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जयपुर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बहुचर्चित थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को दोषी माना। विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई, जबकि घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले दोषी को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके एक दिन बाद अब पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की है। यहां मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता, सास और देवर ने कहा कि दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह के जघन्य अपराधों को दोहराया न जाए।
उन्होंने कहा, "हम विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे और दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करेंगे।"
मंगलवार को फैसला सुनाते हुए विशेष अदालत के न्यायाधीश बृजेश कुमार ने अपराध की तुलना द्रौपदी के 'चीरहरण' से की थी और कहा था कि जघन्य कृत्य ने मानवता को शर्मसार किया है।
घटना 26 अप्रैल 2019 की है। थानागाजी के रहने वाले एक दंपति बाइक पर जा रहे थे। तभी पांच युवकों ने उनका पीछा करके उन्हें रोक लिया। इसके बाद वह उन्हें जबरन जंगल ले गए। वहां महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया।
आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस मामले में दो मई को एफआईआर दर्ज हुई। बताया जाता है कि पीड़ित थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर मुकदमा नहीं लिखा और उन्हें वापस भेज दिया। बाद में घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा।
राजस्थान सरकार को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी थानागाजी का दौरा किया था और वह दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिले थे।
उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों में इंद्राज, अशोक, छोटेलाल और हंसराज शामिल हैं। अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
पांचवा सजायाफ्ता व्यक्ति मुकेश है, जिसने वीडियो को वायरल किया, और उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
आरोपी ने दुष्कर्म का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करने के लिए पीड़िता से 10 हजार रुपये की मांग भी की थी।
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार की सियासत में बाहुबली नेताओं का अपना वर्चस्व रहा है। इसी क्रम में बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने बुधवार को मोकामा से नामांकन पर्चा दाखिल किया। सिंह पटना के बेउर जेल से कैदी वैन पर बाढ़ पहुंचे। वहां निर्वाची पदाधिकारी के पास उन्होंने नामांकन पर्चा दाखिल किया। बिहार में 'छोटे सरकार' के रूप में चर्चित अनंत सिंह उनके घर से एके-47 बरामद होने के मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं। सिंह मोकामा से पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं। इस चुनाव में सिंह राजद के प्रत्याशी बनाए गए हैं। सिंह की पत्नी नीलम सिंह भी बुधवार को बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल किया।
माना जा रहा है कि अगर किसी भी कारण अनंत सिंह का नामांकन पर्चा रद्द हो जाता है, तब नीलम बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में रहेंगी। उन्हें महागठबंधन का समर्थन मिलेगा।
अनंत सिंह का राजनीतिक सफर तो जदयू से शुरू हुआ था, लेकिन पिछले साल उनका जदयू से मतभेद हो गया और वे बतौर निदलीय चुनाव मैदान में उतर गए। उन्होंने जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार को हराया था। आपराधिक छवि के होने के बावजूद उनकी लोकप्रियता इस क्षेत्र में बनी हुई है। मोकामा भूमिहार जाति बहुल विधानसभा क्षेत्र माना जाता है। सिंह भी इसी जाति से आते हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंह के नदवां गांव स्थित उनके आवास से पिछले साल एक एके47 राइफल बरामद हुई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। तभी से वे बेउर जेल में बंद हैं।
हाथरस, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी हाथरस के पीड़ित परिवार के घर का दौरा करने वाले दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार पर महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बुधवार को कहा कि कुलदीप कुमार ने 29 सितंबर को ट्विटर पर घोषणा की थी कि "पिछले दो दिनों से हल्के बुखार के बाद आज मैंने कोविड -19 का परीक्षण करवाया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और अब मैं घर पर ही आइसोलेशन में रहूंगा। पिछले 2-3 दिनों में जो भी मुझसे मिला है, उसे भी अपना परीक्षण करवाना चाहिए।"
कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के 6 दिन बाद कुलदीप कुमार पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस गए।
हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद 5 अक्टूबर को उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, "मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद अभी लौटा हूं। परिवार को डराया जा रहा है। यह लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। उत्तर प्रदेश में योगी राज में कोई कानून नहीं है, वहां जंगल राज चल रहा है!"
