेट और तहसील में काम करने वाले कर्मचारियों के जींस, टीशर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई है। अब से उन्हें कार्यालय समय के दौरान अनिवार्य रूप से औपचारिक पोशाक पहननी होगी।
पुरुषों को फॉर्मल शर्ट और पैंट पहनना चाहिए। जबकि, महिला कर्मचारी साड़ी, सलवार-कमीज पहन सकती हैं। यह आदेश मेरठ जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देश पर पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट कार्यालय व तहसील कार्यालय में जींस, टीशर्ट एवं अन्य रंग-बिरंगी वेशभूषा में कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं होंगे। इसकी बजाय सामान्य ड्रेस (फॉर्मल ड्रेस) में ही कार्यालय में अब उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
आदेश में सख्ती से उल्लेख किया गया है कि निर्देशों का पालन करने में विफल रहने वाले कलेक्ट्रेट और तहसील कार्यालय के कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। (आईएएनएस)
कोलकाता, 5 अगस्त (आईएएनएस)। बंगाली एक्ट्रेस और टीएमसी पार्टी से सांसद नुसरत जहां के पति यश दासगुप्ता को भरोसा है कि उनकी पत्नी को कॉरपोरेट एंटिटी सेवन सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, जहां वह निदेशक थीं, के लोगों को धोखा देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब नहीं किया जाएगा।
दासगुप्ता ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। मुझे यकीन है कि ईडी उन्हें समन नहीं करेगी।''
उनका बयान तब आया है जब तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग ने इस मामले में नुसरत जहां का समर्थन करने के स्पष्ट संकेत दिए, उन्होंने इस मामले को मीडिया ट्रायल करार दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया कि इस संबंध में कोई भी सबूत सामने आने से पहले ही नुसरत जहां को अपराधी के रूप में देखा जा रहा है। एक्ट्रेस से नेता बनीं और तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा की प्रदेश अध्यक्ष सयानी घोष ने मामले में सीधे तौर पर मीडिया-ट्रायल एंगल का जिक्र किया है।
सयानी घोष ने कहा, ''मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से कह सकती हूं कि यह मीडिया-ट्रायल का मामला है। किसी भी अदालत द्वारा इस मामले में कुछ भी कहने से पहले मीडिया में बहुत सी बातें कही जा रही हैं, जहां किसी व्यक्ति को दोषी साबित होने से पहले ही फंसा दिया जाता है। यह बात ठीक नहीं है। इस मामले पर मेरी नुसरत से कोई बात नहीं हुई, लेकिन हर किसी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस तरह के प्रचार से किसी की छवि को नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है।''
बता दें कि सयानी घोष को हाल ही में ईडी ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। (आईएएनएस)।
ट्रेन में अचानक चार लोगों को मार देने के आरोपी रेलवे पुलिस के एक कांस्टेबल के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खबरें आई थीं. मामले में पूरा सच अभी बाहर नहीं आया है, लेकिन भारत में सुरक्षाकर्मियों का मानसिक तनाव बढ़ जरूर रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
कांस्टेबल चेतन सिंह के मामले में कई मीडिया रिपोर्टों में रेलवे पुलिस के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया था कि सिंह किसी मानसिक रोग से पीड़ित हैऔर उनका इलाज चल रहा है.
रेल मंत्रालय ने दो अगस्त को एक बयान भी दिया था जिसमें मंत्रालय ने कहा था कि सिंह निजी स्तर पर अपना इलाज करवा रहे थे जो उनके आधिकारिक रिकॉर्ड में कहीं दर्ज नहीं है. बयान में यह भी कहा गया कि सिंह और उनके परिवार ने उनके इलाज की बात को छुपा कर रखा था.
सुरक्षाबलों में मानसिक तनाव
लेकिन मंत्रालय ने कुछ ही घंटों के अंदर इस बयान को वापस ले लिया और कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई गई है जो इन सभी मामलों को देखेगी, इसलिए बयान को वापस ले लिया गया.
