अंतरराष्ट्रीय
कैनबरा, 6 जुलाई | ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने आम लोगों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन की चौथी डोज को मंजूरी देने के आह्वान को अपना समर्थन दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्बनीज ने हाल ही में कहा था कि यह सवाल है कि कब, अधिक आस्ट्रेलियाई लोगों को चौथी खुराक लेने की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
माना जा रहा है कि टीकाकरण पर विचार करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई तकनीकी सलाहकार समूह (एटीएजीआई) से मुलाकात की जाएगी।
अल्बनीस ने नाइन एंटरटेनमेंट रेडियो को बताया कि उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कोविड-19 के लिए चौथी खुराक और एंटीवायरल उपचार पर विचार करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि एटीएजीआई समेत अधिकारी इसे देख रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि लोग अपनी टीकाकरण जारी रखें।"
लगभग दो-तिहाई पात्र आस्ट्रेलियाई लोगों को तीसरी कोविड-19 वैक्सीन की डोज मिली है।
ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार सुबह 35,000 से अधिक नए कोविड-19 मामले और 30 से अधिक मौतों की सूचना दी। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 6 जुलाई (एपी)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का खुलकर समर्थन करने के लिए पहचाने जाने वाले पाकिस्तानी टेलीविजन के एक प्रतिष्ठित एंकर इमरान रियाज खान को पुलिस ने मंगलवार को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया। उनके सहकर्मियों ने यह जानकारी दी है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने किन आरोपों के तहत इमरान रियाज खान को गिरफ्तार किया है।
टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब कुछ सप्ताह पहले इस्लामाबाद में एक अदालत ने पुलिस को रियाज खान और कई अन्य पत्रकारों को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। उन पर सेना के खिलाफ घृणा पैदा करने के आरोप में शिकायतें दर्ज करायी गयी थीं।
अभी सरकार की ओर से इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
पूर्व प्रधानमंत्री खान ने ट्विटर पर एंकर की गिरफ्तार की निंदा की है।
गौरतलब है कि खान को अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। उन्होंने इसे अमेरिका की साजिश बताया था। हालांकि, अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज किया है।
ऑस्ट्रेलिया में आठ साल की एक लड़की की मौत के सिलसिले में एक धार्मिक समूह के 12 सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया है. आठ वर्षीय एलिज़ाबेथ स्ट्रॉट्स की सात जनवरी को ब्रिसबेन स्थित घर में मौत हो गई थी.
उस बच्ची को टाइप वन डायबिटीज़ थी और आरोप ये है कि क़रीब एक सप्ताह तक उसे इंसुलिन नहीं दी गई. इस साल के शुरू में लड़की के माता-पिता पर हत्या, प्रताड़ना और जीवन की ज़रूरतें उपलब्ध न कराने का आरोप लगा था.
अब पुलिस का कहना है कि इस मामले में वो 12 अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज करेगी. इन 12 लोगों की उम्र 19 से 64 साल के बीच है.
क्वींसलैंड पुलिस ने एक बयान में कहा है कि इस ग्रुप को एलिज़ाबेथ के गिरती स्वास्थ्य के बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं मांगी. पुलिस के मुताबिक़ लड़की के माता पिता जेसन और केरी एक छोटे धार्मिक ग्रुप के सदस्य हैं.
पुलिस ने ये भी आरोप लगाया है कि जब लड़की की हालत काफ़ी ख़राब हो गई थी, उस समय उसके माता-पिता और अन्य लोग प्रार्थना कर रहे थे.
लड़की की मौत के एक दिन बाद अधिकारियों को बुलाया गया. इस मामले की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस तरह का मामला पहले नहीं देखा था. (bbc.com)
सैन फ्रांसिस्को, 5 जुलाई | ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और डिस्कॉर्ड सहित सोशल मीडिया साइटों ने उनअकाउंट को हटाने के लिए तेजी से कदम बढ़ाया है जो अमेरिका में शिकागो उपनगर शूटिंग में रुचि रखने वाले रॉबर्ट क्रिमो थ्री से संबंधित प्रतीत होते हैं। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, एक जोड़ी उपनाम के तहत, क्रिमो ने यूट्यूब पर एक दर्जन से अधिक वीडियो पोस्ट किए और 'एसएस' नामक एक डिस्कॉर्ड चैनल की मेजबानी की, जो एक आमंत्रण लिंक के माध्यम से जनता के लिए खुला था।
क्रिमो का स्पष्ट यूट्यूब खाता लगभग आठ महीनों में पोस्ट नहीं किया गया था, जो कि खाते को बाहर निकालने से पहले वेबसाइट को देखने पर आधारित था।
सबसे हाल के वीडियो में भाषा और इमेजरी से संबंधित शामिल है, जिसमें क्लासरूम और लोगों को शूट किए जाने के स्टिक-आर्ट चित्रण शामिल हैं। एक अन्य क्लिप एक रैप गीत के लिए एक संगीत वीडियो लग रहा था, जो क्रिमो में सुरक्षात्मक गियर पहने और कक्षा में गोलियों को संभालने में समाप्त हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि क्रिमो से जुड़े एक टिकटॉक अकाउंट को भी हटा दिया गया है।
मई में बफेलो, न्यूयॉर्क में सामूहिक शूटिंग के बाद पता चला कि शूटिंग संदिग्ध ने एक निजी डिस्कॉर्ड सर्वर पर अपने हमले की योजना पर चर्चा की थी।
उन्होंने अपने हमले को लाइव स्ट्रीम करने के लिए ट्विच का भी इस्तेमाल किया। दो हफ्ते से भी कम समय में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्यों के लिए बंदूकों पर प्रतिबंध लगाना कठिन होना चाहिए। (आईएएनएस)
