राष्ट्रीय
लखनऊ, 5 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्हें मिलाकर उत्तर प्रदेश में इस वायरस से अब तक नौ मंत्री संक्रमित हो चुके हैं। दो दिन पहले प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और विधायक योगेंद्र उपाध्याय (आगरा) और विधान पार्षद देवेंद्र प्रताप सिंह (गोरखपुर) को रविवार को जांच में पॉजिटिव पाया गया था।
डॉ महेंद्र सिंह के अलावा, यूपी के आठ अन्य मंत्रियों को कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाया गया। उनका इलाज चल रहा है।
कोरोना पॉजिटिव मामलों में मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, धर्म सिंह सैनी, चेतन चौहान, उपेंद्र तिवारी, रघुराज सिंह और जय प्रताप सिंह शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की मंत्री कमल रानी वरुण की रविवार को लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में कोरोनावायरस मौत हो गई।
जयपुर, 5 अगस्त (आईएएनएस)| राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि भगवान राम हमारी संस्कृति और सभ्यता में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान किया।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "भगवान राम हमारी संस्कृति और सभ्यता में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उनका जीवन हमें सच्चाई, न्याय, समानता, करुणा और भाईचारा सिखाता है। हमें प्रभु राम द्वारा दिए गए मूल्यों के आधार पर एक समतावादी समाज की स्थापना पर ध्यान देने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "भगवान राम का मंदिर हमारे देश में एकता और भाईचारे का प्रतीक बन सकता है।"
रजनीश सिंह
श्रीनगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए एक साल पूरा हो चुका है। इस बड़े बदलाव के बाद सरकार तेजी से विकास के मोर्चे पर फोकस करके लोगों का दिल जीतने में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि 'बैक टू विलेज' (बी टू वी) पहल, जिसमें लोगों के लिए 36 प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं, यह पर्याप्त तौर पर सफल होता दिख रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत 20,000 विकास कार्यो को पहचाना गया है, जिससे लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इस कार्यक्रम ने ऐसा उत्साह पैदा किया कि शोपियां जिले के एक निवासी ने इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा, जिसके बाद उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में इसका उल्लेख भी किया गया।
अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने लोगों तक पहुंचने के लिए पिछले साल जून में 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम शुरू किया था। इसका उद्देश्य आम आदमी के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करना और गांवों में विकास की रफ्तार को तेज करना है। शासन को लोगों के घर-घर तक पहुंचाने और पंचायतों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत अफसर जम्मू-कश्मीर की विभिन्न पंचायतों में जाकर लोगों की शिकायत सुनते हैं।
सरकार का कहना है कि 'बी टू वी' ने न केवल ग्रामीणों की समस्याओं के निवारण के लिए प्रशासन और अधिकारियों को घर-घर पहुंचाने की उपलब्धि हासिल की, बल्कि सरकार के प्रति जनता के विश्वास को फिर से स्थापित किया है। इस प्रक्रिया के जरिए लोगों के बीच व्याप्त कई मिथक भी टूटे हैं।
बडगाम जिले में ब्लॉक बी. के. पोरा के निवासी अब्दुल हमीद डार ने टिप्पणी की कि उनके गांव में उनके जल निकायों को डी-सिल्ट करने (गाद निकालना) का मुद्दा था, जो कि रेत, गाद और पॉलिथीन की अत्यधिक मात्रा के कारण जाम (चोक) हो गया था।
उन्होंने कहा, "हमने इस संबंध में निचले स्तर से लेकर ऊपर तक कोशिश की, लेकिन किसी ने भी हमारी वास्तविक शिकायत दर्ज नहीं की थी। लेकिन इस अभियान के दौरान उन अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे का संज्ञान लिया गया, जो दो दिनों के लिए हमारे गांव आए थे।"
जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस कार्यक्रम को अद्वितीय बताया है, जिसमें सभी स्तरों के लगभग 5,000 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें प्रत्येक पंचायत की जिम्मेदारी दी गई है। यह अधिकारी अपने संबंधित गांव में दो दिन और रात गुजारते हैं और वहां पर व्याप्त तमाम समस्याओं की जानकारी प्राप्त करके उनका समाधान खोजते हैं।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा, "बैक टू विलेज ने पंचायतों को सक्रिय करने, सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर प्रतिक्रिया जुटाने, विशिष्ट आर्थिक क्षमता पर गौर करने और गांवों की जरूरतों का आकलन करने जैसे चार सर्वोत्कृष्ट विषयों पर ध्यान केंद्रित किया है।"
सरकार ने कहा, "जैसे ही यह पहल शुरू हुई, इसे एक पूर्ण सफलता मिली। वास्तव में लोगों की इतनी अधिक प्रतिक्रिया रही कि व्यावहारिक रूप से हर आने वाले अधिकारी का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह वास्तव में इस कार्यक्रम द्वारा उत्पन्न उत्साह ही है कि शोपियां जिले के एक निवासी ने इस कार्यक्रम के बारे में प्रधानमंत्री को लिखा, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इसे 'विकास, जन भागीदारी और जन जागरूकता' का त्योहार कहा।"
