राष्ट्रीय
हाथरस, 11 अक्टूबर | हाथरस में कथित रूप से दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय लड़की के 'जबरन दाह संस्कार' पर बयान देने के लिए सोमवार को पीड़िता का परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष पेश होगा। कथित रूप से सामूहित दुष्कर्म के बाद पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में दो हफ्ते बाद मौत हो गई थी।
लखनऊ पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।
पीड़िता के बड़े भाई ने पत्रकारों को बताया, "हम में से पांच अदालत में पेश होंगे। प्रशासन ने हमसे पूछा था कि हमारे परिवार के कितने लोग 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए मौजूद होना चाहेंगे। मेरे पिता, माता, बहन, छोटा भाई और मैं अदालत में उपस्थित होंगे।"
उन्होंने कहा, "सोमवार को हमारे लखनऊ जाने के दौरान प्रशासन ने पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है।"
हाईकोर्ट ने हाथरस के डिस्ट्रिक्ट जज से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि मृतका के परिवार के सदस्य अपने बयान दर्ज करा सकें कि क्या हुआ था। राज्य और जिले के अधिकारियों को भी परिवार के लिए जरूरी सभी मदद और सुरक्षा देने के लिए कहा गया है।
अदालत ने पीड़िता के अंतिम संस्कार के अगले दिन 1 अक्टूबर को कहा, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या मृतका और उसके परिवार के सदस्यों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है। परिवार के किसी सदस्य की सहमति और मौजूदगी के बिना पीड़िता का देर रात 2.40 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
अदालत ने मीडिया हाउस से भी कन्टेंट साझा करने के लिए कहा है जिसके आधार पर घटना की रिपोर्टिंग की गई थी।
उत्तर प्रदेश राज्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी, एडीजी (कानून और व्यवस्था), और हाथरस के जिलाधिकारी और सुपरिटेन्डेंट को जवाबदेह बनाया गया है।
इस बीच, लड़की के भाई ने कहा है कि परिवार को जब तक न्याय नहीं मिल जाता और यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि यह उसी की बहन की राख है, तब राख को विसर्जित नहीं करेगा।
--आईएएनएस
दिल्ली के बदरपुर के मोलड़बंद में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि जहरीली गैस से दम घुटने की वजह से दोनों लोगों की मौत हुई है। मृतकों में मकान मालिक भी शामिल हैं। वहीं, एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
खबरों के मुताबिक, मोलड़बंद में शनिवार शाम को चार मंजिला इमारत में सेप्टिक टैंक की सफाई का काम चल रहा था। तीन टैंक साफ कर लिए गए थे। चौथे टैंक को साफ करने के लिए सफाई कर्मी देवेंद्र उतरा। काफी देर तक सफाई कर्मी बाहर नहीं निकला। कुछ देर बाद उसे देखने के लिए ठेकेदार मनोज भी टैंक में उतर गए। काफी देर तक मनोज भी बाहर नहीं आए। दोनों को देखने के लिए मकान मालिक सतीश खुद टैंक के अंदर उतरे, लेकिन वो बाहर नहीं निकले और न ही किसी की कोई आवाज आई। मौके पर मौजूद लोगों ने इस संबंध में पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा के मुताबिक, मृतकों में मकान मालिक सतीश चावला और सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे मजदूर देवेंद्र शामिल हैं। देवेंद्र भी इसी इलाके में रहते थे। दोनों को टैंक से निकालकर अपोलो अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वहीं, ठेकेदार का अस्पताल में इलाज जारी है।
पुलिस के अनुसार, शाम को उन्हें सूचना मिली की मोलड़बंद के एफ ब्लॉक की गली नंबर-1 में सेप्टिक टैंक में तीन लोग गिर गए हैं। सूचना मिलने के बाद मौके पर बदरपुर थाना पुलिस पहुंची। दमकल विभाग के लोगों को भी बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम को बताया गया कि टैंक से मनोज नाम के आदमी को निकालकर पास के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया है। वहीं, दो लोग अंदर ही हैं। पुलिस के मुताबिक, टैंक में बेहोश पड़े देवेंद्र और सतीश को भी निकाला गया और अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका।(navjivan)
मुंबई, 11 अक्टूबर | हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के नए डीन के रूप में श्रीकांत एम.दातार की नियुक्ति की खबर ने मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, नई दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में रहने वाले उनके दोस्तों, सहपाठी, फैकल्टी और सहकर्मियों को रोमांचित कर दिया है।
दुनिया के शीर्ष मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के डीन बनने पर इस 67 वर्षीय मुंबईकर के लिए बधाइयों की झड़ी लग गई है। दातार 1 जनवरी 2021 से इस पद को संभालेंगे।
आईआईएम-ए में दातार के बैचमेट रहे कंडास्वामी भारतन ने आईएएनएस को बताया, "श्रीकांत इस प्रतिष्ठित पद के लिए बेहद योग्य हैं। बल्कि उन्हें यह पद मिलने में देरी हुई है। हम सभी बहुत प्रसन्न और उत्साहित हैं और उनकी इस नई जिम्मेदारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।"
आईआईएम-ए में एलमनी और एक्सर्टनल रिलेशंस के डीन राकेश बसंत कहते हैं, "2018 के पहले 6 साल तक वे आईआईएम-ए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में थे और हम साथ में नियमित रूप से बैठकें करते थे। वह हमारे सबसे प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में से एक हैं। वह एकेडमिक्स के अलावा अन्य गतिविधियों में भी बहुत सक्रिय रहे।"
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दातार की इस नई पोस्टिंग को 'महाराष्ट्र के लोगों के लिए गर्व का क्षण' बताया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि यह उपलब्धि दुनियाभर में मराठियों को प्रेरित करेगी।
दातार के सहपाठी भारतन ने कॉलेज के दिनों को याद कर कहा, "उन दिनों आईआईएम में 90 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं तकनीकी बैकग्राउंड से आते थे, लेकिन हम दोनों गैर-तकनीकी क्षेत्रों से थे इसलिए यह हमारे लिए कठिन था। लेकिन अपनी प्रतिबद्धता से उन्होंने हर विषय में उत्कृष्टता हासिल की। वह हमेशा अन्य सहपाठियों को जटिल सिद्धांतों/सूत्रों को समझने में मदद करते थे।"
भारतन ने दातार के हर दिन योग करने, उनके पसंदीदा अंडे और ऑमलेट के नाश्ते और टेनिस के प्रति उनके का प्यार को भी याद किया। इसी तरह दातार को फिल्मों में भी खासी दिलचस्पी थी, लेकिन उनकी रुचि व्यावसायिक ²ष्टिकोण से थी।
