अंतरराष्ट्रीय
रूस, 21 फरवरी । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध के साल भर पूरा होने के अवसर पर अपने देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं.
मॉस्को के गोस्टिनी डावर हॉल में हो रहे उनके संबोधन को सुनने के लिए कई मंत्री और अधिकारी मौजूद हैं. इस अवसर पर रूसी संसद के कई सदस्य भी मौजूद हैं.
व्लादिमीर पुतिन ने अपना संबोधन जैसे ही शुरू किया वैसे ही लोग उनके सम्मान में खड़े हो गए.
क्या कहा पुतिन ने-
यह वक़्त उनके देश के लिए जटिल और चुनौतीपूर्ण है. और इस दौरान यह दुनिया तेज़ी से बदल रही है.
ऐतिहासिक घटनाएं उनके देश का भविष्य तय करेंगी और हम सभी बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी से बंधे हैं.
यूक्रेन पर रूस का हमला ‘स्पेशल ऑपरेशन’ है. रूस लगातार नाज़ी ख़तरों से जूझ रहा था.
यूक्रेन की सरकार भी रूस के प्रति घृणा और ख़तरे को लगातार बढ़ावा दे रही थी.
यूक्रेन इंतज़ार कर रहा था कि रूस आए और उसकी मदद करे.
रूस ने डोनबास क्षेत्र में चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की.
शांति बहाल करने के लिए पश्चिमी देशों का कमिटमेंट कुछ और नहीं बल्कि ‘धोखा’ और ‘बहुत बड़ा झूठ’ है.
यूक्रेन जैविक और परमाणु हथियार इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था. हम इस समस्या का शांतिपूर्ण हल निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इस मुश्किल संघर्ष को ख़त्म करने के लिए हम शांतिपूर्ण तरीक़ा खोज रहे हैं, लेकिन हमारे पीठ पीछे बहुत अलग माहौल बना दिया गया है.
यूक्रेन और डोनबास का इलाका पूरे झूठ का प्रतीक बन चुका है.
पश्चिमी देश और यूक्रेन इस अभियान के लिए ज़िम्मेदार हैं.
वे चाहते हैं कि पूर्व की ओर सीधा आक्रमण करके प्रतिस्पर्द्धा ख़त्म कर दी जाए.
पश्चिमी देश चाहते हैं कि स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदल दिया जाए.
पश्चिमी देश मूलभूत समझौते से पीछे हट गए और उन्होंने पाखंडपूर्ण बयान दिया.
वे नेटो गठबंधन का विस्तार करने में लगे रहे. (bbc.com/hindi)
पीएनजी, 21 फरवरी । पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) में एक हथियारबंद समूह द्वारा बंधक बनाए गए एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर और तीन स्थानीय शोधकर्ताओं को बचाने के लिए एक मिशन चल रहा है.
पुलिस प्रमुख डेविड मैनिंग ने कहा कि इन्हें मुक्त कराने के लिए सेना जो भी ज़रूरी होगा वो करेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ग्रुप जब पापुआ न्यू गिनी के दूर-दराज़ इलाक़े में स्टडी टूर के लिए गया था, तब बंदूकधारियों ने इन्हें बंधक बना लिया.
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि शोधकर्ताओं और प्रोफ़ेसर को छोड़ने के लिए फिरौती मांगी गई है.
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने बताया है कि बंधकों ने पहले एक बड़े समूह को बंधक बनाया था पर बाद में स्थानीय गाइड्स को छोड़ दिया गया.
बंदी बने रहने वाले चार लोग प्रोफेसर, एक ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के एक पुरातत्वविद् और तीन विश्वविद्यालय के छात्र हैं.
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने कहा है कि अधिकारी अपहरणकर्ताओं से संपर्क में हैं और उम्मीद है कि बंधकों को जल्द सुरक्षित रिहा करा लिया जाएगा.
हालांकि अभी ये पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि बंधकों की संख्या कितनी है. पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का कहना है कि ये संख्या चार से पांच हो सकती है.
पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने बताया कि अधिकारियों और अपहरणकर्ताओं की बातचीत जारी है और सेना-पुलिस तैयार हैं. लेकिन हम सबसे पहले ये चाहते हैं कि अपराधी बंधकों को रिहा करें.'' (bbc.com/hindi)
मेक्सिको सिटी, 21 फरवरी मेक्सिको के पुएबला राज्य में एक बस दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार कम से कम 17 प्रवासियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुएबला के गृह सचिव जूलियो हुएर्ता के अनुसार सभी मृतक प्रवासी थे। इनमें वेनेजुएला, कोलंबिया और मध्य अमेरिका के प्रवासी शामिल हैं।
हुएर्ता ने कहा कि दुर्घटना रविवार को दक्षिणी राज्य ओक्साका से आने वाले एक राजमार्ग पर हुई। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रवासी अपर्याप्त दस्तावेजों के साथ यात्रा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 45 में से 15 यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दो ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनकी हालत गंभीर है। आठ अन्य को भी चोट आई हैं। सभी प्रवासी वयस्क थे। (एपी)
जर्मनी में विदेश नीति सरकार प्रमुख का जिम्मा है. चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में विदेश मंत्री ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक हैं. वे चाहती हैं कि विदेश नीति उनके मंत्रालय में तय हो और वे इसके लिए अहम बदलाव ला रही हैं.
डॉयचे वैले पर महेश झा की रिपोर्ट-
ग्रीन पार्टी को शांतिवादी पार्टी माना जाता रहा है. अब तक उसका नारा था हथियारों के बिना शांति. अब ग्रीन पार्टी के नेता शांति के लिए यूक्रेन को हथियारों से लैस करने की बहस में सबसे आगे हैं. इसने खुद चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और उनकी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है. वे और उनकी पार्टी यूक्रेन को हथियार देने में लगातार हिचकिचाहट दिखा रहे हैं. विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक और उनकी ग्रीन पार्टी की ओर से दबाव सिर्फ विदेश नीति और रक्षा नीति में ही नहीं है. बेयरबॉक विदेश नीति पर ग्रीन पार्टी का मुलम्मा चढ़ाना चाहती हैं और वे उसमें कामयाब भी हो रही हैं.
बेयरबॉक ने शुरू से ही विदेश नीति को नारीवादी बनाने पर जोर दिया है. अब जर्मन समाचार पत्रिका डेय श्पीगेल ने खबर दी है कि बेयरबॉक नारीवादी विदेश नीति के लिए अलग से एक राजदूत नियुक्त करना चाहती हैं. समाचार पत्रिका के अनुसार उसके पास 41 पेज का एक मसौदा मौजूद है जो नारीवादी विदेश नीति के बारे में है. इसमें बारह शीर्षकों में नारीवादी विदेश नीति की व्याख्या की गई है. इनमें से छह विदेशों में स्थित जर्मन दूतावासों की कार्यप्रणाली से संबंधित हैं और बाकी छह विदेशनैतिक कार्रवाइयों से. इसे विदेश मंत्रालय के कामकाज का दिशानिर्देश समझा जा रहा है.