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य सचिव बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने भी बैक टू विलेज प्रोग्राम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम परिणाम-उन्मुख हैं।
इस कार्यक्रम के तहत सरकार ने सभी 4,483 पंचायत हलकों में राजपत्रित अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की। प्रत्येक अधिकारी को एक ग्राम पंचायत सौंपी गई, जहां पहले से चली आ रही प्रथाओं के विपरीत वे गांव में एक रात के ठहराव सहित कम से कम दो दिनों तक रहे। अधिकारी को पंचायत प्रतिनिधियों, बुजुर्गो और अन्य स्थानीय लोगों से उनकी चिंताओं, विकासात्मक जरूरतों और क्षेत्र की आर्थिक क्षमता के बारे में व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त करके पहले आकलन करना था।
इस पूरे अभियान के दौरान अधिकारी ग्रामीणों के साथ रहकर उनके दर्द और पीड़ा को पूरी तरह से समझते थे।
इस दौरान ग्राम सभाओं में सभी सामाजिक मुद्दों जैसे लिंगानुपात, साक्षरता दर, बालिका शिक्षा, जल संरक्षण और स्वच्छता के मुद्दों पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश मंजूर कर ली है।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)| राम मंदिर के भूमि पूजन के खास मौके पर रामलला के लंबे समय से वकील रहे केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को संविधान की मूल प्रति में मौजूद भगवान राम की एक तस्वीर साझा की। उन्होंने कहा, "भारत के संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय के आरम्भ में एक स्केच है जो मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी का है। आज संविधान की इस मूल भावना को आप सभी से शेयर करने का मन हुआ।"
केंद्रीय मंत्री ने इस दिन को भारत के स्वाभिमान का दिन भी कहा।
प्रसाद ने अयोध्या भूमि विवाद मामले से संबंधित मुकदमे में याचिकाकर्ता राम लला का प्रतिनिधित्व किया था, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2010 में फैसला सुनाया था। न्यायालय ने विवादित स्थल को दावेदारों के बीच समान रूप से वितरित करने का आदेश दिया था।
न्यूज टेलीविजन पर सार्थक डिबेट करने वाले प्रसाद को भगवान राम के वकील के रूप में जाना जाने लगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले, जहां वकील के. परासरन ने राम लला की पैरवी की थी, को प्रसाद ने 'ऐतिहासिक फैसला' बताया था।
अयोध्या, 5 अगस्त (वार्ता)। भाजपा की फायर ब्रांड नेता एवं अयोध्या में राममंदिर निर्माण आंदोलन की अगुआ नेताओं में एक उमा भारती ने बुधवार को कहा कि भगवान राम की नगरी ने सभी को एक कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर के भूमिपूजन में भाग लेने पहुंची मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, अयोध्या ने सभी को एक कर दिया है, अब भारत पूरे विश्व में अपना माथा ऊंचा कर कहेगा कि यहां किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है।
सुश्री भारती ने अयोध्या आने पर ट्वीट कर कहा, मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बंधी हूं । मुझे राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थल पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है इसलिए मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगी।
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के मुख्य आरोपियों में एक सुश्री भारती ने हाल ही में इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। इस मामले में अन्य मुख्य आरोपियों भाजपा के वरिष्ठतम नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 31 अगस्त तक इस मुकदमे का निपटारा किया जाना है।
भोपाल 5 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुधवार को अस्पताल से छुटटी दे दी गई है। वे कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कोविड सेंटर अस्पताल में थे, स्थिति में सुधार होने और कोरोना के तय दिशानिर्देशों के मुताबिक उनके स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुटटी दे दी गई। भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख लोकेंद्र पाराशर ने बताया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिकित्सालय से छुट्टी दे दी गई है। वे पूर्णत: स्वस्थ हैं। कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक अगले सात दिन तक सावधानीपूर्वक अपने निवास में रहेंगे और स्वयं के स्वास्थ्य का परीक्षण भी करेंगे।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री चौहान 25 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और उसके बाद कोविड सेंटर चिरायु अस्पताल में भर्ती हुए थे। चिकित्सालय के मुताबिक चौहान के सभी क्लीनिकल पैरामीटर सामान्य है और उन्हें बीते तीन दिन से बुखार नहीं आया है।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 52,509 नए मामले सामने आए हैं और महामारी से इस दौरान 857 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि देश में अब तक संक्रमण के कुल 19,08,254 मामले हैं और 39,795 लागों की मौत हो चुकी है।
देश ने सोमवार को 18 लाख का आंकड़ा पार कर लिया था और उसके दो दिन में ही ये आंकड़ा एक लाख और बढ़ गया। देश में अभी 5,86,244 सक्रिय मामले हैं और 12,82,215 लोग बीमारी से उबर चुके हैं। देश में अब रिकवरी दर 67.19 फीसदी हो गई है।