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने 2 ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का फैसला किया है। करीब सात महीने बाद 17 अक्टूबर से लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई तेजस ट्रेनें शुरू होंगी। आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि त्योहारी सीजन के कारण बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए दोनों तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन 17 अक्टूबर से फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
आईआरसीटीसी ने कोविड-19 महामारी के कारण 19 मार्च से ही इन दोनों को रद्द कर दिया था। प्रवक्ता ने कहा कि इन दोनों ट्रेनों का परिचालन रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगा।
प्रवक्ता ने कहा, "शुरूआत में सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के अनुसार एक सीट छोड़कर एक सीट को खाली रखा जाएगा। यात्रियों को एक बार बैठने के बाद अपनी सीटों का बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों और कर्मचारियों के लिए फेस मास्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा। सभी यात्री आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि सभी यात्रियों को एक कोविड -19 सुरक्षा किट दी जाएगी, जिसमें हैंड सैनिटाइजर की एक बोतल, एक मास्क, एक फेस शील्ड और एक जोड़ी ग्लब्स होंगे। कोच में प्रवेश करने से पहले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और हैंड सैनिटाइज करने होंगे।
आईआरसीटीसी ने पिछले साल लखनऊ-नई दिल्ली के बीच अपनी पहली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की थी, जबकि इस साल की शुरूआत में मुंबई-अहमदाबाद के बीच दूसरी ट्रेन शुरू की। इसके बाद फरवरी में वाराणसी-इंदौर के बीच काशी महाकाल एक्सप्रेस भी शुरू की थी।
हाथरस, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, हाथरस की 'भयावह' घटना में कहानी करवट लेती जा रही है और आरोपियों को अब भाजपा नेताओं का समर्थन मिलने लगा है। पीड़िता के परिवार के कॉल डिटेल रिकॉर्डस (सीडीआर) से खुलासा हुआ है कि उन्होंने पांच महीने में 104 बार मुख्य आरोपी संदीप सिंह से बात की थी।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीडीआर साबित करता है कि दोनों परिवारों में अच्छी खासी बातचीत हुई है।
कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि दो फोन नंबरों के बीच 62 आउटगोइंग कॉल और 42 इनकमिंग कॉल, यानी कुल 104 कॉल थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "पीड़िता के परिवार ने हम सभी से इस जानकारी को छुपाया है। इस मामले की जांच करनी होगी और हम इस मुद्दे पर लड़की के भाइयों से पूछताछ करेंगे।"
पीड़िता के भाई ने स्वीकार किया है कि वह फोन नंबर उसी का है, लेकिन साथ ही उन्होंने आरोपी परिवार के किसी भी सदस्य से बात करने से इनकार किया है।
वहीं पीड़ित परिवार द्वारा नार्को-टेस्ट से मना करना भी उन्हें संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
एक स्थानीय निवासी ठाकुर सोमेश सिंह ने कहा, "यह ऑनर किलिंग का मामला है। सरकार ने पुष्टि की है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। मेडिकल रिपोर्ट में भी पाया गया कि दुष्कर्म नहीं हुआ। तो कुछ अन्य लड़कों ने उसका गला क्यों घोंट दिया।"
आरोपी राम कुमार के पिता राकेश कुमार ने कहा कि कथित घटना के समय उनका बेटा एक स्थानीय दूध संयंत्र में ड्यूटी पर था, जहां वह काम करता था।
उन्होंने कहा, "आप दूध संयंत्र में उसकी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उपस्थिति रजिस्टर भी देख सकते हैं।"
वहीं आरोपी संदीप के पिता गुड्डू ने कहा कि उनका बेटा उनकी गायों को पानी दे रहा था, तभी कुछ लोग आए और कहा कि लड़की बेहोश पड़ी है। हमने उन्हें लड़की को होश में लाने के लिए पानी भी दिया और कुछ घंटों बाद पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया।
एक अन्य आरोपी लवकुश की मां मुन्नी देवी ने कहा कि जब वह पास के ही एक खेत में काम कर रही थी, तभी कुछ हंगामा हुआ। उन्होंने कहा, "मैंने वहां जाकर देखा कि लड़की बेहोश पड़ी है। मैंने उसे पानी पिलाया, लेकिन बाद में मेरे बेटे को पुलिस ले गई।"
घटना क्षेत्र यानी बुलगड़ी गांव के आस-पास के कई गांवों में अब ऊंची जाति की पंचायतें हो रही हैं और स्थानीय ठाकुर और ब्राह्मण एकमत होकर चारों आरोपियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया, उसमें दुष्कर्म होने की बात खारिज की गई है, जिससे अभियुक्त पक्ष के लिए अभियान को और मजबूती मिल गई है।
हाथरस की घटना 14 सितंबर को पीड़िता के एक खेत में काम करने के दौरान हुई थी और आरोपी द्वारा उसे पास के खेत में खींचकर ले जाने और वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसका गला घोंटा गया।
पीड़िता के गर्दन की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटों के कारण उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रात में ही लड़की के शव का अंतिम संस्कार करवाए जाने के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद हुई। परिजनों ने कहा कि शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पुलिस ने उनकी सहमति नहीं ली, शव को देखने तक नहीं दिया।
चेन्नई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस) | भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से अपने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (आरएलवी) के नवंबर या दिसंबर 2020 में जमीन पर उतरने का परीक्षण करने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कक्षा के उपग्रहों में भेजने और अगले मिशन के लिए वापस आने के लिए अमेरिका के स्पेस शटल के समान आरएलवी बनाने का लक्ष्य बना रहा है। यह उपग्रह प्रक्षेपण लागत को भी कम करेगा।
सेवा में दो भारतीय रॉकेट-पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएसवी) और आने वाले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) हैं।
इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक एस. सोमनाथ ने आईएएनएस से कहा, "हम कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन की लैंडिंग का परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं। हम इस वर्ष नवंबर/दिसंबर में परीक्षण करना चाहते हैं।"
योजना के अनुसार, आरएलवी को एक हेलीकॉप्टर द्वारा उठाया जाएगा और चार किमी की ऊंचाई से इसे छोड़ा जाएगा।
