राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुष्टि की है कि करंसी नोट कोरोना के संभावित वाहक हो सकते हैं। संस्था ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन दिए जाने की मांग की है। इससे पहले 9 मार्च को सीएआईटी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या करंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं या नहीं।
कन्फेडरेशन ने एक बयान में कहा है कि मंत्रालय से यह पत्र आरबीआई को भेज दिया गया था। उसने सीएआईटी को संकेत देते हुए जवाब दिया था कि नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हो सकते हैं, जिसमें कोरोनावायरस भी शामिल है। लिहाजा, इससे बचने के लिए डिजिटल भुगतान का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।
पत्र में आरबीआई ने आगे कहा, "कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए जनता विभिन्न ऑनलाइन डिजिटल चैनलों जैसे मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड आदि के माध्यम से घर बैठे भुगतान कर सकती है। इससे वह नकदी का उपयोग करने और निकालने से बचेगी।"
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, आरबीआई का जवाब बताता है कि डिजिटल भुगतान का उपयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए।
सीएआईटी ने निर्मला से लोगों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 'इंटेंसिव' देने की योजना शुरू करने का आग्रह किया है।
बयान में कहा गया है, "डिजिटल लेनदेन के लिए लगाए गए बैंक शुल्क को माफ किया जाना चाहिए और सरकार को बैंक शुल्क के बदले बैंकों को सीधे सब्सिडी देनी चाहिए। यह सब्सिडी सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं डालेगी, बल्कि यह नोटों की छपाई पर होने वाले खर्च को कम कर देगी।"
भोपाल, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दलित युवती के साथ तीन युवकों द्वारा बंधक बनाकर दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने युवती की शिकायत पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला भोपाल के बैरागढ़ थाना क्षेत्र का है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक युवती के माता पिता ने बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। रविवार की सुबह युवती को एक मकान से बहदवास हालत में बरामद किया गया। युवती ने बताया है कि वह अपने परिचित देवसिंह से शनिवार की दोपहर को एक्टिवा मांग कर ले गई थी। जब वह एक्टिवा वापस करने गई तो देवसिंह ने उसके साथ छत पर ले जाकर जबरदस्ती की एवं अन्य दो दोस्तों ने भी साथ ले जाने में सहयोग किया।
पुलिस उप महानिरीक्षक इरषाद वली ने बताया है कि युवती की शिकायत के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
बलिया, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है। ऐसा तभी हो सकता है जब माता-पिता अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार देंगे । बलिया में स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा विधायक ने कहा कि न तो शासन और न ही हथियारों का उपयोग ऐसे अपराधों को रोक सकता है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, "'ना शासन से, ना तलवार से', बल्कि अच्छे संस्कारों की मदद से इन घटनाओं को रोका जा सकता है। सभी माता-पिता को अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। यह शासन और अच्छे संस्कारों का संयोजन है, जो देश को सुंदर बना सकता है।"
सुरेंद्र सिंह आए दिन विवादित बयान देते रहते हैं।
सिंह ने पहले सरकारी अधिकारियों की तुलना वेश्याओं से करके विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, "अधिकारियों की तुलना में वेश्याएं बेहतर हैं। वे पैसे लेती हैं और पूरी रात नाचती हैं। लेकिन ये अधिकारी जनता से पैसा लेने के बावजूद अपना काम नहीं करते हैं।"
वह विवादों में तब आए, जब उन्होंने कहा था कि "जिन मुस्लिमों की कई पत्नियां और कई बच्चे हैं, उनमें पशुता की प्रवृत्ति है।"
भाजपा विधायक ने कहा था, "मुस्लिम धर्म में आप जानते हैं कि लोग 50 पत्नियां रखते हैं और 1,050 बच्चों को जन्म देते हैं। यह एक परंपरा नहीं, बल्कि एक पशुवादी प्रवृत्ति है। समाज में सिर्फ दो से चार बच्चों को जन्म देना सामान्य है।"
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा अध्यक्ष मायावती पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
सुमित शर्मा
हाथरस (यूपी), 4 अक्टूबर (न्यूज18)। हाथरस गैंगरेप की लड़ाई सीबीआई तक आ गई, लेकिन इंसाफ की जंग थमी नहीं है। उधर, रविवार को हाथरस के बसंत बाग स्थित पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के आवास पर पहले से तय पंचायत शुरू हुई। पंचायत में कई लोग उमड़े। पूर्व विधायक के आवास पर शुरू हुई इस पंचायत में हाथरस मामले को लेकर कई अहम बातें रखी गईं। पंचायत में क्षेत्र के सवर्ण समाज के लोग भी इकट्ठा हुए। पंचायत के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को निर्दोष बताया है। वहीं सीएम योगी के सीबीआई जांच की सिफारिश वाले फैसले का सवर्ण समाज के लोगों ने स्वागत भी किया।
घटना के बाद पीडि़त परिवार से मुलाकात करने पहुंचे सपा प्रदेश उपाध्यक्ष निजाम मलिक द्वारा आरोपियों के सर काटने पर एक करोड़ की राशि देने की बात को लेकर सवर्ण समाज में विरोध है। दरअसल लगातार आरोपियों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर सवर्ण समाज के लोगों का धरना-प्रदर्शन जारी है। पीडि़त परिवार पर लगाये गंभीर आरोप मीडिया के खिलाफ भी सवर्ण समाज में आक्रोश देखा गया। गांव में पुलिस का सख्त पहरा है। अब हाथरस कांड की जांच सीबीआई के हवाले करने की तैयारी है। योगी सरकार ने केंद्र सरकार से इस बात की सिफारिश की है। लेकिन पीडि़त परुवार सीबीआई जांच की सिफारिश संतुष्ट नजर नहीं आया।
पीडि़त परिवार का कहना है कि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। उनकी मांग है कि पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए। हालांकि परिवार ने यह विश्वास जताया कि उन्हें योगी सरकार पर पूरा भरोसा है। हाथरस केस में जहां एक तरफ सियासत तेज है वहीं जांच एजेंसियां में भी तेजी है। आज एक फिर एसआईटी टीम हाथरस पहुंची है। टीम हाथरस पीडि़ता के घर पर परिवारवालों का बयान रिकॉर्ड कर रही है। इससे पहले घटना के बाद एसआईटी टीम मौक पर पहुंची थी।
बुलंदशहर, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस की घटना के आरोपियों का सिर लाने वाले को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा करने वाले बुलंदशहर के कांग्रेसी नेता निजाम मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मलिक डीएनडी फ्लाईओवर पर उस समय पुलिस लाठीचार्ज में घायल हो गए थे, जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को थोड़े समय के लिए हिरासत में लिया गया था, जब वे हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे।