वैश्विक औसत की तुलना में भारत में सबसे कम केस फैटिलिटी रेट (सीएफआर) 2.08 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र 4,50,196 मामलों और 15,842 मौतों के साथ अब भी सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। इसके बाद तमिलनाडु 2,63,222 मामलों और 4,241 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है।
वहीं दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई।
कुल संख्या 65,704 हुई
गांधीनगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)| गुजरात में कोरोना संक्रमण के 1,020 नए मामले सामने आए। इसके साथ संक्रमितों की कुल संख्या 65,704 हो गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कम से कम 898 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई। राज्य में अब तक 48,359 संक्रमित लोग उपचार से ठीक हैं।
अगस्त के इन चार दिनों में 4,266 पॉजिटिव मामले सामने आए।
राज्य में कोरोना से मौतों की कुल संख्या 2,534 हो गई है।
कुल आंकड़ा 1.7 लाख के पार
अमरावती, 5 अगस्त (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश में कोरोना के एक दिन में 9,747 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,76,333 तक जा पहुंची। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को 64,147 जांच की गई। सोमवार को इससे कम 45,516 नमूनों की जांच की गई थी।
पूर्वी गोदावरी में सबसे ज्यादा 1,371 नए मामलों का पता चला। दूसरे स्थान पर अनंतपुर है, जहां 1,325 नए मामले सामने आए। प्रकाशम में सबसे कम 224 नए मामले मिले।
मंगलवार को संक्रमित 67 लोगों की मौत हो गई। ये मौतें 12 जिलों में हुई हैं। इसके साथ राज्य में वायरस से मौतों की कुल संख्या 1,604 हो गई।
मंगलवार को कम से कम 6,953 संक्रमित लोग अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। इस समय 79,104 सक्रिय मामले हैं। अब तक 95,625 लोग संक्रमण मुक्त घोषित किए जा चुके हैं।
रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)| झारखंड की राजधानी के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद दो पूर्व मंत्री एनोस एक्का और राजा पीटर सहित 52 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी मंगलवार को दी। एक्का और पीटर हत्या के अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना ने उनके आधिकारिक आवास में कार्यरत 17 कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने के बाद मंगलवार को दूसरी बार कोविड-19 जांच करवाई है। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के निजी सचिव भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं।
राज्य में बीते 24 घंटों में कोरोना के 800 से ज्यादा मामले सामने आए। इसके साथ संक्रमितों की कुल संख्या 13,700 हो गई है।
पूर्वी सिंहभूम जिले में तीन संक्रमितों की मौत हो जाने के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 125 हो गई है। वायरस से मृत्युदर बढ़कर 0.93 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़े के मुताबिक, राज्य में कोरोना के 8,581 सक्रिय मामले हैं। समूचे राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के कारण रिकवरी रेट गिरकर 35.50 फीसदी हो गई है।
राज्य में अब तक 3,53,004 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 3,26,060 मामले निगेटिव मिले।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| राहुल गांधी के करीबी नेताओं और कांग्रेस के बुजुर्ग, वरिष्ठ नेताओं के बीच जारी घमासान के बीच सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा करने वाली हैं और पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सोनिया इस पद पर आगे भी बनी रह सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस के भीतर वर्तमान में न तो पार्टी द्वारा और न किसी व्यक्ति के द्वारा इस संबंध में कोई चर्चा शुरू की गई है।
सूत्रों ने कहा, "कोई चर्चा नहीं है, और कोई नियम नहीं है कि हमें एक नया अध्यक्ष नियुक्त करना है।"
सोनिया गांधी ने पिछले साल 10 अगस्त को अपने बेटे राहुल गांधी द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से शीर्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। हालांकि पार्टी ने राहुल को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने फैसले पर डटे रहे, जिसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया।
सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं और 2004 और 2009 में लगातार दो आम चुनावों में उन्हें पार्टी की जीत का श्रेय दिया गया।
कांग्रेस में सभी घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले पार्टी के एक नेता ने बताया कि सोनिया गांधी अभी अस्पताल से लौटी हैं और पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए उनके पीछे खड़ी है। नेतान ने कहा, "पार्टी के सभी वर्गो के लिए वह नेतृत्व बिंदु हैं।"
सोनिया गांधी को नियमित परीक्षण और जांच के लिए पिछले सप्ताह सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार अपराह्न् उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