सिंह को कोई शारीरिक या मानसिक रोग है या नहीं, शायद इस सवाल का जवाब इस जांच के बाद ही मिल पाए, लेकिन भारत में सुरक्षाकर्मियों का मानसिक तनाव में होना कोई अनसुनी बात नहीं है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित आंकड़े देकर इसकी पुष्टि भी की.
राज्य सभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया कि 2020 में सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में 3,584 कर्मियों का मानसिक इलाज चल रहा था, लेकिन 2022 में यह संख्या बढ़ कर 4,940 हो गई थी. यह दो सालों में करीब 38 प्रतिशत की उछाल है.
इन आंकड़ों में बीएसएफ, सीएआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स (एआर) शामिल हैं. सबसे ज्यादा मानसिक रोगी सीआरपीएफ मेंहैं. 2022 में कुल 4,940 में से 1,882 रोगी सीआरपीएफ के, 1,327 बीएसएफ के, 530 एआर के, 472 सीआईएसएफ के, 417 आईटीबीपी के और 312 एसएसबी के थे.
गृह मंत्रालय का कहना है कि अर्धसैनिक बलों के कर्मियों का नियमित रूप से चेकअप, इलाज और फॉलोअप करवाया जाता है, जरूरत पड़ने पर अच्छे अस्पतालों में विशेषज्ञों के पास भेजा जाता है, योग कराया जाता है और स्ट्रेस काउन्सलिंग करवाई जाती है.
तनाव से हत्या और आत्महत्या भी
इसके अलावा हर यूनिट में पैरामेडिकल कर्मियों और चिकित्सा अधिकारियों के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं ताकि वो शुरुआत में ही ऐसे मामलों को चिन्हित कर सकें और इलाज शुरू कर सकें.
लेकिन इन सुरक्षाबलों में पर्याप्त संख्या में मनोरोग विशेषज्ञ मौजूद हैं ही नहीं इस बात पर संदेह है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सीआरपीएफ में सिर्फ तीन, बीएसएफ में चार, एआर में एक, आईटीबीपी में पांच और एसएसबी में सिर्फ एक मनोरोग संबंधी डॉक्टर है.
सीआईएसएफ में ऐसे कितने डॉक्टर हैं यह जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन इस व्यवस्था के बावजूद मनोरोग, तनाव और उसकी वजह से होने वाली घटनाएं लगातार हो रही हैं. मिसाल के तौर पर अर्धसैनिक बलों में आत्महत्या के भी कई मामले सामने आते रहते हैं.
मंत्रालय ने माना कि 2018 से 2022 के बीच, सभी अर्धसैनिक बलों में 658 कर्मियों ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाले जवानों में 230 जवान सीआरपीएफ के, 174 बीएसएफ के, 91 सीआईएसएफ के, 65 एसएसबी के, 51 आईटीबीपी के और 47 एआर के थे.
जैसा कि चेतन सिंह वाले मामले में हुआ अर्धसैनिक बलों में अपने सहयोगियों को भी मार देने के मामलेअक्सर सामने आते हैं. गृह मंत्रालय ने 2022 में इससे संबंधित आंकड़े भी संसद में दिए थे, जिनके मुताबिक 2017 से 2022 के बीच में इस तरह के मामलों में 57 कर्मियों की जान गई. (dw.com)
सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है. मूल फैसले के खिलाफ गांधी की अपील गुजरात की एक सेशंस अदालत में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील बस रोक लगाने तक ही सीमित थी.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक इस मामले में अंतिम फैसला आ जाने तक लगाई है. रोक लगने से बतौर सांसद गांधी को अयोग्य घोषित किये जाने पर भी रोक लग जाएगी. तीन जजों की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाने के पीछे स्पष्ट कारण नहीं दिए हैं.
पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 499 के तहत इस मामले में दो सालों की अधिकतम सजा का प्रावधान है जो निचली अदालत के जज ने सुनाया है. अदालत ने यह भी कहा कि अवमानना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही गांधी को दी गई डांट के अलावा निचली अदालत के जज ने और कोई कारण नहीं दिया है.