मामले में, ठाकुरों और ब्राह्मणों सहित उच्च जाति के सदस्यों की एक पंचायत ने शनिवार को हाथरस पीड़िता के गांव बुलगड़ी से दो किलोमीटर दूर बागना गांव में एक महापंचायत का आयोजन किया और कहा कि मामले के सभी चारों आरोपी निर्दोष हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
रविवार सुबह एक और पंचायत की बैठक हुई, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने दावा किया कि आरोपी व्यक्तियों को मामले में झूठा फंसाया जा रहा है और पीड़िता के परिवार के सदस्यों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की मांग की।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल दिल्ली के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को यह घोषणा की। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशा निदेशरें के मुताबिक राज्य सरकारें 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने का निर्णय ले सकती हैं। हालांकि इस विषय में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा, दिल्ली में सभी स्कूल कोरोना के कारण अभी 31 अक्तूबर तक बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि एक अभिभावक होने के नाते वे परिस्थिति की गम्भीरता को समझते हैं। इस समय बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम लिया जाना उचित नहीं होगा।
शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार, अपनी एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया है कि दिल्ली में सभी पाबंदियां 31 अक्टूबर तक यथावत रहेंगी। इस कारण यहां राजधानी दिल्ली में फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जोन में प्रतिदिन दो साप्ताहिक बाजार लगाने की अनुमति होगी।
इससे पहले दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 18 सितंबर को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में 5 अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने को कहा गया था। दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए जारी यह आदेश अब 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
सिसोदिया ने कहा, दिल्ली में स्कूल बंद रखने का फैसला जारी रहेगा। मैंने 31 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। ऑर्डर जल्द जारी हो जाएगा।
केंद्र ने स्कूल खोलने की छूट दी है, हालांकि इसके साथ ही कोविड से जुड़े सभी नियमों एवं सावधानियों का पालन करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है। विभिन्न राज्य सरकारें इसके आधार पर अपने नियम जारी करेंगी, जिनका पालन स्कूलों को करना होगा।
दिल्ली सरकार अभी ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई जारी रखना चाहती है। वहीं हाल के दिनों में कुछ सर्वे हुए हैं जिनमें यही सामने आया कि पैरेंट्स अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। एक सर्वे के मुताबिक, 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। 9 फीसदी अभिभावक अभी इस विषय को लेकर अनिश्चित हैं।
पणजी, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि विपक्ष नए कृषि कानूनों का विरोध कर बिचौलियों या दलालों की भूमिका निभा रहा है। जावडेकर का दावा है कि इन कानूनों का उद्देश्य बेहतर उत्पादकता, अधिक निवेश, नई तकनीक और बेहतर बीज, और कृषि उपज का अधिक निर्यात है। जावडेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है, लेकिन भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत के आसपास था, जिसमें सुधार की आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा, " नए कानूनों की वजह से केवल दलालों का नुकसान हुआ है। कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जहां किसान को कम कीमत (अपनी उपज के लिए) मिलती है, उपभोक्ता को अधिक भुगतान करना पड़ता है। बिचौलियों, जिनका उत्पादन में कोई हाथ नहीं होता, वे सबसे ज्यादा कमाते हैं। वे (विपक्ष) चिल्ला रहे हैं क्योंकि दलालों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कभी-कभी, मुझे लगता है कि विपक्ष दलालों का दलाल बन गया है। यह एक मूल मुद्दा है।" जावडेकर नए कानूनों का महत्व किसानों के समूहों को समझाने के लिए गोवा के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों ने इन नए बदलावों का स्वागत किया है और भविष्य में भी यही होगा। विपक्ष हारेगा। वे कुछ भी करने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि झूठ ज्यादा दिन टिकता नहीं है और सत्य कायम रहता है। हम सच्चाई के साथ हैं जबकि विपक्ष झूठ के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा कि अनुबंध खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भूमि का स्वामित्व नहीं बदलेगा। केवल उगाई गई फसल (भूमि पर) ही अनुबंध का हिस्सा होगी। किसान अपनी उपज को अच्छी कीमत पर बेच सकेंगे।
जावडेकर ने कहा कि भारत में कृषि उपज वैश्विक मानकों की तुलना में आधी है। उत्पादकता में सुधार करना महत्वपूर्ण है। यह केवल उन्नत प्रौद्योगिकी और नए बीजों और नए निवेश के साथ बेहतर होगा। इन कानूनों के कारण नया निवेश तेजी से आएगा।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध राजनीति करने के लिए किया जा रहा है, वह भी खासकर पंजाब में, लेकिन अधिकांश किसान समूह नए कानूनों के समर्थक हैं।
जावडेकर ने कहा, "किसान संगठन भी इन कानूनों के साथ हैं। देश में विरोध प्रदर्शन कहां हैं? केवल पंजाब में छोटे पैमाने पर हो रहे, क्योंकि वे (विपक्ष) वहां सत्ता में हैं। कुछ छोटे छिटपुट विरोध ठीक हैं क्योंकि हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है।"
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक सामाजिक कार्यकर्ता (सोशल एक्टिविस्ट) साकेत गोखले ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख कर उत्तर प्रदेश सरकार के हाथरस मामले में पीड़िता के परिवार का नार्को-एनालिसिस टेस्ट कराने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में, गोखले ने तर्क दिया है कि राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल गैरकानूनी है, बल्कि पीड़िता के परिवार के साथ जबरदस्ती करने का भी प्रयास है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि पीड़िता के परिवार का नार्को-एनालिसिस टेस्ट कराना प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है, क्योंकि वे न तो मामले में आरोपी हैं और न ही उन पर कोई अपराध का आरोप है।
कार्यकर्ता ने कहा है कि परिवार के नार्को-एनालिसिस टेस्ट कराने का राज्य सरकार का निर्णय हाईकोर्ट की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का प्रयास है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2 अक्टूबर को, एक प्रेस नोट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि मामले में शामिल सभी लोगों पर 'नार्को-एनालिसिस पॉलीग्राफ टेस्ट' किया जाएगा।
पीड़िता के परिवार ने यह कहते हुए नार्को-टेस्ट कराने के विचार को पहले ही ठुकरा दिया था कि वे झूठ नहीं बोल रहे हैं।