पार्टी अध्यक्ष पद पर यथास्थिति बनाए रखने के कांग्रेस के रुख के बावजूद पार्टी कें अंदर एक नया अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर मांग उठती रही है। राहुल गांधी के करीबी नेताओं ने तीन मौकों पर मांग की है कि उन्हें वापस कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीडब्ल्यूसी की एक बैठक के दौरान यह मांग की थी। कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की जुलाई में हुई बैठकों में भी यह मांग उठी थी।
मथुरा, 03 अगस्त (वार्ता)। पांच अगस्त को जब मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भूमि पूजन के समारोह से गुंजायमान हो रही होगी उसी समय मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशवदेव मंदिर में भगवान केशवदेव राम रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे होंगे।
ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि मथुरा में यदि कान्हा ने जन्म लिया तो अपने सच्चे भक्त तुलसीदास की मांग पर उन्होंने यहां पर राम रूप में उन्हें दर्शन दिये थे। मशहूर भागवताचार्य संजय कृष्ण सलिल ने बताया कि तुलसीदास पहले तुलसी राम दर्शन स्थल ज्ञान गुदड़ी वृन्दावन आए थे और वहां पर उन्होंने अपने आराध्य के दर्शन करना चाहा था किंतु वहां पर उन्होंने श्रीकृष्ण को ’’ मोर मुकुट कटि काछनी, कर मुरली उर माल’’ को देखा था।
इसके बाद तुलसी ने प्रभु से प्रार्थना करते हुए कहा था कि ’’का बरनउ छवि आपकी, भले बिराजे नाथ। तुलसी मस्तक तब नवैं जब धनुष बाण लेउ हाथ’’। तुलसी के इस अनुरोध पर वहां पर उन्हें प्रभु के राम रूप में दर्शन मिले थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी जब भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए मथुरा आए तो ठाकुरजी ‘‘बंशी लकुट काछनी काछे। मुकुट माथ भाल उर आहे’’ स्वरूप में भगवान श्रीकेशवदेव जी के दर्शन कर गोस्वामी जी भाव-विभोर हो गये और उन्होंने पुनः प्रार्थना की कि ‘‘का बरनऊ छवि आप की, भले बने होै नाथ, तुलसी मस्तक तब नवै, धनुष बाण लेऊ हाथ’’।
कोच्चि, 4 अगस्त (आईएएनएस)| पुलिस ने 75 वर्षीय एक महिला पर बेरहमी से हमला करने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार, यह घटना रविवार दोपहर को तब हुई जब वृद्ध महिला अपने घर के पास ही अपने दोस्त के घर पर थी।
इस घटना को लेकर पुलिस ने दुष्कर्म की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
वहीं केरल महिला आयोग ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "पुलिस ने हमें बताया है कि जांच चल रही है।"
ऐसा समझा जा रहा है कि महिला के पड़ोस में जहां घटना घटी, वहां उसे खनी खिलाने का वादा करके लाया गया था।
रक्तस्राव के थोड़ी देर बाद महिला को उसके घर वापस ले जाया गया और बाद में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
वहां से उसे कोलेनचेरी के निजी मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया और उसका एक आपातकालीन ऑपरेशन किया गया। उसकी निगरानी कर रहे डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर बताया है।
उसके सिर पर किसी नुकीली चीज वस्तु के गंभीर घाव हैं और उसके प्राइवेट पार्ट में भी चोट के निशान हैं।
स्थानीय ग्राम परिषद के अध्यक्ष के.के. राजू ने मीडिया को बताया कि किसी को नहीं पता कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। पुलिस को अभी इसकी जांच करनी है।
श्रीनगर, 4 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के 500 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी जांच के दायरे में हैं और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने बीते सप्ताह ऐसी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों को नौकरी से निकालने की अनुशंसा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।
सूत्रों ने कहा कि करीब 500 कर्मचारी/अधिकारी जांच के दायरे में हैं और समिति द्वारा उनके पिछले रिकॉर्ड खंगालने के बाद सिफारिश करने के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
इस उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव कर रहे हैं, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, गृह एवं कानून विभाग के सचिव, डीजीपी और एडीजीपी(सीआईडी) शामिल हैं।
इस समिति का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) को लागू करने के तत्काल बाद किया गया, जोकि कुछ पूर्व निर्धारित आधार पर केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों से सिविल क्षमता में कार्य कर रहे कर्मचारी को हटाने, निलंबित करने या पदावनति करने का अधिकार देता है।
यह अनुच्छेद उनलोगों पर भी बिना जांच कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जो राष्ट्रविरोधी गतिविधि में सलिप्त हैं। सरकार अगर इस बात से संतुष्ट होती है कि किसी अधिकारी को हटाने की कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है तो वह वह ऐसा कदम उठा सकती है।
यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर में अुनच्छेद 370 की वजह से प्रभावी नहीं था। लेकिन पिछले वर्ष 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया गया था, जिसके बाद यह प्रभावी हो गया।