क्या है नारीवादी विदेश नीति
मसौदे के अनुसार नारीवादी विदेश नीति का मकसद उन लोगों का समर्थन करना है जो अपनी सेक्सुअल पहचान, मूल, धर्म, उम्र, विकलांगता, सेक्सुअल ओरिएंटेशन या दूसरे कारणों से समाज के हाशिए पर धकेल दिए गए हैं. मसौदे में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप से विकसित हुई सत्ता संरचना को तोड़ा जाना चाहिए. जर्मन विदेश मंत्रालय अपने इन कदमों के जरिये न सिर्फ लैंगिक समानता को प्रोत्साहन दे रहा है बल्कि समाज में समतामूलक संरचनाएं विकसित करने में सहयोग देगा.
विदेशमंत्री बेयरबॉक ने अपनी विदेश यात्राओं पर महिलाओं और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों से जुड़े प्रोजेक्टों को देखना शुरू किया है. पिछली दिसंबर में जब वे भारत के दौरे पर गई थीं तो विदेशमंत्री एस. जयशंकर और अन्य राजनेताओं से मिलने के अलावा उन्होंने राजधानी के पास स्थित खोरी गांव में जर्मन संस्थाओं की मदद से काम करने वाले गैरसरकारी संगठनों का काम देखा जो ऊर्जा क्षेत्र के टिकाऊ विकास के अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
विशेष राजदूत की जिम्मेदारी
नारीवादी विदेश नीति की विशेष राजदूत इस मुद्दे को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए जिम्मेदार होंगी. किसी खास विषय से संबंधित राजदूत संयुक्त सचिव या उससे ऊंचे स्तर का अधिकारी होता है. मसौदे के अनुसार वह नारीवादी विदेश नीति के निर्देशों को बेहतर बनाने और उसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा. इसमें विदेश मंत्रालय के अधिकारियों में जेंडर के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और सांस्कृतिक बदलाव लाना शामिल होगा.
मंत्रालय के अंदर लैंगिक समानता के मुद्दे पर अधिकारियों को संवेदन बनाने के लिए अधिकारियों की ट्रेनिंग में नारीवादी विदेश नीति के मुद्दे को शामिल किया जाएगा. दुनिया भर में प्रोजेक्टों के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता भी लैंगिक समानता के मूल्यों पर आधारित होगी. दिशानिर्देश के मसौदे में कहा गया है कि भविष्य में आर्थिक संसाधनों का बंटवारा नारीवादी विदेश नीति के आधार पर होगा.
नारीवाद और विदेश नीति
जर्मनी में नारीवादी विदेश नीति के मुद्दे पर सक्रिय काम करने वालों में एक्टिविस्ट क्रिस्टीना लुंस भी शामिल है. 1989 में जन्मी 34 वर्षीया लुंस जर्मन विदेश मंत्रालय की सलाहकार रही हैं और एक्टिविस्ट के तौर पर उन्होंने नारीवादी विदेश नीति को प्रोत्साहन देने के लिए सेंटर फॉर फेमिनिस्ट फॉरेन पॉलिसी की स्थापना की है. फोर्ब्स ने उन्हें यूरोप में 30 के नीचे 30 प्रमुख लोगों में जगह दी थी जबकि फोकस मैगजीन में 2020 की 100 प्रमुख महिलाओं की सूची में रखा था. (dw.com)
एसिड हमले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं लेकिन दुनिया के दूसरे कोनों में भी उनके बारे में पता चला है. मेक्सिको में 2022 में 100 से भी ज्यादा महिलाओं पर नुकसानदेह केमिकलों से हमला किया गया था.
मारिया एलेना रियोस के मन में अपने सैक्सोफोन को लेकर परस्पर विरोधी भाव आते हैं. कभी वो उसे उन्हें मौत के कगार पर ले जाने का दोषी मानती थीं लेकिन उसी सैक्सोफोन ने उन्हें बचाया भी है.
29 साल की रियोस को लगता था कि उनके एक संगीतज्ञ होने और अपने सैक्सोफोन के प्रति प्रेम की वजह से उनके पूर्व बॉयफ्रेंड ने उनके ऊपर एसिड फिंकवाया था. उस समय उनका बॉयफ्रेंड एक प्रभावशाली राजनेता था और उसने इस काम के लिए कुछ लोगों को पैसे दिए थे.
रियोस को बाद में पता चला कि वो व्यक्ति इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि उन्होंने दोनों के रिश्ते तो तोड़ दिया है. वो व्यक्ति और उसके भेजे गए हमलावरों में से कुछ अब जेल में हैं, लेकिन रियोस को अभी भी अपने सैक्सोफोन का सामना करना बाकी था.
दूसरों की मदद
और आज उसी सैक्सोफोन के प्रति उनका प्यार उस भयानक हमले के मनोवैज्ञानिक घावों को भरने में मदद कर रहा है. "हमारा फिर से मेल हो रहा है, धीरे धीरे. मैं उससे नफरत करती थी, क्योंकि मुझे लगता था कि वो (हमले के लिए) जिम्मेदार था."
रियोस पर हमला मेक्सिको के दक्षिणी राज्य ओकाका में 2019 में हुआ था. अब तो वो इतनी संभल चुकी हैं कि उन्होंने लाइव प्रदर्शन भी किया है लेकिन वो अभी भी अपने चेहरे के निचले हिस्से को छिपाने के लिए एक मास्क पहनती हैं.
वो कहती हैं, "मेरे हमलावर को इस बात से बहुत परेशानी थी कि मैं एक संगीतज्ञ थी, क्योंकि वो कहता था कि हम संगीतकार आवारा थे, गरीब थे, ड्रग्स लेते थे और जब मैं कॉन्सर्टों में जाती थी तो वहां मैं सामूहिक भोग विलास में शामिल होती थी."
हमले का आदेश देने वाला पूर्व राजनेता जेल में है. हमले में शामिल दो और लोग जेल में हैं लेकिन एक व्यक्ति अभी भी जेल से बाहर है. इस बीच रियोस एक ऐसी पहल के साथ जुड़ गई हैं जिसके तहत एसिड हमलों के लिए ज्यादा बड़ी सजा की मांग की जा रही है. वो कहती हैं कि उन पीड़ितों की तरफ से इस लड़ाई में उनका सैक्सोफोन ही उनकी तलवार है.
मेक्सिको सिटी के जन प्रतिनिधियों ने एक विधेयक का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत एसिड हमलों को फेमिसाइड की कोशिश के बराबर एक अलग, गंभीर जुर्म का दर्जा दिया जाएगा. इस नए विधेयक का नाम रियोस के घर के नाम पर 'मलेना' रखा है. मौजूदा कानून में एसिड हमलों को आम हमला या शरीर पर चोट का दर्जा दिया जाता है.
सिर्फ एशिया तक सीमित नहीं
एसिड हमले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं लेकिन दुनिया के दूसरे कोनों में भी उनके बारे में पता चला है, जिनमें लैटिन अमेरिका भी शामिल है.
मेक्सिको में इस समस्या को रेखांकित करने के लिए 2021 में शुरू किए गए कार्मेन सांचेज फाउंडेशन के मुताबिक 2022 के सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि उस साल 100 से भी ज्यादा महिलाओं पर किसी न किसी तरह के नुकसानदेह केमिकलों से हमला किया गया था.
शिकायत सिर्फ 28 मामलों में की गई थी. रियोस को हमले के बाद पांच महीने अस्पताल में बिताने पड़े थे और उन्हें देख कर उनके माता-पिता की आंखों में जो दुख उतर आया था उन्हें वो आज भी याद है.