इससे पहले, 1 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सभी संबंधित अधिकारियों और पीड़िता के परिवार को 12 अक्टूबर को घटना के अपने वर्जन पेश करने के लिए समन जारी करते हुए मामले का संज्ञान लिया था।
आरोप है कि हाथरस जिले के एक खेत में चार लोगों ने 19 वर्षीय लड़की को खींच कर कथित रूप से उसके सात सामूहिक दुष्कर्म किया था। वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। यह दर्दनाक घटना 14 सितंबर को हुई थी। इसके बाद एक पखवाड़े तक गंभीर चोटों से जूझने के बाद उसकी मौत हो गई।
एडीजी प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता की मौत पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार रात घोषणा की थी वह इस घटना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर रही है।
दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दिल की सर्जरी हुई है। यह जानकारी उनके पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को एक ट्वीट के जरिए दी। राम विलास पासवान की सर्जरी को लेकर ही शनिवार की शाम लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक टल गई थी। लोजपा संरक्षक राम विलास पासवान के अस्पताल में भर्ती होने और बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में टिकट बंटवारे को लेकर पेंच फंसने से लोजपा पर दोहरा संकट बना हुआ है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान एक महीने से ज्यादा समय से अस्पताल में भर्ती हैं। रविवार की रात उनके दिल की सर्जरी की गई, जिसकी जानकारी चिराग पासवान ने दी है।
चिराग ने ट्वीट में लिखा, ''पिछले कई दिनो से पापा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल शाम अचानक उत्पन हुई परिस्थितियों की वजह से देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा। जरूरत पड़ने पर सम्भवत: कुछ हफ्तों बाद एक और ऑपरेशन करना पड़े। संकट की इस घड़ी में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।''
केंद्रीय मंत्री पासवान की बाईपास सर्जरी पहले ही हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि उनको देखने के लिए शनिवार को चेन्नई से भी एक डॉक्टर आए थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर राजग में अभी तक तस्वीर स्पष्ट नहीं है। उधर, लोजपा संस्थापक और केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री राम विलास पासवान के अस्पताल में भर्ती होने से चिराग पासवान को पार्टी के कामकाज के साथ-साथ अस्पताल का भी चक्कर काटना पड़ता है।
हैदराबाद, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| तेलंगाना पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने माओवादी से गैंगस्टर बने नईम के साथ राजनेताओं और पुलिस की सांठगांठ की जांच करते हुए उन सभी 25 पुलिस अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए थे। एसआईटी के पुलिस महानिरीक्षक वाई. नगी रेड्डी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक जवाब में आरटीआई कार्यकर्ता को बताया कि किसी भी मामले में किसी भी पुलिस अधिकारी को आरोपी नहीं बताया गया है।
फोरम फॉर गुड गवर्नेंस सेक्रेटरी एम. पद्मनाभ रेड्डी को सूचित किया गया कि 173 मामलों पर चार्जशीट में दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट का अंतिम आदेश आना अभी बाकी है।
आरटीआई जवाब में यह भी कहा गया है कि एसआईटी के दायरे से आठ मामलों को हटा दिया गया है।
आरटीआई के प्रश्न के मिले जवाब में लिखा है, "किसी भी पुलिस अधिकारी को किसी भी मामले में आरोपी नहीं बताया गया है। 139 मामलों में आठ राजनेता शामिल हैं।" प्रश्नकर्ता उन मामलों की संख्या जानना चाहता था जिनमें पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी।
नईम और उसके सहयोगियों के साथ कथित संबंधों को लेकर दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सात पुलिस उपाधीक्षक, 13 निरीक्षक, दो हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल के नाम सामने आए थे।
गौरतलब है कि नईम उर्फ मोहम्मद नईमुद्दीन 8 अगस्त 2016 को शादनगर शहर में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारा गया था।
मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जमीन हथियाने, अपहरण और जबरन वसूली जैसे मामलों में शामिल था और कथित तौर पर उसके राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ संबंध थे।
नईम, उसके सहयोगियों और अधिकारियों के साथ उसके कथित संबंधों की अवैध गतिविधियों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था।
आरटीआई का जवाब सामने आने के बाद फोरम फॉर गुड गवर्नेंस ने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए राज्यपाल डॉ. तमिलिसै सौंदरराजन से अपील की है। इसने एसआईटी जांच को हल्का करने के प्रयास का आरोप लगाया है।
एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि एसआईटी शुरू से ही हल्की और संदिग्ध जांच कर रही है। पद्मनाभ रेड्डी ने कहा, "नईम की मुठभेड़ में मौत के बाद लगभग 240 मामले दर्ज किए गए थे। यह कहा गया कि 173 मामलों में चार्जशीट दायर किए गए थे, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी एक भी मामला निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका।"
उन्होंने आगे कहा, "यह पुलिस, राजनेताओं और गैंगस्टर के एक खतरनाक गुटबाजी का मामला है, जो एक साथ निर्दोष लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं, उनकी जमीनों को हड़प लिया गया है और किसी की भी प्रतिशोधवश हत्या कर दी गई है।"
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| गूगल ने एंड्रॉइड पर फोटोज ऐप में एक नया और पहले से ज्यादा मददगार एडिटर जोड़ा है। इसमें ग्रेन्युलर एडजस्टमेंट करना पहले से ज्यादा आसान है। गूगल ने एडिटर में एक नया टैब जोड़ा है। यह लोगों को उस फोटो के अनुरूप सुझाव देने के लिए मशीन लनिर्ंग का उपयोग करता है, जिसे वे एडिट कर रहे होते हैं।
यह सुझाव ऐसे हैं जो यूजर को केवल एक टैब में आश्चर्यजनक नतीजे पाने में मदद करते हैं। इसके जरिए लोग ब्राइटनेस, कंट्रास्ट और पोट्र्रेट इफेक्ट जैसे फीचर्स का अच्छी तरह उपयोग कर सकते हैं।
गूगल ने एक बयान में कहा, "आपको यहां इन्हांस और कलर पॉप जैसे कुछ परिचित सुझाव दिखाई देंगे और आने वाले महीनों में हम पिक्सेल डिवाइस में आपके पोट्र्रेट्स, लैंडस्केप्स, सनसेट्स के लिए और सुझाव देंगे।"
कई सुझावों में फोटो को बदलने वाले के लिए और ज्यादा कस्टमाइजेशन मिलेंगे।
इसमें आगे कहा गया, "हम पोट्र्रेट लाइट भी लॉन्च कर रहे हैं, जो पिक्सल 4ए (5जी) और पिक्सल 5 में आने वाला नया एडिटिंग फीचर है, जो पोट्र्रेट में चेहरों पर लाइटिंग को बेहतर करने के लिए मशीन लनिर्ंग का इस्तेमाल करता है।"
कंपनी ने कहा, "आप पोट्र्रेट मोड में कैप्चर नहीं की गई नियमित तस्वीरों में भी पोट्र्रेट लाइट जोड़ पाएंगे। फिर चाहे वह फोटो आपने अभी ली हो या पहले ली हो।"