इसके तहत, भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के अधिकारियों को भी देश-विरोधी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से छूट नहीं मिलेगी।
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पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार में बाढ़ का पानी अब नए क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है। राज्य की अधिकांश प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य के 14 जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, समस्तीपुर सहित 14 जिलों की 56 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में घटी विभिन्न घटनाओं में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच हालांकि सरकार राहत और बचाव कार्य का दावा कर रही है।
जल संसाधन विभाग की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी के जलस्तर में घटने का रुख है। वीरपुर बैराज के पास मंगलवार की सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1़ 97 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1़ 91 लाख क्यूसेक हो गया। इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह आठ बजे 1़ 55 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।
राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा व घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 14 जिलों के कुल 114 प्रखंडों की 1082 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 56़ 53 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 19 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 17 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,358 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन नौ लाख से ज्यादा लोग भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,18,490 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को बतौर राहत राशि 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं। अभी तक 2,71,407 परिवारों के बैंक खातों में कुल 162़ 84 करोड़ रुपये की राहत राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ से जुड़ीं विभिन्न घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई है।
अयोध्या, 4 अगस्त (आईएएनएस)| अयोध्या में नए राम मंदिर के लिए 'भूमि पूजन' करने के लिए शुभ समय तय करने वाले पुजारी विजयेंद्र (75) को फोन पर धमकियां मिली है, जिसके बाद कर्नाटक के बेलगावी में उनके आवास पर सुरक्षा प्रदान की गई है। सूत्रों ने यहां कहा कि बेलगावी के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाले पुजारी को धमकी मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लयिा है और उनके आवास पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि जो पुजारी ' मुहूर्त' तय करते हैं, उन्हें भी उन लोगों द्वारा नहीं बख्शा जा रहा है जो मंदिर का निर्माण नहीं चाहते हैं।"
विजयेंद्र ने पत्रकारों को बताया कि एक कॉलर ने उनसे पूछा कि उन्होंने 'भूमिपूजन' की तारीख क्यों निर्धारित की है। 'उसने कहा' 'आप इन सब में क्यों पड़ना चाहते हैं?' मैंने कहा कि आयोजकों ने मुझसे 'भूमिपूजन' के लिए शुभ तारीख बताने के लिए अनुरोध किया था और मैंने उन्हें बता दिया। फोन करने वाले ने अपना नाम प्रकट नहीं बताया। विभिन्न नंबरों से कॉल आ रहे हैं।
विजयेंद्र पिछले कई वर्षों से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। इस वर्ष फरवरी में, उन्हें ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ के लिए उपयुक्त समय की गणना करने और सूचित करने के लिए कहा गया था।
हालांकि, वह कोरोनोवायरस महामारी के कारण 'भूमिपूजन' समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।
'भूमिपूजन' समारोह बुधवार को दोपहर में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
संदीप पौराणिक
भोपाल, 4 अगस्त (आईएएनएस)| राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी जा रही है। मंदिर निर्माण के पूरे हो रहे अभियान में अनेक लोगों का योगदान रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने छात्र जीवन में वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवक की भूमिका निभाई थी।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के निवासी राजोबाबू सिंह वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में सामुदायिक पुलिस के एडीजी हैं। वे उन दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र हुआ करते थे और हजारों कारसेवक अयोध्या गए थे। उनके कई साथी छात्र भी वहां गए तो सिंह भी उनके साथ अयोध्या जा पहुंचे।
सिंह वर्ष 1992 के दौर केा याद करते हुए कहते हैं, " श्रीराम जन्मभूमि को देखने और रामलला के दर्शनों की अभिलाषा हमेशा से मन में थी। अयोध्या जाने का मौका मिला नहीं था। कारसेवा के समय अपने साथियों के साथ अयोध्या केा चल दिए क्योंकि रामजन्म भूमि और रामलला के दर्शनों की मन उठ रही हिलोरे वहां जाने के लिए मजबूर कर रही थीं। ईश्वर के प्रति अगाध आस्था हमेषा रही और उस अवसर ने प्रेरित करने का काम किया।"
उन्होंने बताया कि मत्था टेककर रामलला के दर्शन भी किये और उनसे प्रार्थना भी की कि आपकी कृपा से आपका यहां भव्य मंदिर बने। अब वह सपना पूरा हो रहा है जब 28 साल बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
