राष्ट्रीय
सिलचर (असम), 3 अगस्त (आईएएनएस)| दो धार्मिक गुटों के बीच पथराव की घटनाओं के बाद सोमवार को दक्षिणी असम के सिलचर शहर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि कछार जिला मजिस्ट्रेट कीर्थि जल्ली ने शांतिभंग की आशंका में सिलचर शहर के मालुग्राम पुलिस चौकी के तहत के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया, जिससे लोगों की आवाजाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा सके।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों समूहों ने रविवार शाम को सिलचर शहर के गोनिवाला क्षेत्रों में एक दूसरे पर पथराव किया। असम पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "यहां तनाव को देखते हुए शांति भंग होने की पूरी संभावना है। इसलिए, जिला प्रशासन ने मालुग्राम पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है।"
हालांकि, आदेश में ड्यूटी के दौरान मजिस्ट्रेट को, पुलिस, सैन्य और अर्ध सैन्य बलों, डॉक्टरों और पैरा-मेडिक्स सहित स्वास्थ्य पदाधिकारियों को कर्फ्यू में बाहर निकलने की छूट दी गई है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "तत्काल प्रभाव से लागू होने वाला आदेश अगले नोटिस तक लागू रहेगा।"
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनो समूह शनिवार को आपने सामने आ गए थे, जिसके बाद मामले ने रविवार को गंभीर रूप ले लिया।
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बेंगलुरु, 3 अगस्त (आईएएनएस)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के आधिकारिक आवास पर कार्यरत एक महिला सहित 6 कर्मचारी भी जांच में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "येदियुरप्पाऔर उनकी बेटी पद्मावती के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उनके आधिकारिक आवास और गृह-कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों के पहले व दूसरे संपर्को की जांच की जा रही है। इनमें से अब तक 6 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें एक गनमैन, रसोइया, सेविका, ड्राइवर, हाउसकीपर और सुरक्षा के लिए तैनात एक पुलिसकर्मी शामिल है।"
येदियुपप्पा का आधिकारिक आवास 'कावेरी' और पास में ही स्थित गृह-कार्यालय 'कृष्णा' दोनों कुमारकृपा मार्ग में हैं। शहर के बीचोबीच स्थित यह उच्च सुरक्षा वाला इलाका है।
संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर मुख्यमंत्री और उनकी बेटी का इलाज शहर के पूर्वी इलाके में निजी तौर पर संचालित मणिपाल अस्पताल में किया जा रहा है।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सो की एक टीम ने येदियुरप्पा के आवास और गृह-कार्यालय पर तैनात कर्मचारियों की जांच की। ये कर्मचारी आपस में दूरी बनाकर काम कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा, "संपर्को का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी भी नगर निगम कर्मियों के साथ पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास और गृह-कार्यालय को सेनिटाइज किया।"
संक्रमित कर्मचारियों को एक नजदीकी कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया है।
शहर के उत्तरी इलाके की डॉलर्स कालोनी में स्थित येदियुरप्पा के निजी अवास 'धवलगीर' को भी सैनीटाइज किया गया और वहां तैनात कर्मचारियों की भी जांच की गई, रिपोर्टों की प्रतीक्षा की जा रही है।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या से जुड़े मामले की जांच के लिए रविवार को मुम्बई पहुंचे बिहार के पुलिस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन किए जाने की खबरों के बाद बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) ने सफाई देते हुए सोमवार को कहा है कि कुमार को 'कोविड-19 महामारी से जुड़े मौजूदा नियमों के तहत क्वारंटाइन' किया गया है। रविवार को मुम्बई पहुंचे पटना सेंट्रल के एसपी तिवारी को गोरेगांव पुलिस स्टेशन गेस्ट हाउस में रखा गया है।
बीएमसी ने कहा है कि साउथ वेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी मिली थी कि विनय बिहार से यहां आ रहे हैं और वह गोरेगांव ईस्ट स्थित एसआरपीएफ ग्रुप गेस्ट हाउस में निवास करने वाले हैं। बीएमसी टीम ने रविवार शाम को तिवारी से सम्पर्क किया।
एक अधिकारी ने कहा, "घरेलू ट्रेवल यात्री होने के नाते तिवारी को राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया। इसी सम्बंध में हमारे अधिकारी उनसे मिले और रविवार रात को उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।"
अधिकाररी ने कहा कि बीएमसी टीम ने तिवारी को घरेलू ट्रेवल पेसेंजर्स के लिए बनाए गए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। यह नियम 25 मई को लागू हुआ था और इसका नम्बर डीएमयू/2020/सीआर डॉट 92/डीआईएसएम-1 है।
अधिकारी ने कहा कि तिवारी को 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन किया गया और साथ ही साथ उन्हें अपने होम क्वारंटाइन अवधि को कम करने के लिए आवेदन भी करने के लिए कहा गया है। यह नियम हर एक घरेलू यात्री पर लागू होता है।
रविवार रात को बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर बिहार अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से विनय तिवारी को जबरदस्ती क्वारंटीन करने का जिक्र किया था।
पांडेय ने अपने ट्वीट में लिखा, "आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज ही पटना से अपनी पुलिस टीम को लीड करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर मुम्बई पहुंचे लेकिन रात करीब 11 बजे बीएमसी अधिकारियों ने उन्हें जबरन क्वारंटीन कर दिया। इससे पहले उन्हें आईपीएस मेस में जगह नहीं दी गई जबकि उन्होंने कहा था कि वह गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में ठहरे हुए हैं।"
विनय तिवारी रविवार दोपहर में मुम्बई पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर उनके चार साथियों ने उनकी अगवानी की थी। हवाई अड्डे पर ही तिवारी ने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सही दिशा में आगे जा रही है।
इसके बाद वह अपने चार साथियों के साथ गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में गए जहां उनकी साथियों के साथ लम्बी बातचीत हुई। सोमवार को उन्हें बांद्रा जोन-9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से मिलना था। त्रिमुखे ही सुशांत की संदिग्ध मौत के बाद उनसे जुड़ा मामला देख रहे हैं।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या से जुड़े मामले की जांच के लिए रविवार को मुम्बई पहुंचे बिहार के पुलिस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन किए जाने की खबरों के बाद बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) ने सफाई देते हुए सोमवार को कहा है कि कुमार को 'कोविड-19 महामारी से जुड़े मौजूदा नियमों के तहत क्वारंटाइन' किया गया है। रविवार को मुम्बई पहुंचे पटना सेंट्रल के एसपी तिवारी को गोरेगांव पुलिस स्टेशन गेस्ट हाउस में रखा गया है।