सोमनाथ ने कहा कि हेलीकॉप्टर द्वारा इसे छोड़े जाने के बाद आरएलवी अपने पैराशूट को तैनात करते हुए चित्रदुर्ग जिले के एक हवाई क्षेत्र में हवाई पट्टी पर लैंड करेगा।
इसरो के अनुसार, हेलीकॉप्टर के साथ इंटरफेस करने के लिए आरएलवी इंटरफेस सिस्टम (आरआईएस) और लैंडिंग गियर का क्वालिफिकेशन मॉडल सिद्ध हुआ है।
सीधे शब्दों में कहें तो आरएलवी एक कक्षा में चढ़ेगा, वहां रहेगा, एक विमान की तरह रनवे पर फिर से प्रवेश करते हुए लैंड करेगा। प्रौद्योगिकी में दोनों की जटिलताओं को पूरा करने की चुनौतियां हैं-एक रॉकेट और एक विमान।
सोमनाथ के अनुसार, इसरो के लगभग 30-40 अधिकारियों को चित्रदुर्ग ले जाना है और उन्हें लगभग दो सप्ताह तक वहां रहना है।
2016 में इसरो ने आरएलवी पीढ़ी के यान का 65 किलोमीटर की ऊंचाई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
राजीव शर्मा
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान अपनी सरकार और पाकिस्तानी जनरल बाजवा अपनी इज्जत बचाने के लिए भारतीय नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण यादव की हत्या करने (फांसी पर चढ़ाने) वाले हैं। अदालती कार्रवाई की आड़ में इमरान ने कुलभूषण को सूली पर चढ़ाने का प्लान बना लिया है। क्योंकि पाकिस्तानी वकीलों ने कुलभूषण का केस लड़ने से इनकार कर दिया है और इमरान सरकार ने भारतीय वकीलों या क्वींस काउंसलर की नियुक्ति से इनकार कर दिया है। इससे साफ है कि लाहौर कोर्ट की दी गयी मोहलत खत्म हो रही है। अगली तारीख पर कुलभूषण की ओर से कोई वकील पेश न होने पर यह मान लिया जाएगा कि भारत कुलभूषण की ओर से वकील खड़ा नहीं कर पाया। अदालत की औपचारिकता पूरी हो जाएगी और कुलभूषण को फांसी पर चढ़ाने का फैसला सुना दिया जाएगा। यह अदालत की औपचारिकता नहीं बल्कि इमरान खान और जनरल बाजवा की चाल है कि गिलगिट बालटिस्तान के चुनाव से पहले कुलभूषण की हत्या (फांसी पर चढ़ा) कर कट्टरपंथियों के वोट हासिल कर लिए जाएं।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के दो सबसे वरिष्ठ वकीलों आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान से सहायता मांगी थी। दोनों ने खेद व्यक्त करते हुए कुलभूषण जाधव की ओर से कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय को अपने फैसले के बारे में सूचित किया है। आबिद हसन मिंटो ने कहा कि वह सेवानिवृत्त हो गए हैं और अब वकालत नहीं करेंगे। वहीं, मखदूम अली खान ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला दिया है।
पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में कोई भारतीय वकील या क्वींस कांउसल नियुक्त किए जाने की भारत की मांग को पहले ही खारिज कर चुका है। पाकिस्तान ने कहा था कि हमने भारत को सूचित किया है कि केवल उन वकीलों को पाकिस्तानी अदालतों में उपस्थित होने की अनुमति है जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है। इस परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। क्वींस काउंसल एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है।
इससे पहले पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश को चार महीने के लिए विस्तार दे दिया जिसके तहत जाधव को हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिला है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने आदेश पर पाकिस्तान यह अध्यादेश लाया था। जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से मना किए जाने पर भारत ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था और एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में सुनाई गई मौत की सजा को चुनौती दी थी।
(यह लेख इंडियानैरेटिवडॉटकॉम से विशेष व्यवस्था के तहत लिया गया है।)
भुवनेश्वर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| भुवनेश्वर के राजभवन के पास एक ईंधन स्टेशन पर बुधवार को एक विस्फोट के बाद आग लगने से कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने जानकारी दी कि भूमिगत सीएनजी स्टोरेज टैंक में विस्फोट होने से ईंधन स्टेशन में आग लग गई। घटनास्थल से कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही राजभवन स्थित है।
विस्फोट के कारण पेट्रोल पंप पर कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग घायल हो गए।
घटनास्थल पर आग पर काबू पाने के लिए पांच फायर टेंडर को भेजा गया।
पुलिस आयुक्त सुधांशु सारंगी ने बताया कि ईंधन स्टोरेज टैंक में से एक में विस्फोट होने से ये आग फैल गई।
उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने राजभवन और कैपिटल अस्पताल के बीच सड़क के पूरे हिस्से को बंद कर दिया है।
विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि यह भूकंप की तरह महसूस हुआ। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि आसपास के घरों में भी तेज झटके महसूस किए गए।
केपिटल अस्पताल के निदेशक लक्ष्मीधर साहू ने कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए आठ घायल भर्ती हुए हैं।
उन्होंने कहा, "उनमें से दो गंभीर रूप से जल गए हैं और कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है। अन्य छह को मामूली चोटें आई हैं।"
अनूपपुर/भोपाल, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का अनूपपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और काले झंडे दिखाए। वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने जेड सुरक्षा प्राप्त कमल नाथ पर भाजपा द्वारा पथराव करने का आरोप लगाया है। राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं, उनमें से एक अनूपपुर भी है। कमल नाथ यहां जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने 'झूठ बोले कौवा काटे' अभियान के तहत कमल नाथ पर बेरोजगारों को चार हजार रूपये का भत्ता न देने को लेकर विरोध किया। भाजयुमो कार्यकर्ता हाथ में काले झंडे लिए हुए थे और उन्होंने कमल नाथ के काफिले के सामने आकर विरोध दर्ज कराया।