हमले के बाद से वो मेक्सिको सिटी में रहती हैं और संगीत की शिक्षा लेती हैं. केंद्र सरकार ने उनके लिए अंगरक्षक नियुक्त किए हैं क्योंकि उनका हमलावार हुआन मानुएल वेरा कारिजाल अमीर और प्रभावशाली था. रियोस कहती हैं कि उन्हें और उनके परिवार को आज भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और उन्हें निरंतर अपनी जान की परवाह लगी रहती है.
हुआन मानुएल ने खुद को निर्दोष बताया है और उसके वकीलों ने कहा है कि वो इस हमले में शामिल नहीं थे. उसे जेल भी हुई और फिर उसकी पार्टी ने उन्हें निकाल भी दिया, लेकिन रियोस कहती हैं कि वो आज भी प्रभावशाली है.
रियोस ने अब संगीत में शरण ले ली है. वो कहती हैं, "मैं जब अपने सैक्सोफोन को अस्सेम्ब्ल करना शुरू करती हूं तब मुझे ऐसा लगता है कि मैं खुद ही को फिर से सहेज रही हूं." पिछले साल हमले के बाद पहली बार उन्हें स्टेज पर प्रदर्शन करने का निमंत्रण मिला. वो कहती हैं वहां प्रदर्शन कर उन्हें "जीवंत" अहसास हुआ.
सीके/एए (एपी)
रूस, 21 फरवरी । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश के नाम संबोधन कर सकते हैं.
माना जा रहा है कि पुतिन यूक्रेन में चल रहे रूसी ऑपरेशन के बारे में बोल सकते हैं.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक साल पूरे हो रहे हैं. एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइ़डन ने यूक्रेन का अचानक दौरा किया था.
पुतिन अपने संबोधन में क्या कह सकते हैं, इस बारे में रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जानकारी दी थी.
माना जा रहा है कि यूक्रेन में रूस के सैन्य ऑपरेशन की ताज़ा स्थिति क्या है, इस बारे में पुतिन बता सकते हैं.
साथ ही पुतिन रूस के विकास और अंतरराष्ट्रीय स्थिति के बारे में भी बोल सकते हैं.
इससे पहले पुतिन ने नए साल के मौक़े पर दिए जाने वाले सालाना संबोधन में रूसी लोगों से बात की थी.
पुतिन ने इस संबोधन में रूस को हीरो और पश्चिमी देशों को विलेन की तरह पेश किया था.
पुतिन भारतीय समयानुसार दोपहर ढाई बजे देश को संबोधित कर सकते हैं. (bbc.com/hindi)
हवाना, 21 फरवरी| क्यूबा के दमकलकर्मी देश के पूर्वी प्रांत होल्गुइन के जंगल में दूसरी बार बड़े पैमाने पर लगी आग को बुझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्यूबा समाचार एजेंसी ने सोमवार को सूचना दी, आग ने पिनारेस डी मयारी के पहाड़ी क्षेत्र में व्यवधान पैदा कर दिया है, जिससे आग विवेरो 2, प्यूब्लो नुएवो और ला मेन्सुरा के ग्रामीण शहरों में फैलने का खतरा है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है।
साल की शुरूआत में, मयारी के पूर्वी नगरपालिका में एल प्राडो के पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 1,000 हेक्टेयर जंगल में आग लग गई थी।
क्यूबा के अधिकारियों के अनुसार, पिनार डेल रियो, आर्टेमिसा, होल्गुइन और कैमागी प्रांत और आइल ऑफ यूथ पिछले महीने आग से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
क्यूबा के मौसम विज्ञान संस्थान ने कहा कि, कैरेबियाई राष्ट्र देश के 62 प्रतिशत को प्रभावित करने वाले लंबे सूखे का सामना कर रहा है। (आईएएनएस)
बांग्लादेश, 21 फरवरी । बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के अख़बार पर रोक लगा दी गई है.
अख़बार सोमवार से छपना बंद हो चुका है.
ये अख़बार बांग्लादेश की शेख़ हसीना सरकार के फ़ैसले के चलते बंद हुआ है.
अख़बार के बंद होने से एक बार फिर दक्षिण एशिया में प्रेस की आज़ादी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के 'आलोचनाओं को दबाने की कोशिशों' पर अमेरिका समेत कई देश और एक्टिविस्ट चिंता जता चुके हैं.
'द दैनिक दिनकाल' बंगाली में छपने वाला अख़बार है, जो तीन दशकों से ज़्यादा वक़्त से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की आवाज़ रहा है.
अख़बार में सैकड़ों लोग काम करते थे.
अख़बार में ऐसी ख़बरें रहती थीं जो सरकार समर्थक अख़बार या मीडिया कवर नहीं करते थे.
कुछ वक़्त पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया था.
पार्टी का कहना है कि उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ हज़ारों फ़ेक केस दर्ज किए गए हैं.
द दैनिक दिनकाल का कहना है कि ढाका प्रशासन ने 26 दिसंबर को अख़बार बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन अख़बार का छपना जारी था. ऐसा प्रेस काउंसिल की अपील के चलते संभव हो पाया था.
अख़बार के मैनेजिंग एडिटर शमसुर रहमान शिमुल बिस्वास ने बताया कि रविवार को काउंसिल ने हमारी अपील को ख़ारिज कर दिया है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक, अखबार को बंद करने के आदेश में लिखा गया है कि द दैनिक दिनकाल ने देश के प्रिंटिंग और प्रकाशन से संबंधित क़ानूनों का उल्लंघन किया था.
बिस्वास ने कहा कि अख़बार बंद करना अभिव्यक्ति की आज़ादी और आलोचकों की आवाज़ को दबाने की सरकार की कोशिशों का हिस्सा है.
2022 प्रेस फ़्रीडम इंडेक्स में बांग्लादेश 162वें नंबर पर था. (bbc.com/hindi)
जापान, 21 फरवरी । जापान में सहमति की उम्र 13 से बढ़ाकर 16 हो सकती है.
जापान के न्याय मंत्रालय से जुड़े एक पैनल ने इस बारे में प्रस्ताव पेश किया है.
ये क़दम जापान में यौन अपराधों पर रोक लगाने के मक़सद के तौर पर देखा जा रहा है.
2019 में रेप के कई दोषियों को उम्र के कारण बरी कर दिया गया था जिसका काफ़ी विरोध हुआ था.
प्रस्ताव में रेप की परिभाषा को विस्तार देने और नाबालिग़ों के मामले में बेहतर नियम लाने की बात कही गई है.
रेप के मामले रिपोर्ट करने के लिए तय सीमा को भी 10 से बढ़ाकर 15 साल कर दिया जाएगा.
फ़िलहाल विकसित देशों में सहमति की उम्र सबसे कम जापान में ही है.
जर्मनी और इटली में ये उम्र 14 साल है. ग्रीस और फ़्रांस में ये उम्र 15 है.
अमेरिका और ब्रिटेन में ये उम्र 16 साल है.