बीएमसी ने कहा है कि साउथ वेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी मिली थी कि विनय बिहार से यहां आ रहे हैं और वह गोरेगांव ईस्ट स्थित एसआरपीएफ ग्रुप गेस्ट हाउस में निवास करने वाले हैं। बीएमसी टीम ने रविवार शाम को तिवारी से सम्पर्क किया।
एक अधिकारी ने कहा, "घरेलू ट्रेवल यात्री होने के नाते तिवारी को राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया। इसी सम्बंध में हमारे अधिकारी उनसे मिले और रविवार रात को उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।"
अधिकाररी ने कहा कि बीएमसी टीम ने तिवारी को घरेलू ट्रेवल पेसेंजर्स के लिए बनाए गए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। यह नियम 25 मई को लागू हुआ था और इसका नम्बर डीएमयू/2020/सीआर डॉट 92/डीआईएसएम-1 है।
अधिकारी ने कहा कि तिवारी को 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन किया गया और साथ ही साथ उन्हें अपने होम क्वारंटाइन अवधि को कम करने के लिए आवेदन भी करने के लिए कहा गया है। यह नियम हर एक घरेलू यात्री पर लागू होता है।
रविवार रात को बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर बिहार अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से विनय तिवारी को जबरदस्ती क्वारंटीन करने का जिक्र किया था।
पांडेय ने अपने ट्वीट में लिखा, "आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज ही पटना से अपनी पुलिस टीम को लीड करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर मुम्बई पहुंचे लेकिन रात करीब 11 बजे बीएमसी अधिकारियों ने उन्हें जबरन क्वारंटीन कर दिया। इससे पहले उन्हें आईपीएस मेस में जगह नहीं दी गई जबकि उन्होंने कहा था कि वह गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में ठहरे हुए हैं।"
विनय तिवारी रविवार दोपहर में मुम्बई पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर उनके चार साथियों ने उनकी अगवानी की थी। हवाई अड्डे पर ही तिवारी ने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सही दिशा में आगे जा रही है।
इसके बाद वह अपने चार साथियों के साथ गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में गए जहां उनकी साथियों के साथ लम्बी बातचीत हुई। सोमवार को उन्हें बांद्रा जोन-9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से मिलना था। त्रिमुखे ही सुशांत की संदिग्ध मौत के बाद उनसे जुड़ा मामला देख रहे हैं।
लखनऊ, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया है। इससे कुछ घंटे पहले ही भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और दो अन्य विधायकों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
महेंद्र सिंह के अलावा आठ अन्य राज्य मंत्री - योगेंद्र उपाध्याय, देवेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र प्रताप सिंह, धर्म सिंह सैनी, चेतन चौहान, उपेंद्र तिवारी, रघुराज सिंह और जय प्रताप सिंह का परीक्षण भी पॉजिटिव आ चुका है, जिनका इलाज चल रहा है।
वहीं पिछले महीने कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गईं कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में निधन हो गया।
विवेक त्रिपाठी
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| पांच सदी तक अनिश्चिता में डूबी अयोध्या अब उल्लासित होने जा रही है। यहां पर खुशियां मनाई जा रही है। हर कोई राम का गुणगान कर रहा है। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर होने वाले समारोह के 24 घंटे पहले ही विश्व का कोना-कोना श्रीराम चरित मानस की चौपाइयों और दोहों से गूंजने लगेगा। इसकी तैयारियां पूरी हो गई है। अयोध्या के हनुमान गढ़ी से ऑनलाइन शुरू होने वाले इस अखंड मानस आयोजन का समापन भोपाल में होगा। रामोत्सव नाम से होने वाले इस कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल कुशीनगर के चकिया दुबौली गांव के निवासी डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रथम अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन श्रीराम चरित मानस पाठ के आयोजन को रामोत्सव का नाम दिया गया।
उन्होंने बताया कि 4-5 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन मानस पाठ किया जाएगा। विश्व के तमाम देशों में उनकी अपनी शैली में यह मानस पाठ होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन होने वाले इस पहले मानस पाठ में प्रवासी भारतीयों के साथ गोरखपुर मंडल के कुशीनगर जिले के मठिया-माधोपुर गांव के श्रीरामलीला समिति के ग्रामीण कलाकार भी शामिल होंगे। यहां स्थित सत्यम, शिवम, सुंदरम मंदिर परिसर में भी इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
इसमें हंगरी, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, मारीशस, इंग्लैंड समेत दर्जन भर देशों में रहने वाले भारतीय मूल के श्रीराम भक्त शामिल हो रहे हैं। ऑनलाइन आयोजन की शुरुआत अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर से होगा। समापन के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त की सुबह 7 बजे से शुरू होने वाले इन आयोजन में चुनिंदा मानस टीमों के लिए समय आवंटित है। यह अपने नियत समय पर अनलाइन जुड़ेंगे और इनका देश-दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में लाइव प्रसारण होगा।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर मंडल से कुशीनगर जिले के कसया ब्लाक के मठिया माधोपुर गांव को भी आमंत्रित किया गया था। सहमति मिलने के बाद इनके लिए समय आवंटित कर दिया गया है। वर्ष 1840 से होने वाली श्रीरामलीला की वजह से ही इसका चुनाव हुआ। यहां की विशेषता है कि गांव के नौजवान ही श्रीरामलीला में किरदार निभाते हैं।
दो और मंत्रियों सतीश महाना और बृजेश पाठक के परिवारजन भी इस घातक वायरस से संक्रमित हो गए हैं।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सभी अटकलों पर विराल लगाते हुए मुम्बई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने सोमवार को कहा कि मरहूम सुशांत सिंह राजपूत के घर पर 13 जून को कोई पार्टी नहीं हुई थी। 14 जून को सुशांत के कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
परम बीर सिंह ने कहा, "मुम्बई पुलिस इस मामले की गम्भीरता से जांच कर रही है। हमने हर एक कोण खंगाल रहे हैं। हमने इस सिलसिले में सुशांत के परिजनों, दोस्तों, डॉक्टर एवं अन्य लोगों के बयान लिए हैं। इसके अलावा हमने सुशांत के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन को भी खंगाला है।"
