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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 12 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के आठवें दिन 12 फरवरी रविवार को स्टार नाईट अनुराग शर्मा की प्रस्तुति होगी।
मुख्यमंच पर प्रतिदिन छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकरों ने अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को खूब आनंदित कर रहे हैं। 12 फरवरी रविवार को शाम 5 से 7 बजे तक लोक रंजनी के डॉ. पुरूषोत्तम की प्रस्तुति होगी। रात्रि 7 से 7.30 तक विप्र परिषद द्वारा संध्या पूजन आरती किया जाएगा। रात्रि 7.30 से 10 बजे तक छत्तीसगढ़ के स्टार नाईट अनुराग शर्मा की प्रस्तुति होगी।
वहीं सांस्कृतिक मंच क्र. 2 में सुबह 11 से 12 बजे तक सुनीता शर्मा पंडवनी की प्रस्तुति देंगे। दोपहर 12 से 1 बजे तक जगन्नाथ पटेल जसगीत की प्रस्तुति होगी। दोपहर 1 से 2 बजे तक अभिषेक कुमार फाग मंडली, 2 से 3 बजे लोक नृत्य उत्तम साहू, 3 से 4 बजे तक प्रशांत सोनवानी द्वारा रामायण की प्रस्तुति दी जाएगी। मंच पर अंतिम प्रस्तुति 4 से 5 बजे तक पुरूषोत्तम यादव द्वारा राऊत नृत्य की प्रस्तुति होगी।
मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना : अमितेश शुक्ल ने नवदम्पतियों को दिया आशीर्वाद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 12 फरवरी। पवित्र महानदी, सोंढूर, पैरी के त्रिवेणी संगम के राजीव लोचन मंदिर परिसर में शनिवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब पूरा परिसर विशाल विवाह मंडप में बदल गया था। अवसर था मुख्यमंत्री कन्या सामुहिक विवाह का। इस आयोजन में यहां 150 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ।
भगवान श्रीराजीव लोचन और श्रीकुलेश्वर नाथ की पवित्र धरा में बेटियों को समारोह के मुख्य अतिथि राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारियों का आशीर्वाद मिला। सामूहिक विवाह में छुरा विकासखंड के 38, फिंगेश्वर के 1, मैनपुर के 64, गरियाबंद के 18 एवं देवभोग के 29 जोड़े शादी के पवित्र बंधन में बंधे।
गायत्री वैदिक मंत्रोच्चार और रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न हुआ। इसके पूर्व वधु एवं वर पक्ष से अधिकारी-कर्मचारी बाराती और घराती बने। वर पक्ष को बाजे-गाजे के साथ स्वागत कर बारात निकाली गई। वहीं वधु पक्ष ने फूल बरसाकर स्वागत किया। पूरा मेला स्थल विवाहमय नजर आ रहा था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री शुक्ल ने वर-वधु को आशीष और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक शुभ अवसर है कि आज राजिम के पवित्र धरा पर सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने आशीर्वाद दिया है।
उन्होंने कहा कि आज पुण्य कार्य हो रहा है जहां गरीब बेटियों को आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार की जिम्मेदारी बेटियों पर होती है। वे परिवार और समाज को जोड़ कर रखती है। बेटियां शासन की योजना का लाभ उठाकर सक्षम बने। उन्होंने सभी नवदम्पति को उपहार दिए। उन्होंने नवदम्पति को सफल और स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी और जोड़ों को 1-1 हजार का चेक प्रदान किया।
श्री शुक्ल ने नवविवाहित को सफल जीवन के लिये मूल मंत्र दिए। एक दूसरे की गलती को नही देखते हुये अच्छाई को स्वीकार करें। सोशल मीडिया का सावधानी से उपयोग करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और सम्मान के लिए कार्य कर रहे हैं। शासन की योजना का जिक्र कर कहा कि सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है। उन्होंने सरकार के तरफ से सभी नवदम्पति को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस सामूहिक विवाह के अनुकरणीय पहल के लिए श्री शुक्ल ने स्थानीय प्रशासन को भी बधाई दी।
जनपद अध्यक्ष फिंगेश्वर पुष्पा साहू ने कहा कि हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुखिया भूपेश बघेल द्वारा बेटियों की शादी के लिए फिजूलखर्ची रोकने के लिए अनुकरणीय पहल की है। सामूहिक विवाह के लिए योजना से गरीब बेटियों को बड़ी मदद मिली है। जिला पंचायत सभापति श्रीमती मधुबाला रात्रे ने कहा कि कोरोना काल मे यह शादी नही हो पाई थी।। लेकिन अब यह शादी हो रही है। सभी समाज को आगे आना पडेगा। शासन की योजनाओं का लाभ उठाने अपील की और सभी नवविवाहित जोड़े को बधाई दी।
गायत्री परिवार के वैदिक मंत्रोच्चार और रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न हुआ। इसके पूर्व वधु एवं वर पक्ष से अधिकारी-कर्मचारी बाराती और घराती बने। वर पक्ष को बाजे-गाजे के साथ स्वागत कर बारात निकाली गई। वहीं वधु पक्ष ने फूल बरसाकर स्वागत किया। पूरा मेला स्थल विवाहमय नजर आ रहा था। इस सामूहिक विवाह में मैनपुर के टिलेन्द्री, ओमकार, गरियाबंद की आरती निर्मलकर ने इस आयोजन के लिए शासन-प्रशासन का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह शादी हमारे जीवन के लिए यादगार क्षण है। शासन से जो लाभ मिला है उसके लिए धन्यवाद दिये। जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया कि अब तक जिले में 1334 जोड़े का विवाह सम्पन्न हो चुका है।
योजना अंतर्गत प्रत्येक जोड़े के लिए योजना अंतर्गत द्वारा 25 हजार की राशि व्यय की जा रही है। जिसमे 5 हजार रूपये श्रृंगार सामग्री, 14 हजार रूपये उपहार सामग्री तथा 5 हजार रूपये आयोजन मद एवं 1 हजार रूपये का चेक वधु के लिए प्रदाय किया गया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष छुरा श्रीमती तोकेश्वरी मांझी, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, छुरा उपाध्यक्ष गौरव मिश्रा, पदमा दुबे, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, महिला बाल विकास के अधिकारी अशोक पांडेय, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, वर-वधु के परिजन व आगंतुक भी मौजूद थे। मुख्य अतिथि श्री अमितेश शुक्ल ने भगवान श्री राजीव लोचन की पूजा अर्चना कर जिले वासियों के सुख समृद्धि की कामना की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 12 फरवरी। साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप राजीवलोचन मंदिर में श्रद्धालुगण दिन प्रतिदिन चमत्कार से रूबरू होते रहते है। जानकारी के मुताबिक पुरी दुनिया में ऐसी प्रतिमा नहीं मिलती जो राजिम शहर के प्राचीन मंदिर में स्थापित है। त्रिवेणी संगम तट पर राजीवलोचन मंदिर दो भागों में विभक्त है। पहले परिसर का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर है। द्वार पर दो गज सूड उठाकर स्वागतारत है। ललाट पर सिंह बैठे हुए है। आयताकार क्षेत्र के मध्य भगवान राजीवलोचन का विशाल मंदिर 7वी, 8वीं शताब्दी में बनाया गया है। राजा जगपाल देव ने विष्णु आज्ञा से विशाल मंदिर का निर्माण छने हुए कारीगर से करवाया और चतुर्भुजी श्यामवर्णी प्रतिमा स्थापित की। मंदिर के उत्तर, दक्षिण दिशा में आगमन एवं निर्गमन द्वार है। महामंडप खम्भों पर टिका हुआ है। प्रत्येक स्तंभ पर देवी-देवताओं की प्रतिमा प्रस्थापित है। द्वार पर ही गरूड़ देव दोनों हाथ जोडक़र बैठे हुए है। महामंडप में दो शीलालेख उत्कीर्ण है जिससे छश्रसगढ़ की इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है। मंदिर में परिक्रमा पथ है।
दिन में तीन बार बदलता भवगान राजीव लोचन का स्वरूप
