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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 9 फरवरी। संयुक्त मंच के प्रान्तीय निर्णयानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आँगनबाड़ी केन्द्रों में ताला लटका कर अनिश्चितकालीन हड़ताल से नॉनिहल बच्चों पोषण आहारों से हो रहे वंचित।
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सँयुक्त मंच के आह्वान पर जिला अध्यक्ष मंजरी गुप्ता के नेतृत्व में गरियाबन्द जिला मुख्यालय के गांधी मैदान में लगातार 17 वें दिन को भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 2 से 9 जनवरी परियोजना स्तर पर , 24 जनवरी को प्रांतीय स्तर पर धरना प्रदर्शन पश्चात, 28 जनवरी से जिला स्तरीय अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन गांधी मैदान में 17 वें दिन सद्बुद्धि यज्ञ कर सरकार को जगाने का प्रयास किया। इस दौरान जिले से आए आँगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका ब्लाक अध्यक्ष सहित भारी सँख्या में मौजूद रही।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिया जाए। आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति दिया एवं विभागीय सेवा भार्ती नियम में संशोधित किया जाए। प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिया जाए।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आंगनबाड़ी कार्यकार्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए एवं क्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकार्ताओं को 5 लाख रूपये एवं सहायिकाओं को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट के बाद एक मुश्त राशि दिया जाए और मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी, व समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
प्रदेश स्तर में आंगनबाड़ी कार्यकार्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाय और पोषण ट्रेक और अन्य कार्य के लिए जब तक मोबाईल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पे कार्य का दबाव न दिया जाए।
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नवापारा राजिम 9 फरवरी। राजिम विधानसभा के ग्राम बोरसी निवासी बोधन साहू पूर्व (थाना प्रभारी) सेवानिवृत्ति के पश्चात भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा गरियाबंद जिला अध्यक्ष राजेश साहू ने उनका सम्मान करते हुए सदस्यता ग्रहण कराई।
पुलिस विभाग से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए टीआई बोधन साहू ने पिछले दिनों भाजपा की अधिकृत सदस्यता ग्रहण कर ली है, बोधन साहू ने 7 फरवरी को फिंगेश्वर में गरियाबंद भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश साहू, वरिष्ठ भाजपा नेता भागवत हरित,पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ.रामकुमार साहू, मंडल अध्यक्ष प्यारेलाल सोनकर के समक्ष भाजपा प्रवेश किया। जिलाध्यक्ष राजेश साहू ने जय श्री राम के नारों के बीच बोधन साहू को भगवा गमछा पहनाकर उन्हें पार्टी में प्रवेश दिलाते हुए पूरे समर्पित भाव से भाजपा के पक्ष में काम करने कहा।
भाजपा प्रवेश पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बोधन साहू ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राजनीतिक पार्टी से जुडक़र समाजसेवा के क्षेत्र में अपना योगदान देते हुए छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का निर्णय लिया, जिसके लिए उन्हें भाजपा से बेहतर और कोई पार्टी नहीं लगी।
बोधन साहू ने आगे कहा भाजपा की रीति-नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से वे काफी प्रभावित हैं, सर्वधर्म समभाव की भावना रखने वाली भाजपा से जुडक़र मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। निश्चित तौर पर अपना बाकी का जीवन,भाजपा में रहकर जनसेवा करते हुए बिताऊंगा।
बताना जरूरी है कि लगभग 35 साल की पुलिस सेवा में बोधन साहू ने पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से पुलिस विभाग की सेवा की है। यहां तक कि विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपना धैर्य और संभल बनाए रखते हुए कानून और सुरक्षा व्यवस्था की रक्षा की है, जिसके कई जीवंत प्रमाण मौजूद हैं,श्री साहू क्षेत्र के अभनपुर, राखी, गोबरा-नवापारा, देवभोग सहित अनेक थाना में थाना प्रभारी के रूप में सेवा दे चुके हैं। इस दौरान बेहतर पुलिसिंग के लिए बोधन साहू को राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है, जो केवल चुनिंदा लोगों को हासिल होता है।
बोधन साहू 31 जनवरी को देवभोग थाना से सेवानिवृत्त हुए हैं। इस दौरान पूर्व मंडल अध्यक्ष पूनम यादव,भाजपा नेता रामुराम साहू,मंडल प्रभारी पारस ठाकुर,सांसद प्रतिनिधि रिकेश साहू, मिंजून साहू,पार्षद मंजू हरित, लिखन निषाद, अशोक साहू, भुवनलाल साहू, खिलेश्वर साहू, योगेश साहू, छगनलाल साहू आदि उपस्थित रहे।
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गरियाबंद, 9 फरवरी। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र एवं शासकीय आई.टी.आई गरियाबंद के संयुक्त तत्वावधान में 13 फरवरी को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक शासकीय आई.टी.आई परिसर, रायपुर रोड, गरियाबंद में नि:शुल्क रोजगार मेला का आयोजन किया जाएगा।
रोजगार मेला के लिए 5 निजी प्रतिष्ठानों से स्टूडेन्ट ट्रैनी, केयर टेकर, नर्स, फायरमेन, ड्राईवर (हेवी लाईसेस) सेल्स एक्जीविटिव एवं सिक्यूरिटी गार्ड आदि पद के कुल 430 रिक्तियॉं प्राप्त हुई है, जिसमें भर्ती की कार्रवाई रोजगार मेला के माध्यम से की जाएगी। रोजगार मेला में निजी प्रतिष्ठानों में रोजगार के इच्छुक 8वीं, 10वीं, 12वीं, स्नातक, एएनएम, जीएनएम, डिप्लोमा, इन फायर सेफ्टी, वाहन चालक आदि योग्यता रखते हों, वे दो पासपोर्ट साईज फोटो एवं समस्त शैक्षणिक योग्यता संबंधी अंकसूची/प्रमाण पत्र की मूलप्रति एवं छायाप्रति के साथ उपस्थित होकर रोजगार मेला का लाभ उठा सकते है।
रोजगार मेला संबंधी विस्तृत जानकारी हेतु मोबाईल नं. 7697627251, 7987262048, 9329559607 एवं 89639-70727 मे संपर्क कर सकते है।
राजिम, 9 फरवरी। मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह कार्यक्रम 10 फरवरी को राजीव लोचन मंदिर परिसर में होना था, किन्तु अपरिहार्य कारणों से उक्त तिथि को परिवर्तित करते हुए 11 फरवरी शनिवार को राजिव लोचन मंदिर परिसर में सम्पन्न होगा। महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी ए.के. पाण्डेय ने बताया कि उक्त आयोजन प्रदेश के प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न होगा।