यह पूछे जाने पर कि जैसा कि सोशल मीडिया पर काफी जोर-शोर है कि इस मामले में महाराष्ट्र की कोई बड़ी राजनीतिक हस्ती शामिल लगती है, इस पर सिंह ने कहा कि अब तक की जांच से ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रस्तावित समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इसमें प्रधानमंत्री के शामिल होने की संभावना है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई अन्य नेता कोरोना की चपेट में आ गए हैं, जिससे उमा भारती की चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह की सूची में से मेरा नाम अलग कर दें।
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने ट्वीट कर कहा, "कल जब से मैंने श्री अमित शाह जी तथा यूपी भाजपा के नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने के बारे में सुना तभी से मैं अयोध्या में मंदिर के शिलान्यास में उपस्थित लोगों के लिए खासकर नरेंद्र मोदी जी के लिए चिंतित हूं। यह सूचना मैंने रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों और पीएमओ को सूचना भेजा है कि माननीय नरेन्द्र मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह के सूची में से मेरा नाम अलग कर दे।"
उन्होंने कहा, "मै भोपाल से आज रवाना होऊंगी। कल शाम अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहां नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों मैं उस स्थान से दूरी रखूंगी। तथा नरेंद्र मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मै रामलला के दर्शन करने पहुंचूंगी। यह सूचना मैंने अयोध्या में रामजन्मभूमिन्यास के वरिष्ठ अधिकारी और पीएमओ को भेज दी है।"
कानपुर, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 52 वर्षीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने कोरोनावायरस पॉजिटिव निकलने के बाद कथित रूप से खुदकुशी कर ली है। पुलिस के अनुसार, 26 जुलाई को बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद परिवार के लोग पीड़ित सुरेश चंद्र वर्मा को उसर्ला हॉर्समैन अस्पताल ले गए थे।
अगले दिन, उनकी कोरोना जांच की गई।
परिवार ने कहा, "1 अगस्त को, उनके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर में क्वारंटीन में रहने के लिए कहा।"
कोतवाली इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीईओ को रविवार को अपने कमरे में पंखे से फांसी पर लटका पाया गया।
हालांकि, कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है और आगे की जांच चल रही है।
पुलिस ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को संदेह है कि बीमारी के कारण उन्होंने आत्महत्या की है।
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| राम मंदिर के 'भूमिपूजन' के लिए दो भाइयों ने देश भर से 151 नदियों और तीन समुद्रों से जल एकत्र किया है और अब इस जल को अयोध्या लाया गया है। इन दोनों भाईयों की उम्र 70 वर्ष के आसपास है। जौनपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले राधेश्याम पांडे और पंडित त्रिफला साल 1968 से इस काम में लगे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय नदियों-सागरों से जल इकठ्ठा करने के अलावा श्रीलंका की 16 जगहों से मिट्टी भी एकत्रित की है।
राधेश्याम पांडे ने कहा, "हमेशा से हमारा सपना रहा है कि जब भी राम मंदिर का निर्माण होगा, हम भारत भर की नदियों-सागरों के पवित्र जल और श्रीलंका से लाई गई मिट्टी का उपहार देंगे। हमने श्रीलंका में 16 स्थानों से मिट्टी और देश में 151 नदियों और तीन समुद्रों से जल एकत्र किया है।"
1968 से 2019 तक इन तत्वों को इकट्ठा करने के लिए दोनों भाई कभी पैदल चले तो कभी साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रेन और हवाई जहाज से यात्रा की।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन करने वाले हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इस समारोह के बाद शुरू होगा। इस कार्यक्रम में संतों, सरकार, आरएसएस और हिंदू संगठनों के शीर्ष नेताओं के भाग लेने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को केंद्र सरकार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जगह सौंपने का निर्देश दिया था।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस में युवा बनाम वरिष्ठ, बुजुर्ग नेताओं को लेकर मचे घमासान से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी काफी परेशान हैं। हालांकि, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी पार्टी के भीतर के कलह के बारे में मीडिया में आई खबरों से नाराज हैं, इसलिए दोनों ब्रिगेड को केवल पार्टी मंच पर अपने विचार रखने के लिए कहा गया है।
पार्टी ने नेताओं को स्पष्ट रूप से कहा है कि 2004 से 2014 तक यूपीए के 10 साल के शासन पर सवाल उठाना 'अस्वीकार्य' है। मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एक दशक लंबा यूपीए शासन देश में रहा।
अंदरूनी कलह इस हद तक सामने आ गया कि सूत्रों का कहना है कि रणदीप सिंह सुरजेवाला को मीडिया को ब्रीफ करने के लिए राजस्थान से बुलाना पड़ा। उन्होंने दोनों गुटों को सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने से बचने की भी चेतावनी दी और कहा कि कोई भी नेता ट्विटर-ट्विटर खलेना बंद करें।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुरजेवाला ने रविवार को एक सवाल का जवाब देते हुए चेतावनी दी कि, "जो ट्विटर-ट्विटर खेल रहे हैं, मैं उन्हें सोशल मीडिया पर बयानबाजी बंद करने की सलाह देता हूं। हमारे पास आंतरिक लोकतंत्र है और हम किसी को भी रिटायर होने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं। इसलिए अपने विचार पार्टी के उपयुक्त फोरम में रखें।"
भाजपा के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि कोई 'मार्गदर्शक मंडल' नहीं है और पार्टी को मिलकर भाजपा का मुकाबला करना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि वरिष्ठ, बुजुर्ग नेताओं को युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| राहुल गांधी के करीबी राज्यसभा सदस्यों द्वारा 10 साल के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के दौरान कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में आत्मनिरीक्षण की बात कहने की बहस के बीच पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को आगाह करते हुए उनसे सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने से दूर रहने और उपयुक्त पार्टी मंचों पर अपने विचार पेश करने के लिए कहा है। यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए, कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "मैं ट्विटर-ट्विटर खेल रहे उन दोस्तों को सोशल मीडिया पर बयानबाजी बंद करने की सलाह दूंगा। हमारे पास आंतरिक लोकतंत्र है। अपने विचारों को पार्टी के उचित मंचों पर पेश करें।"
संकट के इस समय में, सरकार और संगठन में काम कर चुके वरिष्ठ नेताओं को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के साथ खड़ा होना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा, "वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं का मार्गदर्शन करें, उन्हें बढ़ावा दें और उनके लिए भी रास्ता बनाएं।"
गुरुवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान विच्ोारों के आदान-प्रदान के बाद पार्टी के भीतर बबयानबाजी तेज हो गई है।
जब राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले राजीव सातव ने यूपीए के 10 साल के शासन में आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया, तो उन्हें वरिष्ठों के पलटवार का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| नीति आयोग ने देश में वित्तीय समावेशन की जरूरत महसूस करते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर 'डाक बैंक' (पोस्टल बैंक) बनाए जाने का सुझाव दिया है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को दिए प्रेजेंटेशन में नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि देश में जो 1.5 लाख से ज्यादा डाकघर हैं, उन्हें प्रस्तावित डाक बैंक के लिए निर्गम केंद्र (आउटलेट) बना दिया जाए।
थिंक टैंक (नीति आयोग) ने यह सुझाव भी दिया है कि बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के नियमों को आसान बनाया जाए।
एक और बड़ी सिफारिश यह की गई है कि तीन बैंकों- पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का निजीकरण कर दिया जाए।
ये सुझाव ऐसे समय में आए हैं, जब नई विनिवेश नीति पर काम चल रहा है और सरकार पहले से ही बैंकिंग और बीमा क्षेत्र को इसके दायरे में लाने की सोच रही है।
संभावना है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए। जाहिर है, इसकी आलोचना होगी और बैंकों के कर्मचारी यूनियन विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
मई में 'आत्मनिर्भर भारत' आर्थिक पैकेज की घोषणा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति लाएगी, और सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्र में बदला जाएगा।
नयी दिल्ली 02 अगस्त (वार्ता)। राजधानी में कोरोना वायरस को लेकर रविवार हर मोर्चे पर राहत नजर आई।
नये मामले एक हजार से कम रहे और रिकवरी दर 89.56 प्रतिशत पहुंच गई जबकि निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर 496 रह गई।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 961 नये मामलों की पुष्टि हुई और संक्रमितों का आंकड़ा 1,37,677 हो गया।
दिल्ली में कुल मरीजों में से 89.56 प्रतिशत अर्थात 1,23,317 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। आज कोरोना को 1186 मरीजों ने शिकस्त दी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय के बुलेटिन अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान 15 और मरीजों की मौत से मृतकों की कुल संख्या चार हजार को पार कर 4004 हो गई।
राजधानी में सक्रिय मामले 10,356 हैं जिसमें से 5663 होम आइसोलेशन में हैं और 2886 अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पतालों के 13,578 बेड्स में 10,692 खाली हैं।
पिछले 24 घंटों में 12,730 कोरोना जांच हुई । दिल्ली में कुल जांच 10,63,669 हो चुकी है। दस लाख की आबादी पर जांच का औसत 55,982 है।
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 2 अगस्त (आईएएनएस)| राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंदन गिरि के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संत दलित नहीं होता है। ट्रस्ट में दलित के शामिल करने की बात पर उन्होंने कहा, "मैं दलित हूं और मुझे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है।"
दरअसल, प्रयागराज के महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि ने हाल में आरोप लगाया था कि राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को हो रहे भूमि पूजन अनुष्ठान में दलित संतों की उपेक्षा की जा रही है। समारोह में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है। स्वामी कन्हैया का यह भी आरोप था कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में किसी दलित को सदस्य नहीं बनाया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त की थी।
इस संबंध में आईएएनएस से विशेष वार्ता में ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि आरोप लगाने के पीछे कहीं न कहीं आत्मविश्वास की कमी है। महामंडलेश्वर कोई खुद नहीं बन सकता है। इस पद पर नियुक्ति अखाड़ा परिषद द्वारा होती है। यह चुनाव मेधा के अनुसार होता है। अखाड़ा परिषद किसी संत को जाति देखकर नहीं बल्कि गुण के आधार पर महामंडलेश्वर के पद पर अभिषेक करता है। अब सन्त होने के बाद दलित वाली बात कहां से आ गयी।
चौपाल ने कहा कि समाज के अंदर से भेद हटाने के लिए ही विहिप का उदय हुया। एक फरवरी 1989 में संतों का धर्म संसद प्रयाग में हुआ था। उसमें एक लाख संत थे। उस समय निर्णय हुआ था कि रामजन्मभूमि का शिलान्यास किसी न किसी समाज के पीछे पंक्ति के व्यक्ति से करवाया जाएगा। उस समय अनसूचित जाति से शिलान्यास मैंने किया था। उसका किसी धर्माचार्य ने विरोध भी नहीं किया था।
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट बनने के बाद यह तय किया गया कि जब तक राम की मान्यता रहेगी तब तक एक अनुसूचित जाति का व्यक्ति उसमें रहेगा। हालांकि, ट्रस्ट जाति के आधार पर नहीं बनते हैं। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर को इस तरह नहीं सोचना चाहिये। यह अपरिपक्व शिकायत है। उनका यह बयान पूर्वाग्रह से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि भूमि पूजन के लिए मेहमानों की सूची जब किसी को पता नहीं है। फिर आप आरोप कैसे लगा सकते हैं कि किसे नहीं बुलाया गया।
यह पूछने पर कि क्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में आपसी संवादहीनता है क्योंकि राम मंदिर के नींव में आपने कैप्सूल डालने की बात कही और महासचिव ने उसे खारिज कर दिया। इस पर चौपाल ने कहा, "ऐसा नहीं है, ट्रस्ट में सभी को अपनी बात रखने की आजादी है। हर मुद्दे पर गहन चिंतन और खुलकर चर्चा होती है। कैप्सूल की बात हमने भविष्य को देखते हुये कहा था जिससे इतिहास संरक्षित रहे। ट्रस्ट के महासचिव चाहते हैं इसमें और बृहद बात की जाये। सब कुछ खुलकर सामने आए। अभी इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। हमारे यहां सब कुछ लोकतांत्रिक ढंग से होता है। यह कोई विवाद का विषय नहीं है। पहले मंदिर के मॉडल में कोई बदलाव न करने की बातें आई थीं, लेकिन उस पर भी चर्चा होकर अब बदलाव किया जा रहा है। इसमें कोई हार जीत नहीं होती है।"
अयोध्या आंदोलन के अगुआ रहे आडवाणी, जोशी और कटियार को ट्रस्ट में जगह न मिलने का कारण पूछने पर चौपाल ने कहा कि यह बात मेरे दायरे के बाहर है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर सरकार ने ट्रस्ट बनाया है। जब यह पूछा गया कि क्या ऐसा नहीं लगता है कि ट्रस्ट को मातृ शक्ति से दूर रखा गया है?