वहीं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने एक वीडियो और तस्वीर साझा करते हुए कमल नाथ के काफिले पर भाजपा द्वारा पथराव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, कमल नाथ (जेड प्लस सुरक्षा) की कार पर अनूपपुर यात्रा के दौरान हुए पथराव व विरोध प्रदर्शन उसकी पराजय, हताशा का प्रतीक, हिंसा के गर्भ से उत्पन्न विचारधारा से यही उम्मीद, ध्यान रहे हम अंग्रेजों से लड़े हैं। वीडियो स्पष्ट कर रहा है हिंसा प्रायोजित है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। हाथरस की एक और बेटी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई है। दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद क्षेत्र के मई जटोई निवासी 6 वर्षीय बालिका के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में रेप की घटना हुई थी। लडक़ी का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लडक़ी की मौत हो गई है। घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को सडक़ पर रखकर जाम लगा दिया है। परिजनों की मांग है कि जब तक सही आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा और इगलास कोतवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
श्रीनगर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार को जारी मुठभेड़ में एक और आतंकवादी के ढेर होने के साथ ही मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या तीन हो गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सगुन क्षेत्र में जारी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच यह मुठभेड़ मंगलवार शाम से शुरू हुई है। आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में एक विशेष जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेराबंदी करने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद गोलाबारी शुरू हुई।
पुलिस ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी सख्त की वैसे ही छिपे हुए आतंकवादियों ने अधिक संख्या में सामने आकर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने कहा, "शोपियां जिले में एक और अज्ञात आतंकवादी मारा गया है, कुल ढेर हुए आतंकवादियों की संख्या तीन हो गई है। ऑपरेशन जारी है।"
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से ऑनर किलिंग की एक घटना सामने आई है, जहां 16 वर्षीय एक गर्भवती दलित लड़की की उसके पिता व बड़े भाई ने बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी और परिवार की इज्जत के खातिर उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया। पुलिस ने कहा कि लड़की के पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका भाई फरार है। मंगलवार शव को बरामद किए जाने के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने मामले को सुलझा लिया।
लड़की 23 सितंबर से लापता थी, लेकिन बावजूद इसके परिवार द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी।
रपटों के मुताबिक, लड़की को पीटा गया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई। उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया, जिसके बाद उसे नदी के किनारे दफना दिया गया।
शाहजहांपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस. आनंद ने संवाददाताओं को बताया, "पिता ने अपनी बेटी को मारने की बात कबूल कर ली है क्योंकि वह गर्भवती थी। लोगों ने सार्वजनिक रूप से उसका अपमान करना शुरू कर दिया था। हत्या में लड़की का बड़ा भाई भी शामिल है और हमने दोनों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया है।"
उन्होंने कहा, "हमने मां सहित अन्य रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है, लेकिन घटना में वे भागीदार नहीं रहे हैं।"
प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, परिवार ने पुलिस को बताया कि लड़की अपने किसी रिश्तेदार संग रिश्ते में थी। लड़की को कभी स्कूल भी नहीं भेजा गया और अपने यौन संपर्क को लेकर उसने अपने परिवारवालों संग कभी बात भी नहीं की। जब उसका बेबी बंप बाहर आने लगा, तब जाकर लोगों को उसकी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला।
इसके लिए जिम्मेदार शख्स के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस उसे ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है, जो दुष्कर्मी है क्योंकि लड़की नाबालिग थी।
बाराबंकी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस की घटना को लेकर राजनीति दिन पर दिन उग्र होती जा रही है। बाराबंकी से भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने दावा किया है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट करने के आरोपी चार ऊंची जाति के लोग 'निर्दोष' हैं और यह पीड़िता थी, जो 'आवारा' थी।
भारतीय जनता पार्टी के विवादास्पद नेता के खिलाफ 44 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने मंगलवार रात एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में यह चौंकाने वाला बयान दिया।
उन्होंने दावा किया कि किशोरी का 'आरोपी के साथ संबंध' था और किशोरी ने ही आरोपी को 14 सितंबर को अपराध वाले दिन बाजरा के खेत में बुलाया था।
साक्षात्कार में श्रीवास्तव ने कहा, "पीड़िता ने लड़के को खेत में बुलाया होगा, क्योंकि उनका चक्कर चल रहा था। यह खबर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर पहले से ही मौजूद है। उसके बाद वह पकड़ी गई होगी।"
हालांकि भाजपा नेता यही नहीं रूके। उन्होंने दावा किया कि "ऐसी महिलाएं कुछ खास जगहों में मृत पाई जाती हैं।"
उन्होंने पूछा, "'ऐसी' लड़कियां सिर्फ कुछ जगहों पर मृत पाई जाती हैं। वे गन्ने, मकई और बाजरे के खेतों में या झाड़ियों, गटर या जंगलों में मृत पाई जाती हैं। धान या गेहूं के खेतों में वे कभी मृत क्यों नहीं पाई जाती हैं?"
उन्होंने कहा कि गन्ने, मकई और बाजरा जैसी फसलें ऊंचाई में अधिक होती हैं और यह किसी भी व्यक्ति के छिपने के लिए अनुकूल होता है, जबकि गेहूं और धान सिर्फ तीन या चार फीट तक की ऊंचाई वाले होते हैं, इसलिए कोई वहां नहीं जाता।
इसके बाद भाजपा नेता ने भी दावा किया कि कोई भी ऐसे अपराध को होते हुए नहीं देख पाता है, या पीड़िता को अपराध स्थल तक घसीटते हुए दूर ले जाते हुए देख पाता है।
श्रीवास्तव ने अपराध के चारों आरोपियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें जेल से तब तक रिहा किया जाना चाहिए जब तक सीबीआई मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं कर देती।
उन्होंने मांग की, "मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि ये लड़के निर्दोष हैं। अगर उन्हें समय पर रिहा नहीं किया गया तो वे मानसिक प्रताड़ना झेलते रहेंगे। उनकी खोई हुई युवावस्था को कौन लौटाएगा? क्या सरकार उन्हें मुआवजा देगी?"