जापान के मौजूदा क़ानून में रेप पीड़ित या पीड़िता को ये साबित करना होता है कि उसके साथ रेप के दौरान हिंसा हुई थी. इसे साबित किए बिना रेप के मामलों में सज़ा देना असंभव था. (bbc.com/hindi)
औगाडौगौ, 21 फरवरी| उत्तरी बुर्किना फासो के साहेल क्षेत्र में ताजा हमले में कम से कम 51 सैनिक मारे गए, तलाशी अभियान जारी रहने के दौरान सैनिकों के और शव मिले हैं। सेना की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले शुक्रवार को औदलान प्रांत में देउ और ओरसी के बीच एक सैन्य इकाई को निशाना बनाकर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत, तीन घायल होने और कई सैनिकों के लापता होने का प्रारंभिक अनुमान था। इसी सूत्र ने सोमवार शाम को यह भी कहा कि हवाई जवाबी कार्रवाई के दौरान करीब 60 आतंकवादी मारे गए।
सेना ने एक नए बयान में कहा कि, सोमवार के अंत तक 43 और शव मिले हैं, जिससे अस्थाई तौर पर मरने वालों की संख्या 51 हो गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नए बयान में कहा गया है कि सौ आतंकवादियों के उपकरण नष्ट कर दिए गए हैं।
बुर्किना फासो 2015 से असुरक्षा से पीड़ित है, जिसमें कई लोग मारे गए और हजारों अन्य विस्थापित हुए। (आईएएनएस)
बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के अख़बार पर रोक लगा दी गई है.
अख़बार सोमवार से छपना बंद हो चुका है.
ये अख़बार बांग्लादेश की शेख़ हसीना सरकार के फ़ैसले के चलते बंद हुआ है.
अख़बार के बंद होने से एक बार फिर दक्षिण एशिया में प्रेस की आज़ादी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के 'आलोचनाओं को दबाने की कोशिशों' पर अमेरिका समेत कई देश और एक्टिविस्ट चिंता जता चुके हैं.
'द दैनिक दिनकाल' बंगाली में छपने वाला अख़बार है, जो तीन दशकों से ज़्यादा वक़्त से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की आवाज़ रहा है.
अख़बार में सैकड़ों लोग काम करते थे.
अख़बार में ऐसी ख़बरें रहती थीं जो सरकार समर्थक अख़बार या मीडिया कवर नहीं करते थे.
कुछ वक़्त पहले बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया था.
पार्टी का कहना है कि उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ हज़ारों फ़ेक केस दर्ज किए गए हैं.
द दैनिक दिनकाल का कहना है कि ढाका प्रशासन ने 26 दिसंबर को अख़बार बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन अख़बार का छपना जारी था. ऐसा प्रेस काउंसिल की अपील के चलते संभव हो पाया था.
अख़बार के मैनेजिंग एडिटर शमसुर रहमान शिमुल बिस्वास ने बताया कि रविवार को काउंसिल ने हमारी अपील को ख़ारिज कर दिया है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक, अखबार को बंद करने के आदेश में लिखा गया है कि द दैनिक दिनकाल ने देश के प्रिंटिंग और प्रकाशन से संबंधित क़ानूनों का उल्लंघन किया था.
बिस्वास ने कहा कि अख़बार बंद करना अभिव्यक्ति की आज़ादी और आलोचकों की आवाज़ को दबाने की सरकार की कोशिशों का हिस्सा है.
2022 प्रेस फ़्रीडम इंडेक्स में बांग्लादेश 162वें नंबर पर था. (bbc.com/hindi)
खंडवा (मप्र), 20 फरवरी। मध्यप्रदेश के खंडवा से पांच साल पहले लापता हुआ मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति भारत लौट आया है। वह अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया, जिसे जेल में बंद कर दिया गया और उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया । एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी ।
अपर जिलाधिकारी शंकरलाल सिंघाड़े ने बताया कि खंडवा जिले के पुनासा तहसील अंतर्गत ग्राम इंधावड़ी निवासी राजू पिंडारे किसी तरह पाकिस्तान पहुंच गया था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अब उसे छोड़ दिया है।
सिंघाड़े ने बताया कि हमने चार सदस्यीय एक दल बनाया है जिसमें पुलिस के साथ ही स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। इस दल को राजू को लेने के लिये अमृतसर भेजा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिंडारे को भारत को सौंपे जाने की सूचना हमें अमृतसर की रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से मिली थी। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।’’ रेड क्रॉस सोसाइटी अमृतसर के प्रोजेक्ट मैनेजर सुभाष शर्मा ने कहा कि पिंडारे को पाकिस्तानी अधिकारियों ने 14 फरवरी को वाघा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रिहा किया था और सोमवार को खंडवा पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
खंडवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि वह व्यक्ति की वापसी के संबंध में पुलिस मुख्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं।
इसी बीच, पिंडारे की मां बसंता ने बताया कि पिंडारे मानसिक रूप से अस्वस्थ था और उसे लापता होने के छह महीने बाद 2019 में कुछ स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से पाकिस्तान में उसकी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली थी।
उन्होंने कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से कमजोर है और वह इधर-उधर घूमता रहता था। वह पाकिस्तान कैसे पहुंच गया, उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता।
बसंता ने कहा, ‘‘मेरे बेटे पर जासूस होने का झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है। जो दो रोटी कमाकर नहीं खा सकता वह जासूसी क्या खाक करेगा?’’ (भाषा)
'न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक पोलैंड के बॉर्डर पर बहुत गोपनीय तरीके से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को ट्रेन से यूक्रेन पहुंचाया गया.
पोलैंड से अचानक यूक्रेन की राजधानी कीएव पहुंचे बाइडन की यात्रा को सुरक्षा कारणों से बहुत गोपनीय रखा गया था. अब बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति बाइडन यूक्रेन से निकल चुके हैं.
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि शनिवार को बाइडन ने अपनी पत्नी जिल के साथ एक रेस्तरां में डिनर किया और उसके बाद ख़ामोशी से वॉशिंगटन से रवाना हो गए थे.
हालांकि इससे पहले अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया था कि पहले से निर्धारित पूर्वी यूरोप के दौरे में बाइडन यूक्रेन भी जाएंगे.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है, "रविवार रात को व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति का जो कार्यक्रम जारी किया था, उसके मुताबिक सोमवार को राष्ट्रपति को वॉशिंगटन में ही होना था और शाम को वे वॉरसा रवाना होना था, जबकि उस समय तक वे अपनी आधी यात्रा पूरी कर चुके थे."
साल भर पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा है. इससे पहले, बाइडन पोलैंड के राष्ट्रपति एंद्रेज दुदा से मिलने गए थे.
बाइडन ने क्या कहा?
जो बाइडन ने यूक्रेन के नागरिकों की तारीफ़ करते हुए कहा कि बिना सैन्य ट्रेनिंग के अनुभव के उन्होंने बहुत शानदार तरीके से लड़ाई लड़ी.
उन्होंने कहा, "एक बार फिर यूक्रेन के लोगों, आम और कड़ी मेहनत करने वाले नागरिकों की सराहना करता हूं, जिन्हें कभी सैन्य ट्रेनिंग नहीं मिली, लेकिन जिस तरह उन्होंने आगे आकर मुकाबला किया वो किसी नायकत्व से कम नहीं और पूरी दुनिया उनके बारे में ऐसा ही सोचती है."
एक टीवी प्रसारण में बाइडन और ज़ेलेंस्की ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि "लोकतांत्रिक दुनिया" को इस "साहसिक लड़ाई" को जीतना ही होगा.
बाइडन ने कहा कि यूक्रेन को अमेरिका का समर्थन मिलता रहेगा.