इस पर उन्होंने कहा कि पहले अनसूचित, पिछड़े, फिर सामान्य भी सोचेंगे कि हमें नहीं लिया गया है। अब आप मातृ शक्ति की बात कर रहे हैं। दरअसल यह काम लाभ का नहीं, त्याग का है। यहां समर्पण की बात है। अगर रामायण देखें तो पता चलता है कि किसी को लंका मिली और किसी को अन्य चीजें, लेकिन हनुमान को कुछ नहीं मिला। फिर भी उनकी पूजा हर जगह हो रही है। मंदिर बनने के लिए भक्ति की जरूरत है। अभी ट्रस्ट से सभी संतुष्ट हैं। सभी केवल यही चाहते हैं कि वहां जल्द से जल्द भव्य मंदिर बने।
यह पूछने पर कि ट्रस्ट में मना करने के बावजूद लोग चांदी सोना दे रहे हैं ऐसा क्यों, उन्होंने कहा कि हमारे यहां बहुत पारदर्शिता है। चांदी और अन्य धातु दान देने वालों से अपील की जा रही है कि वे सीधे कैश दें और अकॉउंट में जमा कराएं। अब तो ऑनलाइन भी पैसा दे सकते हैं। हम आह्वान कर रहे हैं, लोग सामथ्र्य के अनुसार दान दें।
अब प्रधानमंत्री के भूमि पूजन और शिलान्यास करने आने की संभावना है। इससे पहले आप शिलान्यास कर चुके हैं। आपको कैसा लग रहा है। इस सवाल के जवाब में चैपाल ने कहा कि शिलान्यास बहुत पहले हो चुका है। अब केवल भूमि पूजन है। ट्रस्ट के अध्यक्ष भी इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, "1989 में जब हमने शिलान्यास किया था वह संघर्ष का दौर था। उस समय वहां बाबरी मस्जिद का ढांचा खड़ा था जो 1992 में ध्वस्त हुआ। इतने वर्षो तक ऐसे ही रहा। इसलिये शुद्धिकरण के लिए भूमि पूजन होना जरूरी है। मेरा योगदान जैसे रामसेतु में गिलहरी की तरह माने। लेकिन प्रधानमंत्री के हाथों से भूमि पूजन होना गौरव की बात है, क्योंकि वह देश के सर्वमान्य नेता हैं। मैं तो शिलान्यास करके गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।"
एक दूसरे सवाल के जवाब में चौपाल ने कहा कि ट्रस्ट चाहता है कि रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द मंदिर बनवाकर जनता को सौंप दिया जाये। मंदिर निर्माण की कमेटी बन गई है। हर विषय के विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं।
भूमि पूजन कार्यक्रम में विपक्षी दलों के लोगों को न बुलाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, "मंदिर निर्माण से पहले हम लोग कई बार विपक्षी दल के लोगों से धर्म संसद में आने का आमंत्रण देते थे, लेकिन वोट बैंक के चक्कर में वे लोग आते नहीं। ये लोग बुलाने पर भी नहीं आएंगे। जब बंगाल में जय श्रीराम कहने पर लाठियां चल रही हैं तो इससे अंदाजा लगा लें। वैसे भी कोरोना के चलते कार्यक्रम बड़ी सीमित दायरे में आयोजित किया जा रहा है।"
राहुल कुमार
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में सिखों को डराने-धमकाने जैसी घटनाएं देखने को मिली हैं। पाकिस्तान में सिख लड़कियों का अपहरण करके उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले भी सामने आए हैं। विडंबना यह है कि यह ऐसे समय में हो रहा है, जब पाकिस्तान सरकार ने सिखों को लुभाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हुए उनके लिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के द्वार खोल दिए हैं। यह घटनाएं ऐसे समय में हो रही हैं, जब पाकिस्तान खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए उसे प्रोत्साहित कर रहा और उसे धन मुहैया करा रहा है।
सहिष्णुता के मुद्दे पर भारत को पाठ पढ़ाने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपने ही देश के कट्टरपंथियों के सामने हथियार डाल चुके हैं। हाल ही में लाहौर में स्थानीय लोगों ने व्यस्त नौलखा बाजार में गुरुद्वारा शहीदी स्थान को एक मस्जिद में बदलने की धमकी दी है।
एक वीडियो में लाहौर निवासी सुहेल बट अत्तारी द्वारा लोगों को इसे ऐतिहासिक मस्जिद शहीदी गंज में परिवर्तित करने के लिए जुटने की कोशिश की गई है। यह एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। इसका निर्माण भाई तारु सिंह के बलिदान को याद करने के लिए किया गया था, जिन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुगल शासकों से लोहा लिया था।
भारत में भी इस घटनाक्रम की नेताओं और राजनीतिक दलों द्वारा निंदा की गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष आज उस कथित घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया कि पाकिस्तान के लाहौर के नौलखा बाजार स्थित भाई तारु सिंह जी की शहादत स्थल गुरुद्वारा 'शहीदी स्थान' को कथित तौर पर मस्जिद शहीद गंज स्थान होने का दावा किया गया है और उसे एक मस्जिद में तब्दील करने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तानी सिखों के धार्मिक अधिकारों पर इस हमले की कड़ी आलोचना की है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "लाहौर में पवित्र श्री शहीदी स्थान गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने के प्रयासों की कड़ी निंदा करता हूं। यह स्थान भाई तारु सिंह जी की शहादत स्थली है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अपील करता हूं कि वह पंजाब की इस चिंता को सख्ती से पाकिस्तान के समक्ष उठाते हुए सिखों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहें।"
पाकिस्तान में अधिकारों से वंचित और अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हजारों सिख और हिंदू हर साल भारत में पलायन करते हैं। सत्ता में आने के तुरंत बाद भाजपा सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू और सिख शरणार्थियों को वीजा देने की प्रक्रिया को तेज कर दिया था। कुछ पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे जुल्म को देखते हुए भारत सरकार ने घोषणा की थी कि ऐसे सभी उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को फास्ट-ट्रैक भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
भारत के पश्चिमी पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न लगातार जारी है। पाकिस्तान में हाल ही में सिखों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ती नजर आई हैं। यहां जनवरी 2020 में लगभग 400 गुस्साए लोगों की भीड़ ने सिख विरोध नारे लगाते हुए लाहौर के पास गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला किया था।