श्रीवास्तव के बयानों पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा, "वह किसी भी पार्टी के नेता कहलाने के लायक नहीं हैं। वह अपनी आदिम और बीमार मानसिकता दिखा रहे हैं और मैं उन्हें नोटिस भेजने जा रही हूं।"
गौरतलब है कि इससे पहले बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि "दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए लड़कियों को उचित संस्कार देना चाहिए।"
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| विवादित भारत-चीन सीमा से लगी हिमालय की महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों और दरें में तापमान घटकर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे इन इलाकों में तैनात दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
इस बीच भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को लेकर सातवीं बार 12 अक्टूबर को मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पिछली सभी वार्ताएं विफल रही हैं, जिससे मामले के जल्दी सुलझने की उम्मीदें घटी हैं।
बल्कि पिछले महीनों में सैनिकों को 17,000 फुट तक ऊंची चोटियों पर उतारा गया है, ये ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां सैनिकों को लाने ले-जाने में खासा समय लगता है।
इससे पहले 29 अगस्त को भारत ने अंधेरे में चुपके से एक ऑपरेशन चलाकर दक्षिणी तट पर पैंगोंग त्सो झील के पास 16,000 फुट की ऊंचाइयों और पर्वत के दरें पर कब्जा कर लिया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इन बिंदुओं पर केवल भोजन और पानी ही पहुंच पा रहा है।"
परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच छह महीने से चल रहा सीमा विवाद अब धैर्य की परीक्षा ले रहा है, क्योंकि दोनों ही पक्ष युद्ध के लिए तैयार नजर आते हैं।
एक महीने से अधिक समय से चोटियों पर जमे सैनिकों में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के लोग शामिल हैं। यह एक विशेष बल है, जिसमें तिब्बती शरणार्थियों को शामिल किया गया था।
वहीं चीन ने भी भारतीय सेना से कुछ मीटर की दूरी पर अपने सैनिकों को तैनात किया हुआ है। एसएफएफ की टुकड़ियां 13 महत्वपूर्ण ऊंचाइयां हासिल कर चुकी हैं।
अधिकारी ने कहा, "इन ऊंचाइयों पर ना तो कोई अस्थायी ढांचा बनाया गया है, ना ही यहां कोई सड़क या बुनियादी ढांचा है।"
चीन भी ऐसी ही स्थिति में है और रसद आदि की समस्या झेल रहा है। हालांकि ऐसे मुश्किल हालातों में भी सेना हाई अलर्ट पर है क्योंकि पीएलए ने कुछ महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर सैनिकों को केवल कुछ मीटर की दूरी पर तैनात किया है।
एक सूत्र ने कहा कि जब तक चीन पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस नहीं ले लेता, तब तक इन ऊंचाइयों से भारत अपने सैनिकों में कोई कमी नहीं करेगा।
बता दें कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर छह महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों पर संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
रांची/पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड में सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की दोस्ती बिहार में टूट गई है। महागठबंधन में झामुमो को सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के कारण पार्टी ने अब अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि हमारी तैयारी थी कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करते हुए, महागठबंधन में साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे। झारखंड की तरह ही बिहार में भी भाजपा जैसे दलों को रोका जाए, लेकिन यह नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि झामुमो बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगा।
उन्होंने कहा, "झामुमो सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता है।"
राजद की वजूद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में उनका क्या वजूद था, फिर भी लोकसभा और विधानसभा में उनको हैसियत से ज्यादा दिया। उन्होंने कहा कि अपने संगठन के बूते बिहार में निर्णायक सीटों पर हम लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि झामुमो झारखंड को संघर्ष करके हासिल किया है, खैरात में नहीं पाया है।
पार्टी ने झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पिरपैती और नाथनगर से प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन से पहले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, उसके बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी व विकासशील इंसान पार्टी और झामुमो ने भी किनारा कर लिया।
लखनऊ 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथों में देने का फैसला 15 जनवरी तक टाल दिया गया है। प्रदेश के बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार मंगलवार को समाप्त कर दिया है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की कैबिनेट उप समिति के बीच वार्ता में पूवार्ंचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की सहमति बन जाने के बाद कार्य बहिष्कार समाप्त करने का एलान किया गया। दोनों मंत्रियों और मुख्य सचिव आऱ क़े तिवारी की मौजूदगी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के बीच समझौते पर दस्तखत किए गए।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंत्रियों के साथ आला अधिकारियों को लेकर हाइलेवल बैठक भी की थी। बीती देर रात तक वार्ता में भी लगभग इन्हीं मुद्दों पर सहमति बन गई लेकिन अरविंद कुमार के समझौते पर दस्तखत करने से इनकार कर देने की वजह से टकराव बढ़ गया था। सोमवार रात में वार्ता विफल हो जाने के बाद कार्य बहिष्कार का व्यापक असर नजर आने लगा था। मंगलवार को राजधानी समेत पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति अस्त-व्यस्त रही। इसी बीच पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्य बहिष्कार में शामिल होने का एलान कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए। दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री व शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।