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राजिम, 9 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के तीसरे दिन मुख्य महोत्सव मंच पर रायपुर से फुलवारी लोककला मंच के बैनर तले कार्यक्रम देने पहुंची लोक गायिका अल्का परगनिहा ने कहा कि मैं हिट पर ध्यान देने के बजाय फिट पर जोर लगाती हूं। अच्छी प्रस्तुति देने पर लोगों के दिलों में जगह बना लेते हैं। सन् 2000 में चमके रे बिंदिया मेरा पहला एलबम आया था। टाइटल सांग रागशिवरंजनी पर था। इन्हें बहुत ज्यादा लोगों ने सुना। आज भी मंचों में जब मै इन्हें प्रस्तुत करती हूं एक तरह से जलवा दिखाई देती है। इनका क्रेज बरकरार है।
अल्का ने आगे कहा कि मेरे आने से लोकगीत का पैटर्न बदला है। गायिकी में शास्त्रीय पध्दति को शामिल किया गया हैं। उसकी वजह से नयी पीढ़ी ने उन्हें आत्मसात किया। छत्तीसगढ़ी संगीत में सुर सरार का काम किया। जिसे लोंगो ने बहुत पसंद किया। मुंदरी रे मुंदरी..., डारी रे डारी..., मेरे गुरू डॉ. रामनारायण धु्रव ने लिखा हैं। संगीत और आनंद एक दुसरे का पर्याय हैं। जब आदमी आनंदित होता है तब उत्साह दिखता हैं। रिदम अंतर्मन को चोट करता है और आदमी झूम उठता हैं।
उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ी में नवधा रामायण को लाने का पहला प्रयास किया गया है। छत्तीसगढ़ी भाषा यहां के रग-रग में बसा हुआ हैं बच्चा-बच्चा इनके मुरीद हो गये थे। एक प्रश्न के जवाब में अल्का परगनिहा ने बताया कि मंचों में जाने से पहले प्रेक्टिस करना मेरे लिए लागू नहीं होता है क्योंकि जो हम पूर्व में किये रहते है उसी मोड़ पर जाते रहते है। जबकि मैं सीधे-सीधे पब्लिक का रिस्पांस देखती हूं और उसी समय गानों को त्वरित बदल देती हूं। मेरे सभी संगीत पक्ष के कलाकार सुन-सुनकर सीखें है। दर्शको की पसंद मायने रखती हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा हिमांचल प्रदेश, गोवा, उड़ीसा, नागपुर महाराष्ट्र तथा शीघ्र जमशेदपुर में हमारा कार्यक्रम होना है। वहां 5 लाख छत्तीसगढिय़ा रहते है। विदेशों में भी प्रस्तुति देने का अवसर मिलने वाला है। मीठ-मीठ लागे.... फिल्म हंस झन पगली यह रस्म को लेकर बनी हुई है इनकी समीक्षा हुई। दुबई, अरब देश, पाकिस्तान इत्यादि सात समन्दर पार छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति लगातार पहुंच रही है। यू-ट्यूब में कमेंट्स आते रहते है कोई बड़े सम्मान के प्रश्न पर कहा कि कलाकारों को ओहदा मिलना चाहिए। सम्मान या पुरस्कार उत्साह को बढ़ाते है।
नये कलाकारों के मार्गदर्शन के लिए कुम्हारी में नया स्टूडियों संचालित कर रहें है। 91. किसान एफ. एम. लांच किया गया है जो छत्तीसगढ़ी भाषा में है। नये कलाकारों को आगे बढऩे के लिए खुब मेहनत करने की बात करते हुए कहा कि जल्दी प्रसिध्दि के चक्कर में अभद्रता व गंदे गीत बिल्कुल न परोसे। सफलता के लिए श्रम जरूरी है। कर्म करें समय आने पर फल जरूर मिलेगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।
राजिम, 9 फरवरी। माघी पुन्नी मेला में रंगतरंग लोककला मंच रायपुर के लोकगायिका तारा साहू ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति अत्यंत समृद्ध हैं। मेरे घर में संगीत का कोई माहौल नहीं था। कला मेरे लिए वरदान है। स्कूलों में सहपाठी के साथ मिलकर गीत गाती थी, जिसे सुनकर शिक्षक शाबासी देते थे। धीरे-धीरे रूझान बढ़ता गया और रामायण, जगराता, भजन संध्या जैसे कार्यक्रम में जाकर प्रस्तुति देने लगी। इस दौरान कई लोग भला-बुरा कहते रहे, लेकिन उसकी परवाह न करते हुए जैसे-जैसे अवसर मिलते रहा आगे बढ़ता रही। आगे बताया कि सन् 2006 में लोककला मंच दूज के चँदा से जुड़ी। सन् 2010 में प्रसिद्ध लोक गायिका सीमा कौशिक के साथ मंच साझा किया।
उससे मुझे जो खुशी मिलनी थी नहीं मिल पायी। बावजूद इसके मेरा मेहनत कम नहीं हुआ। मैं मान कर चलती थी कि 21वीं सदी स्टेज का जमाना है। पैसे कमाने के लिए खूब मेहनत करना है। मेरी तमन्ना थी कि इसी पैसे से अपने लिए स्कूटी खरीदूँ। बी.ए. तक पढ़ाई की हूं। खैरागढ़ विश्वविद्यालय से लोककला में डिप्लोमा कर रही हँू। जॉब करके सपना पूरा करना मुश्किल था क्योंकि जो दिखता है वह बिकता हैै। इसलिए प्रतिदिन खूब मेहनत करती रही हूं।
उन्होंने बताया कि लोक गायिका के साथ मैं एक्ट्रेस भी हूँ। छत्तीसगढ़ी फिल्म तिरीया के चक्कर, बाप बड़े न भैया सबसे बड़ा रूपईया जैसे दर्जनों फिल्मों पर काम किया हँू। मेरी इच्छा है कि छश्रीसगढ़ की लोक संस्कृति को लेकर बहुत आगे तक जाऊँ। अभी तक 800 से ज्यादा मंचों में प्रस्तुति दे चुकी हूँ। भोरमदेव महोत्सव, मैनपाट महोत्सव, सिरपुर महोत्सव, राज्योत्सव के अलावा पिछले साल राजिम माघी पुन्नी मेला मे प्रस्तुति देना यादगार क्षण रहा।
आधे घण्टे में दो घण्टे का कार्यक्रम परोसना था। प्रारम्भ होने में मात्र 20 मिनट शेष था। मंच मे कलाकार बैठने के लिए पहुँच चुके थे। लेकिन संगीत पक्ष के आर्गन प्लेयर नहीं आये थे। समापन दिवस था। गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या मे उपस्थित थे। स्थिति-परिस्थिति को देखकर मैं खूब रोई परन्तु हिम्मत नहीं हारी। अचानक चमत्कार देखने मिला और आर्गन बजाने वाला मिल गया। आधे घण्टे में छश्रीसगढ़ी बारह मासी गीत एवं जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कारित गीत प्रस्तुति ने खूब वाहवाही लुटी। राजिम महोत्सव में यह मेरा दूसरा कार्यक्रम है। तारा साहू ने आगे बताया कि जीवन में उथल-पुथल लगा रहता है इसका मतलब घबराने कि जरूरत नहीं। सुख और दुख दोनों आते हैं, कर्म करते रहें समय आने पर फल जरूर मिलेगी। क्योंकि कला मरता नहीं बल्कि अमर बना देती है।
प्रतिदिन हो रही महानदी की महाआरती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला 2023 में महानदी महाआरती की भव्यता एवं दिव्यता से संपूर्ण राजिम धाम आलोकित हो रहा है। प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे महानदी की महाआरती की जाती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ दिवस में महानदी महाआरती कर अलौकिक आनंद का अनुभव किया। साथ ही मां गंगा से छत्तीसगढ़ की खुशहाली, सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की।
विदित हो कि शासन द्वारा लगातार तीसरे वर्ष महानदी आरती का संचालन एवं दायित्व त्रिवेणी गंगा महाआरती स्थानीय विप्र समिति को सौंपी गई है। विप्र समिति के अध्यक्ष एवं आरती प्रभारी पं. राम शर्मा ने लोगों से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में महाआरती में शामिल होकर स्वयं, परिवार, समाज एवं इष्ट मित्रों का कल्याण करें।
आरती संचालक डॉ. संतोष शर्मा ने आरती की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पैरी, सोढूर एवं महानदी केवल नदी ही नहीं है बल्कि यह धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का पावन संगम है। सनातन काल से महानदी में श्रध्दालुजन डुबकी लगाकर स्वयं को कृतार्थ करते आ रहें हैं। राजिम केवल नदियों का ही नहीं वरन् सांस्कृतिक धार्मिक एवं राजनीतिक चेतना का संगम है।