गर्भगृह में भगवान विष्णु का स्वरूप राजीवलोचन विराजमान है। बतातें है कि इनका स्वरूप दिन में तीन बार बदलता है। सुबह बाल्यावस्था, दोपहर युवा तथा रात्रिकाल में प्रौढ़ा अवस्था को प्राप्त करते है। कुछ महिने पहले प्राईवेट टीवी चैनल ने रूककर चमत्कार पर सर्वे किया। उन्होने पाया कि राजीवलोचन भगवान भोजन ग्रहण करने के लिए उपस्थित होते है। पात्र मेंं परोसा गया भोजन को रखकर गर्भगृह का द्वार बंद कर दिया। कुछ देर बाद खोला तो अन्न के दाने बिखरे हुए थे। इसी तरह रात्रिकाल में शयन करने से पहले भगवान को तेल लगाने की परम्परा है। उनके लिए खाट बिछाया गया, बिस्तर भी लगा। द्वार बंद कर दिया गया। सुबह पट खुला तब बिस्तर बिखरा हुआ मिला तथा कपड़े पर तेल देखा गया।
शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण
विष्णु सहस्त्रनाम में एक नाम राजीवलोचन अंकित है। भगवान राजीवलोचन अपने चारों हाथ में शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण किए हुए है पर्व-त्योहार तथा महत्वपूर्ण तिथियों में भगवान का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाता है। बारह महीने में 24 रूप अलग-अलग रूप का जिक्र होता है।
राजिम में अनेक विष्णु मंदिर
राजिम में भगवान राजीवलोचन मंदिर के अलावा अनेक विष्णु मंदिर है जिनमें प्रमुख रूप से आयताकार वर्ग क्षेत्र के चारों कोण में चारोधाम स्थित है। जिनमें वराह अवतार, वामन अवतार, बद्रीनारायण अवतार, नृसिंह अवतार हैं। मंदिर के नीचे मे शाक्षी गोपाल मौजूद है। भगवान का विराट स्वरूप दीवाल पर अंकित है। द्वितीय परिसर में सूर्यनाराण भगवान, चतुर्भुजी भगवान विष्णु के लगभग 5 फिट ऊंची प्रतिमा, मंदिर समूह से बाहर सौ साल प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर 6वीं-7वीं शताब्दी में स्थापित रामचन्द्र देवल, छोटे राजीवलोचन मंदिर, गरियाबंद मार्ग में दत्तात्रेय मंदिर इत्यादि है।
राजीवलोचन के साथ जुड़ी राजिम भक्तिन तेलिन माता की कथा
प्रचलित कथा के अनुसार राजिम भक्तिन तेलिन माता अत्यंत सरल एवं सहज स्वभाव की थी। तेल बेचकर वह परिवार का पालन-पोषण करती थी। एक दिन तेल बेचने के लिए नदी से होकर दूसरे किनारे जा रही थी। अचानक एक पत्थर से ठोकर खाकर गिर गई। इससे पात्र में रखा सारा तेल बिखर गया। संभावित डांट फटकार के डर से रोने लगी। कुछ समय बाद आंसू पोंछकर घर आने के लिए बर्तन उठाकर देखा तो आवाक रह गई। उस पात्र में तेल लबालब भर गया था। खुशी-खुशी वह तेल बिक्री किया। वापस आकर पुरी जानकारी परिवार जनों को दी। दूसरे दिन तेली परिवार ने उस शीला को उठा कर घर ले आया। पूजा-पाठ से घर का माहौल भावभक्ति से ओतप्रोत हो गया। नरेश वीरवल जयपाल को पता चला और राजिम माता के पास प्रतिमा के लिए याचना किया। उन्होने कहा प्रतिमा को ले जाईये। उनकी बात को सुनकर नरेश बहुंत प्रसन्न हुआ और राजिम के मंशानुरूप प्रतिमा के साथ राजिम शब्द जोड़ दिया गया और उसी दिन से राजीवलोचन को राजिमलोचन कहा जाने लगा।
समय-समय पर राजिम का नाम बदला
राजिम नगरी को अत्यंत प्राचीन बताया जाता है। किंवदंती के अनुसार पहले इन्हें कमलक्षेत्र कहा जाता था। उसके बाद पद्मक्षेत्र फिर देवपुरी, राजीवनगर, छोटाकांशी, पंचकोशी धाम, हरिहर की नगरी, राजिम प्रमुख है। राजिम का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र पद्मावती पुरी राजीवलोचन मंदिर के नदी जाने के रास्ते के द्वार पर आज भी अंकित है।
राजिम, 12 फरवरी। शनिवार को राजिम मांघी पुन्नी मेला के सातवें दिन भोग भंडारा की शुरुआत भाजपा नेता जितेंद्र सोनकर, राजिम सीएमओ चंदन मानकर, टामसन रात्रे एवं सेवानिवृत्त पुलिस अफसर बोधन साहू ने राजिम भक्तिन माता एवं भगवान श्री राजिम लोचन की पूजा आरती एवं भोग लगाकर प्रारंभ किया।
छत्तीसगढ़ राज्य के गृह लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष सहयोग एवं सांसद चुन्नीलाल साहू ,छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, प्रदेश महामंत्री दयाराम साहू के मार्गदर्शन एवं साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू संरक्षक डॉ.रामकुमार साहू,डॉ महेंद्र साहू, के नेतृत्व में साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ राजिम नवापारा के संयुक्त तत्वाधान में राजिम माघी पुन्नी मेला में आज सातवें दिन राजिम माता भोग भंडारा में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध व्यंजन आलू चना सोया बड़ी कड़ही एवं उच्च क्वालिटी के एच एम टी.चाँवल परोसा गया। मेला में आए हुए हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किए भोग भंडारा का आयोजन समिति के व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक बलराम साहू एवं दीपक कुमार साहू उपसरपंच द्वारा भोग भंडारा का आयोजन किया गया अपार जनसमूह इस आयोजन में सम्मिलित हो रहे हैं इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू,समिति के अध्यक्ष लाला साहू, समिति के संरक्षक रूपेंद्र साहू, कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वरी साहू,सेवानिवृत्त पुलिस अफसर बोधन साहू, सोमप्रकाश साहू, पुरुषोत्तम चंद्राकर,राजिम के भवानी शंकर साहू, उपाध्यक्ष नूतन साहू,कोषाध्यक्ष भोले साहू,महामंत्री रामकुमार साहू, लोकनाथ साहू,महासचिव श्याम साहू, डॉ लीलाराम साहू, डॉ ओंकार, सचिव राजू साहू,रामजीवन साहू, समारू साहू, शोभाराम साहू,माखन साहू,ईश्वर साहू,मुकेश साहू,समारू साहू,शत्रुघ्न साहू,तरुण साहू,विष्णु साहू,ईश्वरी साहू, रामगुलाल साहू,युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनीष साहू, सहसंयोजक रोशन साहू सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे
छम-छम बाजे पांव की पैरी.... गीत ने मेरी तकदीर बदल दी - चम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 12 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के पांचवें दिन रात्रि 10:30 बजे मुख्य महोत्सव मंच पर प्रस्तुति देने के बाद मीडिया सेंटर पहुंची छत्तीसगढ़ की लोक गायिका चम्पा निषाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को आगे ले जाना चाहती हूं। भाषा के अनेक लोक भाषाएं है उस पर भी मुझे काम करना है। जिस तरह से भोजपुरी फिल्म पूरे देश में देखी व समझी जाती है उसी तरह से छत्तीसगढ़ी लोककला संस्कृति की पूरी दुनिया में पहचान हो। आई लव यू फिल्म के गीत छम-छम बोले पांव के पैरी.. गीत ने मुझे प्रसिद्धि दिलाई। इसे उत्तम तिवारी ने लिखा है तथा धुन भी उसी ने तैयार किया। इन्हें गाने में खूब मेहनत की और देखते ही देखते मेरी आवाज हर जवां दिलों की धडक़न बन गयी। निश्चित ही इससे मेरी तकदीर बदल गयी। जिसे मै माता पिता का आशीर्वाद एवं ईश्वर की कृपा मानती हुं।
उन्होंने बताया कि मरदा गांव में जन्म हुआ। 8 साल की उम्र में रामायण कार्यक्रम में भजन प्रस्तुत करती थी। मेरे पिता रामायणी तथा कृषि कार्य करते थे। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से मात्र 12वीं तक ही पढ़ पायी थी। बाद में लोक संगीत में एम.ए. किया। पुन्नी के चंदा लोककला मंच से जुड़ी उसके बाद लगातार दर्शकों के बीच गीत गाती रहीं। उनका प्यार एवं दुलार ने मुझे आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त किया।