इसके बाद कैबिनेट उप समिति को संघर्ष समिति से वार्ता करके गतिरोध समाप्त करने का जिम्मा सौंपा गया। कैबिनेट उप समिति के साथ वार्ता में फिलहाल पूवार्ंचल निगम का निजीकरण न करने पर सहमति हो गई। समझौते में कहा गया है कि प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली सुधार के लिए कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्रवाई की जा रही है।
पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथ में सौंपने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ बिजलीकर्मियों की घोषित अनिश्चिकालीन हड़ताल का दो दिनों से बड़ा असर हो रहा है। पानी नहीं आने से कई जगह हाहाकार मचा रहा। सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारी विरोध में डटे रहे। इन लोगों ने कई जगह पर बिजली काटी। बिजली ना आने से कई जिलों में पेयजल न होने के कारण हालात बिगड़ गए। सूबे की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री और तमाम मंत्रियों के आवास पर बिजली व्यवस्था चरमराती दिखी। कार्य बहिष्कार के पहले ही दिन कई मंत्रियों के यहां बिजली गुल हो गई।
प्रदेश के पूवार्ंचल के जिलों के साथ ही सूबे की राजधानी लखनऊ में भी बिजली संकट खड़ा हो गया। लोग इसके कारण काफी परेशानी में थे। वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, कानपुर, आगरा, बरेली, मुरादाबाद के साथ अन्य सभी जिलों में बिजली का संकट गहरा गया। निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों ने ब्रेकडाउन की शिकायतें भी नहीं ली।
भोपाल, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से मंगलवार को चार उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी गई। इस तरह कांग्रेस अब तक 27 उम्मीदवार तय कर चुकी है। कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी और केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा तय किए गए उपचुनाव के उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। इस सूची में चार उम्मीदवारों के नाम हैं।
पार्टी ने मुरैना से राकेश मावई, मेहगांव से हेमंत कटारे, मलहरा से रामसिया भारती और बदनावर से कमल पटेल को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने बदनावर के उम्मीदवार में बदलाव किया है और नए उम्मीदवार के तौर पर कमल पटेल को मैदान में उतारने का फैसला लिया है।
कांग्रेस ने इससे पहले दो सूचियां जारी की थीं, जिनमें क्रमश: 8 और 15 उम्मीदवारों के नाम थे। इस तरह अब तक कुल 27 उम्मीदवारों के नाम तय हुए हैं। सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा रह गया है, जहां कांग्रेस को उम्मीदवार तय करना है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| पिछले तीन महीनों में रैंसमवेयर हमलों में 39 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है और भारत इससे संबंधित खतरों के मामले में सबसे अधिक प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने मंगलवार को एक शोध रिपोर्ट में यह जानकारी दी। शोध में पता चला है कि वैश्विक स्तर पर 2020 की पहली छमाही की तुलना में पिछले तीन महीनों में रैंसमवेयर हमलों के दैनिक औसत में 50 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
पिछले तीन महीनों में अमेरिका में रैंसमवेयर के हमले दोगुनी रफ्तार से बढ़े। वहां इस अवधि के दौरान लगभग 98 प्रतिशत मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
अध्ययन अवधि के दौरान रैंसमवेयर हमलों से सबसे अधिक प्रभावित देशों में श्रीलंका, रूस और तुर्की क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में रैंसमवेयर से प्रभावित स्वास्थ्य संगठनों का प्रतिशत लगभग दोगुना हो गया है।
चेक प्वाइंट में थ्रेट इंटेलिजेंस के प्रमुख लोटेम फिंकेलस्टीन ने एक बयान में कहा, "रैंसमवेयर 2020 में रिकॉर्ड तोड़ रहा है।"
उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस महामारी के आगमन के साथ ही रैंसमवेयर का चलन शुरू हुआ, क्योंकि संगठनों ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कार्यालयों के बजाय दूरस्थ कार्यबल (रिमोट वर्कफोर्स) पर ध्यान केंद्रित किया।
अधिकारी ने कहा, "पिछले तीन महीनों में ही रैंसमवेयर हमलों के मामलों में खतरनाक उछाल देखने को मिला है।"
रैंसमवेयर हमलों के जरिए किसी भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने से लेकर महत्वपूर्ण डाटा चुराने और ब्लैकमेल करने जैसे कई अपराधों को अंजाम दिया जाता है।
वर्तमान समय में रैंसमवेयर हमलों को बड़ी सफाई और बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया जाता है, जिसमें डबल एक्सटॉर्शन और लोगों को भुगतान करने पर मजबूर करना भी शामिल है।
एक डबल एक्सटॉर्शन अटैक में हैकर्स पहले पीड़ित के डेटाबेस को एन्क्रिप्ट करने से पहले बड़ी मात्रा में संवेदनशील जानकारी निकालते हैं।
बाद में हमलावर उस सूचना को प्रकाशित करने की धमकी देते हैं और पीड़ित से फिरौती की मांग करने लगते हैं। वह डराते हैं कि अगर उन्हें फिरौती का भुगतान नहीं किया जाता है तो वह महत्वपूर्ण सूचना लीक कर देंगे।
दरभंगा (बिहार), 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार चुनाव के दौरान दरभंगा जिले के विशनपुर थाना क्षेत्र से मंगलवार को पुलिस ने एक वाहन से करीब एक करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इस मामले में पुलिस वाहन पर सवार दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हनुमान नगर चेकपोस्ट के पास पुलिस वाहन जांच अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक स्कार्पियो से पुलिस ने करीब एक करोड़ 11 लाख रुपये बरामद किए हैं।