महाआरती किसी भी पूजन विधान में या धार्मिक अनुष्ठान में जाने अनजाने में त्रुटि होने पर उन्हें पूर्णता प्रदान करती है। पं. पुरूषोत्तम मिश्र एवं उनकी टीम द्वारा सस्वर संगीतबध्द अद्भुत सुर सरिता प्रवाहित कर महाआरती की दिव्यता को और अधिक बढ़ा रही है।
स्थानीय आचार्यगण कन्हैया तिवारी, विजय शर्मा, देवेन्द्र दुबे, संतोष मिश्रा, मदनमोहन, भूपेन्द्र पांडे, पदुम पांडे, ऋषि तिवारी, संजय मिश्रा, संस्कार मिश्रा, सुरज शर्मा, आदित्य शर्मा एवं संयोजक अशोक श्रीवास्तव मनीषा शर्मा महाआरती को सफल बनाने में सहयोग प्रदान कर रहें है। तीसरे दिवस की महाआरती में विशेष रूप से ब्रम्हकुमार नारायण भाई, ब्रम्हकुमारी पुष्पा बहन, आरती नोडल अधिकारी सोनी जी एवं बड़ी संख्या में श्रध्दालुगण उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 फरवरी। माघी पुन्नी मेला शुरू होने के चौथे दिन लोमश ऋषि आश्रम में श्रीपंचदसनाम जूना अखाड़ा के साधुओं द्वारा सनातन धर्म के परिचायक धर्मध्वज खड़ा किया गया।
गौरतलब हो कि सन् 2006 से लगातार धर्मध्वज के प्रति श्रद्धा समर्पित करते हुए नागा साधु हर वर्ष ध्वज फहराते हंै। इस बार प्रमुख रूप से उपस्थित जनकपुरी के अध्यक्ष श्री दिगम्बर जनकपुरी, श्री महंत उमेशानंद गिरी, महंत संतोष गिरी, महंत गोकुल गिरी, थानापति महंत कमलेशानंद सरस्वती, महंत बिसंबर भारती, महंत रवि गिरी, महंत चंदन भारती, महंत अशोक गिरी आदि साधुओं के उपस्थिति में पहले खम्भे के शिख पर मयूरपंख बांधा गया। झंड़े पर स्वास्तिक, ओम, चन्द्र, सूर्य के चित्र उकेरे गयेे। हर-हर महादेव का जयघोष होता रहा।
इस मौके पर महंत उमेशागिरी ने बताया कि आज से साधु संतों का मेला प्रारम्भ हो गया है। पूजापाठ, भजन किर्तन प्रारम्भ हो जायेगा। पेसवाई निकाली जाएगी तथा पर्व पर पुण्य स्नान किया जायेगा। ध्वज खड़ा करने के बाद मंत्रोचार के साथ पूजा-अर्चना किया गया।
इस अवसर पर धमतरी जिला के अधिकारियों के अलावा राजिम तहसीलदार पेखन टांडरे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला का मंच की अपनी अलग गरिमा है। यह एक राष्ट्रीय मंच है, इसे पूरा विश्व देखता हैं। उक्त बातें माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन स्वर कोकिला पद्मश्री ममता चन्द्राकर ने कही। उन्होंने मीडिया सेन्टर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बचपन से ही मेरी रूचि गायन पर रही है। मेरे परिवार से मुझे कला उपहार के रूप में मिला है क्योंकि परिवार के सभी सदस्य कला से जुड़े हुए थे। शुरूआती दौर में हिन्दी फिल्मों के गीतों पर ज्यादा ध्यान देती थी परन्तु जैसे ही छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति को समझने का मौका मिला। यह अथाह सागर है। इसे जानने के लिए यह जनम भी कम पड़ेगा। सन् 1974 में अरपा पैरी के धार पर प्रस्तुति दी। गोपाल दास वैष्णव ने इसका धुन तैयार किया था नरेन्द्र देव वर्मा ने लिखा है। राजगीत का दर्जा मिलने से मैं बहुत प्रसन्न हूं।
एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जिस समय मैं गीत गाने के लिए मंचो पर जाती रही उस दौर पर महिलाओं या फिर बेटियों की प्रस्तुति पर उन्हें देखने का नजरिया कुछ अलग होता था। स्पष्ट हैं बहुत सारी बंदिशे थी। सन् 1992 में मेरी पहली एलबम आया। श्रीमती चन्द्राकर ने आगे कहा कि अभी के कलाकार बहुत जल्दी में है। जबकि कला साधना है इसके लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है। समय आने पर श्रम का फल जरूर मिलता है। इसलिए कर्म करें फल आपको मिल ही जायेगा। मेरे कार्यक्रम को देखने के लिए लाखों की भीड़ नहीं बल्कि 5 आदमी ही काफी है क्योंकि यही पांच लाखों के बराबर है। चर्चा के दौरान श्रीमती ममता चन्द्राकर कला के क्षेत्र में अपने पुराने दिनों को यादकर रोमांचित हो उठी। वह बताती है कि मैं आज भी प्रतिदिन अभ्यास करती हूूं। क्योंकि आगे बढऩे का यही श्रेष्ठ जरिया है। उन्होंने बताया कि खाने में छत्तीसगढी़ व्यंजन खूब पसंद है आज भी घरों मे इन्हें बनाती भी हूं और खाती भी हूं। नयी-नयी चीजों की कॉपी करने का शौक मुझे बचपन से है। इस अवसर पर मीडिया सेन्टर पर गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया।
प्रमुख रूप से संचालक श्रीकांत साहू, युवराज साहू, रोशन साहू, संतोष कुमार सोनकर, प्रकाश वर्मा, योगेश साहू, चेतन चौहान, वीरेन्द्र साहू, खुमान साहू इत्यादि मौजूद थे।
राजिम, 8 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला में विभिन्न प्रकार के झूले देखने को मिल रहा है। पहली बार थ्री डी कोस्टर झूला देखने को मिला। झूले के संचालक सूर्यप्रकाश साहू भखारा कुर्मातराई ने बताया कि मॉल में आम आदमी नहीं जा सकते इसके लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है। इसी से प्रभावित होकर इन्होंने इस झूले का निर्माण किया।
ताकि आम आदमी भी इस झूले का आनंद उठा सके। उन्होंने बताया कि इस झूले के निर्माण में 3 से 4 लाख रूपए की लागत लगी है। इस झूले में प्रोजेक्टर साउंड सिस्टम व हाईड्रोलिक पावर का इस्तेमाल किया गया है। इसके अन्दर बैठने से लगता है कि हम किसी गहरी खाई व झील के ऊपर से झूले का आनंद ले रहे हैं। अब तक 27 गांवों मे अपने झुले का आनंद लोगों को दिला चुके है।
6 करोड़ 90 लाख के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के तीसरे दिन मंगलवार को आजीविका से आर्थिक सशक्तिकरण की ओर के तहत स्वसहायता समूह दीदीयों का बिहान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्यआतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने की।
इस अवसर पर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप महिला दीदियों को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने विशेष योजनाएं चलाई जा रही है। गौठानों और रीपा के माध्यम से हजारों बहनों का आजीविका संवारने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में प्रगति के पथ पर बढ़ रही हैं।
डॉ. टेकाम ने बिहान समूह की महिलाओं की मांग पर गरियाबंद में बिहान चौपाटी खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि चौपाटी के संचालन से आप सभी को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों को गोबर से बने पेंट का उपयोग किया जाएगा। हमारी सरकार द्वारा गोबर से बिजली बनाने की तैयारी की जा रही है। गोबर से इतनी आय हो सकता है, तो समृद्धि होगी ही। उन्होंने शासन की कई जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि समिति के माध्यम से बहनों को लाभ मिल रहा है।