इसी तरह मार्च 2017 में सिखों ने राष्ट्रीय जनगणना के रूप में एक धर्म के रूप में शामिल नहीं होने पर विरोध दर्ज कराया था। देश की अदालतों के विरोध और याचिका दायर होने के बाद जनगणना में अल्पसंख्यक समूह को एक अलग धर्म के रूप में जोड़ा गया। हालांकि जब कुछ साल बाद जनगणना जारी की गई, तो पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों के लिए डेटा जारी नहीं किया।
अल्पसंख्यक विरोधी माहौल पूरे पाकिस्तान में व्याप्त है और यह अत्यधिक विषाक्त होता जा रहा है।
'छत्तीसगढ़' न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, 2 अगस्त। मॉं-बाप लगातार खबरों में इतने अधिक रहते हैं कि बेटा 19 बरस का हो गया, अपने आपमें एक अच्छा फोटोग्राफर बन गया, और वन्यजीवन फोटोग्राफी में लगा हुआ है, लेकिन उसकी तरफ लोगों का अधिक ध्यान नहीं गया। प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा का बेटा रेहान कई बरस पहले एक चुनाव की जनसभा में मंच पर दिखा था। अब अभी हैदराबाद के अखबार डेक्कन क्रॉनिकल ने रेहान के बारे में एक बड़ा सा फीचर उसकी खींची हुई तस्वीरों के साथ छापा है जिसमें रेहान की बहन मिराया भी नजर आ रही है। यह फीचर परिवार पर फोकस नहीं है, और यह रेहान की वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफी दिखा रहा है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्र की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा है कि यह नीति देश में डिजिटल विभाजन (डिजिटल डिवाइड) पैदा करेगी। पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एनईपी 2020 में मानव विकास और ज्ञान के विस्तार का मूल लक्ष्य नदारद है।
पार्टी ने कहा कि एनईपी 2020 जिसका उद्देश्य 'स्कूल और उच्च शिक्षा' में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है, उसमें स्पष्ट कार्यान्वयन रोडमैप और रणनीति का अभाव है, स्पष्ट रूप से इस बड़े विजन को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण रूप से वित्त पोषण आवश्यक है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "एनईपी 'डिजिटल डिवाइड' बनाकर गरीबों और वंचितों को अलग-थलग रखने को बढ़वा देगा। हाशिए वाले वर्गों के 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों को पूरी तरह से बाहर रखा जा सकता है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच के दौरान देखा जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुपस्थित या कम इंटरनेट कनेक्टिविटी/कंप्यूटर के उपयोग के कारण ग्रामीण बनाम शहरी विभाजन जैसी चीजें भी देखने को मिलेंगी।"
सुरजेवाला ने कहा कि एससी/एसटी/ओबीसी और वंचित वर्ग की कोई चर्चा नहीं है।
पार्टी ने शिक्षा पर जीडीपी के छह प्रतिशत खर्च करने की एनईपी की 2020 की सिफारिश पर सवाल उठाया और कहा कि भाजपा सरकार में बजट के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर खर्च 2014-15 में 4.14 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 2020-21 में 3.2 प्रतिशत हो गया है।
पार्टी ने गुणवत्तापूर्ण 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा' (ईसीसीई) देने के लिए आंगनवाड़ियों पर एनईपी की निर्भरता पर भी सवाल उठाया।
पूर्व मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पहले से ही कई सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण ड्यूटी के बोझ तले दबी हुई हैं और उन्हें 'नियमित कर्मचारी' के रूप में भी मान्यता प्राप्त नहीं हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों को क्रमश: 4,500 रुपये और 2,250 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है।
उन्होंने कहा कि छह महीने के डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से ईसीसीई मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित करना अपने आप में एक कठिन कार्य होगा।
रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की तुलना में ठीक होने (रिकवरी) के बीच का अंतर महज 52 दिनों में ही 1,573 से बढ़कर 5,77,899 हो गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 जून को पहली बार ठीक हुए और सक्रिय रोगियों की कुल संख्या के बीच अंतर 1,573 बताया था। आंकड़ों से पता चलता है कि दो अगस्त को यह अंतर बढ़कर 5,77,899 हो गया है।
मंत्रालय ने कहा, "ठीक होने और सक्रिय मामलों के बीच अंतर में लगातार वृद्धि देखी गई है।"
इस बीच रविवार को भारत ने पिछले 24 घंटों में 51,255 रोगियों की एक दिन की सबसे अधिक रिकवरी दर्ज की, जबकि इस दौरान पिछले 24 घंटों में कुल 54,735 नए कोरोनावायरस मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में अब तक कुल 17,50,723 मामले सामने आ चुके हैं।
पिछले 24 घंटे में 51,225 मरीज ठीक होने के साथ ही भारत में कोरोना से ठीक हुए लोगों की कुल संख्या 11,45,629 हो गई है।
पिछले 24 घंटों में ठीक हुए रोगियों का रिकॉर्ड स्थापित करते हुए रिकवरी दर में 65.44 की उच्च दर देखी गई है। इससे पता चलता है कि अधिक से अधिक कोविड-19 रोगी ठीक हुए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
वर्तमान में देश में सक्रिय मामलों की संख्या 5,67,730 है जो कि कुल मामलों का 32.43 प्रतिशत हैं जिसमें सभी अस्पतालों में या घर पर इलाज करा रहे लोग शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि यह केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा कोविड-19 प्रबंधन रणनीति के समन्वित कार्यान्वयन का परिणाम है। इसके साथ ही सभी अग्रिम पंक्ति (फ्रंटलाइन) स्वास्थ्यकर्मी और कोविड-19 योद्धाओं के निस्वार्थ बलिदान ने भी यह सुनिश्चित किया है कि ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है।
मंत्रालय का कहना है कि प्रभावी नियंत्रण रणनीति, तेजी से किए जा रहे परीक्षण और संक्रमण से बचने के उपायों के सही पालन से निरंतर ठीक होने की दर बढ़ रही है।