भारतन ने बताया कि जब वे अपनी पत्नी पुष्पा के साथ 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी गए तो बेहद व्यस्तता के बावजूद दातार ने उनसे मिलने के लिए आधे घंटे का समय निकाला।
बता दें कि 1953 में जन्मे दातार की पढ़ाई कैथ्रेडल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई थी। इसके बाद वे सेंट जेवियर्स कॉलेज गए। चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद उन्होंने टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज के साथ काम किया और टेल्को से भी जुड़े रहे। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (1985) से बिजनेस (अकाउंटिंग) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और कानेर्गी मेलन और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षण भी किया। वह 1996 से एचबीएस में है, जिसका वह अगले साल से नेतृत्व करेंगे।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में विवादित टीआरपी घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसके बाद दो अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर दो एफआईआर दर्ज की गई है।
अब एक उनकी पत्नी का नाम एक कॉर्पोरेट प्लेयर के तौर पर सामने आया है, जिससे घटनाक्रम एक नया मोड़ ले रहा है। हालांकि उनकी पत्नी क्या करती हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, मगर यह स्पष्ट है कि 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह और उनकी पत्नी सविता एक शक्तिशाली युगल (पावरफुल कपल) हैं।
सविता परमबीर सिंह इंडियाबुल्स समूह की दो कंपनियों सहित आधा दर्जन से अधिक अग्रणी कंपनियों में एक निदेशक हैं। सविता सिंह मुंबई कार्यालय में रियल एस्टेट प्रैक्टिस ग्रुप में वकील, खेतान एंड कंपनी के साथ एक भागीदार (पार्टनर) हैं।
प्रोफाइल बायो के अनुसार, सविता ग्राहकों को जटिल रियल एस्टेट लेनदेन और इससे उत्पन्न होने वाले विवादों की सलाह देती हैं। मानक (अचल संपत्ति) लेनदेन संबंधी दस्तावेज के अलावा, वह न्यास विलेख (ट्रस्ट डीड), रिलीज डीड, गिफ्ट डीड और शीर्षक (टाइटल्स) आदि पर सलाह देने का काम करती हैं।
उनकी प्रोफाइल के अनुसार, उनके ग्राहकों में मालिक, खरीदार, डेवलपर्स, कॉर्पोरेट घराने, व्यक्ति, घरेलू निवेशक और विदेशी निवेशक शामिल हैं। सविता वाणिज्यिक और खुदरा परिसरों, मल्टीप्लेक्स, होटल, पुनर्विकास परियोजनाओं, रखरखाव अपार्टमेंट, एसईजेड, आईटी और आईटी-सक्षम सर्विस पार्कों और एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) से संबंधित लेनदेन में माहिर है। वह नियमित रूप से अपने प्रोफाइल के अनुसार होटल प्रबंधन अनुबंधों पर भी सलाह देती हैं।
सविता सिंह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं और मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई से लॉ ग्रेजुएट हैं। वह बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा के साथ पेशेवर सहयोगी भी हैं। सविता सिंह वर्तमान में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और श्रेयस होम मैनेजमेंट के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) में भी शामिल हैं।
सविता सिंह को 28 मार्च, 2018 को इंडियाबुल्स प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक नियुक्त किया गया था। उन्हें 17 अक्टूबर, 2017 को यस ट्रस्टी लिमिटेड का निदेशक भी नियुक्त किया गया था। वह इंडियाबुल्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के निदेशक के रूप में भी सूचीबद्ध हैं और वह इंडियाबुल्स समूह का भी हिस्सा हैं। उन्हें सोरिल इंफ्रा रिसोर्सेज में एक निदेशक के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | केंद्रीय रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रेलवे ने ऑटोमाबाइल परिवहन में 2021-22 तक 20 प्रतिशत और 2023-24 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। गोयल ने शनिवार को रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग के नेताओं से मुलाकात की।
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्च र्स (सियाम), टाटा मोटर्स, हुंदै मोटर्स, फोर्ड मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, होंडा इंडिया और मारुति सुजुकी लिमिटेड के साथ ही ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर्स, ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्च र्स एसोसिएशन (एटीएमए) के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग के दिग्गजों ने पहल की सराहना की और राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के माध्यम से ऑटोमोबाइल के परिवहन की सुविधा के लिए रेलवे के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, रेलवे ऑटोमोबाइल के परिवहन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।
रेलवे के जरिए कुल ऑटोमोबाइल का परिवहन 2013-14 में 429 रेक था, जो 2019-20 में बढ़कर 1,595 रैक हो गया है। इसके अलावा रेलवे ने चालू वर्ष के पहले छह महीनों में पिछले वर्ष में 731 रेक के मुकाबले ऑटोमोबाइल के 836 रेक लोड किए हैं।
बयान में कहा गया है, रेलवे का लक्ष्य 2021-22 के अंत तक 20 प्रतिशत हिस्सेदारी और 2023-24 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है।
इस बातचीत के दौरान लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया गया। बयान में कहा गया कि रेलवे ने बांग्लादेश और नेपाल को ऑटोमोबाइल के निर्यात की भी अनुमति दी है।(आईएएनएस)
लखनऊ,11 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा इलाके में कथित सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। मृत युवती की कथित भाभी की चर्चा काफी तेज हो गई है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने मीडिया के सामने एक बयान जारी किया है। हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के बाद पीड़ित परिवार के घर रिश्तेदार बनकर पहुंचीं जबलपुर मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर राजकुमारी बंसल ने मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा, "मेरा पीड़ित परिवार से कोई रिश्ता नहीं है। मैं केवल इंसानियत के नाते हाथरस पीड़ित के घर गई थी।"
डॉ. राजकुमारी हाथरस कांड के बाद पीड़ित के घर पहुंची थी, बल्कि उन्होंने पीड़ित की भाभी बनकर मीडिया में भड़काऊ बयान भी दिए थे। राजकुमारी पर नक्सली होने का आरोप भी लगा था। घटना की जांच कर रही एसआईटी ने इस बात की खुलासा किया था। एसआईटी की टीम ड राजकुमारी की तलाश में जुटी है।
एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए राजकुमारी बंसल ने कहा कि किसी को भी लेकर बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है। एसआईटी की जांच पर महिला ने कहा कि इसका पहले सबूत पेश करें।
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा, "मुझे लगा कि मेरे नंबर के साथ टेंपरिंग की जा रही है। मैने फौरन साइबर पुलिस में रिपोर्ट की है। यह मेरे मान-सम्मान की बात है। कैसे मुझे नक्सली कहा गया। मैं तो वहां पर पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी। उस विषय की मैं एक्सपर्ट हूं। मैंने भाभी बनकर कभी कोई भी इंटरव्यू नहीं दिया। मैं बेटी हूं।"
आरोप है कि एक महिला घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वह पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
ज्ञात हो कि कथित दुष्कर्म के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर भाभी ने बड़ी साजिश रची। भाभी के नक्सली कनेक्शन का अंदेशा लगाया जा रहा था। (आईएएनएस)
पटना, 10 अक्टूबर | बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच अब बयानबाजी तेज हो गई है। इसी क्रम में भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कांग्रेस को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से गठबंधन करने के लिए आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के राज की पालकी ढोई है। उन्होंने कहा कि साथ ही कांग्रेस बिहार में राजद के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से लेकर पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव तक के जघन्य अपराधों पर चुप रही है।
सुशील मोदी ने कहा, "सोनिया-राहुल की पार्टी महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की मौजूदगी में साधुओं की हत्या, राजस्थान के करौली (जयपुर) में पुजारी को जिंदा जलाया जाना व बारां में नाबालिग से दुष्कर्म की घटनाओं पर भी बोलने का साहस नहीं कर सकी है।"
उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस ने जिन मुद्दों पर चुप्पी साधी और जैसे लोगों को टिकट दिया, उसके बाद उनके गठबंधन का वैचारिक दिवालियापन जाहिर हो गया है।
उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस अगर कोई घोषणापत्र लाना चाहती है, तो उससे पहले बताए कि उसने बिहार में खेती, व्यापार और उद्योग को चौपट कर महापलायन के लिए लाखों लोगों को मजबूर करने वाली राबड़ी सरकार का समर्थन क्यों किया था?
उन्होंने कहा, "क्या राजद के साथ रहते हुए वह पलायन की दिशा पलटने वाला रोडमैप लागू कर सकती है?"
भाजपा नेता ने कांग्रेस से सवाल करते हुए पूछा, "कांग्रेस शासित राजस्थान और महाराष्ट्र में कोरोना काल में फंसे बिहार के लोगों के साथ बदसलूकी क्यों हुई? क्या कांग्रेस किसान सम्मान निधि और गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाली योजना को बिहार में लागू करने से रोक देगी?"
उन्होंने कहा कि महागठबंधन को घोषणापत्र नहीं, बिहार पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।(आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अक्टूबर | राजस्थान में करौली जिले के बूकना गांव में दबंगों द्वारा मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे? हाथरस कांड के बाद हाथरस पहुंचे राहुल-प्रियंका को लेकर मंत्रियों ने तंज कसा और कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक ट्वीट में लिखा- "राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा करौली (राजस्थान) जा रहे हैं? किसी ने सुना तो जरूर बताना।"
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजनीति करने हाथरस आ गए थे। वे कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में साधु-संतों की हत्या पर खामोश क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कांग्रेस के अन्य नेता किसी साधु-संत की हत्या या उनके साथ हो रही लगातार क्रूर घटनाओं पर उनके घर नहीं जाते। किसी को खरोंच भी आ जाए और पता चल जाए कि वह अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति है तो पूरी कांग्रेस पार्टी ही उसके घर पहुंच जाती है।
मोहसिन रजा ने अन्य विपक्षी दलों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी को साधु-संतों के खिलाफ हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते।
ज्ञात हो कि राजस्थान में मंदिर के जमीन विवाद में एक पुजारी को जलाकर मारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्थान के करौली जिले के बुकना गांव में मंदिर के जमीन विवाद में कुछ लोगों ने पुजारी को जिंदा आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से जख्मी पुजारी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शनिवार को सत्र 2020 में दाखिले के लिए एक दर्जन कॉलेजों में कट-ऑफ की घोषणा की, जो 100 फीसदी तक पहुंच गया है। लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन ने बीए ऑनर्स इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान विषयों में 100 फीसदी तक अंक लाने वाली छात्राओं से दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किया है।
पहली सूची के तहत तीन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संबंधित विषय में 100 फीसदी अंक होने चाहिए। सीटें खाली रहने पर दूसरी सूची जारी की जाएगी।
इस बीच, किरोड़ी मल कॉलेज ने बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान में दाखिले के लिए कट-ऑफ 99 फीसदी रखा है। कॉलेज बीकॉम (ऑनर्स) के लिए 99.75 तक अंक वाले छात्रों का आवेदन स्वीकार कर रही है।
इसी तरह हिंदू कॉलेज में बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स के लिए कट-ऑफ 99.25 फीसदी रखा है।
दूसरी ओर, सांध्यकालीन कॉलेजों में जहां कट-ऑफ नीचे रहा करता था, वहीं इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इस साल बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान शीर्ष पाठ्यक्रमों में शामिल हैं।(आईएएनएस)
-इमरान क़ुरैशी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक अहम सलाह जारी की है. एनएचआरसी ने सेक्स वर्कर्स को "अनौपचारिक मजदूरों" के तौर पर मान्यता देने के लिए केंद्र और राज्यों को कहा है. साथ ही आयोग ने कहा है कि इन सेक्स वर्कर्स को दस्तावेज दिए जाएं ताकि वे राशन समेत दूसरी सहूलियतें हासिल कर सकें.
कमीशन ने समाज के जोखिम भरे और हाशिए पर मौजूद तबके पर कोविड-19 की दूसरों के मुकाबले ज्यादा असर होने की पड़ताल की है.
आयोग ने कहा है कि इन अनौपचारिक मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए ताकि उन्हें "मजदूरों के फायदे" मिल सकें.