मंचीय कार्यक्रम के पूर्व मंत्री श्री टेकाम ने विभिन विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया, जिसमें 6 करोड 90 लाख 35 हजार रुपये के 228 कार्यों का भूमिपूजन और 2 करोड़ 39 लाख 36 हजार रुपये के 51 कार्यों का लोकर्पण किया गया। उन्होंने महिला समूहों द्वारा बनाए गए स्टॉल का अवलोकन करते हुए उनके उत्पादों की सराहना की और बाजार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए बिहान योजना से जोडक़र रोजगार मूलक कार्य उपलब्ध करा रही है। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। साथ ही स्व सहायता समूह के रूप में संगाठित कर उन्हें क्षमतावर्धन आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार प्रदान किया जा रहा है। आज महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से जुडक़र स्वरोजगार की ओर अग्रसर होकर अपने सपने को साकार कर रही हैं। गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति नीरज ठाकुर ने कहा कि बिहान समूह की महिलाओं को हमारी सरकार ने लाभ दिया है। पहले महिलाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा था। अब गौठान के माध्यम से लाभ अर्जित कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महिलाओं की सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे बहनें आत्म निर्भर बनी रहे।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. टेकाम ने ग्राम डुमाघाट के किसान नारायण मरकाम को अनुदान में 10 लाख रूपए का ट्रैक्टर-ट्रॉली प्रदान किया। उन्होंने आदर्श शिक्षक पुरस्कार अंतर्गत आदिवासी बालक आश्रम धवलपुर के दुर्योधन मरकाम को 10 हजार रूपए प्रथम पुरस्कार, द्वितीय पुरस्कार दमोदर साय नेगी आदिवासी बालक आश्रम बड़े गोबरा 7500 रूपए एवं तृतीय विष्णुचरण सोनवानी आदिवासी बालक आश्रम बुरजाबहाल 5000 रूपए प्रदान किया गया। फिंगेश्वर ब्लॉक के 20 मोची परिवार को मोची पेटी प्रदान किया गया। वहीं आदिवासी संस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजना अंतर्गत तीन संस्कृति दलों को 10-10 हजार रूपए के अलावा 20 हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत लक्ष्मी साहू, फिरतु राम कंवर, जनपद अध्यक्ष पुष्पा-जगन्नाथ साहू, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, नवापारा नगर पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, रामा यादव, बनसिंह सोरी, वंदना राजपूत, भरत दीवान, सरपंच सुंदर साहू, सरपँच सीताराम धु्रव, जनप्रतिनिधिगण, गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव एवं बिहान के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में महिला दीदी मौजूद थे।
राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ द्वारा रखा गया है भंडारा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष सहयोग तथा महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू, छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू के मार्गदर्शन एवं साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक डॉ रामकुमार साहू, डॉ महेंद्र साहू के नेतृत्व में साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ राजिम-नवापारा के संयुक्त तत्वावधान में राजिम माघी पुन्नी मेला में तीसरे दिन राजिम माता भोग भंडारा में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध व्यंजन सलगा बरा कड़ही एवं उच्च क्वालिटी के एच एम टी चाँवल परोसा गया। मेला में आए हुए हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किए भोग भंडारा का आयोजन जिला पंचायत गरियाबंद के प्रथम अध्यक्ष श्रीमती श्वेता शर्मा अपने स्व. पिता बिरेंद्र दीपक जी की स्मृति में आयोजन कराया भंडारा में अपार जनसमूह को देखकर श्रीमती श्वेता शर्मा घंटो तक सेवा कार्य करती रही। तीसरे दिन राजिम माता भोग भंडारा में मेला में आए हुए हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किए।
प्रसादी वितरण में जिला पंचायत गरियाबंद के प्रथम अध्यक्ष श्रीमती श्वेता-संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ साहू संघ प्रदेश उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक डॉ रामकुमार साहू, डॉ महेंद्र साहू, बाला राम साहू युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष राजू साहू, उपाध्यक्ष नूतन साहू, होरी लाल साहू, कोषाध्यक्ष भोले साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, महासचिव श्याम साहू, डॉ. लीलाराम साहू, सोहन साहू, मिंजून साहू, डॉ ओंकार साहू, घनश्याम, कुंदन साहू, तुलाराम साहू, नगर अध्यक्ष भवानी शंकर साहू, सचिव राजू साहू, तरुण साहू, विष्णु साहू, ईश्वरी साहू, रामानुज साहू, युवा प्रकोष्ठ के रोशन साहू, आशीष साहू, अमित साहू, मोहित साहू, होरी लाल साहू, प्रेम बाई साहू, रामबाई साहू, भावना साहू, सरोज साहू सहित बड़ी संख्या में स्वजातीय बन्धु सहयोग में लगे हुए थे। विदित हो कि राजिम मेला में राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ द्वारा रखा गया है भंडाराराजिम माता भोग भंडारा के आयोजन के लिए वाटरप्रूफ पंडाल की व्यवस्था राजिम मेला प्रभारी एवं गरियाबंद प्रभात मलिक एवं अनुविभागीय अधिकारी राजिम पूजा बंसल की विशेष सहयोग से तैयार किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 8 फरवरी। शहर की मुख्य मार्गों में स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण शाम होते ही घनघोर अंधेरा छा जाता है। नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी व निष्क्रियता के चलते यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। अंधेरी सडक़ों में आवारा मवेशियों का भी जमावड़ा बना रहता है। ऐसे में वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। रायपुर और गरियाबंद जिलों को जोडऩे वाली इस मार्ग में भी महीनों से स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है। इसका खामियाजा शहरवासियों और इस मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों को भुगताना पड़ रहा है।
आप नेता मोहन चक्रधारी ने कहा कि अंधेरे में सडक़ पर लाइट न होने के कारण कई बार दोपहिया वाहन चालकों को गड्ढे का अंदाजा नहीं होता। ऐसे में उनकी बाइक फिसलकर अनियंत्रित हो जाती है। मुख्य मार्ग होने की वजह से बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। वहीं स्ट्रीट लाइट न जलने से सबसे ज्यादा परेशानी पैदल जा रहे लोगों को होती है। ज्ञात हो कि ग्राम कुर्रा से राजिम पुल तक सडक़ चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। इसके लिए नवापारा शहर के मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण होना है, जिसके लिए दुकानों को हटाया गया है, वहीं पुराने बिजली पोल को उखाडक़र सडक़ के हिसाब से शिफ्ट किया गया है। इस पोल पर लाइट नहीं लगने के कारण शाम होते ही अंधेरा छाया रहता है। अभी राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन हो रहा है, इसके लिए लगातार बाहर से श्रद्धालु एवं दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं। ऐसा में खराब सडक़ों और रात में अंधेरा होने की वजह से हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