ज़ेलेंस्की ने कहा, "ये दौरा अमेरिकी-यूक्रेन संबंधों के पूरे इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है. ये दिखाता है कि हम पहले ही क्या कुछ हासिल कर चुके हैं. आज हमारे बीच बातचीत काफ़ी सार्थक रही है."
उन्होंने कहा कि इस दौरे का असर निश्चित तौर पर युद्ध के मैदान में दिखेगा.
जनवरी की शुरुआत में ही अमेरिका ने यूक्रेन को अब्राम्स टैंक देने का फैसला किया था, जो अब यूक्रेन की रक्षापंक्ति में अपना योगदान दे रहा है.
जे़लेंस्की ने कहा कि बाइडन के साथ लंबी दूरी के हथियारों पर भी बात हुई है, "मुझे पता है कि यूक्रेन को एक महत्वपूर्ण सपोर्ट पैकेज मिलेगा और ये संकेत है कि रूसी अक्रामकता के लिए अब कोई मौका नहीं है."
उन्होंन बाइडन से कहा, "मिस्टर प्रेसीडेंट, आपके प्रति यूक्रेन आभारी है."
अमेरिका से हथियारों की नई खेप में महत्वपूर्ण रडार सिस्टम
क्रिस पैट्रिज, बीबीसी न्यूज़ वीपन एनॉलिस्ट
अमेरिका ने बार बार कहा है कि जबतक ज़रूरत रहेगी वो यूक्रेन की हथियारों से मदद करता रहेगा. सोमवार को जो बाइडन कीएव पहुंचे तो उन्होंने इसी बात को दुहाराया.
हालांकि व्हाइट हाउस के बयान में बिना विस्तार में गए कहा गया है कि आर्टिलरी और गोला बारूद दिए जाएंगे और रूस की ओर से संभावित नए ज़मीनी हमले को देखते हुए एंटी आर्मर सिस्टम भी दिए जाएंगे.
रूसी लडाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइलों और अन्य हवाई हमलों के ख़िलाफ़ रक्षा के लिए बहुत ज़रूरी सर्विलांस रडार भी अमेरिका यूक्रेन को देगा.
किसी भी हवाई हमले की स्थिति में ये रडार पहले ही यूक्रेनी सेना को चेतावनी दे देंगे.
हालांकि पश्चिमी लड़ाकू विमान देने के बारे में इस दौरे में भी कोई बात नहीं हुई है. शायद उसकी वजह ये है कि राष्ट्रपति बाइडन पहले ही यूक्रेन में अमेरिका के एफ़-16 लड़ाकू विमान भेजे जाने की संभावना से इनकार कर चुके हैं क्योंकि इससे परिस्थिति और जटिल हो जाएगी.
अभी तक अमेरिका ने यूक्रेन को 30 अरब डॉलर की मदद मुहैया कराई है और ऐसा लगता है कि ये सिलसिला जल्द नहीं ख़त्म होने वाला है.
इसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान में कहा गया, "कीएव की मेरी यात्रा यूक्रेन के लोकतंत्र, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति हमारी अटूट और अटल प्रतिबद्धता की एक बार फिर पुष्टि करते हैं."
बयान के अनुसार, "लगभग एक साल पहले पुतिन ने हमला करते हुए सोचा था का यूक्रेन कमज़ोर है और यूरोप बंटा हुआ. उन्होंने सोचा था कि वो हमें थका देंगे. लेकिन वो बिल्कुल ग़लत थे."
बाइडन के पहुंचने के कुछ देर बाद ही यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम अकाउंट में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हाथ मिलाते हुए तस्वीर पोस्ट की थी.
ज़ेलेंस्की ने लिखा, "जो बाइडन, कीएव में आपका स्वागत है. आपकी यात्रा सभी यूक्रेनी नागरिकों के लिए समर्थन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण संकेत है." (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 20 फरवरी । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन की राजधानी कीएव पहुंचे हैं.
साल भर पहले रूस के आक्रमण के बाद से उनकी ये यूक्रेन की पहली यात्रा है,
इससे पहले, बाइडेन पोलैंड के राष्ट्रपति एंद्रेज दुदा से मिलने गए थे. लेकिन वहां से वह अचानक कीएव पहुंच गए.
यूक्रेन की राजधानी कीएव में सुबह से यह अंदाजा लग रहा था कि कोई अहम मेहमान आने वाला है.
यूक्रेन की नेता लिसिया वेसिलेन्को ने बताया कि ये मेहमान बाइडेन हैं (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 20 फरवरी । यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कुछ मिनट पहले ही अपने आधिकारिक टेलीग्राम खाते में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की है.
ज़ेलेंस्की ने लिखा, "जो बाइडेन, कीएव में आपका स्वागत है. आपकी यात्रा सभी यूक्रेनियन के लिए समर्थन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण संकेत है," वे कहते हैं। (bbc.com/hindi)
टोरंटो, 20 फरवरी | भारतीय-कनाडाई राजिंदर पाल सिंह ने कनाडा के रास्ते प्रवासियों को अमेरिका ले जाने वाले एक मानव तस्करी गिरोह के समन्वय के लिए 500,000 डॉलर से अधिक प्राप्त करने की बात स्वीकार की है। उसे इस मामले में दोषी ठहराया गया है। मीडिया ने यह जानकारी दी। सिंह को पिछले साल मई में वाशिंगटन राज्य में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीसी न्यूज के मुताबिक, सिएटल में वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ वाशिंगटन के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक याचिका समझौते की सुनवाई के दौरान, सिंह को लाभ के लिए प्रवासियों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग करने की साजिश के लिए दोषी ठहराया गया।
उसकी सजा पर फैसला 9 मई को आएगा।
पिछले साल अक्टूबर में, द फिफ्थ एस्टेट ने बताया कि जनवरी 2022 में कनाडा-अमेरिका सीमा पर एक पटेल परिवार की ठंड से हुई दुखद मौत की जांच में सिंह निशाने पर आया।
19 जनवरी, 2022 को पटेल परिवार के सदस्यों के शव बरामद हुए थे। जिसमें तीन वर्षीय धार्मिक पटेल, उनकी 11 वर्षीय बहन विहंगी पटेल, उनकी 37 वर्षीय मां वैशाली पटेल और उनके 39 वर्षीय पिता जगदीश पटेल शामिल थे। इनके शव विन्निपेग से लगभग 100 किमी दक्षिण में एमर्सन के पूर्व में एक बर्फ से ढके मैदान में पाए गए थे।
द फिफ्थ एस्टेट के अनुसार, अमेरिकी जांचकर्ताओं के पास प्रवासियों को ले जाने के बारे में सिंह को लेकर जानकारी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, बातचीत जनवरी 2022 में हुई थी, लगभग उसी समय पटेल परिवार को ग्रेटर टोरंटो एरिया से विन्निपेग के दक्षिण में सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र में ले जाया जा रहा था।
सिंह ने गैर-नागरिकों की तस्करी की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अमेरिका में गैर-नागरिकों के अवैध प्रवेश से पहले, वह ब्रिटिश कोलंबिया में गैर-नागरिकों को रखने वाले षड्यंत्र के सदस्यों के साथ समन्वय करता था।
प्रवासियों को कनाडाई सीमा पर नेविगेट करने में मदद करने के लिए, सिंह ने लाइफ360 ऐप का उपयोग किया, जो यूजर्स को अपने सेल फोन के माध्यम से अपना फिजिकल लोकेशन साझा करने की अनुमति देता है।
एक बार जब वे यूएस में अपना रास्ता बना लेते हैं, तो वह उबर राइड शेयर ऐप के माध्यम से पिकअप की व्यवस्था करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह ने अपनी सेवाओं के लिए प्रति व्यक्ति 11,000 डॉलर तक शुल्क लिया। यूएस होमलैंड सिक्योरिटी 2018 से सिंह की जांच कर रही थी। (आईएएनएस)