चम्पा निषाद ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश में 1500 से भी अधिक मंच साझा कर चुकी हूं। वह बताती है कि टीम में 40 सदस्य हैं सभी खूब मेहनत करते हैं। अभ्यास लोककला की जान हैं। लगातार कार्यक्रम चलने पर रियाज के लिए समय नहीं मिलता। हम दर्शकों की मुड देखकर उनके ही शैली में प्रस्तुत होते है। चम्पा निषाद ने आगे बताया कि हमारे घर में कुछ बड़े सिंगर का आना जाना था, जिनका सानिध्य मुझे मिला। मै हर तरह के गाने पसंद करती हूं। सभी गायकों को ध्यान से सुनती भी हूं। छालीवुड में फिल्म ले चल नदियां के पार, वन टू, आई लव यू, खलिहान, मिस्टर मजनू, साथी, लव लेटर में आवाज देने का अवसर मिला। बालीवुड में अवसर मिला तो सौभाग्यशाली समझूंगी। उन्होंने नए कलाकारों से खूब मेहनत करने तथा छत्तीसगढ़ी लोककला संस्कृति के अनुरूप ही मंच पर प्रस्तुति देने की बात कहीं। प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित माघी पुन्नी मेला मंच से वह अत्यंत प्रभावित थी। इस मौके पर प्रसिध्द लोक गायिका निर्मला ठाकुर, सुरभी यादव, गायक खेम यादव, मंच संचालक मनोज सेन प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम। छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार और किसान मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान खेती के साथ आर्थिक लाभ बढ़ाने के लिए मछली पालन की ओर ध्यान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भी मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन एवं संचालित कर रही है। राजिम माघी पुन्नी मेला में लगे मत्स्य पालन विभाग के प्रदर्शनी में सरकार द्वारा चलाई जा रही है मत्स्य विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए लाभ बता रहे हैं। गरियाबंद मत्स्य विभाग के निरीक्षक रिया कुजुर एवं कर्मचारी मनमोहन मारकंडे ने बताया कि मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में कई योजनाएं संचालित है, जिसमें मत्स्य बीज उत्पादन योजना, जलाशयों एवं नदियों में मत्स्योद्योग का विकास योजना, शिक्षण-प्रशिक्षण (मछुआरों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण) योजना, शिक्षण-प्रशिक्षण (मछुआरों का अध्ययन भ्रमण) योजना, पंजीकृत मत्स्य सहकारी समितियों को ऋण/अनुदान योजना, मत्स्य पालन प्रसार अंतर्गत झींगा पालन, मौसमी तालाबों में मत्स्य बीज संवर्धन, नाव जाल या जाल क्रय सुविधा तथा फिंगरलिंग क्रय कर संचयन पर सहायता योजना, मत्स्य विकास पुरस्कार योजना, एक्वाकल्चर मत्स्य कृषक विकास अभिकरण योजना, मत्स्य जीवियों का दुर्घटना बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, बचत सह राहत (सेंविंग कम रिलीफ), मछुआ आवास योजना है। कुजुर ने बताया कि फीड मिल स्थापना, मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना, तालाबों में रेडिएटर की स्थापना, बर्थ संयंत्र की स्थापना, ऑटो रिक्शा के साथ आइस बॉक्स, मोटरसाइकिल के साथ आइस बॉक्स, साइकिल के साथ आइस बॉक्स, फुटकर मत्स्य विक्रय दुकान की स्थापना, मछुआरों का दुर्घटना बीमा बचत राहत योजना, मछुआ आवास योजना सहित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत अनेकों प्रकार की सहायता राशि प्रदान की जाती है। अधिकारी कुजुर ने बताया कि मछली पालन आय का अच्छा स्त्रोत होने के कारण बहुत से लोग मछली पालन जैसे कार्यों में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ मछली पालन व्यवसाय के विकास के लिए अनुकूल है क्योंकि यहां नदी, बांध, तालाबों की अधिकता है। यही कारण है कि मछली पालन व्यवसाय में बहुत से लोग जुड़े हुए हैं। छत्तीसगढ़ शासन भी मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना चाहती है। इस लिए मछली पालन के साथ-साथ मछली पालन व्यवसाय के जुड़े वस्तुओं, औजारों के लिए लोन मुहैया कराती है। नाव, जाल, मछली बीज संवर्धन, मत्स्य पालन आदि के लिए लोन लिया जा सकता है। कुजुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कम लागत में ज्यादा आय प्राप्त करना है तो मछली पालन का व्यवसाय सबसे बढिय़ा है, परन्तु मछली पालन व्यवसाय से जुड़ी जानकारी के आभाव में बहुत से लोग, इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। इस स्टॉल में मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जो प्रावधान किये गए है, उन सब के बारे में जानकारी दी जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम 12 फरवरी। हर कलाकार के पास कुछ न कुछ विशेष गुण होते हैं जिनके बदौलत उन्हें आगे बढऩे का मार्ग मिलता है। उन्हें खंगालने की कोशिश होनी चाहिए। कला कभी परिपूर्ण नहीं होता। ऊपर का स्थान हमेशा खाली रहता है। वह जिंदगी भर सीखता है। जितना मेहनत करोगे उतना उभरकर दर्शकों में छा जाओगे। लोककला पर मेहनत करने के अलावा और कुछ नजर नहीं आता। उक्त बातें लोक सरगम लोककला मंच छुईहा राजिम के लोक कलाकार हिम्मत सिन्हा ने मीडिया सेंटर में बातचीत करते हुए पत्रकारों से कही।
उन्होंने अपनी कला यात्रा को बताते हुए कहा कि साल भर में 2 बार नए कलाकारों को सीखाने के लिए कार्यशाला आयोजित करता हूं जिसमें कला को नजदीक से जानने का अवसर मिलता है। हमारी संस्था छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में लगातार प्रस्तुति दिए हैं। वैसे तो लोक सरगम की स्थापना 1996-97 से हो गई थी। उस समय मैंने खुद छैला बाबू गीत लिखा। इन्हें कंपोजिंग भी किया तथा खूब चली और आज भी लोगों की जुबां पर यह गीत छाए हुए हैं। छुरा के पास खड़मा गांव में पहली प्रस्तुति दी। उसके बाद कार्यक्रम लगातार चलता रहा। बीच के दिनों में कुछ अंतराल आए। फिर 2017 के बाद तो नॉनस्टॉप प्रस्तुतियां हो रही है।
श्री सिन्हा ने बताया कि हमारे सभी कलाकार लंबी सोच के साथ प्रयास कर रहे हैं। मेरा लिखा प्रत्येक गीत संदेशनात्मक है। कार्यक्रम के शुरुआत में ही लोकधुन के अंतर्गत बारहमासी की प्रस्तुति देते हैं। परदेसी गंगा नाटक में खूब सराहना मिली। इसमें प्यार, संस्कार और बड़े बुजुर्गों का सम्मान छिपा हुआ है। वर्तमान में विधवा विवाह पर हमने फोकस किया है। अक्सर देखा गया है शादी होने के समय माता-पिता भी अपने बच्चों को पूछते नहीं हैं जिनके बाद उन्हें बाद में पछतावा होता है जबकि रिश्ते तो सभी से पूछ परख के बाद ही होनी चाहिए। हमने इस प्रहसन में पूरी जिम्मेदारी के साथ सभी पात्र के महत्व को आगे लाने का प्रयास किया है। इनके साथ ही भागदौड़ की जिंदगी में जो अनचाही घटनाएं हो जाती है उन्हें उकेरा है। बताया गया है कि नशा नाश का जड़ है इससे सुकून नहीं बल्कि बर्बादी ही हाथ लगती है। संस्कारवान अपनी छत्तीसगढ़ प्रदेश के लोक कला को देश के अलावा विदेशों में भी लोक सरगम के माध्यम से आगे ले जाने के लिए कमर कस ली। है आगे भगवान राजीवलोचन की मर्जी। उन्होंने राजिम महोत्सव मंच की खूब सराहना की और कहा कि ऐसे मंचों में प्रस्तुति देना अपने आप में अत्यंत गौरव की बात है हम बहुत गदगद है।
नवापारा के गोपाल सरकार से बहुत कुछ सीखा
उन्होंने आगे बताया कि पढ़ाई के समय संगीत सीखने के लिए नवापारा राजिम आना जाना होता था। नवापारा के गोपाल सरकार से मुझे संगीत का माहौल मिला और सन् 1989 में उससे जुड़ा रहा। लोक कला मंच में जाने से पहले रामायण और नाटक मंडली पर खूब काम किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 11 फरवरी। अभनपुर विधानसभा के विधायक धनेंद्र साहू का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगर के संगवारी कार्यालय में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, सामाजिकजनों, महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न सामाजिक संगठन, एनएसयूआई, नगरपालिका, आसपास के गांवों के जनप्रतिनिधियों सहित गणमान्य नागरिकों कार्यकर्ताओं द्वारा श्री साहू को बुके-फूलमाला, शाल भेंटकर, मिठाई खिलाकर जन्म दिन की बधाई दी गई।
सामाजिक संगठनों में से सिंधी समाज, जैन समाज, मुस्लिम जमात, ब्राह्मण समाज, कहार भोई समाज, सतनामी समाज, साहू समाज, भामाशाह सदभाव समिति ने भी साहू को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधायक श्री साहू ने कहा कि पहला जन्म तो माता-पिता के घर में हुआ और फिर गुरुजनों की शिक्षा के बाद सन् 1990 में नया जन्म राजनीति में हुआ। राजनीति में भी एक परिवार की तरह एकजुट होकर रहना।