राहुल गांधी को सांसद चुनने वालों के अधिकार
पीठ ने स्पष्ट किया कि अधिकतम सजा देने की वजह से ही गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने की नौबत आई और अगर एक दिन कम की भी सजा दी गई होती तो ऐसा ना होता. पीठ ने कहा कि ऐसे में ट्रायल जज को अधिकतम सजा देने का कारण तो कम से कम बताना ही चाहिए था.
पीठ ने आगे कहा कि सिर्फ गांधी ही नहीं बल्कि उनके पूरे निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारों पर असर पड़ा है और ट्रायल जज के कोई कारण ना देने के साथ इस वजह को भी देखते हुए, उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है.
चूंकि अंतिम फैसला अभी नहीं आया है, पीठ ने इस मामले पर आगे और कोई टिप्पणी नहीं की. हां, पीठ ने गांधी से इतना जरूर कहा कि उनके बयान सुरुचिपूर्ण नहीं थे और सार्वजनिक जीवन जी रहे उनके जैसे व्यक्ति को एक सार्वजनिक भाषण देते समय और सावधान रहना चाहिए था.
मूल मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में गांधी द्वारा एक चुनावी सभा के दौरान "सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है" कहने का था. गुजरात में बीजेपी के पूर्व विधायक पुर्नेश मोदी ने इस बयान को लेकर गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दिया था.
दोनों पक्षों की दलीलें
23 मार्च को सूरत की एक स्थानीय अदालत ने मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया था और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. उसके बाद गांधी की लोक सभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में कहा कि इस मामले में खुद शिकायतकर्ता बीजेपी नेता पुर्नेश मोदी का मूल उपनाम 'मोदी' नहीं है, बल्कि उन्होंने अपना उपनाम 'मोढ़ वनिक' से बदल कर 'मोदी' रखा है.
उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत पक्ष के मुताबिक 'मोदी' समुदाय के 13 करोड़ सदस्य हैं लेकिन गांधी की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत सिर्फ कुछ बीजेपी नेताओं ने ही की. उन्होंने कहा कि मोदी उपनाम रखने वाले कुछ लोग मानहानि के कानून के तहत मुकदमा करने के योग्य माने गए समूह नहीं हैं.
सिंघवी ने शिकायतकर्ता द्वारा लाये गए सबूत पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने भाषण खुद सुना भी नहीं था बल्कि उसके बारे में व्हाट्सऐप पर पढ़ा था. इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत को दी जा चुकी है. (dw.com)
वाराणसी, 5 अगस्त। इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाराणसी में एक बार हलचल फिर शुरू हो गई है। शुक्रवार के बाद शनिवार को एक बार फिर एएसआई की टीम सर्वे के लिए पहुंची।
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है।
पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का पता लगाया जाएगा।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वेक्षण आज शुरू हो गया है। सर्वेक्षण का दूसरा दिन है। हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें। हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम चाहते हैं कि मामला जल्द सुलझ जाए।
सर्वे के दौरान मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता भी पहुंच गए हैं। बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे। ज्ञानवापी में सर्वे के दूसरे दिन सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि'एक बार जब ज्ञानवापी की एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी। आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जाएंगे।'
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को एएसआई की टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची थी। पहले दिन का सर्वे पूरा किया। इसी मामले में शुक्रवार को ही मुस्लिम पक्ष को सुप्रीमकोर्ट से बड़ा झटका लगा था। उनकी दलील खारिज कर दी गई। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखा दी। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश मिलने के साथ ही ज्ञानवापी में एएसआई का सर्वे जारी है। (आईएएनएस)।
इंफाल, 5 अगस्त | मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शनिवार को हिंसा की एक ताजा घटना में एक बुजुर्ग और उसके बेटे सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध आतंकवादियों ने क्वाक्टा लमखाई गांव पर धावा बोला और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
हमले में कुछ लोग घायल भी हुए हैं।
अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि उग्रवादियों ने दो ग्रामीणों का भी अपहरण कर लिया है।
हमले के परिणामस्वरूप गांव के शेष निवासी भाग गए।
पुलिस अतिरिक्त बल के साथ इलाकों में पहुंच गई है और शवों को बरामद कर लिया है।