ब्रासीलिया, 20 फरवरी | ब्राजील के साओ पाउलो राज्य के तट पर भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। स्थानीय टेलीविजन चैनल ग्लोबोन्यूज ने बताया कि पीड़ितों में सात साल की एक लड़की थी, जो अपने घर के ऊपर एक चट्टान गिरने से मर गई और एक महिला की पेड़ गिरने से मौत हो गई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य साओ पाउलो के कई तटीय शहरों में इस सप्ताह होने वाला कार्निवल समारोह स्थगित कर दिए गया है।
रविवार को आपदा क्षेत्र का दौरा करने वाले साओ पाउलो के गवर्नर टारसिसियो डी फ्रीटास ने कहा, "हम सशस्त्र बलों को बुला रहे हैं ताकि बचावकर्ताओं को उन जगहों पर पहुंचने में मदद मिल सके जहां पीड़ित हो सकते हैं।"
तूफान ने मुख्य रूप से साओ सेबस्टियाओ, उबातुबा, बर्टिओगा, गुआरुजा, इल्हाबेला और सैंटोस की नगर पालिकाओं को प्रभावित किया।
साओ सेबस्टियाओ की स्थानीय सरकार ने आपदा की स्थिति घोषित की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, संघीय सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा एजेंसी से लाइफगार्ड भेजे और मंत्री वाल्डेज गोज के सोमवार को क्षेत्र का दौरा करने की उम्मीद है।
गोज ने कहा कि रक्षा मंत्रालय बचाव अभियान में मदद करेगा।
क्षेत्र में और भारी बारिश की आशंका है, जिससे आपातकालीन टीमों के लिए स्थिति और भी खराब हो सकती है।
पिछले साल ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी शहर पेट्रोपोलिस में मूसलाधार बारिश से 230 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। (आईएएनएस)
काबुल, 20 फरवरी | अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने इस्लामाबाद पर अपनी प्रतिबद्धताओं से मुकरने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के साथ देश के मुख्य व्यापार और सीमा पर बॉर्डर प्वाइंट में से एक को बंद करने का आदेश दिया है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तोरखम के अफगान तालिबान आयुक्त ने कहा कि यात्रा और पारगमन व्यापार के लिए बॉर्डर प्वाइंट को बंद कर दिया गया है।
तोरखम में तालिबान के आयुक्त मौलवी मोहम्मद सिद्दीकी ने ट्वीट किया, "पाकिस्तान ने अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया है और इसलिए (हमारे) नेतृत्व के निर्देश पर प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है।"
उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को सलाह दी है कि वे पूर्वी नांगरहार प्रांत में सीमा पार करने के लिए यात्रा करने से बचें।
हालांकि, तालिबान के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि इस्लामाबाद ने कथित तौर पर किस प्रतिबद्धता का उल्लंघन किया।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अस्थायी मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि तालिबान पाकिस्तान में इलाज कराने वाले अफगान रोगियों की यात्रा पर अघोषित प्रतिबंध से नाराज है।
इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय से तत्काल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
यूएस इंस्टीट्यूट फॉर पीस (यूएसआईपी) के एक विश्लेषण में पिछले सप्ताह कहा गया है कि अफगान तालिबान के तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी समूह को समर्थन प्रदान करने पर अपनी रणनीति को स्थानांतरित करने की संभावना नहीं है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इसने आगे कहा कि टीटीपी का अधिकांश राजनीतिक नेतृत्व और क्षमता अफगानिस्तान में आधारित है और गैरकानूनी गुट पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान में जबरन वसूली के माध्यम से धन उगाहने में सक्षम है।
इसने दोहराया कि अफगान तालिबान टीटीपी का 'बहुत सहायक' बना हुआ है और समूह को एक सुरक्षित आश्रय प्रदान कर रहा है। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 20 फरवरी | एक दिलचस्प घटनाक्रम में, पाकिस्तान की सबसे बड़ी इमरजेंसी सर्विस रेस्क्यू 1122 ने भारत के पंजाब से बहावलपुर शहर पहुंचे एक बंदर को पकड़ा है, लेकिन अब इसे भारत को सौंपने में इसे काफी मुश्किल हो रही है।
विभाग द्वारा मिली सूचना के आधार पर बंदर को रेस्क्यू कर पकड़ लिया गया।
बचाव दल ने घंटों की मशक्कत के बाद बंदर को 200 फीट ऊंचे सेलुलर टावर से पकड़ा।
हालांकि बंदर के पकड़े जाने के बाद वन्यजीव विभाग से संपर्क किया गया और बंदर को स्थानीय जू में रखने को कहा गया।
लेकिन उनके अनुरोध को विभाग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, जिसने बाद में कहा कि उनके पास बंदर को रखने के लिए जू में जगह नहीं है।
जिला वन्यजीव अधिकारी मुनव्वर हुसैन नाजमी ने कहा, "हमारे विभाग के पास अतिरिक्त जानवरों को ले जाने के लिए बहावलपुर जू में न तो पर्याप्त जगह है और न ही कर्मचारी।"
एक अन्य कारण जो अधिकारी ने दिया वह यह कि अधिकांश जानवर जो भारत से पाकिस्तान में प्रवेश करते हैं, चोटों से मर जाते हैं, बहावलपुर वन्यजीव विभाग के पास उनका इलाज करने के लिए एक पशु चिकित्सक भी नहीं है।
उन्होंने कहा, "ज्यादातर जानवर जो भारत से पाकिस्तान जाते हैं, खासकर लंगूर और बंदर, चोटों से मर जाते हैं। हमारे पास उनका इलाज करने के लिए एक भी पशु चिकित्सक नहीं है। और इसीलिए, हम उन्हें स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि हम उनका इलाज नहीं कर सकते।"
नाजमी ने कहा कि पहले पशु चिकित्सक की अनुपलब्धता के कारण शेरशाह चेक पोस्ट पर एक भारतीय लंगूर की मौत हो गई थी।
हालांकि, इस तथ्य के बावजूद कि वन्यजीव विभाग को पता है कि उसके पास ऐसे जानवरों की चोटों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक नहीं है, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विभाग को सुसज्जित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। (आईएएनएस)
सुमी खान
ढाका, 20 फरवरी | भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश के युवाओं के साथ जुड़ने के लिए गुलशन में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में बांग्लादेश युवा प्रतिनिधिमंडल (बीवाईडी) कॉर्नर का उद्घाटन किया।
भारतीय उच्चायोग के एक प्रेस बयान में कहा गया है कि रविवार को उप शिक्षा मंत्री बैरिस्टर मोहिबुल हसन चौधरी नोफेल और भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने संयुक्त रूप से बीवाईडी का उद्घाटन किया।
यह आयोजन बीवाईडी के पूर्व छात्रों के साथ फिर से जुड़ने के कार्यक्रम का हिस्सा था।
बीवाईडी क्रमश: भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच अंतर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान के तहत आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। कार्यक्रम का उद्देश्य दो पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, नेतृत्व विकास और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है।
अपनी स्थापना के बाद से, कार्यक्रम ने लगभग 800 बांग्लादेशी युवाओं को भारत आने और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देने वाली विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया है।