आप नेता श्री चक्रधारी ने बताया कि लाईट व्यवस्था को ठीक करने कई बार जिम्मेदार अधिकारी से सम्पर्क किया, लेकिन उनके द्वारा व्यवस्था को लेकर टाल-मटोल दिया जाता है। इससे साफ है कि विद्युत विभाग और नगर पालिका प्रशासन के अलावा जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही कर रहे है। उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं है। क्योंकि अभी राजिम मेला का सबसे बड़ा आयोजन हो रहा है, लेकिन शहर का मुख्य मार्ग अंधेरे की चपेट में है।
अगर जल्द ही इसे दुरूस्त नहीं किया गया, तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी जवाबदारी प्रशासन की होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता,
राजिम, 8 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला में दूसरे दिन लोकमया कुम्हारी के लोक कलाकार महेश वर्मा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ की लोककला अत्यंत समृद्ध है, इसे धूमिल होने से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। द्विअर्थी शब्द का उपयोग करना आज के समय में ठीक नहीं है। प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने का बहुत बढिय़ा काम कर रही है।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ राज्य के लिए सभी सांसदों ने एकजुटता का परिचय दिया। उसी तरह से छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने के लिए चाह वह किसी भी दल के हो एक साथ मिलकर आवाज उठानी चाहिए। देश में ही छोटे-छोटे राज्यों की अपनी अलग भाषा है जिसे संविधान ने मान्यता दी है। छत्तीसगढ़ तो बड़ा राज्य है निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में दर्ज कर इनका मान बढ़ावें।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि 70 के दशक में लगातार खड़ी साज नाचा मंडली में रात-रातभर जागकर प्रस्तुति देते थे। उससे जो इनकम होती थी घर चलाना मुश्किल होता था। अचानक लोककला मंच की ओर रूझान बढ़ा। चूंकि हमारे परिवार में सभी लोग संगीत के क्षेत्र से जुड़े हुए है। लोक नाट्य विधा के जरिए अभिनेता अमरिशपुरी, रजा मुराद के साथ में काम करने का सौभाग्य मिला। अभिनय के क्षेत्र में रामलीला के माध्यम से लगातार सैकड़ों मंच किये। इससे मुझे कहां पर क्या बोलना है और किस तरह से बॉडी लेंग्वेज होनी चाहिए सारी जानकारियां मिली। आज भी बॉलीवुड के तमाम् बड़े कलाकार गांव से ही पैदा हुए है। दूरदर्शन के कल्याणी कार्यक्रम के अलावा कृषि जैसे अनेक एपिसोड में दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। 50 से ज्यादा पटकथा लेखन के अलावा गीत, कविता आदि ने मेरे आत्मविश्वास को मजबूत किया है।
श्री वर्मा ने कहा कि नये कलाकार को संस्कृति से संबंधित प्रस्तुति पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। संस्कृति और संस्कार से ही हमारी पहचान है। मेरे बड़े भाई परदेशीराम वर्मा का हर समय सपोर्ट मिलता रहता है। जीवन में कब क्या हो जाए पता नहीं लेकिन जब तक रहे अच्छे कार्य करें। इतिहास बनाने के लिए एक अच्छी सोच काफी है। वह माघी पुन्नी मेला के व्यवस्था से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए।
कैंसर के चौंथे स्टेज पर
महेश वर्मा ने बताया कि वह कैंसर बीमारी के चौंथे स्टेज पर है लेकिन उन्हें कोई चिन्ता नहीं है। वह पूरे उत्साह के साथ लोककला की प्रस्तुति दे रहे थे। नये कलाकारों को आगे बढऩे के लिए हमेशा प्रेरित करते है। उन्होंने बताया कि कलाकार वह होता है। उनके घर में उनकी जरूरत हो लेकिन वह मंचों में रिझाने का काम करते रहते है। कला तप है और कलाकार हमेशा तपस्या करते रहते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन मुख्यमंच पर पद्मश्री ममता चंद्राकर के चिन्हारी कार्यक्रम में दर्शक जमकर झूमे। छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीतों में खूब तालियां बटोरी। दूसरे दिन मुख्यमंच पर कार्यक्रम की शुरूआत लोकमाया के संरक्षक महेश वर्मा व सहयोगी कलाकारों की प्रस्तुति रही। मंच पर अपने नृत्य और गीत का ऐसा छाप छोड़ा कि देखने वाले दर्शक देखते ही रह गए। उन्होंने एक से एक नए गीत की प्रस्तुति मंच पर दी, उनके कई गीतों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति झलक रही थी। लोकमाया परिवार के कलाकारों द्वारा सबसे बेहतरीन प्रस्तुति बस्तरिहा नाच मोर ताल मा...... धूम मचा दिया। इस गीत को सुनकर दर्षक भी खूब तालिया बजाई इसके बाद कर्मा नृत्य, विवाह गीत, जैसे अनेक गीत की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
मंच पर कार्यक्रम की अगली कड़ी में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध चिन्हारी के पद्मश्री ममता चन्द्राकर का प्रस्तुति ही। अपने पुराने स्टाइल में विवाह के गीत ऐ मोर दाई सीता ला बिहावे राजा राम... की प्रस्तुति दी। अपने आवाज के जादू से दर्शको को अंत तक बांधे रखा। चिन्हारी परिवार के द्वारा तोर सुरता मा संगी गीत सुन दर्शक भी गुनगुनाने लगे। मुख्यमंच मंच पर ममता रूपी बादल छाया हुआ था जिसमें एक से बढक़र एक गीतों की बौछारे के साथ लुप्त हो रही नाचा देवार गीत, मड़ई संस्कृति आदि को मंच के माध्यम से लोगो तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। उसके बाद उनका सबसे प्रसिध्द गीत तोर मन कैसे लागे राजा की प्रस्तुति ने तो दर्शको में एक नई ऊर्जा भर दी। प्रेम चन्द्राकर द्वारा निर्मित फिल्म के गीत को छत्तीसगढ़ी स्वर कोकिला ममता चन्द्राकर के द्वारा तोर मया के मारे.... जिंदगी के नई ए ठिकाना.... जैसे एक से बढक़र एक छत्तीसगढ़ गीतों... ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसी के साथ सुआ गीत, गौरी गौरा नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। कलाकारों का सम्मान स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा किया गया। मंच संचालन निरंजन साहू द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 7 फरवरी। मैनपुर विकासखंड मैनपुर में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में विकास खंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल बीआरसी शिवकुमार नागे व 6 संकुल समन्वयक के प्रधान पाठक एवं पालक गण पहुंचे।