मृतकों की पहचान युमनाम पिशाक मैतेई (67) और उनके बेटे युमनाम प्रेमकुमार मैतेई (39) और एक पड़ोसी युमनाम जितेन मैतेई (46) के रूप में की गई। (आईएएनएस)|
गुवाहाटी, 5 अगस्त । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के तहत कम से कम 91 स्टेशनों को केंद्र सरकार की पहल 'अमृत भारत स्टेशन' योजना के तहत फिर से विकसित किया जाएगा, अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एनएफआर के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 56 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रविवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी जाएगी।
56 स्टेशनों में से 32 असम में, 3 त्रिपुरा में, 16 पश्चिम बंगाल में, 3 बिहार में और एक-एक नागालैंड और मेघालय में हैं।
एनएफआर के एक अधिकारी ने कहा, “एनएफआर के तहत 91 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 5100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें से 1960 करोड़ रुपये का उपयोग इन 56 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए किया जाएगा।”
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है।
इसमें स्टेशन पहुंच, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, लिफ्ट, एस्केलेटर, मुफ्त वाई-फाई, स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क जैसी सुविधाओं में सुधार के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका कार्यान्वयन शामिल है।
अधिकारी ने कहा इसमें “इमारत में सुधार, शहर के दोनों किनारों के साथ स्टेशन को एकीकृत करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टी रहित ट्रैक का प्रावधान, आवश्यकता के अनुसार रूफ प्लाजा, चरणबद्धता और व्यवहार्यता और शहर का निर्माण लंबी अवधि में स्टेशन पर केंद्र भी इस योजना में शामिल हैं। ”
प्रधानमंत्री रविवार को देशभर में 'अमृत भारत योजना' के तहत 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखने वाले हैं। (आईएएनएस)।
गुवाहाटी, 5 अगस्त | धुबरी जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए निरीक्षण के लिए गए असम बिजली विभाग के कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एपीडीसीएल) की टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इसमें एक सब-डिविजनल इंजीनियर समेत तीन कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह घटना धुबरी जिले के गौरीपुर थाना अंतर्गत डुमरदह गांव बालाजान इलाके में घटी।
मंज़ूरुल हक की पहचान उस इंजीनियर के रूप में की गई, जो हमले के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
यह जानने पर कि कुछ ग्रामीण बिजली के खंभों से बिजली चोरी करने के बाद अपने खेतों में पानी देने के लिए पंप सेट का उपयोग कर रहे थे, हक एपीडीसीएल टीम के साथ धुबरी जिले के डुमरदाह क्षेत्र में गए।
बिजली विभाग की टीम द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान चोरी की बिजली से खेतों में पानी भरने के लिए उपयोग किए जा रहे पांच पंप सेट को जब्त कर लिया गया।
जब ऑपरेशन चल रहा था, बदमाशों के एक समूह ने हक और उनकी टीम पर हमला कर दिया। हमले में सब-डिविजनल इंजीनियर के अलावा एपीडीसीएल कर्मचारी मोहिदुल हक और रफीकुल हक भी घायल हो गये।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। उपमंडलीय अभियंता को धुबरी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर किया गया।
इसके बाद हक को गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर है।
इस बीच, धुबरी पुलिस के अनुसार, घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है।
पुलिस ने कहा कि मुख्य संदिग्ध अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
इस बीच, एपीडीसीएल कर्मचारियों ने मुख्य आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर शुक्रवार को धुबरी में प्रदर्शन किया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 5 अगस्त । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए तीन सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि दी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, "आतंकियों के साथ मुठभेड़ में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के हमारे वीर जवानों की अमर शहादत को मैं नमन करता हूं। हमारे जवान अपनी जान की बाजी लगाकर हम सबकी रक्षा करते हैं। पूरे देश को अपने साहसी और पराक्रमी सैनिकों पर गर्व है।"
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के दौरान तीन सैनिक शहीद हो गए।
सेना ने कहा, "कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद, सुरक्षा बलों द्वारा शुक्रवार को अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। तलाशी अभियान जारी है।" (आईएएनएस)।