हाथरस, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस के बुलगड़ी गांव में हुई 19 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और फिर हत्या के बाद एक अजीब सा माहौल है। यहां के लोग न्याय और अन्याय के बीच उलझ कर रह गए हैं। हर किसी की जुबान पर न्याय की बात है और हर किसी ने अपने हिसाब से तय कर लिया है कि कहां किसकी गलती रही होगी। इस गांव में हर जाति के लोग रहते हैं। गांव वाले साथ में हर त्यौहार भी मनाते आएं हैं। अगर जाति समीकरण की बात करें तो करीब 25 हरिजन, 200 से अधिक ठाकुर और करीब इतने ही ब्राह्मण इस गांव में रहते हैं। करीब 25 कुम्हार और 4 से 5 नाई भी हैं।
इसी गांव के निवासी योगेंद्र सिंह का मानना है कि, पहले यहां सब कुछ नॉर्मल था, हर एक व्यक्ति अपने काम से काम रखता था। इस घटना के बाद से पुलिस का पहरा बहुत ज्यादा हो गया, अचानक से इस गांव में सब कुछ बदल गया।
योगेंद्र ने आईएएनएस को बताया, गांव में अब छोटी छोटी बातें तूल पकड़ सकती हैं। इस गांव में राजनीति ज्यादा होने लगी जो कि खतरनाक है।
उन्होंने आगे जिक्र करते हुए बताया, गांव में अब जो भी पीड़िता के परिवार से मिलने आतें हैं वो दूसरे समाज पर गाली गलौच करते हैं।
देर रात अंतिम संस्कार होने की बात पर योगेंद्र का कहना है कि, परिस्थितियों के हिसाब से चीजें होती हैं। अगर दिन में अंतिम संस्कार होता तो गांव का माहौल ज्यादा खराब होता, क्योंकि गांव में बाहर के लोग ज्यादा इकट्ठा हो जाते।
इस पूरी प्रक्रिया में ऐसी बातें निकल कर आ रहीं हैं जो अब समय के साथ साथ गलत सिद्ध हो रही हैं। हालांकि इस घटना में जो भी जांच होगी वो कानून के हिसाब से होनी चाहिए।
70 वर्ष के रामदेव तिवारी इसी गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया, घटना घटने के बाद हमें पता लगा, जबकि घटना स्थल से मैं करीब 200 मीटर दूर था लेकिन मैंने कोई आवाज नहीं सुनी।
पड़ोस गांव के रहने वाले एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, इस गांव में जातिवाद नहीं है, लेकिन गांव न्याय और अन्याय के बीच उलझ कर रह गया है।
इस घटना का असर भविष्य में होने वाले चुनावों और उनके परिणामों पर जरूर पड़ेगा।
हालांकि गांव की मौजूदा स्थिति की बात करें तो मुख्य सड़क से पीड़ित परिवार का घर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। लेकिन पुलिस का पहरा मुख्य सड़क से लेकर पूरे गांव के अंदर तक मौजूद है। गांव की हर एक छोटी सड़क पर हथियार बन्द सिपाही तैनात है।
हाथरस (उत्तर प्रदेश), 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलगढ़ी गांव में हुई दर्दनाक घटना के बाद यहां शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए इसे छावनी में तब्दील कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के इस छोटे से गांव में पुलिस का सख्त पहरा है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव की हर गली में पुलिस की तैनाती है।
घटनास्थल पर तैनात एक पुलिस कर्मी नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "गांव में अशांति न फैले इसके लिए यहां 60 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।"
गांव के अंदर आने-जाने वाले रास्तों पर रात में बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि कोई यहां आ-जा न सके। यह गांव, मुख्य गांव से लगभग ढाई किलोमीटर दूर है।
19 साल की एक दलित युवती के साथ 4 उंची जाति के लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है। इस युवती की बीते मंगलवार को नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार शाम को हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी), पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), स्टेशन निरीक्षक समेत कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
अगरतला, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश में भारत के नए उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने शनिवार को त्रिपुरा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनसे बांग्लादेश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोरईस्वामी की बांग्लादेश में भारतीय दूत रहीं रीवा गांगुली दास की जगह पर नियुक्ति हुई है।
उन्होंने अगरतला के साथ भारत-बांग्लादेश के निमार्णाधीन 12.23 किलोमीटर लंबे रेलवे प्रोजेक्ट का मुआयना भी किया।
उच्चायुक्त के साथ बैठक के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने ट्वीट कर कहा, "बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त दोरईस्वामी के साथ हुई बैठक में भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर चर्चा की। साथ ही दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाने में त्रिपुरा कैसे योगदान दे सकता है, इस पर भी अहम बातचीत हुई।"
दोरईस्वामी ने भी ट्वीट कर कहा, "मुख्यमंत्री से आगे के लिए विशिष्ट और स्पष्ट मार्गदर्शन मिला, जो कि भारत-बांग्लादेश संबंधों की मजबूती की वकालत करता है।"
त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस के साथ मुलाकात को लेकर उन्होंने ट्वीट किया, "महामहिम राज्यपाल का मार्गदर्शन स्वागत योग्य था। यह त्रिपुरा की बांग्लादेश के साथ सर्वोत्तम संभव संबंधों में रुचि को दर्शाने वाला है।"
बता दें कि दोरईस्वामी रविवार को कई आगामी और निमार्णाधीन सीमा परियोजनाओं - विशेष आर्थिक क्षेत्र, एकीकृत चेक पोस्ट और दक्षिणी त्रिपुरा की फेनी नदी पर बड़े पुल, बेलोनिया में सीमा व्यापार सुविधाओं और पश्चिमी त्रिपुरा के सोनमुरा में भारत-बांग्लादेश जलमार्ग परियोजना का दौरा करेंगे।
दोरईस्वामी 1992 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे। वे बांग्लादेश में नए भारतीय उच्चायुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के लिए 5 अक्टूबर को ढाका जाएंगे।
हाथरस, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म की दिवंगत पीड़िता के घर शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने पहुंचकर उसके परिवार से मुलाकात की। राहुल ने कहा कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जांच के साथ सुरक्षा और डीएम पर कार्रवाई चाहता है। पीड़िता के परिजनों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, "पीड़िता के परिवार की आवाज दुनिया की कोई भी ताकत दबा नहीं सकती। जहां-जहां अन्याय होगा, हम जाएंगे, हमें जाने से कोई भी सरकार नहीं रोक सकती। परिवार न्यायिक जांच के साथ सुरक्षा और डीएम पर कार्रवाई चाहता है। जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, हम अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे, बेटी के साथ गलत बर्ताव हुआ, परिवार के साथ लगातार खड़ा रहूंगा। पीड़ित परिवार की रक्षा करना यूपी सरकार की जिम्मेदारी है।"
परिवार से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा "जहां-जहां अन्याय होगा, हम उसके खिलाफ लड़ेंगे। पीड़िता का परिवार बच्ची का चेहरा तक नहीं देख पाया, यह बहुत दुखद है। यह अन्याय है। परिवार की कुछ मांगें हैं। परिजन ने डीएम को हटाने और न्यायिक जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा की मांग की है।"