दुनियाभर में इस घातक वायरस के कारण कुल 6,84,111 लोगों की मौत हो चुकी है। केवल अमेरिका में ही 1,54,361 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि ब्राजील में 93,563 और मैक्सिको में 47,472 लोगों की संक्रमण की वजह से जान गई है।
भारत में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा है, जहां कुल मामलों की संख्या 4,20,000 पार कर गई है और 14,994 मौतें हुईं।
गंभीर स्थिति के बीच दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से अच्छी खबर है, जहां सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
शिवपुरी, 2 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से अंगूरी देवी लगभग डेढ़ दशक पहले कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव में उतरी थीं, मगर आज उनकी माली हालत बुरी है। गरीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड बनवाने के लिए वह दर-दर भटक रही हैं। उन्हें शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा सीट से वर्ष 2003 में कांग्रेस से टिकट मिला था। वे चुनाव हार गई थीं। महिला नेत्री अंगूरी देवी राजे की आर्थिक हालत बेहद खराब है। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रह चुकीं अंगूरी देवी के पति की मौत हो चुकी है और बेटे का एक्सीडेंट हो गया, वह बिस्तर पर पड़ा है।
उन्होंने कहा, "घर में काम करने वाला कोई नहीं, मेरी उम्र 53 साल हो गई, अब काम मांगने कहां जाऊं ? कोरोना ने संकट और बढ़ दिया और घर में अनाज तक के लाले पड़े हैं।"
मदद की गुहार लगाने वाली महिला अंगूरी देवी का कहना है कि उनकी कोशिश है कि या तो बीपीएल कार्ड बन जाए या कोई ऐसी व्यवस्था हो जाए, जिससे उनका भरण-पोषण हो सके। इसके लिए कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को वे कई बार आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
अंगूरी देवी का कहना है कि पूर्व में जब वे सक्रिय थीं, तब उन्होंने आम लोगों की समस्याएं उठाईं और जिलाधिकारियों से उनकी समस्याएं हल करवाईं, लेकिन आज वे खुद समस्याग्रस्त हैं तो उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।
चेन्नई, 2 अगस्त (आईएएनएस)| तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता की संपत्ति का अधिग्रहण करने के खिलाफ उनकी भतीजी जे. दीपा ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की संपत्ति को अधिग्रहित करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश जारी किया है। इसके अलावा जयललिता की सभी चल-अचल संपत्तियों को सूचीबद्ध किया गया है।
राज्य सरकार जयललिता के निवास स्थान वेदा निलयम को स्मारक बनाने जा रही है। इसी कारण से सरकार ने सभी संपत्ति को अधिग्रहित किया है, जिसमें जयललिता के कपड़े, किताबों के अलावा निजी उपयोग की कई बहुमूल्य वस्तुएं भी शामिल हैं। अब उनकी भतीजी दीपा ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
उन्होंने तमिलनाडु सरकार द्वारा जयललिता के पोएस गार्डन निवास वेदा निलयम के अधिग्रहण के कदम के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने हाल ही में दीपा और उनके भाई जे. दीपक को जयललिता की पैतृक और स्व-अर्जित संपत्ति का उत्तराधिकारी घोषित किया था। उन्हें जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारी के तौर पर माना गया है।
दीपा ने कहा कि पोएस गार्डन निवास को उनकी दादी एन. आर. संध्या उर्फ वेधा जयरामन ने वर्ष 1967 में खरीदा था।
निवास का वेदा निलयम नाम उनकी दादी के नाम पर ही रखा गया था।
दीपा ने यह भी कहा कि वेदा निलयम के अधिग्रहण से जयललिता की संदिग्ध मौत की जांच करने वाले जस्टिस अरुमुगास्वामी आयोग की कार्यवाही बाधित होगी।
दीपा ने अपनी याचिका में कहा, अधिग्रहण को तुरंत रोकना होगा, नहीं तो माननीय न्यायमूर्ति अरुमुगास्वामी आयोग के लिए जरूरी सबूत खत्म हो सकते हैं। राज्य सरकार दो रुख नहीं ले सकती। एक तरफ एक आयोग नियुक्त किया गया है और दूसरी तरफ अधिग्रहण की कार्यवाही हो रही है।
दीपा ने अपनी दलील में कहा कि राज्य सरकार का रवैया निश्चित रूप से इस तरह की किसी भी जांच को प्रभावित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि मरीना में स्मारक का निर्माण पूरा करने के बजाय तमिलनाडु सरकार उनकी पैतृक संपत्ति हासिल करने और इसे स्मारक के रूप में परिवर्तित करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने दलील पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वेदा निलयम को स्मारक के रूप में परिवर्तित करने के लिए कोई अध्यादेश लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। दीपा ने कहा कि महामारी ने हमारे कानूनी विकल्पों और संपत्ति के मामलों और अदालती मामलों से संबंधित सभी कार्यों में बाधा डाली है।
दीपा ने अपनी याचिका में कहा, कपड़ों और गहनों सहित एक महिला के निजी सामानों को लेकर राज्य सरकार की ओर से यह एक बहुत ही शर्म की बात है। यह अनुचित और अश्लील है और एक महिला की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है। मैं अपनी चाची के लिए इस तरह के कृत्यों के लिए किसी भी प्रकार के अपमान की अनुमति नहीं दे सकती, वह मेरी मेरे लिए एक मां की तरह थीं।
गौरतलब है कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की चल संपत्तियों में 4.37 किलो सोना, 60.1.42 किलो चांदी, 162 चांदी की वस्तुएं, 11 टीवी सेट्स, 10 फ्रिज, 38 एयर कंडीशनर, 556 फर्नीचर के सामान, 6514 रसोई के बर्तन, 8,376 किताबें, 10,438 कपड़ें, मोबाइल फोन सहित 29 टेलीफोन आदि शामिल हैं।
इसके अलावा अचल संपत्तियों में दो आम के, एक कटलह, पांच नारियल और पांच केले के पेड़ शामिल हैं।
विशाखापत्तनम, 2 अगस्त (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में रविवार को एक सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। तीनों विशाखापत्तनम में एक रिश्तेदार, जो शनिवार को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के क्रेन दुर्घटना में मारा गया था, उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए निकले थे। वे जिस कार से जा रहे थे, वह श्रीकाकुलम जिले के कांची में दुर्घटनावश एक स्टेशनरी ट्रक में जा घुसी।