शिकागो, 5 जुलाई | अमेरिका के शिकागो में हाईलैंड पार्क में 4 जुलाई को फ्रीडम डे परेड के दौरान गोलियां बरसाए जाने पर 22 वर्षीय युवक को हिरासत में लिया गया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने युवक की पहचान रॉबर्ट ई क्रीमो उर्फ बॉबी के रूप में की। गोलीबारी करने के पीछे का मकसद अभी साफ नहीं हुआ है।
इस गोलीबारी में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि अन्य 24 लोग घायल हो गए।
लेक काउंटी मेजर क्राइम टास्क फोर्स के सार्जेट क्रिस्टोफर कोवेली ने सोमवार देर रात न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि हिरासत में लिए गए युवक ने हाई-पावर राइफल का इस्तेमाल किया है। उसने एक घर की छत से गोलीबारी की थी।
पुलिस ने बताया कि राइफल को घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, परेड सुबह 10.15 बजे शुरू हुई थी। महज 10 मिनट बाद ही गोलीबारी शुरू हो गई। घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद लोगों से तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा।
गोलीबारी की घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, "स्वतंत्रता दिवस पर एक अमेरिकी समुदाय पर फिर से हुई बंदूक हिंसा से हैरान हूं। मैंने हाल ही में बंदूक को लेकर कानून में लगभग 30 वर्षो में पहली बार बंदूक सुधार कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ऐसे कार्य शामिल हैं जो जीवन को बचाएंगे। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है, और मैं बंदूक हिंसा की महामारी से लड़ना नहीं छोड़ूंगा।" (आईएएनएस)
शिकागो, 5 जुलाई। अमेरिका के शिकागो शहर में सोमवार को स्वतंत्रता दिवस परेड के दौरान हुई गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 19 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने खून से लथपथ शव देखे हैं, जिनपर कंबल ढंके हुए हैं और सैंकड़ों लोग जान बचाकर भाग रहे हैं।
'सन-टाइम्स' ने खबर दी है कि परेड सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई, लेकिन गोलीबारी होते ही 10 मिनट बाद इसे रोक दिया गया।
'सन टाइम्स' के संवाददाता ने कहा कि उसने खून में लथपथ कुछ शवों पर कंबल ढंका हुआ देखा है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार पत्र को बताया कि उन्होंने गोलीबारी की आवाज सुनी है।
परेड में जाने वाले सैंकड़ों लोगों में से कुछ खून में लथपथ दिखे। वे अपनी कुर्सियां, बच्चों का सामान और कंबल वहीं छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने कहा है कि वह गोलीबारी का जवाब दे रही है। (एपी)
डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन के एक भीड़ भरे शॉपिंग मॉल में अंधाधुंध गोली चलाने की घटना को पुलिस ने "आतंकवाद की कार्रवाई" नहीं माना है. रविवार को हुई गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हैं.
डेनमार्क की पुलिस के मुताबिक गोली चलाने वाले शख्स ने अकेले ही पूरी घटना को अंजाम दिया और उसकी गोलियों के शिकार हुए लोग अलग-अलग थे. स्कैंडिनेवियाई देशों के सबसे बड़े शॉपिंग सेंटरों में से एक में हुई इस घटना के पीछे के मकसद का पता पुलिस अब तक नहीं लगा सकी है. गोली चलाने वाला शख्स पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने 22 साल के शख्स को एक राइफल और चाकू के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि उसके पास एक और बंदूक भी थी. वह डेनमार्क का ही रहने वाला है.
पुलिस के मुताबिक उसने हथियारों को अवैध तरीके से हासिल किया था और मानसिक स्वास्थ्य सेवा के पास उसकी जानकारी दर्ज है. हालांकि पुलिस ने इस बारे में और ब्योरा नहीं दिया है. गोली के शिकार हुए लोगों में एक लड़का लड़की हैं, जिनकी उम्र 17 साल है. ये दोनों डेनमार्क के ही रहने वाले हैं. 47 साल का एक रूसी आदमी भी इन गोलियों का शिकार बना है. इसके अलावा चार लोग गोली लगने से घायल भी हुए हैं, जिनकी हालत गंभीर लेकिन फिलहाल स्थिर है. कुल मिला कर 30 लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा लोग गोली चलने के कारण मची भगदड़ की चपेट में आये हैं.
इससे पहले यहां इस स्तर की घटना फरवरी 2015 में हुई थी. तब 22 साल का एक शख्स पुलिस की गोलीबारी में मारा गया था. उससे पहले उसने दो लोगों को गोली मार दी थी और गोलीबारी में पांच पुलिस वाले घायल भी हुए थे.
औपचारिक तौर पर आरोप दर्ज नहीं हुए
रविवार की घटना के बाद गिरफ्तार शख्स को सोमवार दोपहर बाद अदालत में पेश किया जायेगा. उस पर शुरुआती रूप से हत्या का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने उस पर अभी औपचारिक रूप से आरोप नहीं लगाये हैं. पुलिस अधिकारी सोरेन थोमैसन का कहना है कि बंदूकधारी की किसी ने मदद की हो, इस बात के अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं. गोली चलाने का मकसद भी अभी पता नहीं चला है.
थोमैसन का कहना है, "हमारी जांच में कुछ नहीं मिला है, ना ही उन दस्तावेजों में या उन चीजों में जिन्हें हमने देखा है. चश्मदीदों के बयानों से जो जानकारी हमें मिली है उनमें भी ऐसा कुछ नहीं है, जिसके आधार पर हम इसे आतंकवाद की कार्रवाई कहें." इससे पहले थोमैसन ने संदिग्ध की "एथनिक डेन" के रूप में पहचान की थी. आमतौर पर इसका मतलब गोरे लोग होता है.
डैनिश ब्रॉडकास्टर टीवी2 ने आरोपी बंदूकधारी की एक धुंधली सी तस्वीर भी जारी की है, जिसमें एक शख्स घुटनों तक की शॉर्ट्स और बिना बाजू वाली शर्ट या फिर बनियान पहलने हुए है. उसके दाहिने हाथ में एक राइफल भी नजर आ रहा है.
रविवार के हमले से एक हफ्ते पहले पड़ोसी देश नॉर्वे में भी गोलीबारी हुई थी, जिसमें पुलिस के मुताबिक ईरानी मूल के एक नॉर्वेजियन आदमी ने समलैंगिकों के एक उत्सव के दौरान गोलीबारी की थी. इसमें दो लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए.