एनएचआरसी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली एक संवैधानिक संस्था है. ऐसे में एनएचआरसी की ओर से मिली इस मान्यता को नेशनल नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एनएनएसडब्ल्यू) एक बड़े कदम के तौर पर देख रहा है. एनएनएसडब्ल्यू सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम कर रहे कई संगठनों का फेडरेशन है.
अस्थाई दस्तावेजों पर मिले राशन
एनएनएसडब्ल्यू की लीगल एडवाइजर आरती पई ने बताया, "लॉकडाउन के ऐलान के बाद सेक्स वर्कर्स की आजीविका खत्म हो गई. बार-बार ये मांग की जा रही थी कि क्या इनका रजिस्ट्रेशन लेबर मिनिस्ट्री में वर्कर्स के तौर पर हो सकता है ताकि इन्हें बेरोजगार वर्कर्स के तौर पर भत्ता मिल सके. इस संदर्भ में यह एक बड़ा कदम है."
एनएचआरसी की एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकारें सेक्स वर्कर्स को मदद और राहत मुहैया करा सकती हैं. इसमें कहा गया है कि दूध पिलाने वाली माताओं के लिए महाराष्ट्र सरकार के उठाए कदमों का अनुसरण दूसरे राज्य भी कर सकते हैं. महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सेक्स वर्कर्स को राशन मुहैया कराने का फैसला जुलाई में लिया था.
एनएचआरसी ने यह भी कहा है कि अगर किसी सेक्स वर्कर के पास राशन कार्ड या आधार नहीं है तो भी उन्हें अस्थाई दस्तावेजों के साथ राशन मिलना चाहिए.
सेक्स वर्कर्स की ज़िंदगी बेहतर बनाने की कोशिश
पई ने कहा है, "ज्यादातर सेक्स वर्कर्स अपने घरों को छोड़ देते हैं और उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है. एनएचआरसी ने कहा है कि भले ही उनके पास दस्तावेज न हों तब भी उन्हें सपोर्ट दिया जाना चाहिए. इसके मूल में सेक्स वर्कर्स के मानव अधिकारों को मान्यता दिया जाना है."
एनएचआरसी की ओर से सेक्स वर्कर्स को मान्यता देते हुए उन्हें एक व्यापक दायरे में कवर किया गया है.
इसमें प्रवासी सेक्स वर्कर्स को प्रवासी मजदूरों की स्कीमों और बेनेफिट्स में शामिल करना, प्रोटेक्शन अफसरों को पार्टनरों या परिवार के सदस्यों की घरेलू हिंसा की रिपोर्टों पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने, साबुन, सैनिटाइजर्स और मास्क समेत कोविड-19 की फ्री टेस्टिंग और इलाज के प्रावधान, इन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने ताकि एचआईवी और दूसरे सेक्स आधारित संक्रमणों से इन्हें बचाया जा सके और इलाज जैसे प्रावधान शामिल हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम आदेश
पई महाराष्ट्र सरकार की मुहिम की एक खासियत का जिक्र करती हैं. वे कहती हैं, "इसमें सेक्स वर्कर्स और ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियों में साफ फर्क किया गया है. सेक्स वर्कर्स ऐसी वयस्क महिलाएं हैं जो कि अपनी मर्जी से आजीविका कमाने के लिए इस काम में हैं. दूसरी ओर, ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियां यौन शोषण के लिए जबरदस्ती इस धंधे में धकेली जाती हैं."
एनएचआरसी की एडवाइजरी ऐसे वक़्त पर आई है जबकि हाल में ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना एक अहम फैसला सुनाया है.
हाई कोर्ट के जस्टिस पृथ्वीराज के चाह्वाण ने अपने फ़ैसले में कहा है कि "क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कि प्रॉस्टीट्यूशन (वेश्यावृत्ति) को एक आपराधिक कृत्य मानता हो या किसी को इस वजह से सज़ा देता हो कि वह वेश्यावृत्ति में संलिप्त है."
महाराष्ट्र के सांगली की संग्राम संस्था की महासचिव मीना सेशू कहती हैं, "हमारी लड़ाई भाषा के इस्तेमाल को लेकर रही है. कानून खुद प्रॉस्टीट्यूशन और प्रॉस्टीट्यूट शब्दों का इस्तेमाल करता है, लेकिन क़ानून में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि प्रॉस्टीट्यूशन या प्रॉस्टीट्यूट अवैध हैं. हाईकोर्ट का फ़ैसला सेक्स वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि उन्हें जेल या जेल जैसे हालातों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था. सेक्स वर्कर्स को बलि का बकरा बनाने का काम वर्षों से जारी है."
क्या अगला कदम सेक्स वर्क को क़ानूनी मान्यता देना होगा?