समग्र शिक्षा के समावेशी शिक्षा अंतर्गत कक्षा पहली से आठवीं तक के कक्षाओं में अध्यनरत बच्चों की समस्याओं तथा उनकी शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर कर संवेदनशील सृजनात्मक वातावरण निर्मित किए जाने हेतु विकास खंड स्तरीय एकदिवसीय क्षमता निर्माण उन्मुखीकरण कार्यक्रम अभिभावकों का आयोजन किया गया कक्षा पहली से आठवीं तक के प्राथमिक उच्च माध्यमिक शालाओं के प्रधान पाठक एवं बच्चों के पालक अभिभावक शामिल हुए।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन 10 से 5 तक बीआरसी भवन मैनपुर में किया गया। कार्यक्रम राज्य कार्यालय के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक के निर्देशन पर जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मिशन समन्वयक के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समझो सीखो कार्यक्रम में सहयोग के उद्देश्य उन्मुखीकरण साला चलो जिसकी अध्यक्षता गुन्नी दीवान गिरोहला व संचालन प्रदीप सिन्हा ने किया। बीआरसी शिवकुमार नागे ने कहा उन्मुखीकरण आयोजन से बच्चे स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी बात खुलकर कह सकेंगे विकास खंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल ने ने कहा कि शिक्षक समय का विशेष ध्यान देते नियमित उपस्थिति दें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 7 फरवरी। स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक संवर्ग से प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल के पद पर पदोन्नति नहीं किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल का एक-एक पद याचिकाकर्ताओं के लिए रिक्त रखने का निर्देश दिए हैं।
मामला इस प्रकार है कि गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के परमेश्वर बघेल नीलाधर प्रधान हरेंद्र सिंह वीरेंद्र कुमार मांझी नंद कुमार सोनवानी जय सिंह मांझी लोकनाथ मांझी भूमिका सिन्हा महेंद्र कुमार यादव सुरेंद्र कुमार ठाकुर महेंद्र कुमार नायक राजेश कुमार सुनील अवस्थी राजेश राव सुरेश शर्मा संतोष कुमार पटेल व अन्य की नियुक्ति वर्ष 2005 में सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर हुई थ। 7 वर्ष सेवा देने के उपरांत परमेश्वर बघेल व अन्य को समयमान वेतनमान और 8 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी वेतनमान दिया गया।
वर्ष 2018 में इनकी सेवाएं छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज हो गई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति के निर्णय उपरांत वरिष्ठता सहा योग्यता के आधार पर पात्र पाए गए सहायक शिक्षक को प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद के आदेश दिनांक 31 अक्टूबर 2022 को पदोन्नति कर दिया गया।
जनवरी 2023 में विभागीय पुनरीक्षित पदोन्नति समिति द्वारा परमेश्वर बघेल नीलाधर प्रधान, हरेंद्र सिंह वीरेंद्र कुमार, मांझी नंद कुमार, सोनवानी, जय सिंह मांझी, लोकनाथ मांझी, भूमिका सिन्हा, महेंद्र कुमार यादव, सुरेंद्र कुमार ठाकुर, महेंद्र कुमार नायक, राजेश कुमार सुनील अवस्थी राजेश राव सुरेश शर्मा संतोष कुमार पटेल व अन्य के नाम को विलोपित करते हुए 17 जनवरी 2023 को जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद द्वारा जारी संशोधित पदोन्नति सूची जारी किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर परमेश्वर बघेल व अन्य ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की।
बताया गया कि याचिकाकर्ता का संविलियन वर्ष 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग मैं हो गई है और प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल का प्रमोशन विभागीय प्रमोशन समिति की अनुशंसा पर हुई है। तथा याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिए बिना उनके नामों को पदोन्नत सूची से बाहर रखना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। मामले की सुनवाई जस्टिस पी पी साहू जी के एकल बेंच में हुई कोर्ट ने प्रधान पाठक प्राइमरी साला के एक एक पद याचिकाकर्ताओं के लिए रिक्त रखने का निर्देश दिए हैं। उत्तर वादी छत्तीसगढ़ शासन के सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 7 फरवरी। स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक संवर्ग से प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल के पद पर पदोन्नति नहीं किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल का एक-एक पद याचिकाकर्ताओं के लिए रिक्त रखने का निर्देश दिए हैं।
मामला इस प्रकार है कि गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के परमेश्वर बघेल नीलाधर प्रधान हरेंद्र सिंह वीरेंद्र कुमार मांझी नंद कुमार सोनवानी जय सिंह मांझी लोकनाथ मांझी भूमिका सिन्हा महेंद्र कुमार यादव सुरेंद्र कुमार ठाकुर महेंद्र कुमार नायक राजेश कुमार सुनील अवस्थी राजेश राव सुरेश शर्मा संतोष कुमार पटेल व अन्य की नियुक्ति वर्ष 2005 में सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर हुई थ। 7 वर्ष सेवा देने के उपरांत परमेश्वर बघेल व अन्य को समयमान वेतनमान और 8 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी वेतनमान दिया गया।
वर्ष 2018 में इनकी सेवाएं छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज हो गई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति के निर्णय उपरांत वरिष्ठता सहा योग्यता के आधार पर पात्र पाए गए सहायक शिक्षक को प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद के आदेश दिनांक 31 अक्टूबर 2022 को पदोन्नति कर दिया गया।
जनवरी 2023 में विभागीय पुनरीक्षित पदोन्नति समिति द्वारा परमेश्वर बघेल नीलाधर प्रधान, हरेंद्र सिंह वीरेंद्र कुमार, मांझी नंद कुमार, सोनवानी, जय सिंह मांझी, लोकनाथ मांझी, भूमिका सिन्हा, महेंद्र कुमार यादव, सुरेंद्र कुमार ठाकुर, महेंद्र कुमार नायक, राजेश कुमार सुनील अवस्थी राजेश राव सुरेश शर्मा संतोष कुमार पटेल व अन्य के नाम को विलोपित करते हुए 17 जनवरी 2023 को जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद द्वारा जारी संशोधित पदोन्नति सूची जारी किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर परमेश्वर बघेल व अन्य ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की।
बताया गया कि याचिकाकर्ता का संविलियन वर्ष 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग मैं हो गई है और प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल का प्रमोशन विभागीय प्रमोशन समिति की अनुशंसा पर हुई है। तथा याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिए बिना उनके नामों को पदोन्नत सूची से बाहर रखना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। मामले की सुनवाई जस्टिस पी पी साहू जी के एकल बेंच में हुई कोर्ट ने प्रधान पाठक प्राइमरी साला के एक एक पद याचिकाकर्ताओं के लिए रिक्त रखने का निर्देश दिए हैं। उत्तर वादी छत्तीसगढ़ शासन के सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 7 फरवरी। मैनपुर विकासखंड मैनपुर में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में विकास खंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल बीआरसी शिवकुमार नागे व 6 संकुल समन्वयक के प्रधान पाठक एवं पालक गण पहुंचे ।