एनआर/एसएम (एपी, रॉयटर्स)
कोपेनहेगन, 4 जुलाई। डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन के मॉल में रविवार को हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
कोपेनहेगन पुलिस निरीक्षक सोरेन थॉमसन ने बताया कि मारे गए तीन लोगों में से एक व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास थी और ‘‘दो अन्य युवा थे।’’
थॉमसन ने पत्रकारों को बताया कि गोलीबारी करने वाले संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पहचान डेनमार्क के 22 वर्षीय नागरिक के तौर पर हुई है। हमले में किसी अन्य के शामिल होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रही है।
डेनमार्क में बंदूक हिंसाए दुर्लभ ही देखी जाती हैं।
थॉमसन ने बताया कि अभी गोलीबारी करने की वजह पता नहीं चल पाई है।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘‘हमला समझ से परे...हृदयविदारक है। हमारी सुंदर और आमतौर पर लोगों के लिए हमेशा सुरक्षित रही राजधानी में हालात कुछ ही सेकंड में बदल गए।’’
घटनास्थल से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें लोग मॉल से भागते हुए बाहर निकलते नजर आ रहे हैं। डेनमार्क के प्रसारक ‘टीवी2’ ने एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक व्यक्ति ‘स्ट्रेचर’ पर नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग शोर मचाते हुए बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे और कुछ लोग दुकानों के भीतर भी छिप गए थे। (एपी)
नयी दिल्ली, 3 जुलाई संसद का 18 जुलाई से शुरू होने वाला मानसून सत्र सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के लिये काफी महत्वपूर्ण रहेगा, जिस दौरान राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे, सरकार महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है, वहीं विपक्ष अग्निपथ योजना, बेरोजगारी व मंहगाई, जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘ संसद का मानसून सत्र काफी महत्वपूर्ण है। इस अवधि में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव भी होने हैं। यह मानसून का समय है, ऐसे में कृषि, बरसात के महत्वपूर्ण विषय भी रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कई विधेयक भी संसद में पेश किये जायेंगे जिनमें चार विधेयक ऐसे हैं जो संसदीय समितियों के समक्ष विचारार्थ हैं और इन्हें पेश किया जा सकता है।
विपक्ष द्वारा सरकार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर घेरने की तैयारी के बारे में एक सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के साथ चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के तहत हर विषय पर चर्चा को तैयार है।
वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने कहा, ‘‘आसन्न मानसून सत्र में जिन मुद्दों को उठाना है, उनके बारे में अगले कुछ दिनों के भीतर पार्टी के रणनीतिक समूह की बैठक में फैसला होगा, लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको उठाना तय है। इनमें महंगाई, बेरोजगारी, ‘अग्निपथ’ योजना और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के विषय प्रमुख हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान से देश का जो माहौल खराब हुआ है, वह विषय भी इस सत्र में उठेगा। हम जनहित के मुद्दों पर इस सरकार को आक्रामक ढंग से घेरेंगे।’’
सुरेश ने सरकार पर चर्चा से भागने और सदन को जानबूझकर नहीं चलने देने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘हम इस बार उम्मीद करते हैं कि सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने और विपक्ष की बातों को सुनने के लिए तैयार होगी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सदन चलाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सरकार की होती है और इस सरकार ने अब तक इस जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभाया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी पार्टी संसद के आगामी सत्र के दौरान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर चर्चा कराने की मांग करेगी।
आरएसपी के सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा लोक कल्याण से जुड़े विषयों पर भी सरकार से सवाल पूछे जायेंगे।
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। संसद का यह सत्र खास रहने वाला है क्योंकि 18 जुलाई को ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा। उपराष्ट्रपति पद के लिए यदि निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतों की गणना भी होगी।
संसद में अभी भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, बाल विवाह रोकथाम संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक और जैव विविधता संशोधन विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं। सत्र के दौरान संसदीय समितियां महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने ट्वीट में कहा था कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें 18 बैठकें होगी। (भाषा)
हार्टफोर्ड (अमेरिका), 3 जुलाई। अमेरिका में किसी अश्वेत महिला को पहली बार कनेक्टिकट का मुख्य लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है।
ताशुन बोडेन-लुइस ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर अपना काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि वह राज्य की आपराधिक न्याय प्रणाली में अल्पसंख्यक मुवक्किलों में और अधिक भरोसे की भावना पैदा करने की उम्मीद करती हैं।
उन्होंने ‘द हार्टफोर्ड कोरेंट’ को बताया, ‘‘मैं चाहती हूं कि हमारे ग्राहक और हमारे परिवार यह समझें कि हम मुश्किल वक्त में उनके साथ हैं। हम उनका समर्थन करते हैं।’’
बोडेन-लुइस को मई के अंत में लोक रक्षक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किया गया था। यह प्रभाग आपराधिक, बाल संरक्षण, अपराध रक्षा और परिवार सहायता के सालाना 1,00,000 से अधिक मामलों में मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करता है।
बोडेन-लुइस ने कहा कि वह इस पद को संभालने वाली पहली अश्वेत महिला होने के महत्व को समझती हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रतिनिधित्व मायने रखता है’’।
बोडेन-लुइस नॉरवॉक में पली-बढ़ी हैं और उन्होंने क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। लोक अभियोजक सेवा के कनेक्टिकट प्रभाग में शामिल होने से पहले उन्होंने न्यू हेवन में एक अस्थायी सहायक विधि लिपिक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। (एपी)
ऑस्टिन (अमेरिका), 3 जुलाई। अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े राज्य टेक्सास में क्लिनिक्स गर्भपात सेवाएं बंद कर रहे हैं।