विशाखापत्तनम अपने दामाद पी. भास्कर राव को आखिरी बार देखने आ रहे नागमणि (48) और उनकी बहू लावण्या (23) और वाहन चालक रोउतु द्वारका (23) की दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना तब हुई जब कार एक खड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी।
नागमणि के बेटे ईश्वर राव और राजशेखर और एक अन्य बहू पितिली घायल हो गए हैं और उन्हें सोमपेटा के सरकारी अस्पताल भर्ती कराया गया। हालांकि बाद में उन्हें श्रीकाकुलम स्थित एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। ईश्वर राव की हालत गंभीर बताई गई है।
परिवार पश्चिम बंगाल के खड़गपुर से तब चला जब एचएसएल में क्रेन दुर्घटना में उनके दामाद की मौत हो गई थी।
बीते शनिवार को एचएसएल में एक बड़ी क्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से ग्यारह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एचएसएल के चार नियमित कर्मचारी और सात कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारी शामिल थे।
भास्कर राव (35) लीड इंजीनियर्स के लिए काम कर रहे थे, जो कि ग्रीनफील्ड कंपनी द्वारा किराए पर ली गई दो फर्मों में से एक था।
फिरोजाबाद (उप्र), 2 अगस्त (आईएएनएस)| फिरोजाबाद पुलिस ने शनिवार को आजमगढ़ के दो शूटरों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के भतीजे को खत्म करने का काम सौंपा गया था। वर्तमान में गोरखपुर जेल में बंद एक हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र यादव ने राजनेता के भतीजे को खत्म करने के लिए 5 लाख रुपये में शूटरों आशीष यादव और संदीप यादव को भाड़े पर लिया था।
कांच फैक्ट्री चलाने वाला पीड़ित, अपनी फैक्ट्री के क्लर्क कुलदीप के परिवार को देवेंद्र के छोटे भाई शिवा के खिलाफ मुकदमा लड़ने में मदद कर रहा था। जिसने 2014 में क्लर्क की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उससे 40 हजार रुपये लूट लिए थे।
दोनों शूटरों को विशेष ऑपरेशन ग्रुप टीम ने सिरसागंज से पकड़ा था, जिनके पास से एक हैचबैक और दो देसी पिस्तौल भी जब्त किए गए थे।
आगरा रेंज के आईजी सतीश गणेश ने कहा, "ये पूर्वी उप्र के ऐसे शूटर हैं जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि वे पुलिस के लिए कोई निशान ही नहीं छोड़ते हैं। वे एक जोड़ी जींस के लिए भी किसी को भी मार सकते थे। उनके काम में सफल होने के बाद उन्हें ट्रेस करना और सारे डॉट्स कनेक्ट करना हमारे लिए मुश्किल था।"
आईजी ने कहा कि पकड़े गए शूटरों में से एक इटावा में पॉलिटेक्निक का छात्र है। उन्हें शुरू में 5,000 रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन उन्हें 5 लाख रुपये देने का वादा किया गया था।
इन शूटरों को काम पर रखने वाले हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र यादव ने अगस्त 2019 में भूमि विवाद को लेकर अनूप कुमार नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी।
बाद में उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसे फरवरी 2020 में एसटीएफ गोरखपुर ने गिरफ्तार किया था।
उन्होंने आगे कहा, "देवेंद्र का मानना था कि देवेंद्र के छोटे भाई शिवा को जेल भेजने के लिए पीड़ित अपने मृतक क्लर्क के परिवार की मदद कर रहा था।"
ग्वालियर, 2 अगस्त (आईएएनएस)| देश के अग्रणी खेल शिक्षण संस्थानों में से एक-लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) के कुलपति प्रो. दिलीप कुमार डुरेहा का मानना है कि एलएनआईपीइ और ऐसे अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए नई शिक्षा नीति 2020 ने आगे बढ़ने की संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शारीरिक शिक्षा और खेलकूद को अब मुख्य विषय के रूप में मान्यता मिली है और यह प्राथमिक कक्षाओं से ही बच्चों को पढ़ाया जाएगा
कुलपति प्रो. डुरेहा ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसका विषय था नई शिक्षा नीति पर चर्चा। इस दौरान उन्होंने नई नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं और बताया कि शारीरिक शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा वर्षों से की जा रही कोशिश का नतीजा है कि नई नीति में इस विषय को भी स्थान मिला है
उन्होंने इस दौरान प्रमुख रूप से संस्थान के परीक्षा नियंता डॉ. जी. डी. घई के प्रयासों का भी उल्लेख किया। प्रो. घई ने एनसीईआरटी के लिए शारीरिक शिक्षा का नया पाठ्यक्रम बनाने पर काम किया है।
कुलपति ने बैठक के दौरान स्थानीय भाषा में पढ़ाई, विद्यार्थियों के बीच में कोर्स छोड़ने पर सर्टिफिकेट की व्यवस्था आदि के बारे में भी विस्तार से बताया। कहा कि 34 वर्ष बाद आई यह नई शिक्षा नीति पठन पाठन के क्षेत्र में क्रांति लाएगी। बजट बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषा को महत्व देने के चलते अब देश के सुदूरवर्ती हिस्सों से भी मेधा सामने आएगी।
अब भी 11 लाख लोग प्रभावित
गुवाहाटी, 2 अगस्त (आईएएनएस)| असम के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घटने लगा है। बाढ़ के हालात में सुधार है, मगर अब भी 11 लाख लोग प्रभावित हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, 33 जिलों में से 20 जिलों के 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें 8.30 लाख लोग राज्य के छह पश्चिमी जिलों- गोलपाड़ा, मोरीगांव, बोंगईगांव, बारपेटा, गोलाघाट, धुबरी और पूर्वी लखीमपुर के हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले नौ दिनों से मॉनसूनी बारिश नहीं हुई है। इस कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार आना तय है।
प्रभावित जिलों के 75,711 हेक्टेयर खेतों में लगी फसलें अब भी डूबी हुई हैं। पहले, 24 जुलाई को 122,573 हेक्टेयर में लगी फसलें डूब गई थीं।
एएसडीएमए के अधिकारियों के अनुसार, ब्रह्मपुत्र सहित नौ बड़ी नदियों कई जगहों पर उफना गई हैं। शोणितपुर, जहां ब्रह्मपुत्र और जिया भारती नदियां बहती हैं, दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 55 फीसदी हिस्सा डूब गया है। बाढ़ के कारण कम से कम 145 वन्यजीवों की मौत हो चुकी है।