परिवार से मुलाकात के बाद राहुल-प्रियंका हाथरस से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दोनों के साथ आए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीड़ित परिवार ने सुरक्षा की मांग की है। वह लोग बहुत डरे हुए हैं।
राहुल गांधी और प्रियंका दोनों ने मृतका के परिवार से उनके घर के अंदर जाकर बातचीत की। इस दौरान प्रियंका ने पीड़िता की मां को गले लगाकर ढाढस बढ़ाया। राहुल और प्रियंका से मिलकर पीड़िता का परिवार काफी भावुक हुआ और पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार तरीके से दोनों को बताया। दोनों ने पीड़िता के परिवार के साथ बंद कमरे में बातचीत की। बातचीत करीब एक घंटे तक चली।
प्रियंका ने न्याय की लड़ाई में साथ देने का वादा किया है। आसपास के सभी घरों की छतों पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। सुरक्षा और मीडियाकर्मियों की भारी मौजूदगी ने काफी दिक्कत बढ़ाई है। अंधेरे में डूबे गांव को वाहनों और टॉर्च की रोशनी का सहारा मिला।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार और कर्नाटक के लिए विधान पार्षद उम्मीदवारों की घोषणा की है। समिति ने बिहार के लिए पांच और कर्नाटक के लिए चार उम्मीदवार तय किए हैं। पार्टी ने बिहार में शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चार और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एक उम्मीदवार की घोषणा की।
स्नातक क्षेत्र के लिए एन.के. यादव और शिक्षक क्षेत्र के लिए नवल किशोर यादव, सुरेश राय, नरेंद्र सिंह और चंद्रमा सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी ने कर्नाटक में स्नातक क्षेत्र के लिए दो और शिक्षक क्षेत्र के लिए भी दो उम्मीदवार तय किए हैं। ये उम्मीदवार हैं, स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चिदानंद एम. गौड़ा व एस.वी. संकानुर। वहीं, शिक्षक क्षेत्र से शाशिल जी. नामोशी और पुत्तान्ना को उम्मीदवार बनाया गया है।
गुरुग्राम, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| हरियाणा के गुरुग्राम में 36 साल उम्र की एक महिला ने एक हवलदार पर दुष्कर्म करने और धमकाने का आरोप लगाया है। महिला ने गुरुग्राम के हवलदार के खिलाफ दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
द्वारका पुलिस थाने में धारा 376 और 506 के तहत दर्ज एफआईआर के मुताबिक, महिला दिल्ली के उत्तम नगर की रहने वाली है। वह दिल्ली के एक प्राइवेट बैंक में काम करती है।
दर्ज शिकायत में महिला ने कहा है कि वह साल 2017 में हरियाणा के रोहतक निवासी हवलदार सुधीर के संपर्क में आई थी। दोस्ती होने के कुछ दिनों बाद सुधीर उसे सेक्टर-39 के एक होटल में ले गया, और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
महिला का कहना है कि उस दिन के बाद हवलदार ने उसे धमकाकर कई मौकों पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
हवलदार सुधीर इस समय गुरुग्राम के नगर थाने में पदस्थ है। उसने आरोपों को झूठा करार दिया है।
मुंबई, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की फोरेंसिक टीम ने संकेत दिया है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। एम्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद सुशांत मामले में शुरूआत से मुखर रहीं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंगना ने ट्वीट करते हुए लिखा, "एक युवा और असाधारण व्यक्ति एक दिन उठता है और खुद को मार लेता है। सुशांत ने कहा था कि उसके साथ बदतमीजी की जा रही है और उसकी जान को खतरा है। उसने कहा था कि मूवी माफिया ने उसे बैन कर दिया है और परेशान किया है। उस पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर मानसिक रूप से प्रभावित किया गया था। हैशटैग एम्स"
कंगना ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "हमें हालिया प्रगति (लेटेस्ट प्रोग्रेस) के साथ कुछ सवालों के जवाब चाहिए। 1. सुशांत सिंह राजपूत ने बड़े प्रोडक्शन हाउसेज के द्वारा खुद को बैन करने की बात कई बार कही। ये कौन लोग हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ साजिश रची? 2. मीडिया ने उनके दुष्कर्मी (रेपिस्ट) होने की झूठी खबर क्यों फैलाई? 3. महेश भट्ट अपना मनोविश्लेषण क्यों कर रहे थे?"
कंगना की प्रतिक्रिया उस दिन आई है, जब एम्स ने हत्या की थ्योरी को दरकिनार करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 जून को सुशांत की मौत का कारण आत्महत्या ही है।
अभिनेत्री ने शनिवार को कुछ और ट्वीट करते हुए यह भी आरोप लगाए कि सुशांत को फिल्म उद्योग से बाहर किया जा रहा था। इस दौरान उन्होंने सुशांत को फिल्मों में न लेने को लेकर बॉलीवुड के बड़े बैनर यशराज फिल्म्स पर भी जमकर निशाना साधा।
भारत में किसान विरोधी बिलों के खिलाफ लोगों की नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश में अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने रविवार को किसान रैली के दौरान पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू टोल प्लाजा पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है। अमेरिका स्थित एसएफजे के जनरल काउंसल गुरवंत सिंह पन्नून ने भारत से अलगाव के एजेंडे के तौर पर शंभू बॉर्डर पर खालिस्तान का झंडा बुलंद करने का आह्वान किया है।
एजेंसियों ने इसे लेकर पंजाब और हरियाणा पुलिस को आगाह किया है। एजेंसियों ने सूचित किया कि शंभू सीमा पर किसानों की रैली के दौरान, एसएफजे के जनमत संग्रह अधिकारी संगठन के 'रेफरेंडम 2020' एजेंडे के लिए वोट रजिस्टर करने की कोशिश करेंगे और किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि सुधार बिलों के स्थायी समाधान के बारे में शिक्षित करने के लिए साहित्य वितरित करेंगे।
पंजाब-हरियाणा इंटरस्टेट बॉर्डर पर स्थित पंजाब के पटियाला जिले का शंभू गांव क्षेत्र में किसानों के विरोध का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। गुरुवार को यहां 31 किसान संगठनों ने अनिश्चित काल के लिए नई दिल्ली-राजपुरा लाइन पर रेलवे पटरियों की घेराबंदी कर दी है। गांव में 23 सितंबर से कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पता चला है कि किसानों ने रविवार को शंभू बॉर्डर पर एक रैली की योजना बनाई है।
इससे पहले 25 सितंबर को पंजाब बंद के आह्वान के हिस्से के रूप में सामाजिक संगठनों और पंजाबी कलाकारों के साथ हजारों किसानों ने गांव में विरोध प्रदर्शन किया। दिनभर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद रखा और केंद्र सरकार से कृषि बिलों को वापस लेने और उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने की मांग की। इन बिलों के विरोध में कांग्रेस ने भी 3 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक ट्रैक्टर रैली के आयोजन का ऐलान किया है।