एडीजी सिंह का कहना है समूचे देशवाशियों चाहें वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, सभी के लिए गर्व का विषय है। भारतीय संस्कृति के लिये क्लाइमेक्स का समय है, जब प्रधानमंत्री आधारशिला रखेंगे।
सिंह भले ही अब प्रदेश के पुलिस महकमे के बड़े औहदे पर हो मगर आनन्दित हैं और रोमांचित भी। उनका कहना है कि आखिर ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि उनका ही नहीं हर देशवासी का सपना जो साकार हो रहा।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 52,050 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 803 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 18,55,745 हो गई है और मृतकों की संख्या बढ़कर 38,938 हो गई। मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ।
देश ने सोमवार को 18 लाख का आंकड़ा पार कर लिया था। वर्तमान में, 5,86,298 मामले सक्रिय हैं और 12,30,509 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
वैश्विक औसत की तुलना में भारत में सबसे कम 'केस फैटलिटी रेट' (सीएफआर) 2.09 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने कहा कि 66.3 प्रतिशत की रिकवरी (ठीक होने) दर के साथ, पिछले 24 घंटों में कुल 44,306 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। पिछले 24 घंटों में 6,61,892 नमूनों की जांच की गई है।
महाराष्ट्र 4,41,228 मामलों और 15,576 मौतों के साथ कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है, जिनमें से 260 मौतें पिछले 24 घंटों में हुईं।
तमिलनाडु 257,613 मामलों और 4,132 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है। राज्य में पिछले 24 घंटों में 98 मौतें हुईं।
दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में भी सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई है।
जबकि वैश्विक मोर्चे पर, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, भारत कोरोना से तीसरा सबसे प्रभावित देश बना हुआ है। मंगलवार की सुबह तक, वैश्विक कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 18,193,291 करोड़ हो गई है, जबकि मौतों की संख्या भी बढ़कर 6,91,642 हो गई है।
भोपाल, 3 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ना लगातार जारी है। मरीजों की संख्या अब 34 हजार को पार कर गई है, वहीं मौतों का आंकड़ा 900 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में बीते 24 घंटों में 750 मरीज सामने आए हैं। अब मरीजों की कुल संख्या 34,285 हो गई है। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में 7646 है, यहां 91 मरीज सामने आए हैं। वहीं भोपाल में 24 घंटों में सबसे ज्यादा 166 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या 6793 हो गई है।
राज्य में एक तरफ जहां मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है, वहीं मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत से कुल संख्या 900 हो गई है। अब तक सबसे ज्यादा 317 मौतें इंदौर में हुई हैं, इसके अलावा भोपाल में अब तक 190 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
चंडीगढ़, 3 अगस्त। पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तरन तारण में 25 और मौत होने और अमृतसर में एक और मौत होने से कुल आंकड़ा बढ़कर 112 हो गया है.
राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी के बाद अब तक तरन तारण में कुल 88 लोगों की मौत हुई हैं, जिनमें से छह का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि दो को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) शिफ्ट किया गया है.
जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने शराब पी है, तभी से उन्हें देखने में समस्या हो रही है.
अमृतसर के मुच्छल गांव की मादेपुर कॉलोनी के एक शख्स की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. उसका भाई भी अस्पताल में है और उसकी आंखों की रोशनी चली गई है.
बाटला से एक शख्स को जीएनडीएच में रेफर किया गया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
तरन तारण के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने फोन पर बताया कि वहां क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों का आंकड़ा 75 बता रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजन द्वारा कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ तो पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी नहीं आए. अधिकारियों ने कहा कि कुछ परिवार तो अपने संबंधी की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने भी आगे नहीं आ रहे हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्य की मौत की रिपोर्ट कराएं.
वहीं, शवों के पोस्टमार्टम में देरी की भी खबरें हैं. मुच्छल गांव के बलकार सिंह का कहना है कि उनके गांव के जोगा सिंह की शुक्रवार को मौत हुई थी लेकिन उसका रविवार को अंतिम संस्कार किया गया क्योंकि परिवार को ऑटोप्सी में देरी की वजह से शव मिलने के लिए दो दिन का इंतजार करना पड़ा .
उन्होंने कहा, ‘बाबा बालक सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स नहीं होने की वजह से रविवार को पोस्टमार्टम हो पाया.’