सेशू कहती हैं, "सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के आंदोलन इस बारे में बेहद स्पष्ट हैं. इसमें इस काम को गैर-आपराधिक बनाने के लिए कहा गया है. मुख्य बात यह है कि सेक्स वर्क आपराधिक नहीं है, लेकिन इसके इर्दगिर्द हर चीज को क्रिमिनलाइज किया हुआ है. हम इसे गैर-आपराधिक बनाने की मांग कर रहे हैं. हम इसे क़ानूनी मान्यता देने के लिए नहीं कह रहे हैं. ऐसे हालात कभी नहीं होंगे जहां एक महिला यह कहेगी कि कल मुझे मेरा लाइसेंस मिल जाएगा और मैं एक सेक्स वर्कर बन जाऊंगी." (bbc)
पटना, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखकर केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत रामविलास पासवान को 'भारत रत्न' और उनके दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की मांग की है। मांझी ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के महत्वपूर्ण पद पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनकी मृत्यु हो गई।
उन्होंने लिखा, "दिवंगत पासवान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। समाज के हर तबके के लिए किए गए उनके कार्य अद्वितीय हैं, जो स्वत: इस बात का परिचायक है कि वे भारत के रत्न थे।"
इससे पहले पासवान के अंतिम दर्शन करने उनके एस के पुरी पटना आवास पहुंचकर मांझी ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की और परिजनों से मिलकर ढांढस बढ़ाया। इस दौरान मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वर्गीय पासवान दलितों एवं अभिवंचितों के लिए प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे।
मांझी ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि आज जो भ्रम फैला है कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भ्रम में नहीं रहे कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है।
उन्होंने कहा, "जगजीवन राम जिस विभाग के मंत्री रहे, उस विभाग को चमकाने का काम किया और स्वर्गीय रामविलास पासवान जी भी जिन-जिन विभाग में रहे, उसे प्रगति के उच्च पायदान पर ले जाने का काम किया जो उनकी प्रशासनिक क्षमता का द्योतक है।"
मांझी ने पासवान के दिल्ली आवास को स्मारक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी रामविलास पासवान के बारे में जानेगी और उनके कार्यों से समाज को दिशा मिलेगी।
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जम्मू, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्षविराम उल्लंघन में एक महिला घायल हो गई। पाकिस्तान की ओर से शनिवार को पुंछ जिले के दो सेक्टरों में संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "देर रात करीब 1.30 बजे, पाकिस्तान ने पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर छोटे हथियारों से फायरिंग कर और मोर्टार से गोले दागकर बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम का उल्लंघन किया।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आनंद ने कहा कि पाकिस्तान की टुकड़ियों ने फिर से छोटे हथियारों के साथ गोलीबारी की और शाम छह बजे के करीब मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार दागे।
उन्होंने कहा, "भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया है।"
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में गोलाबारी में एक 40 वर्षीय महिला घायल हो गई।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को पुंछ जिले के तीन सेक्टरों शाहपुर, किरनी और कासबा में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
पाकिस्तान 1999 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहा है।
इस साल जनवरी के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अब तक 3,190 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन में 24 नागरिक मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
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रांची, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशना साधते हुए कहा कि, "राज्य में उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं, पर एक उद्योग तेजी से फल फूल रहा है वह है तबादला उद्योग।" रांची में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, "आज गरीबों, मजदूरों, रोज कमाने खाने वाले, ठेला खोमचा लगाकर परिवार चलाने वाले दयनीय हालत में हैं।"
उन्होंने कहा, "आज शिक्षित बेरोजगार नवयुवक रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, कोरोना संक्रमण में अपने घर लौटे मजदूर फिर से लाखों की संख्या बाहर जाने को विवश हैं, अस्पताल में मरीज इलाज के बिना दम तोड़ रहे हैं। राज्य सरकार को इनकी स्थिति कैसे सुधरे, इसकी चिंता नहीं है। सरकार को चिंता इसकी है कि कैसे 'सत्ता के दलालों' को खुश किया जाए।"
उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा, "राज्य सरकार इसके लिये एक उद्योग खोल रखा है, वह है तबादला उद्योग। अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की बोली लगाई जा रही है।"
मरांडी ने कहा कि, "शायद ही कोई सप्ताह होगा जिसमें इस सरकार ने 'ट्रांसफर पोस्टिंग' नहीं किये होंगे। हद तो तब होती है जब ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होती है और महज तीन घंटे में पूरी अधिसूचना रद्द हो जाती है।"
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, "30 सितंबर को छह पुलिस उप अधीक्षकों का तबादला और उसी दिन सारे आदेश रद्द कर दिए गए।"
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मैसुरु, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| मैसुरु के पास भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान में रेयर मटेरियल प्रोजेक्ट में काम करने वाले 24 साल के एक युवा वैज्ञानिक पिछले चार दिनों से लापता हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी। एसिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर पद पर तैनात गुल्ला अभिषेका रेड्डी मैसुरु के येलवाला में न्यू जनता कॉलोनी से लापता हैं।
बार्क में नौकरी लगने के बाद रेड्डी आंध्र प्रदेश के चित्तुरू जिले से पिछले साल ही मैसुरु आए थे।
पुलिस के मुताबिक, रेड्डी डिप्रेसन और माइग्रेन से जूझ रहे थे। अंदेशा है कि वह इसी वजह से किसी को बिना कहीं चले गए होंगे।
येलवाला इंस्पेक्टर एनएच योगानंद ने आईएएनएस को बताया कि कुछ महीने पहले रेड्डी के माता-पिता की मौत हो गई थी, जिससे वह काफी अकेला पड़ गए थे।
पड़ोसी ने रेड्डी को आखिरी बार 6 अक्टूबर को दोपहर में दोपहिया वाहन लेकर घर से निकलते देखा था।
येलवाला पुलिस ने वैज्ञानिक की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
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अमरावती, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (ईएएमसीईटी) में इंजीनियरिंग करने के लिए परीक्षा में जितने छात्रों ने आवेदन दिया था, उसमें से 85 फीसदी (1.3 लाख) आवेदक इस परीक्षा में क्वालिफाई (पास) हो गए हैं। वहीं इंजीनियरिंग के अलावा एग्रीकल्चर और मेडिकल सेक्शन में 92 प्रतिशत आवेदक क्वालिफाई हुए हैं।
शिक्षा मंत्री आदिमुलापु सुरेश ने शनिवार को इस प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी किए। इस परीक्षा के जरिए राज्य में इंजीनियरिंग, चिकित्सा और कृषि पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। सुरेश ने कहा कि प्रवेश परीक्षा के परिणाम छात्रों के मोबाइल फोन पर टेक्स्ट के जरिए भेजे जाएंगे।
ईएएमसीईटी 17 से 25 सितंबर के बीच हुआ था। इंजीनियरिंग के लिए जहां 1.33 लाख छात्र प्रवेश के लिए क्वालिफाई हुए हैं, वहीं कृषि और चिकित्सा कॉलेजों के लिए 69,616 छात्र क्वालिफाई हुए हैं।