आगे कहा-मैंने पहला चुनाव 1993 में लड़ा। आज राजनीति में 33 वर्ष हो गए, जनता में परिवार से बढक़र प्यार मिला। जिस कारण सात बार विधानसभा चुनाव लड़ा और दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें चार बार जनता ने मुझे विजयी बनाया। कांग्रेस परिवार ने प्रदेशाध्यक्ष बनाया, विधायक बनाया, मंत्री बनाया, यह सब आपका प्यार था, जिसके कारण मैं आप सबकी सेवा में तत्पर रहा।
सभा को संबोधित करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी ने कहा कि पहले विधानसभा चुनाव श्री साहू 20 हजार वोट से हार गए, मगर तीन साल तक विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे, जिसका परिणाम यह हुआ उसी विधायक को 28 सौ वोट से जीत दर्ज की। वर्ष 1998 में, 2003 में विधायक बने, फिर 2008 में 1490 वोट से हार गए, उसके बाद 2013 तक पूरे क्षेत्र में सक्रिय रहकर कार्य किए और विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। जो जनता का प्यार ही था, फिर 2018 में फिर विजयी हुए।
जीत का कारण जनता को सप्ताह में तीन दिन रूबरू हो उनके दुख दर्द को सुनकर निपटारा करते हैं। कोरोना काल में भी जब लोग डरकर अपने घरों में घुसे हुए थे, विधायक श्री साहू घूम-घूमकर पूरे विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे। उसी का परिणाम है कि नगर में आज स्वास्थ्य केन्द्र में 100 बिस्तर अस्पताल, आक्सीजन प्लांट का तत्काल निर्माण हुआ, जिससे क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य के प्रति रायपुर का चक्कर न काटना पड़े।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा, मानिकचौरी सोसायटी अध्यक्ष चन्द्रहास साहू, मण्डी अध्यक्ष गोपेश उपाध्यक्ष भागवत साहू, जीतसिंह, नवापारा सोसायटी अध्यक्ष शेखर बाफना,पालिका पूर्व पालिका उपाध्यक्ष जीत सिंह, नगर पालिका उपाध्यक्ष चतुर जगत, सभापति संध्या राव, हेमंत साहनी, अजय साहू,मंगराज सोनकर, मेघनाथ साहू, रामा यादव, राजा चावला, राकेश सोनकर, अहमद रिजवी, शाहिद रजा, निर्माण यादव, अशोक गोलछा, संतोष विश्वास, विजय गिलहरे, संध्या शर्मा, एफके दानी, टिकेश्वर गिलहरे, प्रतीक साहू, घनश्याम साहू, सौरभ सोनी, रामरतन, फागूराम देवांगन, अर्जुन साहू, मुस्लिम जमात के अध्यक्ष अल्तमश सिद्दिकी, नुरूल रिजवी, अरसद चांगल, इश्तियाक ढेबर, अहमद रिजवी, हारून चांगल, शकील वारसी, मुश्ताक सुलड़ा, इकबाल खान, आरिफअशरफी, शकील वारसी, रिजवान खोखर, परवेज अहमद, सत्तार भाई सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के छठवें दिन शुक्रवार को सांस्कृतिक मंच क्र. 02 नदी पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा।
एक से बढक़र एक दृश्य मंच पर बदलते रहें। छत्तीसगढ़ के पारम्परिक संस्कृति एवं आदिवासी परम्पराओं पर आधारित लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय नवापारा शिक्षा संकाय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें बी.एड. सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा दिया गया। प्रो. नैना पहाडिय़ा, प्रो. लोमश कुमार साहू के मार्गदर्शन में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से बी.एड. प्रशिक्षणार्थी पायल साहू, पीयूष यादव, सूरज साहू, काजल साहू, धनेश साहू, दूजबती पटेल, ताम्रध्वज ने पारम्परिक वेशभूषा में बस्तरिहा गीत पर नृत्य कर अमिट छाप छोड़ी। लोहरसी कोपरा के खेमचंद यादव ने कर्णेश्वर मानस परिवार के द्वारा रामायण की जोरदार प्रस्तुति दी। पोखरा के ताम्रप्रकाश बांधे ने सतनाम मंगल भजन पार्टी केे द्वारा मांदर की धुन पर तान छेड़ा। नवागांव रायपुर के खेलावन सिन्हा ने फाग गीत की प्रस्तुति देकर होलियाना माहौल बना दी। रंग-गुलाल उडऩे लगे नंगाडे की थाप के साथ भगवान राजीव लोचन भगवान की जयकारा होते रहें।
भिलाई नगर सेक्टर 7 रूही साहू की पण्डवानी ने महाभारत की याद दिला दी। बेलटुकरी के देवलाल साहू ने जसगीत झांकी में लोककला की छटा बिखेरी। इस मौके पर बड़ी संख्या में दर्शक शाम तक बैठकर लोककला का लुफ्त उठाते रहें। सांस्कृतिक प्रभारी पुरूषोत्तम चन्द्राकर के अलावा किशोर निर्मलकर, सुखेन साहू आदि कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए है। संचालन महेन्द्र पंत ने किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। त्रिवेणी संगम का तट इन दिनों बदला हुआ नजऱ आ रहा है। प्रत्येक आने वाले श्रद्धालु इन्हें देखकर कहते है कि हम राजिम में ही है न। वह आश्चर्य प्रकट करते है। क्योंकि पिछले वर्ष ही इनका दृश्य अलग नजर आ रहा था, परन्तु इस वर्ष राम वनगमन परिपथ के चलते पूरा संगम तट की तस्वीर ही बदल गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसमें पहले चरण प्रदेश के 9 स्थल को लिया गया। इसमें राजिम का भी नाम शामिल है। राजिम के लिए 19 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत विकास कार्य किए जा रहे हैं। राजिम में गंगा आरती घाट से लेकर महानदी पुल तक लम्बे चौड़े वर्गाकार क्षेत्रफल में फैले तट जो नदी से करीब 30 फीट ऊंचाई लिए हुए है। यहां पर सीढ़ी बना दिया गया है। कहीं से भी श्रद्धालु नदी में उतरकर स्नान, दान, अस्थि विसर्जन, पूजा-पाठ इत्यादि कृत्य कर सकते है। इन सीढिय़ों पर राजस्थान से लाल पत्थर मंगाकर लगाया गया है। पिछले कई दिनों से कारीगर इन्हे लगाने मे लगे हुए थे।
मुक्ताकाशी महोत्सव मंच के दाहिने भाग में बने दर्शक दीर्घा की लुकिंग इन चिकने पत्थरों से बढ़ गई है। उनके ही उपरी भाग में रामवाटिका आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। 6 फिट ऊंची चबूतरा जिनमें 12 सीढिय़ां मौजूद है। इसी में 21 फिट ऊंची रामचन्द्र की विशाल प्रतिमा स्थापित किया गया है। प्रभु रामचन्द्र बाँये हस्त में धनुष पकडे हुए हैं तथा दाँये हाथ वरमद्रा में है। प्रतिमा की गेरूंवा शीला ओडिशा के हैं। बनाने वाले मूर्तिकार भी कटक उड़ीसा से आए हुए थे। चतुष्कोणीय जगती तल के चारों किनारे आकर्षक डिजाईन प्रस्तुत किया गया है। लाईट फाऊंटेन से आभा निखर गई हैै। हर आने-जाने वाले सीढिय़ों पर बैठकर सेल्फि जरूर लेते है। रामचन्द्र प्रतिमा के पीछे वाटिका बनाया गया है। जहाँ बैठकर लोग थकान मिटाते है।
भिश्री चित्र में रामायण के घटनाओं की जानकारी
रामचन्द्र प्रतिमा चबुतरा के चारो ओर भिश्री चित्र बनाया गया है। इसमें रामायण कालिन घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है। करीब 40 चित्र सिमेंट से बनाया गया है। इन्हें म्यूरलआर्ट कहा जाता है। बनाने वाले कारीगर रायपुर, महासमुंद, पाटन से 16 के संख्या में कड़ी मेहनत किये है। जिनमें प्रमुख रूप से योगेश ध्रुव, राजा ध्रुव, राजू साहू, सूरेश प्रजापति, तिलक चक्रधारी इत्यादि है। इन चित्रों में प्रमुख रूप से अहिल्या उद्धार ताडक़ा वध, सीता स्वयंबर, केंवटराज द्वारा रामचन्द्र जी का पांव धोना, सीता हरण, रामेश्वरम महादेव स्थापना, राम-सुग्रीव मिलन, शबरी दर्शन, जटायू उद्धार, गुरू विश्वामिंत्र के साथ राम लक्ष्मण, लंका दहन, दशरथ विलाप, सीता के साथ लवकुश आदि है।
गोदना आर्ट से निखरी सुन्दरता
प्रतिमा के आसपास दीवाल पर गोदना आर्ट कि सुन्दरता देखते ही बन रही है। तरह-तरह के चित्र उंकेरे गये हैं। उश्रर-दक्षिण आने जाने का रास्ता है मुख्य द्वार उत्राभिमुख है। परिपथ के अन्तर्गत पंडित श्यामाचरण शुक्ल चौंक पर चार पिलर दाँये-बाँये निर्माण किया जा रहा है इसमें छोटी-छोटी 280 मुर्तियां स्थापित किये गये है। 10/24 इंच के इन मूर्तियों की प्राचीनता अत्यंत सुहावना है। पिलर पर चार कलश स्थापित किया गया है। इसके अलावा व्ही.आई.पी. मार्ग पर स्वागत द्वार निर्मित है। परिपथ के अंतर्गत विश्राम भवन बहुंत जल्द पूर्ण होगा।