विशनपुर के थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि स्कॉर्पियो में बैठे दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि वाहन समस्तीपुर से मधुबनी के जयनगर जा रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, इसकी सूचना आयकर विभाग के अधिकारियों को भी दे दी गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बरामद रुपयों का संबंध बिहार चुनाव से तो नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के बिस्कोमान भवन के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक वाहन से 74 लाख रुपये बरामद किए गए थे। इस वाहन में राजद के झंडे लगे थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 3 और 7 नवंबर को होना है। वोटों की गिनती 10 नवंबर को होनी है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अलग-अलग समूहों के लगभग 80 लोगों ने मंगलवार को दिवगांत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली से मुलाकात की और डीडीसीए के अध्यक्ष पद के लिए उन्हें समर्थन देने की बात कही। हालांकि इन समूह में सी.के. खन्ना का समूह नहीं था।
कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे कि 31 साल के रोहन जेटली मंगलवार को अपनी टीम का ऐलान करेंगे, लेकिन कुछ पदों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी और खन्ना भी इस बैठक में नहीं थे इसलिए ऐलान नहीं किया गया।
डीडीसीए के छह पदों के लिए 17 से 20 अक्टूबर के बीच चुनाव होने हैं।
इस बैठक में मौजूद एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "डीडीसीए के सभी समूहों ने सिर्फ सी.के. खन्ना के ग्रुप को छोड़कर, रोहन जेटली से मुलाकात की, इस उम्मीद से ही कि आज प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी। हम 80 लोग थे और सभी चाहते थे कि रोहन अध्यक्ष बनें, खन्ना भी उनका साथ दे रहे हैं, लेकिन खन्ना बैठक में मौजूद नहीं थे इसलिए फैसला किया गया कि उनसे एक बार और बात की जाएगी। इसलिए ललित होटल में हमारी बैठक के बाद रोहन सीधे खन्ना से मिलने उनके घर गए।"
अध्यक्ष पद को छोड़कर अगर बाकी के पांच पदों पर बुधवार तक सर्वसम्मति नहीं बनती है तो सभी समूह के लोग अलग-अलग पदों के लिए अपना नामांकन भरेंगे।
रोचक बात यह है कि 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में डीडीसीए से संबंधित एक विशेष याचिका की सुनवाई होनी है जो चुनावों पर प्रभाव डाल सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि चुनावों पर रोक नहीं लगाई है।
सूत्र ने कहा, "साफ बात यह है कि सी.के. खन्ना ग्रुप दो सीटें चाहता है। वहीं दूसरा ग्रुप एसपी बंसल, राजन मानचंदा, विनोद तिहारा दो सीट चाहते हैं और भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर एक सीट चाहते हैं। खन्ना अपनी बात पर अड़े हैं कि उनकी पत्नी कोषाध्यक्ष के पद का चुनाव लड़े। इसके अलावा वो कुछ और सीटों पर अपने लोग चाहते हैं। यह मुख्य मुद्दा है।"
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में मंगलवार को सीट बंटवारे के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुई शूटर श्रेयसी सिंह को जमुई से प्रत्याशी बनाया है, जबकि गया से मंत्री प्रेम कुमार पर पार्टी ने फिर से विश्वास जताया है।
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा 27 प्रत्याशियों की सूची में पांच महिलाओं को टिकट दिया गया है। भाजपा ने गोह से मनोज कुमार शर्मा को फिर से प्रत्याशी बनाया है, जबकि रामाधार सिंह को औरंगाबाद से तथा ज्ञानेंद्र ज्ञानु को बाढ़ से चुनाव मैदान में होंगे।
पार्टी ने निक्की हेम्ब्रम को कटोरिया से जबकि मुन्नी देवी को शाहपुर से, रिंकी रानी पांडेय को भभुआ से अरुणा देवी को वरसलीगंज से तथा शूटर श्रेयसी सिंह को जमुई से टिकट दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह बिहार के दिग्गज नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं।
इसके अलावा, पार्टी ने कहलगांव से पवन कुमार यादव, बांका से रामनारायण मंडल, मुंगेर से प्रणव यादव, लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा, तरारी से कौशल कुमार सिंह व काराकाट से राजेश्वर राज को टिकट दिया है।
भोपाल, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए 28 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 25 उन नेताओं के नाम शामिल हैं जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार रात को उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
इस सूची के मुताबिक, जौरा से सूबेदार सिंह राजौधा, सुमावली से एंदल सिंह कंसाना, मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया, अंबाह से कमलेश जाटव, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, गोहद से रणवीर सिंह जाटव, ग्वालियर से प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से इमरती देवी, भांडेर से रक्षा संतराम सरोनिया, करैरा से जसवंत जाटव को उम्मीदवार बनाया गया है।
इसी तरह पोहरी से सुरेश धाकड़, बमौरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया, अशोकनगर से जजपाल सिंह जज्जी, मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव, सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत, मलेहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह, सांची से प्रभु राम चौधरी, ब्यावरा से नारायण सिंह पवार, आगर से मनोज ऊंटवाल, हाटपिपल्या से मनोज चौधरी, मांधाता से नारायण पटेल, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांवेर से तुलसीराम सिलावट और सुवासरा से हरदीप सिंह डंग को उम्मीदवार बनाया गया है।
