‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 25 अगस्त। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय निर्देशानुसार राजिम विधायक निवास में प्रदेश संयोजक विवेक शर्मा, विनोद सिन्हा,पूरन लाल साहू, जिला संयोजक परमेश्वर निर्मलकर, प्रदीप पांडे के नेतृत्व में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण के नियम मे संशोधन, आनलाइन अवकाश स्वीकृत में आकस्मिक अवकाश की छूट एवं पूर्व सेवा की गणना की मांग के लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव एवं संचालक महोदय के नाम राजिम विधायक रोहित साहू के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रदेश संयोजक विवेक शर्मा, विनोद सिन्हा, पूरन लाल साहू जिला संयोजक परमेश्वर निर्मलकर व प्रदीप पांडे ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग वर्तमान में प्रक्रियाधीन युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी 02 अगस्त को जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित, शिक्षक व पालक हितों के प्रतिकूल है।
युक्तियुक्तकरण संशोधन तथा विसंगति पूर्ण आनलाईन अवकाश में सुधार व शिक्षक एल बी संवर्ग के मुख्य मांगो के सम्बंधित ज्ञापन में प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति करने, 2008 के सेटअप में पूर्व माध्यमिक शाला में जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था, और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे यह नियम व्यवहारिक नहीं है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है, अत: 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर भी एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।
2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था, वर्तमान में एक पद कम कर दिया गया है यह व्यवहारिक नही है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है।
अत: 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत करने, प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50 प्रतिशत तक कम होगी, इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णत: अनुचित है।
प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है, इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी। बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा के संचालन हेतु न्यूनतम संख्या में भी 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक दिया जावे। 02 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है इससे नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा। स्वामी आत्मानंद शालाओ में प्रतिनियुक्ति के शिक्षकों व शालाओ पर नियम की प्रभावशीलता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। युक्तियुक्तकारण से उच्चतर विद्यालय में काम का बोझ बढ़ जाएगा जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन सही तरीके से नही हो पायेगा।
इस पूरी प्रकिया में समय / शासकीय सम्पत्तियो (रिक्त भवन जो खंडहर हो सकता है) एवं छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होगा। एक ही परिसर में उच्चत्तर शाला में निचले शाला को मर्ज करना स्वतंत्र शाला के नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था पर विपरीत असर डालेगा। प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा। बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित पोटा कैबिन में विभागीय सेट-अप स्वीकृत किया जावे। युक्तियुक्तकरण की संपूर्ण प्रक्रिया सार्वजनिक की जावे तथा दावा आपत्ति करने व उसके निराकरण का समुचित अवसर प्रदान किया जावे। स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाए। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एजुपोर्टल में ऑनलाइन अवकाश के सम्बंध में नियम बनाया गया है वह विसंगतिपूर्ण है।