वह यह कदम तब उठा रहे हैं जब टेक्सास सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार देर रात निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि क्लीनिक्स गर्भपात करना जारी रख सकते हैं।
शुक्रवार रात को आए इस आदेश से ह्यूस्टन के एक न्यायाधीश के तीन दिन पुराने उस आदेश पर रोक लग गयी है जिसमें कहा गया था कि क्लिनिक्स छह हफ्ते तक की गर्भवती महिला का गर्भपात कर सकते हैं।
‘व्होल वुमैन्स हेल्थ’ की अध्यक्ष एमी हैगस्ट्रोम मिलर ने कहा कि इस फैसले ने टेक्सास के चार क्लिनिक्स में गर्भपात पर रोक लगाने पर विवश कर दिया है और वहां काम कर रहे कर्मी गर्भपात ऑपरेशंस को बंद कर रहे हैं और उन महिलाओं को काफी परेशानियां हो रही हैं जिन्हें ऑपरेशन के लिए समय दे दिया गया था लेकिन अब रद्द कर दिया गया है। (एपी)
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 3 जुलाई। अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी में शनिवार सुबह एक अपार्टमेंट की 29वीं मंजिल से गिर जाने से तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे के गिरने की सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जहां उसने घायल बच्चे को तीसरी मंजिल के मचान पर पड़ा पाया। बच्चे को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने एक प्रवक्ता ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘हमें लगता है कि बच्चा खिड़की से गिरा, लेकिन ऐसा हुआ कैसे, इस बात की जांच की जा रही है।’’
प्रवक्ता ने बताया कि बच्चे की मौत की ‘‘सक्रिय रूप से जांच’’ की जा रही है और पुलिस बच्चे के गिरने के समय अपार्टमेंट में मौजूद दो लोगों से बात कर रही है। (एपी)
कीव, 3 जुलाई। रूस के सैन्य बलों ने पूर्वी लुहांस्क प्रांत में यूक्रेन के बचे आखिरी गढ़ लिसिचांस्क शहर और उसके आसपास के इलाकों पर कब्जा करने के लिए गोलाबारी तेज कर दी है। लुहांस्क प्रांत के गवर्नर ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यूक्रेन के लड़ाके हफ्तों से इस शहर को रूसी कब्जे में जाने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि पड़ोसी सिविएरोदोनेत्स्क क्षेत्र लगभग एक हफ्ते पहले ही रूस के कब्जे में जा चुका है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके सैन्य बलों ने हाल के दिनों में लिसिचांस्क के बाहरी इलाके स्थित तेलशोधन कारखाने पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई ने शुक्रवार को दावा किया कि लड़ाई जारी है। हैदई ने ‘टेलीग्राम’ मैसेज ऐप के जरिये बयान में कहा, ‘‘पिछले दिन से हमलावर सेना चारों ओर से और उपलब्ध सभी हथियारों से गोलाबारी कर रही है।’’
रूस समर्थक अलगाववादियों का लुहांस्क और दोनेत्स्क के बड़े हिस्से पर वर्ष 2014 से ही कब्जा है और मॉस्को ने दोनों क्षेत्र को संप्रभु गणराज्यों के तौर पर मान्यता दी है।
सीरिया की सरकार ने भी बुधवार को कहा था कि वह इन दो इलाकों को ‘‘स्वतंत्र और संप्रभु’’ क्षेत्र के तौर पर मान्यता देगी और राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए कार्य करेगी।
इस बीच, रूस के सहयोगी देश बेलारूस के नेता ने दावा किया है कि यूक्रेन ने कुछ दिन पहले उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल दागे थे लेकिन वायु रक्षा प्रणाली से उन्हें नष्ट कर दिया। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने इसे उकसावे की घटना करार दिया और कहा कि बेलारूस का कोई भी सैनिक यूक्रेन में जंग में हिस्सा नहीं ले रहा। बेलारूस के बयान पर यूक्रेन की सेना की अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है। (एपी)
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, दो जुलाई। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अयाज आमिर पर शुक्रवार रात लाहौर में नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया और उनके कपड़े भी फाड़ दिए। यह घटना तब हुई है जब एक दिन पहले उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य जनरलों को ‘‘प्रोपर्टी डीलर’’ बताया था।
आमिर (73) ‘दुनिया न्यूज’ पर अपने टीवी कार्यक्रम के प्रसारण के बाद घर लौट रहे थे तभी अज्ञात लोगों ने उन्हें रोका। उन्होंने दावा किया कि उन्हें कार से बाहर खींचा गया और उनसे मारपीट की गयी। हमलावरों ने उनके चालक से भी मारपीट की।
आमिर के चेहरे पर खरोंचे आयी हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि नकाबपोश बदमाशों ने न केवल ‘‘उन पर हमला किया और उनके कपड़े फाड़े, बल्कि वे उनका मोबाइल फोन और पर्स भी ले गए। भीड़भाड़ वाली सड़क पर लोगों के इकट्ठा होने के बाद वे (हमलावर) भाग गए।’’
सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में पत्रकार को एक कार में बैठे हुए देखा जा सकता है और उनकी कमीज भी फटी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है और मेरा किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ। जिन्होंने भी मुझ पर हमला किया, उन्होंने मेरी उम्र का भी ख्याल नहीं रखा। मेरा कसूर बस इतना था कि मैंने सच बोला और मैं सच बोलता रहूंगा।’’
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को ‘सत्ता परिवर्तन और पाकिस्तान पर उसका प्रभाव’ विषय पर इस्लामाबाद में एक संगोष्ठी में आमिर ने शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान पर पाकिस्तान की राजनीति में उसकी भूमिका को लेकर निशाना साधा था। संगोष्ठी में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए थे।
उन्होंने सैन्य जनरलों को ‘‘प्रोपर्टी डीलर’’ बताया था और मोहम्मद अली जिन्ना एवं आलम इकबाल की तस्वीरें हटाकर उनकी जगह ‘‘प्रोपर्टी डीलर्स’’ की तस्वीरें लगाने का सुझाव दिया था।
आमिर के भाषण के कुछ अंश सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गए थे।
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आमिर पर हमले की निंदा की और पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज ने वरिष्ठ पत्रकार पर हमले को लेकर पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘‘मैं लाहौर में वरिष्ठ पत्रकार अयाज आमिर के खिलाफ हिंसा की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं।’’
पत्रकारों, वकील संघों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस हमले की निंदा की है। (भाषा)
तेहरान, 2 जुलाई। दक्षिणी ईरान में शनिवार को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कारण पांच लोगों की मौत हो गई और 44 अन्य लोग घायल हो गए।
सरकारी टेलीविजन चैनल ने बताया कि भूकंप का केंद्र राजधानी से करीब 1,000 किलोमीटर दक्षिण में स्थित सायेह खोश गांव में था। गांव के पास बचाव दल तैनात किए गए हैं। होरमोजगान प्रांत के इस गांव में करीब 300 लोग रहते हैं।