19 करोड़ की लागत से बन रहे परिपथ
प्रदेश सरकार के द्वारा राम वनगमन परिपथ के अन्तर्गत जहाँ-जहाँ रामचन्द्र के चरण कमल पड़े है ऐसे 75 स्थलों को विकसित करने का बीड़ा उठाया है पहले चरण में 9 स्थल को विकसित किया जा रहा है। जिसमें कोरिया के सीतामढ़ी-हरचौंका, सरगुजा के रामगढ़, जाँजगीर-चांपा के शिवरी नारायण, बलोदाबाजार भाठापारा जिला के तुरतुरिया, रायपुर के चन्द्रखुरी, धमतरी सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, बस्तर के जगदलपुर तथा गरियाबंद के राजिम हैं। राजिम के लिए कुल 19 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत किए गए है। काम अभी भी चल रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के छठवें दिन भोग भंडारा की शुरुआत राजिम भक्तिन माता एवं भगवान श्री राजीव लोचन की पूजा आरती एवं भोग लगाकर प्रारंभ किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू जी के विशेष सहयोग एवं सांसद चुन्नीलाल साहू, छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, प्रदेश महामंत्री दयाराम साहू के मार्गदर्शन एवं साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक डॉ रामकुमार साहू, डॉ महेंद्र साहू के नेतृत्व में साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ राजिम नवापारा के संयुक्त तत्वाधान में राजिम मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को माता को भोग प्रसाद दिया जा रहा है।
मेला में छठवें दिन पूर्व मंत्री एवं कुरूद विधायक अजय चंद्राकर द्वारा 21 हजार रूपए का विशेष सहयोग के साथ ही भोग भंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें आलू-चना, राहर दाल, कड़ही एवं एचएमटी चाँवल परोसा गया। भोग भंडारा में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं।
इस अवसर पर अजय चंद्राकर के प्रतिनिधि के रूप में मालक राम साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं युवा नेता भूपेंद्र सिन्हा शामिल हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, मालकराम साहू, युवा नेता भूपेंद्र सिन्हा, जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू, समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक रतिराम साहू, डॉ.महेंद्र साहू, कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वरी साहू, विशेष आमंत्रित सदस्य प्रेमलाल साहू, मेघनाथ साहू, कुंजबिहारी साहू, नगर साहू संघ नवापारा अध्यक्ष रमेश साहू, राजिम के भवानी शंकर साहू, उपाध्यक्ष नूतन साहू, कोषाध्यक्ष भोले साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, लोकनाथ साहू, महासचिव श्याम साहू, डॉ. लीलाराम साहू, डॉ.ओंकार, नगर सचिव राजू साहू, तरुण साहू, विष्णु साहू, ईश्वरी साहू, रामगुलाल साहू, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनीष साहू, किशन साहू, जिनेन्द्र साहू, ओंकार साहू, किशोर साहू, रोशन साहू, आशीष साहू, अमित साहू, मोहित साहू, निलेश्वरी साहू, प्रेमबाई साहू, रामबाई साहू, भावना साहू, सरोज साहू, वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके ठाकुर, नीरज ठाकुर सहित पत्रकार कामेश्वर गोस्वामी, प्रवीण देवांगन, युवराज साहू, श्रीकांत साहू आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे। भोग भंडारा के आयोजन के लिए वाटरप्रूफ पंडाल की व्यवस्था राजिम माघी पुन्नी मेला के मेला प्रभारी एवं जिला गरियाबंद के कलेक्टर प्रभात मलिक, अनुविभागीय अधिकारी राजिम पूजा बंसल के विशेष सहयोग से तैयार किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के छठवें दिन मुख्यमंच पर पुरानिक साहू लोककला मंच लहरगंगा ने मां शीतला को स्मरण करते हुए पहली प्रस्तुति दी। अगली कड़ी में ददरिया, करमा, सुआ नृत्य की प्रस्तुति देख लोककला मंच लहरगंगा ने दर्शकों से आशीर्वाद के रूप में खूब तालियां बटोरी। इस लोकमंच का अंतिम प्रस्तुति रेडियो में चलने वाले एक प्रसिद्ध गीत हमर पूछैया कोन्हो नईये गा.... की प्रस्तुति।
कार्यक्रम के दूसरे प्रस्तुति रूही साहू पंडवानी गायिका ने कपालिका शैली में जरासंघ वध का वर्णन अपनी शैली में किया। इस पंडवानी में जरासंघ का जन्म और किस प्रकार मृत्यु होती है का वर्णन छत्तीसगढ़ी बोली में किया गया है जिसे दर्शक सुन मंत्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति छैला बाबू आहि... के रचनाकार हिम्मत सिन्हा की शानदार प्रस्तुति हुई। जिसकी शुरूवात गायत्री मंत्र से हुआ। पावन माटी के रीत है महान.... इस गीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ में होने वाले तीज त्यौहारों का वर्णन किया गया है।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में अपने शीर्षक गीत की प्रस्तुति चले सरगम की पूरवाईया... को सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गये। उसके बाद देश भक्ति गीत की प्रस्तुति वंदेमातरम् वंदेमातरम् ने मंच से ही दर्शकों में देश भक्ति की जज्बा जगा दिया। इस गीत के अंत में दर्शक भी भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। माघी पुन्नी मेला का मंच ऐसा मंच है, जहां दर्शकों को दीपावली में होने वाली सुआ और दिसंबर माह में होने वाली पंथी नृत्य दोनों एक साथ देखने को मिल जाते है। नैना होगे चार मोर संग होगे मया.... इस गीत ने युवा वर्ग में एक नई उत्साह भर दी जिससे वे अपनी जगह बैठकर ही तालियों से उत्साहवर्धन किया।
लोक सरगम के सबसे प्रसिद्ध गीत छैला बाबू आहि परदेशी बाबू आहि..... की प्रस्तुति दी, जिसे देख दर्शक अपने जगह पर नाचने लगे। इसके बाद लोककला मंच सरगम के द्वारा नाट्क मंचन किया गया। जिसमें एक मिमेक्री कलाकार द्वारा अभिताभ बच्चन, नाना पटेकर, मिथुन चक्रवर्ती, नरेन्द्र मोदी, लालू यादव, सन्नी देवोल का आवाज निकालकर मंच पर कुछ देर के लिए ऐसा लग रहा था ये सारे बॉलीवूड कलाकार राजिम के मेले में आ गये है। उनकी आवाज सुनकर मेला में घुमने वाले मेलार्थी मंच के समीप आना शुरू हो गए। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात कलाकरों का सम्मान केन्द्रीय समिति के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। मंच का संचालन निरंजन साहू द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 11 फरवरी। अभनपुर के पाटन रोड स्थित सतनाम भवन में अनन्य लोक कल्याण समिति के तत्वाधान में संचालित नेकी की कुटिया दिव्यांग सेवा संस्थान में अंचल की सेवाभावी संस्था रॉयल ग्रुप द्वारा मुक बधिर नेत्रहीन पराश्रित व दिव्यांग बच्चों के लिए एक दिवसीय सेवा प्रदान किया गया। जिसमें समूह की पूजा सायरानी, रेखा आहूजा, शीतल, युवराज सेन, विजय सेन, देवेंद्र सेन ने नि:शुल्क सेवा देते हुए संस्थान के सभी बच्चों का बाल काटकर सेवा प्रदान की।
इस अवसर पर एक भेंट में रॉयल ग्रुप से जुड़े पूजा सायरानी व युवराज सेन ने बताया कि उनकी संस्था ऐसे नेक कार्य भी करती है। आज इन दिव्यांग बच्चों के बीच पहुंचकर सेवा देकर काफी अच्छा लगा। हमारी ग्रुप ऐसे सेवा कार्य आगे भी जारी रखेगी। सच में मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा होती है। वहीं लम्बे दिनों बाद बाल का सही सूरत पाकर दिव्यांग बच्चे भी खिलखिलाने लगे। सभी ने ग्रुप के सदस्यों का बुके भेंटकर आभार जताया।
वहीं रॉयल ग्रुप के इस एक दिवसीय नि:शुल्क सेवा पर संस्थान के संचालकों ने ह्रदय से आभार जताया। इस अवसर पर नेकी की कुटिया संस्थान की संचालिका योशिता गोस्वामी व कल्पना गोस्वामी सहित संस्था के बच्चे नानू,भावेश पटेल, त्रिवेणी, गायत्री व अन्य बच्चे उपस्थित थे।
लंदन में पूछा वेज कि नॉनवेज मैनें कहा लान दे-पद्मश्री बारले