विशाखापत्तनम के वाविलपल्ली साईनाथ ने 157.5 अंकों के साथ इंजीनियरिंग सेक्शन में टॉप किया है, दूसरे स्थान पर कुमार सत्यम (156.3) और तीसरे स्थान पर हैदराबाद के प्रोडुदुर से गंगुला भुवन रेड्डी (155.4) रहे।
वहीं कृषि और चिकित्सा में तेनाली से गुथी चैतन्य सिंधु 152.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहीं, उसके बाद त्रिपुंडनई लक्ष्मी साई मारुथी दूसरे स्थान पर (152.4) और तिरुपति से वी. मनोज कुमार (151.5) तीसरे स्थान पर हैं।
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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली के आदर्श नगर में दूसरे समुदाय की युवती से प्रेम प्रसंग के मामले में 18 वर्षीय दलित युवक राहुल की हत्या पर बीजेपी मुखर हो गई है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर केजरीवाल सरकार से एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। भाजपा ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। आदर्श नगर में राहुल की बुधवार की शाम हत्या हुई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने राहुल की हत्या की तुलना वर्ष 2019 में हुए अंकित सक्सेना मर्डर से की है। उस वक्त भी दूसरे समुदाय के लोगों ने प्रेम प्रसंग के मामले में अंकित सक्सेना पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। परिवार से मिलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, "आदर्श नगर में राहुल के पीड़ित परिवार से मिला और परिवार को न्याय दिलवाने का भरोसा दिलाया। मैं मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग करता हूं कि वह पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दें और मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर दोषियों को शीघ्र सजा दिलाएं।"
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, "दलित युवक राहुल को एक विशेष समुदाय के लोगों ने मार-मार कर अधमरा कर दिया और बाद में उसकी अस्पताल में मृत्य हो गई। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री अभी तक मौन धारण किये हुए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल पीड़ित के परीवार को अविलंब मुआवजा दें।"
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, "2018 में अंकित सक्सेना के साथ भी ऐसे हुआ था। उस घटना को फिर दोहराया गया। हाथरस की घटना में दलितों को न्याय दिलाने के नाम पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लोग कैंडल मार्च निकाल रहे थे। लेकिन राजधानी दिल्ली में दलित राहुल की हत्या पर खामोशी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समुदाय विशेष की तुष्टीकरण कर रही हैं।"
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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस महीने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लिए होने वाले चुनावों को संघ के सचिव के 'गैरजिम्मेदाराना और गैरकानूनी व्यवहार के चलते' डीडीसीए के लोकपाल न्यायाधीश दीपक वर्मा की सलाह पर रद्द कर दिया गया है। निर्वाचन अधिकारी नवीन बी. चावला ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।
डीडीसीए के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और चार निदेशकों के लिए चुनाव 17 से 20 अक्टूबर के लिए होने थे। इनके परिणाम 21 अक्टूबर को घोषित किए जाने थे।
चावला ने एक छोटा नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि बाकी की जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
चावला ने कहा, "मैं लोकपाल न्यायाधीश दीपक वर्मा द्वारा आज (10 अक्टूबर) को दिन में 1:30 बजे मिली सलाह के बाद इन चुनावों को रद्द करने को लेकर मजबूर हूं। ऐसा डीडीसीए के सचिव का गैरजिम्मेदाराना और गैरकानूनी व्यवहार के कारण किया गया है। सभी संबंधित लोगों को सूचित किया जा चुका है।"
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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के दो तिहाई से अधिक (66.5 फीसदी) लोगों का मानना है कि समाचारपत्र अभी भी जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। यह जानकारी आईएएनएस सी वोटर मीडिया ट्रैकर में सामने आई है। अखिल भारतीय स्तर पर किए गए इस सर्वेक्षण में 66.5 प्रतिशत उत्तरदाता इस बात से सहमत नजर आए कि समाचारपत्र अभी भी जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जबकि 29.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस पर असहमति व्यक्त की।
कोविड-19 महामारी के समय में जानकारी के महत्व को देखा जाए तो 63.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कोरोना के बाद पाठकों के लिए अखबार पढ़ना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जबकि 31.2 प्रतिशत लोग इस बात से असहमत नजर आए।
75.5 प्रतिशत ने कहा कि वे सभी समाचारों और ताजा घटनाओं के समग्र कवरेज के लिए समाचारपत्र पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि इस धारणा से 12.5 लोग असहमत थे।
सर्वेक्षण के दौरान सामने आया कि देश के 75.5 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे समग्र कवरेज करंट अफेयर्स के लिए समाचारपत्र पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि केवल 12.5 प्रतिशत लोग ही इससे असहमत हैं।
अखबारों की तुलना टीवी न्यूज चैनल की बहस (डिबेट) के साथ किए जाने पर 72.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि एक अखबार की रिपोर्ट टीवी चैनल में चिल्लाकर होने वाली बहस से कहीं अधिक जानकारी देती है, जबकि 21.5 प्रतिशत लोग इससे असहमत रहे।
सर्वेक्षण में पाया गया कि समाचार को फोन पर सक्रिय रूप से साझा किया जाता है। सर्वे में 68.1 प्रतिशत लोगों ने कहा, "जब मैं कुछ महत्वपूर्ण पढ़ता हूं, तो मैं इसे फोन पर अन्य लोगों से साझा करता हूं।"
हालांकि, टीवी की पहुंच को देखते हुए 40 प्रतिशत लोगों ने टीवी समाचार चैनलों को सूचना के सबसे भरोसेमंद स्रोत के रूप में पहचाना। वहीं 29.2 प्रतिशत ने इस मामले में समाचारपत्र को तवज्जो दी। इसके अलावा 14.9 प्रतिशत ने सोशल मीडिया, 4.5 प्रतिशत ने रेडियो और एफएम और 2.5 प्रतिशत लोगों ने वेबसाइट पर भरोसा जताया।
टीवी चैनलों में विज्ञापन के कारण सिर्फ चीजें खरीदने के सवाल पर 76.5 प्रतिशत ने इस बात पर असहमति जताई, जबकि 19.3 प्रतिशत इससे सहमत दिखे।
74.5 प्रतिशत ने कहा कि टीवी चैनलों में विज्ञापन मनोरंजन वैल्यू के लिए अधिक हैं, जबकि 18.5 प्रतिशत इससे असहमत नजर आए।
सर्वे के दौरान 67.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आईपीएल मैचों के दौरान बहुत अधिक विज्ञापन ब्रेक होते हैं, जबकि 12.7 असहमत रहे। इसके अलावा 65.2 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना किसी ब्रेक के क्रिकेट मैच देखना चाहते हैं।
सर्वेक्षण में एक और महत्वपूर्ण बात का पता चला, जब 52.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि लाइव मैच देखने के बाद भी वे इसके बारे में अखबार में पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि 30.2 प्रतिशत लोग इससे असहमत रहे। कुल 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अखबारों में विज्ञापन अधिक उपयोगी हैं, जबकि 24.6 प्रतिशत इससे असहमत नजर आए।