इलाके में तड़के भी भूकंप बाद के झटके महसूस किए गए, जिससे कई इमारतें और बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए।
चैनल ने बताया कि भूकंप कई पड़ोसी देशों में भी महसूस किया गया।
इस इलाके में हालिया सप्ताह में भूकंप के कई मामूली झटके आ चुके हैं। इससे पहले नवंबर में 6.4 और 6.3 तीव्रता के भूकंप के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
ईरान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। ऐतिहासिक शहर बाम में 2003 में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 26,000 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 2017 में पश्चिमी ईरान में आए 7 तीव्रता के भूकंप में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 9,000 से अधिक घायल हो गए थे। (एपी)
लंदन, एक जुलाई। ब्रिटेन की सरकार शराब पीने की एक घटना के सिलसिले में अपने उप मुख्य सचेतक के इस्तीफा देने के बाद एक और शराब कांड का सामना कर रही है। इस बीच, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से शुक्रवार को उक्त सांसद को कंजरवेटिव पार्टी से निष्कासित करने की मांग की गई।
क्रिस पिंचर, जिनकी भूमिका संसद में टोरी सदस्यों के बीच अनुशासन बनाये रखने की है, ने बृहस्पतिवार को जॉनसन को अपना त्याग पत्र सौंपा।
उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘मैंने बुधवार रात काफी शराब पी थी। मैंने खुद को और अन्य लोगों को शर्मिंदा किया तथा इसके लिए आपसे और संबद्ध लोगों से माफी मांगता हूं।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि वह कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बने रहेंगे और संसद में जॉनसन का समर्थन जारी रखेंगे।
जॉनसन ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने आवास के बाहर पत्रकारों के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या वह पिंचर को पार्टी से निलंबित करेंगे।
पिंचर के उप मुख्य सचेतक पद से इस्तीफे ने पार्टी की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
उल्लेखनीय है कि जॉनसन को पिछले महीने एक अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था, जो कोविड-19 के कारण लगाये गये लॉकडाउन के दौरान सरकारी इमारतों में आयोजन करने की जांच से संबद्ध था। इसके अलावा, हाउस ऑफ कॉमंस में मोबाइल फोन में अश्लील वीडियो देखने को लेकर कंजरवेटिव पार्टी के एक सांसद को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
हालिया उपचुनावों में टोरियों के दो सीट पर हारने के बाद कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष ओलिवर डावडेन ने पिछले हफ्ते पद से इस्तीफा दे दिया।
ब्रिटिश समाचार पत्र द सन की खबर में कहा गया है कि पिंचर ने लंदन में स्थित एक क्लब में दो बुधवार रात दो व्यक्तियों को जबरन छुआ था।
लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि उसे कार्यक्रम के दौरान कोई हमला होने की अभी तक सूचना नहीं मिली है।
यह दूसरा मौका है जब पिंचर (52) ने सरकार के सचेतक की जिम्मेदारी छोड़ी है। नवंबर 2017 में उन्होंने एक शिकायत के बाद ‘जूनियर व्हिप’ (कनिष्ठ सचेतक) पद से इस्तीफा दे दिया था।
लेबर पार्टी की उप नेता एंजेला रेयनर ने कहा, ‘‘यह नया प्रकरण यह प्रदर्शित करता है कि बोरिस जॉनसन के शासन के तहत सार्वजनिक जीवन में कितना पतन हो गया है।’’ (एपी)
कीव, 1 जुलाई। यूक्रेन के बंदरगाह शहर ओदेसा के समीप एक तटीय शहर में शुक्रवार तड़के रिहायशी इमारतों पर रूस के मिसाइल हमलों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गयी। प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब रूसी सेना काला सागर के एक प्रमुख द्वीप स्नेक आइलैंड से बृहस्पतिवार को पीछे हट गयी।
हमले के वीडियो में ओदेसा के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित छोटे से शहर सेरहिव्का में इमारतों का मलबा देखा गया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि रूस बमवर्षक विमानों द्वारा छोड़ी गयी तीन एक्स-22 मिसाइल एक इमारत और दो शिविरों पर गिरी।
यू्क्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रे यरमाक ने कहा, ‘‘एक आतंकवादी देश हमारे लोगों की हत्या कर रहा है। युद्ध क्षेत्र में हार के जवाब में वे नागरिकों से लड़ रहे हैं।’’
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने कहा कि दो बच्चों समेत 19 लोगों की मौत हो गयी है। छह बच्चों और एक गर्भवती महिला समेत 38 अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हैं। ज्यादातर पीड़ित रिहायशी इमारत के रहने वाले हैं।
हमले से एक दिन पहले रूसी सेना स्नेक आइलैंड से पीछे हट गयी, जिससे यूक्रेन के अहम बंदरगाह शहर ओदेसा पर खतरा कम हो गया है। हालांकि, रूसी सैनिक पूर्वी लुहान्स्क प्रांत को घेरने की कोशिशों में जुटे हैं।
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) ने स्नेक आइलैंड से सेना की वापसी को “सद्भावना संकेत” करार दिया। वहीं, यूक्रेन की सेना ने कहा कि यूक्रेन के तोपखाने और मिसाइल हमलों के बाद रूसी दो स्पीडबोट में द्वीप से भाग गए। सैनिकों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।
पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिक लुहांस्क में यूक्रेनी सेना के प्रतिरोध के आखिरी गढ़ लुहांस्क को घेरने की कोशिशों में जुटे हैं, जो डोनबास क्षेत्र के तहत आने वाले दो प्रांतों में से एक है।
लुहांस्क के गवर्नर सेरही हेदई ने कहा कि रूस लिसिचांस्क शहर को घेरने की कोशिश कर रहा है और शहर की एक पुरानी तेल रिफाइनरी पर कब्जा करने के लिए लड़ रहा है। उन्होंने बताया कि शहर में भीषण बमबारी हो रही है।
हालांकि, रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस और लुहांस्क अलगाववादी बलों ने रिफाइनरी के साथ ही लिसिचांस्क में एक खदान और एक जिलेटिन फैक्टरी पर ‘‘पिछले तीन दिनों में’’ कब्जा कर लिया है।
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में रूस के कई हमलों में पूर्वी यूक्रेन में भी नागरिक मारे गए हैं। (एपी)
इस्तांबुल, एक जुलाई। तुर्की में मीडिया पर नजर रखने वाले निकाय (मीडिया वॉचडॉग) ने अमेरिका के सार्वजनिक सेवा प्रसारक ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले की तुर्की भाषा में सेवाओं पर अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि इस पाबंदी की आलोचना हो रही है। (एपी)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगर महिला होते तो यूक्रेन पर हमला नहीं करते. ब्रिटिश पीएम ने युद्ध को घातक मर्दानगी की सबसे माकूल मिसाल बताया था.