समग्र शिक्षा के समावेशी शिक्षा अंतर्गत कक्षा पहली से आठवीं तक के कक्षाओं में अध्यनरत बच्चों की समस्याओं तथा उनकी शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर कर संवेदनशील सृजनात्मक वातावरण निर्मित किए जाने हेतु विकास खंड स्तरीय एकदिवसीय क्षमता निर्माण उन्मुखीकरण कार्यक्रम अभिभावकों का आयोजन किया गया कक्षा पहली से आठवीं तक के प्राथमिक उच्च माध्यमिक शालाओं के प्रधान पाठक एवं बच्चों के पालक अभिभावक शामिल हुए।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन 10 से 5 तक बीआरसी भवन मैनपुर में किया गया। कार्यक्रम राज्य कार्यालय के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक के निर्देशन पर जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मिशन समन्वयक के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समझो सीखो कार्यक्रम में सहयोग के उद्देश्य उन्मुखीकरण साला चलो जिसकी अध्यक्षता गुन्नी दीवान गिरोहला व संचालन प्रदीप सिन्हा ने किया। बीआरसी शिवकुमार नागे ने कहा उन्मुखीकरण आयोजन से बच्चे स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी बात खुलकर कह सकेंगे विकास खंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल ने ने कहा कि शिक्षक समय का विशेष ध्यान देते नियमित उपस्थिति दें।
इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पैर काटने की आशंका से परेशान कंडक्टर ने चालक के विरूद्ध दर्ज कराई रिपोर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 फरवरी। सोमवार शाम गरियाबंद जिला कलेक्टर प्रभात मलिक एवं पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले अपने कनिष्ट अधिकारियों के साथ मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। कलेक्टर एवं एसपी ने मेला स्थल का पैदल चलते हुए नदी मार्ग से एक-एक जगहों को देखते रहे तथा शानदार व्यवस्था के लिए निर्देश देते रहे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का कोई दिक्कत न हो इस बात का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर मेले का काम शुरू होने से लेकर लगातार निरीक्षण के लिए पहुंच जाते थे और लोमश ऋषि आश्रम से लेकर नदी क्षेत्र, कुलेश्वर मंदिर, राजीवलोचन मंदिर तथा मेला ग्राउंड पर लगातार फोकस करते रहे। मेले के सुंदर स्वरूप की लगातार चर्चा हो रही है जिसमें जिला कलेक्टर की मेहनत स्पष्ट रूप से दिख रही है। सोमवार को उन्होंने मंदिर के अलावा रेत की सडक़ पर चलते हुए पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर अविनाश भोई सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
राजिम मेले में पहुंचने वालों को मिल रहा स्वादिष्ट भोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 फरवरी। राजिम मेले में इस बार पहुंचने वाले लोगों को नि:शुल्क स्वीदिष्ट भोजन मिल रहा है। मेला क्षेत्र में एक तरफ राजिम महोत्सव स्थल से लगे हुए नवापारा मार्ग पर नदी के बीच दाहिने तरफ राजिम भक्तिन मंदिर समिति एवं नगर साहू संघ द्वारा बहुत ही स्वच्छ मन से दाल-भात-चांवल न केवल नि:शुल्क खिलाया जा रहा है बल्कि बाकायदा आने-जाने वाले सभी लोगों को माइक लगाकर खाना खाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू पंडाल के सामने खड़े होकर हाथ जोडक़र हर किसी को खाने के लिए पंडाल के भीतर बहुत ही प्रेम के साथ ले जा रहा है। यह पंडाल मंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा लगाया गया है। पंडाल के भीतर नीचे में बैठने की मेटिंग व्यवस्था की गई है। यहां हर किसी को भोजन कराया जा रहा है। भोजन कराने के लिए साहू समाज के लोग इस पंडाल में मौजूद होते है।
माघ पूर्णिमा 5 फरवरी से चलाया जा रहा यह नि:शुल्क भोजन-भंडारा निरंतर 14 दिनों तक महाशिवरात्रि तक चलेगा। मेला घूमने आने वालो व यहां दुकानदारी कर रहे लोगो के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नही है। हर कोई पंडाल में पहुुंचकर खाना खा रहे है। दूसरा दिवस सोमवार को भोजन बनते ही दाल चांवल सब्जी लेकर समाज के लोग भगवान श्री राजीव लोचन और राजिम भक्तिन माता को भोग लगाते हुए महाआरती किए उसके बाद भोजन प्रसादी शुरू कर दिया गया।
आरती और भोजन प्रसादी में प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष मालक राम साहू, पत्रकार श्यामकिशोर शर्मा, प्रकाश वर्मा, चिकित्सा प्रकोष्ट के संयोजक डॉ ओंकार साहू, लोकनाथ साहू, रामजी साहू, किशन साहू, कुंजबिहारी साहू, गोकुल साहू सहित राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू, साहू संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, कुलदीप साहू, दयाराम साहू, मंदिर समिति के संरक्षक डॉ. रामकुमार साहू, पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेंद्र साहू, रतिराम साहू, योगेश साहू, श्याम साहू, भोले साहू, सूरज साहू, रामलाल साहू सहित मन्दिर समिति के पदाधिकारी एवं सामाजिकजन शामिल थे। जिन्होने मेला में पधारे श्रद्धालुओं को भोजन परोसकर अपना सेवा प्रदान किये।
श्री अग्रवाल ने बताया कि नि:शुल्क भोजन भंडारा का यह आयोजन पिछले कोरोना काल को छोडक़र 17-18 सालों से चलाया जा रहा है। बताया कि महाशिवरात्रि पर्व में आधी रात के बाद से पूरा दिन हजारो श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है। सुबह-सुबह पोहा, हलवा, उपमा, खीर जैसे कई तरह के व्यंजन परोसे जाते है। रोज कम से कम 4-5 हजार लोग यहां बैठकर भोजन कर रहे है। भटगांव से पूरे परिवार के साथ पहुंची देवकी ने बताया कि यहां बैठकर भोजन करने में आनंद आ गया। कोंडापार्क की द्रोपदी मेले में दुकान लगाई है। भोजन का समय डेड़ बजा तो वह भी परिवार के साथ यहां खाना खाने आ गई। खान बहुत ही अच्छा और स्वादिष्ट बना है। उससे अच्छा बेहद प्यार से खिला रहे है यह काफी अच्छी बात है। तभी तो राजिम का नाम पूरे देश और दुनिया में चल रहा है। लोग राजिम मेला सहर्ष आते है।
यहां के लोगों का अच्छा व्यवहार सबको भाता है।
इधर दूसरे छोर पर नवापारा से कुलेश्वर मंदिर जाने के मार्ग पर बीच नदी में नवापारा राइस मिल एसोसिएशन के द्वारा अपना स्वयं का बड़ा पंडाल लगाकर मेले में पहुंचने वाले हर किसी को आमंत्रित कर भोजन करा रहे है। माघ पूर्णिमा को शुरू किए गए यह भोजन भंडारा महाशिवरात्रि तक नि:शुल्क चलेगा। सेवा कार्य में स्वयं एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरधारी अग्रवाल, प्रहलाद राय अग्रवाल, मोहन अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, पालिका के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, निर्मल जैन, मुकेश अग्रवाल, संदीप धामेजानी, यश अग्रवाल, डॉ रमेश कोठारी, प्रणय अग्रवाल, नवल अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, पराग सुंदरानी, ललित पांडे सहित एसोसिशन के सभी पदाधिकारी, सदस्य तन-मन-धन से लगे हुए है। अध्यक्ष गिरधारी अग्रवाल ने बताया कि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक कोई भी व्यक्ति यहां पहुंचकर भोजन कर सकता है। भोजन में गरम-गरम चांवल, दाल, मिक्स सब्जी दी जा रही है। लोग बड़े प्रेम के साथ बैठकर अपने परिवार के साथ यहां खाना खा रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन बुढ़वा पुन्नी मेला को अलग-अलग रंग देखने को मिला। सोमवार को सुबह 10 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। समाचार लिखे जाने तक मीना बाजार से लेकर संगम क्षेत्र में लोग घूम-घूम कर मेले में आये हुए समाग्रियों को निहार रहे थे। संगम में स्नान कर सीधे मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन किएँ।