मीडिया सेंटर में पत्रकारों से की चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के मुख्य महोत्सव मंच चौथे दिन पंडवानी की प्रस्तुति देने के बाद मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पद्मश्री उषा बारले ने कहा कि सन् 2007 में विदेश जाने का सौभाग्य मिला। मेरी शिक्षा कक्षा चौंथी तक हुई थी, बाद में मैनें ओपन में 10वीं पास कर ली है। मुझे अंग्रेजी भाषा नहीं आती। खाने के लिए लंदन में पूछा गया कि वेज कि नॉनवेज मैनें छत्तीसगढ़ी में कहा नान दे। तुरंत चिकन ले आए।
देखकर वापस तो करा दी और शाकाहारी भोजन के लिए कहा। हम समझ नहीं पाये ये वेज और नॉनवेज का क्या अर्थ होता है। यह घटना मैं आज तक नहीं भूली हूं। पद्मश्री ने बताया कि मेरे परिवार में किसी का संगीत का कोई नाता नहीं रहा अन्य बच्चों के साथ बचपन में पंथी सीख रही थी। बावजूद इसके रूझान पंडवानी के तरफ जाता रहा। घर के लोग स्पष्ट कहते थे तुम्हें कलाकार नहीं बनना है परंतु मैं रेडियो में आना चाहती थी। एक दिन मां से कह दिया कि आवाज देने वाली यह रेडियो में आदमी कहां पर है मां ने बताई बेटी बड़े-बड़े कलाकार कार्यक्रम देते है वह ट्रांसमीटर के माध्यम से सुनाई देते है। उसी दिन मैनें प्रण कर लिया कि एक दिन लोग मुझे भी इसी रेडियो से सुनेंगे।
पंडवानी सिखाने के लिए मेरे परिवार के फूफा ने हामी भरी और फिर लगातार सिखती रही। फूफा का भी कहना था कि किस्मत में कब क्या हो जाए कोई नहीं जान सकता। एक दिन मेरे पिताजी बहुत क्रोधित हो गये और उठाकर सीधे कुएं में डाल दिये। मां पिताजी को डाटने लगी मुझे बाहर निकाली। बाद में ददा पछताए और कहा कि आज के बाद तुम्हारे कला के क्षेत्र में मैं आड़े नहीं आऊँगा और उसके बाद तो लगातार कपालिक शैली पर पंडवानी किया। सन् 1988 में आकाशवाणी तथा सन् 1990 में दूरदर्शन में प्रस्तुति दी। सन् 2006 में दिल्ली में प्रोग्राम हुआ।
छत्तीसगढ़ की झांकी राष्ट्रीय पर्व में प्रथम आया उस झांकी में मैं बैठी थी। उसके बाद विदेश जाने का द्वार खुला। श्रीमती बारले ने आगे बताया कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी। अधिकारी ने कहा कि आप तीन शब्द सीख लो ‘‘यश, नो और वोके’’ इसके बाद विदेश में कहीं भी घूम सकती हो। मैं इन्हीं तीन शब्दों के साथ विदेश यात्रा पूर्ण की। यश, नो और ओके मेरे लिए वरदान बन गया। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा भीमसेन दुर्योधन गदा युद्ध, अर्जुन कर्ण युद्ध, जयद्रथ वध की आदि की कथा सुनाती हूं। जैसे ही पद्मश्री के लिए मेरे नाम का घोषणा हुआ। मैं खूब रोई वह खुशी के आंसु थे जो छलक पड़े।
छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन के लिए दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे थे वहां मैं अड़ी रही। इतने पर मुझे 45 मिनट के लिए जेल में डाल दिया गया। अंतत: 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बना और हमारी मेहनत सफल हो गई।
छत्तीसगढ़ी आभूषण बनीं आकर्षण
मीडिया सेंटर में पहुंची उषा बारले छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में दमक रही थी। उन्होंने आभूषण ऐंठी, कंकनी, पहुंची, रूपया, मोहर, करधन, पैजन, पैरी, मुंदरी, बिछिया आदि पहन रखी थी। बारले ने बताया कि विदेश में इन आभूषणों को देखकर वहां के लोग बहुत सवाल करते थे और इन आभूषणों को खुद पहनकर फोटो खिंचवाते थे।
2 साल की उम्र में हो गई थी शादी
पद्मश्री उषा बारले की शादी दो साल की उम्र में मोहल्ले में ही अमर दास बारले के साथ हो गई थी। उषा अपने घर में बड़ी बेटी थीं। पिता को 50 साल के बाद दूसरी पत्नी से संतान हुई थी। इसलिए उन्होंने उषा की शादी जल्दी कर दी थी कि उनके न रहने के बाद उनका पति उनका सहारा बन सके। उषा पति के साथ ही गिल्ली डंडा, भौंरा खेलकर बड़ी हुईं और उन्हीं के साथ पंडवानी को सीखा। अमर दास बारले बीएसपी कर्मी हैं और वो भी पंडवानी गीत गाते हैं।
रेखा जलक्षत्री ने सुनाई राजा भरथरी की कथा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के पांचवें दिन मुख्य सांस्कृतिक मंच में छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध भरथरी गाथा गायिका रेखादेवी जलक्षत्री ने अपने जाने पहचाने अंदाज में उज्जैन के राजा भरथरी की जीवन कहानी को सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने गाथा में बताया कि राजा भरथरी अपनी पत्नी पिंगला से बहुत प्रेम करते थे। उसे उसके गुरू गोरखनाथ ने एक फल दिया जिसे खाने से व्यक्ति सदैव जवान रहता है। राजा भरथरी ये सुनकर ये सोचा कि मैं अपनी पत्नी पिंगला को ये फल दे देता हंू तो वे सदैव जवान और सुंदर रहेगी। इसलिए वो फल को रानी को दे देते है।
रानी उस फल को ले जाकर कोतवाल को दे देता है। क्योंकि रानी कोतवाल से प्रेम करती थी। फिर उस फल को कोतवाल ने वैश्या को दे दिया क्योंकि कोतवाल वैश्या से प्रेम करता था और कोतवाल ने वैश्या को बताया कि इसको खाने से तुम हमेशा जवान और सुंदर रहोगी। वैश्वा ने सोची कि यदि मैं ऐसी जवान और सुंदर रही तो मुझे ये गंदा काम करते रहना होगा। इसलिए मैं इस फल को राजा को दे देती हूं, क्योंकि वे हमारे पालनकर्ता है, वो ज्यादा समय तक जवान और सुंदर रहेंगे। जब ये फल लेकर वैश्या राजा के पास जाती है और वह फल देती है तो राजा को आश्यर्च होता है कि वह फल उसके हाथ में कैसे आया फिर वैश्या कहती है ये फल तो मुझे कोतवाल ने दिया है।
कोतवाल कहता है कि ये फल तो मुझे पिंगला रानी ने दिया है। सारी बातों को जानकार राजा को बहुत दुख होता है कि जिस रानी को मैं जी जान से चाहता हूं उसने मुझे धोखा दे दिया। उस दिन के बाद राजा भरथरी विक्रमादित्य को राजपाठ सौंपकर सन्यासी हो जाते है। रेखादेवी जलक्षत्री द्वारा इस प्रस्तुति ने दर्शकों को काफी रोमांचित किया। कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में ननकी ठाकुर और उभरती गायिका चम्पा निषाद ने प्रस्तुति दी। उनकी पहली प्रस्तुति छत्तीसगढ़ महतारी पैईया परो तोर..... इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए लोक संगीत के राजा ददरिया गीत की प्रस्तुति दी। उसके बाद हाय रे मोर रायपुर के दीवानी.... पुन्नी के चंदा मोर अंगना मा... जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति बिखेरते हुए गीतों की प्रस्तुति की जा रही थी।
उनके द्वार छत्तीसगढ़ी फिल्म आईलवयू और आईलवयू 2 के गीत को मंच पर प्रस्तुत दी। लोकमंच के एक नया गीत हाय-हाय रे मोर कोचई पान गीत को सुन दर्शक भी नाचने लगे।
कलाकारों का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंटकर केन्द्रीय समिति के विशिष्ट सदस्य, सदस्य, स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि ने सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन निरंजन साहू ने किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 11 फरवरी। भाजपा प्रदेश की बैठक के तर्ज पर ही रायपुर जिला ग्रामीण भारतीय जनता पार्टी की जिला की बैठक आरंग के पारागांव में संपन्न हुआ। जिसमें प्रदेश से आए संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा किया गया।