जी-7 समिट में गए ब्रिटिश पीएम ने जर्मन मीडिया ने पूछा कि रूसी राष्ट्रपति का पुरुष होना भी क्या टकराव के लिए ज़िम्मेदार है. इस सवाल के जवाब में बोरिस जॉनसन ने जेडीएफ़ प्रसारक से कहा था, ''अगर पुतिन महिला होते तो मुझे नहीं लगता है कि वह इस तरह का पागलपन करते. ज़ाहिर है कि पुतिन महिला नहीं हैं. पुतिन की माचो छवि युद्ध और हिंसा में मददगार बनती है. अगर आप घातक मर्दानगी की कोई मिसाल देखना चाहते हैं तो वह यूक्रेन पर हमला है.''
ब्रिटिश पीएम की इस टिप्पणी पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब देते हुए गुरुवार को कहा, ''ब्रिटेन ने जब फॉकलैंड द्वीप में सैन्य कार्रवाई की थी तो वहाँ की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर थीं. फॉकलैंड पर ब्रिटेन की सैन्य कार्रवाई साम्राज्यवाद प्रवृत्ति की ही निशानी थी. ब्रिटेन अब भी उपनिवेशवादी मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाया है.''
दरअसल, पुतिन कहना चाह रहे हैं कि मार्गरेट थैचर महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने ही फॉकलैंड में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया था.
फॉकलैंड किसका
फॉकलैंड या मअविनस द्वीप दक्षिण-पश्चिम अटलांटिक महासागर में स्थित है. ब्रिटेन के लोग इसे फॉकलैंड द्वीप कहते हैं जबकि अर्जेंटीना के लोगो मअविनस द्वीप.
यह एक ऐसा द्वीप है, जिस पर अब भी ब्रिटेन का नियंत्रण है. ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच इसकी संप्रभुता को लेकर विवाद है.
इस द्वीप पर नियंत्रण को लेकर 1982 में ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच युद्ध हो चुका है. अर्जेंटीना के दावे को ब्रिटेन की सेना ख़ारिज करती रही है. अर्जेंटीन का कहना है कि उसका इस द्वीप अधिकार है क्योंकि यह 1800 के दशक में स्पेनिश साम्राज्य का हिस्सा था. इसके अलावा अर्जेंटीना लातिन अमेरिकी मेनलैंड से नज़दीकी का हवाला देकर भी अपना दावा करता है.
वहीं ब्रिटेन लंबे समय से अपने प्रशासन और वहाँ के नागरिकों के ब्रिटिश होने का तर्क देता है. इस द्वीप में तेज़ हवा चलती है और पेड़ न के बराबर है. पूर्वी और पश्चिमी फॉकलैंड दो अहम द्वीप हैं. इसके अलावा सैकड़ों छोटे-छोटे द्वीप हैं. यह द्वीप स्वायत्त है लेकिन यहाँ के विदेशी मामलों और रक्षा से जुड़े मामलों को ब्रिटेन देखता है. इस द्वीप में कोई दलीय राजनीति नहीं है. एक जनवरी 2009 को एक नया संविधान लागू हुआ था, जिसमें कार्यकारी परिषद को और अधिकार दिए गए थे. (bbc.com)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है. इमरान ख़ान सामने कुर्सी पर बैठे हुए हैं और मंच से एक पूर्व सांसद और पूर्व सैन्य अधिकारी अयाज़ आमिर उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं. इमरान ख़ान मुस्कुरा रहे हैं और कई बार उस आलोचना से सहमति भी जता रहे हैं.
ये वीडियो इस्लामाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक सेमिनार का है.
अयाज़ आमिर इमरान ख़ान के सामने कह रहे हैं, "जो खिलवाड़ पाकिस्तान में हो चुका है, ख़ान साहब उसमें आपका भी ख़ास योगदान है."
इस पर इमरान ख़ान मुस्कान देते नज़र आ रहे हैं.
अयाज़ आमिर ने कहा, "हमें बताया गया था, ऐसा कप्तान है...क्रिकेट टीम में ये कर दिया...आपने तो देश को प्रॉपर्टी डीलरों के हवाले कर दिया था. ये जो आपने यहाँ पर फ़ोटो लगाई हैं, अलामा इक़बाल और क़ायद-ए-आज़म की इसके बदले दो प्रॉपर्टी डीलरों की तस्वीरें लगा दें तो बेहतर होता."
इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद तीन साल के लिए और बढ़ा दिया था.
इस पर इमरान ख़ान के सामने तंज़ करते हुए अयाज़ आमिर ने कहा, ''ये एक्सटेंशन का शौक जो है, ये आपमें कहाँ से पैदा हुआ? हम किसी फैन्स क्लब के मेंबर नहीं हैं. जवानी में हुआ करते थे लेकिन अब नहीं हैं. हम तो समझ रहे थे कि जब आप आएंगे तो कम से कम इतना तो करेंगे तो तीन साल कार्यकाल तीन साल का ही रहेगा. कहा गया कि उनके साथ आपके अच्छे रिश्ते हैं. सरकार को स्टैंड लेना चाहिए था और कोर्ट में जवाब देना चाहिए था.''
अयाज़ आमीर ने कहा, ''जनाबे आला आपने कार्यकाल बढ़ाने को क़ानून बना दिया है. अब कोई आएगा तो छह साल से कम नहीं रहेगा. जिस तरीक़े से आपने प्रॉपर्टी डिलरों को प्रोत्साहित किया है, उससे पाकिस्तान की ज़मीन ख़त्म हो जाएगी लेकिन मुनाफ़ा कमाने वालों का पेट नहीं भरेगा. आपको ठोस बातें करनी चाहिए. हवाओं में बात करना बंद करें.''
पाकिस्तान में इसी साल विश्वास मत हासिल न कर पाने की वजह से इमरान ख़ान की सरकार गिर गई थी. इसके बाद पीएमएल-एन नेता और अन्य पार्टियों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और शहबाज़ शरीफ़ पीएम बने.
इमरान ख़ान की पीएम की कुर्सी जाने के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा की नाराज़गी को मुख्य कारण माना जाता है. अब इमरान ख़ान भी सेना को निशाने पर लेते रहते हैं. (bbc.com)
वैश्विक और स्थानीय स्तर पर सऊदी अरब का प्रभाव बढ़ाने के उद्देश्य से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रिसर्च-डिवेलपमेंट और इनोवेशन के क्षेत्र के लिए नई प्राथमिकताओं की घोषणा की है.
सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए ने इसकी जानकारी दी है.
दो दशक के लिए तय इन प्राथमिकताओं को विज़न 2030 के अनुरूप बनाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा और उद्योग क्षेत्र में देश को सबसे आगे ले जाना और भविष्य में उभरने वाली अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करना शामिल हैं.
इन लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए अनुसंधान, विकास और इनोवेशन सेक्टर का पुनर्गठन किया गया है और साथ में क्राउन प्रिंस की अगुआई में एक उच्च समिति भी बनाई गई है. ये समिति लक्ष्यों की निगरानी और बजट आवंटन के अलावा इससे जुड़े कानून और मानकों को भी तय करेगी.
एसपीए ने बताया कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में हज़ारों की संख्या में रोज़गार के मौक़े मिलने की उम्मीद है.
अपने बड़े ऊर्जा भंडार का इस्तेमाल कर के सऊदी अरब दुनिया भर में अपनी पैठ को आगे भी बनाए रखना चाहता है. इसके लिए वो सौर और पवन सहित वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की नई तकनीकों पर भी काम करने का इच्छुक है.
डिज़िटल हेल्थकेयर को बढ़ावा देने और दुनियाभर में नई-नई फ़ार्मासूटिकल टेक्नॉलजी देने के अलावा सऊदी अरब के सामने पानी की कमी और खाद्य सुरक्षा में सुधार भी बड़ी चुनौती है. (bbc.com)
वाशिंगटन, 1 जुलाई। अमेरिका में केतनजी ब्राउन जैक्सन ने उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही वह देश की शीर्ष अदालत में पहली अश्वेत महिला न्यायाधीश भी बन गईं।
51 वर्षीय जैक्सन अदालत की 116वीं न्यायधीश हैं और उन्होंने बृहस्पतिवार को उस न्यायाधीश की जगह ली, जिसके लिए उन्होंने कभी काम किया था। न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर आज सेवानिवृत्त हुए।
कुछ देर बाद जैक्सन ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए आवश्यक दो शपथ लीं, एक ब्रेयर द्वारा दिलाई गई जबकि दूसरी मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स द्वारा दिलाई गई।
अदालत द्वारा जारी एक बयान में जैक्सन ने कहा, ‘‘पूरे दिल से, मैं अमेरिका के संविधान का समर्थन करने और रक्षा करने तथा बिना किसी डर या पक्षपात के न्याय करने की गंभीर जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं, इसलिए ईश्वर मेरी मदद करें। मैं अपने सभी नए सहयोगियों को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए तहे दिल से धन्यवाद देती हूं।’’
रॉबर्ट्स ने जैक्सन का ‘‘अदालत में का स्वागत किया।’’ समारोह का अदालत की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया गया।
जैक्सन, 2013 से एक संघीय न्यायाधीश थीं। वह तीन अन्य महिला न्यायाधीशों में शामिल होंगी जिनमें सोनिया सोतोमेयर, एलीना कगन और एमी कोनी बैरेट शामिल हैं। पहली बार चार महिलाएं नौ सदस्यीय अदालत में एकसाथ काम करेंगी। (एपी)
-उमरदराज़ नांगियाना
पंजाब के लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को अब लगभग एक महीना बीत चुका है.
इसके बाद से पाकिस्तान में रहने वाले उनके प्रशंसक मूसेवाला को याद करते हुए उनकी तस्वीर इस्तेमाल करते रहे हैं.
लेकिन अब पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में भी उनकी तस्वीर इस्तेमाल होती दिख रही है.
पाकिस्तानी पंजाब के एक उपचुनाव में इमरान ख़ान की पार्टी के उम्मीदवार ज़ैन क़ुरैशी के साथ मूसेवाला की तस्वीर नज़र आई है.
ज़ैन क़ुरैशी मुल्तान क्षेत्र के पीपी 217 से चुनाव लड़ रहे हैं. और उनकी चुनावी होर्डिंग पर मूसेवाला तस्वीर सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गयी है.
पोस्टर पर उन्हें समर्थन देने वाले उनके दल के कुछ पदाधिकारियों के नाम और उनकी तस्वीरें भी हैं और सिद्धू मूसेवाला के एक लोकप्रिय गाने '295' का उल्लेख मूसेवाला की तस्वीर के साथ किया गया है.
ज़ैन क़ुरैशी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और 'पीटीआई' के उपाध्यक्ष शाह महमूद क़ुरैशी के बेटे हैं.
वह पिछले आम चुनाव में मुल्तान से चुनकर राष्ट्रीय असेंबली पहुंचे थे.
लेकिन हाल ही में सरकार गंवाने के बाद उनके दल ने राष्ट्रीय असेंबली से इस्तीफ़ा देने का फैसला किया था.
सिद्धू मूसेवाला और उनके गाने ख़ास तौर पर युवाओं में बहुत लोकप्रिय हैं. सोशल मीडिया ही पर उनके कई गाने लाखों बार देखे जा चुके हैं. उनके प्रशंसकों की एक बहुत बड़ी संख्या पाकिस्तान के पंजाब में भी है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उनकी मौत के बाद भी उनकी यही लोकप्रियता 'पीटीआई' के उम्मीदवार ज़ैन क़ुरैशी के पोस्टर पर उनकी तस्वीर लगाने का कारण बनी है?
बीबीसी से बात करते हुए ज़ैन क़ुरैशी का कहना है कि उन्हें इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं है. ज़ैन इन दिनों मुल्तान में राजनैतिक मुहिम में व्यस्त हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दोस्तों की ओर से उन्हें सोशल मीडिया पर घूम रहे पोस्टर की तस्वीरें भेजी गयी हैं.
किसने लगाई मूसेवाला की फ़ोटो
हालांकि, उन्हें यह नहीं पता कि सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर उनके पोस्टर पर कैसे आयी और किसने छपवाई है.
'लेकिन जिसने भी यह तस्वीर छपवायी है, मैं उसका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा क्योंकि उसकी वजह से वह पोस्टर जितना वायरल हुआ है, हमारा कोई पोस्टर उतना वायरल नहीं हुआ है.'