बीवाईडी कॉर्नर प्रतिनिधियों को मिलने, बातचीत करने और अपने अनुभव साझा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। हमारे पूर्व छात्रों के लिए बीवाईडी कॉर्नर पर नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी।
इसके अलावा, उच्चायोग और युवा पूर्व छात्रों के बीच आदान-प्रदान को और संस्थागत बनाने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कार्यक्रम के दौरान एक बीवाईडी पूर्व छात्र पोर्टल भी लॉन्च किया गया था। उच्चायोग इंटर्नशिप, छात्रवृत्ति और अन्य सेवाओं के मामले में बीवाईडी के पूर्व छात्रों को अवसर और सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
अपने संबोधन में, उच्चायुक्त वर्मा ने भारत और बांग्लादेश के बीच एक अनमोल कड़ी के रूप में युवाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बनाने और आपसी सम्मान और समझ के आधार पर दोस्ती के मजबूत बंधन स्थापित करने में बांग्लादेश के युवाओं की क्षमता में अपना विश्वास व्यक्त किया।
उच्चायुक्त ने भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांग्लादेश युवा प्रतिनिधिमंडल के पूर्व छात्र, अपनी विविध पृष्ठभूमि और अनुभवों के माध्यम से अपने समुदायों, देश और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
बीवाईडी पूर्व छात्रों के लिए फिर से जुड़ने, अपने अनुभव साझा करने, समझ और सहयोग के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक अनूठा अवसर था। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 20 फरवरी | अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिवा ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह अमीरों को कर चोरी पर सब्सिडी देना बंद करे।
यह बयान इस सवाल के बाद दिया गया कि आईएमएफ पाकिस्तान को अपने फंडिंग कार्यक्रम में देरी क्यों कर रहा है, इस तथ्य के बावजूद कि देश आर्थिक मंदी के कगार पर है और अभी भी पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ से पीड़ित है जिसने कम से कम 33 लाख लोगों को प्रभावित किया था।
जॉर्जिवा ने कहा, "पाकिस्तान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। लेकिन पाकिस्तान सरकार को अमीरों को दी जाने वाली सब्सिडी वापस लेकर अधिक कर वसूलने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह एक देश के रूप में काम करने के लिए कदम उठाए और ऐसी खतरनाक जगह पर न जाए जहां देश के कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि यह मांग सबसे उपयुक्त उम्मीद है।"
कर राजस्व में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर देते हुए, आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि यह देश का समृद्ध क्षेत्र होना चाहिए, जो अर्थव्यवस्था में योगदान देता है और करों का भुगतान करने से बचने के लिए सब्सिडी प्रदान नहीं की जाती है।
उन्होंने कहा, "नंबर 1, कर राजस्व। जो लोग अच्छा पैसा कमा रहे हैं, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "और दूसरी बात, सब्सिडी को केवल उन लोगों की ओर ले जाकर दबाव का उचित वितरण करना जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है। यह सब्सिडी से अमीरों को लाभ की तरह नहीं होना चाहिए। यह गरीबों के लिए होना चाहिए जो उनसे लाभान्वित हों।"
यह टिप्पणी पाकिस्तान और आईएमएफ कर्मचारियों द्वारा बिना किसी समझौते के 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की नौवीं समीक्षा पूरी करने के बाद आई है।
आईएमएफ की पूर्व शर्त को पूरा करने के लिए, पाकिस्तान आर्थिक और वित्तीय नीतियों के ज्ञापन (एमईईपी) को लागू करने पर सहमत हो गया है और पेट्रोलियम उत्पादों, करों और ऊर्जा क्षेत्र में कीमतों में वृद्धि सहित कठिन निर्णय लेना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान को उम्मीद है कि आईएमएफ टीम के साथ उसकी निरंतर बातचीत उन उपायों के एक व्यावहारिक सेट में सक्षम होगी जो आने वाले दिनों में सौदा हासिल करने में मदद कर सकते हैं।
पाकिस्तान आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल की देश की 10 दिवसीय यात्रा के दौरान धीरे-धीरे और धीमी गति से फंडिंग कार्यक्रम की शर्तों को लागू करने के बारे में आईएमएफ को समझाने की उम्मीद कर रहा है, जिन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस्लामाबाद को वस्तुओं पर कोई प्रतिबद्धता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, यह पहले से ही अतिदेय है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि आईएमएफ ने शहबाज शरीफ की मौजूदा सरकार पर भरोसा करने से इनकार कर दिया है और स्पष्ट रूप से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर भी अपनी गंभीर आपत्तियों को बनाए रखा है, जिनके बारे में उनका कहना है कि जब उन्होंने ईंधन और ऊर्जा की कीमतों में कमी की घोषणा की थी तो उन्होंने सौदे का घोर उल्लंघन किया था।
और अब, जब पाकिस्तान के लिए आईएमएफ ही एकमात्र रास्ता है, अपनी मांगों को पूरा करना कुछ ऐसा है जिसने शरीफ सरकार को राजनीतिक रूप से अलोकप्रिय निर्णय लेने और देश को अपनी गंभीर आर्थिक स्थितियों से बाहर निकालने के लिए अपनी राजनीतिक स्थिति का त्याग करने के लिए मजबूर किया है। (आईएएनएस)
ब्राज़ील, 20 फरवरी । ब्राज़ील के साओ पोलो में आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई है.
साओ पोलो प्रशासन ने इस बारे में जानकारी दी है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि इलाके पानी में डूबे हुए हैं और गाड़ियां गिरी पड़ी हैं.
बाढ़ के पानी के कारण कई घर तबाह हो गए हैं और घरों का मलबा ब्राज़ील से आ रही तस्वीरों में देखा जा सकता है.
बचाव दल बाढ़ प्रभावितों तक पहुंचने में संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि रास्ते बाधित हैं.
रविवार को कई इलाक़ों में 23 इंच से ज़्यादा बारिश हुई है. इस महीने में आमतौर पर होने वाली बारिश से ये दोगुनी बारिश है.
साओ सेबासटियो के मेयर फेलिप अगस्तो ने कहा, ''हालात बहुत ख़राब हैं. बचावदल और राहतकर्मी कई जगहों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. नुकसान का सही अंदाज़ा लगा पाना फ़िलहाल मुश्किल है. दर्जनों लोग लापता हैं और 50 से ज़्यादा घर तबाह हो चुके हैं.''
एक सिविल डिफेंस अधिकारी ने बताया कि दुर्भाग्य से बाढ़ के कारण कई और लोगों की जान जाने की भी आशंका है. (bbc.com/hindi)
ईरानी सुरक्षा बलों ने कुछ दिनों पहले पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से लगते सीमाई इलाकों में सैकड़ों गधों को मार दिया है.
ईरान में स्थानीय सूत्रों ने बीबीसी फ़ारसी से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है.
बताया गया है कि इन गधों को सीस्तान और बलूचिस्तान के सीमाई क्षेत्र कालीगान में मारा गया है.
शनिवार को एक वीडियो क्लिप सामने आई जिसमें एक कच्ची सड़क और उसके आसपास सैकड़ों गधों की लाशें दिखाई दे रही हैं.