श्रीनगर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में मंगलवार की शाम एक भाजपा कार्यकर्ता पर हुए आतंकी हमले में बचाव करते घायल हुए एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। इससे पहले, आतंकवादियों ने एक भाजपा कार्यकर्ता पर हमला किया। इस हमले में भाजपा कार्यकर्ता तो सकुश बच निकले, लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) में से एक को गोली लग गई। जवाबी कार्रवाई में एक अज्ञात आतंकी को मौके पर ही मार गिराया गया।
दोतरफा गोलीबारी में घायल पीएसओ मोहम्मद अलताफ ने बाद में दम तोड़ दिया।
सुमित कुमार सिंह
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| विवादित भारत-चीन सीमा से लगी हिमालय की महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों और दरें में तापमान घटकर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे इन इलाकों में तैनात दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
इस बीच भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को लेकर सातवीं बार 12 अक्टूबर को मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पिछली सभी वार्ताएं विफल रही हैं, जिससे मामले के जल्दी सुलझने की उम्मीदें घटी हैं।
बल्कि पिछले महीनों में सैनिकों को 17,000 फुट तक ऊंची चोटियों पर उतारा गया है, ये ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां सैनिकों को लाने ले-जाने में खासा समय लगता है।
इससे पहले 29 अगस्त को भारत ने अंधेरे में चुपके से एक ऑपरेशन चलाकर दक्षिणी तट पर पैंगोंग त्सो झील के पास 16,000 फुट की ऊंचाइयों और पर्वत के दरें पर कब्जा कर लिया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इन बिंदुओं पर केवल भोजन और पानी ही पहुंच पा रहा है।"
परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच छह महीने से चल रहा सीमा विवाद अब धैर्य की परीक्षा ले रहा है, क्योंकि दोनों ही पक्ष युद्ध के लिए तैयार नजर आते हैं।
एक महीने से अधिक समय से चोटियों पर जमे सैनिकों में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के लोग शामिल हैं। यह एक विशेष बल है, जिसमें तिब्बती शरणार्थियों को शामिल किया गया था।
वहीं चीन ने भी भारतीय सेना से कुछ मीटर की दूरी पर अपने सैनिकों को तैनात किया हुआ है। एसएफएफ की टुकड़ियां 13 महत्वपूर्ण ऊंचाइयां हासिल कर चुकी हैं।
अधिकारी ने कहा, "इन ऊंचाइयों पर ना तो कोई अस्थायी ढांचा बनाया गया है, ना ही यहां कोई सड़क या बुनियादी ढांचा है।"
चीन भी ऐसी ही स्थिति में है और रसद आदि की समस्या झेल रहा है। हालांकि ऐसे मुश्किल हालातों में भी सेना हाई अलर्ट पर है क्योंकि पीएलए ने कुछ महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर सैनिकों को केवल कुछ मीटर की दूरी पर तैनात किया है।
एक सूत्र ने कहा कि जब तक चीन पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस नहीं ले लेता, तब तक इन ऊंचाइयों से भारत अपने सैनिकों में कोई कमी नहीं करेगा।
बता दें कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर छह महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों पर संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश के 76 प्रतिशत लोगों को लगता है कि समाचार चैनलों पर उचित बहस (डिबेट) न होकर अनावश्यक झगड़ा होता है। आईएएनएस सी-वोटर मीडिया कंजम्पशन ट्रैकर के हालिया निष्कर्षों में यह बात सामने आई है।
सर्वेक्षण में 76 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि विचारों के सार्थक आदान-प्रदान के बजाय टेलीविजन डिबेट पर झगड़ा अधिक होता है।
उत्तरदाताओं का विचार है कि ये बहस अक्सर पहले विश्व युद्ध की शैली पर आधारित होती हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से पहचाने जाने वाले लड़ाके (वाद-विवादकर्ता) दूसरी तरफ के व्यक्ति पर और भी अधिक जोर से चीखने-चिल्लाने में विश्वास रखते हैं।
आईएएनएस सी-वोटर के सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं से पूछा गया कि क्या वे वास्तव में मानते हैं कि टीवी न्यूज चैनल पर वास्तविक बहस की तुलना में लड़ाई-झगड़ा और चीख-पुकार अधिक होती है। इस पर सर्वे में शामिल 76 प्रतिशत ने सहमति व्यक्त की।
इनमें से 77.1 पुरुष उत्तरदाताओं ने सहमति दिखाई, वहीं 74.9 महिला उत्तरदाता इस बात से सहमत दिखाई दीं।
जब इन सवालों को सामाजिक समूहों के समक्ष रखा गया था तो दिलचप्स आंकड़े सामने आए। इनमें उच्च जाति से संबंध रखने वाले 79.7 प्रतिशत हिंदू, जबकि 94 प्रतिशत ईसाई इस बात से सहमत हैं।
इसके अलावा 78 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों ने माना कि चैनलों पर कोई सार्थक बहस नहीं होती है, जबकि 71.6 प्रतिशत ओबीसी और 73.9 प्रतिशत एससी और एसटी वर्ग के लोगों ने कहा कि बहस से ज्यादा झगड़ा देखने को मिलता है।
शहरी क्षेत्र में लगभग 75 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 77 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि टीवी डिबेट में बहस से कहीं अधिक झगड़ा देखने को मिलता है।
अगर आयु वर्ग की बात की जाए तो 18 से 44 आयु वर्ग में औसतन 75 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कोई सार्थक बहस नहीं होती है।
कोविड-19 महामारी ने भारत के नए मीडिया परिदृश्य को दर्शाया है। देश में 54 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया है कि वह टीवी समाचार चैनलों को देखकर थक चुके हैं। वहीं 43 प्रतिशत भारतीय इस बात से असहमत हैं।
इस सर्वेक्षण में सभी राज्यों में स्थित सभी जिलों से आने वाले 5000 से अधिक उत्तरदाताओं से बातचीत की गई है। यह सर्वेक्षण वर्ष 2020 में सितंबर के आखिरी सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह के दौरान किया गया है।