ज़ैन क़ुरैशी का कहना था कि वे पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाले पोस्टर किसने छपवाये और कहां पर लगाये गये और छपवाने वाले का इसके पीछे क्या मक़सद था. लेकिन उनके विचार में ऐसा उनके दल के किसी दोस्त ने उनके समर्थन में किया होगा.
चुनाव क्षेत्र पीपी 217 से 'पीटीआई' के उम्मीदवार ज़ैन क़ुरैशी का कहना था कि सिद्धू मूसेवाला की मौत से पहले वे उनके बारे में अधिक नहीं जानते थे. उनकी मौत के बाद उन्हें जानकारी मिली थी कि एक लोकप्रिय गायक होने के बाद सिद्धू राजनीति में भी औपचारिक तौर पर शामिल हुए थे.
'सिद्धू युवाओं में विशेष तौर पर बहुत लोकप्रिय थे और बहुत से लोग उनके गानों को पसंद करते थे और शायद इस लोकप्रियता के बाद राजनीति में आना ही उनकी मौत का कारण बनी हो.'
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाले पोस्टर की तस्वीर लगायी तो इस पर विभिन्न पहलुओं से बहस होने लगी.
एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि 'सन 2108 के चुनावों में ज़ैन क़ुरैशी ने अपने बैनर्स पर आईएसआई के पूर्व डीजी फ़ैज़ हमीद और आर्मी चीफ क़मर जावेद बाजवा की तस्वीरें छपवायी थीं और इस बार सिद्धू मूसेवाला की. यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा वैचारिक परिवर्तन होगा.'
याद रहे कि सिद्धू मूसेवाला के अधिकतर गानों और ख़ास तौर पर '295' का विषय भारतीय प्रशासन का विरोधी रहा है.
हालांकि, एक अन्य यूजर जव्वाद ख़्वाजा ने इस तुलना पर उन्हें जवाब देते हुए लिखा है कि 'अगर मैं सही समझ रहा हूँ तो आपके विचार में वो यानी ज़ैन क़ुरैशी अपने क्षेत्र में सभी पोस्टर खुद डिज़ायन करते या उनकी अनुमति देते हैं'?
एक और यूजर मुर्तज़ा नक़वी ने लिखा कि 'मैं इसी कारण उन्हें यानी ज़ैन क़ुरैशी को वोट दूंगा' जबकि ज़रयाब ने सवाल उठाया कि 'सिद्धू दक्षिण पंजाब में?'
बीबीसी से बात करते हुए ज़ैन क़ुरैशी का कहना था कि उन्होंने इस तरह के किसी पोस्टर के छापने के बारे में किसी को कोई निर्देश नहीं दिया और न ही उनकी जानकारी में यह बात थी कि ऐसा कोई पोस्टर छपा है.'
'लेकिन मुझे यह पोस्टर और इस पर सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर देखकर बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा. चुनावी मुहिम के दिनों में नकारात्मक प्रचार नाम की कोई बात नहीं होती. जिस भी माध्यम से आपका प्रचार हो आपको लाभ होता है.'
ज़ैन क़ुरैशी का कहना था कि उनके राजनैतिक विरोधियों ने उनके इस पोस्टर को राजनैतिक मुहिम में उनके विरुद्ध इस्तेमाल करने की कोशिश की है लेकिन उनके विचार में उन्हें इस तस्वीर के वायरल होने से अधिक सकारात्मक प्रशंसा मिली है. (bbc.com)
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाहयान ने विदेशियों से शादी करने वाली देश की महिलाओं के लिए अहम घोषणा की है.
यूएई ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में यूएई मूल की महिलाओं के बच्चों को भी देश के अन्य नागरिकों के समान सुविधाएँ देने वाले प्रस्ताव को पारित कर दिया है.
विदेशियों से शादी करने पर यूएई में महिलाओं और पुरुषों के अलग-अलग अधिकारों को लेकर लंबे समय से आलोचना होती रही है.
उप प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मामलों के मंत्री अब इस प्रस्ताव के नियमों को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे.
यूएई की सरकारी न्यूज़ एजेंसी डब्लूएएम पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति अल-नाहयान ने कहा है कि राष्ट्रपति मामलों के मंत्रालय को सभी प्रावधान लागू करने के लिए ज़रूरी सहायता मुहैया करानी होगी.
यूएई के राष्ट्रपति का ये फ़ैसला पिछले काफ़ी समय से महिला नागरिकों के परिवार को भी समान अधिकार मुहैया कराने की कोशिशों के तहत ही लिया गया है. (bbc.com)
मनीला, 30 जून | दिवंगत नेता फर्डिनेंड मार्कोस के बेटे फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने गुरुवार को मनीला के नेशनल म्यूजियम में फिलीपींस के 17वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। मार्कोस जूनियर ने रोड्रिगो दुतेर्ते का स्थान लिया, जिन्होंने अपना छह साल का कार्यकाल पूरा किया।
फिलीपीन संविधान में राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल का होता है।
शपथ समारोह के लिए राजधानी में 15,000 से अधिक पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों, राजनयिकों और तीन पूर्व राष्ट्रपति फिदेल रामोस, जोसेफ एस्ट्राडा और ग्लोरिया मैकापगल अरोयो ने हिस्सा लिया।
शपथ ग्रहण से पहले, निवर्तमान नेता रोड्रिगो दुतेर्ते ने मलकानांग राष्ट्रपति भवन में मार्कोस की अगवानी की।
मार्कोस जूनियर ने मई में राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंद्वी मारिया लियोनोर रोब्रेडो पर 60 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल की थी।
मार्कोस प्रशासन से लोगों को उम्मीद है कि अब फिलीपींस की कई समस्याओं का समाधान होगा। जैसे- बेरोजगारी, महंगाई दर, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए एक उच्च ऋण-सेवा अनुपात, गैस और तेल की बढ़ती कीमतें आदि का निवारण किया जाएगा।
पिछले हफ्ते, मार्कोस ने कहा कि वह पद ग्रहण करने के बाद अस्थायी रूप से कृषि सचिव के रूप में काम करेंगे, क्योंकि देश में खाद्य आपूर्ति की समस्या काफी गंभीर है।
मार्कोस ने गरीबी रेखा को कम करने का भी वादा किया था। सरकारी आंकड़ों की मानें तो, देश की लगभग 110 मिलियन आबादी में से 23.7 प्रतिशत की लोग गरीबी में रहते हैं। (आईएएनएस)