इस बीच एसएफजे इस मौके को भुनाने की कोशिश में लगा है और 1-8 अक्टूबर तक कृषि ऋण भुगतान में चूक करने वालों के बीच 10 लाख डॉलर बांटने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों से आवेदन और डेटा एकत्र कर रहा है। इससे पहले समूह ने घोषणा की थी कि 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक कोई भी किसान खालिस्तान रेफरेंडम 2020 के लिए 25 वोट रजिस्टर कर सकता है और अपने कृषि ऋणों को चुकाने के लिए सहायता के रूप में 5,000 रुपये का अनुदान प्राप्त कर सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों ने एसएफजे द्वारा नवीनतम प्रस्ताव पर इनपुट प्राप्त किए हैं। मोदी सरकार की भूमि हड़पने की नीति को 'ब्रिटिश राज' के रूप में दर्शाते हुए, एसएफजे ने पंजाब और हरियाणा के किसानों के बीच 10 लाख डॉलर वितरित करने के लिए ब्रिटिश साइबर स्पेस में एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया है, जो कृषि ऋण भुगतान में चूक रहे संकटग्रस्त किसानों को दिया जाएगा। किसान 8 अक्टूबर तक मासिक अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नून ने हाल ही में कहा था कि यह सिर्फ मोदी की बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस, आप और एसएडी (बादल) भी किसानों को कॉर्पोरेट से जुड़े लोगों के चंगुल में फेंकने में उतनी ही उलझी हुई हैं।" ब्रिटिश पोर्टल 'डब्लयूडब्लयूडबल्यूडॉटखालिस्तान4फार्मर्सडॉटयूके' के माध्यम से, समूह ने पंजाब और हरियाणा के उन किसानों से 5,000 रुपये मासिक अनुदान के लिए आवेदन भी मांगे हैं, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है और वे अपने कृषि ऋण पर चूक कर चुके हैं।
एसएफजे के ब्रिटेन के समन्वयकों परमजीत सिंह पम्मा और दुपिंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पिछले 90 दिनों के दौरान पंजाब के 221 से अधिक किसानों ने कृषि ऋणों के बढ़ते दबाव और नए फार्म बिलों के तहत निगमों द्वारा अपनी जमीन लेने के खतरे के कारण आत्महत्या कर ली है।एसएफजे ने पहले इस साल नवंबर में 'रेफरेंडम -2020' अभियान आयोजित करने की घोषणा की थी। सितंबर की शुरुआत में समूह ने पंजाब के किसानों को भारत-विरोधी 2020 रेफरेंडम-2020 से पहले उन्हें लुभाने के लिए मासिक आधार पर 3,500 रुपये की पेशकश की थी।
एसएफजे की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की सिफारिश के आधार पर, गृह मंत्रालय ने सितंबर की शुरुआत में संगठन के प्रमुख नेताओं- गुरपतवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्तियों की कुर्की के आदेश दिए थे। पन्नून एसएफजे का जनरल काउंसलर है, जबकि निज्जर 'रेफरेंडम 2020' कनाडा का समन्वयक है।(navjivan)
पटना, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को विपक्षी दलों के महागठबंधन द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ। सीट बंटवारे से असंतुष्ट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर चले गए। इसके बाद उसके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। मुकेश सहनी ने कहा, "मेरी पीठ में खंजर घोंपा गया है। मुझे 20 से 25 सीटें देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन यहां धोखा दिया गया है।"
उन्होंने महागठबंधन छोड़ने की घोषणा करते हुए प्रेस कांफ्रेंस से बाहर हो गए।
इससे पहले, राजद नेता तेजस्वी ने सीट बंटवारे की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के हिस्से 144 सीटें हैं, जिनमें से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को भी सीटें दी जाएंगी। इसके अलावा कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने महागठबंधन को एक मजबूत विकल्प बताते हुए कहा, "हमलोगों ने साथ आकर एक मजबूत विकल्प रखा है। हम कांग्रेस और वामपंथी दलों के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताते हैं।"
उन्होंने बिहार के लोगों से वादा करते हुए कहा, "अगर यहां के लोग मौका देंगे तो हम सभी वादे पूरा करेंगे। बिहार को तरक्की के रास्ते पर ले जाएंगे।"
तेजस्वी ने कहा कि राजद के हिस्से में 144 सीटें आई हैं। उन्होंने बताया कि वीआईपी और झामुमो के नेताओं से बात हो रही है, राजद के हिस्से की सीट से उन्हें सीट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा, वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में भी महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा।
उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) के हिस्से में 19 सीटें आई हैं, जबकि माकपा को 4 और भाकपा को 6 सीटें दी गई हैं।
इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के तेजस्वी यादव, सांसद मनोज झा, तेजप्रताप यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय, सदानंद सिंह, वीआईपी के मुकेश सहनी और वामपंथी दलों के कई नेता मौजूद रहे।
उल्लखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) भी महागठबंधन के घटक दलों में शामिल थे, लेकिन अब वे महागठबंधन छोड़ चुके हैं।
पटना, 3 अक्टूबर | बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला फाइनल हो गया है। शनिवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं। साथ ही पार्टी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में उम्मीदवार उतारेगी। सीपीएम को 4 सीटें, सीपीआई को 6, सीपीआई माले को 19 सीटें दी गई हैं। हेमंत सोरेन की जेएमएम और वीआईपी को आरजेडी अपने कोटे से सीट देगी। इसी बीच सीट शेयरिंग से नाराज मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर हंगामा किया है। उन्होंने तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। 25 सीटों की मांग के साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार किया और उठकर बाहर चले गए।
सीट बंटवारे से नाराज VIP चीफ, कहा- तेजस्वी के डीएनए में खोट
सीट बंटवारे से नाराज वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन के डीएनए में खोट है। दिनभर राबड़ी आवास पर बैठने के बाद उनसे यह वादा किया गया था कि 25 सीटें और उपमुख्यमंत्री पद ऑफर किया जाएगा लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने उनकी पीठ में खंजर भोंका है। मुकेश सहनी के मंच छोड़ते ही नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर की नारेबाजी। समर्थकों ने लगाए तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे।
तेजस्वी ने कहा- सभी धर्मजात के लोगों को साथ लेकर चलेंगे
तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी धर्म जात के लोगों को साथ लेकर चलेंगे। तरक्की की राह पर चलेंगे। जो लोग 15 साल में रोजगार नहीं दे पाए उन्होंने लॉकडाउन में बेरोजगारों और लाचारों का अपमान किया। उनपर लाठी बरसाई। चिट्ठी जारी कर उनके घर आने पर पाबंदी लगा दी। हर चार घंटे में बिहार में एक रेप होता है, हर पांच घंटे में एक हत्या होती है। हम ठेठ बिहारी हैं, जो वादा करते हैं उसको पूरा करते हैं। मेरा डीएनए भी काफी शुद्ध है। जब पानी एक जगह जम जाता है उससे जो बीमारी फैलती है वही हालत मौजूदा सरकार की है। बिहार को नदी के बहते जल की तरह विकल्प चाहिए।