इसी तरह कादगिल गांव के साजन सिंह अपने पिता हरजिंदर सिंह के शव के लिए तीन दिनों तक तरन तारण अस्पताल के चक्कर लगाते रहे. उनका कहना है कि रविवार को पोस्टमार्टम होने के बाद उन्हें शव सौंपा गया.
तरन तारण अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी डॉ. रोहित मेहता का कहना है, ‘हमारी टीमें ऑटोप्सी का काम पूरा करने के लिए ओवरटाइम कर रही हैं. कल हमारी टीमों ने रात आठ बजे तक काम किया और 13 शवों का पोस्टमार्टम किया. हम आज अभी तक 10 ऑटोप्सी कर चुके हैं.’
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले के सामने आने के बाद छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.
निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं. इस बीच पुलिस ने राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है.
शराब पीने से बीमार हुए 50 वर्षीय तिलक राज ने बताया, ‘मैंने जबसे यह शराब पी, तब से मेरी तबीयत खराब हो गई और मैं ठीक से देख नहीं पा रहा था. अब थोड़ा ठीक हूं लेकिन देखने में अभी भी समस्या हो रही है. मैं 60 रुपये में यह शराब खरीदी थी.’
एक और बीमार शख्स 32 वर्षीय अजय कुमार का कहना था, ‘जबसे मैंने शराब पी मुझे कमजोरी महसूस हो रही है.’
कई लोगों ने बताया कि उन्होंने हाथी गेट के पास से शराब खरीदी थी. आरोप है कि खुलेआम जहरीली और नकली शराब बेची गई लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने तरन तारण जाकर मृतकों के परिजन से मुलाकात की. मान ने इस मामले की मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.(thewire)
इंदौर, 3 अगस्त। हमेशा की तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। वे जब भी कुछ बोलते है, विवाद जरूर खड़ा होता है। कभी,कभी लगता है, उम्र के इस दौर में वे विवाद का मजा लेने को उतावले हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने की तारीख और उसके मुहूर्त पर विवाद बढ़ता जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने सोमवार को इसे कोरोना से जोड़ दिया। वे बोले मुहूर्त अशुभ है, इसलिए अमित शाह, मंदिर के पुजारी संक्रमित हो गए। उत्तरप्रदेश के एक मंत्री की मृत्यु हो गई। बीमारी को शुभ-अशुभ से जोड़ने की इस दिग्विजय वाणी से बड़ा वर्ग नाराज़ है।
लोग सवाल कर रहे हैं कि 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। क्या वे सभी ऐसे ही किसी पाप के शिकार हैं। लोगों ने ये सवाल भी उठाया कि देशभर में कई कांग्रेसी नेता भी पॉजिटिव निकले हैं, उन पर वे क्या कहेंगे। खुद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी पॉजिटिव निकले। दिग्विजय ने अपने राजयसभा चुनाव में उन्हें अस्पताल से बुलवाकर वोट डलवाया। तब उन्होंने वोट लेने से इंकार नहीं किया। आज वे दूसरों को आइसोलेट होने की सलाह दे रहे हैं।
दिग्विजय ने ट्वीट किया- ‘मंदिर पूजन के लिए हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजरअंदाज किया गया है। इसी वजह से गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राम मंदिर के पुजारी तक कोरोना संक्रमित हो गए हैं। अपनी बात रखने के लिए दिग्विजय ने 11 ट्वीट किए। कहा, ‘मोदीजी आप अशुभ मुहूर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं?
योगीजी आप ही मोदीजी को समझाइए। आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है? और आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं?
1. राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पॉजिटिव।
2. उत्तर प्रदेश की मंत्री कमलरानी वरुण का कोरोना से निधन।
3. उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव।
‘योगी और मोदी को क्वारैंटाइन होना चाहिए’
दिग्विजय ने कहा, ‘इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को क्वारैंटाइन नहीं होना चाहिए? क्या नियम केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के लिए नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं। हजारों सालों से चली आ रही मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए।’
मुहूर्त शुभ है तो उमाजी क्यों नहीं जा रहीं ?