तेल की तस्करी
बताया जा रहा है कि ईरानी सुरक्षा बल के अधिकारियों ने इन जानवरों को कालीगान इलाक़े में तेल की तस्करी रोकने के लिए मारा है.
सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह घटना 14 फ़रवरी की है जिसकी वीडियो क्लिप अब सामने आई है.
कालीगान का सीमाई पहाड़ी क्षेत्र सीस्तान और बलूचिस्तान राज्य के सरावान क्षेत्र के ज़िलों में से एक है.
इससे पहले भी ईंधन की तस्करी रोकने या उसे कम करने के लिए कुछ सीमा बलों ने युद्ध में इस्तेमाल होने वाले तीरों से इन जानवरों को मारा था.
सीस्तान और बलूचिस्तान की पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के साथ 1100 किलोमीटर की लंबी थल सीमा है. और बेरोज़गारी की वजह से ये इलाका तेल की तस्करी का केंद्र बन गया है.
सूत्रों ने बीबीसी फ़ारसी को बताया कि सैकड़ों गधों और ख़च्चरों की लाशें कालीगान के इलाक़े में पड़ी हैं जहां यह तस्वीरें ली गई हैं.
ईंधन को सीमा के दूसरी तरफ़ पहुंचाने के बाद वो इस इलाके में घूमते हैं.
बहुत से मामलों में सीमा बल जानवरों को उस समय गोली मार देते हैं जब उनका ईंधन ले जाने वाले गिरोह से सामना होता है या सिर्फ़ गधों और ख़च्चरों के रेवड़ को देखते हैं, जो उस इलाक़े में सिर्फ़ ईंधन लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.
मरे हुए सैकड़ों गधों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों में ईरान का एक मानवाधिकार संगठन भी शामिल है.
यह जानवर आम तौर पर देश के दूसरे हिस्सों से इस स्थान पर स्मगल किए जाते हैं. स्थानीय व्यापारियों के पास आमतौर पर 10 से 20 गधे या खच्चर होते हैं और कई बार यही उनकी अकेली पूंजी होती है.
आर्थिक रूप से ज़्यादा मज़बूत लोगों के पास ईंधन ले जाने के लिए ज़्यादा जानवर होते हैं जो वो स्थानीय लोगों को किराए पर देते हैं. ईरान में इन जानवरों को मारने का एक इतिहास है.
ईरान के फ़ौजी दस्तों ने सीस्तान व बलूचिस्तान और कुर्दिस्तान में कई बार जानवरों को मारा है.
अभी तक किसी संस्था ने इन जानवरों को मारने की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
कार्रवाई का विरोध
लंदन स्थित पशु सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ईरान उन देशों में से एक है जहां जानवरों की सुरक्षा के लिए बुनियादी क़ानूनी ढांचा अस्तित्व में नहीं आया है.
यह संस्था जानवरों के कल्याण और उनके ख़िलाफ़ अत्याचार को ख़त्म करने के लिए काम करती है.
सन 2015 में इस्लामी काउंसिल के कुछ सदस्यों ने ईरान और इराक़ के सीमाई क्षेत्रों में जानवरों को मारने की घटनाओं को रोकने की मांग की थी.
उस समय पार्लियामेंट के सोशल कमीशन के सदस्य शकूरपुर हुसैन शक्लान ने पुलिस फ़ोर्स के बर्ताव को ग़ैरक़ानूनी बताया था.
उन्होंने कहा था कि अफ़सरों को इन जानवरों को नहीं मारना चाहिए बल्कि उनके मालिकों को क़ानून के मुताबिक़ गिरफ़्तार करना चाहिए.
लेकिन एक मामले में कुर्दिस्तान राज्य के सीमा बल के कमांडर ने ऐसी मांगों को मानने से इनकार कर दिया. (bbc.com/hindi)
ट्विटर प्रमुख एलन मस्क ने कुछ वक़्त पहले ब्लू टिक यानी वैरिफाइड हैंडल की सुविधा पर शुल्क लगाया था.
ये सेवा भारत सहित कई देशों में शुरू भी हो गई है. इसके तहत आप पैसे देकर अपने ट्विटर हैंडल के लिए ब्लू टिक ले सकते हैं.
अब ऐसी ही सुविधा फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी चालू होगी.
फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम की कंपनी मेटा के प्रमुख मार्क ज़करबर्ग ने इस बारे में एलान किया है.
मार्क ज़करबर्ग ने कहा, ''हम फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए मेटा वैरिफाइड सेवा की टेस्टिंग शुरू कर रहे हैं. इस सेवा के तहत आपकी अकाउंट की सरकारी आईडी के तहत पुष्टि होगी. साथ ही आपकी रीच भी बढ़ेगी.''
मेटा इस फ़ीचर के टेस्टिंग की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से कर रहा है.
कंपनी ने उम्मीद जताई है कि मेटा वैरिफाई फ़ीचर जल्द पूरी दुनिया में लाया जाएगा.
कंपनी ने कहा कि क्रिएटर की ओर से ये मांग काफ़ी वक़्त से की जा रही है. हम बीते साल से इस पर विचार कर रहे थे.
मेटा वैरिफाई फ़ीचर के तहत क्या मिलेगा?
- नकली या फ़ेक आईडी बनाए जाने के ख़तरों से निपटने में आसानी
- जब चाहो, तब मदद मिलेगी
- रीच बढ़ेगी, ज़्यादा लोगों तक पहुंच सकेंगे
- कुछ फ़ीचर जो सिर्फ़ मेटा वैरिफाइड यूज़र्स को मिलेंगे.
- कंपनी ने बताया है कि ये फ़ीचर वेब पर 12 डॉलर प्रति माह यानी 991 रुपये में उपलब्ध होगा.
वहीं, आइओएस और एंड्रॉयड में ये फ़ीचर 15 डॉलर प्रति माह यानी 1239 रुपये में मिलेगा.
भारत में इस सुविधा के लिए क्या कीमत चुकानी होगी, कंपनी ने इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है. (bbc.com/hindi)
सियोल, 20 फरवरी। उत्तर कोरिया ने पिछले तीन दिनों में अपना दूसरा मिसाइल परीक्षण किया है। सोमवार को उसने अपने पूर्वी समुद्री क्षेत्र में कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया जिससे क्षेत्र में अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास के मद्देनजर फिर से तनाव बढ़ने की आशंका है। उत्तर कोरिया इस अभ्यास को हमले की तैयारी के तौर पर देखता है।
उत्तर कोरिया ने शनिवार को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था और उसने अमेरिका-दक्षिण कोरिया अभ्यास को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ उत्तर कोरिया की बातचीत रुकी हुई है और अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट को लेकर दबाव बनाने के इरादे से वह अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि दक्षिण कोरिया को सोमवार को उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के उत्तर में पश्चिम तटीय शहर से दो मिसाइलों के परीक्षण का पता चला है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है और अमेरिका के साथ करीबी सहयोग में हर परिस्थिति को लेकर तत्परता बनाए हुए है।
जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के समुद्री क्षेत्र में गिरीं। मंत्रालय ने कहा कि जापान इन परीक्षणों की निंदा करता है क्योंकि ये जापान एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है। (एपी)
एपी सुरभि प्रशांत प्रशांत 2002 0835 सियोल