वादा करता हूं मैं सभी के वादे पर खरा उतरूंगा: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं खास तौर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, सीताराम येचुरी का धन्यवाद कहना चाहूंगा कि हम लोगों ने बिहार की जनता के सामने एक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष विकल्प दिया है। इन सभी नेताओं ने जिस तरह से मुझ पर भरोसा रखा है मैं वादा करता हूं कि मैं सभी के वादे पर खरा उतरूंगा। बिहार की जनता बदहाल है, परेशान है, बेरोजगार है। बिहार की डबल ईंजन सरकार आईसीयू में है। ये लोग 15 साल में बिहार में एक कारखाना नहीं लगा पाए, बेरोजगारी नहीं दूर कर पाए। इन लोगों ने सिर्फ लोगों पर डंडे बरसाने का काम किया है। किसानों के शोषण करने का काम किया है, सही मायने में नीतीश कुमार ने यह काम 2006 में किया था। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी रोजगार नहीं दे पाए। बिहार की जनता से इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर मौका मिला तो बिहार की जनता के मान सम्मान की रक्षा करूंगा।
बिहार में बदलाव के लिए बनाया गया मजबूत गठबंधन: कांग्रेस
कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने कहा कि काफी सोच विचार करके बिहार में बदलाव के लिए एक मजबूत गठबंधन बनाया गया है। बिहार के विकास के लिए एक मंच पर आने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार की जनता ने 2015 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ अपना मत दिया था। लेकिन, नीतीश कुमार जनमत को धोखा देकर फिर बीजेपी के साथ सत्ता में आसीन हो गए। बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के साथ छल कर रही है। बिहार एक युवा प्रदेश में जहां युवाओं की संख्या अधिक है, तेजस्वी यादव युवा चेहरा हैं। लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव गरीब के पुत्र और संघर्षशील नेता के रूप में जाने जाते हैं।
कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने कहा कि आरजेडी काफी समय से यूपीए और कांग्रेस के अच्छे बुरे दिनों में साथ रहा है। नीतीश कुमार के तथाकथित सुशासन की सरकार में बिहार की जनता को पिछले 15 साल से सिर्फ मायूसी हासिल हुई। बिहार में बेरोजगारी पहले नंबर पर है। बिहार में रोजगार नहीं मिलने की वजह से हिंदुस्तान के हर राज्य में वो मजदूरी करने को मजबूर हैं। कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय के भाषण के दौरान आजेडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये पीसी है, रैली की तरह भाषण नही दें। जिसके बाद अविनाश पांडेय ने बीच में ही भाषण रोक कर कहा कि, महागठबंधन का नेतृत्व आरजेडी के नेता करेंगे। (nbt)
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने की मांग पर अड़े हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि राहुल और प्रियंका समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दे दी है। काफी लंबे हंगामे के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे से आगे जाने दिया गया है। इससे पहले काफी हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और पुलिस ने राहुल व प्रियंका समेत कांग्रेसी नेताओं को रोक दिया था। इस दौरान डीएनडी पर लंबा जाम भी लग गया था।
पीड़ित परिवार से मिलने के अपने दूसरे प्रयास में सफल होने के बाद, राहुल ने कहा, "पांच कांग्रेस नेताओं को हाथरस जाने की अनुमति दी गई है।"
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता के. सी. वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी और पी. एल. पुनिया के साथ राहुल और प्रियंका हाथरस पहुंचेंगे।
यह राहुल और प्रियंका का हाथरस जाने का दूसरा प्रयास था। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में गुरुवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर राहुल और अन्य नेताओं के वाहनों को रोक दिया गया था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अन्य कांग्रेस नेताओं के काफिले के साथ शनिवार की दोपहर उत्तर प्रदेश की हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकले तो दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
हाथरस की लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद राजनीति गर्मा गई है। पीड़िता ने चार दिन पहले दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद विपक्षी नेता खासकर कांग्रेस के नेता हाथरस जाने की कोशिशों में लगे हुए थे।
राहुल और प्रियंका के काफिले को रोकने के लिए पुलिस ने डीएनडी के सभी निकास द्वार बंद कर दिए थे। इस क्रम में यह आठ लेन का फ्लाईवे लगभग बंद पड़ गया था।
लोग डेढ़ घंटे से अधिक समय तक फ्लाईवे पर रुके रहे, क्योंकि पुलिस द्वारा यह प्रत्येक वाहन की जांच की गई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर मंगलवार को मारी गई हाथरस की लड़की के परिवार से मिलेंगी।
टोयोटा इनोवा गाड़ी में राहुल गांधी के साथ यहां कांग्रेस मुख्यालय छोड़ने के बाद उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मैं किसी भी कीमत पर हाथरस का दौरा करूंगी, भले ही पुलिस हमें अनुमति न दे।"
प्रियंका ने खुद गाड़ी चलाई, जिसमें उनके भाई और पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी आगे की सीट पर उनके साथ बैठे दिखे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह एक भयानक घटना है और हमें लड़की के प्रति अपना सम्मान दिखाना होगा। जो कुछ भी हुआ है, इस देश में इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।"
हाथरस में कांग्रेस नेताओं के दौरे की योजना के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां दिल्ली-नोएडा-डायरेक्टवे (डीएनडी) पर पर्याप्त व्यवस्था की है।
सुबह से ही कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई है।
प्रियंका गांधी शुक्रवार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर गईं।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में मंगलवार को हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी से जंग हार गई थी।
प्रियंका ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस समय अकेला महसूस नहीं करना चाहिए।
राहुल गांधी गुरुवार को भी हाथरस के लिए निकले थे, मगर उन्हें बीच में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया था। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में यमुना एक्सप्रेस-वे पर उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और राहुल को रोकने के दौरान पुलिस के साथ ही हल्की धक्का-मुक्की में राहुल जमीन पर जा गिरे थे।
राहुल को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था, जिसके कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने हाथरस की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 वर्षीय लड़की की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके अलावा शुक्रवार शाम को कई अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने पिछले दो दिनों से किसी भी मीडियाकर्मी के प्रवेश पर रोक लगाने वाले गांव को सील कर दिया था। हालांकि शनिवार को मीडिया को पीड़िता के गांव में प्रवेश करने और उसके परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी गई है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को दम तोड़ने वाली दुष्कर्म पीड़िता के साथ कथित तौर पर बर्बर हमले किए गए थे, जिससे उसे फ्रैक्च र, लकवा और रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी।