इस सर्वेक्षण में पूरे भारत से सभी राज्यों के सभी जिलों से आने वाले 5,000 से अधिक उत्तरदाताओं से सवाल पूछे गए थे। यह सर्वेक्षण वर्ष 2020 में सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह में किया गया था।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अब विदेश में रहने के दौरान भी आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस का आसानी से रिनूवल करा सकेंगे। इतना ही नहीं इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट(आईडीपी) के लिए वीजा और मेडिकल सर्टिफिकेट की शर्तों को भी हटाने की तैयारी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विदेश में रहने के दौरान ऐसे नागरिकों के अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) की अवधि समाप्त होने पर रिनूवल (नवीनीकरण) की प्रक्रिया को और सरल बनाने की तैयारी की है। इसके लिए केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 में संशोधन का प्रस्ताव है। संशोधन के लिए मंत्रालय ने लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि विदेश में रहने के दौरान अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट की अवधि समाप्त हो जाने पर उसके नवीनीकरण(रिनूवल) के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए सीएमवीआर 1989 में संशोधन करने का प्रस्ताव है। नागरिक भारतीय दूतावास या मिशन एब्रोड पोर्टल्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं और इसके बाद आवेदन संबंधित आरटीओ के पास विचार के लिए जाएगा।
खास बात है कि विदेश में रहते हुए आईडीपी के लिए अनुरोध करने के समय एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और एक प्रमाणिक वीजा की शर्तों को हटाया जाना भी शामिल है। क्योंकि जिन नागरिकों के पास प्रमाणिक ड्राइविंग लाइसेंस है, उन्हें अन्य चिकित्सा प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे देश हैं जहां वीजा ऑन एराइवल है और ऐसे मामलों में यात्रा से पूर्व भारत में आईडीपी के लिए आवेदन करते समय वीजा उपलब्ध नहीं होता। मंत्रालय ने इस संबंध में लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सुझावों को अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर संयुक्त सचिव (एमवीएलआईटी एंड टॉल) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली पर भेजा जा सकता है।
जयपुर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान के बुकना गांव में मंदिर के पुजारी बाबुलाल वैष्णव की हत्या के मामले में शनिवार को प्रदर्शन जारी है। इसबीच पीड़ित के परिवार ने मामले में कार्रवाई और वित्तीय सहायता की मांग को लेकर पुजारी का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। भूमाफिया मंदिर की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे, जिसे पुजारी ने रोकने की कोशिश की। जिसके बाद गुस्साए भूमाफियाओं पुजारी को जिंदा जला दिया।
पीड़ित के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही परिवार ने तत्काल सुरक्षा के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
ग्रामीणों ने धमकी देते हुए कहा कि जबतक मांगें नहीं मांगी जाएंगी, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय, राज्यसभा के सांसद किरोरी लाल मीणा बुकना गांव पहुंच चुके हैं और ग्रामीणों की मांग के समर्थन में धरना पर बैठ गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बुकना आना चाहिए और पीड़ित के परिवार से मुलाकात करना चाहिए।
मीणा ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह धरना पर बैठे रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि राधागोपालजी मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव का गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।
करीब छह लोगों ने कथित रूप से मंदिर के पुजारी पर तब पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जब उन्होंने मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी।
शुक्रवार को, ब्राह्मण समुदाय ने अस्पताल के शवदाह के पास प्रदर्शन किया और स्थानीय पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने और मामले को अन्य सर्किल अधिकारी के पास भेजने की मांग की। पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने उनकी मांगों को मानने का अश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन शव को गांव ले गए।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर रविवार से हड़ताल पर जा रहे हैं। इसी को देखते हुए अब दिल्ली सरकार ने हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित सभी रोगियों को दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को यह आदेश जारी किया। हिंदू राव अस्पताल भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली सरकार ने आज एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक हिंदू राव अस्पताल में उपचार करवा रहे सभी कोरोना रोगियों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। इन रोगियों को शनिवार को ही शिफ्ट करवाने की व्यवस्था करवाई जा रही है।"
हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टाफ ने वेतन न मिलने के विरोध में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें समय से वेतन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण अब हड़ताल पर जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए। खासतौर पर कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में जबकि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ स्टाफ और मेडिकल स्टाफ काफी मेहनत कर रहे हैं। नगर निगम इन डॉक्टरों को समय पर वेतन उपलब्ध कराए, यदि नगर निगम वेतन नहीं दे सकता है तो वह यह अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप दे। दिल्ली सरकार यहां डॉक्टरों के लिए समय पर वेतन देने का कार्य करेगी।"
वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर ने डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहराया है। नगर निगम के मुताबिक उन्हें दिल्ली सरकार से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा है, जिसके कारण डॉक्टरों को वेतन नहीं दिया जा सका है। गौरतलब है कि हिंदू राव अस्पताल में कोरोना के 20 रोगी हैं। जिन्हें दिल्ली सरकार के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली नगर निगम के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा, "वेतन देने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम कितने ही प्रकार के टैक्स लगाता है। उनके पास फंड की कोई कमी नहीं है। दो अस्पतालों में दिल्ली नगर निगम समय से वेतन देने में असफल रहा है। इनमें हिंदूराव और कस्तूरबा अस्पताल शामिल हैं, यदि नगर निगम इन अस्पतालों को नहीं चला सकता तो दिल्ली सरकार इन्हें चलाने के लिए तैयार है।"
वहीं प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "प्रदूषण में कोरोना की बीमारी और भी खतरनाक हो सकती है। इसीलिए मेरा सभी लोगों से आग्रह है कि तीन सावधानियां खासतौर पर बरतें। सबसे जरूरी है मास्क लगाना। मास्क लगाने से प्रदूषण और कोरोना दोनों से ही बचा जा सकता है। सामाजिक दूरी बनाए रखें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने पर कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।"
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक भाजपा सभी उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की शनिवार की शाम सात बजे से बैठक होने जा रही है। इस बैठक के बाद भाजपा दूसरे चरण के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी। इससे पूर्व भाजपा पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की कुल दो लिस्ट जारी कर चुकी है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, थावरचंद गहलोत सहित सभी सदस्य भाग लेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में कुल 94 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। शुक्रवार से ही इन सीटों के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है। 16 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तिथि है। दूसरे चरण की सीटों के लिए तीन नवंबर को मतदान होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा पहले ही हो चुका है। बीते दिनों जदयू और भाजपा की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सीटों के बंटवारे की आधिकारिक घोषणा हुई थी। जिसके मुताबिक जेडीयू 122 तो बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जेडीयू ने अपने कोटे में से सात सीटें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को दी है, तो बीजेपी ने अपने कोटे से 11 सीटें विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लडक़ी से कथित रूप से गैंगरेप और हत्या के मामले ने एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है। देश में इस बात को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को कैसे रोका जाए। देश में तेजी से बढ़ते महिला अपराध को देखते हुए गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