मीडिया से पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या मुहूर्त ठीक है? मैं उमा भारती से पूछना चाहता हूं। वे क्यों नहीं जाना चाहतीं। साधु-संत क्यों मौन है? विहिप क्यों मौन है? वाराणसी से शब्दार्थ होना चाहिए। हजारों वर्ष के संस्कार को आप क्यों तोड़ना चाहते हैं मोदी जी? कौन सा चुनाव है अभी। क्या शुभ मुहूर्त नरेंद्र मोदी के लिए निकलवाया गया है ?(politicswala)
पटना, 3 अगस्त। बिहार के रहने वाले बॉलीवुड के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के मामले में बिहार और मुंबई पुलिस अब आमने-सामने दिख रही है। मुम्बई जांच के लिए पहुंचे बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में नियमों के विरुद्ध क्वारंटीन किए जाने के बाद बिहार पुलिस ने अब बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) को विरोध पत्र लिखा है। बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने सोमवार को राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि पटना के नगर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है।
पटना जेान के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बीएमसी के चीफ को एक विरोध पत्र लिखा है, जिसमें अधिकारी के क्वारंटीन करने का विरोध किया गया है और यह कहा गया है कि उसे जल्द से जल्द क्वारंटीन से बाहर किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।
संजय कुमार ने कहा, " मुंबई गए हमारे अधिकारी को इस तरह क्वारंटीन करना गलत है। क्वारंटीन को लेकर जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक यहां के गए अधिकारी को क्वारंटीन करना गलत है। बीएमसी उन्हें छूट दे सकता था लेकिन नहीं दिया गया। अब हम चाहते हैं कि विनय कुमार के अतिशीघ्र डीक्वारंटाइन किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।"
संजय कुमार ने कहा कि यहां से आइपीएस अधिकारी के जाने के पहले महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। वे यहां से अधिकारिक तौर पर भेजे गए हैं। ऐसे में उन्हें क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है।
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। सर्वोच्च न्यायालय जो फैसला सुनाएगा उसका हम लोग पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह के पिता के के सिंह ने पटना के राजीवनगर में एक मामला दर्ज करवाया है, जिसमें रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसी मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस ने चार सदस्यीय दल मुम्बई भेजा था और इसके बाद रविवार को जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आईपीएस विजय कुमार को मुम्बई भेजा गया लेकिन रविवार को ही उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।
बीएमसी ने हालांकि इस मामले में सफाई दी है कि विनय कुमार को नियमों के तहत क्वारंटाइन किया गया है। इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपना विरोध जता चुके हैं।(ians)
नई दिल्ली, 3 अगस्त। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास समारोह होगा। इस बीच बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों की पहचान और जांच करने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश मनमोहन सिंह लिब्रहान ने कहा कि उन्हें हमेशा से यह लगा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।
भूमि पूजन समारोह से दो दिन पहले न्यायमूर्ति लिब्रहान ने आईएएनएस से कहा, व्यक्तिगत रूप से मुझे हमेशा से यह महसूस होता रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के 10 दिनों के भीतर न्यायमूर्ति लिब्रहान की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था।
वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज थे। बाद में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां से वह 11 नवंबर 2000 को सेवानिवृत्त हुए।
उन्होंने लिब्रहान आयोग का नेतृत्व किया, जिसे अपनी जांच पूरी करने में 17 साल लगे, जिसने घटनाओं के संबंध में सभी तथ्यों और परिस्थितियों को उजागर किया, जो छह दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर हुई थी। इस पूछताछ में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को मस्जिद के विध्वंस के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। 30 जून 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
जब उनसे पूछा कि उन्हें यह क्यों लगता था कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनाया जाएगा, तो न्यायाधीश लिब्रहान ने जवाब दिया, यह एक निजी भावना है। मेरे पास इस बात को बताने के लिए कुछ नहीं है कि मुझे यह एहसास क्यों होता रहा है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी को अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। यह पूछने पर कि इस मामले पर शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना जारी है, उन्होंने जवाब दिया, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला दिया है। लोगों को इसका सम्मान करना चाहिए और फैसले की आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है।
लिब्रहान आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक सुनियोजित हमला था, जिसे आरएसएस कैडर की एक विशेष टीम ने अंजाम दिया था, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में पुष्टि की है।
लिब्रहान से सवाल पूछा गया कि जब आप इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे की जांच कर रहे थे तो क्या आपको किसी तरह के दबाव का सामना करना पड़ा था, उन्होंने जवाब दिया, मैंने कभी किसी दबाव का सामना नहीं किया।
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की एक पीठ ने सर्वसम्मति से राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदुओं को विवादित भूमि सौंप दी थी।(ians)
अयोध्या, 3 अगस्त। राज जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को होम क्वारंटीन में भेज दिया गया है। उनके शिष्य प्रदीप दास तीन दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "मेरे शिष्य प्रदीप दास 30 जुलाई को कोरोना संक्रमित हो गए थे, इसके बाद ट्रस्ट ने मुझसे कहा कि मैं तीन दिन मंदिर में प्रवेश न करूं। मैं भूमि पूजन नहीं करूंगा। भूमि पूजन समारोह के लिए अन्य पुजारी काम कर रहे हैं।"
ट्रस्ट के सदस्यों ने इस मसले पर कुछ बोलने से इंकार कर दिया।(ians)