सिमगाँव बलोदाबाजार से पहुंचे लक्ष्मी जोशी, देवानंद जोशी, भूरीबाई ने बताया कि वह मोटरसायकल से पुन्नी मेला पहुंचे है। कुलेश्वरनाथ शिवलिंग का दर्शन कर मन प्रसन्न हो गया। इसके बाद भगवान राजीवलोचन का दर्शन करेंगे। रायगढ़ के डमरू सिंह, कृष्ण कुमार, उद्धव, दीपक, मुकेश ने बताया कि पहली बार भगवान आशुतोष की कृपा से त्रिवेणी संगम मेे स्नान किये हैं। इससे शरीर तरोताजा हो गया है। कहीं भी रश्रीभर थकान नहीं है। उडि़सा के महिलाएँ बता रही थी कि इतना बड़ा मेला पहली बार देखें है। इतनी सुन्दर व्यवस्था और देव दर्शन होना हमारे तो भाग्य खुल गये है।
पुन्नी मेला में अलग-अलग प्रकार के मिठाई दुकाने अवश्य लगे हुए है मगर बाम्बे मिठाई का अपना अलग जलवा है। उश्ररप्रदेश के विकास डंडे मे मिठाई को बाँधे हुए है और प्रत्येक नग 10 रूपये में बेच रहे थे। उन्होंने बताया कि इसे शक्कर से बनाया जाता है। बच्चों का खासतौर पर पसंदीदा मिठाई है।
कंगन का क्रेज बढ़ा
जगह-जगह ठेले या फिर अन्य मनिहारी दुकानों में कंगन को शानदार सजाकर रखे गये है। मेले देखने पहुंचे महिलाएँ एवं लड़कियाँ कंगन खरीदना नही भूल रही है। चारो तरफ इनका क्रेज बढ़ा हुआ है।
मेला घुमने आये लोगों कि पहली पसंद ओखरा मिठाई बनी हुई है। पुरे मेला घुमने के बाद घर जाने के समय ओखरा जरूर खरीदते है। यह चावल से बनाया जाता है। इसमें भी गुड़ का उपयोग किया जाता है। अधिकतर उडि़सा के लोग बड़ी मात्रा में बनाते है। बच्चें ले रहे झूला का मजा
अपने परिवार के साथ पहुंचे छोटे-छोटे बच्चों की नजऱ में जैसे ही झूला दिखते हैं चढऩे की जिद कर बैठते है और खुब मजा लुट रहे है। इधर मीना बाजार मेें भी आकाश झूला, डीस्को झूला, रेंजर झूला, झूले रहें है।
भूपेश साहू और गरिमा-स्वर्णा दिवाकर की शानदार प्रस्तुति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला का शुभारंभ रविवार 5 फरवरी से हो गया है। राजिम माघी पुन्नी मेला के प्रथम दिवस पर मुख्य मंच पर गरियाबंद जिला के गौरव भूपेन्द्र साहू की रंगसरोवर की प्रस्तुति हुई जिसमें चैमासा के नाम से प्रसिद्ध गीत के पहले साथी कलाकारों ने अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार.... गीत की प्रस्तुति देकर दिवंगत नरेन्द्र देव वर्मा कि रचना को अमर कर दिया।
इसी मंच पर छत्तीसगढ़ में होने वाले जस गीत सुवा नृत्य, गौरी-गौरा, पंथी नृत्य, रउत नाचा को मंच पर प्रस्तुत किया गया। ये गीत सुन दर्शकों को ऐसा लगा कि ये सारे त्योहारें हम आज मना रहे है। इस मंच पर उसके बाद मंगल भवन अमंगल हारी..... भजन के माध्यम से रंग सरोवर के कलाकारों ने दर्शकों को भी राम नाम की माला जपने के लिए विवश कर दिया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की दो सगी बहन गरिमा और स्वणा दिवाकर की प्रस्तुति की शानदार शुरूवात हुई। उनके सहयोगी कलाकारों के द्वारा गणराज हो गणराज..... से किया गया। इसके पश्चात दोनों बहनें ने माँ बच्चों की जान होती है वो होती है किस्मत वाले.... की प्रस्तुति दी गई। उनकी अगली प्रस्तुति के रूप में दीया जलाबों जी.... इस गीत ने भी मानव जीवन के महत्व को बताया। गरिमा और स्वर्णा दिवाकर कि सबसे प्रसिद्ध गीत नाच बईगा नाच... को सुनकर दर्शक खुब जोरदार तालिया बजाई। कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ परम्परा के अनुसार सुवा नृत्य, पंथी नृत्य और अंत में फाग गीत की प्रस्तुति दी गई। इन कलाकारों ने मंच पर छत्तीसगढ़ वेशभूषा का ध्यान रखकर प्रस्तुति दि गई। कलाकारों का सम्मान स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। मंच संचालन निरंजन साहू द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच पर सुरमई सुरगंगा लोककला मंच की मनमोहक प्रस्तुति हुई। संचालक शिवा जांगड़े ने मीडिया सेन्टर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि कला साधना है। इसके लिए न जाने कितने रात जागते है यहाँ तक के घर में कोई जरूरी काम हो परिवार के लोग बार बार मोबाईल करके थक जाते है और हम लोगों को रिझाने में लगे रहते है। मुझे संस्था के निर्माता, निर्देशक और गायक होने का सौभाग्य मिला है। इसकी स्थापना सत्र 2006-07 में हुई है। संस्था में 30 सदस्य हैं। राजिम माघी पुन्नी मेला में लगातार 5 वर्षों से अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमारा हमेशा प्रयास रहता है कि गीत-संगीत के माध्यम से समाज मे फैली कुरितियों जैसे जुआ, सट्टा, नशा आदि के बारे में लोगों को जागरूक करते है। उन्होने निवेदन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी सरकार जल्द से जल्द नशा मुक्ति सम्बंधी कानून बनाएँ। हमारी संस्था के मुख्य सदस्य माधुरी डहरिया जांगड़े गायिका, बहादूर शांदे अध्यक्ष, बालक दास मारकण्डे सचिव के रूप में हैं। शिवा जांगड़े कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों मेंं भी काम किया है जैसे- धूर्रा, दहाड़, कहर, हीरो हीरालाल, लफंटूश।
ये अपनी प्रस्तुति छत्तीसगढ़ी के बाहर उड़ीसा, महाराष्ट, मध्यप्रदेश राज्यों में भी दे चुकें है। इन्हें भारती बंजारे, तीजन बाई, राधेश्याम बारले जैसे कलाकारों से सतनामी कलारत्न से सम्मानित किया गया है। ये सतनाम संस्कृति एकादमी द्वारा नये कलाकारों को प्रशिक्षित कर रहें है। आगे बताया कि गिरौदपुरी धाम में भी राजिम जैसा सांस्कृतिक मंच बनना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार बहुत ही अच्छे काम कर रहे है।
एक आम आदमी तक सरकार पहुंच रही है और स्थानीय कलाकारों को सम्मान दे रही है। राजिम माघी पुन्नी मेला कलाकारों के लिए वरदान है पहले बाहर के कलाकार आते थे अब प्रदेश के कलाकारों को मौका मिल रहा है। भूपेश सरकार कला साहित्य एवं संस्कृति के लिए मील का पत्थर साबित हो रहें है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच पर प्रतिदिन छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुति हो रही है। मुख्यमंच पर तीसरे दिन 7 फरवरी को अल्का परगनिहा (चंद्राकर) के कलाकारों की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण रहेगी। इसके अलावा रंग तरंग सुश्री तारा साहू रायपुर अपनी प्रस्तुति देंगे।
इसी प्रकार श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पास बने मंच चौबेबांधा के दीपक श्रीवास द्वारा रामायण की प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही फाग मण्डली रामेश्वर देवांगन बेमेतरा, आदिवासी नृत्य प्रेम यादव गरियाबंद, जय गुरूदेव पण्डवानी पुनाबाई बंसोड़ पाण्डुका खट्टी तथा लोक नाचा पुरानीक साहू बेलसोढ़ा महासमुंद की प्रस्तुति होगी।