महिला अपराध के मामले में अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं अपराध होने के बाद भी थाने के चक्कर काटने को मजबूर होती हैं। सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक अब महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने आईपीसी और सीआरपीसी के प्रावधान गिनाते हुए कहा कि राज्य/केंद्रशासित प्रदेश इनका पालन सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि एडवाइजरी में जारी बातों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गृहमंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में क्या है खास
सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में साफ किया गया है कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है। सरकार ने याद दिलाया है कि कानून में भी जीरो एफआईआर का प्रावधान है। जीरो एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो। आईपीसी की धारा 166 ए(सी) के तहत अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारी को सजा का भी प्राधान है।
सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरी करने का प्रावधान है। अपराध में जांच की प्रगति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया है।
सीआरपीसी के सेक्शन 164-ए के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीडि़ता की सहमति से एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा।
वाशिंगटन, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय-अमेरिकी शख्स श्रीकांत दातार को हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के डीन के रूप में नामित किया गया है। वर्तमान में वह हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के यूनिवर्सिटी मामलों के सीनियर एसोसिएट डीन हैं। प्रेसीडेंट लैरी बेकोव ने यह जानकारी दी।
दातार 1 जनवरी 2021 से अपनी सेवा शुरू करेंगे।
हार्वर्ड गजट ने शुक्रवार बेकोव के हवाले से कहा, "श्रीकांत दातार एक इनोवेटिव शिक्षक, एक प्रतिष्ठित विद्वान और एक गहन अनुभवी अकेडमिक लीडर हैं।"
बेकोव ने कहा, "वह व्यावसायिक शिक्षा के भविष्य के बारे में एक अग्रणी विचारक हैं, और उन्होंने हाल ही में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के लिए एचबीएस की रचनात्मक प्रतिक्रिया में एक आवश्यक भूमिका निभाई है। उन्होंने एचबीएस में 25 सालों में अपने लगभग कई पदों पर नेतृत्व की स्थिति में विशिष्टता के साथ काम किया है, साथ ही अन्य हार्वर्ड स्कूलों के साथ सहयोग भी किया है।"
उन्होंने कहा कि श्रीकांत एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और समावेशी एचबीएस समुदाय के निर्माण के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता के साथ डीनशिप में आएंगे।
1996 में एचबीएस फैकल्टी में शामिल होने के बाद से, दातार ने कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
2015 से, उन्होंने हार्वर्ड इनोवेशन लैब्स, या आई-लैब के संकाय अध्यक्ष के रूप में सेवा दी है।
घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय-अमेरिकी दातार ने कहा, "मैं इस नई भूमिका को लेने को लेकर आभारी और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल अनुसंधान, शिक्षा और प्रैक्टिस में उल्लेखनीय विरासत के प्रभाव वाली एक संस्था है।"
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के 112 साल के इतिहास में दातार 11वें डीन बनेंगे।
वह नितिन नोहरिया की जगह लेंगे, जिन्होंने पिछले नवंबर में जून 2020 के अंत में अपनी डीनशिप समाप्त करने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन महामारी को देखते हुए इस दिसंबर तक अपनी पारी जारी रखने के लिए सहमत हुए।
दातार 1973 में सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय से गणित और अर्थशास्त्र में डिस्टिंक्शन के साथ ग्रेजुएट हुए थे।
एक चार्टर्ड एकाउंटेंट, उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सांख्यिकी और अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री पूरी करने और बिजनेस में पीएचडी करने से पहले भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया था।
1984 से 1989 तक, वह कैर्नेगी मेलन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन में सहायक प्रोफेसर और फिर एसोसिएट प्रोफेसर थे, जहां उन्हें जॉर्ज लेलैंड बाक टीचिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हाल के अपराधों पर संज्ञान लेते हुए, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और इस तरह के मामलों में प्राथमिकी (एफआईआर) को अनिवार्य रूप से दर्ज करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी अनिवार्य कर दी गई है। इसने आगे चेतावनी दी है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के संबंध में अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुपालन में लापरवाही पर पुलिस से पूछताछ की जाएगी और लापरवाही के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
एडवाइजरी में कहा गया है, "यह अनुरोध किया जाता है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कानून में प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को निर्देश जारी कर सकते हैं।"
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (आईटीएसएसओ) पर मामलों की निगरानी करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानून में आवश्यकतानुसार समयबद्ध तरीके से आरोप पत्र पर उचित कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर चार लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने के कारण उसकी मौत होने के कई दिनों बाद मंत्रालय ने शुक्रवार को यह एडवाइजरी जारी की। झारखंड और राजस्थान और अन्य राज्यों में इसी तरह के अपराध दर्ज किए गए थे और व्यापक विरोध और राजनीतिक आक्रोश के कारण, मंत्रालय ने नई एडवाइजरी जारी करने का कदम उठाया।
एडवाइजरी में मंत्रालय ने 16 मई, 2019 की एडवाइजरी को संदर्भित किया है, यह भारतीय दंड संहिता की धारा 166 ए के तहत सीआरपीसी की धारा 154 की उप-धारा (1) के तहत सूचना रिकॉर्ड करने में विफलता के बारे में है। एमएचए ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में पुलिस द्वारा समय पर और सक्रिय कार्रवाई के बारे में 5 दिसंबर, 2019 को अपनी एक और एडवाइजरी का संदर्भ लिया।
मंत्रालय ने पुलिस रिसर्च और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) द्वारा जारी महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म की जांच और मुकदमा चलाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भी उल्लेख किया, और 'बीपीआर एंड डी' द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यौन उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह के वितरण के बारे में बिंदुओं को जोड़ा। जैसा कि 5 अक्टूबर के एमएचए के पत्र में वर्णित है।