बैठक जिला के प्रभारी एवं जिला अध्यक्ष के निर्देशन में चलता रहा। कामकाजी बैठक के रूप में पूरे दिन चलने वाला यह बैठक जिला से लेकर, विधानसभा, मंडल एवं मंडल से बूथ तक की क्रियाविधि पर चर्चा हुआ। विभिन्न विषयों पर जिला के नेताओं ने जिला के पदाधिकारियों सहित मंडल अध्यक्ष महामंत्री का क्लास लिया। जिसमें कार्य विस्तार योजना, अप्रदेश की राजनीतिक संरचना, मोर आवास मोर अधिकार, प्रधानमंत्री जी की परीक्षा पर चर्चा, हर महीने के अंतिम रविवार को प्रायोजित मन की बात, सहित संगठन गढ़े चलो विषयों का समय वार क्लास चलता रहा।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज, रायपुर जिला ग्रामीण के प्रभारी प्रहलाद रजक, सह प्रभारी डेनिश चंद्राकर, जिला अध्यक्ष अभिनेश कश्यप, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चंद्रकांति वर्मा, जिला महामंत्री श्याम नारंग, अनिल अग्रवाल, अंबिका वर्मा, अशोक सिन्हा, महेश नायक, अभनपुर विधानसभा के प्रभारी ओमप्रकाश चंद्रवंशी, आरंग विधानसभा के प्रभारी अनिल पांडे, धरसिवा विधानसभा के प्रभारी कैलाश चंद्रवंशी सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। भाजपा प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार 9 फरवरी गुरुवार को गरियाबंद जिला के राजिम मंडल में भाजपा जिला कार्यसमिति की आवश्यक बैठक आहुत की गई। बैठक में भाजपा प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और आगामी चुनाव की लेकर जीत का मूलमंत्र दिया।
इस अवसर पर ओम ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब कांग्रेस सरकार के जाने के दिन आ गए हैं। चार साल में कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को बेहाल कर दिया है। विकास के रूप पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ की पहचान आज लूट, हत्या, डकैती, भ्रष्टाचार वाला राज्य बन गया है। प्रदेश की जनता कांग्रेस से त्रस्त हो चुकी है। अब जनता परिवर्तन चाहती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता अब कांग्रेस से मुक्ति चाहती है। जनता फिर से भाजपा की सबका साथ सबका विकास वाली सरकार चाहती है।
भाजपा के अमृततुल्य कार्यकर्ता एकजुट होकर मेहनत करेंगे, तो चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित है। इस अवसर पर उनके साथ महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू, पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, विधायक डमरूधर पुजारी, जिला प्रभारी डॉ लक्ष्मी वर्मा, सह प्रभारी किशोर महानंद, राजिम विधानसभा प्रभारी दीपक महस्के, प्रदेश प्रभारी किसान मोर्चा संदीप शर्मा, पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री श्रीमति विभा अवस्थी सहित, भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्याम अग्रवाल सहित विभिन्न मोर्चा, प्रकोष्ठों एवं समस्त मंडल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजेश साहू ने की।
भाजपा प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत
कार्यक्रम के पूर्व छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर एवं प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के प्रथम जिला आगमन पर भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ने दोनों नेताओं का फूलमाला पहना का आत्मीय स्वागत किया।
राजिम, 10 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के सातवें दिन मुख्यमंच पर 11 को शाम 5 से 7 बजे तक लोक संध्या घनश्याम साहू गाड़ाघाट पाण्डुका की प्रस्तुति होगी। 7 बजे से 7.30 तक विप्र परिषद द्वारा पूजा आरती की जाएगी। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति सुर बईहा के नाम से प्रसिद्ध गोरेलाल बर्मन की प्रस्तुति होगी।
वहीं सांस्कृतिक मंच 2 में सुबह 11 से 12 बजे तक रामायण मानस मंडली निहारिक साहू कोपरा अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके बाद 12 से 1 बजे तक लोकमंच नृत्य गिरवर ध्रुव कोसमबुड़ा गरियाबंद की प्रस्तुति होगी। 1 से 2 बजे तक टेमरी के सकुन साहू सुआ नृत्य प्रस्तुत करेगी। 2 से 3 बजे तक किरण साहू पंडवानी की प्रस्तुति होगी। 3 से 4 बजे तक दुर्गेश तिवारी द्वारा देशभक्ति एवं लोक गीत की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में जसगीत परमानंद सेवा मंडली भोले साहू राजिम की प्रस्तुति होगी।
राजिम, 10 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भेंट मुलाकात कार्यक्रम शनिवार को अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित है।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अभनपुर के पूर्व सभापति टिकेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम अभनपुर के खोरपा और तामासिवनी में क्रमश: उप तहसील कार्यालय और पुलिस चौकी साथ ही दोनों जगह पर कॉलेज खोलने की मांग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि संकरी, सिवनी धुसेरा, परसदा विद्यामंदिर में आत्मानंद विद्यालय, खोरपा में 50 बिस्तर का अस्पताल, खोरपा और भटगांव को मिलाकर नगर पंचायत बनाने, कोलर-सारखी को भी नगर पंचायत बनाने, कोलर-सारखी में कन्या हाईस्कूल खोलने, अभनपुर के चंडी या बिरौदा में 132केवी का विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कराने, भाटांगाव से परसुडीह (रानीतराई पाटन) तक सडक़ चौड़ीकरण कराने, रायपुर से चम्पारण, नवापारा, खोरपा में सिटी बस पुन: चालू कराने, अभनपुर में फूड पार्क की स्थापना की मांग किया जाएगा। श्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से निवेदन करते हुए इन मांगों को उपहार भेंट करने की बात कही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 10 फरवरी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गरियाबंद जिले के मीडिल एवं हाईस्कूल लफंदी, हथखोज, पोखरा, बोरसी, कोमा आदि गांव के बच्चों ने शानदार मॉडल बनाये है। जिन्हें राजिम में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रदर्शनी में स्थान दिया गया है। इनमें से साउंड प्लेबैक सिस्टम रोबोट, आर्मी चेक पोस्ट, सोलर पेनल, सेंसर बोड पर आधारित रेलगाडी, बेक लेस डे, रोशनी देखते ही बन रही थी। प्रदर्शनी में छात्र रोशनी और हिमांसी द्वारा बनाया गया मॉडल बहुत प्रभावित किया। शिक्षक सतीश मालवीय, मीनाक्षी शर्मा, ओंकार शर्मा, गोकाल कंसारी, अनिल मेघवानी, विजेता देवानी, दीप्ती मिश्रा गंडेचा, निरज साहू, कोमल साहू इनकी उपयोगिता एवं बनाने का उद्देश्य को आम लोगों तक पहुंचा रहे थे।
नवापारा राजिम, 10 फरवरी। समीपस्थ ग्राम छाटा निवासी प्रसिद्ध रामायण व्याख्याकार 82 वर्षीय पन्नालाल साहू (सूरदासजी) का शुक्रवार को निधन हो गया। वे राजेश साहू के पिता एवं पारस मणि साहू के दादाजी थे। उनका अंतिम संस्कार गांव में स्थित मुक्तिधाम में किया गया, जहां बड़ी संख्या में सामाजिक एवं राजनीतिक, जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी शामिल हुए।
राजिम, 10 फरवरी। माघी पुन्नी मेला मे गुरूवार को सांस्कृतिक मंच क्र. 2 में अलग-अगल विधा के कार्यक्रमों ने दर्शकों से झूमने के लिए मजबूर कर दिया। वेशभूषा में छत्तीसगढ़ की परम्परा और संस्कृति मंच पर दमक रही थी। भोथली कुरूद के देवेन्द्र सेन ने रामायण प्रस्तुत किया। इन्होंने बालकाण्ड के राम जन्म प्रसंग पर कहा कि राम का जन्म ही राक्षसों का नाश होने का करण बना। राम जन्म को लेकर न सिर्फ आयोध्या के लोग बल्कि तीनों लोक अत्यंत प्रसन्न हुए। अभनपुर के मोहितराज सिन्हा ने लोकमंच पर छत्तीसगढ़ी गीतों की लगातार प्रस्तुति दी। माटी से जुड़े गीत ने धूम मचा दी।