पणजी, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सिर्फ पंजाब तक ही सीमित है और उसका भी कारण राजनीति से जुड़ा हुआ है। जावड़ेकर किसानों से मिलने के लिए और पिछले महीने संसद द्वारा पारित कृषि संबंधी बिलों पर उनकी आशंका को खत्म करने के लिए इस समय गोवा में हैं।
गौरतलब है कि बिलों को लेकर देश के कई हिस्सों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
जावड़ेकर ने उत्तरी गोवा के मायेम गांव में किसानों की एक बैठक के दौरान कहा, "हमने सोचा कि इन बिलों के कारण आंदोलन शुरू हो गए हैं, लेकिन पंजाब को छोड़कर, कहीं और कोई आंदोलन नहीं हुआ। पंजाब में भी राजनीतिक कारणों से आंदोलन हुआ। पंजाब (आंदोलन) के बारे में मजेदार बात यह है कि यह दावा किया जा रहा है कि एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समिति) और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खत्म हो जाएंगे। लेकिन दोनों अभी भी मौजूद हैं।"
जावड़ेकर ने कहा, "पंजाब में धान की खरीदारी शुरू हो गई है। राजनीति में शामिल होने के कारण किसानों ने धान बेचना और विरोध करना दोनों जारी रखा है। कांग्रेस, जो सत्ता में है, साथ ही शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी विभिन्न कारणों से कानूनों का विरोध कर रही है। आंदोलन राजनीतिक है।"
पटना, 3 अक्टूबर। एनडीए (NDA ) में सीट शेयरिंग पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोजपा (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को एनडीए में सीट बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकार नहीं है। बार-बार लोजपा के 143 सीटों पर लड़ने की तैयारी की खबर आ रही है। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम पर भी सवाल उठाते रहे हैं। इस बीच अब सोशल मीडिया पर जारी लोजपा के एक नए पोस्टर पर बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। पोस्टर में बोल्ड अक्षरों (bold letters) में कहा गया है कि 'मोदी से कोई बैर नहीं है, नीतीश तेरी खैर नहीं' । पोस्टर में चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं सीएम नीतीश कुमार को सत्ता की कुर्सी के सपने में निराश दिखाया गया है। नीतीश के बैकग्राउंड में कोविड-19 के दौरान दूसरे राज्यों वे पैदल लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की व्यथा और दयनीय स्थिति दर्शाइ गई है। वहीं चिराग और पीएम नरेंद्र मोदी के बैकग्राउंड में बिहार हो रहे विकास को दर्शाया गया है। इसमें चिराग के बिहार फर्स्ट के नारे को भी बोल्डली दर्शाया गया है। पोस्टर पर यूजर्स के जमकर लाइक और कमेंट्स आ रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही महागठबंध में सीटों को लेकर चल रही सस्साकशी आज साफ हो जाएगी।
बता दें कि चिराग पासवान पीएम मोदी के फेस पर बिहार विधान सभा चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। उधर, समय-समय पर लोजपा के कार्यकर्ता चिराग को सीएम कैंडिडेट बनाने की भावना दर्शाते रहे हैं।
नीतीश के सात निश्चय योजना पर भ्रष्टाचार का आरोप
बता दें कि सीटों पर संग्राम के बीच लोजपा ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के सात निश्चय को भ्रष्टाचार का बड़ा माध्यम भी बता दिया। लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने यह भी कह दिया कि उन्हें सात निश्चय भ्रष्टाचार का पिटारा है। सात निश्चय के सभी कार्य अधूरे रह गए हैं। भुगतान भी नहीं हुआ है। बिहार में अगली सरकार लोजपा के बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट को लागू करेगी। वहीं जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने सीट शेयरिंग के मसले पर यह कहा कि एनडीए में आॅल इज वेल। एक-दो दिनों में सीटों का एलान हो जाएगा। (jagran)
बेंगलुरु, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक में शुक्रवार को एक पैरामोटरिंग हादसे में एक नौसेना अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की पहचान भारतीय नौसेना के कप्तान मधुसूदन रेड्डी (54) के रूप में की है। हालांकि हादसे में पैरामोटर के मालिक डॉ. विद्याधर वैद्य (60) और पायलट दोनों बच गए हैं।
पैरामोटरिंग एक एडवेंचर स्पोर्ट है, जिसमें राइडर इसमें लगी एक सीट पर बैठकर हवा में उड़ जाता है। इसकी गति एक मोटर से संचालित होती है। यह घटना कर्नाटक के कारवार में स्थित रवींद्रनाथ टैगोर बीच पर हुई, जो साहसिक खेलों के लिए मशहूर है। यह बीच पूरे दक्षिण भारत से कई पैरासेलिंग और पैरामोटरिंग के शौकीनों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर बीच पर एडवेंचर खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे सात महीने के बाद शुक्रवार को अनलॉक 5 के एक हिस्से के रूप में फिर से खोला गया।
कारवार टाउन पुलिस ने कहा कि मोटर में अचानक खराबी आ जाने के चलते कैप्टन मधुसूदन रेड्डी (54) अरब सागर में गिर गए थे। हालांकि पानी से उन्हें बचाए जाने के 30 मिनट बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, कारवार में भारतीय नौसेना के बेस सी बर्ड में कार्यरत रेड्डी शुक्रवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ बीच पर आए हुए थे। वह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और वहीं से उनका परिवार उनसे मिलने के लिए यहां आए हुए थे।
पैरामोटरिंग स्पोर्ट्स में उनके परिवार के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया और सबसे आखिर में उनकी बारी थी। समुद्र तल से जब वह 100 मीटर ऊपर थे, तभी मोटर में कुछ खराबी आ गई और वह सीधे पानी में जा गिरे।
पुलिस ने आगे कहा कि मधुसूदन रस्सी में उलझ गए थे और पैरामोटर के वजन ने उन्हें समंदर में खींच लिया। डॉ. विद्याधर भी इस दौरान पानी में गिर गए थे, लेकिन उन्हें मछुआरों ने तुरंत बचा लिया। रेड्डी को ढूंढ़ने में उन्हें ज्यादा वक्त लगा। आखिरकार शाम के करीब पांच बजे उन्हें समंदर में से बाहर निकाला गया।
पुलिस ने दावा किया कि रेड्डी को जब समंदर के किनारे लाया गया उस वक्त वह जिंदा थे। हालांकि हालांकि पुलिस द्वारा मंगाई गई एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची। पुलिस ने कहा कि एम्बुलेंस के आने में देरी होने के कारण उन्हें पुलिस की जीप से करवार जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी रास्ते में मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अनुसार, कप्तान रेड्डी की मौत ठंडे पानी के झटके से हुई है। अधिकारी ने कहा, पानी में वह अचानक गिर पड़े थे, जहां तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम था, जबकि बाहर का तापमान काफी अधिक था, इसलिए वह सदमे में चले गए थे।