परसवानी कुरूद के गरीमा नेताम ने सुआ नृत्य के द्वारा महिलाओं के मार्मिक चित्र मंच पर ला दिया। चुटकी की चुट-चुट जैसे ही दर्शकों के कानों पर पड़े तालियों की आवाज से दर्शक दीर्घा गूंज उठा। नवापारा के हरिशंकर साहनी ने सांई भजन झांकी जगराता पर धार्मिक भजनें पेश की। भाठागांव अभनपुर के ओमप्रकाश मानिकपुरी ने जसगीत झांकी की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही बटोरी। इस मौके पर बड़ी संख्या में दर्शकगण उपस्थित होकर कार्यक्रम का आनंद लिए। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र पंत एवं मनोज सेन ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सांस्कृतिक प्रभारी पुरूषोत्तम चन्द्राकर, किशोर निर्मलकर, सुखेन्द्र साहू, शीतल चौबे का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 10 फरवरी। गृह, लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष सहयोग एवं सांसद चुन्नीलाल साहू, छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, प्रदेश महामंत्री दयाराम साहू, के मार्गदर्शन एवं साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक डॉ. रामकुमार साहू, डॉ. महेंद्र साहू के नेतृत्व में साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति एवं नगर साहू संघ राजिम नवापारा के संयुक्त तत्वावधान में राजिम माघी पुन्नी मेला में पांचवें दिन राजिम माता भोग भंडारा में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध व्यंजन भांटा,मूली, कुम्हड़ा,कड़ही एवं चावल परोसा गया। मेला में आए हुए हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किया।
भोग भंडारा का आयोजन समिति के संरक्षक रामूराम साहू, मेहतरू राम साहू, विशेष आमंत्रित सदस्य कुंजबिहारी साहू, कार्यकारी अध्यक्ष भेखलाल साहू, गीता साहू पारागांव, भोग भंडारा का आयोजन किया गया। भंडारा में अपार जनसमूह इस आयोजन में सम्मिलित हो रहे हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू,कुलदीप साहू, समिति के अध्यक्ष लाला साहू, संरक्षक रतिराम साहू,डॉ रामकुमार साहू,रामूराम साहू, विशेष आमंत्रित सदस्य प्रेमलाल साहू, मेघनाथ साहू, कुंज बिहारी साहू,छन्नू साहू,भागीरथी साहू,लखन साहू,नगर साहू संघ नवापारा अध्यक्ष रमेश साहू, राजिम अध्यक्ष भवानी शंकर साहू, उपाध्यक्ष नूतन साहू, कोषाध्यक्ष भोले साहू,महामंत्री रामकुमार साहू, लोकनाथ साहू,महासचिव श्याम साहू, डॉ लीलाराम साहू, डॉ ओंकार, नगर सचिव राजू साहू,तरुण साहू, विष्णु साहू,ईश्वरी साहू,रामकुमार साहू,राम गुलाल साहू,युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनीष साहू,किशन साहू,जिनेन्द्र साहू,ओंकार साहू,किशोर साहू,रोशन साहू,आशीष साहू,अमित साहू,मोहित साहू, प्रेमबाई साहू,राम बाई साहू,भावना साहू,सरोज साहू सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
विदित हो कि राजिम माता भोग भंडारा के आयोजन के लिए वाटरप्रूफ पंडाल की व्यवस्था राजिम मांघी पुन्नी मेला के मेला प्रभारी एवं जिला गरियाबंद के कलेक्टर प्रभात मलिक, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, एवं अनुविभागीय अधिकारी राजिम पूजा बंसल की विशेष सहयोग से तैयार किया गया है
राजिम मेला में बनी झांकिया कर रही आकार्षित
माघी पुन्नी मेला में घूमने आए मेलार्थी को कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पास बने झांकियां बहुत आकार्षित कर रही है। जय भूलोक-नगर लोक की झांकी में भैंस पर सवार यमराज द्वार पर दिखाई दे रहा है। उन्हे देख मेलार्थी अंदर की झाँकी को देखने के लिए टिकट लेकर जा रहें है। अंदर जाने पर झाँकी में भू-लोक में होने वाले पापों को दिखाया गया है। जिसमें शराब पीने वाले, मोहल्ले में गाली-गलोज करने वाले, पढ़ाई के स्थान पर मोबाईल में गेम खेलने वाले, नेता द्वारा झूठ बोलने पर, दहेज लेने आदि ऐसे पापों की सजा झाँकी में दिखाया गया है।
इसकी सजा को नरक लोक में दिखाया गया है। जैसे शराब पीने वाले लोगों को मगरमछ खा रहा है। पढ़ाई करने के स्थान पर मोबाईल खेलने वालों को उल्टा लटका दिया जा रहा है। गाली-गलौज करने वाले को आग मे जलाया जा रहा है। झूठे नेताओं को नरकलोक में भी स्थान नहीं दिया जा रहा है। वे नरक के द्वार पर ही पछताते हुए दिखाई दे रहें है। मेला देखने आए दूजराम साहू ने अपने साथी से कहा कि लोग कहते हैं कि मरने के बाद भी स्वर्ग और नरक का ज्ञान होता है।
लेकिन माघी पुन्नी मेला एक ऐसा मेला है।
जहाँ त्रिवेणी संगम में लगे झाँकी में बताए गए बातों से हमें ज्ञात हो रहा है कि हम ऐसा कार्य करें कि हमारा जीवन सफल रहे। दूसरी झाँकी शिव धाम कि बनी हुई है। जहाँ पर शिव विवाह, हनुमान द्वारा राम की भक्ति, कौशिल्या, सुमित्रा और कैकयी द्वारा बालस्वरूप भगवान श्रीराम जी को खेल को दर्शया गया है। जैसे ही मेलार्थी आगे बढ़ते हैं तो विशाल रूप में शंकर जी को ताण्डव करते हुए दिखाई दे रहे है। जहाँ से उसके जटा से गंगा बह रही है। उन्हे देख झाँकी देख रहे मेलार्थी भी सेल्फि ले रहे है। इसके बाद एक उड़ता हुआ चुड़ैल दिखाई देती है। अंत में श्मशान घाट और भूतों का कंकाल जो बैण्ड़ बजाते हुए दिखाई दे रहे है, जिसे देख दर्शक अत्यंत प्रसन्न हो उठते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 9 फरवरी। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड में नक्सल प्रभावित छोटे गोबरा पंचायत के सरपंच एवं जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम व ग्रामीणों ने बुधवार को स्थानीय थाने का शांतिपूर्वक घेराव किया। घेराव में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।
ग्रामीणों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। गिरफ्तारी के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने इक_ा होकर नेशनल हाईवे 130 को जाम कर दिया।
गरियाबंद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रेश ठाकुर, मैनपुर एसडीओपी अनुज कुमार गुप्ता, थाना प्रभारी सचिन कुमार ने ग्रामीणों को बहुत समझाया कि यह गिरफ्तारी मैनपुर पुलिस द्वारा नहीं किया गया है, बल्कि नगरी पुलिस द्वारा किया गया है, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस अफसरों की एक बात तक नहीं सुनी। नारेबाजी करते रहे।
छोटे ग़ोबरा पंचायत के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राकेश कश्यप ग्राम काठी पारा को जबरदस्ती घर से उठाकर पुलिस फोर्स के द्वारा बिना कोई अपराध सूचना के थाना लाया गया।
थाने में 3 दिन तक पतासाजी करते रहे। चार दिन बाद नक्सली सहयोगी बताकर फर्जी तरीके से फंसाया गया है, जबकि जिस समय राकेश कश्यप को पुलिस ने गिरफ्तार किया, उस समय उसके पास कोई भी आपत्तिजनक चीज नहीं थी न ही पुलिस के द्वारा कोई भी सामान जब्ती बनाया गया। जिसके कारण पूरे क्षेत्र के आदिवासी आक्रोशित हैं।
जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि पुलिस और सरकार की सोची समझी साजिश के तहत नक्सली बताकर बेकसूर आदिवासी ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल में डाला जा रहा है। एसडीएम को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर नेशनल हाईवे 130 पर 4 घंटे से लगा चक्काजाम को समाप्त किया।
राजिम, 9 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा एक से बढक़र एक शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को आनंदित कर रहे हैं। मुख्यमंच पर 10 फरवरी को शाम 5 से 7 बजे तक लहरगंगा के पुरानिक साहू प्रस्तुति देंगे। 7 से 7.30 तक संध्या पूजा आरती होगी। 7.35 से 10 बजे तक लोक सरगम के हिम्मत सिन्हा अपने कलाकारों के साथ प्रस्तुति देंगे। सांस्कृतिक मंच क्र-2 में 11 से 12 बजे रामायण कर्णेश्वर मानस परिवार के खेमचंद यादव लोहर्सी अपनी प्रस्तुति देंगे। 12 से 1 बजे सतनाम मंगल भजन पार्टी तामप्रकाश बांधे पोखरा, 1 से 2 बजे फाग मंडली खिलावन सिन्हा नवागांव रायपुर की प्रस्तुति होगी। 2 से 3 बजे तक लोकनाचा से अभिषेक कुमार लिमतरा दुर्ग, 3 से 4 बजे तक पंडवानी रूहि साहू भिलाई सेक्टर 7 की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति 4 से 5 बजे तक जगराता जसगीत झांकी देवलाल साहू बेलटुकरी की होगी।